Professional Documents
Culture Documents
आभार ज्ञापि
प्रस्तुत लघु सवेक्षि ‘’युर्वाओिं बेरोज़गारी की समस्या एक
समाजिास्त्री अध्ययि’’ राूँ ची मणहला िॉलेज प्रबांध िे समर्भन
तर्ा प्रोत्साहन िा प्रणतफल है , उत्तरर्दाताओां िी णवचार िो जानने
िा प्रयास णिया है । मुझे िई लोगोां िा सहयोग प्रत्यक्ष और
अप्रत्यक्ष र्दोनोां रूप से णलया है । णजसिा मैं आर्ार व्यक्त िरना
चाहती हूँ । सवभप्रर्म मैं अपने िॉलेज िी प्राचायभ डॉ मिंजु नसन्हा िा
आर्ार व्यक्त िरती हूँ । णवर्ाग अध्यक्ष नर्विीता नसिंह णजसिे िारि
हमारे िॉलेज िा चहुमुखी णविास हो रहा है । मैं अपने
णवर्ागअध्यक्ष और सवे क्षि णनर्दे णशिा डॉ अनुपमा णसांह,श्रीमणत सु श्री
श्रर्दॄारािी कयप ,श्रीमणत आशा िुमारी डॉ नप्रयिंका कुमारी िी
आर्ारी है । णवशेष तौर पर सवे क्षि णनर्दे शि डॉ अिुपमा नसिंह,
सुश्री श्रर्दॄारािी कयप उन्होने इस िायभ िी बारीणियोां से हमें
अवगत िराया । और अपने माता-णपता र्ाई-बहन सहपाणियोां तर्ा
अन्य पररवार िा तहे णर्दल से आर्ार प्रिट िरती हूँ ।
मैं अपने उत्तरर्दाताओां िा र्ी आर्ार व्यक्त िरती हूँ ।
णजन्होां अपना णिमती समय र्दे िर इस िायभ िो पूरा िराया है ।
नाम -णिताबून खातून
क्रमाि-16BASG001
पां जीयन सांख्या-16BASG001
IDR NO-170120410010
सत्र– 2016-2019
णवषय सूची
अध्याय पृ ष्ठ सां ख्या
1 1.1 पररचय या र्ूणमिा
1.2 पूवभ साणहत्य िा आध्यान
1.3 उद्दे श्य
2 2.1 झारखण्ड िा पररचय
2.2 राूँ ची िा पररचय
2.3 बररयातु बस्ती ,वडभ सां ख्या –8
3 3.1 णवश्लेषिात्मि पररपेक्ष्य
3.2 तथ्र्ो िा सांिलन िी णवणधया
3.3 णनर्दशभन /अनुसूची
3.4 साझात्कार
3.5 अवलोिन
3.6 तथ्र्ो सांिलन िी िणिनाई
4 4.1 उत्तरर्दाताओ िा सामाणजि आणर्भि पृष्ट र्ूणम
4.2 तथ्र्ो िा णवश्लेषि तर्ा सारिीयन
5 5.1 णनष्कषभ
5.2 सुझाव
पररणशष्ठ
सांर्दर्भ सूची /अनुसूची िी प्रणतणलणप /मेंप मानणचत्र /
पेपर िटाई।
बेरोज़गारी के प्रकार
बेरोजगार उस व्यक्तक्त िो िहा जाता है जो िी बाजार में
प्रचणलत मजर्दूरी है लेणिन उसे िाम तो िरना चाहता है लेणिन
उसे िाम नहीां णमल पाता है । बेरोजगारी िी पररर्ाषा हर र्दे श में
अलग होती। जैसे अमेररिा मे यणर्द णिसी व्यक्तक्त िो उसिी
क्वॉणलणििेशन िी णहसाब से नौिरी नहीां णमलती है तो उसे
बेरोज़गार माना जाता है । बेरोजगारी िा िाई प्रिार पाई जाती है ।
1 सिंघरचिात्माक बेरोज़गार :-
जब णिसी र्दे श मे पूांजी िी साधान अत्यणधि सीणमत है , तर्ा
रोजगार मानने वाले बढ़ी होती है । इसिा पररिाम यह होता है
िी िुछ व्यक्तक्त पूांजी िे साधनो िे अर्ाव मे रोज़गारी प्राप्त
नहीां होता है । ,इसे सांघरचनात्मि बेरोज़गारी िहते है ।
2 ऐच्छिक बेरोज़गार :-
जब श्रणमि वतभमान मजर्दूरी िी र्दर पर िाम होने पर र्ी
अपनी इच्छा से िाम न िरना चाहे तो इस प्रिार िी बेरोजगारी
िो ऐक्तच्छि बेरोजगारी िहा जाता है
3 अल्प रोजगार :-
जब िोई व्यक्तक्त अपनी योणगता िे अनुरूप िायभ प्राप्त नहीां
िर पता है तो उसे आां णशि बेरोजगारी िहा जाता है यणर्द िोई
व्यक्तक्त णिसी र्दफ्तर में एि छोटे बाबू िी तरह िाम िरता है
तो उसे बेरोज़गार व्यक्तक्त नहीां माना जाता है ,अणधि से अणधि
उसे अल्प बेरोज़गार व्यक्तक्त िहा जाता है ।
अध्याय-1
बेरोजगारी की समस्या के कारण :-
(ि) ग्रामीि बेरोजगारी िे िारि
(ख)नगरीय बेरोजगारी िे िारि
प्रधान मांत्री नरें द्र मोर्दी र्दु वारा णिया गया एि अणर्यान है णजसिा
चाहते है णवत्तीय वषभ में 100 णर्दनो िे वेतन रोजगार गारां टी र्दे िर
होगा ।
उद्दे य
रााँची का पररचय
सारिी सांख्या –1
उम्र िे आधार पर सारिी
2 25-30 4 16%
3 31-34 4 16%
4 35-40 5 20%
5 41-44 2 8%
िुल 25 100%