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राग भैरव

थाट:
भैरव
यह एक प्राचीन राग है , तथा यह अपने थाट का आश्रय राग है | इस राग में रे , ध स्वरों पर आन्दोलन
ककया जाता है |यह गंभीर प्रकृ कत का राग है , इसमें कवलंकित, द्रुत ख्याल, तराना, तथा ध्रपु द गाये जाते हैं ।
इस राग में कोमल रे और कोमल ध का प्रयोग होता है ।
जाकत – संपर्ू ण -संपर्ू ण
समय – प्रातः काल
वादी – कोमल ध
संवादी – कोमल रे
आरोह :- सा रे ग म प ध कन सां |
अवरोह :- सां कन ध प म ग रे सा |
पकड़ :- ग म ध - प , म प म , ग म रे – सा
सरगम गीत
ताल – तीन ताल
स्थायी
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16
सा ध प ध प म ग म ग रे ग म ग रे सा सा
सा ध प ध प म ग म ग रे ग म ग रे सा सा
सा ध. कन. सा रे रे सा सा ग म प म ग रे सा सा
सा ध. कन. सा रे रे सा सा ग म प म ग रे सा सा
सा ध प ध प म ग म ग रे ग म ग रे सा सा
सा ध प ध प म ग म ग रे ग म ग रे सा सा

अंतरा
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16
म म प प ध ध कन कन सां सां सां सां रें रें सां सां
म म प प ध ध कन कन सां सां सां सां रें रें सां सां
रें गं रें सां कन ध प म ग म प म ग रे सा सा
रें गं रें सां कन ध प म ग म प म ग रे सा सा
Repeat स्थायी
तान (8 मात्रा )
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16
सा ध प ध प म ग म
सारे गम पध कनसां साकं न धप मग रे सा
सारे गम गम रे सा मप धप गम रे सा
सारे गम पध पम गम पध कनसां रें सां
गंगं रें सां नीरें सांकन धप मग रें सां कनसां
सारे गम पम गरे गम पम गरे सासा

अंत
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16
सा ध प ध प म ग म सा ध प ध प म ग म
सा ध प ध प म ग म ग रे ग म ग रे सा सा

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