You are on page 1of 28

प्रमाण पत्र

प्रमाणित णिया जाता है िी मै णिताबुन खातून. क्रमाां ि –


16BASG001 पांजीयन सांख्या—16BASG001 IDR NO-1712041001
सत्र-2016-2019 सेमेस्टर 6 िी छात्रा हूँ मेरे णनर्दे शन में शहरी क्षेत्र
में ‘’युवाओां में बेरोजगारी समस्या‘’ सांर्दर्भ में एि ‘’समाजशास्त्र
अध्ययन’’ णवषय पर 16 वें पत्र आपूणतभ हे तु सवे क्षि िायभ णिया है ।
तथ्ोां िा सांिलन और आां िड़ो िा णवश्लेषि छात्रा िा णनजी
र्दाणयत्व है ।

सर्वेक्षण निर्दे निका नर्वभाग अध्याक्ष


डॉक्टर अिुपमा नसिंह डॉक्टर नर्विीता नसिंह
सुश्री श्रर्दॄरािी क्श्यप
समाजिास्त्र नर्वभाग
रािंची र्वीमेंस कॉले ज ,रााँची

आभार ज्ञापि
प्रस्तुत लघु सवेक्षि ‘’युर्वाओिं बेरोज़गारी की समस्या एक
समाजिास्त्री अध्ययि’’ राूँ ची मणहला िॉलेज प्रबांध िे समर्भन
तर्ा प्रोत्साहन िा प्रणतफल है , उत्तरर्दाताओां िी णवचार िो जानने
िा प्रयास णिया है । मुझे िई लोगोां िा सहयोग प्रत्यक्ष और
अप्रत्यक्ष र्दोनोां रूप से णलया है । णजसिा मैं आर्ार व्यक्त िरना
चाहती हूँ । सवभप्रर्म मैं अपने िॉलेज िी प्राचायभ डॉ मिंजु नसन्हा िा
आर्ार व्यक्त िरती हूँ । णवर्ाग अध्यक्ष नर्विीता नसिंह णजसिे िारि
हमारे िॉलेज िा चहुमुखी णविास हो रहा है । मैं अपने
णवर्ागअध्यक्ष और सवे क्षि णनर्दे णशिा डॉ अनुपमा णसांह,श्रीमणत सु श्री
श्रर्दॄारािी कयप ,श्रीमणत आशा िुमारी डॉ नप्रयिंका कुमारी िी
आर्ारी है । णवशेष तौर पर सवे क्षि णनर्दे शि डॉ अिुपमा नसिंह,
सुश्री श्रर्दॄारािी कयप उन्होने इस िायभ िी बारीणियोां से हमें
अवगत िराया । और अपने माता-णपता र्ाई-बहन सहपाणियोां तर्ा
अन्य पररवार िा तहे णर्दल से आर्ार प्रिट िरती हूँ ।
मैं अपने उत्तरर्दाताओां िा र्ी आर्ार व्यक्त िरती हूँ ।
णजन्होां अपना णिमती समय र्दे िर इस िायभ िो पूरा िराया है ।
नाम -णिताबून खातून
क्रमाि-16BASG001
पां जीयन सांख्या-16BASG001
IDR NO-170120410010
सत्र– 2016-2019

णवषय सूची
अध्याय पृ ष्ठ सां ख्या
1 1.1 पररचय या र्ूणमिा
1.2 पूवभ साणहत्य िा आध्यान
1.3 उद्दे श्य
2 2.1 झारखण्ड िा पररचय
2.2 राूँ ची िा पररचय
2.3 बररयातु बस्ती ,वडभ सां ख्या –8
3 3.1 णवश्लेषिात्मि पररपेक्ष्य
3.2 तथ्र्ो िा सांिलन िी णवणधया
3.3 णनर्दशभन /अनुसूची
3.4 साझात्कार
3.5 अवलोिन
3.6 तथ्र्ो सांिलन िी िणिनाई
4 4.1 उत्तरर्दाताओ िा सामाणजि आणर्भि पृष्ट र्ूणम
4.2 तथ्र्ो िा णवश्लेषि तर्ा सारिीयन
5 5.1 णनष्कषभ
5.2 सुझाव
पररणशष्ठ
सांर्दर्भ सूची /अनुसूची िी प्रणतणलणप /मेंप मानणचत्र /
पेपर िटाई।

युर्वाओिं मे बेरोज़गारी की समस्या


पररचय
युवाओां मे वतभमान पररवेश िे र्दौरान अनेि समस्या िो र्दे खा
जा रहा है । यु वाओां मे बेरोज़गारी िी समस्या प्रमुख समस्या है
बेरोज़गारी िो समान्यत से िहा जा सिता है िी व्यक्तक्त िे
वतभमान मजर्दूरी िी र्दर पर िाम िरना चाहता है ,परन्तु उसे िायभ
नहीां णमलता है । बेरोज़गारी िी क्तथर्णत वतभमान समय मे र्दे श मे इस
तरह व्यापि है िी आए णर्दन युवाओां मे असांतोष बढ़ता जा रहा
है । युवाओां मे बेरोज़गारी िी समस्या अत्यांत जणटल तर्ा गांर्ीर
समस्या है । यह समस्या अणधितर अल्पणविणसत र्दे शोां मे र्दे खा जाता
है । मनुष्य अपना जीवन स्तर ऊांचा उिाने, अपने आय वृक्ति िरने ,
णनधभनता िी समाधान िरने , तर्ा राष्टरीय आय वृक्ति िरने िे णलए
आवश्यि है िी र्दे श रोजगार िा स्तर बढ़ाया जाए।
बेरोज़गारी िा अर्भ है िायभ सक्षम होने िे बावजूर्द एि
व्यक्तक्त िो उसिी आजीणविा िे णलए िोई रोजगार न णमलना।
रोजगार िे अर्ाव मे व्यक्तक्त मारा मारा णफताभ है । वे मजर्दूरी िी
वतभमान र्दर पे िाम िरने िो तैयार है । परां तु उन्हे िोई िारिो से
िाम नई णमल पता है । बेरोज़गारी िा अनुमान लगाते समय िेवल
उन्हीां व्यक्तक्तयोां िी गिना िी जाती है जो िी :
(1) िाम िरने िे योग्य है ।
(2) िाम िरने िो इच्छु ि है ।
(3)मजर्दूरी िी वतभमान र्दर पर िाम िरने िो तैयार है ।

एि व्यक्तक्त िो जीवन में िई र्ूणमिा णनर्ानी पड़ती है


,णजनमें से उसिी अणधितम णनिभयि र्ूणमिा िमाने वाले एि
सर्दस्य िी है । यह णनिभयि इसणलए नहीां है णि एि व्यक्तक्त इस
र्ूणमिा िो णनर्ाने में अपनी जीवन िा एि -णतहाई समय लगा
र्दे ता है अणपतु इसणलए णि यह उसिी आजीणविा और प्रक्तथर्णत िो
णनधारि िरती है तर्ा उसिो अपने पररवार िी सहायता और
अपने पररवार और समाज िे सामाणजि र्दाणयत्वोां िो पूरा िरने िे
योग्य बनती है । यह शक्तक्तशाली र्ी बनाती है । यणर्द सक्षम और
अन्तणनणहत शक्तक्त रखने वाला व्यक्तक्त िम िरने से इां िार िरता है
यह उसे िम नहीां णमलता है तो न िेवल समाज मे िोई प्रणतष्ठा
णमलती है , अणपतु वह अनेि र्ावनात्मि एव सामाणजि समस्या से
ग्रणसत है ।
जब र्दे श में िायभ िरने वाली जनशक्तक्त अणधि होते है णिन्तु
िम िरने िे णलए राजी होते हुए र्ी बहुतो िो प्रचणलत मजर्दूरी
पर िम नहीां णमलता ,तो उस णवशेष अवथर्ा िो बेरोज़गारी िी
सांज्ञा र्दी जाती है । ऐसे व्यक्तक्तयोां िा जो मानणसि एव शारीररि दृणष्ट
से िायभ िरने िे योग्य और इच्छु ि है परां तु णजन्हें प्रचणलत मजर्दूरी
पर िायभ नहीां णमलता, उनिो बेिार िहा जाता है । व्यक्तक्त णिसी
र्दफ्तर में एि छोटे बाबू िी तरह िाम िरता है तो उसे बेरोजगार
व्यक्तक्त नहीां माना जा सिता है , अणधि से अणधि अल्प रोज़गार
व्यक्तक्त िहा जाएगा । बेरोज़गारी िे तीन तत्व है । व्यक्तक्त में िम
िरने िी क्षमता होनी चाणहय ,व्यक्तक्त में िाम िरने िी इच्छ होनी
चाणहय , और व्यक्तक्त िो िाम ढू ूँ ढने िे णलए प्रयत्न िरना चाणहए ।
इसिे आधार पर एि व्यक्तक्त जो शारीररि या मानणसि रूप से
उपांग है या णजसे पुरानी बीमारी है और िाम नहीां िर सिता , या
एि साधु जो मिाधीश होने िे िारि िाम िरना मान मयाभ र्दा से
णनन्म समझता है , या एि णर्िरी जो िाम नहीां िर सिता ये
सर्ी पूिभ बेरोजगारी िी क्तथर्णत है ।

समाजिास्त्री दृनिकोण से बेरोजगारी की पररभाषा


यह समान्य िायभरत बल िे एि सर्दस्य [यानी 15-59 आयु
वगभ िा ]समान्य िायभ समान्य वेतन पर और उसिी इच्छा िे
णवरोध वैतणनि िायभ से अलग रखता है ।

डी ;मैली के अिुसार –— ‘’यह वह पररक्तथर्णत है णजसमे एि


व्यक्तक्त इच्छा िे बावजूर्द वैतणनि व्यवसाय क्तथर्णत मे नहीां है ।’’

िाबा गोपल र्दास - " जो एि सप्ताह मे एि णर्दन बैगैर िाम िे


रहता है ।"

नज यार मर्दि के अिुसार — "उस र्दे श मे बेरोज़गारी है , जहाूँ


व्यवथर्ा शारीररि श्रम वाले ऐसे व्यक्तक्तयोां िो मजर्दूरी िी समान्य
लेणिन उसे िाम तो िारन चाहता है लेणिन उसे िाम नहीां णमलपा
रहा है "
बेरोजगारी िी पररर्ाषा हर र्दे श मे अलग होती है । जैसे
अमेररिा मे यणर्द णिसी व्यक्तक्त िो उसिी क्वॉणलणििेशन िी णहसाब
से नौिरी नहीां णमलती है तो उसे बेरोज़गार माना जाता है ।
बेरोजगारी िा िाई प्रिार पाई जाती है ।

बेरोज़गारी के प्रकार
बेरोजगार उस व्यक्तक्त िो िहा जाता है जो िी बाजार में
प्रचणलत मजर्दूरी है लेणिन उसे िाम तो िरना चाहता है लेणिन
उसे िाम नहीां णमल पाता है । बेरोजगारी िी पररर्ाषा हर र्दे श में
अलग होती। जैसे अमेररिा मे यणर्द णिसी व्यक्तक्त िो उसिी
क्वॉणलणििेशन िी णहसाब से नौिरी नहीां णमलती है तो उसे
बेरोज़गार माना जाता है । बेरोजगारी िा िाई प्रिार पाई जाती है ।
 1 सिंघरचिात्माक बेरोज़गार :-
जब णिसी र्दे श मे पूांजी िी साधान अत्यणधि सीणमत है , तर्ा
रोजगार मानने वाले बढ़ी होती है । इसिा पररिाम यह होता है
िी िुछ व्यक्तक्त पूांजी िे साधनो िे अर्ाव मे रोज़गारी प्राप्त
नहीां होता है । ,इसे सांघरचनात्मि बेरोज़गारी िहते है ।
 2 ऐच्छिक बेरोज़गार :-
जब श्रणमि वतभमान मजर्दूरी िी र्दर पर िाम होने पर र्ी
अपनी इच्छा से िाम न िरना चाहे तो इस प्रिार िी बेरोजगारी
िो ऐक्तच्छि बेरोजगारी िहा जाता है
 3 अल्प रोजगार :-
जब िोई व्यक्तक्त अपनी योणगता िे अनुरूप िायभ प्राप्त नहीां
िर पता है तो उसे आां णशि बेरोजगारी िहा जाता है यणर्द िोई
व्यक्तक्त णिसी र्दफ्तर में एि छोटे बाबू िी तरह िाम िरता है
तो उसे बेरोज़गार व्यक्तक्त नहीां माना जाता है ,अणधि से अणधि
उसे अल्प बेरोज़गार व्यक्तक्त िहा जाता है ।

 (4) खुली बेरोजगारी/ अिैच्छिक बेरोज़गारी:-


वह क्तथर्णत है , णजसमे श्रणमि वगभ वतभमान र्दर पर िाम िरने
िो तैयार हो परां तु उसे िाम न णमले। तर्ाणप उसे िाम प्राप्त
नहीां होती । वह पूरा समय बेिार रहता है । वह पूरा तरह से
पररवार िे िमाने वाले सर्दस्याओां पर आणश्रत होता है । ऐसी
बेरोज़गारी प्रायः िृणष— श्रणमि, णशणक्षत व्यक्तक्तयोां तर्ा उन लोगो
मे पायी जाती है । जो ग्राम से शहरी णहस्ोां मे िाम िी तलाश
मे आते है , पर उन िो िोई िाम नहीां णमलता । यह खुली
बेरोज़गारी िहलाता है ।
 (5) चक्रीय बेरोज़गारी :-
"चणक्रय बेरोज़गारी वह बेरोज़गारी है जो सामान्यता अर्भव्यवथर्ा
िी मांर्दी िी अवथर्ा िे िारि उत्पार्दन होती है । मांर्दी िे णर्दनो
मे र्दे श मे प्रर्ावपू िभ माां ग िम हो जाती है । व्यापाररयो िे पास
णबना णबिे हुए माल िा स्टॉि इिट्ठा हो जाते है "।
ऐसी बेरोज़गारी तब उत्पन्न होती है जब
अर्भव्यवथर्ा मैं उां च नीांच आती है , तेजी आणर्भि सुस्ती, आणर्भि मांर्दी
पुनरुत्थान चार अवथर्ा या चक्र है जो एि पूांजीवार्दी अर्भव्यवथर्ा िी
मुख्य णवशेषताएूँ हैं आणर्भि तेजी िी अव्यवथर्ा में आणर्भि णक्रया
उच्च स्तर पर होती है तर्ा रोजगार िा स्तर र्ी बहुत ऊांचा होता
है । जब अर्भ व्यवथर्ा मैं िुल जरूरत िे घटने िी प्रवृणत पाई जाती
है । उसे चक्रीय बेरोज़गारी िहा जाता है ।

अध्याय-1
बेरोजगारी की समस्या के कारण :-
(ि) ग्रामीि बेरोजगारी िे िारि
(ख)नगरीय बेरोजगारी िे िारि

(क) ग्रामीण बेरोजगारी के कारण


ग्रामीि बेरोज़गारी िई वषों से राज्य सरिारोां ने िई गारां टी
पररयीजनाओां गारां टी िी घोषि िी और उसिी णनधभनता िो िम
िरने िी रिनीणत माना । िाम बर्दले अनाज पररयोजना शुरू हुई
है णजसिा नाम बर्दल िर राष्टरीय ग्रामीि रोजगार पररयोजना रखा
गया। णफर ग्रामीि र्ूणमहीन रोज़गार गारां टी पररयोजना (RLEGP)
और जवाहर रोज़गार आई । एस िे पश्चात राष्टरीय मोचाभ सरिार ने
माचभ 1990 में एि नई पररयोजना चली ही नहीां । समय-समय पर
यह घोषिा होती रही िी इसमें महाराष्टर िे मॉडल िो अपनाया जा
रहा है जो िी अच्छे रूप से चल रहा है इन पररयोजनाओ िी
असफलताओ िा िारि हे ।

1) जिसिंख्या मे नर्वस्तार :- जनसांखाया मे वृक्ति बेरोजगारी िा


मूल िारि हे | आज र्ारत िी जनसांख्या 121 िरोड़ र्दी गई है
जनसांखाया बढने िा स्वर्ाणवि पररिाम र्दे श िी श्रणमि शक्तक्त मे
बढ़ा है | हमारे र्दे श िी बेरोज़गारी मे रोज इजाफा हुआ है हमारी
सरिार इस समस्या िी हल ढू ढ़ रही है । पर लगातार बढ़ती
जनसख्या इसिा हल नहीां ढु ढ़ने र्दे ती है ।

2) अप्रयााप्त नर्वकास र्दर :- र्ारत में प्रिृणति सांसाधन प्रचुर मात्रा


में है णिन्तु समुणचत र्दोहन नहीां हो प रहा है ,इसिा णविास र्दर
णनन्म रही है अप्रायप्त र्दर असांतुणलत णविास िे फ्लस्वरूप
बेरोज़गारी णनर्भरता और आणर्भि णवषमता हुई है ।

3) ग्रामीण क्षेत्र में प्रायप्त निरक्षरता :- ग्रामीि क्षेत्र में णशक्षा िा


अर्ाव है । इसिा प्रार्व यह हुवा है िी ग्रामीि क्षेत्र मे अिुशलता
में णविास होती है ऐसे मे ग्रामीि लोगो णविास मे अपनी र्ूणमिा
नहीां णनर्ा पाते है। र्ारत मे स्वतांत्रता िे उपराां त णवरासत मे ऐसी
णशक्षा प्रिाली िो प्राप्त णिया है ,जो व्यापि पौमाने अांतर क्षेत्रीय
अांतुलन से युक्त है इस णशक्षा प्रिाली िे िारि मात्र िुछ ही लोगो
िो णशणक्षत णिया जा रहा है । णशक्षीय और णनरक्षर लोगो िे बीच
िा अांतर बहुत अणधि बढ रहा है , 1947 मे र्दे श साक्षरता िी
र्दर मात्र 14% िी र्ी तर्ा ग्रामीि साक्षरता 2% पर र्ी ।

4) र्दोषपूणा निक्षा प्रणाली :- र्दे श मे व्यप्त णशक्षा रोजगार मूलि


नहीां है , अतः यहा िे णशणक्षत यु वि नौिरी पाने िे णलए इच्छ
रखते हुए र्ी शारीररि श्रम से र्ागते है प्रणतवषभ बहुत बढ़ी सांख्या
में युवाओां सैधाणनि णशक्षा प्राप्त िरते है णिन्तु उन्हे रोज़गार नहीां
णमलता है । सार्-सार् उन्हे तिनीिी णशक्षा िी अज्ञानता होती है ।
बेरोजगारी इसणलए होती है िी णशक्षा अणधिाां श से नहीां जुड़ी होती
वास्तव मे उणनवणसभटी अनुर्दान आयोग ने वाणषभि प्रणतवेर्दन स्पष्ट णिया
है वतभमान णशक्षा प्रिाली बहुत तबाही और गणतहीन उत्पन्न िर रही
है णशक्षा प्रिाली अप्रासांणगि है क्योणि यह उच्च णशक्षा पर बोल
र्दे ती है जो िी िेवल एि छोटे अल्प वगभ िो र्दी जा सिती है
णजनमे से र्ी अणधिाां श जब स्नाति हो जाएां गे तो बहरहाल या तो
बेरोजगार रहें गे या रोजगार िे योग्य नहीां |
(ख) िगरीय बे रोजगारी के कारण
नगर िे श्ब्द िा प्रयोग र्दो अर्भ मे होता है जनसांख्या रूप में
और समाजशास्त्री रूप में । जनसांख्या िे आिार, जनसांख्या िी
सघनता और व्यस्क पुरुषोां में से अणधिाां श िे रोजगार िे स्वरूप
पर बल णर्दया जाता है , जबणि र्दूसरी अर्भ में णवषमता अन्योन्यश्रय,
जीवन गुिवत्ता पर ध्यान रहता है नगरीय बेरोजगारी मुख्य िारि
है ।
1) जिसिंख्या की नर्वषमता :- णवणर्न्न क्षेत्र मे व्यणित्योां िा प्रवास
नगरो िी बड़ी सांख्या िे णलए बहुत उत्तरर्दायी है | इसिे
िारि णवणर्न्ना पृष्टर्ूणम और णवश्वासोां िे व्येक्तक्त सार्-सार् रहते है
| व्यक्तक्तयोां िा यह णमश्रि अनोपचाररि णनयांत्रिोां (लोिाचार और
प्रर्ाए ) औपचाररिा रूप से बनाए हुए रचना -तांत्रो (मेचनीथस
) पर णनर्भरता बढ़ जाती है | व्यक्तक्त सामूणहि र्ावनोऔ मे अब
आथर्ा नही रखते और अन्ये सां स्कृणतयोां िे नवीन णवचारो से
प्रवाणसयोां िे सांपिभ र्दू।रा प्रर्ाणवत होिर वे पुराने णवश्वासो और
प्रयासो मे अणवश्वास प्रिट िरते है । रोजगार िा अवसर र्ी
खतम होता है ।

2)काया और व्यर्वहार की नर्विे षज्ञता एर्व श्रम के पनतघृणा :-


नगर िी जनसांख्या णि णर्न्नता और उसिा बड़ा आिार णवशेषज्ञता
िे णविास िो प्रोत्साणहत िरता है । चूांणि नगर मे जीवन िे िई
पहलू होते है और एि व्यक्तक्त उसमे िुछ र्ी र्ाग ले सिता है तो
वह उपे क्षाशील व चुननेवाला —हो जाता है और िेवल िुछ ही क्षेत्रो
मे रुणच ले ता है । िायभ में णर्न्न णर्न्न जीवन िे सांरूपोां िो
प्रोत्साणहय िरती है सार् सार् सबी रोज़गार एि समान नहीां र्दे खा
जाता है ।

3) अपयााप्त नर्वकास र्दर :- र्दे श िा प्रािृणत सांसाधन िी प्रचुरता


होने िे बावजूर्द अर्ी ति इसिा सही ढ़ग से उपयोग नहीां णिया
जा रहा है , णजसमे णविास िी गणत धीमी हो रही है । अतः
सांतुलन णविास िे फलस्वरूप बेरोजगार में बढ़ी है ।

4) प्रनतकूल उत्पार्दि में मिीिीकरण का चयि :- णवणर्न्न


रोजगार मे उत्पार्दन िे णलए मशीन िा उपयोग णिया जाता है
इसणलए श्रणमिोां िी सांख्या धीरे -धीरे िम होता चला जा रहा है
।यह मुख िारि है ,बेरोज़गारी इस णलए बढ़ रहा है िी श्रणमि िी
अवश्ब्क्ता िम हो रही है । णविास िे फलतः बेरोजगारी णविास हो
रहा है ।
5) इिं डच्छरि यल बेरोज़गारी के कारण :- व्यणित्योां िा बढ़ा पैमाने
पर ग्रामीि क्षेत्र से शहरी क्षेत्रोां थर्ानाां तरि हो रहा है । उद्योग में
हाणन िे होने िे िारि रोजगार मे िमी होती है ,सार् —सार्
उद्योग मे िाम गणत िे िारि र्ी बेरोज़गारी बढ़ रही है ।

6) अनत –उत्पार्दि का प्रभार्व :- अणत –उत्पार्दन िे िारि


बेरोज़गारी उत्पन्न होती है । अणत उत्पन्न वश्तुओां िी िीमतोां िो
घटा र्दे ता है । णजसमें मज़र्दूर िो घटना आवश्यि हो जाता है । यह
क्रम बेरोज़गारी िो बढ़ावा र्दे ता है ।

बेरोज़गारी की समस्या का प्रभार्व


र्ारत में बेरोज़गार िी समस्याएि अत्यांत गम्भीर समस्या है ।

(1) मािर्वीय साधिोिं की हानि :- बेरोज़गारीिे िे फलस्वरूप


र्दे श िे मानवीय साधनोां िी हाणन होती है । र्दे श श्रम शक्तक्त िा
समय रोजगारी िे अर्ाव मे व्यर्भ चला जाता है उसिा िोई
रचनात्मि लार् नहीां उर्या जाता है यणर्द मानवीय साधनोां िा उणचत
उपयोग णिया जाता है तो र्दे श में आणर्भि णविास िी र्दर बढ़ता
है ।

(2) सामानजक नर्वभेर्दीकरण :-बेरोज़गारी िे िारि व्यक्तक्तयोां िे


जीवन स्तरोां में णनम्न होने िे िारि उससे र्ेर्द णिया जाता है ।
णफर र्ी एि—र्दूसरे पर णनर्भर होते है ,और िायभरत सांपूिभ इिई
िे रूप मे िाम िरते है ।

(3) निधािता में नर्वस्तार :- बेरोज़गारी िी अवथर्ा में मनुष्य णि


आय िी िोई साधन नहीां होता है । वे णनर्भर होते है । बेरोज़गारी
बढ़ने पर णनधभनता र्ी बढ़ता है । अांग्रेजी िाल में णनधभन व्यक्तक्तयोां
िी अपेक्षा िे िारि स्वतांत्र होने िे उपराां त णिए गए उपाय र्दशाभ ते
है िी णनधभनता िी और ध्यान णर्दया गया और उसिो िाम िरना
एि सामाणजि उत्तरर्दाणयत्व माना गया है ।

(4) सामानजक समस्या :- बेरोज़गारी िे फलस्वरूप िई प्रिार


िी
सामाणजि सांसयाए जैसे — बईमाणन , अनैणतिता, शराबखोरी , चोरी
डिैती उत्पान होती है । सामाणजि सुरक्षा खतरे में हो जाती है ।
र्दे श में अव्यवथर्ा उत्पन हो जाता है । सरिार िो शाां णत और
अवथर्ा िायम रखने पर िाफी धन खचभ िरना पड़ता है ।

(5) राजिीनतक अच्छथिरता:- बे रोज़गारी िे फलस्वरूप र्दे श में


रानीणति अक्तथर्रता उत्पन्न हो जाती है , बेरोज़गार व्यक्तक्त तोडफोड
तर्ा अन्य आतांिवार्दी िायभ िरने लगते है उसिा प्रजातन्त्र मूल्य
तर्ा शाां णतपूिभ उपायोां से णवश्वासा खत्महोरहा है ।

(6) औद्योनगक सिंघषा:- सांघषाभ त्मि बेरोज़गारी तर्ा इस प्रिार िी


अन्य बेरोज़गारी िे िारि औद्योणगि सांघषभ उप्पन्न होती है इसिा
श्रणमिोां व मणहला िे सांबांधो पर बुरा प्रर्ाव पड़ता है
बेरोज़गारी, आणर्भि, सामाणजि अव्यवथर्ा तर्ा
राजनीणति िे िारि है ।
पूर्वा सानहत्य का आध्याि

गुप्ता.पी.के (2005 :59):


इन्होने अपनी पु स्ति ‘’श्रम अर्भशास्त्र” मे युवाओां िे
बेरोज़गारीिो स्पष्ट णिया है बेरोज़गारी अत्यांत गम्भीर समस्या है तर्ा
प्रत्येि अल्पणविणसत र्दे शो में बेरोज़गारी र्दर अणधि होता है रोजगार
िे अवसर बढ़ाने िा हर सां र्व प्रयत्न िरता है व्यक्तक्त िो वतभमान
मजर्दूर र्दर पर िाम िरता है परां तु उसे िायभ नहीां णमलता है ।

आहूजा राम (1992:82):


इन्होने अपनी पुस्ति में ’’सामाणजि समस्याएां ’’ बेरोज़गारी
पररवार और समाज िो प्रर्ाणवत िरती है यह िहा जा सिता है
िी बेरोज़गारी िे िारि वैयक्तक्ति णवघटन पाररवाररि णवघटन और
सामाणजि णवघटन होता है । नौिरी में प्रणतस्पधाभ िे िारि िे
िारि वेतन प्रायः अणवश्वसनीय रूप से िम हो जाता है । शैणक्षि
बेरोज़गारी इसणलए होती है णशक्षा अणधिाां श जीवन से जुड़ी हुई नहीां
होती है , वास्तव में णवश्वणवद्यालय अनुर्दान आयोग (U.G.C) ने अपनी
वाणषभि प्रणतवेर्दन में स्पष्ट रूप मे िहा है ।

सुिंर्दरम .एम .पी .के .रुद्रर्दत्त (1966;261):


इन्होने अपनी पु स्ति “र्ारतीय अर्भव्यवथर्ा’’ बेरोज़गारी िी
समस्या बहुत णवश्वसनीय अनुमान णनिलाना अणत मुक्तिल है ,
बेरोजगारी आिार सांबांधी िुछ अनुमान उपलब्ध है । हमे इन
आिड़ोां पर पूिभतया णवश्वास नहीां िरना चाणहए ।

भारत सरकार द्वारा चलाई गई योजिाओिं

1. च्छिल इिं नडया नमिि :- क्तस्कल इां णडया 15 जुलाई 2015 िो

प्रधान मांत्री नरें द्र मोर्दी र्दु वारा णिया गया एि अणर्यान है णजसिा

लक्ष्य है िी 2022 ति णवणर्न्न िौशाल में र्ारत में 40 िरोड़ से


अणधि िो प्रणशणक्षत िरना है ।

2. महात्मा गािं धी राििीय गारिं टी योिंजिा(NNREGS):- महात्मा

गाां धी राष्टरीय ग्रामीि रोजगार गारां टीयोजना िा लक्ष्य ग्रामीि पररवारोां


िे उन वयस्क सर्दस्योां जो अिुशल िायभ िी स्वेच्छा से िरना

चाहते है णवत्तीय वषभ में 100 णर्दनो िे वेतन रोजगार गारां टी र्दे िर

आजीणविा िी सुरक्षा प्रर्दान िरना है ।

3. प्रधाि मिंत्री कौिल नर्वकास योिंजिा :- प्रधान मांत्री िौशल

क्षेत्रोां िे णविास योांजना अांतगभत युवाओां िो णवर्ीन्न क्षेत्रोां में णिये जा

रहे िामोां िी टर े णनि र्दी जा रही है एसमे युवाओां िो नए- नए

िामोां िे णवषय में जानिारी और प्रणशक्षि णमलने । इस प्रणशक्षि में

उन्हे नौिरी णमलने में आसानी होगी । इस मे टर े णनग णमलेगा इस


प्रणशक्षि में उन्हे नौिरी णमलने में आसानी होगी । इस टर े णनग िो

सफलता पूवभि िरने वाले युवाओां िो 8000 िा पुस्ति र्ी प्राप्त

होगा ।

4. स्विंय रोजगार के नलए प्रनिक्षण :- र्दे श मे युवाओां में


बेरोज़गारी िाम िरने िे णलए ‘’ग्रामीि स्वयां रोजगारो िे णलए
प्रणशक्षि’’ िी राष्टरीय योजना िा 15 अगस्त 1979 िो प्रारम्भ हुआ
। प्रणशक्षि िे र्दौरान युवाओां िो णवत्तीय सहायता र्दी जाती है प्रटे ि
युवाओां िो अपना िाम आरां म्भ िरने िे णलए 3000 रुपये से 500
रुपये ति िी अां तगभत ग्रामीि युवाओां िो प्रणशक्षि तर्ा तिनीिी
िेंद्र खोले गये है (1997– 98) में इस योजना िे अांतगभत 2.5
लाख ग्रामीि युवाओां िो प्रणशक्षि णर्दया गया है । अब इसिो स्विभ
जयांती ग्राम स्वरोजगार र्ाग माना है ।

5. रोजगार गारिं टी िीम :- महाराष्टर, बांगाल,िेरल, राजथर्ान


आणर्द िई राज्य में रोजगार गारां टी स्कीम आरां म्भ िे अां तगभत
बेरोज़गार व्यक्तक्तयोां िो रोजगार णर्दलाने में आणर्भि सहायता र्दी जाती
है ।

6. प्रधाि मिंत्री रोजगार :- यह योजना णशणक्षत बेरोजगार युवाओां


िो स्वरोजगार र्दे ने िे णलए बनाई गई है । इस योजना िे अांतगभत
1998 ति 7.5 लाख बेरोज़गार णशणक्षत यु वाओां िो स्व-रोजगार
णर्दलाया जा चुिा है ।

7. रोजगार बीमा योजिा :- यह योजना 1994 मे आरम्भ हुआ


। यह योजना सर्ी ग्रामीि खण्डो मै लागू िी गायी र्ी जहा
सां सोधीत सावभजणनि णवतरि प्रिाली प्रचणलत है इस योजना िा लक्ष्य
रोजगार िे तलाश िरने वाले ग्रामीि णनधभन व्यक्तक्तयोां िो 100
णर्दन िा अिुशल शारीररि श्रम िाये उपलब्ध िरना है |

रोजगार वह णक्रया है णजसमे णजसमे फलस्वरूप आय


णक्रया प्राक्तप्त होता है । राष्टरीय आय िो बढ़ाने िे णलए लोगो िा
जीवन स्तर ऊांचा उिाने एव लोगो णनधभनता िी समस्या िा अन्मूलन
िरने िे णलए लोगो िी आय बढ़ाने िी अवश्ब्क्ता है िी र्दे श मे
रोजगार िा स्तर िो बढ़ाया जाए ।

हसिैि िर्दीम (2017): इन्होने अपनी पुस्ति “ जनजाणतय र्ारत”


जांजाणतयोां िी क्तथर्णत और उसमे सांबांध िी जनजाणत आबार्दी ढचे िे
बारे मेन र्ोढ़ालेना बहुत समझ लेना चाणहए इस िायभक्रम में 80%
धन िेंद्र सरिार और 20% धन राज्य सरिार लगा रही है ।
रोजगार िी व्यवथर्ा उत्पार्दन सामुर्दाणयि पररसांपणत्तयोां िा सृजन
और ग्रामीि क्षेत्रो में िुल णमला िर जीवनशैली िो अनांत िरता है

डॉक्टर मािुर रीता (2012): इन्होने अपनी पुस्ति “आणर्भि
णनयोजि’’ बेरोज़गारी िा आशय एि ऐसे व्यवथर्ा से लगते है ।
णजस िे अांतगभ त व्यक्तक्त वतभमान मजर्दूरी िी र्दर पर िायभ िरने िो
तैयार है परां तु उसे िायभ नहीां णमलता है इस दृणष्ट से णिसी र्ी
व्यक्तक्त िो बेरोजगार िेवल उसी अवथर्ा मे िहा जा सिता है इसी
दृणष्टिोि िे अांतगभत अपना िाम िरने िे योग्य तो है तर्ा िाम
िरना चाहता है । लेणिन वतभमान मजर्दूरी र्दर नहीां णमलता है ।

पाण्डे य तेजिर / सिंगीता (2010;159) : इन्होने अपनी पुस्ति


“र्ारत िे सामाणजि ससयाए’’ बेरोज़गारी िी समस्या बहुत ही
जणटल है क्योणि इसिे अध्ययन में सम्पूिभ आणर्भि िायभप्रिाली िे
िायभ सांचालन िी जाां च िरनी पढ़ती है प्रायः लोग यह िीि िीि
नहीां समझते पाते है िी बेरोज़गारी िी आणर्भि प्रिाली िे िारि
बहुत गराई ति पहुूँ च जाती है । अां तराष्टरीय श्रम सांगिन ने उस
व्यक्तक्त िी िायभरत माना है जो िी एि सप्ताह पाूँ च णर्दन िा में
15 घांटे लगार्ाग र्दो णर्दन ति िाम िरता है । एि णविणसत र्दे शो
में जो बेरोज़गार िी सामाणजि सुरक्षा प्रर्दान िरता है । मनी जा
सिती है , परां तु यह र्ारत जैसी णविासशील र्दे शोां में नहीां मानी
जाती है ।

उद्दे य

एस णवषय िा चयन िरने िे णलए मुव्ख उद्दे श्य ‘’युवाओां में


बेरोज़गारी िी समस्या’’ िो जानना है शहरी क्षेत्रोां मे युवाओां में
बेरोज़गारी िी प्रिृणत अलग –अलग पाई जाती है । उनिी
पररक्तथर्तीया िे िारि एि जैसी नहीां होती है एव सार् ही णनवारि
हे तु सार् ही णिए गए जाने वाले उपायोां िो समझना णजसे जानिार
इसे र्दूर िरने हे तु िुछ सुझाव इस प्रिार है ।

1) युवाओां में बेरोज़गारी िी समस्या िो ज्ञात िरने िे उद्दे श्य से


है ।
2) युवाओां में बेरोज़गारी िो र्दूर िरने िे णलए सांर्ाणवत उपाय िो
जानने िे उद्दे श्य िो जानना ।
3) सरिार अपनी योजनाएूँ उन ति पहुूँ चा प रही है , या नहीां
उन्हे जानने िे उद्दे श्य से है ।
4) बेरोज़गारोां िी सामाणजि आणर्भि क्तथर्णत िा पता लगना ।
5) युवाओां मे बेरोज़गारी िी समस्या िे िारि िो जानना ।
6) योांजनाओां से उसे लार् होता है िी नहीां उनिी जानिारी लेना।
7) युवाओां िो बेरोज़गारी िी समस्या िे प्रणत जागरूिता लाने िे
उद्दे श्य से है ।
अध्याय— 2
झारखिंड का पररचय
झारखांड िा थर्ापना णर्दवस 15 नवम्बर 2000 है । इसिा
सबसे बड़ा शहर जमशेर्दपुर है । झारखांड िी जनसांख्या
3,29,88,134 है और घनत्व 414/वगभ है । एवां क्षेत्रफल 73,714
वगभ िी.मी. है । इसमे 24 णजले हैं , यहाूँ िी राजर्ाषा णहन्दी, उर्दूभ,
सांर्ाल, बाां ग्ला , मुांडारी, हो, खोिाभ ,नागपुरी एवां िुरमाली है । झारखांड
िी उच्च न्यायालय राां ची मे क्तथर्त है । झारखांड र्ारत िा एि
महत्वपूिभ राज्य है । इसिी राजधामी राां ची है । झारखांड िे उत्तर मे
णबहार, पणश्चम मे उत्तरप्रर्दे श एवां छत्तीसगढ़ , र्दणक्षि मे ओररशा और
पूवभ मे पणश्चम बांगाल है । लगर्ग सम्पूिभ र्ारत मे वनो िे अनुपात
मे यह प्रर्दे श एि अग्रिी राज्य माना जाता है । णबहार िे र्दणक्षिी
णहस्े िो णवर्ाणजत िर िे इस राज्य िा णनमाभ ि णिया गया है ।
औद्योणगि नगरी िे रूप मे इस प्रर्दे श मे धनबार्द, बोिारो, एवां
जमशेर्दपुर हैं ।
झारखांड याणन झार जो थर्ानीय रूप मे वन िा पयाभ य और
खांड याणन टु िड़े से णमलिर बना है । झारखांड िा नामिरि जांगल
झार िी बहुलता िे िारि पड़ा है । अपने नाम िे अनुसार
आां र्दोलन िे फलस्वरूप सृजन हुआ है । प्रचु र मात्र मे खणनज िी
उपलब्धता िे िारि इसे र्ारत िा नाम र्ी णर्दया जाता है । जो
जमभनी खणनज प्रर्दे श िे नाम से णवख्यात है । 1930 िे आस पास
गणित आणर्दवासी महासर्ा मे जयपाल णसांह मुांडा िी अगुवाई में
अलग झारखांड िा सपना र्दे खा। पर वषभ 2000 मे िेंद्र सरिार िे
सहयोग से 15 नवम्बर िो जब णबरसा मुांडा िा जन्म णर्दन र्ा ,

1930 िे आस पास गणित आणर्दवासी महासर्ा मे जयपाल


णसांह मुांडा िी अगु वाई में अलग झारखांड िा सपना र्दे खा। पर वषभ
2000 मे िेंद्र सरिार िे सहयोग से 15 नवम्बर िो जब णबरसा
मुांडा िा जन्म णर्दन र्ा
र्ारत िा 28वाां राज्य बना। झारखांड र्ारत िे नवीनतम राज्योां मे
से एि है । णबहार िे र्दणक्षिी णहस्े िो णवर्ाणजत िर झारखांड िा
सृजन णिया गया र्ा। औद्योणगि नगरी राां ची इसिी राजधानी है ।
इस प्रर्दे श िे अन्य बड़े शहरोां मे धनबार्द, बोिारो, एवां जमशेर्दपुर
शाणमल हैं ।
लगर्ग सपूिभ झारखांड छोटनागपुर पिार पर अवक्तथर्त है ।
िोयल, र्दामोर्दर, खड़िई, और स्विभ रे खा यहाूँ िी प्रमुख नणर्दयाां है
सम्पूिभ र्ारत मे वनोां िे अनुपात मे प्रर्दे श िो अग्रिी राज्य माना
जाता है तर्ा वन जीवोां िे सांरक्षि मे मशहर है ।
झारखांड क्षेत्र णवणर्न्न र्ाषाओां, सस्कृणतयोां, एवां धमो िे सांगम
िा क्षेत्र िहा जाता है । द्रणवड़, आयभ, एवां एणसयाई तत्वोां िे सक्तिक्ष्ि
िा इससे अच्छा िोई क्षेत्र र्ारत मे शायर्द ही णर्दखता है । एस
श्ब्हर मे िी गणतणवणधयोां िा मुख रूप राजधानी राूँ ची जमशेर्दपुर ,
धनबार्द , प्रर्ाणवत होती है और र्दे श िी िुल झारखण्ड िी
जनसांख्या िा णहस्ा 2.75%है ।

रााँची का पररचय

राूँ ची र्ारत िा प्रमुख नगर और झारखण्ड प्रर्दे श िी राजधानी है ,


यह िा तीसरा सबसे अणधि प्रणसध्र्द शहर है । इसे झरनो िा
शहर िहा जाता है । पहले जब यह णबहार राज्य िा र्ाग र्ा जब
गणमभमी में अपने अपे क्षािृत िां डे मौसम िे िारि प्रर्दे श िी
राजधानी हुआ िरता र्ी । झारखण्ड आां र्दोलन िे र्दौरान राूँ ची
इसिा िेंद्र हुआ िरता र्ा ।
राूँ ची िा क्षेत्रफल 7,574 वगभ णिमी है । राूँ ची एि प्रमु ख
औघोणगि िेन्द्र र्ी है । यहा मु ख रूप से एच ई सी (हे वी
इां जीणनयररां ग िारपोरे शन) प्राणधिरि। र्ारतीय इस्पात प्राणधिरि।
मेिन इत्याणर्द िे िारखाने है राां ची िे सार्-सार् जमशेर्दपुर और
बोिारो इस प्राां त वो र्दो अन्य प्रमु ख औद्योणगि िेन्द्र है ।
राूँ ची िा जनसांख्या िुछ इस प्रिार राूँ ची जनसांख्या िा घनत्व
र्दर 576 है यहाूँ साक्षरता र्दर 76.06 है ।
झारखण्ड िी राजधानी राूँ ची में प्रिृणत ने अपने सौन्दयभ िो
खुलिर लुटाया है । प्रिृणत सुांर्दरता िे अलावा राूँ ची में अपनी
खूबसूरत पयभटि थर्लो िे र्दम पर णवश्व िे पयभटन िे णलए प्रणसि
है । राूँ ची पयभटि थर्ल िे नाम णनम्न है । हुां डू र्दशम, जोन्हा एवां
णर्दरिी जलप्रपात रॉि गाडभ न, णबरसा जैणवि उद्दान णबरशा मृग
णबहार मगरमछ प्रजनन िेन्द्र है ।

इन प्रयटि थर्लोां िी सैर िे अलावा यहाूँ पर प्रिृणत बहुमूल्य


र्दे न सरिोां िे पास बेहतरीन णपिणनि र्ी मनाया जा सिते है ।
राूँ ची िे झरनो मे पांच घाघ झरना सबसे खूबसूरत है । क्योांणि यह
पाूँ च धाराओां मे णगरता है । यहाूँ झरने और पयभटि थर्ल णमलिर
राूँ ची िी पयभटि िो स्वगभ बनाते है और पयभटि शानर्दार छूणटयाूँ
णबताने िे णलए हर वषभ यहाूँ आते है । राूँ ची णि प्रमुख नर्दी स्वगभ
रे खा, शां ख िोयल, िाां ची आणर्द है ।
राूँ ची िा नाम उराां व गाूँ व िे णपछले नाम से एि ही थर्ान पर
राूँ ची िे नाम से णलया णलया गया है । राूँ ची उराां व शद रअयची से
णनिला है । णजसिा मतलब है रहने र्दो , पौराणिि िर्ाओां िे
अनुसार आत्मा िे सार् णववार्द िे बार्द एि णिसान ने अपने बांसा
िे सार् आत्मा िो हराया ,आत्मा ने रअयची और गायब हो गया ।
रअयची राूँ ची बन गया । राूँ ची िे एतेहाणसि रूप से एि
महत्वपूिभ पडोस में र्दोरां डा िा अर्भ (र्दु रन र्दूरड) है । गीता और
र्दाहर्दाए िा अर्भ मूर्दरी र्ाषा मे जल है । डोरां डा णहनू और हरमु
नणर्दयोां िे बीच क्तथर्त है । जहाूँ णिणटश राज्य मेन थर्ाणपत णसणवल
स्टे शन टर े जि और चचभ णसपाही णवद्रोह िे र्दौरान णवद्रोह वालोां द्वारा
नष्ट णिए गए र्े ।

बरयातु एररया का पररचय

णिसी र्ी सवेक्षि िायभ िे णलए अध्ययन क्षेत्र िा णनधाभ रि िरना


अवश्यि है , सवे क्षि िायभ िे णलए सीणमत क्षेत्र िा चुनाव णिया
जाना चाणहय ताणि अध्ययन िायो में णिसी प्रिार िी समस्या नहीां
होां ।
इसणलय हमने अपने सवे क्षि िायभ िे णलए सीणमत क्षेत्र
िा ही चुनाव णिया है , मेरा सवेक्षि णवषय “युवाओां में बेरोज़गारी
िी समस्या —एि समाजशात्री अध्ययन िे’’ िे णलए राूँ ची िे
बररयातु एररया िे क्षेत्र िोां अपना अध्ययन णवषय बनायी हूँ ।
सवेक्षि िायभ हे तु 25 उत्तरर्दाता िा चयन णिया गया है , राूँ ची िे
बरयातु एररया में नागररिोां से हमने साक्षात्कार णलया गया है । अतः
इन उत्तरर्दाताओां साक्षात्कार लेने िे पश्चात ही हमने उनिी
सामाणजि आणर्भि क्तथर्णत से सांबक्तित तथ्ोां िी जानिारी प्राप्त हुई।

राूँ ची झारखांड िी राजधानी है । राूँ ची णजला प्रखण्ड बरयातु


बस्ती िे क्षेत्र से हमने अपने अध्ययन िायभ पूिभ णिया है इस क्षेत्र
िा वडभ सांख्या 8 है ,यहाूँ िे वडभ पाषभर्द—णप्रती रां जन है णजनहोने
एस क्षेत्र िा हर िायभ सम्भाला है एस क्षेत्र में अनेि धमभ िे लोग
रहते है , यहाूँ िी आबार्दी लगर्ग 3000-4000 िे बीच में है
णजनमे पुरुष सांख्या लगर्ग 2000 से 2200 िे बीच में है तर्ा
मणहलाओां िी सांख्या 1200 —1800 िे बीच मे है और िी बच्चोां
सांख्या 700 —900 िे बीच मे है ,

इस प्रिार हमने र्दे खा िी बरयातु एररया िा वडभ नम्बर


8 इां द्रप्रथर् िॉलोनी मे 60 घर है । यहाूँ प्राइवेट स्कूल एवां सरिारी
स्कूल र्दोनोां है । र्दणक्षि मे मांणर्दर एवां पूरब में मक्तिर्द है । इस एररया
में प्राइवेट और सरिारी हॉक्तस्पटल है णजसिा नाम ररस, आलम
हॉक्तस्पटल, णहल व्यू नणसिंग होम इत्याणर्द हैं । इस िॉलोनी में णमणश्रत
पररवार अणधितर णर्दखे जाते हैं । यहाूँ िे लोग व्यवसाय पर
आधाररत हैं । व्यक्तक्तयोां िे मुख्य आय िा स्रोत व्यवसाय है । लगर्ग
िुल अवसत आय 30-40 हजार से अणधि है । युवाओां मे
बेरोज़गारी िी जणटल समस्या पायी जाती है । इसे र्दूर णिया जा
सिता है । इस समस्या िो सरिारी उर्दाणसनता में र्ी णलया जाता
है । णशक्षा प्रिाली र्दोषपू िभ होने िे िारि यह समस्या बढ़ती जा
रही है । मशीनीिरि िे वृक्ति होने िे िारि मजर्दूरोां िा शोषि हो
रहा है ।
अध्याय— 4
क्रमाां ि उम्र सांख्या प्रणतशत

तथ्ोां िा 1वणगभिरि णवश्लेषि10व सारिीयन 40%


21-24

सारिी सांख्या –1
उम्र िे आधार पर सारिी
2 25-30 4 16%

3 31-34 4 16%

4 35-40 5 20%

5 41-44 2 8%

िुल 25 100%

उपरोक्त सारिी उत्तरर्दाताओां िे उम्र िे आधार पर


बनाई है । िुल उत्तरर्दाताओां िी सांख्या 25 है । सारिी िे आधार पर
21-24 ति आयु िी उत्तरर्दाताओां िी सांख्या 10 अर्ाभ त 40% है ,
25-30 आयु िे उत्तरर्दाताओां िी सांख्या 4 अर्ाभ त 16% है , जबणि
31-34 आयु िे उत्तरर्दाताओां िी सांख्या 4 अर्ाभ त 16% , 35-40 िे
आयु उत्तरर्दाताओां िी सांख्या 5 अर्ाभ त 20% है , 41-44 आयु िे
उत्तरर्दाताओां िी सांख्या 2 अर्ाभ त 8% है ।
अणधिाां श उत्तरर्दाता 21-24 आयु िे वगभ िा हैं ।
अध्याय — 5
निष्कषा
प्रस्तुत सवे क्षि िायभ ‘’युवाओां में बेरोजगारी िी समस्या एि
समाजशास्त्रयी अध्ययन’’ णवषय पर पूरी गई है जो िी बररयातु
एररया िे सांर्दर्भ मे िी णिया गया है , णजसमे 25 उत्तरर्दाताओां िा
चयन णिया गया है । उनसे साक्षात्कार अनुसूची अवलोिन णवणध िे
मद्दयम से तत्व आधार िुछ महत्व णनष्कषभ सामने आया है जो इस
प्रिार है ।
 व्यक्तक्त िे आयु िे आधार मैंने पाया है िी 25 उत्तरर्दाताओां िा
मे से 21-24 उम्र वाले 40%, 25-30 िे उम्र वाले 16% है
,31-34उम्र वाले 4% है 41-44िे उम्र वाले 8% है ।
 व्यक्तक्त िे शै क्षणिि क्तथर्त िे आधार मैंने माना है िी उत्तरर्दाताओां
मे से नन मैणटर ि िी प्रणतशत 24 अतः मैणटर ि णि सख्या 5
अर्ाभ त 20 प्रणतशत जबणि इां टर णि सख्या 2 अर्ाभ त 8% है ।
स्नाति िी सां ख्या 10 अर्ाभ त 40% है स्नात्तिोत्तर िी सांख्या शून्य
है प्राप्त हुआ है , अन्य शै क्षणिि स्तर िी सांख्या अर्ाभ त 8% है ।
 व्यक्तक्त णलांग िे आधार पर मैंने पाया है िी मणहला िी सांख्या 13
अर्ाभ त 52 % है जबणि पुरुष िी सांख्या 12 अर्ाभ त 48 % है ।
 व्यक्तक्तयोां िे जाणत –जनजाणत िे आधार पर िे आधार पर मैंने
पाया है णि सामान्य जाणत प्रणतशत 6% है जबणि अनुसूणचत जाणत
3 अर्ाभ त 12% है , अनुसूणचत जनजाणत 3 अर्ाभ त 12% है जबणि
अन्य णपछड़ी जाणत 8% णमला है ।

 व्यक्तक्त वै वाणहि क्तथर्णत िे आधार पर मैंने पाया है िी णववाणहत


सांख्या16 अर्ाभ त 64% अतः अणववाणहत िी सां ख्या 9 अर्ाभ त 36
% है जबणि णवधवा िे उत्तरर्दाता िी सांख्या शून्य है ।
 पररवार िे स्वरूप िे आधार पर मैंने पाया है िी 25 उत्तरर्दाता
एव उत्तरार्दाणत्रयोां में सयुक्त पररवार िी सांख्या 6 अर्ाभ त 24% है
एिािी पररवार िी सांख्या 13 अर्ाभत 52% है णवस्तृत पररवार िी
सांख्या शून्य है अन्य िी सां ख्या 6 अर्ाभ त 24 है ।
 पररवार िे मुख्य व्यवसाय िे आधार पर पाया है िी िृणष णि
सांख्या 5 अर्ाभ त 20 % है सरिारी नौिरी णि सख्या 7 अर्ाभ त
28 % है । व्यवसाय णि सांख्या 3 अर्ाभ त 12 % है पराईवेट
नौिरी िरने वाले िी सांख्या 10 अर्ाभ त 40% है अन्य िी सांख्या
0 है
 व्यक्तक्त िे िुल पाररवाररि आय िे आधार पर मैंने पाया है िी
1000-10000 ति आय िी सां ख्या 5 अर्ाभ त 20 है .10000–
20000 ति आय प्राप्त िरने वाले िी सांख्या 2 अर्ाभ त 8% है
20000 — 30000 ति आय प्राप्त िरने वाले िी सांख्या 3
अर्ाभ त 12% है । 30000 —40000 ति आय प्राप्त िरने वाले िी
सांख्या 10 अर्ाभ त 40% है 40000 से आणधि आय प्राप्त िरने
वाले िी सांख्या 5 अर्ाभ त 20 है ।
 व्यक्तक्तयोां िे पाररवाररि सम्बांध िे आधार पर मैं पाया है िी
णजसमे िुल उत्तरर्दाताओां िी सांख्या 25 है णजसमे पाररवाररि
सम्बांध बहुत अच्छा िी सांख्या 3 अर्ाभ त 12% है । जबणि

िेवल अच्छा िी सांख्या 2 अर्ाभ त 8% है । साधारि िी सांख्या 20


अर्ाभ त 40% है ।
 व्यक्तक्तयोां में बेरोजगारी िी समस्या िे प्रिार िे आधार पर मैंने
पाया है िी अल्प \आां णशि बेरोजगारी िी सांख्या 5 अर्ाभ त 20%
है पूवभ बेरोजगारी िी सांख्या 3 अर्ाभ त 12% है । मौसामी
बेरोजगारी िी सांख्या 7 अर्ाभ त 28% है । णशणक्षत बेरोजगारी िी
सांख्या 10 अर्ाभ त 40% है । अन्य िी सांख्या 0 प्राप्त हुआ है ।
 व्यक्तक्तयोां िे रोजगार हे तु तलास मैं ने पाया है िी रोजगार िे णलए
प्रयसा िी हाूँ िी सांख्या 13 अर्ाभ त 52% है जबणि प्रयास िी
नहीां िी सांख्या 12 अर्ाभ त 48% है ।
 व्यक्तक्त िे रोजगार क्षेत्र िे आधार पर मैंने पाया है िी सरिारी
क्षेत्र िी सां ख्या 15 अर्ाभ त 60% है प्राईवेट क्षेत्र िी सांख्या 8
अर्ाभ त 32 है अन्य िी सांख्या 2 अर्ाभ त 8 % है ।
 बेरोजगारी िे िारि िे आधार पर मैंने पाया है िी िाम िा न
णमलने िी सांख्या 2 अर्ाभ त 8% है अच्छी नौिरी न णमलने िी
सांख्या 1 अर्ाभ त 4% है स्वाथथ्र्ा िा हमेशा खराब रहना 2 अर्ाभ त
8% है । पूांजी िा अर्ाव िी सां ख्या 13 अर्ाभ त 52% है । िम
पढ़ा णलखा होना िी सांख्या 7 अर्ाभ त 28% है अन्य िी सांख्या 0
प्रणतशत है ।
 बेरोजगारी िे समस्या िे आधार पर मैंने पाया है िी सरिारी
उर्दासीनत िी सांख्या 3 अर्ाभ त है 12% है र्दोषपूिभ णशक्षा प्रिाली
िी सांख्या 8 अर्ाभ त 32 % है जबणि मशीनीिरि िी

सांख्या 5 अर्ाभ त 20% है स्वांय लोगो िी उर्दसीनता िी सांख्या 2


अर्ाभ त 8% है ,जनसांख्या िी वृ णर्दिॄ िी सांख्या 4 अर्ाभ त 16% है ।
अन्य िी सां ख्या 3 अर्ाभ त 12% है ।

 व्यक्तक्तयोां िे प्रणतयोणगत-परीक्षा ने जणटलता िे आधार पर मैंने


पाया है िी परीक्षा मे िणिनाईया िी हाूँ सांख्या 13 अर्ाभ त 52%
है और नहीां िी सांख्या 5 अर्ाभ त 20% है , उत्तरर्दाताओां िो
परीक्षा िे बारे में पता नहीां िी सांख्या 7 अर्ाभ त 28 है । अन्य
उत्तरर्दाताओां िी सांख्या शून्य प्राप्त हुआ है ।

 सरिारी र्त्ता र्दे ना चाणहय या नहीां र्दे ना चाणहय िे आधार पर मैंने


पाया है िुल उत्तरर्दाता िी सांख्या 25 में बेरोज़गारी र्त्ता णि
हाूँ िी सांख्या 13 अर्ाभ त 52% है , बेरोज़गारी र्त्ता नहीां र्दे ने िी
सांख्या 9 अर्ाभ त 36 % है उत्तरर्दाताओां िो िुछ नहीां पता िी सां ख्या
३ अर्ाभ त 12 % है

You might also like