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Shay Ari
Shay Ari
Shakeel Azmi
मेरी फांसी मुकर्रर होने पर वह मुस्कु राई बहुत, ना जाने कौन सा वहम उसके सर चढ़ गया है,
तेरे जाने के बाद जीने की तमन्ना तो यूं भी ना थी, अरे वो शख़्स तो मेरे हक़ में फै सला कर गया है।
Kanha Kamboj