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गरु
ु गोरक्षनाथ स्मशान भम
ू ी ट्रस्ट सिन्नर,
जि नासशक.
रजि. नं. ए - १२३२ / नासशक
पाल भप
ू ाल के पालनते सशव,
मोल दिमाल भयो उजियारो।
को निी िानत िै िग मे िती
गोरखनाथ िै नाम तुम्िारो ॥
ऋवष मुनन िे िंवाि भयो िब,
युग कसलयुग को भयो प्रचारों।
काया मे ििी ककया िब िब
रािा भरति
ु ारी को िुःु ख ननवारो,
ले योग सशष्य भय िब रािा,
रानी वपंगला को िंकट तारो ।
को निी िानत िै िग मे िती
गोरखनाथ िै नाम तम्
ु िारो ॥
िोिा
नव नाथो मे नाथ िै ,
आदिनाथ अवतार ।
िती गुरु गोरक्षनाथ िो,
पण
ू ा ब्रह्म करतार॥
िंकट -मोचन नाथ का,
िम
ु रे चचत्त ववचार ।
िती गरु
ु गोरक्षनाथ िी
मेरा करो ननस्तार ॥