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Duncan Kennedy and Michel Foucault
Duncan Kennedy and Michel Foucault
The critical legal studies movement emerged in the mid-1970s as a network of leftist law
professors in the United States who developed the realist indeterminacy thesis in the service of
leftist ideals. According to Roberto Unger, the movement "continued as an organized force only
until the late 1980s. Its life as a movement lasted for barely more than a decade."
भहत्वऩर्
ू ण कानन
ू ी अध्ममन आंदोरन 1970 के दशक के भध्म भें संमक्
ु त याज्म अभेरयका भें वाभऩंथी
कानन
ू के प्रोपेसयों के एक नेटवकण के रूऩ भें उबया, जिन्होंने वाभऩंथी आदशों की सेवा भें मथाथणवादी
अननजचितता थीससस ववकससत की। यॉफटो उं गय के अनस
ु ाय, आंदोरन "केवर 1980 के दशक के अंत तक
एक संगठित फर के रूऩ भें िायी यहा। एक आंदोरन के रूऩ भें इसका िीवन भजु चकर से एक दशक से
डंकन कैनेडी, एक हावणडण कानून के प्रोपेसय, िो उं गय के साथ आंदोरन भें प्रभुख शजससमतों भें से एक थे, ने
कहा है कक, भहत्वऩूर्ण कानूनी अध्ममन के शुरुआती ठदनों भें , "नेटवकण भें हय कोई 60 के दशक भें कुछ रुधि
के साथ एक सपेद ऩुरुष था। शैरी कट्टयऩंथी यािनीनत मा ककसी न ककसी तयह की कट्टयऩंथी बावना। कुछ
ववद्वानों/कामणकताणओं के नेटवकण औय ववद्वानों के साठहत्म दोनों के रूऩ भें भहत्वऩूर्ण कानूनी अध्ममनों
नेटवकण बी यहा है िो खद
ु को रॉ स्कूर की यािनीनत भें कामणकताण के रूऩ भें सोि यहे थे। प्रायं ब भें ,
ववद्वताऩूर्ण साठहत्म उन्हीं रोगों द्वाया ननसभणत ककमा गमा था िो रॉ स्कूर की सकिमता कय यहे थे। एक
भहत्वऩूर्ण कानूनी अध्ममन एक ससद्ांत नहीं है । मह भूर रूऩ से रोगों के इस नेटवकण द्वाया ननसभणत मह
साठहत्म है । भुझे रगता है कक आऩ साठहत्म के कुछ ववषमों, ववषमों की ऩहिान कय सकते हैं िो सभम के
भहत्वऩूर्ण कानूनी अध्ममनों से िुडे ववद्वानों को अक्सय कई तयीकों से आंदोरन के साथ ऩहिाना िाता
है : उनके रेखों भें भहत्वऩूर्ण कानूनी अध्ममन ऩय सम्भेरन का उल्रेख कयते हुए एक प्रायं सबक पुटनोट
शासभर कयके औय संगिन की संऩकण िानकायी प्रदान कयके, सीसीएरएस के सम्भेरनों भें बाग रेने के
द्वाया, औय के काभ का हवारा दे ते हुए साथी भहत्वऩूर्ण कानूनी अध्ममन ववद्वान। डंकन कैनेडी औय
कारण क्रेमय द्वाया संकसरत औय मेर रॉ िनणर भें प्रकासशत सीएरएस कामों की 1984 की ग्रंथ सूिी भें
िे-एभ फैयेटो की सहामता से कोस्टास डौज़िनास औय कॉसरन ऩेरयन द्वाया संऩाठदत िाय खंडों का 2011 का
संग्रह, उनके दाशणननक आकाओं सठहत त्रिठटश किठटकर रीगर स्टडीि के काभ को संकसरत कयता है ।
मह 1980 के दशक के उत्तयाधण भें कानूनी दशणन, साठहत्म, भनोववचरेषर्, सौंदमणशास्ि, नायीवाद, सरंग,
काभुकता, उऩननवेशवाद, नस्र, नैनतकता, यािनीनत औय भानवाधधकाय िैसे ऺेिों भें अऩनी उत्ऩजत्त के
फाद से ववस्तत
ृ छािवजृ त्त को प्रदसशणत कयता है ।
Michel Foucault and postmodernism
सभशेर पौकॉल्ट एक उत्तय-आधनु नकतावादी थे, हारांकक उन्होंने अऩने कामों भें ऐसा होने से इनकाय कय
ठदमा। उन्होंने उत्तय आधनु नकता को दो भागणदशणक अवधायर्ाओं के संदबण भें ऩरयबावषत ककमा: प्रविन
को ऩरयबावषत कयते हुए वे कहते हैं कक मह साभाजिक िीवन के एक ववशेष ऺेि भें सोि की रूऩये खा है ।
For instance, the discourse of criminality means how people in a given society think and talk
about crime. And, what is important is that power works through discourse. The discourse
becomes weak or strong in comparison to power. And, power according to Foucault is
knowledge. Thus, in a postmodern condition, there are discourses which are shaped by
knowledge.
उदाहयर् के सरए, आऩयाधधकता के प्रविन का अथण है कक ककसी ठदए गए सभाि भें रोग अऩयाध के फाये भें
पौकॉल्ट उत्तय आधनु नकता को प्रविन के रूऩ भें ऩरयबावषत कयता है औय प्रविन की व्मासमा शजक्त के
भाध्मभ से की िाती है । उन्होंने वास्तव भें सत्मवाद के साथ शुरुआत की: ऻान शजक्त है । वह ववशेष रूऩ से
भनुष्मों के ऻान औय भनुष्मों ऩय कामण कयने वारी शजक्त भें रुधि यखते थे। भान रीजिए, हभ इस कथन से
शुरू कयते हैं: ऻान शजक्त है , रेककन संदेह है कक हभें ऩूर्ण सत्म का कोई ऻान है ।
If we take away the idea of absolute truth, what does knowledge mean.’ May be knowledge
would be just what a group of people get together and decide is true. In one case, physical force,
and in the other mutual force, is exerted by a powerful minority who are thus able to impose this
idea of the right, or the true, on the majority. But, how does knowledge/power get its work done?
Often, knowledge/power and physical force are allied, as when a child is spanked to teach a
lesson. But primarily knowledge/ power works through language, at a basic level when a child
learns to speak, he picks up the basic knowledge and rules of his culture at the same time.
मठद हभ ऩूर्ण सत्म के वविाय को हटा दें , तो ऻान का क्मा अथण है । हो सकता है कक ऻान वही होगा िो रोगों
इस वविाय को रागू कयने भें सऺभ होते हैं। रेककन, ऻान/शजक्त अऩना काभ कैसे कयती है ? अक्सय,
ऻान/शजक्त औय शायीरयक फर संफद् होते हैं, िैसे कक िफ ककसी फच्िे को सफक ससखाने के सरए ऩीटा
िाता है । रेककन भुसम रूऩ से ऻान/शजक्त बाषा के भाध्मभ से काभ कयती है , फुननमादी स्तय ऩय िफ कोई
फच्िा फोरना सीखता है , तो वह अऩनी संस्कृनत के फुननमादी ऻान औय ननमभों को एक ही सभम भें उिाता
है ।
Postmodernism reveals the relations between power and knowledge. It is the central theme which
links all the aspects of postmodernity. Foucault defines postmodernity in terms of power,
knowledge and discourse as below:
उत्तय आधनु नकतावाद शजक्त औय ऻान के फीि संफंधों को प्रकट कयता है । मह केंद्रीम ववषम है िो उत्तय
आधनु नकता के सबी ऩहरुओं को िोडता है । पौकॉल्ट ने उत्तय आधनु नकता को शजक्त, ऻान औय प्रविन
साभाजिक ननमंिर् औय विणस्व के अभ्मास के सरए तकनीकों औय प्रथाओं को संठहताफद् कयता है। ववशेष
उदाहयर् हैं िहां सत्ता का एक त्रफखया हुआ औय टुकडा-टुकडा संगिन वगण विणस्व की ककसी बी व्मवजस्थत
शजक्त अंतत् याज्म के बीतय जस्थत है , पौकॉल्ट बी टाई डडक्टभ तैयता है कक प्रनतयोध के त्रफना शजक्त का
कोई संफंध नहीं है । इस प्रकाय, पौकॉल्ट के सरए, उत्तय आधनु नकता सबी प्रकाय से शजक्त-ऻान संफंध है ।
उत्तय आधनु नकता की अऩनी ऩरयबाषा भें , पौकॉल्ट ने स्थानीम संघषों को प्रोत्साठहत ककमा है िो रंफे
सभम भें िन
ु ौतीऩूर्ण ऩूंिीवाद का भुकाफरा कयते हैं।