मानव जीवन का आत्यंतिक लक्ष्य भगवद प्राप्ति है। शास्त्रों ने अनेक साधन बताये हैं। जिनमें भगवन्नाम संकीर्तन का बिशेष महत्त्व है। संसार के सभी धर्मों में ईश्वर के नाम जप का विधान है। कलिपावनावतार गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी कहा है -
एहि कलि काल मलायतन मन करि देखु विचार ।
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मानव जीवन का आत्यंतिक लक्ष्य भगवद प्राप्ति है। शास्त्रों ने अनेक साधन बताये हैं। जिनमें भगवन्नाम संकीर्तन का बिशेष महत्त्व है। संसार के सभी धर्मों में ईश्वर के नाम जप का विधान है। कलिपावनावतार गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी कहा है -
एहि कलि काल मलायतन मन करि देखु विचार ।
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मानव जीवन का आत्यंतिक लक्ष्य भगवद प्राप्ति है। शास्त्रों ने अनेक साधन बताये हैं। जिनमें भगवन्नाम संकीर्तन का बिशेष महत्त्व है। संसार के सभी धर्मों में ईश्वर के नाम जप का विधान है। कलिपावनावतार गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी कहा है -
एहि कलि काल मलायतन मन करि देखु विचार ।
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