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GVM Hindi 10 U1 Solution
GVM Hindi 10 U1 Solution
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ધોરણ 10 हिंदी 70
: समय પાક્ષીક કસોટી 50 मिनीट : कु ल गुण
विभाग B
a
[5]
* निम्नलिखित प्रश्नो के सही विकल्प चुनकर उतर लिखिए |
n
1. प्रभु दीपक है तो भक्त...........है|
a
id
(A) तेल (B) प्रकाश (C) बाती (D) अंधेरा
જવાબ : C. बाती
m
2. मोती और धागा ........का प्रतीक है।
a
(A) सुविचार (B) एकाकार (C) निराकार (D) अहंकार
h
જવાબ : B. एकाकार
3. प्रभुजी तुम स्वामी हम...........|
_K
M
(A) मोर (B) दासा (C) भक्त (D) राजा
V
જવાબ : B. दासा
G
4. प्रभुजी तुम चंदन हम ............|
જવાબ : C. पानी
5. जा कि जोति बरे.........|
જવાબ : A. दिन-राती
[5]
* सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानो की प्राप्ति कीजिए |
6. प्रभु चंदन है, तो भक्त...........है
જવાબ : A पानी
[1]
7. प्रभु बादल है, तो भक्त ...........है
જવાબ : B मोर
8. ...........तब सोने का महत्त्व बढ़ जाता है।
જવાબ : A जब हीरा मिलता है
a
9. रैदास प्रभु को स्वामी मानकर खुद को...........मानते है।
n
(A) सिपाही (B) दास (C) पानी (D) अमृत
a
જવાબ : B दास
10. भक्त धागा है, तो प्रभु ...........है।
id
m
(A) हीरा (B) मोती (C) सिपाही (D) दास
a
જવાબ : B मोती
K h [2]
V
(ब) अपनापन होता है।
G
(क) अटूट बंधन होता है।
12. संत रैदास कहते हैं कि हे प्रभु, आपके प्रति मेरा समर्पणभाव............
(अ) चंदन के साथ पानी जैसा है।
(ब) मोती और धागे जैसा है।
(क) सोने पर सुहागे जैसा है।
[11]
* निम्नलिखित प्रश्नो के उतर एक-एक वाक्यों में लिखिए |
13. मोती और धागा किस भाव का प्रतीक है?
જવાબ : मोती और धागा एकाकार का प्रतीक है ।
જવાબ : जब सोने संग सुहागा मिलता है, तब सोने का महत्त्व बढ़ता है।
જવાબ : प्रभु चंदन है, तो भक्त पानी है।
a
17. चंदन और पानी के उदाहरण द्वारा भक्त और भगवान के बीच का कौन-सा भाव बताया गया है?
n
જવાબ : चंदन और पानी का उदाहरण द्वारा भक्त और भगवान के बीच का निकटता का भाव बताया गया है
a
id
18. भक्त बाती बनकर क्या चाहता है?
જવાબ : भक्त बाती बनकर जलना चाहता है
am
19. ‘तला' शब्द के दो अर्थ बताइए।
h
જવાબ :
'तला' शब्द का एक अर्थ है किसी चीज को गर्म तेल में तलना और इसका दूसरा अर्थ है जूते के नीचे का हिस्सा यानी तल्ला।
K
20. रसखान किस पर्वत का पत्थर बनना चाहते हैं?
_
જવાબ : रसखान गोवर्धन पर्वत का पत्थर बनना चाहते हैं।
VM
21. पशु के रूप कवि कहाँ निवास करना चाहते हैं?
G
22. मनुष्य के रूप में रसखान कहाँ बसना चाहते हैं?
23. भक्त प्रभु के निकट होने की बात समझाने के लिए किसका सहारा लेते हैं?
[8]
* निम्नलिखित प्रश्नो के उतर दो-तीन वाक्यों में लिखिए |
24. भक्त किन-किन उदाहरणों द्वारा समझाता है कि मैं प्रभु के निकट हूँ – अपने शब्दों में लिखिए ।
જવાબ : भक्त अपने आपको प्रभु के निकट होने की बात समझाने के लिए विभिन्न प्रतीकों का सहारा लेता है। इन
उदाहरणों में चंदन-पानी, घन-मोर, दीपक-बाती, मोती-धागा तथा स्वामी-दास का समावेश है।
25. मोती और धागे के द्वारा संत रैदास क्या कहना चाहते हैं?
જવાબ : मोती और धागा दो अलग-अलग वस्तुएं हैं।
लेकिन मोती जब धागे में पिरोया जाता है, तो दोनों एकाकार हो जाते हैं।
[3]
संत रैदास मोती और धागे के माध्यम से कहना चाहते हैं कि उनकी भक्ति आत्मा और परमात्मा यानी भक्त और भगवा
न के एकाकार हो जाने की है।
26. भक्त किन-किन उदाहरणों के द्वारा समझाता है कि मैं प्रभु से निकट हूँ? अपने शब्दों में लिखिए।
a
જવાબ : चंदन की लकड़ी पानी के साथ घिसने पर लुगदी का रूप ले लेती है।
इससे चंदन और पानी दोनों एकरूप हो जाते हैं। फिर उन्हें अलग नहीं किया जा सकता।
n
इस तरह चंदन और पानी के द्वारा भक्त और भगवान की निकटता बताई गई है।
a
id
[9]
* निम्नलिखित प्रश्नो के उतर चार-पाँच वाक्यों में लिखिए |
am
જવાબ : निष्ठावान भक्त समर्पित भावना से अपने आराध्य देव से जुड़ा रहने में अपनी भक्ति की सार्थकता मानता है।
संत रैदास ऐसे ही भक्त हैं। वे अपने आपको पानी बताते हैं, जो प्रभु रूपी चंदन के साथ मिलकर सुगंधित हो जाता है।
h
वे अपने आपको मोर कहते हैं, जो बादल को देखकर मस्ती से नाचने लगता है।
K
वे उस चातक पक्षी की तरह हैं, जो चंद्रमा को सदा देखता रहता है।
वे उस बाती के समान है, जो दीपक में जलती रहती है।
_
वे अपने आपको उस धागे के रूप में देखते हैं, जो मोती में पिरोया जाता है।
संत रैदास खुद को सोने जैसी मूल्यवान धातु में मिलनेवाला सुहागा मानते हैं।
M
वे अपने आपको मालिक का गुलाम यानी प्रभु का एक तुच्छ सेवक मानते हैं।
G V
29. संत रैदास भगवान को किन-किन नामों से संबोधित करते हैं?
જવાબ : संत रैदास भगवान को विभिन्न नामों से संबोधित करते हैं।
वे भगवान को चंदन के नाम से संबोधित करते हैं, जिसके साथ रहकर पानी भी सुगंधित हो जाता है।
वे ईश्वर को बादल कहते हैं, जिसे देखकर मोर मस्ती में आकर नाचने लगता है।
वे भगवान को चंद्रमा कहते हैं, जिसे देखकर चातक पक्षी अघाता नहीं है। वे ईश्वर को दीपक की उपमा देते हैं।
वे भगवान को मोती, सोना तथा स्वामी आदि कहते हैं।
30. संत रैदास ने भगवान के प्रति अपना भक्तिभाव किन-किन रूपों में व्यक्त किया है?
[10]
* निम्नलिखित कथनों का आशय स्पष्ट कीजिए |
[4]
31. प्रभुजी तुम घन बन हम मोरा।
जैसे चितवत् चंद चकोरा।
જવાબ : संत रैदास कहते हैं कि हे प्रभु, आप मेरे लिए बादल जैसे हैं और मैं अपने आपको जंगल का मोर मानता हूँ।
जैसे वर्षाऋतु में काले काले बादलों को देखकर मोर मगन होकर नाचने लगता है, उसी तरह मैं आपको निहारकर मदम
स्त हो जाता हूँ।
हे प्रभु, जैसे चातक पक्षी चंद्रमा को देखता रहता है, उसी प्रकार मैं भी सदा आपकी भक्ति में सदा डूबा रहता हूँ।
a
जैसे सोनहिं मिलत सुहागा।
n
જવાબ :
संत रैदास कहते हैं कि हे प्रभु, आप मेरे लिए सुंदर और चमकदार मोती की भाँति और मैं अपने आपको वह धागा मानता
a
हूँ, जिसमें मोती पिरोए जाते हैं।
id
वे कहते हैं कि जिस प्रकार मोतियों की माला का धागा मोतियों से जुड़ा रहता है, उसी तरह वे भी अपनी भक्ति के द्वारा
भगवान से घनिष्ठ रूप से जुड़े रहना चाहते हैं। वे ईश्वर से अपने जुड़ाव को सोने और सुहागे के मेल की संज्ञा देते हैं।
m
33. प्रभुजी तुम चंदन हम पानी।
a
जाकी अंग अंग बास समानी।
h
જવાબ : संत रैदास कहते हैं कि हे प्रभु, आपके प्रति मेरा समर्पणभाव चंदन के साथ पानी जैसा है।
चंदन के साथ घिसने पर पानी में भी चंदन की सुगंध व्याप्त हो जाती है। हे प्रभु, आप चंदन हैं, तो मैं पानी हूँ।
K
आपकी सुगंध भक्तिभाव के माध्यम से मेरे संपूर्ण शरीर के अंग-अंग में व्याप्त हो गई है।
_
M
34. प्रभुजी तुम दीपक हम बाती।
जाकी जोति बरै दिन-राती।
V
જવાબ : संत रैदास कहते हैं कि हे प्रभु, मेरी भक्ति दीपक में जलनेवाली बाती की तरह है।
G
जिस प्रकार दीपक की बाती अपने आपको जलाकर दीपक के साथ बने रहने में सुख का अनुभव करती है, उसी प्रकार
मैं भी अपना अस्तित्व खोकर के वल आपकी भक्ति का अभिलाषी हूँ।
જવાબ : संत रैदास कहते हैं कि हे प्रभु, आप हमारे मालिक हैं और मैं आपका समर्पित सेवक हूँ।
वे कहते हैं कि हे प्रभु, मेरी भक्ति तो इसी प्रकार की है।
विभाग C
[5]
* निम्नलिखित शब्दो के विरोधी शब्द लिखिए |
36. मित्र × ……………..
[10]
* निम्नलिखित शब्दो के पर्यायवाची शब्द लिखिए |
a
41. पानी
n
જવાબ : जल
a
42. चंदन
id
જવાબ : गंधराज, मलबज
43. बास
m
જવાબ : बू
a
44. चितवत्
h
જવાબ : देखना
K
45. स्वामी
_
જવાબ : राजा
M
46. पानी
V
જવાબ : पानी – जल
47. चंदन
G
જવાબ : चंदन – गंधराज, मलबज
48. बास
જવાબ : बास – बू
49. चितवत्
विभाग D
[5]
* उचित जोड़ मिलाए|
a
જવાબ :
n
‘अ’ ‘ब’ उतर
a
चंद मो
पानी
न रा
id
घन ज्यो
मोरा
बन ति
m
दीप पा ज्यो
क नी ति
a
रै
h
सो
दा सुहगा
ना
K
सा
भ सुह रैदा
क्त गा सा
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