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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Printable Versi - 1714537633202
Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Printable Versi - 1714537633202
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चूत पर हाथ पडते ही रत्ना बहक जाती है उसे ऐसे लगता है जैसे किसी ने तपते हुए रेत पर पानी के कु छ क़तरे डाल दिए हो।
रत्ना;नही छोड़ मुझे। मै तेरी बातों में नहीं आने वाली।
ये पाप मै नहीं करुँ गी आह्ह्ह्ह।
देवा;माँ शहर से मै दो मंगलसुत्र लाने वाला हूँ।
एक ममता की शादी के लिए और एक तेरे लिये।
रत्ना; ये सुनके देवा को धक्का देके उससे अलग हो जाती है।
क्या बकवास कर रहा है तू होश में तो है।
देवा;लपक के रत्ना का हाथ पकड़ के उसे अपने बेड पर गिरा देता है और उसके ऊपर सवार हो जाता है।
रत्ना;देवा से छू टने की लाख कोशिश करती है मगर देवा की मज़बूत पकड़ से वो निकल नहीं पाती।
देवा;हाँ माँ मै तुम्हें अपनी पत्नी बनाना चाहता हूँ बापु की मौत के बाद तुम बिल्कु ल अके ली रह गई हो।
मै तुम्हे अपनी पत्नी बनाकर रात दिन चोदना चाहता हूँ। अगर तुम अपनी मर्ज़ी से हाँ कहती हो तो ठीक है।
वरना मै ज़बर्दस्ती भी कर सकता हूँ मगर अपनी बात से पीछे नहीं हटूँगा। मै बोल देता हूँ।
रत्ना;मैंने तुझे पैदा ही क्यों किया हरामी।
देवा;मुझे पैदा करके तूने बहुत अच्छा किया माँ वरना इस प्यासी चूत का कौन ख्याल रखता।
देवा रत्ना की चूत को साडी के ऊपर से सहलाने लगता है और दूसरे हाथ से रत्ना के निप्पल्स को भी मरोडने लगता है।
रत्ना तडपने लगती है। एक तरफ आज देवा ने वो बात कहा था जो वो खवाब में भी नहीं सोच सकती थी।
वो हैरान थी की देवा में इतनी हिम्मत आई कहाँ से शायद क़सूर रत्ना का ही था।
देवा;आज दोपहर में मै मामा के यहां जा रहा हूँ वापस आने के बाद मुझे तुम्हारा जवाब चाहिए।
सोच लो मेरी पत्नी बनकर चुदवाना चाहती हो या कु छ और फै सला तुम पर छोडता हूँ।
देवा; रत्ना के लरज़ते होठो को चूम के उसके ऊपर से उठके बाहर चला जाता है।
और नहा धोकर अपने मामी देवकी के घर की तरफ अपना ट्रेक्टर बढा देता है।
रत्ना;हैरान परेशान से देवा की बात पर सोचने बैठ जाती है।
उधर जब हिम्मत राव को ये बात पता चलती है की देवा अपने मामा के यहाँ कु छ दिन के लिए गया है।
तो उसे हंसी आ जाती है देवा की किस्मत पर। मगर
अगले ही पल हिम्मत का शातिर दिमाग काम करता है और वो खुद से बात करने लगता है।
हिम्मत;देवा गया है अपने मम्मी के यहां । इसका मतलब रत्ना और उसकी बेटी घर में अके ली होगी।
अगर विक्रांत जल्दी आ जाये तो दोनों माँ बेटी का काम उनके घर में करवा दूंगा और देवा को रास्ते में ही।
खुद की बात पर मुस्कराता हुआ हिम्मत हुक्के के कश भरने लगता है।
देवा दोपहर तक अपने मामी देवकी के घर पहुँच जाता है।
देवा दरवाज़ा खटखटाता है।
दरवज़ा कौशल्या खोलती है।
कौशल्या;देवा तुम अचानक से आ गए। आओ अंदर आओ किसी के हाथ से संदेशा भिजवा देते। कै से हो... बैठो ना।
देवा;हाँ वो ममता के रिश्ते की बात चल रही है तुम्हारे गांव में तो सोचा देख आता हूँ उन लोगों का रहन सहन।
कौशल्या;अरे बहुत अच्छा किया तुमने बहुत याद आ रही थी तुम्हारी।
देवा; सच्ची...... वो कौशल्या की बात पर उसे घुरने लगता है।
कौशल्या;शरमा जाती है अब ऐसे घूरो मत मुझे।
देवा;मामी और रामु कहाँ है कोई दिखाई नहीं दे रहा।
कौशल्या;अपनी नज़रें नीचे ज़मीन की तरफ रख के धीमी आवाज़ में उससे कहती है वो खेत में गए है पांच बजे से पहले नहीं
आने वाले।
तूम हाथ मुंह धो लो। मै चाय बनाकर लाती हूँ।
कौशल्या;जैसे ही मुडती है देवा उसे पीछे से अपनी बाहों में जकड लेता है।
कौशल्या;आह अभी नहीं देवा।
देवा;मैंने तो कु छ किया भी नहीं भाभी।
कौशल्या;भाभी नहीं पत्नी हूँ मै तुम्हारी पतिदेव। ये जो मेरे कोख में पल रहा है ये तुम्हारा ही खून है।
देवा;बहुत याद आ रही थी तेरी भाभी मुझे। जो बात तेरी चूत में है वो कही नहीं दिखती मुझे।
कौशल्या;आहह चूत तो आपको देख कर ही खुश हो जाती है। मेरे सैया अब तुम आ गये हो। जी भर के ले लो मेरी। कोई नहीं
रोकें गा तुम्हें।
देवा; मुँह में ले जल्दी।
कौशल्या; हाँ...
वो नीचे बैठ जाती है और हक़ीकत बात यही थी की कौशल्या दिल से देवा को अपना पति मानती थी।
दुनिया की नज़र में रामु उसका पति था मगर असली ख़ुशी उसे देवा ने ही दिया था।
वो नीचे बैठ के देवा का पेंट उतार देती है और झट से अपने नाज़ुक हाथों में देवा का लंड पकड़ के उसे चुम लेती है।
कौशल्या; हाय्य्य ये मुआ मुझे बहुत तड़पाता है कहके देवा का लंड चूसने लगती है।गल्प गल्प गलप्पप्पप्प।
अपडेट 69
कोमल अपनी चूत को पानी से साफ़ करके अपनी साँसें सँभाल कर बाथरूम से बाहर आती है की तभी वो अपनी बेटी प्रिया
से टकरा जाती है।
प्रिया;आहह माँ लग गई मुझे।
कोमल;देख कर नहीं चल सकती।
वो प्रिया से नज़रें चुरा कर अपने रूम में घुस जाती है।
उसे अब तक यक़ीन नहीं हो रहा था की किसी मरद का लंड इतना मोटा और इतना बड़ा भी हो सकता है।
अपने पति के लंड से चुदवाने वाली कोमल ने बहुत कम लंड देखी थी अपनी ज़िन्दगी में। मगर जो ज़हरीला साँप उसने आज
देखी थी उसे देखने के बाद उसके दिल में बस एक बात घर कर गई थी की उसे भी उस साँप से अपने आप को डसवाना है
उसके ज़हर की चंद बूंदें उसे भी अपने शरीर में लेनी है।
इधर देवा कौशल्या की चूत में अपना लावा निकाल कर नहाने चला जाता है जब वो नहा कर बाहर आता है
तो उसे देवकी और रामु कौशल्या के साथ बातें करते हुए नज़र आते है वो भी उनके पास जाकर बैठ जाता है।
देवा ने बस कमर पर टॉवल लपेट रखा था।
उपर से बिलकु ल नंगा।
उसकी छाती पर के घुंघराले बाल दूर से चमक रहे थे।
देवकी;देवा को देख मुस्कु रा देती है।
आओ आओ देवा बैठो मै और रामु अभी अभी खेत से आये तो बहु ने बताया की तू आया है।
देवा;हाँ मामी वो तुम तो जानती हो ममता के रिश्ते की बात शुरु है न तुम्हारे पड़ोस में । उसी सिलसिले में आना हुआ।
देवकी;हाँ हाँ अपनी गरज़ है तो चला आया वरना कहाँ तू अपनी मामी को याद करता है।
खाना खाया की नही।
कौशल्या;वहां से उठके अंदर चलि जाती है और रामु देवा के साथ बातें करने लगता है।
देवकी की नज़र देवा के शरीर से हटने का नाम नहीं ले रही थी।
उसकी चूत में चींटियां जैसे रेंगने लगी थी।
देवा था ही ऐसा। एक बार जो देख ले देखता रह जाए और एक बार जो चुदवा ले बस उसकी चूत को फिर किसी और का
लंड नहीं भाता था।
रामु और देवा बातें ही कर रहे थे की वहां कोमल और प्रिया आ धमकते है।
देवा;कोमल को देख उठने लगता है।
ताकी शर्ट पहन ले मगर फिर प्रिया को देख वो अपना इरादा बदल के वैसे ही वही बैठ जाता है।
देवकी;अरे कोमल अच्छा हुआ तू आ गई। मै रामु को भेजने ही वाली थी।
देवा आया है आज।
कोमल;एक कातिल नज़र देवा की तरफ डालते हुए
मै देख चुकी हूँ बहुत पहले ही देवा को।
देवकी;कब।
कोमल;अरे बाहर वो ट्रैक्टर खड़ा है ना मुझे तभी लगा की देवा आया होगा।
देवकी;तू खड़ी क्यों है बैठ ना।
प्रिया बेटी तू भी बैठ जा ।
प्रिया और कोमल देवा के सामने वाली चारपाई पर बैठ जाते है।
देवकी;आँखों के ईशारे से देवा को कपडे पहन कर आने के लिए कहती है मगर देवा टस से मस नहीं होता।
कोमल जिस तरह से देवा से बदन सटा करके आई थी उसके घर से। उस से देवा को एक बात तो पता चल गई थी की कोमल
गदराई हुई है। अगर उसे ठीक तरह से पटाया जाए तो बहुत मजा हाथ लग सकता है।
मगर कोमल ममता की होने वाली सास भी थी इसलिए देवा कोई जल्दबाज़ी नहीं करना चाहता था।
वो सोच कर ही आया था की अगर ये रिश्ता पक्का हो जाता है तो वो कोमल को एक बार ज़रूर पेल देगा।
ताकी ममता को अपने ससुराल में कोई परेशान न कर सके । मगर प्रिया को देख उसके मुँह में खट्टा खट्टा पानी भी आ गया
था।
कोमल;भाई देवा तुम यहाँ आये हो तो तुम्हें हमारे घर पर ही रहना पडेगा।
देवकी;ऐसा क्यों भला।
कोमल;वो इसलिए की कल को देवा और उसके परिवार वालो को ये न लगे की उनकी बेटी को कोई परेशानी है।
मेरी भी एक जवान बेटी है । मै भी उसके शादी के वक़्त चार पाँच दिन उसकी होने वाली ससुराल रह कर आऊँ गी।
जहां बेटी देते है उन लोगों का रहन सहन भी जानना जरूरी है न।
कोमल;देखो देवा मै खुले विचारों वाली औरत हूँ तुम हमारे घर पर रहोंगे उसके बाद अगर तुम्हें ठीक लगे तो
आगे की बात करना वरना नहीं। आखिर तुम अपनी बहन दे रहे हो हमारे यहां क्यों देवकी सही कहा न मैने।
देवा;हाँ हाँ सोलह आने सही।
देवा;ठीक है काकी जैसा आप चाहे । वैसे भी दोनों घर आमने सामने ही तो है जब दिल चाहे यहाँ जब दिल चाहे वहाँ।
रामु; मामी मुझे बहुत ज़ोरों की भूख लगी है।
देवकी; अभी लगा देती हूँ बेटा। कोमल तू भी खाना खा ले।
कोमाल;नहीं नहीं मै खा चुकी हूँ।
कोमल और प्रिया खड़ी हो जाती है।
देवा;कोमल की कमर को ही देख रहा था की कोमल अचानक से देवा की तरफ पलटती है।
रात का खाना हमारे घर पर खाना देवा बेटा।
देवा;हाँ में सर हिला देता है।
और कोमल अपनी बेटी प्रिया के साथ वहां से चली जाती है।
कोमल; हरी। अरे वो अपने दोस्तो के साथ शिरडी गया हुआ है एक हफ्ते बाद आयेगा। अगर पता होता की तुम आने वाले हो
तो रोक लेती।
देवा; अच्छा कोई बात नहीं बाद में मिल लेंगे।
इधर उधर की बाते करने के बाद कोमल एक रूम में देवा के लिए बिस्तर लगा देती है।
कोमल;देवा तुम यहाँ सो जाओ।
देवा; मैं थोड़ा बाहर घूम के आता हूँ।
मुझे खाना खाने के बाद बाहर घुमने की आदत है।
कोमल;ठीक है जब आ जाओ तो यहाँ सो जाना।
देवा;ठीक है कहकर बाहर निकल जाता है।
रात काफी हो चुकी थी। वो गांव में इधर उधर भी नहीं जा सकता था। काफी अँधेरा था। वो देवकी के घर में जाने लगता है।
उसकी नज़र रामु के रूम की तरफ पडती है।
पुरे घर में अँधेरा था बस रामु के रूम में रौशनी थी।
देवा;दिल ही दिल में सोचने लगता है।
चलो देखते है।
रामू कौशल्या भाभी की कै से लेता है।
वो दबे पांव रामु के रूम की खिडकी के पास जाकर खड़ा हो जाता है।
जैसे ही वो अंदर झाँक कर देखता है।
हैरान रह जाता है।
कौशल्या;नीचे ज़मीन पर गहरी नींद में सोई हुई थी और रामु ऊपर बेड पर नंगा लेटा हुआ था।
और उसके लंड पर देवकी झुकी हुई थी।
रामु;अपने लंड को अपनी प्यासी माँ की चूत की गहराइयों में पहुंचा देता है मगर शायद वो उस जगह तक नहीं जा पाता। जहाँ
देवकी के चूत ख़तम होती थी।
अपने मन को मार कर देवकी अपनी कमर ऊपर उठा उठा कर रामु के लंड को अंदर लेने लगती है
और देवा अपने लंड को सहलाता हुआ वहां से वापस कोमल के घर में लौट आता है।
जब वो कोमल के घर में पहुँचता है तो उसे कु छ खुसुर पुसुर की आवाज़ें सुनाई देती है वो कोमल के रूम में झाँक कर देखता
है।
कोमल का पति सिर्फ चड्डी पहने बैठा हुआ था और कोमल अपनी साडी निकाल कर लहँगा खोलने में लगी हुई थी।
कोमल का पति ';क्या बात है आज तो बिना बोले सब उतार रही है।
कोमल; धीरे बोलो घर में मेहमान है।
कोमल; अपना लंहगा उतार कर अपने पति के पास आकर बैठ जाती है और उसकी
चड्डी उतार कर उसका मुर्झाया हुआ लंड हाथ में लेकर हिलाने लगती है।
ये कभी जल्दी खड़ा नहीं होता।
कोमल का पति ;मुँह में ले कर चूस न अभी खड़ा हो जायेंगा।
कोमल झुकती है और अपने पति के लंड को मुँह में लेकर पूरा का पूरा अंदर खीच लेती है गलप्प गलप्प्प चूसने लगती है।
कोमल;सुनो जी आज जल्दी मत निकाल देना तुम्हारा पानी।
कोमल का पति ;तू चिंता मत कर।
वो कोमल की दोनों टाँगें खोल कर अपना लंड उसकी चूत पर घीसने लगता है और उसे कोमल के बड़े से सुराख़ में उतार देता
है।
कोमल के चेहरे को देख कर देवा समझ जाता है की कोमल की चूत में लंड जाने से उसे कोई खास फ़र्क़ नहीं पडा।
कोमल अपने एक हाथ से चूत के दाने को मसलने लगती है और उसका पति हाँफता हुआ अपनी कमर को आगे पीछे करने
लगता है।
और कु छ ही देर में वो अपना पानी कोमल की चूत के ऊपर निकाल के एक तरफ निढाल सा लेट जाता है।
कोमल दिल ही दिल में अपने पति को गालियां देते हुए ऑंखें बंद कर लेती है।
उसका पानी अब भी नहीं निकला था वो ऑखें बंद करके देवा के लंड के बारे में सोचने लगती है।
और उसे ऐसे लगता है जैसे देवा कौशल्या को नहीं बल्कि उसके दोनों पांव खोल कर चोद रहा है
वो चरम पर पहुँच जाती है और ढेर सारा पानी कोमल की चूत से बहता हुआ जांघो से नीचे बहने लगता है।
देवा;अब भी वही खड़ा सब देख रहा था।
कोमल ऑंखें खोलती है और उसकी नज़र भी दरवाज़े की तरफ चली जाती है देवा वहां से खिसक जाता है और अपनी जगह
आकर लेट जाता है।
कोमल के चेहरे पर एक मुस्कान सी फै ल जाती है।
तकरीबन दो घंटे बाद।
देवा गहरी नींद में सोया हुआ था।
तभी उसे अपने पांव पर कु छ गीला गीला सा महसूस होता है।
वो धीरे से ऑखें खोल कर देखता है।
कोमल उसके पांव के पास बैठी देवा के पैर का अंगूठा मुँह में लिए चूस रही थी कोमल की ऑंखें बंद थी।
देवा; कौन।
कोमल;घबरा कर वहाँ से दबे पांव अपने रूम में चली जाती है।
और देवा सोचने लगता है।
बहुत जल्द ये चिडीया जाल में फँ स जाएगी
अपडेट 70
अपनी ज़िन्दगी के वो उस दौर से गुज़र रही थी जब एक मरद की निगाह भी लड़की की चूत को गीला करने के लिए काफी
होती है और देवा की जानलेवा निगाहें उसी पर टीकी हुई थी।
उसका ध्यान रोटी बेलने में कम और अपनी चूत को सुलाने में ज़्यादा लगा हुआ था।
देवा;नाश्ता ख़तम कर लेता है।
प्रिया;और दुं।
देवा;नहीं अभी नहीं चाहिए।
बाद में लूंगा।
प्रिया; बुरी तरह सकपका जाती है।
देवा;उठके सीधा देवकी के घर चला जाता है।
देवकी के घर में सन्नाटा पसरा हुआ था।
देवा; मामी मामी कहता हुआ अंदर तक चला जाता है मगर उसे कोई नज़र नहीं आता। वो देवकी के रूम में चला जाता है।
उसे देवकी अपने बेड पर बैठी बाल संवारती हुई नज़र आती है।
वो शायद अभी अभी नहा कर बाहर आई थी।
देवा;क्या बात है मामी घर में कोई नज़र नहीं आ रहा।
देवकी;रामु और बहु तेरे मामा के साथ खेत में गए है।
आज गन्ने की कटाई है इसलिए। क्यों तुझे किसी से काम था।
देवा;वही देवकी के क़दमों में बैठ जाता है।
मुझे तो अपनी मामी से ही काम है।