You are on page 1of 2

इन नौ बात तु रंत मान ले नी चाहिए

ररपु रुज पावक पाप प्रभु अहि गहनअ न छोट करर।


अस कहि हबहबध हबलाप करर लागी रोदन करन।।
अर्ाा त- शत्रु , रोग, अहि, पाप, स्वामी और सपा को छोटा निीं समझना चाहिए। ऐसा किकर शूपाणखा अनेक
प्रकार से हवलाप करके रोने लगी।
शत्रु यानी दु श्मन
दु श्मन भले िी हकतना भी छोटा क्ों न िो, ले हकन उससे िमेशा सावधान रिना चाहिए। कई बार छोटे
दु श्मन भी इतना बडा नुकसान कर दे ते िैं , हजसके कारण बाद में पछताना पडता िै । यहद छोटे -छोटे राजा
हमलकर हकसी चक्रवती राजा पर एक सार् िमला कर दें तो उसे भी िरा सकते िैं। इसहलए दु श्मन को
कभी छोटा यानी कमजोर निीं समझना चाहिए।
रोग यानी बीमारी
छोटी से छोटी बीमारी को भी कभी नजरअंदाज निीं करना चाहिए। सदी, जुकाम या बु खार आहद भले िी
साधारण लगते िो, ले हकन जब यि बढ़ जाते िैं तो शरीर को खोखला कर दे ते िैं। कई बार ये बडी बीमारी
का कारण भी बन जाते िैं । साधारण लगने वाली खां सी टीबी भी िो सकती िै। इन छोटी लगने वाली
बीमाररयों के कारण िी कई बार इं सान को प्राण गं वाने पडते िैं। इसहलए छोटी बीमारी में भी तुरंत इलाज
करवाने में िी समझदारी िै ।
अहि
आग में इतनी शक्ति िै हक वि कुछ िी समय में बडे से बडे जं गल को भी जला कर राख कर सकती
िै । आग का सबसे छोटा रूप एक हचंगारी िोती िै , लेहकन जब यि हवकराल रूप ले ले ती िै तो इस पर
हनयं त्रण पाना हकसी के बस में निीं िोता। इसहलए आग के सार् कभी क्तखलवाड निीं करना चाहिए। ये
कभी भी बडी दु र्ाटना का कारण बन सकता िै।
पाप
धमा ग्रं र्ों के अनुसार, मनुष्ों को उनके द्वारा हकए गए कामों के आधार पर पाप व पुण्य की प्राक्ति िोती
िै । कई बार मनुष् सब कुछ जानकर भी छोटे -छोटे गलत काया करते िैं । इन कामों से प्राि िोने वाला
पाप भी कम िी िोता िै , ले हकन जब इन छोटे -छोटे पाप कमों का फल एकहत्रत िो जाता िै तो इसकी
भयानक सजा हमलती िै । इसहलए पाप कमा भले िी छोटा िै , ले हकन करने से बचना चाहिए।
स्वामी यानी माहलक
माहलक को कभी भी छोटा निीं समझना चाहिए। क्ोंहक अगर माहलक नाराज िो जाए तो वि आपका
बडा नुकसान कर सकता िै। अगर आप नौकर िैं और सोचते िैं हक माहलक को डरा-धमका कर या
हकसी भी तरीके से अपना काम हनकाल लें गे तो यि आपकी बहुत बडी भूल िै । माहलक को जब भी
मौका हमलेगा, वि आपका नुकसान करने से निीं चूकेगा। इसहलए माहलक को कभी छोटा यानी कमजोर
निीं समझना चाहिए।
सां प
सां प हदखने में भले िी हकतना भी छोटा क्ों न िो, ले हकन यहद वि एक बार काट ले तो हकसी की भी
मृत्यु का कारण बन सकता िै । कई बार दे खने में आता िै हक सांप पकडऩे वाले िी सां प का हशकार बन
जाते िैं क्ोंहक उन्हें यिी लगता िै हक िमेशा की तरि वे सां प को अपने वश में कर लें गे। उनकी यिी
सोच कई बार उनकी जान की दु श्मन बन जाती िै । इसहलए सां प को कभी छोटा (कमजोर) निीं समझना
चाहिए।

You might also like