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दया कर, दान भक्ति का, हमें परमात्मा दे ना।

दया करना, हमारी आत्मा को शु द्धता दे ना॥


हमारे ध्यान में आओ, प्रभु आँ खोों में बस जाओ।
अोंधेरे ददल में आकर के परम ज्योदत जगा दे ना॥
दया कर, दान भक्ति का, हमें परमात्मा दे ना।

बहा दो प्रे म की गोंगा ददलो में प्रेम का सागर।


हमें आपस में दमलजुल कर प्रभु रहना दसखा दे ना॥

दया कर, दान भक्ति का, हमें परमात्मा दे ना

हमारा धमं हो सेवा हमारा कमम हो सेवा


सदा ईमान हो सेवा हो सेवकचर बना दे ना।(सफल जीवन बना दे ना)
दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा दे ना।

वतन के वास्ते जीना वतन के वास्ते मरना।


वतन पर जा दिदा करना प्रभु हमको दसखा दे ना॥
दया कर, दान भक्ति का, हमें परमात्मा दे ना

दया करना, हमारी आत्मा को शु द्धता दे ना


दया कर, दान भक्ति का,हमें परमात्मा दे ना

दया कर, दान भक्ति का, हमें परमात्मा दे ना


तुम ही हो माता, दपता तुम्ही हो।
तुम ही हो बोंधू, सखा तुम्ही हो॥

तुम्ही हो माता दपता तुम्ही हो।


तुम्ही हो बोंधू सखा तुम्ही हो॥

तुम ही हो साथी, तु म ही सहारे


कोई ना अपना दसवा तुम्हारे ।
तुम ही हो नईया, तु म ही क्तखवईया
तुम ही हो बोंधू, सखा तुम ही हो॥

तुम ही हो माता, दपता तुम्ही हो।


तुम ही हो बोंधू, सखा तुम्ही हो॥

जो क्तखल सके ना वो फूल हम हैं


तुम्हारे चरणोों की धू ल हम हैं।
दया की दृदि सदा ही रखना
तुम ही हो बोंधू, सखा तुम्ही हो॥

तुम्ही हो माता दपता तुम्ही हो।


तुम्ही हो बोंधू सखा तुम्ही हो॥

तुम ही हो माता, दपता तुम्ही हो।


तुम ही हो बोंधू, सखा तुम्ही हो॥
इतनी शक्ति हमें दे ना दाता
मन का दवश्वास कमजोर हो ना।
इतनी शक्ति हमें दे ना दाता
मन का दवश्वास कमजोर हो ना।
हम चले नेक रस्ते पे हमसे
भूलकर भी कोई भूल हो ना॥
इतनी शक्ति हमें दे ना दाता
मन का दवश्वास कमजोर हो ना।

दू र अज्ञान के हो अों धेरे,


तू हमें ज्ञान की रौशनी दे ।
हर बुराई से बचते रहें हम,
दजतनी भी दे भली द़िन्दगी दे ॥
बैर हो ना दकसी का दकसी से
भावना मन में बदले की हो ना।
हम चले नेक रस्ते पे हमसे
भूलकर भी कोई भूल हो ना॥
इतनी शक्ति हमें दे ना दाता
मन का दवश्वास कमजोर हो ना

हम ना सोचें हमें क्या दमला है


हम ये सोचे दकया क्या है अपमण।
फूल खुदशयोों के बाँ टे सभी को
सब का जीवन ही बन जाए मधुबन॥
अपनी करुणा का जल तू बहा के
कर दे पावन हर एक मन का कोना।
हम चले नेक रस्ते पे हमसे
भूलकर भी कोई भूल हो ना॥
इतनी शक्ति हमें दे ना दाता
मन का दवश्वास कमजोर हो ना
हम को मन की शक्ति दे ना, मन दवजय करे
दू सरोों की जय से पहले , खु द को जय करे

हम को मन की शक्ति दे ना, मन दवजय करे


दू सरोों की जय से पहले , खु द को जय करे
हम को मन की शक्ति दे ना

भेदभाव अपने ददल से साि कर सके


दोस्तोों से भूल हो तो माि कर सके

झठ ू से बचे रहें , सच का दम भरे


दू सरोों की जय से पहले , खु द को जय करे

हम को मन की शक्ति दे ना,
मन दवजय करे
दू सरोों की जय से पहले , खु द को जय करे
हम को मन की शक्ति दे ना

मुक्तिलें पडे तो हम पे इतना कमम कर


साथ दे तो धमम का, चले तो धमम पर

खुद पे हौसला रहे , बदी से ना डरे


दू सरोों की जय से पहले , खु द को जय करे

हम को मन की शक्ति दे ना, मन दवजय करे


दू सरोों की जय से पहले , खु द को जय करे
हम को मन की शक्ति दे ना
ऐ मादलक तेरे बन्दे हम ऐसे होों हमारे करम
नेकी पर चलें और बदी से टलें
तादक हों सते हुए दनकले दम
ये अँधेरा घना छा रहा तेरा इों सान घबरा रहा
हो रहा बेखबर, कुछ न आता ऩिर
सुख का सूरज छु पा जा रहा है
तेरी रौशनी में जो दम तू अमावास को कर दे पूनम
नेकी पर चलें और बदी से टलें
तादक हों सते हुए दनकले दम …
जब जुल्ोों का हो सामना तब तू ही हमें थामना
वो बुराई करे हम भलाई भरें नही ों बदले की हो कामना
बढ़ उठे प्यार का हर कदम और दमटे बैर का ये भरम
नेकी पर चलें और बदी से टलें
तादक हों सते हुए दनकले दम …
बडा कम़िोर है आदमी, अभी लाखोों हैं इसमें कमी
पर तू जो खडा है दयालू बडा तेरी दकरपा से धरती थमी
ददया तूने हमे जब जनम तू ही झेलेगा हम सबके ग़म
नेकी पर चलें और बदी से टलें
तादक हों सते हुए दनकले दम..
सूरज की गमी से जलते हुए तन को दमल जाये तरुवर की छाया,
ऐसा ही सुख मेरे मन को दमला है , मैं जब से शरण तेरी आया, मेरे राम |

भटका हुआ मेरा मन था, कोई दमल ना रहा था सहारा |


लहरोों से लगी हुई नाव को जैसे दमल ना रहा हो दकनारा |
इस लडखडाती हुई नव को जो दकसी ने दकनारा ददखाया,
ऐसा ही सुख मेरे मन को दमला है , मैं जब से शरण तेरी आया | मेरे राम ||

शीतल बने आग चन्दन के जैसी राघव कृपा हो जो तेरी |


उजयाली पूनम की हो जाये राते जो थी अमावस अँधेरी |
युग युग से प्यासी मुरुभूदम ने जैसे सावन का सोंदेस पाया |
ऐसा ही सुख मेरे मन को दमला है , मैं जब से शरण तेरी आया | मेरे राम ||

दजस राह की मोंदजल तेरा दमलन हो उस पर कदम मैं बडाऊ |


फूलोों मे खारोों मे पतझड बहारो मे मैं ना कबी डगमगाऊ |
पानी के प्यासे को तकदीर ने जैसे जी भर के अमृत दपलाया |
ऐसा ही सुख मेरे मन को दमला है , मैं जब से शरण तेरी आया | मेरे राम ||
तू प्यार का सागर है , तेरी एक बूँद के प्यासे हम।
लौटा जो ददया तूने, चले जायेंगे जहाों से हम॥
तू प्यार का सागर है , तेरी एक बूँद के प्यासे हम।
तू प्यार का सागर है
घायल मन का पागल पोंछी,
उडने को बेकरार।
पोंख हैं कोमल,
आँ ख है धुोंधली,
जाना है सागर पार।
अब तू ही इसे समझा,
राह भूले थे कहाँ से हम॥
तू प्यार का सागर है ,
तेरी एक बूँद के प्यासे हम।
तू प्यार का सागर है
इधर झमू के गाए दजन्दगी,
उधर है मौत खडी।
कोई क्या जाने कहाँ है सीमा,
उलझन आन पडी।
कानोों में ़िरा कह दे
कानोों में ़िरा कह दे के
आये कौन ददशा से हम॥
तू प्यार का सागर है , तेरी एक बूँद के प्यासे हम।
तू प्यार का सागर है तू प्यार का सागर है

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