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दै नक ेरणा
येक दन के लए एक सु वचार
रॉ डा बन
मंजुल प ल शग हाउस
First published in India by
रॉ डा बन
द सी े ट
आपको सम पत
वषय-सूची
दन 1
दन 2
दन 3
दन 4
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दन 7
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दन 365
रॉ डा बन के बारे म
दन 1
रॉ डा बन
दन 2
आपके भीतर जो भी भावनाएँ होती ह, वही आपके आने वाले कल को आकृ कर रही
ह।
और…
आपका काम अंद नी है। अपने संसार को बदलने के लए आपको बस इतना ही करना है
क अपने अंदर के अहसास को बदल ल। यह कतना आसान है!
दन 4
हर चीज़ म उपहार क तलाश कर, ख़ास तौर पर जब आप कोई नकारा मक दखने वाली
थ त का सामना कर रहे ह । हम जस भी चीज़ को आक षत करते ह, उसक बदौलत हम
आगे बढ़ते ह। इसका मतलब है क हर चीज़ अंततः हमारे ही भले के लए होती है।
अर तु (384-322 ई.पू.)
दन 8
एक ऐसा श द है, जसे जब बोला जाता है, तो उसम आपका पूरा जीवन बदलने क
अथाह श होती है। आपके ह ठ से गुज़रने पर यह श द आपके लए पूण आनंद और
ख़ुशी का ज़ रया बन जाएगा। ये श द आपके जीवन म चम कार कर दे गा, नकारा मकता
को मटा दे गा और आपको हर कार से समृ कर दे गा। इस श द को जब बोला जाता है
और श त से महसूस कया जाता है, तो ये सृ क सारी श य का आ ान करेगा क वे
सारी चीज़ आपक ओर ले आएँ।
ध यवाद।
दन 9
हम अपने भीतर जैसी भावनाएँ रखते ह, अपने जीवन म वैसी ही चीज़ आक षत करते ह।
हम जीवन म जस भी अव था म ह और जो भी अनुभव करते ह, वह हर हालात, हर
व हर थ त हमारे भीतर के वचार और भावना क ही दे न है। या आप इससे अ धक
शानदार व था क माँग कर सकते ह?
आराम से बैठ जाएँ। ग़ौर कर क आप कैसा महसूस कर रहे ह। अब अपने पूरे शरीर को
तनावर हत कर ल। जब पूरा शरीर तनावर हत हो जाए, तो इसे थोड़ा और श थल कर ल।
अब इसे थोड़ा और तनावर हत कर। फर थोड़ा और! गहराई तक तनावर हत होने क यह
या सात बार दोहराएँ। हर बार जतना यादा श थल हो सकते ह , हो जाएँ। इसे पूरा
करने के बाद ग़ौर कर क शु आत म आप जैसा महसूस कर रहे थे, उसके मुक़ाबले अब
आपक भावना म कतना अंतर आया है।
डटे रह, डटे रह, डटे रह, और आ ख़रकार आप उस मुकाम पर प ँच जाएँगे, जहाँ रह य
के स ांत आपका वभाव बन जाएँग।े आप लोग ारा बोले जाने वाले श द को लेकर
ब त जाग क बन जाएँग,े ख़ास तौर पर जब वे अपनी उन चीज़ के बारे म बोलगे, ज ह वे
नह चाहते। आप अपने श द को लेकर भी ब त जाग क बन जाएँग।े
व लयम जे स (1842-1910)
दन 15
जीवन का स य सभी के लए इसी नया म मौजूद है, जैसे क यह हमेशा रहा है। ले कन
जवाब सफ़ उ ह को मलता है, जो करते ह और अंततः वही स य को भी खोज पाते
ह। जब हम करते ह और जवाब जानने क गहरी इ छा रखते ह, तो हम जवाब को एक
ऐसे प म आक षत करगे, जसे हम समझ सक।
यह पानी म तैरने जैसी भावना होती है। अगर आप तनाव म ह या आप पानी का तरोध
करते ह, तो आप डू ब जाएँग।े वह , अगर आप पानी के सामने समपण कर दे ते ह, तो वह
आपको सहारा दे गा और आप तैरते रहगे। इसी तरह क भावना के साथ आप ख़ुद को सृ
के सामंज य म लाते ह।
यह फ़क़ क़ का माण है।
आपके पास जो है, उसक क़ करने से आपक मनचाही चीज़ आपके पास आती है।
नकारा मक नज़र आने वाली हर चीज़ म अ छाई छपी होती है। अगर हम यह बात जान
सक क हर चीज़ म, नकारा मक थ त म भी, अ छाई होती है, तो हमारे दे खते ही दे खते
नकारा मक थ त अ छ या लाभकारी थ त म बदल जाएगी। यादातर लोग ख़ुद को
अ छाई से सफ़ इस लए र कर लेते ह, य क वे उस पर बुरे का ठ पा लगा दे ते ह, और
फर ज़ा हर है वही उनक हक़ क़त बन जाती है। ले कन इस सृ म कोई चीज़ बुरी नह है;
यह तो हमारी असमथता है क हम ापक कोण से चीज़ को प प से दे ख नह
पाते ह।
अगर आपका कोई म कसी मु कल दौर से गुज़र रहा है, तो उसक मदद करने के लए
यह सु न त कर क आपका आनंद भी क़ायम रहे। आपक अ छ भावनाएँ उसे उबारने म
सहायक ह गी। आप ऐसे लोग क बातचीत को दशा दे कर भी उनक मदद कर सकते ह,
ता क वे अपनी मनचाही चीज़ के बारे म ही बात कर। जब कभी वे अनचाही चीज़ के बारे
म बात कर, तो धैय के साथ बातचीत को उनक मनचाही चीज़ क दशा म मोड़ द। आप
उनसे इस तरह भी बात कर सकते ह, मानो उनका मु कल समय ख़ म हो गया है। आप
उ ह यह क पना करने का सुझाव भी दे सकते ह क बुरा दौर गुज़र गया है और सब कुछ
ठ क है।
उनसे बात करते समय एक मा यम बन और सृ के संपक म बने रहने म उनक मदद कर।
दन 25
“यह मानना ब त बड़ी ग़लतफ़हमी है क संप याँ अथवा व तुएँ चाहे वे कसी भी तरह क
य न ह , अपने आप म संतु या ख़ुशी का ोत ह। कोई भी , थान या व तु
आपको ख़ुशी नह दे सकती। वे आपको ख़ुशी का कारण या संतु का भाव तो दे सकती
ह, ले कन जीने का आनंद तो आपके भीतर से ही आता है।”
शुभ रा !
दन 29
आपम कसी भी चीज़ को आदेश देने क मता है। अगर आप चाहते ह क नकारा मक
वचार आपसे र चले जाएँ, तो यह आदे श दे सकते ह:
अ छे वचार सोच।
अ छे श द बोल।
अ छे काम कर।
ये तीन तरीक़े आपके लए इतना कुछ लाएँग,े जसक आपने कभी क पना भी नह क
होगी।
दन 35
आकषण का नयम अ गत है। यह कसी फ़ोटोकॉपी मशीन क तरह काम करता है।
हर पल आप जो सोच रहे ह और महसूस कर रहे ह, यह नयम उसक फ़ोटोकॉपी कर दे गा
और एक सट क फ़ोटोकॉपी आपको भेज दे गा - जो आपक ज़दगी बन जाती है। इसका
मतलब है क आपके लए अपने पूरे संसार को बदलना ब त आसान है।
अपने जीवन क हर चीज़ के लए कृत रहना ब त मह वपूण है। कई लोग अपनी कसी
एक मनचाही चीज़ पर यान क त कर लेते ह और अपने पास मौजूद बाक़ चीज़ के लए
कृत होना भूल जाते ह। कृत ता के बना आप आकषण के नयम के ज़ रये कुछ भी
हा सल नह कर सकते, य क अगर आपके मन से कृत ता कट नह हो रही है, तो
इसका अथ है क कृत नता कट हो रही है। कमठ बन, तुरंत नणय ल और अपनी मनचाही
चीज़ पाने के लए अपने अ त व क मता का इ तेमाल कर।
दन 40
अ ात
दन 43
अब आप सृजन कर रहे ह!
दन 48
यह सब जानना ब त, ब त अ छा है।
दन 49
ऑ कर वाइ ड (1854-1900)
द प चर ऑफ़ डॉ रयन े
दन 50
आपके ख-दद से संसार को कोई मदद नह मल सकती है। ले कन आपक ख़ुशी और पूरी
तरह जया गया जीवन संसार को बेहतर बना दे ता है।
दन 52
आपके भीतर जो कुछ है, जीवन आपको आईने म उसी का त बब दखा रहा है।
दन 55
य द कोई कसी सरे के बारे म नकारा मक सोचता है, तो वही नकारा मक वचार
कई गुना होकर उसक ओर लौटते ह। इससे कोई फ़क़ नह पड़ता क कतने लोग कसी के
बारे म नकारा मक सोच रहे ह; अगर वह आनंद म है, तो वे वचार उस तक कभी
नह प ँच सकते, य क ऐसे वचार एक अलग आवृ पर पं दत होते ह। वे सारे
नकारा मक वचार कई गुना होकर उ ह लोग क ओर लौट जाएँग,े जो उ ह सोच रहे थे।
व लयम वॉकर ऐट क सन
(1862-1932)
थॉट वाइ ेशन
दन 57
“अगर हम अ छा जीवन जीते ह, तो हमारा समय भी अ छा रहता है। हम जैसे होते ह, वैसा
ही समय भी होता है।”
सट ऑग टाइन ऑफ़ ह पो (354-430)
दन 64
अगर अब तक आपका जीवन े रहा है, जहाँ हर चीज़ बलकुल सही ई है, तो हो
सकता है क आपम अपना जीवन बदलने का बल संक प और कामना न हो। दरअसल
“नकारा मक” लगने वाली तमाम चीज़ ही हमारे अंदर हालात बदलने क वशाल इ छा
जगाती ह। आपके भीतर उठने वाली बड़ी कामना कसी चुंबक य वाला जैसी होती है और
यह ब त श शाली होती है।
आपक मनचाही चीज़ इसी समय आपके पास है, अपने अंदर यह भावना उ प कर ल
और इसे महसूस करते रह। यह संसार क सबसे अ त भावना है। इस भावना का अ यास
करते रहगे, तो यह यादा मज़बूत बनती जाएगी। आप यह महसूस करने लगगे क आपक
मनचाही चीज़ आपके पास पहले से ह। जब आप यह कर लेते ह, तो नयम को त या
करनी ही होगी।
टन चेख़ोव (1860-1904)
द नोटबुक ऑफ़ टन चेख़ोव
दन 78
आसान रा ता चुन।
दन 80
आकषण का नयम कसी वशाल फ़ोटोकॉपी मशीन जैसा होता है। यह आपको ठ क
वही दे ता है, जो आप सोच रहे ह और महसूस कर रहे ह। अगर आपके जीवन म ऐसी चीज़
आ रही ह, ज ह आप नह चाहते ह, तो यह तय है क यादातर व त आप अपने वचार
या अपनी भावना के बारे म जाग क नह रहते ह। अपनी भावना के बारे म जाग क
बन, ता क जब आप अ छा महसूस न कर रहे ह , तो आप ककर अपनी भावना म
बदलाव ला सक। और यह काम कैसे कर? ऐसे वचार सोच, जनसे आपको अ छा महसूस
हो।
ढ़ कथन का भावी इ तेमाल पूरी तरह इस बात पर नभर करता है क उ ह कहते समय
आप उन पर कतना वश्वास करते ह। य द कोई वश्वास नह है, तो ढ़ कथन महज कोरे
श द ह, जनम कोई श नह है। वश्वास ही आपके श द को श दे ता है।
अब आप सच बोल रहे ह!
दन 90
अगर आप इसे सही तरीक़े से करगे, तो आपको अपने मन और पूरे शरीर म ब त बड़ा फ़क़
महसूस होगा। आप यादा शां तपूण तथा तनावर हत महसूस करगे और आप उन
नकारा मक वचार को रोक दगे।
दन 91
“हमारे वयं के वचार के अलावा कोई भी चीज़ पूरी तरह हमारे नयं ण म नह है।”
शुभ या ा!
दन 94
आपके पास सबसे बड़ा साथी है, जसक प ँच हर जगह ा त ऊजा तक है। कोई भी
इसक कावट नह बन सकता - और आपको तो अपने सव ापी साथी के लए बस इतना
करना है क उस पर वश्वास कर।
दन 100
आकषण के नयम के ज़ रये अपने जीवन म ख़ुशी लाने के लए आपको इसी पल ख़ुश
रहना होगा। यह बड़ा ही सरल फ़ॉमूला है। ख़ुशी ही ख़ुशी को आक षत करती है। हालाँ क
लोग कई बहाने बनाने लगते ह क वे ख़ुश य नह हो सकते। वे कज़ के बहाने बनाते ह,
सेहत के बहाने बनाते ह, संबंध के बहाने बनाते ह और सभी तरह क चीज़ के बहाने बनाते
ह क वे इस सरल फ़ॉमूले का इ तेमाल य नह कर सकते। ले कन यह फ़ॉमूला ही नयम
है।
अगर आप चता करने लगते ह और तनाव म आ जाते ह क आपक मनचाही चीज़ आपको
अब तक नह मली है, तो अनजाने म ही आप सृ को एक और ईमेल भेज दे ते ह क वह
आपके ऑडर को रोक दे । और फर इसके बाद आप हैरान होते ह क आपने जो माँगा था,
वह आपको य नह मला।
आप आनंद म रह।
दन 116
वयं को जा नए।
दन 122
अगर आप कोई वशेष मकान या वशेष संबंध या वशेष नौकरी चाहते थे, ले कन वे
आपको नह मले, तो समझ ली जए क सृ आपको बता रही है क वह आपके लए
अ छा नह था और आपके सपन से मेल नह खाता था। वह आपको यह भी बता रही है
क उसके पास इससे भी बेहतर चीज़ है, जो आपके लए यादा मुना सब है।
चाहे आप कुछ भी सोच रहे ह या महसूस कर रहे ह , कसी नई चीज़ का सृजन करने क
आपक श अभी, इसी समय है।
दन 130
“जो तमाम ख़ूबसूरती आपके चार ओर अब भी बाक है, उसके बारे म सोच और ख़ुश
ह ।”
ऐन क (1929-1945)
डायरी ऑफ़ अ यंग गल
दन 134
प रवतन हमेशा आपके और सभी के भले के लए होता रहता है। यह जीवन का वकास है।
दन 135
“ यादातर लोग जो चाहते ह, उसे पाने म असफल य रहते ह? इसका [एक] अहम कारण
यह है क वे यह प के तौर पर जानते ही नह ह क वे या चाहते ह या फर वे लगभग हर
दन अपनी इ छाएँ बदलते रहते ह।
और सरे वे जो कहते ह, “म जानता ँ क मुझे पहले वश्वास करना होगा, तभी म इसे
दे ख पाऊँगा।”
दन 141
कोई काय करना मु कल महसूस हो सकता है। परंतु ेरणा से भरपूर काय अ त महसूस
होता है।
दन 142
आपके जहाज़ का क तान कौन है? आप जानते ह क अगर कोई जहाज़ को दशा नह
दे गा, तो वह समु म हचकोले खाएगा और च ान से टकराकर तबाह हो जाएगा। अपने
शरीर को एक जहाज़ मान और म त क को इंजन, और वयं को अपने जहाज़ का क तान
मान ल!
अगर आपका दन अ छा नह जा रहा है, तो ठहर जाएँ और यास ारा अपनी आवृ को
बदल ल। अगर आपका दन अ छ तरह गुज़र रहा है, तो जो कर रहे ह वही करते रह।
दन 152
अपने जीवन म मौजूद सारी शानदार चीज़ के बारे म जानकारी बढ़ाते जाएँ। उन सभी
लोग के त कृत ता महसूस कर, ज ह ने अपने काय और आ व कार के ज़ रये इतना
कुछ दया है, जससे आप यादा आसान ज़दगी जी सक। या आपने आज सुबह नान
कया था? या आपने बजली का इ तेमाल कया था? आप ऑ फ़स तक कैसे प ँचे? कार
से, े न, बस या फर आप जूते पहनकर पैदल गए थे? या आपने कॉफ़ पी थी या रे डयो
सुना था या सेल फ़ोन से कॉल कया था या ल ट म सवार ए थे? आप अपनी ज़दगी म
हर दन ब त सारे आ व कार का इ तेमाल करते ह। या आप उ ह नज़रअंदाज़ कर रहे ह
या उनके त कृत ह?
हम सौभा यशाली ह - वा तव म।
दन 158
दयालुतापूण वचार सोच। दयालुता भरे श द बोल। दयालुता भरे काम कर। अपने वचार ,
श द तथा काय म दयालुता समा हत कर ल और इसे अपने जीवन क थायी अव था बना
ल। दयालुता के कई तर होते ह और यह महसूस करना रोचक है क जसे लोग “बुरा”
कहते ह, वह और कुछ नह बस दयालुता का अभाव है। बुराई का कोई ोत नह है - सफ़
दयालुता का अभाव है।
अपनी इ छाश का योग कर और ऐसे काम कर, जनसे आपक ज़दगी बदल जाए।
हर दन द सी े ट (रह य) के स ांत का अ यास कर। इ छाश का योग कर और इन
स ांत के अनु प जीने का संक प ल। कृ त के सभी नयम का इ तेमाल अपने लाभ
के लए कर। बना अपवाद हर दन अ यास करने का अनुशासन रख।
कई लोग म मृ यु का बड़ा डर होता है, ले कन हमारा जीवन अनंत है, जसका बस बाहरी
प बदलता है।
दन 167
इ तहास म एक भी ऐसी मसाल नह है, जहाँ नफ़रत से लोग को ख़ुशी मली हो। जन
लोग ने भी मन और शरीर म नफ़रत को पाला है, इसने उ ह न कर दया है। अगर मानव
जा त नफ़रत, डर व े ष से मु हो जाए, तो कभी कोई तानाशाह नह होगा और पूरी पृ वी
पर शां त होगी।
सृजन क या सभी चीज़ के लए समान होती है, चाहे आप कसी भी चीज़ को अपने
जीवन म लाना चाहते ह या कसी नकारा मक चीज़ को अपने जीवन से हटाना चाहते ह ।
अगर आप कसी आदत या नकारा मक चीज़ को छोड़ना या अपने जीवन से हटाना चाहते
ह, तो आपको उस पर यान क त करना ही होगा, जसे आप चाहते ह। इसका मतलब है
क आप मान सक च ण कर और उसी समय क पना कर क आप नकारा मकता से र हत
अव था म ह। जहाँ नकारा मक थ त पूरी तरह अनुप थत हो, ऐसे यादा से यादा य
म अपनी क पना कर। क पना म ख़ुद को ख़ुश और वतं दे ख। अपने मन से नकारा मक
थ त वाली अपनी हर त वीर हटा द। बस अपनी क पना उस अव था म कर जसम आप
रहना चाहते ह और महसूस कर क आप इस समय वैसे ही ह।
दन 171
हमम से येक ख़ुद के जीवन का नमाता है। हम कसी सरे के जीवन का नमाण तब
तक नह कर सकते, जब तक क सामने वाला भी वही चीज़ चेतन प से न माँग
रहा हो। मसाल के तौर पर, अगर कोई अ छा बनना चाहता है, तो उस के आसपास
के सरे लोग उसक वशु अ छाई पर अपनी बल एका ता का इ तेमाल कर सकते ह।
इससे उस को इस सकारा मक ऊजा से ब त मदद मलेगी, य क वह ख़ुद इसे माँग
रहा है।
दन 175
दरअसल आ यह था क आपने अपनी मनचाही चीज़ के वरोध वाले कोई वचार नह सोचे
या कोई श द नह बोले, इस लए आकषण के नयम को अपना काम करने का मौक़ा मल
गया।
दन 177
आकषण का नयम आपके जीवन क कसी ऐसी चीज़ को नह बदल सकता, जससे
आप नफ़रत करते ह, य क नफ़रत प रवतन को आने से रोक दे ती है। चूँ क यह नयम हम
एकदम सट क प से वही दे रहा है, जो हम े षत कर रहे ह। इस लए जब आप कसी
चीज़ से नफ़रत करते ह, तो नयम के लए यह ज़ री हो जाता है क यह आपको वही चीज़
यादा दे , जससे आप नफ़रत करते ह। आप इससे र जाने म सफल नह हो पाएँगे। ेम
ही एकमा तरीक़ा है।
आलोचना ब त सू मता से रगकर हमारे वचार म समा सकती है। यहाँ आलोचना के
कुछ उदाहरण दए गए ह, ता क आप इसक सू मता के बारे म जाग क बन सक और इसे
अपने वचार से मटा सक:
थॉमस ए के पस (1380-1471)
द इ मटे शन ऑफ़ ाइ ट
दन 183
“हर महान बन सकता है… य क कोई भी सेवा कर सकता है। सेवा करने के लए
आपके पास कॉलेज क ड ी होने क ज़ रत नह है। सेवा करने के लए आपको कसी
भाषा का ाकरण जानने क ज़ रत भी नह है। आपको तो सफ़ दया से भरे दय क
ज़ रत है। सफ़ ेम से उ प आ मा क ज़ रत है।”
पूछ और फर सजगता के साथ जाग क बने रह, य क जवाब आपके पास कसी भी
पल आ जाएगा।
दन 192
बुरा मत दे खो।
बुरा मत सुनो।
बुरा मत बोलो।
इसका मतलब है: नकारा मक को मत दे खो, नकारा मक बात मत सुनो, और नकारा मक
बात मत बोलो।
जब कोई बना कसी भावना के “ध यवाद” कहता है, तो आप कैसा महसूस करते ह? आप
कुछ भी महसूस नह करते। और आप जानते ह क जब कोई तहे दल से “ध यवाद” कहता
है, तो आप कैसा महसूस करते ह। दोन ही करण म श द समान रहते ह, ले कन जब
कृत ता क भावना जुड़ जाती है, तो आपको महसूस होता है क उस ऊजा का भाव आप
तक त काल प ँच रहा है।
आकषण का नयम एक वशाल फ़ोटोकॉपी मशीन जैसा है; हमारे मन म जो रहता है, यह
उसक फ़ोटोकॉपी करता है और हमारे जीवन क प र थ तय व घटना के प म हमारी
ओर वापस भेज दे ता है। यह ब त अ छ बात है, य क इस तरह हम ब त प फ़ डबैक
मल रहा है क हम अपने जीवन म कैसा काय कर रहे ह। मसाल के तौर पर, अगर आपको
अपने जीवन म पया त पैसा नह मल रहा है, तो आप जान जाते ह क आपको अपने मन
और क पना म समृ का सृजन करना होगा, ता क नयम उसक फ़ोटोकॉपी करके उसे
आपक ओर भेज सके।
दन 205
आकषण के नयम का इ तेमाल करके पैसा कमाने के लए यहाँ चार बु नयाद बात
बताई जा रही ह।
यही नयम है। आपके जीवन का सारा सृजन आपके अंदर ही शु होता है।
दन 210
अ ात
दन 211
अनंत ा ड हमारे सूय जैसा है। काश और जीवन दे ना सूय क कृ त है। अगर यह
काश और जीवन नह दे ता, तो सूय का अ त व ही नह हो सकता था। या आप क पना
कर सकते ह क सूय एक दन सुबह उठकर यह सोचने लगे, “म काश और जीवन दे त-े दे ते
उकता चुका !ँ ” जस पल सूय जीवन दे ना बंद कर दे गा, वह अ त व म ही नह रहेगा। यह
अनंत ा ड भी सूय जैसा ही है और दे ना ही इसका सार व कृ त है - और यह ऐसा कये
बना अ त व म नह रह सकता।
आपक आवृ जतनी यादा ऊँची होती है, आप उतनी ही यादा अ छाई को अपनी ओर
आक षत करते ह।
दन 214
“पानी म फके गए कसी प थर क तरह ही वचार से लहर पैदा होती ह, जो वचार के पूरे
महासागर म फैल जाती ह। बहरहाल, दोन म यह फ़क़ है: पानी क लहर सफ़ समतल
धरातल पर ही सब दशा म फैलती ह, जब क वचार-तरंग सूय क करण क तरह एक
साझे क से सब दशा म फैलती ह।”
जब तक आपके भीतर का आनंद बाहर क ओर न फैल रहा हो, तब तक आपके पास कसी
को दे ने के लए कुछ भी नह होता।
दन 219
पाने का सबसे तेज़ तरीक़ा देना है, य क दे ना पाने के पार प रक काय से शु होता है।
हम सभी को उतना ही मलता है, जतना हम दे ते ह। जहाँ भी जाएँ, हर जगह अपना
सव े द। मु कान बाँट। ध यवाद द। दयालु बन। ेम द शत कर।
“हम जो भी ह, वह हमारी सोच का ही प रणाम है… अगर कोई कसी बुरे वचार से
बोलता या काम करता है, तो उसका प रणाम उसे ःख के प म भोगना होगा… अगर कोई
शु वचार से बोलता या काम करता है, तो उसका प रणाम उसे ख़ुशी के प म
ा त होगा - एक ऐसी परछाई क तरह जो उसका साथ कभी नह छोड़ेगी।”
द ट् वन वसस
दन 225
य द ऐसा लगे क आपके जीवन का कोई काय आपक मनचाही चीज़ का वरोध करता है,
तो उसे करते व त अपनी क पना का इ तेमाल कर। अपनी मनचाही चीज़ के सृजन म
मदद करने के लए आप अपने काय का हर दन इ तेमाल कर सकते ह। मसाल के तौर
पर, अपनी पुरानी कार चलाते व त क पना कर सकते ह क आप दरअसल वह नई कार
चला रहे ह, जसे आप चाहते ह। अपने पस को नकालते व त क पना कर सकते ह क
वह नोट से भरा आ है। अपने कसी भी काय को बनावट खेल बना सकते ह, जो आपक
मनचाही चीज़ के तारत य म हो।
चा स हानेल (1866-1949)
द मा टर क स टम
दन 232
आप अपनी आवृ तरंग को कतना ऊपर उठा सकते ह, इसक कोई सीमा नह है,
य क इस बात क कोई सीमा नह है क आप कतने अ धक अ छे वचार सोच सकते ह
या कतने अ छे श द बोल सकते ह या कतने अ छे काम कर सकते ह। अपनी आवृ का
तर उठाकर अपने जीवन को बदलने के साथ ही आप सर के जीवन क गुणव ा को भी
ऊपर उठा दे ते ह। आपक ऊजा से सकारा मक तरंग उसी तरह कट होती है, जस तरह
पानी म फके गए प थर क लहर; यह हमारी पृ वी और इस पर रहने वाले हर जी वत ाणी
को छू ती ह।
अगर आप तनाव महसूस कर रहे ह, तो मनचाही चीज़ अपने पास नह ला सकते। कसी
भी तरह का तनाव या दबाव एक ऐसी चीज़ है, जसे आपको अपने अंदर से हटाना होगा।
तनाव को वयं के भीतर जगह न द - यह एकमा तरीक़ा है, जससे आप अपनी मनचाही
चीज़ पा सकते ह। तनाव का भाव रखने का मतलब बलता से यह कहना है क आपके
पास आपक मनचाही चीज़ नह है। दबाव या तनाव का अथ आ था का अभाव है, इस लए
इसे हटाने के लए आपको बस अपनी आ था को बढ़ाना है!
दन 236
इसे अपने जीवन का संक प बना ल। इसके बाद आपक ज़दगी म जो होगा, उसे दे खकर
आप हैरान रह जाएँग।े
दन 240
जब आपके जीवन म कोई बड़ा प रवतन होता है, तो यह आपको दशा बदलने पर मजबूर
कर दे ता है। हो सकता है क नया रा ता आसान न हो, ले कन आप पूरी तरह सु न त हो
सकते ह क नए माग पर आपके लए कोई न कोई शानदार चीज़ ज़ र होगी। आप
सु न त हो सकते ह क नए माग पर ऐसी चीज़ ह गी, जनका अनुभव आपको उस
प रवतन के बना नह होता।
ाचीन बैबीलॉन नवासी एक अ यंत मह वपूण नयम का पालन करते थे, जो उनक
बेशुमार समृ का कारण था। वे दशमांश दान के नयम का इ तेमाल करते थे, जसम आप
अ जत कए जाने वाले सारे पैस या दौलत का दसवाँ ह सा दान करते ह। दशमांश दान का
नयम कहता है क आपको कुछ पाने के लए पहले दे ना होगा और बैबीलॉन नवासी जानते
थे क इस नयम पर चलने से समृ का बहाव खुल जाता है।
अगर आप सोच रहे ह, “जब मेरे पास पया त पैसा होगा, तभी दान ँ गा,” तो दशमांश दान
का नयम कहता है क आपके पास कभी पया त पैसा नह होगा, य क आपको पहले
दान दे ना होगा। नया के कई सबसे दौलतमंद लोग ने दशमांश दान दे कर दौलत का सफ़र
तय कया है और उ ह ने कभी ये दान दे ना नह छोड़ा!
दन 242
“ यादातर लोग लगभग उतने ही ख़ुश रहते ह, जैसा वे अपने मन म सोच लेते ह।”
आपके जीवन क फ़ म कैसी चल रही है? या आपको पैसा, सेहत या संबंध के मामले
म पटकथा म कोई प रवतन करने क ज़ रत है? या आप इसे संपा दत करना चाहते ह?
आज ही अपनी फ़ म म मनचाहे प रवतन करने का दन है, य क आज के प रवतन ही
कल पद पर दखगे।
अपने भीतर पूछना जारी रख, सीखना जारी रख, न त मा यता को छोड़ना जारी
रख, और स य आपके सामने कट हो जाएगा।
दन 251
आपको इस तरह बोलना चा हए, मानो आपक मनचाही चीज़ इसी समय आपके पास
हो। यह ब त मह वपूण है। नयम आपके वचार और श द पर सट कता से त या
करता है। इस लए अगर आप कसी चीज़ को भ व य म दे खते ह, तो आप दरअसल इसे
अभी होने से रोक रहे ह।
आपको ऐसा महसूस करना चा हए, मानो यह इसी समय आपके पास हो।
दन 253
नयम पर पूरा नयं ण पाने का तरीक़ा ख़ुद पर पूरा नयं ण पाना है। अगर आप अपने
वचार और भावना को नयं त कर लगे, तो आकषण के नयम के वामी बन जाएँगे,
य क आप ख़ुद के वामी बन चुके ह गे।
दन 255
“जब आप अपने वचार को नयं त करना सीख लेते ह, तो आपके जीवन म ऐसा कुछ
नह होता, जसे आप संशो धत, प रव तत या बेहतर न बना सक।”
याद रख, अगर हमारे भीतर कोई उपचारक श नह होती, तो कसी चीज़ का उपचार
संभव नह था।
दन 265
दे खने के लए अपनी आँख का इ तेमाल कर! सुनने के लए अपने कान का इ तेमाल कर!
अपनी सभी इं य का इ तेमाल कर, य क उन सभी के ज़ रये आपको संदेश मल रहा है!
दन 269
याद रखने को याद रखने का मतलब है जाग क बनने को याद रखना। इसी पल, अभी
जाग क बनने क याद रख। जाग क बनना अपने आसपास क हर चीज़ को दे खना है,
अपने आसपास क हर चीज़ को सुनना है, अपने आसपास क हर चीज़ को महसूस करना
है और उस पर पूरा यान क त करना है, जो आप इस व त कर रहे ह।
सृजन कसी बैटरी जैसा होता है। बैटरी का पॉ ज़ टव सरा स य है और नगे टव सरा
न य है। दोन को आदश तरीक़े से जोड़ द और आपके पास श आ जाती है।
दन 272
मासल ू त (1871-1922)
इन सच ऑफ़ लॉ ट टाइम
दन 274
व लयम जे स (1842-1910)
दन 281
इससे यादा मह वपूण कुछ नह है, य क आपका पूरा भावी जीवन आप पर ही नभर है।
दन 290
य द कोई आपसे कोई नकारा मक बात बोले, तो त या न कर। आपको ख़ुद को ऐसे
ब तक लाना होता है, जहाँ आप शांत बने रह सक, भले ही बाहर कतनी भी नकारा मक
चीज़ य न हो रही ह ।
बाहर कैसी भी थ त हो, अगर आप उसके बावजूद अपने भीतर शां त और आनंद को
बनाए रख सक, तो इसका मतलब है क आप हर चीज़ के वामी बन चुके ह।
दन 292
याद रख, अगर आप आलोचना कर रहे ह, तो कृत नह हो रहे ह। अगर आप दोष दे रहे
ह, तो कृत नह हो रहे ह। अगर आप शकायत कर रहे ह, तो कृत नह हो रहे ह। अगर
आप तनाव महसूस कर रहे ह, तो कृत नह हो रहे ह। अगर आप हड़बड़ी कर रहे ह, तो
कृत नह हो रहे ह। अगर आप ख़राब मूड म ह, तो कृत नह हो रहे ह।
कृत ता आपके जीवन का कायाक प कर सकती है। या आप छोट -छोट चीज़ को अपने
कायाक प और अपने उस उ वल भ व य क राह म बाधा बनने क अनुम त दे रहे ह
जसके आप हक़दार ह?
दन 294
“आप चाहे जो ह या चाहे आपके साथ कुछ भी आ हो, बस ख़ुश रह। ख़ुश इस लए रह,
य क आप यहाँ पर ह। आप यहाँ एक सुंदर संसार म ह; और जो भी सुंदर है, वह इस
संसार म पाया जा सकता है… बस ख़ुश रह और इस तरह आप हमेशा ख़ुश रहगे। आपके
पास ख़ुश रहने का हमेशा बेहतर कारण होगा। आपके पास ख़ुश करने वाली यादा से
यादा चीज़ ह गी। य क धूप, ख़ास तौर पर इंसानी धूप, क श ब त बड़ी है। यह
कसी भी चीज़ को बदल सकती है, उसका कायाक प कर सकती है, दोबारा बना सकती है
और उसे अपनी तरह सुंदर बना सकती है। बस ख़ुश रह और इसी से आपक तक़द र बदल
जाएगी, एक नई ज़दगी शु हो जाएगी और आपके लए एक नए भ व य क भोर हो
जाएगी।”
आपके भीतर भी कुछ इतना बु मान होता है क जब आपका वाहन यानी शरीर अपने
उ े य को पूरा नह करता है, तो यह उसे बदल दे ता है, एक नए, बेहतर मॉडल को ले आता
है और नए वाहन म आपक या ा को जारी रखता है। इंसान का शरीर और कार वाहन ह -
और आप अनंत काल तक ाइवर ह।
आप ब त श शाली ाणी ह।
दन 305
आप अपना तर ऊपर उठा लगे। और जब आप ख़ुद को ऊपर उठा लेते ह, तो पूरे संसार
को ऊपर उठा दे ते ह।
दन 316
जब आप अपने जीवन म कसी चीज़ के ख़लाफ़ अपना बचाव करते ह, तो उसी चीज़ को
ला रहे ह जसे आप नह चाहते ह। बचाव करना सम या पर यान क त करना है। बचाव
करने से बचाव करने क थ तयाँ यादा आक षत होती है। इसके बजाय सृजना मक बन
और अपनी सारी ऊजा उस प रणाम पर क त कर, जसे आप चाहते ह। सृजन करना
समाधान पर यान क त करना है।
थायी ख़ुशी हमेशा ख़ुश रहने के आपके चुनाव से मलती है। जब आप ख़ुशी का चुनाव
करते ह, तो आप सारी सुखद चीज़ को भी आक षत करते ह। सुखद चीज़ केक के ऊपर
क सजावट ह; ख़ुशी तो केक ही है।
दन 339
आपके भीतर एक द ता मौजूद है। यह वही जीवन श है, जसने आपके पैदा होने
पर पहली साँस ली थी। यही वह जीवन श है, जो इस व त आपम साँस ले रही है। यह
अ व सनीय स ाव, शां त तथा ेम क उप थ त है और यह आपके भीतर है। अपने
जीवन क इस उप थ त के साथ जुड़ने और इसे महसूस करने के लए ठहर, अपनी आँख
बंद कर ल, तनावर हत हो जाएँ, वचार को जाने द और चंद मनट के लए अपने शरीर के
भीतर गहरा यान क त कर ल।
ज़्यादातर लोग अ छ सेहत के बारे म तभी सोचते ह जब यह उनके पास नह होती है,
ले कन आप बेहतरीन सेहत का इरादा कसी भी समय कर सकते ह। हर दन अपने इरादे
क श का इ तेमाल कर और ख़ुद को व थ व अ छे प म दे ख।
कृत ह क एक ऐसा श द है, जो आपक ज़दगी बदल सकता है और उ ह बार बार कह।
ऐसी चीज़ कर, जनसे आपको अ त महसूस होता है। ऐसी चीज़ कर, जो आपको हँसाती
ह। ऐसी चीज़ कर, जनक बदौलत आप ख़ुशी से उछल पड़ते ह। पूरे दन नाच, गाएँ, कूद
और सीट बजाएँ। आज अपने जीवन का ज मनाएँ! जब आप खेलते ह, हँसते ह,
मु कराते ह और मज़े करते ह, तो आप आलो कत हो जाते ह। आलो कत होने पर आप
नकारा मकता को मु कर दे ते ह। आप जतना यादा आलो कत महसूस करते ह, उतनी
ही यादा नकारा मकता र हो जाती है। श नवार आपके आलो कत होने का दन है!
याद रख, जीवन कभी न ख़ म होने वाला खेल है और आप यह खेल अनंत काल तक खेलने
वाले ह!
दन 364