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शव वास – SANTOSH KUMAR GUPTA

शव वास-
गु
णत त थ म 5 जोड़कर 7 का भाग द, एका द शे
ष रहने
न न शववास ा त होता है

कृण प केत थय क गणना 16, 17, ...30 ऐसे होगा ।
शव वास -

शव जी के
स ताह के
सात दन म अलग अलग जगह वास होता ह।

जो न य शव पू
जन नह करते
ह उ ह शव पू
जन/अ भषे क/य आ द करने
सेपू
व गं
भीरता पू
वक
शव वास पर वचार करना चा हए...

ावण माह म पुषो म माह म महा शवरा आ द पव काल म शव वास का वचार कसी को भी नह
करना चा हए ।

जो न य ा भषे
क या लघु
अ भषे
क करते
ह उ ह भी शव वास केवचार करने
क आव यकता नह ह।

[ { 2 ( त थ ) + 5 } / 7 = शव वास ]

शे
षफल { शववास} -
1 कैलाश सु

2 गौरीसं
ग सु
खस प
3 वृ
षभा ढ़ अभ स
4 सभा सं
ताप
5 भोजन पीड़ा
6 ड़ा क
0 शमशान मरण

शव वास
शुल प कृण प शव वास फल
१ , ८ , १५ ७ , १४ शमशान मरण
२,९ १ , ८ , ३० गौरी सं
ग सु
खस प
३ , १० २,९ सभा सं
ताप
४ , ११ ३ , १० ड़ा क
५ , १२ ४ , ११ कै
लाश सु

६ , १३ ५ , १२ वृ
षभा ढ़ अभ स
७ , १४ ६ , १३ भोजन पीड़ा

1 {03-Aug-18}
शव वास – SANTOSH KUMAR GUPTA

भगवान शव से
स बं
धत ावण माह के
अ य साधना मक मुत आ द -
***** ावण *****
कृण तपदा शू
य स दवस
कृण तीया शुय तथ
कृण तृतीया शुय तथ
कृण चतुथ सं
क ी गणे श चतु थ
कृण पंचमी महाल मी जयं ती, माष गुपव
कृण एकादशी कामदा एकादशी
कृण योदशी भा योदय जयं ती
कृण चतुदशी माष शवरा ी त म य रा ी म
शुल तीया शुय तथ
शुल तृतीया मधुवा जयं ती, शु य तथ
शुल चतु थ वै
नायक गणे श चतु थ त
शुल पंचमी नाग पं
चमी
शुल ष ी क क जयं ती, शू य साधना जयं
ती*
शुल अ मी गा स दवस
शुल एकादशी प व ा एकादशी
पूणमा गाय ी जयंती, र ा बंधन
उ.षा., वण शू
यन

2 मृ
तसं
जीवनी अमाव या को शुवार हो और म या ह म सू
य हण हो
रा

8 शव रा फा गु
न कृण योदशी

2 {03-Aug-18}

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