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है रान मत होना

जो कभी मुझे गु नगु नाते सु न लेना

तो है रान मत होना ,

जो कभी मुझे थोडाा़ शाां त दे ख ले ना

तो परे शान मत होना ।

जो कभी मैं कही ां मगरुर ददख जाऊँ

तो है रान मत होना ,

सु न ली होगी अपने मन की

बस इतना समझ ले ना ।

जो कभी अचानक चहचहा उठँ

तो है रान मत होना ,

आज खुलकर मेरा रूप ददखा

बस इतना जान समझ लेना ।

जो कभी थोडाा़ शाां त नज़र आऊँ

तो परे शान मत होना,

कध
ां ददया होगा कुछ मुझे

बस इतना समझ ले ना ।

अगर ददख जाऊँ गु नगु नाती

तो है रान मत होना ,

होांगी दबखेरी खुदशयाँ

बस इतना समझ ले ना ।

जो मैं अदडयल हो जाऊँ कभी

तो है रान मत होना ,

हलचल है मेरे अांदर


कुछ कर गु ज़रने की

बस इतना समझ ले ना।

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