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भगवान विष्णु को पालनहार कहते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरुवार को भगवान विष्णु की विधिवत
पूजा करने से जीवन के सभी संकटों से छुटकारा मिलता है . ऐसे में गुरुवार को किन-किन बातों का ध्यान रखना
चाहिए, इस बारे में यहां पढ़ें .
गरु
ु वार को भगवान विष्णु की पज
ू ा करने से दरू होंगे संकट
गुरुवार को केला और खिचड़ी न खाएं, बाल-दाढ़ी भी न बनवाएं
गुरुवार को विष्णु जी और गुरु ग्रह के साथ ही केले के पेड़ की पूजा करें
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2. खिचड़ी न खाएं- वैसे तो गुरुवार को पीले रं ग का बहुत महत्व है और दाल और चावल को मिलाकर बनायी जाने
वाली खिचड़ी भी पीले रं ग की होती है लेकिन गुरुवार के दिन भूल से भी खिचड़ी नहीं खानी चाहिए (Do not eat
khichdi). ऐसी मान्यता है कि गुरुवार को खिचड़ी खाने से धन की हानि होती है और घर परिवार में दरिद्रता आ
सकती है . इसलिए गरु
ु वार के दिन न तो खिचड़ी बनाएं और ना ही खाएं.
3. बाल, दाढ़ी, नाखून न काटें - गुरुवार के दिन नाखून काटना, बाल कटवाना, दाढ़ी बनाना मना है (Avoid cutting
nails, hair, shaving). ऐसी मान्यता है कि गुरुवार के दिन ये सारे काम करने से गुरु ग्रह कमजोर होने लगते हैं
और गुरु के कमजोर होते ही धन की वद्धि
ृ रुक जाती है और काम के क्षेत्र में रुकावटें आने लगती हैं. साथ ही गुरुवार
के दिन महिलाओं को बाल धोने और कपड़े धोने से भी मना किया जाता है . इसके अलावा गुरुवार के दिन घर से
कबाड़ की चीजें भी बाहर नहीं निकालनी चाहिए.
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ृ स्पति को मनाने के लिए गुरुवार को जरूर करें ये उपाय
2. भगवान विष्णु को पीला रं ग अति प्रिय है इसलिए इस दिन पीले रं ग का अधिक से अधिक उपयोग करना
चाहिए. आप खुद भी पीले रं ग का वस्त्र पहनें और विष्णु जी को भी पीले रं ग का वस्त्र अर्पित करें . पूजा में भी पीले
रं ग के फूल, पीला चंदन, चने की दाल, केसर, बेसन का लड्डू आदि का इस्तेमाल करना चाहिए. पज
ू ा के बाद अगर
आप पीले रं ग की चीजें दान करें , तो इससे भी भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समद्धि
ृ आती है .
प्रत्येक दे वी-दे वता के लिए शास्त्रों में अलग-अलग दिन तय किए गए हैं। जिससे ग्रहों का शुभ फल प्राप्त हो सके
और अगर ग्रह अनक
ु ू ल नहीं हैं तो उसके बरु े प्रभाव से गज
ु रना पड़ता है । शनिवार के दिन शनि दे व की विशेष पज
ू ा
होती है। समय अभाव के कारण या किसी और वजह से आप शनि दे व की पूजा न कर पाते हों तो शनिवार को
काले चने शनि कृपा पाने का सर्वोत्तम माध्यम हैं। चने भगवान विष्णु से उत्पन्न हुए हैं इसलिए उसके सभी रूप
शुभ माने जाते हैं।
ज्योतिषशास्त्र में कहा जाता है कि शनिवार के दिन काले चने का दान करने से शनि प्रसन्न होते हैं। इसी प्रकार
भन
ु े हुए काले चने खाना भी शनि को अनक
ु ू ल बनाता है।
* शनि दे व कर्म के प्रतीक माने जाते हैं। मेहनत मजदरू ी करके कमाने वाले लोगों से उन्हें बहुत प्रेम है इसलिए
शनिवार को उन लोगों को काले चने और आटे का हलवा तेल में बना कर दान करें ।
* शनिवार को सवा-सवा किलो काले चने अलग-अलग तीन बर्तनों में भिगो दें । इसके बाद नहाकर, साफ वस्त्र
पहनकर शनिदे व का पूजन करें और चनों को सरसो के तेल में छौंक कर इनका भोग शनिदे व को लगाएं और
अपनी समस्याओं के निवारण के लिए प्रार्थना करें । इसके बाद पहला सवा किलो चना भैंसे को खिला दें । दस
ू रा
सवा किलो चना कुष्ट रोगियों में बांट दें और तीसरा सवा किलो चना अपने ऊपर से उतारकर किसी सुनसान
स्थान पर रख आएं। यह उपाय करने से शनिदे व के प्रकोप में अवश्य कमी होती है।
प्रत्येक शनिवार बंदरों, काली भैंस और काले घोड़े को गुड़ और काले चने खिलाएं।
* शनिवार के दिन संध्या काल में शनि मंदिर में जाकर दीपक भेंट करना चाहिए और काले चने शनि दे व को भोग
लगाने चाहिए। शनिदे व का आशीर्वाद लेने के पश्चात आपको प्रसाद स्वरूप काले चने खाने चाहिए।
शनिवार की रात को सोने से पहले शनिदे व से अपने अपराधों एवं जाने-अनजाने जो भी आपसे पाप कर्म हुआ हो
उसके लिए क्षमा याचना करनी चाहिए।