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Description
Article
Article-1 Name and territory of the union.
Article-2 Admission and establishment of the state.
Formation of new states and alteration of Areas,
Article-3
Boundaries and name of existing states.
Description
Article
Citizenship at the commencement of the
Article-5
constitution.
Rights of citizenship of a certain person who has
Article-6
migrated to India from Pakistan.
Article-10 Continuance of rights of citizenship.
Parliament to regulate the rights of citizenship by
Article-11
law.
Article Description
Article-12 Difination of the state.
Laws in consistent with or in derogation of the
Article-13
fundamental rights.
Fundamental Rights
Description
Article
Article-14 Equality before the law.
Prohibition of discrimination on the grounds of
Article-15
religion, race, caste, sex or place of birth.
Equality of opportunity in matters of public
Article-16
employment.
Article-17 Abolition of the untouchability.
Article-18 Abolition of titles.
Article Description
1. Freedom of Speech and expression
2. Freedom to assemble peaceably and without arms
3. Freedom to form associations or Unions
Article 4. Freedom to move freely throughout the territory of India.
19 5. Omitted
6. Freedom to practice any profession or to carry on any
occupation, trade or business.
Article
Protection in respect of conviction for offences.
20
Article
Protection of life and personal liberty
21
Article
Protection against arrest and detention in certain cases
22
Articles Description
Article 23 Prohibition of traffic in human being and forced labour.
Article 24 Prohibition of employment of children in factories and mines
Article Description
Article-25 Freedom of conscience and free
profession, practice and propagation of
religion.
Article-26 Freedom to manage religious affairs.
Freedom as to pay taxes for promotion of
Article-27
any particular religion.
Article-28 Freedom for attending religious instruction.
Description
Article
Article-29 Protection of interest of minorities
Rights of minorities to establish and
Article-30
administer
Remedies for enforcement of fundamental
Article-32
rights.
Description
Article
Article-36 Definition
Application of DPSP ( Directive principles of
Article-37
states policy)in the linked article.
Article-39A Equal justice and free legalaid.q1
Article-40 Organization of a village panchayat.
Right to work, to education and to public
Article-41
assistance in certain cases.
Article-43 Living wages, etc. for workers.
Participation of workers in the management of
Article-43A
industries.
Article-44 Uniform civil code (Applicable in Goa only).
Provision for free and compulsory education for
Article-45
children.
Promotion of education and economic interest of
Article-46 scheduled castes (SC), scheduled tribes (ST)
and OBC.
Duty of the state to the raise the law of nutrition
Article-47 and the standard of living and to improve public
health.
Organization of agriculture and animal
Article-48
husbandry.
Protection of movements and places and
Article-49
objects of natural importance.
Article-50 Separation of judiciary from the executive.
Article-51 Promotion of international peace and security.
Part 4A: Fundamental duties Article 51A: there were 10 duties initially but now
they are 11 by 86th amendments Act 2002
Description
Article
Article -52 The president of India.
Article-53 Executive power of the union.
Article-54 Election of president.
Article-61 Procedure for impeachment of the president.
Article-63 The Vice- president of India.
The Vice- president to be ex–officio chairmen
Article-64
the council of states.
Article-66 Election of Vice- president.
Pardoning powers of president.
Article-72
Part 13: Trade, Commerce and Intercourse within the territories of India- Articles
301-307
Article
Freedom to trade, commerce, and intercourse
301
Article Power of Parliament to impose restrictions on
302 trade, commerce, and intercourse.
Part 16: Special Provisions to ST, SC, OBC and Minorities etc. – Articles 330-342
Article
National Commission for the SC & ST
338
Article Appointment of a commission to investigate the conditions of
340 backward classes
Part 22: Short text, Commencement, Authoritative Text in Hindi and Repeals-
Article 392-395
सामान्य ज्ञान के अध्ययन में भारतीय राजव्यवस्था एक महत्वपूर्ण ववषय है । सामान्य ज्ञान
के अनभ
ु ाग में प्रत्येक प्रततयोगी परीक्षा में भारतीय संववधान में संशोधन से संबंधधत प्रश्न
पछ
ू े जाते हैं। इस पोस्ट में , हम "भारतीय संववधान में महत्वपर्
ू ण संशोधन हहंदी और अंग्रेजी
में" आपको परू ी सच
ू ी के साथ साझा कर रहे हैं।
• भाषा के आधार पर राज्यों का पुनगणठन ककया गया । चार श्रेणर्यों में राज्यों के वगीकरर् को
समाप्त कर उन्हें 14 राज्यों और 6 केंद्र शामसत प्रदे शों में पुनगणहठत ककया गया।
• दो या दो से अधधक राज्यों के मलए एक राज्यपाल की तनयुक्तत।
• दो या दो से अधधक राज्यों के मलए समान उच्च न्यायालय की स्थापना की गयी, केंद्र शामसत
प्रदे शों के मलए उच्च न्यायालय को ववस्ताररत क्षेत्राधधकार हदया गया। उच्च न्यायालय के मलए
अततररतत और कायणवाहक न्यायधधशो की तनयक्ु तत की गयी।
• नए अनुच्छे द 350-A (भाषा के आधार पर अल्पसंख्यकों से संबंधधत बच्चों के मलए प्राथममक
मशक्षा के मलए मातभ
ृ ाषा में तनदे श) और 350-B (भाषा के आधार पर अल्पसंख्यकों के मलए
ववशेष अधधकारी प्रदान ककया गया) को भाग XVII में संलग्न ककया गया।
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• अनस
ु धू चत जातत और जनजातत के मलए सीटों का ववस्ताररत आरक्षर् और लोकसभा और
राज्य ववधानसभा में एंग्लो-इंडियन के मलए ववशेष प्रतततनधधत्व हदया गया ।
• अनुच्छे द 368 और अनुच्छे द 13 में संशोधन कर मौमलक अधधकारों सहहत संववधान के ककसी
भी हहस्से में संशोधन करने की शक्तत संसद को प्रदान की ।
• जब संसद के दोनों सदनों द्वारा पाररत ककये गए संववधान में संशोधन को राष्ट्रपतत के पास
उसकी मंजूरी के मलए प्रस्तत
ु ककया जाता है , तो वह अपनी सहमतत दे ने के मलए बाध्य होता
है ।
• इसमें अनच्
ु छे द 363 को संलग्न कर दे शी ररयासतों के पव
ू ण शासको को हदये जाने वाले भग
ु तान
को ख़त्म कर हदया गया|
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• संशोधन के द्वारा प्रस्तावना में तीन शब्दों- 'समाजवादी', 'धमणतनरपेक्ष' और 'अखंिता' को जोडा
गया।
• मौमलक कतणव्यों के मलए नये भाग IVA (अनुच्छे द 51-A) को जोडा गया।
• राष्ट्रववरोधी गततववधधयों के संबंध में , मौमलक अधधकारों को अप्रभावी करते हुए कानूनों को
बचाने के मलए नए अनच् ु छे द 31-D को सक्मममलत ककया|
• अनुच्छे द 32 के तहत कायणवाही में ववचार नहीं ककए जाने वाले राज्यों के कानूनों की
संवैधातनक वैधता के मलए नए अनुच्छे द 32-A को संलग्न ककया । साथ ही अनुच्छे द 226 के
तहत कायणवाही में ववचार नहीं ककए जाने वाले केंद्रीय कानूनों की संवैधातनक वैधता के मलए
अनुच्छे द 226 ए को जोडा गया।
• राज्यों के नीतत तनदे शक तत्वों के मलए तीन अनुच्छे दों को जोडा गया|
(i) अनुच्छे द 39-A: मफ्
ु त कानूनी सहायता और समान न्याय,
(ii) अनुच्छे द 43-A: उद्योगों के प्रबंधन में श्रममकों की भागीदारी और
(ii) अनच्
ु छे द 48-A: पयाणवरर् का संरक्षर् और सध
ु ार और वनों और वन्यजीवों की सरु क्षा।
• न्यातयक समीक्षा और आज्ञापत्र क्षेत्राधधकार के संबंध में सवोच्च न्यायालय और उच्च
न्यायालय की शक्तत का हनन।
• न्यातयक समीक्षा से परे संवध
ै ातनक संशोधन ककया जा सके।
• अनुच्छे द 83 और अनुच्छे द 172 में संशोधन करके लोकसभा और राज्य ववधानसभाओं का
कायणकाल 6 वषण कर हदया।
• लोकसभा और राज्य ववधानसभा कक सदन में सीटों को स्थायी कर हदया|
• अनुच्छे द 105 और अनुच्छे द 194 में संशोधन करके संसद के सदस्यों व संसद और राज्य
ववधानसभा के प्रत्येक सदन की सममततयों की शक्ततयों, ववशेषाधधकारों और प्रततरक्षाओं को
तय करने का अधधकार है ।
• अनुच्छे द 323-A और 323-B के तहत अन्य मामलों के मलए न्यायाधधकरर् और प्रशासतनक
न्यायाधधकरर् को नये भाग XIV में जोडा गया।
• राज्यों को सहायता के मलए सशस्त्र बलों या संघ के अन्य बलों की तैनाती के मलए नए
अनच्
ु छे द 257-A को जोडा गया।
• अनुच्छे द 236 के तहत अणखल भारतीय न्यातयक सेवाओं का तनमाणर्।
• भारत के ककसी भी क्षेत्र में जरुरत पडने पर आपातकाल की घोषर्ा करने की सुववधा।
• अनुच्छे द 74 में संशोधन करके राष्ट्रपतत को मंत्रत्रपररषद की सलाह लेने के मलए बाध्य ककया|
• पांच ववषयों (A) मशक्षा, (B) वन, (C) जंगली जानवरों और पक्षक्षयों की सुरक्षा, (D) भार और मापन
(E) न्याय प्रशासन, को राज्य सूची से समवती सूची में स्थानांतररत करके सातवीं अनुसूची में
संशोधन ककया गया|
• राष्ट्रपतत शासन को एक समय अवधध के मलए छह महीने से बढाकर एक साल ककया जा
सकता है ।
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• राष्ट्रीय आपातकाल के मामले में 'सशस्त्र ववद्रोह' शब्द को 'आंतररक गडबडी' के साथ
प्रततस्थावपत ककया|
• राष्ट्रपतत केवल मंत्रत्रमंिल द्वारा मलणखत सलाह के आधार पर आपातकाल की घोषर्ा कर
सकते हैं।
• संपवि के अधधकार को मौमलक अधधकार की सूची से हटा कर एक कानूनी अधधकार के रूप में
मान्यता दी गयी।
• राष्ट्रीय आपातकाल में अनच्
ु छे द 20 और अनुच्छे द 21 के तहत प्राप्त मौमलक अधधकारों की
गारं टी को तनलंत्रबत नहीं ककया जा सकता है ।
• लोकसभा और राज्य ववधानसभा के मल
ू कायणकाल को पन
ु ः पांच साल ककया।
• राष्ट्रपतत, उप-राष्ट्रपतत, प्रधान मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव वववाद से संबंधधत मामलों
को तय करने के मलए चुनाव आयोग की शक्ततयों को पुनः बहाल ककया।
• संसद और राज्य ववधानसभाओं में कायणवाही को स्वतंत्र रूप से और त्रबना सेंसरमशप के ररपोटण
करने के मलए मीडिया के अधधकार हदये गए।
• राष्ट्रीय आपातकाल और राष्ट्रपतत शासन के संबध
ं में कुछ प्रकियात्मक सुरक्षा उपाय ककये
गए|
• पूवण के संशोधनों में ली गयी सवोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय की शक्ततयों को वापस
बहाल ककया गया।
• अध्यादे श जारी करने के मामले में ककये गए संशोधन ने उस प्रावधान को खत्म कर हदया
क्जसने राष्ट्रपतत या राज्यपाल की संतुक्ष्ट्ट को अंततम औधचत्य माना था।
• राष्ट्रपतत अब कैत्रबनेट की सलाह को पुनववणचार के मलए वापस भेज सकते हैं। हालांकक,
पुनववणचार सलाह राष्ट्रपतत पर बाध्यकारी है ।
• राष्ट्रीय राजधानी की क्स्थरता और स्थातयत्व को सुतनक्श्चत करने के मलए केंद्र शामसत प्रदे शों
के बीच एक ववशेष दजाण हदया गया। संशोधन में हदल्ली के मलए एक ववधान सभा और एक
मंत्रत्रपररषद का भी प्रावधान ककया गया।
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• पंचायती राज संस्था को संवैधातनक दजाण दे ने के मलए नए भाग IX को जोडा गया है । पंचायत
के 29 कायों को सक्मममलत करते हुए नई ग्यारहवीं अनस
ु ूची को जोडा गया।
• शहरी स्थानीय तनकायों को संवैधातनक दजाण हदया गया। संववधान में नए भाग XI-A के रूप में
नगरपामलकाओं को जोडा गया। नगरपामलका के 18 कायों के साथ बारहवीं अनुसूची को
सक्मममलत ककया गया।
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• संयत
ु त तनकाय के बाहर दो अलग तनकायों का तनमाणर्, “अनच्
ु छे द 338 के तहत राष्ट्रीय
अनुसूधचत जातत आयोग” और “अनुच्छे द 338-A के तहत राष्ट्रीय अनुसधू चत जनजातत आयोग”
ककया गया।
• अनच्
ु छे द 75 (1-A) में नये खंि को जोडा गया जो यह प्रदान करता है कक मंत्रत्रमंिल में पीएम
सहहत मंत्रत्रयों की कुल संख्या लोकसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15% से अधधक नहीं
होगी।
• अनुच्छे द 75 (1-B) एक नये खंि को जोडा गया जो यह प्रदान करता है कक ककसी भी
राजनीततक दल से संबंधधत संसद के ककसी भी सदन का सदस्य, क्जसे दलबदल के आधार पर
उस सदन का सदस्य होने से अयोग्य ठहराया जाता है, को मंत्री बनने से भी अयोग्य घोवषत
ककया जाएगा।
• अनुच्छे द 164 (1-A) एक नया खंि जोडा गया जो यह बताता है कक मंत्रत्रमंिल में मख्
ु यमंत्री
सहहत कुल मंत्रत्रयों की संख्या राज्य ववधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15% से अधधक
नहीं होगी।
• अनुच्छे द 164 (1-B) नया खंि सक्मममलत ककया गया, जो कहता है कक राज्य के ववधान सभा
का सदस्य या ककसी भी राजनीततक दल से संबंधधत राज्य सभा का सदस्य, जो दलबदल के
आधार पर उस सदन का सदस्य होने के मलए अयोग्य है , को मंत्री के रूप में तनयत
ु त होने के
मलए भी अयोग्य घोवषत ककया जाएगा।
• दसवीं अनुसूची के प्रावधान हटाने से ववधायक दल के एक ततहाई सदस्यों द्वारा ववभाजन के
मामले में अयोग्यता से छूट से संबंधधत है ।
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• नए अनच्
ु छे द 124-ए को सक्मममलत करते हुए उच्च न्यायपामलका के न्यायाधीशों की तनयक्ु तत
और हस्तांतरर् के मलए राष्ट्रीय न्यातयक तनयुक्तत आयोग (एनजेएसी) की स्थापना की गयी।
हालांकक, बाद में इसे शीषण अदालत ने रोक हदया और इसे असंवैधातनक और शून्य घोवषत कर
हदया।
• इस संशोधन में भारत द्वारा क्षेत्रों के अधधग्रहर् और भूमम सीमा समझौते के अनुसरर् में
कुछ क्षेत्रों को बांग्लादे श को हस्तांतररत करने को लागु ककया और इसका समझोता भारत और
बांग्लादे श की सरकारों के बीच हुआ।
• माल और सेवा कर (जीएसटी) को लागु करने के मलए नए अनुच्छे द 246-A, 269-A और 279-A
को सक्मममलत ककया, क्जसने सातवीं अनस
ु च
ू ी और अंतर-राज्य व्यापार और वाणर्ज्य के
तरीको में बदलाव ककए।
• वतणमान आरक्षर् के संबंध में , शैक्षणर्क संस्थानों और सरकारी नौकररयों में "आधथणक रूप से
कमजोर वगण" के मलए 10% तक का आरक्षर् प्रदान ककया गया है ।
• यह अनच्
ु छे द 46 के तहत राज्य के नीतत तनदे शक मसद्दांतो पर प्रभाव िालता है ।
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• इसमें अनुच्छे द 15 (6) और अनुच्छे द 16 (6) के तहत नए प्रावधानों को जोडा गया क्जससे
सरकार "आधथणक रूप से कमजोर वगों" की उन्नतत सुतनक्श्चत करने के मलए काम कर सके।