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आज का मनष्ु य चाहता है कि सभी कार्य पूर्ण हो जाये, सब दख

ु दरू हो जाये और इसी के चलते लोग गलत मार्ग भी


पकड़ लेते है । यदि आज किसी को ज्ञात हो जाये कि एक स्थान पर मजार बनी हुई है और उस पर मांगी गई मन्नत
पूर्ण हो जाती है तो लोगो की लाइन लग जायेगी, अपने पित्र, कुलदे व, इष्ट को भूलकर उनके पूजन में लग जायेगे
क्योकि उन्होंने आपकी इच्छाएं पूर्ण करदी। लेकिन क्या कभी विचार किया है कि कोई पीर या छोटी शक्तिया
इच्छाएं पूर्ण क्यो करती हैं।

जब हम पीर मजारों पर जाकर मन्नते मांगते है तो उस मन्नत को पर्ण


ू करने के एवज में वो आपके पण्
ु य कर्मों को
धारण कर लेते है । यही कारण है आरं भ में आपकी काफी इच्छाएं पूर्ण हो जाएंगी लेकिन जैसे ही पुण्य कर्म कम होंगे
आपको समस्याए उतपन्न होने लग जायेगी। जिन्होंने हमारे मंदिरों को तोड़ दिया, कितने ही हिंदओ
ु को मारकर
माताएं बहनों को उठाकर ले गए थे आज उन्ही की मजारों पर हम माथा फोड़ते है ।

बहुत लोगो के प्रशन होते है कि हमारा भगवान तो सन


ु ता ही नही है । लेकिन जो आपका भगवान है वो आपके कर्मों
के अनुसार फल दे ते है । आपके पुण्य कर्मों को बचाये रखते है ताकि मोक्ष की प्राप्ति हो सके, इसलिए जीवन मे दख

अधिक आते है । लेकिन ये बाते हमे समझ नही आती। थोड़ी बहुत इच्छाएं तो एक प्रेत भी पूर्ण कर दे ता है तो क्या
अपने इष्ट को छोड़कर उनका पज
ू न करने लग जाएंगे। आज कितने ही लोग पीर मजारों को पज
ू ने के कारण
समस्याओ से ग्रसित है । अपने इष्ट, कुलदे व, दे वी को ना छोड़े।

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