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Union Budget 2023-24 Handout

केंद्रीय बजट हाइलाइट् स

व्यय: सरकार ने 2023-24 में 45,03,097 करोड़ रुपए खर्च करने का बढाकर 31 मार्च, 2024 कर कदया गया है । इसके अकतररि स्टाटच अप्स
प्रस्ताव रखा है जो कक 2022-23 के संशोकित अनुमान से 7.5% के घाटे को कैरी र्ॉरवडच करने की अवकि को सात से बढाकर 10 वषच
अकिक है । 2022-23 में कुल व्यय बजट अनुमान से 6.1% अकिक कर कदया गया है ।
रहने का अनुमान है ।
वररष्ठ नागररक ां के ललए बडा त हफा
प्राप्तियाां: 2023-24 में प्राप्तियां (उिाररयों के अलावा) 27,16,281
करोड़ रुपए होने की उम्मीद है जो 2022-23 के संशोकित अनुमान से बजट 2023 में बुजुगों के बीर् लोककप्रय कनवेश वररष्ठ नागररक बर्त
11.7% अकिक है । 2022-23 में कुल प्राप्तियां (उिाररयों के अलावा) योजना में अकिकतम स्वीकायच कनवेश में वृप्ति की गई है । पोस्ट ऑकर्स
बजट अनुमान से 6.5% अकिक रहने का अनुमान है । मंथली इनकम स्कीम को भी आकषचक बनाया गया है ।

जीडीपी: सरकार ने 2023-24 में 10.5% की नॉकमनल जीडीपी (यानी,  बजट 2023 ने वररष्ठ नागररक बर्त योजना (SCSS) के तहत
वास्तकवक वृप्ति जमा मुद्रास्फीकत) वृप्ति दर का अनुमान लगाया है । अकिकतम सीमा को 15 लाख रुपये से बढाकर 30 लाख रुपये
कर कदया गया है ।
घाटा: 2023-24 में राजस्व घाटा जीडीपी के 2.9% पर लकित है जो  यह योजना प्रकत वषच 8 प्रकतशत के सुकनकित ब्याज की पेशकश
2022-23 में 4.1% के संशोकित अनुमान से कम है । 2023-24 में करती है ।
राजकोषीय घाटे को सकल घरे लू उत्पाद के 5.9% पर लकित ककया  ब्याज का भुगतान कतमाही ककया जाता है ।
गया है जो 2022-23 में जीडीपी के 6.4% के संशोकित अनुमान से
कम है । जबकक जीडीपी के प्रकतशत के रूप में संशोकित अनुमान इसके अकतररि, लोककप्रय डाकघर माकसक आय योजना
बजट अनुमान के समान था, लेककन नॉकमनल जीडीपी के कहसाब से , (पीओएमआईएस) के तहत कनवेश सीमा को 4.5 लाख रुपये से
राजकोषीय घाटा 2022-23 में 94,123 करोड़ रुपए (5.7% की वृप्ति) बढाकर 9 लाख रुपये कर कदया गया है ।
से अकिक था। 10,79,971 करोड़ रुपए का ब्याज व्यय राजस्व POMIS में संयुि खातों के मामले में , कनवेश की सीमा 9 लाख रुपये
प्राप्तियों का 41% होने का अनुमान है । से बढाकर 15 लाख रुपये कर दी गई है ।
योजना 7.1 प्रकतशत प्रकत वषच की दर से माकसक ब्याज का भुगतान
मांत्रालय ां का आबांटन: 2023-24 में उच्चतम आबंटन वाले शीषच 13 करती है ।
मंत्रालयों में सबसे अकिक वृप्ति रे ल मंत्रालय (49%) में दे खी गई, इसके
बाद जल शप्ति मंत्रालय (31%), और सड़क पररवहन एवं राजमागच लवत्त वर्ट 24 में सरकार बीएसएनएल में 52,937 कर ड रुपये लवत्त
मंत्रालय (25%) का स्थान आता है । प लर्त करे गी

नई आयकर व्यवस्था में बदलाव: टै क्स स्लैब की संख्या छह से  सरकार कवत्त वषच 24 में राज्य द्वारा संर्ाकलत भारत संर्ार कनगम
घटाकर पां र् कर दी गई है । 5 करोड़ रुपए से अकिक की आय पर कलकमटे ड (बीएसएनएल) में 52,937 करोड़ रुपये कवत्त पोकषत
सरर्ाजच 37% से घटाकर 25% ककया जाएगा। वतचमान में 5 लाख रुपए करे गी।
तक की आय वाले छूट का लाभ उठा सकते हैं और उन्हें कोई कर  पूंजी का उपयोग 4जी स्पेक्ट्रम, प्रौद्योकगकी उन्नयन और पुनगचठन
नहीं र्ुकाना होता; इस सीमा को बढाकर 7 लाख रुपए कर कदया गया के कलए ककया जाएगा।
है । इसके अलावा, मानक कटौती नई कर व्यवस्था के तहत उपलब्ध  2022-23 में, सरकार द्वारा बीएसएनएल में 33,269 करोड़ रुपये
होगी। की राकश कवत्त पोकषत की गई थी।
0-3 लाख- शून्य  FY24 के कलए, सरकार ने 4 जी स्पेक्ट्रम की खरीद पर टे ल्को के
3-6 लाख -5% जीएसटी भुगतान के कलए अनुदान सहायता के रूप में 2218
6-9 लाख - 10% करोड़ रुपये का प्राविान ककया है , और बीएसएनएल और
9-12 लाख -15% एमटीएनएल में कमचर्ाररयों के कलए स्वैप्तिक सेवाकनवृकत्त योजना
12-15 लाख -20% के कलए अकतररि 2671 करोड़ रुपये का प्राविान ककया गया है ।
15 लाख से ऊपर - 30%  सरकार ने कपछले साल जुलाई में बीएसएनएल के कलए 1.64
कटर कलयन ररवाइवल पैकेज की घोषणा की थी, कजसमें 25,000 शेष
कजन लोगों की सालाना आय 9 लाख रुपये है , उन्हें टै क्स के रूप में गां वों में 4 जी सेवाओं का कवस्तार करने के कलए 26,316 करोड़
कसर्च 45,000 रुपये सालाना दे ने होंगे। यह उनकी आय का 5% है रुपये की योजना, इप्तिटी में स्पेक्ट्रम बकाया का रूपां तरण,
जबकक इससे पूवच में उन्हें इसी आय के प्रकत 60,000 रुपये का भुगतान कैपेक्स समथचन, संप्रभु गारं टी समथचन के साथ ऋण पुनगचठन
करना पड़ता था जो 25 प्रकतशत की कमी है जो वे पहले भुगतान कर शाकमल था।
रहे थे।  बीएसएनएल को 44,993 करोड़ रुपये की लागत से प्रशासकनक
रूप से 900/1800 मेगाहटटच ज बैंड में स्पेक्ट्रम कमलेगा |
ऑनलाइन खेल: ऑनलाइन खेल से जीती गई रकम, 30% टीडीसी  कंपनी की अकिकृत पूंजी ₹40,000 करोड़ से बढाकर
के अिीन होगी। ₹1,50,000 करोड़ की जाएगी |

स्टाटट अप: एक समयावकि के भीतर कनगकमत और अन्य शतों को पूरा


करने वाले स्टाटच अप्स अपने लाभ पर 100% तक कर छूट का दावा
कर सकते हैं ; यह अवकि 31 मार्च, 2023 को खत्म हो रही थी, इसे

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Union Budget 2023-24 Handout
खेल क बजट में ₹3,300 कर ड से अलिक लमले , यह अब तक लवत्तमांत्री ने लवत्त वर्ट 24 के ललए आयुष्मान भारत के ललए आवांटन
का सबसे अलिक आवांटन है बढाकर 7,200 कर ड रुपये लकया

केंद्रीय बजट 2023-24 में, भारतीय इकतहास में खेलों को अब तक का  बजट 2023-24 में आयुष्मान भारत-प्रिान मंत्री जन आरोग्य
सबसे अकिक ₹3,397.32 करोड़ का आवंटन कमला है । योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के कलए आवंटन बढाकर 7,200
2022-23 में, सरकार ने खेल िेत्र के कलए 3,062.60 करोड़ रुपये करोड़ रुपये कर कदया गया, जबकक आयुष्मान भारत हे ल्थ
आवंकटत ककए थे। इं फ्रास्टर क्चर कमशन (पीएम-एबीएर्आईएम) के कलए 646 करोड़
रुपये आवंकटत ककए गए हैं ।
मुख्य लबांदु:  साथ ही सरकार 2047 तक भारत में कसकल सेल एनीकमया को
 मंत्रालय का प्रमुख कायचक्रम, 'खेलो इं कडया - खेल के कवकास के खत्म करने के कलए एक कमशन शुरू करे गी।
कलए राष्ट्रीय कायचक्रम' सरकार की प्राथकमकता बनी हुई है , इसे  दु कनया की सबसे बड़ी, सरकार द्वारा कवत्तपोकषत स्वास्थ्य सुरिा
कपछले कवत्त वषच के दौरान 606 करोड़ रुपये के संशोकित आवंटन योजना, आयुष्मान भारत के कलए इस बार का आवंटन कवत्त वषच
के मुकाबले 1,045 करोड़ रुपये आवंकटत ककए गए हैं । 23 में 6,412 करोड़ रुपये की तुलना से 12% बढ गया है ।
 भारतीय खेल प्राकिकरण को ₹785.52 करोड़ आवंकटत ककए गए
हैं । महत्वपूर्ट घ र्र्ाएां :
 राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएर्) को कपछले वषच के संशोकित बजट  सहयोगी अनुसंिान और नवार्ार को प्रोत्साकहत करने के कलए
280 करोड़ रुपये से 45 करोड़ रुपये का बढा हुआ आवंटन प्राि र्यकनत ICMR प्रयोगशाला में सुकविाएं सावचजकनक और कनजी
हुआ है और अब उन्हें 325 करोड़ रुपये कमलेंगे। मेकडकल स्कूल संकाय और कनजी िेत्र की R&D टीमों द्वारा
 कवश्व डोकपंग रोिी एजेंसी (WADA) से संबि राष्ट्रीय डोकपंग रोिी अनुसंिान के कलए उपलब्ध होंगी।
एजेंसी (NADA), और राष्ट्रीय डोप परीिण प्रयोगशाला (NDTL),  सेंटर ऑर् एक्सीलेंस के जररए र्ामाच स्यूकटकल ररसर्च और
कजसे पहले SAI से िन प्राि हुआ करता था, अब इसे सीिे कवश्व इनोवेशन को बढावा दे ने के कलए एक नया प्रोग्राम लॉन्च ककया
डोकपंग रोिी एजेंसी से प्राि करे गी। जाएगा।
 इस साल के बजट में नाडा को 21.73 करोड़ रुपये की िनराकश  मौजूदा संस्थान भकवष्य की कर्ककत्सा प्रौद्योकगककयों, उच्च अंत
मुहैया कराने का प्राविान ककया गया है , जबकक परीिण कराने कवकनमाच ण और अनुसंिान के कलए एक कुशल कायचबल सुकनकित
वाले एनडीटीएल को 19.50 करोड़ रुपये कमलेंगे | करने के कलए एक समकपचत कर्ककत्सा उपकरण बहु-कवषयक
 दु कनया भर के दे श खेल उत्कृष्ट्ता के कलए प्रयास कर रहे हैं और पाठ्यक्रम का समथचन करें गे।
एथलीटों के खेल कवज्ञान और वैज्ञाकनक प्रकशिण पर अकिक ध्यान  157 नए नकसिंग स्कूलों को 2014 से स्थाकपत 157 मौजूदा
दे रहे हैं , इस साल के बजट में राष्ट्रीय खेल कवज्ञान और अनुसंिान मेकडकल स्कूल साइटों के साथ कमला कदया जाएगा।
केंद्र के कलए भी 13 करोड़ रुपये का प्राविान ककया गया है ।
केंद्रीय बजट 2023: लवत्त मांत्री ने मलहलाओां के ललए नई लनवेश
बजट 2023-24 में मांत्रालय अनुसार आवांटन य जना की घ र्र्ा की

 बजट 2023-24 में रिा मंत्रालय को 5.94 लाख करोड़ रुपये  कवत्त मंत्री कनमचला सीतारमण ने 1 र्रवरी को मकहलाओं के कलए
आवंकटत ककए गए हैं । एकमुश्त छोटी बर्त योजना की घोषणा की।
 इस बीर्, रे ल मंत्रालय को 2.41 लाख करोड़ रुपये आवंकटत ककए  इस योजना को "मकहला सम्मान बर्त प्रमाणपत्र" कहा जाएगा
गए हैं , जो मंत्रालय के कलए अब तक का सबसे अकिक पररव्यय और यह मार्च 2025 तक वैि रहे गी।
है ।  योजना की अवकि 2 वषच है कजसमे 7.5% की कनकित ब्याज दर है ।
 इसके अलावा, सड़क पररवहन और राजमागच मंत्रालय को 2.70  इसमें मकहलाओं या लड़ककयों के नाम से जमा ककया जा सकता
लाख करोड़ रुपये आवंकटत ककए गए हैं , जबकक गृह मंत्रालय को है ।
1.96 लाख करोड़ रुपये आवंकटत ककए गए हैं ।  कायचक्रम आं कशक कनकासी की सुकविा भी प्रदान करे गा।
 स्वास्थ्य और पररवार कल्याण मंत्रालय को केंद्रीय बजट 2023-  इस योजना में अकिकतम जमा राकश 2 लाख रुपये रखी गई है ।
24 में 89,155 करोड़ रुपये का आवंटन प्राि हुआ, जो 2022-  नारी शप्ति की दृकष्ट् को रे खां ककत करते हुए, उन्होंने बताया कक
23 के संशोकित बजट अनुमानों की तुलना में 12.6 प्रकतशत मकहलाओं के आकथचक सशप्तिकरण, दीन दयाल अंत्योदय योजना
अकिक है । राष्ट्रीय ग्रामीण आजीकवका कमशन ने ग्रामीण मकहलाओं को 81
लाख स्वयं सहायता समूह (एसएर्जी) में लाकर उल्लेखनीय
सरकार अपना पैसा कहाां से लाती है और कहाां खर्ट करती है : सर्लता हाकसल की है ।
 सरकार को अपना 34% पैसा उिार और अन्य दे नदाररयों से  पीएम-ककसान सम्मान कनकि के तहत छोटे ककसानों को 2.25
कमलता है , जबकक 15% आयकर से आता है । लाख करोड़ रुपये से अकिक की कवत्तीय सहायता प्रदान की गई
 इसके अलावा, 17% पैसा GST और अन्य करों से आता है , और है ।
7% केंद्रीय उत्पाद शुल्क से आता है ।  योजना के तहत लगभग तीन करोड़ मकहला ककसानों को 54,000
 सरकार अपना 20% पैसा ब्याज भुगतान पर और 18% पैसा करोड़ रुपये प्रदान ककए गए हैं |
राज्यों के करों और कतचव्यों के कहस्से पर खर्च करती है ।  नोट: आकथचक सवेिण 2022-23 ने अगले कवत्त वषच 2023-24 के
कलए 6-6.8 प्रकतशत की व्यापक रें ज में भारत की जीडीपी वृप्ति
का अनुमान लगाया है । वास्तकवक जीडीपी वृप्ति के कलए इसका
आिारभूत पूवाच नुमान 6.5 प्रकतशत है ।

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Union Budget 2023-24 Handout
लवत्त मांत्री ने भारत के जलवायु सांकल्प के लहस्से के रूप में  सरकार ने दे श की सबसे बड़ी स्कूली कशिा योजना के कलए
19,700 कर ड रुपये के हररत हाइडर जन लमशन की सराहना की 37,453.47 करोड़ रुपये की घोषणा की है ।
 सरकार ने प्रिानमंत्री पोषण शप्ति कनमाच ण (पीएम पोषण) के
 सरकार ने 19,700 करोड़ रुपये का राष्ट्रीय हररत हाइडरोजन तहत 11,600 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है । पीएम
कमशन शुरू ककया है , जो अथचव्यवस्था को कम काबचन तीव्रता के पोषण मध्याह्न भोजन योजना का स्थानापन्न है ।
संक्रमण की सुकविा प्रदान करे गा और जीवाश्म ईंिन आयात पर  उच्च कशिा बजट में, केंद्र ने पीएम उच्चतर कशिा प्रोत्साहन
कनभचरता के प्रभाव को कम करे गा। (पीएम-यूएसपी) योजना के कलए 1,554 करोड़ रुपये और पीएम
 इसका लक्ष्य 2030 तक 5 एमएमटी का वाकषचक उत्पादन हाकसल ररसर्च र्ेलोकशप के कलए 400 करोड़ रुपये आवंकटत ककए हैं ।
करना है ।  कडकजटल इं कडया ई-लकनिंग के कलए, सरकार ने ₹420 करोड़
 बजट तेल और गैस मंत्रालय के ऊजाच संक्रमण और शुि शून्य आवंकटत ककए हैं , जो 2022-23 के संशोकित अनुमान से कसर्च 5
लक्ष्यों और ऊजाच सुरिा के कलए 35,000 करोड़ रुपये का पूंजी करोड़ अकिक है ।
कनवेश प्रदान करता है ।  अनुसंिान और नवार्ार के कलए कुल व्यय बजट 210.61 करोड़
 ग्रीन हाइडरोजन कमशन में कहा गया है कक 2030 तक, भारत प्रकत रुपये है ।
वषच कम से कम 5 कमकलयन टन (MT) की एक हररत हाइडरोजन  वैिाकनक कनकाय कवश्वकवद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और
उत्पादन िमता कवककसत करे गा, कजसमें लगभग 125 गीगावाट अप्तखल भारतीय तकनीकी कशिा पररषद (AICTE) को क्रमशः
(GW) की नवीकरणीय िमता में वृप्ति होगी। ₹5,360 करोड़ और ₹420 करोड़ आवंकटत ककए गए हैं ।
 इसके कलए 8 लाख करोड़ रुपये से अकिक के कुल कनवेश की  भारतीय प्रौद्योकगकी संस्थानों (आईआईटी) को ₹9,661.50 करोड़
आवश्यकता होगी और संर्यी जीवाश्म ईंिन के आयात में 1 का समथचन और एनआईटी और आईआईईएसटी को ₹4,620
लाख करोड़ रुपये से अकिक की कमी आने और ग्रीनहाउस गैस करोड़ का समथचन प्रदान ककया गया है ।
उत्सजचन में प्रकत वषच लगभग 50 मीकटर क टन की कमी आने की
उम्मीद है ।
 4 जनवरी को भारत द्वारा घोकषत 19,744 करोड़ रुपये के खर्च में
से लगभग 17,490 करोड़ रुपये का उपयोग ग्रीन हाइडरोजन के
उत्पादन और इलेक्ट्रोलाइजर के कनमाच ण को प्रोत्साकहत करने के
कलए ककया जाएगा।

लशक्षा मांत्रालय क अब तक का सवाटलिक 1.12 लाख कर ड रुपये


का आवांटन

 2023-24 कवत्तीय वषच में, केंद्र सरकार ने कशिा िेत्र में 1.12 लाख
करोड़ रुपये से अकिक खर्च करने की योजना बनाई है ।
 अगले कवत्तीय वषच के कलए कशिा मंत्रालय का पररव्यय
1,12,898.97 करोड़ रुपये है , जो र्ालू कवत्त वषच के संशोकित
अनुमानों से कार्ी अकिक है ।
 यह मंत्रालय को आवंकटत अब तक का सवाच किक बजट भी है ।
 कशिा मंत्रालय के स्कूल कशिा और सािरता कवभाग को
68,804.85 करोड़ रुपये आवंकटत ककए गए हैं , जबकक उच्च कशिा
कवभाग को 44,094.62 करोड़ रुपये आवंकटत ककए गए हैं ।
 बजट दस्तावेजों में दशाच ए गए कवत्तीय वषच 2022-23 के संशोकित
अनुमानों के अनुसार, र्ालू कवत्त वषच के कलए उच्च कशिा बजट
₹40,828.35 है । जबकक स्कूल कशिा कवभाग को ₹59,052.78
कमले।

मुख्य लबांदु:
 स्कूल कशिा बजट में, सरकार ने केंद्रीय िे त्र की
योजनाओं/पररयोजनाओं के कलए 364.1 करोड़ रुपये आवंकटत
ककए हैं , कजसमें कशिकों को राष्ट्रीय पुरस्कार, प्रिान मंत्री अकभनव
कशिण कायचक्रम (डीएर्आरयूवी) और राष्ट्रीय सािन सह योग्यता
छात्रवृकत्त योजना शाकमल है ।
 2023-24 के कलए स्वायत्त कनकायों का व्यय 14,391.36 करोड़
रुपये है । इसमें केन्द्रीय कवद्यालय संगठन (KVS) के कलए
₹8,363.98 करोड़ शाकमल हैं ; ₹5,486.50 करोड़ नवोदय
कवद्यालय सकमकत के कलए और ₹518.50 राष्ट्रीय शैकिक अनुसंिान
और प्रकशिण पररषद (NCERT) को आवंकटत ककया गया है ।
 स्कूली कशिा बजट का एक बड़ा कहस्सा समग्र कशिा के कलए
आवंकटत ककया गया है ।

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Union Budget 2023-24 Handout
केंद्रीय बजट लवश्लेर्र्

बजट 2023-24 एक नजर में (कर ड रुपए में) राजकोषीय


1.8%
घाटा 17,86,816

पररवतटन का %
बजटीय
(सांअ 2022-23 जीडीपी का
2023-24 -7.8%
से बअ 2023-24 % 5.9%

राजस्व व्यय 35,02,136 1.2% प्राथकमक घाटा 7,06,845 -13.2%

पूंजीगत व्यय 10,00,961 37.4% जीडीपी का


-23.3%
% 2.3%

इसमें से:
2023-24 में केंद्र सरकार की प्राप्तिय ां का ब्रेकअप (कर ड
रुपए में)
पूंजीगत
35.0%
पररव्यय 8,37,127
पररवतटन का %
ऋण और बजटीय (सांअ 2022-23
51.6% 2023-24 से बअ 2023-
एडवां स 1,63,834
24

कुल व्यय 45,03,097 7.5%


सकल कर
33,60,858 10.4%
राजस्व
राजस्व
12.1%
प्राप्तियां 26,32,281
इसमें से:

पूंजीगत
0.6% कॉरपोरे शन
प्राप्तियां 84,000 9,22,675 10.5%
टै क्स

इसमें से:
आय पर कर 9,00,575 10.5%

ऋणों की
-2.1% वस्तु एवं सेवा
ररकवरी 23,000 9,56,600 12.0%
कर

अन्य प्राप्तियां
कस्टम्स 2,33,100 11.0%
(कवकनवेश
सकहत) 61,000
केंद्रीय उत्पादन
3,39,000 5.9%
शुल्क
कुल प्राप्तियाां
(उिाररय ां के 11.7%
लबना) 27,16,281 सेवा कर 500 -50.0%

राजस्व घाटा 8,69,855 -21.7% क. केंद्र का


शुद्ध कर 23,30,631 11.7%
राजस्व
जीडीपी का
-29.3%
% 2.9%

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Union Budget 2023-24 Handout

राज् ां क केंद्र का
10,21,448 7.7%
हस्ाांतरर् इस्टै बकलशमेंट
व्यय 7,44,339 1.3%

ख. गैर कर
3,01,650 15.2%
राजस्व केंद्रीय िेत्र
की योजनाएं 14,67,880 4.0%

इसमें से:
अन्य व्यय 13,01,542 14.5%

ब्याज प्राप्तियां 24,820 0.7%


सीएसएस के
ललए अनुदान
लाभां श और और अन्य
91,000 8.4%
लाभ हस्ाांतरर् 9,89,337 9.4%

अन्य गैर कर केंद्र द्वारा


1,81,382 22.3%
राजस्व प्रायोकजत
योजनाएं
(सीएसएस) 4,76,105 5.4%
ग. पूांजीगत
प्राप्तियाां
84,000 0.6%
(उिाररय ां के कवत्त आयोग के
लबना) अनुदान 1,65,480 -4.5%

इसमें से: इसमें से:

कवकनवेश 51,000 2.0% ग्रामीण स्थानीय


कनकाय 47,018 14.7%
प्राप्तियाां
(उिाररय ां के शहरी स्थानीय
27,16,281 11.7%
लबना) कनकाय 24,222 61.2%
(क+ख+ग)

सहायतानुदान 24,466 10.5%


उिाररयाां 17,86,816 1.8%

कवतरण के बाद
कुल प्राप्तियाां राजस्व घाटा
(उिाररय ां के 45,03,097 7.5% अनुदान 51,673 -40.1%
साथ)

अन्य अनुदान 3,47,752 24.6%


2023-24 में केंद्र सरकार के व्यय का ब्रेकअप (कर ड रुपए में)
कुल व्यय 45,03,097 7.5%

पररवतटन का %
बजटीय (सांअ 2022-
2023-24 23 से 2023-24 में मांत्रालय पर व्यय (कर ड रुपए में)
बअ 2023-24

पररवतटन का %
केंद्रीय व्यय 35,13,761 7.0% बजटीय
(सांअ 2022-23
2023-24
से बअ 2023-24

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Union Budget 2023-24 Handout

रिा 5,93,538 1.5% पररवतटन का %


बजटीय
(सांअ 2022-23
2023-24
से बअ 2023-24
सड़क
पररवहन एवं 2,70,435 24.6%
राजमागच खाद्य
सबकसडी 1,97,350 -31.3%

रे लवे 2,41,268 48.6%


उवचरक
सबकसडी 1,75,100 -22.3%
खाद्य एवं
सावचजकनक 2,05,765 -30.6%
कवतरण पेटरोकलयम
सबकसडी 2,257 -75.4%

गृह मामले 1,96,035 1.1%


अन्य सबकसडी 28,377 -29.9%

रसायन एवं
1,78,482 -21.6%
उवचरक कुल 4,03,084 -28.3%

ग्रामीण
1,59,964 -12.3%
कवकास 2023-24 में लवलभन्न य जनाओां के ललए आबांटन (कर ड रुपए
में)

कृकष एवं
ककसान 1,25,036 5.1% पररवतटन का %
बजटीय
कल्याण (सांअ 2022-23
2023-24
से बअ 2023-24

संर्ार 1,23,393 17.0%


प्रिानमंत्री आवास
योजना 79,590 3.2%
कशिा 1,12,899 13.0%

जल जीवन
जल शप्ति 97,278 31.4% कमशन/राष्ट्रीय
ग्रामीण पेय जल
स्वास्थ्य एवं कमशन 70,000 27.3%
पररवार 89,155 12.6%
कल्याण पीएम-ककसान 60,000 0.0%

आवासन एवं मनरे गा 60,000 -32.9%


76,432 2.5%
शहरी मामले

राष्ट्रीय कशिा
अन्य मंत्रालय 20,33,419 14.8% कमशन 38,953 19.4%

कुल व्यय 45,03,097 7.5% राष्ट्रीय स्वास्थ्य


कमशन 36,785 9.1%

2023-24 में सबलसडी (कर ड रुपए में) संशोकित ब्याज


सहायता योजना * 23,000 4.5%

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Union Budget 2023-24 Handout

सिम आं गनवाड़ी अनुसूकर्त


1,19,510 26.7%
और पोषण 2.0 20,554 1.4% जनजाकत

प्रिानमंत्री ग्राम पूवोत्तर िेत्र 94,680 30.5%


सड़क योजना 19,000 0.0%

घाट ां के ललए एफआरबीएम के लक्ष्य (जीडीपी का %)


अमृत और स्माटच
कसटीज़ कमशन 16,000 4.6%

बजटीय 2023-24
राष्ट्रीय जीकवका
कमशन-
आजीकवका 14,129 1.7% राजक र्ीय घाटा 5.9%

एमएसएमई राजस्व घाटा 2.9%


उिारकताच ओं को
गारं टीशुदा
इमरजेंसी क्रेकडट प्राथलमक घाटा 2.3%
लाइन 14,100 34.3%

प्रिानमंत्री र्सल
बीमा योजना 13,625 10.1%

स्वि भारत
कमशन 12,192 74.2%

सुिार आिाररत
कवतरण योजना 12,072 101.2%

मलहलाओां, बच् ,ां एससीज़, एसटीज़ और पूवोत्तर क्षेत्र के ललए


आबांटन (कर ड रुपए में)

पररवतटन का %
(सांअ 2022-
बजटीय 2023-24
23 से
बअ 2023-24)

मकहला
2,23,220 2.2%
कल्याण

बाल
1,03,791 16.6%
कल्याण

अनुसूकर्त
1,59,126 4.3%
जाकत

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Union Budget 2023-24 Handout
आलथटक सवेक्षर् 2022-23

अथटव्यवस्था की प्तस्थलत अंककत है (कुल का 95.1%)। बाहरी ऋण पूरी तरह से आकिकाररक


स्रोतों पर बकाया है जो इसे अंतरराष्ट्रीय पूंजी बाजार में बदलाव से
सकल घरे लू उत्पाद (जीडीपी): सवेिण में 2023-24 में 6.5% की बर्ाता है । लगभग 98% ऋण कनकित ब्याज दरों पर ग्रहण ककया जाता
वास्तकवक सकल घरे लू उत्पाद वृप्ति का अनुमान लगाया गया है । यह है जो उसे ब्याज दरों में पररवतचन से सुरकित रखता है । लंबे समय से
कहा गया है कक वास्तकवक वृप्ति दर 6-6.8% की सीमा में रहे गी जोकक नॉकमनल जीडीपी की वृप्ति दर ब्याज दरों से अकिक रही है । प्तस्थर
कवश्व स्तर पर आकथचक और राजनैकतक कवकास के घटनाक्रमों पर आकथचक कवकास से ऋण समेकन में तेजी आएगी।
आिाररत होगी। घरे लू मां ग के समथचन और कनवेश में वृप्ति से आने
वाले वषच में प्रगकत होगी। हालां कक, दु कनया भर के घटनाक्रमों, जैसे कक कृलर् एवां सांबांलित गलतलवलियाां
केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में वृप्ति, आपूकतच श्ृंखला में लंबे समय तक
तनाव और भू -राजनीकतक संघषच, आकथचक कवकास के कलए जोप्तखम पैदा भारत का कृकष िेत्र कपछले छह वषों के दौरान 4.6% की औसत
करते हैं । 2022-23 में जीडीपी वास्तकवक रूप से 7% बढने का वाकषचक दर से बढा है । 2021-22 में इसमें 3% की वृप्ति हुई जो 2020-
अनुमान है । 21 से कम है (3.3%)। 2021-22 में कनयाच त 50.2 कबकलयन USD के
उच्चतम स्तर पर पहुं र्ने के साथ भारत कृकष उत्पादों के शुि कनयाच तक
मुद्रास्फीलत: 2022-23 में खुदरा मुद्रास्फीकत 6.8% अनुमाकनत है जो के रूप में भी उभरा है । इसका कारण ककसान-उत्पादक संगठनों का
2021-22 से अकिक है (5.5%)। कदसंबर 2022 में 5.7% तक कगरावट प्रर्ार, र्सल कवकविीकरण और मशीनीकरण को प्रोत्साहन तथा कृकष
से पहले अप्रैल 2022 के महीने में खुदरा मुद्रास्फीकत बढकर 7.8% हो इं फ्रास्टर क्चर र्ंड के कनमाच ण के कारण हुआ। सवेिण में कहा गया है
गई थी। सवेिण में कहा गया है कक अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों कक कृकष िेत्र में अब भी कुछ र्ुनौकतयां हैं , जैसे जलवायु पररवतचन,
में वृप्ति और खाद्य मुद्रास्फीकत (मुख्य रूप से सब्जी, अनाज और खाद्य खंकडत भूकम जोत, अपेिा से कम मशीनीकरण और कम उत्पादकता।
तेल की कीमतों) के कारण खुदरा मुद्रास्फीकत में बढोतरी हुई थी।
2022-23 में व्यवसायों और पररवारों की मुद्रास्फीकत संबंिी अपेिाएं खाद्यान्न और कतलहन के उत्पादन में वषच दर वषच बढोतरी हो रही है ।
कम हुई हैं । सवेिण में उम्मीद जताई गई है कक कम आकथचक हालां कक 2022 में हीटवेव के जल्दी आने से गेहू के उत्पादन में प्रकतकूल
अकनकितताओं के कारण 2022-23 की तुलना में 2023-24 में प्रभाव पड़ा। भारतीय कृकष से संबंकित िेत्रों, कजसमें पशुपालन, वाकनकी
मुद्रास्फीकत कम रहे गी। हालां कक र्ीन में कोकवड-19 के कर्र से उभरने और पे ड़ों की कटाई, तथा मत्स्य शाकमल हैं , बेहतर कृकष आय के
के कारण आपूकतच श्ृं खला में व्यविान, जैसी कवश्वव्यापी घटनाओं के संभाकवत स्रोत बन रहे हैं ।
र्लते भारत की घरे लू मुद्रास्फीकत के कलए जोप्तखम पैदा हो सकता है ।
सवेिण में पाया गया कक संस्थागत कृकष ऋण में लगातार वृप्ति हुई है ।
र्ालू खाता सांतुलन: 2022-23 की दू सरी कतमाही में भारत ने 36.4 2021-22 में कृकष ऋण 16.5 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य से 13%
कबकलयन USD का र्ालू खाता घाटा दजच ककया (जीडीपी का 4.4%), अकिक था। 2022-23 के कलए कृकष ऋण का लक्ष्य 18.5 लाख करोड़
जबकक 2021-22 की दू सरी कतमाही में 9.7 कबकलयन USD का घाटा रुपए है ।
दजच हुआ था (जीडीपी का 1.3%)। अप्रैल-कसतंबर 2022 के दौरान
भारत ने जीडीपी का 3.3% र्ालू खाता घाटा दजच ककया था कजसका उद्य ग
कारण वस्तु व्यापार घाटे में वृप्ति है । सवेिण में पाया गया है कक र्ालू
खाता घाटे पर बारीकी से कनगरानी की जरूरत है । तेल की कीमतों में भारत की जीडीपी में उद्योगों का कहस्सा 31% है और इसमें 12.1
तीव्र वृप्ति और कवदे शों में ब्याज दरों में बढोतरी के नतीजतन कवदे शी करोड़ से अकिक लोग कायचरत हैं । 2022-23 में औद्योकगक िेत्र में
पोटच र्ोकलयो कनवेश बकहवाच ह (आउटफ्लो) के कारण 2022 में भारत 6.7% की वृप्ति का अनुमान है । र्ालू कवत्त वषच में रूस-यूक्रेन संघषच के
के भुगतान संतुलन पर दबाव पड़ा। वैकश्वक कवकास से संबंकित कारण इस िेत्र को आयात के कलए अकिक इनपुट लागत र्ुकानी पड़ी।
अकनकितताओं से भारत का कनयाच त प्रभाकवत हो सकता है । हालां कक महामारी के बाद की अवकि में केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय में वृप्ति
सेवाओं के कनयाच त और रे कमटें स (भेजे गए रुपए) में अकिशेष के कारण ने कनजी िेत्र को कनवेश के कलए उकसाया है । इससे औद्योकगक कवकास
र्ालू खाता घाटे को काबू में रखा जा सकेगा। को प्रोत्साहन कमलता है । मां ग के बढने , कनयाच त प्रोत्साहन और
कॉरपोरे ट बैलेंस शीट के मजबूत होने से इस िेत्र को मदद कमली है ।
राजक र्ीय घाटा: केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा 2020-21 में
जीडीपी के 9.2% तक बढने के बाद 2021-22 में जीडीपी के 6.7% इलेक्ट्रॉकनक मैन्यूर्ैक्चररं ग का महत्व बढ रहा है । भारत इलेक्ट्रॉकनक
पर आ गया। कपछले दो वषों में राजस्व संग्रह में तेजी ने राजकोषीय मैन्यूर्ैक्चररं ग में 300 कबकलयन USD का लक्ष्य हाकसल करना र्ाहता
घाटे को कम करने में मदद की है । सवेिण में अनुमान लगाया गया है है , कजसमें 2025-26 तक 120 कबकलयन USD मूल्य का कनयाच त हो।
कक केंद्र सरकार 2022-23 के कलए अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य दोनों मोर्ों पर उच्च कवकास दशाच ता है कक भारत इन लक्ष्यों को प्राि
को पूरा करने की राह पर है (जीडीपी का 6.4%)। 2022-23 में करने की राह पर है । उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं से
सामान्य सरकारी घाटा सकल घरे लू उत्पाद का 9.4% होने का अनुमान इलेक्ट्रॉकनक वस्तुओं के घरे लू उत्पादन को बड़े पैमाने पर ककर्ायतें
है जो 2021-22 से कम है (जीडीपी का 10.3%)। कमलेंगी।

ऋर्: केंद्र की कुल दे नदाररयों के 2020-21 में जीडीपी के 59.2% से कमोकडटीज़ की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में अप्तस्थरता और कच्चे माल की
घटकर 2021-22 में जीडीपी के 56.7% होने का अनुमान है । 2022- आपूकतच में व्यविान से औद्योकगक कवकास पर प्रकतकूल प्रभाव पड़
23 में सरकार की बकाया दे नदाररयां 86.5% रहने का अनुमान है । सकता है । र्ीन में कोकवड-19 महामारी की प्तस्थकत सामान्य होने पर
सवेिण के अनुसार, भारत का सावचजकनक ऋण प्रोफाइल अपेिाकृत कमोकडटी की मां ग बढ सकती है और कीमतों में बढोतरी हो सकती
प्तस्थर है । इसका अकिकां श भाग कनवाकसयों के पास है और रुपए में

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Union Budget 2023-24 Handout
है । हालां कक लर्ीली घरे लू मां ग के आिार पर औद्योकगक उत्पादन में
वृप्ति जारी रहनी र्ाकहए। मनरे गा के तहत काम मां गने वाले व्यप्तियों की संख्या जुलाई-नवंबर
2022 के दौरान महामारी पूवच की अवकि के स्तर के बराबर दे खी गई
सेवा क्षेत्र थी। योजना के तहत काम की माकसक मां ग में कगरावट से पता र्लता
है कक ग्रामीण अथचव्यवस्था सामान्य हो रही है । मनरे गा के तहत पूरे हुए
महामारी का अकिकतम दबाव झेलने के बाद सेवा िेत्र 2021-22 में कामों की संख्या में कपछले वषों के दौरान लगातार बढोतरी हुई है ।
तेजी से उबरा है । 2020-21 में 7.8% के संकुर्न की तुलना में 2021- 2021-22 में पूरे होने वाले कामों की संख्या 85 लाख थी, और 2022-
22 में सेवा िेत्र में 8.4% की वृप्ति हुई। 2022-23 में सेवा िेत्र के 9.1% 23 (9 जनवरी, 2023 तक) में 70.6 लाख। योजना के तहत व्यप्तिगत
की दर से बढने का अनुमान है । संपकच-गहन सेवा उप-िेत्र महामारी भूकम पर ककए गए कामों में बढोतरी हुई है , जैसे पशुओं के कलए शेड,
से पहले के स्तर पर वापस आ गया, जो कक मां ग के बढने , मोकबकलटी खेत तलाई और बागवानी पौिरोपण में बढोतरी हुई कजससे कृकष
संबंिी प्रकतबंिों में ढील और टीकाकरण के सावचभौकमक होने के कारण उत्पादकता और प्रकत पररवार आय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है ।
था। 2023-24 में कवकास में इस िे त्र की अग्रणी भूकमका होने की
संभावना है । बीमा एवां पें शन

सवेिण में गौर ककया गया है कक महामारी ने लोगों को इस बात के भारत में बीमा की पैठ (बीमा पेनेटरेशन) (जीडीपी के अनुपात में बीमा
कलए प्रेररत ककया है कक वे अपना मकान खरीदें । प्रकतबंिों के कम होने प्रीकमयम) 2000 में 2.7% से बढकर 2021 में 4.2% हो गया। सवेिण
के साथ, आवासीय हाउकसंग िेत्र में ब्याज बढा था। कम ब्याज दरों के में कहा गया है कक भारत में जीवन बीमा की पैठ 2021 में 3.2% थी।
कारण बेहतर एर्ोडे कबकलटी, सककचल दरों में कमी और अर्ल संपकत्त हालां कक भारत में बेर्े जाने वाले अकिकां श जीवन-बीमा उत्पाद बर्त-
के लेनदे न पर स्टां प शुल्क में कटौती से ररयल एस्टे ट िेत्र के एक बार कलंक्ड है और उनमें सुरिा घटक बहुत छोटा है । इसकलए प्राथकमक
कर्र से उछाल आया है । स्टील उत्पादों, लौह अयस्क और स्टील कमाऊ सदस्य की समय से पहले मृत्यु होने की प्तस्थकत में पररवारों को
इं टरमीकडयरीज़ पर आयात शुल्क कम करने के हाकलया उपाय से जबरदस्त कवत्तीय अभाव का सामना करना पड़ता है । सरकारी
आवासों की कीमतों में वृप्ति को रोकने में मदद कमलेगी। योजनाओं और कवत्तीय समावेशन के कदमों के कारण सभी सेगमेंटटस
में बीमा को अपनाने और पैठ बनाने में मदद कमली है । बीमा कंपकनयों
महामारी के बाद ई-कॉमसच िेत्र की पैठ में तेज वृप्ति दे खी गई। के कलए एर्डीआई सीमा में वृप्ति और बीमा बाजार के कडकजटलीकरण
लॉकडाउन और मोकबकलटी संबंिी प्रकतबंिों ने उपभोिा के व्यवहार से कवकास को बढावा कमलने की संभावना है ।
में बदलाव ककया और ऑनलाइन खरीदारी को प्रोत्साहन कदया।
एमएसएमई ने भी कडकजटल सॉल्यूशंस को तेजी से अपनाया है । जून 2015 में केंद्र सरकार ने वंकर्त समूहों और असंगकठत िेत्र में काम
करने वाले व्यप्तियों पर ध्यान केंकद्रत करने के कलए अटल पेंशन
इां फ्रास्टर क्चर योजना (एपीवाई) की शुरुआत की। राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस)
और एपीवाई की शुरुआत के बाद से भारत के पेंशन िेत्र का कवस्तार
बुकनयादी ढां र्े में कनवेश में वृप्ति से अथचव्यवस्था के संभाकवत कवकास हुआ है । कुल जनसंख्या के कहस्से के रूप में एनपीएस और एपीवाई
को बल कमलता है । केंद्र सरकार ने हाल के वषों में बुकनयादी ढां र्े के के तहत जनसंख्या का कवरे ज 2016-17 में 1.2% से बढकर 2021-
कवकास और कनवेश को बढावा कदया है , जब कनजी िेत्र द्वारा पूंजीगत 22 में 3.7% हो गया। सवेिण में कहा गया है कक भकवष्य में प्रकत व्यप्ति
व्यय को कम कर कदया गया। 2022-23 में 7.5 लाख करोड़ रुपए के आय बढने की उम्मीद के साथ, भारत के पेंशन िेत्र में कवकास की
पूंजीगत व्यय का लक्ष्य रखा गया है जो 2021-22 की तुलना में 35.4% महत्वपूणच गुंजाइश है ।
अकिक है ।

कनवेश के स्तर को बरकरार रखने के कलए नेशनल इं फ्रास्टर क्चर


पाइपलाइन (एनआईपी) ने 2019-20 और 2024-2025 के बीर्
लगभग 111 लाख करोड़ रुपए की कनवेश योग्य पररयोजनाओं का एक
रोडमैप कदया है । वतचमान में एनआईपी के तहत 8,964 पररयोजनाएं
कायाच न्वयन के कवकभन्न र्रणों में हैं और इनमें 108 लाख करोड़ रुपए
से अकिक का कुल कनवेश ककया गया है । इनमें से आिे से अकिक
पररयोजनाएं पररवहन िेत्र की हैं ।

र जगार

श्म बाजार ने शहरी और ग्रामीण िेत्रों में कोकवड-19 से पहले के स्तर


की ररकवरी हाकसल कर ली है । बेरोजगारी दर 2018-19 में 5.8% से
घटकर 2020-21 में 4.2% हो गई। 2018-19 में ग्रामीण मकहला श्म
बल भागीदारी दर 19.7% से बढकर 2020-21 में 27.7% हो गई।
शहरी िेत्रों में बेरोजगारी दर जुलाई-कसतंबर 2019 में 8.3% से घटकर
जुलाई-कसतंबर 2022 में 7.2% हो गई।

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Union Budget 2023-24 Handout
महत्वपूर्ट अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 कवत्त मंत्री कनमचला सीतारमण ने मकहलाओं के कलए एकमुश्त छोटी


 उच्चतम आवंटन वाले शीषच 13 मंत्रालयों में, 2023-24 में आवंटन
बर्त योजना की घोषणा की कजसका नाम है : मकहला सम्मान
में सबसे अकिक प्रकतशत वृप्ति ककस मंत्रालय में दे खी गई है ? रे ल
बर्त प्रमाणपत्र
मंत्रालय (49%)
 "मकहला सम्मान बर्त प्रमाण पत्र" के तहत, मकहलाओं या
 बजट 2023-24 में टै क्स स्लैब की संख्या छह से घटाकर ककतनी
लड़ककयों के नाम पर जमा ककया जा सकता है , इसकी अवकि 2
कर दी गई है ? 5
वषच होगी और कनकित ब्याज दर: 7.5% होगी।
 बजट 2023-24 में, 5 करोड़ रुपये से अकिक आय पर अकिभार
 "मकहला सम्मान बर्त प्रमाणपत्र" के तहत अकिकतम जमा राकश:
37% से घटाकर: 25% ककया जाएगा
2 लाख रुपये रखी गई है
 वतचमान में, 5 लाख रुपये तक की आय वाले छूट का लाभ उठा
 सरकार ने राष्ट्रीय हररत हाइडरोजन कमशन शुरू ककया है , जो कनम्न
सकते हैं और उन्हें ककसी प्रकार का कोई कर नही दे नी की
काबचन तीव्रता के कलए अथचव्यवस्था के संक्रमण की सु कविा प्रदान
अनुमकत थी; इस सीमा को बढाकर ककतना कर कदया गया है ? 7
करे गा और अनुमाकनत पररव्यय के साथ जीवाश्म ईंिन आयात
लाख रुपये
पर कनभचरता के प्रभाव को कम करे गा, कजसके अंतगचत पररव्यय
 ऑनलाइन गेम से जीत स्रोत पर कर कटौती के अिीन ककतनी
होगा: 19,700 करोड़ रुपये
होगी। 30%
 2023-24 कवत्तीय वषच में, केंद्र सरकार कशिा िेत्र में ____ से
 बजट 2023 ने वररष्ठ नागररक बर्त योजना (एससीएसएस) के
अकिक खर्च करने की योजना बना रही है , जो उसी के तहत अब
तहत अकिकतम सीमा को बढा कर दोगुना कर कदया, जो अब है :
तक का सबसे अकिक आवंटन है । ₹1.12 लाख करोड़
30 लाख रुपये
 प्रिानमंत्री पोषण शप्ति कनमाच ण (पीएम पोषण) के तहत (मध्याह्न
 लोककप्रय डाकघर माकसक आय योजना (पीओएमआईएस) के
भोजन योजना के स्थान पर) सरकार खर्च करने की योजना बना
तहत कनवेश की सीमा बढाकर ककतनी कर दी गई है ? 9 लाख
रही है : ₹11,600 करोड़
रुपये
 वैिाकनक कनकाय कवश्वकवद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और
 बजट 23-24 के अनुसार, सरकार कवत्त वषच 24 में राज्य द्वारा
अप्तखल भारतीय तकनीकी कशिा पररषद (एआईसीटीई) को
संर्ाकलत भारत संर्ार कनगम कलकमटे ड (बीएसएनएल) में _____
आवंकटत ककया गया है : क्रमशः ₹5,360 करोड़ और ₹420
कवत्त पोकषत करे गी। ₹52,937 करोड़
करोड़।
 बीएसएनएल प्रशासकनक रूप से 900/1800 मेगाहटटच ज बैंड में
 बजट 2023-24 में, राजकोषीय घाटे के कलए FRBM लक्ष्य रखा
स्पेक्ट्रम प्राि करे गा, कजसकी कीमत है : ₹44,993 करोड़
गया है : 5.9%
 बजट 2023-24 के अनुसार, बीएसएनएल की अकिकृत पूंजी
 बजट 2023-24 में, राजस्व घाटे के कलए FRBM लक्ष्य रखा गया
₹40,000 करोड़ से बढाकर ककतनी की जाएगी? ₹1,50,000
है : 2.9%
करोड़
 बजट 2023-24 में, प्राथकमक घाटे के कलए FRBM लक्ष्य रखा गया
 केंद्रीय बजट 2023-24 में, खेलों को अब तक का सबसे अकिक
है : 2.3%
आवंटन कमला है , जो है : ₹3,397.32 करोड़
 बजट 23-24 के अनुसार, मकहलाओं के कल्याण के तहत
 बजट 2023-24 में रिा मंत्रालय को ___ आबंकटत ककया गया है ।
आवंटन: 2,23,220 करोड़ रुपये है ।
₹5.94 लाख करोड़
 बजट 23-24 के अनुसार, बच्चों के कल्याण के तहत आवंटन:
 रे ल मंत्रालय को ____ आवंकटत ककया गया है , जो मंत्रालय के कलए
1,03,791 करोड़ है ।
अब तक का सबसे अकिक पररव्यय है । ₹2.41 लाख करोड़
 सरकार ने MGNREGS के कलए बजटीय आवंटन में एक
 सड़क पररवहन और राजमागच मंत्रालय को ₹2.70 लाख करोड़
महत्वपूणच कटौती (-32.9%) कर दी है , जो अब: 60,000 करोड़
आवंकटत ककए गए हैं , जबकक गृह मंत्रालय को आवंकटत ककए गए
है ।
हैं : ₹1.96 लाख करोड़
 हाल ही में घोकषत बजट 2023-24 में ककस योजना को अकिकतम
 सरकार को अपने पैसे का 34% उिार और अन्य दे नदाररयों से
बजट आवंटन प्राि हुआ है ? प्रिानमंत्री आवास योजना (79,590
प्राि होता है , कजसमें आयकर से ककतना कहस्सा आता है ? 15%
करोड़)
 बजट 2023-24 ने आयुष्मान भारत-प्रिान मंत्री जन आरोग्य
योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के कलए आवंटन बढाकर: 7,200
करोड़ रुपये ककया

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Union Budget 2023-24 Handout
बजट से जुडे महत्वपूर्ट तथ्य

 'बजट' शब्द की उत्पकत्त पुराने फ्रां सीसी शब्द 'बौगे ट' से हुई है कायच काल के दौरान 10 बजट पे श ककए, इसके बाद पी कर्दं बरम (9),
कजसका अथच है 'र्मड़े का थै ला'। प्रणब मुखजी (8) हैं ।
 1955-56 के बजट में कववाकहत और अकववाकहत लोगों के कलए
अलग-अलग कर-मुि स्लै ब की घोषणा की गई थी। प्रलतलष्ठत बजट
 जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रस्तुत ककया जाने वाला पहला और एकमात्र
केंद्रीय बजट वषच 1958-59 के कलए था। इस बजट ने एक नया काला बजट
करािान उपकरण पेश ककया कजसका उपयोग कई पकिमी दे शों में इं कदरा गां िी सरकार में यशवं तराव बी र्व्हाण द्वारा प्रस्तुत 1973-74 के
ककया गया - उपहार कर। बजट को काला बजट कहा गया क्ोंकक उस वषच के दौरान राजकोषीय
 नेशनल स्टॉक एक्सर्ें ज की स्थापना की घोषणा 1993-94 के बजट घाटा 550 करोड़ रुपये था। यह एक ऐसा समय था जब भारत गं भीर
में की गई थी। कवत्तीय सं कट से गु जर रहा था।
 पूवच कवत्त मंत्री मोरारजी दे साई ने 10 बार बजट पे श ककया है कजसे
भारत में ककसी कवत्त मंत्री द्वारा केंद्रीय बजट प्रस्तुत करने की सबसे गाजर और छडी बजट
बड़ी सं ख्या माना जाता है । इसके बाद पी. कर्दं बरम के 9 बजट 28 र्रवरी, 1986 को वीपी कसं ह द्वारा कां ग्रेस सरकार के कलए पेश ककया
प्रेजेंटेशन का नं बर आता है । गया केंद्रीय बजट भारत में लाइसें स राज को खत्म करने की कदशा में पहला
 1999 तक, केंद्रीय बजट र्रवरी के अं कतम कायच कदवस को शाम 5 कदम था। इसे 'गाजर और छड़ी' बजट कहा गया क्ोंकक इसमें पु रस्कार
बजे पेश ककया जाता था। हालां कक, बाद में र्ीजें बदल गईं। और दं ड दोनों की पेशकश की गई थी। इसने कर के कैस्केकडं ग प्रभाव
 1999 में, पूवच कवत्त मंत्री यशवं त कसन्हा ने "शाम 5 बजे बजट घोषणा को कम करने के कलए एमओडीवीएटी (सं शोकित मू ल्य वकिचत कर) क्रेकडट
परं परा" को बदलकर सु बह 11 बजे कर कदया। पेश ककया जो उपभोिाओं को भु गतान करना पड़ता था और साथ ही
 किकतज र्ं द्र कनयोगी भारत के एकमात्र कवत्त मंत्री हैं कजन्होंने एक भी तस्करों, कालाबाजारी करने वालों और कर र्ोरी करने वालों के प्तखलार्
केंद्रीय बजट पेश नहीं ककया है । एक गहन अकभयान शु रू ककया था।
 बदलती परं पराओं की बात करें तो पूवच कवत्त मंत्री अरुण जे टली ने
र्रवरी के आप्तखरी वककिंग डे पर बजट पेश करने की परं परा को युगीन बजट
बदल कदया. इसकलए, 2017 में , केंद्रीय बजट 1 र्रवरी को पेश ककया पीवी नरकसम्हा राव सरकार के तहत मनमोहन कसं ह का ऐकतहाकसक 1991
गया था और तब से , उसी का पालन ककया जा रहा है । का बजट कजसने लाइसें स राज को समाि ककया और आकथच क उदारीकरण
 पूवच प्रिानमंत्री इं कदरा गां िी केंद्रीय बजट पेश करने वाली पहली के युग की शु रुआत की, को 'एपोकल बजट' के रूप में जाना जाता है ।
मकहला थीं। 1970 में मोरारजी दे साई के कायाच लय छोड़ने के बाद ऐसे समय में प्रस्तु त ककया गया जब भारत आकथच क पतन के कगार पर था,
उन्होंने ऐसा ककया। इसने अन्य बातों के साथ सीमा शु ल्क को 220 प्रकतशत से घटाकर 150
 कवत्त मंत्री कनमचला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करने वाली केवल प्रकतशत कर कदया और कनयाच त को बढावा दे ने के कलए कदम उठाए।
दू सरी मकहला हैं । वह इले क्ट्रॉकनक माध्यम से बजट पेश करने वाली
पहली व्यप्ति भी हैं । डर ीम बजट
पी कर्दं बरम ने 1997-98 के बजट में सं ग्रह बढाने के कलए कर की दरों
सबसे पहला बजट को कम करने के कलए लार्र कवच कसिां त का इस्तेमाल ककया था। उन्होंने
भारत का पहला बजट 7 अप्रैल, 1860 को स्वतं त्रता-पूवच भारत में घोकषत व्यप्तियों के कलए अकिकतम सीमां त आयकर दर को 40 प्रकतशत से
ककया गया था, जब ईस्ट इं कडया कंपनी के स्कॉकटश अथच शास्त्री और घटाकर 30 प्रकतशत कर कदया और घरे लू कंपकनयों के कलए 35 प्रकतशत
राजनेता जेम्स कवल्सन ने इसे किकटश क्राउन को प्रस्तुत ककया था। कर कदया। 'डरीम बजट' के रूप में सं दकभचत, इसने सीमा शु ल्क को घटाकर
स्वतं त्रता के बाद, भारत का पहला बजट 26 नवं बर, 1947 को तत्कालीन 40 प्रकतशत कर कदया और उत्पाद शु ल्क सं रर्ना को सरल बनाया।
कवत्त मंत्री आर के शनमुखम र्े ट्टी द्वारा प्रस्तुत ककया गया था।
लमलेलनयम बजट
सबसे लांबा बजट भार्र् 2000 में यशवं त कसन्हा के कमले कनयम बजट ने भारत के सू र्ना प्रौद्योकगकी
र्ार बार की प्रस्तु तकताच सीतारमण ने 1 र्रवरी, 2020 को 2020-21 के (आईटी) उद्योग के कवकास के कलए रोड मैप तै यार ककया क्ोंकक इसने
केंद्रीय बजट को पेश करते हुए 2 घंटे 42 कमनट तक सबसे लं बा भाषण सॉफ्टवे यर कनयाच तकों पर प्रोत्साहन को समाि कर कदया और कंप्यू टर
दे ने का ररकॉडच बनाया। दो पृष्ठ शे ष होने के कारण, उन्हें अपना भाषण और कंप्यू टर सहायक उपकरण जैसी 21 वस्तुओं पर सीमा शु ल्क कम
छोटा करना पड़ा। कर कदया।

सबसे शब्दशः बजट भार्र् र लबैक बजट


पूवच प्रिान मंत्री मनमोहन कसं ह कम बोलने वाले व्यप्ति हो सकते हैं , ले ककन अटल कबहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के कलए यशवं त
कवत्त मंत्री के रूप में अपने कायच काल के दौरान, उन्होंने 1991 में सबसे कसन्हा के 2002-03 के बजट को रोलबै क बजट के रूप में लोककप्रय रूप
अकिक शब्दों - 18,650 - के साथ भाषण कदया। से याद ककया जाता है क्ोंकक इसमें कई प्रस्ताव वापस ले कलए गए थे ।

सबसे छ टा बजट भार्र् सदी में एक बार आने वाला बजट


1977 का बजट भाषण, तत्कालीन कवत्त मंत्री कहरुभाई मु लजीभाई पटे ल कनमचला सीतारमण ने 1 र्रवरी, 2021 को 'सदी में एक बार आने वाला
द्वारा कदया गया, केवल 800 शब्दों में मापा गया। बजट' पेश ककया, क्ोंकक यह एक आक्रामक कनजीकरण रणनीकत और
मजबूत कर सं ग्रह पर भरोसा करते हुए बुकनयादी ढां र्े और स्वास्थ्य से वा
सबसे ज्ादा बजट लकसने पेश लकया है ? में कनवे श के माध्यम से एकशया की तीसरी सबसे बड़ी अथच व्यवस्था को
सबसे ज्यादा बजट पेश करने का ररकॉडच पूवच प्रिानमंत्री मोरारजी दे साई पुनजीकवत करना र्ाहता था।
के नाम है । उन्होंने 1962-69 के दौरान कवत्त मंत्री के रूप में अपने

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इन्फ ग्रालिक्स

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