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नो टस सं.06/2020–आईएफओएस दनांक : 12.02.

2020
(आवेदन करने क अंितम तारीख : 03.03.2020)
भारतीय वन सेवा परी ा, 2020
(आयोग क वेबसाइट – www.upsc.gov.in)
मह वपूण
 भारतीय वन सेवा परी ा के िलए आवेदन कर रहे उ मीदवार कृपया यह नोट कर क भारतीय वन सेवा ( धान) परी ा (िलिखत एवं
सा ा कार) के दूसरे चरण म शािमल होने के िलए उ ह िसिवल सेवा ( ारंिभक) परी ा म सि मिलत होना एवं अहक होना अिनवाय होगा ।
 भारतीय वन सेवा परी ा तथा िसिवल सेवा परी ा के िलए आवेदन के इ छुक उ मीदवार सामा य ऑनलाइन आवेदन प के ज रए
आवेदन कर सकते ह बशत वे पा ता संबंधी आव यक मानदंड पूरे करते ह ।
1. परी ा के िलए उ मीदवार अपनी पा ता सुिनि त कर ल :
सभी उ मीदवार (पु ष/मिहला/ ा सजडर) से अनुरोध है क वे सरकार (पयावरण, वन एवं जलवायु प रवतन मं ालय) ारा अिधसूिचत
भारतीय वन सेवा परी ा के िनयम और इन िनयम से तैयार क गई संघ लोक सेवा आयोग क परी ा सूचना को यान से पढ ल । परी ा के िलए
आवेदन करने वाले उ मीदवार को सुिनि त करना चािहए क वे परी ा म वेश हेतु सभी पा ता शत को पूरा करते ह। परी ा के सभी तर पर
उनका वेश पूणत: अनंितम होगा बशत क वे िनधा रत पा ता शत को पूरा करते ह । उ मीदवार को मा ई- वेश प जारी कए जाने का अथ
यह नह होगा क उनक उ मीदवारी आयोग ारा अंितम प से सुिनि त कर दी गई है। उ मीदवार ारा सा ा कार/ ि व परी ण म अहता
ा त करने के बाद ही, आयोग मूल माण प के संदभ म पा ता शत का स यापन करता है।
आयोग मूल द तावेज के संदभ म पा ता क शत के स यापन के बाद ही उ मीदवार के ि व परी ण (सा ा कार) के िलए अहता ा करता है।
2. आवेदन कैसे कर :
उ मीदवार वेबसाइट https://www.upsconline.nic.in का योग करके ऑनलाइन ही आवेदन कर। ऑनलाइन आवेदन प भरने के िलए संि
अनुदेश प रिश -II म दए गए ह। ऑनलाइन आवेदन भरने के िलए िव तृत अनुदेश उपयु वेबसाइट पर उपल ध ह।
2.1 जो उ मीदवार इस परी ा म शािमल नह होना चाहते ह आयोग ने उनके िलए आवेदन वापस लेने क सुिवधा का ावधान कया है। इस संबंध
म अनुदेश परी ा नो टस के प रिश ट II (ख) म दान कए गए ह।
2.2 उ मीदवार के पास कसी एक फोटो पहचान प जैसे आधार काड, मतदाता पहचान प , पैन काड, पासपोट, ाइ वग लाइसस अथवा रा य/
क सरकार ारा जारी कसी अ य फोटो पहचान प का िववरण भी होना चािहए। इस फोटो पहचान प का िववरण उ मीदवार ारा अपना
ऑनलाइन आवेदन फाम भरते समय उपल ध कराना होगा। उ मीदवार को फोटो आईडी क एक कैन क गई कॉपी अपलोड करनी होगी िजसका
िववरण उसके ारा ऑनलाइन आवेदन म दान कया गया है। इस फोटो आईडी का उपयोग भिव य के सभी संदभ के िलए कया जाएगा और
उ मीदवार को परी ा/ ि व परी ण/एसएसबी के िलए उपि थत होते समय इस पहचान प को साथ ले जाने क सलाह दी जाती है।
3. आवेदन करने क अंितम तारीख :
ऑनलाइन आवेदन प 03 माच, 2020 18.00 बजे तक भरे जा सकते ह ।
4. परी ा आरंभ होने के तीन स ताह पूव पा उ मीदवार को ई- वेश माण प जारी कए जाएंगे। ई- वेश प संघ लोक सेवा आयोग क
वेबसाइट https://www.upsconline.nic.in पर उपल ध होगा िजसे उ मीदवार ारा डाउनलोड कया जा सकता है। डाक ारा कोई वेश माण
प नह भेजा जाएगा। ऑनलाइन आवेदन प भरते समय सभी आवेदक को वैध और स य ई-मेल आईडी तुत करना अपेि त है य क
आयोग परी ा या के िविभ न चरण म उनसे संपक करने के िलए इले ािनक मा यम का इ तेमाल कर सकता है।
5. गलत उ र के िलये दंड :
उ मीदवार नोट कर क व तुिन क म के पेपर म उनके ारा गलत उ र अं कत कए जाने के िलए दंड (ऋणा मक अंकन) होगा।
6. ओएमआर (उ तर प क) म उ तर िलखने और अं कत करने दोन के िलए उ मीदवार केवल काले बॉल पेन का इ तेमाल कर। कसी अ य रंग क
याही से िलखना व जत है। पिसल अथवा याही वाले पेन का इ तेमाल न कर। उ मीदवार को यह सलाह दी जाती है क वे नो टस के प रिश ट-
III म िनिहत “िवशेष अनुदेश ” को सावधानीपूवक पढ़ ल।
7. उ मीदवार के मागदशन हेतु सुिवधा काउ टर :
उ मीदवार अपने आवेदन प , उ मीदवारी आ द से संबंिधत कसी कार के मागदशन/जानकारी/ प ीकरण के िलए काय दवस म 10.00 बजे और
5.00 बजे के म य तक आयोग प रसर के गेट ‘सी’ के पास संघ लोक सेवा आयोग के सुिवधा काउंटर पर ि गत प से अथवा दूरभाष सं. 011-
23385271/ 011-23381125/011-23098543 पर संपक कर सकते ह।
8. मोबाइल फोन ितबंिधत :
(क) जहां परी ा आयोिजत क जा रही है, उस प रसर म मोबाइल फोन का योग (चाहे वह ि वच ऑफ ही य ना हो), पेजर या कसी अ य कार
का इले ॉिनक उपकरण या ो ाम कए जा सकने वाला िडवाइस या पेन ाइव जैसा कोई टोरेज मीिडया, माट वॉच इ या द या कैमरा या लूटूथ
िडवाइस या कोई अ य उपकरण या संचार यं के प म योग कए जा सकने वाला कोई अ य संबंिधत उपकरण, चाहे वह बंद हो या चालू स त
मना है। इन अनुदेश का कोई अितलंघन होने पर भिव य म आयोिजत क जाने वाली परी ा म ितबंध सिहत अनुशासिनक कारवाई क जाएगी।
(ख) उ मीदवार को उनके िहत म सलाह दी जाती है क वे परी ा थल पर मोबाइल फोन/पेजर सिहत कोई भी ितबंिधत साम ी न लाएं, य क
इनक सुर ा सुिनि त नह क जा सकती। इस संबंध म ए कसी कार के नुकसान के िलए आयोग उ रदायी नह होगा।
उ मीदवार को केवल ऑनलाइन मोड से ही आवेदन करने क ज रत है। कसी दूसरे मोड ारा आवेदन करने क अनुमित नह है।

सं.13/4/2019-प.1(ख)–संघ लोक सेवा आयोग भारतीय वन सेवा ( धान) परी ा, 2020 के िलए चयन हेतु िसिवल सेवा ( ारंिभक) परी ा,
2020 के ज रए संवी ा परी ण आयोिजत क रेगा िजसका आयोजन पयावरण, वन एवं जलवायु प रवतन मं ालय के दनांक 12 फरवरी, 2020
के भारत के राजप म कािशत िनयमावली के अनुसार दनांक 31 मई, 2020 को कया जाएगा।
(1) ारंिभक परी ा िन निलिखत के पर आयोिजत क जाएगी :
के के के
अगरतला गोरखपुर पणजी (गोवा)
आगरा गुड़गांव पटना

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अजमेर वािलयर पोट लेयर
अहमदाबाद हैदराबाद यागराज (इलाहाबाद)
ऐज़ल इ फाल पुडुचेरी
अलीगढ़ इ दौर पूना
अनंतापु ईटानगर रायपुर
औरंगाबाद जबलपुर राजकोट
बगलू जयपुर रांची
बरेली ज मू संबलपुर
भोपाल जोधपुर िशलांग
िबलासपुर जोरहाट िशमला
चंडीगढ़ कोि िसिलगुडी
चे नई कोिहमा ीनगर
कोयंबटूर कोलकाता ठाणे
कटक कोझीकोड (कालीकट) ित वनंतपुरम
देहरादून लखनऊ ित िचराप ली
द ली लु िधयाना ित पित
धारवाड़ मदुरै उदयपुर
दसपुर मु बई वाराणसी
फरीदाबाद मैसु बे लोर
गंगटोक नागपुर िवजयवाड़ा
गया नवी मुंबई िवशाखापटनम
गािजयाबाद गौतमबु द नगर वारंगल
आयोग य द चाहे तो, परी ा के उपयु त के तथा उसके ारंभ होने क तारीख म प रवतन कर सकता है। आवेदक यह नोट कर क चे ई,
द ली, दसपुर, कोलकाता तथा नागपुर को छोड़कर येक के पर आबं टत होने वाले उ मीदवार क सं या क अिधकतम सीमा (सी लग)
िनधा रत होगी। के का आबंटन ''पहले आवेदन-पहले आबंटन'' के आधार पर कया जाएगा और कसी के िवशेष क मता पूरी हो जाने के
उपरांत उस के पर आबंटन रोक दया जाएगा। सी लग के कारण िजन उ मीदवार को अपने पसंद का के ा त नह होता उ ह शेष के म से
कोई के चुनना होगा। अत: आवेदक को सलाह दी जाती है क वे शी आवेदन कर ता क उ ह अपनी पसंद का के ा त हो सके।
ट पणी : पूव त ावधान के बावजूद, आयोग को यह अिधकार है क वह अपने िववेकानुसार के म प रवतन कर सकता है, य द प रि थित क
मांग ऐसी हो। िसिवल सेवा ( ारंिभक) परी ा, 2020 आंिशक दृि वाले उ मीदवार के िलए अब संब पदनािमत के पर होगी। िजन
उ मीदवार को उ त परी ा म वेश दे दया जाता है उ ह समय-सारणी तथा परी ा थल ( थल ) क जानकारी दे दी जाएगी। उ मीदवार
को नोट करना चािहए क के प रवतन हेतु उनके अनुरोध को वीकार नह कया जाएगा।
(ख) परी ा क योजना :
भारतीय वन सेवा परी ा (नीचे दए गए प रिश ट-I खंड-I के तहत) लगातार दो चरण म होगी।
(i) भारतीय वन सेवा ( धान परी ा) के िलए उ मीदवार के चयन हेतु िसिवल सेवा ( ारंिभक) परी ा (व तुिन ठ कार) और
(ii) भारतीय वन सेवा के िलए उ मीदवार के चयन हेतु भारतीय वन सेवा ( धान परी ा) (िलिखत और सा ा कार) ।
अभी केवल ारंिभक परी ा के िलए आवेदन प आमंि त कए जाते ह। जो उ मीदवार भारतीय वन सेवा ( धान) परी ा म वेश के िलए
आयोग ारा पा घोिषत कए जाएंगे उनको िव तृत आवेदन प म पुन: ऑनलाइन आवेदन करना होगा, जो क उनको उपल ध करवाये जायगे।
धान परी ा के िलए उ मीदवार को ज मितिथ, ेणी [अथात् अ.जा./ अ.ज.जा./ अ.िप.व. (िबना अ.िप.व. अनुल क)/ईड यूएस [आ थक प से
कमजोर वग] (ईड यूएस अनुल क के िबना)/ बच माक िवकलांगता से यु ि / भूतपूव सैिनक] और शैि क यो यता के समथन म कैन कए
गए द तावेज / माणप सिहत अिनवाय परी ा शु क के साथ िव तृत आवेदन फाम-I (डीएएफ-।) ऑनलाइन तुत करना होगा।
उ मीदवार को परी ा हेतु ि व परी ण (सा ा कार) ारंभ होने से पहले अिनवाय प से ऑनलाइन िव तृत आवेदन प फाम-।। (डीएएफ-
।।) म वष के दौरान भारतीय वन सेवा परी ा म भाग लेने के िलए केवल उन सेवा के संबंध म अपने वरीयता म का उ लेख करना होगा िजनके
आबंटन हेतु वह इ छुक है। उ मीदवार को उ तर िश ा, िविभ े म उसक उपलि धय , सेवा अनुभव, अ.िप.व. अनुल क (केवल अ.िप.व.
ेणी हेतु), ईड यूएस अनुल क (केवल ईड यूएस ेणी हेतु)आ द द तावेज / माण प को भी इस फॉम के साथ अपलोड करना होगा।
धान परी ा नव बर, 2020 म होने क संभावना है। धान परी ा िन निलिखत के पर आयोिजत क जाएगी :-
भोपाल, चे नई, द ली, दसपुर (गुवाहाटी), हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ, नागपुर, पोट लेयर और िशमला ।
2. परी ा के प रणाम के आधार पर भरी जाने वाली रि य क सं या लगभग 90 है। रि य क सं या म प रवतन हो सकता है।
सरकार ारा िनधा रत रीित से अनुसूिचत जाितय , अनुसूिचत जनजाितय , अ य िपछड़ी ेिणय , आ थक प से कमजोर वग तथा बचमाक
द ांग ेणी के उ मीदवार के िलए रि य का आर ण कया जाएगा।
नोट : पयावरण, वन एवं जलवायु प रवतन मं ालय से ा त सूचना के अनुसार आंिशक दृि ेणी के उ मीदवार के िलए एक रि , आंिशक
बिधर ेणी के उ मीदवार के िलए एक रि तथा चलने म असमथ (उप- ेणी - कु रोग उपचा रत, तेजाबी हमले म पीिड़त केवल) ेणी
के िलए एक रि आरि त रखी गई ह। तथािप, उि लिखत रि यां अगले प रवतन के अधीन ह।
कसी भी उ मीदवार को समुदाय स बंधी आर ण का लाभ, उसक जाित को क सरकार ारा जारी आरि त समुदाय स बंधी सूची म
शािमल कये जाने पर ही िमलेगा । उ मीदवार, आ थक प से कमजोर वग हेतु आर ण का लाभ लेने के िलए तभी पा माना जाएगा जब वह
क सरकार ारा जारी मानदंड का पालन करता हो तथा उसके पास इस कार क पा ता का माण प हो। य द कोई उ मी ार भारतीय वन
सेवा परी ा {िसिवल सेवा ( ारंिभक) परी ा के मा यम से) के अपने प म यह उ लेख करता है, क वह सामा य ेणी से स बंिधत है ले कन
कालांतर म अपनी ेणी को आरि त सूची क ेणी म त दील करने के िलये आयोग को िलखता है, तो आयोग ारा ऐसे अनुरोध को वीकार नह
कया जाएगा । इसके अित र , उ मीदवार ारा एक बार आर ण ेणी चुन िलए जाने पर अ य आरि त ेणी म प रवतन के कसी भी अनुरोध
अथात् अ.जा. को अ.ज.जा., अ.ज.जा. को अ.जा., अ.िप.व. को अ.जा./अ.ज.जा., अ.जा./अ.ज.जा. को अ.िप.व., अनुसूिचत जाित को आ थक प से

2
कमजोर, आ थक प से कमजोर को अनुसूिचत जाित, अनुसूिचत जनजाित को आ थक प से कमजोर, आ थक प से कमजोर को अनुसूिचत
जनजाित, अ य िपछड़ा वग को आ थक प से कमजोर, आ थक प से कमजोर को अ य िपछड़ा वग म प रवतन पर िवचार नह कया जाएगा ।
संघ लोक सेवा आयोग ारा अंितम प रणाम क घोषणा कर दए जाने के उपरांत सामा य मे रट के आधार पर अनुशंिसत उ मीदवार से िभ
आरि त ेणी के कसी भी उ मीदवार को उसक आरि त ेणी से अनारि त ेणी म प रवतन करने अथवा अनारि त ेणी क रि य संवग()
के िलये दावा करने क अनुमित नही होगी ।
इसके अलावा, बचमाक द ांग (PwBD) के कसी भी उप- ेणी के उ मीदवार को अपनी द ांगता क उप- ेणी को बदलने क अनुमित
नह दी जाएगी।
हालां क उपयु त िस ांत का सामा य प से अनुपालन कया जाएगा, फर भी कुछ ऐसे मामले हो सकते ह िजनम कसी समुदाय-िवशेष
को आरि त समुदाय क कसी सूची म शािमल करने के संबंध म सरकारी अिधसूचना जारी कए जाने और उ मीदवार ारा आवेदन-प जमा
करने क तारीख के बीच 3 महीने से अिधक अंतर न हो)। ऐसे मामल म, समुदाय को सामा य से आरि त ेणी म प रव तत करने संबंधी अनुरोध
पर आयोग ारा मे रट के आधार पर िवचार कया जाएगा। परी ा क या के दौरान कसी उ मीदवार के बचमाक िवकलांग होने के खेदपूण
मामले म उ मीदवार को ऐसे मा य द तावेज तुत करने ह गे, िजनम इस त य का उ लेख हो क वह िवकलांगजन अिधिनयम, 2016 के
अंतगत यथाप रभािषत 40% अथवा इससे अिधक िवकलांगता से त है, ता क उसे बचमाक िवकलांगता ेणी के अंतगत आर ण का लाभ ा
हो सके, बशत क संबंिधत उ मीदवार भारतीय वन सेवा परी ा के िनयम 19 के अनुसार भारतीय वन सेवा के िलए अ यथा पा हो।
अजा/अजजा/अिपव/आ.क.व./पी.बी.डी./पूव सेनाका मक के िलए उपल ध आर ण/ रयायत के लाभ के इ छुक उ मीदवार यह सुिन ि त
कर क वे िनयमावली/नो टस से संब िनयमावली म दए गए अनुबंध के अनुसार उ मीदवार के पास अपने दावे के समथन म िविहत ा प म
आव यक सभी माण-प मौजूद होने चािहए तथा इन माण प पर िसिवल सेवा ( ारंिभक) परी ा, 2020 के आवेदन जमा करने क
िनधा रत तारीख (अंितम तारीख) से पहले क तारीख अं कत होनी चािहए। भारतीय वन सेवा परी ा, 2020 के िलए आवेदन करने वाले आ थक
प से कमजोर वग के उ मीदवार को िव त वष 2018-2019 के िलए आय और संपदा माणप अव य तुत करना चािहए A
बेरोजगार यि य को रोजगार के अिधक अवसर उपल ध कराने के उ े य से सरकार ारा िलए गए िनणय के अनुसार आयोग
उ मीदवार के ा तांक (िलिखत परी ा तथा सा ा कार/ यि व परी ण म ा त अंक) सावजिनक पोटल के मा यम से सावजिनक प से
घोिषत करेगा। अंक क यह घोषणा केवल उन उ मीदवार के मामले म क जाएगी, जो भारतीय वन सेवा परी ा हेतु सा ा कार/ यि व
परी ण म शािमल ह गे, परंतु िज ह िनयुि हेतु अंितम प से अनुशंिसत नह कया जाएगा। इस कटन योजना के मा यम से गैर-अनुशंिसत
उ मीदवार के बारे म साझा क गई जानकारी का इ तेमाल, सावजिनक तथा िनजी े क अ य भत एजिसय ारा, सावजिनक पोटल पर
उपल ध कराई गई उ त सूचना के आधार पर, उपयु त उ मीदवार क िनयुि के िलए कया जा सकेगा।
उ मीदवार को, सा ा कार/ यि व परी ण के समय इस संबंध म अपना िवक प दान करना होगा। यह िवक प उ ह सा ा कार
हेतु मेल कए गए ई-समन प क पावती भेजते समय दान करना होगा। उ मीदवार, उ त योजना म शािमल नह होने का िवक प भी चुन
सकते ह। ऐसा करने पर आयोग ारा उनके अंक संबंधी िववरण का कटन सावजिनक प से नह कया जाएगा।
आयोग ारा आयोिजत परी ा के गैर-अनुशंिसत उ मीदवार के बारे म जानकारी साझा करने के अित र त, इस िवषय म आयोग
क कोई िज मेदारी अथवा दािय व नह होगा क आयोग क परी ा /चयन या म शािमल उ मीदवार से संबंिधत जानका रय का
इ तेमाल, अ य िनजी अथवा सावजिनक संगठन ारा कस िविध से तथा कस प म कया जाता है।
3. पा ता क शत :
(क) भारत का नाग रक हो, या
(ख) नेपाल क जा हो, या
(ग) भूटान क जा हो, या
(घ) ऐसा ित बती शरणाथ जो भारत म थायी प से रहने क इ छा से 1 जनवरी, 1962 से पहले भारत आ गया हो, या
(ङ) ऐसा भारतीय मूल का ि जो भारत म थायी प से रहने क इ छा से पा क तान, बमा, ीलंका, पूव अ क देश ,
क िनया, उगांडा, संयु त गणरा य तंजािनया, जांिबया, मलावी, जैरे और इिथयोिपया अथवा िवयतनाम से भारत आया हो।
पर तु (ख), (ग), (घ) और (ङ) वग के अंतगत आने वाले उ मीदवार के पास भारत सरकार ारा दया गया पा ता माण-प अव य होना
चािहए। ऐसे उ मीदवार को भी उ त परी ा म वेश दया जा सकता है िजसके बारे म पा ता माण-प ा त करना आव यक हो कतु
उसको िनयुि ताव भारत सरकार ारा उसके संबंध म पा ता माण-प जारी कर दए जाने के बाद ही भेजा जा सकता है।
(ii) आयु - सीमाएं :
(क) उ मीदवार क आयु 1 अग त, 2020 को पूरे 21 वष क हो जानी चािहए, क तु 32 वष क नह होनी चािहए अथात् उसका ज म 2 अग त,
1988 से पहले और 1 अग त, 1999 के बाद का नह होना चािहए।
(ख) ऊपर बताई गई अिधकतम आयु-सीमा म िन िलिखत मामल म छूट दी जाएगी :
(i) य द उ मीदवार कसी अनुसूिचत जाित या अनुसूिचत जनजाित का हो तो अिधक से अिधक 5 वष तक।
(ii) अ य िपछड़े वग से संबंिधत ऐसे उ मीदवार के मामले म अिधकतम तीन वष तक, जो ऐसे उ मीदवार पर लागू आर ण को पाने के हकदार
ह।
(iii) कसी दूसरे देश के साथ संघष म या कसी अशांित त े म फौजी कायवाही के दौरान िवकलांग होने के फल व प सेवा से िनमु त कए
गए र ा का मक को अिधक से अिधक 3 वष तक।
(iv) िजन भूतपूव सैिनक (कमीशन ा त अिधका रय तथा आपातकालीन कमीशन ा त अिधका रय / अ पकािलक सेवा कमीशन ा त
अिधका रय सिहत) ने 1 अग त, 2020 को कम से कम 5 वष क सैिनक सेवा क हो और जो (i) कदाचार या अ मता के आधार पर
बखा त न होकर अ य कारण से कायकाल के समापन पर कायमु त ए ह, (इनम वे भी सि मिलत ह िजनका कायकाल 1 अग त, 2020
से एक वष के अंदर पूरा होना है), या (ii) सैिनक सेवा से ई शारी रक अपंगता, या (iii) अ मता के कारण कायमु त ए ह, उनके मामले म
अिधक से अिधक 5 वष तक।
(v) आपातकालीन कमीशन ा त अिधका रय /अ पकालीन सेवा के कमीशन ा त अिधका रय के उन मामल म िज ह ने 1 अग त, 2020
को सैिनक सेवा के 5 वष क सेवा क ारंिभक अविध पूरी कर ली है और िजनका कायकाल 5 वष से आगे भी बढ़ाया गया है तथा िजनके
मामले म र ा मं ालय एक माण-प जारी करता है क वे िसिवल रोजगार के िलए आवेदन कर सकते ह और चयन होने पर िनयुि
ताव ा त करने क तारीख से तीन माह के नो टस पर उ ह कायभार से मु त कया जाएगा, अिधकतम 5 वष तक ।
(vi) बचमाक द ांग ि यािन (क) आंिशक दृि , (ख) आंिशक बिधरता तथा (ग) चलने म असमथ (उप- ेणी - कु रोग उपचा रत, तेजाबी

3
हमले के पीिड़त) के मामले म अिधकतम 10 वष तक।
ट पणी-I : अनुसूिचत जाित तथा अनुसूिचत जनजाित व अ य िपछड़े वग से संबंिधत वे उ मीदवार, जो उपयु त पैरा 3(ii)(ख) के क ह अ य
खंड अथात्, जो भूतपूव सैिनक , आंिशक दृि तथा वण बािधत (आंिशक बिधरता) तथा चलने म असमथ (उप- ेणी - कु रोग उपचा रत,
तेजाबी हमले के पीिड़त) आ द क ेणी के अंतगत आते ह, दोन ेिणय के अंतगत दी जाने वाली संचयी आयु सीमा-छूट ा त करने के पा ह गे।
ट पणी-II : पीड यूबीडी उ मी ार क काया मक वग करण और शारी रक अपे ाएं के स बंध म, पूववत परी ा तक उसी या का पालन
कया गया है िजसका पालन सरकार (पयावरण, वन और जलवायु प रवतन मं ालय) कर सकती है।
ट पणी-III : भूतपूव सैिनक श द उन ि य पर लागू होगा िज ह समय-समय पर यथासंशोिधत भूतपूव सैिनक (िसिवल सेवा और पद म पुन:
रोजगार) िनयम, 1979 के अधीन भूतपूव सैिनक के प म प रभािषत कया जाता है ।
ट पणी-IV: उपयु त पैरा 3(ii)( iv) तथा (v) के अंतगत पूव सैिनक को आयु संबंधी छूट वीकाय होगी अथात् ऐसे ि िजसने भारतीय संघ
क सेना, नौसेना अथवा वायु सेना म कंबटट अथवा नॉन-कंबटट के प म कसी भी रक म सेवा क हो या जो ऐसी सेवा से सेवािनवृ आ हो या
अवमु आ हो या सेवा मु आ हो; चाहे ऐसा वह अपने अनुरोध पर आ हो या पशन हेतु अहक सेवा पूरी करने के बाद िनयो ा ारा अवमु
कया गया हो।“
ट पणी-V: उपयु त पैरा 3(ii)(ख)(vi) के अंतगत आयु म छूट के बावजूद बचमाक िवकलांगता वाले उ मीदवार क िनयुि हेतु पा ता पर तभी
िवचार कया जा सकता है जब वह (सरकार या िनयो ता ािधकारी, जैसा भी मामला हो, ारा िनधा रत शारी रक परी ण के बाद) सरकार
ारा बचमाक िवकलांगता वाले उ मीदवार को आबं टत सेवा /पद के िलए िनधा रत शारी रक एवं िच क सा मानक क , अपे ा को पूरा
करता हो ।
ऊपर क व था को छोड़कर िनधा रत आयु-सीमा म कसी भी हालत म छूट नह दी जा सकती।
ट पणी-VI: आयोग ज म क वह तारीख वीकार करता है जो मै कुलेशन या मा यिमक िव ालय छोड़ने के माण प या कसी भारतीय
िव विव ालय ारा मै कुलेशन के समक माने गए माण प या कसी िव विव ालय ारा अनुरि त मै कुलेट के रिज टर म दज क गई
हो और वह उ रण िव विव ालय के समुिचत ािधकारी ारा मािणत हो या उ तर मा यिमक परी ा या उसक समक परी ा माण-प
म दज हो। ये माण-प भारतीय वन सेवा ( धान) परी ा के िलए आवेदन करते समय ही तुत करते समय ही जमा करवाया जाना आव यक
है। आयु के संबंध म कोई अ य द तावेज जैसे ज म कुंडली, शपथप , नगर िनगम से और सेवा अिभलेख से ा त ज म संबंधी उ रण तथा अ य ऐसे
ही माण वीकार नह कए जाएंगे।
अनुदेश के इस भाग म आये ''मै कुलेशन/उ तर मा यिमक परी ा माण-प '' वा यांश के अंतगत उपयु त वैकि पक माण-प सि मिलत ह ।
ट पणी-VII : उ मीदवार को यान रखना चािहए क आयोग ज म क उसी तारीख को वीकार करेगा जो क आवेदन- प तुत करने क
तारीख को मै कुलेशन/उ तर मा यिमक परी ा माण-प या समक परी ा के माण-प म दज है और इसके बाद उसम प रवतन के कसी
अनुरोध पर न तो िवचार कया जाएगा न उसे वीकार कया जाएगा।
ट पणी-VIII : उ मीदवार यह भी यान रखे क उनके ारा कसी परी ा म वेश के िलए ज म क तारीख एक बार आवेदन प म तुत कर देने
के और आयोग ारा उसे अपने अिभलेख म दज़ कर लेने के बाद उसम या आयोग क अ य परी ा म कसी भी आधार पर प रवतन करने क
अनुमित नह दी जाएगी।
ट पणी-IX : उ मीदवार को ऑनलाइन आवेदन प के संबंिधत कॉलम म ज म ितिथ भरते समय उिचत सावधानी बरतनी चािहए। य द बाद क
कसी अव था म, जांच के दौरान उनके ारा भरी गई ज म ितिथ क उनके मै क या समक परी ा के माण-प म दी गई ज म ितिथ से कोई
िभ ता पाई गई तो आयोग ारा उनके िव िनयम के अधीन अनुशासना मक कारवाई क जाएगी।
(i) यूनतम शैि क यो यताएं :
उ मीदवार के पास भारत के के या रा य िवधानमंडल ारा िनगिमत कसी िव विव ालय क या संसद के अिधिनयम ारा थािपत या
िव विव ालय अनुदान आयोग अिधिनयम, 1956 के खंड 3 के अधीन िव विव ालय के प म मानी गई कसी अ य िश ा सं था से ा त पशु
पालन तथा पशु िच क सा िव ान, वन पित िव ान, रसायन िव ान, भू-िव ान, गिणत, भौितक , सांि यक और ािण िव ान म से कसी एक
िवषय के साथ नातक िड ी अव य होनी चािहए अथवा कृिष िव ान, वािनक या इंजीिनयरी क नातक िड ी होनी चािहए।
ट पणी-I : ऐसे उ मीदवार जो क ऐसी परी ा म बैठ चुके ह िजसे पास करने से वह इस परी ा म बैठने के पा बनते ह ले कन िजसके परी ा
फल क सूचना उ ह नह िमली है ारंिभक परी ा म वेश के िलए आवेदन प भर सकते ह। य द कोई उ मीदवार कसी ऐसी अहक परी ा म
बैठ रहा हो तो वह भी ारंिभेक परी ा म वेश के िलए भी पा होगा। जो उ मीदवार आयोग ारा भारतीय वन सेवा ( धान) परी ा म बैठने के
िलए अहक घोिषत कए जाएंगे उ ह धान परी ा हेतु आवेदन प (अथात िव तृत आवेदन फाम-I) के साथ अपेि त परी ा उ तीण करने का
माण तुत करना होगा। ऐसा नह कए जाने पर ऐसे उ मीदवार को भारतीय वन सेवा ( धान) परी ा म वेश नह दया जाएगा। अपेि त
परी ा उ ीण कर लेने का ऐसा माण िसिवल सेवा ( धान) परी ा के िव तृत आवेदन फाम-I भरे जाने क िनयत तारीख (अंितम तारीख) से पहले
क तारीख का होना चािहए। धान परी ा के िलए ऑनलाइन मोड ारा आवेदन जुलाई/अग त, 2020 म कसी समय आमंि त कए जाएंगे।
ट पणी-II : इसके अित र त जो उ मीदवार िनयमावली 7 म िन द ट अहता के समतु य अहता रखते ह उ ह धान परी ा के िलए अपने
आवेदन प के साथ भारत म के ीय अिधिन यम अथवा संसद के कसी कानून ारा सं थािपत िव विव ालय अथवा संसद के कसी कानून ारा
थािपत शैि क सं थान अथवा िव विव ालय अनुदान आयोग अिधिनियम, 1956 क धारा 3 के तहत मानद िव विव ालय के प म
घोिषत शैि क सं थान से ा त इस आशय का माण-प तुत करना चािहए क मौजूदा िड ी, िनयमावली 7 म िविन द ट नातक क
िड ी के समतु य है, ऐसा नह करने पर ऐसे उ मीदवार को धान परी ा म सि मिलत होने क अनुमित नह दी जाएगी।
ट पणी-III : िवशेष प रि थितय म संघ लोक सेवा आयोग ऐसे कसी भी उ मीदवार को परी ा म वेश पाने का पा नह मान सकता है िजसके
पास उपयु त अहता म से कोई अहता न हो, बशत क उ मीदवार ने कसी सं था ारा ली गई कोई ऐसी परी ा पास कर ली हो िजसका तर
आयोग के मतानुसार ऐसा हो क उसके आधार पर उ मीदवार को उ त परी ा म बैठने दया जा सकता है।
(iv) अवसर क सं या :
इस परी ा म बैठने वाले येक उ मीदवार को जो अ यथा पा ह छह बार बैठने क अनुमित दी जाएगी।
पर तु अवसर क सं या से संब यह ितबंध अनुसूिचत जाित/अनुसूिचत जनजाित के अ यथा पा उ मीदवार पर लागू नह होगा।
बशत क अ य िपछड़े वग के ऐसे उ मीदवार के िलए, जो अ यथा प से पा ह, अनुमत अवसर क सं या नौ होगी।
बशत यह भी क बचमाक िवकलांगता वाले उ मीदवार को उतने ही अवसर अनुमत ह गे िजतने क उसके समुदाय के अ य उन
उ मीदवार को जो बचमाक िवकलांगता वाले नह ह। यह इस शत के अ यधीन ह क सामा य वग से संबंिधत बचमाक िवकलांगता वाले
उ मीदवार नौ अवसर के पा ह गे। भारतीय वन सेवा के संदभ म संबंिधत िनयम /िविनयम म सम प प रवतन हेतु आव यक कारवाई अलग से

4
क जा रही है। यह छूट बचमाक िवकलांगता वाले उन उ मीदवार को उपल ध होगी जो क ऐसे उ मीदवार पर लागू होने वाले आर ण को
ा त करने के पा ह गे।
ट पणी :
(i) ारंिभक परी ा म बैठने को परी ा म बैठने का एक अवसर माना जाएगा।
(ii) य द कोई उ मीदवार भारतीय वन सेवा ( धान) परी ा के उ मीदवार के प म व तुत: ारंिभक परी ा के कसी भी एक
न प म परी ा देता है तो उसका परी ा के िलए एक यास समझा जाएगा।
(iii) अयो यता/उ मीदवारी के र होने के बावजूद उ मीदवार क परी ा म उपि थित का त य एक यास िगना जाएगा ।
(iv) शारी रक मानक :
उ मीदवार को भारतीय वन सेवा परी ा, 2020 के िलए भारत के राजप दनांक 12 फरवरी, 2020 म यथा कािशत भातीय वन सेवा
परी ा, 2020 क िनयमावली के प रिश ट–III म दए गए शारी रक मानक के अनु प शारी रक प से व थ होना चािहए।
4. शु क :
िसिवल सेवा ( ारंिभक) परी ा के िलए आवेदन करने वाले उ मीदवार को 100/- . (केवल एक सौ पए) फ स के प म (सभी
मिहला, अ.जा./अ.ज.जा./बचमाक द ांग उ मीदवार को छोड़कर िज ह कोई शु क नह देना होगा) या तो टेट बक ऑफ इंिडया क कसी भी
शाखा म नकद जमा करके या टेट बक ऑफ इंिडया क नेट ब कग सेवा का उपयोग करके या वीजा/ मा टर/ पे ेिडट/डेिबट काड का उपयोग करके
भुगतान करना होगा।
ट पणी-1 : जो उ मीदवार भुगतान के िलए नकद भुगतान णाली का चयन करते ह वे िस टम ारा सृिजत (जनरेट) पे-इन-ि लप को मु त कर
और अगले काय दवस को ही भारतीय टेट बक (एसबीआई) क शाखा के काउंटर पर शु क जमा करवाएं। “नकद भुगतान णाली” का िवक प
अंितम ितिथ से एक दन पहले, अथात् दनांक 02.03.2020 को राि 23.59 बजे िनि य हो जाएगा। तथािप, जो उ मीदवार अपने पे-इन
ि लप का सृजन (जनरेशन) इसके िनि य होने से पहले कर लेते ह, वे अंितम ितिथ को ब क के काय समय के दौरान एसबीआई क शाखा म
काउंटर पर नकद भुगतान कर सकते ह। वे उ मीदवार जो वैध पे-इन ि लप होने के बावजूद कसी भी कारणवश अंितम ितिथ को बक के काय समय
के दौरान एसबीआई क शाखा म नकद भुगतान करने म असमथ रहते ह तो उनके पास कोई अ य ऑफलाइन िवक प उपल ध नह होगा ले कन
वे अंितम ितिथ अथात् 03.03.2020 को 18.00 बजे तक ऑनलाइन डेिबट/ ेिडट काड अथवा इंटरनेट ब कग भुगतान के िवक प का चयन कर
सकते ह।
िजन आवेदक के मामले म बक से भुगतान संबंधी िववरण ा त नह ए ह उ ह फज भुगतान मामला समझा जाएगा और ऐसे सभी आवेदक क
सूची ऑनलाइन आवेदन प भेजने के अंितम दन के बाद दो स ाह के भीतर आयोग क वेबसाइट पर उपल ध करा दी जाएगी। इन आवेदक को
ई-मेल के ज रए यह भी सूिचत कया जाएगा क वे आयोग को कए गए अपने भुगतान के माण क ित तुत कर। आवेदक को इसका माण
10 दन के भीतर द ती अथवा पीड पो ट के ज रए आयोग को भेजना होगा। य द आवेदक क ओर से कोई यु र ा त नह होता है तब
उनका आवेदन प त काल अ वीकार कर दया जाएगा और इस संबंध म आगे कोई प ाचार नह कया जाएगा।
सभी मिहला उ मीदवार और अनुसूिचत जाितय /अनुसूिचत जनजाितय /बचमाक िवकलांगता वाले उ मीदवार को शु क नह देना होगा।तथािप,
अ य िपछड़ी ेिणय /आ थक प से कमजोर वग के उ मीदवार को शु क म कोई छूट नह है तथा उ ह िनधा रत शु क को पूरा भुगतान करना
होगा। जो उ मीदवार िसिवल सेवा ( ारंिभक) परी ा के ज रए भारतीय वन सेवा ( धान) परी ा के िलए अहक ह गे उ ह इस परी ा हेतु पृथक
प से शु क का भुगतान करना अपेि त होगा िजसके िलए दूसरे चरण हेतु ऑनलाइन आवेदन प भरते समय उपयु त नो टस जारी कया
जाएगा।
बचमाक द ांगता वाले ि य को शु क के भुगतान से छूट है बशत क वे इन सेवा /पद के िलए िच क सा आरो यता (बचमाक द ांगता
वाले ि य को दी गई कसी अ य िवशेष छूट सिहत) के मानक के अनुसार इस परी ा के प रणाम के आधार पर भरी जाने वाली सेवा /पद
पर िनयुि हेतु अ यथा प से पा ह । आयु सीमा म छूट/शु क म छूट का दावा करने वाले बचमाक द ांगता वाले ि को अपने िव तृत
आवेदन प -I के साथ अपने बचमाक द ांगता वाले होने के दावे के समथन म, सरकारी अ पताल/िच क सा बोड से ा त माण-प क
मािणत ित तुत करनी होगी।
ट पणी : शु क म छूट/शु क म छूट के उपयु त ावधान के बावजूद बचमाक द ांगता वाले उ मीदवार को िनयुि हेतु तभी पा माना जाएगा
जब वह (सरकार या िनयुि ािधकारी, जैसा भी मामला हो, ारा िनधा रत ऐसी कसी शारी रक जांच के बाद) सरकार ारा बचमाक
द ांगता वाले उ मीदवार को आबं टत क जाने वाली संबंिधत सेवा /पद के िलए शारी रक और िच क सा मानक क अपे ा को पूरा करता
हो।
ट पणी-I : िबना शु क के आवेदन प को (शु क माफ के दावे को छोड़कर), एकदम अ वीकृत कर दया जाएगा।
ट पणी-II : कसी भी ि थित म आयोग को भुगतान कए गए शु क क वापसी के कसी भी दावे पर न तो िवचार कया जाएगा और न ही शु क
को कसी अ य परी ा या चयन के िलए आरि त रखा जा सकेगा।
ट पणी-III : य द कोई उ मीदवार 2018 म ली गई भारतीय वन सेवा परी ा म बैठा हो और अब इस परी ा म वेश पाने के िलए आवेदन करना
चाहता हो, तो उसे परी ाफल या िनयुि ताव क ती ा कए िबना ही अपना आवेदन प भर देना चािहए।
5. आवेदन कैसे कर :
(क) उ मीदवार िसिवल सेवा ( ारंिभक) परी ा के लक (https://www.upsconline.nic.in) का इ तेमाल करते ए आवेदन कर जो भारतीय
वन सेवा ( धान) परी ा के िलए उ मीदवार के चयन हेतु संवी ा यव था के प म काय करेगा। िसिवल सेवा परी ा के िलए आवेदन के
इ छुक उ मीदवार (उनके ारा) पा ता संबंधी िनधा रत शत को पूरा करने के अ यधीन) को ऑनलाइन आवेदन प म इसका प ट प से
उ लेख करना होगा क वे भारतीय वन सेवा और िसिवल सेवा परी ा दोन म सि मिलत होना चाहते ह। जो उ मीदवार भारतीय वन सेवा
( धान) परी ा के िलए आवेदक ह गे उ ह आयोग ारा वेबसाइट (www.upsconline.nic.in) के मा यम से मुहैया कराए गए अित र त
अनुदेश के अनुसार बाद म िव तृत आवेदन प भरना होगा। ऑनलाइन आवेदन भरने के िलए िव तृत अनुदेश उपयु त वेबसाइट पर उपल ध
ह।
आवेदक को केवल एक ही आवेदन प तुत करने का परामश दया जाता है। तथािप, कसी अप रहाय प रि थितवश य द वह एक से अिधक
आवेदन प तुत करता/करती है, वह यह सुिनि त कर ल क उ आरआईडी वाला आवेदन प हर तरह अथात् आवेदक का िववरण, परी ा
के , फोटो, ह ता र, शु क आ द से पूण है। एक से अिधक आवेदन प भेजने वाले उ मीदवार यह नोट कर ल क केवल उ आरआईडी
(रिज ेशन आईडी) वाले आवेदन प ही आयोग ारा वीकार कए जाएंगे और एक आरआईडी के िलए अदा कए गए शु क का समायोजन कसी
अ य आरआईडी के िलए नह कया जाएगा।

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(ख) सभी उ मीदवार को चाहे वे पहले से सरकारी नौकरी म ह या सरकारी औ ोिगक उप म म ह या इसी कार के अ य संगठन म ह या
गैर-सरकारी सं था म िनयु त ह , अपने आवेदन प आयोग को सीधे भेजने चािहए।
जो ि पहले से सरकारी नौकरी म थायी या अ थायी हैिसयत से काम कर रह ह या कसी काम के िलए िविश ट प से िनयु त कमचारी
ह , िजसम आकि मक या दैिनक दर पर िनयु त ि शािमल नह ह, उनको अथवा जो लोक उ म के अधीन कायरत ह उनको िलिखत प से
अपने कायालय/िवभाग के अ य को सूिचत करना आव यक क उ ह ने इस परी ा के िलए आवेदन कया है।
उ मीदवार को यान रखना चािहए क य द आयोग को उनके िनयो ता से उनके उ त परी ा के िलए आवेदन करने/परी ा म बैठने से स ब
अनुमित रोकते ए कोई प िमलता है तो उनका आवेदन प अ वीकृत कया जा सकता है/उनक उ मीदवारी र कर दी जा सकती है ।
ट पणी-1: : उ मीदवार को अपने आवेदन प म परी ा के िलए के भरते समय सावधानीपूवक िनणय लेना चािहए। य द कोई उ मीदवार
आयोग ारा ेिषत वेश माण प म दशाये गये के से इतर के म बैठता है तो उस उ मीदवार के न प का मू यांकन नह कया जायेगा
तथा उसक उ मीदवारी भी र क जा सकती है।
ट पणी-2: : अ प दॄि ेणी के अंतगत बचमाक द ांगता वाले उ मीदवार को ाइब क सुिवधा मांग कये जाने पर उपल ध कराई जायगी ।
आरपीड यूडी अिधिनयम, 2016 क धारा 2 (द) के अंतगत यथाप रभािषत बचमाक द ांगता क अ य ेिणय के उ मीदवार को प रिश -IV
पर दए गए प के अनुसार कसी सरकारी वा य देखभाल सं थान के मु य िच क सा अिधकारी/िसिवल सजन/ िच क सा अधी क ारा जारी
इस आशय का माण प तुत कए जाने पर क संबंिधत उ मीदवार िलखने म शारी रक प से अ म है तथा उसक ओर से परी ा म िलखने के
िलए ाइब क सेवाएं लेना अप रहाय है, ऐसे उ मीदवार को ाइब क सुिवधा दान क जाएगी। अपना ाइब लाने या आयोग को इसके
िलए अनुरोध करने संबंधी िववेकािधकार उ मीदवार को है। ाइब का िववरण अथात अपना या आयोग का और य द उ मीदवार अपना ाइब
लाना चाहते ह, तो त संबंधी िववरण ऑनलाइन आवेदन करते समय मांगा जाएगा।
ट पणी-3: वयं के अथवा आयोग ारा उपल ध कराए गए ाइब क यो यता परी ा के िलए िनधा रत यूनतम यो यता मानदंड से अिधक नह
होगी। तथािप, ाइब क यो यता सदैव मै क अथवा इससे अिधक होनी चािहए।
ट पणी-4: अ प दॄि ेणी के अंतगत बचमाक द ांगता वाले उ मीदवार को परी ा के येक घंटे हेतु 20 िमनट ितपूरक समय दान कया
जाएगा। बचमाक द ांगता क अ य ेिणय के उ मीदवार को प रिश -IV पर दए गए प के अनुसार कसी सरकारी वा य देखभाल सं था
के मु य िच क सा अिधकारी/ िसिवल सजन/ िच क सा अधी क ारा जारी इस आशय का माण प तुत कए जाने पर क संबंिधत उ मीदवार
िलखने म शारी रक प से अ म है, यह सुिवधा दान क जाएगी।
ट पणी-5: िसिवल सेवा ( ारंिभक) परी ा, 2020 म शािमल होने वाले उ मीदवार को िन निलिखत कार क सूचना जैसे (क) िसिवल सेवा
( धान) परी ा तथा भारतीय वन सेवा परी ा के के का िववरण (ख) दोन परी ा के िलए वैकि पक िवषय का चयन (ग) िसिवल सेवा
( धान) परी ा देने का मा यम और (घ) िसिवल सेवा ( धान) परी ा के िलए अिनवाय भारतीय भाषा, य द वह िसिवल सेवा परी ा और
भारतीय वन सेवा परी ा दोन के िलए आवेदन कर रहा है या अ यथा अपेि त परी ा के संबंध म िविश ट सूचना, जैसा भी मामला हो, का
उ लेख ऑनलाइन आवेदन प भरते समय ही करना होगा।
ट पणी-6: उ मीदवार को अपने आवेदन प के साथ आयु, शैि क यो यता, अनुसूिचत जाित/अनुसूिचत जनजाित/अ य िपछड़ी ेणी/ आ थक
प से कमज़ोर वग तथा बचमाक द ांगता वाले आ द का माण प तुत नह करना होगा। इसका स यापन केवल धान परी ा के समय
कया जाएगा। परी ा म आवेदन करने वाले उ मीदवार यह सुिनि त कर ल क वे परी ा म वेश पाने के िलए पा ता क सभी शत पूरी करते
ह। परी ा के उन सभी तर , िजनके िलए आयोग ने उ ह वेश दया है अथात् ारंिभक परी ा, धान (िलिखत) परी ा तथा सा ा कार
परी ण, म उनका वेश पूणत: अनंितम होगा तथा उनके िनधा रत पा ता क शत को पूरा करने पर आधा रत होगा। य द ारंिभक परी ा,
धान (िलिखत) परी ा तथा सा ा कार परी ण के पहले या बाद म कसी भी समय स यापन करने पर यह पता चलता है क वे पा ता क
क ह शत को पूरा नह करते ह तो आयोग ारा परी ा के िलए उनक उ मीदवारी र कर दी जाएगी।
य द उनके ारा कए गए दावे सही नह पाए जाते ह तो उनके िखलाफ आयोग ारा भारतीय वन सेवा परी ा, 2020 क िनयमावली के िनयम
12 क शत जो क नीचे उ धृत ह, के अनुसार अनुशासिनक कायवाही क जा सकती है।
िजस उ मीदवार ने :
(i) िन िलिखत तरीक से अपनी उ मीदवारी के िलए समथन ा त कया है अथात् :
(क) गैर कानूनी प से प रतोषण क पेशकश करना, या
(ख) दबाव डालना, या
(ग) परी ा आयोिजत करने से संबंिधत कसी भी ि त को लैकमेल करना, अथवा उसे लैकमेल करने क धमक
देना, अथवा
(ii) नाम बदल कर परी ा दी है, अथवा
(iii) कसी अ य ि त से छ प से काय साधन कराया है, अथवा
(iv) जाली माणप या ऐसे माण तुत कए ह. िजनम त य को िबगाड़ा गया हो, अथवा
गलत(v)या झूठे व त दए ह या कसी मह वपूण त य को िछपाया है, अथवा
(vi)आवेदन फाम म वा तिवक फोटो/ह ता र के थान पर असंगत फोटो अपलोड करना।
(vii) परी ा के िलए अपनी उ मीदवारी के संबंध म िन िलिखत साधन का उपयोग कया है. अथात्:
(क) गलत तरीके से न-प क ित ा त करना,
(ख) परी ा से संबंिधत गोपनीय काय से जुडे ि त के बारे म पूरी जानकारी ा त करना
(ग) परी क को भािवत करना, या
(viii) परी ा के दौरान उ मीदवार के पास अनुिचत साधन का पाया जाना अथवा अपनाया जाना, या
(ix) उ र पुि तका पर असंगत बात िलखना या भ े रेखािच बनाना, या अथवा असंगत साम ी अथवा
(x) परी ा भवन म दु य वहार करना, िजसम उ र-पुि तका को फाड़ना, परी ा देने वाल को परी ा का बिह कार करने
के िलए उकसाना अथवा अ व था तथा ऐसी ही अ य ि थित पैदा करना शािमल है, अथवा
(xi) परी ा संचािलत करने के िलए आयोग ारा िनयु त कमचा रय को परेशान कया हो या अ य कार क शारी रक ित
प ंचाई हो, या
(xii) परी ा के दौरान मोबाइल फोन (चाहे वह ि वच ऑफ ही य ना हो), पेजर या कसी अ य कार का इले ॉिनक
उपकरण या ो ाम कए जा सकने वाला िडवाइस या पेन ाइव जैसा कोई टोरेज मीिडया, माट वॉच इ या द या कैमरा

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या लूटूथ िडवाइस या कोई अ य उपकरण या संचार यं के प म योग कए जा सकने वाला कोई अ य संबंिधत
उपकरण, चाहे वह बंद हो या चालू, योग करते ए या आपके पास पाया गया हो; अथवा
(xiii) परी ा क अनुमित देते ए उ मीदवार को भेजे गये माण-प के साथ जारी अनुदेश का उ लंघन कया है, अथवा
(xiv) उपयु त खंड म उि लिखत सभी/ कसी भी काय के ारा आयोग को अव े रत करने का य न कया हो, तो उन पर
आपरािधक अिभयोग ( िमनल ॉसी यूशन) चलाया जा सकता है और उसके साथ ही उसे-
(क) इस िनयम के तहत आयोग ारा कसी उ मीदवार को उस परी ा के िलये अयो य ठहराया जाएगा है िजसम वह बैठ
रहा है, और/अथवा
(ख) उसे थाई प से अथवा एक िवशेष अविध के िलए वंिचत कर दया जाएगा
(i) आयोग ारा ली जाने वाली कसी भी परी ा अथवा चयन के िलए
(ii) के ीय सरकार ारा उसके अधीन कसी भी नौकरी से वंिचत कर दया जाएगा ।
(ग) य द वह सरकार के अधीन पहले से ही सेवा म है तो उसके िव उपयु त िनयम के अधीन अनुशासिनक कायवाही
क जा सकती है ।
कतु शत यह है क इस िनयम के अधीन कोई शाि त तब तक नह दी जाएगी जब तक :
(i) उ मीदवार को इस स ब ध म िलिखत अ यावेदन, जो वह देना चाहे, तुत करने का अवसर न दया गया हो और
(ii) उ मीदवार ारा अनुमत समय म तुत अ यावेदन पर, य द कोई हो, िवचार न कर िलया गया हो ।
कोई भी ि , जो आयोग ारा उप िनयम/खंड (i) से (xii) म उि लिखत कुकृ य म से कसी कुकृ य को करने म कसी अ य
उ मीदवार के साथ िमलीभगत या सहयोग का दोषी पाया जाता है, उसके िव उप िनयम/खंड (xiv) के ावधान के अनुसार कारवाई क जा
सकती है।
6. आवेदन प भरने क अंितम तारीख :
ऑनलाइन आवेदन प 03 माच, 2020 18.00 बजे तक भरे जा सकते ह, िजसके बाद लक अ म हो जाएगा। ऑनलाइन आवेदन
भरने से संबंिधत िव तृत िनदश प रिश - II (क) पर उपल ध है।
(ii) ऑनलाइन आवेदन 12.03.2020 से 18.03.2020 तक शाम 6 बजे तक िनकाले जा सकते ह िजसके बाद लक अ म हो जाएगा। आवेदन
वापस लेने से संबंिधत िव तृत िनदश प रिश - II(ख) पर उपल ध है। ।
7. आयोग के साथ प - वहार :
िन िलिखत मामल को छोड़कर आयोग अ य कसी भी मामले म उ मीदवार के साथ प - वहार नह करेगा ।
(i) पा उ मीदवार को परी ा ांरभ होने के तीन स ाह पूव ई- वेश माण प जारी कया जाएगा. ई- वेश माण प आयोग क वेबसाइट
www.upsc.gov.in पर उपल ध होगा िजसे उ मीदवार डाउनलोड कर सकते ह। डाक ारा कोई ई- वेश प नह भेजा जाएगा । य द कसी
उ मीदवार को परी ा ारंभ होने से तीन स ताह पूव ई- वेश प अथवा उसक उ मीदवारी से संब कोई अ य सूचना न िमले तो उसे आयोग से
त काल संपक करना चािहए। इस संबंध म जानकारी आयोग प रसर म ि थत सुिवधा काउ टर पर ि गत प से अथवा दूरभाष सं या 011-
23385271/011-23381125/011-23098543 से भी ा त क जा सकती है । य द कसी उ मीदवार से वेश माण प ा त न होने के
संबंध म कोई सूचना आयोग कायालय म परी ा ारंभ होने से कम से कम तीन स ताह पूव तक ा त नह होती है तो वेश ई- वेश प ा त न
होने के िलये वह वयं ही िज मेदार होगा।
सामा यत: कसी भी उ मीदवार को परी ा म ई- वेश प के िबना बैठने क अनुमित नह दी जाएगी । ई- वेश प डाउनलोड करने पर इसक
सावधानीपूवक जांच कर ल तथा कसी कार क िवसंगित/ ु ट होने पर आयोग को तुरंत इसक जानकारी द ।
उ मीदवार को यान रखना चािहए क परी ा म उनका वेश उनके ारा आवेदन प म दी गई जानकारी के आधार पर अनंितम रहेगा । यह
आयोग ारा पा ता क शत के स यापन के अ यधीन होगा ।
केवल इस त य का, क कसी उ मीदवार को उ त परी ा के िलए ई- वेश प जारी कर दया गया है यह अथ नह होगा क आयोग ारा उसक
उ मीदवारी अंितम प से ठीक मान ली गई है या कसी उ मीदवार ारा अपने ारंिभक परी ा के आवेदन प म क गई िवि यां आयोग ारा
सही और ठीक मान ली गई ह । उ मीदवार यान रख क आयोग उ मीदवार के भारतीय वन सेवा ( धान) परी ा म अहता ा त कर लेने के बाद
ही उसक पा ता क शत का मूल लेख से स यापन का मामला उठाता है, आयोग ारा औपचा रक प से उ मीदवारी क पुि कर दये जाने
तक उ मीदवारी अनंितम रहेगी ।
उ मीदवार उ त परी ा म वेश का पा है या नह है इस बारे म आयोग का िनणय अंितम होगा ।
उ मीदवार यान रख क वेश माण प म कह -कह नाम तकनीक कारण से संि त प से िलखे जा सकते ह ।
(ii) उ मीदवार को आयोग क वेबसाइट से एक से अिधक ई- वेश माण-प डाउनलोड करने क ि थित म, परी ा देने के िलए, उनम से केवल
एक ही वेश माण प का उपयोग करना चािहए तथा अ य आयोग के कायालय को सूिचत करना चािहए ।
(iii) उ मीदवार को सूिचत कया जाता है क ारंिभक परी ा केवल संवी ा परी ण है तथा सफल या असफल उ मीदवार क उ मीदवारी क
वैधता को प ट करने के िलए कोई अंक-प क मुहैया नह कराया जाएगा और आयोग इस संबंध कसी प ाचार पर कोई िवचार नह करेगा।
(iv) उ मीदवार यह सुिनि त कर क लेना चािहए क उनके ऑनलाइन आवेदन प म दया गया ई-मेल आईडी वैध और स य है य क
आयोग परी ा या के िविभ न चरण म उनसे स पक करने के िलए संचार के इले ािनक मा यम का इ तेमाल करेगा।
मह वपूण : आयोग के साथ सभी प - वहार म नीचे िलखा यौरा अिनवाय प से होना चािहए ।
1. परी ा का नाम और वष ।
2. रिज ेशन आईडी (आर आई डी) ।
3. अनु मांक नंबर (य द ा त आ हो) ।
4. उ मीदवार का नाम (पूरा तथा प ट अ र म) ।
5. आवेदन प म दया डाक का पूरा पता ।
6. वैध एवं स य ई-मेल आई डी ।
िवशेष यान द-I : िजन प म यह यौरा नह होगा, संभव है क उन पर यान न दया जाए ।
िवशेष यान द-II : य द कसी उ मीदवार से कोई प /सं ेषण, परी ा हो चुकने के बाद, ा त होता है तथा उसम उसका पूरा नाम, अनु मांक
नह है तो इस पर यान न देते ए कोई कारवाई नह क जाएगी।

7
िवशेष यान द-III : उ मीदवार को सलाह दी जाती है क वे भावी संदभ के िलए अपने ऑनलाइन आवेदन प का ट आउट अथवा सॉ ट कॉपी
रख ल।
8. बचमाक द ांगजन को उनके िलए आरि त रि य के िलए आर ण का लाभ लेने के िलए पा ता वही होगी जो '' द ांगजन
अिधिनयम, 2016'' म है । भारतीय वन सेवा के िलए रि य म आर ण केवल (क) आंिशक दृि , (ख) आंिशक बिधरता तथा (ग) चलन स बंधी
द ांगता (ठीक कया आ कु , अ ल हमले के पीिड़त) को दया जाता है।
बशत क बचमाक द ांगता वाले उ मीदवार को शारी रक अपे ा /काया मक वग करण (स ता / अ मता ) के संबंध म उन
िवशेष पा ता मानद ड को पूरा करना भी अपेि त होगा जो इसके संवग िनयं ण ािधकारी ारा िनधा रत अिभ ात सेवा/पद के अपे ा के
संगत हो ।
उदाहरणाथ, शारी रक अपे ाएं और काया मक वग करण िन म से एक या अिधक हो सकते ह :-
कोड शारी रक अपे ाएं
एमएफ (MF) 1. हाथ (अंगुिलय से) ारा िन पा दत कए जाने वाले काय ।
पीपी (PP) 2. ख च कर तथा ध े ारा कए जाने वाले काय.
एल (L) 3. उठाकर कए जाने वाले काय.
केसी (KC) 4. घुटने के बल बैठकर तथा ाउं चग ारा कए जाने वाले काय.
बीएन (BN) 5. झुककर कए जाने वाले काय.
एस (S) 6. बैठकर (बच या कुस पर) कए जाने वाले काय.

एसटी (ST) 7. खड़े होकर कए जाने वाले काय.


ड यू (W) 8. चलते ए कए जाने वाले काय.
एसई (SE) 9. देखकर कए जाने वाले काय.
एच (H) 10. सुनकर या बोलकर कए जाने वाले काय.
आरड यू (RW) 11. पढ़कर तथा िलखकर कए जाने वाले काय.
सी (C) 12. वातालाप
कोड काया मक वग करण
बीएल (BL) 1. दोन पैर खराब ले कन भुजाएं नह .
बीए (BA) 2. दोन भुजाएं खराब
1. दुबल प ंच
2. पकड़ क दुबलता
3. एटेि सक (गित िव म)

बीएलए (BLA) 3. दोन पैर तथा दोन भुजाएं खराब.


ओएल (OL) 4. एक पैर खराब (दायां या बायां)
1. दुबल प ंच
2. पकड़ क दुबलता
3. एटेि सक (गित िव म)
ओए (OA) 5. एक भुजा खराब (दा या बा )
1. दुबल प ंच
2. पकड़ क दुबलता
3. एटेि सक (गित िव मी)
ओएएल (OAL) 6. एक भुजा और एक पैर भािवत
एमड लयू (MW) 7. मांसपेशीय दुबलता तथा सीिमत शारी रक शि
बी (B) 8. दृि टहीन
एलवी (LV) 9. अ प दृि
एच (H) 10. वण बािधत
एलसी(LC) 11. ठीक कया आ कु
एएवी(AAV) 12. अ ल हमले के पीिड़त
ट पणी : उपयु त सूची समय-समय पर संशोधन के अ यधीन है ।
9. आवेदन क वापसी : आयोग आवेदन क अंितम ितिथ के बाद िसिवल सेवा ( ारंिभक) परी ा के मा यम से भारतीय वन सेवा
( ारंिभक) परी ा के िलए आवेदन वापस लेने के िलए एक िन द अविध क एक िखड़क दान करेगा। हालां क, कसी भी
प रि थित म आयोग ारा िन द अविध क समाि के बाद उ मीदवारी वापस लेने का कोई अनुरोध नह कया जाएगा ।
10. परी ा क योजना, िवषय का तर तथा पा म आ द का िववरण इस नो टस के प रिश ट-। म देखा जा सकता है।
(राज कुमार)
संयु त सिचव
संघ लोक सेवा आयोग
प रिश ट-1
खंड- I
परी ा क योजना
ितयोगी परी ा लगातार दो चरण म आयोिजत क जाएगी:-
(i) भारतीय वन सेवा ( धान) परी ा के िलए उ मीदवार क संवी ा और चयन के िलए िसिवल सेवा ( ांरिभक) परी ा

8
(व तुिन ठ कार) : तथा
(ii) भारतीय वन सेवा परी ा के िलए िचि नत और रपोट क गई रि तय के िलए उ मीदवार के चयन हेतु भारतीय वन सेवा
( धान) परी ा (िलिखत तथा सा ा कार) ।
2. ारंिभक परी ा म व तुिन ठ (ब िवक पीय न) कार के दो न प ह गे तथा खंड-II के उप खंड (क) म दए गए िवषय म
अिधकतम 400 अंक ह गे । यह परी ा केवल ा चयन परी ण के प म होगी । धान परी ा म वेश हेतु अहता ा त करने वाले उ मीदवार
ारा ारंिभक परी ा म ा त कए गए अंक को उनके अंितम यो यता म को िनधा रत करने के िलए नह िगना जाएगा । धान परी ा म
वेश दये जाने वाले उ मीदवार क सं या उ त वष म िविभ सेवा तथा पद म भरी जाने वाली रि य क कुल सं या का लगभग बारह से
तेरह गुना होगी । केवल वे ही उ मीदवार जो आयोग ारा कसी वष क ारंिभक परी ा म अहता ा त कर लेते ह, उ त वष क धान परी ा
म वेश के पा ह गे बशत क वे अ यथा धान परी ा म वेश हेतु पा ह ।
ट पणी 1: चूं क िसिवल सेवा परी ा और भारतीय वन सेवा परी ा के िलए समान उ मीदवार हो सकते ह। इसिलए िसिवल सेवा ( ारि भक)
परी ा के मा यम से समान नग परी ण के बाद िसिवल सेवा ( धान) परी ा और भारतीय वन सेवा ( धान) परी ा देने के िलए पा
उ मीदवार क अलग-अलग सूिचयां तैयार क जाएंग । ये सूिचयां िसिवल सेवा परी ा और भारतीय वन सेवा परी ा के मा यम से भरी जाने
वाली रि तय क सं या के अनुसार आयोग ारा िसिवल सेवा ( ारि भक) परी ा के सामा य अ ययन पेपर-।। म यथािनधा रत यूनतम 33
ितशत अहक अंक एवं िसिवल सेवा ( ारि भक) परी ा के सामा य अ ययन पेपर-। म कुल अहक अंक ा त करने के मानदंड के आधार पर तैयार
क जाएंग ।
ट पणी ।।: सभी न के िलए गलत उ तर दए जाने पर ऋणा मक अंकन होगा जैसा क नीचे िववरण दया गया है :-
(i) येक न के उ तर के िलए चार िवक प ह। येक ऐसे न के िलए िजनम उ मीदवार ारा गलत उ तर दया गया है, उस न के
िलए िनधा रत अंक म से एक-ितहाई अंक दंड व प काट िलए जाएंगे।
(ii) य द कोई उ मीदवार एक से अिधक उ तर देता है और उनम से एक उ तर सही है, तब भी उसे गलत उ तर ही माना जाएगा और उस न
के िलए उपयु त दंड होगा।
(iii) य द कोई न खाली छोड़ा जाता है, अथात उ मीदवार ारा कोई उ तर नह दया गया है, तो उस न के िलए कोई दंड नह होगा।
3. धान परी ा म िलिखत परी ा और सा ा कार परी ण सि मिलत ह गे। ख ड-।। के उपख ड (ख) म िनधा रत िवषय पर परंपरागत
वणना मक क म के 6 न प ह गे। ख ड -।।(ख) के पैरा 1 के तहत ट पणी (ii) भी देख।
4. जो उ मीदवार धान परी ा के िलिखत भाग म आयोग ारा अपने िववेकानुसार यथािनधा रत ऐसे यूनतम अहक अंक ा त करते ह उ ह
खंड-II के उपखंड 'ग' के अंतगत ि व परी ण के िलए आयोग ारा सा ा कार हेतु बुलाया जाएगा. सा ा कार के िलए बुलाए जाने वाले
उ मीदवार क सं या भरी जाने वाली रि य क सं या के लगभग दुगनी होगी। सा ा कार के िलए 200 अंक ह गे ( यूनतम अहक अंक कुछ
नह )
धान परी ा म उ मीदवार ारा इस कार ा त अंक (िलिखत भाग तथा सा ा कार) के आधार पर अंितम तौर पर उनके रक का
िनधारण कया जाएगा।
खंड-II
1. ारंिभक तथा धान परी ा क परेखा तथा िवषय :
क. ारंिभक परी ा :
परी ा म दो अिनवाय न प ह गे िजसम येक न प 200 अंक का होगा।
नोट :
(i) दोन ही न-प व तुिन (ब िवक पीय)) कार के ह गे ।
(ii) िसिवल सेवा ( ांरिभक) परी ा का सामा य अ ययन पेपर-।। अहक पेपर होगा, िजसके िलए अहक अंक यूनतम 33
ितशत िनधा रत कए गए ह।
(iii) न-प िह दी और अं ेजी दोन ही भाषा म तैयार कए जाएंगे ।
(iv) पा म संबंधी िववरण खंड-III के भाग-क म दया गया है ।
(v) उ मीदवार को न प के उ तर वयं िलखने चािहएं। कसी भी प रि थित म उ ह उ तर िलखने के िलए कसी
अ य यि त क सहायता लेने क अनुमित नह दी जाएगी। तथािप, आंिशक दृि ट उ मीदवार को लेखन सहायक
( ाइब) क सहायता से परी ा म उ तर िलखने क अनुमित होगी। आंिशक दृि ट वाले उ मीदवार को ित घंटे बीस
िमनट क दर से ित पेपर चालीस िमनट का अित र त समय भी दान कर कया जाएगा । येक न प दो घंटे क
अविध का होगा।
ख. धान परी ा :
िलिखत परी ा म िन िलिखत न प ह गे :
नप । सामा य अं ेजी 300 अंक
न प ।। सामा य ान 300 अंक
न प ।।। वैकि पक िवषय क सूची म से चुने जाने वाले येक न प के िलए 200 अंक
न प IV कोई दो िवषय
नप V येक िवषय के दो न प ह गे
न प VI
(ख) ऐसे उ मीदवार का, जो आयोग ारा सा ा कार के िलए बुलाए जाएंगे, यि त व परी ण हेतु सा ा कार (इस प रिश ट का ख ड ।।
भाग (ग) देख) अिधकतम 300 अंक ।
2. वैकि पक िवषय क सूची
िवषय
(i) कृिष िव ान
(ii) कृिष इंजीिनयरी
(iii) पशुपालन एवं पशु िच क सा िव ान
(iv) वन पित िव ान

9
(v) रसायन िव ान
(vi) रसायन इंजीिनयरी
(vii) िसिवल
(viii) वािनक
(ix) भू-िव ान
(x) गिणत
(xi) यांि क इंजीिनयरी
(xii) भौितक
(xiii) सांि यक
(xiv) ािण िव ान
कतु शत यह है क उ मीदवार को िन निलिखत िवषय को एक साथ लेने क अनुमित नह दी जाएगी:
(क) कृिष िव ान और कृिष इंजीिनयरी
(ख) कृिष िव ान और पशुपालन एवं पशु िच क सा िव ान
(ग) कृिष िव ान और वािनक
(घ) रसायन िव ान और रसायन इंजीिनयरी
(ड.) गिणत और सांि यक
(च) इंजीिनयरी िवषय जैसे कृिष इंजीिनयरी, रसायन इंजीिनयरी, िसिवल इंजीिनयरी तथा यांि क इंजीिनयरी म एक से अिधक िवषय नह ।
नोट: ऊपर िलखे िवषय का तर और पा िववरण इस प रिश ट के ख ड ।।। म दया गया है।
सामा य अनुदेश ( धान परी ा):
1. परी ा के सभी िवषय के न-प पारंप रक (िनबंध शैली) के ह गे।
2. सभी न-प के उ र अं ेजी म ही िलखने ह गे।
3. ऊपर उि लिखत सभी न-प के िलए तीन घंटे का समय दया जाएगा।
4. आयोग अपने िनणय से परी ा के कसी भी एक या सभी िवषय म अहक अंक ( वालीफाइंग मा स) िनधा रत कर सकता है ।
5. य द कसी उ मीदवार क िलखावट आसानी से पढ़ने लायक नह होती तो उसको िमलने वाले अंक म से कुछ अंक काट िलए जायगे ।
6. मा सतही ान के िलए अंक नह दए जाएंगे ।
7. परी ा के सभी िवषय म इस बात को ेय दया जाएगा क अिभ ि कम से कम श द म, मब , भावपूण ढंग क और सही हो ।
8. न प म यथा आव यक एस.आई. (S.I.) इकाईय का योग कया जाएगा ।
9. उ मीदवार को न प के उ र देते समय केवल भारतीय अंक के अ तरा ीय प (जैसे 1, 2, 3, 4, 5, 6 आ द) का ही योग करना
चािहए।
10. उ मीदवार को संघ लोक सेवा आयोग क परंपरागत (िनबंध) शैली के न प के िलए साइं ट फक (नान ो ामेबल) कार के कैलकुलेटर
का योग करने क अनुमित है । य िप ो ामेबल कार के कैलकुलेटर का योग उ मीदवार ारा अनुिचत साधन अपनाया जाना माना जाएगा ।
परी ा भवन म केलकुलेटर को मांगने या बदलने क अनुमित नह है ।
11. उ मीदवार को यह नोट करना चािहए क कोई अ ासंिगक साम ी/संकेत/िच न आ द जो कसी भी /उ र से संबंिधत न ह और/या
उ मीदवार क पहचान कट करने क मता रखते ह , उ र पुि तका( ) म िलखा पाए जाने पर आयोग ारा इस आधार पर उ मीदवार को
अ यथा ा होने वाले कुल अंक म से अंक क कटौती का जुमाना लगाया जाएगा या इस कारण से उ उ र पुि तका( ) का मू यांकन नह
कया जाएगा।
12.(i) उ मीदवार को न के उ र वयं िलखने ह गे। कसी भी प रि थित म उ ह उ र िलखने के िलए ाइब क सहायता लेने क अनुमित
नह दी जाएगी। अ पदृि के अंतगत बचमाक द ांग उ मीदवार को ाइब सुिवधा क मांग कए जाने पर उपल ध कराई जाएगी।
आरपीड यूडी अिधिनयम, 2016 क धारा 2(द) के अंतगत यथाप रभािषत बचमाक िवकलांगता क अ य ेिणय के उ मीदवार को प रिश -IV
पर दए गए प के अनुसार कसी सरकारी वा य देखभाल सं थान के मु य िच क सा अिधकारी/िसिवल सजन/िच क सा अधी क ारा जारी
इस आशय का माण प तुत कए जाने पर क संबंिधत उ मीदवार िलखने म शारी रक प से अ म है तथा उसक ओर से परी ा म िलखने के
िलए ाइब क सेवाएं लेना अप रहाय है, ऐसे उ मीदवार को ाइब क सुिवधा दान क जाएगी।
(ii) अपना ाइब लाने या आयोग को इसके िलए अनुरोध करने संबंधी िववेकािधकार उ मीदवार को है। ाइब का िववरण अथात अपना या
आयोग का और य द उ मीदवार अपना ाइब लाना चाहते ह, तो त संबंधी िववरण ऑनलाइन आवेदन करते समय मांगा जाएगा।
(iii) वयं के अथवा आयोग ारा उपल ध कराए गए ाइब क यो यता परी ा के िलए िनधा रत यूनतम यो यता मानदंड से अिधक नह होगी।
तथािप, ाइब क यो यता सदैव मै क अथवा इससे अिधक होनी चािहए।
(iv) अ पदृि के अंतगत बचमाक द ांग उ मीदवार को प रिश -IV पर दए गए प के अनुसार कसी सरकारी वा य देखभाल सं था के
मु य िच क सा अिधकारी/ िसिवल सजन/िच क सा अधी क ारा जारी इस आशय का माण प तुत कए जाने पर क संबंिधत उ मीदवार
िलखने म शारी रक प से अ म है, चाहे वह ाइब क सुिवधा ा कर रहा है या नह , परी ा के येक घंटे के िलए 20 िमनट ितपूरक समय
दान कया जाएगा।
नोट (1): कसी लेखन सहायक ( ाइब) क यो यता क शत परी ा हाल म उसके आचरण तथा वह भारतीय वन सेवा परी ा के उ र िलखने म
बचमाक द ांगता वाले उ मीदवार क कस कार और कस सीमा तक सहायता कर सकता/ सकती है, इन सब बात का िनयमन संघ लोक सेवा
आयोग ारा इस संबंध म जारी अनुदेश के अनुसार कया जाएगा। इन सभी या इन म से कसी एक अनुदेश का उ लंघन होने पर संघ लोक सेवा
आयोग बचमाक द ांगता वाले उ मीदवार क उ मीदवारी र करने के अित र सहायक के िव अ य कारवाई भी कर सकता है।
नोट (2): इन िनयम का पालन करने के िलए कसी उ मीदवार को तभी अ पदृि उ मीदवार माना जाएगा य द दृि दोष का ितशत 40
(चालीस ितशत) या इससे अिधक हो। दृि दोष क ितशतता िनधा रत करने के िलए िन िलिखत कसौटी को आधार माना जाएगा –
बेहतर आँख खराब आँख अपंगता ितशत िवकलांगता ेणी
और बेहतर करना उ म तरीके से ठीक करना
6/6 से 6/18 6/6 से 6/18 0% 0
6/24 से 6/60 10% 0

10
6/60 से 3/60 से कम 20% I
3/60 से कम से कोई काश अवबोधन नह 30% II (एक आँख वाला ि )
6/24 से 6/60 6/24 से 6/60 40% III क (अ प दृि )
अथवा 6/60 से 3/60 से कम 50% III ख (अ प दृि )
फ सेशन के सटर के चार ओर 20 3/60 से कम से कोई काश अवबोधन नह 60% III ग (अ प दृि )
िड ी तक दृ य े 40 से कम या
मै युला सिहत होिमनायािपआ
6/60 से 3/60 से कम 6/60 से 3/60 से कम 70% III घ (अ प दृि )
अथवा 3/60 से कम से कोई काश अवबोधन नह 80% III ड़ (अ प दृि )
फ सेशन के सटर के चार ओर दृ य
े 20 से कम 10 िड ी तक
3/60 से 1/60 तक से कम 3/60 से कम से कोई काश अवबोधन नह 90% IV क (दृि हीनता)
अथवा
फ सेशन के सटर के चार ओर दृ य
े 10 िड ी से कम
केवल एचएमसीएफ केवल एचएमसीएफ 100% IV ख (दृि हीनता)
केवल काश अवबोधन केवल काश अवबोधन
कोई काश अवबोधन नह कोई काश अवबोधन नह
नोट 3: अ पदृि उ मीदवार को वीकाय छूट ा करने के िलए संबंिधत उ मीदवार को धान परी ा के आवेदन प के साथ िनधा रत प म
क /रा य सरकार ारा ग ठत बोड से इस आशय का माण प तुत करना होगा।
नोट 4: अ पदृि उ मीदवार को दी जाने वाली छूट िनकट दृि से पीिड़त उ मीदवार को देय नह होगी।
ग. यि त व परी ण :
1. उ मीदवार का सा ा कार सुयो य और िन प िव ान के बोड ारा कया जाएगा िजनके सामने उ मीदवार का सवागीण जीवन-
वृ त होगा। सा ा कार का उ े य यह है क इस सेवा के िलए उ मीदवार बुि से उपयु त है या नह । उ मीदवार से आशा क जाएगी क वे
केवल अपने िव ा ययन के िवशेष िवषय म ही सूझ-बूझ के साथ िच न लेते ह , अिपतु उन घटना म भी िच लेते ह , जो उनके चार ओर
अपने रा य या देश के भीतर और बाहर घट रही ह तथा आधुिनक िवचारधारा और उन नई खोज म िच ल िजनके ित कसी सुिशि त
यि त म िज ासा उ प न होती है।
2. सा ा कार महज िजरह क या नह है, अिपतु वाभािवक, योजनयु त वातालाप क या है, िजसका उ े य उ मीदवार के
मानिसक गुण और सम या को समझने क शि त को अिभ य त करना है। बोड ारा उ मीदवार क मानिसक सतकता, आलोचना मक
हण शि , संतुिलत िनणय लेने क मता और मानिसक सतकता, सामािजक संगठन क यो यता, चा रि क ईमानदारी प ट, नेतृ व क पहल
और मता के मू यांकन पर िवशेष बल दया जाएगा।
खंड-III
परी ा के िलए पाठय म
नोट: उ मीदवार को परामश दया जाता है क वे इस खंड म दए गए ारंिभक तथा धान परी ा म िलए गए पा िववरण का यानपूवक
अवलोकन कर य क कई िवषय के पा म का िनयतकािलक संशोधन कया गया है ।
भाग-क
ारंिभक परी ा
नप -I (200 अंक) अविध : दो घंटे
रा ीय और अंतरा ीय मह व क सामियक घटनाएं।

भारत का इितहास और भारतीय रा ीय आ दोलन।

भारत एवं िव व भूगोल - भारत एवं िव व का ाकृितक, सामािजक, आ थक भूगोल

भारतीय रा यत और शासन - संिवधान, राजनैितक णाली, पंचायती राज, लोक नीित, अिधकार संबंधी मु े, आ द।

आ थक और सामािजक िवकास - सतत िवकास, गरीबी, समावेशन, जनसांि यक , सामािजक े म क गई पहल आ द।

पयावरणीय पा रि थितक जैव-िविवधता और मौसम प रवतन संबंधी सामा य मु े, िजनके िलए िवषयगत िवशेष ता आव यक
नह है।
सामा य िव ान

नप -II (200 अंक) अविध : दो घंटे


बोधग यता

संचार कौशल सिहत अंतर - वैयि क कौशल

ता कक कौशल एवं िव लेषणा मक मता

िनणय लेना और सम या समाधान

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सामा य मानिसक यो यता

आधारभूत सं यनन (सं याएं और उनके संबंध, िव तार म आ द) (दसव क ा का तर), आंकड़ का िनवचन (चाट, ाफ,
तािलका, आंकड़ क पया ता आ द - दसव क ा का तर)
ट पणी 1 : िसिवल सेवा ( ारंिभक) परी ा का पेपर-।।, अहक पेपर होगा, िजसके िलए यूनतम अहक अंक 33% िनधा रत कए गए ह।
ट पणी 2 : न ब िवक पीय, व तुिन कार के ह गे ।
ट पणी 3 : मू यांकन के योजन से उ मीदवार के िलए यह अिनवाय है क वह िसिवल सेवा ( ारंिभक) परी ा के दोन पेपर द । अत: य द कोई
य द कोई उ मीदवार िसिवल सेवा ( ारंिभक) परी ा के दोन पेपर म सि मिलत नह होता है तब उसे अयो य ठहराया जाएगा।
भाग- ख
धान परी ा
सामा य अं ेजी और सामा य ान के न-प का तर ऐसा होगा िजसक भारतीय िव विव ालय के िव ान या इंजीिनयरी ेजुएट से आशा
क जाती है। इस परी ा के वैकि पक िवषय के नप लगभग ऑनस िड ी तर के ह गे अथात बैचलर िड ी से कुछ अिधक और मा टर िड ी
से कुछ कम। इंजीिनयरी िवषय के मामले म यह तर बैचलर िड ी का होगा । कसी भी िवषय म ायोिगक परी ा नह ली जाएगी।
सामा य अं ेजी
उ मीदवार को एक िवषय पर अं ेजी म िनबंध िलखना होगा । अ य न इस कार से पूछे जाएंगे क िजससे उसके अं ेजी भाषा के ान तथा
श द के कायसाधक योग क जांच हो सके। सं ेपण अथवा सार-लेखन के िलए सामा यत: ग ांश दए जाएंगे।
सामा य ान
सामा य ान िजसम सामियक घटना का ान तथा दैिनक अनुभव क ऐसी बात का वै ािनक दृि ट से ान भी सि मिलत है िजसक कसी
िशि त यि त से आशा क जा सकती है िजसने कसी वै ािनक िवषय का िवशेष अ ययन न कया हो। इस न प म देश क राजनैितक
णाली सिहत भारतीय रा य- यव था और भारत का संिवधान, भारत के इितहास और भूगोल के ऐसे न भी ह गे िजसका उ तर
उ मीदवार को िवशेष अ ययन के िबना ही आना चािहए।
वैकि पक िवषय
वैकि पक िवषय के नप म न क कुल सं या आठ होगी। सभी न के अंक बराबर ह गे। येक न प के दो भाग ह गे अथात
भाग क और भाग ख । येक भाग म चार न ह गे। आठ न म से पांच न के उ तर देने ह गे। येक भाग म एक न अिनवाय होगा।
येक भाग म कम से कम एक-एक न लेते ए उ मीदवार को शेष छ: न म से तीन और न के उ तर देने ह गे। इस कार येक
भाग म से कम से कम दो न के उ तर देने ह गे अथात एक अिनवाय न तथा एक अ य न।
कृिष िव ान
न प -।
पा रि थित िव ान एवं मानव के िलए उसक ासंिगकता; ाकृितक संसाधन; उ ह कायम रखने का बंध तथा संर ण; फसल के उ पादन एवं
िवतरण के कारक के प म भौितक एवं सामािजक पयावरण; फसल क वृि म जलवायुवीय मूल त व का भाव, पयावरण के संकेतक के प
म स य म पर प रवतनशील पयावरण का भाव; फसल , ािणय व मानव के पयावरणी दूषण से स ब संकट।
देश के िविभ न कृिष जलवायु े म स य म म िव थापन पर अिधक पैदावार वाली तथा अ पाविध क म का भाव; ब स यन,
ब तरीय, अनुपद तथा अंतरास यन क संक पना तथा खा उ पादन म इनका मह व, देश के िविभ न े म खरीफ तथा रबी मौसम म
इ पा दत मु य अनाज, दलहन, ितलहन, रेशा, शकरा, वािणि यक एवं चारा फसल के उ पादन हेतु पैकेज रीितयां ।
िविवध कार के वनरोपण जैसे क वन िव तार, सामािजक वािनक ; कृिष वािनक एवं ाकृितक वन क मु य िवशेषताएं, े तथा िव तार।
खरपतवार, उनक िवशेषताएं; क णन तथा िविभ न फसल के साथ उनक संब ता; उनका गुणन; खरपतवार का कषण, जैिवक तथा
रासायिनक िनयं ण ।
मृदा-भौितक; रासायिनक तथा जैिवक गुणधम; मृदा रचना के म तथा कारक; भारतीय मृदा का आधुिनक वग करण; मृदा के खिनज तथा
काबिनक संघटक तथा मृदा उ पादकता बनाए रखने म उनक भूिमका; पौध के िलए आव यक पोषक त व तथा मृदा और पौध के अ य
लाभकारी त व; मृदा उवरता; मृदा उवरता के िस ांत तथा िववेकपूण उवरक योग और समाकिलत पोषण बंध का मू यांकन; मृदा म
नाइ ोजन क हािन; जलम न धान-मृदा म नाइ ोजन उपयोग मता; मृदा म नाइ ोजन योिगक करण; मृदा म फासफोरस एवं पोटेिशयम का
यौिगक करण तथा उनका द उपयोग; सम याजनक मृदाएं तथा उनके सुधार, के तरीके।
जल िवभाजन के आधार पर मृदा संर ण योजना, पवतीय, िग रपाद तथा घा टय म अपरदन तथा अपवाह बंधन, इनको भािवत करने वाले
म तथा कारक, बारानी कृिष और उससे संबंिधत सम याएं, वषा पोिषत कृिष े म कृिष उ पादन म ि थरता लाने क ौ ोिगक ।
स य उ पादन से संबंिधत जल उपयोग मता; सचाई काय म के मानदंड; सचाई जल क अपवाह हािन को कम करने क िविधयां तथा साधन,
ि प तथा िछड़काव ारा सचाई; जला ांत भूिम से जल का िनकास; सचाई जल क गुणव ता; मृदा तथा जल दूषण पर औ ोिगक बिह ाव
का भाव ।
फाम बंध; िवषम े ; मह व तथा िवशेषताएं; फाम आयोजना; संसाधन का इ टतम उपयोग तथा बजट बनाना; िविभ न कार क कृिष
णािलय क अथ यव था ।
कृिष िनवेश और उ पाद का िवपणन और मू य िनधारण, मू य उतार-चढ़ाव एवं उनक लागत, कृिष अथ यव था म सहकारी सं था क
भूिमका; कृिष के कार तथा णािलय और उसको भािवत करने वाले कारक ।
कृिष िव तार; इसका मह व और भूिमका; कृिष िव तार काय म के मू यांकन क िविधयां; सामािजक – आ थक सव ण तथा छोटे-बड़े और
सीमांत कृषक व भूिमहीन कृिष िमक क ि थित; िव तार कायकता के िलए िश ण काय म; योगशाला से खेत तक का काय म।
न प -2
कोिशका िस ांत, कोिशका संरचना; कोिशका अंगक तथा उनके काय, कोिशका िवभाजन, यू लीक अ ल सरचना तथा काय; जीन संरचना तथा
उनका काय, आनुवंिशकता के िनयम तथा पादप जनन म उनक साथकता, गुणसू ( ोमोसोम) संरचना; गुणसू िवपथन; सहल नता एवं जीन
िविनमय एवं पुनयोजन जनन म उनक साथकता; ब गुिणता; सुगुिणत तथा असुगुिणत; सू म एवं गु उ प रवतन एवं फसल सुधार म उनक
भूिमका; िविवधता; िविवधता के घटक, वंशागित व, बं यता तथा असंयो यता; वग करण तथा फसल सुधार म उनका अनु योग; कोिशका यी
वंशागित; लग सहल न; लग भािवत तथा लग सीिमत ल ण ।

12
पादप जनन का इितहास; जनन क िविधयां; विनषेचन तथा संकरण तकनीक; फसली पौध का उदभव एवं िवकास; उदभव का के ; समजात
ेणी का िनयम; स य आनुवंिशक संसाधन-संर ण तथा उपयोग; मुख फसल के सुधार म पादप जनन के िस ांत का अनु योग; शु वंश म
वरण; वंशावली; समूह तथा पुनरावत वरण; संयोजी मता, पादप जनन म इसका मह व, संकर ओज एवं उसका उपयोग; जनन क
तीपसंकरण िविध, रोग एवं पीड़क ितरोध के िलए जनन; अंतराजातीय तथा अंतरावंशीय संकरण क भूिमका, पादप जनन म जैव
ौ ोिगक क भूिमका; िविभ न फसली पौध क उ नत क म, संकर, िम ।
बीज ौ ोिगक एचं उसका मह व, िविभ न कार के बीज तथा उ पादन एवं संसाधन क तकनीक। भारत म बीज उ पादन, संसाधन तथा
िवपणन म सरकारी एवं िनजी े क भूिमका।
शरीर या िव ान और कृिष िव ान म इसका मह व, अंत:शोषण, पृ ठ तनाव, िवसरण और परासरण, जल का अवशोषण और थानांतरण,
वा पो सजन और जल क िमति ययता। एवं उपापचय के संदभ म पादप का यक के िस ांत; मृदा – जल पादप संबंध ।
क व एवं पादप-वणक; काश सं लेषण-आधुिनक संक पनाएं और इसके म को भािवत करने वाले कारक, आ सी व अना सी वशन;
C3; C4 एवं CAM यािविधयां; काब हाइ ेट; ोटीन एवं वसा उपापचय; वृि एवं प रवधन; दीि त कािलता एवं वसंतीकरण; आि सन,
हाम न और अ य पादप िनयामक, इनक या क यािविध तथा कृिष म मह व, बीज प रवधन एवं अंकुरण क का यक ; सूि त जलवायुवीय
आव यकताएं तथा मुख फल , सि जय एवं पु पी पौध का कषण, पैकेज क रीितयां और उनका वै ािनक आधार; फल व सि जय के संभलाव
तथा िवपणन क सम याएं, मह वपूण फल तथा सि जय के उ पाद के प रर ण क मु य िवशेषताएं, संसाधन तकनीक तथा उप कर; मानव
पोषण म फल व सि जय क भूिमका, शोभाकारी पौध को उगाना, लॉन और बाग-बगीच का अिभक पन तथा अिभिव यास ।
भारत म सि जय , फलो ान और रोपण फसल क बीमा रयां और पीड़क (नाशक जीन), पादक पीड़क तथा बीमा रय के कारण तथा
वग करण, पादप पीडक एवं बीमा रय के िनयं ण के िस ांत, पीड़क और रोग का जैिवक िनयं ण, पीड़क व रोग का समाकिलत बंधन,
जानप दक रोग िनदान एवं पूवानुमान, पीड़क व रोग का समाकिलत बंधन, जानप दक रोग िनदान एवं पूवानुमान, पीड़कनािशय , सं पण एवं
यािविध, राइजोिवयमी िनवेश दृ य के साथ उनक संगतता। सू मजीवी अिवष।
अनाज व दाल के भंडार पीड़क तथा रोग और उनका िनयं ण।
भारत म खा उ पादन तथा उपयोग क वृि तयां, रा ीय तथा अंतरा ीय खा नीितयां, उ पादन ापण, िवतरण तथा संसाधन के अवरोध
रा ीय आहार ितमान से खा उ पादन का संबंध, कैलो रय और ोटीन क िवशेष किमयां।
कृिष इंजीिनयरी
प -1
खंड-क
1. मृदा तथा जल संर ण : मृदा तथा जल संर ण का े , भूिम कटाव क या तथा कार और उनके कारण, वषा, अपवाह तथा अवसादन
सापे ता और उनका मापन, भूिम कटाव के जैिवक तथा अिभयांि क िनयं क उपाय िजनम धारा- कनारा संर ण,वन पितक (वेजीटे टव)
अवरोधक, समो य बांध, समो य खाइयां, समो य पथरीली दीवार, वे दकाएं (टैरेस), िनकारी तथा घासा छा दत जलमाग शािमल ह,
नाली िनयं ण संरचनाएं-अ थायी तथा थायी- थायी मृदा संरचनाएं जैसे ढलव नाली (शूट), जल पात तथा वेग-िनयं क, उ धूलव माग
का अिभक प, फाम तालाब तथा अंत: ावी तालाब का अिभक प , बाढ़ िनयं ण-बाढ़ अनुशीलन के िस ांत, जल िवभाजन बंध-
अ वेषण, योजना तथा काया वयन- ाथिमकता पर े का चयन तथा जल िवभाजन काय योजना, जल हाव टग तथा आ ता
संर ण, भूिम िवकास-समतलन,खनन िम ी आयतन का आकलन और लागत िनधारण,वायु कटाव म-शे टर बै ट तथा वायु आरोध का
अिभक प तथा उनका बंध वन (संर ण) अिधिनयम।
2. वायवीय फोटो ाफ तथा सुदूर संवेदन: फोटो ा फक छिव क मूलभूत िवशेषताएं, या या शैिलयां, या या के िलए उप कर,भूिम
उपयोग, भूिव ान, मृदा तथा वािनक के िलए छिव या या सुदूर संवेदन-पर परागत तथा सुदूर संवेदी उपगमन के गुण तथा अपगुण,
उप ह छिवय के कार उप ह छिव या या के मूलिस ांत, मृदा जल तथा भूिम उपयोग के बंध के िलए दृ य तथा अंक य िनवचन क
तकनीक, वन यव था, जल ोत आ द सिहत जल िवभाजक , वन क योजना तथा िवकास म जीआईएस का उपयोग।
खंड-ख
3. सचाई तथा जलिनकास ( ेनेज) : सचाई के िलए जल के ोत, लघु सचाई प रयोजना क योजना तथा िडजाइन-मृदा आ ता मापन क
तकनीक योगशाला तथा व थान, मृदा-जल-पादप संबंध, फसल क जल अपे ाएं, भूतल तथा भूिमगत जल के कंजि टव योग क
योजना, सचाई जल का मापने के साधन मुखछेद, बंधारा तथा अवनिलका, सचाई क प ितयां-सतही, िछड़काव तथा टपकना, फ टगेशन,
सचाई कुशलताएं और उनका आकलन, नहर , खेत म जलमाग, भूिमगत पाइपलाइन, िनकास ार, दश प रवतन क तथा सड़क पार करने
क संरचना का िडजाइन तथा िनमाण।
भूजल क ाि त, कु क जल यव था, कु के कार ( ूबवैल तथा ओपेन वेल) और उनका िनमाण, कु का िवकास और परी ण,
प प के कार, चयन तथा थापना, ण तथा िवफल कु क पुन थापना, जल िनकास जल सन के कारण तथा लवण सम याएं, जल
िनकास क प ितयां- सिचत तथा अ सिचत भूिम का जल िवकास, सतह, उपसतह तथा उ वाधर जल िनकास प ितयां, िनकृ ट जल का
सुधार तथा उपयोग, सेलीन और अ काली मृदा का उ ार, सचाई तथा जल िनकास णािलय का अथशा / यथ जल का सचाई के
िलए उपयोग-दीघाविध सचाई, संगतता तथा अथ पाय के िलए यथ जल के मानक तर।
4. कृिषक संरचनाएं : फाम ित ठान, फाम हाउस, पशुगृह, डेयरी भुसौरा, मुग -गृह, शूकर गृह, मशीन तथा उप कर थल के िलए थान का
चयन,िडजाइन व िनमाण, खा ा न , भोजन तथा चारे के िलए भंडारण संरचनाएं, बाड़ा तथा कृिष सड़क के िलए िडजाइन और िनमाण,
पादप पयावरण के िलए संरचनाएं: ीन हाउस, पॉली हाउस तथा शेड हाउस, िनमाण म योग क जाने वाली सामा य भवन िनमाण
साम ी: ट बर, ट, प थर, टाइल, कं ट आ द और उनके गुणधम, जल आपू त, जलिनकास तथा व छता बंध प ितयां।
प -2
खंड–क
1. फाम पावर तथा मशीनरी : कृिष यं ीकरण और इसका े , फाम पावर के ोत सजीव तथा इले ो यांि क, तापगितक , आंत रक दहन
इंिजन क संरचना और काय णाली, आंत रक दहन इंिजन के िलद धन, वलन, नेहन, शीतलन तथा िनयं ण णाली, िविभ न कार
के ै टर तथा पावर लर पावर ांसिमशन, ाउड ाइव, पावर टेक-आफ तथा कं ोल िस टम, ाथिमक तथा ि तीयक जुताई के िलए,
फाम मशीनरी का चालन तथा रख-रखाव, कषण िस ांत, बुआई, ितरोपण तथा िनराई-गुड़ाई उपकरण तथा औजार, पादप संर ण यं
िछड़काव तथा क णन, फसल कटाई, े सग तथा क बाइन उपकरण, अथ-मू वग तथा भूिम िवकास मशीनरी-प ितयां तथा लागत

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आंकलन, अग नािम स ऑफ मैन-मशीन िस टम, बागवानी तथा कृिष वािनक के िलए उपकरण, भो य एवं चारा, कृिष तथा वन उ पाद
क ढुलाई।
2. कृिष ऊजा : कृिष संबंधी काय तथा कृिष संसाधन क ऊजा ज रत, कृिष अनु योग के िलए िबजली क मोटर का चुनाव, अिध ठापन,
सुर ा तथा रख-रखाव, सौर (थमल तथा फोटोवो टेक) पवन तथा बायोगैस ऊजा और कृिष म उनका उपयोग, आईसी इंिजन के चालन
तथा इलैि क पावर उ पादन के िलए बायोगैस का गैसीकरण, ऊजा द कु कग टोव तथा िवक पी कु कग धन, कृिष उ ोग अनु योग
के िलए िबजली का िवतरण।
खंड-ख
3. कृिष संसाधन इंजीिनयरी : फसल क उपजो तर ौ ोिगक और इसका े कृिष उ पाद और उपो पाद के इंजीिनयरी, गुणधम, यूिनट
चालन-कृिष उ पाद तथा उपो पाद क सफाई, े डग, आकार, यूनन, घनीकरण सां ण, शु कन/िनजलीकरण, वा पन, फ टरन,
शीतन तथा संवे टन-साम ी संभालने के उपकरण, बै ट तथा ूवाहक,बा टी उ थापक उनक मता तथा शि अपे ाएं ।
दु ध तथा डेयरी उ पाद का संसाधन-समांगीकरण, म पृथ करण, पा युरीकरण, िनजम करण, े तथा रोलर शु कन, म खन
बनाना, आईस म,पनीर तथा ीखंड बनाना, अवशेष तथा उपो पाद उपयोग-चावल क भूसी, चावल का चोकर, ग ने क खोई, पादप
अविश ट तथा कोयर म जा।
4. कृिष इंजीिनयरी म मापयं ण तथा कं यूटर अनु योग : इले ॉिनक साधन तथा उनके ल ण- द टकारी, बंधक, दोिल , ब कि प ,
अंक य-स कट-अनु िमक तथा संयु त णािलयां, आंकड़े ा त करने तथा कृिष इंजीिनयरी म िनयं ण म माइ ो ोसेसर का अनु योग,
तल, वाह, िवकृित, बल, बल-अघूण,शि त दबाव,िनवात तथा तापमान के िलए माप प ितयां कं यूटर-प रचय, इनपूट/ आउटपुट
िडवाइसेज, सै ल ोसेसर यूिनट, मैमोरी िडवाइसेज, ऑपरे टक िस टम, ोसेसर क -बोड तथा टस, कृिष इंजीिनयरी म कलनिविध
वाह चाट िविनदश, ो ाम पा तरण तथा सम या िव लेषण, म टीमीिडया तथा यदृ य सहायक साम ी।
पशुपालन एवं पशु िच क सा िव ान
प -1
1. पशु पोषण : ऊजा ोत,ऊजा उपापचय तथा दु ध, मांस, अ ड और ऊन के अनुर ण और उ पादन क आव यकताएं, खा का ऊजा
ोत के प म मू यांकन।
1.1 ोटीन पोषण क वृि तयां : ोटीन के ोत, उपापचय तथा सं लेषण, आव यकता के संदभ म ोटीन क मा ा तथा गुणव ता, राशन
म ऊजा ोटीन अनुपात ।
1.2 पशु आहार म खिनज : ोत, काय णाली, आव यकताएं तथा िवरल त व सिहत आधारभूत खिनज पोषक के साथ उनका संबंध।
1.3 िवटािमन, हारमोन तथा वृि ेरक पदाथ : ोत, काय णाली,आव यकताएं तथा खिनज के साथ पार प रक संबंध,
1.4 रोम थी पोषण के े म िवकास-डेरी पशु : दूध उ पादन तथा इसके संघटन के संदभ म पोषक पदाथ तथा उनके उपापचय, बछड़ ,
बि छय , िनदु ध तथा दुधा गाय तथा भस के िलए पोषक पदाथ क आव यकताएं, िविभ न आहार णािलय क सीमाएं।
1.5 गैर-रोम थी पोषण के े म िवकास : कु कुट-कु कुट मांस तथा अंड के उ पादन के संदभ म पोषक पदाथ तथा उनके उपापचय, पोषण
पदाथ क आव यकताएं तथा आहार सू ण तथा िविभ न आयुवग के चूजे।
1.6 गैर-रोम थी पोषण के े म िवकास : सूअर-मांस उ पादन म वृि तथा उसक गुणव ता के संदभ म पोषक पदाथ तथा उनका उपापचय,
िशशु सूअर तथा तैयार सूअर के िलए पोषक पदाथ क आव यकताएं और आहार सू ण।
1.7 अनु यु त पशु पोषण के िवकास : आहार योग , पा यता तथा संतुलन अ ययन क ांितक समी ा तथा मू यांकन, आहार मानक तथा
आहार ऊजा के मानद ड, वृि , अनुर ण तथा उ पादन के िलए पोषण क आव यकताएं, संतुिलत राशन ।
2. पशु शरीर- या िव ान
2.1 पशु वृि तथा उ पादन : सवपूव तथा सवो तर वृि , प रप वन, वृि -व , वृि का मापन, वृि , सं पण, शरीर संरचना और मांस
क गुणव ता को भािवत करने वाले कारक।
2.2 दु ध उ पादन तथा जनज और पाचन : त य िवकास, दु ध वण तथा दु ध िन कासन के बारे म हारमोनल िनयं ण क वतमान
ि थित, नर और मादा जनने यां, उनके घटक तथा काय, पाचन अंग तथा उनके काय,
2.3 पयावरणीय शरीर- या िव ान : या मक संबंध तथा उनका िनयमन, अनुकूलन क या-िविधयां,पशु यवहार के िलए आव यक
पयावरणीय कारक तथा िनयामक या िविधयां, जलवायवी दबाव को िनयंि त करने के तरीके ।
2.4 सीमेन गुणव ता : प रर ण तथा कृि म गभाधान-सीमेन के अवयव, शु ाणु क बनावट, खिलत सीमेन के रासायिनक तथा भौितक गुण,
िववो और िव ी म सीमेन को भािवत करने वाले कारक, सीमेन उ पादन को भािवत करने वाले कारक तथा गुणव ता, प रर ण,
तनुकारक का संघटन, शु ाणु सां ता,तनुवृत सीमेन का प रवहन, गाय , भेड़ तथा बक रय , सूअर और कु कुट के गहन िहमीकरण क
तकनीक, बेहतर गभधारण के िलए संभोग तथा वीय सेवन के समय का पता लगाना।
3. पशु उ पादन तथा बंध :
3.1 यावसाियक डेरी फा मग : भारत म डेरी फा मग, उसक िवकिसत देश के साथ तुलना, िमि त कृिष के अधीन तथा िविश ट कृिष के प
म डेरी उ ोग, कफायती डेरी फा मग, डेरी फाम का ार भीकरण,पूंजी तथा भूिम क आव यकता, डेरी फाम को संग ठत करना, व तु
क (अिध) ाि त डेरी फा मग के अवसर, डेरी पशु क मता के िनधारण कारक, पशु के समूह का अिभलेखन, बजट बनाना, दु ध
उ पादन क लागत, मू य िनधारण नीित, का मक बंध,डेरी पशु के िलए यावहा रक तथा कफायती राशन का िवकास, पूरे वष के
दौरान हरे चारे क पू त, डेरी फाम के िलए भूिम तथा चारे क आव यकता, त ण पशु, सांड, बछिड़य और जनन पशु के िलए दनभर
क आहार यव था, त ण तथा वय क पशुधन को आहार देने क नई वृि तयां, आहार रकाड।
3.2 यावसाियक मांस, अंडे और ऊन उ पादन : भेड़ , बक रय , सूअर ,खरगोश तथा कु कुट के िलए यावहा रक तथा कम लागत वाले
राशन का िवकास करना, त ण प रप व पशु के िलए हरे चारे, चारे क आपू त तथा आहार यव था, उ पादन बढ़ाने तथा बंध म
सुधार लाने क नई वृि तयां, पूंजी तथा भूिम क आव यकताएं तथा सामािजक-आ थक अवधारणा,
3.3 सूखे, बाढ़ तथा ाकृितक िवपि तय क ि थित म पशु के आहार तथा उनक देखभाल का ंबंध।
4. आनुवंिशक तथा पशु जनन : समसू ण तथा अ सू ण, मे डेलीय वंशागित, मे डेलीय आनुवंिशक का िवचलन : जीन-अिभ यि त,
सहल नता तथा जीनिवनयम, लग िनधारण, लग भािवत तथा लग सीिमत ल ण, र त समूह तथा ब पता, गुणसू िवपथन,जीन
और उसक संरचना, आनुवंिशक य पदाथ के प म डी.एन.ए., आनुवंिशक कोड और ोटीन सं लेषण, पुनसंयोजक डी.एन.ए.
तकनोलॉजी उ प रवतन, उ प रवतन के कार : उ प रवतन तथा उ प रवतन दर का पता लगाने के तरीके।

14
4.1 पशु जनन म अनु यु त पशुसं या अनुवंिशक : सं या मक बनाम गुणा मकता िवशेषताएं : हाड िवनबग िनयम:समि ट बनाम ईकाई,
जीन तथा समजीनीय आवृि त, जीन आवृि त को बदलने वाली शि तयां, पशु का यादृि छक इधर-उधर हो जाना तथा उनक सं या
कम हो जाना, पथ गुणांक का िस ांत, अंत: जनन, अंत: जनन गुणांक के अनुमान क प ित, अंत: जनन क णािलयां, पशु सं या का
भावशाली आकार, जनन का मह व, जनन के मह व का मू यांकन भािवत तथा एिप टे टक िवचलन, िवषमता िवभाजन समजीनी
ए स पयावरण सह संबंध तथा समजीनी ए स पयावरण अ यो य या,ब योजनीय माप क भूिमका, र त संबंिधय म समानताएं।
4.2 जनन णाली : वंशागित व, पुनरावृि त तथा अनुवंिशक एवं समल णीय सह संबंध, उनके ा कलन के तरीके तथा ा कलन क
प रशु ता चयन म सहायक कारक तथा उनके सापेि क गुण, यि टगत, वंशावली,प रवार तथा अंत: पा रवा रक चयन, संतित परी ण
चयन क िविधयां,चयन तािलका का िनमाण तथा उनका योग,चयन क िविभ न िविधय के मा यम से आनुवंिशक वृि का तुलना मक
मू यांकन, अ य चयन तथा सहसंबंिधत अनु या, अंत: जनन, ेणी उ नत करना, संकरण तथा जाितय का सं लेषण, यावसाियक
उ पादन के िलए अंत: जाितय का संकरण, सामा य और िविश ट गुण को संयु त करने के िलए चयन, ारंिभक गुण के िलए जनन।
प –2
1. वा य एवं व छता
1.1 ऊतक िव ान तथा ऊतक य तकनीक : अिभरंजक-जैव वै ािनक काय म यु त अिभरंजक का रासायिनक वग करण-ऊतक को
अिभरंिजत करने के िस ांत-रंग, बंधक- गामी तथा ितगामी अिभरंजक-कोिशका यी तथा संयोजी ऊतक त व क िवभेदक
अिभरंजना-ऊतक को तैयार करने तथा संसािधत करने क िविधयां-सेलोिडन अंत- थापना- जग माइ ोटोमी-सू मद शक -
ाइटफ ड माइ ो कोप तथा इले ान माइ ो कोप, कोिशका िव ान-कोिशका क संरचना, कोिशकांग तथा अंतवशन, कोिशका
िवभाजन, कोिशका के कार-ऊतक तथा उनका वग करण-पूणीय तथा प रप व ऊतक।
अवयव का तुलना मक ऊतक िव ान-संवहनी,तं ीय, पाचन, वसन, कंकाल-पेशी तथा जननमू तं -अंत: ावी ंिथयां-अ यावरण-
ान यां।
1.2 ूणिव ान : एजीज (प ी-वग) तथा घरेलू तनधा रय के िवशेष संदभ म कशे कय का ूण िव ान-यु मक जनन-िनषेचन-
क टाणु परत-गभ िझ ली तथा उपरा साय-घरेलू तनधा रय म अपरा ( लेसे टा) के कार-िव पतािव ान यमज-एवं यमजन-
अंग िवकास-क टाणुपरत के यु प न प-अंत वचीय मेसोडम , तथा बा वचा के यु प न प,
1.3 गोजातीय शरीर रचना-शरीर रचना पर े ीय भाव :
गोजातीय (ओए स) पशु क उपनासीय िशरानाल-लार ंिथय क बा रचना, अवने कोटर क े ीय संरचना, जंिमका,
िचबुक कूिपका, मानिसक तथा का नया तंि का अवरोध,पराकशे का तंि का, उपाि थक तंि का, माि यका, अंत: मिणबंिधका,
तथा बिह कोि ठक तंि का-अंतजंिघका, बिहजंिघका तथा अंगुिलतंि का-कपाल तंि का अिधदृढ़ तािनका िन चेतना म सि मि लत
संरचना-बा लसीका गाठ-व ीय, उदरीय तथा ोणीय गृिहका के अंतरांग का सतही शरीर या िव ान-गित िवषयक उप कर
क तुलना मक िवशेषताएं तथा तनधारीय शरीर क जैव यांि क म उनका अनु योग,
1.4 कु कुट क शरीर रचना : कंकालपेशीय तं - वांस लेने तथा उड़ाने, पाचन तथा अंडो पादन के संबंध म या मक शरीर रचना
िव ान,
1.5 र त का शरीर या-िव ान तथा इसका प रसंचरण, वसन, मल िवसजन, मल िवसजन, वा य और रोग म अंत: ावी
ंिथयां,
1.5.1 र त के घटक : गुणधम तथा काय- िधर कोिशका िनमाण-हीमो लोिबन सं लेषण तथा इसका रसायन- ला मा ोटीन
उ पादन, वग करण तथा गुणधम, िधर, कंदन, र त ाव संबंधी िवकास- ित कंदन, िधर समूह- िधर आयतन-
ला मावधक-र त उमयरोधी तं -रोग िनदान म जैव-रासायिनक परी ण तथा उनका मह व,
1.5.2 प रसंचरण : दय या िव ान, दय च दय विनयां, दय पंद िव ुत द लेख(इलै ोका डयो ाम), दय के काय तथा
मता दय के काय म आयन का भाव- दय पेशी का चयापचय, दय का तंि का एवं रासयिनक िनयमन, दयपर ताप एवं
ितबल भाव, र त दाब व अित र तदाब,परासरणी िनयमन, धमनीय पंद, प रसंचरण का वािहका ेरक िनयमन, घात
प र द तथा फु फुसीय प रसंचरण-र त मि त क रोथ मि त कमे तरल-पि य म प रसंचरण ।
1.5.3 वसन : वसन क यािविध, गैस का प रवहन िविनयम- वसन का तं ीय िनयं ण-रसायन ाही-अ प आवसीयता-पि य
म वसन।
1.5.4 उ सजन : वृ क क संरचना व काय-मू िनमाण-वृ क य काय के अ ययन क णािलयां-अ ल का वृ क य िनयमन- ार
संतुलन, मू के शरीर या मक अवयव-वृ कपात-िनि कत िशरा संकुलता, चूज म मू ाव- वेद ंिथय तथा उनके
काय,मू ाशय संबंधी िवकार के िलए जैव-रासायिनक परी ण।
1.5.5 अ त: ावी ंिथयां : या मक िवकार, उनके ल ण तथा िनदान,हाम न सं लेषण, ाव क या तथा िनयं ण,
हारमोन ाही-वग करण तथा काय,
1.6 भेषजगुणिव ान तथा औषिधय के िच क सा शा का सामा य ान : भेषज या िव ान तथा भेषज बलगितक का कोिशक य
तर- य पर याशील औषिधयां तथा िव ुत-अपघ संतुलन- वसंचािलत तंि का तं पर भाव डालने वाली औषिधयां-
संवेदनाहरण तथा िवयोजक, संवेदनाहारी क आधुिनक अवधारणा-उ ीपक- ितरोगाणु तथा रोगाणु, अ त: ेपण म रसायन
िच क सा के िस ांत-िच क साशा म हारमोन का उपयोग परजीवीय सं मण म रसायन िच क सा-पशु के खा ऊतक म
औषिध एवं उपयोगी त व-अबुदीय रोग क रसायन, िच क सा,
1.7 जल, वायु तथा आवास के संदभ म पशु व छता :
जल, वायु तथा मृदा दूषण का आकलन-पशु वा य म जलवायु का मह व पशु काय तथा उसके िन पादन म वातावरण का
भाव-औ ोिगक करण तथा पशु उ पादन म पर पर संबंध-पालतू जानवर के िविश ट वग जैसे गभवती गाय तथा मादा सूअर ,
दुधा गाय , त ण पि य के िलए पशु आवासीय आव यकताएं-पशु आवास के संदभ म ितबल िवकृित तथा उ पादकता,
2. पशु रोग :

15
2.1 रोग-जनन, ल ण, शव परी ा िव ित, िनदान तथा पशु , सूअर तथा कु कट , घोड़ तथा बक रय म सं ामक रोग पर
िनयं ण,
2.2 पशु ,सूअर तथा कु कुट के उ पादन संबंधी रोग -हेतु िव ान, ल ण, िनदान तथा उपचार,
2.3 पालतू पशु तथा पि य म कुपोषण संबंधी रोग,
2.4 संघटन, लोट, अितसार, अपाचन, िनजलीकरण, आघात, िवषा तता जैसी सामा य अव था का िनदान तथा उपचार,
2.5 तंि क य रोग का िनदान तथा उपचार,
2.6 िविश ट रोग से बचाव हेतु पशु के ितर ीकरण के िस ांत एवं िविधयां-पशु ितर ा-रोग मु त े –रोग शू य अवधारणा-
रसायन रोगिनरोध,
2.7 संवेदनाहरण- थानीय, े ीय तथा सामा य-सं ाहरणपूव औषध योग, अि थभंग तथा िव थापन के ल ण तथा श य
यितकरण, ह नया, वासरोधन, चतुथामाशयी िव थापन सीजरी आपरेशन, मेनो ामी, ब यकरण,
2.8 रोग अ वेषण क तकनीक योगशाला जांच हेतु साम ी-पशु वा य के क थापना-रोगमु त े ,
3. सावजिनक पशु वा य
3.1 पशुज य रोग : वग करण, प रभाषा, पशुज य रोग के चार तथा सार म पशु एवं पि य क भूिमका, यावसाियक पशुज य
रोग,
3.2 जानप दक रोग िव ान : िस ांत, जानपदीय रोग िव ान संबंधी श द क प रभाषा, रोग तथा उनक रोकथाम के अ ययन म
जानपदीय रोग िव ानी उपाय का अनु योग, वायु जल तथा खा पदाथ जिनक रोग के जानप दक रोग िव ानीय ल ण।
3.3 पशुिच क सा यवहारशा : पशु क न ल सुधारने तथा पशु रोग क रोकथाम हेतु िनयम तथा िविनयम,पशु तथा पशु
उ पाद से उ प न होने वाले रोग क रोकथाम क अव था तथा िनयं ण िनयम-एस.पी.ए.-पशु संबंधी िविधक मामले- माण-
प पशु संबंधी िविधक मामल क छानबीन के नमूने एक करने क िविधयां और साम ी,
4. दु ध तथा दु ध उ पाद ौ ोिगक :
4.1 दु ध ौ ोिगक : ामीण दु ध ाि त का संघटन, क चे दूध का सं ह और प रवहन, क चे दूध क गुणव ता, परी ण तथा
वग करण, संपूण दूध, म रिहत दूध तथा म क ेिणय क गुणव ता संचयन, िन निलिखत कार के दूध का संसाधन, पैके जग,
भंडारण, िवतरण, िवपणन दोष और उनका िनयं ण तथा पोषक गुण : पा चुरीकृत मान कत, टो ड, डबल टो ड, िवसं िमत,
समंगीकृत,पुन न मत, पुन: संयोिजत तथा सूवािसत दूध, संव धत (क चड) दूध तैयार करना, संवधन तथा उनका बंध,योगहट, दही,
ल सी तथा ीखंड।
सुगंिधत िवसं िमत दूध तैयार करना,वैधािनक मानक, व छ तथा पीने यो य दूध और दु ध संयं के उपकरण के िलए व छता
संबंधी आव यकताएं,
4.2 दु ध उ पाद ौ ोिगक : क चे माल का चयन, पुरजे जोड़ना, उ पादन, संसाधन,भ डारण, दूध उ पाद जैसे म खन, घी,
खोया,छैना,पनीर का िवतरण एवं िवपणन, संघिनत, वाि पत सूखा दूध तथा िशशु आहार, आइस म व कु फ , उप उ पाद, छैने के
पानी के उ पाद, छाछ, लै टोस तथा कैसीन, दु ध उ पाद का परी ण, ेणीकरण तथा िनणय-बी, आई.एस. तथा ए माक
िविनदश, वैधािनक मानक, गुणव ता िनयं ण पोषक गुण, पैके जग, संसाधन तथा चालन िनयं ण लागत।
5. मांस व छता तथा ौ ोिगक :
5.1 मांस व छता :
5.1.1 भो य पशु क मृ युपूव देखभाल तथा बंध,िवसं ा, वध तथा णोपचार या, बूचड़खाने क आव यकताएं तथा उसके
िडजाइन, मांस िनरी ण याएं तथा मृत पशु के मांस के टुकड़ को परखना-मृत पशु के मांस टुकड़ का वग करण-पौि टक मांस
उ पादन म पशु िच क सक के क त य तथा काय।
5.1.2 मांस के उ पादन यापार म अपनाए जाने वाले व थ तरीके-मांस का बेकार होना तथा इसे िनयंि त करने के उपाय-पशुवध के
बाद मांस के भौितक रसायन प रवतन तथा इ ह भािवत करने वाले कारक-गुणव ता सुधार िविधयां-मांस अपिम ण तथा दोष-
मांस यापार तथा उ ोग म िनयमक उपबंध,
5.2 मांस ौ ोिगक :
5.2.1 मांस क भौितक तथा रासायिनक िविश टताएं-मांस इमलशन-मांस के प रर ण क िविधयां-संसाधन, िड बाबंदी, करणन,
मांस तथा मांस उ पाद क पैके जग, मांस उ पाद तथा सू ीकरण (सं पण)।
5.3 उपउ पाद : बूचडखान के उप उ पाद तथा उनका उपयोग-खा तथा अखा उप उ पाद-बूचड़खान को उप उ पाद के समुिचत
उपयोग के सामािजक तथा आ थक (मंशा) िनिहताथ, खा तथा पदाथ के िलए अवयव उ पाद,
5.4 कु कुट उ पाद ौ ोिगक : कु कुट मांस क रासायिनक रचना तथा पोषक गुण, वध से पूव देखभाल तथा ब
ं ंध, वध करने क
िविधयां, िनरी ण, कु कुट मांस तथा उ पाद का प रर ण, वैध तथा बी.आई.एस. मानक अ ड क संरचना, संघटन तथा पोषण
गुण से रोगाणुक िवकृित, प रर ण तथा अनुर ण, कु कुट मांस, अ ड तथा उ पाद का िवपणन,
5.5 खरगोश फर वाले पशु का पालन : खरगोश के मांस उ पादन क देखरेख तथा बंध, फर एवं ऊन का उपयोग तथा िनपटान तथा
अविश ट उपो पाद का पुन योग, ऊन का ेणीकरण,
6. िव तार : मूल दशन, उ े य िव तार क अवधारणा तथा इसके िस ांत, ामीण प रि थितय के अंतगत कृषक को िशि त करने के
िलए अपनीयी जाने वाली िविभ न िविधयां, तकनोलोजी का िमक िवकास, इसका थानांतरण तथा पुन: िनवेश तकनोलोजी के
थानांतरण म बाधा क सम या, ामीण िवकास के िलए पशुपालन काय म।
वन पित िव ान
नप –1

16
1. सू मजैिवक एवं पादप रोग िव ान : िवषाणु, जीवाणु एवं लािजमड-संरचना एवं जनन, सं मण का सामा य वणन, पादप ितर ा
िव ान, कृिष, उ ोग, िच क सा तथा वायु एवं मृदा एवं जल म दूषण-िनयं ण म सू मजैिवक के अनु योग, िवषाणु , जीवाणु ,
माइको ला मा, कवक तथा सू कृिमय ारा होने वाले मुख पादप रोग, सं मण और फैलाव क िविधयां, सं मण तथा रोग
ितरोध/ ितर ा क िविधयां, परजीिवता क का यक और िनयं ण के उपाय, कवक आिवष।
2. टोगे स : शैवाल, कवक, ायोफाइट, टे रडोफाइट-संरचना और जनन के िवकासा मक पहलू, भारत म टोगे स का िवतरण
और उनके आ थक मह व क संभावनाएं,
3. पु पोि द : अनावृतबीजी : पूवअनावृतबीजी क अवधारणा,अनावृतबीजी का वग करण और िवतरण, साइकैडेलीज, कोनीफैरेलीज
और नीटेलीज के मु य ल ण,संरचना एवं जनन, साईकैडो फिलकेलीज, बै ने टटेलीज तथा काडलीज का सामा य वणन।
आवृतबीजी ( िजयो पम) : व गक , शरीर, ूण िव ान, परमाणु िव ान और जाितवृ त,
आवृतबीिजय के वग करण क िविभ न णािलय का तुलना मक िववरण, आवृतबीजी कुल का अ ययन-मै नोिलएसी, रैननकुलैसी,
ैसीकेसी ( ूसीफेरी), रोजेसी, ले यूिमनोसी, यूफॉ बएसी, मालवेसी, िड टेरोकॉप सी, एिपएसी (अ बेलीफेरी), ए लेिपिडएसी,
वबिनसी,सोलैनेसी, िब नएसी, कुकुरिबटेसी, ऐ टीरेसी (कंपोिजटी), पोएसी ( ािमनी) ऐरीकेसी (पामी), िलिलएसी ( यूजेसी),
ऑ कडेसी, रं और उनके कार, िवसंगत ि तीयक वृि , सी-3 और सी-4 पौध का शरीर।
4. पादप उपयोिगता तथा दोहन : कृ ट पौध का उ व, उ व संबंधी वैवीलोव के के खा , चारा, रेश , मसाल , पेय पदाथ ,
औषिधय , वापक (नशीले पदाथ ), क टनािशय , इमारती लकड़ी, ग द, रेिजन तथा रंजक के ोत के प म पौधे।
लैटे स, सेलुलोस, मंड और उनके उ पाद, इ साजी, भारत के संदभ म नृकुलनवन पितक का मह व, ऊजा वृ रोपण, वान पितक
उ ान और पादपालय।
5. आकारजनन : पूणश तता ुवणता, समिमित और िवभेदन, कोिशका,ऊतक,अंग एवं जीव यक संवधन, काियक संकर और
यसंकर।
नप –2
1. कोिशका जैिवक : कोिशका जैिवक क िविधयां, ा क क और सुक क कोिशकाएं-संरचना मक और परासंरचना मक बारी कयां,
कोिशकाबा आधा ी अथवा ईसीएम (कोिशका िभि त) तथा िझि लय क संरचना और काय/कोिशका आसंजन, िझ ली अभगमन
तथा आशंयी अिभगमन, कोिशका अंगक (ह रतलवक,सू किणकाएं, ईआर, राइबोसोम, अंत:काय, लयनकाय, परआ सीसोम
हाइ ोिजनोसोम) क संरचना और काय, के क, के ीक,के क रं सि म , ोमे टन एवं यूि लओसोम, कोिशका संकेतन और
कोिशका ाही, संकेत पार मण (जी-। ोटी स आ द), समसू ण और अधसू ण िवभाजन, कोिशका च का आि वक आधार, गुणसू
म सं या मक और संरचना मक िविभ नताएं तथा उनका मह व, ब प ीय, लै प श तथा बी-गुणसू का अ ययन-संरचना,
यवहार और मह व।
2. आनुवंिशक , आि वक जैिवक और िवकास : आनुवंिशक का िवकास और जीन बनाम यु मिवक पी अवधारणा, (कूटिवक पी)
प रमाणा मक आनुवंिशक तथा ब कारक, सहल नता तथा िविनमय-आि वक मानिच (मानिच ण काय क अवधारणा) सिहत
जीन मानिच ण क िविधयां, लग गुणसू तथा लग सहल न वंशागित, लग िनधारण और लग िवभेदन का आि वक आधार,
उ प रवतन (जैव रासायिनक और आि वक आधार) कोिशका यी वंशागित एवं कोिशका यी जीन (नर बं यता क आनुवंिशक
सिहत) ोसंक तथा ोसंक प रक पना,
यू लीक अ ल और ोटीन क संरचना तथा सं लेषण, आनुवंिशक कूट और जीन अिभ यि त का िनयमन, ब जीन वग,
जैव िवकास- माण, यािविध तथा िस ांत, उ व तथा िवकास म आर.एन.ए. क भूिमका।
3. पादप जनन, जैव ौ ोिगक तथा जैव सांि यक : पादप जनन क िविधयां-आ वेश, चयन और संकरण (वंशावली, तीप
संकरण,सामूिहक चयन, यापक प ित)।
नर बं यता तथा संकर ओज जनन,पादप जनन म असंगजनन का उपयोग, सू म वधन तथा आनुवंिशक इंजीिनयरी-जीन अंतरण क
िविधयां तथा परजीनी स य, पादप जनन म आि वक िच नक का िवकास एवं उपयोग।
मानक िवचलन तथा िवचरण गुणांक (सीवी) साथकता परी ण, (जैड-परी ण,टी परी ण तथा काई-वग परी ण), ाियकता तथा
िवतरण (सामा य, ि पदी और वास बंटन) संबंधन तथा समा यण,
4. शरीर या िव ान तथा जैव रासायिनक : जल संबंध, खिनज पोषण तथा आयन अिभगमन, खिनज यूनताएं, कश सं लेषण- काश
रासायिनक अिभ याएं फोटो-फा फो रलेशन एवं काबन पाथवे िजसम शािमल ह सी-पाथवे ( काश वसन) सी 3, सी 4 और कैम
दशामाग, वसन ( क वन सिहत अवायुजीवीय और वायुजीवीय)-इले ान अिभगमन ख और आ सीकरणी, फॉ फो रलेशन,
रसोपरासरणी िस ांत तथा एटीपी सं लेषण, नाइ ोजन ि थरीकरण एवं नाइ ोजन उपापचय, क व, सह क व, ऊजा-अंतरण तथा
ऊजा संर ण, ि तीय उपापचयज का मह व, काश िहय के प म वणक ( लैि टिडयल वणक तथा पादपवणक) दीि तकािलता
तथा पु पन, वसंतीकरण, जीणन, वृि -पदाथ-उनक रासायिनक कृित, कृिष बागवानी म उनक भूिमका और अनु योग, वृि संकेत,
वृि गितयां, ितबल शरीर या िव ान (ताप, जल, लवणता, धातु) फल एवं बीज शरीर यािव ान, बीज क सुि त, भंडारण
तथा उनका अंकुरण, फल का पकना-इसका आि वक आधार तथा मैिनपुलेशन।
5. पा रि थित िव ान तथा पादप भूगोल : पा रि थितक कारक, समुदाय क अवधारणाएं और गितक , पादप अनु मण, जीवमंडल क
अवधारणा, पा रतं और उनका संर ण, दूषण और उसका िनयं ण (फोइटोरेिमिडएशन सिहत) भारत के वन के प-वनरोपण,
वनो मूलन तथा सामािजक वािनक , संकटप न पौधे, थािनकता तथा रेड डाटा बुक, जैव-िविवधता, जैव िविवधता, भुस ता
अिधकारी तथा बौि क संपदा अिधकार पर स मेलन, जैव-भूरासायिनक च -वैि वक तापन।
रसायन िव ान
नप -।
1. परमाणु संरचना : वांटम िस ांत, हाइसेनबग अिनि चतता िस ांत, ो डगर तरंग समीकरण (काल अनाि त) तरंग फलन क
या या, एकल िवमीय बा स म कण, वांटम सं याएं, हाइ ोजन परमाणु तरंग फलन, एसपी और डी क क आकृित,
2. रासायिनक आबंध: आयनी आबंध, आयनी यौिगक के अिभल ण, आयनी यौिगक क ि थरता को भािवत करने वाले कारक, जालक
ऊजा, बानहेबर च , सह-संयोजक आबंध तथा इसके सामा य अिभल ण, अणु म आबंध क ुवणा तथा उसके ि ुव आघूण,
संयोजी आबंध िस ांत, अनुनाद तथा अनुनाद ऊजा क अवधारणा, अणु क क िस ांत (एलसीएओ प ित), सम यू लीय अणु म

17
आबंध: H2 + H2 से Ne2,NO, CO, HF, CN,CH, BeH2 तथा CO2 संयोजी आबंध तथा अणु क क िस ांत क तुलना, आबंध को ट,
आबंध साम य तथा आबंध ल बाई।
3. ठोस अव था (सोिलड टेट) : ठोस के कार, अ तराफलक कोण के ि थरांक का िनयम, टल प ित तथा टल वग
( टलो ा फक समूह) टल फलक ,जालक संरचना तथा यूिनट सेल का प ट उ लेख, प रमेय सूचक के िनयम, ेग का
िनयम, टल ारा ए स-रे िववतन, लोज पै कग (सुसंकुिलत रचना) अ यास अनुपात िनयम, िलिम हग अ यास अनुपात
मू य के आकलन, NaCL,ZnS.CsCL2., CaF2,Cdl2 तथा टाइल क संरचना, टल म अपूणता, टाइ कयोमी क तथा नान
टाइ कयोमी क दोष, अशु ता दोष, अ चालक, व रव का ारंिभक अ ययन,
4. गैस अव था : वा तिवक गैस क अव था का समीकरण, अंतरा-अणुक पार प रक या, गैस का ुवीकरण तथा ांितक घटना,
मै सवेल का गित िवतरण, अंतराणुक संघ , दीवार पर संघ तथा अिभ प दन,
5. ऊ मागितक तथा सांि यक य ऊ मागितक : ऊ मागितक प ित, अप थाएं और म काय, ऊ मा तथा आ त रक ऊजा,
ऊ मागितक का थम िनयम, िनकाय पर कया गया काय तथा िविभ न कार के म म शोिषत ऊ मा, कैलोरीिमित, िविभ न
म म ऊजा एवं या पी प रवतन और उनक ताप पर िनभरता।
ऊ मागितक का दूसरा िनयम : एं ोपी एक अव था फलन के प म िविभ न म म ऐ ोपी प रवतन, ए ोपी-उ मणीयता
तथा अनु मणीयता, मु त ऊजा फलन, सा याव था का मापदंड, सा य ि थरांक तथा ऊ मागितक रािशय के बीच संबंध,
ने सट ऊ मा मेय तथा ऊ मागितक का तीसरा िनयम, सू म तथा थूल अव थाएं, िविहत समुदाय तथा िविहत िवभाजन फलन,
इले ािनक, घूण तथा क पिनक िवभाजन फलन तथा ऊ मागितक रािशयां, आदश गैस अिभ या म रासायिनक सा य,
6. ाव था सा य तथा िवलयन : शु पदाथ म ाव था सा य, लािसयस- लेिपरन समीकरण, शु पदाथ के िलए ाव था
आरेख, ि आधारी प ित म ाव था सा य, आंिशक िम णीय व-उ चतर तथा िन नतर ांितक िवलयन ताप, आंिशक मोलर
रािशयां, उनका मह व तथा िनधारण, आिध य ऊ मागितक फलन और उनका िनधारण।
7. िव ुत रसायन : वल िव ुत अपघ का डेवाई केल िस ांत, िविभ न सा य तथा अिधगमन गुणधम के िलए डेवाई केल सीमांत
िनयम,
गैलवेिनक सेल, सा ता सेल, इले ोकेिमकल सीरीज, सेल के ईएमएफ का मापन और उसका अनु योग, धन सेल तथा बैट रयां,
इलै ोड पर म, अंतरापृ ठ पर ि वर, चाज ां फर क दर, िव ुतधारा घन व, अितिवभव, वै ुत िव लेषण तकनीक
वो टािमित पोलरो ाफ , ए परोिमित, च य-वो टािमित, आयन वरणा मक इले ोड और उनके उपयोग,
8. रासायिनक बलगितक : अिभ या दर क सा ता पर िनभरता, शू य, थम, ि तीय तथा आंिशक को ट क अिभ या के िलए
अवकल और समांकल दर समीकरण, उ म, समा तर, मागत तथा ृंखला अिभ या के दर समीकरण, दर ि थरांक पर ताप
और दाब का भाव, टॉप- लो और रल सेशन प ितय ारा ुत अिभ या का अ ययन, संघ न और सं मण अव था िस ांत,
9. काश रसायन : काश का अवशोषण, िविभ न माग ारा उ तेिजत अव था का अवसान, हाइ ोजन और हेलोजन के म य काश
रसायन अिभ या और वा टमी लि ध।
10. पृ ठीय प रघटना तथा उ ेरकता : ठोस अिधशोषक पर गैस और िवलयन का अिधशोषण, अिधशोषण समताप रेखा-लग यूर तथा
बीईटी अिधशोषण रेखा, पृ ठीय े फल का िनधारण, िवषमांगी उ ेरक पर अिभ या के अिभल ण और यािविध।
11. जैव-अकाबिनक रसायन : जैिवक तं म धातु आयन तथा िमि त के पार आयन गमन (आि वक या िविध), आइनोफोस,
फोटो सिथिसज-पीएस I, पीएस ।।, नाइ ोजन फ सेशन, आ सीजन अपटेक ोटीन, साइटो ोम तथा फेरोडोि सन म उनक
भूिमका।
12. सम वय रसायन :
(1) इले ॉिनक िव यास, सं मण धातु संकुल म आबंध िस ांत का प रचय,संयोजकता आब ध िस ांत टलफ ड िस ांत
और उसम संशोधन, धातु संकुल के चुंबक य तथा इले ािनक पे म क या या म िस ांत का अनु योग।
(2) सम वयी यौिगक म आइसोमे र म (समावयकता), सम वयी यौिगक का आईयूपीएसी नामकरण, 4 तथा 6 समायोजन वाले
संकुल का ि िवम रसायन, कलेट भाव तथा ब नािभक य संकुल, परा- भाव और उसके िस ांत, वग समतली संकुल म
ित थापिनक अिभ या क बलगितक , संकुल क तापगितक तथा बालगितक ि थरता।
(3) मैटल काब िनल का सं लेषण तथा उनक संरचना: काब ि सलेट ऐिनटन, काब िनल हाइ ाइड तथा मेटल नाइ ोसील यौिगक,
(4) एरोमै टक णाली के संकुल, मैटल ओले फन संकुल म सं लेषण, संरचना तथा बंध ए काइन तथा साय लोपटाडायिनक संकुल,
सम वयी असंतु तता : आि सडे टव योगा मक अिभ याएं, िनवेशन अिभ याएं वाही अणु और उनका अिभल णन, मैटल-
मैटल आब ध तथा मैटल परमाणु गु छे वाले यौिगक।
13. एफ लॉक त व का सामा य रसायन: ले थेनाइड और ए टीनाइड : पृथ करण, आ सीकरण अव थाएं, चु बक य तथा
पे मी गुणधम:ले थेनाइड संकुचन।
14. िनजल िवलायक: व NH3, HF,So2 तथा H2 SO4 म अिभ याय, िवलायक िनकाय अवधारणा क असफलता, िनजल िवलायक का
सम वयन माडल, कुछ उ च अ लीय मा यम, लोरोस यू रक एिसड तथा सुपर एिसड।
न प -2
1. िव थािनक सहसंयोजक बंध: ऐरौमे टकता, ित ऐरोमै टकता: ए यूलीन, एजुलीन, ोपोलो स, केकुलीन फु वीन, िसडनोन,
2. (क) अिभ या यािविध : उदाहरण ारा काबिनक अिभ या क यािविधय के अ ययनक सामा य िविधय (गितक एवं
गैर-गितक दोन ) समा थािनक का उपयोग, ास-ओवर योग, म यवत े पग, ि िवम रसायन: सामा य काबिनक अिभ या के
ऊजा डाय ाम-(रेखािच ) सं ामी अव थाएं एवं म यवत : सं यण ऊजा: अिभ या का उ मागितक िनयं ण तथा-
गितकिनयं ण।
(ख) अिभ याशील म यवत : कारबोिनयम तथा कारबेिनयम आयन , कारबेिनयन , मु त मूलक ( रेिडकल) काब न , बे जाइन
तथा नाइ ेन का उ पादन, यािमित, ि थरता तथा अिभ या।
(ग) ित थापन अिभ याएं : SN1, SN2,SNi,SN1,SN2, SNi तथा SRN1 यािविधयां, ितवेशी समूह भागीदारी, पाइरोल,
यूरन, िथयोफ न, इंडोल जैसे हे ोसाइि लक यौिगक सिहत एरोमै टक यौिगक क इले ो फिलक तथा यूि लयो फिलक
अिभ याएं।

18
(घ) पुन व यास : िपनाकोल-िपनाकोलोन, हॉफमन, बेकमन, बेयर-िविलगर, फैवो क , ाईस, लेसेन कोप, टीवे ज तथा वा नर-
मेरबाइन पुन व यास,
3. पररंभीय अिभ याएं (Pericylic reactions) : वग करण और उदाहरण, वुडवड-हॉफमन िनयम – इले ोसायि लक अिभ याएं-
साइ लोएडीशन अिभ याएं (2+2 तथा 4+2) तथा िस मा ोिपक िश ट (1,3,3,3 तथा 1,5) FMO उपगमन।
4. रसायन िव ान तथा अिभ या क यािविध : ए डोल संघनन (डायरे टेड ए डोल संघनन सिहत), लैसेन, संघनन डीकमन,
पर कन,नोवेनेजेल, िव टज, लीमसन वो फ- कशनर,केिनजार , तथा फान- र टर अिभ याएं, टॉब, बे जोइन तथा एिसलोइन संघनन,
फशर ईडोल सं लेषण, कराप सं लेषण, िव लर-नेिपएरा क , सडमेयर, रेमेर-टाइमन तथा रेफॉरमा क अिभ याएं।
5. ब लक णाली :
(क) ब लक का भौितक रसायन : ब लक िवलयन और उनके उ मागितक गुणधम: ब लक क सं या और भार औसत अणुभार, अवसादन
(सैिडमटेशन), लाइट केट रग, ऑसमो टक ेशर, यानता (viscosity), अं य सूमह िव लेषण प ित ारा अणुभार का िनधारण।
(ख) ब लक का िनमाण और गुणधम : काबिनक ब लक-पोिलएिथलीन, पॉली टाइरीन, पोलीिवनाइल लोराइड, टेफलॉन, नाइलॉन,
टेरीलीन, संि ल ट तथा ाकृितक रबड़ अकाबिनक ब लक-फो फोिन िलक हेलाइ स, बोराजाइन, िसिलकोन और िसिलकेट।
(ग) जैव ब लक: ोटीन, डीएनए, आरएनए म मूलभूत बंध।
6. अिभकारक के सां लेिषक उपयोग : OsO4,HIO4, CrO3, Pb [OAc]4, SeO2,NBS,B2H6, Na व अमोिनया LiA1H4, NaBH4, n-
Buli, MCPBA,
7. काश रसायन : साधारण काबिनक यौिगक क काश रासायिनक अिभ याएं, उ तेिजत और िन नतम अव थाएं, एकक और ि क
अव थाएं, नो रश टाइप-। और टाइप-।। अिभ याएं,
8. पे िमक िस ांत और संरचना के प टीकरण म उनका अनु योग
(क) घूण पे म : ि परमाणुक अणु: सम थािनक ित थापन तथा घूण ि थरांक
(ख) कांपिनक पे म : ि परमाणुक आि वक, रैिखक ि परमाणुक अणु, ब परमाणुक, अणु म काया मक समूह क िविश ट
आवृि तयां,
(ग) इले ोिनक पे म : एकक और ि क अव थाएं : n π* तथा n π* सं मण : संयुि मत ि आबंध तथा संयुि मत करबोनील म
अनु योग-वुडवड-फ शर िनयम!
(घ) नािभक य चु बक य अनुनाद : आइसो ोनस और एिनसो ोनोस ोटॉन : कैिमकल िश ट और कप लग ि थरांक H1NMR का
साधारण काबिनक अणु म अनु योग,
(ड.) यमान पे ा : पेरट पीक, बेस पीक, डॉटर पीक, मेटा टेबल पीक, साधारण काबिनक अणु का खंडन, α-ि लवेज, मैकलेफट
पुन व यास!
(च) इले ॉन च ण अनुनाद : अकाबिनक संकर तथा मु त मूलक।
रसायिनक इंजीिनयरी
न प -1
खंड – क
(1) तरल तथा कण गितक :
तरल क यानता, तरीय और िव ु ध वाह, अिवि छ नता समीकरण तथा नेिवयर- ो स समीकरण-बरनौली का मेय, वाह मापी,
तरल संकष तथा दाब हा्स-रेना ड सं या तथा घषण गुणक-पाइप (नल) क ता का भाव-लाभ द नल यास, प प, जल,वायु/भाप जेट
िन कासक (इंज टेर), संपीड़क (क ेसर), आ माता ( लोअर) तथा पंखे, व पदाथ का िवलोडन और िम ण-ठोस पदाथ तथा लेप का
िम ण-संदनल तथा पीसना-िस ांत तथा उप कर र ट जर तथा बांड के िनयम-िन यंदन तथा िन यंदन उप कर, तरल कण यांि क -मु त
तथा अव िनषदन (सैट लग)-तरलीकरण तथा यूनतम तरलीकरण वेग-स पी तथा अस पीडृय वाह क संकलपना-ठोस पदाथ का
प रवहन।
(2) यमान अ तरण:
आणिवक िवसरण गुणांक-िवसरण का थम तथा ि तीय िनयम- यमान अंतरण गुणांक- यमान अंतरण के फ म तथा अ तवशन आसवन,
सरल आसवन, आपेि त वा पशीलता, आंिशक आसवन, आसवन के लेट तथा संकुिलत तंभ, लेट क यूनतम सं या का आंकलन, व- व
सा याव था, िन कषण-िस ांत तथा यवहार, गैस-अवशोषण तंभ का अिभक पन शु कन, आ करण, अना करण, टलीकरण उप कर
का अिभक पन।
(ग) ऊ मा अंतरण:
चालन, तापीय ऊ मा चालकता, िव तृत सतह ऊ मा अंतरण, मु तथा णो दत संवहन/ऊ मा तरण गुणांक-नसै ट सं या-एलएमटीडी तथा
भावशीलता ि पाइप और खोल तथा ूब उ मा िविनमिय के अिभक पन के िलए एनटीयू प ितय , ऊ मा तथा संवेग अंतरण के बीच
सादृ यता, वथन (बॉय लग) तथा संघनन, तापीय ऊ मा अ तरण के, एकल तथा ब ल भावी वा पक, िव करण- टीफन-बो टजमैन िनयम
उ सजकता तथा अवशोषकता-भ ी के तापीय आधार पर आकलन-सौर तापक.
खंड-ख
(घ) नवीन पृथ रण याएं:
सा य पृथ रण याएं-आयन-िविनयम, परासरण, इले ो डायिलिसस, उ म (िवपरीत) परासरण परा िन य दन तथा अ य िझ ली (मै बरेन)
याएं आणिवक आसवन. अित ांितक (सुपर टकल) तरल िन कषण.
(ड.) या उप कर अिभक पन
वािहका (वैसल) अिभक पन (िडजाइन करने) के िनकष को भािवत करने वाले कारक, लागत संबंधी िवचार, संचयन वािहका का अिभक पन-
उ वाधर, ैितज तथा गोल भूिमगत वािहका (वैसल), वायुम डलीय तथा उ दाब के िलए संवरक का अिभक पन, चपटी तथा दीघवृतीय शीष
वाली संवृितयां, आधार (सपो स) का अिभक पन (िडजाइन), िनमाण साम ी-अिभल ण तथा चयन.
(च) या गितक तथा िनयं ण:
या प रव य के िलए मापनयं -जैसे तल, दाब, वाह, तापमान, पीएच (PH) तथा सां ता को दृ य/वायुचािलत/सादृ य/अंक य सूचक प म
दशाते ए, िनयंि क प रव य, युि त, यु त प रव य तथा भारािध य पा रव य, रैिखक िनयं ण िस ांत, ला लास- पा तर ( ांस ा स),

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पीआईडी िनयं क, खंड आरेख ( लॉक डाय ाम) िन पण, अ प थायी तथा आवृि अनु या, बंद लूप प ित का थािय व, उ त िनयं ण नीितयां,
कं यूटर आधा रत या िनयं ण .
प -2
खंड-क
(क) साम ी तथा ऊजा समायोजन:
पुन ण/उप माग/रंजन (पज) वाली या से साम ी तथा उजा संतुलन का आकलन. ठोस/ व/गैस धन का दहन,
रससमोकरणिमित( टाई कयोमी ी) समीकरण और अिधक वायु आव यकताएं- ो म वाला तापमान.
(ख) रासायिनक इंजीिनयरी ऊ मा गितक :
ऊ मा गितक के िनयम-शु अवयव तथा िम ण के िलए दाब-आयतन-तापमान (पीवीटी) समीकरण, ऊजा फलन तथा पर पर संबंध, मै सवैल-
समीकरण, पलायनता, स यता तथा रासायिनक िवभव. आदश/अनादश, शु -अवयव तथा ब -अवयव िम ण के िलए वा प- व सा याव था.
रासायिनक अिभ या सा याव था के मानदंड, सा य ि थरांक तथा सा याव था पा तरण. ऊ मा गितक च - शीतम तथा शि .
(ग) रासायिनक अिभ या इंजीिनयरी: घान (बैच) रए टर, समांगी अिभ या क गितक तथा गितक आंकड़ क ा या. आदश वाह
रए टर-सतत िवलोिडत रए टर (सीएसटीआर), लग वाह रए टर तथा उनके िन पादन समीकरण-ताप भाव तथा अिनयंि त अिभ याएं
तथा ठोस गैस, व-गैस अिभ याएं, नैज गितक तथा सावभौिमक अिभ या दर संक पना. िन पादन के िलए एक ाव था से दूसरी ाव था म
तथा कण के भीतर यमान अंतरण का मह व. भािवकता घटक. समतापीय तथा गैर-समतापीय रए टर तथा रए टर ि थरता.
ख ड-ख
(घ) रासायिनक ौ ोिगक : ाकृितक काबिनक उ पाद-का तथा का आधा रत रसायन-लुगदी तथा कागज/कृिष उ ोग-शकरा, खा तेल
िन कषण (वृ आधा रत बीज सिहत), साबुन तथा िडटजट सुगंध तेल, बायोमास गैसीकरण-(बायोगैस सिहत), कोयला तथा कोयला रसायन-
पे ोिलयम तथा ाकृितक गैस-पे ीिलयम प रशोधन (वायुम डलीय आसवन/भंजन/शोधन). पे ोरसायन उ ोग-पॉिलिथलीन
(एलडीपीई/एचडीपीई/ एलएलडीपीई) पोिलिवनाइल लोराइड, पोिल टाईरीन, अमोिनया का औ ोिगक िनमाण. सीमट तथा चूना उ ोग-रोगन
तथा वा नश-कांच तथा मृितका िश प, क वन-अ कोहल तथा ितजैिवक (एंटीबायो टक).
(ड.) पयावरण इंजीिनयरी तथा सुर ा: प रि थितक तथा पयावरण. वायु तथा जल म दूषण के ोत, ताप िनयं ण भाव ( ीन हाउस इफे ट).
ओजोन परत का ास, अ ल बौछार. सू म मौसम िव ान तथा पयावरण म दूषक त व का सरण ( दूषण का फैलाव). दूषण तर को मापने
क िविधयां तथा उन पर िनयं ण क नीितयां. ठोस अपिश , उनके जोिखम और उनके िनपटान के तरीके, दूषण िनयं ण उप कर का अिभक पन
(िडजाइन) तथा िन पादन िव ेषण. अि तथा िव फोट जोिखम िनधारण, एचएजैड ओपी तथा एच ए जैड ए एन. आपातकालीन योजना, आपदा
बंध, पयावरणीय िव ान, जल वायु तथा पयावरण संर ण अिधिनयम. वन (संर ण) अिधिनयम.
(च) या इंजीिनयरी अथशा :
म उ ोग के िलए िनयत ( फ ड) तथा कायशील पूंजी आव कताएं तथा अनुमान प ितयां. लागत अनुमान और िवक प क तुलना.
िड काउंटेड कैश लो ारा िनवल वतमान मू य, वापस भुगतान िव ेषण. आईआरआर मू य ास. कर तथा बीमा. सीमांत बदु िव ेषण.
प रयोजना अनुसूचन, पी ई आर टी तथा सी पी एम लाभ तथा हािन लेखा, तुलन प तथा िव िववरण. पाइप लगाने सिहत संयं थल तथा
संय अिभ यास.
िसिवल इंजीिनयरी
प -1
भाग-क
यांि क इंजीिनयरी, पदाथ-साम य तथा संरचना मक िव ेषण
यांि क इंजीिनयरी:
मा क तथा िवमाएं, एस.आई. मा क, स दश, बल क संक पना, कण तथा दृढ िप ड संक पना, संगामी, असंगामी तथा समतल पर समा तर बल,
बल आघूण तथा वै रगनोन मेय, मु िप ड आरेख, स ितबंध सा याव था, कि पत काय का िस ा त, समतु य बल णाली.
थम तथा ि तीय े आघूण, मान जड़ व आघूण पैितक घषण, आनत तल तथा बैय रग. शु गितक तथा गितक: कात य शु गितक तथा
ुवीय िनदेशांक, समान तथा असमान वरण के अधीन गित, गु वाधीन गित. गितक कण: संवेग तथा ऊजा िस ांत, डी ए मबटस िस ांत,
या थ िप ड का संघटन, दृढ िप ड का घूणन, सरल आवत गित, गित पालक च .
पदाथ-साम य:
सरल ितबल तथा िवकृित, या थ ि थरांक, अ ीत: भा रत संपीडांग, अप पण बल तथा बंकन आघूण, सरल बंकन का िस ांत, अनु थ काट
का अप पण, ितबल िवतरण, समसमा य धरण, प ीदार कमानी, य ितबल म िवकृित उजा, बंकन तथा अप पण. धरन िव ेप: मैकाले
िविध, मोर क आघूण े िविध, अनु प धरण िविध, एकांक भार िविध, शा ट क ठन, संचरण मता, सघन कुंडिलत कमानी, तंभ का
या थ थािय व. ऑयलर, रेनकाईन तथा सीकट सू . दो िवभा म मुख ितबल तथा िवकृित, मोर का वृ . या था भंग के िस ांत, थूल
तथा तनु िस लटर: आंत रक तथा बा दाब के कारण ितबल-लाम समीकरण.
संचना मक िव ेषण:
काि टिलयानोस मेय-I तथा II एकांक भार िविध, धरण और क ल संिधयु कची (टस) म यु संगत िवकृित क िविध. ढाल िव ेप, आघूण
िवतरण, अप रिमत धरण तथा दृढ़ ढांच म यु किन क िव ेषण िविध तथा तंभ सादृ य िविध.
वेलन भार और भाव रेखाएं: धरण के ख ड पर अप पण बल तथा बंकन आघूण के िलए भावी रेखाएं. गितशील भार णाली ारा धरण
च मण म अिधकतम अप पण बल तथा बंकन आघूण हेतु मानंड. सरल आलंिबत समतल क ल संिधयु कजी ( ँस) हेतु भाव रेखाएं.
डाट: ि क ल, ि क ल तथा आब डाट, पशुका लघीयन तथा तापमान भाव डाट म भाव रेखाएं. िव ेषण क मै स िविध अप रिमत धरण
तथा दृढ़ ढांच का बल िविध तथा िव थापन िविध से िव ेषण. धरण और ढांच का लाि टक िव ेषण: लाि टक बंकन िस ांत, लाि टक
िव ेषण: थैितक णाली, यांि क िविध.
असमिमत बंकन: जड़ व आघूण, जड़ व उ पाद, उदासीन अ और मु य अ क ि थित बंकन ितबल क प रगणना.
भाग-ख
संरचना अिभक प: इ पात, कं ट तथा िचनाई संरचना.

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संरचना मक इ पात अिभक प: सुर ा गुणक और भार गुणक. कविचत, काबला तथा वेि डत जोड़ तथा संयोजन. तनाव तथा संपीडांग इकाइय
का अिभक प, संघ टत प र छेद का धरण, कविचत तथा वेि डत लेट गडर, ग ी गडर, ब ा और बंधक, लैब एवं गसे टड ( तंभ आधार) कालम
बेस सिहत टंिचय स.
राजमाग तथा रेलवे पुल का अिभक प: ू एंड डेक टाइप लेट गडर, वारेन गडर, ांट कची.
कं ट तथा िचनाई संरचना का अिभक प: िम अिभक प क संक पना, बिलत कं ट: कायकारी ितबल तथा सीमा अव था िविध से
अिभक प-आईएस पुि तका क िसफा रश /वन वे एवं टू वे लैब का िडजाइन, सोपान- लैब, सरल तथा आयताकार सतत धरन, टी एवं एल काट
के सरल एवं सतत धरण, उ क ता सिहत अथवा रिहत य भार के अंतगत संपीडांग इकाइय . िवलिगत एवं संयु नीब. के टीिलवर एवं शुका
यु प तधारक िभ ी.
जल टंक : पृ वी पर रखे आयताकार एवं गोलकार टं कय के अिभक पन के िलए शत.
पूव ितबिलक कं ट: पूव ितबिलत के िलए िविधयां और णािलयां आनित आधा रत प र छेद पर िव ेषण और अिभक प के ारा कायकारी
ितबल, पूव ितबिलत हािन.
आईएस (पुि तका ) कोड के अनुसार ट क िचनाई का अिभक पन. िचनाई ितधारक िभि अिभक पन
भाग-ग
तरल यांि क , मु वािहका वाह एवं वचािलत मशीन
तरल यांि क :
तरल गुणधण तथा तरल गित म उनक भूिमका, तरल थैितक िजसम समतल तथा व सतह पर काय करने वाले बल भी शािमल ह.
तरल वाह क शु गितक एवं गितक: वेग और वरण, स रता रेखाएं, सांत य समीकरण, आघूण तथा घूण वाह, वेग िवभव एवं स रता
अिभल क, वाह जाल, आरेखण वाह जाल िविध, ोत और िन मन, वाह पृथ रण, मु तथा ितबिलत भंवर.
आयतन िनयं ण समीकरण, सांत य, संवेग, आयतन िनयं ण समीकरण से ऊजा तथा संवेग आघूण. नेिवयर टो स समीकरण, ऑयलर आघूण
समीकरण, तरल वाह सम या का अनु योग, पाइप वाह, समतल, व , अचल एवं चल वेन, लूइस गेट, िवयर, आ यमापी तथा वटुरी मापी.
िवमीय िव ेषण एवं सम पता: ब कगहम पी- मेय िवमारिहत ाचल, सम या िस ांत, िनदश िनयम, अिवकृत एवं िवकृत ित प.
तरीय वाह: समांतर, अचल एवं चल लेट के बीच तरीय वाह, ूब ारा वाह.
प रसीमा परत: चपटी लेट पर तरीय एवं िव ु ध प रसीमा पर, तरीय उप-परत मसृण एवं प रसामाएं िवकष एवं िल ट.
पाइप ारा िव ु ध वाह: िव ु ध वाह के अिभल ण, वेग िवतरण एवं पाइप घषण गुणक क िविवधता. जलदाब वणता रेखा तथा पूण उजा
रेखा, साइफन, पाइप सारण और संकुचन, पाइप जालकाय, पाइप और उ लोल कुंड म जलाघात.
मु वािहका वाह: समान एवं असमान वाह, आघूण एवं उजा संशुि गुणक, िविश उजा तथा िविश बल, ाि तक गहराई, ितरोध
समीकरण तथा ता गुणांक क िविवधता, ती प रवत वाह, संकुचलन म वाह, अपि छ अवपात वाह, जलो छाल और इसके अनु योग,
ो कष एवं तरंग, मशः प रवत वाह, पृ प र छ दका वग करण, िनयं ण काट, प रवत वाह समीकरण के समाकलन क सोपान िविध, जल
ो कष एवं वचािलत बोर.
वचािलत यं तथा जल शि त: उपके ी पंप- कार अिभल ण, नेट पॉिज टव स शन हाइट (एन पी एस एच), िविश गित, समांतर पंप.
यागामी पंप, वायु भांड, वचािलत रैग्, द ता ाचल, घूण एवं धना मक िव थापन पंप, डाया ाम तथा जेट पंप.
वचािलत टरबाइन, ा प, वग करण, टरबाइन चयन, िन पादन ाचल, िनयं ण, अिभल ण, िविश गित. जल शि िवकास के िस ांत,
कार, अिभ यास तथा घटक काय, ो कष टक, कार और चयन, वाह अविध व तथा आि त वाह: भंडारण तथा जल संचयन, पंपन भंडारण
संयं , लघु, सू म-जल वै ुत संयं के िवशेष ल ण.
भाग-घ
भू-तकनीक इंजीिनयरी
मृदा के कार, कला संबंध, गाढ़ता सामाएं, कण आकार िवतरण, मृदा वग करण, संरचना तथा मृि का खिनज िव ान
कोिशक य जल तथा संचना मक जल, भावी ितबल तथा रं जल दाब, डारसी िनयम, पारगमयता को भािवत करने वाले कारक, पारग यता
का िनधारण, त रत मृदा िन ेप क पारगमयता.
रसन दाब, बालू पंक अव था, संपीडता तथा संहनन, टेरजाघी क एक वीमीय िस ांत, संहनन परी ण.
मृदा संहनन, संहनन े िनयं ण, कुल ितबल तथा भावी ितबल पारग यता, रं दाब गुणांक मृदा का साम य अप पण, मोर कूलांक भंगता
िस ांत, अप पण परी ण, भू दाब िबराम, स य तथा िनि य दाब, रेनकाइन िस ांत, कूलांब का फ ी िस ांत, ितधारक िभि पर भू दाब,
चारदी थूणा िभि , बंधनयु खनन. द मान धा रता, टेरजाघी तथा अ य मह वपूण िस ांत, शु तथा कुल द मान दाब. आस ् तथा संघनन
बंध. ढाल, थािय व, कुल ितबल तथा भावी ितबल िविध, लाइस क ढ़ िविध, थािय व अंक. अंघ तल अ वेषण, बेधन िविध,
ितचयन, अंतवशन परी ण, दाब मापी परी ण.
न व के मह व ल ण, न व के कार, अिभक पन मापदंड, न व के कार का चयन, मृदा म ितबल िवतरण, बािसन क िस ांत, यूमाक चाट, दाब
ब क, सं पश दाब, िविभ द मान धा रता िस ांत क अनु यो यता, े परी ण से द मान धा रता का मू यांकन अनु ेय द मान धा रता
िनषदन िव ेषण, अनु ेय िनषदन.
पाद अनुपातन, िवलिगत तथा संयु पाद, रै टस, उ लाव ता रै टस, थूणा न व, थूणा के कार, थूणा धा रता, थैितक तथा गितक िव ेषण.
थूणा समूह के अिभक प, थूणा भारत परी ण, थूणा िनषदन, पाि क धा रता, पुल हेतु न व, भूिम सुधार तकनीक-पूव भारण, बालू नाली,
प थर- तंभ, अिभपूरण, मृदा थायीकरण.
प -2
भाग-क
िनमाण तकनीक,
उपकरण योजना और बंध
1. िनमाण तकनीक:
इंजीिनयरी साम ी:
िनमाण साम ी के भौितक गुणधम: प थर, ट तथा टाइल, चूना, सीमट तथा सुरखी मसाला, चूना कं ट तथा सीमट कं ट, ताजा िमि त तथा
कठो रत कं ट के गुणधम, फश क टाइल, बिलत सीमट, तंतु बिलत तथा पािलमर कं ट, उ साम य कं ट तथा ह क कं ट, का का

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योग. इमारती लकड़ी: गुणधम एवं योग, इमारती लकड़ी म दोष, इमारती लकड़ी का संशोषण एवं संर ण, लाि टक, रबड़ एवं आ तारोधी
साम ी, अंत थ रोधी, कम लागत के आवास हेतु साम ी.
िनमाण: भवन के घटक और उनके काय, ट-िचनाई, बंधन जोड़, प थर िचनाई. आईएस कोड (पुि तका ) के अनुसार दीवार क ट-िचनाई का
िडजाइन, सुर ा गुणक, उपयु ता तथा साम य आव यकताएं, ला टर, टीप, फस एवं छत के कार. संवातन, भवन क मर मत.
भवन क कायमूलक योजना: भवन अिभ यास, प रसंचरण, े का समूहन, गु संक पना तथा ऊजा द भवन का िडजाइन, रा ीय भवन कोड
व था. भवन आकलन एवं िविनदशन, काय क लागत, मू यांकन.
2. िनमाण उपकरण:
मानक एवं िवशेष कार के उपकरण, िनरोधक अनुर ण एवं मर मत, उपकरण के चयन क भािवत करने वाले कारक, संतुिलत आयु, समय एवं
गित अ ययन, पूंजी एवं अनुर ण लागत.
कं ट उपकरण: तौल बैचर, िम क, कंपन, बै चग संयं , कं ट प प.
िम ी काय के उपकरण: िव ुत, फावड़ा, कुदाल, बुलडोजर, ड पर, ेलर और टै टर, रोलर, मेष पाद वे लन.
3. िनमाण योजना और बंध: िनमाण स यता, काय म, काय अिभ यास, बार चाट, संिवदा करने वाले फम का संगठन, प रयोजना िनयं ण एवं
पयवे ण. लागत कर करने के उपाय.
नव काय िव ेषण: सीपीएम एवं पीईआरटी िव ेषण, लवी समय, स यता वंस लागत, इ तमीकरण आधुिनक करण हेतु नेटवक संकुचन, लागत
िव ेषण और साधन िनयतन. इंजीिनयरी अथशा के त व, मू य िनधारण क िविधयां, वतमान मू य, वा षक लागत, लाभ लागत वा षक
िव ेषण, अनुमाप एवं आकार क अथ व था, िनवेश तर सिहत िवक प को चुनना. प रयोजना लाभदाियकता.
भाग-ख
सव ण एवं प रवहन इंजीिनयरी
सव ण: दूरी एवं कोण मापने क सामा य िविध, लेन टेबल सव, समतलन, च म सव ण, ि कोणन सव ण, संशोधन एवं समायजोना,
परेखण, थलीकृितक मानिच , उपयु उ े य के िलए सव ण उपकरण, टक िमित, वृ ाकार एवं सं मण व फोटो ािमित के िस ांत.
रेलवे: रेल पथ, लीपर, रेल आबंधन, िग ी, कांटे तथा ा सग, उ ाम अिभक प, टेशन तथा याड, (टनटेबल) भूिम पटल, िस ल तथा अ तः
पाशन, समतल पारक. रेल पथ का िनमाण एवं अनुर ण, बा ो थान, रेल का िवसपण, िनयं ण वणता, ैक ितरोध, संकषण यास, ैक
रलेकरण ( िवसारण).
राजमाग इंजीिनयरी: राजमाग योजना के िस ांत. राजमाग सरेखन, यािमितक अिभक प, अनु थ काट, उभार (कै बर), बा ो थान, ैितज एवं
उ वाकार व . माग का वग करण, कम लागत माग, न य कु टटम, दृढ़ कु टटम, कु टटम (पेवमट) िडजाइन एवं उनका िनमाण, कु टटम मंगला और
मजबूती का मू यांकन.
सड़क अपवाह: बिह तल एवं अघ तल अपवाह. यातायात इंजीिनयरी: पूवानुमान तकनीक, उ म एवं गंत सव ण, राजमाग मता. सरणीकृत
एवं असरणीकृत प र छेद, घूण अिभक पन अवयव, अंकन, िच न िस ल, माग काश व था: यातायात सव ण, राजमाग िव व था के
िस ांत.
भाग-ग
जल िव ान, जल संसाधन एवं इंजीिनयरी
जल िव ान, जलीय च अव ण, वा पीकरण, वा पो सजन, अवनमन संचयन, अंत: पंदन, अिधभार वाह, जलारेख, बाढ़ आवृि िव ेषण, बाढ़
आवकलन, जलाशय ारा बाढ़ अनुशीलन, वािहका वाह मागािभगमन-म क म िविध.
भू जल वाह : िविश लि ध, संचयन गुणांक, पारग यता गुणांक, प र तथा अप र जलवाही तर, ावी जलरोधी तर, प र तथा
अप र ि थितय के अंतगत एक कूप के भीतर अरीय वाह, नलकूप, प पन तथा पुन ाि परी ण, भू जल िवभव.
जल संसाधन इंजीिनयरी : भू तथा धरातल जल संसाधन, एकल तथा ब उ ेशीय प रयोजनाएं जलाशय क संचयन, जलाशय हािनयां, जलाशय
अवसादन, जल संसाधन प रयोजना का अथशा .
सचाई इंजीिनयरी : फसल के िलए जल क आव यकता: जल का यी उपयोग, सचाई के िलए जल क गुणव ा, कृि तथा डे टा, सचाई के
तरीके तथा उनक द ताएं.
नहर : नहर सचाई के िलए आबंटन प ित, नहर मता, नहर क हािनयां, मु य तथा िवत रका नहर का सरेखन-अ यािधक द काट, अ त रत
नहर, उनके िडजाइन, रजीम िस ांत, ांितक अप पण ितबल, तल भार, थानीय तथा िनलंिबत भार प रवहन, अ त रत तथा अना त रत
नहर क लागत का िव ेषण, अ तर के पीछे जल िनकास. जल तता: कारण तथा िनयं ण, जल िनकास प ित का िडजाइन, लवणता.
नहर संरचना: ास िनयं क का िडजाइन, मु य िनयामक, नहर पात, जलवाही सेतु, अवनिलका का नहर िनकास म मापन.
ि प रवत शीष काय: पारग य तथा अपारग य नीव पर बािधका के िस ांत और िडजाइन, खोखला-िस ांत ऊजा य, शमन ोणी, अवसाद
अपवजन.
संचयन काय: बाध क क म, िडजाइन, दृढ़ गु व तथा भू-बांध के िस ांत, थािय व िव ेषण, नीव का ( ीटमट) उपचार, जोड़ तथा दीघाएं,
िन पंदन का िनयं ण.
उ पलव माग: उ पलव माग क क म, (िशखर ार) े ट गेट, ऊजा य.
नदी िश ण: नदी िश ण के उ े य, नदी िश ण क िविधयां.
भाग-घ
पयावरण इंजीिनयरी
जल पू त: भू-पृ तथा उप भू-पृ जल ोत का आकलन, जल मांग क ागुि , जल क अशु ता तथा उसका मह व, भौितक, रासायिनक तथा
जीवाणु िव ान संबंधी िव ेषण, जल से होने वाली बीमा रयां, पेय जल के िलए मानक.
जल का अंत हण: पंपन तथा गु व योजनाएं. जल उपचार: कंदन के िस ांत, ऊणन तथा सादन, मंद- ुत, दाब फ टर, लोरीनीकरण, मृदुकरण,
वाद गंध तथा लवणता को दूर करना.
जल सं हण तथा िवतरण: सं हण एवं संतुलन जलाशय- कार, थान और मता.
िवतरण णािलयां: अिभ यास पाइप लाईन क व इंजीिनयरी, पाइप फ टग, रोधक तथा दाब कम करने वाले वा व सिहत अ य वा व, मीटर,
िवतरण णािलय का िव ेषण, रण अिभ ान, िवतरण णािलय का अनुर ण, पंपन क तथा उनका प रचालन.
वािहतमल व था: घरेलू तथा औ ोिगक अपिश , झंझावत वािहतमल-पृथक और संयु णािलयां, सीवर बहाव, सीवर का िडजाइन, सीवर
उप कर, मैन होल, अंतगम जं शन, साइफन, सावजिनक भवन म ल बग.

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सीवेज ल ण: बी डी ओ, सी ओ डी, ठोस पदाथ, िवलीन ऑ सीजन, नाइ ीजन और टी ओ सी सामा य जल माग तथा भूिम पर िन कासन के
मानक.
सीवेज उपचार: कायकारी िनयम, इकाइयां, को अवसादन टक, वाषी फ टर, ऑ सीकरण पोखर, उ े रत अवपंक या, सैि टक टक, अवपंक
िन तारण, अविश जल का पुनः चालन.
ठोस अपिश : गांव और शहर म सं हण एवं िन तारण, दीघकालीन कु भाव का बंध.
यावरणीय दूषण: अवलि बत िवकास. रेिडयोएि टव अपिश एवं िन कासन, उ मीय शि संयं , खान , नदी घाटी प रयोजना के िलए
पयावरण संबंधी भाव मू यांकन, वायु दूषण, वायु दूषण िनयं ण अिधिनयम.
वािनक
प -1
ख ड-क
1. वन वधन-सामा य:
सामा य वन वधन िस ांत-वन पित को भािवत करने वाले पा रि थितक तथा शरीर िव ानीय कारक. वन का ाकृितक तथा कृि म
पुनसचरण, सार क प ितयां, ा टग तकनीक, थल कारक, नसरी तथा रोपण तकनीक-नसरी या रयां, पोली बैग एवं अनुर ण, पौध के
िलए जल िनधारण, ेणीकरण तथा पौध का दृ ढ़करण, िवशेष आधार, थापनाएं तथा देखभाल.
2. वन वधन- णािलयां:
संपूण कटान (िबलयर फै लग), सम प छाया का चयन, गु पवन तथा पा तर प ित. शीतो ण, उप-उ ण क टबंधी, आ -उ ण क टबंधी, शु क-
उ ण क टबंधी तथा तटीय-उ ण क टबंधी वन के वृ ारोपण वन वधन, जाित चयन, मानक क थापना तथा व था उपजाऊपन क प ितयां,
तकनीक अड़चन, गहन यं ीकृत प ितयां, हवाई बीज िछड़काव, िबरलन के िवशेष संदभ म वन वधन णािलय का बंध.
3. वन वधन-क छ वन पित तथा शीत म थल:
क छ वन पित वास तथा ल ण, क छ वन पित पौध थापना-िनकृ क छ वन पित व प क थापना तथा पुन थापना, क छ वन पित के
िलए वनवधन प ित, ाकृितक आपदा के िव वास का संर ण, शीत म थल- जाितय के ल ण, पहचान तथा व था.
4. वृ का वनवधन:
उ णक टबंधीय वन वधन शोध तथा वहार म परंपरागत तथा नवीनतम िवकास. भारत म आ थक प से मह वपूण कुछ जाितय का वनवधन
जैसे खैर/क था (एकेिसवा कैटेचू) बबूल (ऐकेिसया नीलो टका), एकेिसया आ रकुपीफा मस, िसरस (ऐि बिजया लैबेक), ऐि बिजया ोसेरा, कदंब
(ऐ थेसेफेलस कदबा), एनोगाइसस लैटीफोिलवा, नीम (ऐजािडरे टा इंिडका), बांस जाित, ढाक/ लाश ( ू टया मोनो पम), कैिसया िसएिमया,
कैजूवाराइना इ यूसैटीफोिलया, देवदार (सी स दओदार) चुकरािसया टैबुला रस, शीशम (डैलव जया िससो), िड टैरोकामस जाितयां, ए बीिलका
आकिसनािलस यूकेि पटस जाितयां, गंमारी (मेलाइना आब रया), हाडिब कया िवनाटा, लाजर ीिपया लैनसीवोलाटा पाइनस (चीड़वंश),
रा सवग , पो यूलस जाितयां प फली फलघानी (टेरोकापस मासूिथयम), िबलायती क कर (पोसोिथस यूली लोरा), चंदन (सै टलम एलबम)
िसिमकापस ऐनाका डयम, साल (शो रया रोब टा), सेमल (से पैिलया मालाबे रकम), सागोन (टे टोना ैि डस), ट मनेिलया टोमे टोसा, इमली
(टेमा र डस इंिडका).
ख ड-ख
1. कृिष वािनक , सामािजक वािनक संयु वन बंध तथा ाईबोलॉजी:
कृिष वािनक : काय े तथा आव यकता, जन और पालतू जानवर के जीवन तथा समि वत भूिम उपयोग म भूिमका, िवशेष प से िन िलिखत
क योजना के संदभ म:
(i) मृदा तथा जल संर ण;
(ii) जल पुनभरण (रीचाज);
(iii) फसल म पोषण उपल धया;
(iv) नाशी जीव-परभ ी के संबंध के ारा पा रि थितक संतुलन सिहत कृित तथा प रि थित तं संर ण/तथा
(v) जैव-िविवधता, औषधीन तथा अ य वन पित और जीव ज तु के वधन के िलए अवसर दान करना. िविभ कृिष-पा रि थितक े के
अंतगत कृिष वािनक तं , जाितय का चयन तथा ब ेशीय वृ क भूिमका-और एनटीएफपी िविधयां, अ , चारा तथा धन सुर ा,
अनुसंधान तथा िव तार आव यकताएं.
सामािजक/शहरी वािनक -उ े य, काय े तथा आव यकताएं; जन सहभािगता.
जे.एफ.एम.-(संयु वािनक बंध) िस ांत, उ े य, णाली िव ान, काय े , लाभ तथा एनजीओ (गैर सरकारी सं था) क भूिमका.
ाइबोलॉजी-भारत म जनजातीय अव था; जन-जाितय , जाितय क अवधारणा, सामािजक समूहन के िस ांत, जनजाितय अथ व था, िश ा,
सां कृितक परंपरा, ढ़, कृित तथा वािनक काय म म सहभािगता.
2. वन-मृदा, मृदा संर ण तथा जल-िवभाजक बंध: वन क मृदा, वग करण, मृदा िवरचन को भािवत करने वाले कारक, भौितक, रसायिनक
तथा जैिवक गुणधम.
मृदा संर ण: प रभाषा, अपरदन के कारण; कार-वायु तथा जल अपरदन, अपर दत मृदा/ े का संर ण तथा बंध, वातरोध, र क मेखला,
बालू ट बा, लवण और ारीय मृदा का उ ार, जल लावन तथा अ य थ भूिम, मृदा संर ण म वन क भूिमका, मृदा काबिनक का
रखरखाव और िनमाण, हरे प क खाद डालने के िलए कतरन क व था; वन पणकरकट तथा कंपो टग, मृदा को सुधारने म सू म घटक क
भूिमका; एन (नाइ ोजन) और सी (काबन) च , बी ए एम.
जल िवभाजन बंध: जल िवभाजक क अवधारणाएं सम संसाधन बंधन व था म लघु वन तथा वन वृ क भूिमका, वन जन िव ान,
वाह िनयं ण के संबंध म जल िवभाजक का िवकास, नदी जलमाग ि थरीकरण, िहम खलन तथा भू- खलन, िनयं ण, िनकृ े का पुनवास,
उपिग र तथा पवतीय संबंधी काय. जल श य तथा संर ण; भूिम जल पुनभरण तथा जल िवभाजक बंध, समि वत वन वृ क भूिमका,
बागवाली फसल, खेत क फसल, घास तथा चारा.
3. पयावरणीय संर ण तथा जैव िविवधता:
पयावरण: संघटक तथा मह व, संर ण के िस ांत, िनवनीकरण, दावाि तथा अ य िविभ मानवकृत गितिवधयां जैसे खनन, िनमाण तथा िवकास
प रयोजनाएं, जनसं या वृि का पयावरण पर भाव.
दूषण: कार, िव ापी तापन, ीनहाउस, ओजोन लेयर र करण, अ लीय वषा, भाव तथा िनयं ण के उपाय, पयावरणीय अनु मण, सतत
िवकास क अवधारणा, पयावरण संर ण म वन तथा वृ क भूिमका; वायु, जल तथा रव दूषण पर िनयं ण तथा रोकथाम. भारत म पयावरण

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नीित तथा िवधान. पयावरणीय भाव मू यांकन. जल िवभाजक का िवकास तथा साथ ही पा रि थितक और पयावरणीय संर ण का अथ पाय
मू यांकन.
वृ सुधार तथा बीज ौ ोिगक : वृ सुधार क सामा य अवधारणा, प ितय़ां तथा िविधयां, िभ ताएं और उनके उपयोग, उ म े , बीज
ोत, िवदेशज; वन वृ सुधार के प रणा मक पहलू, बीज उ पादन बीज उधान, संतित परी ण, ाकृितक वन तथा रबड़ सुधार म वृ सुधार का
उपयोग आनुवांिशक परी ण काय म, रोग , क ट तथा ितकूल पयावरण के ितरोध हेतु वरण तथा जनन, आनुवांिशक आधार, वन
आनुवांिशक संसाधन और जीन संर ण ‘ व थाने’ तथा ‘बा थाने’. लागत-लाभ अनुपात अथापाय मू यांकन
प -2
खंड-क
1. वन बंध एवं बंध प ित: उ े य तथा िस ांत, िविधयां, रबड़ संरचना एवं गितक , सतत उ पाद संबंध, आवतन, सामा य वन, वधमान
सं ह, उ पाद के िनयमन, वन रोपण का बंधन, वािणि यक वन, वन आ छादन अनु वण, आधार जैस:े (i) थल िवशेष क योजना (ii) युि पूण
योजना (iii) अनुमोदन, सं वीकृित तथा य (iv) अनु वण (v) रपो टग तथा अिभशासन. शािमल उपाय के िववरण: ामीण वन सिमित का
गठन, संयु वन सहभािगता बंध.
2. वन क काय योजना: वन योजना, मू यांकन तथा अनु वण साधन एवं समि वत योजना के आधार, वन संसाधन का ब उ े यीय िवकास तथा
वन उ ोग िवकास; काय आयोजन तथा काय योजना, कृित संर ण म उनक भूिमका; जैव िविवधता तथा अ य आयाम, तैयारी तथा िनयं ण.
मंडलीय काय आयोजन, काय संचालन का वा षक आयोजन.
3. वन िव तार-कलन (मे सुरेशन) तथा दूर-संवेदन: मापन प ितयां-पेड़ का ास, घेरा, ऊंचाई तथा आयतन; प िवधान, रबड़ ( टै ड) आयतन
(वो यूम) आकलन, वतमान वा षक वृि , (मा य) वा णक वृि , ितचयन िविध तथा ितदश भूख ड ( लाट) उपज गणना, उपज तथा रबड़
( टै ड) सारिणय , सुदूर संवेदन ारा वन आ छादन अनु वण; बंध तथा ितदश के िलए भौगोिलक सूचना तं .
4. सव ण तथा वन इंजीिनयरी: वन सव ण-सव ण के िविभ तरीके, मानिच तथा मानिच अंकन. वन इंजीिनयरी के मूलभूत िस ांत. भवन
साम ी तथा िनमाण. सड़क तथा पुल, लकड़ी के पुल के सामा य िस ांत. उ े य, कार, ितदश अिभक पना तथा िनमाण.
खंड-ख
1. वन पा रि थितक तथा नृजाित वन पित: वन पा रि थितक : जैव तथा अजैव संघटक, वन प रि थित तं , वन समुदाय संक पना, वन पित
संक पना, पा रि थितक वंश म तथा चरमो कष, ाथिमक उ पादकता, पोषक च ण तथा जल संबंध, ितबल वातावरण म शरीर रचना (सूखा,
जल भराव, लवणता तथा ारीयता). भारत म वन के कार, जाितय क पहचान, संयोजन तथा सह-योजन, वृ िव ान, व गक िवभाजन,
वन पित सं हालय तथा वन पित-वा टका (हबो रया व आरबोरेटा) के थापन के िस ांत, वन प रि थित तं का संर ण, कृ तक उ ान ( लोनल
पाक). नृजाित वन पित क भारतीय आयुिव ान प ितय म भूिमका, आयुवद तथा यूनानी सुगि धत तथा औषधीय वन पितय का प रचय, नाम
प ित, आवास, िवतरण तथा वान पितक िवशेषताएं, औषध वन पितय के असर कारक त व और िवषा ता को भािवत करने वाले घटक और
उनके रासायिनक संघटक.
2. वन संसाधन तथा उपयोगीकरण : वातावरणीय ( बल/सां वन उपज याएं-लॉिग ग) तथा िन सारण िविधयां और िस ांत; प रवहन
प ितयां, भंडारण तथा िब , गैर-लकड़ी वन उ पाद (एनटीएफपी)-प रभाषा और े , ग द राल, तैलीराल रेशा, ितलहन, दृढ़फल (नट), रबड़,
बत, बांस, औषधीय वन पित काठकोयला, लाख और चपड़ा, क था और बीड़ी प े-सं हण, संसाधन तथा िनपटान. का संशोधन और प रर ण
क आव यकता और मह व, संशोषण के सामा य िस ांत; आयु तथा भ ा संशोषण, सौर-अना ताकरण, मापीय तािपत तथा िव ुत भ यां.
िमि त का ; आसंजक िनमाण, गुण, उपयोग, लाईवुड िनमाण गुण, उपयोग, फाइबर बोड-िनमाण, गुण उपयोग; िनपात (पाट कल) बोड-िनमाण,
गुण उपयोग, भारत म िमि त का उ ोग क वतमान ि थित और भिव य म िव तार क योजनाएं. लु दी कागज तथा रेशम; उ ोग को क े माल
क आपू त क वतमान ि थित का ित थापन, बागान लकड़ी क उपयोिगता; सम याएं तथा संभा ताएं.
का क काियक रचना, का के दोष तता असमानताएं, का ( ट बर) क पहचान-सामा य िस ांत.
3. वन संर ण तथा व य जीव िव ान: वन क ित-अजैव तथा जैव, िव वसंक शाखाएं (एजसी), क ड़े-मकोड़े तथा बीमा रयां, वायु दूषण का
वन पर भाव तथा फॉरे ट डाई बक. वन क ित क सु ािहता, ित का व प, कारण, रोकथाम, सुर ा मक उपाय तथा रासायिनक तथा
जैिवक िनयं ण से लाभ, अि से वन क सामा य सुर ा-उपकरण तथा िविध, अि के िनयं ण उपयोग, आ थक तथा पयावरणीय लागत,
ाकृितक आपदा के बाद ट बर बचाव संचालन. वन रोपण तथा वन के पुनः संचरण क काबन-डाईऑ साइड (CO2) िवलयन म भूिमका.
च य तथा िनयंि त चरान ( े जग), घास चारक तथा प ा चाक जानवर पर िनयं ण क िविभ िविधयां; व य जीव , मानव भाव,
अित मण, अनािधकार िशकार (पो चग), चरान, बाड़ लगाना, (लाइव फ सग) चोटी, थानांतरी जुताई का वन के संचरण पर भाव और
िनयं ण.
4. वन और अथ व था तथा िवधान: वन अथ व था-मौिलक िस ांत-लागत-लाभ िव ेषण, मांग और पू त का आकलन, रा ीय तथा अंतरा ीय
बाजार म िव ेषण का ख तथा उ पादन एवं उपभो ा ितमान (पैटन) म प रवतन; बाजार संरचना का मू य िनधारण तथा ेपण; िनजी
े तथा सहका रता क भूिमका; िनगिमत िव पोषण क भूिमका. वन क उ पादकता और दृि कोण का सामािजक-आ थक िव ेषण; वन क
व तु तथा सेवा का मू यांकन िवधान-वन िवकास का इितहास; 1894-1952 तथा 1990 क भारतीय वन नीित. रा ीय वन नीित 1988,
जन आवे न, संयु वन बंध, मिहला का आवे न, भूिम उपयोग से संबंिधत वन नीितयां तथा मु े; ट बर तथा गैर- ट बर उ पाद; सतत वन
बंध; औ ोिगक करण नीितया; सं थागत तथा संरचना मक प रवतन. िवक ीकरण तथा वािनक लोक शासन/वन िनयम, आव यकता; सामा य
िस ांत, भारतीय वन अिधिनयम,1927, वन संर ण अिधिनयम,1980; व यजीव संर ण अिधिनयम, 1972 और उनम संशोधन, भारतीय
आचार संिहता का वािनक म अनु योग. वन क सूची का योजन और उ े य.
भू-िव ान
प -1
खंड-क
(i) सामा य भू-िव ान: सौरमंडल (प रवार), उ का पड, पृ वी क उ पि एवं आंत रक संरचना. रेिडयोएि टिवटी एवं पृ वी क आयु, वालामुखी
कारण एवं उ पाद, वालामुखी मेखला, भूकंप-कारण, भाव, भूकंप-मेखलाय, भारत क भूकंपनीयता, ती ता, प रमाण, भूकंपलेखी. ि पचाप ,
गहन सागर खाइयां एवं म य सागरीय कटक. महा ीपीय िव थापन-सा य एवं यािविध, समु तल िव तांरण, लेट िववतिनक. समि थितक ,
पवतन, प जात रचना. महा ीप और महासागर.
(ii) भूआकृित िव ान एवं सुदूर संवेदन: भूआकृित िव ान क मूलभूत अवधारणाय. अप य एवं बृहत ित. भूआकृितयां, वणता भूआकृित एवं
अपवाह. भूआकृित च एवं उनक ा या. आकृित िव ान और इनक संरचना एवं अ म िव ान म संबंध. खिनज पूव ण. िसिवल इंजीिनयरी,

24
जल िव ान एवं पयावरण अ ययन म भूआकृित िव ान का अनु योग. भारत उप महा ीप क भू आकृित. वायव फोटो ाफ एवं उनक ा या-गुण
एवं सीमाएं. िव ुत चु बक य पै म. क ीय उप ह एवं संवेदक तं . भारतीय सुदूर संवेदन उप ह. उप ह आंकड़ा उ पाद. भूिव ान म सुदूर
संवेदन का अनु योग. भौगोिलक सूचना प ित (जीआईएस) और उनका अनु योग. िव ापी ि थितक तं (जीपीएस).
(iii) संरचना मक भूिव ान: भूवै ािनक मानिच ण एवं मानिच पठन, ेपण आरेख, ितबल एवं िवकृित दीघवृतज तथा सुघ ( लाि टक) एवं
यान पदाथ का ितबल-िवकृित संबंध. िव पित शैल म िवकृित िच नक. िव पण अव था के अंतगत खिनज एवं शैल का वहार. बलन एवं
ंश-वग करण एवं यािविध. बलन, शा कन, सरेखन, संिध (जोड़) एवं ंश िवषम िव यास का संरचना मक िव ेषण. अ यारोिपत िव पण.
टलीय एवं िव पण के बीच काल संबंध. शैल संिव यासी का प रचय.
खंड-ख
(iv) जीवा म िव ान: जाित-प रभाषा एवं नाम प ित. गु जीवा म और सू मजीवा म. जीवा म के प रर ण क अव था. िविभ कार के सू म
जीवा म. सहसंबंध पे ोिलयम अ वेषण, पुराजलवायवी एवं पुरासमु िव ान अ ययन म सू म जीवा म का अनु योग. शीषपाद, ाईलोबाटा,
ै कयोपोड़ा, काइनाइिडया एवं ऐ थेजोआ का आकृितिव ान, भूवै ािनक इितहास एवं िवकासवादी वृि . ऐमोनाइिडया, ाइलोबाटा,
ै टोलाइिडया क त रक उपयोिगता. होमीिनडी, ए डी एवं ोबोसीिडया (हाथीगण) म िवकासवादी वृि . िशवािलक ािणजात. ग डवाना
वन पितजात और इनका मह व.
(v) त रक एवं भारत का भूिव ान: त रक अनु म का वग करण: अ म त रक, जैव त रक, काल- त रक और चु बक त रक तथा उनका
अंतसंबंध. भारत के ैि यनपूव शैल का िवतरण एवं वग करण. ािणजात, वन पितजात और आ थक मह व के संदभ म भारत के दृ याजीवी
शैल का त रक िवतरण एवं अ मिव ान का अ ययन. मु य सीमा सम याएं- ैि यन. कैि यनपूव, प मयन/ ाईऐिसक, टेशस. तृतीय एवं
अितनूतन/अ यंत नूतन. भूवै ािनक भूतकाल म भारतीय उपमहा ीप म जलवायु दशा, पुराभूगोल तथा आ ेय याकलाप का अ ययन. भारत का
िववतिनक ढांचा. िहमालय का िवकास.
(vi) जल भूिव ान एवं इंजीिनयरी भूिव ान: जल च और जल का आनुवांिशक वग करण. अध तल जल क गित. झरना, संरं ता, पारग यता,
वचािलत चालकता, पारग यता एवं संचयन गुणांक, जलभृत का वग करण. शैल क जलधारी िवशेषता. भौमजल रसायन िव ान. लवणजल
अंतवधन. कूप के कार. अपवाह ोणी आकारिमित. ौमजल का अ वेषण. भौमजल पुनभरण. भौमजल क सम या एवं बंध. वषा जल उपजन.
शैल के इंजीिनयरी गुणधम. बांध सुरंग तथा पुल के िलए भूवै ािनक अ वेषण. िनमाण पदाथ के प म शैल. ार-पुंज ित या. भू खलन-कारण,
रोकथाम एवं पुनवास. भूकंप-रोधी संरचनाएं.
प -2
खंड-क
(i) खिनज िव ान:
1. टल का समुदाय तथा समिमित वग करण. अंतरा ीय टलीन अंकन. टल समिमित को िन िपत करने के िलए ेपण आरेख का
उपयोग. टल दोष. ए स रे टल िव ान के त व.
शैल िव ािनक य सू मदश एवं उसके उपसाधन. सामा य शैलकारी खिनज के कािशक गुणधम. खिनज म ब वणता. िवलोप कोण, ि
अपवतन/अपवतन, यमलन एवं क णन.
शैलकारी िसिलकेट खिनज वग के भौितक एवं रासायिनक ल ण. िसिलकेट का संरचना मक वग करण. आ ेय एवं कायांतरी शैल के सामा य
खिनज. काब नेट, फासफेट, स फाइड एवं हेलाइड वग के खिनज.
(ii) आ ेय तथा कायांतरी शैल िव ान: मै मा का उ पादन एवं टलन. एै बाइट-ऐनॉथइट, डाइआ साइड-एनॉथाइट एवं डाइआ साइड-वोलो-
टोनाइट-िसिलका समुदाय का टलन. या िस ांत/मै मीय िवभेदन एवं वांगीकरण. आ ेय शैल का गठन एवं संरचना का शैल आनुवांिशक
मह व. ेनाइट साइनाइट हाईओराइट, अ पिसिलक एवं अ य पिसिलक, चान काइट, ऐनाथ साइट एवं ारीय शैल क शैलवणना एवं शैलो पि .
काब नेटाइट. द खन वालामुखी शैल े .
2. कायांकरण के कार एवं कारक. कायांतरी को ट एवं मंडल. ाव था (फैज) िनयम. ादेिशक एवं सं पश कायांतरण के िलए संल ी. एसीएफ
एवं एकेएफ आरेख. कायांतरी शैल का गठन (बुनावट) एवं संरचना. बालुकामय. गु मय एवं अ प िसिलक शैल का कायांतरण. खिनज समु य.
प गितक कायांतरण. त वांतरण एवं ेनाइटीकरण, िम मैटाइट. भारत के ेनुलाइट भूभाग (शैल देश).
(iii) अवसाद िव ान: अवसादी शैल िनमाण क या, संघनन और िशलीभवन, अवसाद तलछट के गुणधम, खंडज और बखंडज शैल-उनका
वग करण, शैल वणना एवं िन ेपण पयावरण, अवसादी संल ी और उनका मह व, भारी खिनज और उनका मह व, भारत क अवसादी ोिणयां।
ख ड-ख
(iv) आ थक भूिव ान: अय क, अय क खिनज एवं गग अय क का औसत ितशत. अय क िन ेप का वग करण. खिनज िन ेप के िनमाण क
या. अय क थानीकरण का िनयं ण. अय क का गठन. (बुनावट) एंव संरचना. धातुजिनक युग एवं े . ए यूिमिनयम ोिमयम, तांबा, सोना,
लोहा, शीशा, ज ता, मगनीज, टटेिनयम, यूरेिनयम और थो रयम एवं औ ोिगक खिनज के मह वपूण भारतीय िन ेप का भूिव ान. भारत म
कोयला एवं पे ोिलयम का िन ेप. रा ीय खिनज नीित. खिनज संसाधन का संर ण एवं उपयोिगता. समु ी खिनज संसाधन और समु ी िनयम.
(v) खनन भूिव ान: पूव ण िविध-भूवै ािनक, भूभौितक य, भूरासायिनक एवं भूवान पितक. ितचयन तकनीक. अय क िनचय का आकलन.
अ वेषण तथा खनन क िविधयां-धाि वक अय क, औ ोिगक खिनज एवं समु ी खिनज संसाधन, खिनज स ीकरण एवं अय क साधन.
(vi) भू-रसायन िव ान तथा पयावरणीय भूिव ान: त व का अंतर ीय बा य. ह तथा उ का पड क बनावट. पृ वी क संरचना तथा बनावट
एवं त व का िवतरण. अ प मांि क त व/लेश त व. टल रसायिनक के त व, रासािनयक बंधन के कार, िनदशक सं या. समाकृितकता और
ब कृितकता. ारंिभक उ मगितक . ाकृितक संकट-बाढ़, भू खलन.
तटीय अपरदन, भूकंप एवं वालामुखीय याकलाप तथा यूनीकरण, शहरीकरण का पयावरणीय भाव, िववृत खनन, औ ोिगक तथा
िवघटनािमक अपिश ट िनपटान, उवरक का योग, खिनज अपिश ट का ढेर और लाइ ऐश, भोग तथा भूपृ ठ जल दूषण, समु ी दूषण,
पयावरण सुर ा-भारत म िवधायी उपाय ।
गिणत
न प -।
खंड-क
रैिखक बीजगिणत :
स दश समि ट, रैिखक आि तता एवं वतं ता, उपसिम ट, आधार, िवमा, प रिमतिवमीय स दश समि ट, आ यूह, (मै सेस), ले-हैिस टन,
मेय, अिभल िणक मान एवं अिभल िणक स दश, रैिखक पा तरण का आ यूह, पं तीय एवं तंभीय लघुकरण सोपानक प, तु यता,

25
समशेषता एवं सम पता, िविहत प का लघुकरण, को ट, लंबकोपीय/लांिबक, समिमत, िवषम समिमत, ऐ कक, ह मटीय, िवषम ह मटीय प
उनके अिभल िणक मान, ि घाती एवं ह मटीय समघात के लंबकोणीय/लांिबक एवं ऐ कक लघुकरण,धना मक िनि चत ि घाती समघात ।
कलन : वा तिवक सं याएं, सीमांत, सांत य, अवकलनीयता, सभी मा यमान मेय, शेषफल के साथ टेलर का मेय, अिनधा रत प,
उि च ठ एवं अि प ठ; अनत पश , ब चर के फलन; सांसरण, अवकलनीयता, आंिशक अवकलन, उि च ठ एवं अि प ठ लं ाज क गुणक
िविध, जैकोिबयन, िनि चत समाकल , क रीमान प रभाषा, अिनि चत समाकल, अनंत (इन फिनट एवं इमू ापर) समाकल बीटा तथा गामा
फलन, ि धा तथा ि धा समाकलन (केवल मू यांकन िविधयां), े , पृ ठ एवं आयतन, गु व–के । िव लेिषक यािमित : दो तथा तीन
िवमा म कात य तथा ुवीय िनदशांक, दो तथा तीन िवमा म ि तीय को ट समीकरण, िविहत प का लघुकरण, सरल रेखाएं, दो
िवषमतलीय रेखा के बीच क लघुतम दूरी, समतल, गोलक, शंकु, बेलन, परवलभज, दीघवृ तज, एक तथा दो पृ ठी अितपरवलयज एवं उनके
गुणधम ।
खंड-ख
साधारण अवकल समीकरण : अवकल समीकरण का सं पण, को ट एवं घात, थम को ट तथा थम घात का समीकरण, समाकलन गुणक; थम
को ट के कतु थम घात के नह , समीकरण, लेरो का समीकरण, िविच हल, िनयम (अचर) गुणांक वाले उ चतर को ट के रैिखक समीकरण,
पूरक फलन एवं िवशेष समाकल, यापक हल, ऑलर-कोशी समीकरण, चर गुणांक वाले ि तीय को ट के रैिखक समीकरण, पूण हल का िनधारण
जब एक हल ात हो, ाचल के िवचरण क िविध ।
गितक , थैितक , व थैतक : वतं ता क को ट एवं यवरोध, अजरेखीय गित, सरल आवतगित, समतल म गित, े य, यवरोध गित,
काय एवं ऊजा, ऊजा का संर ण, आवेगी बल के अंतगत गित, के लर के िनयम, के ीय बल के अंतगत क ाएं, प रवत यमान क गित,
ितरोध के अंतगत गित, कण-िनकाय का संतुलन, काय एवं ि थितज ऊजा, घषण, साधारण कैटनरी, कि पत काय के िस ांत,
सा यव था/संतुलन का थािय व, तीन िवमा म बल सा याव था/संतुलन ।
भारी तरल का दाब, दए गए बल िनकाय के अंतगत तरल क सा याव था/संतुलन, बरनूली का समीकरण, दाब के व पृ ठ का णोद, तैरते
ए िप ड क सा याव था/ संतुलन,सा याव था/संतुलन का थािय व, आ लव के , गैस का दबाव ।
स दश िव लेषण : अ दश एवं स दश े , ि क गुणनपल, अ दश चर के स दश फलन का अवकलन, कात य म वणता, अपसरण एवं कल,
बेलनाकार और गोलीय िनदशांक तथा उनक भौितक या या । उ चतर को ट अवलज, स दश त समक एवं स दश समीकरण ।
यािमित का अनु योग : आकाश म व , व ता एवं ठन, सेरेट- ेनेट के सू , गाऊस एवं टोक के मेय, ीन के त समक ।
न प -2
खंड-क
बीजगिणत :
समूह, उपसमूह, सामा य उप समूह, समूह क समाका रता, िवभाग समूह, मूल तु यका रता का मेय, साइल -समूह, मचय समूह, केली-
मेय, बलन एवं गुणजावली, मु य गुणजावली ांत, अि तीय गुणनखंडन ांत एवं यू लीिडयन ांत (डोमन) े के िव तार, प रिमत े ।
वा तिवक िव लेषण : वा तिवक सं या िनकाय, िमत समु चय प रबंध, िमत े , यूनतम उपरी प रबंध यु त िमत े को
मानते ए वा तिवक सं या, िनकाय, कोशी अनु म, पूणता के प म वा तिवक सं या िनकाय, फलन का सांत य एवं एक समान सांत य,
सिहत सु चय पर सांत य फलन के गुण धम, रीमान समाकल, अनंत समाकल, वा तिवक तथा सिम पद क ेिणय (माला ) का िनरपे
तथा सं ितबंध अिभसरण, ेिणय (माला ) का पुनिव यास, फलन को अनु म तथा ेिणय के िलए एक समान अिभसरण, सांत य,
अवकलनीयता एवं समाकलिनयता, ब चर वाले फलन का अवकलन, आंिशक अवकलज के, म म प रवतन, अ प ट फलन मेय, अि च ठ
एवं अि प ठ ब समाकल ।
सि म िव लेषण : िव लेिषक फलन, कोशी-रीमान फलन, कोशी का मेय, कोशी का समाकल सू , घात ेणी, टेलर ेणी, लोरां ेणी,
िविच ताएं, कोशी अवशेष मेय, क टूर समाकलन, अनु ोण ांितिच ण, ि रेिखक पात तरण ।
रैिखक ो ामन : रैिखक ो ामन सम याय आधोरी हल, आधारी सुसंगत हल एवं इ टतम हल, आलेखी िविध तथा हल क एकधा िविध,
ैतता, प रवहन तथा िनयतन सम याएं, मणशील िव ेता क सम याएं ।
खंड-ख
आंिशक अवकल समीकरण : तीन िवमा म व तथा पृ ठ : आंिशक अवकल समीकरण का सं पण, dx/p-dy/q-dz/r कार के समीकरण का
हल: लंबकोणीय संछेदी, फे फयन अवकल समीकरण, थम को ट का आंिशक अवकल समीकरण, कोशी अिभल ण िविध ारा हल, हल क चा पट
िविध, िनयत गुणांक से यु त ि तीय को ट के रैिखक आंिशक अवकल समीकरण, कंिपत तंतु के समीकरण, ताप समीकरण, ला लास समीकरण ।
सं या मक िव लेषण एवं कं यूटर मादेशन : सं या मक िविधयां : ि िवभाजन ारा एक चर के बीजगिणतीय तथा अबीजीय समीकरण का
हल, िम याि थित (रेगुला फारसी) तथ यूटनरा सन िविधयां । गाउसीय िनराकरण तथा गाउस-जाडन ( य ) िविधय ारा, गाउस-सैडल
(पुरावत ) िविध ारा रैिखक समीकरण के िनकाय का हल, यूनतम का (अ तथा प च) तथा ल ांज क अंतवशन िविध, सं या मक
समाकलन: िस पसन का ितहाई िनयम, समलंबी िनयम, गाउसीय े कलन सू । साधारण अवकल समीकरण का सं या मक हल : आयलर तथा
गेकुटूट-िविधयां ।
कं यूटर मादेशन ( ो ामन) : क यूटर म अंक का संचयन, िब स, बाइ स तथा बडस, ि आधारी प ित, अंक पर गिणतीय तथा तक संगत
सं याय । िवटवार याय, AND, OR, XOR, NOT एवं िव थापन/घूणन संकारक, अ ट आधारी तथा षोडस आधारी प ितयां, दशमलव
प ित से तथा दशमलव प ित म पांतरण।
अिचि हत पूणाक िचि हत पूणाक तथा वा तिवक, ि प रशु ता वा तिवक तथा दीघ पूणाक का िन पण। सं या मक िव लेषण सम या
के हल के िलए ए गो र म तथा वाह संिच ।
सं या मक िव लेषण म ली जाने वाली सम या संबंधी िविधय के िलए बेिसक म साधारण मादेशन ( ो ामन) का िवकास ।
यांि क एवं तरल गितक : यापीकृत िनदशांक, यवरोध, होलोनोमीय तथा गैर हालोनोमीय प ितयां । िड ल बट िस ांत तथा ल ांज के
समीकरण, हेिम टन के समीकरण, जड़ व–आधूण, दो िवमा म दृढ़ िप ड क गित ।
सांत व समीकरण, अ यान वाह के िलए ऑयलर का गित समीकरण, वाह रेखाय, कण का पथ, िवभव वाह, ि िवभीय तथा अ त: समिमत
गित, उ म तथा अिभगम, िमल गित, बेलन और गोलक के पार वाह, ितिब ब क िविध, यान तरह के िलए नेिबयर टॉक समीकरण ।
यांि क इंजीिनयरी
न प -।

26
1. मशीन के िस ांत : समतलीय यांि कल का शु -गितक और गितक िव लेषण, कैम, िगयर तथा िगयर मालाएं, गितपालक च म,
अिधिनयं क (गवनस) दृढ़ घूणक का संतुलन, यांि क तं का रेखीय कंपन िव लेषण (एकल तथा ि वातं को ट), शै ट क ांितक गित और
ांितक घुण गित, वत: िनयं ण, प ा चालन तथा ृंखला चालन, वगित क बेय रग ।
2. ठोस यांि क : दो िवमा म ितबल और िवकृित, मु य ितबल और िवकृित, मोहर िनमाण, रेखीय या थ पदाथ, समदैिशकता और
िवषमदेिशकता (Anisotaopy) ितबल-िवकृित संबंध, एक अ ीय (Uniaxial) भरण, तापीय ितबल, घरन, बंकन आघूण और अप पण बल
आरेख, बंकन ितबल और घरन का िव ेप अप पण ितबल िवतरण, शै ट क ठन, कुंडिलनी ग, संयु त ितबल िवतरण, मोटी और
पतली दवार वाले दाब पा , संपीडांग और तंभ, िवकृित ऊजा संक पना और िवफलता िस ांत, घूण च का, संकुचन अ वायोजन ।
3. इंजीिनयरी पदाथ : ठोस पदाथ क संरचना क मूल संक पनाएं, टलीय पदाथ, टलीय पदाथ म दोष, िम धातु और ि अंक कला
आरेख, सामा य
इंजीिनयरी पदाथ क संरचना और गुणधम, इ पात का ऊ मा उपचार, लाि टक, मृि तका और संयोिजत पदाथ, िविभ न पदाथ के सामा य
अनु योग ।
4. िनमाण िव ान : मचट का बल िव लेषण, टेलर क औजार-आयु समीकरण, मशीनन सुकरता और मशीनन का आ थक िववेचन, दृढ़, लघु और
लचीला वचालन, एन.सी., सी.एन.सी. आधुिनक मशीनन प ितयां – ईडीएन, ई.सी.एम. और परा यक । लेजर और ले मा का अनु योग,
पण, म का िव लेषण । उ च ऊजा दर क पण । जग, अ वायुि तयां, औजार और गेज, ल बाई, ि थित, ोफाइल तथा पृ ठ
प र कृित का िनरी ण ।
5. िनमाण बंध : उ पादन, आयोजन तथा िनयं ण, पूवानुमान-गितमान मा य, चरघातांक मसृणीकरण, सं या अनुसूचन, सम यायोजन रेखा
संतुलनस, उ पाद िवकास, संतुलन- तर िव लेषण, धा रता आयोजन, पट और सी.पी.एम. िनयं ण सं या : मालसूची िनयं ण – ए.बी.सी.
िव लेषण, ई.ओ. यू. िनदश, पदाथ आव यकता योजना, कृ यक अिभक पना, कृ यक मानक, काय मापन, गुणव ता बंध-गुणव ता
िव लेषण और िनयं ण, सांि यक य गुणव ता िनयं ण, सं या अनुसंधान : रेखीय ो ामन- ाफ य और िस ले स, िविधयां, प रवहन और
समानुदेश िनदश, एकल प रवेषक पंि त िनदश, मू य इंजीिनयरी : लागत/मू य िव लेषण, पूण गुणव ता बंध तथा पूवानुमान तकनीक,
प रयोजना बंध ।
6. अिभकलन के घटक : अिभकिलत (कं यूटर) संगठन, वाह संिच ण, सामा य कं यूटर भाषा - फो ॉन, डी-बेस-।।।, लोटस 1-2-3 सी-के
अिभल ण और ारंिभक मादेशन ( ो ामन)
न प -2
1. ऊ मागितक : मूल संक पनाएं/ िववृत एवं संवृत तं , ऊ मागितक िनयम के अनु योग, गैस समीकरण, लेिपराम समीकरण, उपल धता,
अनु ूणीयता तथा टी.डी.एस. संबंध ।
2. आई.सी. इंजन तथा दहन : फु लग जवलन तथा संपीड़न जवलन इंजन, चतुर ोक इंजन तथा ि ोक इंजन, यांि क, ऊ मीय तथा
आयातिनक द ता, ऊ मा संतुलन, एन.आई. तथा सी.आई. इंजन म दहन मन, एस.आई. इंजन म पूव वलन अिध फोटन, सी.आई. इंजन म
डीजल अप फोटन, इंजन के धन का चुनाव, आ टेन तथा सी ेन िनधारण, वैकि पक धन, काबुरेशन तथा धन अ त: ेपण, इंजन उ सजन
तथा िनयं ण, ठोस, तरल तथा गैसीय धन, वायु के ताि वक िम ण क अपे ाएं तथा अित र त वायु गुणक फलू गैस िव लेषण, उ चतर तथा
यूनतम कैलोरी मान तथा उनका मापना ।
3. ऊ मा–अंतरण, शीतन तथा वातानुकूलन : एक तथा ि िवमी ऊ मा चालन, िव ता रत पृ ठ म ऊ मा अंतरण, णे दत तथा मु त संवहन
ारा ऊ म अंतरण, ऊ मा-िविनयिम , िवस रत तथा संवहन यमान अंतरण के मूल िस ांत, िव करण िनयम: याम और गैर याम पृ ठ के
म य ऊ मा िविनमय, नेटवक िव लेषण, उपमा पंप, शीतन तं , संघिन , वाि प तथा सार युि तयां तथा िनयं क, शीतर य के गुण
धम तथा उनका चयन, शीतन तं तथा उनके अवयन, आदतािमित, सुखदता सूचकांक, शीतन भार प रकलन, सौर शीतन ।
4. टब यं तथा िव ुत संयं : आंवि छ नता, संवेग तथा ऊजासमीकरण, ो म यथा समदैिशक वाह, फैन रेखाएं, रैले रेखाएं, अ ीय
वाह टरबाइन और संपीडक के िस ांत तथा अिभक पना, टब मशीन लैड म से वाह, सोपानी, अपके ी संपीडक । िवमीय िव लेषण तथा
िनदशन, माप, जल, नािभक य तथा आपातोयोगी िव ुत, शि त संयं के िलए थल का चुनाव, आधार तथा चरम भार िव ुत, शि त संयं
का चुनाव आधुिनक उ च दाब, गु काय बॉयलर, वात तथा धुिल हटाने के उप कर, धन तथा जल शीतन तं , ऊ मा संतुलन, टेशन तथा
संयं , ऊ मा दर, िविभ न िव ुत शि त संयं का चालन एवं अनुर ण, िनरोधक अनुर ण, िव ुत उ पादन का आ थक िववेचन ।
भौितक
न प -।
खंड-क
1. लािसक यांि क :
(क) कण गितक : यमान के तथा योगशाला िनदशांक, रेखीय तथा कोणीय आघूण का संर ण, राकेट समीकरण रदरफोड क णन,
गैलीिलयन पा तरण जड़ वीय तथा अजड़ वीय ेम, घूण ेम, अपके ीय तथा को रयािलस बल, फूको लोलक ।
(ख) कण िनकाय : यवरोध, वतं ता क को ट, सामा यीकृत िनदशांक तथा आघूण ल ांज का समीकरण तथा रेखीय सनांदी दोिल म उसके
अनु योग, सरल लोलक तथा के ीय बल सम याएं च य िनदशांक, हेिम टोिनयन, हेिम टन के िस ांत से ल ांज समीकरण ।
(ग) दृढ़ पड गितक : आयलरी कोण, जड़ व तािनका, जड़ व के मु य आघूण । दृढ़ पड क गित का आयलर का समीकरण दृढ़ पड क बल
मु त गित, घणा थायी (जाइरो कोप) ।
2. िविश ट आपेि क , तरंग तथा यािमतीय कािशक :
(क) िविश ट आपेि क : माइ लसन – मोल योग और उसके अनुषंिगक लारज पा तरण दै य संकोच, काल वृि , वेग प रव न, िवपथन
तथा डा लर भाव, यमान ऊजा संबंध, य या के सरल अनु योग, मको क द िच , चतुष आयामी आघाण स दश भौितक समीकरण
के सह सारण ।
(ख) तरंग : सरल आवत गित, अवमं दत दोलन, णो दत दोलन तथा अनुवाद, िव पंद तंतु म ि थर तरंग । प दन तथा तरंग संचाियका,
ाव था तथा समूह वेग हाईजन के िस ांत से परावतन तथा अपवतन ।
(ग) यािमतीय काश िव ान : फरमेट के िस ांत से परावतन तथा अपवतन के िनयम, उपा ीय काश िव ान म आ यूह (मै स) प ित,
पतले लस के सू , िन पंद तल, दो पतले लस क णाली, वण गोलीय िवपथन ।
3. भौितक काश िव ान :

27
(क) यितकरण : काश का यितकरण – यंग का योग, यूटन वलय, तनु फ म ारा यितकरण, माइक सन यितकरण मापी, िविवध
करणपुंज यितकरण तथा फे ी-पेरट यितकरण मापी, होलो ाफ तथा उसके सरल अनु योग ।
(ख) िववतन : ानहोफर िववतन – एकल रेखा िछ (ि लट), ि रेखा िछ , िववतन े टग िवभेदन मता- ेजनेल समाकल । कोनू केस पल
(ि परल) का एक सीधे कोर पर िववतन-अ आवतन जोन तथा जोन लेट। ेजनेल िववतन तथा लंबी संक ण रेखा िछ के िव लेषण म
अनु योग – तृतीय ारक ारा िववतन तथा वायवीय पैटन ।
(ग) ुवीकरण तथा आधुिनक काश िव ान : रेखीय, वृ तीय तथा दीघवृ तीय ुिवत काश का उ पादन तथा अिभ ान ि अपवतन, चतुथाश
तरंग लेट, ुवण घूणकता – रेखा कािशक के िस ांत ीणन, टेप-इंडे स तथा परबलियक इंडे स तंतु म पंद प र ेपण, पदाथ प र ेपण,
एकल प रेशा (फाइबर), लेसर – आइन टाइन क और ख गुणांक । बी तथा हीिलयम – िनयान लेसर, लेसर काश क िवशेषताएं, थािनक
तथा कािलक स ब ता, लेसर करणपुंज को फोकस करना । लेसर या के िलए तीन तरीय योजना ।
खंड-ख
4. िव ुत एवं चु बक व :
(क) ि थर वै ुत एवं ि थर चु बक य :
ि थर वै ुत म ला लेस एवं वास समीकरण एवं उनका अनु योग । आवेश िनकाय क ऊजा, आ दश िवभव का ब ुव सार । ितिब ब िविध
एवं उनका अनु योग ि ुव के कारण िवभव एवं े , बा े म ि ुव पर बल एवं बलआघूण । परावै ुत, ुवण प रसीमामान सम या का हल
– एक समान वै ुत े का चालक तथा परावै ुत गोलक । लौह चु बक य पदाथ, शैिथ य, ऊजा ास ।
(ख) धारा िव ुत : करचौफ िनयम एवं उनका अनु योग । बाय -सवाट िनयम, ऐि यर का िनयम, फैराडे का िनयम, ले ज का िनयम,
व- एवं अ योन ेरक व । यावत धारा ( .धा.) प रपथ म मा य एवं वग मा य मूल (आर.एम.एस.) मान एलआर, सीआर, एवं एलसीआर
प रपथ – ेणीब एवं समा तर अनुनाद। गुणता कारक प रणािम ( ा सफॉमर) के िस ांत ।
5. िव ुत चु बक य िस ांत एवं कृि णका िव करण :
(क) िव ुत चु बक य िस ांत :
िव थापन धारा एवं मे सवेल का समीकरण । िनयात म तरंग समीकरण वाइ टग मेय । स दश एवं अ दश िवभव, मापी िन चरता,
लोरे स एवं कूलॉम मापी िव ुत चु बक य े दश, मै सवेल समीकरण का सह सरण, समदैिशक परावै ुत म तरंग समीकरण, दो
पैरावै ुत के प रसीमा पर परावतन तथा अपवतन ैनल संबंध । सामा य एवं असंगत वण िव ेपण । रैले क णन ।
(ख) कृि णका िव करण : कृि णका िव करण एवं लांक िव करण िनयम – टेफॉन- वो ज़मान िनयम, वीन िव थापन िनयम तथा रैले –
जी स िनयम, लांक यमान, लांक लंबाई, लांक समय, लांक तापमान एवं लांक ऊजा ।
6. तापीय एवं सांि यक य भौतक :
(क) ऊ मागितक : ऊ मागितक का िनयम, उ य तथा अ ित य म, ए ॉपी । समतापी, ो म, समदाब, सम आयतन म
तथा ए ॉपी प रवतन । ऑटो एवं डीजल इंजन, िग स ाव था िनयम एवं रासायिनक िवभव । वा तिवक गैस क अव था के िलए वै डरवाल
समीकरण, ाितक ि थरांक । आि वक वेग के िलए मै सवेल बो जमानं िवतरण, प रवहन प रघटना, समिवभाजन, वी रयल मेय । ठोस क
ऊ मा का ूलां-पेती, आइं टाइन, डेबाइ िस ांत । मे सबेल संबंध एवं अनु योग, लेिपरॉन लािसअस समीकरण, ो म िवचुंबकन, जूल –
केि वन भाव एवं गैस का वण ।
(ख) सांि यक भौितक : साहा य आयनन सू । बोस-आइं टाइन वण/संघनन । आदश फम गैस का ऊ मागितक यवहार । च शेखर
सीमा, यू ान तारा एवं पॅ सार के िवषय म ारंिभक धारणा । यादृि छक मण के प म ाउनी गित, िवसरण म । नाकारा मक ताप क
अवधारणा ।
न प -2
खंड-क
1. वा टम यांि क -। :
कण तरंग ैतता । ो डगर समीकरण एवं याशा मान । अिनि चतता िस ांत । एक िवमीय ो डगर समीकरण का हल – मु त कण (गाउसीय
तरंग – वे टन (पैकेट) बा स म कण, प रिमत कूप म कण, रैिखक आवत लोलक । िवभव टेप एवं आयताकार रोिधका ारा परावतन एवं
संचरण । अ फा ास सम या म जीवन अविध प रकलन हेतु ड यू के बी सू का उपयोग ।
2. वा टम यांि क ।। एवं परमाणु भौितक :
(क) वा टम यांि क-।। : ि िवमीय बा स म कण, अव था का घन व, धातु का मु त इलै ान िस ांत । कोणीय संवेग सम या ।
हाइ ोजन परमाणु । अ च ण सम या एवं पाउली च ण आ यूह के गुणधम ।
(ख) परमाणु भौितक : टन गलक योग, इलै ान च ण, हाई ोजन परमाणु क सू म संरचना । एल-एस (एल.एस.) यु मन, जे-जे (जे.
– जे.), यु मन, परमाणु अव था का पे मी संकेतन, जमान भाव । ांक – कॉ डन िस ांत एवं अनु योग ।
3. आिणवक भौतक : ि परमाणु अणु के धूणनी, का पिनक एवं इले ािनक पे म का ाथिमक िस ांत । रामन भाव एवं आिणवक
संरचना,लेजर रामन पे न िव ान । खगोल-िव ान एवं उदासीन हाइ ोजन परमाणु आिणवक हाइ ोजन एवं आिणवक हाइ ोजन आयन का
मह व । ितदीि त एवं फुरदी त एन.एम.आर. (एनएमआर) का ाथिमक िस ांत एवं अनु योग । लै ब सृित क ाथिमक या या एवं
इनका मह व ।
खंड-ख
4. नािभक य भौितक :
मूलभूत नािभक य गुणधम आकार, बंधन-ऊजा, कोणीय संवेग, समता, चुंबक य आधूण । सािम-आनुभािवक संहित सू एवं अनु योग । यमान
परवलय, ूटरॉन क मूल अव था, चुंबक य आधूण एवं अके ीय बल, नािभक य बल का मैसान िस ांत । नािभक य बल क मुख िवशेषताएं ।
नािभक का कोश मॉडल – सफलता एवं सीमाएं, वीटा ास म समता का उ लंघन । गामा ास एवं आंत रक पातंरण, मासबौरर पै म
िव ान के बारे म ाथिमक धारणा । नािभक य अिभ या का ( यू) – मान । नािभक य िवखंडन एवं संलयन, तारा म ऊजा उ पादन ।
नािभक य रऐ टर ।
5. कण भौितक एवं ठोस अव था भौितक :
(क) कण भौितक : मूल कण का वग करण एवं उनक अ यो य या, संर ण िनयम । हाइ ोजन क वाक संरचना । ीण-वै ुत एवं
बल अ यो य या का े वा टा, बल के एक करण क ाथिमक या या, यू न क भौितक ।

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(ख) ठोस अव था भौितक : घनीय टल संरचना, ठोस का प िस ांत : चालक, िव ुतरोधी एवं अ चालक । अितचालकता के अवयव,
माइ नर भाव, जोजेफसन संिध एवं अनु योग । उ च ताप म अितचालकता क ाथिमक या या ।
6. इले ॉिनक : नेज एवं बा अ चालक – p-n-p (पी-एन-पी) एवं n-p-n (एन-पी-एन) ांिज टर । वंधक एवं दोिल ।
सं या मक वंधक FET (एफईटी), JEET (जे.एफ.ई.टी.) एवं MOSFET (एमओएसएफईटी), अंक य इले ािनक – बूलीय त समक, डी
मागन िनयम, तकदार एवं स यमान सारणी । सरल तक प रपथ, ऊ म ितरोधी (थ म टर), सौर सैल माइ ो ोसेसर एवं अंक य संगणक ।
सांि यक
न प -1
ाियकता :
ितदश समि ट एवं घटनाएं – ाियकता मेय और ाियकता समि ट, मेय फलन के प म सादृि छक चर, यादृि छक चर का बंटन फलन,
असंतत तथा संतत कार के यादृि छक चर, ाियकता, यमान फलन, ाियकता घन व फलन, स दश-मान यादृि छक चर, उपांत और
स ितबंध बंटन, घटना और यादृि छक चर क संभा य वतं ता, यादृि छक चर क याशा तथा आघूण, सं ितब ध याशा,
यादृि छक चर क ृंखला का बंटन म, ाियकता म, य, मा यम म, तथा लगभग सव ि थित म अिभसरण उनका मानदंड तथा पार प रक
संबंध; मोरेलकेटेली मेियका, चेबीशेब तथा खिचन के बृहत सं या के दुबल िनयम, बृहत् सं या के सबल िनयम तथा को मोगोरोब के
मेय, लीबै क -कैटेली मेय, ाथिमकता जनक फलन, अिभला िणक फलन, ितलोमन मेय, ला लेस का पा तरण संबंिधत अि तीयत,
असांततय क िविभ न मेय, बंटन का उसके आघूण ारा िनधारण, लडनबग तथा लंबी के के ीय सीमा मेय, मानक संतत व असंतत
ाियकतता बंटन, उनका पार प रक संबंध तथा सीमांत बंटन, प रिमत माक व ृंखला के सामा य गुणधम ।
सांि यक य अनुिमित : संगित, अनिभननता, द ता, पया तता, यूनतम पया तता, पूणता, सहायक ितदशन, गुंणन खंडन मेय, बंटन का
चरघातांक समूह व इसके गुणधम, व प यूनतम सरण अनिभनत (यू.एम.पी.यू.) आकलन, राव- लैकबैल और लेहमैन-शेफे मेय, बंटन के
एकल व ब - ाचल समूह के िलए ामर-राब असिमका यूनतम सरण, प रब , आकलक तथा उसके गुण धम, ामर-राव असिमका, के
आप रवतन व िव तार, चैबमैनरौिब स असिमका, भ ाचाय के प रब , आघूण िविध ारा आकलन, अिधकतम संभािवता, यूनतम वग, यूनतम
काई-वग तथा आप रव तत यूनतम काई-वग, अिधकतम संभािवता व अ य आकलन के गुणधम, उपगामी द ता क धारणा, पूव तथा प च
बंटन क धारणा, बेज़ आकलक ।
अयादृि छकृत व यादृि छक परी ण, ांिसक फलन, एम.पी. परी ण, नेमन िपयसन मेियका, यू.एम.पी. परी ण, एक द ट संभािवता अनुपात,
सामा यीकृत नेमन िपयसन मेियका, सम प व अनिभनत परी ण, एकल व ब - ाचल बंटन समूह के िलए यू.एम.पी.यू. परी ण, संभािवता
अनुपात परी ण और इसके बृहत् ितदश गुणधम, काई-वग समंजन-सु ठुता परी ण व इसके उपगामी बंटन ।
िव वा मता प रब तथा परी ण के साथ इसके संबंध, एकसमान यथाथतम (यू.एम.ए.) व यू.एम.ए. अनिभनत िव व यता प रब ।
समंजन सु ठुता के िलए को मोगोरोव का परी ण और इसक संगित, िच न परी ण का इसका इ टतम व, िबलको सन िचि नत-को ट
परी ण और इसक संगित, को मोगोरोव-ि मरनोव का दो- ितदश परी ण, परंपरा परी ण िबलको सन-मैन हटनी परी ण व माि यका
परी ण, उनक संगित व उपगामी सामा यता ।
वा ड का एस.पी.आर.टी. व इसके गुणधम,ओ.सी. व ए.एस.एन. फलन, बा ड क मूल सवसिमका, अनु िमक आकलन ।
रैिखक अनुमित और ब चर िव लेषण : रैिखक सांि यक य िनदश, यूनतम वग का िस ांत और सरण िव लेषण, गास-माक क िस ांत,
सामा य समीकरण, यूनतम वग आकलन व इनक प रशु ता, एकधा, ि धा व ि धा वग कृत आकलन म यूनतम वग िस ांत पर आधा रत
साथकता परी ण एवं अंतराल आकलन, समा यण िव लेषण, रैिखक समा यण, व रेखी समा यण व लंब कोणीय ब पद, ब पदीय समा यण,
ब व आंिशक सहसंबंध, समा यण नैदािनक व संवे दता िव लेषण, अंशशोधन सम याएं, सरण व सह सरण घटक क आकलन, MINQUE
िस ांत, ब चर सा य बंटन, महालोनािब व का D² व होटे लग का T² ितदशज व उनके अनु योग व गुणधम, िबब तर, िव लेषण, िविहत
सहसंबंध, एकधा, MANOVA मु य घटक िव लेषण, उपादान िव लेषण के अवयव ।
ितचयन िस ांत तथा योग क अिभक पना : िनि चत समि ट व महा-समि ट उपगमन क परेखा, प रिमत समि ट ितचयन के सु प ट
ल ण, ाियकता ितचयन अिभक पना, सरल यादृि छक ितचयन- ित थापन के साथ और िबना ित थापन के, तरीकृत यादृि छक
ितचयन, मब ितचयन और संरिचत समि ट के िलए उसक भािवता, गु छ ितचयन, ि चरण तथा ब चरण ितचयन, एक अथवा
अिधक सहायक चर के िलए अनुपात व समा वण प ितयां, ि चरण ितचयन, ित थापन के साथ व उसके िबना, ाियकता अनुपाितक आमाप,
ितचयन, हे सन-हरिब ज और हरिब ज थॉ पसन के आकलक हरिब स थॉ पसन आकलन के संदभ म ऋणोतर सरण आकलन, ितचयन
ु टयां, संवेदनशील अिभल ण के िलए वानर क यादृि छक उ तर तकनीक ।
िनयत भाव िनदश (ि धा वग करण), यादृि छक एवं िमि त भाव िनदश (सम सं या ित कोि ठका े ण के साथ ि धा वग करण)
सी.आर.डी., आर.बी.डी., एल.एस.डी. व उनके िव लेषण, अपूण खंड अिभक पना, लंबकोणीयता व संतुलन क संक पना, बी.आई.बी.डी.
अ ा त े क ितिध, मगुिणत अिभक पना: 2n, 3² एवं 3³ एवं मगुिणत योग म संकरण, िवभ त- े और सरल जालक अिभक पनाएं।
न प -2
।. औ ोिगक सांि यक :
या एवं उ पाद िनयं ण : िनयं ण सिच के सामा य िस ांत : चर एवं गुण के िलए िविभ न कार क िनयं ण सिच : X, R, S, P np
एवं C सिच योग सिच , V-मा क : गुण के िलए एकल, ि , ब एवं अनु िमक ितचयन योजनाएं, : ओ.सी., ए.एस.एन., ए.ओ. यू. एवं
ए.टी.आई. व , उ पादक एवं उपभो ता के जोिखम क अवधारणाएं, ए. यू.एल., एल.टी.पी.डी. एवं ए.ओ. यू.एल. : चर के िलए
ितचयन योजना, डॉज-रो मग एवं सैिनक मानक सारिणय का उपयोग ।
िव वसनीयता क संक पना : अनुर णीयता एवं उपल धता, ृंखला एवं समा तर प ित क िव वसनीयता और अ य सरल िव यास पुन:
थापना घन व एवं पुन: थापना फलन, अितजीिवता िनदश (चरघातांक , बेबुल, लघुगुणक, रेले और बाथ-टब) अित र तता के िविभ न कार
और िव वसनीय सुधार म अित र तता का उपयोग, आयु परी ण म सम याएं, चरघातांक ित प के िलए िछ न और खंड व जत योग ।
।।. इ टसमीकरण िविधयां :
सं या िव ान म िविभ न कार के िनदश, उनक संरचना और हल करने क सामा य िविधयां, अनुकरण और मंटेकालो िविध, रेिखत ो ामन
(एल.पी.) सम या क संरचना और सू ण, सरल रैिखक ो ामन प और उसका आलेखी हल, एकधा या, ि चरण िविध और कृि म चर
सिहत एम.-तकनीक, रैिखक ो ामन का ैध िस ांत और उसका आ थक िनवचन; सु ािहता िव लेषण, प रवहन एवं िनयतन सम या; आयाितत
खेल; ि य तीक शू य-योग खेल; हल करने क िविधयां (आलेखी एवं बीजगिणतीय) ।

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िवफल एवं गुणा ािसत मद का ित थापन; समूह और यि ट ित थापन नीितयां; वै ािनक तािलका बंधन क संक पना तथा तािलका
सम या क िव लेिषक संरचना; अ ता काल के साथ तथा उसके िबना िनधारणा मक एवं संभा य मांग के सरल िनदश, डैम कर के िवशेष
संदभ सिहत संचयन िनदश ।
समाघात िविब त-काल माक व ृंखलाएं, सं मण ाियकता आ यूह, ि थितय का वग करण तथा अ यित ाय के मेय, समाघात सतत्-काल
माक व ृंखलाएं, वासो, या, पंि त िस ांत के अवयव, एम/एम/1, एम/एम/के, जी/एम/1 एवं एम/जी/1 पंि तयां ।
चिलत सॉ टवेयर पैकेज, जैसे एस.पी.एस.एस., के उपयोग से सांि यक य सम या का कं यूटर हल ।
III. मा ा मक अथशा व राजक य सांि यक :
वृि त िनधारण : मौसमी व च य घटक : बॉ स-जैन क स िविध : ृंखला क ि थरता के िलए परी ण, ए.आर.आई.एम.ए. (अ रमा) िनदश
तथा वसमा यण व गितमान मा य अवयव का म िनधारण, पूवानुमान।
साधारणतया यु त सूचकांक-लैसिपयर व पाशे एवं फशर का आदश सूचकांक : ृंखला-आधा रत सूचकांक, सूचकांक के योग व सीमाएं, थोक
मू य का सूचकांक, उपभो ता । मूल का सूचकांक, कृिष व औ ोिगक उ पादन का सूचकांक, सूचकांक के परी ण जैसे आनुपाितकता परी ण,
काल-िवषयज, उपदान उ म परी ण, ृंखिलक परी ण व िवमीय िन चरता परी ण । यापक रैिखक िनदश, आकलन क साधारण यूनतम
वग व यापक कृत यूनतम वग िविधयां, ब सरेखता क सम या,ब सरेखता के प रणाम व समाधान, वतहल संबंध व इसके प रणाम, िव ोभ
क िवषम िवचािलता व इसका परी ण, िव ोभ क वतं ता हेतु परी ण, जैलनर का तीयमान, असंब समा यण समीकरण िनदश व इसका
आकलन, संरचना क संक पना और युगवत समीकरण हेतु िनदश अिभिनधारण क सम या अिभिनधारण के हेतु को ट एवं म ितबंध; आकलन
क ि तरीय यूनतम-वग िविध। भारत म जनसं या, कृिष, औ ोिगक उ पादन, यापार और मू य क वतमान शासक य सांि यक य
णाली; शासक य आंकड़ के सं ह करने क िविधयां, उनक िव वसनीयता एवं सीमा और धान काश, जो ऐसे आंकड़ को अंत व ट करते ह ,
आंकड़ के सं ह के िलए उ तरदायी िविभ न शासक य एजिसय और उनके मु य काय ।
IV. जनसांि यक और मनोिमित :
जनगणना से ा त जनसांि यक य आंकड़े पंजीकरण, रा ीय ितदश सव ण तथा अ य सव ण, उनक सीमा और उपयोग, प रभाषा, जीवन-
मरण दर और अनुपात क रचना और उपयोग, उवरता क माप, ज म दर, अ व थता दर, मानक कृत मृ युदर, पूण और संि त वय सारिणयां,
ज म-मरण आंकड़ और जनगणना िववरिणय के आधार पर वय सारणी का िनमाण, वय सारिणय का उपयोग, वृि घात और अ य जनवृि व ,
वृि पात व संजन, जनसं या ेप, थाई जनसं या िस ांत, जनसांि यक य ाचल के आकलन म थाई और क प- थाई जनसं या
िविधय के उपयोग, अ व थता और उसक माप, मृ यु के कारण ारा मानक वग करण, वा य सव ण और अ पताल के आंकड़ का
उपयोग ।
माप म और परी ण क मानक करण प ितयां Z-समंक, मानक समंक, T-समंक, श मक समंक, बौि क तर और उसक माप तथा उपयोग,
परी ण समंक क मा यता और उसका िनधारण मनोिमित के उपादान । िव लेषण और पथ-िव लेषण का उपयोग ।
ािण िव ान
न प -1
भाग-क
अर जुक और र जुक :
(क) िविभ न फाइलम का उपवग तक वग करण एवं संबंध; एसीलोमेटा और सीलोमेटा; ाटो टोम और ूटेरो टोम, बाइलेटरेिडया और
रेिडएटा; ो ट टा, पैराज़ोआ, ओिनकोफोरा तथा हेिमकॉरडाटा का थान; सिमित।
(ख) ोटोजोआ : गमन, पोषण तथा जनन, लग का िवकास; पैरामीिशयन, मॉनोिस टम ला मोिडयम तथा लीशमेिनया के सामा य
ल ण एवं जीवनवृ त ।
(ग) पो रफेरा : कंकाल, नाल तं तथा जनन ।
(घ) सीलटेरेटा : ब पता; र ा संरचनाएं तथा उनक यािविध; वाल िभि तयां और उनका िनमाण, मेटाजेनेिसस; ओबीिलया और
औरीिलया के सामा य ल ण एवं जीवन-वृ त ।
(ड.) लै टडे मथीस : परजीवी अनुकूलन; फेिसओला तथा टीिनया के सामा य ल ण एवं जीवनवृ त तथा मानव के साथ उनका संबंध ।
(च) नेमे हे मथीस : ऐसके रस के सामा य ल ण, जीववृ त तथा परजीवी अनुकूलन; नेमे िह मंथ का मानव से संबंध ।
(छ) एंनेिलडा : सीलोम और िवख डता, पॉलीक ट म जीवन-िविधयां नेरीस (नीएंथीस), कचुआ (फे र टमा) तथा ज क (िह िडने रया) के
सामा य ल ण तथा जीवन-वृ त ।
(ज) आ पोडा : टेिशया म िड ब कार और परजीिवता, आ पोडो (झ गा, ितलच ा तथा िब छु) म दृि ट और वसन, क ट
(ितलच ा, म छर, म खी, मधुम खी तथा िततली) म मुखांग का पा तरण; क ट म कायांतरण तथा इसका हाम नी िनयमन; क ट (दीमक
तथा मधु-मि खय ) म सामािजक संगठन ।
(झ) मोल का : अशन, वसन, गमन, कवच िविवधता; लैमेिलडे स, पाइला तथा सीिपया के सामा य ल ण एवं जीवन-वृ त, गै ोपोड
म ठन तथा अ यावतन ।
(ञ) एकाइनोडमटा : अशन, वसन, गमन, िड ब कार, ऐ टी रअस के सामा य ल ण तथा जीवन-वृ त।
(ट) ोटोकॉडटा : र जु कय का उ व, कयो टोमा तथा हईमािनया के सामा य ल ण तथा जीवनवृ त।
(ठ) पाइसीज़ : श क, वसन, गमन, वासन ।
(ड) ऐि फिबया : चतु पाद का उ व, जनक य देखभाल, शावकांतरण ।
(ढ) रे टीिलया वग : सरीसृप क उ पि त : करो ट के कार, फेनोडॉन तथा मगरम छ का थान ।
(ण) एवीज़ : पि य का उ व : उ यन अनुकूलन तथा वासन ।
(त) मैमेिलया : तनधा रय का उ व; दंत िव यास; अंडा देने वाले तनधा रय , को ठधारी तनधा रय , जलीय तनधा रय तथा
ाइमट के सामा य ल ण; अंत: ावी ंिथयां तथा अ य हाम न उ प न करने वाली संरचनाएं (पीयूष ंिथ, अवटु ंिथ, परावटु ंिथ
अिधवृ क ंिथ, अ या य, जनन ंिथ) तथा उनम अंतस बंध।
(थ) कशे क ािणय के िविभ न तं का तुलना मक काया मक शरीर अ यावरण तथा इसके यु पाद, अंत:कंकाल, चलन-अंग, पाचन-
तं , वसन तं , दय तथा महाधनी-चाप सिहत प रसंचारी तं , मूल-जनन तं , मि त क तथा ानेि यां (आंख तथा कान) ।
भाग-ख
।. पा रि थितक :

30
(क) जीवमंडल, जैवभूरसायन च , ीन हाउस भाव, ओजोन परत तथा इसका भाव; पा रि थितक अनु म, जीवोम तथा ईकोटोन ।
(ख) समि ट, िवशेषताएं, समि ट गितक , समि ट ि थरीकरण ।
(ग) ाकृितक संसाधन का संर ण – खिनज खनन म य–उ ोग, जलकृिष, वािनक ; घास थल; व य जीव (बाघ प रयोजना), कृिष म
बनाए रखा जाने वाला उ पादन एक कृत नाशीजीव बंधन ।
(घ) पयावरणीय जैव िन नीकरण, दूषण तथा जीवमंडल पर इसके भाव एवं उसक रोकथाम ।
।।. यवहा रक :
(क) यवहार : संवेदी िन पंदन, ितसंवे दता, िच ह उ ीपन, सीखना, कृिष, अ यास, ानुकूलन, अ यंकन।
(ख) चालन म हारमोन क भूिमका, संचेतन सार म फ रोमोन क भूिमका; गोपकता, परप ी पहचान, परप ी तौर-तरीके, क ट तथा
इमेट म सामािजक यवहार, णय- ोसो फला, ि कंटक ि टकलबेक तथा प ी।
(ग) अिभिव यास, संचालन, अिभगृह, जैिवक लय : जैिवक िनयतकािलकता, वारीय, ऋतुपरक तथा िवस ांय लय ।
(घ) ाणी- यवहार के अ ययन क िविधयां
।।।. आ थक ािण िव ान :
मधुम खी पालन, रेशमक ट पालन, लाख क ट पालन, शफरी संवध, सीप पालन, झ गा पालन ।
(ख) मुख सं ा मक एवं संचरणीय रोग (चेचक, लेग, मले रया, य रोग, हैजा तथा ए स), उनके वाहक, रोगाणु तथा रोकथाम ।
(ग) पशु तथा मवेिशय के रोग, उनके रोगाणु (हेलिम थस) तथा वाहक ( चचडी, कुटक , टेबेनस, टोमोि सस) ।
(घ) ग ने का नाशीजीव (पाइ रला परपुिसला), ितलहन का (ऐ कया जनाटा) तथा चावल का (िसटी फलस ओ रज़े) ।
IV. जैव सांि यक :
योग क अिभक पना; िनराकरणीय प रक पना; सह-संबंध, परावतन, के ीय वृि त के प रमाण और िवतरण, काई- कवेयर, िव ाथ टी-
टे ट, एफ-टे ट (एक माग तथा ि माग एफ-टे ट) ।
V. उपकरणीय प ित :
(क) पे मी काशमापन, वाला काशिमित, गाइगर मुलर गिण , फुरण गणना ।
(ख) इले ॉन सू मदश (टीईएम, एसईएम) ।
न प -2
भाग-क
।. कोिशका जीव-िव ान :
(क) कोिशका तथा इसके कोिशकांग (के क, ला मा िझ ली, माइटोकॉि या, गा जी काय, अंत यी जािलका, राइबोसोम तथा
लाइसोसो स) क संरचना एवं काय, कोिशका-िवभाजन (समसू ी और अधसू ी) समसू ी तकु तथा समसू ी तं , गुणसू गित ।
(ख) डीएनए का वा सन एवं क मॉडल, डीएनए क ितकृित, ोटीन सं लेषण, अनुलेखन तथा अनुलेखन कारक ।
।।. आनुवंिशक :
(क) जीन संरचना तथा काय, आनुवंिशक कूट
(ख) ोसो फ़ला, नेमैटोड तथा मानव के लग गुणसू तथा लग िनधारण ।
(ग) वंशगित के मडलीय िनयम, पुनय जन, सहल नता, सहल नता िच , ब -यु म िवक पी, िस ॉन अवधारणा, र त समूह क
आनुवंिशक ।
(घ) उ प रवतन तथा उ प रवतजनन : िव करणी तथा रासायिनक ।
(ड.) लो नग तकनीक, वाहक के प म लेजिम स तथा कॉसिम स, ा सजेिन स, ा सपोसो स, डीएनए म कलो नग तथा पूण
ाणी ली नग (िस ांत तथा या प ित) ।
(च) ो-तथा यू-कै रयो स म िनयमन तथा जीव अिभ यि त ।
(छ) संकेत पार मण, वंशावली-िव लेषण, मानव के ज मजात रोग ।
(ज) मानवत जीनोम िच ांकन, डीएनए फगर टग
।।।. िवकास :
(क) जीवन का उ व ।
(ख) ाकृितक वरण, िवकास म उ प रवतन क भूिमका, अनुहरण, िविभ नता, पृथ करण जाित उ वन ।
(ग) जीवा म तथा जीवा मीकरण; घोड़े, हाथी तथा मानव का िवकास ।
(घ) हाड -बीनबग िनयम, जीन आवृि त म प रवतन के िविवध कारण ।
(ड.) महा ीपीय िव थापन तथा ािणय का िवतरण ।
IV. वग करण
(क) ािणवै ािनक नामावली, अंतररा ीय िनयम, कलैिडि ट स ।
भाग-ख
।. जैव रसायन :
(क) काब हाइ ेट , वसा , िलिपड , ोटीन , अमीनो अ ल , यूि लक अ ल क संरचना एवं भूिमका । संतृ त तथा असंतृ त वसा,
अ ल कोले ोल ।
(ख) लाईकोलइिसस तथा े स च , ऑ सीकरण तथा अपचयन, आ सीकरणी फा फोरीलेसन; ऊजा संर ण तथा िवमोचन ए.टी.पी;
च य एएमपी-इसक संरचना तथा भूिमका ।
(ग) हाम न वग करण ( टेराइड तथा पे टाइड हाम न), जैव सं लेषण तथा काय ।
(घ) ए जाइम : या के कार तथा यािविधयां, इ यूनो लोबुिलन तथा रोध मता, िवटािमन तथा को-ए जाइम ।
(ड.) जीवो जक :
।।. का यक ( तनधा रय के िवशेष संदभ म) :
(क) र त क संघटना तथा रचक; मानव म र त समूह तथा ‘आरएच’ कारक, कंदन या, कंदन के कारक तथा या-िविध; अ ल
ारक सा य, ताप-िनयमन ।
(ख) आ सीजन तथा काबन आ साइड अिभगन, हीमो लोिबन : इसके रचक तथा िनयमन म इसक भूिमका।

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(ग) पोषिणक आव यकताएं : पाचन म लाल ंिथय , िजगर, अ या म तथा आं ंिथय क भूिमका तथा अवशोषण ।
(घ) उ सज उ पाद, ने ान तथा मू िवचरन का िनयमन; परासरण िनयमन ।
(ड.) पेिशय के कार, कंकाल पेिशय क संकुचन क यािविध ।
(च) यूरॉन, तंि का, आवेग-उसका पालन तथा अंत थनी संचरण : यूरो ांसमीटर ।
(छ) मानव म दृि ट, वण तथा ाणबोध ।
(ज) हाम न या क या-िविध
(झ) जनन क काियक , हाम न तथा फेरोमान क भूिमका ।
।।।. प रवधन जीव िव ान :
(क) यु मक से यू ला अव था तक का िवभेदीकरण; िन वभेदन, मेटा लोिसया; िव ेरण, संरचना िवकास तथा मारफोजेन, मढक तथा चूज
म क डुक के िनयात िच आंख तथा दय का अंगजनन, तनधा रय म अपरा याएं ।
(ख) प रवधन म कोिशका- य क भूिमका तथा प रवधन का आनुवंिशक िनयं ण । कोिशका वंशपरा परा, मढक तथा क ट म कायांतरण
का उ ावन, शावक जनन तथा
िबर ूणता, वृि , िववृि तथा कोिशका मृ यु, जरण, ला टोजेनेिसस, पुनजनन; िव पजनन; आबुदता।
(ग) अपरा क आं ामकता; पा े िनषेचन; ूण थानांतरण, कलो नग।
(घ) वेयर का िनयम; एवो-डेवो अवधारणा ।
प रिश ट-।।(क)
ऑनलाइन आवेदन के िलए अनुदेश
उ मीदवार को वेबसाइट www.upsconline.nic.in का उपयोग कर ऑनलाइन आवेदन करना अपेि त होगा। ऑनलाइन आवेदन प क णाली क
मुख िवशेषताएं िन ानुसार ह:-
1. ऑनलाइन आवेदन को भरने के िलए िव तृत अनुदेश उपयु वेबसाइट पर उपल ध ह।
2. उ मीदवार को ॉप डाउन मे यू के मा यम से उपयु साइट म उपल ध अनुदेश के अनुसार दो चरण अथात् भाग-I और भाग-II म िनिहत
ऑनलाइन आवेदन प को पूरा करना अपेि त होगा।
3. उ मीदवार को 100/- . (केवल एक सौ पए) के शु क (अजा/अजजा उ मीदवार को छोड़कर िज ह नो टस के बदु सं.4(शु क) के नोट-2 म
यथाउि लिखत शु क के भुगतान से छूट ा त है) या तो भारतीय टेट बक क नेट ब कग सुिवधा का उपयोग करके या वीजा/मा टर/ पे
ेिडट/डेिबट काड का उपयोग करके भुगतान करना अपेि त है।
4. ऑनलाइन आवेदन भरना आरंभ करने से पहले उ मीदवार को अपना फोटो ाफ और ह ता र .जेपीजी ा प म िविधवत प से इस कार
कैन करना है क येक फाइल 300 केबी से अिधक न हो, ले कन फोटो ाफ और ह ता र के िलए के िलए आकार म 20 केबी से कम न हो।
5. आवेदन प भरने से पहले उ मीदवार को अपना मै कुलेशन माणप तैयार रखना चािहए। ऑनलाइन आवेदन म उ मीदवार ारा दान
कया िववरण जैसे उ मीदवार का नाम, िपता का नाम, माता का नाम, ज म ितिथ अिनवाय प वही होना चािहए जो मै कुलेशन माणप
म उि लिखत है।
6. इसके अित र त, उ मीदवार के पास कसी एक फोटो पहचान प जैसे आधार काड/वोटर काड/पैन काड/ पासपोट/ ाइ वग
लाइसस/रा य/के सरकार ारा जारी कसी अ य फोटो पहचान प का िववरण होना चािहए। ऑनलाइन आवेदन प भरते ए इस फोटो
पहचान प का िववरण दान करना होगा। इस फोटो पहचान प का इ तेमाल भिव य के सभी मामल म संदभ हेतु कया जाएगा और
उ मीदवार को सलाह दी जाती है क परी ा/ यि व परी ण म उपि थत होते समय वह इस फोटो पहचान प को अपने पास रखे।
7. ऑनलाइन आवेदन (भाग-I और भाग-II) को दनांक 12 फरवरी, 2020 से 03 माच, 2020 को सायं 6.00 बजे तक भरा जा सकता है।
8. आवेदक को एक से अिधक आवेदन प नह भरने चािहए। तथािप य द कसी अप रहाय प रि थितवश कोई आवेदक एक से अिधक आवेदन प
भेजता है तो वह यह सुिनि त करे क उ आरआईडी वाला आवेदन प हर तरह से पूण है।
9. एक से अिधक आवेदन प के मामले म, आयोग ारा उ आरआईडी वाले आवेदन प पर ही िवचार कया जाएगा और एक आरआईडी के
िलए अदा कए गए शु क का समायोजन कसी अ य आरआईडी के िलए नह कया जाएगा।
10. आवेदक अपना आवेदन प भरते समय यह सुिनि त कर क वे अपना मा य और स य ई-मेल आईडी तुत कर रहे ह य क आयोग
परी ा या के िविभ चरण म उनसे संपक करने के िलए इले ॉिनक मा यम का इ तेमाल कर सकता है।
11. आवेदक को सलाह दी जाती है क वे अपने ई-मेल लगातार देखते रह तथा यह सुिनि त कर क @nic.in से समा त होने वाले ई-मेल पते
उनके इनबॉ स फो डर क ओर िनदिशत ह तथा उनके एसपीएएम (SPAM) फो डर या अ य कसी फो डर क ओर नह ।
12. उ मीदवार को सलाह दी जाती है क ऑनलाइन आवेदन क अंितम तारीख का इंतजार कए िबना समय सीमा के भीतर ऑनलाइन आवेदन
कर।
प रिश ट-II (ख)
आवेदन वापस लेने संबंधी मह वपूण अनुदेश
1. उ मीदवार को सलाह दी जाती है क आवेदन वापस लेने संबंधी अनुरोध प भरने से पहले अनुदेश को यानपूवक पढ़ ल।
2. जो उ मीदवार इस परी ा म उपि थत होने के इ छुक नह है उनके िलए आयोग ने दनांक 12.03.2020 से 18.03.2020 (सायं 6.00 बजे
तक) आवदेन वापस लेने क सुिवधा का ावधान कया है।
3. उ मीदवार को सलाह दी जाती है क वे अपने पूण और अंितम प से सि मट कए गए आवदेन का पंजीकरण आईडी और िववरण दान कर।
अपूण आवेदन को वापस लेने का कोई ावधान नह है।
4. आवेदन वापसी का अनुरोध तुत करने से पहले उ मीदवार यह सुिनि त कर क उनके पास वह पंजीकृत मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी
उपल ध है, जो उ ह ने ऑनलाइन आवेदन जमा करते समय दान कया था। अनुरोध तभी वीकार कया जाएगा जब उ मीदवार के
मोबाइल और ई-मेल पर भेजे गए ओटीपी को वैलीडेट कया जाएगा। यह ओटीपी 30 िमनट के िलए मा य होगा।
5. आवेदन वापसी के संबंध म ओटीपी जनरेट करने का अनुरोध दनांक 18.03.2020 को सायं 5.30 बजे तक ही वीकार कया जाएगा।
6. य द कसी उ मीदवार ने एक से अिधक आवेदन प जमा कए ह तब आवेदन (सबसे बाद वाले) के उ चतर पंजीकरण आईडी पर ही वापसी
संबंधी िवचार कया जाएगा और पहले के सभी आवेदन को वत: ही खा रज मान िलया जाएगा।
7. आवेदन वापसी के ऑनलाइन अनुरोध को अंितम प से वीकार कर िलए जाने के बाद आवेदक अिध मािणत रसीद ट करेगा। उ मीदवार

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ारा आवेदन वापस िलए जाने के बाद भिव य म इसे पुन: स य नह कया जा सकेगा।
8. संघ लोक सेवा आयोग म उ मीदवार ारा अदा कए गए परी ा शु क को लौटाने का कोई ावधान नह है। अत:, उ मीदवार ारा
सफलतापूवक आवेदन वापस िलए जाने के बाद ऐसे मामल म शु क लौटाया नह जाएगा।
9. वापसी संबंधी आवेदन के पूरा होने के बाद उ मीदवार के पंजीकृत ई-मेल आईडी और मोबाइल पर ऑटो-जनरेटेड ई-मेल और एसएमएस भेजा
जाएगा। य द उ मीदवार ने आवेदन वापसी संबंधी आवेदन जमा नह कया है तब वह ई-मेल आईडी : upscsoap@nic.in के मा यम से संघ
लोक सेवा आयोग से संपक कर सकता है।
10. उ मीदवार को सलाह दी जाती है क वे ई-मेल/एसएमएस के मा यम से ा त ओटीपी कसी से साझा न कर।
प रिश ट-।।।
व तुपरक परी ण हेतु उ मीदवार के िलए िवशेष अनुदेश
1. परी ा हाल म िन निलिखत व तुएं लाने क अनुमित होगी
ि लप बोड या हाड बोड (िजस पर कुछ न िलखा हो) उ तर प क पर यु तर को अं कत करने के िलए एक अ छी क म का काला बाल पेन, िलखने के
िलए भी उ ह काले बाल पेन का ही योग करना चािहए, उ तर प क और क चे काय हेतु काय प क िनरी क ारा दए जाएंगे ।
2. परी ा हाल म िन निलिखत व तुएं लाने क अनुमित नह होगी
ऊपर दशाई गई व तु के अलावा अ य कोई व तु जैसे पु तक, नो स, खुले कागज, इलै ािनक या अ य कसी कार के केलकुलेटर, गिणतीय तथा
आरे उपकरण , लघुगुणक सारणी, मानिच के टिसल, लाइड ल पहले स (स ) से संबंिधत परी ण पुि तका और क चे कायप क, परी ा के
हॉल म न लाएं ।
मोबाइल फोन एवं अ य संचार यं उस प रसर म जहां परी ा आयोिजत क जा रही है, लाना मना है, इन िनदश का उ लंघन करने पर अनुशासिनक
कायवाही के साथ-साथ भिव य म आयोिजत क जाने वाली परी ा से ितबंिधत कया जा सकता है ।
उ मीदवार को उनके वयं के िहत म सलाह दी जाती है क वे मोबाइल फोन सिहत कोई भी व जत व तु परी ा प रसर म न लाएं य क इनक
अिभर ा के िलए यव था क गारंटी नह ली जा सकती । उ मीदवार को सलाह दी जाती है क वे परी ा हॉल म कोई ब मू य व तु न लाएं य क
उनक सुर ा सुिनि चत नह क जा सकती । इस संबंध म कसी भी नुकसान के िलए आयोग िज मेदार नह होगा ।
3. गलत उ तर के िलए दंड
व तुिन ठ न-प म उ मीदवार ारा दए गए गलत उ तर के िलए दंड (नेगे टव मा कग) दया जाएगा ।
(i) येक न के िलए चार वैकि पक उ तर ह, उ मीदवार ारा येक न के िलए दए गए एक गलत उ तर के िलए न हेतु िनयत
कए गए अंक का 1/3 (0.33) दंड के प म काटा जाएगा ।
(ii) य द कोई उ मीदवार एक से अिधक उ तर देता है, तो इसे गलत उ तर माना जाएगा, य िप दए गए उ तर म से एक उ तर सही होता है,
फर भी उस न के िलए उपयु तानुसार ही उसी तरह का दंड दया जाएगा।
(iii) य द उ मीदवार ारा कोई न हल नह कया जाता है अथात् उ मीदवार ारा उ तर नह दया जाता है, तो उस न के िलए कोई दंड
नह दया जाएगा ।
4. अनुिचत तरीक क स ती से मनाही
कोई भी उ मीदवार कसी भी अ य उ मीदवार के पेपर से न तो नकल करेगा न ही अपने पेपर से नकल करवाएगा, न ही कसी अ य तरह
क अिनयिमत सहायता देगा, न ही सहायता देने का यास करेगा, न ही सहायता ा त करेगा और न ही ा त करने का यास करेगा ।
5. परी ा भवन म आचरण
कोई भी परी ाथ कसी भी कार का दु यहार न कर तथा परी ा हाल म अ यव था न फैलाएं तथा परी ा के संचालन हेतु आयोग ारा तैनात टाफ
को परेशान न कर, ऐसे कसी भी दुराचरण के िलए कठोर दंड दया जाएगा ।
6. उ तर प क िववरण
(i) उ तर प क के ऊपरी िसरे के िनधा रत थान पर आप अपना के और िवषय, परी ण पुि तका ृंखला (को ठक म) िवषय कोड और
अनु मांक काले बाल वांइट पेन से िलख, उ तर प क म इस योजन के िलए िनधा रत वृ त म अपनी परी ण पुि तका ृंखला (ए.बी.सी.डी.,
यथाि थित), िवषय कोड तथा अनु मांक काले बाल पेन से कूटब कर, उपयु त िववरण िलखने तथा उपयु त िववरण कूटब करने के िलए मागदश
िस ांत अनुबंध म दए गए ह, य द परी ण पुि तका पर ृंखला मु त न ई हो अथवा उ तर प क िबना सं या के ह तो कृपया िनरी क को तुरंत
रपोट कर और परी ण पुि तका/उ तर प क को बदल ल ।
(ii) उ मीदवार नोट कर क ओएमआर और उ तर प क म िववरण कूटब करने/भरने म कसी कार क चूक/ ु ट/िवसंगित, िवशेषकर
अनु मांक तथा परी ण पुि तका ृंखला कोड के संदभ म, होने पर उ तर प क अ वीकृत कया जाएगा ।
(iii) परी ा आरंभ होने के त काल बाद कृपया जांच कर ल क आपको जो परी ण पुि तका दी गई है उसम कोई पृ ठ या मद आ द अमु त या
फटा आ अथवा गायब तो नह है, य द ऐसा है तो उसे उसी ृंखला तथा िवषय क पूण परी ण पुि तका से बदल लेना चािहए ।
7. उ तर प क/परी ण पुि तका/क चे काय प क म मांगी गई िविश ट मद क सूचना के अलावा कह पर भी अपना नाम या अ य कुछ नह िलख ।
8. उ तर प क को न मोड़, न िवकृत कर और न बबाद कर अथवा उसम न ही कोई अवांिछत/असंगत िनशान लगाएं, उ तर प क के पीछे क ओर कुछ भी
न िलख।
9. चूं क उ तर प क का मू यांकन कं यूटरीकृत मशीन पर होगा, अत: उ मीदवार को उ तर प क के रख-रखाव तथा उ ह भरने म अित सावधानी
बरतनी चािहए । उ ह वृ त को काला करने के िलए केवल काले बाल पेन का उपयोग करना चािहए । बॉ स म िलखने के िलए उ ह काले बाल पेन का
इ तेमाल करना चािहए । चूं क उ मीदवार ारा वृ त को काला करके भरी गई िवि टय को क यूटरीकृत मशीन ारा उ तर प क का मू यांकन
करते समय यान म रखा जाएगा, अत: उ ह इन िवि टय को बड़ी सावधानी से तथा सही-सही भरना चािहए ।
10. उ तर अं कत करने का तरीका
“व तुपरक” परी ा म आपको उ तर िलखने नह ह गे, येक न (िज ह आगे नांश कहा जाएगा) के िलए कोई सुझाए गए उ तर (िज ह आगे
यु तर कहा जाएगा) दए जाते ह उनम से येक नांश के िलए आपको एक यु तर चुनना है । न प परी ण पुि तका के प म होगा । इस
पुि तका म म सं या 1,2,3 ------------- आ द के म म नांश के नीचे (ए), (बी), (सी) और (डी) के प म यु तर अं कत ह गे, आपका काम एक
सही यु तर को चुनना है, य द आपको एक से अिधक यु तर सही लग तो उनम से आपको सव तम यु तर का चुनाव करना होगा । कसी भी
ि थित म येक नांश के िलए आपको एक ही यु तर का चुनाव करना होगा य द आप एक से अिधक यु तर चुन लेते ह तो आपका यु तर
गलत माना जाएगा ।
उ तर प क म म सं याएं 1 से 160 छापे गए ह, येक नांश (सं या) के सामने (ए), (बी), (सी) और (डी) िच ह वाले वृ त छपे होते ह, जब आप
परी ण पुि तका के येक नांश को पढ़ ल और यह िनणय करने के बाद क दए गए यु तर म से कोन सा एक यु तर सही या सव तम ह,
आपको अपना यु तर उस वृ त को काले बाल पेन से पूरी तरह से काला बनाकर अं कत कर देना है ।

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उदाहरण के तौर पर य द नांश 1 का सही यु तर (बी) है तो अ र (बी) वाले वृ त को िन नानुसार काले बॉल पेन से पूरी तरह काला कर देना
चािहए जैसा क नीचे दखाया गया है ।
उदाहरण (a ) • (C) (d )
11. कैनेबल उपि थित सूची म ी कैसे कर :
उ मीदवार को कैनेबल उपि थित सूची म, जैसा नीचे दया गया है, अपने कॉलम के सामने केवल काले बॉल पेन से संगत िववरण भरना है ।
(i) उपि थित/अनुपि थित कॉलम म (P) वाले गोले को काला कर ।
(ii) समुिचत परी ण पुि तका सीरीज के संगत गोले को काला कर ।
(iii) समुिचत परी ण पुि तका म सं या िलख ।
(iv) समुिचत उ तर प क म सं या िलख और येक अंक के नीचे दए गए गोले को भी काला कर ।
(v) दए गए थान पर अपना ह ता र कर ।
12. कृपया परी ण पुि तका के आवरण पर दए गए अनुदेश को पढ़ और उनका पालन कर, य द कोई उ मीदवार अ यवि थत तथा अनुिचत आचरणेां
म शािमल होता है तो वह अनुशासिनक कारवाई और/या आयोग ारा उिचत समझे जाने वाले दंड का भागी बन सकता है ।
अनुबंध
परी ा भवन म व तुपरक परी ण के उ र प क कैसे भर
कृपया इन अनुदेश का अ यंत सावधानीपूवक पालन कर। आप यह नोट कर ल क चूं क उ र-प क का अंकन मशीन ारा कया जाएगा, इन
अनुदेश का कसी भी कार का उ लंघन आपके ा ांक को कम कर सकता है िजसके िलए आप वयं उ रदायी ह गे।
उ र प क पर अपना यु र अं कत करने से पहले आपको इसम कई तरह के िववरण िलखने ह गे। उ मीदवार को उ र-प क ा त होते ही यह
जांच कर लेनी चािहए क इसम नीचे सं या दी गई है। य द इसम सं या न दी गई हो तो उ मीदवार को उस प क को कसी सं या वाले प क के
साथ त काल बदल लेना चािहए।
आप उ र-प क म देखगे क आपको सबसे ऊपर क पंि म इस कार िलखना होगा।
क िवषय िवषय कोड अनु मांक
Centre Subject Subject Code Roll No.

मान लो य द आप सामा य ान के न-प * के वा ते परी ा म द ली के पर उपि थत हो रहे ह और आपका अनु मांक 081276 है तथा
आपक परी ण पुि तका ृंखला ‘ए’ है तो आपको काले बाल पेन से इस कार भरना चािहए।*
क िवषय िवषय कोड अनु मांक
Centre
9 9 Subject Subject Cote 0 8 1 2 7 Roll 6 No.

द ली सामा य ान (ए)
1.
आप के का नाम अं ेजी या िह दी म काले बॉल पेन से िलख।
परी ण पुि तका ृंखला कोड पुि तका के सबसे ऊपर दाय हाथ के कोने पर ए बी सी अथवा डी के अनु मांक के अनुसार िन द ह।
आप काले बॅल पेन से अपना ठीक वही अनु मांक िलख जो आपके वेश माण प म है। य द अनु मांक म कह शू य हो तो उसे भी िलखना न भूल।
आपको अगली कारवाई यह करनी है क आप नो टस म से समुिचत िवषय कोड ढूढ़। जब आप परी ण पुि तका ृंखला, िवषय कोड तथा अनु मांक को इस
योजन के िलए िनधा रत वृ म कूटब करने का काय काले बॉल पेन से कर। के का नाम कूटब करने क आव यकता नह है। परी ण पुि तका ृंखला
को िलखने और कूटब करने का काय परी ण पुि तका ा होने तथा उसम से पुि तका ृंखला क पुि करने के प चात ही करना चािहए।
‘ए’ परी ण पुि तका ृंखला के सामा य ान िवषय न प के िलए आपको िवषय कोड सं. 99 िलखनी है, इसे इस कार िलख।
पुि तका म िवषय कोड 9 9
Booklet Series (A) Subject Code 9 9
--------------------------------------------------

0 0

B 1 1

2 2
C
3 3
D
4 4

5 5

6 6

7 7

8 8

बस इतना भर करना है क परी ण पुि तका ृंखला के नीचे दए गए अनु मांक


अं कत वृ ‘ए’ को पूरी तरह से काला कर द और िवषय कोड के नीचे ‘9’ के Roll Numbers
िलए (पहले उ वाधर कालम म) और 9 के िलए (दूसरे उ वाधर कालम म) 34
वृ को पूरी तरह काला कर द। आप वृ को पूरी तरह उसी कार काला
0 8 1 2 7 6
कर िजस तरह आप उ र प क म िविभ न नांश के यु तर अं कत
करते समय करगे। तब आप अनु मांक 081276 को कूटब कर। इसे उसी
मह वपूण : कृपया यह सुिनि चत कर ल क आपने अपना िवषय, परी ण पुि तका म
तथा अनु मांक ठीक से कूटब कया है।

* यह एक उदाहरण मा है तथा आपक


संबंिधत परी ा से इसका कोई संबंध नह है।
-------------------------------------------------------------------------------------------------------------
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