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TEST BOOKLET

CSAT APTITUDE TEST – 7 (2854) – 2019


C
Time Allowed: Two Hours Maximum Marks: 200

INSTRUCTIONS

1. IMMEDIATELY AFTER THE COMMENCEMENT OF THE EXAMINATION, YOU SHOULD CHECK THAT THIS BOOKLET
DOES NOT HAVE ANY UNPRINTED OR TORN OR MISSING PAGES OR ITEMS ETC. IF SO, GET IT REPLACED BY A
COMPLETE TEST BOOKLET.

2. ENCODE CLEARLY THE TEST BOOKLET SERIES A, B, C OR D AS THE CASE MAY BE IN THE APPROPRIATE PLACE IN
THE ANSWER SHEET.

3. You have to enter your Roll Number on the Test Booklet in


the Box provided alongside. DO NOT write anything else on
the Test Booklet.

4. This Test Booklet contains 80 items (Questions). Each item is printed in English. Each item comprises four
responses (answers). You will select the response which you want to mark on the Answer Sheet. In case you feel
that there is more than one correct response, mark the response which you consider most appropriate. In any
case, choose ONLY ONE response for each item.

5. You have to mark all your responses ONLY on the separate Answer Sheet provided. See direction in the answers
sheet.

6. All items carry equal marks. Attempt all items. Your total marks will depend only on the number of correct
responses marked by you in the answer sheet. For every incorrect response one-third of the allotted Marks will
be deducted.

7. Before you proceed to mark in the Answer sheet the response to various items in the Test booklet, you have to
fill in some particulars in the answer sheets as per the instruction sent to you with your Admission Certificate.

8. After you have completed filling in all responses on the answer sheet and the examination has concluded, you
should hand over to Invigilator only the answer sheet. You are permitted to take away with you the Test
Booklet.

9. Sheets for rough work are appended in the Test Booklet at the end.

DO NOT OPEN THIS BOOKLET UNTIL YOU ARE ASKED TO DO SO


1

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1. एक वायरस प्रत्येक दो ममनट में स्वयं को मवभामजत करके 3. एक ठोस घन की मवमभन्न मस्थमतयों को नीचे दर्ााया गया
प्रजनन करता है। यदद आसकी मृत्यु दर नगण्य है, तब
है। घन की मवमभन्न फिकों को मवमभन्न प्रतीकों के साथ
मनम्नमिमखत में से कौन-सा वक्र वायरस की जनसंख्या
मचमननत दकया गया है।
वृमि को दर्ााता है?

'∆' फ़िक के मवपरीत कौन-सा प्रतीक ददखाइ देता है?

(a) A (a) #
(b) B
(b) @
(c) C
(d) D (c) $

(d) 
2. मनम्नमिमखत अिेख (ग्राफ) में 2018 और 2019 के
ऄिग-ऄिग माह में मवमभन्न मडमजटि भुगतान प्रणामियों
UPI, क्रेमडट काडा और इ-वॉिेट्स के माध्यम से दकए
जाने वािे िेन-देन के मूल्य को दर्ााया गया है, आसका मनम्नमिमखत 4 (चार) प्रश्नों के मिए मनदेर्ः

ध्यानपूवक ा ऄध्ययन कीमजए और आसके पश्चात अने वािे मनम्नमिमखत तीन पररच्छेदों को पद़िए और आनके अगे अने वािे
प्रश्न का ईत्तर दीमजए।
प्रश्नों के ईत्तर दीमजए। आन प्रश्नों के अपके ईत्तर आन्हीं पररच्छेदों पर
अधाररत होने चामहए।

पररच्छेद—1

कै जुराआना प्रायद्वीपीय भारत में एक महत्वपूणा पौधे के रूप में ईभर


रहा है। कै जुराआना पौधे जीवाणु के साथ सहजीवी संबंध के माध्यम
से वायुमंडिीय नाआट्रोजन का मस्थरीकरण करते हैं। ईच्च कै िोरी
मान युक्त कै जुराआना की िकड़ी ईकरणकरटबंधों में एक प्रमसि

जिावन िकड़ी है। भारत में कै जुराआना 19वीं र्ताब्दी के दौरान


ईपयुाक्त ग्राफ के ऄविोकन से मनम्नमिमखत में से कौन-
सा/से सवाामधक ताकिककक और तका संगत मनकरकष ा मनकािा प्रचमित हुअ था और ऄब, मुख्य रूप से प्रायद्वीपीय क्षेत्र में
जा सकता है/मनकािे जा सकते हैं?
ऄसंगरठत तटीय रे त के साथ-साथ ऄच्छी जि मनकासी वािी
1. दी गइ समयावमध के दौरान UPI से दकए जाने वािे
िेन-देनों ने इ-वॉिेट को पीछे छोड़ ददया है। मृदाओं में (वह भी कम वष ाा वािे क्षेत्रों में) िगभग अधे मममियन
2. फरवरी 2019 तक, क्रेमडट काडा िेन-देनों का मूल्य हेक्टेयर में आसकी कृ मष दकए जाने का ऄनुमान है। ईंधन के
UPI िेन-देनों के अधे से भी कम हो गया था। ऄमतररक्त, आसकी िकड़ी का बड़े पैमाने पर कै जुराआना कागज
नीचे ददए गए कू ट का प्रयोग कर सही ईत्तर चुमनए।
मनमााण के मिए ईपयोग दकया जाता है और यह बायोमास-
(a) के वि 1
(b) के वि 2 अधाररत मवद्युत ईत्पादन के मिए ऄमधमान्य मवकल्प है। यह तटीय

(c) 1 और 2 दोनों क्षेत्रों में वातरोध और कृ मष गत फसिों की सुरक्षा के मिए बाड़ा

(d) न तो 1, न ही 2 मवकमसत करने के मिए ईपयोग की जाने वािी प्रमुख प्रजामत है।

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4. कै जुराआना पौधों के संबंध में ईपयुाक्त पररच्छेद से 6. ददए गए पररच्छेद के ऄनुसार, मनम्नमिमखत में से कौन-
मनम्नमिमखत में से कौन-सा/से मनकरकष ा प्रा्त दकया/दकए जा सा/से "अर्थथक ऄमभसरण" से संबंमधत है/हैं, मजसके संबंध
सकते है/हैं?
में िेखक द्वारा चचाा की जा रही है?
1. कै जुराआना भारत की देर्ज प्रजामत है।
1. दकसी मवर्ेष राज्य के समृि और मनधान िोगों के
2. आनमें मवमभन्न पयाावरणों में ईगने के मिए व्यापक
मध्य मवद्यमान ऄंतराि को कम करना।
ऄनुकूिन क्षमता मवद्यमान है।
2. भारत में ईत्तरी और दमक्षणी राज्यों के मध्य
3. कै जुराआना ऄनेक ऄंमतम ईपयोग एवं सेवाएं प्रदान
मवद्यमान ऄंतराि को कम करना।
करने वािे पौधों का बहु-ईपयोगी समूह है।
नीचे ददए गए कू ट का प्रयोग कर सही ईत्तर चुमनए। 3. भारत में समृि और मनधान राज्यों के मध्य ऄंतराि
(a) के वि 1 को समा्त करना।
नीचे ददए गए कू ट का प्रयोग कर सही ईत्तर चुमनए।
(b) के वि 2
(a) के वि 3
(c) के वि 2 और 3
(b) के वि 2
(d) के वि 1 और 3
(c) के वि 2 और 3
पररच्छेद—2
(d) 1, 2 और 3
भारत, जो मवश्व की सवाामधक ती्र गमत से ब़िती प्रमुख
ऄथाव्यवस्था है, मनरपेक्ष अकार के संदभा में समृि ऄथाव्यवस्थाओं पररच्छेद—3

के समतुल्य बन सकता है। दकन्तु देर् के भीतर अर्थथक ऄमभसरण हम ऐसी मवद्यािय व्यवस्था से बहुत ऄमधक ऄपेक्षा कर रहे हैं जो
ऄब भी दूर की कौड़ी है क्योंदक मनधान राज्य मपछड़े हुए हैं। रे टटग िंबे समय से ऄल्प-मवत्तपोमष त और ऄल्प-समर्थथत है। हम
एजेंसी दक्रमसि को ज्ञात हुअ दक हाि के वष ों में ऄंतर-राज्य मवद्याियों से ऄसाधारण करने की ऄपेक्षा करते हैं जबदक ईन्हें
ऄसमानताएं व्यापक हुइ हैं। कइ मनम्न अय वािे राज्यों ने मभन्न- साधारण काया करने के संसाधन देते हैं - और जहााँ साधारण कक्षा
मभन्न वष ों में राष्ट्रीय औसत से ऄमधक सुद़िृ अर्थथक संवृमि दजा की में मनयममत रूप से होता है, वहीं हमारे ऄमधकांर् कु ि पररणाम
है। वास्तव में, ईत्तर भारतीय राज्य मबहार आस वष ा 17 गैर-मवर्ेष हमारी िमक्षत ईत्कृ ष्टता को प्रमतबबमबत नहीं करते हैं। स्नातक और
श्रेणी राज्यों में सवाामधक ती्र ता से वृमि करने वािा राज्य था। कॉिेज मैरट्रकु िेर्न दरें , मानकीकृ त परीक्षण ऄंक, नागररक
ककतु ये राज्य ऄभी भी समृि राज्यों से ऄपने ऄंतर को समा्त करने
में मवफि रहे हैं क्योंदक ये समय की ऄनवरत ऄवमध में स्वस्थ सहभामगता, अर्थथक ईत्पादकता, व्यमक्तगत और सामूमहक सुख –

संवृमि दर बनाए रखने में सक्षम नहीं हैं। ईदाहरण के मिए, ऄत्यल्प नीमत मनयंता मवद्याियों का मूल्यांकन करने के मिए
गुजरात जैसे समृि राज्य मनरं तर अर्थथक संवृमि प्राप्त करने और मवमभन्न मामत्रकों से संबंमधत पररणामों से संतुष्ट हैं।
ऄन्य राज्यों से ऄपना ऄंतराि ब़िाने में सफि रहे हैं। 7. ईपयुाक्त पररच्छेद द्वारा व्यक्त मुख्य संदर्
े क्या है?
5. मनम्नमिमखत में से पररच्छेद का सवाामधक महत्वपूणा (a) मवद्याियी मर्क्षा व्यवस्था से हमारी ऄपेक्षाएाँ
मनमहताथा कौन-सा है? पूणत
ा या ऄवास्तमवक और मनराधार हैं।

(a) जैसा दक मबहार में देखा गया है, अर्थथक संवृमि से (b) िेखक द्वारा ईमल्िमखत मवद्यािय व्यवस्था पयाा्त
कभी भी अर्थथक ऄमभसरण नहीं प्रा्त दकया जा रूप से मवत्त पोमष त और समर्थथत होनी चामहए।
सकता है। (c) मवद्याियों का मूल्यांकन करने के मिए ईमचत
(b) मनधान राज्य ईच्च अर्थथक संवृमि दर नहीं प्राप्त कर मामत्रक मवकमसत करने की अवश्यकता नहीं है
सकते हैं। क्योंदक ईन्हें मडमजटि आं मडया योजना के ऄंतगात
(c) यदद अर्थथक ऄमभसरण प्रा्त नहीं दकया जाता है तो पहिे से ही कायाामन्वत दकया गया है।
भारत सवाामधक ती्र ता से मवकास करने वािी प्रमुख (d) जैसा दक िेखक द्वारा ईल्िेख दकया गया है,
ऄथाव्यवस्था बना नहीं रह पाएगा। मवद्याियों से ऄसाधारण पररणाम प्राप्त करना
(d) ईपयुक्
ा त में से कोइ नहीं। ऄसंभव है।
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मनम्नमिमखत 4 (चार) प्रश्नों के मिए मनदेर्: 9. राजव्यवस्था कौन प़िाता है?

नीचे दी गइ सूचना पर मवचार कीमजए और आसके पश्चात अने वािे (a) मुकेर्
प्रश्नों के ईत्तर दीमजए। (b) सत्यम
अददत्य, राहुि, मुकेर्, प्रकार्, सत्यम और ऄवनीर् छह ममत्र हैं।
(c) अददत्य
टीवी कायाक्रमों की ईनकी पसंदीदा र्ैिी काटूान, डेिी सोप्स, (d) मनधााररत नहीं दकया जा सकता है
ररयमिटी र्ो, गीत, न्यूज और दफल्में हैं (ऄमनवायातः आसी क्रम में

नहीं)। वे छह ऄिग-ऄिग र्हरों ऄथाात पुण,े ददल्िी, जयपुर, 10. ददल्िी में प़िाने वािे व्यमक्त द्वारा कौन-सा मवष य प़िाया

पटना, रांची और आिाहाबाद (ऄमनवायातः आसी क्रम में नहीं) में छह जाता है?

ऄिग-ऄिग मवष यों ऄथाात समाजर्ास्त्र, ऄथार्ास्त्र, ऄंग्रेजी, (a) आमतहास

राजव्यवस्था, आमतहास और भूगोि (ऄमनवायातः आसी क्रम में नहीं) (b) समाजर्ास्त्र

पर व्याख्यान देते हैं। आनके संदभा में मनम्नमिमखत जानकारी ज्ञात है: (c) ऄथार्ास्त्र

1. जो व्यमक्त आमतहास प़िाता है, वह दफल्में देखना पसंद (d) राजव्यवस्था

नहीं करता है।


2. मजस व्यमक्त को न्यूज देखना पसंद है, वह जयपुर में 11. पुणे में प़िाने वािा व्यमक्त टीवी कायाक्रम की दकस र्ैिी
भूगोि प़िाता है। को पसंद करता है?
3. ऄवनीर् दफल्में देखना पसंद करता है और वह रांची या (a) ररयमिटी र्ो
आिाहाबाद में नहीं प़िाता है। आसके ऄमतररक्त, वह (b) डेिी सोप्स
राजव्यवस्था नहीं प़िाता है।
(c) गीत
4. ऄंग्रेजी राहुि द्वारा प़िायी जाती है और वह ददल्िी या
(d) काटूान
रांची में नहीं प़िाता है।
5. ररयमिटी र्ो पसंद करने वािा व्यमक्त पटना में
12. ऄमभष ेक, पूवा की ओर मुख करके खड़ा है, ईस ददर्ा में
राजव्यवस्था प़िाता है और वह अददत्य नहीं है।
6. अददत्य और सत्यम भूगोि नहीं प़िाते हैं और न ही वे वह 8 मीटर चिता है। दफर वह ऄपने बाईं ओर मुड़ता है

काटूान और न्यूज देखना पसंद करते हैं। और 15 मीटर तक चिता है, और तत्पश्चात वह
7. मुकेर् पुणे में प़िाता है और वह न तो डेिी सोप्स पसंद दमक्षणावता ददर्ा में 135o मुड़ता है और 17 मीटर चिता
करता है और न ही गीत।
है। दफर वह वामावता ददर्ा में 45o मुड़ता है और 9 मीटर
8. डेिी सोप्स पसंद करने वािा व्यमक्त ऄथार्ास्त्र प़िाता है,
चिता है। ऄंत में, वह ऄपने बाईं ओर मुड़ता है और 40
िेदकन वह पटना में नहीं रहता है।
मीटर चिता है। ऄमभष ेक का मुख ऄब दकस ददर्ा की
8. गीत पसंद करने वािा व्यमक्त दकस र्हर में प़िाता है? तरफ होगा?
(a) पटना (a) पमश्चम
(b) रांची (b) दमक्षण

(c) पुणे (c) ईत्तर-पूवा

(d) आिाहाबाद (d) पूवा

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13. मनम्नमिमखत कथनों पर मवचार कीमजए: पररच्छेद


पमश्चमी मवक्षोभ वह मौसमी पररघटना है मजसका अगमन
1. कु छ राजधामनयााँ महाद्वीप हैं।
महमािय और ईत्तर पमश्चम भारत के कु छ भागों में महमपात और
2. सभी महाद्वीप देर् हैं।
वष ाा से जुड़ा है। पमश्चमी मवक्षोभ महमािय के महमनदों और
3. कु छ देर् द्वीप हैं।
स्थानीय पाररमस्थमतकी को बनाए रखने में सहायता करता है और
मनकरकष ा:
र्ीतकािीन फसिों को पोष ण प्रदान करता है। और यद्यमप आसमें
I. कु छ द्वीप महाद्वीप हैं।
दमक्षण-पमश्चम मानसून के र्मक्तर्ािी ‘पंच’ का ऄभाव होता है,
II. कु छ देर् महाद्वीप हैं।
दकन्तु दफर भी, मवर्ेष रूप से ईत्तर भारत के भूस्खिन और
III. कु छ देर् राजधामनयााँ हैं।
अकमस्मक बा़ि प्रवण पवातीय क्षेत्रों में पमश्चमी मवक्षोभ भी कभी-
IV. कु छ द्वीप राजधामनयााँ हैं
कभी मौसमी मवक्षोभ का कारण बनता है।
ईपयुाक्त कथनों के संदभा में कौन-सा/से मनकरकष ा वैध है/हैं?
15. ईपयुाक्त पररच्छेद से मनम्नमिमखत में से कौन-सा सवाामधक
(a) सभी कथन सत्य हैं।
महत्वपूणा एवं ताकिककक मनकरकष ा मनकािा जा सकता है?
(b) के वि कथन II और III सत्य हैं।
(a) महमािय के महमनद पमश्चमी मवक्षोभ नामक
(c) के वि कथन III सत्य है।
पररघटना का पररणाम हैं।
(d) के वि कथन IV सत्य है।
(b) भारत में ग्रीकरमकािीन (खरीफ) फसिें मबल्कु ि भी
वष ाा बसमचत नहीं हैं।
14. एक संख्या को 4 भागों में मवभामजत दकया गया है, जो (c) दमक्षण-पमश्चम मानसून पमश्चमी मवक्षोभ मजतना ही
सभी पूणा संख्याएं हैं। आस संख्या के पहिे भाग का दो प्रबि है।
गुना, दूसरे भाग का तीन गुना और तीसरे भाग का चार (d) पमश्चमी मवक्षोभ के सकारात्मक और नकारात्मक
गुना अपस में बराबर हैं। यह भी ददया गया है दक दूसरे दोनों प्रभाव हैं।
भाग का छह गुना, तीसरे भाग का अठ गुना और ऄंमतम

भाग का पांच गुना बराबर हैं। मनम्नमिमखत में से कौन-सा 16. ईपयुक्
ा त पररच्छेद के संदभा में, मनम्नमिमखत पूवाधारणाएं
हमेर्ा सही नहीं है?
बनाइ गइ हैं।
(a) पहिा भाग 6 से मवभाज्य है।
1. 'पमश्चमी मवक्षोभ' नाम आसके कारण चतुकिकदक होने
(b) तीसरे और चौथे भाग का योग 13 से मवभाज्य है।
वािी मवनार्िीिा के अधार पर रखा गया है।
(c) तीसरा भाग 4 से मवभाज्य है। 2. पूरे भारत वष ा में भूस्खिन और अकमस्मक बा़ि
(d) ऄंमतम भाग और दकसी ऄन्य भाग का गुणनफि 5 से सामान्य हैं।
मवभाज्य है। ईपयुाक्त पूवाधारणाओं में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) के वि 1
मनम्नमिमखत 3 (तीन) प्रश्नों के मिए मनदेर्ः
(b) के वि 2
मनम्नमिमखत पररच्छेद को पद़िए और आसके अगे अने वािे प्रश्नों के
(c) 1 और 2 दोनों
ईत्तर दीमजए। आन प्रश्नों के अपके ईत्तर आन्हीं पररच्छेदों पर
अधाररत होने चामहए। (d) न तो 1, न ही 2
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17. मनम्नमिमखत में से कौन-सा आस पररच्छेद का सवाामधक 20. नीचे ददए गए ऄनुक्रम पर मवचार कीमजए।
महत्वपूणा मनमहताथा है? 5C, 14F, 29I, 50L, ?, 110R, 149U
ईपयुाक्त पैटना में िु्त पद क्या होगा?
(a) आिेमक्ट्रक वाहनों की ओर रूख करने से पमश्चमी
मवक्षोभ की ऄनुपमस्थमत में भी महमािय के महमनदों (a) 77O
को बनाए रखने में सहायता ममिेगी। (b) 62S
(b) पमश्चमी मवक्षोभ द्वारा ऄनुसररत मागा के साथ ऄमधक (c) 70M
जि मनकायों के मनमााण से आसका र्मक्तर्ािी ‘पंच’ (d) 80P
ब़िाने में सहायता ममिेगी।
(c) पमश्चमी मवक्षोभ से प्रभामवत पवातीय क्षेत्रों में अपदा 21. तीन जमान नागररक A, B और C एक-दूसरे से संबंमधत
प्रत्यास्थ ऄवसंरचनाएाँ बनाने से खराब मौसम के हैं। A, जो दक एक ममहिा है, B और C की ‘कु छ’ है। B,
कारण होने वािे व्यवधानों का र्मन करने में C की ‘कु छ’ है। र्ब्द ‘कु छ’ द्वारा प्रदर्थर्त दकया गया
सहायता ममि सकती है। संबंध मनम्नमिमखत में से कौन-सा हो सकता है?
(d) फसि अधाररत बीमा का र्ीतकािीन फसिों तक (a) बहन
मवस्तार दकया जाना चामहए क्योंदक पमश्चमी मवक्षोभ (b) मााँ
के कारण होने वािी बेमौसम वष ाा के चिते आन्हें
(c) भतीजी
भुगतना पड़ता है।
(d) भाइ

18. मनम्नमिमखत अकृ मत पर मवचार कीमजए।


22. श्री सुरेर् 5 मीटर × 4 मीटर की कॉफी र्ॉप के मामिक
हैं। वह आस दुकान के अयताकार फर्ा पर भूरे रं ग की
वगााकार टाआिें िगवाने की योजना बनाते हैं। टाआि की
प्रत्येक भुजा की माप 20 सेमी है। यदद टाआि के प्रत्येक
टु कड़े की िागत 40 रुपये हो तो टाआिें िगवाने (fitting)
की कु ि िागत क्या होगी?
(a) रु. 12,000
ईपयुाक्त अकृ मत में मत्रभुजों की कु ि संख्या दकतनी है। (b) रु. 16,000
(a) 65 (c) रु. 24,000
(d) रु. 20,000
(b) 73
(c) 68
23. एक फमा को एक दैमनक ईपयोमगता ईत्पाद के ईत्पादन में
(d) 71
मवर्ेष ज्ञता प्रा्त है। ईस ईत्पाद की मवमनमााण िागत 80
रुपये प्रमत यूमनट है और फमा प्रमत माह 1200 ऐसी
19. मनम्नमिमखत जानकारी पर मवचार कीमजए, जो प्रतीकों - आकाआयों का मवक्रय करती है। कु छ ऄनुसंधान और मवकास
के बाद, ईत्पाद की गुणवत्ता में सुधार हुअ और आसकी
@, & * के ऄथा की ऄमभव्यमक्त करती है।
मबक्री ब़िकर 2100 यूमनट प्रमत माह हो गइ। नए बेहतर
A @ B का ऄथा है B, A की पोती है।
ईत्पाद की मवमनमााण िागत में भी दस प्रमतर्त की वृमि
A & B का ऄथा है A, B का पुत्र है। हुइ। यदद मूि और साथ ही बेहतर ईत्पाद का मवक्रय
A * B का ऄथा है B, A का मपता है। मूल्य 100 रुपये प्रमत यूमनट था, तो दफर बेहतर ईत्पाद
के िॉन्च के पश्चात फमा के मामसक िाभ में दकतनी वृमि
P & Q * R @ S ऄमभव्यमक्त का क्या ऄथा है?
हुइ?
(a) Q, S का मामा है। (a) रु. 1200
(b) P और S भाइ-बहन नहीं हैं। (b) रु. 800
(c) Q, R का पुत्र है। (c) रु. 1600
(d) R, P का दादा है। (d) रु. 1500

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मनम्नमिमखत 5 (पांच) प्रश्नों के मिए मनदेर्ः 25. मनम्नमिमखत में से कौन-सा/से ईपयुक्त मनकरकष ा पररच्छेद
मनम्नमिमखत पांच पररच्छेदों को पद़िए और आनके अगे अने वािे से मनकािा जा सकता है/मनकािे जा सकते हैं?
प्रश्नों के ईत्तर दीमजए। आन प्रश्नों के अपके ईत्तर आन्हीं पररच्छेद पर 1. के वि आसमिए पुरुष ों को मपता पर बोझ नहीं माना
अधाररत होने चामहए। जाता है क्योंदक ईनसे दहेज का कोइ भुगतान जुड़ा
पररच्छेद—1 नहीं होता है।
2. पुरुष ों के पक्ष में पक्षपाती मवमभन्न सांस्कृ मतक
क्या अपने कभी दकसी ऄन्य देर् का भोजन देखा या खाया है, जैसे
प्रथाओं, ने समाज में ममहिाओं की मनम्न मस्थमत को
दक सूखा मस्िड या तिे हुए झींगुर और ऐसे अहार को ऄजीब और
जन्म ददया है।
हेय माना है ? यह स्व-जातीय ईत्कृ करटता में मवश्वास का एक 3. सती या अग में जिने वािी ममहिाओं की प्रथा
ईदाहरण है! यहााँ, अप ऄपने स्वयं के मानदंडों, मूल्यों या ऄभी भी समाज के कु छ भागों में प्रचमित है।
मान्यताओं के अधार पर ऄन्य देर्ों के भोजन की अिोचना कर नीचे ददए गए कू ट का प्रयोग कर सही ईत्तर चुमनए।
रहे हैं या ईनके संबंध में पूवाधारणा बना रहे हैं। यह सोचना दक (a) के वि 2
"सूखा मस्िड दुगंधमय होता है" या "िोगों को कीड़े-मकोड़े नहीं (b) के वि 2 और 3
(c) के वि 1 और 3
खाने चामहए" ईन समाजों में स्व-जातीय ईत्कृ करटता में मवश्वास के
ईदाहरण हैं मजनमें िोग सूखे मस्िड या कीड़े-मकोड़े नहीं खा सकते (d) 1, 2 और 3
हैं। अपके समूह से ऄिग समूहों की सांस्कृ मतक प्रथाओं की पररच्छेद—3
अिोचना करने से बचने के मिए, हम सांस्कृ मतक सापेक्षवाद यह सुस्थामपत है दक िगभग कोइ भी ऄपनी मृत्युर्य ै ा पर मविाप
नहीं करता है दक ईन्होंने कायाािय में पयाा्त समय नहीं मबताया।
दृमष्टकोण का ईपयोग कर सकते हैं। यह स्पष्ट प्रतीत होता है। दफर भी हम ऄवास्तमवक पररमस्थमतयों
24. मनम्नमिमखत में से कौन-सा सांस्कृ मतक सापेक्षवादी और काफी तुच्छ मुद्दों के कारण स्कू िी खेि ददवसों और कू ड़ा ईठाने
दृमष्टकोण का सवाश्रेकरठ मनरूपण करता है मजसके संबंध में के मिए बच्चों के बैज पाने जैसी महत्वपूणा घटनाओं की ईपेक्षा कर
िेखक द्वारा चचाा की जा रही है? देते हैं। कार् 25 वष ा की अयु में दकसी ने मुझे आन प्राथममकताओं के
संबंध में बताया होता। मैं प्रत्येक खेि ददवस और प्रमाणपत्र प्रस्तुमत
(a) क्या सही या गित है, आस संबंध में हमारे ऄपने
को याद कर सकता/सकती हाँ मजन्हें पाने में मैं चूक गया/गयी। मजन
मानदंडों के अधार पर दकसी संस्कृ मत की अिोचना कारणों से मैं ईनसे चूका/चूकी, ईनमें से मैं दकसी को भी याद नहीं
करना। कर पा रहा/रही हाँ।
(b) दकसी भी प्रकार से ऄन्य संस्कृ मतयों की प्रथाओं को 26. ईपयुाक्त पररच्छेद से मनम्नमिमखत में से कौन-सा सवाामधक
सहन करना, भिे ही अप ईन्हें पसंद न करते हों। ताकिककक और युमक्तसंगत मनकरकष ा मनकािा जा सकता है?
(c) ऄन्य समूहों की सांस्कृ मतक प्रथाओं को ईनके ऄपने (a) कायाािय का काम गंभीरता से मिया जाना चामहए
सांस्कृ मतक संदभा में सहानुभूमतपूवाक समझना। क्योंदक यह सभी के मिए परम संतुमष्ट का स्रोत है।
(d) सूखे मस्िड या कीड़े खाने से ईनके िाभों और (b) स्कू ि के खेि ददवसों और प्रमाणपत्र प्रस्तुमतयों जैसे
हामनयों के ताकिककक मवश्लेष ण के अधार पर सहमत महत्वपूणा कायाक्रमों में भाग िेना कानूनी रूप से
होना। बाध्यकारी बनाया जाना चामहए।
(c) िेखक स्कू ि में प्रत्येक खेि ददवस और प्रमाणपत्र
पररच्छेद—2
प्रस्तुमत से चूक गया है।
प्रत्येक भारतीय के मन में सदैव एक धारणा होती है, चाहे आसे (d) अनंदमय जीवन जीने के मिए काया-जीवन का
स्वीकार करें या न करें , दक सगाइ होने के बाद, पररवार की बेटी, संति ु न महत्वपूणा है।
पररच्छेद—4
मजसे बेहतर तरीके से मपता के बोझ के रूप में जाना जाता है, पमत
एक ऄध्ययन में पाया गया दक फास्ट-फू ड का िोगो देखना भर
को बहुत ऄमधक कीमत पर सौंप दी जाती है। दहेज या दूल्हे की िोगों को ऄधीर बना देता है और ईसके मिए जाने को मववर् कर
कीमत वगा संरचना से मनरपेक्ष आतनी ज्यादा उाँची है दक मववाह के देता है। ऐसा नहीं है दक फास्ट फू ड की कु छ ऄंतभूत
ा मवर्ेष ताएं है
दौरान मिए गए ऊण को चुकाने के मिए कइ पीद़ियों को करठन जो िोगों को ऄधीर बनाती हैं; ये वे अदते हैं, मजन्हें हम फास्ट फू ड
पररश्रम करना पड़ सकता है। आसके ऄमतररक्त, दृ़ि मवश्वास है दक से जोड़ते हैं, जैसे दक हमेर्ा चिते-दफरते रहना, व्यस्तता में खाना
के वि पुत्र ही है जो ऄंमतम संस्कार कर सकता है, वंर् और और स्वस्थ भोजन का अनंद िेने के मिए कभी भी पयााप्त समय न
ईत्तरामधकार पुरुष के माध्यम से चिता है, बेटे वृिावस्था में देना, जो हमारी ऄधीरता को दर्ााती हैं। स्वस्थ अदतों का संविान
अपको सही ददर्ा में िे जाएगा। ये अपकी ऄमधक साथाक और पूणा
माता-मपता की देखभाि करें ग,े और पुरुष अय ऄजाक होते हैं - ने
जीवन जीने में सहायता करें ग,े मजसके द्वारा अप ऄपने भीतर
के वि आस अग में घी डािा है मजसमें 'बेरटयां जिती हैं'। सवाश्रेष्ठ का संविान करें गे।
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27. मनम्नमिमखत में से कौन-सा/से सही ऄनुमान है/हैं जो 29. नीचे ददए गए अरे ख (ग्राफ) पर मवचार कीमजए मजसमें
पररच्छेद से िगाया जा सकता है / िगाए जा सकते हैं? क्रमर्ः श्रम बि भागीदारी दर (LFPR) और मर्मक्षत
1. फास्ट फू ड की ईपेक्षा नहीं करनी चामहए क्योंदक यह िोगों की बेरोजगारी दर को दर्ााया गया है।
काफी स्वास््यकर होता है; के वि फास्ट फू ड के प्रमत
हमारा अकष ाण ब़िाने वािी ऄपनी अदतों की
मनगरानी की जानी चामहए।
2. फास्ट फू ड िोगो को मवर्ेष रूप से दर्ाकों का ध्यान
अकर्थष त करने के मिए तैयार दकया जाता है।
3. हमें ऄपना िक्ष्य चुनने में बहुत सावधानी बरतनी
चामहए, क्योंदक हमारी अदतें हमारे जीवन को
अकार देती हैं।
नीचे ददए गए कू ट का प्रयोग कर सही ईत्तर चुमनए।
(a) के वि 3
(b) के वि 1 और 2
(c) के वि 2
(d) ईपयुाक्त में से कोइ नहीं
पररच्छेद—5
"मवचार" मन से स्वतंत्र रूप ऄपनी स्वयं की दुमनया में मवद्यमान
होते हैं जो ऄंतररक्ष और समय के क्षेत्रों से परे हैं। आस प्रकार,
मवचारों की दुमनया, और स्थामनक-िौदकक मवश्व - दोनों मवश्व
ऄमस्तत्व में अए जो एक-दूसरे के मबल्कु ि मवपरीत हैं। आस श्रम बि भागीदारी दर (LFPR) को वतामान में कायारत
स्थामनक-िौदकक मवश्व में प्रत्येक चीज के वि ईन र्ाश्वत मवचारों या रोजगार की तिार् कर रही कायार्ीि अयु की
या वास्तमवकताओं की ममिम प्रमतच्छाया है। प्रत्येक चीज ऄपने जनसंख्या (16-64 वष ा की अयु) के प्रमतर्त के रूप में
ऄमस्तत्व के मिए ऄपने सापेक्ष मवचार की अभारी होती है जो पररभामष त दकया जाता है। ऄध्ययन करने वािे िोगों,
ईसका कारण, ईसकी ईत्पमत्त है। आसी प्रकार, व्यमक्त भी व्यमक्त के
गृमहमणयों और 64 वष ा से ऄमधक अयु के व्यमक्तयों की
ऄपने सापेक्ष मवचार की ऄपूणा प्रमतमिमप है। आस संदभा में यह
गणना श्रम बि में नहीं की जाती है।
‘संभूमत का मवश्व’ ऄन्यसंक्रांत मवश्व बन जाता है, और व्यमक्त
ईपयुाक्त अरे ख के संदभा में, मनम्नमिमखत में से कौन-से
ऄन्यसंक्रांत व्यमक्त है, या ऄपनी स्वयं की वास्तमवकता की ममिम
सवाामधक ताकिककक और तका संगत मनकरकष ा हैं?
प्रमत बन जाता है।
1. दी गइ समयावमध के दौरान, र्हरी क्षेत्रों की तुिना
28. मनम्नमिमखत में से कौन-सा/से सही मनकरकष ा पररच्छेद से
में ग्रामीण क्षेत्रों में LFPR में मगरावट ऄमधक हुइ
मनकािा जा सकता है/मनकािे जा सकते हैं?
थी।
1. भौमतक चीजें वास्तमवकता हैं और ईनके पीछे खड़े 2. 'बेरोजगारी दर' के ग्राफ की प्रवृमत्त दर्ााती है दक
होने वािे मवचार के वि भौमतक चीजों की प्रमतछाया
मर्मक्षत ममहिाओं में मर्मक्षत पुरुष ों की तुिना में
हैं।
बेरोजगारी दर ईच्च थी।
2. ऄन्यसंक्रांत मनुकरय ऄपनी स्वयं की वास्तमवकता से 3. दी गइ ऄवमध में मर्मक्षत पुरुष ों की बेरोजगारी दर
ऄिग-थिग होते हैं। में सतत रूप से वृमि नहीं हुइ थी।
नीचे ददए गए कू ट का प्रयोग कर सही ईत्तर चुमनए। नीचे ददए गए कू ट का प्रयोग कर सही ईत्तर चुमनए।
(a) के वि 1 (a) 1 और 3 दोनों
(b) के वि 2 (b) 2 और 3 दोनों
(c) 1 और 2 दोनों (c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2 (d) ईपयुाक्त सभी

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मनम्नमिमखत 2 (दो) प्रश्नों के मिए मनदेर्: 33. संख्याओं के मनम्नमिमखत प्रारूपों पर मवचार कीमजए:
नीचे दी गइ जानकारी पर मवचार कीमजए और आसके पश्चात अने
वािे प्रश्नों का ईत्तर दीमजए।
6 छात्र, ददनेर्, इर्ान, बािा, अया, चंदन और फ़रहान एक पेआंग
गेस्ट फै मसमिटी में रह रहे हैं, जहां के वि एक बसगि-सीटर सोफा
है। एक समय में ईनमें से के वि एक ही छात्र सोफे पर बैठ सकता
है। एक ददन आस सुमवधा के मामिक ने ईनके द्वारा सोफे का ईपयोग तीसरी अकृ मत में प्रश्नवाचक मचन्ह के स्थान पर कौन-सी
दकये जाने के पैटना का ऄविोकन दकया और ऄपने मनकरकष ों को
मनम्नानुसार मिखा: संख्या ईपयुक्त होगी?
1. दो छात्रों ने इर्ान से पहिे सोफे का ईपयोग दकया था।
2. अया ने ददनेर् के बाद सोफे का ईपयोग नहीं दकया था। (a) 92
3. बािा और ददनेर् ने फ़रहान से पहिे सोफे का ईपयोग
दकया था। (b) 81
4. अया और फ़रहान के बीच तीन छात्रों ने सोफे का ईपयोग
दकया। (c) 79
5. चंदन सोफे का ईपयोग करने वािा दूसरा ऄंमतम व्यमक्त
था। (d) 45
30. सोफे का ईपयोग करने वािा पहिा छात्र कौन था?
(a) अया
(b) बािा 34. ऄिग-ऄिग ऄंकों वािी ऐसी दकतनी संख्याएं बनाइ जा
(c) इर्ान
(d) चंदन सकती हैं, मजनमें से प्रत्येक संख्या के ऄंकों का गुणनफि

27 हो?
31. फ़रहान से पहिे दकतने छात्रों ने सोफे का ईपयोग दकया
था? (a) 7
(a) दो
(b) 9
(b) तीन
(c) चार (c) 8
(d) चार से ऄमधक
(d) 6
32. दो मखिामड़यों के खेि में, 3 × 3 के चेक बॉक्स को भरने
के मिए एक मखिाड़ी प्रतीक o का ईपयोग करता है और
दूसरा प्रतीक × का ईपयोग करता है। जो मखिाड़ी 35. दो ऄंकों की एक प्राकृ मतक संख्या और आसके ऄंकों को
क्षैमतज, उध्वााधर या मतयाक ददर्ा में एक सीधी रे खा में
तीन क्रमागत कोष्ठकों में ऄपना प्रतीक पहिे बना िेता है, ईिट कर बनाइ गइ संख्या का ऄनुपात 4: 7 है। आस
वह मवजेता होता है। एक मनमश्चत समय पर खेि की
मस्थमत को नीचे दर्ााया गया है। मस्थमत को संतुष्ट करने वािी सबसे बड़ी संभामवत संख्या

और ईसके व्युत्क्रम के मध्य का ऄंतर ज्ञात कीमजए?

(a) 36
खेि की आस मस्थमत से दकसी के भी मवजेता नहीं होने की
प्रामयकता क्या है? (b) 27
(a) 1/3
(b) 1/2 (c) 18
(c) 1/4
(d) 9
(d) 8/9
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36. एक भारतीय स्टाटाऄप ने बाजार में एक नया सेि फोन मनम्नमिमखत 4 (चार) प्रश्नों के मिए मनदेर्ः
िांच दकया। एक स्पेर्ि फीचर के रूप में आसके चारों मनम्नमिमखत तीन पररच्छेदों को पद़िए और आनके अगे अने वािे
ओर चार चार्जजग पोटा हैं, मजनमें से सभी का ईपयोग प्रश्नों के ईत्तर दीमजए। आन प्रश्नों के अपके ईत्तर आन्हीं पररच्छेद पर
चार्जजग समय को कम करने के मिए एक साथ दकया जा अधाररत होने चामहए।
सकता है। यदद के वि टॉप और बॉटम पोटा का ईपयोग पररच्छेद—1
एक साथ दकया जाता है, तो सेि फोन को पूणातः चाजा
संधारणीयता के मिए मवश्व स्तर पर सहमत ढांचा संधारणीय
करने में 20 ममनट िगते हैं। यदद िेफ्ट, राआट और बॉटम
मवकास िक्ष्य (SDG) हैं। संयुक्त राष्ट्र ने 2015 में "मवश्व के सभी
पोटा एक साथ ईपयोग दकए जाते हैं, तो सेि फोन को
देर्ों" द्वारा ऄनुमोदन के पश्चात आसका श्रीगणेर् दकया था। SDG
पूणत
ा ः चाजा करने में 12 ममनट िगते हैं। यदद टॉप, िेफ्ट
का िक्ष्य भमवकरय के मिए ऐसा व्यवहाया प्रमतमान सृमजत करना है
और राआट पोटा का ईपयोग दकया जाता है, तो सेि फ़ोन
मजसमें "ऄपने पयाावरण से समझौता दकए मबना या समाजों पर
को पूणत
ा ः चाजा करने में 15 ममनट िगते हैं। एक ददन,
ऄनुमचत बोझ डािे मबना समस्त अर्थथक मवकास प्राप्त दकया
राघव, मजसने हाि ही में आस फोन को खरीदा था, ने
जाएगा।" आस प्रतीमत से, "समाज के व्यापक ईद्देश्यों" के साथ मवत्त
देखा दक ईसके फोन में के वि 2% बैटरी र्ेष है। ईसने
को संरेमखत करने के मिए ईत्तरदामयत्वपूणा मनवेर्न का मसिांत
ऄपने फोन को प्िग दकया तादक ईसे कम से कम समय में
(PRI) मनधााररत दकया गया था। वास्तव में, SDG के साथ वैमश्वक
चाजा दकया जा सके , और चाय ब्रेक के मिए चिा गया।
मवत्तीय प्रणािी को संरेमखत करने से न के वि श्रेकरठतर
वापस िौटने पर, ईसने देखा दक ईनका फोन 92% चाजा
जोमखम/प्रमतफि प्रदर्ान प्रा्त हो सकता है, बमल्क यह मान्यताओं
था। राघव ने चाय ब्रेक में दकतना समय मिया था?
के ऄनुरूप सामामजक मूल्यों और मानदंडों का समुच्चय और ईनके
(a) 6 ममनट
साथ, ईद्देश्य की भावना प्रदान करता है। संधारणीय िंगर, और
(b) 12 ममनट
आसके स्वामी के रूप में समाज के िक्ष्यों के साथ, मवश्वसनीय
(c) 8 ममनट
मवत्तीय प्रणािी दफर से ईभर सकती है।
(d) 9 ममनट
38. पररच्छेद के ऄनुसार, "मवश्वसनीय मवत्तीय प्रणािी" के
संबंध में मनम्नमिमखत में से कौन-सा सही है?
37. एक प्रमतयोगी परीक्षा में, तीन खंडों ऄथाात वबाि
एमबमिटी एंड रीबडग कॉमम्प्रहेंर्न, डाटा आं टरमप्रटेर्न एंड 1. आस प्रकार की प्रणािी में SDG के मसिांत और

िॉमजकि रीजबनग एंड िांरटटेरटव एमबमिटी से 100 आसके मूि के रूप में समाज के व्यापक ईद्देश्य होने
बहुमवकल्पीय प्रश्न अते हैं। पेपर में वबाि एमबमिटी एंड चामहए।
रीबडग कॉमम्प्रहेंर्न से 34 प्रश्न, डेटा आं टरमप्रटेर्न एंड 2. आस प्रकार की प्रणािी सामामजक मानदंडों और
मूल्यों के मवरूपण के मबना अर्थथक संवृमि सुमनमश्चत
िॉमजकि रीजबनग से 32 प्रश्न और िांरटटेरटव एमबमिटी
नहीं कर सकती है।
से 34 प्रश्न हैं। प्रत्येक सही ईत्तर के मिए 3 ऄंक ददए जाते
नीचे ददए गए कू ट का प्रयोग कर सही ईत्तर चुमनए।
हैं, और प्रत्येक गित ईत्तर के मिए प्रत्येक प्रश्न के मिए
(a) के वि 1
मनयत ऄंकों का 1/3 काटा जाता है। हि नहीं दकये गये
(b) 1 और 2 दोनों
या ऄमान्य प्रश्नों के मिए न तो कोइ ऄंक ददया जाता है
और न ही कोइ ऄंक काटा जाता है। एक ईम्मीदवार ने (c) के वि 2
95 प्रश्नों को हि दकया, मजसमें से 5 प्रश्नों को ऄमान्य (d) न तो 1, न ही 2
घोमष त दकया गया और ईनका मूल्यांकन नहीं दकया गया।
पररच्छेद—2
यदद ईसने परीक्षा में 250 ऄंक प्रा्त दकए, तब ईसने कु ि
जहााँ, सोर्ि मीमडया द्वारा िाया गया संिाप का िोकतांमत्रककरण
दकतने प्रश्नों के ईत्तर गित ददए (ऄमान्य प्रश्नों को
छोड़कर)? मनर्थववाद और सवाामधक स्वागत योग्य है, वहीं हम संकीणा वैमश्वक
(a) 10 दृमष्टयों में फं स रहे हैं जो न के वि मतदाता के व्यवहार बमल्क ददन-
(b) 15 प्रमतददन की व्यमक्तगत ऄंतरदक्रया में ररस रहे हैं। यह ऐसी चीज है
मजसके संबंध में हमें सचेत रहना चामहए। िॉग आन करें या िॉग
(c) 5
अईट करें , मवश्व अज कहीं ऄमधक स्वच्छंद स्थान है दकन्तु आसे
(d) 8
कठोर स्थान बनने की अवश्यकता नहीं है।
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39. पररच्छेद के िेखक का मानना है दक 41. ईपयुाक्त पररच्छेद से मनम्नमिमखत में से कौन-सा सवाामधक
(a) सोर्ि मीमडया का ईपयोग ऄमतवादी मवचारों को ताकिककक और युमक्तसंगत मनकरकष ा मनकािा जा सकता है?
ब़िावा देकर समाज के अमूिीकरण का मागा प्रर्स्त
(a) हमारे वतामान प्रर्ासकों को नहीं बमल्क के वि
करे गा।
ऄंग्रेजों को हमारे वनों के मवनार् के मिए दोष ी
(b) सोर्ि मीमडया नीत संिाप के िोकतांमत्रककरण ने
ठहराया जाना चामहए।
ऄमभमत की कठोरता को दूर दकया है जो पहिे के
(b) यदद हम ऄपने वनों को बचाना चाहते हैं तो भारत
समय में मवद्यमान था।
के देर्ज समुदायों को वन संसाधन का दोहनकताा
(c) सोर्ि मीमडया ने पहिे से ऄमधक िोगों को ऄपना
नहीं बमल्क सहभागी माना जाना चामहए।
ऄमभमत देने में सक्षम बनाया है, और साथ ही ईनकी
(c) हमारे वतामान प्रर्ासकों द्वारा बनाइ गइ नीमतयां
व्यमक्तगत ऄंतरदक्रया को भी अकार दे रहा है।
वनों का संरक्षण करने में पूणत
ा या मवफि रही हैं
(d) ईपयुक्
ा त में से कोइ नहीं
क्योंदक ईन्होंने ऄपनी वन नीमतयों में स्थानीय
पररच्छेद—3
समुदायों की स्पष्ट ईपेक्षा की है।
ऄंग्रेज, भारत के जंगिों को के वि दोहन दकए जाने वािा संसाधन (d) ऄंग्रेजों को ईनके द्वारा ऄनुसरण की गइ त्रुरटपूणा
मानते थे और आसमिए, ईन्होंने आन्हें िोगों से संरमक्षत दकया। हमारे नीमतयों के कारण कम से कम प्रतीकात्मक रूप से
वतामान प्रर्ासकों को यह मानमसकता मवरासत में ममिी हुइ प्रतीत मूल्यवान वनों की हामन हेतु क्षमतपूर्थत करनी
होती है और वे िोगों को हमारे जंगिों से बाहर मनकािने पर चामहए।
ऄमडग प्रतीत होते हैं। ऐसा नहीं होने देना चामहए।
यह बार-बार मसि हुअ है दक भारत के देर्ज समुदाय वनों के
मनम्नमिमखत 3 (तीन) प्रश्नों के मिए मनदेर्:
सवाश्रेकरठ संरक्षक हैं। ऄपने जंगिों को बचाने का एकमात्र ईपाय
स्थानीय समुदायों को ईनका प्रबंधन करने की ऄनुममत देना है नीचे दी गइ जानकारी पर मवचार कीमजए और आसके पश्चात अने
क्योंदक वे ही हैं मजनका महत ईनका संरक्षण करने में है। हमने आसे वािे प्रश्नों के ईत्तर दीमजए।
पूरे भारत में, ईड़ीसा और छत्तीसग़ि से िेकर के रि और ईत्तराखंड हाि ही में संपन्न 5-मैच के एक T-20 दक्रके ट टूनाामेंट में A, B, C,
तक होते हुए देखा है। D और E नामक पााँच मखिामड़यों के प्रदर्ान को दजा दकया गया है।
या, संभवतः हम के वि ऄपने जंगिों को मरने देना चाहते हैं। आन ईन सभी के द्वारा सोमवार से र्ुक्रवार तक एक स्त ाह में पांच
िोगों को जंगिों से ऄिग करना आसकी गारं टी देने का मागा होगा। ऄिग-ऄिग मैचों को खेिा गया, दकन्तु ऄमनवायातः आसी क्रम में
40. पररच्छेद के ऄनुसार, हमारे वनों के संबंध में मनम्नमिमखत
नहीं। एक ददन में के वि एक मैच खेिा जाता था। यह भी ज्ञात है
में से कौन-सा/से सही है/हैं? दक ये सभी या तो गेंदबाज हैं या बल्िेबाज हैं। ईनके प्रदर्ान का
1. स्थानीय समुदायों को वनों का प्रबंधन करने की मूल्यांकन ईनके द्वारा बनाए गए रन या मवके ट के संदभा में दकया
ऄनुममत देने से वनों के संरक्षण में सहायता ममि जाता है, जो 4, 16, 9, 5 या 25 हो सकता है, दकन्तु ऄमनवायातः
सकती है।
आसी क्रम में नहीं। B द्वारा बुधवार को खेिा गया। B और D द्वारा
2. ऄंग्रेजों ने जंगिों में रहने वािे िोगों को बमहकरकृ त
खेिे गए मैचों के बीच के वि एक मैच खेिा गया था। सोमवार को,
करके ही हमारे जंगिों का दोहन दकया।
3. हमारे वतामान प्रर्ासकों को ऄपनी मानमसकता मैच ईसी के द्वारा खेिा गया मजसने 16 रन बनाए। A र्ुक्रवार को
बदिने और वनों के संरक्षण में देर्ज समुदायों को नहीं खेिा। गुरुवार को खेिने वािे मखिाड़ी द्वारा बनाए गए रन
सहभागी मानने की अवश्यकता है। या मिए गए मवके ट, र्ुक्रवार को खेिने वािे मखिाड़ी द्वारा बनाए
नीचे ददए गए कू ट का प्रयोग कर सही ईत्तर चुमनए।
गए रनों या मिए गए मवके टों का पूणा वगा हैं।
(a) के वि 1 और 2
C, जो सोमवार को नहीं खेिा, के द्वारा बनाए गए रन या मिए गए
(b) के वि 2 और 3
मवके ट एक ऄंकीय संख्या नहीं है। A के द्वारा खेिा गया मैच न तो
(c) के वि 1 और 3
E के मैच के तुरंत पहिे था और न ही ईसके तुरंत बाद था।
(d) 1, 2 और 3
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42. A द्वारा बनाए गए रन या मिए गए मवके ट हैं: 46. अठ व्यमक्त J, K, L, M, N, O, P और Q एक वृत में

(a) 9 समान दूरी पर रखी गइ कु र्थसयों पर बैठे हैं। M, O के

(b) 4 बाएं से तीसरे स्थान पर है, और K के दाईं ओर से दूसरे

(c) या तो 4 या 9 स्थान पर है। K और N के मध्य तीन व्यमक्त बैठे हैं। J, Q,

(d) ईपयुाक्त में से कोइ नहीं जो K के तुरंत बाद दाईं ओर बैठा है, के दाईं ओर दूसरे

स्थान पर है। M, का मुख P की ओर नहीं है।

43. र्ुक्रवार को दकसके द्वारा मैच खेिा गया? ईपयुाक्त जानकारी के अधार पर, मनम्नमिमखत में से कौन-

(a) A सा सही होना चामहए?

(b) C 1. N और K एक-दूसरे के मवपरीत बैठे हैं।

(c) D 2. M और N एक-दूसरे के समन्नकट बैठे हैं।

(d) E 3. जब O से वामावता ददर्ा में मगना जाता है तो O

और K के मध्य तीन से ऄमधक िोग बैठे हैं।

44. C और D के रनों के मध्य का ऄंतर क्या है? (a) के वि 2 और 3

(a) 4 (b) के वि 1 और 3

(b) 20 (c) के वि 1

(c) 9 (d) ईपयुाक्त सभी

(d) 5

47. एक नया ईद्यम र्ुरू करने के मिए, सत्यम ने 6.25% की

45. आसरो ने हाि ही में िॉन्च स्थि से 3 दकमी की दूरी पर दर से साधारण ब्याज पर 1,44,000 रुपये का ऊण

दर्ाकों की गैिरी स्थामपत की है, मजससे िोगों को मिया। तीन वष ा पश्चात ईसने 44,000 रुपए का भुगतान

सैटेिाआट िॉन्च का प्रत्यक्ष ऄनुभव प्रा्त हो सके । PSLV- दकया। तीन वष ा के मिए ब्याज जोड़ने और तीन वष ा
पश्चात चुकाइ गइ रामर् की कटौती करने के बाद बैंक ने
C45 को आस िॉन्च स्थि से िंबवत उध्वााधर ददर्ा में
मूि धन की पुनः गणना की। हािांदक, व्यापार में भारी
प्रक्षेमपत दकया गया था। िॉन्च के दो सेकंड बाद, गैिरी में
नुकसान के कारण वह र्ेष रामर् का भुगतान करने में
बैठे एक दर्ाक को सूमचत दकया गया दक रॉके ट ने
सक्षम नहीं था। चार और वष ों के बाद, बैंक ने ईनकी कार
1000√3 मीटर की उध्वााधर दूरी तय कर िी है। आस
को जब्त कर मिया और ऊण की वसूिी के मिए नीिाम
मवर्ेष क्षण में, ईसकी अंखों पर रॉके ट द्वारा बनाए गए कर ददया। नीिामी के दौरान कार के मवक्रय मूल्य को
कोण का मान क्या होगा? ज्ञात कीमजए।

(a) 45° (a) रु. 1,58,750

(b) 60° (b) रु. 1,45,200

(c) 90° (c) रु. 1,60,000

(d) 30° (d) रु. 1,65,200

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मनम्नमिमखत 2 (दो) प्रश्नों के मिए मनदेर्: पररच्छेद—1

नीचे ददए गए अरे ख (ग्राफ़) पर मवचार कीमजए, मजसमें मवमभन्न हम मडमजटि क्रांमत और एक मडमजटि भारत की बात कर रहे हैं।
बजट में मडमजटि रूप से सक्षम एक िाख गांवों की बात की गइ है।
भारतीय राज्यों में तीन पाठ्यक्रमों एम. एड, एम. दफि और
यह इ-र्ासन के संबंध में भी बात करता है। दकन्तु वास्तमवकता में,
बी.एड में नामांकनों की संख्या को दर्ााया गया है। ग्राफ़ का
हम ऄभी भी पुरानी तकनीक के साथ संघष ा कर रहे हैं। और यह
ध्यानपूवक
ा ऄध्ययन कीमजए और आसके पश्चात अने वािे प्रश्नों के
बचताजनक है ,क्योंदक यह दफर से हमें मवकमसत देर् के दजे की दौड़
ईत्तर दीमजए।
में पीछे धके ि देगा। ऐसे देर् जो औद्योमगक क्रांमत 1.0, 2.0 और
3.0 में ऄग्रणी थे, मवकमसत देर् बन गए, जबदक जो - भारत की
भांमत - तेजी से पूंजीकरण करने में मवफि रहे, वे ऄवनत हो गए,
क्योंदक मवश्व ती्र ता से ईद्योगों और मवमनमााण पर मनभार होता
गया।
50. ईपयुाक्त पररच्छेद से मनम्नमिमखत में से कौन-सा सवाामधक
ताकिककक और तका संगत मनकरकष ा मनकािा जा सकता है?
(a) इ-र्ासन और मडमजटि रूप से सक्षम गांव,
48. ददए गए सभी राज्यों में एम. दफि पाठ्यक्रम में औद्योमगक क्रांमत 4.0 का भाग होने के कारण, भारत

नामांदकत छात्रों की औसत संख्या क्या है? को मनमश्चत रूप से मवकमसत देर् बनाएंगे।
(b) ऄब, भारत मवकमसत देर् नहीं बन सकता है क्योंदक
(a) 1200
यह मपछिी औद्योमगक क्रांमतयों का िाभ िेने में
(b) 1150 मवफि रहा है।
(c) 1125 (c) भारत के मिए मवकमसत देर् बनने के मिए, भारत

(d) 1175 को तकनीकी पररवतानों के क्षेत्र में ऄग्रणी बने रहना


होगा।
(d) या तो (a) या (b)
49. कनााटक में एम. दफि में और तममिनाडु में एम एड में
पररच्छेद—2
नामांदकत छात्रों की कु ि संख्या, अंध्र प्रदेर्, महाराष्ट्र
भारत के नागररक ईड्डयन क्षेत्र के ती्र मवस्तार के कारण, अगामी
और पमश्चम बंगाि में बीएड में नामांदकत छात्रों की कु ि
कु छ वष ों में, मवर्ेष रूप से मेट्रो मवमान पत्तनों में हवाइ क्षेत्र,
संख्या का दकतने प्रमतर्त है?
पार्ककग-बे और रनवे स्िॉट ईत्तरोत्तर दुिभ
ा होते जाएंगे। मुब
ं इ
(a) 33.33% और चेन्नइ मवमान पत्तन पहिे से ही पूणत
ा ा के करीब हैं। क्षमता
और ऄवसंरचना बाधाएं दक्षता और सुरक्षा को कम कर सकती हैं
(b) 66.67%
एवं नकारात्मक अर्थथक प्रभाव डाि सकती हैं। मवर्ेष रूप से बड़े
(c) 200/7% र्हरों में, ऄपयाा्त हैंगर स्थान और मवमान पत्तनों का ईनके
(d) 300/7% वतामान स्थिों पर मवस्तार करने के मिए भूमम की ऄनुपिब्धता,
आस क्षेत्रक द्वारा सामना की जा रही दो प्रमुख बाधाएाँ हैं। यद्यमप

मनम्नमिमखत 4 (चार) प्रश्नों के मिए मनदेर्ः यह मेट्रो र्हरों में कम बाध्यकारी हो सकता है, जहां यामत्रयों की
मनम्नमिमखत चार पररच्छेदों को पद़िए और आनके अगे अने वािे संख्या एक से ऄमधक मवमान पत्तनों को समथान देने के मिए पयाा्त
प्रश्नों के ईत्तर दीमजए। आन प्रश्नों के अपके ईत्तर आन्हीं पररच्छेद पर है, वहीं कम यात्री पररमाण के कारण गैर-मेट्रो र्हरों में एक से
अधाररत होने चामहए। ऄमधक मवमान पत्तनों का मनमााण व्यवहाया नहीं है।
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51. मनम्नमिमखत में से कौन-सा आस पररच्छेद का सवाामधक पररच्छेद—4


महत्वपूणा मनमहताथा है? यह भिे ही अधे मजाक में कहा गया हो दक मवपक्षी दि "मनवाासन
(a) भारत का नागररक ईड्डयन क्षेत्र ऄब मंदी का सामना
में मवपक्ष" हो सकते हैं, िेदकन मसमवि सेवा प्रायः स्वयं को आस
करे गा ,क्योंदक यह हाि के ददनों में यह पहिे से ही
तेजी से मवस्तार कर चुका है। प्रकार संचामित करती है दक जैसे "घर में मवपक्ष" बैठा हो। ईसी

(b) भारत में आस क्षेत्रक के हो रहे ती्र मवस्तार को प्रकार जैसे राजनेता जोमखमों से घबराते हैं- ईदाहरण के मिए,
समायोमजत करने के मिए नागररक ईड्डयन
अर्थथक सुधारों को ब़िावा देने में- एक यथामस्थमतवादी संवेग होता
ऄवसंरचना का मवस्तार करने के मिए
नवप्रवतानकारी ईपायों की खोज की जानी चामहए। है जो 'बाबूपन' को संचामित करता है। कइ ऄवसरों पर, ऐसे दकसी
(c) सरकार को यहां तक दक रे िमागा और सड़क मंत्री से भी ऄमधक जो ऄपने ऄमधकार क्षेत्र की िड़ाइ में मात खाने
पररवहन जैसे ऄन्य क्षेत्रकों की कीमत पर भी
की आच्छा न रखने के कारण प्रभाव डाि सकता है, एक नौकरर्ाह
नागररक ईड्डयन क्षेत्र के क्षमता मवस्तार पर बि देना
चामहए। के पास बचाव करने हेतु एक पूरा साम्राज्य होता है, और ईस काया
(d) ईपयुक्
ा त में से कोइ नहीं । को वह बाधाओं का सृजन कर प्रभावी ढंग से करता है।
पररच्छेद—3
53. ईपयुाक्त पररच्छेद से मनम्नमिमखत में से कौन-सा सबसे
अदर्ा अचार संमहता (MCC) को कोइ वैधामनक समथान प्रा्त नहीं
ताकिककक और तका संगत मनकरकष ा मनकािा जा सकता है?
है। िेदकन मवगत एक दर्क में चुनाव अयोग द्वारा कठोरता से
प्रवर्थतत दकए जाने के कारण यह कोड र्मक्त प्रा्त कर चुका है। (a) मसमवि सेवा िोकतंत्र के मवपरीत है और सरकार के
संमहता में सूचीबि कु छ और गंभीर ऄपराधों को भी कानून में वास्तमवक मवपक्षी के रूप में काया करती है।
स्थान प्रा्त हुअ है।
(b) मसमवि सेवा द्वारा मनभाइ गइ भूममका की तुिना में
वतामान में, राजनीमतक भाष णों के माध्यम से घृणा फै िाना,
मवपक्षी दिों द्वारा मनभाइ गइ भूममका पूणत
ा ः
मतदाताओं की जामत और समुदाय की भावनाओं के अधार पर
महत्वहीन है।
ऄपीि करना, मतदाताओं को डराना-धमकाना या र्राब मवतररत
(c) मसमवि सेवा को पाश्वा प्रमवमष्ट के माध्यम से सुधारने
करना या मतदान के समापन से पूवा के 48 घंटों में सावाजमनक
की अवश्यकता है, क्योंदक यह के वि ऄपने मनमहत
बैठकें अयोमजत करना, ये सभी ऄपराध हैं और आनके मिए
ईम्मीदवारों पर भारतीय दंड संमहता या जनप्रमतमनमधत्व स्वाथों की सेवा करती है।

ऄमधमनयम 1951 के ऄधीन वाद िाया जा सकता है। (d) ईपयुाक्त में से कोइ नहीं।

52. ईपयुाक्त पररच्छेद के संदभा में, मनम्नमिमखत पूवाधारणाएाँ


बनाइ गइ हैं: 54. एक ही िंबाइ की दो रे िगामड़यां (प्रत्येक 220 मीटर)
1. यदद ऄपराध की प्रकृ मत गंभीर नहीं है तो
मवपरीत ददर्ाओं से एक-दूसरे के पास अ रही हैं। दोनों
राजनीमतक दिों को MCC का ईल्िंघन करने की
रे िगामड़यों की चाि क्रमर्ः 54 दकमी प्रमत घंटा और 90
ऄनुममत दी जा सकती है।
2. वैधामनक समथान का न होना MCC के प्रवतान में दकमी प्रमत घंटा है। दकतने समय में दोनों रे िगामड़यां
चुनाव अयोग को ऄत्यमधक ऄक्षम बना देता है। एक-दूसरे को पार कर िेंगी?
ईपयुाक्त पूवाधराणाओं में से कौन-सा/से वैध है/हैं?
(a) 11 सेकंड
(a) के वि 1
(b) 15 सेकंड
(b) के वि 2
(c) 8 सेकंड
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2 (d) 10 सेकंड

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55. UPSC के ईम्मीदवारों के एक समूह में 20 िोग दक्रके ट 57. एक धीमी साआदकि दौड़ में अर्ीष और श्वेता रजनी की
खेिना पसंद करते हैं, 15 हॉकी खेिना पसंद करते हैं और तुिना में धीमी गमत से साआदकि चिा रहे हैं। रजनी
12 घुड़सवारी पसंद करते हैं। एक व्यमक्त तीनों खेि पसंद
मुकेर् की तुिना में धीमी गमत से साआदकि चिा रही है।
करता है। 5 व्यमक्त दक्रके ट और हॉकी दोनों पसंद करते हैं;
राजेर् के वि दो व्यमक्तयों की तुिना में धीमी गमत से
3 हॉकी और घुड़सवारी दोनों पसंद करते हैं और 2 दक्रके ट
साआदकि चिा रहा है। कौन दूसरी सबसे धीमी गमत से
और घुड़सवारी पसंद करते हैं। समूह में कु ि दकतने व्यमक्त
हैं? साआदकि चिा रहा है?
(a) 40
(a) अर्ीष
(b) 38
(b) श्वेता
(c) 48
(d) 45 (c) राजेर्

(d) मनधााररत नहीं दकया जा सकता है


56. नीचे ददए गए अरे ख (ग्राफ) में 2008 से 2018 तक एक
देर् के GDP डेटा (मबमियन यूएस डॉिर में) को दर्ााया
गया है। ग्राफ़ का ध्यानपूवक ा ऄध्ययन कीमजए और आसके
58. यदद X और Y पूणांक हैं, तो मनम्नमिमखत में से कौन-सा
पश्चात अने वािे प्रश्नों के ईत्तर दीमजए।
सही होना चामहए?

1. X – Y को दकसी भी X और Y मूल्य के मिए

धनात्मक होना चामहए।

2. X + Y एक सम संख्या होनी चामहए।

3. X/Y एक ईमचत मभन्न होनी चामहए।

नीचे ददए गए कू ट का प्रयोग कर सही ईत्तर चुमनए।

(a) के वि 2

ईपयुाक्त ग्राफ के संदभा में, देर् में ईत्पाददत वस्तुओं और (b) 1 और 2 दोनों
सेवाओं के मूल्य के बारे में मनकरकर्थष त दकया/दकये जा
सकने वािा/वािे सवाामधक ताकिककक मनकरकष ा मनम्नमिमखत (c) के वि 1
में से कौन-सा/से है/हैं?
(d) ईपयुाक्त में से कोइ नहीं
1. 2013 से 2018 तक आस देर् में ईत्पाददत वस्तुओं
और सेवाओं के मूल्य में वृमि हुइ है।
2. 2013 से 2018 तक आस देर् में ईत्पाददत के वि
59. यदद BLOCK को 25164 और कायाािय को 177368
वस्तुओं के मूल्य में वृमि हुइ है।
3. 2013 से 2018 तक आस देर् में ईत्पाददत के वि मिखा जाता है, तब CELIO को क्या मिखा जाएगा?
सेवाओं के मूल्य में वृमि हुइ है।
नीचे ददए गए कू ट का प्रयोग कर सही ईत्तर चुमनए। (a) 53182

(a) के वि 1 (b) 31524


(b) के वि 2 और 3
(c) 68531
(c) के वि 2
(d) कोइ मनकरकष ा नहीं मनकािा जा सकता है (d) 42135
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60. एक परीक्षा में एक ईम्मीदवार 280 ऄंक प्रा्त करता है, पररच्छेद—2
और 20 ऄंकों के कम होने से प्रथम श्रेणी प्रा्त करने में हम एक नवीन साहसी मवश्व में प्रवेर् कर रहे हैं, जहां कमाचारी,
मवफि हो जाता है। ईम्मीदवार के वतामान ऄंकों में ग्राहक, कं पनी, मनयोक्ता और मनमााता की पुरानी पररभाष ाएं ऄब
दकतने प्रमतर्त की वृमि की जानी चामहए तादक वह ऄथा खो चुकी हैं, िेदकन कानून और मनयमों की दुमनया औद्योमगक
प्रथम श्रेणी प्रा्त कर सके ? युग की वास्तमवकताओं में फं सी हुइ है। यदद हम समस्या तक पहुंच
(a) 10% बनाना चाहते हैं, ईनका समाधान प्रा्त करना चाहते हैं, तो हमें

(b) 50/7% ऄमधक िचीिी र्ासन प्रणािी, ऄमधक चुस्त कानून बनाने और नइ
चुनौमतयों एवं ऄवसरों के प्रमत त्वररत ऄनुदक्रया करने की
(c) 20/3%
अवश्यकता है। यदद ओिा बहुतों को नइ अजीमवकाएं प्रदान कर
(d) 15% सकता है (अवश्यक नहीं दक नौकरी), तो हमें यह सुमनमश्चत करने
की अवश्यकता है दक मवमनयम सरि और व्यावहाररक हों- आतने
मनम्नमिमखत 2 (दो) प्रश्नों के मिए मनदेर्ः सरि दक ये व्यवसाय मॉडि काम कर सकें , िेदकन आतना हल्के या
मनम्नमिमखत दो पररच्छेदों को पद़िए और आनके अगे अने वािे सरि नहीं दक वे ड्राआवर जैसे "मनभार ठे केदारों" को ईत्तेमजत कर दें
प्रश्नों के ईत्तर दीमजए। आन प्रश्नों के अपके ईत्तर आन्हीं पररच्छेदों पर और ईसका पररणाम "ग्राहकों" के साथ दुव्यावहार या ईन पर
अधाररत होने चामहए।
"प्रहार" के माध्यम से चोट पहुंचाने के रूप में हो। कं पमनयां सस्ती
पररच्छेद—1
सेवा प्रदाताओं को काम या नौकररयां अईटसोसा कर सकती हैं,
ऄमनवाया िाआसेंबसग मानदंडों के तहत जमान फमा बायर एजी की
िेदकन वे ग्राहकों या ऄपने अपूर्थतकतााओं की सेवा करने की ऄपनी
पेटेंटेड कैं सर दवा नेक्सावर की एक प्रमत बेचने हेतु हैदराबाद की
म़िम्मेदाररयों को ऄस्वीकार नहीं कर सकती हैं। दूसरे र्ब्दों में,
नैटको फामाा मिममटेड को भारत द्वारा ऄनुममत ददए जाने के पश्चात
ओिा और ईबर दोनों को ब़िना है, और ऄमधक मजम्मेदारी िेनी है।
कैं सर की दवाओं की कीमतें प्रभावी रूप से घट रही हैं। भारतीय
पेटेंट कायाािय द्वारा प्रथम ऄमनवाया िाआसेंस ऑडार मनगात दकए यदद आसका ऄथा यह है दक ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रा्त करने के

जाने के पश्चात्, मस्वस कं पनी रॉर् होबल्डग एजी और स्थानीय मिए ऄमधक भुगतान करना है, तो ऐसा ही होना चामहए।

औष मध मनमााता मसप्िा मिममटेड ने ऄपनी ईच्च िागत वािी 62. पररच्छेद के ऄनुसार, ओिा और ईबर जैसी कं पमनयों
ऑन्कोिॉजी ब्रांडों में से पांच की कीमतों में काफी कटौती करने का द्वारा ऄपनाए जाने वािे व्यवसाय मॉडि के संबंध में
मनणाय मिया है। भिे ही बायर ने नेक्सावर की कीमत कम करने के मनम्नमिमखत में से कौन-सा/से सही है/हैं?
बारे में कु छ नहीं कहा है, िेदकन एक ईद्योग मवश्लेष क के ऄनुसार, 1. आसने ईभरती वास्तमवकताओं को पूरा करने हेतु
बाजार को र्ीघ्र ही कटौती की अर्ा है। कानूनों और मवमनयमों में सुधार को अवश्यक बना
ददया है।
61. ईपयुाक्त पररच्छेद से मनम्नमिमखत में से कौन-सा सबसे
2. आस व्यवसाय मॉडि ने ग्राहकों को मबिकु ि भी िाभ
ताकिककक और तका संगत मनकरकष ा मनकािा जा सकता है?
नहीं पहुंचाया है, क्योंदक कं पमनयां ऄपने िाभ को
(a) सदैव बाजार प्रमतस्पधाा के कारण औष मधयों की ऄमधकतम करने हेतु कायों की अईटसोर्जसग सस्ती
कीमतों में तेज मगरावट अती है। सेवा प्रदाताओं को करने में िगी हैं।
(b) कैं सर दवाओं की कीमतें बहुत ऄमधक नहीं थीं और 3. आसने सेवा अपूर्थतकतााओं के ईस नए समुच्चय को
ऄमनवाया िाआसेंबसग संबधी अदेर् ददए जाने से पूवा जन्म ददया है जो कभी भी ग्राहकों के महत को चोट
भी सभी रोमगयों हेतु वहनीय थीं। नहीं पहुंचाते क्योंदक ग्राहक ही आस व्यवसाय मॉडि
(c) ऄमनवाया िाआसेंस की स्वीकृ मत के पश्चात कीमतों में के अधार हैं।
नीचे ददए गए कू ट का प्रयोग कर सही ईत्तर चुमनए।
मगरावट, पेटेंट धारक जमान फमा को ददवामिया बना
(a) के वि 1
देगी।
(b) के वि 3
(d) कु छ घरे िू पररमस्थमतयां सरकारी कायों को रोक
सकती हैं जो एक मुक्त बाजार ऄथाव्यवस्था की (c) के वि 1 और 3
धारणाओं के मवपरीत हैं। (d) 1, 2 और 3

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63. नीचे ददया गया प्रकीणा अरे ख सीखने के स्तर में र्ीष ा छह 64. 5 वष ा पूव,ा 10-सदस्यीय पररवार की औसत अयु 30 वष ा
राज्यों और ऄन्य के मध्य व्यापक ऄंतर को दर्ााता है। थी। यदद दादा जी और ईनकी सबसे बड़ी पुत्री की अयु
क्षैमतज ऄक्ष पर, कक्षा VI - VIII के ईन छात्रों के प्रमतर्त वतामान ददन से हटा दी जाती है, तो पररवार के वतामान

को रे खांदकत दकया गया है जो साधारण मडवीजन प्रा्त औसत में 3 वष ा की कमी अ जाएगी। यदद दादा जी और

कर सकते हैं और उध्वााधर ऄक्ष पर कक्षा VI- VIII के ईन ईनकी सबसे बड़ी पुत्री की अयु के मध्य 20 वष ा का ऄंतर
है तो दादा जी की वतामान अयु ज्ञात कीमजए।
छात्रों के प्रमतर्त को रे खांदकत दकया गया है जो ग्रेड- II
(a) 57 वष ा
स्तर की पाठ्य सामग्री को प़ि पाने में सक्षम हैं। ग्राफ़ का
(b) 65 वष ा
ध्यानपूवक
ा ऄध्ययन कीमजए और आसके पश्चात अने वािे
प्रश्नों के ईत्तर दीमजए। (c) 70 वष ा
(d) 82 वष ा

65. फे मस्टवि सीजन के दौरान एक कं पनी X ने आिेक्ट्रॉमनक


वस्तुओं पर भारी छू ट प्रदान की है। राजेर् िैपटॉप
खरीदना चाहता था मजसका मूि ऄमधकतम खुदरा मूल्य
(M.R.P.) 45,000 रुपये था। कं पनी मूि M.R.P पर
20% की छू ट प्रदान करके एक नए फे मस्टव-टाआम
M.R.P पर िैपटॉप प्रदान करने का ऑफर दे रही थी।
राजेर् को भुगतान के मडमजटि मोड का ईपयोग करने के
कारण फे मस्टव-टाआम पर 10% की ऄमतररक्त छू ट प्रा्त
हुइ। 6 माह बाद, ईसने ईस िैपटॉप को 20,000 रुपये में
अरे ख के ऄविोकन के पश्चात मनम्नमिमखत में से कौन-से
मनकरकष ा मनकािे जा सकते हैं? बेच ददया। ईसे कु ि दकतने रुपये की हामन हुइ?
(a) रु. 12,400
1. ममणपुर और ममजोरम में छात्रों को सीखने का
(b) रु. 13,400
बेहतर स्तर प्रा्त होता है जबदक जम्मू और कश्मीर,
(c) रु. 10,000
मत्रपुरा एवं ऄसम में मस्थमत काफी खराब है।
(d) रु. 12,000
2. मबहार के छात्रों ने प़िने में बहुत खराब प्रदर्ान दकया
है, िेदकन ईनमें गमणत का कौर्ि बेहतर था। आस
66. पांच दोस्त P, Q, R, S और T एक कें द्रीय
प्रवृमत्त को तममिनाडु में भी देखा गया था।
मवश्वमवद्यािय में ऄध्ययन कर रहे हैं। ईनके द्वारा मवमभन्न
3. हररयाणा, पंजाब और महमाचि दोनों पहिुओं में
भाष ाएं बोिी जाती हैं। R और T तममि और तेिग
ु ु दोनों
सवाश्रेष्ठ प्रदर्ान करने वािों में र्ाममि थे। जम्मू
बोिते हैं। P और S मराठी और ऄंग्रेजी दोनों बोिते हैं।
कश्मीर, मध्य प्रदेर् और पमश्चम बंगाि ने सबसे
Q और S बंगिा और मराठी दोनों बोिते हैं। आसी प्रकार,
खराब प्रदर्ान करने वािों में र्ाममि थे।
R और P तेिुगु और कन्नड़ दोनों बोिते हैं। दकसके द्वारा
नीचे ददए गए कू ट का प्रयोग कर सही ईत्तर चुमनए।
(a) के वि 1 और 2 ऄमधकतम भाष ाएं बोिी जाती हैं?
(a) R
(b) के वि 2 और 3
(b) S
(c) के वि 1 और 3
(c) P
(d) 1, 2 और 3
(d) Q
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मनम्नमिमखत प्रश्न के मिए मनदेर्ः 69. एक कं टेनर में 120 िीटर पेट्रोि है। आसमें n बार आथेनॉि
मनम्नमिमखत पररच्छेद को पद़िए और आसके अगे अने वािे प्रश्न के ममिाया जाता है, पहिी बार में 1 िीटर , दूसरी बार में
ईत्तर दीमजए। आस प्रश्न के मिए अपका ईत्तर आसी पररच्छेद पर 2 िीटर, तीसरी बार में 3 िीटर और आसी प्रकार अगे
अधाररत होना चामहए। भी। n का मान क्या होना चामहए दक ऄंमतम ममश्रण में
पररच्छेद पेट्रोि और आथेनॉि का ऄनुपात 1: 1 हो?
यदद एक न्यायपूणा समाज सुद़िृ समुदामयक भावना चाहता है, तो (a) 10
ईसे नागररकों में जन कल्याण के प्रमत समपाण का भाव पैदा करना (b) 14
होगा। यह नागररकों के सावाजमनक जीवन संबंधी ऄमभवृमत्तयों और (c) 15
प्रवृमत्तयों के प्रमत ईदासीन नहीं हो सकता है। आसे एक ऄच्छे जीवन (d) 16
के मवर्ुि रूप से मनजीकृ त धारणाओं को चुनौती देने और नागररकों
में सद्गुण पैदा करने का मागा ऄवश्य ढू ंढना होगा। परं परागत रूप
मनम्नमिमखत 2 (दो) प्रश्नों के मिए मनदेर्:
से, स्कू ि नागररक मर्क्षा के स्थि रहे हैं। मैं नागररक सद्गुणों के नीचे दी गइ तामिका में दमक्षण पूवा एमर्या के स्कू िों में बच्चों के
स्पष्ट मर्क्षण की नहीं, बमल्क व्यावहाररक और प्रायः ऄनजाने में नामांकन प्रमतर्त को दर्ााया गया है। तामिका का ध्यानपूवक ा
ऄध्ययन कीमजए और आसके पश्चात अने वािे प्रश्नों के ईत्तर
ममिने वािी नागररक मर्क्षा का ईल्िेख कर रहा हं, जहां मवमभन्न दीमजए।
अर्थथक वगों और नृजातीय समुदायों के युवा एक साथ होते हैं।
67. ददए गए पररच्छेद के ऄनुसार, मनम्नमिमखत में से एक
न्यायपूणा समाज की अवश्यकता/अवश्यकताएं क्या
है/हैं?
1. नागररकों को एक ऄच्छे जीवन की धारणाओं का
मनजीकरण करना चामहए और नागररक सद्गुणों पर
व्यमक्तगत रूप से ध्यान देना चामहए।
2. न्यायपूणा समाज की प्राम्त हेतु व्यमक्तयों को
जनकल्याण के मूल्यों के प्रमत समर्थपत होना चामहए।
नीचे ददए गए कू ट का प्रयोग कर सही ईत्तर चुमनए।
(a) के वि 1
(b) के वि 2
(c) 1 और 2 दोनों िैंमगक समानता सूचकांक (GPI) एक सामामजक-अर्थथक सूचकांक
(d) न तो 1 और न ही 2 है मजसे सामान्यतः पुरुष ों और ममहिाओं की मर्क्षा तक सापेक्ष
पहुंच का मापन करने हेतु बनाया गया है। यह मर्क्षा के दकसी चरण
में नामांदकत पुरुष ों की संख्या से ममहिाओं की संख्या का ऄनुपात
68. यदद दकसी मवद्यािय में मवद्यार्थथयों की कु ि संख्या एक है।
70. ईपयुाक्त तामिका के संदभा में, मनम्नमिमखत मनकरकष ों में से
ऄभाज्य संख्या है तो मनम्नमिमखत में से कौन-सा ऄमनवाया
कौन-से सवाामधक ताकिककक और तका संगत हैं?
रूप से सत्य होगा?
1. देर् 7 में प्राथममक और माध्यममक, दोनों स्तरों पर
1. मवद्यािय में प़िने वािे िड़कों और िड़दकयों की िड़कों की तुिना में िड़दकयों का नामांकन प्रमतर्त
संख्याओं में 1 के ऄमतररक्त कोइ ऄन्य गुणनखण्ड ऄमधक है।
सवामनष्ठ नहीं है। 2. तामिका में सूचीबि कम से कम चार देर्ों में वैमश्वक
स्तर के आसी अंकड़े की तुिना में माध्यममक स्तर पर
2. मवद्यािय के िड़कों और िड़दकयों की संख्याओं का िड़कों के नामांकन का प्रमतर्त कम है।
ऄंतर एक सम संख्या है। 3. देर् 7 का िैंमगक समानता सूचकांक वैमश्वक स्तर के
नीचे ददये गये कू ट का प्रयोग कर सही ईत्तर चुमनए। आसी अंकड़े से ऄमधक है।
नीचे ददए गए कू ट का प्रयोग कर सही ईत्तर चुमनए।
(a) 1 और 2 दोनों
(a) के वि 2 और 3
(b) के वि 2 (b) के वि 1 और 2
(c) के वि 1 (c) के वि 1 और 3
(d) न तो 1, न ही 2 (d) ईपयुाक्त सभी

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71. ईपयुाक्त तामिका के संदभा में, मनम्नमिमखत धारणाएं 72. ईपयुाक्त पररच्छेद से मनम्नमिमखत में से कौन-सा सही
मनकरकष ा मनकािा जा सकता है जब िेखक यह कहता है
बनाइ गइ हैं:
दक "अज का मवश्वास प्रश्न में है"?
1. तामिका में वर्थणत देर्ों में से के वि दो देर्ों में ही (a) 2008 के मवत्तीय संकट ने धमा और भगवान में िोगों
ममहिाएं मर्क्षा के दोनों स्तरों पर ऄपने पुरुष के मवश्वास को तोड़ ददया।
(b) िोगों ने ऄपनी सरकारों में मवश्वास खो ददया है और
समकक्षों की तुिना में बेहतर नामांकन प्रदर्ान
मवद्रोह कर रहे हैं-ऄरब बस्प्रग ऐसा ही एक प्रकरण
दर्ााती हैं। है।

2. देर् 5 में प्राथममक स्तर के सापेक्ष माध्यममक स्तर (c) समृमि और स्वतंत्रता िाने हेतु बाजारों की क्षमता में
मवश्वास धीरे -धीरे समा्त हो रहा है।
पर बड़े पैमाने पर ममहिा ड्रॉपअईट हुअ है। (d) समृमि और स्वतंत्रता कभी प्रा्त भी की जा सकती

ईपयुाक्त धारणाओं में से कौन-सी वैध है/हैं? है, जनता ने आस त्य पर मवश्वास खो ददया है।

पररच्छेद—2
(a) के वि 1
ऄनुवंमर्की में सफिताएं, हमारे मिए अर्ा और मनरार्ा, दोनों ही

(b) के वि 2 मस्थमतयां प्रस्तुत करती हैं। अर्ा यह है दक हम जल्द ही कइ


दुबािकारी रोगों का आिाज और रोकथाम करने में सक्षम हो जाएंगे।
(c) 1 और 2 दोनों मनरार्ा यह है दक हमारा नया ऄनुवंमर्क ज्ञान हमें ऄपनी प्रकृ मत में
हेरफे र करने में सक्षम कर सकता है-हमारे और हमारे बच्चों के
(d) न तो 1, न ही 2 ऄनुवंमर्क िक्षणों को ब़िाने हेतु। ऄनुवांमर्क प्रौद्योमगदकयों के
माध्यम से मानवीय स्वभाव को ईन्नत करने की मुमहम, मवर्ेष ज्ञता
पररच्छेद—1
प्रा्त करने और हावी होने के प्रयासों का प्रमतमनमधत्व करती है,

2008 के मवत्तीय संकट अने तक के वष ा, बाजारों और ऄमवमनयमन वैसा प्रयास जो मानव र्मक्तयों और ईपिमब्धयों के स्वाभामवक
चररत्र की सराहना नहीं करता।
के मुख्य वष ा थे- बाजार की मवजय का युग। यह युग 1980 के दर्क 73. मनम्नमिमखत में से कौन-सा पररच्छेद का सवाामधक

महत्वपूणा मनमहताथा है?


के अरं मभक वष ों में प्रारं भ हुअ, जब रोनाल्ड रीगन और मागारेट
(a) मानव र्मक्तयों और ईपिमब्धयों के स्वाभामवक
थैचर ने यह मवश्वास ददिाया दक बाजार, न दक सरकार, समृमि चररत्र की सराहना नहीं की जानी चामहए क्योंदक वे
जन्मजात हैं, और बाह्य रूप से मनयंमत्रत नहीं दकए
और स्वतंत्रता की कुं जी है। और, यह 1990 के दर्क में जारी रहा। जा सकते हैं।
(b) रोगों के ईपचार और रोकथाम हेतु ऄनुवंमर्क
अज, आस मवश्वास पर प्रश्नमचन्ह है। कु छ िोग कहते हैं दक बाजार
ऄमभयांमत्रकी द्वारा जागृत की गइ अर्ा ऄत्यमधक
संददग्ध है।
की मवजय के मूि में नैमतक मवफिता िािच से जुड़ी थी, मजसके
(c) ऄनुवंमर्क ऄमभयांमत्रकी के क्षेत्र में प्रगमत के
कारण गैर-मजम्मेदाराना रूप से जोमखम ईठाए गए। यद्यमप यह वास्तमवक जीवन संबंधी ऄनुप्रयोगों को एक सुद़िृ
नैमतक ढांचे द्वारा मनदेमर्त दकया जाना चामहए।
मनमश्चत रूप से सत्य है दक िािच ने मवत्तीय संकट में भूममका
(d) सामान्य रूप से मानव जीवन की मनरार्ाएं कभी
मनभाइ, तथामप आससे भी कु छ बड़ा था जो दांव पर है। समा्त नहीं हो सकती हैं।
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74. A, B और C तीन प्रकार की ममठाआयां बच्चों को आस पररच्छेद—2


प्रकार मवतररत की गइ थीं दक प्रत्येक बच्चे को समान
वष ा 2016 में हुए जनमत संग्रह, मजसमें ऄल्प बहुमत ने मब्रटेन द्वारा
संख्या में ममठाआयां प्रा्त हों और दकसी भी बच्चे को एक से
ऄमधक प्रकार की ममठाआयााँ प्रा्त न हों। यदद A, B और C यूरोपीय संघ (EU) को छोड़ने के मवकल्प का चयन दकया गया था,
ममठाआयों के के वि 13, 17 और 41 टु कड़े ईपिब्ध थे, ने व्यापक रूप से नस्िवाद की वृमि में योगदान ददया। मुझे यह
तब ईपमस्थत होने वािे बच्चों की कम से कम संभामवत
स्पष्टीकरण ऄपूण,ा ऄसंगत और ऄत्यमधक एक पक्षीय प्रतीत होता
संख्या ज्ञात कीमजए।
(a) 41 है। आससे बेहतर स्पष्टीकरण स्वास््य, अवास और मर्क्षण संस्थानों
(b) 71 जैसे सीममत संसाधनों को साझा करने संबंधी बचताओं पर कें दद्रत
(c) 31 होता। िोगों का मुक्त अवागमन ऄथाात् खुिी सीमाएं, यूरोपीय
(d) 21
संघ की संस्थापना के अधारभूत मसिांतों में से एक है। 2004 तक,

मनम्नमिमखत 5 (पांच) प्रश्नों के मिए मनदेर्ः जब यूरोपीय संघ द्वारा पूवी यूरोपीय देर्ों को र्ाममि करने हेतु

मनम्नमिमखत चार पररच्छेदों को पद़िए और आनके अगे अने वािे ऄपना मवस्तार दकया गया, ईस समय अंतररक ऄप्रवासन कोइ
प्रश्नों के ईत्तर दीमजए। आन प्रश्नों के अपके ईत्तर आन्हीं पररच्छेदों पर
गंभीर मुद्दा नहीं था। देर्ों के मध्य िोगों के प्रवास में आतनी
अधाररत होने चामहए।
ऄसमानता मवद्यमान नहीं थी दक ईससे कोइ राजनीमतक समस्याएं
पररच्छेद—1
एि मनकरपक्ष योग्यता तंत्र (मेरीटोक्रेसी) मजसके तहत प्रा्त ईत्पन्न हों, और यूरोपीय िोगों ने यूरोपीय संघ के भीतर प्रवासी
सामामजक मस्थमत प्रयास और प्रमतभा को प्रदर्थर्त करती है, के िोगों के स्वैमच्छक स्थान पर रहने और काम करने की योग्यता को
मनमााण पर ऄथक बि, हमारी सफिता (या आसकी कमी) की सकारात्मक रूप से स्वीकार दकया, भिे ही ऄनेक िोगों द्वारा
व्याख्या करने के तरीके पर क्षयकारी प्रभाव डािता है। यह धारणा
पिायन करने के प्रमत ऄमनच्छा व्यक्त की गयी।
दक व्यवस्था प्रमतभाओं और कठोर पररश्रम को पुरस्कृ त करती है,
मवजेताओं को ऄपने सद्गुणों के माप के रूप में सफिता को ऄपने 76. ईपयुाक्त पररच्छेद के संदभा में, मनम्नमिमखत में से कौन-
कमा का पररणाम मानने और ऄपने से कम भाग्यर्ािी िोगों को सा/से मनकरकष ा प्रा्त दकया/दकए जा सकता है/सकते हैं:
मनम्नतर मानने हेतु प्रोत्सामहत करती है। हारने वािे यह मर्कायत
1. यूरोपीय िोगों का यूरोपीय संघ में कहीं भी स्वतंत्र
कर सकते हैं दक व्यवस्था में धांधिी हुइ है, मवजेताओं ने छि दकया
रूप से रहने और काम करने वािे साथी यूरोपीय
है, और र्ीष ा पर ऄनुमचत रीमत से पहुंचे हैं। या, वे आस सोच को
प्रश्रय दे सकते हैं दक ईनकी ऄसफिता ईनकी ऄपनी है और ईनके व्यमक्त को सकारात्मक रूप से स्वीकार करने का
पास सफि होने हेतु प्रमतभा और सहज प्रवृमत्त की कमी है। दृमष्टकोण 2004 के बाद मबल्कु ि भी नहीं पररवर्थतत
75. ईपयुाक्त पररच्छेद से सवाामधक ताकिककक और तका संगत
हुअ है।
मनकरकष ा क्या मनकािा जा सकता है?
2. मब्रटेन द्वारा यूरोपीय संघ की सदस्यता त्यागने हेतु
(a) सभी समाज, जहां सामामजक पद प्रयास और प्रमतभा
नस्िवाद के ऄमतररक्त ऄन्य कारण भी ईत्तरदायी हो
को को प्रमतबबमबत करते हैं, ऄन्य समाजों की तुिना
सकते हैं।
में ऄन्यायपूणा और ऄनुमचत हैं।
(b) योग्यता अधाररत समाज नैमतक रूप से नीचे ददए गए कू ट का प्रयोग कर सही ईत्तर चुमनए।
ऄसंवेदनर्ीि हैं और भाग्यर्ािी एवं दुभााग्यपूणा (a) के वि 1
दोनों को हतोत्सामहत करते हैं।
(c) समाज को ऄपने मवजेताओं के चयन संबंधी ऄहाता (b) 1 और 2 दोनों
को योग्यता के बजाय धन से प्रमतस्थामपत कर देना
(c) के वि 2
चामहए।
(d) ईपयुाक्त में से कोइ नहीं। (d) न तो 1, न ही 2
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77. िेखक के ऄनुसार, मब्रटेन द्वारा यूरोपीय संघ को छोड़ने पररच्छेद—4


वतामान समय में क्षेत्रीय व्यापार समझौतों (RTA) की भूममका
का, मनम्नमिमखत में से कौन-सा संभामवत कारण हो
मनयंत्रक के रूप में प्रतीत हो रही है। वतामान में दो सौ नब्बे क्षेत्रीय
व्यापार समझौते िागू हैं। क्षेत्रीय व्यापार समझौते औद्योमगक देर्ों
सकता है?
के मध्य िोकमप्रय हैं, और मवकासर्ीि देर्ों को ईनकी जरटिता
(a) यूरोप में नस्िवाद समझे मबना आस तरह के समझौतों पर हस्ताक्षर करने के मिए
प्रिोभन देकर सहमत दकया जा रहा है। यदद क्षेत्रीय व्यापार
(b) पमश्चम यूरोपीय देर्ों के संसाधनों पर ब़िता दबाव समझौते ती्र गमत से व्यापार सृजन को प्रोत्सामहत करते हैं तो साथ
ही साथ वे रोजगार के ऄवसरों को भी नष्ट कर देते हैं। व्यापार की
(c) पूवी यूरोपीय देर्ों के संसाधनों पर ब़िता दबाव ददर्ा पररवर्थतत करने के संबंध में भी क्षेत्रीय व्यापार समझौते
समस्या ईत्पन्न करने वािे क्षेत्र हैं। जब व्यापार समझौते ऄमस्तत्व
(d) पूवी यूरोप के देर्ों में ब़िी ऄसमानता में अते हैं, तो क्षेत्रीय व्यापार समझौते के सदस्यों के मध्य प्रर्ुल्क
(टैररफ) की दर कम होने के कारण मांग क्षेत्रीय व्यापार समझौते के
पररच्छेद—3
कु र्ि ईत्पादक सदस्यों की तुिना में ऄकु र्ि ईत्पादक सदस्यों की
बेस कैं पों पर मवद्यमान कायाकतााओं और पयाटकों के दैनमन्दन जीवन ओर प्रमतस्थामपत हो जाती है। िेदकन आतना सब वर्थणत करने के
बाद भी, क्षेत्रीय व्यापार समझौतों का ऄमस्तत्व बना हुअ है। आसका
और गमतमवमधयों से ईत्पन्न होने वािे अकमस्मक प्रदूष ण के प्रभाव
सबसे सामान्य कारण मवश्व व्यापार संगठन की वातााओं की मनरं तर
ऄंटाका रटका के मिए सामान्य प्रतीत होने वािा दकन्तु ऄत्यमधक मवफिता है।
गंभीर खतरा है। ठं डे और धीरे -धीरे पररवर्थतत होने वािे पयाावरण 79. ईपयुाक्त पररच्छेद से मनम्नमिमखत में से कौन-सा मनकरकष ा
ताकिककक रूप से नहीं मनकािा जा सकता है?
में साधारण घटनाओं का प्रभाव वष ों तक मवद्यमान रह सकता है।
(a) क्षेत्रीय व्यापार समझौतों के कारण मवकासर्ीि और
ईदाहरण के मिए मवश्व के समर्ीतोकरण भागों में भी कु छ ही माह में औद्योमगक दोनों देर् समान रूप से हामन की मस्थमत
क्षय हो जाने वािे काबामनक पदाथों को आस पयाावरण में क्षय होने में हैं।
(b) क्षेत्रीय व्यापार समझौतों द्वारा पररकमल्पत क्षेत्रीय
में कइ दर्क िग सकते हैं। मृद ु ठं डी जिवायु वािे काइ से ढके हुए
व्यापार में वृमि के पररणामस्वरूप रोजगार सृजन में
तटों पर पद मचन्हों की रूपरे खा कइ वष ों के बाद ऄभी भी देखी जा संगत वृमि नहीं हो सकती है।
सकती है। (c) प्रर्ुल्क (टैररफ) कम होने से ईत्पादन प्रदक्रया में
ऄकु र्िता ईत्पन्न हो सकती है।
78. पररच्छेद का सबसे महत्वपूणा मनमहताथा मनम्नमिमखत में से (d) यदद मवश्व व्यापार संगठन की वातााएं मनरं तर मवफि
रहती हैं, तो क्षेत्रीय व्यापार समझौतों के जारी रहने
कौन-सा है?
की संभावना है।
(a) ऄंटाका रटका में प्रदूष ण के दीघाकामिक प्रभाव हो
80. एक व्यमक्त पमश्चम से पूवा की ओर यात्रा करते हुए
सकते हैं।
ऄंतरराष्ट्रीय मतमथ रे खा को पार करता है और ईसे एक
(b) के वि काबामनक पदाथों द्वारा होने वािा प्रदूष ण ऄमतररक्त ददन प्रा्त हो जाता है। यदद वह व्यमक्त 1 मइ
ऄंटाका रटका में खतरनाक और गंभीर पररणाम ईत्पन्न को 5 P.M. पर ऄपनी यात्रा प्रारम्भ करता है और पूरी
करे गा। यात्रा में ईसे 9 घंटे का समय िगता है, तब वह दकस
मतमथ और दकस समय पर ऄपने गंतव्य स्थान तक
(c) काबामनक पदाथों से होने वािे प्रदूष ण ऄंटाका रटका में
पहुंचेगा?
बचता का मवष य नहीं है, क्योंदक यह प्रदूष ण सरिता (a) 2 मइ को 2 A.M. पर

से क्षय हो जाता है। (b) 30 ऄप्रैि को 2 P.M. पर


(c) 1 मइ को 2 A.M. पर
(d) (b) और (c) दोनों
(d) 1 मइ को 2 P.M. पर
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ANSWERS & EXPLANATION


APTITUDE TEST–Test 7 (2854) – 2019

1. (d)

वायरस 1 से 2, 2 से 4, 4 से 8 और आसी प्रकार अगे ववभावजत होता है। आस प्रकार ददए गए वायरस की जनसंख्या को दकसी
भी समय, 2n के रूप में दर्ााया जा सकता है, जहां n एक पूर्ा संख्या है। यह एक चरघातांकी फलन है, वजसे वक्र D द्वारा
ईपयुक्त रूप से दर्ााया गया है।
2. (c)

ग्राफ से यह स्पष्ट होता है दक, दी गइ समयाववध में इ-वॉलेट्स के माध्यम से दकए गए लेन-देनों में थोडा वृवि (ऄथाात 13,380
करोड से 16,497 करोड रुपये) हुइ है। दकन्तु UPI के माध्यम से दकया जाने वाला लेन-देन 27,022 करोड से बढ़कर 108,609
करोड हो गया है। आस प्रकार, यह स्पष्ट है दक दी गइ समयाववध के दौरान UPI से दकए जाने वाले लेन-देनों ने इ-वॉलेट को पीछे
छोड ददया है। आसवलए, कथन 1 सही है।

फरवरी 2019 तक, क्रेविट कािा से दकए जाने वाले लेन-देनों का मूल्य 48,859 करोड हो गया था और UPI से दकए जाने वाले
लेन-देनों का मूल्य 108,609 करोड हो गया था। आस प्रकार, क्रेविट कािा लेन-देनों का मूल्य UPI प्लेटफॉमा के अधे से भी कम
था। आसवलए, कथन 2 सही है।

आसवलए, ववकल्प (C) सही ईत्तर है।

3. (c)

दी गइ अकृ वतयां आस प्रकार हैं:

अकृ वत (i) और (iv) की तुलना करने पर हमें ज्ञात होता है दक  और β दोनों अकृ वतयों में ईभयवनष्ठ है। आसवलए, ∆ और $
एक-दूसरे के ववपरीत वस्थत होंगे। आसवलए, ववकल्प (C) सही ईत्तर है।

4. (c)

कथन 1 सही नहीं है। पररच्छे द में यह ईवल्लवखत है दक, भारत में 19वीं सदी के दौरान कै जुअररना लाया गया था और ऄब
लगभग अधे वमवलयन हेक्टेयर में आसकी खेती होने का ऄनुमान है। आस प्रकार, यह देर्ज पौधा नहीं है बवल्क आसे बाहर से लाया
गया था।
कथन 2 सही है। लेखक का कहना है दक कै जुअररना को देर् में 19वीं र्ताब्दी के दौरान लाया गया था और ऄब आसकी लगभग
अधा वमवलयन हेक्टेयर में खेती होती है। यह ऄसंगरित तटीय रे त के साथ-साथ ऄच्छी जल वनकासी वाली मृदा में ईगाया
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जाता है। आसके ऄवतररक्त, आसे कम वर्ाा वाले क्षेत्रों में भी ईगाया जा सकता है। आस प्रकार, हम यह ऄनुमान लगा सकते हैं दक
वववभन्न वातावरर्ों में ईगने के वलए यह व्यापक रूप से ऄनुकूवलत है।
कथन 3 भी सही है। सम्पूर्ा पररच्छेद में, लेखक द्वारा आस पादप प्रजावत के वववभन्न ईपयोग ददए गए हैं वजसमें नाआट्रोजन
वस्थरीकरर्, जलावन लकडी के रूप में ईपयोग, कागज वनमाार् में ईपयोग और बायोमास-अधाररत ववद्युत ईत्पादन के वलए
दकया जाने वाला ईपयोग सवम्मवलत है। आस प्रकार, हम ऄनुमान लगा सकते हैं दक यह ऄनेक ऄंवतम ईपयोग और सेवाएं प्रदान
करने वाले पौधों का बहु-ईपयोगी समूह है।
5. (d)

ववकल्प (A) सही नहीं है। यह लेखक द्वारा ददए गए संदभा का ऄवत सामान्यीकरर् है। ऄंततः, वनधान राज्यों में अर्थथक ववकास
ही अर्थथक ऄवभसरर् प्राप्त करने में सहायता करे गा - जो लंबी ऄववध के दौरान ऄपनी वस्थर प्रकृ वत के कारर् एक महत्वपूर्ा
मानदंि है। वबहार की समस्या यह है दक यह लंबी ऄववध की वस्थर संवृवि के बजाय वछटपुट संवृवि के चरर्ों का साक्षी रहा है।
आसवलए, वबहार का प्रकरर् सामान्यीकृ त नहीं दकया जा सकता है।

ववकल्प (B) सही नहीं है। पररच्छे द वबहार राज्य के संबंध में बात करता है जो ईच आ अर्थथक संववृ ि प्राप्त करने में सक्षम था;
वास्तव में, यह 17 गैर-ववर्ेर् श्रेर्ी वाले राज्यों में सवाावधक तेजी से वृवि करने वाला राज्य था। आसवलए, यह कहना गलत
होगा दक ऄपेक्षाकृ त वनधान राज्य ईच आ अर्थथक संववृ ि दर नहीं प्राप्त कर सकते हैं।
ववकल्प (C) सही नहीं है। लेखक कहता है, अर्थथक ऄवभसरर् की ऄनुपवस्थवत के बावजूद, भारत सवाावधक तेजी से वृवि करने
वाली प्रमुख ऄथाव्यवस्था है। आस प्रकार, यह प्रवृवत्त जारी रह सकती है यदद वनधान राज्यों के वपछडने के बावजूद समृि राज्य
वनरं तर अर्थथक वृवि दजा करते रहें।
6. (a)

कथन 1 सही नहीं है। पररच्छे द में कहीं भी एक ववर्ेर् राज्य के समृि और वनधान लोगों के बीच बढ़ते हुए ऄंतराल के संबंध में
चचाा नहीं की गइ है। पूरे पररच्छेद में लेखक द्वारा के वल समृि और वनधान राज्यों के संबंध में चचाा की गइ है।
कथन 2 सही नहीं है। लेखक ने ईत्तर भारतीय राज्य वबहार को वनधान राज्य, और गुजरात को समृि राज्य के रूप में ईद्धृत
दकया है। यहााँ, लेखक का यह तात्पया नहीं है दक ईत्तरी और दवक्षर्ी राज्यों के बीच के ऄंतराल को पाटने की अव्‍यकता है। हो
सकता है दक ऄन्य ईत्तर भारतीय राज्य (वबहार को छोडकर) ऄपेक्षाकृ त समृि हों और कु छ दवक्षर् भारतीय राज्य वनधान हों।
कथन 3 सही है। प्रारं भ में लेखक कहता है दक भारत में अर्थथक ऄवभसरर् दूर की कौडी बना हुअ है क्योंदक वनधान राज्यों का
समृि राज्यों से वपछडना जारी है। यहााँ लेखक वबहार का ईदाहरर् एक वनधान राज्य के रूप में और गुजरात का एक समृि
राज्य के रूप में देता है। लेखक द्वारा यथा वर्थर्त अर्थथक ऄवभसरर् आस खाइ को पाटने के संबंध में है।
7. (b)

ववकल्प (A) सही नहीं है। लेखक ववद्यालयों से की जाने वाली ऄपेक्षाओं पर कहीं भी प्र्‍न नहीं ईिा रहा है। वास्तव में, लेखक
कहता है, हम ववद्यालयों से ऄसाधारर् काया करने की ऄपेक्षा करते हैं जबदक ईन्हें साधारर् काया करने के वलए संसाधन देते हैं।
आस प्रकार, लेखक यहााँ संसाधनों की कमी पर, न दक ववद्यालयी वर्क्षा प्रर्ाली से ऄपेक्षाओं पर प्र्‍न ईिा रहा है।

ववकल्प (B) सही है। प्रारं भ में ही लेखक कहता है दक हम ववद्यालय प्रर्ाली से बहुत ऄवधक ऄपेक्षा कर रहे हैं जो ऄल्प-
ववत्तपोवर्त और ऄल्प-समर्थथत हैं। हम ऄसाधारर् पररर्ामों की ऄपेक्षा करते हैं और ईन्हें वे संसाधन देते हैं जो के वल सामान्य
पररर्ामों का संबल बन सकते हैं। आस प्रकार, मूल संदर्
े यह है ववद्यालय प्रर्ाली के वलए पयााप्त ववत्तपोर्र् और सहायता की
अव्‍यकता है।
ववकल्प (C) सही नहीं है। वनष्कर्ा में लेखक कहता है दक नीवत वनधाारक ववद्यालयों का मूल्यांकन करने के वलए वववभन्न मावत्रकों
से जुडे पररर्ामों से संतुष्ट नहीं हैं। यहााँ पुन:, लेखक ऄपने अप में मूल्यांकन मावत्रक पर प्र्‍न नहीं ईिा रहा है। लेखक आन
मावत्रकों द्वारा दर्ााए गए वनम्न स्तरीय पररर्ामों की ओर संकेत कर रहा है। आसके ऄवतररक्त, विवजटल भारत योजना के ऄंतगात
आन मावत्रकों को लागू करने का कोइ संदभा नहीं है।

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ववकल्प (D) सही नहीं है। यह एक चरम कथन है। लेखक ऄसाधारर् प्राप्त करने के वलए पयााप्त संसाधनों का महत्व रे खांदकत
करता है। वह यह आं वगत नहीं करता है दक आस प्रकार के पररर्ाम वबल्कु ल भी प्राप्त नहीं दकए जा सकते हैं।

8. (d)

आस प्रकार के प्रश्नों में, पहले हम एक तावलका में दी गइ सूचना को भरें गे और ईसके पश्चात हम अगे के वनष्कर्ा वनकालना
प्रारम्भ करें गे।
कथन (3) से, ऄवनीर् को दफल्में देखना पसंद हैं और वह रांची या आलाहाबाद में नहीं पढ़ाता है तथा वह राजव्यवस्था नहीं
पढ़ाता है।
कथन (4) से, ऄंग्रेजी राहुल द्वारा पढ़ायी जाती है और वह ददल्ली या रांची में नहीं पढ़ाता है।

कथन (6) से, अददत्य और सत्यम भूगोल नहीं पढ़ाते हैं और न ही वे काटूान और न्यूज देखना पसंद करते हैं।

मुकेर् पुर्े में पढ़ाता है और वह न तो िेली सोप्स पसंद करता है और न ही गीत।

कथन (2) से, वह व्यवक्त वजसका टेलीववज़न पर पसंदीदा कायाक्रम न्यूज है, वह जयपुर में भूगोल पढ़ाता है। वह प्रकार् होना
चावहए।

ऄब, कथन (5) के ऄनुसार जो व्यवक्त ररयवलटी र्ो पसंद करता है वह पटना में राजव्यवस्था पढ़ता है और अददत्य नहीं है। तो,
वह सत्यम होना चावहए।

कथन (8) से स्पष्ट होता है दक जो व्यवक्त िेली सोप्स देखना पसंद करता है, वह ऄथार्ास्त्र पढ़ाता है, लेदकन वह पटना में नहीं
रहता है। यह व्यवक्त के वल अददत्य हो सकता है। आसवलए, हम प्राप्त करते हैं:

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कथन (1) से स्पष्ट होता है, दक जो व्यवक्त आवतहास पढ़ाता है, वह दफल्में देखना पसंद नहीं करता है। यह व्यवक्त मुकेर् होना
चावहए। आसवलए, हम प्राप्त करते हैं:

ऄब, तीन र्हर र्ेर् हैं - रांची, आलाहाबाद और ददल्ली। ईपयुाक्त तावलका से हम यह ऄनुमान लगा सकते हैं दक ऄवनीर् ददल्ली
में पढ़ाता है और राहुल आलाहाबाद में। आसवलए अददत्य ऄव्‍य ही रांची में पढ़ा रहा है।
आसवलए ऄंवतम व्यवस्था आस प्रकार होगी:

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जो व्यवक्त गीत पसंद करता है, वह पढ़ाने के वलए आलाहाबाद जाता है।

9. (b)

सत्यम राजव्यवस्था पढ़ाता है।

10. (b)

ऄवनीर् ददल्ली में समाजर्ास्त्र पढ़ाता है।

11. (d)

पुर्े में पढ़ाने वाला व्यवक्त काटूान पसंद करता है।

12. (b)

ऄवभर्ेक द्वारा तय दकए गए मागा को नीचे दर्ााया गया है:

आस प्रकार ऄवभर्ेक का मुख दवक्षर् की तरफ होगा।

आसवलए, ववकल्प (b) सही ईत्तर है।

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13. (b)

हम ददए गए कथनों के अधार पर वनम्नवलवखत वेन अरे ख (Venn diagram) बना सकते हैं:

अरे ख से यह ऄनुमान लगाया जा सकता है दक कु छ देर् महाद्वीप हैं और कु छ देर् राजधावनयााँ हैं।
आसवलए, ववकल्प (B) सही ईत्तर है।

14. (c)

माना दक संख्या के चार भाग A, B, C और D हैं।

प्रश्ननुसार, पहले भाग का दो गुना, दूसरे भाग का तीन गुना और तीसरे भाग का चार गुना अपस में बराबर हैं।

तब, 2A = 3B = 4C

माना दक 2A = 3B = 4C = k

या A = k/2; B = k/3; C = k/4

या A : B : C = 6 : 4 : 3

या A : B : C = 30 : 20 : 15 …. (i)

यह भी ददया गया है दक दूसरे भाग का छह गुना, तीसरे भाग का अि गुना और ऄंवतम भाग का पांच गुना बराबर हैं।

तब, 6B = 8C = 5D

माना दक 6B = 8C = 5D = k

या B = k/6 ; C = k/8 ; D = k/5

या B : C : D = 20 : 15 : 24 …. (ii)

आस प्रकार, समीकरर्ों (i) और (ii) में B और C के भाग समान (ऄथाात 20 और 15) हैं।

ऄतः, A : B : C : D = 30 : 20 : 15 : 24

या A = 30x, B = 20x, C = 15x, D = 24x

ऄब, हम ववकल्पों को एक-एक करके देखते हैं।

ववकल्प (a): पहला भाग 30x है जो 6 से ववभाज्य है। आसवलए, यह सही है।

ववकल्प (b): तीसरे और चौथे भाग का योग 39x है जो 13 से ववभाज्य है। आसवलए, यह सही भी है।

ववकल्प (c): तीसरा भाग 15x है और के वल 4 से ववभाज्य है यदद x का मान 4 या 4 का कोइ गुर्क है। आसवलए, यह हमेर्ा
सही नहीं होगा।
ववकल्प (d): ऄंवतम भाग और दकसी ऄन्य भाग का गुर्नफल {i.e. (24x × 30x), (24x × 20x), (24x × 15x)} 5 से
ववभाज्य है। आसवलए, यह सही है।

ऄतः, ववकल्प (C) सही ईत्तर है।

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15. (d)

ववकल्प (A) सही नहीं है। पररच्छे द में कहा गया है दक ववक्षोभ वहमालय के वहमनदों और स्थानीय पाररवस्थवतकी को बनाए
रखने में सहायता करता है। आसका तात्पया यह नहीं है दक वहमालय के वहमनद पवश्चमी ववक्षोभ का पररर्ाम हैं। लेखक के
ऄनुसार, पवश्चमी ववक्षोभ आन वहमनदों को बनाए रखने में सहायता करता है; संभव है दक आन वहमनदों का कु छ ऄन्य कारकों से
वनमाार् हुअ हो (जो आस पररच्छेद के दायरे से बाहर है)।
ववकल्प (B) सही नहीं है। पररच्छेद में कहा गया है दक पवश्चमी ववक्षोभ र्ीतकालीन फसलों को पोर्र् प्रदान करता है। आसमें
ग्रीष्मकालीन फसलों के संबंध में कु छ भी वर्ान नहीं दकया गया है। आसवलए, यह आस पररच्छेद के दायरे से बाहर है।

ववकल्प (C) सही नहीं है। पररच्छेद में कहा गया है दक पवश्चमी ववक्षोभ में दवक्षर् पवश्चम मानसून के र्वक्तर्ाली 'पंच' का ऄभाव
है। आसका स्पष्ट ऄथा है दक पवश्चमी ववक्षोभ की तुलना में दवक्षर्-पवश्चम मानसून ऄवधक र्वक्तर्ाली है।
ववकल्प (D) सही है। पररच्छे द में कहा गया है दक पवश्चमी ववक्षोभ के कु छ सकारात्मक प्रभाव हैं जैसे वहमालय के वहमनदों और
स्थानीय पाररवस्थवतकी को बनाए रखना। पवश्चमी ववक्षोभ र्ीतकालीन फसलों को भी पोर्र् प्रदान करता है। साथ ही, पवश्चमी
ववक्षोभ के कु छ नकारात्मक प्रभाव भी हैं। आससे, ववर्ेर् रूप से ईत्तर भारत के भूस्खलन और अकवस्मक बाढ़ प्रवर् पवातीय
क्षेत्रों में कभी-कभी मौसम की गडबवडयााँ होती हैं। आस प्रकार, ईपयुाक्त पररच्छेद का ताकिककक वनष्कर्ा यह है दक पवश्चमी ववक्षोभ
के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव हैं।
16. (d)
पूवाधारर्ा कथन पररच्छेद में ददए गए कथन को वैध बनाने में सहायता करता है। यह पूवाापेक्षा के रूप में काया करता है वजसे
लेखक ऄपने ववश्लेर्र् का अधार बनाता है।
कथन 1 सही नहीं है। यह पररच्छे द पवश्चमी ववक्षोभ के नामकरर् का पता लगाने का प्रयास नहीं करता है। आसका कोइ संदभा
पररच्छेद में नहीं है दक आसका ऐसा नामकरर् क्यों दकया गया है। आसवलए, ऐसी कोइ भी पूवाधारर्ा ऄमान्य होगी।

कथन 2 सही नहीं है। आस पररच्छे द में ईत्तर भारत के भूस्खलन और अकवस्मक बाढ़ प्रवर् पवातीय क्षेत्रों का ईल्लेख दकया गया
है। आससे यह वनष्कर्ा वनकालना गलत होगा दक भूस्खलन और अकवस्मक बाढ़ पूरे भारतवर्ा में सामान्य हैं।
17. (c)

कथन (A) सही नहीं है। यह कथन पूर्त


ा या एक नए अयाम ऄथाात आलेवक्ट्रक वाहनों का पररचय देता है। आन आलेवक्ट्रक वाहनों
और वहमालय के वहमनदों के बीच संबंध स्थावपत करना ऄवतर्योवक्त होगा और यह पररच्छे द के दायरे से बाहर भी है। आसवलए,
यह सवाावधक महत्वपूर्ा वनवहताथा नहीं हो सकता है।
कथन (B) सही नहीं है। यह पररच्छेद भारत में पवश्चमी ववक्षोभ के प्रभाव (सकारात्मक और नकारात्मक) का दायरा सीवमत
करता है। आसके र्वक्तर्ाली ’पंच’ को बढ़ाना आसके दायरे में नहीं है। आसवलए, यह कथन सही नहीं है।

कथन (C) सही है। लेखक ईत्तर भारत के पवातीय क्षेत्रों में पवश्चमी ववक्षोभ के कारर् होने वाली भूस्खलन जैसी घटनाओं के
संबंध में चचाा करता है। आस प्रकार के व्यवधानों के प्रवत सडक, ववद्युत और मोबाआल कनेवक्टववटी जैसी सावाजवनक
ऄवसंरचनाओं को प्रत्यास्थ बनाना ताकिककक वनवहताथा हो सकता है। आसवलए, यह कथन सही है।

कथन (D) सही नहीं है। सवाप्रथम, यह पररच्छेद आस बारे में चचाा करता है दक दकस प्रकार पवश्चमी ववक्षोभ से र्ीतकालीन
फसलें लाभावन्वत होती हैं, न दक बेमौसम वर्ाा के कारर् आन फसलों को होने वाली क्षवत के संबंध में चचाा करता है। वद्वतीय,यह
मानते हुए दक आससे पूर्ातया एक नया अयाम खुल जाएगा, फसलों को पहुाँचने वाली हावन को बीवमत करने के प्रवत कोइ संकेत
नहीं है। आसवलए, यह कथन सही नहीं है।

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18. (d)

दी गइ अकृ वत में वत्रभुजों की संख्या की गर्ना करने के वलए, हम अकृ वत को 4 भागों में ववभावजत कर सकते हैं ऄथाात् वत्रभुज
ABK, वत्रभुज KNH, वत्रभुज BEM और चतुभज
ुा MNHE.

वत्रभुज ABK में,

वत्रभुज ABK में वत्रभुजों की संख्या = 1 + 2 + 3 + 4 + 5 + 6 + 7 + 8 + 9 = 45 वत्रभुज

वत्रभुज HKN में,

वत्रभुज HKN में वत्रभुजों की संख्या = 1 + 2 + 3 = 6 वत्रभुज

वत्रभुज BEM में,

वत्रभुज BEM में वत्रभुजों की संख्या = 1 + 2 + 3 = 6 वत्रभुज

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चतुभज
ुा MNHE में,

चतुभज
ुा MNHE में वत्रभुजों की संख्या = 8 वत्रभुज

(LEM, LEH, LHN, LMN, MEH, MHN, MEN, EHN)

सभी चार भागों को जोडने पर,

हमें 6 ऄवतररक्त वत्रभुज प्राप्त होते हैं (जो BMH, CMH, DMH, ENK, ENJ और ENI हैं)।

ऄतः, वत्रभुजों की कु ल संख्या = 45 + 6 + 6 + 8 + 6 = 71 वत्रभुज।

19. (d)

A @ B का ऄथा है B, A की पोती है।

A & B का ऄथा है A, B का पुत्र है।

A * B का ऄथा B, A का वपता है।

आसवलए, P & Q * R @ S को वनम्न प्रकार से दर्ााया जा सकता है-

फै वमली ट्री अरे ख से यह स्पष्ट होता है दक R, P का दादा है।

आसवलए, ववकल्प (D) सही ईत्तर है।

20. (a)

दी गइ श्रृंखला है: 5C, 14F, 29I, 50L, ?, 110R, 149U

ईपयुाक्त श्रृंखला से, यह स्पष्ट होता है दक प्रत्येक पद एक वर्ामाला और एक संख्या का संयोजन है।

ऄक्षरों का पैटना:
ऄंग्रेजी वर्ामाला श्रृंखला में श्रृंखला का प्रत्येक ऄगला ऄक्षर वपछले ऄक्षर से तीन स्थान अगे बढ़ता है।
C + 3 = F; F + 3 = I; I + 3 = L; L + 3 = O; O + 3 = R; R + 3 = U

आसवलए, ऄभीष्ट ऄक्षर O होगा।

संख्याओं का पैटना:

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ऄभीष्ट संख्या 77 है।

ऄतः, लुप्त संख्या 77O है।

आसवलए, ववकल्प (A) सही ईत्तर है।

21. (a)

जैसा दक हमें ज्ञात है दक A एक मवहला है, ऄतः हम ववकल्प (D) ऄथाात भाइ को सीधे ही वनरस्त कर सकते हैं। ऄब, जैसा दक A
का B और C के साथ समान संबंध है, साथ ही B का C के साथ भी वही संबंध है ऄतः आन्हें एक ही पीढ़ी से संबंवधत होना
चावहए।
आसवलए, हम ववकल्प (B) और (C) को भी वनरस्त कर सकते हैं।

22. (d)

कॉफी र्ॉप का क्षेत्रफल = 5 मीटर × 4 मीटर = 20 वगा मीटर

एक टाआल का क्षेत्रफल = 0.2 मीटर × 0.2 मीटर = 0.04 वगा मीटर

अव्‍यक टाआलों की संख्या = अयताकार क्षेत्र का क्षेत्रफल ए एक वगााकार टाआल का क्षेत्रफल = 20 वगा मीटर ए 0.04 वगा मीटर
= 500

ऄतः, टाआलें लगवाने की कु ल लागत = टाआलों की संख्या × 1 टाआल दफटटग की लागत = 500 × 40 = 20,000 रुपये

आसवलए, ववकल्प (D) सही ईत्तर है।

23. (a)

मूल ईत्पाद की कु ल वववनमाार् लागत = 80 x 1200 = 96,000 रुपये

मूल ईत्पाद का ववक्रय करने से सृवजत राजस्व = 100 x 1200 = 120,000 रुपये

मावसक लाभ = 120,000 - 96,000 = 24,000 रुपये

बेहतर ईत्पाद की प्रवत यूवनट वववनमाार् लागत = 80 x 110/100 = 88 रुपये

बेहतर ईत्पाद की कु ल वववनमाार् लागत = 88 x 2100 = 184,800 रुपये

बेहतर ईत्पाद का ववक्रय करने से सृवजत राजस्व = 100 x 2100 = 210,000 रुपये

नया मावसक लाभ = 210,000 - 184,800 = 25,200 रुपये

ऄतः, बेहतर ईत्पाद के साथ प्रवत माह वववनमााता के लाभ में होने वाली वृवि = 25,200 - 24,000 = 1,200 रुपये

आसवलए, ववकल्प (A) सही ईत्तर है।

24. (c)

ववकल्प (A) सही नहीं है। ववकल्प (A) सांस्कृ वतक सापेक्षतावादी दृवष्टकोर् का नहीं बवल्क स्वजातीय ईत्कृ ष्टता दृवष्टकोर् का
प्रवतवनवधत्व करता है। स्वजातीय ईत्कृ ष्टता दृवष्टकोर् के ऄंतगात, व्यवक्त ऄपने स्वयं के मानदंिों, मूल्यों या मान्यताओं के अधार
पर ऄन्य समुदायों की संस्कृ वतयों की अलोचना करता है या रूदढ़वादी छववयां बनाता है।
ववकल्प (B) सही नहीं है। लेखक ऄन्य लोगों की प्रथाओं को दकसी भी प्रकार से सहन करने के संबध
ं में बात कर रहा है (वजसमें
वववर्ता का तत्त्व है) भले ही अप ईन्हें पसंद न करते हों। वनष्कर्ा रूप में, लेखक का कहना है, दक सांस्कृ वतक सापेक्षतावाद
ऄन्य संस्कृ वतयों की अलोचना न करने से सम्बंवधत है। जो व्यवक्त अलोचना नहीं करता है, वह स्वेच्छा से संस्कृ वतयों की
ववववधता की सराहना करता है न दक बस ईन्हें जैसे-तैसे सहन करता है।

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ववकल्प (C) सही है। वनष्कर्ा रूप में, लेखक का कहना है दक सांस्कृ वतक सापेक्षतावादी दृवष्टकोर् का ऄथा ऄपने समूह से वभन्न
समूहों की सांस्कृ वतक प्रथाओं की अलोचना नहीं करना है। आसके वलए, यह अव्‍यक है दक हम ऄन्य समूहों की सांस्कृ वतक
प्रथाओं को ईनके ऄपने सांस्कृ वतक संदभा में समझें। ऐसा करने के वलए ऄन्य संस्कृ वतयों के प्रवत सहानुभूवत की भावना की
अव्‍यकता होती है। यह कथन सांस्कृ वतक सापेक्षतावादी दृवष्टकोर् का सार सवोत्तम रूप से दर्ााता है।
ववकल्प (D) सही नहीं है। सवाप्रथम, लेखक संस्कृ वत के वसफा एक पहलू के रूप में खानपान की अदतों के संबंध में चचाा करता है।
आस प्रकार, के वल सूखे वस्िि या कीडों को खाने से सहमत होना सांस्कृ वतक सापेक्षतावादी दृवष्टकोर् नहीं है। आसके ऄवतररक्त,
लेखक सांस्कृ वतक सापेक्षतावाद और स्वजातीय ईत्कृ ष्टता में वव्‍वास जैसी ऄपेक्षाकृ त जरटल ऄवधारर्ाओं का सरलीकरर्
करने के वलए एक ईदाहरर् के रूप में सूखे वस्िि या कीडे खाने का ईिरर् देता है। सांस्कृ वतक सापेक्षतावाद के वल ऄन्य लोगों
की ईनकी सांस्कृ वतक ऄवधमानताओं के वलए अलोचना नहीं करने के संबंध में है, न दक ववर्ेर् खाद्य पदाथा जैसे दक वस्िि या
कीडे खाने के सम्बन्ध में ।
25. (a)

कथन 1 सही नहीं है। लेखक ने पुत्रों के पक्ष में कइ कारकों का ईल्लेख दकया है, जैसे - के वल पुत्र ही ऄंवतम संस्कार कर सकते हैं,
ईत्तरावधकार पुरूर् ऄनुक्रम के माध्यम से चलता है अदद, आसवलए यह कहना गलत नहीं होगा दक पुत्रों के वलए दहेज की
ऄनुपवस्थवत एकमात्र कारर् है वजसके चलते ईन्हें बोझ नहीं माना जाता है।
कथन 2 सही है। लेखक कहता है, कु छ प्रथाएं जैसे - के वल पुत्र द्वारा ऄंवतम संस्कार करना, वंर्ानुक्रम और ईत्तरावधकार का
पुरुर् ऄनुक्रम के माध्यम सेअगे बढ़ना, पुत्रों द्वारा वृिावस्था में माता-वपता की देखभाल करने की धारर्ा अदद प्रचवलत हैं।
पुरुर्ों के पक्ष में पक्षपाती आन सांस्कृ वतक प्रथाओं के कारर् पुत्र को पसंद दकया जाता है और पुत्री को बोझ माना जाता है। आस
प्रकार, हम कह सकते हैं दक आस प्रकार की सांस्कृ वतक प्रथाएं समाज में मवहलाओं की वनम्न वस्थवत में योगदान दे रही हैं।

कथन 3 सही नहीं है। वनष्कर्ा रूप में, लेखक का कहना है दक वववभन्न सांस्कृ वतक प्रथाओं ने अग में घी का काम दकया है वजसमें
‘मवहलाएं जलती हैं’। ‘मवहलाएं जलती हैं’ का यहााँ प्रतीकात्मक ऄथा है - ऄंतत: हावर्ए पर मवहलाएं होती हैं। लेखक र्ावब्दक
ऄथों में सती प्रथा या मवहलाओं को जलाने की प्रथा के संबंध में चचाा नहीं कर रहा है।
26. (d)

ववकल्प (A) सही नहीं है। लेवखका का ध्यान कायाालय के काम पर नहीं है। वास्तव में, लेवखका यह कहने की प्रयास कर रही है
दक मृत्युर्य
ै ा पर व्यवक्त कभी भी प्‍चताप नहीं करता है दक ईसने पयााप्त रूप से कायाालय का काम नहीं दकया। आस प्रकार,
ऐसी ऄन्य चीजें भी हैं जो कायाालय के काम से ऄवधक महत्वपूर्ा हैं। साथ ही, यह कहना गलत होगा दक यह सभी के वलए
ऄंवतम संतुवष्ट का स्रोत है।
ववकल्प (B) सही नहीं है। लेवखका कहती है, वतामान में हम तुच्छ कारर्ों से ववद्यालय खेल ददवस जैसे कायाक्रमों को याद करते
हैं। वह यह कहना चाहती है दक ये कायाक्रम हमारी स्मृवत का भाग हैं वजसे हम भववष्य में संजोते हैं। हालांदक, आसका ऄथा यह
नहीं है दक आन कायाक्रमों में भाग लेना कानूनी रूप से ऄवनवाया बनाया जाना चावहए। लोगों की ऐसी अपातकालीन वस्थवतयां
रही होंगी वजसके वे ऐसे कायाक्रमों में भाग नहीं ले पाए।
ववकल्प (C) सही नहीं है। यह ऄवतर्योवक्त है। लेवखका कहती है, ईसे हर खेल ददवस और प्रमार्पत्र प्रस्तुवत याद है वजसमें वह
चूक गइ थी। हो सकता है ईनमें वह कु छ में वह ईपवस्थत रही हो। आसवलए, यह कहना गलत होगा दक लेवखका ववद्यालय में
प्रत्येक खेल ददवस और प्रमार्पत्र प्रस्तुवत में भाग लेने से चूक गइ।
ववकल्प (D) सही ऄनुमान है। लेवखका ऄपने कायाालय से परे जीवन के महत्व पर प्रकार् िालने के वलए खेल ददवस और
प्रमार्पत्र प्रस्तुवत जैसे कायाक्रमों को ईद्धृत करती है। आन कायाक्रमों में भाग लेने का कोइ भौवतक लाभ नहीं रही होगा,
हालांदक, ये ऄत्यवधक संतवु ष्ट प्रदान करते हैं। संपूर्ा ववचार यह है दक अनंदमय जीवन के वलए काया-जीवन का संतल
ु न महत्वपूर्ा
है।
27. (a)

कथन 1 सही नहीं है। आस पररच्छेद में, लेखक ने एक ईदाहरर् के रूप में फास्ट फू ि के संबंध में चचाा यह ददखाने के वलए की है
दक दकस प्रकार हमारी अदतें हमारी पसंद को प्रभाववत करती हैं। पररच्छे द में कहीं भी फास्ट फू ि के स्वास् य पहलुओं की ओर

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संकेत नहीं दकया गया है। पररच्छेद के स्वर से, अप सरलता से ऄनुमान लगा सकते हैं दक फास्ट फू ि सवाथा स्वास्थकारी नहीं हो
सकता है।
कथन 2 सही नहीं है। फास्ट फू ि के ईदाहरर् के माध्यम से, लेखक का ईद्दे्‍य हमारी अदतों और हमारी वरीयताओं के बीच
सूक्ष्म संबंध स्थावपत करना है। फास्ट फू ि लोगो की विजाआन कहीं भी आस पररच्छेद के दायरे में नहीं है।
कथन 3 सही है। फास्ट फू ि का ईदाहरर् ईद्धृत करने के बाद, लेखक कहता है दक ऐसी अदतों का ववकास करना अव्‍यक है
जो हमें सही ददर्ा में ले जाती हैं। ये अदतें व्यवक्त की ऄवधक साथाक और पूर्ा जीवन जीने में सहायता करती हैं। आस प्रकार, यह
ऄनुमान सही है दक व्यवक्त को ऄपना लक्ष्य चुनने में सावधानी बरतनी चावहए क्योंदक हमारी अदतें हमारे जीवन को अकार
देती हैं।
28. (b)

कथन 1 सही नहीं है। पररच्छेद में कहा गया है दक आस स्थावनक-लौदकक संसार में प्रत्येक वस्तु ईन र्ाश्वत ववचारों या
वास्तववकताओं की मविम प्रवतच्छाया है। आस प्रकार, लेखक के वलए, ववचार वास्तववकता हैं और आस संसार की भौवतक चीजें
आन ववचारों की प्रवतच्छाया हैं।
कथन 2 सही है। वनष्कर्ा रूप में लेखक कहता है दक व्यवक्त भी व्यवक्त के ऄपने सापेक्ष ववचार की ऄपूर्ा प्रवत है। ऄथाात, मनुष्य
का ववचार ईस वास्तववकता से वभन्न है वजसमें मनुष्य रह रहा है। आस संदभा में मनुष्य ऄन्यसंक्रांत सत्ता, या ऄपनी स्वय की
वास्तववकता की मिम प्रवत है। आस प्रकार, यह ऄनुमान सही है दक ऄन्यसंक्रांत मनुष्य ऄपनी वास्तववकता से पृथक्कृ त हैं। जैसा
दक लेखक द्वारा ईल्लेख दकया गया है, ऄन्यसंक्रांवत आस पृथक्करर्एऄपूर्त
ा ा के पररर्ामस्वरूप है।

29. (b)

LFPR में वगरावट ग्रामीर् क्षेत्रों (76% से 73% तक) की तुलना में र्हरी क्षेत्रों में (73% से 57% तक) ऄवधक थी। आसवलए,
कथन 1 सही नहीं है।

ग्राफ की प्रवृवत्त से ज्ञात होता है दक वर्वक्षत मवहलाओं की बेरोजगारी दर ऄवधक थी। आसवलए, कथन 2 सही है।

वर्वक्षत पुरुर्ों की बेरोजगारी दर में वृवि सतत रूप से नहीं हुइ थी; बवल्क आसमें ईतार-चढ़ाव देखा गया था। आसवलए, कथन 3
सही है।
आसवलए, ववकल्प (B) सही ईत्तर है।

30. (b)

चूंदक, इर्ान के ईपयोग करने से पहले दो छात्रों ने सोफे का ईपयोग दकया था, ऄतः इर्ान सोफे का ईपयोग करने वाला तीसरा
छात्र होगा। कथन (5) से, हम प्रत्यक्षतः यह वनष्कर्ा वनकाल सकते हैं दक चंदन सोफे का ईपयोग करने वाला 5वां छात्र होगा।

ऄब, कथन (4) से, अया और फ़रहान के बीच तीन छात्रों ने सोफे का ईपयोग दकया था आसवलए सोफ़े का ईपयोग करने वाला
फ़रहान छिा और अया दूसरा छात्र होगा। फ़रहान दूसरे स्थान पर नहीं हो सकता क्योंदक कथन (3) के ऄनुसार फ़रहान से पहले
बाला और ददनेर् ने सोफ़े का ईपयोग दकया था।

ऄब, कथन (2) के ऄनुसार अया ने ददनेर् के बाद सोफे का ईपयोग नहीं दकया। तब सोफे का ईपयोग करने वाला ददनेर् चौथा

और बाला पहला छात्र होगा। आसवलए, ईनके द्वारा सोफे का ईपयोग दकये जाने का ऄनुक्रम वनम्नानुसार होगा:

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आसवलए, सोफे का ईपयोग करने वाला पहला छात्र बाला था।

31. (d)

पांच छात्रों ने फ़रहान से पहले सोफे का ईपयोग दकया।

आसवलए, ववकल्प (D) सही ववकल्प है।

32. (b)

जैसा दक स्पष्ट है दक 3 × 3 चेक बॉक्स में चार o और 3 x हैं, ऄतःयह x प्रतीक का ईपयोग करने वाले वखलाडी की बारी है।

यदद x का ईपयोग करने वाला वखलाडी कोष्ठक 1 में ऄपना प्रतीक बनाता है, तब o का ईपयोग करने वाला वखलाडी कोष्ठक 2
में o भर देगा और ववजेता के रूप में घोवर्त होगा (क्योंदक वतयाक रूप में तीन कोष्ठकों में o होगा)। हालााँदक, यदद x का ईपयोग
करने वाला वखलाडी कोष्ठक 2 में ऄपना प्रतीक बनाता है, तब o का ईपयोग करने वाला वखलाडी कोष्ठक 1 में o भर देगा और
खेल का कोइ ववजेता नहीं होगा (ऄथाात यह ड्रा होगा)।

ऐसे में, खेल की दी गइ वस्थवत से दकसी के भी ववजेता नहीं होने की प्रावयकता है = 1/2

आसवलए, ववकल्प (B) सही ईत्तर है।

33. (a)

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आस प्रकार "?" के स्थान पर 92 अएगा।

आसवलए, ववकल्प (A) सही ईत्तर है।

34. (c)

दो ऄंकों की संख्या: ऐसे दो ऄंक 3 और 9 हो सकते हैं; आनसे बनने वाली संख्याओं की दो संभावनाएं हो सकती हैं- 39 और 93
हो सकती हैं।
तीन ऄंकों की संख्या: ऐसे तीन ऄंक 1, 3 और 9 हो सकते हैं, ऄथाात 3! या 6 संभावनाएं - 139, 193, 319, 391, 913, 931
हो सकती हैं।
हम तीनों ऄंकों के रूप में 3 (ऄथाात 3, 3, 3) नहीं ले सकते हैं, क्योंदक ऄंकों को ऄलग-ऄलग होना चावहए।

आसके ऄवतररक्त, हम ऄंकों की पुनरावृवत्त के वबना 4 ऄंकों या ईससे ऄवधक की संख्या नहीं ले सकते हैं।

ऄतः, आस प्रकार की कु ल संख्याएाँ 8 हैं।

आसवलए, ववकल्प (C) सही ईत्तर है।

35. (a)

ऄंक के दसवें स्थान पर ‘a’ को और ऄंक के आकाइ के स्थान पर को b’ को रखते हैं।

तब, वनर्थमत दो ऄंकों की संख्या (10a + b) होगी, और ईस संख्या का व्युत्क्रम (10b +a) होगा

प्रश्न के ऄनुसार, दो ऄंकों की प्राकृ वतक संख्या का ऄनुपात आसके ऄंकों को ईलट कर बनाइ गइ संख्या से 4: 7 है।

तब, (10a + b) /(10b + a) = 4/7

या 70a + 7b = 40b + 4a

या 66a = 33b

आसवलए, a/b = 1/2

ऄब, a और b के वलए ऐसे सभी संभाववत मानों को सूचीबि करते हैं वजनका ऄनुपात 1: 2 हो।

तावलका का ध्यानपूवाक ऄवलोकन करने पर हम देखते हैं दक सबसे बडी संभाववत संख्या 48 है और ईस संख्या का व्युत्क्रम 84
है।
ऄतः, ऄभीष्ट ऄंतर = 84 - 48 = 36

आसवलए, ववकल्प (A) सही ईत्तर है।

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36. (d)

सेल फोन को सबसे तीव्र संभव समय में तब चाजा दकया जाएगा जब सभी चारों चार्जजग पोटों का ईपयोग एक साथ दकया जाए।
माना दक फोन को टॉप, लेफ्ट, राआट और बॉटम पोटा द्वारा ऄलग-ऄलग चाजा करने हेतु वलए जाने वाले समय क्रमर्ः A, B, C,
और D द्वारा दर्ााया जाता है।

यदद के वल टॉप और बॉटम पोटा का ईपयोग दकया जाता है, तो सेल फोन को पूर्त
ा ः चाजा करने में 20 वमनट लगते हैं। तब 1
वमनट में टॉप और बॉटम पोटा द्वारा पूर्त
ा ः चाजा करने में लगा समय = 1 / A + 1 / D = 1/20 ……… (i)

यदद लेफ्ट, राआट और बॉटम पोटा एक साथ ईपयोग दकए जाते हैं, तो सेल फोन को पूर्त
ा ः चाजा करने में 12 वमनट लगते हैं। तब
1 वमनट में लेफ्ट, राआट और बॉटम पोटा द्वारा पूर्त
ा ः चाजा करने में लगा समय = 1/B + 1/C + 1/D = 1/12 ……….(ii)

यदद टॉप, लेफ्ट, राआट पोटा का ईपयोग दकया जाता है, तो सेल फ़ोन को पूर्त
ा ः चाजा करने में 15 वमनट लगते हैं।

तब 1 वमनट में टॉप, लेफ्ट, राआट पोटा द्वारा पूर्त


ा ः चाजा करने में लगा समय = 1/A + 1/B + 1/C = 1/15 ……….(iii)

समीकरर्ों (i), (ii) और (iii) को जोडने पर, हम प्राप्त करते हैं:

2 (1/A + 1/B + 1/C + 1/D) = 1/20 + 1/12 + 1/15 = (15 + 25 + 20)/300 = 1/5

या 1/A + 1/B + 1/C + 1/D = 1/10

आसवलए, सभी चारों चार्जजग पोटा सेल फोन को पूर्त


ा ः चाजा करने में 10 वमनट का समय लेंगे।

ऄब दी गइ दर्ा में बैटरी चाजा = 92 - 2 = 90% (बैटरी का 2% पहले से ही चाजा दकया हुअ था)

90% बैटरी चाजा को करने के वलए चार चार्जजग पॉआं ट द्वारा वलया गया समय = 10 × (90/100) = 9 वमनट

आसवलए, राघव द्वारा 9 वमनट का चाय ब्रेक वलया गया।

आसवलए, ववकल्प (D) सही ईत्तर है।

37. (c)

100 बहुववकल्पीय प्रश्न हैं वजसमें से 5 प्रश्नों को ऄमान्य घोवर्त दकया गया था। आस प्रकार, कु ल वैध प्रश्नों दक संख्या= 100 - 5
= 95

एक ईम्मीदवार ने 95 प्रश्नों के ईत्तर ददए, वजसमें से 5 प्रश्नों को ऄमान्य घोवर्त दकया गया। तब, ईसके द्वारा ददए गए कु ल
मान्य ईत्तर = 95 - 5 = 90

माना दक सही ईत्तरों की संख्या x है

तब गलत ईत्तरों की संख्या = 90 - x

यह ददया गया है दक प्रत्येक सही ईत्तर के वलए 3 ऄंक ददए जाते हैं, और प्रत्येक गलत ईत्तर के वलए प्रत्येक प्रश्न के वलए वनयत
ऄंकों का 1/3 काटा जाता है। यदद कोइ प्रश्न हल नहीं दकया जाता है या ऄमान्य प्रश्नों के वलए न तो कोइ ऄंक ददया जाता है और
न ही कोइ ऄंक काटा जाता है।
तब, सही ईत्तरों के वलए ददए गए कु ल ऄंक = 3x

गलत ईत्तरों के वलए काटे गए कु ल ऄंक = 1 × (90 - x) = (90 - x)

प्रश्ननुसार,

छात्र द्वारा प्राप्त कु ल ऄंक = सही ईत्तरों के वलए ददए गए ऄंक - गलत ईत्तरों के वलए कटे गए ऄंक = 250

या 3x - (90 - x) = 250

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या 3x - 90 + x = 250

या 4x = 250 + 90 = 340

या x = 340/4 = 85

तब, सही ईत्तरों की कु ल संख्या = 85

और गलत ईत्तरों की कु ल संख्या = 90 - x = 90 - 85 = 5

आसवलए, ववकल्प (C) सही ईत्तर है।

38. (a)

कथन 1 सही है। पररच्छेद SDG के "संधारर्ीयता का ढााँचा" होने के संबंध में बात करता है, वजसका ईद्दे्‍य "हमारे पयाावरर्
से समझौता दकए वबना या समाजों पर ऄनुवचत बोझ िाले वबना" अर्थथक ववकास करना है। यह "समाज के व्यापक ईद्दे्‍यों" के
साथ "ववत्त" को संरेवखत करने के संबंध में भी बात करता है। आसी संदभा में ही लेखक "वव्‍वसनीय ववत्तीय प्रर्ाली" का ईल्लेख
करता है।
कथन 2 सही नहीं है। "वव्‍वसनीय ववत्तीय प्रर्ाली" का संदभा देने से पहले, लेखक कहता है दक दकस प्रकार SDG के साथ
वैवश्वक ववत्तीय प्रर्ाली का संरेखर् हमारी मान्यता प्रर्ाली के ऄनुरूप सामावजक मानदंिों और मूल्यों का समुच्च्य प्रदान
करे गा। आसके अधार पर यह कहना गलत होगा दक "वव्‍वसनीय ववत्तीय प्रर्ाली" सामावजक मानदंिों और मूल्यों के ववरूपर् के
वबना अर्थथक ववकास सुवनवश्चत नहीं कर सकती है। ईनका मुख्य ईद्दे्‍य सामंजस्यपूर्ा अर्थथक ववकास सुवनवश्चत करना है।
39. (c)

ववकल्प (A) सही नहीं है। लेवखका कहीं भी यह नहीं कहती है दक सोर्ल मीविया चरमपंथी ववचारों को बढ़ावा दे रहा है। वह
वसफा सोर्ल मीविया के नकारात्मक पक्ष के रूप में वैवश्वक दृवष्ट के संकीर्ा होने के संबंध में चचता जताती है। आस प्रकार, यह
कथन पररच्छेद द्वारा समर्थथत नहीं है।
ववकल्प (B) सही नहीं है। लेवखका ने पररच्छे द की ऄंवतम पंवक्त में ईल्लेख दकया है, "... वव्‍व अज कहीं ऄवधक स्वच्छंद स्थान
है दकन्तु आसे किोर स्थान बनने की अव्‍यकता नहीं है"। वह अर्ंदकत है दक यह ऄवभमत वनमाार् किोर हो सकता है।
सवाप्रथम, हम वनर्ाायक रूप से यह स्थावपत नहीं कर सकते हैं दक पहले के समय में वव्‍व का ऄवभमत किोर था। वद्वतीय, यह
कहना गलत है दक सोर्ल मीविया की ऄगुवाइ वाले संलाप के लोकतांत्रीकरर् ने पहले से ववद्यमान ऄवभमत की किोरता को
दूर दकया है।
ववकल्प (C) सही है। लेवखका सोर्ल मीविया द्वारा लाए गए "संलाप के लोकतांत्रीकरर्" का ईल्लेख करती है, और यह भी
ईल्लेख करती है दक दकस प्रकार संकीर्ा होती जा रही वैवश्वक दृवष्ट धीरे -धीरे लोगों की व्यवक्तगत बातचीत में का पररलवक्षत हो
रही है। यह कथन लेवखका द्वारा ददए गए आन दो चबदुओं को ईपयुक्त रूप से संपुरटत करता है।
40. (c)

कथन 1 सही है। पररच्छेद में कहा गया है, "एकमात्र ईपाय वजससे हम ऄपने वनों को बचा सकते हैं, स्थानीय समुदायों को
ईनका प्रबंधन करने देना है क्योंदक ये वे ही हैं वजनका वहत ईनका संरक्षर् करने में है।" आससे पता चलता है दक लेखक सख्ती से
स्थानीय समुदायों को वनों का प्रबंधन करने की ऄनुमवत देने के पक्ष में है।
कथन 2 सही नहीं है। पररच्छे द में के वल यह कहा गया है दक "ऄंग्रेज भारत के वनों को के वल दोहन दकए जाने वाले संसाधनों के
रूप में देखते थे" और यह दक ईन्होंने आन्हें लोगों से संरवक्षत दकया। आससे यह वनष्कर्ा नहीं वनकाला जा सकता है दक लोगों को
बाहर वनकालना ऄंग्रज
े ों द्वारा ऄपनाया गया एकमात्र ईपाय था।
कथन 3 सही है। पररच्छेद वनों को के वल संसाधनों के रूप में देखने की ऄंग्रेजों की मानवसकता का ईल्लेख करते हुए अरं भ होता
है और साथ ही यह बताता है दक "हमारे वतामान प्रर्ासकों को वह मानवसकता ववरासत में वमली हुइ प्रतीत होती है।" यह भी

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कहा गया है दक "यह नहीं होने ददया जाना चावहए"। आसके बाद यह स्थानीय समुदायों को "वनों का सवोत्तम संरक्षक" मानने
की सलाह देता है। कथन 3 लेखक के दृवष्टकोर् को सवाश्रष्े ि रूप से दर्ााता है।

41. (b)

ववकल्प (A) सही नहीं है। पररच्छेद के ऄनुसार ऄंग्रेजों ने त्रुरटपूर्ा नीवत का ऄनुसरर् दकया जो ऄभी भी वतामान प्रर्ासकों द्वारा
जारी रखी गइ है। लेदकन, यह कहना सही नहीं होगा दक वनों के ववनार् के वलए पूर्ातया ऄंग्रज
े ही दोर्ी हैं, न दक वतामान
प्रर्ासक। ऄंग्रज
े ों के जाने के बाद नया प्रर्ासन, समुदाय-वहतैर्ी दृवष्टकोर् ऄपना सकता था, दकन्तु ईन्होंने वब्ररटर्-युग की ईसी
मानवसकता को जारी रखने को प्रधानता दी।

ववकल्प (B) सही है। सवाप्रथम, पररच्छेद के वल संसाधनों के रूप में वनों को देखने और देर्ज समुदायों को वनष्कावसत करने की
वब्ररटर् नीवत को दोर्पूर्ा नीवत का नाम देता है। दफर, यह कहते हुए पररच्छे द अगे बढ़ता है दक "लोगों को वनों से पृथक करना
हमारे वनों की मृत्यु की गारं टी देने का ईपाय होगा।" आसवलए, सुरवक्षत रूप से यह ऄनुमान लगाया जा सकता है दक देर्ज
समुदायों के प्रवत प्रचवलत दृवष्टकोर् बदला जाना चावहए।

ववकल्प (C) गलत है। हालांदक, पररच्छेद में कहा गया है दक हमारे वतामान प्रर्ासक स्थानीय अबादी को बवहष्कृ त करने की
त्रुरटपूर्ा नीवत का ऄनुसरर् कर रहे हैं, लेदकन यह कहीं नहीं कहा गया है दक ईनकी नीवतयां हमारे वनों को बचाने के वलए
पूर्त
ा या ववफल रही हैं। यह एक अत्यवन्तक वनष्कर्ा है।

ववकल्प (D) सही नहीं है। पररच्छे द में के वल त्रुरटपूर्ा वब्ररटर् नीवत के संबंध में चचाा की गइ है वजसे हमारे वतामान प्रर्ासकों
द्वारा भी जारी रखा गया है, लेदकन यह कहीं नहीं कहा गया है दक ऄंग्रेजों को ऄपनी त्रुरटपूर्ा नीवत के वलए क्षवतपूर्थत करनी
चावहए। यह कथन पररच्छेद की सीमा से परे है।
42. (c)

B द्वारा बुधवार को खेला गया। B और D द्वारा खेले गए मैचों के बीच के वल एक मैच खेला गया था। सोमवार को, मैच ईसी के
द्वारा खेला गया वजसने 16 रन बनाए। A र्ुक्रवार को नहीं खेला। गुरुवार को खेलने वाले वखलाडी द्वारा बनाए गए रन या वलए
गए ववके ट, र्ुक्रवार को खेलने वाले वखलाडी द्वारा बनाए गए रनों या वलए गए ववके टों का पूर्ा वगा हैं। तब, गुरुवार और
र्ुक्रवार को बनाए गए रन या वलए गए ववके ट क्रमर्ः 25 और 5 होंगे (यह 16 और 4 नहीं हो सकता है क्योंदक 16 रन पहले से
ही ईस वखलाडी द्वारा बना वलए गए थे जो सोमवार को खेला था)। B और D द्वारा खेले गए मैचों के बीच के वल एक मैच खेला
गया था। आसवलए, 2 संभावनाएं हो सकती हैं।

C, जो सोमवार को नहीं खेला था, के द्वारा बनाए गए रन या वलए गए ववके ट एकल ऄंक नहीं हैं। आसका तात्पया है दक C द्वारा
गुरुवार को खेला गया था। तब, हम प्राप्त करते हैं:

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A के द्वारा खेला गया मैच न तो E के मैच के तुरंत पहले था और न ही ईसके तुरंत बाद था। आसका ऄथा है दक A और E ऄपने
मैचों को दो लगातार ददनों में नहीं खेल सकते हैं। तब के स - 1 को वनरस्त दकया जा सकता है।

ऄब, चूंदक A र्ुक्रवार को नहीं खेल सकता है, ईसने मंगलवार को खेला होगा और र्ुक्रवार को E ने ऄपना मैच खेला होगा।
आसवलए ऄंवतम व्यवस्था आस प्रकार है:

A के द्वारा बनाए गए रन या वलए गए ववके ट या तो 4 या 9 हैं।

43. (d)

E ने र्ुक्रवार को खेला।

44. (c)

C के द्वारा बनाए गए रन = 25

D के द्वारा बनाए गए रन = 16

C और D के द्वारा बनाए गए रनों के मध्य ऄंतर= 25 - 16 = 9

45. (d)

लॉचन्चग स्थल और दर्ाक के अंखों के मध्य की दूरी = 3 दकलोमीटर = 3000 मीटर

रॉके ट द्वारा तय की गइ दूरी = 1000 √3 मीटर

रॉके ट द्वारा दर्ाक की अंखों पर बनाए गए कोर् का मान α हो।

तब दी गइ जानकारी से, हम वनम्नवलवखत वचत्र बना सकते हैं:

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वत्रभुज ABC में,

tanα = AB / BC = (1000√3) / 3000

या tanα = 1/√3

या α = 30º

आस प्रकार, ऄभीष्ट कोर् का मान 30º है।

आसवलए, ववकल्प (D) सही ईत्तर है।

46. (c)

यह ददया गया है दक, M, O के बाएं से तीसरे स्थान पर है और K के दाईं ओर से दूसरे स्थान पर है। आसके ऄवतररक्त, K और N
के मध्य तीन व्यवक्त बैिे हैं। आस जानकारी को वनम्न प्रकार से वचत्र में दर्ााया जा सकता है:

आसके ऄवतररक्त, यह ददया गया है दक, J, Q, जो K के तुरंत बाद दाईं ओर बैिा है, के दाईं ओर दूसरे स्थान पर है। आस प्रकार
हम प्राप्त करते है:

M, का मुख P की ओर नहीं है। आस प्रकार, L, M के ववपरीत बैिा होगा। ऄंवतम व्यवस्था वनम्नानुसार है:

N और K एक दूसरे के ववपरीत बैिे हैं। आस प्रकार, कथन 1 सही है।

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M और N एक दूसरे के सवन्नकट नहीं हैं। आस प्रकार, कथन 2 सही नहीं है।

जब O से वामावता ददर्ा में वगना जाता है तो O और K के मध्य के वल दो व्यवक्त बैिे हैं। आस प्रकार, कथन 3 सही नहीं है।

आसवलए, ववकल्प (C) सही ईत्तर है।

47. (a)

मूलधन= 1,44,000 रुपये; दर = 6.25% = 1/16

साधारर् ब्याज = (मूलधन × दर × समय) ए 100

पहला साधारर् ब्याज (तीन वर्ा बाद) = 1,44,000 × (1/16) × 3 = 27,000 रुपये

वह रावर् वजसका भुगतान तीन वर्ा पश्चात दकया जाना चावहए = 1,44,000 + 27000 = 1,71,000 रुपये

3 वर्ा पश्चात भुगतान की गइ रावर् = 44,000 रुपये

3 वर्ा पश्चात र्ेर् रावर् = 1,71,000 - 44,000 = 1,27,000 रुपये

ऄब यह रावर् ऄगले चार वर्ा के वलए मूलधन बन जाएगी।


दूसरा साधारर् ब्याज = 1,27,000 × (1/16) × 4 = 31,750 रुपये

तो, 4 वर्ा के बाद देय रावर् = 1,27,000 + 31,750 = 1,58,750 रुपये

आसवलए, कार का ववक्रय मूल्य = 1,58,750 रुपये

48. (c)

ददए गए सभी राज्यों में एम.दफल में नामांदकत छात्रों की कु ल संख्या = 1500 + 250 + 1000 + 2000 + 500 + 1500 =
6750

ददए गए सभी राज्यों में एम.दफल में नामांदकत छात्रों की औसत संख्या= 6750/6 = 1125

आसवलए, ववकल्प (C) सही ईत्तर है।

49. (a)

अंध्र प्रदेर्, महाराष्ट्र और पवश्चम बंगाल में बी.एि में नामांदकत छात्रों की कु ल संख्या = 3250 + 3000 + 2750 = 9000

कनााटक में एम.दफल में और तवमलनािु में एम. एि में नामांदकत छात्रों की कु ल संख्या = 1000 + 2000 = 3000

ऄभीष्ट प्रवतर्त = [3000/9000] × 100 = 100/3% = 33.33%

आसवलए, ववकल्प (A) सही ईत्तर है।

50. (c)

ववकल्प (A) सही नहीं है। प्रथमत:, आसमें ऐसा कोइ संदभा नहीं है दक औद्योवगक क्रांवत 4.0. में क्या समावहत है। दूसरे , आसे
वनष्कर्ातः स्थावपत नहीं दकया जा सकता दक इ-गवनेंस और विवजटल रूप से सक्षम गावों से भारत का ववकवसत देर् बनना तय
है। वे अव्‍यक हो सकते हैं, लेदकन भारत को ववकवसत देर् बनने में सक्षम करने की यह पयााप्त र्ता नहीं है।

ववकल्प (B) सही नहीं है। कथन का दूसरा भाग जो यह कहता है दक भारत वपछली औद्योवगक क्रांवतयों का लाभ ईिाने में
ववफल रहा है, वह गलत है। लेदकन, आसका ऄथा यह नहीं है दक भारत भववष्य में भी ववकवसत देर् नहीं बन सकता।

ववकल्प (C) सही है । लेखक “ऄभी भी पुरानी प्रौद्योवगकी से तालमेल बैिाने का प्रयास करने” के ववर्य में व्यवथत होता है और
दुखी होता है दक कै से आसके कारर् “हम ववकवसत देर् की प्रवस्थवत प्राप्त करने की दौड में वपछडते जा रहे हैं”। पररच्छेद अगे यह

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कहते हुए आसका समथान करता है दक—“जो देर् औद्योवगक क्रांवत 1.0, 2.0 और और 3.0 के मामले में सबसे अगे थे वे
ववकवसत देर् बन गए”। आसवलए, ववकवसत देर् की वस्थवत के ऄग्रदूत के रूप में तकनीकी ईन्नवत पर जोर है।

ववकल्प (D) सही ईत्तर नहीं हो सकता क्योंदक (A) और (B) दोनों ववकल्प (A) और (B) गलत हैं।

51. (b)

ववकल्प (A) सही नहीं है। पररच्छे द के वल ववमानन क्षेत्र का तेजी से ववस्तार होने और आसके कारर् ऄगले कु छ वर्ों में आसके
द्वारा सामना की जाने वाली क्षमता संबंधी बाधाओं के ववर्य में चचाा करता है। यह कहना गलत होगा दक क्योंदक आसने हाल ही
में पहले से ही ववस्तार कर वलया है, आसवलए यह मंदी का सामना करे गा। संभव है दक ऄवसंरचना का ववकास हो या ना हो दफर
भी यह वनरं तर ववस्ताररत हो सकता है, यद्यवप यह आसकी दक्षता घटने और और सुरक्षा ईपायों की ऄपयााप्तता होने की लागत
पर होगा।
ववकल्प (B) सही है। पररच्छेद स्पष्ट रूप से ऄवसंरचना के ववस्तार में अने वाली बाधाओं के ववर्य में चचाा करता है जैसे गैर
मेट्रो र्हरों में वतामान हवाइ ऄड्डों का ववस्तार करने के वलए स्थान की कमी, और आन र्हरों में नए हवाइ ऄड्डों का वनमाार् करने
की अर्थथक ऄव्यवहायाता। आन्हें ध्यान में रखते हुए, बढ़ती मांग को पूरा करने के वलए ऄवसंरचना के ववस्तार की नइ वववधयों का
ऄन्वेर्र् करना समझदारी है।
ववकल्प (C) सही नहीं है। यद्यवप पररच्छे द ववमानन क्षेत्र का तीव्र गवत से ववस्तार करने के वलए ऄवतररक्त क्षमता ईत्पादन और
ऄवसंरचना के वनमाार् के ववर्य मे चचाा करता है, दकन्तु यह ववमानन क्षेत्रक की ऄन्य क्षेत्रकों जैसे दक रे लवे और सडक पररवहन
के साथ कहीं भी तुलना नहीं करता है। यह कथन आस पररच्छे द की सीमा से परे है।
52. (d)

कथन 1 सही नहीं है। पररच्छेद अदर्ा अचार संवहता की गैर-वैधावनक प्रवस्थवत के बाद भी आनके प्रभावी कायाान्वयन के संदभा
में "कानून की पुस्तकों" में “ऄवधक गंभीर ऄपराधों” को सवम्मवलत करने के ववर्य में चचाा करता है। आसका ऄथा यह नहीं है दक
राजनीवतक दल गैर गंभीर प्रकृ वत के ऄपराधों में सुरवक्षत रूप से वलप्त हो सकते हैं।
कथन 2 सही नहीं है। पररच्छेद के ऄनुसार अदर्ा अचार संवहता को वैधावनक समथान प्राप्त न होते हुए भी, “ववगत एक दर्क में
चुनाव अयोग द्वारा किोरता से प्रवर्थतत दकए जाने के कारर् यह कोि की र्वक्त प्राप्त कर सका है।” यह दर्ााता है दक वनवााचन
अयोग ऐसी अदर्ा अचार संवहता को पयााप्त दक्षतापूवाक कायाावन्वत करने में समथा है वजसे वैधावनक समथान प्राप्त न हो।
चुनाव अयोग की कायाकुर्लता का वनधाारर् करने की ददर्ा में यहााँ कोइ संकेत प्रदान नहीं दकया गया है।
53. (d)

ववकल्प (A) सही नहीं है। नैवतकता ववरुि: प्रत्यक्ष रूप से ववपरीत या ववर्म; परस्पर ऄसंगत। पररच्छेद कहीं भी यह नहीं
कहता दक “वसववल सेवा लोकतंत्र के ववपरीत है”। यह के वल यथावस्थवतवाद की ओर ईसके झुकाव का ईल्लेख करता
है। आसवलए, ददया गया कथन आस पररच्छेद की सीमा से परे है।

ववकल्प (B) सही नहीं है। पररच्छे द ववपक्षी दलों और वसववल सेवा की भूवमका की तुलना नहीं करता है। आसवलए यह नहीं कहा
जा सकता है दक वसववल सेवा की तुलना में ववपक्षी दलों की भूवमका पूरी तरह से नगण्य है।
ववकल्प (C) सही ऄनुमान नहीं है। लेखक वसववल सेवा में सुधार करने की पिवत के रूप में पाश्वा प्रवववष्ट करने के वलए कोइ
संदभा नहीं देता है। आसके ऄवतररक्त यह कहना गलत होगा दक वसववल सेवा के वल ऄपने वनवहत स्वाथों के ववर्य में चचवतत
रहती है।
54. (a)

तय की जाने वाली कु ल दूरी = दोनों रे लगावडयों की लंबाइ = 220 + 220 = 440 मीटर

पहली रे लगाडी की चाल = 54 दकमीएघंटा = 54 × (5/18) = 15 मीटरएसेकंि

दूसरी रे लगाडी की चाल = 90 दकमीएघंटा = 90 × (5/18) = 25 मीटरएसेकंि

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सापेक्ष चाल = 15 + 25 = 40 मीटरएसेकंि

रे लगावडयों द्वारा एक-दूसरे को पार करने में लगने वाला समय = कवर की जाने वाली कु ल दूरीएसापेक्ष चाल = 440/40 = 11
सेकंि
आसवलए, ववकल्प (A) सही ईत्तर है।

55. (b)

दक्रके ट पसंद करने वाले व्यवक्तयों की संख्या = P(C) = 20

हॉकी पसंद करने वाले व्यवक्तयों की संख्या = P(H) = 15

घुडसवारी पसंद करने वाले व्यवक्तयों की संख्या = P(HR) = 12

जो व्यवक्त तीनों खेल पसंद करता है= P(C ∩ H ∩ HR) = 1

जो व्यवक्त दक्रके ट और हॉकी दोनों पसंद करते हैं = P(C ∩ H) = 5

जो व्यवक्त हॉकी और घुडसवारी पसंद करते हैं = P(H ∩ HR) = 3

जो व्यवक्त दक्रके ट और घुडसवारी पसंद करते हैं = P (C ∩ HR) = 2

ऄब, n (A ∪ B ∪ C) = n(A) + n(B) + n(C) – n(A ∩ B) – n(B ∩ C) – n(C ∩ A) + n(A ∩ B ∩ C)

ऄतः ईपयुाक्त सूत्रानुसार, समूह में कु ल व्यवक्तयों की संख्या = P(C) + P(H) + P(HR) – P(C ∩ H) – P(H ∩ HR) – P(C
∩ HR) + P(C ∩ H ∩ HR)

= 20 + 15 + 12 - 5 - 3 - 2 + 1 = 38

आसवलए, ववकल्प (B) सही ईत्तर है।

56. (a)

GDP: यह एक वर्ा में ऄथाव्यवस्था द्वारा ईत्पाददत वस्तुओं और सेवाओं की कु ल मात्रा के बाजार मूल्य या कीमत की एक माप
को संदर्थभत करती है।

आसके ऄवतररक्त, ग्राफ से हम यह ऄनुमान लगा सकते हैं दक 2013-2018 की ऄववध के दौरान GDP में वृवि हो रही है।

ईपयुाक्त पररभार्ा से, के वल कथन 1 सही लगता है क्योंदक यह वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य में वृवि को संदर्थभत करता है।
आसवलए, ववकल्प (A) सबसे ईपयुक्त ववकल्प है।

57. (d)

यह ददया गया है दक रजनी मुकेर् की तुलना में धीमी गवत से साआदकल चला रही है।

तब, मुकेर्> रजनी

अर्ीर् और श्वेता रजनी की तुलना में धीमी गवत से साआदकल चला रहे हैं।

तब, ‘मुकेर्> रजनी> श्वेता> अर्ीर्’ ऄथवा ‘मुकेर्> रजनी> अर्ीर्> श्वेता’

राजेर् के वल दो व्यवक्तयों की तुलना में धीमी गवत से साआदकल चला रहा है।

आस प्रकार, ‘मुकेर्> रजनी> राजेर्> श्वेता> अर्ीर्’ ऄथवा ‘मुकेर्> रजनी> राजेर्> अर्ीर्> श्वेता’

आसवलए, या तो श्वेता या अर्ीर् दूसरी सबसे धीमी गवत से साआदकल चला रहे हैं।

आसवलए, ववकल्प (D) सही ईत्तर है।

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58. (d)

पूर्ाांक: संख्याओं का एक ऐसा समुच आय वजसमें पूर्ा संख्याओं के साथ-साथ ऊर्ात्मक संख्याएाँ भी सवम्मवलत होती हैं, पूर्ाांक
संख्याएं कहलाती हैं। पूर्ाांक धनात्मक और ऊर्ात्मक हो सकते हैं। ईदाहरर् के वलए: -5, -4, -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3 …….

पूर्ा संख्याएाँ: पूर्ा संख्याएाँ दकसी भी दर्मलव या वभन्न के वबना र्ून्य सवहत धनात्मक संख्याएाँ होती हैं।

X और Y पूर्ाांक हैं। ऐसे में X – Y का मूल्य धनात्मक, ऊर्ात्मक या र्ून्य में से कोइ भी हो सकता है। आस प्रकार, कथन 1 सही
नहीं है।

X और Y पूर्ाांक हैं। ऐसे में X + Y एक सम संख्या, ववर्म संख्या, र्ून्य या ऊर्ात्मक पूर्ाांक हो सकता है। आस प्रकार कथन 2
भी सही नहीं है।

X और Y पूर्ाांक हैं। यदद X का मान Y से ऄवधक है, तब X / Y एक ववर्म वभन्न होगी। यदद Y का मान X से ऄवधक है, तब

X/Y एक ईवचत वभन्न होगी। आस प्रकार कथन 3 सही नहीं है।

ऄतः, ददए गए ववकल्पों में से कोइ भी सही नहीं है।

आसवलए, ववकल्प (D) सही ईत्तर है।

59. (c)

BLOCK को 25164 और OFFICE को 177368 वलखा गया है।

ईपयुाक्त जानकारी से यह स्पष्ट है दक आसमें प्रत्यक्ष कोचिग र्ावमल है, वजसमें प्रत्येक ऄक्षर को एक वववर्ष्ट संख्या कोि ददया गया

है। हम देख सकते हैं दक BLOCK और OFFICE दोनों में O को 1 और C को 6 के रूप में कोवित दकया गया है।

आसवलए, CELIO को 68531 वलखा जाएगा।

आसवलए, ववकल्प (C) सही ईत्तर है।

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60. (b)

ईम्मीदवार को प्राप्त ऄंक = 280

प्रथम श्रेर्ी प्राप्त करने के वलए ईम्मीदवार को 20 ऄंक और चावहए।

प्रथम श्रेर्ी प्राप्त करने के वलए ऄभीष्ट ऄंकों का प्रवतर्त = (20/280) × 100 = 50/7%

आसवलए, ववकल्प (B) सही ईत्तर है।

61. (d)

ववकल्प (A) गलत है। पररच्छेद कैं सर ववज्ञान संबंधी दवाओं के मामले का ईल्लेख करता है वजन्हें भारतीय पेटेंट कायाालय द्वारा
ऄवनवाया लाआसेंस अदेर् होने के कारर् दक मूल्य कटौती से गुजरना पडा है। आस प्रकार, बाजार प्रवतस्पधाा ही दवाओं की में
कीमत में तेजी से वगरावट करने वाली एकमात्र वववध नहीं है।
ववकल्प (B) सही नहीं है। पररच्छे द से स्पष्ट रूप से पता चलता है दक ऄवनवाया लाआसेंचसग अदेर् के बाद कैं सर दवाओं की
कीमतें नाटकीय रूप से वगरी हैं। आससे यह पररर्ाम वनकालना गलत होगा दक पहले कैं सर की दवाओं के मूल्य बहुत ऄवधक नहीं
थे। आसके ऄवतररक्त, यदद सभी रोवगयों के वलए कीमतें सस्ती रही होतीं तो, ऄवनवाया लाआसेंस प्रदान करने की यह अव्‍यकता
ही ईत्पन्न नहीं हुइ होती।
ववकल्प (C) सही नहीं है। पररच्छेद के वल दवाओं की कीमतें नाटकीय रूप से वगरने के ववर्य में चचाा करता है। यह कहना
ऄवतरं वजत (बहुत दूर की कौडी) होगा दक ऄवनवाया लाआसेंस देने के बाद पेटेंट धारक फमा ददवावलया हो जाएगी। नेक्सावर आस
फमा द्वारा वववनर्थमत की जाने वाली दवाओं में से एक है, ऐसी कइ और दवाएाँ हो सकती हैं जो ऄवनवाया लाआसेंस से प्रभाववत न
हों।
ववकल्प (D) सही है। पररच्छेद के ऄनुसार, भारत द्वारा एक घरे लू कं पनी को एक जमान कं पनी द्वारा पेटेंट दवा बेचने का अदेर्
देने के बाद कैं सर दवाओं की कीमतें नाटकीय रूप से वगर रही हैं। यह कारा वाइ सरकार के हस्तक्षेप से रवहत मुक्त बाजार
ऄथाव्यवस्था की अदर्ा धारर्ाओं को खंिन करती प्रतीत होती है। लेदकन, कवतपय घरे लू वस्थवतयााँ जैसे दक जन स्वास् य संबंधी
चचताएं मुक्त ऄथाव्यवस्था में भी सरकार के हस्तक्षेप की मांग कर सकती हैं। आसवलए, यह एक वैध ऄनुमान है।

62. (a)

कथन 1 सही है। पररच्छेद कहता है दक “कानून और वनयमों की दुवनया औद्योवगक युग की वास्तववकताओं में ही फं सी हुइ है ।
आसके ऄनुसार “हमें ऄवधक लचीली र्ासन प्रर्ावलयााँ, कानून बनाने की ऄवधक प्रर्ाली और नइ चुनौवतयों और ऄवसरों के
प्रवत त्वररत ऄनुदक्रया करने की अव्‍यकता है”।आस प्रकार, वतामान समय की वास्तववकताओं को संबोवधत करने के वलए
कानूनों और वववनयमों में सुधार की अव्‍यकता है।
कथन 2 गलत है। पररच्छेद के वल यह कहता है दक, “कं पवनयां सस्ते सेवा प्रदाताओं को काम या नौकररयां अईटसोसा कर सकती
हैं”। यह संभव है दक सस्ते सेवा प्रदाताओं से होने वाला लाभ न्यून प्रभारों के संदभा में ईपभोक्ताओं तक पहुंचे। आस प्रकार यह
नहीं कहा जा सकता है दक आस व्यापार मॉिल ने ईपभोक्ताओं को वबल्कु ल भी लाभावन्वत नहीं दकया है।
कथन 3 गलत है। पररच्छेद ऐसे वववनयमों के ववर्य में चचाा करता है जो आतने हल्के नहीं हैं दक "अवश्रत िे केदार" “ईपभोक्ताओं”
को हावन पहुंचा सकें । आससे संदर्े वमलता है दक ईपभोक्ताओं के साथ दुव्यावहार या ईपभोक्ता के वहत को गुप्त रूप से हावन
पहुंचाने के ईदाहरर् रहे हैं। आसवलए यह कहना गलत होगा दक सेवाओं के नए अपूर्थतकताा ईपभोक्ताओं के वहतों को हावन नहीं
पहुंचाते हैं।
63. (d)

अरे ख (ग्राफ) का ध्यानपूवक


ा ऄध्ययन करने पर, हम देखते हैं दक मवर्पुर और वमजोरम के छात्रों ने अरे ख में दर्ााए गए दोनों
पहलुओं में (ऄथाात साधारर् विवीजन प्राप्त कर सकते हैं और ग्रेि- II स्तर में पढ़ाइ कर सकते हैं) बेहतर प्रदर्ान दकया है। जबदक

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जम्मू और क्‍मीर, वत्रपुरा और ऄसम के छात्रों ने अरे ख में दर्ााए गए पहलुओं में बहुत खराब प्रदर्ान दकया है। आसवलए, कथन
1 सही है।
हम देख सकते हैं दक वबहार और तवमलनािु के छात्रों का स्कोर क्षैवतज ऄक्ष (साधारर् विवीजन) द्वारा दर्ााए गए पहलू में
बेहतर है। लेदकन उध्वााधर ऄक्ष (ग्रेि- II स्तर की पाठ्य सामग्री को पढ़ पाना) द्वारा दर्ााए गए पहलू में ईनका स्कोर ईतना
बेहतर नहीं है। आसवलए, कथन 2 भी सही है।

ग्राफ का ऄवलोकन करने पर हम देखते हैं दक हररयार्ा, पंजाब और वहमाचल दोनों पहलुओं में सवाश्रेष्ठ प्रदर्ान करने वालों में
र्ावमल थे। जम्मू क्‍मीर, मध्य प्रदेर् और पवश्चम बंगाल सबसे खराब प्रदर्ान करने वालों में र्ावमल थे। आसवलए, कथन 3 भी
सही है।
आसवलए, ववकल्प (D) सही ईत्तर है।

64. (a)

5 वर्ा पूव,ा पररवार की औसत अयु = 30 वर्ा

पररवार की वतामान औसत अयु = 30 + 5 = 35 वर्ा

वतामान में पररवार की कु ल अयु = 35 × 10 = 350 वर्ा

यदद दादा जी और ईनकी सबसे बडी पुत्री की अयु वतामान ददन से हटा दी जाती है तो पररवार के वतामान औसत में 3 वर्ा की
कमी अ जाएगी। आसका ऄथा है दक पररवार के र्ेर् 8 सदस्यों की औसत अयु (35 - 3), ऄथाात 32 वर्ा है।

पररवार के 8 सदस्यों की कु ल अयु (दादा जी और ईनकी सबसे बडी पुत्री की अयु को हटाने के बाद) = 32 × 8 = 256 वर्ा

तब, दादा जी और ईनकी सबसे बडी पुत्री की अयु का योग = 350 - 256 = 94 वर्ा

दादा जी + सबसे पुत्री की अयु = 94 ……… .. (1)

यह भी ददया गया है दक दादा जी और ईनकी सबसे बडी पुत्री की अयु में 20 वर्ा का ऄंतर है।

ऄतः, दादा जी की अयु - सबसे बडी पुत्री की अयु = 20 ……… .. (2)

समीकरर्ों (1) और (2) को जोडने पर, प्राप्त होता है:

दादा जी की अयु = (94 + 20) / 2 = 57 वर्ा

आसवलए, ववकल्प (A) सही ईत्तर है।

65. (a)

लैपटॉप का मूल M.R.P. = 45,000 रुपये

20% की छू ट के बाद नए फे वस्टव-टाआम M.R.P पर लैपटॉप का मूल्य= 45,000 × (80/100) = 36,000 रुपये

पुनः, भुगतान के विवजटल मोि का ईपयोग करने पर 10% ऄवतररक्त छू ट दी जाती है।

तब, लैपटॉप का ऄंवतम क्रय मूल्य = 36,000 × (90/100) = 32,400 रुपये

6 माह के बाद, लैपटॉप को 20,000 रुपये में बेचा ददया गया था।

ऄतः हावन = क्रय मूल्य. - ववक्रय मूल्य = 32,400 - 20,000 = 12,400 रुपये

आसवलए, ववकल्प (A) सही ईत्तर है।

66. (c)

यह ददया गया है दक,

P और S मरािी और ऄंग्रेजी बोलते हैं और R और T तवमल और तेलुगु बोलते हैं।

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P - मरािी, ऄंग्रेजी

S - मरािी, ऄंग्रेजी

R - तवमल, तेलुगु

T - तवमल, तेलग
ु ु

Q और S, बांग्ला और मरािी बोलते हैं और R और P तेलुगु और कन्नड बोलते हैं।

P - मरािी, ऄंग्रेजी, तेलुग,ु कन्नड

S - मरािी, ऄंग्रेजी, बंगला

R - तवमल, तेलुगु और कन्नड

T - तवमल, तेलग
ु ु

Q - बंगला, मरािी

आसवलए, दी गइ जानकारी से ज्ञात होता है दक P ऄवधकतम भार्ाएाँ बोलता है।

आसवलए, ववकल्प (C) सही ईत्तर है।

67. (b)

कथन 1 गलत है। लेखक का ईद्दे्‍य न्याय वप्रय समाज की रचना करना है। तीसरे वाक्य में लेखक कहता है दक, समाज को ऄच्छे
जीवन के ववर्ुि वनजीकृ त स्वरूप की धारर्ा को चुनौती देने का मागा ऄव्‍य खोजना चावहए, और लोगों के बीच नागररक-
गुर्ों को पोवर्त करना चावहए। आस प्रकार ऄच्छे जीवन के ववर्ुि वनजीकृ त स्वरूप की धारर्ा, न्याय वप्रय समाज की धारर्ा के
ववपरीत जाती है।
कथन 2 सही है। अरं वभक कथन में ही लेखक कहता है दक न्यायवप्रय समाज को सर्क्त सामुदावयक भावना की अव्‍यकता
होती है और आस प्रकार समुदाय को नागररकों में सावाजवनक वहत के प्रवत प्रवतबिता का ववकास करना चावहए। सावाजवनक वहत
के मूल्य के प्रवत नागररकों की प्रवतबिता न्यायवप्रय समाज की ईपलवब्ध हेतु अव्‍यक है।
68. C

यह ददया गया है दक ववद्यालय में ववद्यार्थथयों की कु ल संख्या एक ऄभाज्य संख्या है।

ऄब माना दक ईस ववद्यालय में 47 ववद्याथी हैं।

आस दर्ा में यदद लडकों की संख्या को 25 मानें तो लडदकयों की संख्या 22 होगी।

यदद लडकों की संख्या 24 मानें तो लडदकयों की संख्या 23 होगी।

यदद लडकों की संख्या 23 मानें तो लडदकयों की संख्या 24 होगी।

आस प्रकार लडकों और लडदकयों की संख्याओं में 1 के ऄवतररक्त कोइ ऄन्य गुर्नखण्ि सवावनष्ठ नहीं है। वस्तुतः यदद दकन्हीं दो
धनात्मक पूर्ाांकों का योग एक ऄभाज्य संख्या हो तो वे संख्याएं अपस में सह-ऄभाज्य (co-prime) होती हैं। ऄतः कथन 1
सही है।

लडकों और लडदकयों की संख्याओं का ऄंतर सदैव एक ववर्म संख्या होगा (कु छ मामलों में एक ऄभाज्य संख्या भी, या दकसी
ववर्ेर् दर्ा में र्ून्य भी)। ऄतः कथन 2 सही नहीं है।

आस प्रकार ववकल्प (C) सही ईत्तर है।

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69. (c)

ऄंवतम ऄनुपात 1: 1 है। आसका ऄथा है दक कं टेनर में 120 लीटर आथेनॉल वमलाया जाता है। आथेनॉल को समान्तर श्रेर्ी के
प्रवतरूप में वमलाया जाता है, ऄथाात् 1 लीटर, 2 लीटर, 3 लीटर और आसी प्रकार अगे।

ऄतः, दी गयी दर्ा में पहली n प्राकृ वतक संख्याओं के योग = n (n + 1) / 2 = 120. हल करने पर हमें n = 15 प्राप्त होता है।
ऄतः सही ईत्तर (C) है।

70. (b)

देर् 7 में प्राथवमक और माध्यवमक स्तर पर लडदकयों का नामांकन प्रवतर्त क्रमर्ः 98% और 62% है, जबदक प्राथवमक और
माध्यवमक स्तर पर लडकों का नामांकन प्रवतर्त क्रमर्ः 97% और 61% है। आस प्रकार, यह स्पष्ट होता है दक देर् 7 में
प्राथवमक और माध्यवमक दोनों, स्तरों पर लडदकयों की नामांकन दर लडकों की तुलना में ऄवधक है। आसवलए, कथन 1 सही है।

तावलका में र्ावमल पांच देर्ों (ऄथाात देर् 2, 3, 4, 5 और 7) में माध्यवमक स्तर पर लडकों के नामांकन का प्रवतर्त आसी
वैवश्वक स्तर के अंकडे की तुलना में कम है। आसवलए, कथन 2 सही है।

जैसा दक हमें वर्क्षा के दकसी भी स्तर पर ऄध्ययन करने वाले लडकों या लडदकयों की पूर्ा संख्या ज्ञात नहीं हैं , आसवलए हम
दकसी भी देर् या सम्पूर्ा ववश्व के वलए लैंवगक समानता सूचकांक की गर्ना नहीं कर सकते हैं। आसवलए, कथन 3 सही नहीं है।

आसवलए, ववकल्प (B) सही ईत्तर है।

71. (c)

देर् 2 और 7 में, ऄपने पुरुर् समकक्षों की तुलना में प्राथवमक और माध्यवमक दोनों स्तरों पर मवहला नामांकन का प्रवतर्त
बेहतर है। आस प्रकार, कथन 1 सही है।

देर् 5 में, प्राथवमक स्तर के सापेक्ष माध्यवमक स्तर पर बडे पैमाने पर मवहला ड्रॉपअईट हुअ है, क्योंदक नामांकन प्रवतर्त में
71% से 40% तक वगरावट अयी है। आसवलए, कथन 2 भी सही है।

आसवलए, ववकल्प (C) सही ईत्तर है।

72. (c)

ववकल्प (C) सही ईत्तर है। लेखक कहता है दक 1980 के दर्क से 2008 तक, यह माना जाता था दक समृिता और स्वतंत्रता का
सूत्र बाजार में वनवहत था न दक सरकार में। आस प्रकार बाजारों के प्रवत गहरी अस्था थी। लेदकन 2008 के ववत्तीय संकट से वह
ववश्वास समाप्त हो गया। यहां लेखक बाजारों की योग्यता के प्रवत अस्था के ववर्य में चचाा कर रहा है वजसमें ऄब क्रमर्ः कमी
अती जा रही है।

ववकल्प (A) गलत है। सामान्य रूप से हम ‘अस्था’ र्ब्द का प्रयोग धमा और इश्वर के प्रसंग में करते हैं। लेदकन ददए गए पररच्छेद
में धमा और इश्वर का कोइ संदभा नहीं है।

ववकल्प (B) गलत है। पररच्छे द के ऄनुसार, 2008 तक सरकार में अस्था कम थी। लेखक कहता है दक 1980 और 1990 के
दर्क में यह ववश्वास दकया जाता था दक समृिता और स्वतंत्रता का सूत्र बाजार में वनवहत है न दक सरकार में। 2008 के ववत्तीय
संकट के बाद के युग में यह ववश्वास धीरे -धीरे समाप्त होता जा रहा है।

ववकल्प (D) गलत है। हम यह ऄनुमान नहीं लगा सकते हैं दक लोगों ने आस त य के प्रवत अस्था खो दी है दक समृवि और
स्वतंत्रता कभी भी प्राप्त की जा सकती है। बवल्क, लोगों ने आस समृवि और स्वतंत्रता को प्राप्त करने के वलए बाजार की क्षमता में
अस्था खो दी है। हो सकता है दक लोग समृवि और स्वतंत्रता को प्राप्त करने के वलए ऄब ऄन्य संस्थाओं जैसे दक सरकार में
अस्था रखने लगे हों।

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73. (c)

ववकल्प (A) गलत है। वनष्कर्ा प्रदान करते हुए लेखक कहता है दक अनुवंवर्की के माध्यम से मानव-प्रकृ वत में संविान करने के
ऄवभयान, मानवीय क्षमताओं और ईपलवब्धयों के प्रकृ वत द्वारा सहज रूप से प्रदान दकए जाने वाले (जन्मजात) गुर्ों की सराहना
करने में ववफल रहते हैं। लेखक आसे वविम्बना कहता है। आस प्रकार आसका वनवहताथा मानवीय क्षमताओं और ईपलवब्धयों के
प्रकृ वत द्वारा सहज रूप से प्रदान दकए जाने वाले (जन्मजात) गुर्ों की सराहना करना है।
ववकल्प (B) गलत है। पररच्छे द यह कहते हुए अरं भ होता है दक अनुवांवर्की ऄवभयांवत्रकी हमें संभावना और वविंबना है दोनों
प्रस्तुत करती है। संभावना यह है दक यह दुबला ता ईत्पन्न करने वाले कइ प्रकार के रोगों का ईपचार और रोकथाम कर सके गी।
लेखक ने आस संभावना पर कहीं भी प्रश्नवचन्ह नहीं ईिाया है।
ववकल्प (C) सही ईत्तर है। पररच्छे द के ऄनुसार अनुवंवर्क ऄवभयांवत्रकी हमारे समक्ष संभावना और वविंबना दोनों प्रस्तुत
करती है। संभावना यह है दक हम कइ प्रकार के रोगों का ईपचार करने में समथा हो सकें गे। लेदकन साथ ही साथ या कइ प्रकार के
नैवतक प्रश्न भी ईिाती है जैसे दक स्वाभाववक (प्राकृ वतक) गुर्ों में हेरफे र करने की क्षमता। आन नैवतक समस्याओं के प्रकार् में
वास्तववक जीवन में अनुवंवर्क ऄवभयांवत्रकी में हुइ ईन्नवत के ऄनुप्रयोगों को सर्क्त नैवतक ढांचे के मागादर्ान में कायाावन्वत
होना चावहए।
ववकल्प (D) गलत है। लेखक आस पररच्छे द की ववर्यवस्तु को अनुवांवर्क प्रौद्योवगकी के नवोन्मेर्ों से संबि वविंबनाओं तक
सीवमत कर देता है। सामान्य जीवन की वविंबनाओं के प्रवत आसमें कोइ संकेत नहीं है। आसवलए, यह कथन आस पररच्छेद की
ववर्यवस्तु से परे है।
74. (b)

बच आों की संख्या को कम करने के वलए, हमें प्रत्येक बच आे को प्राप्त होने वाली वमिाआयों की संख्या को ऄवधकतम करना होगा।
लेदकन आसके वलए दक प्रत्येक बच आे को समान संख्या में वमिाआयााँ प्राप्त हों और दकसी भी बच आे को एक से ऄवधक प्रकार की
वमिाआयााँ प्राप्त न हों, हमें तीनों संख्याओं का HCF ज्ञात करना होगा।

HCF (13, 17, 41) = 1

आसवलए, प्रत्येक बच आे को के वल एक ही वमिाइ प्राप्त होगी।

तब, बच आों की कु ल संख्या = 13 + 17 + 41 = 71

ऄतः ववकल्प (B) सही ईत्तर है।

Q 75. (D)

ववकल्प (A) गलत है। योग्यता अधाररत समाजों में, सामावजक वस्थवत प्रयास और प्रवतभा को प्रदर्थर्त करती है। परन्तु, लेखक
कहता है, योग्यता पर ऄत्यवधक बल देने की कायाप्रर्ाली में कु छ चुनौवतयााँ ववद्यमान है। हालााँदक, लेखक ऐसे समाजों का
न्यायपूर्ा या ऄन्यायपूर्ा के रूप में मूल्यांकन करने से रुक जाता है। आसके ऄवतररक्त, ददए गए पररच्छेद में ऄन्य समाजों के साथ
कोइ तुलना नहीं की गयी है।

ववकल्प (B) गलत है। लेखक के वनष्कर्ा के ऄनुसार, योग्यता अधाररत समाज के पररर्ामस्वरूप कम भाग्यर्ाली लोगों के मध्य
हीन भावना ईत्पन्न हो सकती है। आस दृवष्ट से ऄसफल व्यवक्त यह सोच सकते हैं दक ईन्हें स्वयं के कारर् ऄपने जीवन में
ववफलता वमल रही है और यह दक ईनमें सफल होने के वलए अव्‍यक प्रवतभा और प्रेरर्ा का ऄभाव है। जैसा दक आस ईत्तर के
ववकल्प में ईवल्लवखत है दक जब आन लोगों को सहानुभूवत और समथान नहीं वमलता तो नैवतक रूप से ऄसंवद े नर्ीलता ईत्पन्न हो
जाती है। पररच्छेद में यह चचाा नहीं की गइ है दक ईन्हें सहानुभूवत और समथान वमलता है या नहीं। साथ ही, ववजेताओं में हीन
भावना ईत्पन्न नहीं होती है। आसवलए, आस कथन के दोनों भाग गलत हैं।

ववकल्प (C) गलत है। पररच्छेद सहज रूप से वर्ानात्मक प्रकृ वत का है। लेखक योग्यता अधाररत समाज की समस्याओं पर चचाा
करता है। वह समाज में सफल होने वाले व्यवक्तयों के चयन के वलए योग्यता के स्थान पर धन को प्रवतस्थावपत करने का कोइ
संदभा नहीं देती है।

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ववकल्प (D) सही ईत्तर है। आससे हम जो संभाववत वनष्कर्ा वनकाल सकते हैं वह यह है दक योग्यता पर ऄत्यवधक बल नहीं ददया
जाना चावहए।
Q 76. (c)

कथन 1 गलत है। पररच्छेद में ईल्लेख दकया गया है दक 2004 के बाद से, पूवी यूरोपीय देर्ों से पवश्चम यूरोपीय देर्ों की ओर
लोगों के ऄवधक संख्या में प्रवास के कारर् राजनीवतक समस्याएाँ अरम्भ हो गइ हैं। आसवलए, यह कहना गलत होगा दक यूरोपीय
संघ के भीतर कहीं भी रहने वाले और स्वतंत्र रूप से काम करने वाले यूरोपीय लोगों के प्रवत सकारात्मक रूप से स्वीकार करने
संबंधी दृवष्टकोर् में 2004 के बाद वबल्कु ल भी पररवतान नहीं अया है।

कथन 2 सही है। पररच्छेद की अरं वभक पंवक्त में, लेखक का कहना है दक यूरोपीय संघ से वब्रटेन के वनकलने के कारर् ने व्यापक
रूप से नस्लवाद की वृवि में योगदान ददया है। आसमें अगे कहा गया है दक यह स्पष्टीकरर् ऄपूर्ा, ऄसंगत और ऄत्यंत एक पक्षीय
है। आसवलए, लेखक के ऄनुसार वब्रटेन द्वारा यूरोपीय संघ की सदस्यता त्यागने हेतु नस्लवाद के ऄवतररक्त ऄन्य कारर् भी
ईत्तरदायी हो सकते हैं।
77. (b)

ववकल्प (A) गलत है। पररच्छे द के वबल्कु ल अरं भ में ही लेखक का कहना है, दक यह व्यापक रूप से माना जाता है दक नस्लवाद
वब्रटेन के वलए यूरोपीय संघ से वनकलने का प्रमुख कारर् है। लेदकन लेखक के वलए यह एक ऄधूरा, ऄसंगत और वास्तववकता से
ऄवधक सरल वववरर् है। आसवलए, यह कथन गलत है।

ववकल्प (B) सही ईत्तर है। लेखक का कहना है दक, यूरोपीय संघ से वनकलने के वलए वब्रटेन हेतु बेहतर स्पष्टीकरर् स्वास् य,
अवास और वर्क्षा संस्थानों जैसे सीवमत संसाधनों को साझा करने के बारे में चचता है। वह अगे कहती हैं दक, यह समस्या
2004 के बाद बढ़ी है जब पूवी यूरोपीय देर् यूरोपीय संघ में सवम्मवलत हुए थे। आस प्रकार, हम कह सकते हैं दक पवश्चम यूरोपीय
देर्ों के संसाधनों पर दबाव बढ़ गया, और यह दबाव वब्रटेन के यूरोपीय संघ से वनकलने के संभाववत कारर्ों में से एक है।

ववकल्प (C) गलत है। जैसा दक उपर देखा गया है, पूवा से पवश्चम यूरोप की ओर ऄसंतवु लत प्रवास होने के कारर् पूवी यूरोपीय
देर्ों के संसाधनों पर नहीं ऄवपतु पवश्चम यूरोपीय देर्ों के संसाधनों पर दबाव बढ़ गया है।
ववकल्प (D) भी गलत है। लेखक का कहना है, पवश्चम और पूवी यूरोपीय देर्ों के बीच लोगों के प्रवाह में बढती ऄसमानता
आसका एक कारर् है। लेखक यह नहीं कहती हैं दक पूवी यूरोप के देर्ों में ही ऄसमानता है।
78. (a)

ववकल्प (a) सही ईत्तर है। लेखक द्वारा वर्थर्त दकया गया है दक िं िे और धीरे -धीरे पररवर्थतत होने वाले पयाावरर् पर सामान्य
घटनाओं का प्रभाव वर्ों तक ववद्यमान रह सकता है। काबावनक पदाथों के क्षय में भी ऄनेक वर्ों का समय लग सकता है। आस
प्रकार, वनवहताथा यह है दक, ऄंटाका रटका में प्रदूर्र् के दीघाकावलक प्रभाव हो सकते हैं।

ववकल्प (B) गलत है। लेखक वस्थवत की गंभीरता को रे खांदकत करने के वलए काबावनक पदाथों द्वारा प्रदूर्र् के ईदाहरर् ईद्धृत
करता है। वह कहता है दक,यहां तक दक काबावनक पदाथों को क्षय होने में भी दर्कों लग जाते हैं; ऄन्य पदाथों के क्षय में और भी
ऄवधक समय लगेगा। आसवलए, यह वनष्कर्ा नहीं वनकाला जा सकता है दक के वल काबावनक पदाथा ऄंटाका रटका को क्षरर् की ओर
ऄग्रसर करने के वलए ईत्तरदायी हैं।
ववकल्प (C) गलत है। लेखक का कहना है दक काबावनक पदाथा सामान्यतः सरलता से क्षय हो जाते हैं। समर्ीतोष्र् क्षेत्रों में भी
यह कु छ माह में क्षय हो जाते हैं। लेदकन,ऄंटाका रटका में क्षय होने में दर्कों लग जाते हैं। आस प्रकार, वनवहताथा यह है दक
काबावनक पदाथा भी ऄंटाका रटका के वलए खतरनाक वसि हो सकते हैं।
ववकल्प (D) गलत है। ववकल्प (B) और (C) की प्रकृ वत ववरोधाभासी है। दोनों एक ही समय में सही नहीं हो सकते।

79. (a)

ववकल्प (a) एक गलत वनष्कर्ा है। लेखक द्वारा वर्थर्त दकया गया है दक, क्षेत्रीय व्यापार समझौते औद्योवगक देर्ों के मध्य
लोकवप्रय हैं और ववकासर्ील देर्ों को ईन पर हस्ताक्षर करने के वलए प्रलोभन देकर सहमत दकया जाता है। आस प्रकार, हम

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ऄनुमान लगा सकते हैं दक क्षेत्रीय व्यापार समझौते औद्योवगक देर्ों के वलए लाभप्रद हो सकते हैं और ववकासर्ील देर्ों पर ईनके
नकारात्मक पररर्ाम हो सकते हैं।
हमें गलत वनष्कर्ा ज्ञात करना है । आसवलए, ववकल्प (A) सही ईत्तर है।

ववकल्प (B) एक सही वनष्कर्ा है। पररच्छे द वर्थर्त करता है दक, यदद क्षेत्रीय व्यापार समझौते तीव्र गवत से व्यापार सृजन को
प्रोत्सावहत करने के साथ-साथ वे रोजगार के ऄवसरों को भी नष्ट कर देते हैं। आसका ऄथा है दक व्यापार सृजन से सदैव रोजगार
सृजन नहीं होता है।
ववकल्प (C) एक सही वनष्कर्ा है। पररच्छेद में ईवल्लवखत दकया गया है दक क्षेत्रीय व्यापार समझौतों से व्यापार की ददर्ा
पररवर्थतत हो जाती है। जब व्यापार समझौते ऄवस्तत्व में अते हैं, तो क्षेत्रीय व्यापार समझौते के सदस्यों के मध्य प्रर्ुल्क (टैररफ)
की दर कम होने के कारर् मांग क्षेत्रीय व्यापार समझौते के कु र्ल ईत्पादक सदस्यों की तुलना में ऄकु र्ल ईत्पादक सदस्यों की
ओर प्रवतस्थावपत हो जाती है। आस प्रकार, जैसा दक क्षेत्रीय व्यापार समझौतों में देखा गया है, प्रर्ुल्क (टैररफ) कम होने से
ईत्पादन प्रदक्रया में ऄकु र्लता ईत्पन्न हो सकती है।
ववकल्प (D) एक सही वनष्कर्ा है। पररच्छेद में वर्ान दकया गया है दक, क्षेत्रीय व्यापार समझौतों के कइ नकारात्मक प्रभावों के
बाद भी, ईनका ऄवस्तत्व बना हुअ है। आसका सबसे सामान्य कारर् ववश्व व्यापार संगिन की वातााओं की वनरं तर ववफलता है।
आस प्रकार, हम सुरवक्षत रूप से यह ऄनुमान लगा सकते हैं दक यदद ववश्व व्यापार संगिन की वातााएं वनरं तर ववफल होती रहीं
वजससे क्षेत्रीय व्यापार समझौतों के जारी रहने की संभावना बनी हुइ है।
80. (c)

व्यवक्त यात्रा में 9 घंटे का समय लेता है, लेदकन 1 ऄवतररक्त ददन प्राप्त होता है ऄथाात 24 घंटे।

आसवलए, वह ऄपने गंतव्य स्थान पर पहुंचेगा- 1 मइ 5 P.M. + (9 - 24) घंटे पर, ऄथाात 1 मइ को 2 A.M. पर।

आसवलए, ववकल्प (C) सही ईत्तर है।

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