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08/06/2019 र िव ान से भिव का ान

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08/06/2019 र िव ान से भिव का ान
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र िव ान से भिव का ान

र िव ान से भिव का ान मई 2007
अंक के और लेख | स ंिधत लेख | ूस : 22414 | Like 7.7K

िहं दी लेख
English (Transliterated)

र िव ान से भिव का ान पं. शरद ि पाठी ाचीन काल म र िव ान से भी फल कथन िकया जाता था। इसका आधार
ास- ास ( र) को बनाया जाता है । र तीन कार के होते ह: दायां र: मे दं ड के दाय भाग से नािसका के दाय िछ म
आई ई ाण वायु का नाम दायां र है । बायां र: मे दं ड के बाय भाग से नािसका के बाय िछ म आई ई ाण वायु का
नाम बायां र है । सुषु ा र: मे दं ड से नािसका िछ ों म आई ई ाण वायु को सुषु ा र कहते ह। यमुना, सूय और
िपंगला दाय र के तथा गंगा, चं और इं गला बाय तथा र के नाम ह। गंगा और यमुना नािड़यों के बीच बहने वाले र का
नाम सुषु ा है । उपयु तीनों नािड़यों का संगम भौंहों के बीच होता है जहां पर दै वी श वाले लोग श की आराधना के
िलए ान कि त करते ह। दायां र पु ंग (िशव) और बायां ीिलंग (श ) का तीक है । अतः ि य और थर काय,

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08/06/2019 र िव ान से भिव का ान

श क ◌े वाह म अथात चं र म और अि य तथा अ थर काय िशव के वाह म अथात सूय र म होते ह। सुषु ा र
का उदय िशव और श के योग से होता है । इसिलए ावहा रक काय को यह होने ही नहीं दे ता है , िकंतु ई र के भजन म
अ ंत सहायक होता है । भवसागर को पार करने म यह जहाज की तरह सहायता करता है । दीघायु की परी ा यिद सारी रात
सूय र तथा सारे िदन चं र चले, तो समझना चािहए िक दीधायु ा होगी तथा शरीर िनरोग रहे गा और दै िहक, दै िवक
और भौितक ताप िकसी तरह नहीं सताएं गे। िकसी महीने की ितपदा को सूय दय से सं ा तक सूय र चलता रहे , तो
समझना चािहए िक एक माह तक शरीर अ थ रहे गा। छठे वष मृ ु भी समीप आ जाएगी। इं ि य श का ास होगा और
िविभ कार की िचंताएं सताएं गी। िववाह संबंधी ो र : िववाह होगा या नहीं? यिद होगा, तो कब? उ र: यिद कता
ोितषी के दायीं ओर बैठकर करे और उ रदाता का दायां र चलता हो, तो िववाह शी होगा। इसके िवपरीत यिद
कता उ रदाता के बायीं ओर बैठकर करे और उस समय उ रदाता का दायां र चलता हो, तो िववाह म िवलंब
होगा। यिद कता ोितषी के बायी ◌ं आरे बैठकर करे और उस समय ोितषी का भी बायां र वािहत हो रहा हो,
तो िववाह नहीं होगा। यिद कता दायीं अथवा बायीं ओर अथात िकसी भी तरफ बैठ कर करे और ोितषी का सुषु ा
र चलता हो, तो िववाह नहीं होगा। यिद कता का बायां और ोितषी का दायां र चलता हो, तो कुछ िदनों के प ात
िववाह हो जाएगा। यिद कता का बायां और र ानी का सुषु ा र चलता हो, तो िववाह नहीं होगा। यिद कता और
ोितषी दोनों का ही सुषु ा र चलता हो, तो िववाह की कौन कहे , बात तक नहीं होगी। यिद कता का सुषु ा और
ोितषी का दायां र चल रहा हो, तो िववाह कुछ समय के प ात अव होगा। चोरी से संबंिधत ो र : चोरी गई व ु
िमलेगी या नहीं? उ र: यिद कता का दायां और ोितषी का बायां र चल रहा हो, तो चोरी गई व ु किठनाई से िमलेगी।
ऐसी अव था म कुछ स ी से काम लेना होगा। यिद कता का बायां और र ानी का दायां र चलता हो, तो व ु िमलेगी
अव , िकंतु दे र से। यिद कता और उ रदाता दोनों का बायां र चलता हो, तो व ु नहीं िमलेगी अथवा किठनाई से
िमलेगी। यिद कता का सुषु ा र और ोितषी का बायां र चलता हो, तो व ु का पता नहीं चलेगा, िमलना तो दू र की
बात है । यिद कता और उ रदाता दोनों का सुषु ा र चले, तो यह अ ंत खराब योग है - व ु कदािप नहीं िमलेगी। यिद
कता का बायां और ोितषी का सुषु ा र चलता हो तो व ु नहीं िमलेगी। पु संतान और र िव ान जब ी का
बायां और पु ष का दायां र चल रहा हो और पृ ी तथा जल (वायु व तेज त ) के संयोग म अ राि के समय गभाधान
िकया गया हो, तो पु उ होगा। ऋतुकाल के बाद की चैथी रात म गभ रहने से अ ायु तथा द र पु पैदा होता है ।
ऋतुकाल के बाद की छठी रात म गभ रहने से साधारण आयु वाला पु उ होता है । ऋतुकाल के बाद की आठवीं रात म
गभ रहने से ऐ यशाली पु पैदा होता है । ऋतुकाल के बाद की दसवीं राि म गभ रहने पर चतुर पु पैदा होता है । ऋतु काल
के बाद की सोलहवीं रात म गभ रहने पर सवगुण संप पु पैदा होता है ।
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अंक के और लेख

मई 2007

ूस : 4537

अिधक मास : कब और ों
डॉ. अ ण बंसल

वष २००७ म दो े मास होंगे। इ थम े व् ि तीय े के नाम से जाना जाता है । ...और पढ़

www.futuresamachar.com/hi/the-future-knowledge-of-phonology-1995 3/9
08/06/2019 र िव ान से भिव का ान

मई 2007

ूस : 4457

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मई 2007

ूस : 3722

कमला एकादशी त
कमला एकादशी त पु षोतम मास (अिधक मास या मल मास) म करने का िवधान है । एक समय स वती
पां डुनंदन धर...और पढ़

मई 2007

ूस : 3807

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ूस : 7330

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08/06/2019 र िव ान से भिव का ान

ताश के प ों म िछपा भिव


ताश से भिव बताने की िविध इस कार है । इ ा, बादशाह, बेगम, गुलाम, दहला, नहला, अ ाईस प े
पहले...और पढ़

मई 2007

ूस : 6835

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मई 2007

ूस : 16861

भृगु संिहता का रह
ोितष शा का ान मानव जाित को गु -िश परं परा से ुत पम ा आ है । ोितष शास...और पढ़

मई 2007

ूस : 11349

भृगु संिहता का रह

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08/06/2019 र िव ान से भिव का ान

मई 2007

ूस : 5701

ि ल बाळ ारा फल कथन


ि ल बाळ से भूत, वतमान और भिव दे खने की िविध ाचीन काल से ही चली आ रही है । ि ल का
नाम...और पढ़

मई 2007

ूस : 16015

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ूस : 32879

नाखूनों से भिव जािनए


हाथ की रे खों, पवतों आिद की तरह अंगूठे भी के भिव कथन म अहम भूिमका िनभाते है । इनके
िविभ...और पढ़

मई 2007

ूस : 7327

नाखूनों से भिव जािनए

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08/06/2019 र िव ान से भिव का ान

मई 2007

ूस : 4077

डाउिजंग से खुलती रह की परत


भिव को जानने की िज ासा मनु की एक ाभािवक वृित है । इसी िज ासा ने िव ान क िविभ
आया...और पढ़

मई 2007

ूस : 7479

डाउिजंग से खुलती रह की परत

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मई 2007

ूस : 4883

औषिधरिहत प ित – ाकृितक िचिक ा


ाकृितक िचिक ा िसफ औषिध रिहत प ित ही नहीं अिपतु थ जीवन जीने की एक कला है । यह सबसे
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मई 2007

ूस : 11261
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08/06/2019 र िव ान से भिव का ान

औषिधरिहत प ित – ाकृितक िचिक ा

ाकृितक िचिक ा िसफ औषिध रिहत प ित ही नहीं अिपतु थ जीवन जीने की एक कला है । यह सबसे
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मई 2007

ूस : 9884

सीप कछु आ
कछु आ एक शां त भाव का दीघजीवी ाणी है । सनातन धम म ी हरी के दशावतारों म क प अवतार
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मई 2007

ूस : 6349

सीप कछु आ

कछु आ एक शां त भाव का दीघजीवी ाणी है । सनातन धम म ी हरी के दशावतारों म क प अवतार


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टै रो काड एवं भिव कथन की वैक क प ितयां मई 2007

भिव कथन म तोते का योग, ा है राम शलाका ? नाडी शा और भृगु संिहता का रह , ताश के पतों ारा भिव
कथन, ि ल बाळ, पां डुलम ारा भिव कथन, ह ा र, अंक एवं घरे लू िविधयों ारा भिव कथन

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शीष लेख

ल ी ा शिन दोष शां ित उपाय लव मै रज भा को मजबूत करने के उपाय हथेली वाले िच और उनका भाव और
उनके फल नाड़ी दोषा भकूट दोषा इ त संतान ा के सुगम उपाय जान अंग ल ण से िवशेष के बारे म कु ली
म सातव भु की भूिमका र धारण करने की िविध ोितष की नज़र म मानसून िवचार और फल

टोटके

टोटके िवशेषां क पित एवं प ी ा हे तु टोटके लाल िकताब के टोटके कुछ उपयोगी टोटके चम ारी तां ि क टोटको से
भा वृ

शीष पि का

ह रे खा िवशेषां क पन, शकुन एवं टोटके िवशेषां क वा ु िवशेषां क िववाह िवशेषां क वशीकरण व स ोहन

ोितषीय पु क

सरल ोितष लाल िकताब सरल गृह वा ु सरल ह रे खा शा ावसाियक वा ु

उपचार

रा -केतु िक अशुभता को दू र करने के उपाय वैवािहक जीवन व दोष एवं िनवारण संतान ा के अचूक उपाय ाण र ा हे तु
उपाय ह शां ित की िविधयां s

लोकि य ेिणयां

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