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राग जोग

राग – जोग
पररचय -

स्वर – ररषभ व धैवत वर्ज्य । निषाद कोमल , दोिो गंधार ।


शेष स्वर शुद्ध
थाट – काफी
जाति – औड़व-औड़व
समय – रानि का दू सरा प्रहर
वादी / संवादी – म / सा
तवकृि स्वर – कोमल स्वर नि और दोिों ग
न्यास के स्वर – ग , म और प
वतजिि स्वर – आरोह व अवरोह में रे और ध वनजयत

आरोह – सा ग म प नि सां ।
अवरोह – सां नि प म ग सा नि सा ।
पकड़ – सा , प़ नि प़ सा , गम प म ग , सा ग सा ।
(मुख्य अंग) – ग म प नि प , प नि प म ग म , ग म ग सा ।

तवशेष - राग जोग बहुत ही सुमधुर राग है। इस राग में आरोह में शुद्ध गंधार और अवरोह में कोमल
गंधार प्रयुक्त होता है। परन्तु इसके अवरोह में दोिों गंधार का प्रयोग एक साथ नकया जा सकता है जैसे
- प म ग म ग ग सा। गंधार कोमल से षड् ज तक मींड द्वारा पहुुँचा जाता है। इसी प्रकार, अवरोह में म
ग सा लेते समय गंध ार कोमल के पहले षड् ज को कण स्वर के रूप में लेते हैं जैसे - म साग सा।

❖ उत्तरांग में निषाद लगाते समय कभी कभी षड् ज को कण स्वर के रूप में प्रयोग करते हैं जैसे - ग
म प तिसां सां , नजसके कारण यह निषाद, सामान्य कोमल निषाद से थोड़ा चढ़ा हुआ सुि ाई दे ता
है।

❖ यह एक मींड प्रधाि राग है नजसे तीिों सप्तकों में उन्मुक्त रूप से गाया जा सकता है।

यह स्वर संगनतयाुँ राग जोग का रूप दशायती हैं -

सा ग म प , ति प म ग , ग म , म प , म प म , ग म ग ग सा , ग म प ति सां , प तिसां तिसां सां , ति


सां गं सां , गं सां ति प म , म प ग म , ग म साग सा ।

1
राग जोग

छोटा ख्याल (िीि िाल) (मध्यलय)


(साजि मोरे घर आयो)

स्थायी – साजि मोरे घर आयो , अनत मि सुख पायो ।


अन्तरा – मुँगल गाओ चौक पुराओ . प्रेम नपया हम पायो ।

स्थायी –

1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16
x २ 0 ३
ति - प म ग म प म
सा ऽ ज ि मो रे घ र
म - ग म सा ग ग सा - ति पप -म ग म प म
आ ऽ ऽ ऽ ऽ ऽ यो ऽ ऽ सा ऽज ऽि मो रे घ र
म - ग म सा ग ग सा - ग ग ग ग - म प
आ ऽ ऽ ऽ ऽ ऽ यो ऽ ऽ अ नत म ि ऽ सु ख
म - ग म सा ग ग सा - ति पप -म
पा ऽ ऽ ऽ ऽ ऽ यो ऽ ऽ सा ऽज ऽि

अन्तरा –

1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16
x २ 0 ३
ग म प ति ति सां सां -
मुँ ऽ ग ल गा ऽ ओ ऽ
ति
सां सां ति प म ग ग - - ग ग ग ग - म प
चौ ऽ क पु रा ऽ ओ ऽ ऽ प्रे म नप या ऽ ह म
म - ग म सा ग ग सा
पा ऽ ऽ ऽ ऽ ऽ यो ऽ

2
राग जोग

िािें

आठ और सौलह मात्रा (8 और 16 मात्रा)

1. (x) निसा गम पनि पम गम पम गम गसा


2. (x) गम पनि सांनि पनि पम गम गसा निसा
3. (0) निसा गम साग मप गम पनि मप निसां
पनि सांगं सांनि पनि पम गम गसा निसा
4. (0) निसा गम पम गम पनि सांनि पनि सांगं
मंगं सां गं सांनि पनि सांनि पम गम गसा

3
राग जोग

बड़ा ख्याल
(तवलम्बिि लय) (िाल – एकिाल)
(एरी मि भायो री)

स्थायी – एरी मि भायो री मोहे श्याम सुं दर ।


अंिरा - सोहिी सूरत मोहिी मूरत दे खि को मि अधीर ।

स्थायी -

11 12
साग म ग सा गसा तिप़ -ति सा

एऽ ऽ री ऽ ऽऽ ऽऽ ऽम ि
x 0
1 2 3 4
-
ग - - - म - - साग - - - सा - - -

भा ऽ ऽ ऽ ऽ ऽ ऽ ऽ योऽ ऽ ऽ ऽ री ऽ ऽ ऽ
२ 0
5 6 7 8
सा गम मप - - - ग म प ति सां - ति प म -

मो ऽ हे ऽ ऽ ऽ श्या ऽ म ऽ ऽ ऽ सुं ऽ ऽ ऽ

9 10
पप मग म - साग - सा -

दऽ ऽऽ ऽ ऽ रऽ ऽ ऽ ऽ

4
राग जोग

अंिरा –

11 12

ग म प ति सां - - सां

सो ऽ ह िी सू ऽ ऽ र

1 2 3 4
ति
सां - - - सां ति प म पप मग म - साग - सा -

त ऽ ऽ ऽ मो ऽ ह िी मूऽ ऽऽ ऽ ऽ रऽ ऽ त ऽ

5 6 7 8

सा गम म प म
प - - - तिति पम पम गम प ग म प

दे ऽ ख ि को ऽ ऽ ऽ ऽऽ ऽऽ ऽऽ ऽऽ ऽ म ि अ

9 10

म - ग म सा ग - सा-

धी ऽ ऽ ऽ ऽ ऽ ऽ रऽ

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