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IBBI (Insolvency Resolution Process For Corporate Persons) Amendment Regulations, 2021
IBBI (Insolvency Resolution Process For Corporate Persons) Amendment Regulations, 2021
-33004/99
सी.जी.-डी.एल.-अ.-15032021-225914
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CG-DL-E-15032021-225914
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असाधारण
EXTRAORDINARY
भाग III—खण्ड 4
PART III—Section 4
प्राजधकार से प्रकाजित
PUBLISHED BY AUTHORITY
लेनिार, अपने िावे को, िैसे िी उस िावे की दिवाला प्रारं भ िोने की तारीख के पश्चात् दकसी भी स्रोत से दकसी भी
रीजत में भागतः या पूणत
ड ः तुजि िो िाती िै, अद्यतन करे गा ।”
3. मूल जवजनयमों के जवजनयम 40ख में, उप-जवजनयम (1) के पश्चात्, जनम्नजलजखत उप-जवजनयम अंतःस्ट्थाजपत दकया
िाएगा, अथाडत:् -
“(1क) ििां नीचे िी गई सारणी के स्ट्तंभ (2) में कजथत कोई दियाकलाप उसमें जवजनर्िडि तारीख तक पूरा निीं िोता
िै विां यथाजस्ट्थजत, अंतठरम समाधान व्यावसाजयक या समाधान व्यावसाजयक, उि तारीख से तीन दिन के भीतर प्ररूप
सी.आई.आर.पी. 7 फाइल करे गा और िब तक उि दियाकलाप अपूणड रिता िै तब तक प्रत्येक तीस दिन में प्ररूप
सी.आई.आर.पी. 7 फाइल करता रिेगा:-
ि.सं. वि दियाकलाप, जिसमें प्ररूप सी.आई.आर.पी. 7 प्रथम बार प्ररूप पश्चात्वती प्ररूप
फाइल दकया िाना अपेजक्षत िै, यदि वि जवजनर्िडि सी.आई.आर.पी. 7 फाइल सी.आई.आर.पी. 7 फाइल
तारीख तक पूरा निीं िोता िै करने के जलए समय-सीमा करने के जलए समय-सीमा
1 सावडिजनक उद्घोषणा टी+तीसरे दिन तक निीं की स्ट्तंभ (2) में जवजनर्िडि X+30वां दिन, X+60वां
िाती िै तारीख+3 दिन दिन, X+90वां दिन, इत्यादि,
िब तक वि दियाकलाप पूरा
2 समाधान व्यावसाजयक की जनयुजि टी+30वें दिन
निीं िो िाता िै ।
तक निीं की िाती िै
िाती िै, यद्यजप प्ररूप सी.आई.आर.पी. 7 टी+33वें दिन तक फाइल दकया िाना िोता िै, तो वि प्रथम प्ररूप
सी.आई.आर.पी. 7 फाइल दकए िाने से 30वें दिन को, अथाडत,् टी+36वें दिन को फाइल दकया िाएगा ।
(ग) यदि सावडिजनक उद्घोषणा टी+तीसरे दिन तक निीं की िाती िै तो प्ररूप सी.आई.आर.पी. 7 टी+छिे दिन तक
फाइल दकया िाएगा । इसके पश्चात्, यदि या तो सावडिजनक उद्घोषणा टी+33वें दिन तक निीं की िाती िै या समाधान
व्यावसाजयक की जनयुजि टी+30वें दिन तक निीं की िाती िै तो प्ररूप सी.आई.आर.पी. 7 टी+36वें दिन को फाइल दकया
िाएगा ।"
4. मूल जवजनयमों की अनुसूची में, प्ररूप ग के स्ट्थान पर जनम्नजलजखत रखा िाएगा, अथाडत्:-
“प्ररूप ग
जवत्तीय लेनिारों द्वारा िावा प्रस्ट्तत
ु दकया िाना
[भारतीय दिवाला और िोधन अक्षमता बोडड (कारपोरे ट व्यजियों के जलए दिवाला समाधान प्रदिया) जवजनयमन, 2016 के
जवजनयम 8 के अधीन]
[तारीख]
प्रेषक
(जवत्तीय लेनिार का नाम और पता, जिसके अंतगडत उसके रजिस्ट्रीकृ त कायाडलय और प्रधान कायाडलय का पता भी िै)
सेवा में,
अंतठरम समाधान व्यावसाजयक/समाधान व्यावसाजयक
(अंतठरम समाधान व्यावसाजयक/समाधान व्यावसाजयक का नाम)
(सावडिजनक उद्घोषणा में यथा-उपवर्णडत पता)
सुसंगत जवजिजियां
4. िावे के ब्यौरे , यदि वि कारपोरे ट ऋणी के जवरुद्ध मुखय उधार लेने वाले के रूप में
दकया िाता िै:
(i) िावे की रकम
(ii) िावे की वि रकम, िो प्रजतभूजत जित, यदि कोई िै, के अंतगडत आती िै
4 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART III—SEC.4]
5. िावे के ब्यौरे , यदि वि कारपोरे ट ऋणी के जवरुद्ध प्रत्याभूजतिाता के रूप में दकया
िाता िै:
(i) िावे की रकम
(ii) िावे की वि रकम, िो प्रजतभूजत जित, यदि कोई िै, के अंतगडत आती िै
(कृ पया प्रजतभूजत जित के ब्यौरे , प्रजतभूजत का मूल्य और वि तारीख, िब यि दिया
गया था, िें)
(iii) िावे की वि रकम, िो प्रत्याभूजत, यदि कोई िै, के अंतगडत आती िै
(कृ पया धाठरत प्रत्याभूजत के ब्यौरे , प्रत्याभूजत का मूल्य और वि तारीख, िब वि िी
गई थी, िें )
(iv) मुखय उधार लेने वाले का नाम और पता
6. िावे के ब्यौरे , यदि वि लेनिार द्वारा दिए गए संजिता की धारा 5 की उपधारा (8)
के खंड (ि) और (झ) के अंतगडत आने वाले जवत्तीय ऋण की बाबत दकया िाता िै:
(i) िावे की रकम
(ii) जितधारक का नाम और पता
9. बैंक खाते का ब्यौरा, जिसमें दकसी समाधान योिना के अनुसरण में िावे या उसके
दकसी भाग की रकम अंतठरत की िा सकती िै
* पैन, पासपोटड, आधार काडड या भारत के जनवाडचन आयोग द्वारा िारी पिचान पत्र
घोषणा
मैं ........(िावाकताड का नाम) वतडमान जनवासी.........(पता अंतःस्ट्थाजपत करें ) यि घोषणा और कथन करता हं:-
[भाग III—खण्ड 4] भारत का रािपत्र : असाधारण 5
1. ............(कारपोरे ट ऋणी का नाम), कारपोरे ट ऋणी, दिवाला प्रदिया प्रारं भ िोने की तारीख को िो
दक......................20…. िै वास्ट्तव में .............रुपए [िावे की रकम भरें ] की राजि के जलए मेरा ऋणी था ।
2. मैने उि धनराजि या उसके दकसी भाग के अपने िावे की बाबत नीचे जवजनर्िडि िस्ट्तावेजों का अवलंब जलया िै:
(कृ पया िावे के साक्ष्यस्ट्वरूप अवलंब जलए गए िस्ट्तावेजों की सूची िें)
3. उि िस्ट्तावेज मेरे सवोत्तम ज्ञान, िानकारी और जवश्वास के अनुसार सिी, जवजधमान्य और असली िैं और उनमें से
कोई भी ताजत्वक तथ्य जछपाया निीं गया िै ।
4. मैंने और मेरे आिेि से दकसी व्यजि ने, मेरे ज्ञान या जवश्वास के अनुसार, उि राजि या उसके दकसी भाग की
बाबत मेरे उपयोग के जलए दकसी भी रीजत में, जनम्नजलजखत के जसवाय दकसी भी प्रकार की तुजि या प्रजतभूजत निीं की िै या
प्राप्त निीं की िै :
[कृ पया दकसी पारस्ट्पठरक प्रत्यय, पारस्ट्पठरक ऋण या कारपोरे ट ऋणी और लेनिार के बीच अन्य पारस्ट्पठरक संव्यविारों के
ब्यौरें िें, जिनका िावे के मद्धे समायोिन दकया िा सके ।]
5. मैं अपने िावे को, िैसे िी दिवाला प्रारं भ िोने की तारीख के पश्चात् दकसी भी स्रोत से दकसी भी रीजत में उसकी
भागतः या पूणडतः तुजि िो िाती िै, अद्यतन करने का वचन िेता हं ।
6. मैं संजिता की धारा 5(24) के अधीन यथा-पठरभाजषत कारपोरे ट ऋणी/उसके संबंध में संबद्ध पक्षकार निीं हं ।
7. मैं संजिता की धारा 21(2) के परन्तुक के आधार पर लेनिारों की सजमजत में प्रवेि करने का पात्र हं यद्यजप मैं
कारपोरे ट ऋणी से संबद्ध पक्षकार हं ।
तारीख:
स्ट्थान: (िावाकताड के िस्ट्ताक्षर)
सत्यापन
मैं [नाम] इसमें इसके ऊपर िावाकताड, एतद्द्वारा यि सत्यापन करता हं दक िावे के इस सबूत की अंतवडस्ट्तुएं मेरी
िानकारी और जवश्वास के अनुसार सिी और िीक िैं तथा कोई भी ताजत्वक तथ्य जछपाया निीं गया िै ।
................... 20…. को सत्याजपत ।
(िावाकताड के िस्ट्ताक्षर)
[ठटप्पण: कं पनी या सीजमत िाजयत्व भागीिारी की ििा में, घोषणा और सत्यापन जनिेिक/प्रबंधक/सजचव/अजभजित
भागीिार द्वारा और अन्य संस्ट्थाओं की ििा में, संस्ट्था द्वारा इस प्रयोिनाथड प्राजधकृ त दकसी अजधकारी द्वारा दकया िाएगा] ”
डॉ. एम. एस. साह, अध्यक्ष
[जवज्ञापन- III/4/असा./533/2020-21]
ठटप्पण: भारतीय दिवाला और िोधन अक्षमता बोडड (कारपोरे ट व्यजियों के जलए दिवाला समाधान प्रदिया) जवजनयमन,
2016, भारत के रािपत्र, असाधारण, भाग 4 सं. 432, तारीख 30 नवम्बर, 2016 में अजधसूचना
सं. आई.बी.बी.आई./2016-17/िी.एन./आर.ई.िी.004, तारीख 30 नवम्बर, 2016 द्वारा प्रकाजित दकए गए
थे और उनमें अंजतम संिोधन भारत के रािपत्र, असाधारण, भाग III, खंड 4, सं. 489, तारीख 13 नवम्बर,
2020 में, अजधसूचना सं. आई.बी.बी.आई./2020-21/िी.एन./आर.ई.िी.066, तारीख 13 नवम्बर, 2020
द्वारा प्रकाजित भारतीय दिवाला और िोधन अक्षमता बोडड (कारपोरे ट व्यजियों के जलए दिवाला समाधान
प्रदिया) (पांचवा संिोधन) जवजनयम, 2020 द्वारा दकया गया था ।
6 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART III—SEC.4]
Sl. Activity requiring filing of Form CIRP 7, if not completed by the Timeline for Timeline for
specified date filing Form subsequent filing of
CIRP 7 for the Form CIRP 7
first time
1 Public announcement is not made by T+3rd day Date specified X+30th day, X+60th
in column (2) + day, X+90th day, and
2 Appointment of RP is not made by T+30th day
3 days so on, till the activity
3 Information memorandum is not issued within 51 days from the date is completed.
of public announcement
Relevant Particulars
8. Details of any mutual credit, mutual debts, or other mutual dealings between
the corporate debtor and the creditor which may be set-off against the claim
9. Details of the bank account to which the amount of the claim or any part
thereof can be transferred pursuant to a resolution plan
*PAN, passport, AADHAAR Card or the identity card issued by the Election Commission of India.
DECLARATION
I, [Name of claimant], currently residing at [insert address], do hereby declare and state as follows: -
1. [Name of corporate debtor], the corporate debtor was, at the insolvency commencement date, being
the……………..day of…………..20……., actually indebted to me for a sum of Rs. [insert amount of claim].
2. In respect of my claim of the said sum or any part thereof, I have relied on the documents specified below:
[Please list the documents relied on as evidence of claim].
[भाग III—खण्ड 4] भारत का रािपत्र : असाधारण 9
3. The said documents are true, valid and genuine to the best of my knowledge, information and belief and no
material facts have been concealed therefrom.
4. In respect of the said sum or any part thereof, neither I, nor any person, by my order, to my knowledge or
belief, for my use, had or received any manner of satisfaction or security whatsoever, save and except the following:
[Please state details of any mutual credit, mutual debts, or other mutual dealings between the corporate debtor and the
creditor which may be set-off against the claim].
5. I undertake to update my claim as and when the claim is satisfied, partly or fully, from any source in any
manner, after the insolvency commencement date.
6. I am / I am not a related party of the corporate debtor, as defined under section 5 (24) of the Code.
7. I am eligible to join committee of creditors by virtue of proviso to section 21 (2) of the Code even though I
am a related party of the corporate debtor.
Date:
Place:
(Signature of the claimant)
VERIFICATION
I, [Name] the claimant hereinabove, do hereby verify that the contents of this proof of claim are true and correct to my
knowledge and belief and no material fact has been concealed therefrom.
Verified at … on this …… day of ………., 20….
(Signature of claimant)
[Note: In the case of company or limited liability partnership, the declaration and verification shall be made by the
director/manager/secretary/designated partner and in the case of other entities, an officer authorised for the purpose by
the entity.]”
Uploaded by Dte. of Printing at Government of India Press, Ring Road, Mayapuri, New Delhi-110064
and Published by the Controller of Publications, Delhi-110054. ALOK KUMAR Digitally signed by ALOK KUMAR
Date: 2021.03.15 22:22:12 +05'30'