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जननी ज म सौ यानाँ
वधनी कु ल सँपदाँ
पदवी पूव पु यानाँ
िल यते ज म पंि का
पच
ं ाग फलादेश
नाम : Adwaita Neha Gaur (प ु ष)
स ाह के िदन म। : मगं लवार
मगं लवार म ज म लेना यह स ूिचत करता है िक आप िबना िकसी सक
ं ोच के अपना ोध कट करगे। आप अपने वचन और िनणय बदलने के लए नह िहचिकचाएं गे। अपने
ल य के माग म चलकर फल ा करने की श आप म है।
ितिथ : थमा
आपका ज म थम ितिथ म आ है। आपको द तकारी म अिभ िच है। आप मन से धैयशील ह। आप स जन के मे ी और आदर स कार करने के आिद ह। आप एक अ छे
त विचतं क भी है। मानव म ू य और आदश ं म आपका ऊँचा थान है। आप रह यमय बात के बारे म जानने के इ छु क ह। आपका प रवार बड़ा होगा। आपकी िव ता,
शालीनता और न ताप ूण वहार दसरू के लए अनक ु रणीय होगा।
करण : बालव
बालव करण म ज म लेन े के कारण आप एक वतं िच तक ह गे। अपने आपके ऊपर िनय ं ण करने से आप वय ं को रोकते ह। र तेदार को आप यादा मह व नह देत।े
िन य योग : वृ ही
आपका ज म वृ िन ययोग म आ है। आपकी ब ु तेज़ है और सभी काय ं को स ू म प से समझने की श उपल ध है। बचपन म आपको जो अवसर ा ए और जो
प र थित ा ई उसके अनसु ार आपका भिव य िनमाण होगा। अपना प रवार ही आपकी सपं ि होगी। इस कारण सरु ि त और सख
ु मय भिव य के िनमाण के लए बचपन से ही
प र म करना लाभदायी हो सकता है। अत: ापार से ही धनी बनने का सौभा य ा होगा।
ह का सायन रेखांश
ह का रेखांश प मी प ती के अनसु ार िदया गया है। िजसम यरु ेनस, नेप यनु और ल ूटो को भी शामील िकया गया है।
पा ा य प ित के अनसु ार रािशच म आप की राशी - क या
रेखांश रेखांश
ह ह
अश ं :कला:िवकला अश ं :कला:िवकला
लन 311:40:4 गु 323:29:54 व ी
ह के िनरयन रेखांश भारतीय योितष शा के आधार पर िकया गया है। सभी गणनाएं , को क, िववेचन िव षे ण समय स ं कार आिद भारतीय फ लत योितष के 'सायन म ू य ’
के आधार पर की गई है।
ह का िनरायन रेखांश
भारतीय फ लत याितष म सभी गणनाएँ और स ं कार सायन प ित के अनसु ार िकये जाते ह। सायन रेखांश से िनरायण रेखांश को घटा कर िनरायण म ू य ात िकया जाता है।
अयनांश की गणना अलग अलग प ती से की जाती है। उनके कार और आधार नीचे बताये गये ह:
चै प = 24 िड ी. 9 िमिनट. 21 सेके ड.
स ूय 154:30:24 क या 4:30:24 उ रा 3
शु 197:56:33 ु ा
तल 17:56:33 वाती 4
ग ु लक 250:8:1 धन ु 10:8:1 म ूल 4
लन वण चं शनी गु
स ूय उ रा स ूय शनी मगं ल
शु वाती रा स ूय बधु
मगं ल हत चं चं चं
शनी वण चं रा बधु
रा रोिहणी चं चं बधु
ग ु लक म ूल के त ु शनी शु
शु ु ा
तल 17:56:33 वाती /4 ग ु लक धन ु 10:8:1 म ूल /4
मगं ल क या 10:0:26 ह त /1
राशी
श
11 9
चं 12 गु ल 8 के
10
1 7 शु
4
बु
रा 2 6
3 5 र
मं
नवांश
4 2 श
5 ल 1
मं
गु रा
3
बु 6 12 शु
9
चं
के 7 11 र
8 10
िविश राशी च
श 13:2:30?
11 9
च9ं :44:49 12 ग2ु 9:20:32?( ल17:30:42 8 के 10:45:8
10
1 7 श 1ु 7:56:33
4
ब 2ु 9:39:15)
रा10:45:8 2 6
3 5 र4:30:24
म1ं 0:0:26;
? व ी ) उ च का ( नीच का ; सयहोग
नवांश : चं = क या र = कं ु भ ब ु = क या श ु = मीन मं = मेष ग ु = क या श = मेष रा = मेष ु ा
के = तल ल = िमथनु
भाव कं ु डली
श
11 9
चं 12 गु ल 8 के
10
1 7 शु
4
बु
रा 2 6
3 5 र
मं
भाव को क
आरंभ मय अ य
ह
भाव ( ारंभ) (म य ) (अतं )
भाव थती
िड ी:िमिनट:सेके ड िड ी:िमिनट:सेके ड िड ी:िमिनट:सेके ड
8
122:30:42 137:30:42 152:30:42
सदु शन च
11
श ल 9
12 8
गु 10
1 11
2 10
चं
12 ल
चं के
बु मं
रा शु गु
के
र
8
7
6
5
4 श
1 3 9 3
शु
9 7
10 2
ल गु 11
12
1
बु
रा
श चं
के
रा र
6
र
4 शु 8
5 मं बु 7
4 मं
2 6
3 5
उप ह
हर ह की तिथनसु ार उप ह की भी गणना की जाती है। स ूय के रेखांश पर आधा रत - च , श ु , मगं ल, रा और के त ु के उप ह इस कार है।
ह उप ह गणना णाली
रा ितपात 360 - ध ूम
स ूय, बधु , ग ु , शनी के उप ह का तथा मगं ल के अ य उप ह की काल गणना िदवस - राि को समभाग म िवभािजत करके की जाती है।
थम भाग िदन के वामी को समिपत है, त प यात अ य वामी सा ािहक मानसु ार होते ह। आठवे भाग का कोई वामी नह होता।ज म राि के समय आ हो तो, आठ
समभागो म िवभाजीत पहले सात भाग को ह का वािम व िदया जाता है। यह स ाह के पाँचवे िदन से िगना जाता है।
रेखांश की गणना के लये दो प ितय का उपयाग िकया गया है। थम प ित के अनसु ार, ारंभ समय काल ( ह के वामी) हाधीपती के अिधन रहता है। दसरी
ू प ित के
अनसु ार काल के अिं तम चरण हाधीपती के आिधन रहता है।
ु ीक काल गणनानसु ार शनी के उप ह की तिथ अनसु ार एक तीसरी प ित का भी अनसु धं ान िकया गया है, िजससे धमु ादी योग के उप ह के रेखांश की गणना की जाती है।
गल
यह नीचे िदये गये उदयकाल पर िनभर है।इस कार से ा गणु फल को ’ए ो िवज़न’ कं ु डली म ’मांडी’ कहा गया है और ज मपि का मे म ु य ह और राशी च के साथ िदया
गया है।
रिववार 26 घ ट 10 घ ट
सोमवार 22 6
मगं लवार 18 2
बधु वार 14 26
ग ु वार 10 22
श ु वार 6 18
शिनवार 2 14
ग ु लकादी का सम ूह।
वीकृ त णाली : ल न के अ ं तम चरण मे।
रेखांश उप ह
अध हर 194:0:2 ु ा
तल 14:0:2 वाती 3
मृ य ु 173:51:48 क या 23:51:48 िच ा 1
काल उ राषाढा स ूय शु शु
अध हर वाती रा बधु गु
मृ य ु िच ा मगं ल मगं ल के त ु
ग ु लक प ूवाषाढा शु शु रा
प रवेश म ूल के त ु बधु स ूय
ितपात आ ा रा शनी रा
उपके त ु मघा के त ु चं के त ु
ध ूम वण चं बधु बधु
उप ह राशी
प
ल ग
11 9
12 का धू 8 य
10
1 7 अ
4
2 इ 6 मृ
3 5
कारकांश (जेिमनी स ू )
कारक ह
6 जाित (सबं धं ी) चं
7 दारा (पित या प ी) स ूय
अ पद (जेिमनी स ू )
कोड अ / पद राशी
P1 अ ल न (पद ल न) मकर
P2 धन अ धन ु
P3 परा म भातृपद वृ क
P4 ु )
मा (सख कं ु भ
P5 मं / प ु पद मीन
P6 रोग / श ु पद धन ु
P7 धर / कल / ीपद वृ क
P8 मृ य ु / मरण / आयपु द ु ा
तल
P9 िप / भा य / धमपद क या
P10 कम / रा यपद ु ा
तल
P12 य / उपपद कं ु भ
अ च
P12 P6
P4 P2
11 9 P7
P5 12 P1 Lag 8
P3
P8
10
1 7
4
P10
2 P11 6 P9
3 5
षोढसवग ता लका
ल चं र बु शु मं गु श रा के मा
होरा 5 4: 4: 5 4: 4: 5 4: 4: 4: 5
नवांश 3 6: 11 6: 12: 1 6: 1 1 7 4:
भश 7 6: 8: 6: 11 1 6: 3 1 7 10:
ि श
ं ांश 12: 6: 2: 8: 9 6: 8: 12: 6: 6: 9
शि यांश 9 7 3 5 6: 2: 8: 12: 11 5 5
ओजराशी गणना 7 8 9 7 8 5 6 7 7 7 9
षोढसवग अिधपित
ल चं र बु शु मं गु श रा के मा
राशी श =ग ु =ब ु ^ब ु ^श ु ~ब ु =श ^श +श ु +मं गु
े ान शु =ग ु =ब ु +श ु +श =श ~ब ु +श ु +ब ु +ग ु मं
दशांश श =श =ब ु =श =ग ु +र ~ब ु ^श =मं =श ु गु
दादशांश र +ब ु ~श ु +र ^श ु =श ^ग ु +ब ु +ब ु +ग ु मं
सोडशांश श =श ु ~श =ग ु +श =श ु +चं +श ु +श ~श शु
चतिु वशांश बु =श ~श ु ^ब ु ^श ु +ग ु ~ब ु +श ु ~ग ु +ग ु मं
ि श
ं ांश गु +ब ु ~श ु =मं =ग ु ~ब ु +मं =ग ु +ब ु ~ब ु गु
अ वेदांश बु =श =ब ु +र +ब ु +ग ु ^ग ु ~मं ~ग ु +ग ु गु
शि यांश गु =श ु =ब ु +र +ब ु =श ु +मं =ग ु +श +र र
^ ववग + मै ीप ूण = सम ~ श ु
वग भेद
ववग और उ च वग के लए अक
ं िदए गए ह
षोढ़सवग ता लका
राशी[D1] होरा[D2]
र मं श शु
रा के
श गु
11 9 6 चं
4
चं 12 गु ल 8 के 7 बु ल 3
10 5
1 7 शु 8 2
4 11
बु
रा 2 6 9 1
र
3 5 10 12
मं
बु
रा
श चं
3 1 के 5 3
4 बु ल 12 र 6 ल 2
चं
शु
2 4
5 11 शु गु 7 1
8 10
रा श
र 6 10 मं 8 12
गु 7 9 9 11
मं के
श
9 7 4 2 श
ग ु 10
चं ल 6 बु 5 ल 1
मं
रा
गु रा
8 3
शु 11 5 बु 6 12 शु
2 9
चं
12 मं 4 के के 7 11 र
1 3 8 10
दशांश[D10] दादशांश[D12]
शु श रा
बु
12 10 6 4 श
रा 1 चं ल 9 र 7 बु ल 3
चं
11 5
2 8 8 2 शु
5 11
र 3 मं 7 के गु 9 1
गु 4 6 10 12
मं के
मं
र
के शु चं
11 9 1 11
बु 12 रा ल 8 2 बु ल 10
शु
10 12
1 7 श 3 9 श
4 6
गु
चं रा
2 गु 6 4 8
र
मं 3 5 के 5 7
शु बु गु
र
र चं
7 5 8 6
8 ल 4 9 के ल 5
बु
6 7
9 3 10 4
12 1
गु
10 के मं 2 श शु 11 रा मं 3 श
11 1 12 2
रा
चं
ि श
ं ांश [D30] खवेदांश[D40]
चं
1 11 7 5
र 2 श ल 10 मं 8 ल 4
के
12 6
3 9 शु 9 3
6 12
चं रा
गु
ब ु 10
4 के मं 8 श शु 2
बु
5 7 गु 11 1
रा
र
गु
शु
4 2 10 8
बु 5 र ल 1 रा 11 ल 7 चं
3 9
6 12 मं श 12 6 शु
9 3
के
7 के गु 11 चं 1 र 5
बु
8 10 2 4
रा
श मं
तार अ कवग - चं
चं र बु शु मं गु श ल कुल
मेष 1 1 1 1 4
वृषभ 1 1 1 3
िमथनु 1 1 1 1 1 1 6
कक 1 1 1 1 1 5
िसहं 1 1 1 3
क या 1 1 2
ु ा
तल 1 1 1 3
वृ क 1 1 1 1 1 1 6
धन ु 1 1 1 1 4
मकर 1 1 1 1 1 5
कं ु भ 1 1 1 3
मीन 1 1 1 1 1 5
कुल 6 6 8 7 7 7 4 4 49
तार अ कवग - स ूय
चं र बु शु मं गु श ल कुल
मेष 1 1 1 1 1 5
वृषभ 1 1 1 1 1 5
िमथनु 1 1 1 1 1 5
कक 1 1 1 1 4
िसहं 1 1 1 3
क या 1 1 1 1 1 5
ु ा
तल 1 1 1 1 3
वृ क 1 1 1 1 4
धन ु 1 1 1 1 4
मकर 1 1 1 3
कं ु भ 1 1 2
मीन 1 1 1 1 4
कुल 4 8 7 3 8 4 8 6 48
चं र बु शु मं गु श ल कुल
मेष 1 1 1 1 4
वृषभ 1 1 1 1 4
िमथनु 1 1 1 1 1 1 6
कक 1 1 1 1 4
िसहं 1 1 1 1 1 1 1 7
क या 1 1 1 3
ु ा
तल 1 1 1 1 1 5
वृ क 1 1 1 1 1 5
धन ु 1 1 1 1 4
मकर 1 1 1 1 1 1 6
कं ु भ 1 1 1 1 1 5
मीन 1 1
कुल 6 5 8 8 8 4 8 7 54
तार अ कवग - श ु
चं र बु शु मं गु श ल कुल
मेष 1 1 1 1 4
वृषभ 1 1 1 1 1 1 1 7
िमथनु 1 1 2
कक 1 1 1 1 1 5
िसहं 1 1 1 1 1 1 6
क या 1 1 1 3
ु ा
तल 1 1 1 1 4
वृ क 1 1 1 1 1 1 1 7
धन ु 1 1
मकर 1 1 1 1 1 5
कं ु भ 1 1 1 1 1 5
मीन 1 1 1 3
कुल 9 3 5 9 6 5 7 8 52
चं र बु शु मं गु श ल कुल
मेष 1 1 2
वृषभ 1 1 2
िमथनु 1 1 1 1 4
कक 1 1 1 1 4
िसहं 1 1 1 3
क या 1 1 1 3
ु ा
तल 1 1 1 1 4
वृ क 1 1 1 1 1 5
धन ु 1 1 2
मकर 1 1 1 1 1 5
कं ु भ 1 1 2
मीन 1 1 1 3
कुल 3 5 4 4 7 4 7 5 39
तार अ कवग - ग ु
चं र बु शु मं गु श ल कुल
मेष 1 1 1 1 1 5
वृषभ 1 1 1 1 4
िमथनु 1 1 1 1 1 1 6
कक 1 1 1 1 1 1 1 7
िसहं 1 1 2
क या 1 1 1 1 1 5
ु ा
तल 1 1 1 1 1 5
वृ क 1 1 1 1 1 5
धन ु 1 1 1 1 4
मकर 1 1 1 1 4
कं ु भ 1 1 1 1 4
मीन 1 1 1 1 1 5
कुल 5 9 8 6 7 8 4 9 56
चं र बु शु मं गु श ल कुल
मेष 1 1 1 3
वृषभ 1 1 1 1 4
िमथनु 1 1 1 1 1 1 6
कक 1 1 1 3
िसहं 1 1 1 1 4
क या 1 1 2
ु ा
तल 1 1 2
वृ क 1 1 1 1 4
धन ु 1 1 2
मकर 1 1 1 3
कं ु भ 1 1 2
मीन 1 1 1 1 4
कुल 3 7 6 3 6 4 4 6 39
अ कवग
चं र बु शु मं गु श कुल
मेष 4 5 4 4 2 5 3 27
वृषभ 3 5 4 7 2 4 4 29
िमथनु 6 5 6 2 4 6 6 35
कक 5 4 4 5 4 7 3 32
िसहं 3 3 7 6 3 2 4 28
क या 2 5 3 3 3 5 2 23
ु ा
तल 3 4 5 4 4 5 2 27
वृ क 6 4 5 7 5 5 4 36
धन ु 4 4 4 1 2 4 2 21
मकर 5 3 6 5 5 4 3 31
कं ु भ 3 2 5 5 2 4 2 23
मीन 5 4 1 3 3 5 4 25
49 48 54 52 39 56 39 337
अ कवग कं ु ड लयाँ
चं अ कवग 49 स ूय अ कवग 48
3 4 2 4
5 5 6 4 3 4
4 3 5 4
3 5 2 5 4 5
6 3 5 3
5 4 5 1
1 6 5 3 5 7
4 5 4 4
4 4 3 7 5 3
6 7 2 6
2 2 4 4
3 5 5 5 4 5
2 4 5 5
2 4 3 4 7 5
4 3 6 2
2 2 23 21
4 3 4 25 31 36
3 2 27 27
4 3 2 29 32 23
6 4 35 28
0 1 0 1
0 3 1 0 0 0
1 0 2 2
1 0 0 2 0 2
3 0 3 0
0 0 3 0
0 3 4 0 2 4
0 0 3 2
1 3 0 4 2 0
1 3 0 5
0 0 0 2
0 3 2 0 0 0
0 2 3 1
0 1 1 0 2 1
2 1 2 0
0 0 3 4
1 1 1 1 12 12
1 0 10 7
2 0 0 10 8 4
4 2 15 11
0 1 0 1
0 3 0 0 0 0
0 0 2 2
1 0 0 0 0 2
3 0 3 0
0 0 2 0
0 3 4 0 2 3
0 0 3 2
1 3 0 2 2 0
1 3 0 5
0 0 0 2
0 3 2 0 0 0
0 2 3 1
0 1 1 0 2 1
2 1 2 0
0 0 2 4
1 1 0 1 12 9
0 0 8 7
2 0 0 6 8 4
4 2 15 11
दशा भु ी आरंभ अ य
के त ू के त ू 01-08-2048 28-12-2048
के त ू शु 28-12-2048 27-02-2050
के त ू स ूय 27-02-2050 05-07-2050
के त ू च 05-07-2050 03-02-2051
के त ू रा 02-07-2051 20-07-2052
के त ू गु 20-07-2052 26-06-2053
शु शु 02-08-2055 01-12-2058
शु स ूय 01-12-2058 01-12-2059
शु च 01-12-2059 01-08-2061
शु रा 01-10-2062 01-10-2065
शु गु 01-10-2065 01-06-2068
शु के त ू 02-06-2074 02-08-2075
स ूय स ूय 02-08-2075 19-11-2075
स ूय च 19-11-2075 20-05-2076
स ूय रा 25-09-2076 19-08-2077
स ूय गु 19-08-2077 08-06-2078
स ूय के त ू 26-03-2080 01-08-2080
स ूय शु 01-08-2080 01-08-2081
च च 01-08-2081 02-06-2082
च रा 01-01-2083 02-07-2084
च गु 02-07-2084 01-11-2085
च के त ू 31-10-2088 01-06-2089
च शु 01-06-2089 31-01-2091
च स ूय 31-01-2091 02-08-2091
रा रा 01-08-2098 15-04-2101
रा गु 15-04-2101 08-09-2103
रा के त ू 01-02-2109 19-02-2110
रा शु 19-02-2110 19-02-2113
रा स ूय 19-02-2113 14-01-2114
रा च 14-01-2114 15-07-2115
गु गु 02-08-2116 20-09-2118
यतं र दशा
दशा : शनी अपहार : चं
1.चं 05-07-2023 >> 23-08-2023 2.मं 23-08-2023 >> 25-09-2023
3.रा 25-09-2023 >> 21-12-2023 4.ग ु 21-12-2023 >> 07-03-2024
5.श 07-03-2024 >> 07-06-2024 6.ब ु 07-06-2024 >> 28-08-2024
7.के 28-08-2024 >> 30-09-2024 8.श ु 30-09-2024 >> 05-01-2025
9.र 05-01-2025>> 03-02-2025
दशा : शनी अपहार : मगं ल
दशा : के त ु अपहार : के त ु
ह के थती का िव षे ण
भाव के वामी
दसरा
ू ,, (पनफर) : शनी
पांचवा ,, (ि कोण) : शु
सातवाँ ,, (के ) : चं
आठवाँ ,, (पनफर) : स ूय
दशम ,, (के ) : शु
ह का योग
स ूय ह की पर पर द ृ ी बधु ,मगं ल
बधु ह की पर पर द ृ ी स ूय,मगं ल
मगं ल ह की पर पर द ृ ी स ूय,बुध
गु ह की पर पर द ृ ी शनी,ल न
शनी ह की पर पर द ृ ी ग ु ,ल न
ह की ह पर द ुि
चं दृ ी स ूय,बुध,मगं ल
स ूय दृ ी चं
बधु दृ ी चं
मगं ल दृ ी चं
गु दृ ी स ूय,बुध,मगं ल,रा
शनी दृ ी चं ,श ु
ह की भाव पर द ुि
चं दृ ी नवम
स ूय दृ ी ितसरा
बधु दृ ी ितसरा
शु दृ ी चौथा
मगं ल दृ ी ितसरा,चौथा,बारहवाँ
गु दृ ी पांचवा,सातवाँ,नवम
शनी दृ ी ितसरा,सातवाँ,दशम
शभु और अशभु ह
ग ु , श ु और चं नैसग क प बल के अनसु ार शभु फलदायी होते ह।.श ु लप के श ी ितिथ से लेकर कृ णप के श ी ितिथ तक च को प बल ा रहता है।
आपकी ज मपि का म च प बल से य ु है और वह शभु फलदायी भी है।
बधु जब ू र (अशभु ) ह के सयं ोग म आता है तो वह ओर भी अशभु और उ गे उ प न करने वाला ह हो जाता है।
सिं म यह कहा जा सकता है िक आपकी कं ु डली म बधु अशभु ह के भाव के कारण अशभु फल िदलाता है।
चं शभु
स ूय अशभु
बधु अशभु
शु शभु
मगं ल अशभु
गु शभु
शनी अशभु
रा अशभु
के त ु अशभु
ह वामी व वभाव
चं 7 अशभु
स ूय 8 सम
बधु 69 शभु
शु 5 10 शभु
मगं ल 4 11 अशभु
गु 3 12 अशभु
शनी 12 शभु
नैसग क िम ता को क
चं र बु शु मं गु श
चं ... िम िम सम सम सम सम
र िम ... सम श ु िम िम श ु
बु श ु िम ... िम सम सम सम
शु श ु श ु िम ... सम सम िम
मं िम िम श ु सम ... िम सम
गु िम िम श ु श ु िम ... सम
श श ु श ु िम िम श ु सम ...
ता का लक िम ता को क
चं र बु शु मं गु श
चं ... श ु श ु श ु श ु िम िम
र श ु ... श ु िम श ु श ु श ु
बु श ु श ु ... िम श ु श ु श ु
शु श ु िम िम ... िम िम िम
मं श ु श ु श ु िम ... श ु श ु
गु िम श ु श ु िम श ु ... श ु
श िम श ु श ु िम श ु श ु ...
पच
ं दा िम ता को क
चं र बु शु मं गु श
चं ... सम सम श ु श ु िम िम
र सम ... श ु सम सम सम अिध श ू
मं सम सम अिध श ू िम ... सम श ु
ष ीयांश म के द ृ ीबल को क
देखने वाला ह दृ य ह
चं र बु शु मं गु श
शभु द ृ ी
30.00 30.00
शभु बल 13.40 91.94 109.89 91.60 99.54 39.30 40.10
अशभु द ृ ी
-45.00
ष बल
चं र बु शु मं गु श
उ च बल
स वग य बल
के बल
े काण बल
0 15.00 0 0 0 0 15.00
चं र बु शु मं गु श
सयं ु थान बल
सयं ु िदगबल
नतो नत बल
प बल
ि भाग बल
0 0 0 0 0 60.00 60.00
अ द बल
0 0 0 0 0 0 15.00
मास बल
0 0 30.00 0 0 0 0
वार बल
0 0 0 0 45.00 0 0
होरा बल
0 0 0 60.00 0 0 0
आयन बल
य ु बल
0 0 0 0 0 0 0
सयं ु काल बल
सयं ु चे ाबल
सयं ु नैसग क बल
सयं ु ि कबल
सपं ूण ष बल
चं र बु शु मं गु श
चं र बु शु मं गु श
सपं ूण ष बल
सपं ूण शडबल
मौलीक आव यकता
षडबल अनपु ात
सबं धी थान
4 6 5 1 7 3 2
इ फल, क फल को क
चं र बु शु मं गु श
इ फल
क फल
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12
शभु द ृ ी
चं
शु
गु
30.00 30.00
शभु बल
11.14 7.56 9.19 48.93 52.92 59.67 45.71 54.86 49.95 61.20 12.45 6.48
अशभु द ृ ी
स ूय
बधु
मगं ल
-3.75 -3.75
शनी
-11.25 -11.25
अशभु श ी
-45.95 -22.95 -79.27 -85.45 -54.89 -28.25 -20.51 -10.69 -6.94 -17.01 -21.56 -56.55
द ृ ी प ड / ि क बल
-34.81 -15.39 -70.08 -36.52 -1.97 31.42 25.20 44.17 43.01 44.19 -9.11 -50.07
भावबल की ता लका
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12
भावाधीपती का बल
407.83 407.83 435.50 284.67 470.12 453.83 400.67 321.34 453.83 470.12 284.67 435.50
भाव िद बल
30.00 50.00 50.00 0 10.00 10.00 30.00 40.00 20.00 30.00 20.00 40.00
भाव ीबल
-34.81 -15.39 -70.08 -36.52 -1.97 31.42 25.20 44.17 43.01 44.19 -9.11 -50.07
सपं ूण भावबल
403.02 442.44 415.42 248.15 478.15 495.25 455.87 405.51 516.84 544.31 295.56 425.43
भावबल के प
6.72 7.37 6.92 4.14 7.97 8.25 7.60 6.76 8.61 9.07 4.93 7.09
सबं धी थान
10 6 8 12 4 3 5 9 2 1 11 7
हय ु
ं से यादा समीप आते ह तो ' हय ु ’ की थती पैदा होती है। हय ु म शभु ाशभु के बारे म अलग-अलग िवचार धाराय ह।
स ूय और च के िसवा अ य ह जब भी एक अश
उसकी एक झलक इस कार है। अ य ह के लए : उ र िदशा की ओर रहे ह िवजयी होते ह।
इस ज मकं ु डली म कोई भी हय ु नह है।
उ च रािश म/
ह अ तगं त हय ु व ी बालािद अव था
नीच रािश म
चं वृ ाव था
र िम ाव था
बु उ च का बालाव था
शु यवु ाव था
मं सयहोग वृ ाव था
गु नीच का व ी बालाव था
श व ी यवु ाव था
ू योग जो ह वह ह के कुछ खास कार के सयं ोजन अथवा ज मकं ु डली म थान हण करने से उ प न
ह के साधारण िमलने या सयं ोजन से उ प न होते ह, लेिकन िवशेष दसरे
होते ह। इस कार के सैकड िमलन, सयं ोजन योग इ यादी के िववरण परु ातन योितष शा के थ म िदये गये ह। कुछ सयं ोजन से उ प न होने वाले योग लाभदायी रहते ह तो
कुछ से हािन अथवा अशभु कारी फल की ाि होती ह।
राजयोग
ल ण:
ू से यिु त म है।
चौथा और नवम भाव के अिधपित एक दसरे
सातवाँ और नवम भाव के अिधपित एक दसरे
ू की दिृ म है।
इस ज मकु डली म लाभदायक राजयोग िदखाई देती है।
कं ु डली म वृहत राजयोग उिदत है,
अमलायोग
ल ण:
ल न या च से दशव थान म शभु ह ह ।
आप अमला योग म ज म ह। आप दीघाय ु तथा धनी ह गे। अपनी पिव ता के िवचार और कम ं से समाज म आदर ा करगे। आप ऐ यमय जीवन तीत करगे। आप को लोग
िन कलक
ं और च र वान समझगे। िकसी भी प र थित म आपका मन चच ं ल न रहेगा। ऐ य, कीित और मान-स मान का सगं म इस योग म होता ह। अत ु लत कीित ा होगी।
पवतयोग
ल ण:
ल नाधीपती और बारहव थान का वामी एकसाथ के म ह।
आप सपं ि वान, े बनगे। आप धािमक नीित के चहेत े और हा य िबखरानेवाले और िकसी स ं था के उ चपद को सशु ोिभत करनेवाले बनगे। आप भावना धान भी
ह गे।
महाल मी योग।
ल ण:
नवमेष और श ु के म या ि कोण म ह।
आप को अनसु रणीय और िव सनीय प ी ा होगी। आप को सपं ि और वाहन दोन का योग है। आपके िवशाल दयी वभाव के लये स मान ा होगा। आप िकसी उ च पद
ाि के यो य ह और वह सा य भी होगा।
ीनाथ योग
ल ण:
बधु , श ु और नववे थान के अिधपती के म अथवा ि कोण म ह और वराशीगत या उ च के है।
आपकी मधरु और सिह णतु ा प ूण वाणी लोग के मन को जीतने वाली होगी। इस कारण िम के बीच आप स मान ा करगे। आप ई र से डरने वाले ह। आप प ी तथा ब च
से आनिं दत रहगे।
शरीर शौ य योग
ल ण:
ल नाधीपती, ग ु और श ु क म ह ।
इस योग से राजकाय े से आपको सहकार और सहयोग ा हो सकता है। आपकी आय ु दीघ ह और धन-सपं ि से सख
ु ाि है।
क योग
ल ण:
सभी ह कोई चार रािशयाँ अिध िहत करते ह।
यह खेती करने और कृ िष के लए एक ब त अ छा योग है। आप एक ऐसे प ु ष के प म जाने जाएँग े जो कृ ित को पसदं करते है। आप खेती करने म भी ि च ा करगे। यह
कृ िष से अित र आय अिजत करने म आपकी सहायता करेग।े आप खेत और मैदान की भी वामी हो सकते ह।
ववीयधन योग
ल ण:
ु ता है।
ल न भगवान ारा अिध िहत नवामसा भगवान को धारण करने वाली रािश का भगवान, मजब ूत है और ि तीय भागवान से एक क अथवा ि कोण से जड़
ि तीय भगवान थम भगवान से एक क अथवा ि कोण को अिध िहत करता है।
यह योग आपके लए वय ं के यास से पैसा अिजत करने का एक सकं े त है। आप पैस े अिजत करने के लए कई अवसर ा करगे। आप को कई तरीके से भी पैस े अिजत करना
सभ
ं व है
। कु ल िमलाकर, यह योग आपको आिथक प से वत ं होने के लए सहायता करता है। आपको एक धनी प ु ष के प म जाना जाएगा।
य ु थ समनिवथाव मी योग
ल ण:
ु ते ह।
ि तीय भगवान क अथवा ि कोण म एक लाभ से जड़
ू के ारा यान िदया जाएगा। एक प ु ष के प म, आप अपने भाषण के मा यम से अ यिधक स मान ा करगे। आपको तक की अ छी समझ होगी।
आपके श द पर दसर
आपको श दावली पर अ छी पकड़ होगी िजससे आप दसर
ू को उनकी आ था को नकु सान प चँ ाए िबना आ त कर सकते ह।
समु ख
ु योग
ल ण:
ि तीय घर एक क को अिध िहत करता है, जो उसकी उ नित, वय ं की रािश अथवा िम रािश है एवं भगवान क गोपरु ामसा ा करते ह।
इस योग का अथ आकषक और उ वल मख ु है। आप अपने अन ु ह के साथ दसर
ू को आकिषत करने की एक वाभािवक वृि रखगे। एक प ु ष के प म, यह आप के लए
एक लाभ हो सकता है। आप पर भीड़ म यान िदया जाएगा, िवशेष प से एक ऐसे ससं ार म िजसे आशा और खशु ी की आव यकता है।
बधं ु प ू य योग
ल ण:
चौथा भगवान बृह पित का सगं ठन अथवा प रखता है।
आपको एक आदरणीय प ु ष माना जाएगा। यह योग प रवार म महान स मान दिशत कर रहा है। आपके दो त और र तेदार आप से जानकारी लेन े के लए आएँग।े वे आपको
एक ब त जानकार के प म मानगे।
स काल योग
ल ण:
ु ते ह अथवा बृह पित या बधु ारा वीकार िकए जाते ह।
सातव का भगवान अथवा श ु जड़
यह योग दिशत करता है िक आप एक खशु प ु ष ह गे और आप एक अ छी पि ा करगे। आपका पित स चा एवं पिव होगा तथा यह आपके जीवन म म ू य जोड़े गा।
भा य योग
ल ण:
एक मजब ूत लाभ ल न, तृतीय अथवा पाँचव घर म है साथ-साथ नौव घर को वीकार कर रहा है।
ू लोग आपको एक खशु प ु ष के प म देखगे। आप अपनी सभी इ छा
आप अपने जीवन की सभी सिु वधाएँ ा करगे। दसरे का समथन करने के लए अिधक धन ा करगे।
बधु आदी य योगा
ल ण:
सयु और बधु इनका एक ीकरण अथात बधु आिद य, िक त ु बधु यह सयु के दसवे िड ी म नही होना चािहए।
आपके कं ु डली म बधु आिद य योग यह सयु और बधु इन बीच बडा योग है। सयु म बधु क बडे गणु काशीत होते है जैस े की ब ु ी, िश ा, बोलना, तक और कारन. इससे आप
ब ु ीवान बनते है, आप अ छा भाषन कर सकते है और आपको बहोत ित ा ा हो सकती है। आपक जीवन म बहोत मेहनत करनी पड सकती है और आपका जीवन ोतप ूण
रहेगा।
पा रजात योगा
ल ण:
जहाँ थान वामी पर स ा वामी का अिधकार है, वहाँ राशी वामी चतथु क क िमलता है।
आपके िववाह वामी थानानसु ार, राजयोग का कार पा रजात योग आपके कं ु डली म है। यह योग आपको सख ु ी और समाधानी जीवन देता है, खास कर जीवन के उ रवत भाग
म, आपको वा तव म बहोत मेहनत करनी पड सकती है। तर की िधमे िधमे रहेगी। आप िनयम सभ ं ालते है और उनसे नजिदकी स सबं िं धत है। आपको बहोत मेहनत करनी पडे
िफर भी िश ा आपका मजबतु आधार बन सकती है। आपको सभी सिु वधा ा होगी और आप परंपरा और कमकांड इनके चाहते रहगे।
ि ह योग
ल ण:
दो ह एक ही भाव म थीत है।
ग ु ,शनी, थम भाव म है।
आपकी नायक व यो यता आपको आदर और भावशील श दान करेगी। अपने जीवन साथी पर आपको सदं हे नह करना चािहए। अपने काम के म ू य को भली भांित
समझने पर धन कमाना आपके लए म ु कल नह होगा। आप नए जगह की या ा करने और नए स ं कृ ित का अ वेषण करने म िदलच प ह गे।
ि ह योग
ल ण:
तीन ह एक ही भाव म थीत है।
स ूय,बुध,मगं ल, नवम भाव म है।
ु - सतं ोष ा नह कर सकगे। जब भी आप दयाहीन हो वयं पर िनय ं ण रखना चािहए। साहिसक ि या
य िप आपके पास ब तायत म सपं ि होगी, िफर भी आप इससे सख
आपके जीवन का एक भाग होगा। अपने बातचीत से दसर
ू को भािवत करने की मता आपम होगी। आप अपने ही प र म से िस ी को ा करगे।
भाव फल
आपके जीवन और वहार पर गहृ के भाव की यह िव ापन समी ा करता है। इस िव ापन म उ ले खत आवृि और िवरोध आपके जीवन पर गहृ के पर पर भाव को
स ूिचत करते ह ।
पाँचवे थान पर वृषभ रािश होने से मनमोहक सौ दयवान प ु ी ा होगी। आपकी प ु ी पित त धम का पालन करने वाली सक
ु या होगी। आप वय ं नीितवान, िव ा मे , सरल
दय और परद ु:ख को देखकर िवत होनेवाले ह गे।
िसहं रािश आठव भाव म होने से ज़मीन पर रगकर सचं ार करने वाले ाणी से बचते रहना चािहए। उदाहरण के तौर पर आपको सपदशं से बचकर चलना चािहए। रात के व अधं रे े
म अके ले सचं ार करना खतरनाक हो सकता है। सतकता के साथ रहते ए भी द ु लोग से उप व होता रहेगा। ई र िन ा म कमी िदखाई देगी और होगी तो भी अ कट रहेगी।
आप अपने िवरोिधय से िमल-जल ु गये ह। आप होिशयारी से और मधरु भाषी वभाव के मा यम से अ य को अपने ताबेदार बना सकते ह। मै ीप ूण चचा के नेता भी बन सकते ह।
बारहव थान पर धनरु ािश के होने से अ य लोग से ठगे जाने की सभ
ं ावना रखते ह। नयी िम ता थािपत करते व सावधान रहना आपके लए अिनवाय है। कोई ख़ास कार के
उ च अफसर या घर के बड़ के मा यम से कुछ सम या का सामना करना होगा। आय ु के 32व से 36व वष तक का समय शभु कारक होगा।
धन के ित असाधारण लगाव रखने वाले ह। धन खच करने का तरीका भी िविच ता से भरा आ है। अयो य काय ं के लए खल ु आ
े म खच करनेवाले ह और साथ ही जहाँ यथाथ
ू गट करने के आिद ह। जीवन के उ राधकाल म मानिसक िवकास होगा और दय क णा और ममता से भर उठे गा। अ य लोग से मतभेद
खच की बात आयेगी तो कं जसी
उ प न होने का म उ प न होगा। धीरे धीरे इस म से म ु होते ही मन व थ होगा। भजन काय ं के ित अिभलाषा जागतृ होगी। बक इ यािद म रकम जमा करने की इ छा
होगी। आपके जीवन का 22,24,32,35,42,45 और 50 वाँ वष मह वप ूण माना जा सकता है।
ल नािधपित ल न थान पर रहने से आपको भौितक सखु और वा य िवषय म िकसी कार का अभाव नह रहेगा। व य के मा यम से सफलता ा होगी। आपके िवचार
मौ लक ह। आप धैयशील और िनभय ह, िफर भी कभी कभी मन चच
ं ल हो उठता है। प रवार के बीच मतभेद उ प न न हो पाये इसकी आपको सावधानी रखनी पड़े गी।
इसम ही आपका लाभ है। प ु शरीर, चच
ं ल वभाव, च र िवषय म अिव सनीय और जीवन साथी के वभाव या वा य म कुछ िनबलता होना सभ ं व होगा।
ग ु थम थान पर रहने से सौ दयप ूण शरीर ा होगा। िव ान म अित अिभ िच ा होगी। आप िनभय और वहार से िवन ह। दीघायषु ी होने का भा य ा है।
शिन थम थान पर रहने से मन उदास रहेगा। आप अपनी कायश और प र माशीलता कट करने म उदासीनता का अनभु व करगे। दतं िवकार होने की सभ
ं ावना रहेगी।
ल नेश व ह म उप थत है, यह स ूिचत करता है िक आप श और अिधकार य ु पद को हािसल करगे।
धन, भ ूिम और स ं पित
भ ूिम, सपं ि , धन, प रवार, बोली, भोजन आिद कुछ मह वप ूण चीजे ह जो दसरे
ू भाव ारा स ूिचत की जाती है। इसे धन थान कहते ह।
दसरे
ू भाव का वामी ल न थान पर रहने से अनेक सज ं ोग का सामना करना पड़े गा, उस समय कठोर दय से वहार करना होगा। आिथक े म गित के साथ ीण थित का
अनभु व होता रहेगा। अ छी और बरु ी दोन थितय के िम ण य ु फल का अनभु व होगा। प रवार के अगं के साथ थायी अ छे सबं धं जारी रखना क ठन होगा। आप वाथ
की अपे ा परमाथ को मह व दगे। िवपरीत योिन से धिन सबं धं बनाना सरल होगा।
ऐसा तीत होता है िक ग ु दसरे
ू थान के वामी के सयं ोग म है। आप परु ाने ऐितहािसक प ु तक को पढ़ना पस द करते है और अपने ान को दसर
ू तक प च
ँ ाना चाहते ह।
भाई / बहन
ज मकु डली का तीसरा थान, आपके भाई - बहन, धैय और बिु को स ूिचत करता ह।
तीसरे भाव का अिधपित ल न थान पर रहने से भ प ूण काय ं म नैसिगक िच उपल ध होगी। धैयप ूण वय ं प ु षाथ के मा यम से जीवन म उ नित ा होगी। आप अपार
ब ु मान ह। आप की ब ु मता अ यास और कू ली िश ा से म ु है। आप की ब ु का िवकास वतं प से होगा। हर काय म िवकारय ु अिभ सभं व है। आपका
ोध अनेक अिन सजं ोग उ प न कर सकता है
। इस कारण अपने ोध को लगाम दे
न ा आप के ही िहत म है
। िनयम-स य
ं म, आव यकतान ु
स ार पौि क आहार और समय-समय पर
िचिक सक का परामश ही आपको प ूरी तरह व थ रख सकता है। अपने भा य के आप वय ं ही िनमाता ह गे।
च तीसरे थान पर रहा है और इस कारण आपकी े आिथक थित बनी रहेगी। साथ ही आप िवन वभाव के ह। भाई और बहन के बीच आप वाथ वभाव के ह ऐसी
गलतफहमी उ प न होगी। सखु ी वैवािहक जीवन के लए आपको प ु षाथ करना पड़े गा।
य िक तीसरे भाव का वामी और ल नेश साथ ह आप अपने भाई / बहन से आ मयता बनाए रखने का हर सभ
ं व यास करगे।
सपं ि , िव ा इ यािद के िवषय म।
चतथु भाव, चतथु श कारक और सबं िं धत ह की योग, यिु तदिृ के मा यम से सपं ि िव ा-ब ु , माता, भ ूिम , भवन और वाहन आिद का स ूचक है। इस पि का म इस िवषय का
व त,ु प रधान और आभ ूषण म आप अिभ िच लेन े वाले ह। िनयम का पालन करने वाले ह। े जीवन के उदाहरण सा ितभाशाली व आप म िनखर रहा है।
य-िव य के काय म अित िनपणु ह। लेखन काय और सािह य जगत म उ च थान ा होगा। अनेक य और प र म के फल व प इ छत व त ु धिनक प रवार के बीच
ा होगी । आप अनेक िवषय म अिभ िच रखते ह। ज़ रत आने पर िववेकप ूण वहार से हर सम या का हल िनकालने म िनपणु ह।
उ र िदशा से े जीवन सिं गनी ा होने की सभ
ं ावना रखते ह।
स ूय ग ु के अधीन रहा है। इस कारण आपकी प ी आ मीय वभाव की ओर प रप व िवचार की शालीन मिहला होगी। जीवन म यो य मागदशन िमलता रहेगा और इस कारण
आप भा यवान समझे जायगे।
सातव थान पर ग ु की दिृ होने के कारण अनेक दोषप ूण फल म कमी होगी। अनेक लाभ भी ह गे।
दीघाय ु , क ठनाईयां
आठव भाव से दीघाय,ु वै क िचिक सा, मृ य,ु और अ य क ठनाइय का अ ययन िकया जाता है।
आठवाँ भावािधपित नवम थान पर रहने से अकारण समाज के लोग से आरोिपत होना पड़े गा। आप नये िवचार के ह। ‘समाज ोही‘ कहलाने की सभ ं ावना है। सतकताप ूण
वहार से राहत िमल सकती है। जीवनसाथी के जीवन म नवीनता िदखाई देगी। अ य के हक की सपं ि वप म आने की सभ
ं ावना है। जो भा य म लखा है, उससे अिधक ा
करना के हाथ म नह होता। बरु ाइय से दरू रहना ही िहतकर होगा। सतं ान सख
ु के लए य करना होगा।
नववा भावािधपित नवम थान पर है। भा यशाली प ु ष माने जा सकते ह। लबं ी या ा, स मान और धन सपं नता इ यािद काय एक दसरे ु े ए ह। सामािजक काय ं के ित
ू से जड़
अित अिभ िच रखनेवाले प ु ष ह। आप उदार और परोपकारी वभाववाले प ु ष ह। िपता की उ नित का आप कारण बन पायगे। िपता के हे और वा स य के पा बनगे। ब ध-ु
िम का प ूरा सहयोग ा होगा।
नौवे भाव म स ूय की थित है। इस लए माँ-बाप से सबं ध कटुता से भरे ह गे। अपन से बड का आदर स कार करने म िझझक जायगे।
आपके नौवे भाव म बधु उप थत ह। इस लए आपको ऊँची िश ा ा होने का भा य ा है। िव ा, धन, सतं ान और नौकर चाकर का सख
ु सदा ा होगा। परोपकारी काय सपं न
ह गे। दानवीर के नाम से याित िमलना सभ
ं व होगा।
नौवे भाव म मगं ल की उप थित होने से आप वत िवचार के ह और साथ ही साथ अिधकार के र क भी ह। यह होते ए भी आप अपने माँ-बाप के ित अिवनयप ूण वहार
करने वाले ह। िफर भी जनसमदु ाय के बीच दानशील और उदारताप ूण वहार के लए जाने जायगे। ‘िहस ं ा व ू रता से परहेज न होगा।
ं ा िवधाने मनस: वृि .....‘ िहस
नवम भावािधपित ने े थान हण िकया है। आप अनेक शभु फल को ा करनेवाले ह। लगातार गित के माग पर बढ़ने का योग है।
नवमा भावािधपित ग ु (बृह पित) के सािन य म है। अत: अनेक गित का कारण बन सकते ह। भा येश आपको अिन से बचा सकता है। प र म करने से सफलता ा होगी।
ु सपं ि की ा ी करानेवाला है। अनेक अिन कारक फल से म ु रखने वाला है।
नवम भाव म थान हण िकया आ बृह पित सख
पेशा
फलदीिपका के ोको के अनसु ार दसवां भाव ापार, णे ी या पद, कम, जय - िवजय, कीित, याग, जीिवका, आकाश, वभाव, गणु , अिभलाषा, चाल या गित और अिधकार
को स ूिचत करता है।
सवाथ िचतं ामिण के अनसु ार योितिषय को दसव भाव से काम (उ ोग ) अिधकार, श , कीित, वषा, िवदेश म जीवन, याग का मनोभाव, स मान, आदर, जीिवका, वसाय
या पेशा आिद का िनणय करना चािहए। आपके लए स ूिचत िकए गए योितष सबं िं धत वसाय के अ तगत दसव भाव, उसम उप थत अिधपित, ह, स ूय और च का थान
आिद त व के िव षे ण के आधार पर िववेचन ततु िकया गया है।
आपकी ज मकु डली म दसव भाव का वामी दसव भाव म है। बृहत पराशर होरा के ोक के अनसु ार िक आप जो भी काम करगे उसम िनपणु ह गे। आप धैयप ूवक मसु ीबत का
सामना करके िकसी भी ितकू ल प र थित म खशु रहते ह। आप स य ि य ह। आप अपने बज
ु गु ं की सख
ु सिु वधा के बारे म हमेशा िच ता करते ह।
ु ा राशी है, यह एक सराहनीय रािश है जो श ु ह के िनय ं ण म है, यह एक ऐसी रािश है जो दरद
दसव भाव म तल ू िृ और िनणय को स ूिचत करती है, यह रािश ापार, म ू यांकन,
आिध- वसायी, िक तबदं ी की खरीद का ापार और कान ूनी कामकाज को स ूिचत करती है।
ू
सगं ीत,िसनेमा,टेलीिवज़न,रंग, ई,जट,व ,सगु ध ,शृगं ार सामान, चाँदी, बागबानी, फू ल की खेती और वनिव ा आपके लए उिचत चुनाव है जहाँ आप सफलता पा सकते ह,
आप एक सफल हवाई क पनी के अफसर, पायलट, गायक या सगं ीत िनमाता बन सकते ह, तल ु ा राशी के जातक यायालय से सबं िं धत उ ोग के लए े याशी होते ह।
आपकी ज मकं ु डली म श ु ह दसव भाव म उप थत है।
य िक श ु दसव भाव म उप थत है आप भा यशाली ह गे। आपका सौ य वभाव और शालीन वहार होगा। आपकी ान, प ूजा, अचना, यान धारणा जैसी अ छी आदत
प रप व व दान करगी। आपको अपने जीवन साथी और सतं ित से अतीव हे ा होगा। आप िकसी सां का रक या कला मक स ं था के कमचारी बनगे। आपकी
जीिवका भी इसी तरह के काय ं से सबं िं धत होगी। आप कला और कौश य के वािण य प के समालोचन म िनपणु ह गे और आप पयटन िवभाग म काम करगे या ाचीन कला
से सबं िं धत ह गे। आप ऐसी चीज को िनयात भी कर सकते ह। श ु एक ी ह है यह आपको नारी जाती की ओर से हर सभं व सहायता देगा। जो एक शालीन प ु ष की सफलता
का आधार होता है। अम ू य र ो, गहने और वाहनो को श ु िनयिं त करता है आप इन चीज से सबं िं धत े म सफल हो सकते ह। श ु िनयम और याय का अिधपित है जो
आपके लए सबं िं धत े म आिथक लाभ के अवसर उ प न कर सकता है। आप कर नीरी क भी बन सकते ह।
ु ा रािश म उप थत श ु ह आपको वेशभषु ा के बारे म अ छा सौ दयबोध और ान दान करता है। आपको रंग और छटा
तल का अ छा ान भी ह। आप दसरे
ू लोग के
साथ िमलना-जल ु ना पसदं करते ह। अितिथ स कार से सबं िं धत ापार आपके लए उिचत ह। होटल, या ा और पयटन आपके व के लए उिचत है।
ज मकु डली म उप थत ह के थान के आधार पर ततु िकए गए िव षे ण के अलावा कुछ अ य नतीजे भी ज म न से ा कर सकते ह। आपके ज म न से स बिधत
उ ोग े िन न ल खत है।
गहृ िवभाग, य रोिगय का िचिक सालय, सां िमक मरीज़ो को अलग कर िनवास करानेवाले अ पताल, जेल,सम ु के भीतर चलनेवाला जहाज, कान ूनी और बीमा. पोत
प रवहन, छतरी,बरसाती कोट, अ वेषण ितिनिध व, सरु ं ग, नहर, िनयात और आयात।
आमदनी
एकादश भाव िजसे लाभ थान भी कहते ह आमदनी और आमदनी के माग ं के िवषय म स ूिचत करता है। यह थान कं ु डली का ब त ही मह वप ूण थान समझा जाता है य िक
शा के अनसु ार यारहव थान म थत कोई भी ह अशभु फल नह देता।
यारहवाँ भावािधपित नवम थान पर रहने से े थान और स मान दोन का योग है। अपनी स यवािदता और िन प ता के कारण लोक समथन ा करगे। आप भा यवान
ह। हर काय म िनपणु ता ा होगी। आप एक िव सनीय और वफादार ह।
के त ु यारहव थान पर रहा ह। आपको बौ क या सदाचारी माना जायेगा।
यारहव थान का वामी ि कोण थान पर है। यह आपके लए अ छा योग है।
खच, य, न
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ादश भाव य भाव कहलाता है। खच और धनहािन के िवषय म इसी भाव से जानकारी िमलती है।
बारहवाँ भावािधपित ल न थान पर रहने से खलु े हाथ से खच करने के आिद ह। आरो य और वा य म कमी रहने का म होना सभ
ं व होगा। अ यास े म यादा मेहनत
करनी होगी। फे फड की बीमारी की सभ
ं ावना है। इस कारण सतक रहना लाभदायक होगा।
दशा / अपहार के फल
भारतीय योितष शा के अनसु ार मानव जीवन को िभ न दशा म िवभािजत िकया गया है। ह के थान और थित के अनसु ार योग और योग की श के अनसु ार दशा-
फल होता है। स ाईस न को तीन तीन के सम ूह म बांट कर नौ दशा म िवभािजत िकया गया है। इनके अिधकार के समय को दशा कहते ह। ब च के जो अ ायोिगक फल
होते ह वे माँ-बाप को बाधक होते ह। उसी तरह पित-प ी के बारे म भी फल का िनणय करना है। ता लका देखकर दशा का आरंभ और अतं समझ लेना है। स वग ं के आधार
पर ह का बलाबल िन त िकया गया है।
शिन दशा
शिन, द ु:ख, अगं हीनता, रोग, क और अ य मसु ीबत का देवता है। इस दशा म ऊँच-नीच, सख ु -द ु:ख दोन का अनभु व होगा। सरकार या उ च अिधका रय के मा यम से धन
लाभ हो सकता है। अनेक सेवक और सहायक से आपको सहायता िमलेगी। अ छी आमदनी भी हो सकती है। ापार के भागीदार या स तान से सख ु म कमी होने की सभ ं ावना
है। कुछ कारण से मन चच ं ावना है। े नायक का पद सफलता प ूवक सभ
ं ल रहेगा। हाथ और पैर म कोई पीड़ा होने की सभ ं ाल पायगे। जीवन के उ राध काल म शिनदशा के
कारण, अपन से बड़ी उ की मिहला के साथ सपं क होने की सभ ं ावना है। इस तरह का सपं क यिद लबं े समय तक रहता तो अयो य बधं न म फँ सने की भी सभ ं ावना है। आप से
हीन थित म रहनेवाले ु सकता है। बड़ पन, ित ा, सवु णाभ ूषण और धनािद की ाि होगी। धािमक थान के िनमाण म सहयोग देना सभ
य से र ता जड़ ं व होगा।
शिन वगबल के कारण सश थित म रहा है। इस कारण अनेक शभु फल की ाि होगी।
ज म कं ु डली म शिन के ारा यश योग बना है। वैभव, कीित, धन और स नता आिद की ाि सरलता से होगी।
शिन अ छे थान म रहने से इस दशा म आपको अपने प र म से पदो नित िमलेगी। कृ िष और अ य उ पादन से अ छा लाभ ा होगा। वय ं ही कुछ सपं ि कमाने का भा य ा
होगा। िभ न वग य य से मान व धन ा होना सभं व होगा।
( 03-02-2025 >> 14-03-2026 )
शिन दशा म मगं ल की अ तदशा के योग से लबं ी या ा का योग है। िव ालय म शै िणक या ा का आयोजन होगा। माता िपता के साथ भी लबं ा सफर होने की सभ
ं ावना रखते ह।
ब च म होनेवाले सामा य रोग के ल ण कट होते ही िवलबं के िबना डा टरी सलाह स ूचना लेना लाभदायी होगा। इस दशा के अतं म अनेक कार की गित और िवकास का
योग है।
बधु दशा
इस दशा म बड़े लोग की सहायता ा होगी। ज़मीन, जानवर, िचिड़या और अ छे सािथय से आन द दान होगा। लोग के सहायक होने से उनका आदर और यार आपको ा
होगा। आ या मकता और दानशीलता आपके गणु बने रहगे। इस दशा म वा य सबं धी बाधा कभी कभी हो सकती है। गत उ नित तथा सािह यक वृि य के िवकास
के लए यह समय उपय ु रहेगा। आप जो ातक ह तो उपरो काय से बड़ा लाभ होगा। नए भवन िनमाण या ाि होगी। ी-प ु ािद िवषयक फल ा ह गे।
स वग य गिणत म बधु बलवान है। अिधकतर शभु फल ा ह गे।
इस दशा म अ छी िश ा या ान ा करने का योग होगा। लखना, पढ़ना, ा यान (भाषण) देना आिद म प ूरा समय लग जा सकता ह। दसरे ू लोग आपके अिधकार म रहगे।
ापा रक काय ं म एक म यवत होकर अ छा लाभ ा होगा। िकसी व त ु के उ पादन के एजट होकर या िकसी काशन से अ छी आमदनी िमलने की सभ ं ावना है। िम और
ं व है और खबू धन कमाने का योग है। यवु ा लोग के प रचय से भी अ छा लाभ ा होगा। लेखन- काशन का काम भी
र तेदार की सहायता िमलेगी। उ र की ओर या ा सभ
लाभदायक रहेगा।
( 02-08-2031 >> 28-12-2033 )
बधु दशा म, बधु की अ तदशा के योग से, अ य ब च म स ुण और अ छे स ं कार डालने के उप म आपसे बनगे। आपकी ब ु श , एका ता और स ू म दशन का िवकास
होगा। िम और वजन के सम ूह म अनेक काय ं म भाग लेना होगा। ान सपं नता म अिभवृ होगी। िव ान, िश क और होिशयार िव ािथय से घने सबं ध थािपत ह गे।
कुटुंब म िववाह काय की सभ
ं ावना हो सकती है।
( 28-12-2033 >> 26-12-2034 )
बधु दशा म के त ु की अ तदशा के भो यकाल म द ु:ख और क का अितरेक होने की बल सभ ं ावना है। कुसगं ित के कारण द ु:ख, लेश और अपमान सहना पड़ सकता ह।
सावधान; इ तहान म असफलता की सभ ं ावना है। िनराशा का अनभु व होगा। द ु:खप ूण घटनाय यादा ह गी। शारी रक वा य म कमज़ोरी और मानिसक अव था के िवच लत
होने की सभ
ं ावना है
। डा टरी जाँ च आपके वा य के लए अिनवाय है।
के त ु दशा
इस दशा म मानिसक शा त कम होगी। मसु ीबत आती रहगी। मन का िनय ण करना आव यक है। नह तो मानिसक िवषमता म पड़कर िनराश होने की सभ ं ावना है। शरीर व
मन को दढ़ृ करने के लए िकसी दवा आिद का लेना अ छा होगा। समय समय पर कई सम याएँ आपके सामने आयगी। अपवाद और शक ं ा का िशकार होने की सभं ावना भी है।
वा य ठीक रखने के लए डा टर को िदखाना और उनकी सलाह के अनसु ार उपचार करवाना अ छा है। के त ु अ छे थान पर रहता है तब धन, पा रवा रक सख ु आिद
देनवे ाला होता है। इस दशा म गरीबी, ब ु श ू यता और शारी रक अ व थता साधारण होगी। बालाव था म यिद के त ु दशा आती ह तो िश ण काय म अनेक बाधाएं आती ह।
आपकी आय ु यिद जीवन के प ूवाध काल तीत कर चुकी है तो, िकसी बधं ु से िबछड़ना या विं चत होना सभ
ं व होगा। हर सम या से बचना क ठन है। मानिसक बोझ और मनो था
अनभु व होने की सभ ं ावना है। इस दशा का प ूव ान होने पर कुछ क ठनाइय से बच सकते ह। भ प ूण जीवन से मानिसक शाँित ा होगी। मिहला के िनिम अ य लोग से
सबं ध िबगड़ सकते ह। मानहानी, धन नाश और दाँत का दद सवसाधारण होगा। कुछ समय बाद असाधारण सपं ि सख ु और चार ओर आन दप ूण वातावरण की ती ा कर सकते
ह।
के त ु वगबल से सश हो रहा है। इस दशा म आप शभु फल की आशा कर सकते ह।
इस दशा म आप पहले से अिधक दाशिनक और ई रोपासक बनने की सभ ु और सिु वधा
ं ावना रखते ह। औषिधय से आपको अ छी कमाई हो सकती है। आपको पा रवा रक सख
ु
िमलेगी। आडंबरय जीवन ि य लगेगा। धािमक काय ं म बड़ा यान होगा। इस दशा म त द ु त रहना सभ ु
ं व है। सख और शा त से िदन बीतगे।
( 01-08-2048 >> 28-12-2048 )
के त ु दशा म समय आप के लए ब त अ छा समय नह है। आप को िविभ न य या एज सय से उ प न ए का उ र देना पड़े गा। कर- िवभाग के कमचा रय से
ु न रखने म क ठनाई का अनभु व होगा। िफर भी मानिसक द ुबलता को जीवन म थान देना अयो य होगा।
और द ु लोग से आपको पीिड़त होना होगा। आपको मानिसक स तल
श ु दशा
02-08-2055 से ारं भ
ु -सिु वधा और समृ ा होगी। पा रवा रक जीवन सख
पहले िकए ए अ छे काय ं से इस दशा म सख ु मय रहेगा। कला म िवशेष िच होगी। अपने उ े य की ाि इस दशा म
हो जायेगी। अ छे कम ं का अ छा फल आपको िमलेगा। िभ न िभ न सवा रय से कई थान की सैर का आन द आपको िमलेगा। कभी कभी दसरे ू लोग की ई या भी आप के
लए बाधा बनेगी। सबं धय से अलग रहना पड़े गा। कभी कभी मन की अशा त भी अनभु व होगी। िववाह के यो य आय ु होने पर ही जीवन साथी चुनने का यो य समय माना जा
सकता है। प ी समेत आनदं मय जीवन तीत होगा। आय ु अनसु ार सख
ु द दांप य जीवन और सतं ान ाि का योग है। द ु व च र हीन य से दरू रहना ही उिचत होगा।
स मान िमलेगा।
श ु बलवान थित धारण िकये ए है। इस कारण अनेक शभु फल ा होने की सभ ु व यश म वृ होगी।
ं ावना है। सख
ज म कं ु डली म माल योग बना है। इस कारण आप भा यशाली माने जाते ह। माल योग म ल खत अनेक शभु फल इस दशा म ा ह गे।
अपना जीवन आन दमय बनाने के लए कला मक व त ु को इक ा करने म आपको िवशेष िच होगी। इस दशा म दसर ू की सहायता से सफलता ा होने की अपे ा रखनेवाले
ह। मन बहलाने वाली मे मय घटनाएँ होँगी । प रवार म िववाह आिद योहार मनाया जायेगा। औरत के सहयोग से आपकी उ नित होगी। अनरु ाग, ीित, वा स य और मृद ुल
भाव मानसपटल पर उभरगे।
स ूय दशा
02-08-2075 से ारं भ
इस दशा म अ या ही बनकर धन कमाने की इ छा होगी। दयाभावना की मनोदशा ीण होगी। िवरोिधय का होना सभ ं व है। उनपर िवजय ा होने की सभ ं ावना है। आ म शस ं ा
सनु ना पस द होगा। प रवार की भलाई के लए काम करना ि य होगा। प रवार के िवकास का ये ा होगा। इस दशा म जानवर या वर से पीड़ा होने की सभ ं ावना है। आखं ,
दाँत और पेट सबं धी रोग हो सकते ह और अभी से उनपर यान देना अ छा होगा। पा रवा रक जीवन पर ज़रा अिधक यान देना होगा। प ू य जन तथा अ य धान य से
मतभेद होने की सभं ावना है। अपने अधीन म काम करनेवाले लोग की वजह से आिथक सक ं ट म पड़ सकते ह। आप यिद िश ण काय म लगे ए ह तो े उपािध और स मान
ा होने की सभं ावना है। या ा होने का योग बनेगा।
चं दशा
01-08-2081 से ारं भ
इस दशाम आ या मक और भ काय ं म आपका अिधक यान बटं जाएगा। उससे सख ु और शा त िमलेगी। अपन से बड़ का आदर िकया जायेगा। सख ु और समृ बढ़ेगी।
औरत से िमलजल ु कर रहने का वभाव रहेगा। खान-पान म कुछ िनयिमत प रवतन होगा। अपनी त द ु ती की तरफ़ यादा यान देना है। थकान का अनभु व होने की सभ ं ावना
है। शरीर की स धय म दद हो सकता है। नये मकान के िनमाण और ऐ य ाि का योग है। प रवार म िववाह काय होने की सभ ु
ं ावना है। यवितय की ओर आकिषत होने की
सभ ं ावना है। 20 से 30 वष की आय ु के म य यिद यह दशा पड़े तो इस दशा म
ं ावना है। हिड◌्डय की बीमारी से बचते रहना अ छा है। माता से सबं धत फल ा होने की सभ
ु ाि का सयु ोग ा होता है।
िववाह होने व सतं ान सख
ज म कु डली म च मा बलवान है। इस कारण घर म मांग लक काय, वाहन ाि , भा योदय, धन ाि आिद फल ा ह गे।
सखु ीजीवन, मन उमगं और उ साह से भरा रहेगा। पहले से अिधक शा त और सख ु का अनभु व होगा। फू ल से और सगु धत व त ु से आन द िमलेगा। पदो नित और आमदनी
म वृ होगी। दसरू से िवशे
ष कर औरत की सहायता ा होना स भ
ं व है
। चाँ द ी, मोती, र , ईख, जल आिद सफ़े द व त ु से लाभ िमलने की सभ
ं ावना है। े फल प मोतर
िदशा से ा होगा। िमठाई खाने का योग है। सम ु तल से िमलनेवाली व त ु से लाभ होगा।
मगं ल दशा
02-08-2091 से ारं भ
इस दशा म ब त सा धन कमाया जाएगा। क ठन प र म भी करना पड़े गा। पश ु पि य से बड़ा लाभ होगा। ब च या भाइय से झगड़े हो सकते ह। द ुराचारी औरत के सपं क म
रहने की सभं ावना है। िफज़ ूल खच होनेवाला है। आग से नकु सान न होने के लए यान देना होगा। शरीर म थकावट और पी लया होने की सभ
ं ावना है। वा य का बराबर परी ण
कराना अथवा आव यक दवाएँ लेना उिचत रहेगा। सामा यत: यह दशा सख ु मय रहेगी और आपकी आशा की प ूित करेगी। धन सपं ादन काय म अिभ िच रहेगी। िपता और
ग ु जन के ित अभ वहार करने की सभ ं ावना है। म लन और हीन वृि के लोग से िमलना जल ु ना पड़े गा। थ के धन खच से बचना उिचत होगा। अ न और द ुघटना से
बचते रहना होगा। कुज की दशा म प ु ष अित उ नित ा कर सकता है। प ी और प ु के साथ झगड़ा हो सकता है। अकारण ोिधत होने की सभ ं ावना है। सामा य सजरी की
आव यकता पड़ सकती है।
मगं ल अ य पाप व श ु ह से भािवत आ है। इस कारण मगं ल के अनेक शभु फल म बाधा आना सभ
ं व है।
आरो य म ीणता का अनभु व होगा। वा य म द ुबलता आ जायेगी। अक मात क आने की सभ ं ावना है। इस कारण सतक रह। ऊँचाई से िगरने की सभ ं ावना रखते ह।
अ थभगं , गहरेधाव इ यािद से बचते रह। खनू और म ू सबं धी रोग से बचने की सावधानी रख। अकारण ोिधत होना पड़े गा। सभ ं वतया अपमानजनक कटु वचन का वण
करना पड़े । श ु का उ व होना, के स-कान ूनी झझं ट उ प न होना, इ यािद बात सामा य होगी। िजतने सावधान रहगे उतनी द ु:ख की मा ा कम रहेगी। उ च अिधकारी या अ य
आपके िव वहार करगे। सिं म एक-के -बाद एक पराजय और असफलता की ख ं ृ ला मनोवेदना उ प न करने म कारण बनेगी। यह समय परेाशानी व क से प ूण होगा।
ु
िह मत और प षाथ से ही सफल होना सभ ु
ं व होगा। ई र या ग की उपासना कर।
रा दशा
01-08-2098 से ारं भ
रा जआ ु और क पना का देवता है। इस दशा काल म के वहार म प रवतन और बरु ाइयाँ आ सकती है। प रवार के लोग और साथी लोग आपको शक ं ा की दिृ से
देखगे। इस काल म िकसीसे झगड़ा न हो इसकी ओर यान देना है। रोग से पीड़ा होने की सभ ं ावना है। िवषबाधा से बचने की कोिशश करनी है। िवरोिधय से आपको सामना
करना होगा। र तेदार भी िवरोधी बनने की सभ ं ावना रखते ह। उ च अिधका रय का अन ु ह कम होगा। गले म दद और आ ँख के रोग होने की सभ ं ावना है। ई.एन.टी डा टर के
उपदेश के अनसु ार रोग होने से पहले ही उपचार करना अ छा होगा। रा सब के लए एक सा नह होता। अ छे थान पर हो तो स तान सख ु , समृ और सब कार के ऐ य
देनवे ाला होता है। चम रोग से पीड़ा अनभु व होगी। िववािहत होने पर प ी और सतं ान का कुछ द ुख सहना होगा। रा दशा जब बालाव था काल म आती ह तो अ यास े म िव पे
अनभु व होता है। दांत की पीड़ा हो सकती है। ज़हरीली व त ु से बचना आव यक है। सचेत रहना होगा। श ु के आ मण से सजग रहना होगा। बड़ से िमलते सहयोग म ित
होगी। इस काल म भ प ूण जीवन शाँित दान करता है। धन की अ पता मानिसक सख ु की कमी, असतं ोष की अिधकता, श ु से िववाद और अ यिधक आपसी िवरोध आिद
फल ा ह गे।
गहृ योग थित के अनसु ार रा अनक
ु ू ल दशा उ प न करने वाला है। अनेक शभु फल सरलता से ा ह गे।
रा अ छे थान म रहने से आपको शभु फल ा होगा। धोखेबाज़ी और अयो य उपाय से आपका बल बढ़ेगा, पदो नित होगी और अिधकार ा होगा। अनिु चत काम से आपके
सबं ध का दायरा बढ़ेगा। कर न देकर सरकार को धोखा िदया जाना सभं व होगा। औरत की सगं ित म रहकर आन द उठाकर उनसे सपं ि ा की जायेगी। आवास थान बदलने
की सभं ावना है। रा आपको धनवान बना देगा। अयो य काय ं से याित ा होगी।
ह दोष और उपाय
मांग लक दोष
ज मपि का म मगं ल के भाव को ब त अिधक मह व ा है। मगं ल या कुज का िववाह सबं धी िवषय तथा गणु मलन आिद के िव षे ण म ब त मह व है। साम य तया जब
मगं ल ज मकं ु डली के सातव या आठव या ादश भाव म हो तो मगं ल दोष माना जाता है। शा ो थ म मगं ल के भाव को बताते ए अनेक िनयम का स ं ह िदया गया है।
उन िनयम के आधार से यह पता चलता है िक सातव या आठव थान पर रहते ए मगं ल, दोष त होकर भी उसका द ु भाव कुछ कारन से ीण हो जाता है। कुज दोष या
मगं लदोष को समझने के लये यहाँ िवि त प से िव षे ण िकया गया है। िन न ल खत बात से पता चलता है िक आपकी ज मपि का म मगं ल िकस कार शभु -अशभु फल
उ प न करता है।
इस ज मपि का म मगं ल, ज म कं ु डली म नवम थान पर है।
ल न थान के िहसाब से यह ज मकं ु डली कुज दोष या मगं लदोष से म ु है।
ज मकं ु डली म ल न थान की थित के अनसु ार मगं लदोष का िव शे ण िकया गया है।
यह ज मकं ु डली मगं ल दोष से म ु है।
उपचार
यिद आपकी कं ु डली म कुज दोष नह ह आपको िकसी तरह के कोई उपाय को करने की ज रत नह ह।
रा दोष और के त ु दोष
रा और के त ु अ प ह है। उनकी गित पर पर सबं िं धत है और एक ही अगं के भाग होने के कारण दोन हर समय वह एक द ुसर क िव होते है, िक त ु दिृ स िवचार करते
ए, वह एक द ुसर स सबं िं धत है।
सामा य प स, रा सकारा मक है और ग ु के ती लाभदायी है और इस लए वह िवकास और व-मदद क लए काय करता है और के त ु बधं न और शनी के िव न को दशाता है
और इस लए िवकास म बाधा लाता है। इस कार, रा सकारा मक उ े य दशाता है और के त ु िवकास की सहज सिं ध दशाता है।
इस लए, रा भौतीकवाद और इ छा स ूिचत करता है, तथा के त ु आ या मक वृि और भौतीकवाद की स ू म ि या दशाता है। रा को कपट, धोखा और बेईमानी के लए माना
जाता है।
रा दोष
आपकी ज मकं ु डली म रा दोष नही है।
रा दोष के उपाय
आपकी ज मकं ु डली म रा दोष न होने से, आपको कोई उपाय करने की ज रत नही ह।
के त ु दोष
इस ज मकं ु डली मे के त ु दोष नही है।
के त ु दोष हेत ु उपाय
आपकी ज मकं ु डली म के त ु दोष न होने से, आपने यह उपाय करने की ज रत नही ह।
प रहार
न प रहार
य िक आपने उ राभा पद न म ज म लया है, आपका न अिधपित शिन है। मधरु और कोमल वािण म बाते करने की वृि योिगक जीवन म आपके काय मता ाि म
कावट बन जाएगी।
ज म न के आधार पर कुछ ह की दशा आपके लए ितकू ल होगी। उ राभा पद न होने के बावजदू के त,ु स ूय और मगं ल दशा म आपको ितकू ल अनभु व का सामना
करना पड़े गा।
इस समय आपके िवचार और काय ं म य प रवतन िदखाई पड़े गा। आपको स चाई को िछपाने की वृि होगी। इस समय आप आल य के जाल म फंसे ह गे। दसर
ू के
सामने डरपोक नह बनना चािहए। दसर
ू की सहायता करने म आप कम उ स ु
क ह गे
।
मीन राशी ज म राशी का अिधपित ग ु है। अपने उ ोग और पढाई के बारे म िव तृत दिृ कोण रखना चािहए। आपका बातचीत और वहार आपके ल य ा ी पर िनभर होगा।
अ नी, कृ ि का, मृगिशरा, िवशाखा (तलु ा राशी) और िच ा न (तलु ा राशी) शभु काय ं के लए अनक ु ू ल नह है।
इस ितकू ल दशा म अपने वा य और वहार पर िनय ं ण करना चािहए, म ु यत: िव न पर अनाव यक झगड़ो से दरू रहने की कोिशश कर। इस समय दसर
ू के मामल म
दखल देन े से दरू रहे।
लौिकक ितिविधक मयादा का वतन करने से ितकू ल भाव को शा त कर सकते ह।
िव दशा मे े तर प रणाम के लए उ राभा पद ज म न के िदवस पर और अनरु ाधा और प ु य न के िदवस पर मिं दर म दशन करना चािहए। िजस शिनवार को
उ राभा पद न आता है, उस िदन उपवास रखना शभु माना जाता है।
अ छे फल ा ी के लए रोज न अिधपित शिन ह की ाथना करनी चािहए। इसके अलावा शिनवार को चावल डोल देना और अपने यो यता के अनसु ार भोजन दान देना
उिचत है। काला, नीला और पीले रंग का व पहनना उिचत है।
ग ु ह के अिधपित की प ूजा करनी चािहए और ग ु ह को स न करने के लए कुछ कदम लेना चािहए।
उ राभा पद न ु है। अिहबदिन
के देव अिहबदिन ु को स न करने के लए और अ छे प रणाम के लए इनम से िकसी मं का िव ास से अलापन करना चािहए।
1 ॐ उ नो िहबदु य: ृणो वज
एकपातपृ वी सम ु :न ्
िव देवाहः ऋतवहिधनाह वनाह त ूते
म ो किपश त अव त ु
2 ॐ अिहब ु याय नम:
इसके अलावा, जानवर , पि य और पेड़ो का सरं ण करना शभु कारक है। म ु यत: उ राभा पद के जानवर गाय का सरं ण करना और उसके साथ हीन वहार न करने से
आपके जीवन म ऐ य और समृि की ाि होगी। उ राभा पद का औ ोिगक पेड़, ताल पेड और उसके शाखा को काटना नह चािहए और औधोिगक प ी, मोर को पीड़ा
नह देनी चािहए। उ राभा पद न का म ूलत व आकाश है। अ िदपालक की प ूजा करनी चािहए और कृ ित नाशक और दषण ू काय ं को रोक देना चािहए।
दशा प रहार
दशा के अशभु भावो का प रहार
हर ह की दशा मे भा य और द ुभा य के सामा य भाव ज मकं ु डली मे थत हो के थानो पर आधा रत है। शभु और अशभु हो का भाव यह स ूिचत करता है िक कौनसा दशा-
समय आपके लए अनक ु ू ल नही है। ितकू ल दशा-समय के अशभु भावो को कम करने के लए आपको कुछ धािमक िविधय का अन ु ान करना पड़े गा। ज मकं ु डली मे थत
ितकू ल दशा-समय और उसके लए िकए जाने वाली धािमक िविधयो के िवषय म यहाँ उ लेख िकया गया है।
दशा :के त ु
आपकी के त ु दशा 1-8-2048 को श ु होती है।
आपका ज म न उ राभा पदा है। इस लए इस दशा म अ सर आपको ितकू ल अनभु व का सामना करना पड़े गा।
इस कं ु डली की ह तिथ के आधार पर के त ु ह की दशा म आपको कुछ ितकू ल प र तिथय का सामना करना पड़ सकता है। इस अविध म आपकी अतं र चेतना तथा
क पनाश बरु ी तरह भािवत होगी आपके हर उप म की सफलता के ित एक डर सा बना रहेगा। आपकी एका ता और काय मता दोन का ास होगा।
के त ु दशा के अशभु भावो की ती ता के त ु के थान प रवतन से बदलती रहती है। जब के त ु ितकू ल थान से ह िजन सम या का सामना करना पड़े गा उसके बारे म यहाँ कहा
गया ह। यिद के त ु कमजोर हो तो आपके िनणय नकारा मक और इनमे िवरोधाभास हो सकता है। अपनी आव यकता को प ूरा करने के लए आपको दसरो ू पर िनभर रहना पड़े गा।
आ मर ा के ित आपको सचेत रहना होगा। आप इस समय भतु काल म जीना पसदं करगे। अपने काय कलाप को अपने तक िसिमत रखने का य कर। वर आिद ािधय के
होने की सभ ं ावना ह। आवं और पचनस ं थान सबं धी बीमारीय के ित सचेत रह िवशेष प से या ा के समय खान पान का यान रख।
ु
जब के त ितकू ल थान पर है तो आपको दसर ू की जायदाद म िच बढ़ सकती ह। वैवािहक जीवन सच ु ा रखने के लए आपको सघं ष करना पड़े गा। अगर आप इस कार की
सम या का सामना कर रहे ह तो यह समझना चािहए िक के त ु ितकू ल ह। जो इस कार िक सम या के अधीन ह उ ह के त ु को अनक ु ू ल करने के लए कुछ माग अपनाना
चािहए। के त ु को अनक ु ू ल रखने से उसके अशभु भाव को कम िकया जा सकता है और जीवन सख ु मय हो सकता है।
इस ज मकं ु डली के िव तृत िनरी ण के आधार पर के त ु दशा म िजन िविश उपाय का पालन करना चािहए उसके बारे म यहाँ िववेचन िकया गया ह।
व
लाल रंग के व पहनने से के त ु को शां त िकया जा सकता है। आप काले रंग का व भी पहन सकते ह। मगं लवार म आपको लाल रंग का व पहनना चािहए। प ूजा करते समय
काला और लाल रंग का व पहनना उिचत है।
जीवन शैली
के त ु की दशा म आपकी जीवनशैली के त ूके वभाव के अन ु प होनी चािहए। के त ु की दशा म आपका सैधा तक ान और आ यािमक जीवन शैली आपके मन को के त ु दशा की
सम या से बचाने के लए सहायक होगी। िव ान ् लोग के मागदशन और िनदश को वीकार करना चािहए। यह आपकी मानिसक उजा को बढ़ाने के लए सहायक होगी।
ं िवत िकए गए धािमक अन ु ान को िफर से श ु करना, म को पढना, यान धारणा के लए कुछ समय य करना और मब जीवन शैली का पालन करना अ थिधक
ल
मह वप ूण है। अपने प रवार के अ दर या बाहर के लोग कलह से बच। रयायत या छू ट देन े म िहचकना नह चािहए। वाहन म जाते समय यान रखना चािहए। प ूजा - पाठ या
प रहार कम करते समय आपका तथ होना ब त आव यक है।
देव प ूजा, आराधना, उपासना
के त ु दशा के अशभु भाव को दरू करने के लए गणेश भगवान का प ूजन करना चािहए। अपने ज म न म गणेशजी का होम करना, त लेकर चतथु ितिथ को गणेश मिं दर म
दशन, गणेश भगवान का तिु तगान करना आिद अन ु ानो से के त ु दशा के अशभु भाव को कम िकया जा सकता है। कुछ योितिष चाम ु डा देवी की प ूजा करने की सलाह देत े ह।
िजनका के त ू उ च राशी म ह उनको गणेश भगवान का और िजनका के त ु नीच राशी म ह उनको चाम ु डा देवी की प ूजा करनी चािहए।
दान
वेछा से िभ ा या दान देना अपने पाप प रहार और ह की शा त का का े माग ह।
ु ू ल करने के लए आप बकरी, आयधु , ह रतमिण, लाल या काला रेशम आिद दान िकया जा सकता ह। सोना, चाँदी या पच
के त ु को अनक ं धात ु से बना म ूित दान देना लाभदायक है।
दान
वे छा से िभ ा या दान देना अपने पाप के प रहार का े माग है।
Indian astrology software Page 54
Indian Astrology Software LifeSign Horoscope
सयु को अनक
ु ू ल करने के लए ताबाँ या सोने से बनी सयु की मिु त, भ ूरे रंग की गाय और उसका ब चा, लाल मिण (मािणक), गे ,ँ र च दन, के शर व आिद को दोन िकया जा
सकता है।
मगं ल को अनक ु ू ल करने के लए आपको रिववार म उपवास रखना चािहए। आपको मगं ल भगवान और िशव भगवान के मिं दर म दशन करना चािहए तथा अपनी मता के
अनसु ार दान करना चािहए। प गल (स ूय मेष राशी म भगवान का प ूजन करना, देिवय को दही और गडु के साथ पकाए गए चावल को दान करना लाभदायक है। उपवास के समय
मिदरापान, मांसाहारी पदाथ और मादक चीज का उपयोग नह करना चािहए। इन िदन म ाकृ ितक खा पदाथ जैस े फल, स जी और हरे प े िजन पचाने के लए सहायक ह
उपयोग करना चािहए। अनाज, तले पदाथ, गरम और ख े खा पदाथ टालने चािहए। आप अश ं त: या प ूरी तरह अशभु भाव के ती ता के अनसु ार उपवास रख सकते ह।
उपवास के समय ध ूमधाम और िवलास म आस होना उिचत नह ह। आपका उपवास तभी सफल होगी जब आप अपने ऊपर सयं म रखगे।
दान
वे छा से िभ ा या दान देना अपने पाप के प रहार का े माग है।
मगं ल ह को अनक ु ू ल करने के लए लाल रंग का नर जानवर, लाल व , सोना, ताँबा या ताबाँ से बनी मिु त दान देना लाभदायक है।
प ूजा
मगं ल को अनकु ू ल करने के लए कुछ प ूजा िविधय का िनदश िकया है। आपको िशवव ती, जपाकुसमु आिद फू ल से मगं ल ह का प ूजन करना चािहए। मगं ल प ूजा एक िविश
प ूजा ह जो अ छे प रणाम को उ प न करती है। नव ह के मिं दर म दशन करना,च पा फू ल से मगं ल ह की प ूजा करना और च पा फू ल की माला मगं ल ह को अपण करना
लाभदायक ह। िनपणु योितिषय के मागदशन के अनसु ार ही प ूजा िविध का पालन करना चािहए। इस प ूजा को तब करना अ थिधक शभु है जब मगं ल मकर राशी म हो।
म का जाप
जो लोग अन ु ान य आिद कम िकसी कारणवश करने म असमथ ह वे िन न म का पाठ कर बधु के दोष का परीहार कर सकते ह।
ॐ भिु मप ु ाय िव हे
लोिहतागाय धीमिह
त नो: भौम : चोदयात ्
अ यतं िव ास और भ से इन मं का जाप करने से ही आपको फल िस ी ा होगी।
मगं ल को स न करने के लए मगं ल के िविवध नाम से स म लत िकए गए म का आलापन करना चािहए। म इस कार है:
ॐ महीसतु ाय नम :
ॐ महाभागाय नम :
ॐ मगलाय नम :
ॐ मगल दाय नम :
ॐ महावीराय नम :
ॐ महाश ूराय नम :
ॐ महाबलपरा माय नम :
ॐ महारौ ाय
ॐ महाभ ाय नम :
ॐ माननीयाय नम :
ॐ दयाकराय नम :
ॐ मानदाय नम :
यं
कुजा य ं या भ ूपु य ं एक ऐसा य ं ह िजसे आप श ु के अशभु भाव को कम करने के लए पहन सकते ह। यह य ं आपको श ु के खतरे से और ह के ितकू ल भाव
से दरू रखता ह और आप को धिनक बनाता ह।
अ य यं
िजनके ज मकं ु डली म मगं ल ह उ च रािश म है उ ह स ु म यम य ं पहनना लाभदायक ह। च हण की रात म या प ु य न के िदन से आप इसको इसके िनयमानसु ार पहन
सकते ह। यह य ं ि काल ान, बीमारी से म ु और धन-धा य की समृधी दान करता ह। िजनके ज मकं ु डली म मगं ल ह य ु म रािश म ह तो भ का ल य ं पहनना चािहए। मगं ल
दशा म आपको अपने श ु के परेशािनय का सामना करना पड़े गा। भ काली य ं पहनने से श ु के सम या को द ुर िकया जा सकता है। इन य ं का फल तब ही आपको
ा होगी जब आप इसको उससे सबं िं धत िनयम के अनसु ार एक िनपणु योितषी ारा बनाया गया हो, और अ यतं िव ास और भ के साथ पहना गया हो।
गोचर फल
नाम : Adwaita Neha Gaur (प ु ष)
ज म राशी : मीन
ह थती : 1-माच-2024
अयनांश : चै प
ज म कु डली म थत ह और वतमान गोचर ह के आधार पर िनकट भिव य के िवषय म जाना जा सकता है। इस िवषय म स ूय, ग ु और शिन की मह वप ूण भ ूिमका होती है।
ु ू लता उ प न कर तो फल सव म और अगर ितकू लता कर तो फल िन कृ और समता उ प न कर तो
अ या य ह और उनकी दशा तदशा जब इन गोचर ह के साथ अनक
सामा य फल की आशा कर सकते ह।
स ूय का गोचर फल।
स ूय ाय: एक मास तक एक रािश म रहता है। ज म थ च की थित से आगामी तीन मास का स ूय की रािश का ितफल नीचे िदया जा रहा है।
( 13- अ ल
ै -2024 >> 13- मई-2024)
इस समय स ूय दसरा
ू भाव से सच
ं ार करेगा।
अपने हाथ से कुछ छू ट रहा है, या न हो रहा है ऐसी ा त कुछ समय तक आपको लेश िदलायेगी। आपकी वतमान मन थित ठीक कार से बज़ ु गु लोग को पता लग
जायेगी। वे आपके मनोभाव को बदलने की कोिशश म लग जायगे। प रवार के बीच आिथक दबाव का अनभु व होगी। इसका कुछ असर आप पर भी पड़े गा। ने रोग की सभ
ं ावना
है। म त क म अगर कोई िवकार हो तो सचेत रहना अिनवाय है। यिद आप पढ़ रहे ह तो पढ़ाई यथावत चलती रहेगी।
ग ु का गोचर फल।
ग ु हर रािश म एक वष तक थान गहृ ण करता है। योितष शा म ग ु का भाव अित मह वप ूण माना जाता है।
( 23- अ ल
ै -2023 >> 1- मई-2024)
इस समय ग ु दसरा
ू भाव से सच
ं ार करेगा।
एक माँ को सबसे अिधक आन द और सखु की अिभलाषा अपने प ु से रहती है। इस िवषय म सफलता की स ूचना है। आप अपनी माता के मन का के बनने वाले ह। प रवार के
अय य को भी आप से आन द और सखु की ाि होगी। उनके सख ु और आन द का िनिम आपको माना जायेगा। प रवार से आपके ित अन य हे उपल ध ह। आपके
ु व शा त की वृ होगी।
ह के कारण प रवार म सख
ू
( 30- माच-2025 >> 3- जन-2027)
इस समय शिन ज म भाव से सच
ं ार करेगा।
अब साढ़े सात वष की शिन की साढ़े साती आरंभ ई है। इस समय अनेक कार के लेश का सामना करना पड़े गा। आपके मामा और मामी से िमलनेवाले हे म कमी होगी।
माता की अपे ा, िपता से ोध का यादा अनभु व होगी। प ु के अनेक काय अिनयिं त रहगे। हर एक काय म आव यकता के अनसु ार यान के त नह हो पायेगा। इस कारण
कुछ सम याय उ प न होगी। ब चे के लालन-पालन का यह समय है और माँ-बाप को इस समय सतक रहना चािहए। बड़ की डाँट-फटकार के अनेक गभ ं ीर प रणाम हो सकते
ह। अपने ांगण म आये मेहमान की उप थित म प ु को अपमािनत करनेवाली भाषा का उपयोग न करना ब ु ग य माना जायेगा। िकशोरव था म वेश करनेवाले प ु के
वािभमान का सरं ण करना माँ-बाप का कत है। खच म वृ होगी। दांत म पीड़ा होगी।
ु ू ल समय
अनक
उ ोग या ु ू ल समय
वसाय के लए अनक
ल न अिधपित, दशमेश, दशम भाव और ल न म उप थत शभु ह, ल न और दशम भाव म बृह पित का दिृ और अ य िवषय को यान म रखकर दशाकाल / अपहार आिद के
अ ययन के बाद उिचत और े समय ात िकया जाता है।
15 उ से लेकर 60 उ तक का िव षे ण।
के त ु गु 20-07-2052 26-06-2053 ु ूल
अनक
शु स ूय 01-12-2058 01-12-2059 ु ूल
अनक
शु चं 01-12-2059 01-08-2061 ु ूल
अनक
शु रा 01-10-2062 01-10-2065 ु ूल
अनक
शु गु 01-10-2065 01-06-2068 े
शु के त ु 02-06-2074 02-08-2075 ु ूल
अनक
स ूय गु 19-08-2077 08-06-2078 ु ूल
अनक
स ूय शु 01-08-2080 01-08-2081 ु ूल
अनक
07-04-2035 15-04-2036 ु ूल
अनक
17-09-2037 17-01-2038 े
12-05-2038 07-10-2038 े
े
04-03-2039 02-06-2039
05-11-2039 06-04-2040 ु ूल
अनक
30-06-2040 03-12-2040 ु ूल
अनक
07-05-2041 31-07-2041 ु ूल
अनक
03-01-2042 10-06-2042 ु ूल
अनक
29-08-2042 27-01-2043 ु ूल
अनक
31-07-2043 11-09-2043 ु ूल
अनक
17-02-2044 02-03-2045 ु ूल
अनक
23-03-2047 18-08-2047 ु ूल
अनक
12-10-2047 28-03-2048 ु ूल
अनक
28-08-2049 08-03-2050 े
03-04-2050 19-09-2050 े
17-10-2051 15-11-2052 ु ूल
अनक
16-12-2053 10-01-2055 ु ूल
अनक
31-01-2056 13-02-2057 ु ूल
अनक
04-03-2059 16-07-2059 ु ूल
अनक
26-11-2059 04-03-2060 ु ूल
अनक
10-08-2061 02-09-2062 े
02-10-2063 31-10-2064 ु ूल
अनक
01-12-2065 25-12-2066 ु ूल
अनक
16-01-2068 28-01-2069 ु ूल
अनक
23-06-2070 15-10-2070 ु ूल
अनक
10-02-2071 24-06-2071 ु ूल
अनक
25-07-2073 18-08-2074 े
17-09-2075 16-10-2076 ु ूल
अनक
16-11-2077 10-12-2078 ु ूल
अनक
ु ू ल समय
िववाह के लए अनक
स मेश, सातव भाव म उप थत ह जैस े श ु , रा , च , बृह पित की दिृ और अ य िवषय को यान म रखकर वतमान दशा और अपहारादी के समय का िन पण कर िववाह
के लए अनक ु ू ल समय ात िकया जाता है।
18 उ से लेकर 50 उ तक का िव षे ण।
के त ु शु 28-12-2048 27-02-2050 ु ूल
अनक
के त ु चं 05-07-2050 03-02-2051 ु ूल
अनक
के त ु रा 02-07-2051 20-07-2052 ु ूल
अनक
के त ु गु 20-07-2052 26-06-2053 ु ूल
अनक
शु स ूय 01-12-2058 01-12-2059 ु ूल
अनक
शु चं 01-12-2059 01-08-2061 े
शु रा 01-10-2062 01-10-2065 े
शु गु 01-10-2065 01-06-2068 े
ग ु के िविवध
Indian घर म िवशेषsoftware
astrology प से स म भाव से सच
ं ार और द ृ ी का अ ययन कर िन न समय आपके िववाह के लए यो य पाये गये ह। Page 62
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04-03-2039 02-06-2039 े
05-11-2039 06-04-2040 ु ूल
अनक
30-06-2040 03-12-2040 ु ूल
अनक
07-05-2041 31-07-2041 ु ूल
अनक
ु ूल
अनक
03-01-2042 10-06-2042
29-08-2042 27-01-2043 ु ूल
अनक
31-07-2043 11-09-2043 ु ूल
अनक
17-02-2044 02-03-2045 ु ूल
अनक
23-03-2047 18-08-2047 ु ूल
अनक
12-10-2047 28-03-2048 ु ूल
अनक
28-08-2049 08-03-2050 े
03-04-2050 19-09-2050 े
17-10-2051 15-11-2052 ु ूल
अनक
16-12-2053 10-01-2055 ु ूल
अनक
31-01-2056 13-02-2057 ु ूल
अनक
04-03-2059 16-07-2059 ु ूल
अनक
26-11-2059 04-03-2060 ु ूल
अनक
10-08-2061 02-09-2062 े
02-10-2063 31-10-2064 ु ूल
अनक
01-12-2065 25-12-2066 ु ूल
अनक
16-01-2068 28-01-2069 ु ूल
अनक
23-06-2070 15-10-2070 ु ूल
अनक
10-02-2071 24-06-2071 ु ूल
अनक
ु ू ल समय
ापार के लए अनक
ि तीयेश, नवमेश, दशमेश, एकादशेश पर ग ु की द ृ ी बृह पित, ल न और यारहव भाव पर बृह पित का दिृ , और अ य िवषय को यान म रखकर ु ूल
ापार के लए अनक
और े समय को ात िकया जाता है।.
15 उ से लेकर 60 उ तक का िव षे ण।
के त ु शु 28-12-2048 27-02-2050 ु ूल
अनक
के त ु गु 20-07-2052 26-06-2053 ु ूल
अनक
शु स ूय 01-12-2058 01-12-2059 ु ूल
अनक
शु चं 01-12-2059 01-08-2061 ु ूल
अनक
शु रा 01-10-2062 01-10-2065 ु ूल
अनक
शु गु 01-10-2065 01-06-2068 े
शु के त ु 02-06-2074 02-08-2075 ु ूल
अनक
स ूय गु 19-08-2077 08-06-2078 ु ूल
अनक
स ूय शु 01-08-2080 01-08-2081 ु ूल
अनक
ग ु क िविवध
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astrology प से एकादश और ि तीय भाव से सच
ं ार और द ृ ी का अ ययन कर िन न समय आपके वसाय के लए यो य पाये गये ह। Page 64
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07-04-2035 15-04-2036 ु ूल
अनक
17-09-2037 17-01-2038 े
12-05-2038 07-10-2038 े
04-03-2039 02-06-2039 े
05-11-2039 06-04-2040 ु ूल
अनक
30-06-2040 03-12-2040 ु ूल
अनक
07-05-2041 31-07-2041 ु ूल
अनक
03-01-2042 10-06-2042 ु ूल
अनक
29-08-2042 27-01-2043 ु ूल
अनक
31-07-2043 11-09-2043 ु ूल
अनक
17-02-2044 02-03-2045 ु ूल
अनक
23-03-2047 18-08-2047 ु ूल
अनक
12-10-2047 28-03-2048 ु ूल
अनक
28-08-2049 08-03-2050 े
03-04-2050 19-09-2050 े
17-10-2051 15-11-2052 ु ूल
अनक
16-12-2053 10-01-2055 ु ूल
अनक
31-01-2056 13-02-2057 ु ूल
अनक
04-03-2059 16-07-2059 ु ूल
अनक
26-11-2059 04-03-2060 ु ूल
अनक
10-08-2061 02-09-2062 े
02-10-2063 31-10-2064 ु ूल
अनक
01-12-2065 25-12-2066 ु ूल
अनक
16-01-2068 28-01-2069 ु ूल
अनक
23-06-2070 15-10-2070 ु ूल
अनक
10-02-2071 24-06-2071 ु ूल
अनक
25-07-2073 18-08-2074 े
17-09-2075 16-10-2076 ु ूल
अनक
16-11-2077 10-12-2078 ु ूल
अनक
ु ू ल समय
ह िनमाण के लए अनक
चौथे भाव के अिधपित, चौथे भाव पर शभु ाशभु ह की द ृ ी, चौथे भाव के वामी की गोचर थित, इ यािद िवषय को यान म रख कर दशा अतं रदशा और अ य बात का
ु और चौखट आिद के म ु त और समय ात िकये जाते ह, और िनमाण के लए अनक
िव तृत अ ययन करने के उपरा त गहृ िनमाण, िनमाणारंभ, ार की िदशा, मख ु ू ल समय ात
िकया जाता ह।
15 उ से लेकर 80 उ तक का िव षे ण।
के त ु गु 20-07-2052 26-06-2053 ु ूल
अनक
शु स ूय 01-12-2058 01-12-2059 ु ूल
अनक
शु चं 01-12-2059 01-08-2061 े
शु रा 01-10-2062 01-10-2065 ु ूल
अनक
शु गु 01-10-2065 01-06-2068 े
शु के त ु 02-06-2074 02-08-2075 ु ूल
अनक
स ूय चं 19-11-2075 20-05-2076 ु ूल
अनक
स ूय गु 19-08-2077 08-06-2078 ु ूल
अनक
स ूय शु 01-08-2080 01-08-2081 ु ूल
अनक
चं रा 01-01-2083 02-07-2084 ु ूल
अनक
चं गु 02-07-2084 01-11-2085 े
चं के त ु 31-10-2088 01-06-2089 ु ूल
अनक
चं शु 01-06-2089 31-01-2091 े
चं स ूय 31-01-2091 02-08-2091 ु ूल
अनक
रा गु 15-04-2101 08-09-2103 ु ूल
अनक
07-04-2035 15-04-2036 ु ूल
अनक
17-09-2037 17-01-2038 े
12-05-2038 07-10-2038 े
04-03-2039 02-06-2039 े
05-11-2039 06-04-2040 ु ूल
अनक
30-06-2040 03-12-2040 ु ूल
अनक
07-05-2041 31-07-2041 ु ूल
अनक
03-01-2042 10-06-2042 ु ूल
अनक
29-08-2042 27-01-2043 ु ूल
अनक
31-07-2043 11-09-2043 ु ूल
अनक
17-02-2044 02-03-2045 ु ूल
अनक
23-03-2047 18-08-2047 ु ूल
अनक
12-10-2047 28-03-2048 ु ूल
अनक
28-08-2049 08-03-2050 े
03-04-2050 19-09-2050 े
17-10-2051 15-11-2052 ु ूल
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16-12-2053 10-01-2055 ु ूल
अनक
31-01-2056 13-02-2057 ु ूल
अनक
04-03-2059 16-07-2059 ु ूल
अनक
26-11-2059 04-03-2060 ु ूल
अनक
10-08-2061 02-09-2062 े
02-10-2063 31-10-2064 ु ूल
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01-12-2065 25-12-2066 ु ूल
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अनक
ु ूल
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23-06-2070 15-10-2070
10-02-2071 24-06-2071 ु ूल
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25-07-2073 18-08-2074 े
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15-12-2091 10-05-2092 ु ूल
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19-07-2092 25-12-2092 ु ूल
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13-05-2094 22-05-2095 ु ूल
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24-06-2097 18-07-2098 े
17-08-2099 16-09-2100 ु ूल
अनक
अ कवग फलादेश
अ कवग
अ कवग प ित भारतीय योितष की भिव यवािण रीित है जो गहृ की अव थित से सबं िं धत अक ं ो के योग का उपयोग करती है। अ कवग का अथ है अ गणु णे ीकरण। यह
रा और के त ु का अवरोद करके , ल न को िमलाकर गहृ के अ गणु के बारे म विणत करता है। गहृ की श को मापने के लए कुछ थर िनयम का पालन िकया गया है। एक
गहृ की श और उसके भाव की ती ता, उससे सबं िं धत अ य गहृ और ल न की थित पर आधा रत है। हर गहृ के लए आठ प ूण अगं िदए जाते है । गहृ का 0-8 अगं के
आधार पर बदलता आ श होगा।
चं र बु शु मं गु श कुल
मेष 4 5 4 4 2 5 3 27
वृषभ 3 5 4 7 2 4 4 29
िमथनु 6 5 6 2 4 6 6 35
कक 5 4 4 5 4 7 32
िसहं 3 3 7 6 3 2 4 28
क या 2 5* 3* 3 3* 5 2 23
ु ा
तल 3 4 5 4* 4 5 2 27
वृ क 6 4 5 7 5 5 4 36
धन ु 4 4 4 1 2 4 2 21
मकर 5 3 6 5 5 4* 3* 31
कं ु भ 3 2 5 5 2 4 4 23
मीन 5* 4 1 3 3 5 4 25
49 48 54 52 39 56 39 337
* ह की थित
ल न मकर म है।
च का अ कवग
ऐसे कुछ ही लोग अन ु िहत ह गे जो नैितकत व स य को धैय से कािशत कर। ज मकु डली के च अ कवग म उप थत पाँच िबदं ु आपके नैितकत व को ऊँचा करने का धैय
दान करगे। यह आपको अ तरा मा दान करगे और आप अपने आप शा त ह गे।
स ूय का अ कवग
स ूय के अ कवग म पाँच िबदं ु है और आपको धमिन लोग का साथ होगा। आपको ान और उ म िश ा ा होगी। आपके सफलता पर लोग श
ं सा करगे। आपको कभी भी
नए कपड से यार नह होगा। आप अपने यौवन और बचपन के समय ब त से उ सव को मना सकते ह।
श ु का अ कवग
ु भी ा होगा। यह श ु अ कवग म उप थत चार िबदं ु के कारण ह। आपको सख
आपका जीवन एक स त ु लत जीवन होगा। अ यिधक द ुख के साथ सख ु और द ुख त ु य प
ु
से अनभव करने का भा य िमला है।
ग ु का अ कवग
िकसी कारण से आपके जीवन की हर नीचाई एक ऊंचाई से बराबर हो जाएगी। आपके ज मकु डली म उप थत ग ु अ कवग के चार िबदं ु से भािवत होगा। यह एक वरदान है
य िक जीवन के प र थितय म होने वाला घटाव-बढ़ाव मानािसक शा त उ प न करेगा।