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आभार ज्ञापन

प्रस्तुत अध्ययन "झारखण्ड के जनजाति मतिलाओं की


सामातजक आतथिक स्थथति" लालपुर चौक के संदर्भ में एक
समाजशास्त्री अध्ययन समाजशास्त्री प्रततष्ठा की सलोनी पत्र की
आपूततभ हे तु प्रस्तुत क्षेत्रीय प्रततवेदन इस सवेक्षण को पूरा करने
के तलए मैं अपनी तशतक्षकाओं तथा कई लोगों का वेतन और
ऑपरे शन सहयोग तमला तजसके प्रतत मैं आर्ार व्यक्त करती
हं ।
सवभप्रथम में अपने कॉलेज की प्रधानाचायभ डॉ मंजू तसन्हा
का आर्ार व्यक्त करती हं तजनके सफल नेतृत्व में हमारा
महातवद्यालय का चहं मुखी तवकास हो रहा है ।
मैं अपनी तवर्ाग अध्यक्ष तवनीता तसंह की र्ी आर्ारी हं
तजन्होंने इस अध्ययन कायभ के संबंध में आवश्यक जानकारी दी
है ।
मैं अपनी सवेक्षण तनदे तशका एवं तशतक्षका श्रीमती आशा
कुमारी की र्ी आर्ारी हं तजस के तनदे शन में यह अध्ययन कायभ
संबंधी बातें को बता कर मेरी त्रुतियों को दू र कर इस कायभ को
सफल बनाने में मेरी सहायता की।
इसके साथ में अपनी तवर्ाग की तशतक्षका डॉ अनुपमा
तसंह, सुश्री श्रद्धा रानी कश्यप, श्रीमती तप्रयंका कुमारी, की र्ी
आर्ार व्यक्त करती हं तजन्होंने इस अध्ययन कायभ की
बारीतकयों से मुझे अवगत कराया।
इस अध्ययन कायभ में करदाताओं ने अपना कीमती समय
दे कर मेरे प्रश्ों के उत्तर तदया तजनके तबना एक सवेक्षण अधूरा
था मैं उन सब की प्रतत र्ी आर्ार व्यक्त करती हं मैं अपने तमत्र
तथा पररवार की र्ी आर्ारी हं तजन्होंने पूणभ रूप से मेरी
सहायता की ।
धन्यवाद
सवेक्षण कृतत
मंजू कुमारी राम
बी ए सेमेस्टर VI
क्रमां क-16BASG009

तिषय सूची
1अध्ययन
I. र्ूतमका
II. पूणभ सातहत्य का अध्ययन
2 अध्ययन,
I. झारखण्ड का पररचय
II. अध्ययन क्षेत्र का पररचय
III. उद्दे श्य
3 अध्ययन
I.अध्ययन की गतततवतध वणभनात्मक वृद्धद्ध
II. अनुसूच
III. साक्षात्कार
IV. अवलोकन (आसह्र्ागी )
V. तनदशभन (उद्दे श्य पूणभ)
VI. सवेक्षण
4 अध्ययन
I. तत्वों का वगीकरण
II. सारणी तवश्लेषण
III.
5 अध्ययन
I तनष्कषभ एवं सुझाव
6 अध्ययन
I संदर्भ सूची
II मानतचत्र और ग्राफ
III अनुसूची तथा प्रतत कॉपी
अध्ययन -1

भूतमका
(जनजाति का पररचय)
जनजातत व सामातजक समुदाय है जो राज्य के तवकास के
पूणभ अद्धस्तत्व में या जो अर्ी राज्य के बाहर हैं जनजातत वास्तव
में र्ारत के आतदवातसयों के तलए इस्तेमाल होने वाला एक
वैधातनक पद है र्ारत के संतवधान में जनजातत पद का प्रयोग
हआ है इनके तलए तवशेष प्रावधान लागू तकए गए हैं र्ारत में
कबीली जनसंख्या के तवषय में स्पष्ट और सुलझी तवचारों का
अर्ाव रहा है कबीला शब्द की पररर्ाषा के तवषय में र्ी
तवद्वानों मेंमतैक्य नहीं है फलस्वरूप जनगणना ररपोिभ में र्ी
जहां कुछ कबीलों को जाततयों को सूची में रखा गया है बहत से
नीची जाततयों को र्ी कबीलों से सद्धितलत कर तलया गया है
इस संबंध में एक जनगणना में दू सरी जनगणना में र्ी तवषमता
पाई जाती है एक जनगणना के अनुसार समस्त र्ारतीय कबीलो
का धमभ आतंकवाद की श्रेणी में आता है तकंतु उसकी अगली
जनगणना में…

जनजाति की पररभाषा
जनजातत को अनेक प्रकार से पररर्ातषत तकया गया है
इसमें तनतमत्त पररर्ाषाएं मुख्य हैं ।
1. गातलन िथा तगलीन:-
स्थानीय समूहों का कोई र्ी आदमी संकलन जो सामान्य
क्षेत्रों में रहता है । एक सामान्य र्ाषा बोलता है और एक सामान्य
संस्कृतत का उपयोग करता है उसे जनजातत कहते हैं ।
2. डॉ मजूमदार:-
मजूमदार के अनुसार एक जनजातत पररवारों या पररवारों
के समूहों का संकलन है तजसका एक सामान्य नाम है तजसके
सदस्य एक समान र्ूर्ाग में तनवास करते हैं सामान्य र्ाषा
बोलने हैं और तफर वापस आया उद्योग के तवषय में कुछ
तनषादों का पालन करते हैं और पारं पररक व्यवहार के बारे में
एक तनतित व्यवस्था का तवकास करते हैं ।
3.एम्पोररयल गेजेटीयर में उल्लेस्खि व्याख्या:-
जनजातत पररवार को ऐसा समूह है तजसका एक सामान्य
नाम और सामान्य बोली हो जो एक सामान्य र्ूर्ाग में रहते हो
या उस र्ू र्ाग को अपना मानते हो और जो अपनी जातत के
अंदर तववाह करते हैं ।

4.नोट् स एं ड क्वरीज ऑन एं थ्रोपोलॉजी में उस्ल्लस्खि


व्याख्या:-
जनजातत को एक ऐसे समूह के रूप में पररर्ातषत तकया
जा सकता है जो अपना श्रृंखला सामातजक और राजनीततक श्वेता
शासन चला रहा हो और एवं तवशेष र्ूर्ाग का स्वामी हो।

उपक्रम
लगर्ग हर तेल र्ी र्ारतीय आतदवासी है र्ारत में
जनजाततयों को कुल आबादी का एक महत्वपूणभ र्ाग के रूप में
यह जो हमारे सभ्यता की संस्कृतत मोजैक के साथ एकीकृत है
र्ारतीय समाज में कोई तत्व का प्रतततनतधत्व करता है वषभ 20
11 की जनगणना के अनुसार दे श की कुल आबादी में
आतदवातसयों की संख्या 8.6% है जो लगर्ग 204.26 तमतलयन
है और दे श के क्षेत्रफल का लगर्ग 24% र्ाग पर स्थातपत से
प्रर्ातवत है
जनजातियों के प्रमुख तिशेषिाएं :-
1. एक जनजातत एक तनतित र्ूर्ाग में तनवास करती है ।
2. इनकी तप्रया अपनी र्ाषा बोली होती है ।
3. एक जनजातत के सदस्यों की अपनी संस्कृतत रहन-सहन व
जीवन शैली होती है सदस्य अपनी संस्कृतत के तनयमों
का पालन करते हैं ।
4. एक जन जातत के सदस्य अपनी ही जनजातत में तववाह
संबंध बनाते हैं समाज के ऐसे वडभ जो अपेक्षाकृत कम
प्रगतत का पाय या तपछडे या उनके तलए संतवधान में तवशेष
प्रावधान तकए गए।
5. आतदवासी या जनजाततयों र्ी समाज के अन्य वगभ की
तुलना में तपछडे रह जाने के कारण उनके तलए र्ी
संतवधान में तवशेष प्रावधान तकए गए हैं प्रत्येक राज्य में
कौन सी आतदवासी जनजातत वगभ इन तवषयों प्रधानों का
लार् प्राप्त करने के पात्र होंगे। यह संतवधान में स्पष्ट तकया
गया है प्रत्येक राज्य के तलए इं जन जाततयों की अनुसूची
तैयार कर संतवधान में शातमल की गई अतः इन्हें अनुसूतचत
जनजातत कहा जाता है ।

जनजाति का अथि:-
आतदवासी शब्द दो शब्दों आतद और वासी से तमलकर
बना है और इनका अथभ मूलतनवासी होता है र्ारत की जनसंख्या
का 8.6% (10 करोड) तजतना एक बडा तहस्सा आतदवातसयों
को आतवतका और वनवासी र्ी कहा गया (संस्कृत ग्रंशो में)
महत्या गां धी ने आतदवातसयों को तगररजन (पहाड पर रहने वाले
लोग) कहकर पुकारा है । र्ारतीय संतवधान में आतदवातसयों के
तलए अनुसूतचत जनजातत पद का उपयोग तकया गया है र्ारत
के मुख्य आतदवासी समुदायों में गुड ,मुंडा, खतडया, हो, बोडो,
झील, खासी,सतिया, संथाल, मीण है तथा यह है । तक आतदवासी
लोगों पर तवशेष ध्यान दे ने की आवश्यक है तजससे उनकी
सामातजक, आतथभक, एवं कमजोर सहर्ातगता के संकेतों से
समझा जा सकता है । आतदवासी जनसंख्या प्रततशत जनसंख्या
गरीब रे खा से नीचे है ।

जनजाति के सामातजक जीिन:-


झारखण्ड के जनजातत पररवार तपतृसत्तात्मक है जो र्ी
अतर्षेक इतने साक्ष्य का मोहताज नहीं तक जनजातत पररवार
पहले मातृ सत्तात्मक हआ करते थे लेतकन यह सोच का तवषय है
तक यह कब से तपतृसत्तात्मक होते गए वैसे आज र्ी इस बात के
संकेत तमलते हैं तक धन प्राद्धप्त अपनी जनजातत के अंदर की
परवाह करती है संतान तपता का बोल पाती है मां का नहीं।
शादी होने के बाद लडकी पतत का गोत्र अपनाती है जनजाततयों
में अतधक संख्या पररवार एकां की होते हैं पररवार में माता-तपता
और उनके अतववातहत बच्चे होते हैं पररवार समाज की सबसे
छोिी इकाई है कुछ जनजातत में संयुक्त पररवार होते हैं लेतकन
उन्हें र्ी ज्यादा दो पीत़ियों के लोग साथ …

जनजािीय मतिलाओं की स्थथति:-


 छोिा नागपुर के जनजातीय समाज में मतहलाओं की द्धस्थतत
अलग अलग है वतभमान समय में जनजातत मतहलाओं का
महत्वपूणभ आतथभक योगदान है जनजातीय समाज में
मतहलाएं घर जनजातत समाज की मतहलाओं की अपेक्षा
अतधक साबुन पद्धतत से पररश्रतमक बल के रूप अलग-
अलग योगदान दे ती है इनका योगदान पररवाररक व्यवस्था
में र्ी अतत महत्वपूणभ है इस प्रकार जनजातत मतहलाओं की
द्धस्थतत को नकार नहीं जा सकता जनजातत मतहलाओं की
द्धस्थतत के संबंध में अनेक तवद्वानों ने अध्ययन तकया है और
अपने तवचार व्यक्त तकए हैं प्रतसद्ध मानव शास्त्र लेवी
1948 के अनुसार जनजातीय समाज में मतहलाओं की
द्धस्थतत को 4 सुंदर के तवचार तकया जा सकता है संदर्भ हैं --
- तनतित प्राप्त आचरण कानूनी द्धस्थतत सामातजक र्ागीदारी
यह तहस्सेदारी का शुर् अवसर तथा चररत्र। र्ारतीय मानव
शास्त्री मदन और मजूमदार 1956 ने र्ी मतहलाओं की
द्धस्थतत के संबंध में तवश्लेषण तकया है उनके अनुसार
मतहला की द्धस्थतत सर्ी प्रकार के समाज में तवशेषकर
पुरुष प्रधान समाज में तवतर्न्न प्रकार के तनषेध जो
मतहलाओं का सामान्यता साथ दे ती है उनके द्वारा तनधाभ ररत
होता है यह तवशेष सुरक्षात्मक प्रततबंधात्मक या गुणात्मक
होता है ।
उपयुभक्त तववेचन से जनजातत मतहलाओं की द्धस्थतत पर
प्रकाश पडता है लेतकन जनजातत समाज की अपनी परं परा
है और उसके परं परा के अनुसार मतहलाओं की द्धस्थतत का
संबंध र्ी है पुरुषों और मतहलाओं के बीच का संबंध हमेशा
मागभदशभक रहता है जब से मतहलाएं पुरूषों के बराबर
समानता के तसद्धां त का उपयोग सर्ी क्षेत्र जैसे सामातजक,
आतथभक, धातमभक, सां स्कृततक, शैक्षतणक, एवं राजनैततक,
आतद में कर रही हैं । मतहलाओं की द्धस्थतत में पररवतभन हो
रहा है यद्यतप जनजातीय पुरुष अर्ी पररवाररक जीवन वृत्त
का प्रमुख तवजे ता है तफर र्ी वतभमान समय में जनजातीय
मतहलाएं अथभ पूणभ स्थान ग्रहण कर रही हैं पुरुषों की तुलना
में उन पर काम का बोझ अतधक है मगर पररश्रम कम
तमलता है कृतष कायभ में तकए गए काम का 70% से अतधक
र्ाग मतहलाओं के द्वारा तकया जाता है लेतकन पुरुषों को
तमलने वाली मजदू री से 25% कम मजदू री उन्हें तमलती है
गैर कृतष कायभ में र्ी उन्हें मजदू री कम तमलती है । इस
प्रकार जनजातत मतहलाओं की समानता द्धस्थतत के कारण
के बाद व तनष्कषभ तनकालते हैं तक समाज में नारी को जो
र्ूतमका है वह दू सरे ददभ का माना गया है उनका ददभ तफर
उससे नीचे है लेतकन तफर र्ी इस मान्यता में धीरे -धीरे
बदलाव आ रही है और प्रत्येक क्षेत्र में नाररयों की सर्ा
गीता ब़िती जा रही है तफर र्ी उनकी द्धस्थतत में आवश्यक
सूचना नहीं हआ है जनजातत मतहलाओं की द्धस्थतत में सुधार
लाने के तलए सवभप्रथम तशक्षा में प्रगतत और तवकास लाने
होंगे अतः आ सकता है ऐसे उपाय एवं कायभक्रमों के तजससे
जनजाततयों मतहलाएं उत्सातहत होकर तशक्षा प्राप्त करने
की और प्रमुख है तर्ी सामातजक और आतथभक द्धस्थतत में
सुधार हो सकता है जनजातत मतहलाएं के बीच तशक्षा का
अर्ाव है 1991 की जनगणना के अनुसार दर 27.52%
है । और साक्षरता दर 15.41% है सवेक्षण 1994 में र्ी
यहां की मतहलाओं की कम साक्षरता दर की उजागर
तकया।
 जनजाति मतिलाओं की िैिातिक स्थथति:-
मतहलाओं की द्धस्थतत का गहराई से अध्ययन करने के तलए
युवा एक महत्वपूणभ वृत्तखंड है तववाह में मतहलाएं सीधे तौर
पर सद्धितलत होती हैं जनजातीय समाज में लडतकयों की
शादी अतनवायभ है अपनी लडकी की शादी समय पर करना
चाहती हैं जनजातत समाज में अतववातहत को अच्छी तनगाह
से नहीं दे खा जाता है जनजातत लडतकयों का तववाह 17 से
18 वषभ में ही कर तदया जाता है जनजातीय समाज में वधू-
मूल्य ,ततलक, दहे ज ,नहीं होता…

झारखण्ड में तिरिोर मतिलाओं की स्थथति:-


लोहरदगा तजले के पठारी क्षेत्र में एक ऐसी जनजातत वस्ती
हैं जो आज र्ी अपने उद्यान के तलए राह दे ख रही है जो हर
जनजातत आज र्ी संघषभ कर रही है यहां के तनवासी मूलर्ूत
सुतवधाओं से वंतचत है तबरहोर पररवार जंगल की लकडी और
जाल बुन कर अपना जीवन यापन करती है तबरहोर झारखण्ड
की एक अल्पसंख्यक जनजातत है हजारीबाग रााँ चीतथा पलामू
तजला के जंगलों में यह तनवास करती है उनका एक तनतित
तनवास स्थान नही ं होता है । तबरहोर एक स्थान से दू सरे स्थान पर
आती जाती रहती है कुछ तदनों तक एक स्थान पर जाते हैं तो
दू सरे जंगल प्रस्थान कर लेते हैं छोिा नागपुर के अततररक्त आय
आबादी मध्य प्रदे श तथा उडीसा र्ी है ।

झारखण्ड का जनजाति समुदाय आज अनेक समस्याओं


से ग्रतसि िै
(a) आतथभक समस्या
(B) सामातजक समस्या
(C) स्वास्थ्य संबंधी समस्य
(D) संस्कृतत समस्या

आतथिक समस्या
1. तनर्िरिा:-
आतथभक समस्याओं में सबसे बडी समस्या तनधाभ ररत की
समस्याएं झारखण्ड के समस्या जनजातत तचत्र में जनजाततयों की
मात्र दोनों शाम का र्ोजन तमलता है पयाभ प्त वस्त्र ।इस तनधाभ रण
के तलए सामातजक, आतथभक, राजनीततक, संख्यात्मक, आतद
अनेक कारण तजिेदारी है । जनजाततयां जीवन में तशक्षा का
अर्ाव है जनजातत गुनवा दी है कमभकां ड संस्कारों अनुष्ठानों तथा
धातमभक उत्सव की प्रधानता है जीवन के प्रतत दृतष्टकोण आज र्ी
वैज्ञातनक नहीं हो पाया है । सबसे बडी समस्या तनधभनता की
समस्या है जो जनजातत का संख्यात्मक रूप से अध्ययन करें ।

2. नौकरी:-
नौकरी ने रोजगारी की समस्या झारखण्ड की जनजाततयों
की दू सरे गंर्ीर समस्या है जनजातत क्षेत्र में बेकारी का मुख्य
कारण कृषकों का र्ूतमहीन हो जाना है र्ूतमहीन तकसानों की
संख्या में वृद्धद्ध हो रही है अतधक तकसान कृतष मौसम में है
वतभमान तशक्षा पद्धतत नवयुवकों को कृतष कायभ करने लायक
नहीं बनाती है । बद्धि लोगों का नौकरी की तलाश करते हैं ।
उपयुक्त स्थाई कृतष झूम खेती से संबंतधत समस्याएं र्ी
झारखण्ड के जनजातत क्षेत्र में दे खी जाती है झारखण्ड लगर्ग
1.15 लाख जनजातत स्थानां तररत कृतष एवं खेत में लगी हई थी
। झारखण्ड की मे सौररया पहातडया तथा पहाडी खतडया इस
प्रकार की कृतष करते हैं जहां र्ारतीय जनजातत का समस्या को
अलग तरीके से अध्ययन कर सौररया पहातडयों ,पर कृतष करते
हैं ।
3.िन दोिन:-
झारखण्ड की लगर्ग 90% जनजातीय आबादी पहातडयां
तथा जंगलों में तनवास करते हैं तजसका सामातजक सां स्कृततक
तथा आतथभक संगठन तथा वन एवं उत्पादन रूप से प्रर्ातवत
होता है । जंगल से प्रर्ातवत होने वाली जनजाततयां वीरहोर ,
सौररया पहातडया असुर पहाडी खतडया है । झारखण्ड में वनों
का सहार तद्वतीय तवश्व युद्ध के समय से हो रहा है वृक्षारोपण एवं
वन संरक्षण के कारण उपाय की कमी के कारण जंगल तदन पर
तदन खत्म होते जा रहे हैं 1950 ईस्वी में सरकार द्वारा आरतक्षत
वन ओं की धारणा तकए।

4. ऋणग्रीष्मक:-
झारखण्ड की जनजाततयों के प्रमुख आतथभक समस्या
ऋनगृषत समस्या है ऋनगृसत से एक ऐसी द्धस्थतत का दू ध होता
है तजस के कजभ के जो तजस प्रकार दब जाते हैं तक उन्हें इससे
छु िकारा ही नहीं तमलता है सामातजक समस्या तनम्न प्रकार से
होते हैं ।
★िाल तििाि
सामान्यता जनजाततयों में व्यस्त हो जाने पर ही लडके और
लडतकयां का तववाह तकया जाता था परं तु तहं दू समाज के संपकभ
में आने के कारण उनमें र्ी बाल तववाह का प्रचलन शुरू हो
गया।
★िर्ु मूल्य
वतभमान में वधू मूल्य मुद्रा में चुकाने के तलए वादा तकया
जाता है पहले तो वह दो मूल्य को पदाथभ तथा सेवाओं में र्ी
झुका तदया जाता है अतः तववाह में कतठनाई उत्पन्न होती जा रही
हैं ।

★ िेश्यािृति
जनजाततयों में अतत दयनीय अवस्था के कारण सामातजक
तत्व र्ली-र्ां तत आधीन सामातजक कन्याओं को अपने जाल में
फंसा कर ले जाते हैं और उनसे वेश्यावृतत्त कराते हैं और उनसे
तवश्वमृत करते हैं और तवदे शी लोगों के संपकभ में आने के कारण
वेश्यावृतत्त में वृद्धद्ध हई है ।
★आं नैतिक यौन संिंर्
वतभमान समय में जनजातीय समाज में नैततक यौन संबंध
ब़िता जा रहा है ।

समस्या का तनराकरण कानून तकस शहर से बाल तववाह


को रोकने की तदशा में प्रर्ावी कदम उठाया जाना चातहए अन्य
मूल्य प्रथा के अमूल्य के तलए जनमत तैयार तकया जाना चातहए
युवा ग्रहों का पुनरुत्थान तकया जाना चातहए।
स्वास्थ्य संिंर्ी समस्या झारखण्ड के जनजातत में स्वास्थ्य
संबंधी समस्या र्ी दे खी जाती है उनमें अतधक मात्रा में जल
संक्रतमत रोग पाए जाते हैं पीने का पानी की कमी रोगों का मुख्य
कारण है तजन स्थानों पर प्रचुर मात्रा में जल गंदा एवं पुरूष
होता है फल स्वरुप अतधकतर लोगों के हाथ तथा चमभ रोगों के
तशकार हो जाते हैं है जा के चीज अततसार आधी बीमाररयां
उनके बीच दे खी जाती है उसका आवाज संतुतलत आहार
आवास राहत संपकभ अतधक रोग तथा तचतकत्सा का अर्ाव।

(पोनि सातित्य)
योगेश अटल यिीन्द्र तसि तससोक्षया(2011-2-4)
योगेश अिल ने आतदवासी र्ारत पुस्तक में योगेश जी
आतदवासी तवकास के बारे में अपने तवचार व्यक्त तकए हैं आतद
जनजाततयां डराइव शब्द की पररर्ाषा दे श और काल के
अनुसार बदलती रहती है साधारणत्या यह माना जाता है तक
आतद जातत की अपनी तवतशष्ट र्ाषा समाज व्यवस्था संस्कृतत पर
जातत पुरा का शादी होती है तवतर्न्न जाततयों के बीच शादी
तववाह होने से तमतश्रत या वणभ संकर संतान पैदा होने लगी इस
प्रकार अगतणत, गतणत तमत्रता, जाततयां उपजाततयां अद्धस्तत्व में
आ गई है

G.K अग्रिाल सामातजक मानिशास्त्र


G.K अग्रवाल ने अपनी पुस्तक सामातजक मानवशास्त्र मैं
जनजाततयों के बारे में तवस्तार से बताया गया है जनजातत
समाजों में द्धस्त्रयों की द्धस्थतत द्धस्थतत के एक लंबे समय तक
मतर्ेद बना रहा है इस संबंध में तवद्वानों के तवचार परस्पर
तवरोधी रहे हैं जनजातीय समाजों में द्धस्त्रयों की पररद्धस्थतत कही ं
अतधक है जबतक अनेक तवद्वान आतदवासी समाज में द्धस्त्रयों की
पररद्धस्थतत की साधारणतया बहत तनम्न और तपछडी हई मानते
हैं ।

डॉ योगेंद्र प्रसाद तिपाठी


डॉ योगेंद्र प्रसाद जी ने अपनी पुस्तक जनजातत समाज
समाजशास्त्र में अपने तवचार को तवस्तार से तकए हैं जनजातत
अन्य पररवारों के साथ होता है । जनजातत का एक समय
सामान्य नाम होता है । जनजातत एक सामने र्ू र्ाग पर तनवास
करते हैं । प्रत्येक जनजातत के अपने िाइिन न्यू िाइप होते हैं ।
जो उनके गोत्र संगठन या कुल दे वता से संबंतधत होता है ।
प्रत्येक जनजातत का एक राजनीततक संगठन होता है ।
िसनैन नदीम(2004,2005,2010,10-1)
जनजातत र्ारत इस पुस्तक में हसनैन जी ने जनजातत
समाज के बारे में अपने तवचार व्यक्त तकए हैं जनजातीय समाज
नाम धारण करने वाले पररवारों का एक संकलन है जो समाज
बोली बोलते हैं एक ही र्ूखंड पर अतधकार करने का दावा
करते हैं जनजातत का अथभ आचरण से लोगों का एक समूह है
जो मुद्धखया की 87 करते हैं तथा साधारण तथा अपना एक
सिान पूवभक मानते हैं ।

राम आहूजा (2016:150,151)


राम आहजा ने अपनी पुस्तक सामातजक समस्या में अपने
तवचार व्यक्त करते हए कहां है । जनजातत के पास होंडा पर
जमीन होती है तजससे उनकी पैदावार कहां होती है और तकस
कारण से का कजभ में डूबे रहते हैं अतधकां श आतदवासी बहत
कम जनसंख्या वाले पहातडयों पर रहते और आतदवासी क्षेत्रों में
संसार और यातायात बहत कतठन होते हैं इसतलए आतदवातसयों
को कस्ों और शहरों से दू र एकाकी जीवन जीने से रोकने के
तलए नई सडकों का जाल बनाना चातहए।
झारखण्ड का पररचय
झारखण्ड यानी झार या झाड जो स्थानीय रूप में वन का
पयाभ य और खंड यानी िु कडे से तमलकर बना है । अपने नाम के
अनुरूप या मूलतः एक वन प्रदे श है जो झारखण्ड आं दोलन के
जल स्वरूप तजसे बाद में कुछ लोगों द्वारा बना चल के नाम से
जाना जाता है ।झारखण्ड एक जनजातीय राज्य है 15 नवंबर
2000 को यह प्रदे श र्ारत वषभ का 28 वा राज्य बना तबहार के
दतक्षणी तहस्से को तवर्ातजत कर झारखण्ड प्रदे श का सृजन
तकया गया था महार्ारत शब्द का प्रयोग पहली बार तेरहवीं
शताब्दी के एक ताम पत्र में हआ झारखण्ड का सामान्य अथभ है ,
झाडोंका प्रदे श बुकानन के अनुसार काशी से लेकर वीर र्ूत
तक समस्त पठारी क्षेत्र झारखण्ड कहलाता है । झारखण्ड नाम
की चचाभ की है संर्वत जंगल झाड की अतधकता नहीं झारखण्ड
नाम जन्म तदया ऐसे प्रतीत होता है ।

झारखण्ड की सीमाएं :-
झारखण्ड की सीमाएं उत्तर में तबहार में उत्तर प्रदे श एवं
छत्तीसग़ि दतक्षण में उडीसा और पूवभ में पतिम बंगाल को छूती
है । लगर्ग संपूणभ प्रदे श छोिा नागपुर के पठार पर अवद्धस्थत है
कोयल दामोदर खडकाइ और स्वणभ रे खा यहां की प्रमुख नतदयां
हैं ।

झारखण्ड की जनजातियां:-
2001 की जनगणना के अनुसार झारखण्ड राज्य के
अनुसूतचत जनजाततयों एसिी की जनसंख्या 708 7068 है जो
राज्य की कुल जनसंख्या 26 945 829 का 26.3% है ।
जनजाततयों की जनसंख्या के आधार पर इस राज्य का दे श में
चौथा स्थान है । अनुसूतचत जनजातत मुख्य रूप से ग्रामीण है जैसे
तक ए का 91.7% जनजाततयां गां व में तनवास करती हैं
जनसंख्या का तजलेवार तवतरण से पता चलता है तक अनुसूतचत
जनजातत की उच्चतम अनुपात 68.4% गुमला तजले के हैं
अनुसूतचत जनजाततयों में कुल आबादी का आधा से अतधक
जनसंख्या लोहरदगा तजले और पतिम तसंहर्ूम तजले में है
जबतक रााँ चीऔर पाकुड में इनकी प्रततशत 41.8 से 44.6 है
कोडरमा तजले में अनुसूतचत जनजातत का जनसंख्या अनुपात
0.8% और चतरा में 3.8% झारखण्ड 32 आतदवासी समूह
अथवा अनुसूतचत जनजाततयां रहती हैं जो इस प्रकार हैं -
1. मुंडा
2. संथाल
3. उरां व
4. खतडया
5. लोहरा
6. करमाली
7. बृजया
8. तबरहोर
9. खरवार
10. कोंडा
झारखण्ड का इतििास
प्राचीन काल
झारखण्ड के हजारीबाग तजले में लगर्ग 5000 साल पुराना
गुज्म तचत्र तमले हैं इस राज्य में ईसा पूवभ 1400 साल के लाहौर
के औजार और तमट्टी के बतभन के अवशेष तमले हैं 325 साल पूवभ
में झारखण्ड मगध से उत्पन्न मौयभ साम्राज्य का तहस्सा हआ
करता था।

मध्यकाल
मध्यकाल में बलून क्षेत्र में चारों राज्यों का शासन था तजनमें
मेदनी राय प्रमुख थे चेरो राजस्व के कमजोर होने के साथ ईस्ट
इं तडया कंपनी का क्षेत्र में दखल हआ तितिश ईस्ट इं तडया कंपनी
ने चेरो के लाल तकले पर कब्जा कर तलया।

आर्ुतनक काल
1765 के बाद यहां तितिश ईस्ट इं तडया कंपनी का प्रर्ाव पडा
आं गल मराठा युद्ध के बाद छोिा नागपुर पठार के कई राज्य
तितिश ईस्ट इं तडया कंपनी के अधीन हो गए उनमें नाग आवास
ररयासत, रामग़ि, ररयासत, नागपुर ,खचभ हआ सरायकेला
,जसपुर ,सरगुजा ,आतद शातमल थे। तितिश दास्तां के अधीन
यहां काफी अत्याचार हए और अन्य प्रदे शों से आने वाले लोगों
का काफी दबदबा हो गया था इस काल झारखण्ड में इस प्रदे श
में तितिश के द्धखलाफ बहत से तवद्रोह हए। वतभमान समय में
झारखण्ड में कुल 22 तजले हैं उन तजलों का नाम इस प्रकार हैं -
1. तसमडे गा
2. धनबाद
3. बोकारो
4. सातहबगंज
5. पूवी तसंहर्ूम
6. सरायकेला
7. गोड्डा
8. दे वघर
9. पाकुड
10. तगररडीह
11. कोडरमा
12. हजारीबाग
13. रााँ ची
14. दु मका
15. जामताडाइ
16. ग़िवा
17. लोहरदगा
18. पलामू
19. लातेहार
20. चतरा
21. गुमला
22. पतिमी तसंहर्ूम

[10:46 PM, 4/22/2019] रामपुर 2: पवभ त्यौहार--- झारखण्ड


आतदवासी बहत राज्य हैं इसतलए यहां की संस्कृतत में आतदम
जीवन कर रं ग रं ग यहां के सर्ी पवभ त्योहारों में तबखरा पडा है
तफर र्ी आतदवासी पवभ त्यौहार की बात कुछ और हैं
आतदवातसयों का सबसे बडा त्योहार सरहल है जो मुख्यतः वषभ
उत्सव है ।जो माचभ -अप्रैल महीने में मनाया जाता है ।इसके
अलावा कुछ प्रमुख अन्य त्यौहार इस प्रकार हैं ---
1िु सू पवभ
2बादना पवभ
3करमा पवभ
4मागे पवभ
(मेरा अध्ययन क्षेत्र)
-- अध्ययन क्षेत्र के तनधाभ रण यह है तक सवभप्रथम तवषय के तचन्ह
पक्षों का हमें अध्ययन करना है उन्हें स्पष्ट पररर्ातषत कर लेना
चातहए तातक उन पतक्षयों से संबंध तथ्य संस्कृत की जाए
अध्ययन क्षेत्र का तनधाभ रण करना एक अतत आवश्यक कायभ है ।
क्योंतक एक सीतमत क्षेत्र के अंतगभत ही तकसी तवषय का अध्ययन
कर मदद से पूरा लार् उठाया जा सकता है । यह अपने सवेक्षण
तवषय झारखण्ड के जनजातत मतहलाओं की सामातजक आतथभक
द्धस्थतत का समाजशास्त्रीय अध्ययन के तलए मैंने रााँ चीक्षेत्र के
लालपुर चौक में जाकर अध्ययन से संबंतधत तथ्यों को संकतलत
तकया है ।
रााँ चीझारखण्ड की राजधानी है रााँ चीमें लालपुर
क्षेत्र से हमने अपने अध्ययन कायभ पूणभ तकए हैं तजसमें यहां की
आबादी लगर्ग 17, 608 है तजसमें पुरुष की संख्या 8,674 है
इसमें 2,260 जनजातत है इनमें से हमने 25 मतहलाओं का
अध्ययन तकए हैं यहां की वाडभ संख्या 19 है पाषभद का नाम
आशा दे वी है । लालपुर चौक के सामने बाजार लगता है तसफभ
यह बाजार रतववार को ही लगता है यहां गां व के लोग जो जो
अनाज घर में उप जाते हैं ।उसे बाजार में लाकर बेचने के तलए
तनकालते हैं बाजार की कुछ दू री में पतंजतल का दु कान है
।उसके ऊपर में बैंक ऑफ इं तडया है
लालपुर में एक फैक्ट्र ी है जहां ईिा बनाने का काम होता
है यहां एक सरकारी स्कूल तथा छोिे बच्चों के तलए प्ले स्कूल है
यहां एक आं गनबाडी है यहां पर सरना स्थल है तजसमें यहां के
आतदवासी जैसे उरां व मुंडा आतद यहां तववाह शादी होती है
लालपुर की पतिमी की ओर सरकारी स्कूल है पूवभ की ओर
तडशनरी पुल है जहां छठ पवभ तकस समय पूजा की जाती है
दतक्षण की ओर पैंिालूंस मॉल है जहां खरीदारी की जाती है
उत्तर की ओर वुमेन कॉलेज है जहां तशक्षा ग्रहण की जाती है
लालपुर चौक के बगल में जो हनुमान मंतदर है यहां पर सरहल,
कमाभ , सोहराय ,रामनवमी ,आतद को तमलकर धू मधाम से मनाते
हैं । यहां की आतथभक द्धस्थतत बहत ही खराब है साथ ही यहां के
लोग काफी अतशतक्षत हैं अतशतक्षत होने के कारण अतधकां श
लोग बेरोजगार हैं यहां के लोग अतधकतर हररया ,दारू ,का
व्यापार करते हैं । लोग अपने जीवन की गाडी को सुचारू रूप
से चलाने के तलए मजदू री के साथ साथ सूअर ,बकरी ,र्ेड ,गाय
आतद पालते हैं । यहां के लोग गरीब होने के कारण यहां के
अपने बच्चों का सही से दे खर्ाल नहीं कर पाते हैं ।
[10:49 PM, 4/22/2019] रामपुर 2: (उदे श्य)
प्रत्येक अध्ययन के पीछे कोई ना कोई उद्दे श्य आवश्यक होता है
प्रत्येक व्यद्धक्त तकसी काम करने से पहले अपना एक उद्दे श्य
तनतित पूरा करता है अतः हमने र्ी सवेक्षण कायभ करने से पहले
अपना उद्दे श्य पूरा तकया जो इस प्रकार है --
1-- जनजातत मतहलाओं की आतथभक और सामातजक द्धस्थतत का
पता लगाना।
2-- जनजातत मतहलाओं को आतथभक रूप से आत्मतनर्भर बनाने
हे तु।
3-- जनजातत मतहलाओं की आतथभक समस्या है या नहीं इस बात
का पता लगाना।
4-- जनजातत मतहलाओं को सरकार के द्वारा चलाया गया
योजनाओं की जानकारी है या नही ं इस बात का पता लगाना।
[11:02 PM, 4/22/2019] रामपुर 2: अध्ययन --3
(वणभनात्मक शोध अर्ीकल्प)
तथ्य संकलन संबंतधत तवतधयां ---- वतभमान शोध अतर्कल्प या
पिना वह है तजसका उद्दे श्य समस्या के संबंध में पूवभ यथाथभ एवं
तवस्तृत तथ्यों की जानकारी प्राप्त करना है इसके द्वारा
वास्ततवक तथ्यों का संकलन तकया जाता है इन तथ्यों के आधार
पर समस्या का वणभन आत्मक तववरण अथवा तचत्रण प्रस्तुत
तकया जाता है इस प्रकार की प्रचारना की मूल आवश्यक यथाथभ
तशक्षा तथा मनोतवज्ञान के क्षेत्र में वणभनात्मक अनुसंधान का
महत्व बहत अतधक है इस तवतध का प्रयोग तशक्षा व
मनोवैज्ञातनक के क्षेत्र में व्यापक रूप से होता है वणभनात्मक
अनुसंधान का मुख्य उद्दे श्य वतभमान दशाओं तक्रयाओं अर्ी मृत्यु
तथा द्धस्थतत के तवषय को जान प्राप्त करना है वणभनात्मक
अनुसंधान कताभ समस्या से संबंतधत केवल तथ्य को एकत्र ही
नहीं करता है बद्धि वह समस्या से संबंतधत तवतर्न्न चारों में
आपसी संबंध ब़िाने का प्रयास करता है साथ ही र्तवष्यवी र्ी
करता है । इसतलए इसका तनमाभ ण इस प्रकार से तकया जाता है
तक पक्षपात कम से कम 2 तथ्यों को तवश्वास अन्य अतधक हो
शोध परचलना द्वारा समुदाय का तचत्रण इसके सदस्यों के
आयुवेद रन राष्टरीय तथा धातमभक र्ौततक तथा मानतसक स्वरूप
तथा तशक्षा के स्तर पर अथवा सामुदातयक सुतवधाओं मकानों
का प्रकार उपलब्ध पुस्तकालयों तथा अपराधों की संख्या अथवा
सामातजक संगठन की रचना तथा व्यवहार के प्रमुख प्रतत जनों
आतद तवतध तवषयों का अध्ययन तकया गया है ।
सैतलिज़ जहोदा तथा अन्य तवद्वानों ने वणभनात्मक शोध
अतर्कल्प या प्रचलन के तनम्नतलद्धखत चरण बताए हैं ।---
1-- अध्ययन के उद्दे श्य का तनधाभ रण।
2-- तथ्यों के संकलन की तवतधयों की पश्यचना।
3-- तनदे शन का चयन।
4-- सामग्री का संकलन तथा प्रतशक्षण।
5-- पररणामों का तवश्लेषण
इस प्रकार वणभनात्मक अध्ययन का प्रथम
चरण अध्ययन के उद्दे श्यों को पूणभता स्पष्ट करना है ।
वणाभ त्मक शोध--- मैंने अध्ययन की प्रतवतध में वणभनात्मक तवतध
का प्रयोग तकया है वरना त्मक शोध अतर्कल्प या प्ररचना वह
है तजसका उद्दे श्य समस्या के संबंध में पूतणभया था एवं तवस्तृत
तथ्यों की जानकारी प्राप्त करना है इसके द्वारा वास्ततवक तथ्यों
का संकलन तकया जाता है इन तथ्यों के आधार पर समस्या का
वणभन तमक तववरण अथवा तचत्रण प्रस्तुत तकया जाता है ।
[11:11 PM, 4/22/2019] रामपुर 2: अनुसूची
अनुसूची प्रश्ों की एक सूची है अथाभ त यह अनुसंधान समस्या से
संबंतधत आं कडे एकतत्रत करने के तलए बनाए गए प्रश्ों की एक
तातलका है । तजसके अनुसंधानकताभ प्रत्येक सूचना दाता के पास
लेकर जाता है तथा सकारात्मक द्वारा उन प्रश्ों के उत्तर प्राप्त
करके उन्हें स्वयं उस प्रपत्र पर अंतकत है । इसमें अनुसंधानकताभ
को प्रत्येक सूचना दाता से प्रत्येक संबंध स्थातपत करना पडता
है । पर यह लोग अनुसूतचत तथा प्रश्ावली को एक ही समझ
लेते हैं क्योंतक प्रश्ावली र्ी प्रश्ों को एक सूची हैं ।परं तु प्रश्ावली
को लेकर अनुसंधान स्वयं सूचना दाता के पास नहीं जाता अतपतु
इसे डाक द्वारा र्ेजता है ।
गुडे तथा हॉि के अनुसार-- अनुसूची प्रेयर ऐसे प्रश्ों के
समूह का नाम है तजन्हें एक साक्षर आत्मक करता अन्य व्यद्धक्त
में आमने-सामने की द्धस्थतत में पूछता है तथा उनके उत्तर से
र्रता है ।
पी०वी०यंग के अनुसार---" अनुसूची औपचाररक तथा मानक
अनुसंधान में प्रयोग तकए जाने वाला एक ऐसा उपकरण है
तजसका प्रमुख उद्दे श्य बहत धैयभ गुणात्मक आं कडे संकलन
करने में सहायक प्रदान करता है "।
अनुसूची के प्रकार---लुंडबगभ यंग तथा अन्य सामातजक द्धस्त्रयों ने
अनुसूतचत को कई प्रकार से तवर्ातजत तकया है मुख्यतः
अनुसूची के तनम्न प्रकार हो सकते हैं --
1-- अवलोकन अनुसूची।
2-- मूल्यां कन अनुसूची।
3-- संस्था सवेक्षण अनुसूची।
4-- साक्षर आत्मक अनुसूची।
5-- प्रलेख अनुसूची।
इन अनुसूची के प्रकारों में से मैंने साक्षर आत्मक
अनुसूची का प्रयोग तकया है ।
साक्षर आत्मक अनुसूची--- मैंने अपने शोध में साक्षर आत्मक
अनुसूची का प्रयोग तकया है साक्षर आत्मक अनुसूची में प्रश्ों की
रचना पहले सेही की होती है और साक्षर आत्मक कायभकताभ या
कायभकताभ उन्हें एक एक करके सूचना दाता से पूछता जाता है
और उनके उत्तर स्वय र्रता जाता है ।
[11:14 PM, 4/22/2019] रामपुर 2: (साक्षरत्मक)
साक्षर आत्मक हआ पद्धतत है जो मनुष्य के इं तद्रयों पर आधाररत
है अथाभ त इसमें बातचीत के माध्यम से सामग्री का संकलन
तकया जाता है आजकल साक्षर आत्मक सबसे अतधक प्राचीन
शब्द है तजसकी र्ी पद के तलए नौकरी प्राप्त करने के तलए
साक्षर आत्मक आवश्यक हो जाता है यतद हम एक दू सरे के
तवचार र्ावना एवं अनुर्ूततयों को जानना चाहते हैं तो उनके
तलए बातचीत के द्वारा जानना समझना अतधक उपयुक्त साक्षर
आत्मक अनुसंधान कायभकताभ और सूचना दाता के बीच अध्ययन
की एक पद्धतत का नाम है --
[11:35 PM, 4/22/2019] रामपुर 2: गुड्डे तथा हॉि के
अनुसार-- साक्षर आत्मक मौतलक रूप से सामातजक आतथभक
तक्रया की एक प्रतक्रया है ।
एम० एन ०बसु के अनुसार-- एक साक्षर आत्मा को कुछ तवषयों
को लेकर व्यद्धक्तयों के आमने-सामने का तमलन कहा जा सकता
है ।
साक्षर आत्मक के प्रकार---
1-- उत्तरदातयत्व की संख्या के आधार पर वगीकरण--
I.... व्यद्धक्तगत साक्षात्कार।
II... सामूतहक साक्षात्कार।
2-- उद्दे श्य के आधार पर वगीकरण--
I.. तनदानात्मक या लक्षण प्रतशक्षण साक्षरकार।
II... उपचारात्मक साक्षात्कार
III.. अनुसंधान आत्मक साक्षात्कार
3-- संपकभ के आधार पर वगीकरण
,I.. प्रत्यक्ष साक्षात्कार
II... अप्रत्यक्ष साक्षात्कार
4-- औपचाररक के आधार पर वगीकरण
I... औपचाररक साक्षात्कार
II... औपचाररकता साक्षात्कार
5-- पद्धतत शास्त्र के आधार पर वगीकरण
I... केंतद्रत साक्षात्कार
II... गैर तनदे तशत साक्षात्कार
III... पुनरावृतत साक्षात्कार
(अवलोकन)
और लोग कन्या तनरीक्षण का तात्पयभ तकसी र्ी चीज को अपनी
आं खों से दे खकर अध्ययन करना या आं कडे एकतत्रत करना
तनरीक्षण कहा जाता है समाज शास्त्र में तनरीक्षण का अथभ केवल
दे खना है या अवलोकन करना नहीं अतपतु तिस्त रूप से
दे खकर आं कडों एकतत्रत करना और उन्हें लेक मत करना है ।
पी०वी यंग--- तनरीक्षण आं खों के द्वारा तवचार पूवभक अध्ययन
की एक प्रतत तवतध है तजससे तक सामूतहक व्यवहार और जतिल
सामातजक संस्थाओं एवं सामग्र की तवतर्न्न इकाइयों का
अध्ययन तकया जाता है ।
मोजर तथा कैलिन--- तवतशष्ट अथभ में तनरीक्षण में कानून तथा
वाणी की अपेक्षा आं खों का प्रयोग होता है ।
अवलोकन के प्रकार--
1-- अतनयंतत्रत अवलोकन
2 तनयंतत्रत तनरीक्षण
3 सामूतहक तनरीक्षण
4 आसह्र्ागी तनरीक्षण
5 आदे श र्ागी तनरीक्षण
6 सामूतहक तनरीक्षण
आसह्र्ागी तनरीक्षण-- मैंने अपनी शोध कायभ में आशा र्ागी
तनरीक्षण का प्रयोग तकया है आशा र्ागी तनरीक्षण में तनरीक्षण
करता अवलोकन क्षेत्र का सदस्य नहीं बनता है और वह उनके
जीवन के बारे में ऊपरी तौर पर तनरीक्षण करता है ।
[6:27 PM, 4/28/2019] रामपुर 2: तनदे शन का अथभ एवं
पररर्ाषाएं --- तनदे शन सामग्र का एक छोिा र्ाग अंश है जो तक
समग्र का प्रतततनतधत्व करता है तथा तजसमें समुद्र की र्ौततक
तवशेषताएं पाई जाती है दै तनक जीवन में हम तनदे शन का प्रयोग
करते हैं जबतक बाजार में चावल ,गेहं ,या तमठाई ,नमकीन
खरीदने से पहले इनका नमूना दे खते हैं नमूना ही प्रदशभन या
तनदे शन है । अतः तनदे शन हआ पद्धतत है तजसके द्वारा केवल
समग्र के एक अंश का तनरीक्षण करके संपूणभ समग्र के बारे में
जाना जा सकता है इसे तनम्न प्रकार से पररर्ातषत तकया जा
सकता है ---
[6:49 PM, 4/28/2019] रामपुर 2: गुड्डे तथा हॉि-----" एक
तनदे शन जैसे तक इसके नाम से स्पष्ट है तकसी तवस्तृत समूह का
एक अपेक्षाकृत लघु प्रतततनतध है ।
पी० वी यंग-----" एक साथी के तनदे शन उस संपूणभ समूह या
योग का अतधक लघु तचत्र तजसमें के तनदे शन तलया जाता है ।
(सवेक्षण)
सवेक्षण सामातजक अनुसंधान की एक महत्वपूणभ प्रतततनतध है
सवेक्षण दो शब्द से तमलकर बना है एस यू आर और बी ई वाई
की उत्पतत्त फ्रेंच र्ाषा से हई तजसका अथभ दे खना आता सवेक्षण
का अथभ और लोकन करना या ऊपर से दे खता है इस तरह
सवेक्षण अनुसंधान की एक ऐसी प्रणाली हो गई है तजसके
अनुसार अध्ययन करता अध्ययन से संबंतधत क्षेत्र में तवषम
द्धस्थतत का वैज्ञातनक रूप से संपन्न तथ्यों का संकलन करके कायभ
करना संबंधों को खोज तनकालना है और अंत में सामान्य
तनष्कषभ प्रस्तुत करता है प्रगतत के साथ अवधारणा की प्रतक्रया में
र्ी पररवतभन होने लगता है ।

सामातजक सवेक्षण
पररर्ाषा--
बगैस--- इन्हें पररर्ाषा दे ते हए कहा है तक समुदाय सवेक्षण
सामातजक तवकास का रचनात्मक योजना प्रस्तुत करने के तलए
तकया जाता है
बोगाडभ स ---- सामातजक सवेक्षण तकसी तवशेष रूप से लोगों के
रहन-सहन तथा कायभ करने की दशाओं से संबंतधत तथ्यों को
एकतत्रत तकए जाने की पद्धतत को कहते हैं ।
सीन यंग--- सामातजक सवेक्षण का संबंध प्रेयर लोगों के एक
समूह की रचना तक्रयाकलाप अंक तथा रहन-सहन की दशाओं
के संबंध में जां च पडताल से है ।
सवेक्षण तवशेषताएं ---
1-- एक वैज्ञातनक पद्धतत--- सामातजक सवेक्षण एक वैज्ञातनक
पद्धतत है क्योंतक तथ्यों के संकलन में वैज्ञातनक पद्धततयों का
उपयोग तकया जाता है ।
2 तनतित र्ौगोतलक क्षेत्र--- है ररसन ने कहा है तक वह घिनाएं
सामातजक सवेक्षण द्वारा अध्ययन की जा सकती है जो
र्ौगोतलक रूप से सीतमत हो।
(तथ्य संकलन संबंधी कतठनाई)
तथ्य संकलन-- वैज्ञातनक तवश्लेषण और दे खे के तलए तजन
वास्ततवक तथ्यों की आवश्यकता होती है उन्हें एकतत्रत करने के
तलए अनुसंधानकताभ तजस तवतध या तरीकों को अपनाता है उसे
प्रतत तवतध करते हैं इस प्रकार यह स्पष्ट है तक प्रतततनतध वास्तव
में साधन है तजसके माध्यम अनुसंधान के तलए आवश्यक
वास्ततवक तथ्यों सूचना तथा आं कडों का संकलन तकया जाता है
और संकलन संबंधी कतठनाई तनयतमत रूप से हैं
---
1- तथ्य संकलन में मुझे मुख्य से आने जाने की समस्या हई।
2-- संकलन में बहत से लोग ने जवाब तदया और कुछ लोगों ने
नहीं तदया।
3-- लोगों को अनुसूची बताने में तदक्कत हई।
4-- तथ्य संकलन में मुझे मुख्य रूप से आने जाने की समस्या
हई मैंने इसके बारे में इं िरनेि ,अखबार ,तथा पुस्तक, से प़िा।
[7:13 PM, 4/28/2019] रामपुर 2: अध्ययन. IV
तथ्यों का वगीकरण तवश्लेषण सारणी संख्या 1-----

तवश्लेषण --- उपयुक्त सारणी में उत्तरदातयत्व के उम्र से


संबंतधत है इस सारणी में 15 से 30 48% 30 से 35 36% 35
से 60 16% है अतः मैंने अपने शोध में पाया है तक सबसे
अतधक 15 से 30 उम्र के मतहला 48% है सबसे कम उम्र की
मतहला 35 से 60 उम्र की मतहला 16% है ।

सारणी संख्या 2
तवश्लेषण-- उपयुभक्त सारणी में उत्तरदातयत्व की जातत से
संबंतधत है इस सारणी में उडाओ 28% मुंडा 48% संथाली
20% अन्य 4% है अतः मैंने अपने शोध में पाया है तक सबसे
अतधक मुंडा जनजातत 48% और सबसे कम अन्य जनजातत
4% है ।
सारणी संख्या 3
तवश्लेषण--- उपयुभ क्त सारणी में उत्तरदातयत्व के धामी से
संबंतधत है धमभ से संबंतधत है इस धमभ में तहं दू 20% सरना 80%
इसाई 0 प्रततशत अन्य 0 प्रततशत है । पता मैंने अपनी शोध में
पाया है तक सबसे अतधक सरना धमभ 80% और अन्य 0 प्रततशत
है ।
सारणी संख्या 4--
तवश्लेषण-- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दातयत्व के तशक्षा से
संबंतधत है इस सारणी में तशतक्षत 88% अतशतक्षत 12% नन
मैतिर क 0% मैतिर क 0% इं िर स्नातक 0% स्नाकोत्तर 0% है अतः
मैंने अपने शोध में पाया है तक सबसे अतधक तशतक्षत मतहला
88% और अतशतक्षत 12% है ।
सारणी संख्या 5----
तवश्लेषण---- उपयुभक्त सारणी में उत्तरदातयत्व के पररवार से
संबंतधत है इस सारणी में संयुक्त 60% एक कल 40% है सट्टा
मैंने अपने शोध में पाया है तक सबसे अतधक संयुक्त पररवार
60% है और सबसे कम एकल पररवार 40% है ।
सारणी संख्या 6
तवश्लेषण--- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दातयत्व के दहे ज से
संबंतधत है सारणी हां 56% नहीं 44% है फतेह मैंने अपने शोध
में पाया है तक दहे ज लेने वाले 56% हैं और सबसे कम दहे ज
लेने वाले 44% है ।
सारणी संख्या 7--
- तवश्लेषण--- उपयुभक्त सारणी में उत्तरदातयत्व के वैवातहक से
संबंतधत इस सारणी में अच्छा 56% बहत अच्छा 44% खराब
0% बहत खराब 0 प्रततशत है अतः मैंने अपने शोध में पाया है
तक सबसे अच्छा व्यवहार जीवन 56% है और बहत अच्छा
वैवातहक जीवन 44% है ।
सारणी संख्या 8-
तवश्लेषण---- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं की द्धस्थतत से
संबंतधत है इस सारणी में पुरुष के अधीन 72% पुरुषों के
सिान 28% पुरुषों के अधीन स्वतंत्रता 0%आस्वतंत्रता 0
प्रततशत है आता मैंने अपने शोध में पाया है तक पुरुषों के अधीन
72% और पुरुषों के समान 28% है ।
सारणी संख्या 9--
तवश्लेषण-- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं के मकान से
संबंतधत है इस सारणी में कच्चा 20% पक्का 40% महल 28%
खपरै ल 12% है अतः मैंने अपने शोध में पाया है तक पक्का
मकान 40% और महल 28% है ।
[7:32 PM, 4/28/2019] रामपुर 2: सारणी संख्या 10
तवश्लेषण-- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं के खाना से
संबंतधत है इस सारणी में सादा खाना 68% चिपिा खाना 32%
अन्य खाना 0% तथा मैंने अपने शोध में पाया है तक सादा खाना
68% और चिपिा 32% है ।

सारणी संख्या 11
तवश्लेषण --- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं के संबंध संबंध
से संबंतधत है इस श्रेणी में अच्छा 56% बहत अच्छा 40% खराब
4% बहत खराब जीरो प्रततशत सामान्य 0% है अब मैंने अपनी
शोध में पाया है तक अच्छा संपन्न 56% और बहत अच्छा संबंध
40% है ।

सारणी संख्या 12
तवश्लेषण--- उपयुभक्त सारणी उत्तर दाताओं के मानतसक आय
से संबंतधत हैं इस सारणी में 1000 से 5000 72% 5000 से
10000 28% 10000 से 15000 0% 20,000 से अतधक 0%
है मैंने अपनी शोध में पाया है तक मानतसक आए 1000 से
5000 72% और 5000 से 10000 28% है ।

सारणी संख्या 13
तवश्लेषण-- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं के पेशा से
संबंतधत है इस श्रेणी में नौकरी 48% व्यवसाय 24% कृतष 28%
अन्य 0% है असम में ने अपनी शोध में पाया है तक सबसे
अतधक नौकरी पेशा 48% है और कम पेशा में कृतष 28% है ।

सारणी संख्या 14
तवश्लेषण--- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं के आतथभक
द्धस्थतत के संबंध में है इस सारणी में उच्च 20% मध्यम क्षेत्र
प्रततशत न्यू 4% अतत तनमन 0% है ।
सारणी संख्या 15
तवश्लेषण- उपयुभक्त सारणी उत्तर दाताओं के मतहलाओं की
संख्या से संबंतधत है इस सारणी में एक 44% 2- 40% 3- 12%
4- 4% कोई नही ं 0% है अतः मैंने अपने शोध में पाया है तक
सबसे अतधक एक काम काजी मतहला 44% और सबसे कम दो
कामकाजी मतहला 40% है ।

सारणी संख्या 16
तवश्लेषण--- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं के कमाए हए
आय से संबंतधत है इस सारणी में चार बैंक में 44% धारकों में
36% साहकार के पास 20% और पास 0% है अतः मैंने अपने
शोध में पाया है तक सबसे अतधक बैंकों में कमाए हए आए को
रखने वाली 44% है और सबसे कम धाराओं में रखने वाली
आय 36% है
सारणी संख्या 17
तवश्लेषण--- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं के कौन से मुद्दे
से संबंतधत है इस थाने में बच्चों को प़िने 56% खाना-पीना
करने में 16% खेती बारी में 20% पहनावा और ओिावा में 8%
है । उत्तम मैंने अपने शोध में पाया है तक सबसे अतधक बच्चों को
प़िने में 56% है कर कम खेती बारी कर गई 20% है ।
सारणी संख्या 18
तवश्लेषण-- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं के ऋण गृहस्थ से
संबंतधत है इस सारणी में हां 60% नहीं 40% है अतः मैंने अपने
शोध में पाया है तक सबसे अतधक कायभरत मतहला 60% है और
सबसे कम नहीं 40% है ।
सारणी संख्या 19
तवश्लेषण--- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं के ऋण तलया तो
क्यों से संबंतधत है इस सारणी में बच्चों को प़िने में 40% खेती
करने में 20% बेिी की शादी में 24% ठीक करने में 16
प्रततशत है पता मैंने अपनी शोध में पाया है तक सबसे अतधक
बच्चों को प़िने में 40% और सबसे कम बेिी की शादी में 24%
है ।
[7:39 PM, 4/28/2019] रामपुर 2: (उत्तर दाताओं एवं
उत्तरदातयत्व के सामातजक आतथभक द्धस्थतत)
प्रस्तुत प्रततवेदन तवषय जनजातीय मतहलाओं के सामातजक
आतथभक द्धस्थतत के तलए मैंने लालपुर चौक के क्षेत्र के संदर्भ में
अध्ययन तकया है मैंने इस अध्ययन क्षेत्र कायभ के तलए 25
उत्तरदातयत्व का सवेक्षण तकया है और उन दातयत्वों के
सामातजक आतथभक द्धस्थतत का वणभन तकया है जै से--- सामातजक
द्धस्थतत÷ तववाह के आधार पर वैवातहक द्धस्थतत के आधार पर मैंने
उस क्षेत्र में अध्ययन तकया है उसमें से वैवातहक मतहलाओं की
संख्या अतधक थी और अतववातहत मतहला र्ी थी लेतकन तवधवा
मतहला की संख्या बहत कम तमली है
कामकाजी मतहला की संख्या के आधार
पर ÷ मैंने अपने अध्ययन क्षेत्र उत्तरदातयत्व कामकाजी
मतहलाओं की अतधक संख्या 1 है कोई नहीं की संख्या ना के
बराबर है मैंने तजस क्षेत्र में अध्ययन तकया है उस क्षेत्र की
मतहलाओं की सामातजक द्धस्थतत गरीब है उन्हें पुरुषों के प्रतत
कामकाजी र्ी करना पडता है और जो गैर कामकाजी मतहला
ग्रहण होती है उन्हें अपने पतत या तपता पर तनर्भर होना पडता
है ।
आतथभक द्धस्थतत÷-- तशक्षा के आधार पर उस क्षेत्र में उत्तरदातयत्व
के तशक्षा का स्तर कम या तनम्न रहा है तशक्षा के स्तर पर वहां की
मतहला अतधकतर मैतिर क पास है और बहत ही कम मतहला
उच्च तशक्षा प्राप्त की हई है मानतसक आय के आधार पर मैंने
अपने अध्ययन क्षेत्र उत्तरदातयत्व या उनके पररवार का मानतसक
आय का प्रततशत अतधक 5000 से 10000 प्राप्त करते हैं तथा
कुछ लोग व्यवसाय करते हैं उनका मानतसक 1000 से 5000
इससे अतधक नहीं रहा है । पररवार की आतथभक द्धस्थतत के आधार
पर- मैंने अपने अध्ययन क्षेत्र में उत्तरदातयत्व का आतथभक द्धस्थतत
अतधक संख्या मध्यम है और अतधतनयम तकस संख्या अतधकां श
दे खी गई है और बहत कम ही लोगों की द्धस्थतत उच्च दे खी गई
है ।
[7:54 PM, 4/28/2019] रामपुर 2: अध्ययन. V
तनष्कषभ --- प्रस्तुत सवेक्षण कायभ जनजातत मतहलाओं में
सामातजक आतथभक द्धस्थतत एक समाजशास्त्रीय अध्ययन तवशेष
पर पूरी की गई है जो तक लालपुर चौक के संदर्भ में तकया गया
है तजनमें कुल 25 उत्तरदातयत्व का चयन तकया गया है तजसमें
साक्षात्कार अनुसूची साक्षात्कार अवलोकन के माध्यम से तथ्य
संकतलत तकए गए इन तथ्यों के आधार पर कुछ महत्वपूणभ
तनष्कषभ सामने आए जो इस प्रकार हैं ।
उत्तरदातयत्व के आयु के आधार पर 1530 में 48%
30 से 35 में 36% 35 से 60 16% है इसमें सबसे ज्यादा 30 से
35 में है जातत के आधार पर ग्राम 28% मुंडा 48% संथाली
20% अन्य 4% इसमें ज्यादा मुंडा जनजातत हैं धमभ के आधार
पर तहं दू 20% ना 80% तक 0% अन्य जीरो प्रततशत है इसमें
सरना धमभ को मानते हैं ।
तशक्षा के आधार पर तशक्षा 88% और 12% व शून्य प्रततशत
0% एं ड 0% में सबसे ज्यादा है ।
पररवार के आधार पर संयुक्त 60% एकल 40% है इसमें
संयुक्त सबसे ज्यादा है ।
दहे ज के आधार पर हां 56% नहीं 44% है इसमें हां सबसे
ज्यादा है ।
वैवातहक जीवन के आधार पर अच्छा 56% बहत अच्छा 44%
खराब जीरो प्रततशत बहत खराब जीरो प्रततशत इसमें अच्छा
सबसे ज्यादा है ।
द्धस्थतत के आधार पर पुरुषों के अधीन 72% पुरुषों के समान
28% पुरुषों से अतधक स्वतंत्रता 0% आ स्वतंत्रता जीरो प्रततशत
इसमें पुरुषों के अधीन सबसे ज्यादा है ।
मकान के आधार पर कच्चा 20% पक्का 40% मतहला 28%
खपरै ल 12% है इसमें सबसे ज्यादा पक्का है ।

खान के आधार पर सादा खाना 68% चिपिा खाना 32% अन्य


खाना 0% है इसमें सादा खाना सबसे ज्यादा है ।
संबंध के आधार पर अच्छा 56% बहत अच्छा 40% खराब 4%
बहत खराब जीरो प्रततशत सामान्य 0% है इसमें अच्छा सबसे
ज्यादा है ।
मानतसक आय के आधार पर 1000 से 5000 72% 5000 से
10000 28% 10000 से 15000 0% 20,000 से अतधक 0%
है इसमें 1000 से 5000 सबसे ज्यादा है ।
शीशा के आधार पर नौकरी 48% से 24% तक 28% अन्य जीरो
प्रततशत है इसमें नौकरी सबसे ज्यादा है ।
आतथभक द्धस्थतत के आधार पर उच्च 20% मध्यम 76% में 4%
अतधतनयम 0% है इसमें मध्यम सबसे ज्यादा है
कामकाजी मतहलाओं की संख्या के आधार पर एक में 44% दो
में 40% 3 में 12% 4 में 4% कोई नहीं में जीरो प्रततशत इस में
सबसे अतधक एक में है

कमाए हए आय के आधार पर बैंक में 44% धारों में 36%


साहकार के पास 20% अपने पास 0% है इस में बैंकों में सबसे
ज्यादा है

कौन सी मुद्रा के आधार पर बच्चों को प़िने में 56% खाना-पीना


करने में 16% खेती-बारी करने में 20% पहनावा और हवा में
8% है इसमें सबसे ज्यादा बच्चों को प़िाने में है ।
ऋण गृहसत आधार पर हां 60% नहीं 40% है इसमें हां सबसे
ज्यादा है ।

ऋण तलया तो क्यों के आधार पर बच्चों को प़िाने में 40% खेती


करने में 20% बेिी की शादी में 24% स्वास्थ्य ठीक करने में
60% है इसमें बच्चों को प़िाने में सबसे ज्यादा है
[7:56 PM, 4/28/2019] रामपुर 2: सुझाव
यह अध्ययन झारखण्ड के जनजातत मतहलाओं की सामातजक
आतथभक द्धस्थतत से है मेरे सवेक्षण के आधार पर जनजातत
मतहलाओं की सामातजक आतथभक द्धस्थतत पूरी तरह से अच्छी
नहीं है मैंने अपने सवेक्षण कायभ करने से पूवभ अपना एक उद्दे श्य
तनतित तकया था जनजातत मतहलाओं को कुछ सुझाव तदया जो
इस प्रकार है ।
---- मतहलाओं को घर के काम के साथ-साथ बाहर का र्ी काम
करना चातहए क्योंतक उनकी आतथभक द्धस्थतत बदल सके।
--- जनजातत मतहलाओं को सरकार द्वारा चलाई गई योजना का
लार् उठा सकें और दू सरे को जागरूक करें ।
--- प्रत्येक जनजातत मतहलाओं को अपना तशक्षा का स्तर को
ऊंचा उठाना चातहए और दू सरे को प्रेररत करें ।

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