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-33004/99
सी.जी.-डी.एल.-अ.-27042022-235392
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CG-DL-E-27042022-235392
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असाधारण
EXTRAORDINARY
भाग II—खण्ड 3—उप-खण्ड (ii)
PART II—Section 3—Sub-section (ii)
प्राजधकार से प्रकाजित
PUBLISHED BY AUTHORITY
का.आ. 1953(अ).— भारत सरकार के तत्कालीन पर्ाावरण और वन मंत्रालर् कअ अजधसूचना सं. का.आ.
1533 (अ) तारीख 14 जसतम्बर, 2006 जिसे इसकअ अनुसूची (जिसे इसमें इसके पश्चातउ उत अ अजधसूचना क ा गर्ा )ै के
अतंगता आने वाली पररर्ोिनाओं जिनमें अनुसूची कअ मि सं. 7(छ) के अंतगात आने वाले आकािी रज्िू मागा भी , के जलए
पूवा पर्ाावरणीर् अनापजि (ईसी) कअ अपेक्षा के संबंध में भारत के रािपत्र, असाधारण, भाग 2, खंड 3, उपखंड (ii) में
प्रकाजित कअ गई िी;
और मंत्रालर् को सड़क पररव न और रािमागा मंत्रालर् से अभ्र्ावेिन प्राप्त ुआआ ै जिसमें र् किन दकर्ा गर्ा
ै दक रज्िू मागा िेि के पररव न नेरवका का म त्वपूणा घरक चूंदक प ाड़ी क्षेत्रों में इसका प्रर्ोग अजतम मील संर्ोिकता
और साि ी गजतिीलता प्रिान करने के जलए दकर्ा िा सकता ै और इससे प ले इन पररर्ोिनाओं को पर्ाावरण
अनापजि कअ आवश्र्कता के वल व्ा 2006 में उत्पन ुआई िी और इससे प ले र्े पररर्ोिनाएं पर्ाावरण अनापजि कअ
अपेक्षा से अपवर्िात कअ गई िीं । इसके अजतररक्त, मंत्रालर् से अनुरोध दकर्ा गर्ा िा दक व उक्त अजधसूचना का
पुनर्वालोकन करें और पूवा पर्ाावण अनापजि (ईसी) कअ अपेक्षा करने वाली पररर्ोिनाओं से रज्िू मागक को अपवर्िात करे ;
और लोक उपर्ोगी रज्िू मागक को पत्र एं.सं. 5-2/2017–एंसी तारीख 05.08.2019 के अनुसार कजतपर्
ितक के अधीन र ते ुआए वन (संरक्षण) अजधजनर्म, 1980 (1980 का 69) कअ पररजध से अपवर्िात कर दिर्ा गर्ा ;ै
और मामला, जवचारजवमिा के जलए इस मंत्रालर् में अवसंरचना जविे्ज्ञ मूल्र्ाकं न सजमजत को जनदिाष्ट दकर्ा गर्ा
िा । व्र्ापक जवचारजवमिा के पश्चातउ, उक्त जविे्ज्ञ सजमजत ने र् जसंाररि कअ ै दक आकािीर् रज्िू मागा प ाड़ी क्षेत्रों
में पररव न का पर्ाावरण अनुकूल पद्धजत ै जिसमें सड़कों र्ा रािमागक कअ तुलना में पर्ाावरण पर कम से कम समाघात
ो और र् जसंाररि कअ िी दक आकािीर् रज्िूमागक पररर्ोिनाओं को समर्-समर् पर अजधकजित कजतपर् पर्ाावरण
सुरक्षोपार्ों के अधीन र ते ुआए ईआईए अजधसूचना, 2006 कअ पररजध से अपवर्िात दकर्ा िाए;
और पर्ाावरण (संरक्षण) जनर्म, 1986 के जनर्म 5 के उपजनर्म (3) के खंड (घ) के साि परित पर्ाावरण
(संरक्षण) अजधजनर्म, 1986 (1986 का 29) कअ धारा 3 कअ उपधारा (1) और उपधारा (2) के खंड (v) के अधीन प्रिि
िजक्तर्ों का प्रर्ोग करते ुआए पर्ाावरण समाघात जनधाारण अजधसूचना 2006 में संिोधन करने के जलए प्राप प अजधसूचना
का.आ.सं. 491 (अ) तारीख 2 ंरवरी, 2022 द्वारा प्रकाजित कअ गई िी जिसमें ऐसे उन सभी व्यजत अर्ों से जिनकअ उससे
प्रभाजवत ोने कअ संभावना िी, उस तारीख से, जिसको उक्त अजधसूचना कअ रािपत्र कअ प्रजतर्ां िनता को उपल्ध करा
िी िाती , साि दिन कअ अवजध के भीतर आक्षेप और सुझाव आमंजत्रत दकए गए िे;
और उपरोत अ पैरा 5 में उजल्लजखत प्राप प अजधसूचना के उत्तर में प्राप्त सभी आक्षेपों और सुझावों पर के रीर्
सरकार द्वारा सम्र्क प प से जवचार कर जलर्ा गर्ा ;ै
अत: अब, के रीर् सरकार, पर्ाावरण (संरक्षण) जनर्म, 1986 के जनर्म 5 के उपजनर्म (3) के खंड (घ) के साि
परित पर्ाावरण (संरक्षण) अजधजनर्म, 1986 (1986 का 29) कअ धारा 3 कअ उपधारा (1) और उपधारा (2) के खंड (v)
द्वारा प्रित्त िजक्तर्ों का प्रर्ोग करते ुआए उक्त अजधसूचना में जनम्नजलजखत और संिोधन करती ,ै अिाात:उ --
उक्त अजधसूचना कअ अनुसूची में, िी्ा ‘’पर्ाावरण सेवाएं सज त भौजतक अवसंरचना’’ के अधीन मि 7(छ) और
उससे सबंजधत प्रजवजष्टर्ों का लोप दकर्ा िाएगा ।
[ंा.सं. आईए-3-22/17/2021-आईए.III]
ररप्पण : मूल अजधसूचना भारत के रािपत्र, संख्र्ा का.आ. 1533(अ), तारीख 14 जसतंबर, 2006 में प्रकाजित कअ गई िी
और उसमें अजधसूचना संख्र्ा का.आ. 1886(अ), तारीख 20 अप्रैल, 2022 द्वारा अंजतम बार संिोधन दकर्ा गर्ा
िा ।
Note: The principal notification was published in the Gazette of India, vide, number S.O. 1533(E), dated the
14th September, 2006 and last amended vide the notification number S.O. 1886(E), dated the 20 th April, 2022.
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VERMA
KUMAR
KUMAR VERMA
Date: 2022.04.27 22:19:33
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