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बेसिक प्राणिक हीलिंग क्लासेज

नमस्कार,

प्राणिक हीलिंग एक विज्ञान है जिसमे हम प्राण ऊर्जा के द्वारा कार्य करते है ।

हमारे शरीर में एक ऊर्जा होती है जो हमारे शरीर को चलाती है ।

यही ऊर्जा प्राण ऊर्जा कहलाती है ।

जिसे *की* भी कहा गया है ।

* प्राण शक्ति के तीन तरीके होते है ।

1 सूर्य की ऊर्जा

2 भमि
ू ऊर्जा

3 वायु ऊर्जा

किसी के पास अत्यधिक प्राणशक्ति है उसके आसपास रहने वाले व्यक्ति भी उनके प्रभाव से खुद को अच्छा और
चस्
ु त महसस
ू करते है ।

इसी तरह जिसके पास प्राणशक्ति की कमी होती है उसके आसपास के लोग से वे अनजाने में ही प्राणशक्ति प्राप्त
करते है ।

इसलिए कभी हम किसी के पास होते है तो अजीब सी थकान महसस


ू होती है शरीर टूटने लगता है । ये इसी कारण
होता है ।

बदलते मौसम के कारण कुछ व्यक्ति न केवल बदलते तापमान से बीमार पड़ते है बल्कि सस्
ु त दिखाई दे ते है ।इसलिए
रोज़ अपने चारों और से प्राणशक्ति लेते रहना चाहिए। रात की अपेक्षा दिन में प्राण शक्ति ज्यादा होती है ।

एक्यूपंचर भी वही तरीका है जिसमे प्राणशक्ति को सुई के माध्यम से बढ़ाया या घटाया जाता है ।

प्राणिक हीलिंग के दो तरीके है या दो तरीको पे आधारित है ,

1 खुद का इलाज करना


जैसा कि हमने दे खा है कि कहीं शरीर जल जाता है या घाव हो जाता है और हम अगर वहां कुछ नही लगाते तो भी वो
कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है । ये हमारे शरीर की प्राण ऊर्जा ही करती है ।

2 प्राण ऊर्जा का नियम

बच्चों में बड़ो की तुलना में ज्यादा प्राणशक्ति होती है ।हमने दे खा है वो सुबह से शाम तक भागते दौड़ते रहते है तो भी
नही थकते इसीलिए बचपन में लगी चोट जल्दी ठीक हो जाती है क्योंकि प्राण शक्ति ज्यादा होती है ।
Day 2.

11 major chakr

1. Basic chakr
यह चक्र रीढ़ की हड्डी के अंतिम में होता है । ये हमारे शरीर को नियंत्रित करता है उसे ऊर्जा दे ता है और शक्तिशाली
बनाता है । इस चक्र के गलत तरीके से काम करने से जोड़ो का दर्द, रीढ़ की हड्डी का रोग, खून की समस्या,
ल्यूकेमिया, एलर्जी, शरीर विकास में कमी,जीवन शक्ति की कमी आदि होता है ।

2 सेक्स चक्र

यह सेक्स ऑर्गन को नियंत्रित करता है और ऊर्जा दे ता है । सेक्स चक्र पे अजना चक्र, थ्रोट चक्र, बेसिक चक्र बहुत
प्रभाव डालते है ।इनमे से कोई चक्र सही काम नही कर रहा है तो सेक्स चक्र में भी समस्या हो जाती है ।

3 में ग मैन चक्र

ये नेवल के ठीक पीछे होता है ।ये बेसिक चक्र में आने वाली ऊर्जा को ऊपर की और भेजने के लिए रीढ की हड्डी में काम
करता है । ये ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है । इसमें कमी होती है तो ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम होती है या बैक pain की
प्रॉब्लम होती है ।

बच्चों, pregnant ladies, बहुत ही बूढ़े लोगों पे इस चक्र को energy नही करना चाहिए।

इस चक्र को केवल experience हीलर ही use करना चाहिए।

4 नेवल चक्र

ये intenstine और अपें डिक्स को कंट्रोल करता है । इससे कब्ज, अपें डिसाइटिस, pregnancy प्रॉब्लम हो सकती है ।
जिनको नेवल चक्र की प्रॉब्लम होती है उनमें थकान जल्दी हो जाती है , खराब मौसम में एनर्जी बहुत कम हो जाती है ।

5 स्प्लीन चक्र

Front स्प्लीन चक्र पेट के बायीं और सोलर प्लेसिस और नेवल चक्र के बीच होता है । ये परू े शरीर में एनर्जी को फैलाने
का काम करता है ।ये ब्लड को क्लीन करता है ।बच्चों के इस चक्र को एनर्जी नही दे नी चाहिए। इसे एक्सपीरियंस
हीलर ही use करें तो बढ़िया है ।

Day 3

6 solar plexus chakr

Ye chakr do hote hai ek aage aur piche. Ye chakr diafram, pencriyas, lever, intestine, lungs, heart etc ko
control karta hai. Ye cholesterol level ko bhi control karta hai. Neeche ke chakron se upar chakron ki aur
energy isi chakr se hoti hui jati hai. Ye chakr body ko warm and cold karne ke kaam aati hai. Iski kami ki
wajah se ulsar, heart disease, diabetes, and many problem ho sakti hai.
7 heart chakr

Ye chakr thymus gland and blood circulation ko control karta hai. Solar plexus isse direct connection
rehta hai.

Back heart chakr se hi heart ko energy di jaati hai.

Heart chakr sensitive hota hai isko bahut tarike se energy deni chahiye.

8. Throat Chakr.

Ye throat ke beech mein hota hai. Ye thyroid gland, neck, limfetic organ ko control karta hai. Iske work
nahi karne se throat problem, breathing problem etc ho jaati hai.

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