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तिषय सूची
1अध्ययन
I. र्ूतमका
II. पूणभ सातहत्य का अध्ययन
2 अध्ययन,
I. झारखण्ड का पररचय
II. अध्ययन क्षेत्र का पररचय
III. उद्दे श्य
3 अध्ययन
I.अध्ययन की गतततवतध वणभनात्मक वृद्धद्ध
II. अनुसूच
III. साक्षात्कार
IV. अवलोकन (आसह्र्ागी )
V. तनदशभन (उद्दे श्य पूणभ)
VI. सवेक्षण
4 अध्ययन
I. तत्वों का वगीकरण
II. सारणी तवश्लेषण
III.
5 अध्ययन
I तनष्कषभ एवं सुझाव
6 अध्ययन
I संदर्भ सूची
II मानतचत्र और ग्राफ
III अनुसूची तथा प्रतत कॉपी
अध्ययन -1
भूतमका
(जनजाति का पररचय)
जनजातत व सामातजक समुदाय है जो राज्य के तवकास के
पूणभ अद्धस्तत्व में या जो अर्ी राज्य के बाहर हैं जनजातत वास्तव
में र्ारत के आतदवातसयों के तलए इस्तेमाल होने वाला एक
वैधातनक पद है र्ारत के संतवधान में जनजातत पद का प्रयोग
हआ है इनके तलए तवशेष प्रावधान लागू तकए गए हैं र्ारत में
कबीली जनसंख्या के तवषय में स्पष्ट और सुलझी तवचारों का
अर्ाव रहा है कबीला शब्द की पररर्ाषा के तवषय में र्ी
तवद्वानों मेंमतैक्य नहीं है फलस्वरूप जनगणना ररपोिभ में र्ी
जहां कुछ कबीलों को जाततयों को सूची में रखा गया है बहत से
नीची जाततयों को र्ी कबीलों से सद्धितलत कर तलया गया है
इस संबंध में एक जनगणना में दू सरी जनगणना में र्ी तवषमता
पाई जाती है एक जनगणना के अनुसार समस्त र्ारतीय कबीलो
का धमभ आतंकवाद की श्रेणी में आता है तकंतु उसकी अगली
जनगणना में…
जनजाति की पररभाषा
जनजातत को अनेक प्रकार से पररर्ातषत तकया गया है
इसमें तनतमत्त पररर्ाषाएं मुख्य हैं ।
1. गातलन िथा तगलीन:-
स्थानीय समूहों का कोई र्ी आदमी संकलन जो सामान्य
क्षेत्रों में रहता है । एक सामान्य र्ाषा बोलता है और एक सामान्य
संस्कृतत का उपयोग करता है उसे जनजातत कहते हैं ।
2. डॉ मजूमदार:-
मजूमदार के अनुसार एक जनजातत पररवारों या पररवारों
के समूहों का संकलन है तजसका एक सामान्य नाम है तजसके
सदस्य एक समान र्ूर्ाग में तनवास करते हैं सामान्य र्ाषा
बोलने हैं और तफर वापस आया उद्योग के तवषय में कुछ
तनषादों का पालन करते हैं और पारं पररक व्यवहार के बारे में
एक तनतित व्यवस्था का तवकास करते हैं ।
3.एम्पोररयल गेजेटीयर में उल्लेस्खि व्याख्या:-
जनजातत पररवार को ऐसा समूह है तजसका एक सामान्य
नाम और सामान्य बोली हो जो एक सामान्य र्ूर्ाग में रहते हो
या उस र्ू र्ाग को अपना मानते हो और जो अपनी जातत के
अंदर तववाह करते हैं ।
उपक्रम
लगर्ग हर तेल र्ी र्ारतीय आतदवासी है र्ारत में
जनजाततयों को कुल आबादी का एक महत्वपूणभ र्ाग के रूप में
यह जो हमारे सभ्यता की संस्कृतत मोजैक के साथ एकीकृत है
र्ारतीय समाज में कोई तत्व का प्रतततनतधत्व करता है वषभ 20
11 की जनगणना के अनुसार दे श की कुल आबादी में
आतदवातसयों की संख्या 8.6% है जो लगर्ग 204.26 तमतलयन
है और दे श के क्षेत्रफल का लगर्ग 24% र्ाग पर स्थातपत से
प्रर्ातवत है
जनजातियों के प्रमुख तिशेषिाएं :-
1. एक जनजातत एक तनतित र्ूर्ाग में तनवास करती है ।
2. इनकी तप्रया अपनी र्ाषा बोली होती है ।
3. एक जनजातत के सदस्यों की अपनी संस्कृतत रहन-सहन व
जीवन शैली होती है सदस्य अपनी संस्कृतत के तनयमों
का पालन करते हैं ।
4. एक जन जातत के सदस्य अपनी ही जनजातत में तववाह
संबंध बनाते हैं समाज के ऐसे वडभ जो अपेक्षाकृत कम
प्रगतत का पाय या तपछडे या उनके तलए संतवधान में तवशेष
प्रावधान तकए गए।
5. आतदवासी या जनजाततयों र्ी समाज के अन्य वगभ की
तुलना में तपछडे रह जाने के कारण उनके तलए र्ी
संतवधान में तवशेष प्रावधान तकए गए हैं प्रत्येक राज्य में
कौन सी आतदवासी जनजातत वगभ इन तवषयों प्रधानों का
लार् प्राप्त करने के पात्र होंगे। यह संतवधान में स्पष्ट तकया
गया है प्रत्येक राज्य के तलए इं जन जाततयों की अनुसूची
तैयार कर संतवधान में शातमल की गई अतः इन्हें अनुसूतचत
जनजातत कहा जाता है ।
जनजाति का अथि:-
आतदवासी शब्द दो शब्दों आतद और वासी से तमलकर
बना है और इनका अथभ मूलतनवासी होता है र्ारत की जनसंख्या
का 8.6% (10 करोड) तजतना एक बडा तहस्सा आतदवातसयों
को आतवतका और वनवासी र्ी कहा गया (संस्कृत ग्रंशो में)
महत्या गां धी ने आतदवातसयों को तगररजन (पहाड पर रहने वाले
लोग) कहकर पुकारा है । र्ारतीय संतवधान में आतदवातसयों के
तलए अनुसूतचत जनजातत पद का उपयोग तकया गया है र्ारत
के मुख्य आतदवासी समुदायों में गुड ,मुंडा, खतडया, हो, बोडो,
झील, खासी,सतिया, संथाल, मीण है तथा यह है । तक आतदवासी
लोगों पर तवशेष ध्यान दे ने की आवश्यक है तजससे उनकी
सामातजक, आतथभक, एवं कमजोर सहर्ातगता के संकेतों से
समझा जा सकता है । आतदवासी जनसंख्या प्रततशत जनसंख्या
गरीब रे खा से नीचे है ।
आतथिक समस्या
1. तनर्िरिा:-
आतथभक समस्याओं में सबसे बडी समस्या तनधाभ ररत की
समस्याएं झारखण्ड के समस्या जनजातत तचत्र में जनजाततयों की
मात्र दोनों शाम का र्ोजन तमलता है पयाभ प्त वस्त्र ।इस तनधाभ रण
के तलए सामातजक, आतथभक, राजनीततक, संख्यात्मक, आतद
अनेक कारण तजिेदारी है । जनजाततयां जीवन में तशक्षा का
अर्ाव है जनजातत गुनवा दी है कमभकां ड संस्कारों अनुष्ठानों तथा
धातमभक उत्सव की प्रधानता है जीवन के प्रतत दृतष्टकोण आज र्ी
वैज्ञातनक नहीं हो पाया है । सबसे बडी समस्या तनधभनता की
समस्या है जो जनजातत का संख्यात्मक रूप से अध्ययन करें ।
2. नौकरी:-
नौकरी ने रोजगारी की समस्या झारखण्ड की जनजाततयों
की दू सरे गंर्ीर समस्या है जनजातत क्षेत्र में बेकारी का मुख्य
कारण कृषकों का र्ूतमहीन हो जाना है र्ूतमहीन तकसानों की
संख्या में वृद्धद्ध हो रही है अतधक तकसान कृतष मौसम में है
वतभमान तशक्षा पद्धतत नवयुवकों को कृतष कायभ करने लायक
नहीं बनाती है । बद्धि लोगों का नौकरी की तलाश करते हैं ।
उपयुक्त स्थाई कृतष झूम खेती से संबंतधत समस्याएं र्ी
झारखण्ड के जनजातत क्षेत्र में दे खी जाती है झारखण्ड लगर्ग
1.15 लाख जनजातत स्थानां तररत कृतष एवं खेत में लगी हई थी
। झारखण्ड की मे सौररया पहातडया तथा पहाडी खतडया इस
प्रकार की कृतष करते हैं जहां र्ारतीय जनजातत का समस्या को
अलग तरीके से अध्ययन कर सौररया पहातडयों ,पर कृतष करते
हैं ।
3.िन दोिन:-
झारखण्ड की लगर्ग 90% जनजातीय आबादी पहातडयां
तथा जंगलों में तनवास करते हैं तजसका सामातजक सां स्कृततक
तथा आतथभक संगठन तथा वन एवं उत्पादन रूप से प्रर्ातवत
होता है । जंगल से प्रर्ातवत होने वाली जनजाततयां वीरहोर ,
सौररया पहातडया असुर पहाडी खतडया है । झारखण्ड में वनों
का सहार तद्वतीय तवश्व युद्ध के समय से हो रहा है वृक्षारोपण एवं
वन संरक्षण के कारण उपाय की कमी के कारण जंगल तदन पर
तदन खत्म होते जा रहे हैं 1950 ईस्वी में सरकार द्वारा आरतक्षत
वन ओं की धारणा तकए।
4. ऋणग्रीष्मक:-
झारखण्ड की जनजाततयों के प्रमुख आतथभक समस्या
ऋनगृषत समस्या है ऋनगृसत से एक ऐसी द्धस्थतत का दू ध होता
है तजस के कजभ के जो तजस प्रकार दब जाते हैं तक उन्हें इससे
छु िकारा ही नहीं तमलता है सामातजक समस्या तनम्न प्रकार से
होते हैं ।
★िाल तििाि
सामान्यता जनजाततयों में व्यस्त हो जाने पर ही लडके और
लडतकयां का तववाह तकया जाता था परं तु तहं दू समाज के संपकभ
में आने के कारण उनमें र्ी बाल तववाह का प्रचलन शुरू हो
गया।
★िर्ु मूल्य
वतभमान में वधू मूल्य मुद्रा में चुकाने के तलए वादा तकया
जाता है पहले तो वह दो मूल्य को पदाथभ तथा सेवाओं में र्ी
झुका तदया जाता है अतः तववाह में कतठनाई उत्पन्न होती जा रही
हैं ।
★ िेश्यािृति
जनजाततयों में अतत दयनीय अवस्था के कारण सामातजक
तत्व र्ली-र्ां तत आधीन सामातजक कन्याओं को अपने जाल में
फंसा कर ले जाते हैं और उनसे वेश्यावृतत्त कराते हैं और उनसे
तवश्वमृत करते हैं और तवदे शी लोगों के संपकभ में आने के कारण
वेश्यावृतत्त में वृद्धद्ध हई है ।
★आं नैतिक यौन संिंर्
वतभमान समय में जनजातीय समाज में नैततक यौन संबंध
ब़िता जा रहा है ।
(पोनि सातित्य)
योगेश अटल यिीन्द्र तसि तससोक्षया(2011-2-4)
योगेश अिल ने आतदवासी र्ारत पुस्तक में योगेश जी
आतदवासी तवकास के बारे में अपने तवचार व्यक्त तकए हैं आतद
जनजाततयां डराइव शब्द की पररर्ाषा दे श और काल के
अनुसार बदलती रहती है साधारणत्या यह माना जाता है तक
आतद जातत की अपनी तवतशष्ट र्ाषा समाज व्यवस्था संस्कृतत पर
जातत पुरा का शादी होती है तवतर्न्न जाततयों के बीच शादी
तववाह होने से तमतश्रत या वणभ संकर संतान पैदा होने लगी इस
प्रकार अगतणत, गतणत तमत्रता, जाततयां उपजाततयां अद्धस्तत्व में
आ गई है
झारखण्ड की सीमाएं :-
झारखण्ड की सीमाएं उत्तर में तबहार में उत्तर प्रदे श एवं
छत्तीसग़ि दतक्षण में उडीसा और पूवभ में पतिम बंगाल को छूती
है । लगर्ग संपूणभ प्रदे श छोिा नागपुर के पठार पर अवद्धस्थत है
कोयल दामोदर खडकाइ और स्वणभ रे खा यहां की प्रमुख नतदयां
हैं ।
झारखण्ड की जनजातियां:-
2001 की जनगणना के अनुसार झारखण्ड राज्य के
अनुसूतचत जनजाततयों एसिी की जनसंख्या 708 7068 है जो
राज्य की कुल जनसंख्या 26 945 829 का 26.3% है ।
जनजाततयों की जनसंख्या के आधार पर इस राज्य का दे श में
चौथा स्थान है । अनुसूतचत जनजातत मुख्य रूप से ग्रामीण है जैसे
तक ए का 91.7% जनजाततयां गां व में तनवास करती हैं
जनसंख्या का तजलेवार तवतरण से पता चलता है तक अनुसूतचत
जनजातत की उच्चतम अनुपात 68.4% गुमला तजले के हैं
अनुसूतचत जनजाततयों में कुल आबादी का आधा से अतधक
जनसंख्या लोहरदगा तजले और पतिम तसंहर्ूम तजले में है
जबतक रााँ चीऔर पाकुड में इनकी प्रततशत 41.8 से 44.6 है
कोडरमा तजले में अनुसूतचत जनजातत का जनसंख्या अनुपात
0.8% और चतरा में 3.8% झारखण्ड 32 आतदवासी समूह
अथवा अनुसूतचत जनजाततयां रहती हैं जो इस प्रकार हैं -
1. मुंडा
2. संथाल
3. उरां व
4. खतडया
5. लोहरा
6. करमाली
7. बृजया
8. तबरहोर
9. खरवार
10. कोंडा
झारखण्ड का इतििास
प्राचीन काल
झारखण्ड के हजारीबाग तजले में लगर्ग 5000 साल पुराना
गुज्म तचत्र तमले हैं इस राज्य में ईसा पूवभ 1400 साल के लाहौर
के औजार और तमट्टी के बतभन के अवशेष तमले हैं 325 साल पूवभ
में झारखण्ड मगध से उत्पन्न मौयभ साम्राज्य का तहस्सा हआ
करता था।
मध्यकाल
मध्यकाल में बलून क्षेत्र में चारों राज्यों का शासन था तजनमें
मेदनी राय प्रमुख थे चेरो राजस्व के कमजोर होने के साथ ईस्ट
इं तडया कंपनी का क्षेत्र में दखल हआ तितिश ईस्ट इं तडया कंपनी
ने चेरो के लाल तकले पर कब्जा कर तलया।
आर्ुतनक काल
1765 के बाद यहां तितिश ईस्ट इं तडया कंपनी का प्रर्ाव पडा
आं गल मराठा युद्ध के बाद छोिा नागपुर पठार के कई राज्य
तितिश ईस्ट इं तडया कंपनी के अधीन हो गए उनमें नाग आवास
ररयासत, रामग़ि, ररयासत, नागपुर ,खचभ हआ सरायकेला
,जसपुर ,सरगुजा ,आतद शातमल थे। तितिश दास्तां के अधीन
यहां काफी अत्याचार हए और अन्य प्रदे शों से आने वाले लोगों
का काफी दबदबा हो गया था इस काल झारखण्ड में इस प्रदे श
में तितिश के द्धखलाफ बहत से तवद्रोह हए। वतभमान समय में
झारखण्ड में कुल 22 तजले हैं उन तजलों का नाम इस प्रकार हैं -
1. तसमडे गा
2. धनबाद
3. बोकारो
4. सातहबगंज
5. पूवी तसंहर्ूम
6. सरायकेला
7. गोड्डा
8. दे वघर
9. पाकुड
10. तगररडीह
11. कोडरमा
12. हजारीबाग
13. रााँ ची
14. दु मका
15. जामताडाइ
16. ग़िवा
17. लोहरदगा
18. पलामू
19. लातेहार
20. चतरा
21. गुमला
22. पतिमी तसंहर्ूम
सामातजक सवेक्षण
पररर्ाषा--
बगैस--- इन्हें पररर्ाषा दे ते हए कहा है तक समुदाय सवेक्षण
सामातजक तवकास का रचनात्मक योजना प्रस्तुत करने के तलए
तकया जाता है
बोगाडभ स ---- सामातजक सवेक्षण तकसी तवशेष रूप से लोगों के
रहन-सहन तथा कायभ करने की दशाओं से संबंतधत तथ्यों को
एकतत्रत तकए जाने की पद्धतत को कहते हैं ।
सीन यंग--- सामातजक सवेक्षण का संबंध प्रेयर लोगों के एक
समूह की रचना तक्रयाकलाप अंक तथा रहन-सहन की दशाओं
के संबंध में जां च पडताल से है ।
सवेक्षण तवशेषताएं ---
1-- एक वैज्ञातनक पद्धतत--- सामातजक सवेक्षण एक वैज्ञातनक
पद्धतत है क्योंतक तथ्यों के संकलन में वैज्ञातनक पद्धततयों का
उपयोग तकया जाता है ।
2 तनतित र्ौगोतलक क्षेत्र--- है ररसन ने कहा है तक वह घिनाएं
सामातजक सवेक्षण द्वारा अध्ययन की जा सकती है जो
र्ौगोतलक रूप से सीतमत हो।
(तथ्य संकलन संबंधी कतठनाई)
तथ्य संकलन-- वैज्ञातनक तवश्लेषण और दे खे के तलए तजन
वास्ततवक तथ्यों की आवश्यकता होती है उन्हें एकतत्रत करने के
तलए अनुसंधानकताभ तजस तवतध या तरीकों को अपनाता है उसे
प्रतत तवतध करते हैं इस प्रकार यह स्पष्ट है तक प्रतततनतध वास्तव
में साधन है तजसके माध्यम अनुसंधान के तलए आवश्यक
वास्ततवक तथ्यों सूचना तथा आं कडों का संकलन तकया जाता है
और संकलन संबंधी कतठनाई तनयतमत रूप से हैं
---
1- तथ्य संकलन में मुझे मुख्य से आने जाने की समस्या हई।
2-- संकलन में बहत से लोग ने जवाब तदया और कुछ लोगों ने
नहीं तदया।
3-- लोगों को अनुसूची बताने में तदक्कत हई।
4-- तथ्य संकलन में मुझे मुख्य रूप से आने जाने की समस्या
हई मैंने इसके बारे में इं िरनेि ,अखबार ,तथा पुस्तक, से प़िा।
[7:13 PM, 4/28/2019] रामपुर 2: अध्ययन. IV
तथ्यों का वगीकरण तवश्लेषण सारणी संख्या 1-----
सारणी संख्या 2
तवश्लेषण-- उपयुभक्त सारणी में उत्तरदातयत्व की जातत से
संबंतधत है इस सारणी में उडाओ 28% मुंडा 48% संथाली
20% अन्य 4% है अतः मैंने अपने शोध में पाया है तक सबसे
अतधक मुंडा जनजातत 48% और सबसे कम अन्य जनजातत
4% है ।
सारणी संख्या 3
तवश्लेषण--- उपयुभ क्त सारणी में उत्तरदातयत्व के धामी से
संबंतधत है धमभ से संबंतधत है इस धमभ में तहं दू 20% सरना 80%
इसाई 0 प्रततशत अन्य 0 प्रततशत है । पता मैंने अपनी शोध में
पाया है तक सबसे अतधक सरना धमभ 80% और अन्य 0 प्रततशत
है ।
सारणी संख्या 4--
तवश्लेषण-- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दातयत्व के तशक्षा से
संबंतधत है इस सारणी में तशतक्षत 88% अतशतक्षत 12% नन
मैतिर क 0% मैतिर क 0% इं िर स्नातक 0% स्नाकोत्तर 0% है अतः
मैंने अपने शोध में पाया है तक सबसे अतधक तशतक्षत मतहला
88% और अतशतक्षत 12% है ।
सारणी संख्या 5----
तवश्लेषण---- उपयुभक्त सारणी में उत्तरदातयत्व के पररवार से
संबंतधत है इस सारणी में संयुक्त 60% एक कल 40% है सट्टा
मैंने अपने शोध में पाया है तक सबसे अतधक संयुक्त पररवार
60% है और सबसे कम एकल पररवार 40% है ।
सारणी संख्या 6
तवश्लेषण--- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दातयत्व के दहे ज से
संबंतधत है सारणी हां 56% नहीं 44% है फतेह मैंने अपने शोध
में पाया है तक दहे ज लेने वाले 56% हैं और सबसे कम दहे ज
लेने वाले 44% है ।
सारणी संख्या 7--
- तवश्लेषण--- उपयुभक्त सारणी में उत्तरदातयत्व के वैवातहक से
संबंतधत इस सारणी में अच्छा 56% बहत अच्छा 44% खराब
0% बहत खराब 0 प्रततशत है अतः मैंने अपने शोध में पाया है
तक सबसे अच्छा व्यवहार जीवन 56% है और बहत अच्छा
वैवातहक जीवन 44% है ।
सारणी संख्या 8-
तवश्लेषण---- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं की द्धस्थतत से
संबंतधत है इस सारणी में पुरुष के अधीन 72% पुरुषों के
सिान 28% पुरुषों के अधीन स्वतंत्रता 0%आस्वतंत्रता 0
प्रततशत है आता मैंने अपने शोध में पाया है तक पुरुषों के अधीन
72% और पुरुषों के समान 28% है ।
सारणी संख्या 9--
तवश्लेषण-- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं के मकान से
संबंतधत है इस सारणी में कच्चा 20% पक्का 40% महल 28%
खपरै ल 12% है अतः मैंने अपने शोध में पाया है तक पक्का
मकान 40% और महल 28% है ।
[7:32 PM, 4/28/2019] रामपुर 2: सारणी संख्या 10
तवश्लेषण-- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं के खाना से
संबंतधत है इस सारणी में सादा खाना 68% चिपिा खाना 32%
अन्य खाना 0% तथा मैंने अपने शोध में पाया है तक सादा खाना
68% और चिपिा 32% है ।
सारणी संख्या 11
तवश्लेषण --- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं के संबंध संबंध
से संबंतधत है इस श्रेणी में अच्छा 56% बहत अच्छा 40% खराब
4% बहत खराब जीरो प्रततशत सामान्य 0% है अब मैंने अपनी
शोध में पाया है तक अच्छा संपन्न 56% और बहत अच्छा संबंध
40% है ।
सारणी संख्या 12
तवश्लेषण--- उपयुभक्त सारणी उत्तर दाताओं के मानतसक आय
से संबंतधत हैं इस सारणी में 1000 से 5000 72% 5000 से
10000 28% 10000 से 15000 0% 20,000 से अतधक 0%
है मैंने अपनी शोध में पाया है तक मानतसक आए 1000 से
5000 72% और 5000 से 10000 28% है ।
सारणी संख्या 13
तवश्लेषण-- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं के पेशा से
संबंतधत है इस श्रेणी में नौकरी 48% व्यवसाय 24% कृतष 28%
अन्य 0% है असम में ने अपनी शोध में पाया है तक सबसे
अतधक नौकरी पेशा 48% है और कम पेशा में कृतष 28% है ।
सारणी संख्या 14
तवश्लेषण--- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं के आतथभक
द्धस्थतत के संबंध में है इस सारणी में उच्च 20% मध्यम क्षेत्र
प्रततशत न्यू 4% अतत तनमन 0% है ।
सारणी संख्या 15
तवश्लेषण- उपयुभक्त सारणी उत्तर दाताओं के मतहलाओं की
संख्या से संबंतधत है इस सारणी में एक 44% 2- 40% 3- 12%
4- 4% कोई नही ं 0% है अतः मैंने अपने शोध में पाया है तक
सबसे अतधक एक काम काजी मतहला 44% और सबसे कम दो
कामकाजी मतहला 40% है ।
सारणी संख्या 16
तवश्लेषण--- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं के कमाए हए
आय से संबंतधत है इस सारणी में चार बैंक में 44% धारकों में
36% साहकार के पास 20% और पास 0% है अतः मैंने अपने
शोध में पाया है तक सबसे अतधक बैंकों में कमाए हए आए को
रखने वाली 44% है और सबसे कम धाराओं में रखने वाली
आय 36% है
सारणी संख्या 17
तवश्लेषण--- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं के कौन से मुद्दे
से संबंतधत है इस थाने में बच्चों को प़िने 56% खाना-पीना
करने में 16% खेती बारी में 20% पहनावा और ओिावा में 8%
है । उत्तम मैंने अपने शोध में पाया है तक सबसे अतधक बच्चों को
प़िने में 56% है कर कम खेती बारी कर गई 20% है ।
सारणी संख्या 18
तवश्लेषण-- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं के ऋण गृहस्थ से
संबंतधत है इस सारणी में हां 60% नहीं 40% है अतः मैंने अपने
शोध में पाया है तक सबसे अतधक कायभरत मतहला 60% है और
सबसे कम नहीं 40% है ।
सारणी संख्या 19
तवश्लेषण--- उपयुभक्त सारणी में उत्तर दाताओं के ऋण तलया तो
क्यों से संबंतधत है इस सारणी में बच्चों को प़िने में 40% खेती
करने में 20% बेिी की शादी में 24% ठीक करने में 16
प्रततशत है पता मैंने अपनी शोध में पाया है तक सबसे अतधक
बच्चों को प़िने में 40% और सबसे कम बेिी की शादी में 24%
है ।
[7:39 PM, 4/28/2019] रामपुर 2: (उत्तर दाताओं एवं
उत्तरदातयत्व के सामातजक आतथभक द्धस्थतत)
प्रस्तुत प्रततवेदन तवषय जनजातीय मतहलाओं के सामातजक
आतथभक द्धस्थतत के तलए मैंने लालपुर चौक के क्षेत्र के संदर्भ में
अध्ययन तकया है मैंने इस अध्ययन क्षेत्र कायभ के तलए 25
उत्तरदातयत्व का सवेक्षण तकया है और उन दातयत्वों के
सामातजक आतथभक द्धस्थतत का वणभन तकया है जै से--- सामातजक
द्धस्थतत÷ तववाह के आधार पर वैवातहक द्धस्थतत के आधार पर मैंने
उस क्षेत्र में अध्ययन तकया है उसमें से वैवातहक मतहलाओं की
संख्या अतधक थी और अतववातहत मतहला र्ी थी लेतकन तवधवा
मतहला की संख्या बहत कम तमली है
कामकाजी मतहला की संख्या के आधार
पर ÷ मैंने अपने अध्ययन क्षेत्र उत्तरदातयत्व कामकाजी
मतहलाओं की अतधक संख्या 1 है कोई नहीं की संख्या ना के
बराबर है मैंने तजस क्षेत्र में अध्ययन तकया है उस क्षेत्र की
मतहलाओं की सामातजक द्धस्थतत गरीब है उन्हें पुरुषों के प्रतत
कामकाजी र्ी करना पडता है और जो गैर कामकाजी मतहला
ग्रहण होती है उन्हें अपने पतत या तपता पर तनर्भर होना पडता
है ।
आतथभक द्धस्थतत÷-- तशक्षा के आधार पर उस क्षेत्र में उत्तरदातयत्व
के तशक्षा का स्तर कम या तनम्न रहा है तशक्षा के स्तर पर वहां की
मतहला अतधकतर मैतिर क पास है और बहत ही कम मतहला
उच्च तशक्षा प्राप्त की हई है मानतसक आय के आधार पर मैंने
अपने अध्ययन क्षेत्र उत्तरदातयत्व या उनके पररवार का मानतसक
आय का प्रततशत अतधक 5000 से 10000 प्राप्त करते हैं तथा
कुछ लोग व्यवसाय करते हैं उनका मानतसक 1000 से 5000
इससे अतधक नहीं रहा है । पररवार की आतथभक द्धस्थतत के आधार
पर- मैंने अपने अध्ययन क्षेत्र में उत्तरदातयत्व का आतथभक द्धस्थतत
अतधक संख्या मध्यम है और अतधतनयम तकस संख्या अतधकां श
दे खी गई है और बहत कम ही लोगों की द्धस्थतत उच्च दे खी गई
है ।
[7:54 PM, 4/28/2019] रामपुर 2: अध्ययन. V
तनष्कषभ --- प्रस्तुत सवेक्षण कायभ जनजातत मतहलाओं में
सामातजक आतथभक द्धस्थतत एक समाजशास्त्रीय अध्ययन तवशेष
पर पूरी की गई है जो तक लालपुर चौक के संदर्भ में तकया गया
है तजनमें कुल 25 उत्तरदातयत्व का चयन तकया गया है तजसमें
साक्षात्कार अनुसूची साक्षात्कार अवलोकन के माध्यम से तथ्य
संकतलत तकए गए इन तथ्यों के आधार पर कुछ महत्वपूणभ
तनष्कषभ सामने आए जो इस प्रकार हैं ।
उत्तरदातयत्व के आयु के आधार पर 1530 में 48%
30 से 35 में 36% 35 से 60 16% है इसमें सबसे ज्यादा 30 से
35 में है जातत के आधार पर ग्राम 28% मुंडा 48% संथाली
20% अन्य 4% इसमें ज्यादा मुंडा जनजातत हैं धमभ के आधार
पर तहं दू 20% ना 80% तक 0% अन्य जीरो प्रततशत है इसमें
सरना धमभ को मानते हैं ।
तशक्षा के आधार पर तशक्षा 88% और 12% व शून्य प्रततशत
0% एं ड 0% में सबसे ज्यादा है ।
पररवार के आधार पर संयुक्त 60% एकल 40% है इसमें
संयुक्त सबसे ज्यादा है ।
दहे ज के आधार पर हां 56% नहीं 44% है इसमें हां सबसे
ज्यादा है ।
वैवातहक जीवन के आधार पर अच्छा 56% बहत अच्छा 44%
खराब जीरो प्रततशत बहत खराब जीरो प्रततशत इसमें अच्छा
सबसे ज्यादा है ।
द्धस्थतत के आधार पर पुरुषों के अधीन 72% पुरुषों के समान
28% पुरुषों से अतधक स्वतंत्रता 0% आ स्वतंत्रता जीरो प्रततशत
इसमें पुरुषों के अधीन सबसे ज्यादा है ।
मकान के आधार पर कच्चा 20% पक्का 40% मतहला 28%
खपरै ल 12% है इसमें सबसे ज्यादा पक्का है ।