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Bahar Gajhal
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तो दो त ये थे गजल क मू य 32 बहर के मा ा भार िजनके आधार पर आप अपनी गजल लख सकते ह। अगर आपको
हमार ये जानकार पसंद आई हो, तो आप हमार वेबसाइट को रोजाना दे खा कर। मलते ह फर से अगल बार एक ऐसी ह
पो ट के साथ तब तक के लए लखते र हए।
आभार
1. बहरे का मल मस
ु मन सा लम
ये चमन ह अपना वज ु द
ू है इसे छोड़ने क भी सोच मत
नह ं तो बताएँगे कल को या यहाँ गल ु न थे क महक न थी
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2. बहरे खफ़ फ मस ु दस मख़बन ू
फ
2122 1212 22
क़ मत को ये मला तो मश क़त को वो मला
इस को मला ख़ज़ाना उसे चा भयाँ मल ं
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6. बहरे मत
ु का रब मस
ु दस सा लम
फ़ऊलन ु फ़ऊल न
ु फ़ऊल न
ु
122 122 122
सी ढ़य पर बछ है हयात
ऐ ख़शु ी! हौले-हौले उतर
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10. बहरे मतु दा रक मसु मन अहज़ज़ु आ ख़र
फ़ाइलन ु फ़ाइलन ु फ़ाइलन ु फ़ा
212 212 212 2
जब छड़ी तज़ बे और ड ी म जंग
कामयाबी बगल झाँकती रह गयी
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12. बहरे रजज़ मख़बनू मरफ़ू’ मख़ु ला
मफ़
ु ाइलनु फ़ाइलनु फ़ऊलनु मफ़ु ाइलन
ु फ़ाइलन
ु फ़ऊलन
ु
1212 212 122 1212 212 22
ये न ले-नौ है सा हबो
अ बर से लायेगी नद
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14. बहरे रजज़ मस ु दस मख़बन
ू
मु तफ़इलन ु मफ़ ु ाइलनु
2212 1212
या आप भी ज़ह न थे?
आ जाइये – क़तार म
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15. बहरे रजज़ मसु दस सा लम
मु तफ़इलन ु मु तफ़इलन
ु मु तफ़इलन
ु
2212 2212 2212
मौत से मल लो, नह ं तो
उ भर पीछा करे गी
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18. बहरे रमल मस
ु दस मख़बन ू मस
ु ककन
फ़ाइलातन ु फ़यलातनु फ़ेलनु
2122 1122 22
अजनबी हर गज़ न थे हम श म
आप ने कुछ दे र से जाना हम
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20. बहरे रमल मस ु दस सा लम
फ़ाइलातन ु फ़ाइलातन ु फ़ाइलातन
ु
2122 2122 2122
गोया चम
ू ा हो तस ल ने ह रक चहरे को
उस के दरबार म साकार महु बत दे खी
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23. बहरे रमल मसु मन मशकूल सा लम मज़ाइफ़ [दोगन
ु ]
फ़यलात फ़ाइलातन ु फ़यलात फ़ाइलातन ु
1121 2122 1121 2122
हम दोन मस ु ा फ़र ह इस रे त के द रया के
उनवाने-ख़द ु ा दे कर तनहा न करो मझ ु को
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29. बहरे हज़ज मस ु मन अशतर म फूफ़ म बज़ ू मख़
ु नक सा लम
फ़ाइलनु मफ़ ु ाईलन ु फ़ाइलन
ु मफ़ ु ाईलनु
212 1222 212 1222
मझ
ु े पहले यूँ लगता था क र मा चा हये मझ
ु को
मगर अब जा के समझा हूँ क़र ना चा हये मझ ु को