Professional Documents
Culture Documents
Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Printable Versi - 1714537610177
Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Printable Versi - 1714537610177
Pages: 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43
44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85
86 87 88 89 90 91 92 93 94
अपडेट 65
नीलम देवा को तड़पा के वहां से अपने घर भाग जाती है मगर देवा की कोई इच्छा नहीं थी अपने घर वापस जाने का।
शालु और पप्पू दूर खड़े देवा के बारे में ही बातें कर रहे थे। दोनो माँ बेटे सलाह करके देवा के पास आते है और शालु देवा को
घर चल के खाना खाने के लिए कहती है।
देवा;मना करता है मगर शालु उसे ज़बर्दस्ती अपने घर ले आती है।
खाना खाने के बाद देवा आराम करने पीछे के रूम में चला जाता है और पप्पू अपने खेत में काम करने के लिए निकल जाता
है।
शालु और नीलम घर में साफ़ सफाई कर रहे थे।
शालु;अरे नीलम बेटी वो ज़रा देवा को हल्दी वाला दूध का एक गिलास दे दो।
नीलम;ठीक है माँ। नीलम एक गिलास में दूध डालके उस में थोडी सी हल्दी मिलाके देवा के पास जाती है।
देवा उस वक़्त बिस्तर पर लेटा अपनी माँ और बहन के बारे में सोच रहा था । नीलम को देख वो उठके बैठ जाता है।
नीलम;शर्माते हुए दूध का गिलास देवा की तरफ बढाती है देवा गिलास लेने के बहाने नीलम का नाज़ुक हाथ दबा देता है।
नीलाम; बनावटी ग़ुस्से से देवा को घुरने लगती है।
देवा;इशारे से नीलम को बैठने के लिए कहता है।
नीलम;चुप चाप एक कोने में बैठ जाती है।
एक बात पुछु ।
देवा;हाँ पूछ ना।
नीलम;वो वो आप माँ से नाराज़ क्यों है।
देवा;माँ मेरी शादी करवाना चाहती है उनके रिश्तेदार की लड़की से।
नीलम;चौंक के देवा की तरफ देखती है।
क्या।
देवा;हाँ नीलम बस इसी बात को ले के माँ और मेरे बीच तू तू मै मै हो गई थी।
नीलम की ऑखों में ऑंसू आ जाते है वो अपने ऑसू छू पाने के लिए सर झुका लेती है।
देवा;क्या हुआ।
नीलम;कु छ नही।
आप क्या चाहते है।
देवा;माँ को मै नाराज़ नहीं देख सकता नीलम।
नीलाम;ये सुनके सिसक पडती है।
देवा; अरे अरे रोती क्यों है।
नीलम;देवा का हाथ झटक के खड़ी हो जाती है।
देवा;अरे पगली रो मत मै तो मज़ाक़ कर रहा था।
माँ कोई मेरी शादी वादी नहीं करवाना चाहती वो तो बस एक छोटी सी बात पर माँ और मेरे बीच बहस हो गई थी । तू भी न
पगली कही की।
नीलम ;दना दन देवा की छाती पर मुक्कों की बरसात कर देती है।
और देवा हँसता हुआ नीलम को अपने बाहों में समेट लेता है।
नीलम; आइन्दा ऐसी बात मुँह से निकली भी न मेरे सिवा किसी और के बारे में सोचना भी मत।
देवा;और अगर सोचा तो।
नीलम;जान से मार दुंगी।
देवा; किसे मुझे।
नीलाम;नहीं आपको नहीं उसे और फिर खुद भी मर जाऊँ गी बोल देती हूँ।
देवा;नीलम को अपनी छाती से और कस के चिपका लेता है।
मेरे दिल के एक एक धड़कन में तू बसी है नीलम मुझे तेरे सिवा कोई नहीं भाता।
अरे मेरी जान ऐसे ही नहीं कहता मै तुझे।
नीलम;सब झूठ है।
हमेशा सताते रहते हो मुझे।
देवा;एक ही है ना मुँह लगाने को। दो चार होती तो इतना नहीं सताता।
नीलम;एक से ही काम चलाना पडेगा।
देवा;नीलम की ऑखों में देखने लगता है।
नीलम;ऐसे क्या देख रहे हो जी।
देवा;अपने आप को देख रहा हूँ।
नीलम;ऑंखें बंद कीजिये।
देवा;क्यूं।
अपडेट 66
शालु;और तू भी मना नहीं कर सकता था उसे। जब देखो मेरे बेटे के मुँह में डाले रहता है।
देवा;शालू का हाथ पकड़ के उसे चारपाई पर अपने पास खीच लेता है।
शालु;आहह क्या कर रहा है देवा छोड मुझे।
देवा;मुझे लगा तुम आओगी सासु माँ मगर तुम्हारा बेटा आ गया।
अब उस ने जो अधूरा काम छोड़ा है उसे पूरा कर दो ज़रा।
शालु;उन्हह कौन सा काम।
देवा;अपने दोनों हाथों से शालु के नरम नरम ब्रैस्ट मसलने लगता है।
तूम तो जानती हो मेरे लंड को खड़ा करने के बाद क्या चाहिए।
या तो इसे अपने मुँह में ले कर ठण्डा करो या मै पप्पू की जाकर लूँगा।
शालु;उन्हह हरामी है तू बड़ा। आहह छोड मुझे मत कर ना बेटा आह्ह्ह्ह। मै तेरी माँ जैसी हूँ ना।
देवा;तभी तो और मन करता है बस एक बार दे दे मुझे काकी। ज़िन्दगी भर तेरी ग़ुलामी करुँ गा मैं।
शालु;नहीं कभी नहीं दूंगी मै आअह्हह्हह्हह।
देवा;साली नखरे करती है। कबसे छु प छु प के अपने बेटे को देख रही है मेरा लंड चुसते हुए। चल ले वरना.....
देवा;खड़ा हो जाता है और ज़बर्दस्ती शालु की नाइटी को उतार के उसे ऊपर से नंगी कर देता है।
देवा;मुँह खोल।
शालु;इधर उधर देखती है और देवा के लंड को अपने मुँह में लेकर जल्दी जल्दी चुसने लगती है इस डर से की कही कोई आ न
जाए।
देवा;आहह सासु माँ क्या चीज़ है तू भी।
आह नशा और बढा देती है मेरी रानी।
शालु;गलप्प गलप्प गलप्प्प गलप्पप्प।
ये झरता क्यों नही जल्दी गलप्प गलप्प।
देवा;उसे चूत चाहिए या तो अंदर ड़ालने दो या ऊपर रगडने दो आअह्हह्हह्हह।
शालु;जो करना है जल्दी आह्ह्ह्ह कोई आ जायेगा बेटा हां गलप्प गलप्प गलप्पप्पप्पप्प।
देवा;यही तो सुनना चाहता था वो शालु को लिटा के उसकी शलवार और पेंटी भी उतार देता है।
शालु;मुझे नंगी क्यों कर रहा है ऊपर से रगड ना।
देवा;शालू की चालाकी बहुत अच्छी तरह जानता था। शालु झडने के बाद देवा की गाण्ड पर लात मार कर वहां से भाग जाती।
इस बात से अच्छी तरह वाकिफ़ देवा इस बार अपने लंड को उसकी चूत पर रगडने की बजाये अपनी ज़ुबान से शालु की
चिकनी चूत को कु रेदने लगता है।
जैसे ही देवा की ज़ुबान शालु की चूत से टकराती है शालु उछल पडती है।
देवा;अपनी सास की गरम चूत का जैसे दीवाना हो गया था। वो शालु को अपने नीचे पूरी तरह छु पा के
उसके मुँह में मुँह डाल के कमर को तेजी से ऊपर नीचे करने लगता है।
शालु;आहह देवा इतनी अंदर आज तक नहीं महसूस की मैने।
अपनी काकी की भी जान निकाल देता है रे तू बेटा।
देवा;शालू मेरी जान कितना तड़पाया है तूने मुझे। आज मै तुझे सोने नहीं दूंगा रात भर।
शालु: मैं भी सोना नहीं चाहती अपने दामाद से रात भर चुदना चाहती हूँ।
आह धीरे धीरे पेलो ना दामाद जी।
देवा;आह्ह्ह कितनी गरम और टाइट चूत है तेरी काकी। मेरा लंड फं सा फं सा जा रहा है। रश्मि की चूत भी तेरे सामने कु छ नहीं
शालु।
शालु;आहह अब तो मेरी बेटी भी आ रही है।
अपने आप को बड़ा मरद कहता है न तु। उसके सामने मुझे चोद के दिखाओ तो मान लुँगी हाँ आह्ह्ह्ह।
देवा;चिंता मत करो सासु माँ रश्मी के सामने भी तेरी चूत और गांड नहीं मारा तो मेरा नाम देवा नहीं।
देवा: एक ऊँ गली शालू की गांड में पेलते हुए ।आह साली रंडी।क्या मस्त गांड है तेरी।कु तिया तो तू बन ही गई है।आज रात
भर तेरी गांड मारूँ गा मैं।कितनी टाइट गांड है तेरी।मेरी ऊँ गली भी नहीं घुस रही है।
शालू: आह देवा । मेरी गांड छोड़ दे बेटा तू मेरी चूत पर ध्यान दे।पहले मेरी चूत की गर्मी शांत कर दे। मैं अपनी गांड भी तुझे
दूंगी बेटा।आह्ह्ह्ह्ह्ह चोद और जोर जोर से आह्ह्ह्ह फाड़ डाल मेरी चूत को आह्ह्ह्ह्ह्ह।
देवा शालू की गांड से ध्यान हटाकर उसकी चूत को किसी रंडी की तरह चोदने लगता है। जब कभी शालू अपनी गांड हटाना
चाहती है तो देवा उसकी गांड पर चटाक से थप्पड़ मारता है।फिर कु तिया बनी शालू की चूत बहुत जोर जोर से चोदने लगता
है।
देवा;पप्पू को आँख मार देता है और शालु को अपने ऊपर खीच लेता है।
शालु;का मुँह पप्पू के रहते बंद हो जाता है जितना वो खुल कर देवा से चुदाई की बातें कर रही थी।
पप्पू की मौजूदगी में उतना ही चुप हो गई थी। वो वहां से भाग जाना चाहती थी मगर चूत की गर्मी थी की उसे ऐसा करने से
रोक रही थी।
अपने जमाई के ऊपर सवार शालु कु छ भी सोचने समझने की स्थिति में नहीं थी।
इससे पहले शालु कु छ कह पाती देवा नीचे से अपना लंड शालु की नाज़ुक चूत में ठोक देता है।
शालु;आह्ह्ह उहँन बस सिसक के रह जाती है।
वो पीछे पलट के पप्पू की तरफ देखती है।
पप्पू;मुस्कराता हुआ अपना लंड पीछे से शालु की गाण्ड में लगा देता है।
शालु;आहह नहीं बेटा वहां नही मै नही ले पाऊँ गी।
मगर आज शालु का दिन नहीं था आज उसे अपनी चूत और गाण्ड दोनों जवान लौडों को सौंपनी थी।
पप्पू;का छोटा सा लंड खिसकते खिसकते धीरे धीरे शालु की गाण्ड में घुस जाता है।
और शालु निढाल देवा की छाती से चिपक जाती है।
देवा;अपनी शालु के कानो में धीरे से कहता है।
कै सा है पप्पू का लंड।
शालु;कु छ नहीं कहती बस ज़ोर से देवा के गाल को काट लेती है।
पीछे से पप्पू के धक्के शालु की जवानी की आग को और भड़काने लगते है।
पहली बार उसके दोनों सुराखों में एक साथ दो लंड थे वो चिखना चाहती थी।
चिल्लाना चाहती थी मगर पप्पू के रहते सिसक सिसक के रह जाती है।
पप्पू;अपने लंड को शालु की गाण्ड में अंदर डाल के दोनों कमर पकड़ के ज़ोर से चीखते हुए रुक जाता है
और शालु को अपनी गाण्ड में गरम गरम पानी गिरता हुआ महसूस होता है।
अपने बेटे के पानी को अपनी गाण्ड में महसूस करके शालु भी देवा के लंड के ऊपर झरने लगती है मगर देवा इतनी जल्दी
मैदान छोडने वालों में से नहीं था।
पप्पू;अपना पानी निकाल के वही सामने बिस्तर पर लेट जाता है।
शालु;देवा के ऑखों में देखने लगती है।
देवा;इशारे से उससे कु छ पूछता है और शालु शर्मा कर हाँ में सर हिला देती है।
देवा;शालू को अपनी गोद में बैठा देता है।
और जहाँ कु छ देर पहले पप्पू का लंड था उसी गाण्ड की सुराख़ पर देवा अपना लंड घीसने लगता है।
शालु के सामने पप्पू लेटा हुआ था। अपने बेटे के सामने
अपने दामाद के लंड पर गाण्ड घिसवाते शालु का तन बदन काँपने लगता है।
शालु;देवा मार मेरी गाण्ड आअह्हह्हह्हह।