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जाद ू का क़ुरानी इलाज 

जाद ू जो एक हँसते बसते घर को वीरान कर दे ता है और आम तौर पर ये दस


ू रों की तरक्की,कामयाबी और
बराबर आगे बढ़ते रहने की हसद और जलन में किया जाता है

हालाँकि ये तरक्की और कामयाबी कुदरत का दिया हुआ तोहफा है जो हर एक को मुश्किल दौर गुजारने के बाद
हासिल होता हैं लेकिन एक जादग
ू र इन कुदरती कामों में दखल दे ता है और अपने शैतानों के ज़रिये खुदाई
फैसलों को बदल दे ना चाहता है हालाँकि वो ये भल
ू जाता है कि ऐसा करने और करवाने वालों का अंजाम कोई
ढका छुपा नहीं है उनकी ज़िन्दगी इबरतनाक बन जाती है क्यकि
ूं जब वो एक बन्दे की ख़श
ु ी को ग़म में तब्दील
करता रहा तो उसके भीआँगन में ख़ुशी के फूल नहीं खिले और और ग़म का साया उसका मक़
ु द्दर बन गया

इसलिए जाद ू करने और करवाने से इस तरह दरू भागिए जैसे कोई आग से दरू भागता है  लेकिन

अगर किसी पर जाद ू का वार किया गया हो या उसको कुछ खिला दिया गया हो

तो कुछ वजीफे बताए जाते हैं अगर आप इस पर पाबन्दी से अमल करें तो इंशाअल्लाह ज़रूर शिफा मिलेगी

पहला तरीक़ा

अगर किसी को कुछ खिलाया गया हो तो आगे तीन आयात बताई जाएँगी उन आयात को

पचास ग्राम मिसरी और पचास ग्राम इलाइची के दानों पर पढ़ कर फँू क दें

फिर उन दानों को पीस लें

उसके बाद पैंतालिस दिनों तक नहार मुंह ( सुबह खाली पेट ) उस में से एक चुटकी रोज़ खाएं

आयात ये हैं

Falamma Alqau Qala Moosa Ma Jitum Bihis Sihr

Innal Laaha Sayubtiluhu Innallaah La Yuslihu Amalal Mufsideen

Wa Yuhiqqul Lahul Haqqa Bikalimatihi Walau Karihal Mujrimoon

Fawaqa Al Haqqu Wabatala Ma Kanu Yamaloon Faguliboo Hunalika Wanqalaboo Sagireen


Wa Ulqiyas Saharatu Saajideen Qaloo Amanna Birabbil Aalameen Rabbi Moosa Wa Haroon

Innama Sanaoo Kaydu Saahir Wala Yuflihus Sahiru Haysu Ata

हिंदी में

फलम्मा अल्कौ काला मूसा माँ जिअ तुम बिहिस सिहर

इन्नल लाहा सयब्ति


ु लह ु ू इन्नल लाहा ला यस्लि
ु हू अमलल मुफ्सिदीन

व युहिक्कुल लाहूल हक्का बि कलिमातिही वलौ करिहल मुजरिमून

फ वकअल हक्क़ु व बतला माँ कानू या मलून फ गलि


ु बू हुनालिका वन्क़लबू  सागिरीन

व उल्कियस  सहरतु सजिदीन कालू आमन्ना बिरब्बिल आलमीन  रब्बी मस


ू ा वहारून

इन्नमा सनऊ कय्द ु साहिर वला यफ्लि


ु हुस साहिरू हय्सू अता

अगर जाद ू के असर की वजह से बदन या सर में तकलीफ हो

तो इन आयत को तिल के तेल पर पच्चीस बार पढ़ कर फंू के

और उस तेल को सर या बदन में लगायें

इन आयात में उस वाकिए के बारे में बयान किया गया है जब फिरऔंन ने एक जादग
ू रों का लश्कर मस
ू ा
अलैहिस सलाम के मक
ु ाबले में उतारा और उन जादग
ू रों के जाद ू से परू े मैदान में सांप ही सांप नज़र आने लगे
तो अल्लाह ने कहा कि ए मस
ू ा अपना असा ( लाठी जो हाथ में थी ) डालो तो मस
ू ा अलैहिस सलाम ने असा
ज़मीन पर डाला तो वो एक बहुत बड़ा अजदहा (सांप) बन गया और जो जाद ू उन लोगों ने किया था सब
निगलने लगा और उन सब का जाद ू बातिल हो गया

दस
ू रा तरीक़ा

हर हफ्ते सूरह मुज़म्मिल ग्यारह बार पढ़ कर पानी पर दम करें

और पैंतालिस दिन तक जिस पर जाद ू का असर हो उसको पिलाता रहे


जादग
ू र जिन्नात को कैसे बल
ु ाता है

इसके बहुत सारे तरीके है और सब में शिर्क या कुफ्र (अल्लाह का इनकार) साफ़ तौर पर मौजूद होता है इसमें
आठ तरीके आपके सामने ज़िक्र करूँगा और किसी की तफसील नहीं बताऊंगा ताकि कोई इसको आजमा न सके

इसकी ज़रुरत इसलिए महसूस हुई क्यूंकि कई लोग कुरानी इलाज और जाद ू में फर्क नहीं कर पाते हालांकि
पहला तरीका इमानी और दस
ू रा शैतानी है
इन तरीकों के बताने का मकसद सिर्फ ये है कि मुसलमान भाई गुमराही और शर के रास्तों से बच जाएँ और
मुजरिम पेशा लोगों का रास्ता खुल कर सामने आ जाये

पहला तरीका

जादग
ू र नापाकी की हालत में एक अन्धेरे कमरे में बैठ जाता है फिर उसमे आग जलाता है और उसमे धूनी रख
दे ता है अगर उसका मकसद नफरत पैदा करना या मियां बीवी में जुदाई डालना हो तो बदबूदार धूनी आग पर
रखता है अगर उसका मकसद मुहब्बत पैदा करना हो तो वो आग पर खश
ु बूदार धूनी रख दे ता है फिर कुछ
मंतर पढ़ कर जिन्नात को उनके सरदार की क़सम दे ता है और उनसे अपने काम करवाता है

इस तरीके में ये बाते ज़ाहिर है

 जिन्नात अन्धेरे कमरे को पसंद करते है


 जिनात को ऐसी धन
ू ी से गिज़ा मिलती है जिस पर बिस्मिल्लाह न पढ़ी गयी हो
 जिन्नात नापाकी को पसंद करते है

दस
ू रा तरीका

जादग
ू र जिनो की तरफ से बताई गयी ख़ास शक्ल का कोई परिंदा या जानवर बिस्मिल्लाह पढ़े बगैर ज़बह
करता है जिसका रं ग आम तौर से काला होता है ज़बह करने के बाद उसका खून मरीज़ के जिस्म पर मल दे ता
है फिर उसे ऐसी जगह फेंकता है जहाँ आबादी न हो

तीसरा तरीका

ये जादग
ू रों का इन्तिहाई घटिया तरीका होता है इस तरीके को जो जादग
ू र अपनाता है उसकी खिदमत के लिए
शैतानो का गिरोह उसके पास मौजूद होता है कुफ्र के एतबार से ये सब से बड़ा जादग
ू र माना जाता है इसपर
अल्लाह की लानत हो

ये तरीका मुख़्तसर तौर पर कुछ यूँ है कि जादग


ू र (इसपर अल्लाह की लानत हो) कुराने मजीद की बेहुरमती
करता है उसके इस अमल से शैतान उसके भाई बन जाते है और उसकी बात फ़ौरन मान जाते है
ऐसा जादग
ू र और भी बड़े बड़े कुफ्रिया काम करता है जैसे बहे न बेटी से जिना करना, इस्लाम को गालियाँ बकना
वगैरह ताकि शैतान उस से राज़ी हो जाये

चौथा तरीका

जादग
ू र (इसपर अल्लाह की लानत हो) कुराने मजीद की कोई सूरत गन्दगी या नापाक चीज़ से लिखता है फिर
कुछ मंतर पढ़कर जिनो को हाज़िर करके उनसे जो चाहता है करवाता है

पांचवा तरीका

जादग
ू र (इसपर अल्लाह की लानत हो) कुराने मजीद की कोई सूरत उलटे हुरूफ़ में लिखता है

छठा तरीका

जादग
ू र किसी ख़ास सितारे के निकलने का इन्तिज़ार करता है उस सितारे के निकलने पर मंतर पढ़ते हुए
जादगू र ऐसी हरकते करता है उसके ख़याल में इन हरकतों से सितारे की बरकत उस पर होगी अल्लाह के
अलावा किसी और की पज
ू ा को दे खते हुए शैतान उसके पास हाज़िर होकर उसकी खिदमत करता है जादग
ू र ये
समझता है की ये सब सितारे की वजह से हो रहा है

और जादग
ू र ये दावा करते है की सितारे पर किया गया जाद ू तब तक ख़त्म नहीं होता जब तक वो सितारा
फिर से न निकले और ऐसे सितारे भी है जो साल में सिर्फ एक बार निकलते है इसीलिए वो साल भर उस
सितारे के निकलने का इन्तिज़ार करते है ताकि उस जाद ू का असर ख़त्म कर सके

बहरहाल ये जादग
ू रों का ख़याल है जबकि कुरानी इलाज करने वाले लोग इस सितारे का इन्तिज़ार किये बगैर
भी इस जाद ू को तोड़ सकते है

सातवां तरीका

जादग
ू र एक बेवजू बच्चे को अपने सामने बिठाता है फिर उसकी हथेली पर एक चौकोर निशान बना कर उस पर
मंतर लिख दे ता है फिर कुछ हुरूफ़ लिख कर उसके चेहरे पर रख दे ता है फिर बच्चे को एक चादर से ढांप दे ता
है फिर कुछ मंतर पढ़ कर बच्चे से पछू ता है

“तम
ु क्या दे ख रहे हो “

बच्चा जवाब दे ता है “ मै अपने सामने एक आदमी की शक्ल दे ख रहा हूँ “

फिर जादग
ू र बच्चे से कहता है “ उस आदमी से कहो की जादग
ू र तम
ु से ये काम करने को कह रहा है

ये तरीका आम तौर से गायब चीजों के पता लगाने के लिए इस्तिमाल किया जाता है
इन तरीकों में कहीं न कही शिर्क और कुफ्र पाया जाता है इसलिए ऐसे जादग
ू रों से बचे जो आपको रौशनी की
तरफ न लेजाकर अँधेरे कुएं में धकेल दे

जादग
ू र और शैतान के दरमियान क्या चीज़े तय होती है

जादग
ू र और शैतान के दरमियान अक्सर एक बात तय होती है जिस के मत
ु ाबिक जादग
ू र को कुछ शिर्कि या और
कुफ्रिया काम ( जिस में अल्लाह की नाफ़रमानी हो ) छिप कर या सब के सामने करने होते है उस के बदले
शैतान को जादग
ू र की खिदमत करनी होती है या उसके लिए खिदमत करने वाले लोग मह
ु य्या करने होते है

क्यूंकि जिस शैतान के साथ जादग


ू र की बात तय होती है वो जिनो या शैतानो के किसी एक कबीले का सरदार
होता है फिर ये सरदार किसी बेवकूफ को हुक्म दे ता है की वो उस जादग
ू र का साथ दे और उसकी हर बात माने
चाहे वो लोगो के बीच जुदाई डालने या मुहब्बत डालने वाली बात हो या शौहर को उसकी बीवी से अलग करने
वाली बात हो

इस तरह जादग
ू र इस जिन को अपनी पसंद के बुरे कामों के लिए इस्तेमाल करता है अगर जिन उसकी बात ना
माने तो जादग
ू र उसके कबीले के सरदार से मिलता है और तुह्फे दे कर उसके सामने ये ज़ाहिर करता है की वो
उस सरदार को बहुत बड़ा मानता है फिर पता चलने पर सरदार उस जिन को सजा दे ता है और उस जादग
ू र की
खिदमत के लिए दस ू रा खिदमतगार मह
ु य्या करता है

यही वजह है कि जादग


ू र और उसकी खिदमत पर लगे हुए जिन के दरमियान नफरत होती है और ये जिन खुद
जादग
ू र के घर वालों को परे शांन किये रखता है

कुछ घटिया किस्म के जादग


ू र तो बेऔलाद ही रह जाते है क्यूंकि उनके खिदमतगार जिन उनकी औलाद को माँ
के पेट में ही मार दे ते है और ये बात जादग
ू र खुद अच्छी तरह जानते है इसीलिए कई जादग
ू र औलाद की
निअमत के लिए जाद ू का पेशा छोड़ दे ते है

एक आमिल ने एक खातन
ू का इलाज किया जिस पर जाद ू था, आमिल ने जब उस पर कुरान पढ़ा तो जिन उस
खातन
ू की जब
ु ां से बोला
मैं इस से निकल नहीं सकता

आमिल ने पुछा : क्यूँ

जिन ने कहा : क्यूंकि मुझे डर है की जादग


ू र मुझे क़त्ल कर दे गा

आमिल ने कहा : तम
ु ऐसी जगह जाना जहा जादग
ू र को तुम्हारा पता ना चले

जिन ने कहा : वो मेरे पीछे दस


ु रे जिनो को भेज कर मुझे पकडवा लेगा
आमिल ने कहा : अगर तुम इस्लाम कुबूल कर लो तो मैं तुम्हे ऐसी आयत सिखला दं ग
ू ा जो तुम्हे काफिर जिनो
के शर से बचा लेगी

जिन ने कहा : नहीं मैं हरगिज़ इस्लाम कुबूल नहीं करूँगा मैं इसाई ही रहूँगा

आमिल ने कहा : खैर दीन में ज़बरदस्ती नहीं लेकिन इस औरत से तम्
ु हारा निकल जाना ज़रूरी है

जिन ने कहा : मैं हरगिज़ नहीं निकलग


ूं ा

आमिल के बहुत मजबरू करने पर उसने उस औरत को छोड़ा

ये बात यकीनी है कि जादग


ू र जितना ज्यादा कुफ्रिया काम करे गा शैतान उसकी उतनी ही बात मानता है

आमिल मुअक्किल को कब्जे में कैसे करता है

Posted by: Islam in Jadoo Ka Ilaaj October 30, 2018 166 Views

जब अल्लाह के किसी नाम या आयत को ख़ास तरीकों और शर्तों के साथ पढ़ा जाता है तो इन नामो और
आयातों के ज़िक्र की वजह से ज़िक्र करने वाले की जुबां से नूर पैदा होता है और यही नूर इंसानी दिल ,पाक
रूहों, फरिश्तों, मुआक्किलों और मुस्लमान जिन्नात की गिज़ा यानी उनका खाना होता है

जिस तरह परवाने शमा के जलने पर उसके चारों ओर चक्कर लगते है और उस पर दीवाना वार गिरते है उसी
तरह ये मआ
ु क्किल, जिन्नात, फरिश्ते अपनी अन्दरू
ु नी रोहानी गिज़ा हासिल करने के लिए ज़िक्र करने वाले के
पास जमा हो जाते है और उससे लत्ु फ़ लेते रहते है
फिर एक वक़्त ऐसा आता है कि ये सब अल्लाह के हुक्म से ज़िक्र करने वाले के काबू में आ जाते जाते है और
उसके फर्मांबरदार हो जाते है वो उस आमिल के मअ
ु क्किल बन जाते हैं  ज़िक्र करने वाला फिर इन से दीनी और
दनि
ु यावी कामों में मदद हसिल करता है

जादग
ू र शैतान का दोस्त बनने के लिए क्या करता है | Hindi

Posted by: Islam in Jadoo Ka Ilaaj October 14, 2016 165 Views

शैतान को राज़ी करने और उसका करीबी बनने के लिए जादग


ू र के कई तरीके है जैसे

कुछ जादग
ू र इस मकसद के लिए कुराने मजीद को पैर से बाँध कर बेतुल खला जाते है

और कुछ कुरान की आयात को गन्दगी से लिखते है

कुछ कुरान की आयात को पैर के निचले हिस्से में लिखते है

और कुछ सूरह फातिहा को उल्टा लिखते है

कुछ बगैर वुजू के नमाज़ पढ़ते है

और कुछ हमेशा नापाक रहते है

कुछ जादग
ू र शैतान के लिए बिस्मिल्लाह पढ़े बग़ैर जानवर ज़बह करते है और ऐसी जगह फेंकते है जहा शेतान
खुद तय करता है

कुछ तो सितारों को सजदा करते है

जादग
ू र जिन्नात को कैसे बुलाता है

 
 

और कुछ को तो अपनी माँ या बेटी से जिना करना पड़ता है

और कुछ को ऐसे अलफ़ाज़ लिखने पड़ने है जिसमे अल्लाह का इनकार हो

इससे मालमू हुआ की पहले शैतान जादग


ू र से कोई हराम काम करवाता है फिर उस की मदद और खिदमत
करता है इसलिए जादग
ू र जितना बड़ा कुफ्रिया काम करे गा शैतान उसका उतना ही फर्माबरदार होगा और उसकी
ख्वाहिशों को परू ा करने में जल्दी करे गा जब जादग
ू र शैतान के बताए हुए कुफ्रिया कामों में कोताही करे गा तो
शेतान भी उसकी खिदमत से रुक जायेगा

जादग
ू र और शैतान के दरमियान क्या चीज़े तय होती है

तो जादग
ू र और शैतान दोनों ऐसे साथी है जो अल्लाह की नाफ़रमानी करने पर ही आपस में मिलते है और
आप जब किसी जादग
ू र की तरफ दे खेगे तो उसके चेहरे पर कुफ्र का अँधेरा ऐसे छाया होता है जैसे सियाह बादल
हो

अगर आप किसी जादगू र को करीब से जानते है तो उसे यकीनन अन्दर से टूटा हुआ पाएंगे वो अपनी बीवी
अपनी औलाद यहांतक की अपने आप से तंग आ जाता है और मजीद ये कि शैतान खुद उसकी बीवी बच्चों को
अक्सर तकलीफे दे ता रहता है और उनके बीच लड़ाई झगडा पयदा कर दे ता है

सच फ़रमाया है अल्लाह रब्बुल इज्ज़त ने “ जो शख्स मेरी याद से मुंह मोड़ेगा हमेशा दनि
ु या में तंग रहे गा”

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