Professional Documents
Culture Documents
सवार्�र� �नवारण स्तोत्र प्रायः सभी �ोत म� सव��म है ! इस �ोत के पठन मात्र से
व्य�� अपनी कंु डल� म� उपिस्थत �कसी भी प्रकार का ग्रह दोष या �फर भत ू -प्रेत
और शत्रओ
ु का डर ह� क्य� न हो सम्पणू र् �वजय प्रदान करने वाला है । इस स्तोत्र
का पाठ करने मात्र से व्य�� सवर् काय� म� सफलता प्रा� करता है।
काल� काल� महाकाल� काल�के परमेश्वर� ।सवार्नंद करे दे वी नाराय�ण नमो स्तुते ॥
सवार्�र� �नवारणाय स्वाहा।सवार्�र� �नवारणाय स्वाहा।सवार्�र� �नवारणाय स्वाहा।
गङ्गा पापं शशी तापं दै न्यं कल्पतरुस्तथा ।पापं तापं च हरती दै न्यं च गुरु दशर्नम
॥ श्रीगुरुद�ात्रेयापर्णमस्तु ॥
|| श्री स्वामी समथार्पणर् मस्त|ु |