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आज एक जािलम िपता ही सुना रहा है एक रोमां चक दा ाँ िक कैसे उसने अपने बेटे को बनाया एक खु खातम अपराधी! कैसे उसने झूठ
और नफरत म लबरे ज परव रश से उसे बना डाला मानवता का दु न! कैसे उसने उसके मासूम बचपन म अपने ाथ का िवष घोला
और उसे बना डाला नरक का शहं शाह! लेिकन इस सबके बावजूद वो मासूम बना मानवता का सबसे बड़ा मसीहा और कहलाया नरक
नाशक! रोमां च और भावनाओं से ओत ोत यह उ ि ंखला एक महानायक का मासूम प उजागर करे गी
एक सुपरहीरो, एक महानायक का जीवन इतना सरल नहीं होता िजतना िक लगता है ! अपनी सुपर पॉवस से वह दू सरों को तो सम ाओं म
से िनकाल सकता है लेिकन खुद की सम ाओं से उसे भी ितल ितल कर के जूझना पड़ता है और तब यह सम ा और गंभीर हो जाती है
जब िकसी महानायक का िपता हो महा खलनायक! ोफेसर नागमिण ने कैसी कुिटलता से नागराज के बचपन म जहर घोला और कैसे
उसके बाल मन को बनाया िवष बुझा!
एक िपता आज करने जा रहा है अपने ही बेटे की नीलामी| कौिट नागमिण ने महानायक नागराज को जकड़ िदया है बेिड़यों म और
स ूण अपराधजगत के सामने कर रहा है उसे नीलाम| ा बन जाएगा आज यह नरक नाशक एक खलनायक या उसकी िनयित उसे नहीं
झेलने दे गी यह नरक दं श
जब हम र ों को तोड़ते ह तब उन र ों की टू टन हम भी तोड़ दे ती है ! अपने िपता की लाश पर फूट फूट के रोया मेरा िदल"! उलझे ए
र ों और भावनाओं के ताने बानों म बुनी एक अद् भु त कथा, िजसम एक िपता अपने मासूम पु को ही अपने ाथ की बिल चढ़ा रहा है !
एक पु ी अपने ही िपता का सीना गोिलयों से छलनी कर दे ती है और एक िपता अपनी पु ी की खाितर अपनी सारी श यों की आ ित दे
डालता है !
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