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नामसूची
[ दक्षिणपार्श्बस्थ-संख्या बिष्णुपदप्रकरणधृत-सूत्राङ्कज्ञापिका । ]
[ स=सर्बेश्बरान्तः ; बि= बिष्णुजनान्तः ; पु=पुरुषोत्तमलिङ्गः ; ल = लक्ष्मीलिङ्गः ; ब्र=ब्रह्मलिङ्गः । ]
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से पु २६
अक्का
स ल ६७
अक्षि
स त्ৰ त् ८७
अग्नि
स पु ३९
अग्रेगा
स पु २९
अघद्बिष्
बि ल १५२
अघबत् (तु)
बि पु ११२
अच
बि पु १०७
अतिगोपी
स ल ७३
अतिदधि
स ब १०
अतिपुंस्
बि ए १५६
अभिलक्ष्मी
स ल ७५
अतिस्त्री
स ल ७४
अत्ता
स ल ६७
अमडु ह
बि पु १४८
अनन्ती
स पु ५३
अनर्ब्बन्
यि पु १२८
अनेहस्
बिपु १४४
________________

अप्
बि ल १५०
अप्पा
स ल ६७
अजा
स पु २९
अभ्र
बि पु १३१
अस्बा
स ल ६६-६७.
अम्बाड़ा
स ल ६७
अम्बाला
म न ७१
अम्बिका
स ल ६७
अम्बु
स ब १३
अৰ्य्य् य्य मन्
बि पु १२१-१२२
अबन्
बि पु १२७-१२८
अल्ला
अबी
स ल ६७
स ल ७३
. अब्बा
स ल ६७
अशनि
स ल १०
अष्टनन्
बि पु १२४-१२६
अस्थि
स ब्र ८७
अहन्
बि ब्ৰ ब् १५५-१५६
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आदिबस्
बि पु १४२
आशिष
बि पु १३६-१३७ ;
बि ल १५२
उथशास्
बि पु १४४
उञ
बि पु १०७
उदकस्पृश
बिपु १३३
उदच
बि पु १०१
उदधिक् ा क्ৰा
स पु २९
उन्नी
स पु ५ १
उपानह,
बि ल १५२
उरुशबस्
बि पु १३९
उशनस्
बि पु १४३-१४४
उष्णि,
बि पु १०८
उष्णिह
बि ल १५२
उज्ज
बि पु ११० ;
बि ए १५३
च्
बि ल १५०
ऋत्बिज
बि पु १०८
________________

ऋभुक्षिन् कं सजित्
बि पु ११८-१२०
बि पु ११०
कं स द्रुह
बि पु १४८
कं स द्बिष
बि पु १३३
कं सह
बि पु १२:-१२-२
कं सहिंस बि पु १४० ; बि ए १५३
ककु भ
बिल १५०
कति
स पु ४०-४१
करभू
स पु ५३
करिष्य
बि ए १५३
कर्तृ
स पु ५७-५८ ; स ब्ৰ ब्९३
कबि
स पु ३९
कारभू
स पु ५३
काराभू
से पु ५३
कु ल
स ए ८२
कति
कृ ष्ण
स ल १०
स पु ७-२५
कृ ष्णगुण,
बि पु १२८
कृ ष्णपट
स पु ५ १
कृ ष्णप्ा शशप्ৰा
बि पु १३३
कृ ष्णप्री
स पु ५१
कृ ष्णबुध,
बिपु ११४
कृ ष्णभू
स पु ५२
कृ ष्णमुह
बि पु १४८
कृ ष्णयुज
बि पु १०९
कृ ष्णरे
स पु ६० ; स ब्र १३
कृ ष्णबाह
कृ ष्णबिद
कृ ष्ण श्री
बि पु १४५-१४७
बि पु ११२
स पु ४९
कृ ष्णसुखी
स पु ५३
कृ ष्णस्निह,
बि पु १४८
कृ ष्णस्पृश
बि पु १३३
कृ ष्णाघि लिह
बि पु १४८
क्रु च
बि पु: १०१
क्रोधु
स पु ५९
खलपु
स पु ५३
________________

गिरि गिर्
स पु ३९
बि ल १५०
गो
स पु ६१-६२ ; स ल ७५
गोकु ल
गोदुह
स ब्र ७६-८२
बि पु १४८
गोपी
स ल ७३, ७५
गोरक्ष
बि पु१३८-१३९
गोबिन्द
स पु २६
गोबिन्द
बि पु ११४
ग्लौ
स पु ६२
चतुर् बि पु १३०-१३१ ; बि ल
१५० ; बि ए १५६ ; स ल ७१-७२
च् ৰ्म्म
म्म
बि ए १५४
जक्षतृ
बि पु ११२
जक्षिबस
बि पु १४२
जगत्
बि ए १५३
जगन्ब
बि पु १४२
जग्निबस्
बि पु १४२
जभ
बि पु ११४
जरा
स ल ६८
जलमुच
बि पु १०६
जामातृ
तति
स पु ५७
स पु ४१
तत्त्बबुध
बि पु ११४
तन्त्री
स ल १३
तरी
स ल १३
तादृश
बि पु १०८
तितउ
स पु ४८
तिर्य्यच्
बि पु १००-१०१ ;
बि ब्ৰ ब् १५३
तुदतृ
बि ब्ৰ ब् १५३
तुरासाह
बि पु १४९
ि
स पु ३९-४० ; स ल ७१-७२
त्ब
बिल १५०
त्बष्ट
स पु ५८
दण्डिन्
बि पु ११२
________________

ददतृ
दधि
दधष
दत्त
बि पु ११२ स ब्र ८५-९०
बि पु १०८,१३३
स २८
दश
बि पु १२४
दामलिह
बि पु १४८
दिदिक्षा
बि पु १३९
दिदृक्ष
बि पु १३९
दिब,
बिल १५१-१५२
दिश
बि पु १०८,१३८ ;
बि ल १५०, १५२
दीर्घाहन्
बि ए १५६
दुहितृत्ब
स पु ५८
दृभू
स पु ५३
दृश
बि पु १०८, १३८ ;
बि ल १५०, १५२
दृष्टकं सह
बि ए १५६
दृष्टपूष
बि ए १५६
दृष्टशाङ्गिन
बि ✉ १५६
दृष्टाৰ्य्य् य्य मन्
बि ब्ৰ ब् १५६
दैत्यप्रमी
स पु ४८
दैत्यबृ
बि पु १०२-१०६
दैत्यर्
बि पु १३१-१३३
दोष,
बि पु ११३,१३९-१४०
्यो
स ल १५
धनुस ्
बि ए १५६
धी
स ल ७३, ७५
ध्बति
म न १०
धेन ु
नदी
म न १.
स ल १३
नबन्
बि पु १२४
नाराय़ण
नासिका
स २६
स ल ६१
निर्जर
स ब्र ८३-८४
निर्जरा
म ल ६८
निशा
स ल ६१
________________

निश
盖后
नी
नौ
市可向
बि पु ११३
स पु ५ १
स पु ५ ७
स ल ७५
पञ्चन
बि पु १२२-१२४
पटु
स ल ७०
पति
पथि
बि पु ११८-१२०
स पु ४८
पद
बि पु ११३
पद्माक्ष
सब् ब्ৰ ९०
पय़स्
बि ब्ৰ ब् १५६
परमति
स पु ४ ०
परमपञ्चन
बि पु १२६
परमपति
स पु ४१
परमाष्ट
बि पु १२६
पाद
स पु २८
पितृ
स पु ५४-५७
पित् चचत्ৰ
बि पु १००
पिपाठिष
बि पु १३६-१३७
पिक्ष
बि पु १३९
पीतबस
बि पु १४०
पीलु
स ए ९२
पुंस
बि पु १४३
पुगु भ
बिपु ११४
पुनर्भु
स पु ५३ ; स ल ७५
पुरुदंशस
बि पु १४४
पुरोडाश,
बि पु १४४
पुर्
बि ल १५०
पूष
बि पु १२१-१२२
प्रतिदिब
बि पु ११६-११७
प्रत्यच बि पु ९४-१०० ; बि ए १५३
प्ৰप्त्यञ्च
बि ৰ १५३
प्रधी
स पु ५१ ; स ल ७५
प्ৰप्शाम
बि पु १२९
प्राच
बि पु १०० ; बि ए १५३
प्ৰाप्ा ञ्च
बि ब्ৰ ब् १५३
________________

प्रिय़क्रोधु
स ✉ ९३
प्रिय़चतुर् बि पु १३१ ; बि ल १५०
प्रिय़त्ब
स ल ७० ; बि ल १५०
प्रिय़त्रि
स पु ४० ; स ब्र ९३
प्ৰिप्िपञ्चय़
बि पु १२६
प्रिय़राधा
स ल ६६
प्रिय़बिष्णु
स ल १०
प्ৰिप्ि य़षष,
बि पु १३५
प्रिय़हरि
स ल ७०
प्रिय़ाष्टन्
बि पु १२६
फल
स ब्र ८२
बहुप्रेय़सी
स ल ७५
बहुसखि
स पु ४८
बहु् ৰ्ज्ज
ज्ज
बि ब्ৰ ब् १५३
बुद्धि
म न १०
ब्ৰब् ह्मन्
बि ए १५३-१५४
भक्ति
स ल ६९-७०
भगबत् ( तु )
बि पु १११-११२
भबतृ बि पु ११२ ; बि ए १५३
भबत् ( तु )
बि पु ११२
भातृ
बि ब्ৰ ब् १५३
स पु ४९
भृङ्ग
भ्ৰाभ्ा तृ
मघबन्
भूति
स ल ७०
बि पु १०७
स पु ५८
स ल ७५
बि पु ११५-११६
मति
स ल ७०
मथि
बि पु ११८-१२ ०
मधु
स ब्र ९०
महत् ( तु ) बि पु: ११० ; बि ब्ৰ ब् १५३
मही
स ल ७३
मातृ
स ल ५८,७५
माला
स ल ६६
माली
स पु ५१
मास
स पु २८
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मास्
मुरमथ
बि पु ११३ बि पु ११२
मूल
स ब्र ८२
यन्
बि पु ११५
यति
स पु ४१
यदुपति
स पु ४८
यदुराज
बि पु १०७
यातृ
युज
स- लु ५८
बि पु १०९
बि पु ११५-११६
युब
यूष
स पु २८ ; बि पु ११३, ११५
रमा
स ल ६६
रबि
स पु ३९
राजन्
बि पु ११५
राधा
स ल ६३-६६
राम
स पु २५
रामा
रुचि
रै
लक्ष्मी
स ल ६६
स ल १०
स पु ६० ; स ल ७५
स ल ७३
लेष्ट
厚唇笸
स पु ५३
स पु ५८
बधू
स ल ७५
बनमालि
बि पु १२ १
ब्
ৰ्म्मम्म
बि ए १५४
बर्षा भू
स पु ५३
बाच्, बातप्रमी
बि ल १५०
स पु ४८
बाश
बि पु १३३
बामन
स पु- २६
बारि
सत् त्ৰ ९०
बार
बि ब्ৰ ब् १५६
बासुदेब
स पु २६
बिश्बस् (सु )
बि पु १४१-१४३
बिज्ञष्
बि ल १५२
________________

बिभक्ष
बि पु १३९
बिबक्ष
बि पू १३९
बिश्बचिकीर्ष
बि पु १३६-१३७
बिश्बनी
स पु ५०-५१ ;
स ब ९१-९२
बिश्बपा
स पु २८-२९ ;
स ल ६८
बिश्बसृज
बि पु ११०
बिष्टरश्रबस्
बि पु १३९
बिष्णु
स पु ४८
बेधस्
बि पु १३९
बैकु ण्ठ
स पु २६
बैकु ण्ठध्बस्
बि पु १४१
बैकु ण्ठश्र
बि पु १४१
शৰ्म्म् म्मन्
बि ए १५४
शाङ्गिन
बि पु १२ १
शीर्ष
स ब्र ८३
श्रद्धा
स ल ६६
________________

श्री
श्बन
स ल ७३-७५
बि पु ११५-११६
श्बेतबाह
बि पु १४४
षष, सक्थि
बि पु १३३-१३५
स 3 ८७
सखि
स पु ४२-४८
सखी
स ल १३
सजुष
बि पु १३६-१३७
सप्तन
बि पु १२४
समिध
बि ल १५०
सानु
स ब्र ९३
सीमन
बि ल १५०
सुतुस
बि पु १३१
सुद्यो
स ब्ৰ ब्१३
सुधी
से पु ५२
सुपथि
बि ए १५६
सुपथी
स ल ७३
सुपद्ि
बि पु ११२-११३
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सुपि
सुज
बि पु १३९
स न १५
सुसखि
स पु ४८
सोमपा
स पु २९
म 98
स्पृश
बिपु १०८
सज
बिपु १०८ ; बिल १५०
स्बनडु इ
बि ए १५६
स्बप,
बि ए १५६
स्बस्थ
हरि
हलि
स ल ५८, ७५
स पु ३०-३१
बि पु १२१
हल
बि पु १३१
हबिस्
बि ब्ৰ ब् १५६
हाहा
स पु २९
ह्
सपु ४८
हृदय़
स ब्र ८३
स ल ७३
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