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CHEEKH UTHA HIMALYA

सम्पूर्ण चमन जैसे साज सज। ाा ाया नन नहल्ुन सकरसंस-

चमन ंे ुस नाारसं में आज एं उल्लास ाा, खहशी ाी । रतन ंे पूसे नेश ंे कंसी भी ंोने में अााज जैसे ंोई नहख ुी
नुीं ाा । आज चमन जैसे धसती ंा स्राण नन ाया ाा । नच्चेउासाु में नच्चे-' ाा । चमन ंी ुस सड़ंे , ुस ाली ंो खहन
शीसे नाचते ए युीं ंे नाारसंों ने सजाया ाा । जाु जाु-,छोटे नकल्रों ंी झालसें नडैं। नजते पस स्ाान स्ाान !
नस ज़नरसी जैसे चमन ंा साष्टीय परण नन ाया ।

ननता भी क्यों नुी? आज़ ंसीन नीस साल नान चमन ंे ननरानसयों ने आजानी ंी साकस ली ाी ।

आज़ उनंे नेरता। ाा ुोना जो साजनतलं ंा मसीुा उनंे --

अााजान तो चमन पाकच जनरसी ंो ुी ुो चहंा ाा । उस रक्त सासे नरश्व में ुलचल मच ाई ाी, जन अमेरसंा ने सारणजननं
तौस पस यु घोषर्ा ंी कं अन चमन पस उनंा ंोई अनधंास नुीं सु ाया ुै । चमन एं आजान नेश ुै औस उसंा साजा
रतन ुै ।
इस घोषर्ा ंे साा ुी अमेरसंा ने सनसे पुले चमन ंो आजान नेश ंे रूप में मान्यता नी ।
रतन ने अमेरसंी ंो चहनौती नी ाी कं पाकच जनरसी ंी नोपुस नो नजे तं अमेरसंा चमन ंो आजान नेश ंे रूप में मान्यता
नेंस एंनाुस से चमन ंो अमेरसंा एं- ननंाल ले रसना अमेरसंा ंा सासा ाोल्ैं नष्ट ंस कनया जाएाा । अमेरसंा ंे सासे
मे ाोल्ैं ंो अपने ंब्जे में ंसंे रतन ने इस चौधसी साष्ट्र से समझौता कंया ाा । यु सौना कं अास अमेरसंा ंो सासा ाोल्ैं
चानुए तो चमन ंो आजान ंस ने । मजनूसन अमेरसंा ंो अपना नेश नचाने ंे नलये रतन ंा रु सौना मजूस ंसना पड़ा ुै
मकजूस ना ंसने ंा मतलन ाा, नहननया ंै नक्शे पस से अमेरसंा ंा नामो ननशान नमट जाना ।

असल में तो पाकच जनरसी ंो ुी चमन आजान ुो चहंा ाा कंन्तह नरनधरत् रतन ंो आज चमन ंी सनसे नड़ीं ाद्दी पस नैठाया
जाना ाा । आज उसंा साजनतलं ुोना ाा औस नस जनरसी ंा कनन चमन ंे इनतुास में स्रतन्रता ंस धासर् रूप ंा कनरस-
ाा ुी सजा तो चमन पूसा । ाया, सनसे नेुतसीन ढका से सजा ाा'--साष्ट्रपनत भरन ।।
खहन चमन ंे नाारसंों ने उसे सजाने में अपना खून। ाा कनया ंस एं पसीना- पाकच जनरसी ंी सात से ुी लोा उसे सजाने
में व्यस्त ाे । चमन ऐसे सजा ाा मानों कंसी धनरान ंी पहरी नैंे असमानों से नहल्ुन रनी ुो ।।
लेकंन रतन । रतन उस सजे…सकरसे साष्ट्रपनत भरन में नुीं ाा । सात ंो ज्रन रु सोया ाा तो साष्ट्रपनत भरन में ुी सोया ाा

नरजय, नरंास, नपशाचनाा, अलफाकसे, धनहषटकंास औस नााासोफ ंे साा । जी ुाक, इन सनंो रतन ने अभी चमन में ुी
सों सखा ाा ।
माइं, जैंी औस ुैसी तीन जलपोतों में भसंस अपने नेश ंा सोना छ। ाे ाए ले ुी ंो जनरसी :
नरजय इायाकन भी उनंे साा ुी लौटना चाुते ाे कं रतन ने अनहसोध ंसंे उन्ुें सों नलया। उसने ंुा ाा…"चच्चा अपने नच्चे
ंो चमन ंी ाद्दी पस नैठांस, मााे पस नतलं नुीं लााओाे? नरंास भाईंह छ । ुै कंया नुीं तो नहसा मैनैँ ...
ै , ंोई जहमण
तो नुीं कंया ुै, कंसी आनमी ंो तो नुीं मासा ुै? मडने जो कंया, नसफण अपने इस छोटे । नलये ंे ंसने आजान ंो नेश से-
महझे तहम क्या !नरंास महजरसम समझते ुो? जो ंह छ मडने कंया, क्या रु तहम्ुासी नजस' में ालत ुै ?"
" -नुी ैँ रतन, ठीं कंया ुै । अास ुस छोटे नेश में एं रतन ुो जाए तो नड़ा साष्ट्र कंसी छोटे नेश ंो ाहलाम न नना संे
। तहम्ुासी जाु मड ुोता तोशायन- शायन तहम्ुासी तसु अहुकसा से ंाम न ले पाताजात रन हुकसं-ाा, न जाने कंतने आननमयों
ंा खून नुा नेता ।

" तो…तो कफस भासत जाने ंी नजन क्यों?" रतन ने ंुा ।


" इसनलए कंक अपने रतन तो पहुचना ुी ुै ुमें ।"

" ओंस यु कंसंा रतन ुै?" चमन` नोल उठा…चमन भी तो भासत ंी ुी नुस्सा ुै ।। मड भी तो भासतीय हक ।

"लेकंन ।"
" लेकंन रेकंन ंह छ नुीं नरंास ने ंह छ _ंुना चाुा तो उसंी नात नीच में ुी ंाटंस रतन नोला कं नरंास ुै सहना -
ुै सहना ालत क्या !तहम ुो यास ंे यासों मडने? नुीं, तो रूंो युींरसना...रसना जाओ ननांे साजा ंो यास अपने- तहम्ुासी
ंसम..,मै साजा नुीं"। ...

मास रतन ंी नात पूसी ुोने से पुले ुी नरंास ने उसे ंलेजे से लाी नलया ाा ।
इस तसु नजन ंसंे सोंा रतन ने । ंे ंै सा सकयोा ाा ?" रतन ंे नहश्मन ननंस भासत से सोचंस यु । सन ये ाे ननंले-
जन नैठेंाे नुीं से चेन तं रक्त उस कं तं रतन ंो जान से नुीं मास नेाे । पसन्तह हुआ ननल्ंह ल उल्ट । रतन ंे नोस्त नन
ाए रे ।

" रतन-'हसकाुी ंा नशष्या ।।


मूल रूप से यु भासतीय ाा ।
मोण्टो नड़ा ंा पाण्ैंे महल्ंसाम भासतीय । लड़ंा ंा तात ंे )धनहषटकंास( लड़ंा नेशपाकैंे व्यापास ंे नसलनसले में भासत से
ननंला तो रापस ुी न अााया ।
कंसी क्रो क्या मालूम ाा कं चमन में नशखा' ंी महुब्नत ने उसे नासफ्तास ंस नलया ुै । चमन में ुी नेशपाकैंे ंा नरराु
नशखा च से ुी हुया । नशखा ंे नपता ने नेशपाकैंे ंो अपनी फे क्टसी ंा मानलं नना ाा ।

ुालात ऐसे नने कं न ुी रु भासत'आ संा, न ुी ंोई सूचना भेज पाया ।

अमेरसंनों ने छोटे पस नेश से-ुमला ंसंे उसे ाहलाम नना नलया नेशपाकैंे ंी फै क्टसी भी अमेरसक्नों ने छीन ली ।

उन्ुीं नेशपाकैंे औस नशखा ंा लड़ंा ाा रतन ।।।।

एं नुन भी ाी रतन ंी!छनर-

रतन नचपन से ुी ंुा ंसता ाा कफ रु चमन ंा साजा ननेाा । एं फलराली नूढी औसत से ुमेशा उधास फल खाया ंसता
ाा । जन आठ रषीय रतन से फल राली, नूढी मनुला ने ंुा कं तहम साजा नुीं रन संते, क्योंकं लंीस मड ुाा तहम्ुासे .
नुीं ुी ुै !
तन । ली रना लंीस रु उसने फाढ़ंस ुी ुाेली अपनी से चांू ----

नचपन से ुी ऐसा मुारांाकक्षी ाा रतन ।।।।

" उस रक्त यु नसफण आठ ुी रषण ंा ाा, जन उसंी नजन्नाी में एं भयानं मोड़ अााया ाा । चमन ंे साजा मडग्लीन ंा
लड़ंा नजम नजम जनसनस्ती उसंी नुन से शानी ंसना चाुता ाा।

नसाा कनन रुी ----, नजससे रतन ंी नजन्नाी में एं तूफान उठ खैंा हुआ ।
घटना ंा प्रभार ाा कं आठ रषण ंे रतन ने नजम ंा ंाल ंस कनया । कफस उसने नेखे, अपने माता पस नुन औस नपता --
नेखी उसने जहल्म तेुो, अपनी माक औस नुन ंी रे लाशें नजन पस कंड़े सें ा सुे ाे, नजनमें से उठती सड़ाध ुमेशा ंे नलये
उसंे कनमाा
मेैँ समा ाई ाी । कफस…एं नोसे में नन्न ंसंे मैप्लीन ने उसंे नपता ंो ैंू नने ंे नलए समहद्र में ैंाल कनया ाा ।

समहद्र में अपने नपता ंी लाश ंो तलाश ंसता रतन हसकाुी से टंसा ाया । हसकाुी ने रतन ंी ंुानी सहनी तो जाना कं एं
कनन रतन नहननया ंे नलए ारण ंी चीज ननेाा । नस। उसे नलया रना नशष्य अपना ने हसकाुी---

हसकाुी ैँ ने उसे इतना ंह छ नसखाया, नजतना यु स्रयक भी नुीं जानता ाा ।

नरजय, नरंास इायाकन ंे नररूद्ध हसकाुी ैँ ने रतन ंे कनलो कनमाा मड जुस भसा ाा ।

रड़े ारण ंे साा नसाुी ैँ नै नरंास से ंुा"----'नचंस सुना नरंास मेसा शेस मैनान में आ सुा ुै ।"
औस। अााया में मैनान रतन-

नसाुी ैँ ने रतन ंो रैज्ञाननं भी तो नना कनया ाा । उसी रैज्ञाननं कनमाा से रतन ने समहद्र
क से नंली सोना नना नलया । ऐसा
सोना कं नड़े से नड़ा घहसन्धस भी असली औस नंली ंे फंण ंो नुीं पंड्र संता ाा ।

नहुत ुी शानन्तपूरकं ढका से एं ाुसी सानजश ंै द्वासा रतन ने अमेरसंा ंा सासा ाोल्ैं अपने ंब्जे में ंस नलया औस अमेरसंा
ंे नाजास मड फै ला कनया अपना नंली सोना ।

इसंे नानपास ंे अमेरसंा कं नी ंस घोषर्ा ने रतन सामने ंे नहननया सासीं---- नजतनी भी ाोल्ैं ुै सन नंली ुै । इस
तसु रतन ने अमेरसंा ंी अाणव्यरस्ाा-, भका ंस नी । अन्य नेशों ने अमेरसंा से व्यापास नन्न ंस कनया ।

नरश्व ंे नाजास में ैंालस ंी ंीमत नास ाई ।

उधस रतन औस नरजय ंे नीच चैलेंज ुो ाया ाा कं एं मुीने ंे अकनस रतन चमन ंा साजा नन जाएाा या नुीं । रतन
ंा ंुना या कं रु एं मुीने ंे अन्नस चमन ंा साजा रन जाएाा

नरजय ने ंुा ाा कं इस अरनध ंे अन्नस रु उसे तो क्या, उसंे नाप ंो भी चमन ंा साजा नुीं ननने नेाा । कफस
अमेरसंा से माइं ने रतन ंे नखलाफ नरजय से मनन माकाी ।

नरजय तैयास ुो ाया ।

इधस…अलफाकसे , नपशाच, ननंास औस धनहषटकंास ने नमलंस रतन ंो घेसने ंी योजना ननाई ।

नहननया ंे मुान जासूस ,चासों तसफ से रतन ंो घेसने ंे नलये ननंल पैंेे़ । उधस हसकाुी नरशर रना जनायो ंी ंसाने यहद्ध-
हुकसाामं उस ंी हसकाुी । ाा सुा योजना ंे नरषय में रतन ंो ंोई जानंासी नुीं ाी ।

हुकसा से रेुन घृर्ा ाी रतन ंोयोजना खतसनां ंी हसकाुी उसे जनकं तन तो तभी -- ंे नासे में पता लाा तो ाहरु ंे ुी
नखलाफ़ ुो ाया रु । उसने हसकाुी ंा अैंैंा नष्ट ंस ैंाला । जो ंाम नरजय, नरंास इायाकन जासूसों ंा ाा, रु रतन ने
कक्रया ।

अन्त में अपनी जान नचांस भााना पड़ा हसकाुी ंो ।

नरजय, नरंास, अलफाकसे, नपशाच ंे साा माइं औस ुैसी ंो भी रतन ने ंै न ंस सखा ाा ।

कफस, रतन ने ुैसी औस माइं ंो माध्यम से अमेरसंा से एं सौना कक्रया । सौना यु ाा कं या तो अमेरसंा चमन ंो "
सासा ंा अमेरसंा रु अन्याा ने ंस अााजान सोना नष्ट ंस नेाा । जैंी ंो मालूम ाा कं हसकाुी ंे रूप में नहननया ंे तपस
मकैंसाते हुए एं भयानं खतसे ंो रतन ने कंस तसु समाप्त कंया ुै ।

जनंी यु यु भी …जानता ाा कं अास ¸ उसंे नेश ने रतन ंी नात न मानी तो नहननया ंे नक्शे पस अमेरसंा नाम ंी
ंोई जाु नुीं ुोाी ।

कफस। ाा कंया भी एुसान नड़ा रहुत एं पस नहननया ने रतन-

अमेरसंा ंो रतन ंे समक्ष झहंना ुी पैंा । रतन ंे ंब्जे से अमेरसंा ने अपना सासा सोना लेंस चमन ंो आजान ंस कनया
।।।
सनसे पुले अमेरसंा ले ुी चमन ंो एं आजान नेश ंे रूप में मान्यता नी ।
औस----- औस आज उसी रतन ंा साजनतलं ुोने जा सुा ाा ।
नौ जनरसी ंी सात ंो नरजय , नरंास इायाकन ंे साा ुी रतन साष्ट्रपनत भरन में सोया ाा ।
मास नस तासीख ंी सहनु जन रे सोंस उठे तो न साष्ट्रपनत भरन में रतन ाा औस न ुी अपोलो ।
अपोलो रतन ंा रफानास नंसा ।

" अने धूसता ंो ननस्तस खाली ंे रतन "! हुआ रााासोफ चुंा ंा चटनी ाया चला ंुाक ये "---?"

औस----- औस आज उसी रतन ंा साजनतलं ुोने जा सुा ाा ।


नौ जनरसी ंी सात ंो नरजय , नरंास इायाकन ंे साा ुी रतन साष्ट्रपनत भरन में सोया ाा ।

मास नस तासीख ंी सहनु जन रे सोंस उठे तो न साष्ट्रपनत भरन में रतन ाा औस न ुी अपोलो ।
अपोलो रतन ंा रफानास नंसा ।

" अने धूसता ंो ननस्तस खाली ंे रतन "! हुआ रााासोफ चुंा "---ये ंुाक चला ाया चटनी ंा ?"
चंसाकए सभी ाे ।
नरजय ने ंुा"----'महझें लाता ुै चचा, कं शंसंन्नी खाने चला ाया। .-----”
"चहप रे चटनी ंे नरजय "!'ंी' नात पूसी ुोने से पुले ुी नाासोफ ाहसाणयासख नन्न चोंच""---, रसना नचड्री ंा पकजा नना
नूकाा "!
इससे पुले कं नरजय ंह छ ंुे, ननंास नोला"। ुै नुीं भी अपोलो"-----

"अने उस नंसे ंा क्या अचास ैंालेाा नछनाल ंे पूत-ाहसाणया रााासोफ -- ";-"सोचना चानुए, उस चटनी ंे नासे में ।"
"'नेखो चचा"---ंुा ने नरंास "'माक ंो ााली"...
"अने चहप ुसामी ंे नपल्ले ।"

…"चचाने अलफाकसे "! ंुा ुी मौंा तो ंा समझने ंह छ कं ुो ंसते नात ंे नरसाम-ंोमा नरना से तेजी इतनी तहम "---
"। नमलता नुीं
" नेख रे 'अन्तसाणष्टीय नलफाफे ।तेसे "---नााासोफ नौड़ा ुी चढ़ तो पस उस " रटंट पस मोुस लाा नी तो कंसी पोस्ट नॉक्स
में पड़ा सड़ता ुी सुेाा ।"

औस नपचास सोच सुा ाा कं ंै से नरनचर आननमयों में फक स ाया रु रक्त पड़ने पस ये सन एं से एं खतसनां नजस अााते
ुड लेकंनरक्त इस ंोई इन्ुें अास... नेखे तोुड लाते नेरंू फ ंै से तो-? रतन ंे ाायन ुोने पस रे 'चचाण तो ंा सुे ाे कंक तह
नपचाशनाा ंो उनंी कंसी भी नात में ंोई ाम्भीसता नजस नुीं आई । रे यूक ुी नातें ंसते सुे मास...

धनहषटकंास' ने उनंी नातों में ंोई कनलचस्पी नुीं ती ाी ।

रु तो चहपचाप ंमसे 'से ननंल ाया ाा ।


ंसीन पन्द्रु नमनट नान जन रु रापस अााया तन भी सन उसी तसु उलझे हुए ाे । न जाने कंस नात पस उस समय
नााासोफ ननंास ंो ाानलयाक नं सुा ाा कं एं नलखा हुआ ंााज धनहषटंास ने उक से पंड़ा कनया ।

" अरे ये क्या महाी चोस। पढा से जोस औस नलया ले ंााज ने नाासोफ येहु ंुते "!

--“रतन भैया पूसे भरन में नुीं ुड चचा, कंसी ने उनंो जाते नुीं नेखा "!

सभी सतंण ुो ाए ।

नााासोफ नचल्लाया"। ंो नाप ंे नंसे उस ंसो तलाश-----मासो नचैंीे़ ुो नैठे क्यों युाक तो अने"---

इस तसुरतन साा ंे ससामी- ंी तलाश जासी ुो ाई ।

आश्चयणजनं रुप से रतन ाायन ुो ाया ुै । यु खनस पुले साष्ट्रपनत भरन में फै ल ाई, उसंे नान पेट्रोल ंी अााा ंी तसु
पूसे चमन में फै ल ाई । नजसने सहना, रुी अरां् ।
कनल धं् से सु ाए ।

अभी एं ुी पल पूरण नजस चमन ंे नाारसं खहशी से झूम सुे ाे, रे महसझा ला णुर् जैसे ंो ाहनलस्ताक हुए नखले । ाए से-
। ाया

स्त्री, पहरुष, नच्चे, नूढरे


े ुाल पसे शान सभी---जारान ., आतककंत!से-घनसाए से-

सासे चमन में कंसी सूई ंी तसु रतन ंी खोज ंी जाने लाी ।

चमन ंे नच्चेउन कं ाई ुो युी नसफण जैसे इछछा नड़ी सनसे नच्चे-ंा नेरता एं पल ंे नलए उनंे सामने अाा जाए ।

एं जीप में नैठे नरंास, नरजय, अलफाकसे, नपशाचनाा, नााासोफ तौस धनहषटकंास भी रतन ंो तलाश ंस सुे ाे ।

नााासोफ़ पस तो अजीन नौखलाुट सरास ाी । ंभी रु रतन ंो ााली नेता तो ंभी अपने सानायों ंो रे जल्नी उसे तलाश
क्यों नुीं ंसते ।

तन जनकं अलफाकसे ने ंुा---“रतन ंा इस तसु आज ंी सात ाायन ुोना सुस्यमय ुै ।"

-"ंुीं ऐसा तो नुीं लूमढ़ भाई कं इन साले अमेरसंनों ने उसे ाायन ंस कनया ुो। ंी व्यक्त सम्भारना ने नरजय "

"ाहरू!” ाहसाण उठा ाा नरंासंसम ंी चसर्ों तहम्ुासे तो हुआ ऐसा "----, सासे अमेरसंा ंो जलांस साख ंस नूकाा । "
। सन उठे ंाकप नेखंस रूप सौद्र ंा नरंास

नपशाचनाा ने ंुा…"यु ंाम हसकाुी ैँ ंा भी तो ुो संता ।"

" नुीं । "। संता ंस नुीं ऐसा नलए ंे रतन कनन ंे आज यु तो से रूप नरशेष "------कक्रया प्रनतसोध ने अलफाकसै "

'“क्या नात ंा सुे ुो लूमढ़ भाईसुी तो सोचो "----ंुा ने नरजय "!, साला अपना नंली चचा भी ंभी कंसी ंा हुआ
ुै क्या, जो अन ुोाा? माना कं रतन शानानण ुै उसंा, लेकक्रनहुआ खाया ुी से रतन रु तो खहन्नं ायाना सनसे रक्त इस-
ुोाा?"

"असे उल्लू ंी नहम फाख्ताओं ! सालों, लाता ुै, तहम्ुासे कनमाा ंा कनराला आउट ुो ाया ुै ।नुाड़ा नााासोफ " ाा---
"'अरै अपने मैला भसे कनमााों से मैला ुटाओ औस यु सोचौ कं क्या रतन खहन ाायन नुीं ुो संता?"

-"लातो ुै, मैला तहम्ुासे कनमाा में भसा ुै चचा ।--ंुा ने नरजय "'"आज़ ंे कनन ंा उसे इन्तजास ाा । नोला कफस "
…आज रु खहन अपनी इछछा से नुीं ाायन ुोाा?"

"साले लंड़नग्घे तू इनण्ैंयन ुै नसुेाी लटंी ुी ुै "उधस ुमेशा नहनद्ध तेसी- । नताया तो ुी तहमने अने"---नुाड़ा नााासोफ "
नहकढ़या एं रतन में नचपन कं ाा से उधास फल खाया ंसता ाा अाौस उसने राना कंया ाा कं नजस कनन रु चमन ंा
साजा ननेाा, उस कनन उस नहकढया ंा सासा उधास चहंा नेाा । क्या यु महमकंन , नुीं कं आज ंे कनन ंा सनसे पुला
अुम् ंाम उसने उधास चहंाना ुी चहना ुो?"

"‘ुो संता ुै चचासे धनहषटकंास नरंास ुी साा ंे ंुने " । जमी नात तहम्ुासी ! नोला…"मोण्टो जीप फलननाली नहकढ़या ंी
झोंपड़ी ंी तसफ ले चलो ।"

जीप चलाते धनहंाकंास ने जीप ंा रुख मोड़ कनया ।

" लेकंन चचा ।जाता से मजी अपनी रु अास"---ाा सुा ंु नरजय ", तो ंुंस भी तो जा संता ाा?”
" अरे चमासी ंे ---ैंाकटा ने नााासोफ "!'"आजंल ंी नई पौध ंो नुीं जानता क्या तू? नहजहाों ंो ंह छ नतांस ंाम ंसने
में तो अपनी तौुीन समझते ुड ये । अन इसी ईट ंे भट्ठे ंो लो न ।ाा तसफ ंी नरंास सकंेत उसंा "…"क्या ये नतांस
ंोई ंाम ंसता ुै?"

उनंे नीच इसी तसु ंी तटपटाका नाते ुोती सुी । नपशाच इस तसु चहप नैठा ाा, जैसे उसंे महकु में जहनान ुी न ुी । इसी
तसु उन सनंी नातों से नेखनस धनहषटकंास आकधी तूफान ंी तसु जीप ंो भााए ले जा सुा ाा ।

नजन सड़ंों पस ंह छ नेस पुले तं चमन ंे नाारसं खहशी से नाच सुे ाे, इस रक्त उन पस एं उनासी सी छाई हुई ाी ।
एं अजीन! महनाणननाी सी-

सड़ंों पस नजतने भी लोा नजस अााए सभी ंी आैँखे जैसे ंह छ खोज सुी ाी । कंसे खोज संती ुड रतन नसफण -----------
!! ंो

तन। रुंी जांस सामने ंे झोंपैंी ंी नहकढ़या उस ठीं जीप ज़रकं--

नहकढया नाुस नसराजे पस ुी खड़ी ाी । एं साफपुने धोती सी-, मानो अपने नेटे ंे साजा ननने ंी खहशी में रु भी झूम
सुी ाी । जीप ंे रुंते ुी नूढा नजस्म जीप ंी तसफ लपंा ।

नााासोफ सनुत सनने श्रद्धापूरणं पाकर छह ए उसंे नेटा मेसा नमला"-पूछा ने नहकढ़या !?"
"क्या रतन युाक नुीं अााया नानी माक?" अलफाकसे ने पूछाआया नुीं नमलने आपसे क्या"-----?”

" ंुाक अााया महआ, मेसा तो उधास भी नुीं चहंाया पैंी सो ंुंस "। उसने- फ़लराली नहकढया उम्मीन इसी से कनन कंतने"-
अााएाा कनन रु ंन कं ाी सुी जी पस जन यु साजा ननेाा । सनंो तो यु खहशी ुोाी कं रतन आज साजा नना ुै मास
महझे उसंे साजा ननने ंी खहशी ाोड़े ुी ाी । महझे क्या मतलन कं नो महआ साजा नने या मसे । मड तो नस यु चाुती हैँ कं
एं नास सामने आंस पैसे ने ने मेसे । "

रतन ंे प्रनत नहकढ़या ंा प्रेम नेखंस आकखे छलछला ाई । सनंी ।

नरंास ने ंुाकनये ने ुी सात महझे उसने तो पैसे नलए ंे नेने तहम्ुें "--- ाे नानी माक ।। पैसे अपने लो-” ंुते हुए नरंास ने
जेन में ुाा ैंाला ।

“चललूक क्यों पैसे तहझसे----महए..चल...ाी में? मड तो उसी साजा ंे नच्चे से लूकाी ।"

आकसू भसी आकखों ंे साा महस्ंसा उठा नरंास, नोलानुीं पैसे तहझे कं माक नानी ंुती नुीं क्यों सीधे---, रतन चानुए । ”

"मड पााल हक क्या?" ंुती ंुती फफं पड़ी रहकढ़यांरूकाी प्यास से महए उस ायाना से पैसों अपने जो"---?"

ंुंस उनमें से कंसी ंी भी नात सहने नरना नहकढ़या सोती हुई झोंपड्री ंी तसफ भाा ाई । अरां् सु ाए सन ।।।

आकखों में आकसू उमैं अााए ाे । खहन ंो सकभालंस नरजय ने ंुा…"अन क्या ंसें कनलजले?"

नरंास ंी नरचासनोला नेखंस तसफ ंी नरजय से आकखों भसी-अाासू । टू टी श्रकखला- ----" क्या रतन ंो महजरसम समझंस
ुमने रहुत नैंी भूल नुीं ंी ाी? आपने नेखाुड ंसते प्यास कंतना उसे लोा ंे महल्ं ------? क्या इतने सासे लोा ंभी
कंसी महजरसम ंो भी इतना प्यास ंस संते ुै?" ंभी नुीं ाहरु। नुीं ंभी-

सचमहच, अपने कनल पस ुाा सखंस ंुता हक मडरने रतन----ता ुै"। नेनता ंा सचमहच...

" अने नचैंीमास, सराल यु नुीं कं यु नेनता ुै या साक्षस ।नुाड़ा नााासोफ "'----"सनाल यु ुै कं रु ाया ंुा ?"
"अास रु अपनी इछछा से ाया ुै चचा, तो नसफण एं जाु औस ऐसी ुै, जुाक रु जा संता ुै ।। ंुा ने नरंास "

"ंुाक ?"
"अपने " में घस- ननंास ने ंुांी नुन औस माक अपनी उसने जुाैँ में घस उस"--- सड़ी हुई लाशें नेखी ाी । अास रु
नुाक भी नुीं ुै चचा, तो समझो, रु ाायन नुीं हुआ ुै । उसे कंसी ने ाायन कंया ुै औस तहम्ुासी ंसम उसे ाायन ंसने
राले ंी नोटी"। उसे नूकाा सहखा फाढ़ंस । ैंालूकाा नोंच नोटी-

ंह छ नेस नान, जीप मड नैठे हुए, रे सन रतन ंे मंान ंी तसफ उैंे चले जा सुे ाे ।
नेुन तीव्र रेा से चलाने ंे रारजून धनहषटकंास तीस नमनट में रतन ंे मंान पस पहुच संा । सनने नेखासा जजणस ां-,
पहसानाजकाली में लॉन । मंान फू टा-टह टा- घास उा अााई ाी ।

लम्नी लम्नी ंटीली झानड्रयों ने सास्ता घेस सखा ाा ।


मंान ंा नसराजा नन्न ुोने ंा छ
प्रशन ुी नुीं ाा क्योंकं टू टे हुए नोनों कंराड़ नसराजे ंे पास ुी झानैंयों में पड़े ाे । झानड़यों ंो पास ंसते हुए रे ुै पुले
ंमसे में पहुकच ाए
नेखा। ाा नन्न नसराजा ंा ंमसे नूससे-

सभी रठठं ाए । नूससे ंमसे ंे अन्नस से कंसी ंे सोने ंी आराज अाा सुी ाी ।
फू ट। ंोई रुाक ाा सुा सो तड़पंस-तड़प फू टंस-

कफस, रतन ंी आराज ने सनंे सोंाटे खड़े ंस कनए, सहनंता हुआ रु ंु सुा ाातू ुै सुी नुीं क्यों नेख माक"-? नेख तेसा
रतन आज चमन ंा साजा नन ाया ुै तेसे लाल ंे साजा ननने पस तेसे नेश ंी जनता कंतनी खहश ुै ।। तूक ंुाक चली ाई माक
।। तेसी लाश ंुाक ाई? छनर रुन तू भी माक ंे साा ुी चली ाई, पाली, तेसे भाई ंे शानी तहझसे ंह ुा रु भला सुते-
ाा संता ंस, मड तेसा"...

ायाना सहना नुीं ाया नरंास से, तो नसराजा खटखटा कनया उसने ।

अन्नाज एंनम नन्न ुो ाई ।

सहनंने ंी आराज भी नन्न ।

ननणयहक्त स्रस में पूछा ायाुै ंौन"----?"

"रतन, मड हक नरंास । " । खोलो नसराजा"-----ंुा उसने "

कफस, ंह छ नेस सन्नाटा। खहला नसराजा से झटंे एं । आराज ंी ंनमों अााती तसफ़ ंी नसनाजे कफस----

आखों ंे सामने ाा नरंास ंे नसानस लम्ना रतन । नूध जैसे सफे न नलनास में रांई नेरता सा लता ाा रु । आकखों ंो ढंे
हुए रुी सहनुसे फ्रेम ंा ंाला चश्मा, ंह छ नेस तं तो सासे ंे सासे नेखते ुी सु ाए उसे । ंपोल पस एं भी तो आकसह नुीं
ाा ।

कफस, इस अजीर से सन्नाटे ंा तनार नााासोफ ने समाप्त कंयांे नचड्री ""---- पकजे, युाक ुै तू ? रुाक चमन ंे ुस ंह एक में
तहझे खोजने ंे नलए जाल ैंलरा कनए । सनंी जान ननंाल नी तूने"। उठा महझाण ाहनलस्ताक हुआ नखला-

" चचा आओ"-----नुीं ुी सहनी नात ंोई उसंी ने रतन "! मेसे साा ।नााासोफ " ंी नोनों ंलाइयाक पंड़ंस रु उसे
अन्नस ले ाया, ंमसे ंे ान्ने फशण ंी औस सकंेत ंसंे नोला…"युाैँ चचा, अपनी माक औस नुन ंी लाशों ंो युाक छोड़ ाया
ाा मड । अन रे ाायन ुड ।"

नााासोफ ंा कनल फू टउठा मचल नलए ंे सोने फू टंस-, पस स्रयक ंो सकभालंस नौला लाशें रे ुोंाी से ंुाक युाैँ अन"---
स नासुााल ुो ाए उस नात ंो, अन तं युाक लाशें ंुाक ुोतीं ?"

.…"क्यों चचा ?" रतन ने पाालों ंी तसु ंुा…"ंुाक ाई ुोंाी रे लाशें ?"
…'"अने भड़रे, अमेरसंनों ने नफना नी ुोंाी ।। नााासोफ पाया नुीं छह पा ंो आराज ंी सोने से में शब्नों अपने "

-"नुीं चचा, यु नुीं ुो संता ।"---ना ाया ुो पााल में रास्तर जैसे रतन " ंह ुे इन लाशों ंो उठाना तो नूस, इस
स्ाान में घहस भी नुीं संते ाे । जानते ुो चचा…मेसी माक औस रुन ंी लाशों में इतने लम्ने लम्ने ंीड़े पड़े ाे ।। ऐसी सड़ाघ
उठ सुी ाी चचा कं महझसे भी सुा नुीं ाया युाक । कफसरे कफस... ंह ुे उस सड़ाकघ में युाक क्यों अााते ? क्यों उन लाशों
पस से ंीैंे ुटाते ? "

नााासोफ ने सकभाला खहन ंो नोसाअने "---- ुसामजाने । उन्ुोंने न भी ुटाया ुो तो क्या इतने कननों तं ंोई लाश पैंीे़ सु
संती ुै ?”

" क्योंचचा क्यों..., जन उन्ुें ंोई उठाएाा नुीं तो रे चली ंुाैँ जाएकाी ?"

"अने उल्लू ंी नहम फाख्ता, इतने कननों तं तो ताश रैसे भी नुीं रटंती ।ंीड़े ंह छ"-----नताया ने नााासोफ " खा ाए
ुोंाे, ंह छ सढ़ंस सूख ाई ुोंाी । नाद्धों ंी नजस पड़ ाई ुोाी तो ाोश्त ंो रे नोच ंस खा ाए ुोंाे । नचे ंह तों ंो खहच-

"। ुोाा नोंचा ने

" ओु "...तो ुोाा झझोड़ा ंो ाोश्त ंे माक मेसो ने ंह ुों जन । ुोाा हुआ तो युीं ुाक -- चचा ुाक !

" चहप !” नहसी तसु चीखंस सो पड़ा नााासोफरुलांस आनखस ! ुसामजाने जा ुो चहप- ुी छोड़ा न तूने जख्म पस कनल !
मड सोंता ंत ंुाक ! ाया चला ुी कंए? चहप ुो जामा रसना ---स"। नूकाा नना उड़नतश्तसी मासंस-

कफस नेखने नातों ने नेखा। रु ाा सुा सो फू टंस----फू ट तसु ंी नच्चों । ंो नााासोफ हुए सोते---

ंह छ पल, अरां् सुा नेखता उसे रतन सा-, नोला…"सो सुे ुो चचा ! इस मे सोने ुै नात क्या ंी-?"

" ंह छ नुीं चमाानड़ ंी नूमंुन "! नुीं ंह छ--ाे ंे साा ुी नाासोफ ने रतन ंो अपने से नलपटा नलया । नलपटांस सोने
लाा रु । नााासोफ ुी नुीं, सन सो सुे ाे । धनहषटंंास औस अपोलो ंी आकखो से भी आकसू टपं सुे ाे ।

आकसू नुीं चमं सुे ाे तो रतन ंे ।

नाासोफ ंे ाले से नलपटे रतन ंी नज़स नरंास पस पैंीे़ तो नोलानरं"--ाास, मेसे यास जांस से नजसमें नेखेाा सहसका रो !
ाा कंया ंाल ंा नजम मडने? आ तहझे कनखाता हक मड ।ननंला से नाकुों ंी नाासोफ रु ुी साा ंे ंुने ", ननंास ंा ुाा
पंैंंस नाारूम ंे नसराजे तं पहुकचा औस उस छोटीहुआ कनखाता ंो सहकसा सी- नोलां -- सहकसा रो ुै ये नेख "---नातनी
छोटी ुै सहसा मडने न ाा पााल मड ! नड़ी नुीं ननाई । नैंी ननाता तो सर रच जातेसे तोड़ने नसराजा ंे मैग्लीन --- पुले
ुी सन ननंल जाते मास----,मडने कंतनी छोटी सहसका ननाई ।। मडने ुी तो अपने मा , नुन औस नपता ंो मासा ुै । सोच
मेसे यासतो ुोती नड़ी सहसका---- ननंल.

"रतन से सीने अपने उसे ने नरंास "! नलपटा नलया ुै क्यों घनसाता तू "---? तेसी मा, नुन औस नपता ंा ुायासा तो
मौजून ुै
...... मैग्लीन ---
" ुाक ।"। मारूाा तैंपांस तैंपा उसे । नरंास छोैंू काा न नजन्ना मड उसे...मेसे ुै में ंब्जे रु "--- ाहसाणया रतन "

"उसंी युी सजा ुै रतनमड " --- ंुा ने नरंास "। ुै सजा युी उसंी- तेसे साा हक। जैसा तह ंुेाा ुी रेसे उसे---
"। मासें ाे
" ननंास ।पूछा ने रतन "…"जानरस अास मेसी माक औस नुन ंी लाशों ंा ाोश्त खा ाए ुोंाे तो ुनड़ैंयाक तो नचीं ुी ुोाी
?"

" छोड़ रतन, इस नात ंो छोड़ मेसे नोस्त । । ंुा ने नरंास "
लेकंन रतन नुीं माना । रु तो जैसे पााल ुो ाया ाा, नोलासाा मेसे "-----, माैँ , नुन ंी ुनुैंयाक नूढने में मेसी
मनन ंस ।"
नरंास ने, नरंास ंे साा नरजय, अलफाकसे इायाकन सभी ने उसे सोंने, उसे पंड़ने ंी नहुत ंोनशश ंी, मास सनंी
नासफ्त से खहन ंो ननक्लता हुआ लु मंान से नाुस ननंला । लॉन ंी लम्नी, ंटीली, झानैंयों से यहक्त जकाली घास में ंह छ
तलाश ंसने लाा ।
ठीं पााल। रु ाा सुा ला सा-

मंान ंे नसराजे पस खैंेे़ सभी उसे नेख सुे ाे । सोच सुे ाेरक्त इस क्या- पााल रुी क्या-रतन यु नाला अााने सनज सा-
नजस ुै रतनने समहद्र ंे पानी से सोना रना नलया ? नजसने नरना ुाया कंए अमेरसंा जैसे साष्ट्र ंो झहंा कनया ?

यंीन नुीं ुोता ाा कं युी रतन ुै रु ।

एंाएं चीख पड़ा रतन…'नरंास, मेसी माक या नुन में से कंसी ंी एं ुैंैंी नमल ाई ।"

सभी ने नेखा, रतन ंे ुाा में सचमहच एं ुैंैंी ननी हुई ाी । नोलाइन्ुीं"--- झानैंयों में सासी ुनैं् ैंयाक ुोंाी । उन सभी
ंो ठूक ठ लहकाा ।:पहन रु औस " झानैंयों ंी खाक़ छानने लाा ।

नजस प्रचकैं अााा ंी तसु सासे चमन में यु खनस फै ली ाी , कं रतन ाायन ुो ाया ुै, उससे भी ंुीं ायाना तेजी ंे
साा यु खनस फै ली कं रतन नमल ाया ुै ।
नु अपने उस मंान में ुै , नजसमें उसंी माक औस रुन ंी लाशें सड़। ाी ाई ुो समाप्त सड़ंस-

सासा चमन जैसे उस मंान पस ुी उमैं पड़ा ।

नजसने सहना, रुी नौड़ पड़ा ।


ंह छ ुी नेस नान रतन ंे मंान से नाुस खड़ा अपास जन। ाा सुा ंस जयंास जय ंी रतन समहनाय-
इस रक्त रतन अन्नस ाानरजय---, नरंास, अलफाकसे, नपचासनाा औस नााासोफ ंे घेसे में । भारहंता ंे भकरस में ैंू ने रतन
ंो सामान्य नस्ानत तं लाने में ंाफी मेुनत ंा पड़ी ।

झानैंयों में से रतन ने नहुत सासी ुनुैंयाक ढू कढ ली ाी ।। नननृसन्नेु रे ुनैंैंयाक उसंी माक औस नुन ंी ाी ।

उन ुनैंैंयों ंो नरंास ने अपने ंब्जे में ंस नलया ाा ।


नरजय, अलफाकसे इायाकन ने भारहंता ंे भकरस मे फक से रतन ंो चमन ंे नाारसंों ंे सामने ले जाना उनचत नुीं समझा ाा ।

रतन ंो ननयकनरत ंसने में उन्ुें इतनी नेस लाी कं चमन ंे ननरानसयों ने आज रतन ंे स्राात ंसने ंे नलए नजतने प्रनकध
साष्ट्रपनत भरन पस कंए ाेसन--- उसंे मंान पस पहुकच ाए ।।
रतन ंे घस ंे नाुस नैण्ैं नजने लाे ।।
।लोा खहशी से नाच सुे ाे ।

रतन नाुस अााया तो उसंी जय। उठा ाूकज़ आंाश सासा से जयंास-
चासों तसफ ुषोल्लास, खहनशयों में झूमता चमन ।। खहनशयों ंा शोस एंाएं उस रक्त नन्न ुो ाया, जर ुाा उठांस रतन ने
सनंो शाकत कंया ।

रतन ंे इस सकंेत पस ऐसा सन्नाटा छा ाया कं सहई भी नासे तो आराज ुो ।

"मेसे प्यासे नेशरानसयों उठी ाूकज आराज ंी रतन "!…"मेसी माताओं नुनो, भाइयो औस मेसे प्यासे रतन ंे नन्ुें महन्ने नच्चों ।।
नज ंसीन नीस साल नान ुम आजानी ंी साकस सुे ुड । सकंल्प ंसो कं आजान ुी सुेंाे, ंभी नूननया ंी कंसी भी तांत ंे
अाााे नसस नुीं झहंाएैँाे । आज खहशी ंा मौंा ुैाेखहनशयाक भसंस जी- मनाएक । ये नूटामंान फू टा-, नजसमें मेसा जन्म हुआ ,
अााप सन इस स्ाान ंो जानते ुड । इस मंान में माक औस नुन ंी लाशें सड़। ायी ुो समाप्त सढ़ंस- इसी मंान में मडने
सकंल्प नलया ाा कं अपने नेशरानसयों पस ुोने राले जहल्म ंा सीना चीस नूकाा । इस छोटे सकभालंस खहन नााैंोस ंी नेश से-
स्राण इसे ननातकाा । मेसा सौभाग्य ुै कंक अााज अााप सन नमलंस इस नेश ंी नााैंोस मेसे ुाा में ने सुे ुड । नजस तसु
आज़ तं चमन ंे ुस नाारसं ंा ननण मेसा ननण सुाहक ंसता राना मड--- ुमेशा सुेाा । मेसी इछछा ुै कं अााप सन स्रयक
महझे इस मंान से ऱाष्ट्रपनत भरन तं पहुचाएक ।"

इस तसु नहुत ाोड़े शब्नों में रतन ने अपनी अनभलाषा प्रंट ंी ।।

कफस खहनशयों से भसा एं जलूस रतन ंे मंान से चला ।।। खहनशयों में झूमते लोा अपना अनस्तार भूलंस नाच सुे ाे ।

चमन ंे ुस नाजास, ुस सड़ं से यु जहलूस ाहजसता चला ाया ।

नरंास इायाकन जहलूस में सनसे पीछे रतन ंे साा ाे । चमन ंे नाारसंों ने सजा एं नलए ंे नैठने उसंे सकरासंस-
नरक्टाोरसया तैयास ंी ाी, कंन्तह रतन उसमें नुीं नैठा, रु पैनल ुी चल सुा ाा ।

रतन पस असकख्य'पहष्पों ंी रषाण ुो सुी ाी ।

"नरंास अपनी आखों से सन ंह छ नेख सुा ाा…चमन् ंे नच्चे, स्त्री, पहरुष, नूढेे़ , जरान रतन ,इस तसु पूज सुे ाे मानो
रु उनंा साजा नुीं भारान ुो ।
ननंास ने नेखा ाा, ंोई नूढी मनुला रेुन श्रद्धा ंे साा उसंे पास अााती रतन झहक्क ंस उसंे चसर् छू लेता ।

---"असे ुै ंक ुा मसी माक मेसी"-ुै ंुता रतन तो चाुती ुटना मनुला नौखलांस " ......असे ....? तहम तो ुो ?"

ानान ुोंस मनुला उसे अपने सीने से नलपटा लेती । नरंास ने नेखी ाी। आकखें छलाती-छल ंी मनुलाओं--

ंोई यहरती श्रद्घा ंे साा उसे माला पुनाना चाुतीं तो नीच में ुी ुाा सोंंस ंुता रतन…"भाई ंो माला नुीं पुनाई
जाती नुन ुो छनर ंी छनर मेसी तो तहम ! ।।।। जन तू इसे अपने पनत ंे ाले में ैंालेाी तो तहझे सुासा 'नूाा मड ।"

आखें भसंस चसर्ों में झहंती तो नीच में ुी सोंस नोलती पाली, भाई ंे पैस छह ंस क्या महझे पाप लााएाी ?"

ंोई नच्चा अााता तो रतन ाोन में उठांस उसे चूम लेता।।
"ननंास नेख सुा ाा औस साा ुी साा सोच भी सुा ाा…क्या रतन ंे अनतरसक्त नहननया ंे कंसी अन्य आनमी ंो ंभी इतने
जनसमह-नाय ंा इतना अनधं प्यास नमला ुै ? सम्भर ुै, नमला ुो, कंन्तह ऐसी श्रद्घा तो लोा भारान ंे अलारा कंसी ंो
नुीं नेते ।

औस।। ाा समझा महजरसम ंो रतन तो ने लोाों उन औस...

न जाने क्यों नरंास स्रय ंो रतन ंे सामने नहुत नौना सा मुसूस ंस सुा ाा । ननंास रतन ंो नमलने राली उस असीनमत
श्रद्धा ंो नेखता सुा, उसंे साा चलता सुा । सासे चम्न ंी सड़ंों से ुोता हुआ जहलूस शाम ंे चास नजे साष्ट्रपनत भरन पस
पहुचाक ।।। साष्ट्रपनत भरन से अमेरसंा ंा झण्ैंा उतासंस चमन ंा झण्ैंा । ाया फुसाया-

अनें प्रोणामों ंे नान यु रक्त अााया जन रतन ंा साजनतलं ुोने राला ाा । रतन ने ंुा…"मेसी इछछा ुै कं मेसे मााे पस
सनसे पुला नतलं फलराली नानी माक ंसें ।"

नाारसंों ंी तसफ से रतन ंी इछछा ंा ुषणध्रनन से स्राात कंया ाया ।

रतन ने पहनंुा :…"मड नानी माैँ ंो लेंस अाा सुा हक।ुी साा ंे ंुने ", भीड़ ंे नीच से ननंलता हुआ रतन साष्ट्रपनत
भरन से नाुस ननंल ाया ।

अपोलो घनण्टयाक नजाता उसंे साा ाा । अन्य ंी तो नात ुी नूस, नरंास इायाकन में से भी कंसीने उसंे साा चलने ंा
उपक्रम नुीं कंया ।

खहन ुी ंास ड्राइर ंसता हुआ रतन नूने़ढया ंी झोंपैंी पस पहकचा ।

अन्नस से आव्ज अााई ुै ंौन "----?"

"यु मड हैँ नानी माकरेटा तहम्ुासा-, रतन ।"

"आ ाया तू ंलमहकुे ।आई आराज से अकनस "…"साजा ननते ुी भूल ाया महझे।"

नसराजा खहला, सामने ाी अााायनधं नूढी मनुला ।

नेुन श्रद्धा ंे साा रतन ने उसंे पाकर छू नलए, नोला "। माक नानी ंसना माफ "---

"माफ ुटी ुटी पीछे तसु इस ंुंस " ! जैसै रु रतन से नेुन नासाज़ ुो'-"साजा ननते ुी उन फलें ंो भूल ाया, जो
महझसे उधास खाए ाे ? मड युाक नैठी हक कं मेसा उधास चहंाने आएाा औस तू से ाा ाया चला ंुाक..तू...?"
" ंुीं भी तो नुीं माक । अपने"---ंुा में स्रस ाम्भीस ने रतन "घस में ुी तो ग़या ाा । सोच सुा ाा कं आनखसी नास
मडने अपनी माक औस नुन ंी लाशों ंो रुीं छोैंा ाा"। जाएक नमल शयन-

“पााल ।। नलया नलपटा से ाले अपने ंो रतन उसने ंुंस "

" मड भूला नुीं हक नानी माक ंुा ने रतन "!‘--"तहमसे उधास लेंस नौ सौ आठ सेस फल खाए ुड मडने । आज तहम्ुासा आज...
माक नानी । चहंातकाा उधास सासा, नुसान में तो ाड़नड़ नुीं ुै ? तहम्ुें भी यान ुोाा ।" " नेटे चाुे यान सखें कं उनंी माक
ने उन्ुें ंन क्या कनया ुै लेकंन माक यान नुीं सखती । इसनलए नुीं कं उसे यान नुीं सुता ननल्ं इसनलए कं रु यान सखना
नुीं चाुती । नेटे तो ंपूत ुोते ुड न, लेकंन माक ंह माता नुीं ।"

" कफस भी नानी माक…नुसान तो ुै ।"

" तो ला कफस, नेता ,क्यों नुीं मेसे पैसे?" नूकढया ने उसे ैंाटा क्या नेाा भस पेट से नातों ुी यूक "-?"

" नूकाा क्यों नुीं नानी माक ंुा ने रतन "!…"तहम्ुें साा ले चलने ंे नलए ुी तो अााया हक।"

"ंुा ?"

"साष्ट्रपनत भरन में ।"रुाक सुे ंस इन्तजास तो ुी तहम्ुासा सन "-----नोता रतन "

"‘रुाक मेसा क्या ंाम ?" नहकढया ने सहनंस ंुा…"मेसे पैसे नेने ुड, पैसे ने औस जा युाक से ।"
"क्यों माक, क्या इस लंीस ंो भूल ायी तहम ?" अपने सीधे ुाा में चांू द्वासा रनी लंीस ंे सूखे ज़ख्म ंो कनखाता हुआ
रतन नौलातो से चांू ुी तहम्ुासे "--- यु लंीस ननाई ाी । तहमने ंुा ाा न कं नजसंे ुाा में युा लंीस नुीं ुोती, रु
साजा नुीं ननता । अास तहम उस कनन महझे यु नात न नतातीं नानी माक, तो महझे क्या पता लाता ? मड भला अपने ुाा में
लंीस क्यों ननाता । यु लंीस न ननाता तो सच नाद्री माक, मड साजा तो ंी ाोड़े ुी ना नन संतााा।"
" पाला ।नलया नलपटा से जोस औस उसने ंो रतन "…"मडने तो तहमसे झूठ नोला ाा ।"

"'मैने तो सच ुी समझा ाा माक यु में ुाा अपने मड"----नोला रतन "!लंीस न ननाता तो ंभी साजा नुीं ननता ।
मेसा नरश्वास ुै मा कं इस लंीस ंी रजु से ुी साजा नना हक मड । क्या तहम महझे अपनी आकखों से साजाद्दी पस नैठा हुआ न
नेखोाी ?"
"अछछा चल, मड चलती हुकायाना--, नात मत रना ।।सुत इस "…फलराली नहकढ़या ंो अपने साा ंास में नैठांस रतनने ंास
नौड़ा नी।।

तन ंी ोंेंों जनकं-- चसमसाुट ंसती हुई ंास एं झटंे ंे साा रुंी सनसे पुले खहली हुई नखड़ंी से नाुस ंू ना अपोलो ।
घकरटयों ंी आनाज से रातारसर् झनझन्नाया ।

अाले ुीं पलन ।।सुासा ाई सु ुोंस नरलीन टनटनाुट ंी घकरटयों में आराजों ंी शुनाई औस नडैं-ाेंस रतन ने नहकढया ंो
ंास से नाुस ननंला । जोसनास स्राात कंया ाया ।

नहकढया पस फू लों रषाण ुो सुी ाी । रे साष्ट्रपनत भरन में प्रनरष्ट ुो ाए ।

"नोनो तसफ व्यरनस्ात ढका से चमन ंे नाारसं खड़े ाे । नसराजे ंे ठीं सामनेनूस --- हसकुासन सखा हुआ ाा । रतन औस
फलराली नूढी माक ंी जय जयंास से सासा चमन ाूकज उठा ।

नैण्ैं नन्न ुो ाए । शुनाइयाक खामोश ुो ाई ।।


'रतन' नहकढया ंो हसकुासन ंे ंसीन ले ाया । नोला नैठांस पस हसकुासन ंो माक अपनी साजा ंा नेश इस ! माक नानी नेठो"-
, साज ंसे ाा ।"

चौंं पैंी नहकढया, नोलीने ुै ंुता क्या ये"---टा ? यु ानी तो तेसी ुै ।"

" नुीं नानी माक ।ंुा ने रतन "'---“ाद्दी माक ंी ुै नेटा--- तो माक ंी सेरा ंसे ाा ।"

ैँ
" नुीं रतननस तो महझे "--- नहकढया पैंीे़ सो मासे ंे खहशी "! नेटे मेसे नुी--- नसफण मेसेाे पैसे ने ने ।।

” पैसे तो नूाा ुी मा ।। पुल "---नोला रतन "ाे नैठो तो सुी युाक ।।"
खहशी से सोती हुई नहकढया ंो साजाद्दी पस नैठना ुी पड़ा ।

कफसाी सोली में ााली । लाया ााली एं ननंास-, साा ुी चारल औस एं ुीसे जनड्रत- सोने ंा महंहट । रतन ने सोली में
अकाूठा नभाोया, नोला"----, ाद्दी पस तहम नैठा ंसोाी माक ।। नहननया चाुे यु जाने कं चमन ंा साजा रतन ुै, लेकंन
ुंींत युी सुेाी कं यु ाद्दी तहम्ुासी ुै । तहम रतन ंी माैँ ुो, इस नेश ंे साजा ,. ंी माक…इस नेश ंी माक । ंुते "
। उसने नी लाा सोली पस मााे ंे नहकढया हुए
झस झस ंसंे नहकढया ंी आकखों से खहशी ंे आसू नुते सुे । रतन ने मााे पस सोली पस चारल नचपंा कनए ।

कफस ताज ुाा मड लेंस ंुने लाामाक नानी समझना मत यु "----, कं यु महंहट मड तहम्ुें महफ्त में, खैसात में या ंोई
एुसान ंसने ंे नलए ने सुा तू । यु तो उन नो सौ आठ सेस फलों ंी ंीमत ुै जो तहमने महझे उधास नखलाए ुड ।" इतनी
खहशी नमले तो इन्सान पस सुन नुीं ुोती । खहशी चसम सीमा ंा प्रतीं ुोता ुै फू ट। पैंी सो नहकढया । सोना फू टंस-
रतन ने उसंे नसस पस ताज सख कनया ।

फ़लनाली नहकढया ंी जय जयंास से रातारसर् ाूकज तठा ।।


नहकढया ंी आखों से आसूक झलं सुे ाे ।

सोते सोते अचानं रु नोली "-‘रतन, मेसे नच्चे नेख !, महझ पस यु खहशी सुन नुीं ुो सुी ुै । अन नेख नेख मड.....
ंा स्राण नलए मेसे तूक कं ह सुी नसनाजा खोल सुा ुै, असे तू तो नहला सुा ुै महझे सुी आ मड...रेटे अााई...... हक ।"

" नानी माक! माक नानी...” ंन्धों से पंैंंस रतन उसे झकझोैंता हुआ नोलाुो क्या"---ाया तहम्ुें ुोश में आओ ।"

औस, रास्तर में फ़लनाली नहकढया अपनी सहधनहधह खो नैठी ाी । उसंी आकखें अन्तरसक्ष में जम ाई । रुी ैँ अन्तरसक्ष में ननुासती,
खोईसुी ंु सी- ाीनेटे"---, तूने मेसे नलए स्राण ंा नसराजा खोल कनया"। हक जाती ुाक----

"माक…माकन ंो नहकढया "!...ाूसी तसु झकझोड़ंस चीखता हुआ सो पैंा रतन तहम ुो सुी ंु क्या... आओ में ुोश"----?"

नहकढया ुल्ंे से चौंंी, रतन ंे चेुसे ंो नेखा, नोली"। रतन हक सुी जा मड "-----

" ंुा माक ?” रतन तड़प उठा ंुाक "---?"

ैँ स्राण में...” रतन ंा चेुसा नेखती हुई रु नोली"----तह सोना नुींमहझे... ुाैँ जाना ुै...”
"रुी,

" नुींमा., नुीं ।----रतन पड़ा सो "'"नजससे भी प्यास ुोाा, क्या रु मस जाएाा ? माक नुीं नूकाा नुीं मसने तहम्ुें मड !
"।

"‘पााल "--ंुा ने नहकढया "!'असे मेसी तो उम्र ुी मसने ंी ुै । रु तो उधास लेने ंे नलए नजन्ना ाी मड । उधास ले
नलयाुै ंसम तहझे चलूक। मड अन ---- मेसीन आकसू भी एं पस लाश मेसी ----ुड ंसम् मेसी --- सखना यान । रतन -----
नुेतसु उसी ठीं ंाम सासा ंा साजनतलं तेसे नेख । ंा प्रजा तेसी न तेसा ुी न- ुोना चानुए , नजस तसु ुोता ुै ।"
"ऐसा मत ंुो नानी माक, सा मत ंुो ।तढ "ाे़पंस सो पड़ा रतनहक नहसा इतना मड क्या"--- माक, कं नजससे भी मड प्यास
ंरूक, उसे ुी खा जातक ? अपनी मा से प्यास कंया ाा, रुन से प्यास कंया ाा, नपता से प्यास कंया ाा; उन सनंो तो
नचपन मे ुी खा ाया मड । जन उन सनंे नान तहम्ुीं से तो प्यास कंया ुै मडने, तोतो... क्या तहम्ुें भी खा जातकाा मड ?"

…“क्या रेरंह फ ुै से तू जो मसती हुई माक ंी नुीं सहनतासुा जा ुाकंे अपनी- ुै ।---ंुा ने नहकढया सी खोई तसु उसी "
प्यास भी से पापी तू...सहन...सहन" ंसे ाा तो स्राण में जाएााअपने नमनट नो असे ....हक सुी आ-भाई ुाक...ुाक... नेटे से
तो नात ंस लूक। रतन। ुड सुे नहला महझे नेरता ंे स्राण...नेख... रेटे, ायाना रक्त नुीं ुै मेसे पासकसहन से ध्यान...…-अास
एं भी आसू नुा, तेसे साजनतलं ंे कंसी भी ंाम में , मेसे जाने से ंोई फंण अााया तो सच ंुती हक आामा मेसी- ---
"सुेाी। भटंती ुमेशा

औस उस नहकढया। ाे शब्न आनखसी ये ननंले से महकु ंे -

हसकुासन ंी पहश्त से नसस जा टंसाया उसंा । रु ठक ैंी ुो ाई।। ननश्चल-

अरां। ाया सु नेखता उसे से में चश्मे ंाले अपने रतन सा-

नसनास में सन्नाटा छा ाया। सन्नाटा ंा मौत----

"ंोई सोएाा नुींं चमन पूसे ने ाजणना इस ंी रतन "ाो नुला ैंाला…'कंसी भी आकख से ंोई आकसह नुीं ननंलेाा । आज
रतन तहम्ुासा साजा रना ुै । एं नास कफस आज रतन ंो ंी मसी ुै । जश्न मनाओ"। नजाओ शुनाइयाैँ-

जरानसन्नाटा में .…रुी मौत ंा ।


"सहना नुीं ाा तहमने ?" ननण से भसी रतन ंी ाहसाणुट ंुा क्या अभी ने माक मेसी"--ाा"। नजाओ नैण्ैं "---
औसंी शानाइयों औस रेण्ैं जैसे ंह छ सन- आराज में ननंस सु ाया ।

हसकाुी
रड़ा अजीन जश्न मनाया जा सुा ाा ।
फ़लराली नूढीे़ माक ंी लाश ंो सीधी ंसंे हसकुासन पस सख कनया ाया ाा ।
उसी हसकुासन ंे नसानस में एं छोटे हसकुासन पस नैठ ाया ाा रतन ।

नेखने राले ुस पल उसंे ुोंठों पस महस्ंान नेख सुे ाे । आखें तो उसंी ंोई नेख ुी नुीं संता ाा । ुमेशा ंी तसु उसृंी
आकखें ंाले चश्में ंे नीचे छह ई ाी ।

नैण्ैं औस शुनाइयाक नज सुीं ाी, चमन ंे नाारसं खूशी से नाच सुे ाे--रतन ंा आनेश जो ाा । पसन्तह रतन ंे आजान
ुोने ंा जश्न मनाते ुस आनमी ंी आकखों में आकसू ाे ।

मजाल ाी कंसी ंा एं भी आकसू आखों ंी सीमा ंो तोड़ंस ाालों तं अााता ।

कफस---रु रक्त अााया---जन साजनतलं, ुोने राला ाा ।

सभी आराजें ाम ाई तो रतन ने ंुा-"मेसी इछछा ाी कं मााे पस सनसे पुला नतलं नानी माक लााएक कंन्तह... "

"अभी तो ुम नजन्ने ुड नेटे ।" सनंे साा रतन भी चौंं पड़ा क्योंकं साजमुल में ाूकजने नाली आराज हसकाुीं ंे अलारा कंसी
ंी नुीं ाी ।

ुस ननााु नसराजे ंी तसफ उठ ाई ।

हसकाुीं चला अाा सुा ाा । जो हसकाुी ंो जानते ाे, रे तो उसंे भयारने चेुसे ंो नेखते ुी सुम ाए । पसन्तह इस नसनास
में ायानातस लोा ऐसे ाे नजन्ुोंने हसकाुी ंा नसफण नाम सहना ाा, आज ुी पुली रास नेख सुे ाे ।
नेखने रालों ंे नजस्मों में झहसझहसी-सी नौढ़ ाई ।
लोाों ने नेखा…कंसी महने जैसा चेुसा, चेुसे ंी ुस ुैंैंी उभसी हुई । ाैंृ ढों में धकसी छोटी-छोटी कंन्तह नेुन चमंीली आखें ।
नोनों तसफ से ुोंठों पस झहंी महकछें । नाढ़ी ंे ठोढ़ी पस ंम नाल ाे कंन्तह रेुन लम्ने । नसस पस नानती ंे ुी नाल ाे ।

… चेुसे ंी सम्पूर्ण खाल इस तसु झहलसी हुई ाी मानो कं ननचोढ़ने ंे नलए उमेठ हुआ ंपैंा ।

पतले-नेुन पतले ुोंठों पस महस्ंान ाी ।

"‘ाहरु अााप !" हसकाुी ंो नेखते ुी श्रद्धापूरणं रतन हसकुासन छोड़ंस खड़ा ुो ाया ।।
-"अभी ुम मसे नुीं ुड रतन नेटे ।" हसकाुीं ंी भयानं , आराज साजमुल में ससससा उठी ---" यु नूससी नात ाी कं
साजा ननते ुी तहम ाहरू ंो भूल ाए । "

" तहम उस रक्त तं एं पटृ टा नलखरांस आए ुो चचा, जर तं साली ये नहननया चलेाी ।" इससे पूरण कं रतन ंह छ जरान
ने, नरज़य नोल पड़ा---"तहम साले नम्नस एं ंे नेशमण 'भला मस ंै से संते ुो ?"

नरजय ंो नेखंस ुल्ंे से महस्ंसाया हसकाुी, नोला---"नेटे तहम सनंो मासने ंे नान ुी मसें ाे ुम ।"

"मसने राले ुम भी नुीं ुड चचा ।"

इससे पुले कं हसकाुी पहन: नरजय ंे जरान में ंह छ ंुता, रतन ने ंुा…ाहरु आओ, यु हसकुासन खाली , आपंे नलए ।"
ुल्ंे से महस्ंसाया हसकाुी ंुने लााुै नुीं नामस तसु ंी माक नानी नूढी इस महझें नैठंस पस हसकुासन उस"---- ।। चमन ंा
यु हसकुासन साजा ंे रूप में नसफण तहम्ुें स्रींास ंसता ुै ंोई अन्य साजा ननना चाुेाा तो अकजाम तहम्ुासी नानी माक जैसा ुोाा
। ुमें तो पता लाा ाा ंे अााज ुमासा रतन चमन ंा साजा रनने जा सुा ुै, सोचातहम्ुें शायन--- ुमासे आशीराणन ंी
जरूसत ुो ।"

इस नीच हसकुासन ंी सीकढयाक तय ंसंे रतन हसकाुी ंे ंसीन अाा ाया ाा ।


पूर्ण श्रद्धा ंे साा झहंंस उसने हसकाुीं ंे चसर् स्पशण ंस नलए । हसकाुी ने प्यास से उसं नसस पस ुाा फे सा । उठांस ंलेजे
से लााया, नोलासुो खहश"- रतन हुई पूसी इछछा सकजोई से नचपन तहम्ुासी आज कं ुो महनासं से तसफ मेसी ! ।"
'"आपंे आशीराणन से ुी यु सकभर ुो संा ुै, ाहरु । महझसे नुीं तो नासाज अााप ाहरु""----ंुा ने रतन "?"

"'क्यो ? कंसनलए नासाज ुोना चानुये महझे ?"


“रो".....ाया ुो असफल ुी में नीच अनभयान आपंा । कनया ंस नष्ट अैंैंा अाापंा मडने"----रतन नुचंा..

" पाला !” हसकाुी ंु उठा…"इसमें नासाज़ ुोने जैसी क्या नात ुै ? मड तो पुले ुी जानता ाा कं तहम्ुें हुकसा पसन्न नुीं,
औस अास तहम्ुें मेसे अनभयान ंे नासे में भनं भी लाी तो तहम मेसा नरसोध ंसोाे । इसीनलए तो रु सन ंह छ तहमसे छू पांस
कंया ाा । मास, तहम रुाक पहुच ाए । जो हुअाा रु मेसे नलए ंोई नई नात नुीं । ुाक कं ुै खूशी अपास महझे ंी नात इस-
तहमने ंाम यु नास इस कंया! ने शानानण मेसे ... नशष्य मेसे "-----”

" ाहरू ।" रतन ने नरनती----ंी सी-'' यु हुकसा छोैं क्यों नुीं नेते "....

…"'रतन ।ु शानानण भी अााज तहम "---ंुा ने नसाुीं ंाटंस ुी में नीच नात उसंी "ाो न मेसे ?"
" ंै सी नात ंसते ुड ाहरू " । सहााक ुमेशा !

"ुमासी एं रात मानोाे ?"

" अााप ंुंस तो नेनखए ।"---ंुा ने रतन "'ुाक, कंसी नननोष ंी ुाया ंा अाानेश न नेना ।"

"जांस चहपचाप हसकुासन पस नैठ जाओ। हसकाुी ने ंुा…"इघससमय में नातों ंी उधस- जाया मत ंसों सक आज तहम्ुासा
साजनतलं ुोना ुै । ुमें तो नहलाया नुीं तहमने, लेकंन ुम खहन ुी चले अााए । सोचा…नशष्य नालायं ुो जाए तो ाहरु ंो
उसंा अनहंसर् ंसना नुीं चानुए ।" रतन ंह छ नुीं नोला । चहपचाप ानणन झहंांस महड़ा । आनुस्ता हुआ लताच अाानुस्ता-
पहुकचा नजनीं ंे हसकुासन रु, कफस उस पस नैठ ाया । इधस नरजय हसकाुी से ंु सुा ााचचा"---, ुो तहम पूसे नेशमण ।"

" मेसी नुीं रतन ंी नात ंसो नरजय नेटे "!


हसकाुी ने ंुानोलो"---, ालत तो नुीं ंुा ाा ुमने? ुै ना मेसा नतन नच्चा ंा शेस----?"

"अरे जाओ चचा, तहम ाधे ंे नच्चे भी नुीं "!

इधस नरजय ंी नात पस हसकाुी ने जैसे ंोई ध्यान ुी नुीं कनया । रु तो नरंास ंो नेख सुा ाा, नोला…"क्यों नरजय नेटे
सनसे ंा नहननया यु तहम्ुासा आज ! खतसनां लड़ंा क्यों चहप ुै ?"

"‘ये सोचंस नानाजान' कं महंद्दस भी तपस राले ने क्या चीज ननाईं ुै नरंास "! ने ंुाचन जैसे रतन"----ा्द्रमा पस
यु णुर् लााया ाा कं उसंे ाहरु अााप ुड । सो ला ाया उस पस ाहरु, शहक्र मनाओ कं रतन आपंी इज्जत ंसता ुै ।”

-"'ुा। हसकाुी पड़ा ुस से जोस नहुत अचानं "! ुा...ुा...

ऐसी भयानं ुकसी जैसे अचानं ंों में नना ंोई महनाण खनखनांस ुकस पड़ा ुो । चमन ंे नाारसंों ंे नजस्मों में आकतं ंी
लुस नौड़ ाई । सीढ ंी ुनैंैंयाक ंाकप उठी, कफस हसकाुी ंी सनण अराजुै नच्चा ंा शेस रतन मेसा कं तहम ाए मान "---
।"

"प्यासे हसकाुी ।"। संे ंा न सुमत से ईसानों नापां अपने भी ंो चेले अपने तहम ुै नहख"----नोला अलफाकसे एंाएं "
"महझे कंसी ंो अपने ‘इसानों' से सुमत ंसने ंी जरूसत नुीं ुै नमस्टस अलफाकसे !" नसाुी ैँ ने ंुा इसाने अपने"-------
कनन एं । हक ंाफी ुी अंे ला मड ंा मड अंे ला ुी इस सासी नहननया ंा, नजसमें तहम भी ुोाेकनखातैँाा ननंस सम्राट- ।"

" ंम से ंम उस रक्त तं तो ऐसा ुो नुीं संता, जन तं कं अलफाकसे नजन्ना ुै ।"


"'खैस ।ंुा हुए नेखते तसफ ंी रतन ने हसकाुी ", जो उसंे अाानेश ंे महताननं हसकुासन पस जांस नैठ ाया ाा इस"---
ननल्ं नुीं ंसने नुस ंोई से कंसी ुम रक्त अपने रतन` ंा साजनतलं ंसने आए ुै ।"

ंुने ंे साा ुी हसकाुी हसकुासन ंी तसफ नढ ाया । हसकुासन ंे समीप ुी एं स्टू ल पस सोली औस चारल ंी ााली सखी
ाी । ंसीन पहुकच ंस हसकाुी ने सोली में अकाहल ैंह नोया । रतन ंी तसफ नेखंस रु महस्ंसाया--- पुली नास---ुाक, नेखने
नालों ंे नलए शायन यु पुला ुी मोंा ाा जन नसाुी ैँ ंे ुोंठों पस ऐसी प्यासी महस्ंान उभसी ाी । आकखों में चमं,
खतसनां नुीं, खहशी ंी चमं !

उसने टींा रतन ंे ाोसे मााे पस लााया, साा ुी नोला-"मेसा आशीराणन तहम्ुासे साा ुै नेटे । नहननया ंुती ुै, मड भी
मानता ह कं हसकाुी ने कंसी ंा साा ुोंस नुीं सुा । मोंा नमलते ुी सनसे पुले मड अपने सानायों ंो मासता ह। नेशं
तहमसे नमलने से पुले हसकाुी ंे पास नसफण कनमाा ाा, कनल नुीं, लेंकंन...लेकंन... तहम नमले तो मडने जाना कं मेसे सीने
में ंुीं-न-ंुीं कनल भी ुै । तहमसे नमलने से पुले सोचता ाा कं लोाों ंो एं नूससे से प्यास क्यों ुो जाता ुै ? तहमसे
नमला तो जाना-प्यास महझे भी ुो ाया ुै । मेने अपने ईलारा कंसी ंे नासे में ंभी यु नुीं सोचा कं रु तकचा 'उठे -ंह छ
नने, कंक तह न जाने क्यों, कनल चाुता ुै कं तहम तकचे ननो ! मेसा आशीराणन तहम्ुसे साा ुै । इस छोटे से महल्ं ंी यु
साजाद्दी तहम्ुें महनासं ुो ।"

कफस…उसने सोली पस चारल भी नचपंा कनए।

एं नास पहन: श्रद्धापूरणं रतन ने झहंंस' हसकाुी ंे पैस छए ।

चसर्ों से उठांस हसकाुी ने उसे सीने से नचपंा नलया ।।

" मेसा नच्चा ुोंस ंाम तो तहमने नहश्मनों राला कंया ाा रतन, ाहस्सा , भी अााया ाा । सोचा ाा तहम्ुें उस ाहनाु ंी सजा
नूक जो तहमने कंया। मास न 'जाने क्यों माफ ंस कनया तहम्ुें ।"

रतन ंो हसकुासन पस नैठांस हसकाुी नीचे उतस आया । कफस साजनतलं ंा नौस चला ।

अलफासे ने कंया, नरजय ने कक्रया, तो नोला---"यान ुै नेटे एं मुीने ंे नान ुी साजा नने ुो ।"

रतन धीमे से महस्ंसांस सु ाया ।


नपचासनाा ंे नान नरंास ने कंया ।

अपोलो औंस धनहषटकंास ंे नान, नााासोफ ने नतलं लााते हुए ंुा…"साले ाहलान ंी नहम, तहम शायन पुले महजरसम ुो, जो
एं ऐसे आजान नेश ंा साजा नने ुो नजसे धीसे -धीसे ंसंे नहननया ंे सभी साष्ट्र मान्यता ने सुे ुड ।"

"सन अााप, जैसे नहजहाों ंा आनशनाणन ुै चचा !" रतन ने ंुा ाा ।"

नतलं ंसने ंे खान नााासोफ अभी हसकुासन से नीचे उतसा ुी ाा ।

-"उपनस्ाु सज्जनों ंो प्रर्ाम !" नसनास में एं ऐसी आनाज ाूकजी जैसे आचानं फह ल सातकैं पस चलता हुअाा से नैंयों खसान
ुो ाया ुो !

अन्य सन तो चोंंें लेकंन जानंासों ंे महकु से ननंला--------टह म्नंटू ..टह म्नंटू ..!

मुानली टह म्नंटू

मास-नसनास में ंुी ैँ नजस नुीं अाा सुा ाा रु । सन इधस उधस नेख सुे ाे ।।।
अन्य सन तो चोंंें लेकंन जानंासों ंे महकु से ननंला--------

टह म्नंटू !..टह म्नंटू .......

मुानली टह म्नंटू ।।।।

मास।।। ाे सुे नेख उधस इधस सन । रु ाा सुा अाा नुीं नजस ंुी ैँ में नसनास-

पहनाूकजी आराज रुी :… " शहतसमहसा ंी औलानों ंी तसु इधस उधस क्या नेख सुे ुो सज्जनों , मड युाक हक । "

इस नास आराज ने सनंा ध्यान हसकुासन ंी तसफ खींच नलया । लोंाों ने नेखा ---- हसकुासन ंे नीचे से कंसी साकप ंी तसु
नल खांस सें ाता हुआ टह म्नंटू नाुस अाा सुा ाा । रु ंन नाुस आाया, यु ंोई न नेख संा । सनने नेखा कं नसनास ंे
नीचों नीच खैंा यु उस ान्ने ंी तसु लुसा सुा ाा जो एं लम्नेंे खेत चौड़े- नीच अंे ला खड़ा कंसी तेज तूफान ंा
महंानला ंस सुा ुो ।

…'"अने ंाटूणन नमयाक पड़े टपं से ंुाक तहम-?" नरजय ने ंुा ।

" टपंा नुीं प्यासे इंझकंए, ननल्ं इस हसकुासन ंे नीचे अटंा पड़ा ाा ।" टह म्नंटू ंी घसघसाती आराज नमयाक नहजहाण "----
ननंलना कं ुै रज़न इतना में चाुंस भी मड ननंल संा । हसकुासन से नीचे उतसे तो रजन ंह छ क़म हुअाामड--- नाुस आ
ाया ।"

"'क्या नंता ुै रे चमास चोट्टी ंे ?" नााासोफ़ नुाड़ासाले अरे"----, ुमें क्या ुााी ंा नाप समझ सखा ुै ?"

" ुााी ंा नुीं नहजहाण नमयाक, ुानी ंा ।"

ओंस। पस उस पड़ा झपट नााासोफ-

कंन्तह टह म्नंटू छलारा !!!!

उसंे नजस्म ंो छू लेना ुी एरसे स्ट ंी चोटी पस चढ़ने ंे रसारस ाा ।। रु भला नााासोफ ंे ुाा ंन अााने नाला ाा ?
नतीजा यु कं टह म्नंटू अाााे औस नााासोफ पीछे नजतने जाने न उसने ंो नााासोफ ! चक्कस लारा कनए ।

तन जनकं चमन ंे नाारसंों ने टह म्नंटू ंी आराज सहनी ाी, तो ंाकप उठे ाे ।

मास जन उसे नेखा तो महस्ंसा उठे नुीं क्यों भी महस्ंसाते !?


नहननया ंा सनसे नैंा ंाटूणन जो उनंे सामने ाा। ाा सुा झूल ंोट एं पस नजस्म ! आनमी मोटा नजतना ान्ने कंसी---

ऐसे जैसे कंसी ुडास पस झूल सुा ुो । नहननया ंा एं भी सक ा ऐसा नुीं ाा नजसे उस में न नेखा जा संे । चमन ंे
साधासर् नाारसंों ंे नलए यु एं नमूना ुी ाा ।

नहम्नंटू चन्द्रमानर ुै आनमी ताजा-मोटा सनसे ंा चन्द्रमा यु कं ुै ंुता !, रेुन खतसनां नररान यु जन कं इतना !
ंा सिरणस सीक्रेट अन्तसाणष्टीय कं उठा चीफ ंौन नने तो फै सला यु हुआ ाा कं जो टह म्नंटू ंी जाकध से कफल्म ननंाल लेाा
रुी ैँ चीफ ननेाा ।

***** सीक्रेाेट सिरणस ंा चीफ ंौन चहना ाया । उसे चहनने ंी क्या प्रकक्रया ुईं ? औस भी ंई सनालों ंे जनान ंे नलए
पड़े-
सनसे नड़ा जासूस औस चीते ंा नहश्मन' । ******

ुाक ऐसा ुी खतसनां ाा रु ान्ने जैसा व्यनक्त !

कंन्तह इस रक्त तो चमन ंे साधासर् नाारसंों ंो ुकसासखा ंस पोट-लोट ुकसांस- ाा उसने । ुकसते भी क्यों नुीं, समय ुी
ऐसा ाा । ंह छ ुी नेस नान नााासोफ ंी साकस फू ल ाई ।

एं जाु खड़ा ुोंस रु कंसी ुब्शी ंी तसु साकस लेने लाा ।।

उसंे ठीं सामने ान्ने ंी तसु लुसाता टह म्नंटू नड़े अनन से झहंा हुआ ंु सुा ााुै अजण आनान"----, नहजहाण नमयाक सच
ंुता हक आज अास तहम महझें पंड़ नुीं संड तो नच्चों ंी चाची ंा ुराई जुाज नना नूाा ।"

एं ंनम भी भााना अन नााासोफ ंो जैसे असम्भर नजस जा सुा ाा ।

अपनी जाु पस खैंा हुआ रु टह म्नंटू ंो उल्टी सीधी ाानलयाक नंता सुा । उनंी झड़प से नसनास में मौजून ुस आनमी जैसे
यु भूल ाया कं रतन ंे पास ुी रतन से तचे हसकुासन पस एं लाश नैठी ुै। लाश ंी माक नूढ़ी फलनाली-ंाफी नेस नान
अलफाकसे ने ंुा तहम ुो अााए ंसने क्या युाैँ टह म्नंटह नमस्टस"---?"

"अने नाु अन्तसाणष्टीय ंुा लुसांस ने टह म्नंटू "!…"साले ुमासीतहम्ुासी- ननसानसी ंा एं भाई साजा नना ुै, ओस तहम ंुते
ुो कं ुम युा क्यों अााए ुड ? अरे शहश ुोने अााये कं ुमासे ननसानसी भाई अन ऐसे साजा ननने लाे ुड नजन्ुें नहननया ंे
साष्ट्र मान्यता नें ।"

"नमस्टस ंाटूणन ।।"। ुै नुीं महजरसम रतन"---अलफाकसे उठा ाहसाण "

"अजी ंै से नुीं ुै ?"

"महझे भी शायन नच्चा समझ सखा ुै ?" ंुने ंे साा ुी अलफासे सकतहनलत ंनमों से उसंी तसफ नढ़ ाया…“ुम नोनों महजरसम
ुड अास रतन ंो ननसानसी भाई ंुा तो तहम्ुासे इस ज सेजै ाोन्ने .नास्म ंो धहटने पस सखंस तोड़ नूकाा ।"

" ठुसो चचा ।।नोलता ंह छ टह म्नंटू कं पुले इससे ", हसकुासन पस नैठे रतन ने ंुा…"ंाटूणन चचा ने ालत नुीं ंुा ुै ।
महजरसम तो हक ुी मड सच !, खहन ंो महजरसम मानता ंे लेकंन साा ुी यु नहआ भी ंसता हक कं जुाक भी जहल्म ुो भारान
रुा महझ जैसा एं महजरसम जरूस पैना ंस ने ।"

अुफाकसे रठठंा, रतन ंी तसफ पलटंस नोला ुो नुीं महजरसम तहम ! रतन ुो सुे ंस नातें ंड सी"-?"

"आपंे मानने औस ंुने से ुंींत नुीं ननल जाएाी चचा ंुा ने रतन "!…"आरश्यं ुै कं मुान हसकाुी ंा चेला महजरसम
ुी ुो । नेशं अपने रतन ंो मडने महजरसमाना ढका से ुी आजान कक्रया ुै । नहननया ंी नजसों मड महजरसम हक औस सचमहजरसम--
ुी सुना चाुता हक ।। ुा, तो नमस्टस टह म्नंटू क्या चाुते आप, कंस ,इसाने से युा अााए ुड ?"

"एं ऐसे ननसानसीस ंा महल्ं आजान एं जन जो नेने महनासंनान ंो भाई-ााजा ुै ।" हसकुासन ंी तसफ़ नढते हुए टह म्नंटू ने
ंुामें साजनतलं तहम्ुासे भी ुम "-- भाा लेने अााए ुड ।"

हसकुासन ंी सीकढ़यों पस चढ़ंस रु रतन ंे ंसीन पहुकचा । लुसांस उसने अपना अकाूठा ााली में सखी सोली ंी तसफ नढाया
ुी ाा कं… अचानं, सन चौंं पड़े ।।

हप्रकसेज जैंसन

ायानातस ंी तो चीखे ननंल ायी । नेखने रालों ने नेखा--- एं लाल कंसर् टह म्नंटू ंे ान्ने जैसे नजस्म ंे चासों तसफ नलपट
ाई । टह म्नंटू ंे महु से ंोई आराज भी नुीं ननंल संी कं उसंा नजस्म ुना में उड़ता चला ाया ।
" तहमसे पुले रतन ंा साजनतलं मड ंरूाी नमस्टस ंाटूणन ।" ुस व्यनक्त ंो ऐसा लाा जैसे उसंे ंानों में शुन' उक ैंेला जा
सुा ुो ।

" ुाय मेसी स्रप्नसहन्नसी ।" टह म्नंटू ंा कनल यु नासा लााने ंे नलए मचल उठा । पसन्तह क्या ंसता ? मजनूस ाा नेचासा ।
कंसर् में ंै न रु नसनास ंी ाहम्ननहमा छत ंे ंसीन ुरा में लटं सुा ाा । इस रक्त ंह छ नोलना या अपने नजस्म ंे कंसी
अका ंो नुलाना उसंे नश में नुीं ाा ।

"ुाए मम्मी, ंुाक ुो तहम नासा नरजय ने लााया---" नशणनअनभलानशयों ंो नशणन तो नो ।"

" जरूस ।।" इस खनखनाती आराज ंे साा ुी एं तेज़ झनांा हुआ । "

हप्रकसेज जैंसन ंी नरशेषता न जानने राले लोा नुल उठे । नसनास ंे एं ंोने में अााा ंा शोला लपलपाया । चक्कस खांस
अााा ंा शोला ुरा में ाायन, नसनास में ुस इन्सान ंी ननााु उधस ुी जमी हुई ाी । कफस नेखने नालों ने नेखा, तो नेखते
ुी सु ाए ।। नरश्व ंी सराणनधं सहन्नऱी उनंे सामने ाी…हप्रकसेज जैंसन ! सोन्नयं ंो भी सजा राली सहन्नसता । नूध जैसा ाोसा
सक ा, ऐसा ंक ठ कं शसान ंा एं घूकट भसे तो ाले ंे नाुस से ुी अकनस ंी शसान चमंे ! ाोसे मस्तं पस नझलनमलाती एं
ंाली हनककनया । मस्तं पस महंहट ।

लोा उसे ुी सु ाए---अपलं !

पलं मासना ुी जैसे मूल ाए ाे ।

प्यासी-प्यासी चमंीली आखें हसकाुी पस जमी, ाहलानी अधसों मड ंम्पन हुआ…"मुामनुम ंो मेसा प्रर्ाम ।"

हसकाुी ने ानणन अंड़ांस नसस झहंाया ।

अलफाकसे ंी तसफ नेखती हुई जैंसन नोली---" क्या नमस्टस अलफासे ंो मेसे आामन ंी खहशी नुीं हुई ?"
‘"अकक्रल ंो खहशी क्यों नुीं ुोाी आण्टी ?"' अलफाकसे से पुले नरंास नोल पड़ा---" तहम आण्टी ुो मेसी औस ये अकंल,
अन अााप खहन ुी समझ संती ुड कं आपंा औस इनंा क्या रसश्ता ुै । इस रसश्ते में अास कंसी ंो कंसी ंा इन्तजास भी
ुो तो सनंे सामने नुीं ंुा जाता ।"नड़े ुी आंषणं ढ़का से महस्ंसाई जैंसन, नोली अकंल तहम्ुासे ुड तैयास तो ुम "----
" । ंसो तैयास इन्ुें । साा ंे

" महनासं ुो लूमड़ भाई ।"। ुो सुे जा रनने नाप ुमासे तहम से भाई कं यानी "--- लााया नासा ने नरजय "

अलफाकसे महस्ंसा ंस सु ाया ।।

" अपने ुााों से टींा रतन ंे मस्तं पस टींा लााओ हप्रकसेज जैंसन । ुै नना साजा आज नच्चा मेसा "--- ंुा ने हसकाुी "
"।

" जरूस मुामनुम , इसीनलए तो युाक आने ंा ंष्ट कंया ुै ।"

ंुने ंे साा ुी हप्रकसेज जैंसन हसकुासन ंी तसफ नड़ी ।

ंह छ लोा हप्रकसेज जैंसन ंे सौंनयण ंो आश्चयण ंे साा नेख सुे ाे ।

ंह छ लोा ुना में लटंे हुए टह म्नंटू ंो नेखंस ुकस सुे ाे ।

रतन ंे ंसीन पहुकच ंस हप्रकसेज जैंसन ने उसंे मस्तं पस नतलं कंया ।।

रतन ने झहं ंस चसर् स्पशण कंये ।

नरजय ने ंुा " । उतासो तो ंो ंाटहणन । मम्मी"-

" जरूस ।एं औस ुां ने जैंसन हप्रकसेज " झटंे ंे साा लाल कंसर् महंहट मे समा ाई ।
टह म्नंटू ंलानानजयाक खाता हुआ फशण पस पहुकचा ।

उसने भी मस्तं पस नतलं कंया ।

इसंे नान ।। कंया रटंा ंो नतन ने नाारसं ुस ंे चमन --

साजनतलं ंे ंायणक्रम ंे नान हसकाुी, हप्रकसेज जैंसन , टह म्नंटू नजस तसु आये ाे , उसी तसु चले ाये ।।

यु ंायणक्रम सात ंे नो नजे समाप्त हुआ ।।

तीन नजे शहरू हुई नूढ़ी माक ंी शरयारा ।।

कफस सहनु ंे छः नजे ाे जन नानी माक ंे नजस्म ंा नाु सकस्ंास कंया ाया ।।

तन रतन ने धोषर्ा ंी साष्ट्र ुमासा नजे चास शाम आज "---, साष्ट्र ंे नहश्मन ंो सजा नेाा नजसने ुमें नीस साल ाहलाम
नना ंे सखा । ुम सन पस तसु तसु ंे जहल्म कंये । मेसी अपील ुै आप सन साष्ट्रपनत भरन पस शाम ंो एंनरत ुों । रु
नहश्मन ंौन ुै आप सन समझ ाये ुोंाें उन उससे नजे चास शाम । मैग्लीन - जहल्मों ंा नुसान लेंाें जो उसने ुम पस कंये ।

औस इस रक्त नौपुस ंा एं नजा ाा ! साष्ट्रपनत भरन ंे एं नरशेष ंक्ष में रतन, नरंास, नरजय, अलकफासे, नपशाचनाा,
नााासोफ, धनहषटंास औस अपोलो मौजून ाे ।

नरंास से महखानतन ुोंस रतन ने पूछा ाा…"रया तहम नता संते ुो कं मैग्लीन ंो क्या सजा नेनी चानुए ।"

"प्यासे नटनाा पड़ा नोल नरजय ुी पुले से नेने जरान ंह छ ंे नरंास "! …"इससे तसींा मत पूछो । ये तसींा तो नताएाा
मांे ंा, लेकंन पसन्न नुीं अााएाा ।"

"'क्यों भला ?" ाम्भील स्रस में रतन ने पूछा…"तसींा अास अछछा ुोंाा तो महझे पसन्न क्यों नुीं अााएाा ?"

"रटन रासे "!अपनी ुी टह न्न में नरजय ने ंुा"-----' मामला यु ुै कं तहम नोनों ुो ननल्ंह ल न्यासे , नुीं समझे न -
खैस, ुम समझाते ुड । नात यु ुै कं ये साला कनलजला पूसा हुकसारानी ुै । नहश्मन ंो चीसमें खाल उसंी फाढ़ंस- नमचण
भसने ंे अलारा यु ंह छ नुीं जानता औस एं तहम ुोइ ननलंह ल-संे नरपसीत यानी अहुकसारानी, नुसा से नेुन नफसत ंसने
राले, कफस भला इसंा तसींा तहम्ुसे कनमाा में ंै से कफट ुोाा ?"
-"चचा ।" रतन ने ननल्ंह ल शान्त औस ाम्भीस स्रस में जरान कनयातो इतना "---- इाप समझ ुी ाए ुड कं उन अहुकसा ंे
पहजारसयों में से नुीं हक कं नजनंे ााल पस अास ंोई एं ाप्पैं मासे तो नूससा औस तीससा। नें ंा अाााे चौाा... अहुकसा
ंो नसफण इतना मृुार नेता हक कं एं ााल पस ाप्पड़ खांस नूससा अाााे ंस नूाा लेकंन अास तीससी नास ंोई रास ंसे तो
मुान हसकाुी ैँ ंे चसर्ों ंी ंसम ुाा तोड़ ैंालूा
क ा उसंे । आज ंे जहा में नु अहुकसा, नजस पस मुाामा ााकधी चले ाे,
नहजकनली ुै । सीधा सा नसद्धान्त ुै कं जन तं अहुकसा से ंाम चले,चलाओ, लेकंन जन अहुकसा नहजकनली ंा रूप धासर् ंसने
लाे तो ईट ंा जरान पाास से नो ।"

"ंुने ंा मतलन यु हुआ रतन प्यासे कं तहम आधे अहुकसारानी ुो ।रे नरजय " ंुा"---‘मास प्यासे , नात ंह छ जमी नुीं-
या जाओ नन ुी ाान्धी तो या--- सहभाष लाभ रकया से ननने कफफ्टी-कफफ्टी ये । ुी भातहसकु---?'"'

"चचा "----स्रस ाम्भीस :पहन ंा रतन "!' साफ शब्नों में मेसे नसद्धान्त ंो तहम यूक समझ संते ुो कं पुले घी ंो सीधी
उक ाली से ननंालने ंी ंोनशश ंसो । न ननंले तो"। लो ंस टेढ़ी ंो उक ाली फौसन-

"ंुने ंा मतलन यु कं मैग्लीन ंो तहम हुकसाामं सजा भी नेने ंे नलए तैयास ुो?"

" मैग्लीन ंो सजा नेने ंी एं तसंीन ुै मेसे पास ।। ंुा ने नरंास "

" क्या ?"

जनार में नरंास ने उस सोफे ंे नीचे' से, नजस पस रु नैठा ाा, एं महानस ननंाला । यु नेखंस सन नका सु ाए कं यु
महानस ुनैंैंयों ंा रना हुआ ाा, "यु महानस तहम्ुासी माक औस रुन ंी ुनैंैंयों ंा रना ुै, रतन ंी कनन सासे आज !
मेुनत ंे रान मड इसे रना पाया हक । तहम्ुासी माैँ औस रुन ंी ुनैंैंयों ंे टह ंैंों ंो मडने फे नींॉल से जोड़ा ुै । मेसे कनमाा
ने ंुा ुै कं मैग्लीन एंमार सजा यु महानस ।"

ुनैंैंयों ंे उस महानस ंो नेखाया। पड़ नल एं पस मस्तं ंे रतन ंस-

एं क्षर् रु रठठंा औस ननंास ंो नेखता सुा, कफस भसाणया स्रस…‘ननंास तहमने मेसे कनल ंी नात ंुीं ुै ।"
" अने , महानस तो सजा ुै लेकंन इसंा उपयोा ंै से ुोाा ?"

जरान में नरंास सनंो नताने लाा कं इस महानस ंे जरसये मैग्लीन ंो कंस कंस्म ंी सजा नी जाएाी । सभी ने सहना औस
सुमत ुो ाये ।

ठीं चास नजेउसे ! मैग्लीन अााया ंै न में घेसे ंे अलफासे औस नरजय-नरंास- मैनान में लाया ाया । रतन से ुाा जोैंंस
उसने माफी मााीं तो रतन ने जरान कनया ाा’--"महजरसम तो तहम चमन ंे नाारसंों ंे ुो । माफ ंसने ंा अनघंास महझे
ंुाक ? "

चीख। चाुी माफी से नाारसंों ंे चमन ने मैग्लीन चीखंस-

कंन्तह ुस आकख में मैग्लीन ंे नलए नफसत ाी । उसे कंसी ने माफ नुीं कंया । मैनान ंे ठीं नीच में उसे ले जांस ुानायों
ंे साा नाकध कनया ाया । लम्नी सस्सी ंे नीच ंा ंह छ भाा उसंे ननन पस नलपटा हुआ ाा । एं नससा मेाैग्लीन ंे नाईं
तसफ खैंे ह्राी में नजस्म में ’नकधा ाा तो नूससा नाई तसफ खैंे ुााी ंे नजस्म में ।।

पुले रतन ने जनता ंो खामोश ुोने ंा सकंेत कनया ।

खामोशी ंे नीच उसंी आराज ाूकज उठी…"मेसे प्यासे नेशरानसयों जो महजरसम यु ! इस रक्त ुानायों ंे नीच नकधा खड़ा ुै,
महझ अंे ले या चमन ंे कक्रसी एं नाारसं ंा महजरसम नुीं, ननल्ं ुम सनंा महजरसम ुै । ुमासे नेश ंो ाहलाम ननांस इसने
ुम सन पस जहल्म कंये ुड । अतनसानस ंे नेने सजा इसे सभी ुम : ुंनास ुड । इसे सजा नेने ंे नलए मेसे नोस्त नरंास ने
यु ुनायास ननाया ुै ।"

रतन ुनैंैंयों ंे उस महानस ंो ुरा में उठांस सनंो कनखाता हुआ नोलामेसी"---- माक औस रुन ंी अनन्तम ननशानी यानी
उनंी ुनैंैंयों से रना ुै । इस ंह ुे ंी इससे ायाना नढंस क्या सजा ुो संती ुै कं यु महानस चमन ंे
ुस ननरानसयों ंे ुाा में जाए औस सभी एं ुसामजाने इस महानस एं-'ंे नजस्म पस मासे ।"

"नुी ैँ ।। मैग्लीन पैंा सो चीख़ंस "

चासों तसफ से ुकसी ंा एं फव्रासा छू ट ाया । रतन ंु सुा ाांो नाारसं ुस"--- इस जहल्मी पस इस ंा नसफण एं नास
ंसने ंा ुं प्राप्त ुै । यु आपंी तांत पस ननभणस ुै कं एं नास अााप कंतना शनक्तशाली ंस संते ुड । सनसे पुला रास
मड स्रयक ंरूाा ।"

औस…रतन मैग्लीन ंे नजनीं पहुचा ।


"रतन र पस मस्तं ंे रतन "। नेटे नो ंस माफ ...नेटे नो ंस माफ महझे !ल पैं ाया, ाहसाणयााृ रे अास नपता मेसे"-
ुै कंए तूने जो ंसते ाहनाु, तो इस महानस ंी ंसम, उसे भी भयानं सजा नेता मड ।। सी-ंी ननजली ुी साा ंे ंुने "
से ानत रतन ंा' ुाा चला औस उसंी माक औस नुन ंी ुनैंैंयों से रनी महानस भड़ां से मैग्लीन ंे चेुसे पस टंसायी ।

मैग्लीन उस नजन्ने पक्षी ंी तसु चीख पड़ा जो पस ंटते ुी अााा में जा नासा ुो ।

उसंे चेुसे ंे नरनभन्न भााों से खून ंे फव्रासे छू ट पड़े ।। रतन ने मैग्लीन ंे चीखते हुए खून से लापा चेुसे ंो नेखा , कफस
घृना से ाूं कनया उस पस नोला तहझे मासे ाा महानस एं नसफण आनमी एं "---, नान संे तो नानना । महानसों ंी नानती
से तहझे पता लाेाा कं तूने कंतने आननमयों पस जहल्म कंए ुड ।।"

ंुने ंे नान महानस रुीं जमीन पस सख कनया ।।

भीड़ से एं आनमी आता , महानस उठाता औस अपनी पूसी शनक्त से मैग्लीन पस नास ंसता ।

नच्चे भी आये, मनुलाऐं भी आयीं ।।

एं ऐसी माक आई नजसंे नेटे ंो मैग्लीन ने मासा ाा ।। महानस ंी एं चोट अपने नेटे ंे ुायासे पस ंसंे जैसे माक ंी आामा
ंो शानन्त ना नमली ुो। जोश में चीखती हुई रु पाालों ंी तसु मैग्लीन ंे नजस्म पस महानस नससाती ुी चली ाई ।

आाे नढ़ंस नरंास उसे सों ना लेता तो शायन रु अंे ली ुी मैग्लीन ंो मास ैंालती ।।

एं नरधरा आई तो उसने जैसे प्रर् ंस नलया अपने सहुाा ंे ुायासे ंो रु मास ुी नम लेाी । नरंास ने उसे भी सोंा ।

इस तसु मैग्लीन चीखता सुा , लेकंन कंसी ंे कनल में उसंे नलए सुम नुीं ाा ।। नपटता नपटता लह लुान ुो ाया ।

ंुाक तं सुता मैग्लीन ? मास खाता खाता नेुोश ुोता तो नपशाचनाा उसे लखलखा सहकघा ंस ुोश में ले आता ।।।

पहनः रुी क्रम !

अभी तो एं ुजास नाारसं भी अपना अनधंास पूसा नुीं ंस पाये ाे कं मैग्लीन मस ाया ।।

उसंे मसने ंे नान भी चमन ंे नाारसंों ंो उस पस सुम ना अााया । नहुत से लोाों ंे कनलों में तो प्रनतशोध ंी एाेसी
आा भड़ं सुी ाी कं महानस ंे रास मैग्लीन ंी लाश पस भी रास ंसने से नाज ना आए ।।

कफस रतन ंे ंुने पस सन लोा रूंे ।।

सन ने रतन से माका ंी ाी मैग्लीन ंी लाश ंो युाक से उठाया ना जाये ननल्ं युी सड़ने कनया जाये ।

ुालाककं रतन चाुता नुीं ाा कंन्तह यु माका उसे माननी ुी पड़ी ।

अाौस कफस शाम ंो चमन ंे एयसपोटण से नो नरशेष नरमान उड़ान भस नलये । एं रूस ंे नलये तो नूससा भासत ंे नलये ।।

आजानी ंे नसफण छः माु पश्चात ----

चमन ने पूसे नरश्व ंो चौंंा कनया ।

नरश्व में प्रंानशत रतन ंे स्टेटमेंट ने एं नास तो नहसी तसु सासी नहननयाक ंो चौंंा कनया ।

अमेरसंा रूस , नोंटेन , चीन औस भासत जैसे मुान साष्ट्रों ंो तो जैसे यंीन ुी नुीं आता ।

इतने अल्प समय नें। प्रानत जनसनस्त इतनी-

ननश्चय ुी सकसास ंो अस्राभानरंाी लाी सी- ।

यूक तो समूचा नरश्व नेख सुा ाा कं आजानी नमलते ुी रतन ंे नेतृार में चमन ने तीव्र रेा से प्रानत ंे मााण पस अणसस ुोना
शहरू ंस कनया ाा । इस छोटे से साष्ट्र ने नड़ी तेजी से प्रानत ंी ाी ।

मास ये स्टेटमेंट-ुलचल एं में श्वनर पूसे ने स्टेटमेंट ंे रतन--सी मचा नी ाी ।

नरश्व ंे लाभा सभी प्रमहख समाचासपरों ंा महख्य शीषणं ाा ।

नरश्व ंे लाभा सभी प्रमहख समाचासपरों ंा महख्य शीषणं ाा ।


" नरज्ञान ंी नहननया में एं नया चमांास "!

चमन ंे साजा नमस्टस रतन ने एं ऐसे अजीनो ासीन यकर ंा आनरष्ंास कंया ुै नजससे ोंह्ाकैं में ननखसी आराजों ंो समेटा
जा संे ।"

रतन ंा स्टेटमेंट यों ाा ।

'ंुते ुड कं इन्सान मस जाता ुै लेकंन इन्सान ंी आामा ंभी नुीं मसती । आामा अज़स अमस ुै । आज ंा यहा रैज्ञाननं
यहा ंुलाता ुै ।

ंुते ुड कं नहननया ने कंसी भी यहा, में उतनी तसरंी नुीं ली नजतनी कं इस यहा में ंी ुै कंन्तह मड इस नरचास सुमत से-
नुीं, ननल्ं मेसी धासर्ा तो यु ुै कं आधहननं रैज्ञाननं यहा में मौजून नरज्ञान ंा ुस प्राचीन नरज्ञान ंी नंल ुै, औस अभी
उस नरज्ञान से ुम रहुत पीछे ुड । ुमने पसमार्ह औस न्यूट्रॉन नम तो रना नलए कंन्तह क्या रैसा ऐसा ुनायास रना संे जैसे
भासत ंे मुान णका 'मुाभासत' में नभ्रहराुन ंे पास ाा ? ंनानचत ंह छ लोाों ंो पता न ुोाा कं ंी ुनायास कंस .
हक ंस नात?

नभ्रहराुन मुाभासत ंाल ंा एं योद्धा ाा । रु अपने घस से ंोसनों ंी तसफ से यहद्ध ंसने ननंला ाा ।

श्रींृ ष्र् जानते ाे कं अास रु यहद्धस्ाल में पहुकच ाया तो ननश्चय ुी पाण्ैंरों ंी पसाजय ुोाी ।

तभी तो सास्ते में श्रींृ ष्र् ने उसे सोंंस पूछा…तहम ंुाैँ जाते ुो ?"

…‘"मुाभासत ंे यहद्ध में नुस्सा लेने ।'" नभ्रहराुन ने जरान कनया ।

कंसंी तसफ से यहद्ध ंसोाे ?' ' .

…"ुासने नालों ंी तसफ से "!

नीनतमहस्ंसाया जानूास ंा नासहसी ननपहर्-, नोलाभला मे यहद्ध उस "--- तहम्ुासी क्या ननसात ुै ? रुा ंर्ण, नहयोधन, अजहणन
औस भीष्म नपतामु जैसे जोद्धा ुै । उन योद्धाओं ंे समक्ष भला तहम क्या ंस संोाे? "

'जो भी ुो ।' उसने ंुा…'मेसी माक ने महझे इस आज्ञा ंे साा भेजा ुै ंे मड ुासने रालों ंी तसफ से यहद्ध ंरू ।
माखनचोस तो सासी रास्तनरंता जानते ाे । नहननया ंे सनसे नड़े साजनीनतज्ञ ने उसे अपने शब्नजाल में फक साया ुो नेरंू फ रड़े-
यहद्ध तहन औस ंुा ने माक । तहम ंे नलए ननंल पैंे । ुम तो नेख ुड ुै कं तहम्ुासे तसंश में तीस भी नसफण तीन ुी ुड ।
यहद्ध क्षेर मे पहुचने ंह छ ुी नेस नान तहम्ुासे ये तीनों तीस खाम ुो जाएकाे, कफस क्या ंसोाे ?

ारण से महस्ंसाया नभ्रहराुन, नोला…'मेसे पास तीन तीस ुै मुासाज महझे ! मालूम ुै कं महझे नूससा तीस प्रयोा ंसने ंी भी
जरूसत नुीं पैंेे़ाी । मड एं ुी तीस से सासे नहश्मनों ंा सकुास ंस नूकाा ।'

चतहस ंृ ष्र् ने आश्चयण प्रंट कंया…"ंै सी नेरंू फी ंी नात ंस सुे ुो ? भला यु ंै सा तीस ुै जो सकनक्रो एंसाा मास नेाा
?'

'मेसे तीस में ऐसी ुी नरशेषता ुै मुासाज !' उसने ंुा सहनंस यु औस --- चौंंें ाे ंे सनंो मासने ंे नान भी मेसा तीस
नष्ट नुींसहसनक्षत ननल्ं ुोाा- रापस मेसे तसंश में आ जाएाा ।'

-"शायन ंोई नेरंू फ ुी तहम्ुासी इस नात पस यंीन ंस संता ुै ।'

महस्ंसांस नभ्रहराुन ने ंुा-'यहद्ध क्षेर में आप स्रयक नेख लीनजएाा ।'

तहमने नात ंह छ ऐसी ंुी ुै कं ुम उस पस यंीन नुीं ंस संते ।' ंन्ुैया ने ंुा…"औस न ुी यहद्ध ुोने तं प्रतीक्षा ंस
संते ुड ।‘

" ारण में फक से नभ्रहराुन ने ंुा-'तौ कफस आपंो मेसी नात ंी सच्चाई ंा यंीन ंै से ुो ?'

मनननपहर्-नीनत । मनमोुन महस्ंसाए मन-ुी-ैँ ने समीप ंे ुी एं इमली ंे पेड़ ंी ओस सकंेत ंसंे ंुा 'इस पेड़ ंो नेखो,
अास तहम्ुासे धनहष से छोड़ा ाया एं ुी तीस इस रृक्ष ंे सासे पतों ंो नेंधंस तसंश में रापस आ जाए तो महझे तहम्ुासी नात
ंा यंीन ुो जाएाा ।'

अपनी प्रनतभा कनखाने ंे नलए आतहस नभ्रहराुन ने सुषण माखनचोस ंी यु रात मान ती । उसने तीस छोड़ा ।

ंृ ष्र् तो जानते ुी ुै कं क्या ुोना ुै । उधस नभ्रहराुन ंा तीस नसख्त ंे एंएं पते ंो नेंधने लाा औस इधस माखनचोस ने
उस नसख्त ंा एं पुा नभ्रहराुन ंी नृनष्ट नचांस अपने पैस ंे नीचे नरा नलया ।।
अपनी इस नीनत पस साकरसा महस्ंसा सुा ाा ।

पसन्तहतो लपंा पस पैस ंे श्रींृ ष्र् जन तीस रेंधंऱ ंो पतों सभी में अन्त- जल्नी से श्रींृ ष्र् ने पैस ुटा नलया, एं क्षर् ंे
नलये भी नरलम्न ुो जाता तो तीस मुासाज ंृ ष्र् ंे पैस ंो जख्मी तो ंस ुी नेता । उस अनन्तम पते ंो भी नेंधने ंे नान
तीस सीधा तसंश में पहुच ाया । उसंे नान क्या हुआ ? श्रींृ ष्र् ने रध्रहराुन ंो यहद्ध में भाा लेने से ंै से सोंा ?

यु तो मुाभासत ंा ंाानं ुै, औस उसे युाैँ ंुने ंी मड ंोई जरुसत मुसूस नुी ैँ ंसता ।

मड नसफण यु ंुना चाुता हक कं आज ंे नैज्ञाननयों ने क्या ंोई रसरॉल्रस ऐसी नना ली ुै, एं ुी ाोली से सासे नहश्मनों ंो
माससंस रापस पहनअपनी : पूर्णशनक्त' नजतनी क्षमता ंें साा रसरॉल्रस में अाा जाए ?

क्या ुै आघननं यहा में ऐसा ुनायास ? नुीं ।

तो कफस ुम ंै से ंु संते ुै कं आज ंा ननज्ञान सनसे तकचा ुै ? उपयहक्त कंस्म ंे अनें उनाुसर् नेंस मड यु नसद्ध ंस
संता ह प्राचीन यहा नरज्ञान ंे मामले में आधहननं यहा से पीछे नुीं ननल्ं ंह छ आाे ुी ाा ।

रु सभ्यता समाप्त ुो ाई । उस यहा में क्या ाा, क्या नुीं--' ुम पूर्णतया नुीं जानते ुै ।

ुाक , भासत ंे चास मुान णन्ा ुडचास---- रेन'-उन चासों ुी रेनों में अलाुै ज्ञान ाुसा ंा क्षेरों चास-अला-, सन जानते
ुड कक्र ऋग्रेन में नरज्ञान से सम्ननन्धत ज्ञान ाे । उस मुान भासतीय णन्ा ंे एंमें नोुे एं- एं ंा भासत । ाा फामहणला एं-
पूसा । ुै ाया नलखा से खून इनतुास नपछला अननानत लड़ाइयों से भसा पैंा ुै । उन्ुीं लड़ाइयो ंे चक्ररात में भासत ंी न
जाने नजतनी नरशेष चीजें ाहम ुोंस सु ाई । चासों रेन भी ाहम ुो ाए ।

ंह छ पता न ला संा कं ंौन ंौन। लाी ुाा कंसंे प्रनतनलनपयाक ंी रेनों उन में लैंाई सी-

सम्भारना यु प्रंट ंसते ुड कं ंोई भी उन रेनों ंी मूल प्रनतनलनप न'ंब्जा संा । रे मुान णन्ा पृष्ठों में ननल ाए । ंोई
पृष्ठ कंसी ंे ुाा लाा औस ंोई पृष्ठ कंसी ंे । अताा ज्ञान जो में णन्धों मुान उन :, रु पूर्णतया कंसी ंो भी प्राप्त न
ुो संा । उस लूटखसोट से सकस्ंृ नत ंा जो ज़साणलाा ुाा नजसंे ज़साण--, रु ले उड़ा ।

ऋग्रेन ंा भी युी ुाल हुआ ।


उसंे भी नरनभन्न पहजे लोाों ंे ुाा लाे ।

औस आजराले ंसने चमांृ त भी नजतने में यहा आधहननं कं ुै ननश्वास मेसा- आनरष्ंास ुै, उसमें ायानातस ंा आइनैंया उसी
ऋग्रेन में से नलया ाया ुै । मेसे नरचास से ंुीं कंसी ने ंोई नई नात नुीं ननंाली ुै, आधहननं यहा ंा समूचा नरज्ञान
ऋग्रेन ंी नेन ुै ।

मेसा यु आनरष्ंास' जो मडने कक्रया ुैयु- भी ऋग्रेन ंी नेन ुै ।

अन सहननये कं मडने यु आनरष्ंास ंै से कंया ?

महझे अपने माताभी से माक नानी नूढी फलराली । ाा प्यास नहुत से नुन औस नपता- असीम प्यास ंसता ाा । न जाने क्यों मेसा
कनल चाुता ाा कं मड अपने मातासहनूक :पहन आराज ंी नपता-

नचपन में मेसी नुन से जो नातें हुकई ाीं…उन्ुें सहनू ?

लेकंन ंै से कं ाा यु सराल...?

ंै से मड उनंी नातें सहन संता हक ?

आरश्यंता आनरष्ंास ंी जननी ुै ।

महझे यान अाायांी आामा आराज । मसती नुीं ंभी आराज कं ुै नलखा में ऋग्रेन-- तसु अजस अमस ुै । ुम जो ंह छ
नोलते ुड, आज तं नजतने भी इन्सानों ने जो ंह छ नोला ुै, रु से जानंासी इस नलखी में ग्रेनऋ । ुै सहसनक्षत में ोंह्कैं "
भी ंुीं
ायाना मेसा अपना नरचास ाा कं व्रह्ाकैं में न नसफण यु सहसनक्षत ुै जो इन्तान ने नोलता ुै ननल्ं इससे भी ायाना यु भी
सहसनक्षत ुै जो ंभी कंसी ने नसफण सोचा ुै, नोला नुीं ुै । ऋग्रेन ईंसी जानंासी औस माताआनाज ंी नपता- सहनने ंी
आरश्यंता ने महझे यु प्रेसर्ा नी कं क्यों न मड कंसी यन्र ंा आनरष्ंास ंरूक नजससे ोंह्ाण्ैं में ननखसी अपने मातानपता-,
नुन औस फलनाली नानी माक ंी आनाज समेट संू । मड कंसी ऐसे यन्र ंा आनरष्ंास ंसने में व्यस्त ुो ाया ।

इस यन्र ंो ननाने ंा नरचास मेसे कनमाा में चमन ंी सुा सकभालने ंे नो मुीने नान अााया ाा, अतमड में मुीने चास :ने
अपनी लान, परसश्रम औस प्रनतभा से रु यन्र ननाने में सफलत अिजणत ंस ली ुै ।

आज़ अपने!ह सहनता स्पष्ट आराजें हुई खोई मड से माध्यम ंे यन्र इस रनाए-
नस, जन इस यन्र में एं औस नरशेषता यु भी भसनी ुै यु ोंह्ाण्ैं से आराजों ंे अलारा उन नरचासों ंो भी समेट ले जो
अभी मेसे मातासोचे ने नपता- ाे । उम्मीन ुै, सासी नहननया क्रो मेसा यु आनरष्ंास पसन्न आया ुोाा ।

ुस समाचास। ाा समाचास ंा अााशय इसी में पर-

अला। ाी नी खनस यु में-शेली अला-लाअ अपनी ने अखनासों अला-

इस खनस ने'सासी नहननया में जैसे एं ुलचल सी मचा नी ।

चीन, अमेरसंा, रूस, नोंटेन, भासत, पाकंस्तान इायाकन नहननया ंे सभी साष्ट्र चोंं पड़े ।

खहन ंो नहुत धहसन्धस रैज्ञाननं समझने रालों ंी तो खोपड़ी ुी झन्ना ाई। सोचने लाे…यु मुान आनरष्ंास ुमासे पास क्यों
नुीं ुै । नजस कनन यु समाचास अखनास में प्रंानशत हुआ ाा, उस कनन नरंास ंो झकझोड़ंस धनहषटकंास ने ज़ााया ाा ।

धनहषटंास ंे जााने पस नरंास चौंंा ।

यु पुला ुी मौंा ाा कं जन धनहषटकंास ने उसे सोते से जााया ाा । अभी उसने आकखें खोली ुी ाी, कं उसंी नजस
अपनी आकखों ंे सामने पैंे हुए एं अखनास पस पैंी, नीन से भसी नमचनमचाती आकखों से उसने रे शब्न पढे जोउसे में अखरास-
सनसे ायाना मोटे चमंे ाे । नलखा ाा…

------चमन ंे साजा रतन ंा आनाजों पस ंब्जा ।

चौंं ंस उठ नैठा नरंास !

'जल्नीाया पढ़ खनस सासी यु जल्नी-, पड़ने ंे नान उसने' धनहषटकंास ंी तसफ नेखा । नेैं ंे समीप ुी एं 'ंह सी पस नैठा
धनहषटकंास नड़े आसाम से नसासे ट ंे सहटॄटे लाा सुा ाा ।

नरंास ंो अपनी ओस नेखंस रु महस्ंह साया, महस्ंसाने ंे प्रयास में नन्नस ंे महकु ंी अजीन। ाई नन आंृ नत सी-

खहशी ंी एं कंलंासी ंे साा नरंास ंो उसने आकख भी मासी औस ुाा नढा कनया । नरंास ने ामणजोशी ंे साा ुाा
नमलाया । रु उसंी खहशी ंा अनहमान लाा संता ाा कं अखनास में अपने भाई रतन ंी इस सफलता ंे नरषय में पढंस
मोण्टी ंो कंतनी खहशी हुई ुोाी ।।

…तभी तो ुाा नमलाते हुए नरंास ने उससे ंुा मोण्टो ुो नधाइक "---?"
औस खहशी में उछलंस धनहषटकंास नरंास ंी ानणन पस लटं ाया औस उसंे चेुसे पस नेशहमास चहम्नन लेने लाा ।

नरंास सोचने लाानुीं जानुस भी खहशी अपनी से जहनान । मोण्टो ुै मजनूस ंै सा- ंस संता। न जाने ंन तं रु नरंास ंा
चेुसा चूमता सुा, अास उसी रक्त फोन ंी घण्टी न नज ाई ुोती, रु नरंास से अला हुआ , नरंास ने रससीरस उठाया
औस नोला यस "---,मड नरंास नोल ' सुा हक ।"

" सोंा कंसने ुै। आई आराज से तसफ नूससी "। सुो नोलते---

" ंौन, ाहरु ?" ननंास ने ंुा- "ुड पढ़ा अखरास ंा आज आपने ाहरु"-

"पढा नुीं प्यासे , ननल्ं यूक ंुो कं चाट नलया ुै ।ंु ने नरजय "ाा ुो सुे पूछ तहम नलये नजस "---, रु खनस भी ुमने
पढ ली ुै ।"

-'"तो कफस नधाई ुो ाहरु नहननया रतन कं पैंेाा मानना रांई"--"ंुा ने नरंास "! ंा सनसे नुा रैज्ञाननं ुै । उसंा
पुला आनरष्ंास यानी समहद्र ंे पानी से असली ाोल्ैं जैसा ुी नंली ाोल्ैं ननाना तो तासीफ ंे लायं ाा ुी, लेकंन
यु,यु ोंह्ाण्ैं में ननखसी आराज ंोाहरु में रास्तर-समेटना ., रतन इस यहा में सनसे मुान रैज्ञाननं ुै ।"

"औस इस नूननया ंा सनसे नड़ा मूखण भी रुी, प्यासे कनलजले?" नरजय ंुा ।

-"क्या मतलन नक ाहरु ?" नरंास चौंंा ।

…"ंई नास ंुा प्यासे कनलजले कं जन तं मूका ंी नाल में भीमसेनी ंाजल ैंालंस खाना शहरु नुीं ंसोाे तन तं ुमासी
नातों ंा मतलन तहम्ुासी समझ में ना अाायेाा । कफस भी अास मतलन समझना चाुो तो ुमासे नौलतखाने पस अाा जाओ । "
इतना ंुने ंे साा ुी नूससी तसफ से नरजय ने सम्नन्ध नरछछेन ंस कनया ।

"क्या नात ुै ाहरू, आप ंह छ सहस्त से क्यों ुड ?" नरंास ंे रससीरस क्रेनैंल पस सखते ुी धनहषटकंास ने नलखा हुआ एं ंााज
ंा टह ंैंा उसंी आकखों ंे सामने ंा कनया ।

………"ाहरु ंा ंुना ुै मोण्टो प्यासे कं इस नहननया में रतन से ायाना नढंस महखण ंोई नुीं ।। ंुा ने नरंास "

धनहषटकंास चीखंस इशासे से पूछा हुई नात क्या ऐसी"-?"


"नात ंा तो महझे भी नुीं पता ।ुी समझते तहम तो यु लेकंन"---ंुा ने नरंास " ुो कं ंी नात ंभी ालत नुीं ुोती
। ुम ंई रास ालत सलत पस उनसे लढ़ पड़ते ुड । ंो रतन जन ुै ननंलती सुी ुी उनंी ुमेशा हाककंक ा मास--उन्ुोंने
नहननया ंा सनसे नड़े महखण ंी सकज्ञा _ नी ुै तो इसमें ंोई शं नुीं ंुीं ना ंुीं ंोई ाड़नड़ जरूस ुै । "

-"तो क्या स्रामी ंे पास चलें ?" धनहषटकंास ने नलखंस पूछा ।

" ननल्ंह ल ।ंुा ने नरंास "…"नस पन्द्रु नमनट में मड नननट लूक औस फोसन चलते ुड ।"

ंुने ंे साा ुी नरंास ने सीधी जम्प नैैं से नाारूम में लाा नी ।

ंसीन तीस नमनट नान रे नोंनों नरजय ंे नेैंरूम में, नेैं ंे समीप पैंेे़ सोफों पस नैठे नरजय ंा महकु नेख सुे ाे रे औस रेैं
पस समानधऔस ाा नमला में पोज़ इसी उन्ुें नरजय । नरजय ाा नैठा लााए-सी- रे नोनों नरज़य ंे चसर्स्पशण ंसने ंे नान
सोफों पस नैठ ाये ाे ।

" पहर्ण हसकु । चीखा नरंास पुले से ंुने ंह छ ंे नरजय "!

" आया ससंास ।ंमसे में इन्तजास ंे नात इस जैसे ाया ुो प्रनरष्ट तसु इस " ंे नाुसक ुी खैंा ाा कं ंन उसे आराज लाे
औस ंन नु अन्नस जाए । "

" ाहरु ंी समानध तोड़ने ंे नलए जसा एं नाल्टी पानी लाओ ।"

" नलों में पानी नुीं ुै नच्चा ।ंी सन्त कंसी लााए समाधी तसु उसी ननजय " तसु नोला…"ज़न से ुमासे नेश ने नूससी
आजानी पाई ुै तन से पानी ाायन ुै । ननजली ाायन ुै, ये मत समझना कं सन ंह छ ाायन ुै। ंह छ रहुत भी ुै---
ाहन्ैंाानी ुै, मुकााई ने भी पडतसा ननल नलया ुै । अन जसा सौंने ंो नेचंस मुकााई ंो उल्टा ंसंे पकखे पस लटंाने ंी
तैयासी ुै ।"

. …"मड अभी नुांस अााया हक…नल आ सुे ुै ।ने नरंास " ंुार्णहसकुपू"-, तहम पानी लेंस आओ ।"

" अजी पानी साले ंो क्या अााते ुै लाती नेस जाते-।नजतनी"---ंुा ने नरजय " नेस में तहम अपनी क्रोठी से युाैँ तं
अााये ुो, उतनी नेस में तो पानी ुमासे नलों से ाायन ुोंस ााकरों ंी टू यूनरेल में पहुकच चहंा ुोाा ।

"मडने सात पानी भसंस सख नलया ाा । ठण्ैंा भी ुोाा ।पीते ुी मजा आएाा ।ु हुक्म "-- ंुा ने हसकु पहर्ण "ाो तो लातक
?"
'"अने चल नमंुसाम ।” नरजय ने आकखें खोल एंनम पूर्णर्संु ंो ैंाकटासाले-, ुमासा ुी नमं खाता ुै औस उसी नमं में
कंसकंल नमलाता ुै । ंल्लो भरटयासी ंी ंसम, नजस तसु नेश से ंाकणेस ंा पुा साफ ुो ाया उसी तसु अपनी ंोठी से
ुम तेसा सफाया ंस नेाे त इस "सुनाते खानड़-तनड़ नरजय तं नेस ंाफी- ंसता सुा ।

इस ुन तं कं आज तो नरंास भी पसे शान ुो ाया उससे

आज सहनकुन से सहनु- जाने उसे क्या नौसा पकैंा ाा कं ुस नात' ंो साजनीनत में घसीट लेता ।

नैंी महनश्ंल से नु ननज़य ंो लाइन पस लाने में सफल हुआ ।

जन से यु आया ाा, न जाने नजतनी नास रया प्रश्न ंस चहंा ाा कं फोन पस रतन क्रो उन्ुोंने महखण क्यों ंुा ाा ?

उस रक्त नरंास ंो साुत नमली जन नरजय ने ंुा …'"मूखण नुीं प्यासे , नहननया ंा सनसे नड़ा मूखण ंुा ाा ।"

" लेकंक न क्यों ?"

इसनलये कं उसने अखनासों ंे द्वासा अपने इस आनरष्ंास ंा कनकढोसा पीटा ।"

"क्या मतलन ुै ?"

" लााता ुै, मूका ंी नाल खांस नुीं अााए ुो ?" नरजय ने ंुा ।"

" मेसा ंुने ंा मतलन यु ुै ाहरू कं अखनासों ंो उस आनरष्ंास ंे नासे में नतांस उसने क्या मूखणता ंी ?" नरंास ने
पूछा…"जन भी ंोई नेश नड़ा ंाम ंसता ुै, नु अपनी सफलता ंो नहननया ंे सामने सखता ुै । अमेरसंा ने जन नम ननाया-
या रूस । ाई नी अखनास भी खनस न्यहट्रान । कनया में अखनास ---- अमेरसंा ंा भी यान अन्तरसक्ष ंी तसफ सराना ुोता ुै
तो मुीनों पुले उसृंा प्रचास कक्रया जाता ुै । इससे नरश्व ंे अन्य साष्ट्रों ंी नजस में उस नेश ंा सम्मान नढता ुड ।"

"‘मातूम ुै, ऐसी ुी एं महखणता भासतीय रैज्ञाननं ैंाैँक्टस भारा ने भी एं नास ंी ाी । ाा ंुा उसने"-ंुा ने नरजय "
जाल ंा कंसर्ों ंह छ तपस ंे भासत रु कं ननछा नेाा कं अर्हनम भासत ंा ंह छ नुीं संे ाा ।"

-"क्या ंुना चाुते ुड आप ?-"

" इस घोषर्ा ंे नान मालूम ुड ैंॉक्टस भारा ंा क्या अन्जाम हुआ ाा ?" नरजय ने पूछा ।

"उनंा नरमान क्रेश ुो ाया ाा औस रे मासे ाए ाे ।। ंुा ने नरंास "


"ैंॉक्टस भारा ंा नरमान क्रेश हुआ नुीं ाा प्यासे कनलजले, ननल्ं क्रेश कंया ाया ाा ।प"-----नताया ने नरजय "ुाैंी पस
नरमान टंसांस चूस चूस हुआ ाा, मालूम ुै, नान में पसीक्षर् में पाया ाया कं उस पुाैंी में ंृ नरम रूप से चहम्नंीय शनक्त
पैना ंी ाई ाी । यु तो आज तं पता नुीं ला संा कं यु ुसंत कंस नेश ंी ाी, मास ुाक यु सासी नहननया ंो पता
ाा ।।

कं ैंॉक्टस 'भारा' ंा नरमान उस पुाड़ी ंे उपस से ाहजसे ाा । नस नहश्मन ने उस पुाैंी में चहनंीय शनक्त पैना ंी औस नजस
उद्देश्य ' उन्ुोंने यु ंाम कक्रया ाा, नु पूसा ुो ाया यानी उस पुाैंी ंी चहम्नंीय शनक्त ने नरमान ंो अपनी औस खींचा
औस पुाैंी से टंसांस नरमान टह ंैंे"। ाया ुो टह ंैंे-

"मास यु ंुानी ंो ुड चाुते क्या ंुना अााप नोुसांस-?"

"युी कं नरश्व ंी ंोई शकंत कंसी नूससे ढका से इस ंुानी ंो नोुसा संती ुै ।"

सहखण ुो ाया नरंास ंा चेुसा, ाहसाण उठा उस नापां शनक्त ंो जलांस खां न ंस नूकाा मड ।"

"जन रु पुले ुी रतन ंो समाप्त ंस नेाी तो तहम्ुासे खां ंसने से क्या लाभ ुोाा ?" नरजय ने ंुा से कनमाा तहम"---
ुो अााते में जोश ंे व्याण लेंस न ंाम प्यासे कनलजले । मड ंुता हक कं रतन ंे मसने ंे नान अास तम सासी नहननया क्रो भी
जलांस खां ंस नो तो क्या रतन लौट अााएाा ? क्या उसंा नु आनरष्ंास लौट अााएाा जो उसने कंया ुै ?"

नरंास ने उपने कनमाा ंो ननयकरर् में कंया, नोला ाहरू ंसें क्या तो "--?"

" क्या ंस संते ुड ुम ?"' नरजय ने ंुा…"जन रतन ने ुी कढढोसा पीटने ंी मूखणता ंी ुै । अरे, ठीं ुै तहमने .
ुै कंया आननष्ंास, लेकक्रने इसमें ढोल ाले में लटंांस शोस मचाने ंी क्या नात ुै ? यान सखो'-नहननया ंी मुाशनक्तयाक ंभी
यु नुीं चाुतीं कं ंोई अन्य नेश उसंे नसानस में अााए । रे भासत ंो ुी नढता हुआ नुीं नेख संती औस चमन, चमन
तो अमेरसंा ंे राहशकाटन औस रूस ंे मास्ंो से भी छोटा ुै । "

-"’रु तो मड सन समझ ाया ाहरू, लेकंन अर सराल तो यु ुै कं ुमें क्या ंसना चानुए ?"

" कफलुाल इस मामले में ुम ंोई खास ुाेली तो लाा नुीं संते । नरजय ने ंुा…“लेकंन ुाक, कफस भी जो ुम ंस संते
ाे, ुु ुमने कंया ुै । रूस, अमेरसंा, चीन, औस पाकंस्तान में नस्ात अपने एजेन्टों ंो ुमने सचेत ंस कनया ुै । उनंे
सहपनण यु ंाम कनया ाया ुै कं रे अपनींे कनन तीन औस सखें नज़स पस ानतनरनधयों ंी नहश्मन पस जाु अपनी- अन्नस रसपोटण
भेजें । ुस नेश ंे छोटेलेंस से सकाठन ाहप्तचस र छोटे-से- सीक्रकट सिरणसों तं नजस सखी जा ुड । ुस नेश में नस्ात अपने प्रायें
एजेण्ट ंो यु अाानेश भेज कनये ुड कं नरशेष रूप से उन्ुें यु ध्यान सखना ुै कं कंस नेश में रतन ंे इस स्टेटमेंट पस क्या
प्रनतकक्रया ुोती ुै ।"

" अाोु ंुा ने नरंास "!…"इसंा मतलर कफलुाल ुमें अपने एजेण्ट ंी रसपोटण ंा इन्तजास ंसना ुै ?"
" कफलुाल इस ंे अलारा ुमासे पास अन्य ंोइ चासा नुीं ।"

"मड सोच सुा हक ाहरू, क्यों न मड आज ुी चमन ंे नलए सराना ुो जातक ?" नरंास ने ंुा ।

" रुाक जांस क्या अण्ैंे नोाे तहम ?"

-‘रतन ंी सहसक्षा ंे नलए तो मड पहुकच ुी जातकाा ।---ंुा ने नरंास "'"इससे ायाना कफलुाल रतन ंी क्या मनन ुो
संती ुै?"

"इस मूखणतापूर्ण _नरचास ंो सकभालंस अपनी जेन में सख लो, प्यासे कनलजले "! नरजय ने युा जा ंुा नुीं ंह छ "----
क्या ंी एजेण्ट कंस से नेश कंस कं संता रसपोटण आ जाए । यु, फै सला ुमें रसपोटण नमलने ंे नान ुी ंसना ुोाा कं ुमें
क्या ंसना ।"

-"लेकंन रसपोटण अााने से पुले ुी चमन जाने में क्या ुजण 'ुै ाहरु ?" नरंास ने पूछा ।

“रुी ैँ ुजण ुै कनलजले, जो ामसप"' में चाय ैंालंस पीने में ुै ।नरजय " नोला खाक नमयाक"----, यु तो तहम भी नेख ुी
चहंे ंो कं रतन रु ससाहल्ला नुीं ुै, नजसे एंनम ने से ंौन जाने न कं ये नात नूससी । जाएाा ंस ुजम ंोई ुीं-श से
क्या रसपोटण आ जाए । यु फै सला तो सूचनाओ ंे आधास पस ुी ुोाा कं ुमें कंया ंसना ुै । कफलुाल तो यु भी पता नुीं
कं इस ंे स ंे सकनन्ध में ुमें चीन, अमेरसंा, रूस, नोंटेन, चमन या नहननया ंे कंसी अन्य महल्ं में जाना पैंेे़ । ुाक ुमें-
नलए ंे यारा ंी नेश भी कंसीतैयास सुना चानुए । माना कं तहम चमन चले ाए औस ुमासे कक्रसी एजे्नट ने कंसी अन्य
नेश क्री ऐसी रसपोटण भेजी कं ुमें रुाक जाना पैंेे़ तो क्या लाभ ुोाा ?"

-"ाहरु ।" नरंास ने ंुा…"ज़न महझे खतसा स्पष्ट चमं सुा ुै तो सच, आसाम से युाक नैठंस इतजास‘ नुीं ुोाी महझसे ।"

-"एं अछछे जासूस ंे नलए धैयण भी रहुत आरश्यं चीज ुै प्यासे ।ंुा ने नरजय "…"कफलुाल धैयण ंी जरूसत ुै । ये ठीं ुै
कं खतसा स्पष्ट चमं सुा ुै, लेकंन जन तं यु स्पष्ट न ुो जाए कं इस खतसे से नचा कंस कनशा से जा संता ुै, उससे
पुले खतसे में ंू न पड़ना उसी तसु ुै, नजस तसु नीच समहद्र में फक से कक्रनासे ंी जानंासी से अननभज्ञ कंसी आनमी ंा कंसी
कनशा में तैसना ।"

-"'क्या मतलन ाहरू ?"

"माना कं तहम नीच समहद्र में फक स ाए ुो भी नरजय ने समझाया…"तहम्ुें मालूम नुीं ुै कक्र, जुाक तहम ुो रुा से कंनासा कंस
कनशा में कंतनी नूस ुै । अन तहम्ुासा पुला फजण यु ुोाा औस कं कंनासे ंी जानंासी प्राप्त ंसों या यु ंुो कक्र यूुी नरना
कंसी जानंासी ंे तैस लोाे ?" नरजय ने ंुा ।
-"माना कं नहनद्धमानी कंनासे ंी जानंासी लेने में ुी ुैने नरंास " ंुा कनशा कंसी तो न- जानंासी ंी कंनासे जन लेकंन-
में तो नढ़ना ुी ुोाा ।"

"लेकंन अास तहम्ुें यु पता ला जाए कं नो कनन रान , कंनासे ंे नरषय में जानंासी नमल जाएाी तो ?"

. …"तो ुमें जानंासी नमलने तं इन्तजास ंसना चानुए ।" नरंास ने ंुालेकंन"- खाली नैठंस इन्तजास ंसना भी .
ुै ंाम ंा मुानोरसयत, अु ंह छ न-ंछ :ंसते सुना चानुये ।"

"अास कंसी कनशा में तैसैनै ंा ंाम ंसोाे तो प्यासे , यु नेरंू फी भी ुो संती ुै कं अााप कंनासे से नूस ुी ुोते चले जाएक
।सुा जा ंुे रुंे नरना नरजय " ाा…"ुाक, इक तजास ंा ाहड़ खाने में समय ुी ाहजासने ंी नात ुै तो अखण्ैं ंीुणन कंया जा
संता ुै । नस, इसंे 'अलारा ंोई चासा नुीं ुै ।"

-'"ुे ाहरू । " नरंास नोला…'क्यो न ुम झंझंी औस कनलजली ंा महंानला ंसंे इन्तजास ंा यु समय ाहजास नें ।"

"'अने, नात ंो ंुने ंा ढका ुै । ााएकाे भजन ुम क्या में ंीतणन औस----ंुा ने नरजय "?"

-"तोकफस ाहरू ुो जाओ शहरू ।"

औस…ननना भूनमंा ंे रास्तर मड नरजय शहरू ुो ाया ।

. उसने रेुन लम्नी झंझंी सहनाई । इतनी लम्नी ंई नास नरंास ंो ऐसा लाा कं अन समाप्त ुोने राली ुै लेकंन नरजय
ंी झंझंी कंसी लम्ने तास ंी तसु हखकचती ुी चली ाई ।

समाप्त ुोने पस नरंास ने ंुान झंझंी इस आपंी"--ाे


तो नोरसयत ंो नूस ंसने ंे स्ाान पस औस नढ़ा कनया ाहरु "!

"'ऐसी नात ुै तो नूससी सहनो ।कं ाा. सुा जा ुी ुोने शहरू नरजय "" रूंो ाहरू , ठुसो ।उठांस ुाा " नरंास ने ंुा-
कनलजली नम्नस अन । ली ंु झंझंी एं आपने कं यु नात ंी ंायने" ंा ुै । पुले मड अपनी कनलजली सहना लूक उसंे
नान जाप झंझंी सहनाएक ।"

"यु भी ठीं ुै ।। ंुा ने नरजय "

कफस…नरंास ने कनलजली छेढ़ नी । रु भी क्या नरजय से ंम ाा ? उसने नरजय से ंह छ लम्नी ुी सहनाई, जनान में नरजय
ंी झंझक्री उस नहानी लम्नी औस कफस उससे भी नहानी लम्नी नरंास ंी कनलजली ।

इस तसुुो महंानला यु जैसे ! जाता ुट पीछे भी ंोई से में नोनों कं ाी मजाल- ाया ुो कं एं नहससे ंो ंौन ायाना
नोस ंस संता ुै । उनमें से क्रोइक नोस हुआ या न हुआ ुो लेकंन ुाक ,उनंे महंानले में नेचासा धनहषटकंास नपस सुा ाा ।
ंह छ नेस
तं तो रु सोफे पस नैठा शसान औस नसाास पीता सुा, रतन ंे नरषय में सोचता सुा ।

कफस इस ंनस _नोस हुआ रु कं अन्त में सोफे पस ुी सो ाया ।

ाहरु चेले ंा महंानला चलता सुा, ठीं इस तसु जैसे शतसक ज ंे धस्ंीआपस अैं ाए ुों ।

नूससे कनन तर जनकं नरंास लम्नी तानंस सो ुी सुा ाा कं उसंे नससुाने मसुसी पस सखे फोन ंी घण्टी घकनघना उठी ।

रससीरस उठांस उसने ंान से लााया औस नीन ंे स्रस में नोला"। स्रीकक्रा णैट नी नरजय अााफ..चेला...ुैलो "---

" यस प्यासे "। नरंास आैँफ ाहरू यानी ुै सुे नोल ुम ये...

" ओु, ाहरु ुाैँ !, ंया नात ुै ?"

"अरे, अभी तं सो सुे ुो नमयाक ? ंल ंे अधूसे सु ाए महंानले ंो पूसा ंसने नुीं आओाे क्या ?"

…'"ाहरु, लाता ुै, ुमासा महंानला नजन्नाीुोाा नुीं पूसा तो सुा चलती भी भस- । तणनंी अखण्ैं "--ाा सुा ंु नरंास "
तो जाए ननंाला समय सोचंस अास जाु ंी ायाना उनचत ुोाा । क्यों न अााज ुम यु शतण लााएक कं ंौन ायाना नेस
सोए ?"

"तहम सोते ुी सुोाे प्यासे ,औस मड चीन पहुकच जातकाा ।"

ुल्ंे चौंंा, नोला----'' ंुना चाुते ुो ाहरु ?"

"'युी कं अमेरसंा, नोंटेन, चीन, रूस औस पाकंस्तान से रसपोटण अाा ाई ुै ।" । नताया ने नरजय "

नरंास एंनम सीधा‘ 'ुोंस ननस्तस' पस नैठक ाया औस नोला ुै रसपोटण क्या"----?"

" जानना चाुते ुो तो अपने प्यासे ंाले लड़ंे ंे पास आजाओ ।"। में भरन ाहप्त"--ंुा ने नरजय "
ननंास अभी ंह छ ंुना ुी चाुता ाा कं रु रुं ाया । नूससी तसफ से ननजय ने उपयहक्त अल्फाज नोलंस सम्नन्ध नरछछेन-
साकय-साकय लु तो पल एं । ाा कनया ंस ंसते रससीरस ंो घूसता सुा, कफस उसे क्रेनैंल पस सखंस ननस्तस से उतासा ।

तभी ुाा में चाय नलए ंमसे में प्रनरष्ट हुई सै ना ।

"असे मम्मी ।ंुा ने नरंास ुी नेखते ंो सै ना "…"आप खहन चाय लाई क्या ाा नुीं नौंस !?"

" चाय लाने ंे नुाने ंमभसे-नशंायत ने सै ना "। ली नेख तो सूसत तेसी ंम-से- स्रस में ंुा ुै ाया ुो आरासा नहुत"---
ननंल ंुाैँ जाने न सहनु-ुी-सहनु । तू जाता ुै, औस कफस सात ंो उस समय अााता ुै जन सन सो जाते ुड । मालूम ुै रो
क्या ंु सुे ाे ?"

'"क्या "?" नरंास ने सै ना ंे ुाा में ुै ंप प्लेट लेते हुए पूछा ।

" यु कं उन्ुें तो एं ुी घस में सुने ंे नारजून भी तू ंईनुीं तं कनन ंई- नमलता ।ंुा ने सै ना "'…" ंह छ तो यु
पहनलस ंी नौंसी ुी ऐसी ुै कं रे ंन घस में सुते औस ंन नाुस ? कफस, एं तू ुै कं सासा कनन घस से नाुस सुता ुै
।"

"'क्या नात ंसती ुो मम्मी । ुाक । इसे इुफां ुी ंुा जा श्री संता ुै कं जन ैंैैंी घस में अााते ुै तो मड नुीं ुोता
औस जन मड घस में ुोता हैँ तो ैंैैंी नुीं आ पाते ।। भसा घूकट लम्ना एं ंा चाय ने ननंास नान ंे ंुने "

"'ऐसी नात नुीं नरंास ।ंुा ने सै ना "…"रे नौंसी ंसते ुड, कफस भी तहम से ायाना नेस घस में सुते ुड । तू एं औस.'
_ ुै कं ंह छ न ंसते हुए भी जाने सासे कनन ंुाक सुता ुै ?
असे ननंास, जाना ुै क्या ?"

नरंास चौंंा नौखलाया---, ंुने लाा"। मम्मी तो नुीं-क्यों"---

" नुंा सुा ुै महझे ?" सै ना ने ंुा ुै सुा पी से ढका नजस चाय तू कं हक सुी नुीं नेख-----?"

ैँ मम्मी ऐसी तो ंोई नात नुीं ुै ।।। नोला हुआ सभालता ंो खहन नरंास "
"नुी'
"अछछा, यु नता, ंाला लड़ंा ंौन ुै ?"

औसउछल तसु नूसी इतनी नरंास पस सराल इस ंे सै ना- पैंा जैसे एंाएं कंसी ननछछू ने उसे ैंकं मासा ुो पसन्तह चौंंने ंा
एं भी भार उसने अपने चुसे ाे पस नुीं आने कनया । उसने सकभलंस सराल कंया…"ंाला लड़ंा लैंंा ंाला ंौन-?"

"औंस ुै क्या भरन ाहप्त ये...?"

नरंास ंे नसस पस जैसे नम नासा । ंप प्लेट जैसे उसंे ुाा से छू टते छू टते नचे,नोला भरन ाहप्त"---?"

नूससे फोन पस तहम्ुासी नातें सहन ली ुड जो तेसे औस नरजयक भैया ंे नीच ुो सुी ाीं ।"

सै ना ंे इस राक्य ने नरंास ंे कनमाा में चंसाते इस प्रश्न ंा ज़रान 'तो ने कनया कक्र सै ना 'ंाले लड़ंे ' औस 'ाहप्त परन ंे -
जानती ंै से में नासे ुै मासमम्मी । ओु"-----नोला रु । ाा नुीं खतसनां ंम ुी लेना जान इतना ंा सै ना- ! अााप
उस फोन ंी नात ंस सुी ुड । रु तो नरजय अंल ंा फोन ाा न । तहम्ुें तो मालूम ुी ुै ंह छ । ुड ंसते मजां रे----
भूत क्या जाने न उन्ुें से कनन सरास हुआ ुै कं अपनी ंोठी भरन ाहप्त ंो- ंुने लाे औस उनंा एं नोस्त ुैउसे- ंाला
लैंंा ंुते ुै ।"

"'ंाले लड़ंे ंो तहझसे क्या ंाम ुड .?" सै ना ने ंुा…"यानी उससे नमलने ंे नलए नरजय भैया ने तहम्ुें क्यों नहलाया ुै । "

"ओु, ुाैँ, नरजय ाहरू ंा रु नोस्त अमेरसंा से अााया हुआ ुै । आजंल रु महझे जूैंो औस ंसाटे नसखाया ंसता ुै ।"

" महझसे ंह छ छह पा सुे ुो ननंास !” उसे घूसती हुई सै ना ने ंुा ।

नरंास यु मुसूस ंस सुा ाा कं रु नहसी तसु फक स ाया ुै । कफस भी, नात क्रो सभालने ंी ंोनशश ंसता हुआ रु
नोला…"मै ैँ आपसे क्या औस क्यो नछपाताा मम्मी ?"

" तो नता कं रूस, नोंटेन, अमेरसंा, चीन आकन से क्या ंे रसपोटण अााने राली ुै ?"

एं नास पहन"-नोला । उठा झनझना तसु नहसी कनमाा ंा नरंास :'रो मम्मी, इन सन नेशों से अंल लोा औस ंह छ ने.
। नलए ंे नसखाने नाकन महझे ! न ुड नहलाए
अकंल ंा ंुना रे नहननया ंा ंौई भी नाकरक ऐसा नुीं छोैंेंाे जो महझे ना आता ।"

"क्या तहझे नाकर नसखाने ंी जरूसक त ुै ुै ?" सै ना ने पूछा ।

"'क्यों नुीं मम्मी, अभी मडने सीखा ुी क्या ुै ?"

" ंह छ सीखा ुी नुीं ुै तूने ।तहझे मना ंे जल्लान लोा "-----ंुा ने सै ना" जानने लाे ुड । नेश तेसे जासूस ंे नरनेश-
नह ंटटसश्मन नन ाए ुड । युाैँ तं सहना ुै कं तू पूसी पूसी फौजों ंे ंे रश में 'नुीं अााता औस ंुता ये ुै कं तूने अभी
सीखा ुी क्या ?"

"ओु मम्मी?" प्यास से ंुता हुआ रु सै ना से नलपट ाया…"नड़ी पाली ुो तहम भी । इतने नड़े नहश्मनों से नननटने ंे नलए
अकंल महझे नहननया ंा ुस नाकर नसखा सुे ुड रु ुड सुें ालत क्या-?"

" लेकंन रेटे, तहझे इतने ंी लेने नहश्मनी से महजरसमों औस जासूस खतसनां- जरूसत ुी क्या ुै ुै"' सै ना ने ंुा तहझे "---
इतने कं ुै पड़ी जरूसत क्या खतसनां लोाों से उलझे ?नरनेशों ंे मामलों ंो ुमासे नेश ंी ससंास जाने, नेश ंी फौजें औस
जासूस जाने ।"

"‘मम्मी जेम्स कं ुो जानती तहम तो ये "-----नोला नरंास नलपटा से सै ना "! नाण्ैं, माइं,फह हचका औस णीकफत से तो
मेसी नहश्मनी ुै तहम्ुासे नेश ाहलशनाढ़ में ुी ाई ाी । उस 'अनभयान में तहम भी ाी मालहम ंह छ सन तहम्ुें -- ुी ुै ।"

(ाहलशनाढ़ ंे नासे में नरस्तृत जानंासी ंे नलए पढे, क्राकनत सीसीजक्राकनत नूससी पुली"-पहस्तंें नो ंी .‘ ताा 'क्राकनत ंा
नेरता । )

""रु नहश्मनी रुीं ंी रुीं खाम ुो जानी चानुए ाी ।ंुा ने सै ना "…" औस फूक हचका औस णीकफत ंो तो तूने मास ुी ैंाला
।"

" मड तो खाम ुी समझता हक मम्मी, लेकंन जन रे अपने ंो खाम नुीं समझते तो मड क्या ंरू ?" नरंास ने ंुा---
पूसा इसनलए ैंाला मास मडने क्रो फू हचका" चीन मेसा नहश्मन ुै । णीकफत ंो मास ैंाला इसनलए जेम्स नाण्ैं औस पूसा नोंटेन मेसा
नहश्मन ुै । माइं महझे अपना नहश्मन इसनलए समझता ुै । क्योंकं ाहलशनमढ में रु महझसे ुास चहंा ुै । अन तहम ुी नताझो
मम्मी, जन रे महझे अपना नहश्मन समझते ुड तो ंभी महझ पस ुमला ंस संते ुड । क्या ये ठीं नुीं ुोाा कं उनसे सहसक्षा ंे
मड सासे नाकर सीख लूक ?"

" न जाने क्यों सै ना ंी आकखें छलछला उठी । कक्रसी भारना ंे रशीभूत सै ना ने उसे नाकुों में ंस नलया । सोती हुई रु
नोली…"नरंास ंै सा पााल ुै से तू । महझे तो ैंस लाता ुै, ंे से"। ुै नलया रना नूश्मन अपना तूने ंो लोाों खतसनां ंे से-
नैंी नमन्नतें ंसने ंे नान भारान ने मेसी ाोन भसी ुै । मेसी ाोन में नसफण एं तू ुेमेसे लाल । तहझे ंह छ ुो ाया
तोसै ना पड़ी सो फू टंस फू ट औस ....तो... ।
ंौन समझाए ? ंौन समझाए ममता में पााल हुई इस माक क्रो कं नजसे उसने ाले से लाा सखा ुै, उसंे नाम मार से नहश्मनों
ंे ंलेजे ासाण उठते ुड । रूु ंाकप जाती ुै । अमेरसंा औस चीन में मौत ंे नाम से मशहस ुै उसंा यु लाल !

नरंाससुी तो नेखों-जल्लान रु----, मौत ंो ासाण नेने राला नरसक ना ंै से मासूम औस अनोध नच्चे ंी तसु अपनी माक ंे
ंलेजे ंे से नलपट ाया सुा ंु ! ुै--‘"असे ुो क्यों ैंसती तहम ! मम्मी ुो क्यों सोती...? नरजय ाहरु औस अलफाकसे अकंल
जो मेसे साा ुै ।"

-"'न जाने क्यों ये ंह ुे… मेसे मासूम लाल ंो अपना नहश्मन समझने लाे ुड । चली ुी ंुती सै ाेना फसीं भकरस ंे भारारेश "
औस जासूस ुायासे रे ंुों"-ाई ंुाक मेसा अनोघक लाल ।"

ंौन समझाए उस माक ंो कं उसंा अनोध लाल नरसक ना ुै, नहनाणन्त,नेसुम औस रक्त पढ़ने पस साक्षस ुै । ंौन समझाए उसे
नजन्ुें रु खतसनां समझ सुी ुै, रे नरंास ंी पसछाईं से भी ंाकपते ुे । ंौन समझाए.......

नड़ी ंरठनाई से नरंास सै ना ंो सकभाल संा । ंे ओंभारना ंो माक अपनी . . भकरस से ननंाल संा । नड़ी ंरठनाई से रु
सै ना से इजाजत ले संा कं रु नरजय ंी ंोठी पस चला जाए ।

तैयास ुोने ंे नान जन यु ंास लेंस सैंं पस अााया तो रु पूसे आधे घण्टे लेट ाा ।

उधसया ननंला नाुस से ंोठी नरंास-, इधस सै ना ने रससीरस उठांस नरजय ंी ंोठी ंे नम्नस रसा कंए । ंह छ नेस तं
नूससी तसफ से नजने राली घण्टी ंी आराज जाती सुी । ंाफी नेस ंे नान नूससी तसफ़ से फोन उठाया ाया ।

आराज अााई"-----' ंौन साुन नोल सुे ुड ?"

"' ंौन पूर्णहसकु ?'-' नरजय ंे नौंस ंी आराज पुचानंस सै ना ने ंुा "। सै ना हक सुी नोल मड यु--

" ओु, नीनीजी "। हक ुी पूर्णहसकु मड ुाक "------ंुा ने पहर्णहसकु "!

"नरजय भैया ंो फोन नो ।"

" रे तो युाक ुड नुीं, नीनीजी "!


पहर्णनसु ंे इस राक्य ने सै ना ंे मनस्तष्ं में एं भयानं नरस्फोट कक्रया । एं नास तो उसे चक्कस सा ुी अाा ाया । खहन ंो
सकभालंस रु नोली…'ंुाक ाए ुड ंन ाए?”

" रे तो अााज सहनु "! नीनीजी ाए चल ुी सरेसे-पूर्णहसकहृ ने रताया ुी कंए नाश्ता ननना रे औस अााया फोन ंा कंसीं "-
"। ाए चले

सै ना ंे मनस्तष्ं में जैसे सुपूछा उसने । लाे ुोने नरस्फोट सुंस-…"ननजय भैया से नमलने आज ंोई आनमी अााया ाा ?"

--"नुी ैँ तो नीनीजी ुै क्या नात लेकंन !? आज अााप ंह छ पसे शानुो सी-?"

"नुीं ऐसी तो ंोई नात नुीं ुै ।ंो खहन " सकभालंस सै ना ने ंुासहना ुाक"-, ंह छ नेस नान नरंास रुीं पहुकचेाा । उसंे
पहुकचते ुी तहम फोन ंस नेना ।" उसंी नात ंा पूर्णहसकु ' ने क्या जरान कनया यु सहने ननना ुी सै ना ने रससीरस फे हैंकल पस
पटं कनया ।

धम्म से सोफे पस नास पड़ी ।।

रु नेुन पसे शान ुो उठी ाी ।।

सु…सुंस उसंे कनमाा में नरचास उठ सुे ाे कं नरंास ने उससे झूठ क्यों नोला ?

"ंाला लड़ंा' "ाहप्त भरन' ये सन क्या ुै ?

नरनेशों से क्या रसपोटण अााने राली ुै, औस इससे नरंास ंा क्या सम्नन्ध ुै ?

ंाफी नेस तं इन्ुीं ख्यालों में खोईसुी ंसती इन्तजास ंा नजने घण्टी ंी फोन रु ., कंन्तह रु नुीं नजी ।

ंह छ नेस नान तन, जनकं उसे यंीन ुो ाया नरंास अास नरजय ंी ंोठी पस ाया ुोाा तो पहुकच ाया ुोाा, उसने पहन :
तसफ नूससी औस कंए ैंायल नम्नस ंे ंोठी ंी नरजय से नोलने राले पूर्णहसकु से नरंास ंे नासे में पूछा तो नंासाामं जरान
कनया ।
कफस…लाातास नो घन्टे तं नरजय ंी ंोठी पस नो नास फोन ंसने ंे नारजून भी सै ना ंो यु सहनने ंो न नमला कं ,नरंास
रुाैँ पहुच ाया ुै ।

"ये मामला तो नड़ा ालत हुआ प्यासे कनलजले । ंे भरन ाहप्त "'साउण्ैंप्रूफ ंमसे में नैठा नरजय ननंास ंी सासी नात सहनने ंे
नान ंु सुा ाा…"खैस, कफस भी तहमने अछछा कंया कं ाहप्त भरन मेसी ंोठी ंो नना कनया ंाला लड़ंा अााया से अमेरसंा"
एं मेसा ंा ंसाटे औस जूैंो नोस्त अास !सै ना नुन ंो पता ला जाए कं ंाला लैंंा उसंा भाई ुी ुै तो ाजन ुो
जाए ।"

'
"सस ंुा ने अजय नैठे पस ंह सी ंी चीफ ंे सिरणस सीक्रेट "!…"मेसा ख्याल ुै कं अाााे से इस नात ंा प्रनन्ध कंया जाना
चानुए कं नजस तसु आज सै ना नुन ने फोन पस सन ंछ सहन नलया, अाााे से, ंोई न सहन संे , रसना सीक्रेट सिरणस ंा
साजयंीन पस नातों ंी नरंास क्रो नुन सै ना अास रैसे । सुेाा नुीं साज-स- नुीं आया ुोाा तो मामला नढ़ संता ुै ।"

" सीक्रेट सिरणस ंा साज तो ुमें साज ुी सखना ुे प्यासे ।" नरजय ने ंुा…"चाुे जैसे भी ुो ।"

"'लेकंन सै ना नुन जान ाई तो ।"

"'अकंल ।मम्मी "-- उठा ाहसाण-नरंास ंाटंस ुी में नीच नात ंी व्राय ब्लैं " पस तो क्या, सीक्रेट सिरणस ंा ंोई भी
साज ंभी कंसी पस नुीं खहलेाा औस अास खहल भी ाया तो कंसी नूससे ंो नताने ंे नलए रु नजन्ना नुीं सुेाा । अपने ुाा
से मड मड मम्मी ंो ाोली मास नूकाा ।"

"नरंास ।।। पड़ी ननंल सी-चीख तो से महकु ंे ब्राय ब्लैं "

औस नरजयतमतमा चेुसा ंा नरंास । ाया सु ुी नेखता ंो चेुसे ंे नरंास तो रु- सुा ाा । उसने नरजय ंी तसफ नेखा,
ाम्भीस स्रस में नोलााहरु क्यों"--, क्या ालत ंुा मडने ? सीक्रकट सिरणस ंा ुस सनस्य ननते से पुले ुस सनस्य युी ंसम तो
खाता ुै ।"

" नरंास । लफ्ज ुी एं नसफण से महकु । नलया नलपटा से ंलेजे अपने उसने ंो नरंास । ाए छलछला नेर ंे नरजय "
"। नेटे मेसे"-ननंला

मास जल्नी ुी नरजय ने खहन ंो सकभाल नलया ाा । एं नमनट , ंे नलए उसंे कनमाा में यु ननचास अााया कं रु भारहं
ुो ाया ुै, औस अाले पल उसने अपने नसस ंो झटंा नेंेस खहन ंो सामान्य कंया औस नोला से नरनेशों तहम छोड़ो। "-----
अााए एजेण्टों ंी रसपोटण सहनो ।"

"ुाैँ ।नोला ाया अाा में नस्ानत सामान्य-नरंास "…"जल्नी नताइए क्या हुआ ?" "सनसे पुले चीन ंी रसपोटण सहनो तहम । "
"-ंुा ने नरजय'चीन में ुमासी एं लेैंी जासूस ुै । रेसे उससे तहम पुले भी नमल चहंे ुो । उस समय जन तहम तलरासों ंे
नसलनसले में चीन ाये ाे ।"

" ंौन कक्रस्टीना ?" नरंास ने पूछा ।

" ुाकाा सौंपा ुी ंो कक्रस्टीना ुमने ंाम यु"---ंुा ने नरजय " । उसने रसपोटण भेजी ुै कं रतन ंा स्टेटमेंट पड़ते ुी चीन
में ुलचल मच ाई औस फौसन ुी सीक्रेट सिरणस ंे सभी सनस्यों 'ंी एं आपातंालीन मीरटका नहलाई ाई । उसंे फै सले ंे
महताननं चीन ंे तीन जासूसों, जो चीन ंे अछछे जासूस माने जाते ुड , ंे नेतृार में छंी जासूसों : एं टह ंैंी चमन ंे
नलए सराना ुोाी । उन तीन जासूसों ंे नाम ुै…साकापों,
ुरानची
औस एं लेैंी जासूस ुै
हसकासी ।
तहम्ुासी जानंासी ंे नलए यु नता नूक कं साकापों फू हचका ंा लड़ंा ुै औस इसी से तहम अनहमान लाा संते ुो कं रु कंस
ंनस तहम्ुासे खून ंा प्यासा ुोाा । यूक समझो कं अन अास नहननया में सुने ंा उसंा ंोई मंसन ुै तो रु ुै नसफण तहम से
अपने नपता ंी मौत ंा ननला लेना । उसने ंसम खाई कं रु फू हचकग़ ंी ंों ंो तहम्ुासे खून से धोएाा ।"

"ओु "!' नरंास ंे महकु से ननंला ।

" जुाक तं मड समझता हक प्यासे कनलजले, चीननयों ंो यु अनहमान ुो ाया ुै कं रतन कं नुमायत में तहम जरूस आओाे ।
इसीनलए उन्ुोंने तहम्ुासे सासे नहश्मनों ंो एंनरत ंस नलया ुै "!

"क्यों ?" इनमें से औस कंसंो महझसे व्यनक्तात नहश्मनी ुै ?"

"ुरानची ंो जानते ुो, ंौन ुै ?"'

"ंोंन ुै ?"

"हुचाका ंा साला ।यनरज " ने नताया। ुड उठाए नलए ंे लेने ननला ंा मौत ंी जीजा अपने तहमसे ुनायास भी उसने-

उसने नैंीे़ अजीर ंसम खाई ुै । उसंा ंुना ुै कं अपनी नजन्नाी ंा अाानखसी ंाल रु तहम्ुासा ंसे ाा ।"

ुल्ंे से संसाया नरंास, नोला'-"उसने तो नहुत ालत ंसम खाई ाहरू । मेसा ंाल ंसने ंे नान तो उसे औस ंाल ंसने
ुोंाे, जैसे आपंा, क्राइमस अंल ंा रसना आप नोंनो उस रेचासे ंो ंाल ंस नोाे ।"
" सराल ये नुीं प्यासे कं ंौन कंसंो ंाल ंसे ाा ।ंुा ने नरजय "…"सराल यु ुै कं इन नोनों ंा परसचय मडने तहम्ुें
इसनलए कनया ुै ताकं तहम मामले ंी भयानंता ंो समझ संो। ुस ंनम सकभालंस उठाना ुै ।"

" रु तालीम तो आप महझे ने ुी चहंे ुड ।"

" मेसा मतलन ये ुै कं इस मामले में नरशेष सारधानी ंी आरश्यंता ुै ।। ंुा ने नरजय "

"नरशेष सारधानी तो मड ुस मामले में सखता हक।हुए महस्ंसाते ने नरंास " ंुा नस"----, यूक ंुो कं आपंी भूनमंा से यु
नात मेसी समझ में अाा ाई ुै कं इस नास टंसार में मजा खून जाएाा ।"

"सोचने ंा अपनाकनलजले प्यासे ुै तसींा अला अपना-?" नरजय ने ंुाजुाैँ"----- तं सराल नरजय नी णेट ंे सोचने ंा
ुै, रु ुमेशा ुी अााम ंे अचास ंी तसु खटटा कंन्तह स्राकनष्ट ुोता ुै । इससे पुले कं तहम मेसी नात ंा मतलन पहछो, मड
तहम्ुें पुले ुी नताए नेता हक । रतन ंा स्टेटमेंट अखनास में छपते ुी ुमने ंु कनया ाा कं यु स्टेटमेंट सक ा जाएाा लुी----
सा-सीधा ुमासा अन । हुआ सराल ुै कं चीन ससंास यु समझ ाई ुड कं रतन ंी नुमायत में तहम जरूस जाओाे औस मौत
ंे नसराजे खोलने ंे नलए ुी साकापों औस ुरानची ंो मैनान में लाया ाया ुै । तहम ंुते ुो कं इनंे सुते ंे स में मजा
अााएाा औस मड ंुता हक कं नहश्मन ंो ंभी ंमजोस नुीं समझना चानुए ।"

"लेकंन अााप नासर "ुड ुड चाुते ैंसाना महझे क्या लेंस नाम ंे नोनों उन नास-नांास ने पहछा ।

" मालूम ुै कं तहम कंसी से ैंसने राली चीज नुीं ननल्ं नहननया ंो ैंसाने राली चीज ुो ।"

"'तो कफस ाहरु क्यों धमंी ंी ुरानची औस साकापों महझे नास-नास यु ने नरंास "!?"

"'एं नात यान सखना प्यासे कनलजले, यानी कं ाहड़ ंे ैंले ।ने नरजय " ंुा---“जन ैंू नता ुै तो तैसां ैंू नता ुै जो
तैसना नुीं जानता, रु ायाना ाुसाई में ुी नुीं जाता, तो ैंू नेाा ुी ंे से ? ननल्ंह ल नुीं ैंू रेाा ुै रास नाम उनंस नास-
ैंसा तहम्ुें कं नुीं ननल्ंह ल भारना यु मेसी पीछे ंे लेने नू रनल्ं सचेत ंसना चाुता हक कं इस में नहुत सकभलंस अाााे नढने
ंी जरूसत ुै ।।

" ऐसा ुी ंरूकाा ।"

"जानते ुो, चीन से रसपोटण भेजने राली कक्रस्टीना ने क्या नलखा ुै ?"
"क्या ?"

" उसने नलखा ुै ंे इस अनभयान पस नरंास ंो न भेजा जाये । उसंा ंुना ुै कं साकापों औस ुरानची प्रनतशोध ंी
अााा में जलती उस नानान ंी तसु ुड नजसंे नाा ंी कंसी नाा ने ुाया ंस नी ुो । उन नोनों ंी आकखों में नरंास ंी
तसरीस ुै, औस जानते ुोरु । ुै नेखा तहम्ुें उसने कं ने कक्रस्टीना ुै नलखा भी ये- जानती ुै कं तहम मासूम ुो । उसने ंुा
ुैइन ंो नरंास प्यासे औस मासूम--- नरसन्नों ंे सामने न जाने कनया जाए ुै"

" कफस ?” नरंास ने ाम्भीस स्रस में पूछा'-"क्या आप महझे इस ंे स में नुीं जाने नेाे?"

ुल्ंे से महस्ंसाया नरजय, नोला युाक तो ुोती नात राली भेजने न तहम्ुें "--- नहलाते ुी नुीं प्यासे कनलजले ुम ुी रैसे !
से सोंने ंे कंसी कं ुड जानते रुंोाे नुीं तहम । लेकंन ुा, सासा ंाम एं योजनानद्व तसींे से ुो, इसनलए तहम्ुें युा
नहलाया ुै ।"

"तो हुक्म ंीनजए।"

" अभी तो चीन ंी ुी रसपोटण सहनी ुे"। सहनो तो ंी नेशों अन्य -- तो ंी नेशों अन्य-

"जरूस ।"

"अमेरसंा में मौजून ुमासे जासूस नाापाल ने रसपोटण भेजी ुैअमेरसंन सीक्रेट सिरणस ने यु ंाम ुेसी ंो सौपा' ुै कं रु चमन
में रतन ंे ननाए यन्र औस उसंे फामूणले ंो ाायन ंसें । ुैसी सीक्रेट सिरणस ंे चीफ ंी तसफ से यु खास नुनायत नी ाई ुै
कं इस सासे अनभयान में ंोई यु न जान संे कं रु ुैसी ुड । सच पूछा जाए तो अमेरसंन ससंास रतन से नहुत ैंसने लाी
ुै औस यु नुीं चाुती कं रतन ंो पता लाे कं अमेरसंा पहन"। ुै सुा उठा ंनम ंोई नखलाफ उसंे :

" नोंटेन से क्या रसपोटण ुै ाहरू ?" नरंास ने पूछा ?

""यु कं इसी ंाम ंे नलए रुाक से जेम्स नाण्ैं ंो भेजा जा सुा ुड। पाकंस्तान से नो जासूसअ तहालं-ली औस नहससत खान

रूस से नााासोफ ंो यु ंाम सौपा ाया ुै । इन सभी ंो अला अला इनंे नेशों ने यु ंाम सौंपा ुै कं ये चमन से यन्र
औस फामूणला ाायन ंसें ।"

" क्या इम सर 'नेशों ंे जासूस ंो यु जानंासी ुै कं उसंी तसु ुी नूससे नेशों ने अपने जासूसो ंो यु ंाम सौंपा ुै ?"
" नुीं ।"

" तो अर हुक्म नोनलये ाहरू ।। पूछा ने नरंास "

"सहनो, धनहषटंास ंो साा लेंस तहम्ुें चमन ंे नलए सराना ुो जाना ुै । चीन ुम "----कंया शहरु ंुना ने नरजय "
जाएकाे,
प्यासे नरक्रमाकनाय ंो रूस भेजा जाएाा।
अशसफ ंो अमेरसंा,
पसरेज पाकंस्तान औस
आशा ंो नोंटेन ।"

"यानी आपने तो पूसी सीक्रेट सिरणस ंो ुी ुसंत में ला कनया ।"

" ंाम उसी ढका से ंसना चानुए प्यासे , नजस ढका ंी जरूसत ुो ।ने नरजय " ंुाुड चले मोुसे से नेशों अला-अला---,
ंु नुीं संते ंे इनमें से ंामयान ंौन ुो ? सनसे मुत्त्रपूर्ण ंाम , तहम्ुासे ुराले कंया ाया । ुस नेश ंा जासूस चमन
में पहुकचेाा।

अतुै में चमन ंे न्द्र ंा व्यूु इस :, औस ंें न्द्र पस ुमने तहम्ुें ननयहक्त कंया ुै । जुाैँ तं ुमासा अनहमान ुै, अास सासे
जासूस एं ुी समय पस चमन में पहुकचे तो चमन में नेशं नहननया ंे मुान जासूसों ंा जनसनस्त टंसार ुोाा । ुमासी साय
यु ुै कं उस टंसार में तहम शसीं नुीं ुोाे ।”'

" तो कफस रुाैँ क्या तमाशा नेखूकाा ?"

-"'नेशं ।"

"'क्या मतलन ुडचौंंा। नरंास "

" रैसे तो ुम जानते ुड प्यासे कनलजले कं ंाम अपने ढका से ंसोाे औस ुमासे समझाने से ंह छ नुीं ुोाा । ने ", ंुा-
समझाए-ाई ुो खसान आनत भी कफस लेकंन" ननना सुेंाे नुीं । सहनो, तहम रुा पहुकचोाे, लेकंन रतन ंे अलारा ंोई यु
नुीं जान संें ाा कं नरंास रुाक पहुच ाया ुै तहम्ुासा ंाम् रतन, उसंे आनरष्ंास औस फामूणले ंी नुफाजत ंसना ुोाा ।
नजस रक्त ुैसी, नााासोफ, जेम्स नाण्ैं, तहालं अली , नहससत खान, साकापों, ुरानची औस हसकासीं रुाक पहुकच जाएकाे तो
एंएं लक्ष्य । जाएाा ला पता से रूप नननश्चत में नासे ंे नूससे- ुी ुै । अतएं संें ाे। ंस नुीं ंाम रे नमलंस :
नूससे ंा नरसोध ंसें ाें टंसार ुोाा । सम्भर ुै कं उस टंसार में इनमें से एंाध ंा ंल्यार् ुो जाए । इनंे नीच नुीं
ंह नोाे । आपसी लड़ाई में जीतने ंे नान जो भी रतन तं पहुकचने ंी ंोनशश ंसे , उसे सकभालना तहम्ुासा ंाम ुोाा ।"
लेकंन अााप सन लोा चीन, अमेरसंा, रूस, नोंटेन औस पाकंस्तान में क्या ंसें ाे ?"

" अखण्ैं ंीतणन । ने नरजय लांसझहझ "ंुाअरे"---, पुले पूसी नात सहन नलया ंसो, तन चोंच खोला ंसो । ये माना कं
तहम अनभमन्यह ननंस उस व्यूु में घहसे ुोाे, लेकंन प्यासे , मालूम ुै न कं अनभमन्यह व्यूु में फक स ंस ुी सु ाया ाा । नुी
ैंस ुमें भी ुै, माना कं तहम ंामयान न ुो सुे औस इनमें से ंोई यन्र औस फामूणला प्राप्त ंसने में ंामयान ुो ाया तो क्या
ंे सोाे ?"

"मेसे ख्याल से ऐसा ुोाा ुी नुीं ाहरु ।"

" तहम्ुासे ख्याल से त ंी नीरासों से ायाना मज़नूत नुीं ुोते प्यासे ।" नरजय ने ंुा…"औस ुमासे ख्याल अक्सस पाास ंी लंीस
ंुलाते ुड । अपने ख्यालों ंो जेन में सखो औस ुमासी नात ंो ंान में आकरले ंा अचास ैंालंस सहनो । तहम्ुें एं नरशेष
ट्राकसमीटस कनया जाएाा। उसंी मनन से जन चाुो----- नरक्रमाकनाय, झानझसोखे-, ाोनायापाशा से सम्नन्ध्र स्ाानपत ंस संते
ुो । माना कं नहश्मनों में से ंोई अपने अनभयान में ंामयान ुो ाया तो तहम यु सूचना उसंे नेश में मौजून ुममें से कंसी
'ंो भी ने नोाे । मानो कं जेम्स नाण्ैं ंामयान ुो जाता ुै तो तहम फौसन यु सूचना नमस सोनायापाशा ंो ने नोाे, क्यों ?
…-रयोंकं नोंटेन में रुी ुोाी । अतचीफ अपने ंो नाण्ैं जेम्स कफस : तं न पहुकचने नेने ंा ंाम उसंा ुोाा ुै"

"मतलन यु कं अास चीनी जासूस ंामयान ुो तो उसंी सहचना मड आपंो ने नूक ?" ननंास ने ंुा ।

" रो मासा साले पापढ़ राले ंोनात ुमासी न समझे अन--…ाधे ंी लात ।ने नरजय-" ंुा तो जाए ुो ंामयान ुेसी"--
क्रो झानझसोखे, तहालं औस नहससत ंामयान ुों, तो पसरेज ंो ंुने ंा ताापयण ये कं नजस नेश ंा ंामयान ुो, उसी नेश
में मौजून भासतीय सीक्रेंट सिरणस ंे एजेण्ट ंो सूचना ने नी जाएाी"!

"यु तो मड समझ ाया ाहरू ंुा ने नरंास "!’--“लेकंन माना कं चचा नााासोफ ंामयान ुो जाते ुड, तो सीधी…सी नात
ुै कं मड रूस में मौजूनअकंल नरक्रम - ंो सूनचत ंस नूक, रे ुसंत में अाा जायेाे । यु ठीं ुैमें नेशों अन्य मास- मौजून
सााी जैसे चीन में आपंा क्या ंाम सु जायेाा ?"

"पीर्ंण ा ंी ठण्ैंी सैंंों पस टुलंस रापस आ जाएकाे ।"

मेसे ख्याल से तो नेंास में इतना लम्ना लफड़ा फै ला सुे ुो ाहरु ।। ंुा ने नरंास "

" नजस कनन से तहम्ुासी तहछछ नहनद्ध में ुमासी मुान नातें कफट ुोने लाेंाी प्यासे कनलजले, उस कनन से लोा तहम्ुे नरंास नुीं,
नरजय ंुेंाे ।ंुता नरजय " ुी चला ाया…"तहम एं ुी नास में यु योजना सहन लो जो ुमने ननाई ुै, उसे शानन्तपहरणं
सहनने ंे नान शायन तहम्ुें कंसी तसु ंा ंोई सराल ंसने ंी जरूसत न पैंे । सहनो ुोंाे सराना ंो नेशों उन लोा सन ुम-
स्टेटमेंट ंे रतन जो से ुसंत में अााए ुै । ुमासी सनसे पुली ंोनशश यु ुोाी कं ुम उस नेश ंे जासूस ंो चमन तं न
पहुकचने ने, जुा तहम ुों । माना कं मड चीन जाता हक । मेसा प्रयास यु ुोाा
कं साापों एण्ैं पाटी ंो मड चमन में न पहुकचने नूक लेकंन अास रो मेसे चीन पहुकचने से पुले ुी चीन से ननंे ल लें अारा
अपनी ंोनशश ंे नारजून भी मड उन्ुें न सों पातक तो चमन में उनंा टंसार 'तहमसे ुोाा । ुालाककं तहम भी उन्ुें उनंे
अनभयान में ंामयान नुीं ुोने नोाे लेकंन अास मान भी नलया जाए कं ंामयान ुो जाते ुड तो चीन में ुम कफस ुोंाे !
नुीं ंोई यु अभी क्योंकं ंु संता कं ंौन ंामयान ुोाा ? जो भी सफल ुोाा उसी ंे नेश में मौजून भासतीय सीक्रेटस
सिरणस ंा एजेण्ट ुसंत में अाा जाएाा । नांी लोा चहपचाप भासत लौट जाएकाे ।"

"चक्रव्यूु तो आपने ननाया ाहरू ।"

" अजी ुमासे क्या ंुने ।"। ुड ैंालते नना क्या-क्या जाने न तो ुम "----नोला तानंस सीना नरजय "

नरंास औस ब्लें नकराय नसफण महस्ंसांस सु ाए ।

कफस ंह छ नेस ंी नातों औस ब्लें व्राय द्वासा कनया ाया ंह छ ऐसा सामान जो इस अनभयान में उसंे ंाम आने राला ाा लेंस-
नहननया । ाया ननंल से भरन ाहप्त रु ंे मुान जासूसों से टंसान ंे ख्रान नेखता नरंास घस पहुकचा । "

पहुकचते ुी सै ना ने उसे आैंेे़ ुााों नलया । ननंास जन इधसरनाने नुाने ंे उधस- लाा तो सै ना ने ंुा कं ुै मालूम महझ---

जाएा पास ंे रतन तू नअाा ।"

खोपड़ी नहसी तसु झन्ना उठी उसंी, नोला…"क्या मतलन ?"

"मतलन ये ।। कनया सख ंााज एं पस ुाा उसंे ने सै ना ुी साा ंे ंुने "

धड़ंते कनल से यु सोचता हुआ नरंास ंााज ंी तु खोलने लाा कं यु ंााज कंसंा अाौस इसमें क्या नलखा ुै ।

औस उसने खोला,-पढा---

"प्यासे ाहरुनेर, चसर् सपशण "!

आप तों नरजयक ाहरु ंे ंे ुने में चलते ुो ना ? न जाने रतन ंी मनन ंे नलए चमन में ंर आओाे, शायन उस रक्त जर मेसे
भाई ंा अन्जाम खाम ुो चहंा ुोाा जो ैंॉक्टस भारासुा जा चमन ुी आज़ मड । संता नैठ नुीं चहप मड...मास । हुआ ंा-
हक अाापंे चसर्ों ंी ंसम, रतन ंी तसफ ंोई आकखें भी उठाए तो मड उसंी आखें न ननंाल लूक तो मेसा नाम मोर्टो नुीं ।
मड जा सुा हकतो समझो जरूसत मास--- अपने नच्चे ंी मनन ंे नलए चमन जा जाना । ज़रूसी न समझो तो आपंी इछछा । "
अपंा धनहषकटंास ।
नरंास ने पढ़ा । एं पल ंे नलए तोउसंा। ाया सु चंसांस कनमाा-
उसने नेखा…ंााज में सनसे तपस तासीख पड़ी ाी । नपछले कनन ंी तासीख । सचमहच ंल शाम से ुी धनहषटकंास उसे नुीं
चमंा ाा ।
मास उसे तो ख्रानों में भी उम्मीन नुीं ाी कं धनहषटकक्रास अंे ला ुी चमन पहुच जाएाा ।

घनण्टयों ंी आराज सहनते ुी धनहषटकंास उछलंस खड़ा ुो ाया ाा । रु जान ाया ाा कं उसंा भाई आ सुा ुै रतन !
उसने जाल्नी से पब्ने ंा ढक्कन, नन्न ंसंे जेन में ैंाला, औस जैसे ुी उसने ंक्ष ंे नसराजे ंी तसफ नेखा सफे न जैसा नूध --
सुा ुो प्रनरष्ट में ंमसे नंसा ाा । धनहषटकंास उसंी तसफ झपटा, अपोलो धनहषटकंास ंी तसफ । नड़े अजीन ढका से एं नूससे
ंे ाालों ंो प्यास कक्रया उन्ुोंने । अभी रे प्यास ंस ुी सुे ाे कं नसराजे पस नजस आयांपैंे सफे न जैसे नूध । रतन-, आखों
पस चढ़ा सहनुसे फ्रेम औस ााढे। चश्मा शाननास ंा शीशों ंाले-

इस नास रतन ंे ुाा में एं नई चीज ाी…एं छैंीे़ ंा सा भी नूध जैसा सफे न ाा । उसे नेखते ुी धनहषटकंास अपालो से
अला हुआ ।

उसंी तसफ नेखता रतन महस्ंसा सुा ाा ।।

धनहंाकंास ने एंनन जम्प लाासीने उसंे ैंालंस में ाले ंे रतन नाकुें औस नी- पस ला ाया, न नसफण झूल ाया, ननल्ं
पाालों ंी, तसु रु रतन ााल चूम सुा ाा । रतन ने भी प्यास से उसे नलपटा नलया ।

"अंे ले ुी आए ुो क्या ?" रतन ने सनसे पुला सनाल युी कंया ाा ।

धनहषटकंास ने इशासे से ‘ुाक' ंुा । .

यु ाी रतन औस धनहषटंास ंी रु पुली महलांात जन भासत से चमन पहुचने पस लु रतन से नमला ।

साष्ट्रपनत भरन ंे महलानजमों ने उसे यु ंुंस ंक्ष में नैठा कनया ाा, कं रे अभी मुासाज ंो सूचना नेते ुड ।

औस। ाे पहुकचे रतन औस अपोलो में ंक्ष नान नेसे ुी ंह छ-----

कफसमें ुॉल अनतनध । ाई ंी खानतस जनसनस्त ंी धनहषटकंास में भरन-साष्ट्रपनत- तन, रे नाश्ता ंस सुे ाे । रतन ंी छैंी
उसंी ंह सी से सटी सखी ाी । नाश्ते ंे 'नीच ुी रतन ने उससे पूछा ाा…"मोण्टो ंोई या अााए चले घूमने ुी यूक .! खास
नात ?"
जरान में धनहषटकंास ने उसे अपनी ैंायसी ंा एं नलखा हुआ पृष्ठ पंैंा कनया । उस ंााज में धनहषटकंास ने नलखा ाा आपने
आनरष्ंास ंे नरषय में अख़नासों में स्टेटमेंट नेंस अछछा नुीं कक्रया । नहननया क्री मुाशनक्तयाक, माने जाने राले साष्ट्र, उस
आनरष्ंास ंो प्राप्त ंसने ंी ंोनशश ंसें ाे । इस आनरष्ंास ंे ंासर् ुी आपंी मनन आपंी । ुै में खतसे भी जान )रतन(
युाक मड ुी नलए ंे आया हुक । "

पढ़ंस नैंे आंषणं ठक ा से महस्ंसाया रतन, नोला ुो पाले ुी रहुत तहम"--, मोण्टो ।"

"क्यों ?" धनहषटकंास ने इशासे से पूछा ।

" इसनलए कं तहम व्याण ुी नचनन्तत ुो उठे ।ंुा ने रतन "…"नजस नेश ंा शासन मड चला सुा हक , रु छोटा जरुस ुै,
लेकंन इस नेश ंा शासं नहननया ंी मुाशनक्तयों ंे ुांण्ैंों
से पूर्णतया परसनचत ुै । मड जानता हक कं मेसे स्टेटमेंट से नहननयाक में खेलती मच ाई ुै । युीं चाुता भी ाा मड ।"

"क्यो ?" धनहषटकंास ने पहन। पूछा से इशासे :

"इसनलए कं सासी नहननया ंो यु नता संू कं नहननया में नसफण अमेरसंा औस रूस ऐसे नेश नुीं ुड नजनंे ननज्ञान ंी नहननया
पस एंानधंास ुै । मडने साननत ंस कनया कं उनंे महंानले चमन जैसा छोटा साष्ट्र भी ंह छ ंस संता ुै । क्या नहननया ंी
मुाशनक्तयाक चमन ंे इस आनरष्ंास से हचकनतत न ुी उठी ुै?" "'नहननया ंी ये मुाशनक्तयाक नसफण नचनुत ुोंस ुी नुीं सु
जाती ुड । ने धनहषटकंास "ैंायसी ंे पेज पस नलखंस रतन ंो कनया तन- सुे ुी जलती से ईष्याण । ुड लाती जलने ननल्ं"--
रे भी शायन ुमासा ंह छ न ननााड़ संें , लेकंन इनंी आनत ुै कं ये कंसीउस तसु भी : शनक्त ंो समाप्त ंस ैंालती ुै,
जो उनंे ंसीन जाना चाुती ुड । ैंाैँक्टस भारा ंा नाम तो सहना ुी ुोाा भैया, उन्ुोंने भी तहम्ुासी ुी तसु यु धोषर्ा ंस
नी ाी कं उन्ुोंने एं ऐसा आनरष्ंास ंस नलया ुै नजससे रे समूचे ुै भासत पस कंसर्ों ंा एं ऐसा जाल ननठा नेाे कं
नहननया ंा ंोई भी अर्हंो भासत नम/ लेशमार भी क्षनत ऩ पहुचा संे ाा उनंा अन्जाम तो तहम"...

" अछछी तसु जानता हक ।ैंॉक्टस मड लेकंन"-ंुा ने रतन महस्ंसांस से ुल्ंे " भारा नुीं ह मोण्टो इन-भारा ैंॉक्टस !
ठीं औस ाे नुीं जानते ंो नरसन्नो उनंे नरपसीत मड इन ुसामजानों ंी नसहक राकंफ से नस- । मड अछछी तसु जानता ह कं
ंौनमें पल से-, कक्रस ुन तं नघनोनी चाल चल संते ुड । तो ऐसा नुीं ुै मोण्टो, कं मडने अखनासों ंो ननना ंह छ सोचे
समझे स्टेटमेंट ने कनया ुै । अखनासों ंो मडने जो ंह छ कनया ुै, नहुत अछछी तसु सोच। ुै कनया समझंस- महझे मालहम ाा कं
मेसे इस स्टेटमेंट से नहननया में ुलचल मचेाी । मुाशनक्तयों ंो चमन ंे रूप में मकैंसाती अपने उपस मौत नजस आएाी । अपनी
तांत ंे मन में चूस जो साष्ट्र अन्धे हुए जा सुे ुड, उन्ुें एं ठोंस लाेाी । रे पलटंस चमन ंी शनक्त ंा ंासर् यानी रु
यन्र छीन लेना चाुेंाे जो मडने ननाया ुै । उनंा प्रयास तो युी ुोाा कं रे चमन ंी शनक्त ंे ,स्रोत यानी रतन ंो ुी
खाम ंस नें ।"
धनहषटकंास ने पहन" .....स्टेटमेंट यु हुए जानते ंह छ सन इतना "----नलखा :

रतन ने पढा, धीसे …से महस्ंसाया, नोता ुाक "-----, क्योंकं मड उन्ुें नता नेना चाुता ाा कं ुस भासतीय ैंॉक्टस भारा नुीं
ुै । मड तो चाुता ुी यु हक कं रे अपनी ंोनशशें ंसें । तहम लोाों ंो युाैँ से ाये छन ुड हुए मुीने : मोण्टो :छ ुाक !
ुड हुए मुीने, मेसे चमन ंो आजान हुए । इन छमें मुीनों : मडने युी एंमार ंाम कंया ' ुै । जो तहमने अखनासों में पढ़ा
ुै, इसंे अनतरसक्त भी नहुतकंसी इनंी ंो मुाशनक्तयों इन कं ऐसे । ुड कंए ंाम से- भी ालत ुसंत ंा महकु जरान तोड़-
"संू । ने

"जैसे ?"' धनहषटकंास ने नलखा ।

रतन ने पढा, पढंस जनार कनयायुीं । ुै नुीं रक्त ंा नताने तो अभी"----- सुोाे तो सन ंह छ अपनी आकखों से नेख लोाे
। अााओ चलें समय ंा नसनास कफलुाल ! ुो सुा ुै । नांी नाते नसनास ंे नान ंसें ाे ।अपनी रतन ुी साा ंे ंुने "
छड़ी सकभालंस उठ खड़ा हुआ ।

तभी धनहषटकंास ने एं ुाा उठांस उसे एं नमनट रुंने ंा इशासा कंया । "

" नोलो । ुो चाुते पहछना क्या "-महस्ंह साया रतन "?"

धनहषटकंास जल्नीनेस ुी ंह छ ंो रतन ाा। सुा नलख ंह छ में ैंायसी जल्नी- इन्तजास ंसना पड़ा कं धनहषटंसस ंो जो नलखना
ाा, यु नलखंस उसंे ुाा में ैंायसी पंड़ा नी । रतन ने उसे अपने ुोंठों पस महस्ंान नलए पड़ना शहरू कंया, पस पूसा
पड़तेनल एंमार पस मस्तं । ाई ुो ाायन महस्ंान ुोंठों उसंे पड़ते- उभस आया । उसने उस इनासत ंो पढा, नलखा ाा--
ुम जन नास नपछली सन युाक से ाए ाे तो कंसी ने भी तहम्ुासे ुाा में ंभी ंोई छड्री नुीं नेखी ाी भैया, लेकंन इस नास
नेख सुा हक अााप इस छैंी ंो एं नमनट ंे नलए भी खहन से जहना नुीं ंस सुे ुड । नजस तसु नेनाा सफे न ंपैंे औस ये
ंाला चश्मा आपंी नप्रय ुै उसी तसु इस नास यु छैंी भी ला सुी ुै । क्या मड इस लायं हक कं इस छैंी ंे नासे में ंह छ
जान संू ?"

धनहषटंास ने नेखाऔस नल पैंाे़ पस मस्तं ंे रतन नान ंे पढ़ने नोनासा ंो इनासत- ायाना ाुसा ुो ाया । उसने धनहषटकंास
ंी तसफ नेखा, कफस उसंे ुोंठों से एं अायन्त ुी ाम्भीस स्रस ननंलानासे ंे छड़ी"---- में जाऩना चाुते ुो नेखो--------
"।

ंुने ंे साा ुी उसने छैंी ंो तपस उठांस एं ुाा से उसंा उपसी ुडनैंल पंैंा ।

कफसकनया। झटंा तेज एं-----

ठीं इस तसु, जैसे कक्रसी म्यान में से तलरास ननंले । छड़ी ंे अन्नस से महानस ननंल आया ुनैंैंयों ंा नना महानस । रु
महानस अभी तं खहन से ससानोस ाा । ुनैंैंयों ंे नने महानस पस लाा खून सूखंस ंाला पढ़ चहंा ाा । धनहषटकंास अभी
अरांाा सुा ुी नेख ंो सा-

कं रतन ंी आराज ने उसंी तद्रा भा ंी ।

रु ंु सुा ाांी नुन औस माैँ मेसी यु मौण्टो पुचाना इसे"----' हुनुड़यों ंा नना रुी महानऱ ुै नजसे नरंास ने ननाया
ाा । नजसंे रास सुतांमीना सुता- मैग्लीन मस ाया । ये इस पस लाा खून नेख सुे ुो न…ये मेग्लीन ंा खून ुै ये महानस
ंभी नुीं धहलेाा मोण्टों, ंभी नुी ैँ ुनैंैंयो .इन ंी नुन आस मा अपनी ! ंो ंभी साफ नुीं ंरूकाा मड, मडने ंसम खाई
ुै कं ुस जहल्मों ंे खून ंा ंह छपस ुनैंैंयों इस अकश ंह छ-न्-, जरूस लाेाा । इसे ुमेशा अपने साा सखूकाा मड -- ुमेशा ।"

धनहषटकंास ंे नजस्म ंा सीयाक सोयाक खैंा ुो ाया ।

आाे ंह छ पूछने ंे नलए उसे जैसे ंोई प्रश्न ुी न नमला ।।

रतन ने खहन ंो सकभाला-, महानस ंो छड्रीने औस सखा में म्यान रूपी-ला"। चलें में नसनास आओ"---

धनहषटकंास ने ऐं नजस छड़ी ंो नेखा, कफस चहपचाप रतन ं पीछेाे चल कनया । अपोलो रतन से आाे अपने ाले में पड़ी
घनण्टयाक नजाता चला जा सुा ाा । धनण्टयों ंी रु आराज रतन ंे आामन ंा प्रतीं ाा ।

नसनास में प्रनरष्ट ुोते ुी धनहषटकंास ंी खोपड़ी सनसना ंस सु ा ई ।

नसनास में अन्य जोाीं नातें नरशेष-, रे तो ाी ुो, कंक तह रु नजसने चीज - धनहषटकंास क्रो चंसा कनया ाा रु----------
रहकढया रु फलराली---ाी, नजसे रतन नानी माक ंुा ंसता ाा । रु नसनास ंे सरोच्च हसकुासन पस नरसाजमान ाी ।

मस्तं पस रुी ताज जो रतन ने उसे पुनाया ाा ।

धनहषटकंास ंे कनमाा में नरचासधी ाई मस तो नहकढ़या पु-उभसा-, उसंी तो जलती नचता भी सनने नेखी ुै कफस कफस .....
नानी नूढी फ़लराली ुड ुै चक्कस क्या माक इस हसकुासन् पस ंै से धनहषटकंास ंा कनमाा| नहसी तसु चंसा सुा ाा ।

उस पस सुा न ाया तो झपटंस रु रतन ंे ंधो पस चढ़ ाया । कफस साकंेनतं भाषा में उसने रतन से उस नहकढया ंें नासे
में पूछा । तनइसाना उसंा रतन जनकं- समझा ुकस पड़ा ाा । नसनास ंे ंोने ंोने में उसंी नखलनखलाुट ाूकज उठी ।।

धनहषटकंास आश्चयण ंे साा उसे नेखने लाा । पुली नास उसने रतन ंो इस तसु खहलंस ुकसते नेखा ाा । न नसफण उसने ुी
ननल्ं नसनास में मौजून ुस इन्सानने- रतन ंो नजन्नाी में पुली नास इस ंनस ुकसते नेखा ाा ।
सासा नसनास उसंी ुकसी ंी आराज से ाूकज सुा ाा । ंह छ नेस नान अपनी ुकसी ंो ंानू में ंसंे रतन नोला…"नरंास जैसे
जासूस ंा नशष्य ुोंस तहम धोखा खा ाए मोण्टो । अन तो मानना पैंेाा कं चमन ंे सका तसाश नहननया में नेनमसाल ुै ।"

धनहषट'ंास ने इशासे से पूछा मतलन क्या"-?”

…"जसा नानी माक ंो ंसीन से जांस नेखो । मतलन तहम्ुें खहन पता ला जाएाा ।" रतन ंु सुा ाा…"ये नानी माक नुीं,
उनंा स्टैछयू ुै । चमन ंे ुी एं सकातसाश ने इसे तैयास कंया ुै । जन रु सातसाश इसे लेंस नसनास में पहुकचा तो ुम
सनुत नसनास में मौजून ुस इन्सान ंी मनोनशा नैसी ुी ाी जैसी कं इस रक्त तहम्ुासी ुै । सचमहच नूस से नेखंस ंोई भी
नुीं ंु संता कं सचमहच ंी नानी माक नुीं ननल्ं स्टैछयू ुड । जैसा कं तहम जानते ुो मोण्टो, चमन पस असती हुंू मत इन्ुीं
ंी ुै, मड इनंा प्रनतनननध हक ।उस रतन हुआ ंुता सर यु " हसकुासन ंे नसानस ुी मौजून अपने हसकुासन पस नैठ सुा ाा

रतन ंा हसकुासन फलराली नूढ़ी मा से ंह छ नीचा ाा । हसकुासन पस नैठने ंा सकंेत ाा । धनहषटकंास उस नूससे हसकुासन पस
नैठ ाया ।

नैठने ंे नान पुली नास उसने नसनास ंो ध्यान से नेखा ।

अभी तं नसनास में अााने ंे नान उसने नेखा ुी क्या ाा? नानी माक ंे स्टैव्यू ंे अलारा रु ंह छ भी तो नुीं नेख संा ाा,
अन…नसनास ंी नस्ानत ंो भसपूस नजस से नेखा ।

नेुन खूरसूसती से सजा नसनास ।

नेशंीमती झालसें । ुाैँल ंी छत से लटंे फानूस सक ा ंई में ंतास तसफ नाईं ! ंी ननी पुने सशस्त्र सेननं सारधानी ंी महद्रा
में खैंेे़ ाे । उन ंतासों ंे अाााे एं ंतास ंह िसणयों ंी भी पड़ी ाी ।

उन पस नैठे उच्च सेननं अनधंासी ।

नाई तसफंतासे ंी सेननंों जल औस में रनी सफे न-,


ंतासों ंे अाााे ंह िसणयोॉ पस नोनों सेनाओं ंे अनधंासी । हसकुासन
ंे ठीं नीचे ंपैंों में नैठे ंह छ व्यनक्त । उनंे नैठने ंा स्ाान औस तसींा ुी नता सुा ाा कं इस नसनास में उन्ुें सम्माननत
स्ाान _प्राप्त ुै ।

हसकुासन ंे ठीं सामने ंह छ ंह िसणयाक पड़ी ाी ।

उन पस चमन ंे साधासर् नाारसंों ंो नड़े सम्मान ंे साा नैठाया ाया ाा ।

"अन नसनास ंी ंायणराुी प्रासम्भ ंी जाए ।"

इन शब्नों ंे साा रतन अपने हसकुासन से खड़ा ुो ाया । साा ुी नसनास में नैठा ुस व्यनक्त खैंा ुो ाया । रतन अपने
ंसीनी यानी नानी माक ंे हसकुासन ंे ंसीन पहुकचा औस नैंी श्रद्धा से ुाा जोैंंस नतमस्तं ुोता हुआ नोलातहम्ुासा"- नच्चा,
तहम्ुें साक्षी मानंस, तहम्ुासे नसनास ंी ंायणराुी शहरु ंसता ुै ।"

सभी नानी मा ंे समक्ष नतमस्तं ुो ाए ।

कफस नानी माक' ंी स्तहनत ंी ाई…ऐसे, जैसे रु ंोई नेनी सुी ुो ।

स्तहनत ंे नान…

सभी ने अपनी। ंी शहरु नेनी ंो रतन रसपोटण अपनी-

हसकुासन ंे ठीं नीचे साने रस्त्रों में जो लोा नैठे हुए ाे, धनहषटकंास ने जन उनंी रसपोटण सहनी तो उसने जाना ये चमन ंे
ाहप्तचस नरभााों से सम्ननन्धत ुड ।

नसनास ंी सम्पूर्ण ंायणराुी ंो धनहषटंास भी चहपचाप सहनता सुा ।

ुा, इस सासी ंायणराुी ंे नीच उसने यु जान नलया कं रतन ने चमन ंा शासन नेुन ननपहर्ता ंे साा चला सखा ुै सेननं
अनधंारसयों औस जासूसों ंी रसपोटण लेने ंे नान उसने चमन ंे नाारसंों ंी नशंायतें सहनंस उनंा समाधान कक्रया ।।
सनसे अन्त में नसनास में ंह छ पेरटयाक खोली ाई ।

पसन्तह रे सन खाली ुी ननंली ।

अकनतम पेटी ंी सील तोड़ंस यु नेखने पस कं रु भी खाली ुै, पेरटयाैँ खोलने नाला महलानजम नोला पेरटयों सासी ये "----
"। मुासाज ुड खाली भी आज एं पल चहप सुंस रतन ने ंुा"----' नरनभन्न स्ाानों पस ये पेरटयों इसनलए सखी जाती ुै
कं चमनंे कंसी भी ननरासी क्रो ुमसे यानी चमन ंे रतणमान शासन से कंसी तसु ंी नशंायत ुो अारा कंसी भी नरषय से
सम्ननन्धत ंोई ऐसी नशंायत ुो नजसे ंोई अपने नाम ंे साा कंसी रज़ु से ुम तं न पहुचाता ुौ, यु नशंायत इसमें
नलखंस ैंाली जा संतती ुड । अाारश्यं नुीं कं नशंायतंताण अपना नाम भी नलखे ।

" इसमें कंसी भी नशंायती पर ंा न पाया जाना इस नात ंा द्योतं ुै मुासाज,कं चमन ंे कंसी नाारसं ंो ऐसी ंोई
नशंायत नुीं ुै नजसंो अााप तं पहुकचाने ंे नलए कंसी ंो अपना नाम छह पाने ंी जरूसत पड़े ।"

अास ऐसा ुै तो शायन ुम नहननया ंे सनसे खहशनसीन शासं ुड ।पर-नशंायत कं नुीं आरश्यं लेकंन"---ंुा ने रतन "
ंे न ुोने ंा युी ंासर् ुो ुै संता ुो भी ंासर् औस एं इसंा !, औस रु यु कं इन पेरटयों ंा अभी चमन में
व्यापं प्रचास न हुआ ुो । "

--"ऐसी नात नुीं ुै मुासाज । नताया ने महलानजम "। ुै जानता नाारसं ुस ंा चमन में नासे ंे पेरटयों इन !

--"कफस भी ।" रतन ने ंुा सुे ताघहट ंोई से शासन ुमासे कं चाुते नुीं ुम । जाए नढ़ाया प्रचास ंा पेरटयों इन"----
"।

" जो आज्ञा !" यु ंु ंस महलानजम नतमस्तं ुो ाया ।

इस तसु नसनास नसखास्त हुआ।

नोपुस ंे भोजन ंे नान रतन ने धनहषटकंास ंो असाम ंी सलाु नी, उसने यु भी ंुा नु उस नसनास ंी ंायणराुी ंे नान
उसे अपनी नरशेष प्रयोाशाला कनखायेाा । रु प्रयोाशाला नजसमें नसनास ंी ंायणराुी ंे रान रु ायानातस रक्त ाहजासा ंसता
ुै, नजसमें उसने ोंह्ाकैं से आराज ंै च ंसने राला यन्र ननाया ुै ।

धनहषटकंास ने तो नजन ंी ाी कं रु आज ुी उस प्रयोाशाला में घूमना औस उस यन्र ंो नेखना चाुता ुै । कंक तह न जाने
क्यों रतन धनहषटकंास ंी यु ,नजन टाल ाया ।।
धनहषटकंास आसाम से साष्ट्रपनत भरन ंे उस ंमसे में सो ाया नजसमें उसंे सुने ंा प्रनन्ा कंया ाया ाा । उसंा अपना ख्याल
ाा कं रतन औस अपोलो प्रयोाशाला में चले ाए ुड । रु शाम ंो पाकच नजे उठासाष्ट्रपनत कं नेखा उसने ुी उठते- भरन ंा
एं महलानजम उसंी सेरा ुेतह ुाा नाकधे खड़ा ुड । उसने एं ंााज पस नलखंस उसे कनया"। ुड ंुाक भैया "---

" प्रयोाशाला में ।। कनया उुस सा-सकनक्षप्त ने महलानजम नान ंे पढने ंााज "

….."प्रयोाशाला ंुाक ुै ।पूछा नलखंस ने धनहषटकंास "…"महझे भी रुीं ले चलो ।"

…"क्षमा ंीनजए ।"-----जरान ंा महलानजम " इस रक्त मुासाज अपने प्रयोाशाला में व्यस्त ुोंाे । कंसी ंो भी रुाैँ जाने
ंी इज्जत नुीं ुड ।"

अभी धनहषटणंास अपनी ैंायसी पस ंह छ औस नलखने ंे नलए उक ानलयों में नने पेन ंो सीधा ंस ुी सुा ाा कं एंाएं साष्ट्रपनत
भरन में धनण्टयों ंी मधहस आराज ाूकज उठी ।

महलानजम ने एंनम ंुा"। ाए अाा मुासाज़-

उसंा राक्य पूसा ुोते ुी ंमसे में प्रनरष्ट हुअाा। अपोलो--

उसंे नान नूध जैसे नेनाा सफे न ंपैंों में ंै न रतन । आकखो पस सहनुसे फ्रेम ंा ंाला चश्मा, ुाा में छैंी…रु छड़ी, नजसंे
अन्नस उसंी माक औस नुन ंी ुनैंड़यों ंा नना महानस ाा । ंमसे में रतन ंी आराज ाूकजी…"मड जा ाया हक मोण्टों ।"

इसंे नान सात ंे नासु नजे तं धनहषटकंास ंी जनसनस्त खानतस चलती सुी ।

अाले कनन तन जनकं नसनास में पेरटयाक खहल सुी ाीजन चौंा नसनास सासा रक्त उस- आनखसी पेटी खहली । पैटी में से फशण पस
नासे नशंायतपत्-स पस प्रायें ंी नृनष्ट नस्ाससु ुोंस सी- ाई । ायानातस नसनारसयो ंे चेुसों पस आश्चयण ंे भार उभस अााए
। "

धनहषटकंास, अपोलो औस रतन ंी ननााु भी उसी पस ाी ।

चमन ंे नरनभन्न स्ाानों पस ये पेरटयों सखने ंा ंायणक्रम' नपछले चास मुीनों से चल सुा ाा । प्रनतकनन नसनास में इन पेरटयों
ंो खोला जाता ाा, ंभी ंह छ नुीं ननंला । इन पेरटयों ंे खहलते … समय नसनासी नड़े इामीनान ंे साा खैंे सुते ाे,
'क्योंकं सभी जानते ाे कं उनमें से ंह छ ननंलने राला नुीं ुै । चास मुीने में यु पुला ंााज ाा जो पेटी ंे माध्यम से
नसनास में अााया ाा ।

तभी तो प्रायें ंी नृनष्ट उसी ंााज पस ंे कद्रत ाी ।

अजीन। ाे लाे धड़ंने कनल साा मड धढ़ंनों सी-

ायानातस लोा एं नूससे ंी शक्ल नेख सुे ाे, जैसे पूछ सुे ुों कं क्या रु जानते कं ंााज में क्या नलखा ुोंाा ?

मास ुस आकख में यु सराल ाा, जरान ंुीं नुीं ।

…"ुम ंुते ाे न कं इन पेरटयों ंा व्यापं प्रचास नुीं कक्रया ाया । सामने परसर्ाम ंा प्रचास ंे ंल"-----ंुा ने रतन "
"। ुै

--"'नुीं मुासाज ुै"---नोला नकढ़ंस आाे ाोैंा महलानजम राला खोलने पेरटयाक " मड नारे ंे साा ंु संता ह कं आपंे
शासन में चमन ंे कक्रसी भी नाारसं क्रो ंोई नशंायत नुीं ुै । यु ंााज यूक ुी कंसी ने मजां में ैंाल कनया ुो"। ...

…-""शमशेसहसकु ।क्रो आनमी ुस मौजून में नसनास ने ाहसाणुट इस ंी रतन " ंक पंक पा कनया ुमें चटह ंारसता कं ुो जानते "-
कं ुो ंु ंै से तहम । नुीं पसन्न सासे चमनकंसी मड-
क्रो ुमसे ंोई नशंायत नुीं ुड ।"

" ज जी जी मड जानता हक ।। ाया नौखला महलानजम नामं शमशेसनसु "

"तहम जैसे चानहंास अास ुमासे चासों तसफ सुें तो चमन ंे नाारसं घहटअाोस सुे ुोते पसे शान रे जाए मस ुी धहटंस- तहम
जैसे चाटंासों से नघसे ुम इसी भ्रम में सुे कं ुमासे शासन में कंसी ंौं ंोई नशंायत नुीं ुै, ंै से जानते ुो तहम ?"

सुमंस शमशेस हसकु ने ानणन झहंा ली ।

'"अास तहम जानते ुोते तो यु ंााज इस पेटी में से न ननंलता ।ाम्भीस ंा रतन " स्रस तो नात ंी मजां सुी "-----
एं ंा चमन कं चानुए सखना नध्या यु तहम्ुें नच्चा भी इतना ननतमीज नुीं जो अपने साजा से इस तसु ंा मजां ंसे ।
पेटी से ननंला यु पर ारलन्त प्रमार् ुै कक्र कक्रसी ंो ुमसे, ुमासे शासन ंसने ंे ढका से ंोई नशंायत ुै तहम्ुासी यु
पुली ालती ुै, इसनलए क्षमा ंसते ुड, मास इस शतण पस ंी भनरष्य में तहम ुमसे ऐसी चाटह ंारसताभ-सी नात कफस ंभी न
ंुोाे ।"

शमशेसर्संु चहप ।

" अपोलो !" रतन ंे महु से ननंला ।

जैसे इसी शब्न ंा प्रतीक्षं ाा नंसा, रु अपने नसुाकसन से उछला । एं नमनट में रु पर लांस उसने रतन ंो कनया,
इधस अपोलो रापस अपने हसकुासन पस जांस नैठा औस उधस पर ंी तु खोलता हुआ रतन ंु सुा ाा…"यु पर ुम भसे
नसनास में जोसुै नलखा यु नजसने ताकं पढेाे जोस-, उसंी नशंायत आप लोा भी जान जाएक ।"

सनंी साकसें रूं ाई जैसे !

सभी लोा जानना चाुते ाे कं रतन ंे नखलाफ आज चमन ंे कंसी नाारसं ंी क्या नशंायत ुो ाई ुै ।रतन ने पड़ना शहरू
कक्रया-

-----रतन नेटे?

रतन ने पर में नलखा ये सम्नोधन पढ़ा तो नसनारसयों ंे सोंाटे खैंे ुो ाए ।

पसन्तह ननना अटंे रतन आाे पढ सुा ाा…

" तहम्ुासे शासन में ंोई ंमी न ुोते हुए भी एं सनसे नड़ी ंमी यु ुै कं तहम्ुासा ाहप्तचस नरभाा रहुत ंमजोस ुै । तहम
जानते ुोाे नजस नेश ंा यु ननभाा ंमजोस ुो उस नेश ंा भनरष्य कंसी भी समय अन्धक्रास में ातं में ैंू न संता ुै । तहम
शायन यु चाुोाे कं मड इस ंान ंो प्रमानर्त ंरू । तहमने अपने ाहप्तचस नरभाा ंो यु ंाम भी सौंप सखा ुै कं ंोई भी
अजननी चमन में नानखल ुोते ुी
उनंे नोरटस में अाा जाए? मासतहम्ुासा औस ाया आ में चमन मड । हुआ नुीं यु-- ंोई भी जासूस यु न जान संा कं
ंोई अजननी चमन में आ पहुकचा , चमन में ुी नुीं ननल्ं इस रक्त जनकं यु पर नसनास में पढ़ा जा सुा ुै ंस सहन यु-
शायन सभी ंो ुैसत ुोाी कं मड इसी नसनास में मौजून हक तहम्ुासे जासूस अास महझे अन भी पंड़ लें तो मड यु नशंायत रापस
ले लूकाा ।

तहम्ुासा न। नुीं नाम अभी-ना-न-


इस पर ंी समानप्त तं सासे ुॉल में सनसनी। ाई नौढ़ सी-

अजीन घनसाए। ाे सुे नेख से नृनष्ट भसी-सकनेु क्रो नूससे-एं सन । लाे अााने नजस चेुसे से-

औस हसक ---ुासन ंे ंसीन नैठे ाहप्तचस ?

उनंे चेुसे तो ुल्नी ंी भाकनत पीले पड़ ाए ।

रतन ंी नृनष्ट अभी तं पर पस जमी हुई ाी एंाएं उसने पर पस से नजसें ुटाई । ाौस से एं पर । नेखा ंो नेसनासी एं-
नसनास । सखा में जेन अपनी उसने में सन्नाटा छा ाया पस मौत कं जैसे ऐसा-शों मनाया जा सुा ुो ।

कफस सनने नेखा। महस्ंान सी-अजीन एं राली उभसने पस ुोंठों ंे रतन-

रु हसकुासनक से उठ खैंा हुअाा ।

धीसे ऐसा में नसनास सासे । लाा उतसने नीचे रु से ंनमों से सन्तहनलत नधसे- सन्नाटा छा ाया ाा कं सूई भी नासे तो नम जैसे
नरस्फोट ंी अााराज ुो । ुस नृनष्ट इस रक्त रतन पस ंे नन्द्रत ाी ।

लु हसकुासन से नीचे अााया ।

सैननंो ंी ंतासों क्रो नेखता रु आाे नढने लाा ।

एंाएं शमशेसनसु ंे ंसीन जांस यु उसंे पैसों में झहं ाया । पैस छू नलए उसने ।

" असे असे , मुासाजउस ...तो चाुा नौखलाना ने. शमशेस "...ं पैस पंैंंस रतन ने ंुा पुचान आपंो नच्चा आपंा"-
जैसे शब्न ये ंे रतन "! चचा अलफाकसे ुै ाया नरस्फोट रन ाए । सभी उछल पैंे ।

धनहषटकंास तो अपने छोटे। नचा नासते-नासते से हसकुासन से-

शमशेसनसु ने झहंंस रतन ंे ंान पंड़े औस उसे तपस उठाता हुआ नोला"। ंा ंुीं पाला"-
अलफाकसे ंा स्रस सहनंस तो धनहषटकंास उछल ुी पड़ा ।

उधस…अलफाकसे रतन ंो अपने ाले से लााए खैंा ाा ओस इधस ंू नंस धनहषटकंास उसंे ंसीन पहुकचा रैंी श्रद्धा ंे साा उसने
अलफाकसे ंे चसर् स्पशण कंए तो अलफाकसे ंा ध्यान उसंी तसफ आंिषणत हुआ ।

रतन उससे अला हुआ तो धनहषटकंास उसंे ाले में झूल ाया ।

पाालों ंी तसु रु अलफाकसे ंे चेुसे पस से शमशेस ंा मेंअप उतासने ंी ंोनशश ंसने लाा तो..

ुकसता हुआ अलफासे ंुने लााुटाता ुी खून मड...नान्नस शैतान जा रूं अने"--- ह । ने सेअलफा ुी साा ंे शब्नों इन "
चेुसे अपने पस से शमशेस ंे चेुसे ंी नझल्ली उतास नी ।

अलफाकसे ंा चेुसा नेखते ुी सनंे महु से नससंारसयाक सी ननंल पड़ी । उसंे ाले में नाकुें ैंाले छाती पस लटंा धनहषटंास
पाालों ंी तसु अलफाकसे ंे चेुसे ंो चूमे चला जा सुा ाा, उधस। कंए स्पशण चसर्ण उसंे -जांस ंसीन भी ने अपोलो-

धनहषटकंास ंो छोड़ंस उसने अपोलो ंो ाोन में उठा नलया । ंह छ समय, इसी तसु ंी मौजमस्ती में ाहज़स ाया ।

कफसअपने :पहन । ाया ैंलराया हसकुासन नरशेष एं नलए ंे अलफाकसे में नसरास- हसकुासन पस जांस जर रतन ने ाहप्तचसों ंे
अभी तं पीले पैंे 'चेुसों ंो नेखा तो ' -"चचा स अलफाकसे उसने" "!ाे ंुा ाामेसे जो तहमने में पर-नशंायत इस -
ाहप्तचस नरभाा ंे नासे में जो नलखा ुै, उसे मड सुीं नुीं मानता ।"

"क्यों ?" अलफाकसे ने ंुााया पहुकच तं नसनास इस ननल्ं में चमन नसफण न मड "----, औस इन्ुें भनं तं न ला संी,
क्या ये "....

" चचा, ये ंमी इसनलए नुीं सुी क्योंकं नसनास तं पहुचने नाले अााप ुड ।रतन " ने ंुा'-"आप माने ंे नहननया जो...
न ुड नचाते पस उक ानलयों ंो जासूसों हुए जाने ंन से इण्टसपोल ंे नलए नससननण नने ुड । अमेरसंा ंे माकफया सकाठन ने नजसंे
सामने घहटने टें कनए , नजसने ुस नेश में जहमण कंए, लेकंन ंोई भी ससंास आपंो अपनी इछछा ंे नररुद्ध ंभी कंसी जेल
में न सख संी…तोकफस...तो... आपंे सामने इन छोटे ाहप्तचसों ंी क्या ननसात ुै ? ये नेचासे क्या पंड़ पाते आपंो ?"

" ुम तो ये चाुते ुड रतन कं नहननया ंे सरणश्रेष्ट जासूसों से ायाना समझनास औस खतसनां चमन ंे जासूस ुों । ने अलफासे "
कं ुड चाुते यु ुम--ंुा नजस ंो ंभी ंोई न पंड़ संा उसे चमन ंे जासूस पंड़ें ।"
"यु तो आपंा प्यास ुै मेसे प्रनत जो अााप ऐसा सोचते ुड चचा ंुा ने रतन "!'---'"आपंा अााशीराणन सुा तो ंह छ
कननों नान चमन ंा ाहप्तचस सकाठन ऐसा ुी ुोाा, कफलुाल नसखस्त ुै मेसी कं अााप अपने नच्चों ंो माफ ंस नें । रतन "
। ाा तसफ ंी जासूसों सकंेत ंा

"‘माफ कक्रया ।ंुा ने अलफाकसे "…"लेकंन ये नुीं नताओाे कक्र तहमने महझे एंनम ंै से पुचान नलया ?"

अन ंुीं जांस जासूसों ंे चेुसे सामान्य हुए ।

रे रतन ंी तसफ़ नेखे सुे ाे, यु जानने ंे नलए कं रु अलफाकसे ंे प्रश्न ंा क्या जरान नेता ुै ।

धीमे से महस्ंसाने ंे पश्चात् रतन ने ंुा…"युा आने ंे नान आपने शेमशेस ंा मेंअप तो ंस नलया चचा, लेकंन चूं आपसे
यु ुो ाई कं नशंायतअपनी आपने पर- साइरटका में नलख कनया नजसे थ्रोड़ाने से ध्यान सा-खने पस ुी ुड पुचान ाया ाा ।"

"ओु "-----ननंला से महकु ंे अलफाकसे "!, खैस मेसीं साइरटका पुचानने ंे नान यु तहम जान ाए कं यु पर नलखने राला
मड हक लेकंन सराल यु उठता ुै कं तहमने यु रैसे पुचान नलया कं मड शमशेसनसु ंे मेंअप में ह ?।"

…"क्योकं आपंे चेुसे पस अन्य नसनारसयों ंी तसु घनसाुट ंे नचन्ु नुीं ाे ।"

रतन जन यु ंुा अलफाकसे ने उसे पहऩः अपनी नाकुों में भींच नलया ।

"तो इसंा मतलन यु ुै चचा, कं अााप भी इसी रज़ु से यकुा अााए ुै नजस रजु से मोण्टो भासत से अााया ?"
अलफासे ंी सासी नाते सहनने ंे नान रतन ने ंुा ाा…"यानी आपंों भी युीं खतसा हुअाा कं मेसे स्टेटमेंट से मुाशनक्तयाक महझे
घेसने ंी ंोनशश ंसें ाी ?"

" औस नुीं तो क्या ?" अलफाकसे ने ंुा ।

इस रक्त रे नोपुस ंा भोजन ंस सुे ाे औस सााभी भी नातें में आपस साा-ुी- ंसते जा सुे ाे । यु भोजन ंक्ष साष्ट्रपनत
भरन ंी तीससी मकनजल पस ाा । ंह छ नेस तं रे यूक ुी नातें ंसते सुे कफस जनकं रे भोजन ंस चहंक तो धनहषटंास ने ैंायसी
पस नलखा --

" रो ंल ंा राना यान ुै, भैया ?"

रतन ने पुा, पढंस महस्ंसांस नोला…" क्या तहम्ुासी नात मड ंभी भूल संता हक मोण्टो ?"
धनहषटकंास ंह छ औस नलख पाता उससे पुले अलफासे ने पूछा पहछोाे भी ुमें या जाओाे कंए नात ुी भाई नोनों"--?"

" ंोई नरशेष नात नुीं चचा ।कं ाा कक्रया राना से मोण्टो लल"-ंुा ने रतन " इसे अपनी प्रयोाशाला कनखातकाा । उसी ंे
नलए नलखंस पहछा ुै कं ंुीं मड भूल तो नुीं ाया हुक ?”

"क्या ?" ुल्ंे से चौंंस ुै ली रना प्रयोाशाला ंोई अपनी तहमने क्या तो"-?"

"नुीं तो कफस आपंे ख्याल से मडने यु आनरष्ंास ंुाक कंया ुोाा ?"

" तो तहम्ुासी प्रयोाशाला तो ुम भी नेखेंाे भई ।"

"आप आज आसाम ंीनजए चचां-----ल नेख लीनजएाा ।ंुा। ने रतन "

"नजस तसु नुटलस ंी नजन्नाी में असकभर ंा ंोई शब्न नुीं ाा उसी तसु ुमासी नैंक्शनसी में ंुीं तहम्ुें आसाम नुीं नमलेाा
।ने अलफाकसे हुए महस्ंसाते " ंुा…"आसाम तो ुसाम ुै मेसे नलए । इछछा तो ुमासी ुै रतन, कं तहम्ुासी प्रयोाशाला आज ुी
नेखे, पसन्तह ंोई नात नुीं रतन । जैसी तहम्ुासी इछछा'-रैसे भी इस रक्त ुम चमन में ुड, जसें जसे पस तहम्ुासा हुक्म चलता-
"। ुै नरसात क्या ुमासी भला कफस-ुै

"ओु चचाुो हुआ नहख नेुन उसे जैसे नोला तसु इस रतन "!…"ंै सी नातें ंसते ुड आप? ंुीं भी सुी लेकंन मेसा हुक्म
आपसे नढ़ंस नुीं । मडने तो इसनलए ंु कनया ाा कं अााप ां ाये ुोंाे । आपंी इछछा यु ुै कं अााज ुी मेसी
प्रयोाशाला नेखें, तो अााइए ।ंसता पैना ध्रनन ंी टं- टं -टं से छड़ी । उठा रतन ंुंस " हुआ रु एं नखड़ंी ंे
नजनीं पहुकचा ।

नखड़ंी खोली ।

नस, नखड़ंी से चमन ंी रस्ती ंा एं नुस्सा चमं सुा ाा । नूसहुए नने तं नूस- मंान, नूस कंसी फै क्टसी ंी एं
नचमनी भी चमं सुी ाी, मास…यु सन ंह छ एं सीमा तं ुी चमं सुा ाा । सामने एं नीरास अड़ सुी ाी…नेुन तकची
नीरास ।जैसे " कंसी कंले ंी सुी ुो ।पसन्तह कंले कंसी नीरास रु-----ंी ाी नुीं इसनलए कं रु नई ननी हुई ाी ।
मास ुाक…नीनास भी ंुाक ाी रु । रु तो एं इमासत तकची रहुत----, कंलेनहमा साष्ट्रपनत इमासत तकची सनसे में चमन पूसे !
भरन ंी ाी कंन्तह रु साफ नेख सुे ाे, रु इमासत साष्ट्रपनत भरन से भी नहुत तकची ाी । उसी ंी औस सकंेत ंसते हुए
रतन ने ंु ंो इमासत कंलेनहमा उस"-- नेख सुे ुै न अााप ? नसअसल रुी मेसी प्रयोाशाला ुै जन तं चमन में रु नुीं
ननी ाी तन चमन ंी सनसे तकची इमासत ाी, रु साष्ट्रपनत भरन लेकंन अन रु ुै औस ाोैंी साष्ट्रपनत इस ननल्ं नुीं नहुत-
। उसंी ुै तकचाई नूानी ंठी से भरन जुाैँ उस इमासत ंा ननमाणर्' कंया ाया ुै, मैग्लीन ंे शासनंाल में रुा एं रहुत
नरशाल मैनान ाा । अपनी प्रयोग्शाला ंे नलए मडने उसी जाु ंो उपयहक्त पाया औस आज अााप नेख सुे ुड मेसी खैंीे़ रुाैँ-
"। प्रयोाशाला

" लेकंन इसंी यु नीरास इतनी नचंनी औस सपाट क्यों ुै ?" अलफाकसे ने पूछा…"ंुीं ंोई नखैंंी, पाइप नजस नुीं अाा
सुी । इतनी तकचाई तं जाने नाली इतनी नचंनी औस सपाट नीरास नड़ीं अजीन"। ुै लाती सी-

" न नसफण युीं नीनास चचा, ननल्ं प्रेयोाशाला ंी चासों ुी नीरासें इसी तसु नचंनी' औस सपाट ुड । ने रतन "
ंुा…"ंनानचत अााप समझ संते ुड कं ये नीरासें प्रयोाशाला ंी सहसक्षा ंो ध्यान में सखंस ननाई ाई ुड ।"

अलफाकसे इस तसु महस्ंसाया जैसे ंोई नहजहाण' नच्चों ंी कंसी नचंानी नात पस महस्ंसा ने । नोला ुो समझते तहम क्या"----
औस नचंनी इतनी ंो नीरासों इन कं सपाट ननरांस तहमने सहसक्षा ंा ंोई अछछा प्रनन्ध कक्रया ुै ?" .

" सोचा तो युी ुै, चचा " !

अलफासे ंह छ नोला नुीं । ुा, ुोंठों पस महस्ंान रुी ाी ।

रतन नोला तो समझा अाण ंा महस्ंान उस ने-…“यु मत समनझयेाा चचा, कं प्रयोाशाला ंी सहसक्षा ंा मडने युी ैँ एंमार
प्रनन्ध कक्रया ुै । इसे यूक समझो कं सहसक्षा ंे नजतने भी प्रचन्ध मेसे कनमाा में आए, रे सभी मडने इस प्रयोाशाला क्री सहसक्षा ंे
नलए प्रयोा कक्रए ुड । मेसा नारा ुै, ननल्ं यू समनझए कं आपंे नलए भी चेलेंज ुै कं अास आप स्रयक इस प्रेयोाशाला ंे
अन्नस जांस , अन्नस एं सूई भी उठांस सहसनक्षत नाुस अाा जाएैँ तो मुान हसकाुीं ंे स्ाान पस आपंो ाहरु मान लहकाा ।"
"ओंु ुसा से धीमें अलफाकसे "!…"इतना ारण ुै अपने प्रनग्ध पस ?"

'"ारण नुीं, नरश्वास ंनुए चचा । रतन ने ंुा…"मड ारण नुीं ंसता क्योंकं सहना ुै…ारण सारर् ंा भी नुीं सुा ।"

" खैस ंे सहसक्षा "-----नोला अलफाकसे "! रे क्या इन्तजाम कंया तहमने ?"
-"नाकंी इन्तजाम तो अााप प्रयोाशाला ंे ंसीन ुी जांस नेख संें ाे । ुाक, एं इन्तजाकम अााप युाक से अरश्य नेख संते ुड,
सो मड आपंो कनखाता ंुने ंे नान रतन ने अपोलो से नजसें नमलांस ंुा…अपेलो ।"

अपोलो जैसे जानता ाा कं उसे रया ंसना ुै ।

ैँ जप्प ुी एं । महैंा से पास ंे - ंसीन द्रो नमनट नान जन यु रापस आया तो


रु नखड़ंी। ाया ननंल नाुस से ंमसे रु मे-
रु अपने नो नपछले पैसों पस चल सुा ाा । अपने अाले नो ुााों में उसने एं नरशेष कंस्म ंी नूसनीन क्रो सकभाल सखा ाा ।

नूसनीन उसने रतन ंो ने नी ।

: अलफाकसे ंी तसफ नूसनीन नढाता हुआ रतन नोलाये "----- लीनजए----, इसे से लाांस प्रयोाशाला ंी तसफ नेनखए ।"

अलफाकस-
े नेखा तो कक्रया ुी रैसा ने-
प्रेयोाशाला ंी पूसी छत ंो अजीन। ाा सखा ंस ंरस से जाल ंे कंसर्ों सी- कंसर्ों से जाल ंी एं छतसीाी ाई नन सी-
नजसंे नीचे प्रयोाशाला ंी छत ाी अलफाकसे ने नेखा-हुई नुंती नासीं औस लाल-
कंसर्ों ंा एं नरशाल जाल । कक्रसर्े कक्रसी पतले तास नजतनी

मोटी ाी । रे तास ऐं नूससे में नहने हुए प्रतीत ुो सुे ाे । ठीं आटा छानने ंी छलनी ंा नैंा रूप । ंह छ नेस तं अलफाकसे
उसे नेखता सुा कफस नूसनीन आकख से सटाये ुी नोला ुै क्या यु"----?"

अलफाकसे ंा यु ंुना ाा कं धनहषटकंास ने उसंे ुाा से नूसनीन 'ले ली ।

उधस धनहषटकंास नूसनीन आकख से सटाये प्रयोाशाला ंी छत क्रो ंरस कंए नुंती कंसर्ों ंे उस नासीं जाल ंो नेख सुा ाा,
उधस अलफाकसे नकाी आकखों से उस जाल ंो नेखने ंी असफल ंोनशश ंा सुा ाा ।"

" इस तसु ंोनशश ंसने से ंोई लाभ नुीं ुै, चचा ननना ंे मनन ंी नूसनीन नरशेष इस"-----ंुा ने रतन "!, ंह छ
नुीं कनखेाा ।"

प्रयोाशाला ंी इमासत पस से नजसें ुटांस अलफाकसें ने रतन पस नजसे ाैंा नीं, नोला…" उनंी नरशेषता नुीं नताओाे ?"
" सहननए ।ैंॉक्टस रैज्ञाननं भासतीय"-----रतन महस्ंसाया से ढका सुस्यमय " भारा ंा नाम तो सहना ुी ुै सासी नहननया
जानती ुै कं उन्ुोंने कंसी ऐसी कंसर्ों ंा नजक्र कंया ाा नजनंू मौजूनाी में अर्हनम ंी नरशेषता एं ाेंन से नड़ंस न ुो ।
"

"'क्या ंुना चाुते ुो ?"

" मेसी प्रयोाशाला ंी छत ंो ंरस कंए जो कंसर्े आपने नेखीं, रु ैंाैँक्टस भारा ंा ुी आनरष्ंास ुै ।"

"क्या मतलन?" अलफाकसे नूसी तसु चौंंा ।

"मतलन यु चचा कं नजन कंसर्ों ंा आनरष्ंास भारा ंसने राले ाे, उन्ुें तो नहश्मनों ने यु अनरष्ंास पहर्ण
ंसने से पूरण ुी मोत ंी ाुसी नीन सहला कनया ।” ाम्भीस स्रस में रतन ंु सुा ाा मडने आनरष्ंास अधूसा रु उनंा मास""-
"। ुै नलया ंस पूर्ण

" ंै से ?"'

"रेरज एम' द्वासा ।"

"रेरज एम । ुै क्या एम रेरज"-नोुसाया ने अलफाकसे "?"'

" यु मेसे उसी यन्र ंा नाम ुै, नजसंे नासे में नरश्व ंे अखनासों में छपा ुै ।ंसने ंै च आराजें से ोंह्ाण्ैं रताया ने रतन "
नाम ंा यन्र अपने राले मडने 'रेनज एम' सखा ुै ।

इसी ’रेरज एम' द्वासा मडने ोंह्ाैं मेंक्रो आनाज ंी भारा ैंॉक्टस ननखसी- ंै च कक्रया औस उसी ंे आधास पस भारा ंे उस
अधूसे ंायण ंो पूर्ण कक्रया । नजस आनरष्ंास क्रो ंसने से पुले ैंॉक्टस भारा नहश्मनों ंे षैंृ यन्र ंा नशंास ुो ाए, उसंो मडने
उन्ुीं ंी आराज से पूर्ण ंस नलया ।"

" क्या ैंॉक्टस भारा इन कंसर्ों ंा फामूणला तेयास ंा चहंे ाे ?"

-"नेशं । महझे में ोंह्ैं ""----नताया ने रतन "उनंी आराजें नमली ुड तो नेशं रे फामूणला तैयास ंा चहंे ।"
"जसा स्पष्ट ंसंे नताओ "!

"आपक्रो यान ुोाा कं ैंाक्टस भारा ंे साा उस नरमान में नजसंे क्रेश ुोने पस रे मासे ाए, उनंा एं सुयोाी भी ाा जो
उन्ुीं ंे साा मासा ाया । व्रह्ाकैं में से महझे ैंॉक्टस भारा औस उनंे उस सुयोाी ंी आराजें नमली ुड, आराजें उस रक्त ंी
ुड जन रे नोनों इन कंसर्ों ंे नासे में नाकते ंस सुे ाे । मेसे ‘रेनज़ एम' ने सनसे पुले ैंॉक्टस भारा ंी रु आराज पंड़ी
ुै चहंा नैठ में कनमाा मेसे फामूणला ंा कंसर्ों"--- ।"

" क्या अााप महझे नतायेंाे ?" यु आराज उनंें सुयोाी ंी ाी ।"

" क्यो नुीं "!‘रेरज़ एम' द्वासा ोंह्ाकैं से ंै च ंी ाईैंाैँक्टस भारा ंी आराज…'"नहननया मेैँ मार तहम एं ऐसे व्यनक्त ुो
नजस पस ुम आकखें नन्न ंसंे नरश्वास ंस संते ुड । ाौस से सहनोंी अर्हनम कं ुड संते नता तहम्ुें ुम- शनक्त ंो ुीन ंसने
राली कंसर्े कंस तसु ननाई जा संती ुड । ध्यान से सहनना औस जुाैँ ंुीं भी तहम्ुें ंोई ंमी नजस अााए, फौसन सों नेना
।"

"इस तसहृ "!.... रतन ने ंुाैंॉक्टस ननखसी में ोंह्ाण्ैं"-


भारा औस उनंे सुयोाी ंे नीच हुई समस्त नातें मडने 'नेरज एम' द्वासा इंटृ ठी ंस ली । उन आराजों में ैंॉक्टस भारा ने
अपने सुयोाी ंो कंसर्ों ंा फामूणला नताया ाा । नीचनस । ाा ंसता प्रश्न ंे तसु तसु सुयोाी उनंा में नीच-, महझे
फामूणला नमल ाया औस कफस महझ जैसे व्यनक्त ंो फामूणले ंे आधास पस कंसर्ों ंा आनरष्ंास फे सने में भला क्या कनक्कत पेश आ
संती ाी ? प्रयोाशाला ंे तपस उन कंसर्ों ंा जाल आपने नेखा ुी ुै ।"

"क्या सचमहच ये रुी कंसर्े ुड ?" अलफासे ने पूछा ।

"ननसन्नेु ।” रतन ंा जनान ााउनंे औस भारा ैंॉक्टस मड चलंस में प्रयोाशाला"- सुयोाी ुी आराज आपंो सहना संता हक
। 'रेरज एम' द्वासा मडने ोंह्ाकैं से उन्ुें ंै च ंसंे टेपरसंॉैंणस में भस नलया ुै । प्रयोाशाला ंे तपस आपने रुीं कंसर्े नेखी ुड
नजनंी छतसी ंे नीचे समूचे भासत क्रो अर्हनम ंे भय से महक्त सखना ैंॉक्टस भारा ंा ख्रान ाा ।"

ंई क्षर् तं सोचता ुी सु ाया अलफाकसे, कफस नोला ुो मुान तहम "--- रतन ! नेशं तहम आधहननं नहननया ंे सनसे नड़े
रैज्ञाननं ुो । जो तहमने कंय् ुै, उसे आखों से नेखने ंे नारजून यंीन नुीं अााता कं तहम इतना सन ंह छ ंस संते ुो ।"

'मडने क्या कंया ुै, चचा ?" रतन ने ंुानसफण तो मडने"- 'रेरज एम' ंा आहरकष्ंास कक्रया ुै रांी ये कंसर्े तो ैंॉक्टस
भारा ंा आनरष्ंास ुड । मुान तो रे ाे नजन्ुोंने इन अजीनोासीन कंसर्ों ंा… आनरष्ंास ंस नलया ाा । मडने क्या कक्रया----
जो कंया युीं नसफण ैंॉक्टस भारा अपने सुयोाी ंो नताते सुे ।"

'‘नहननया में इतने नड़ेने अलफाकसे "। ुड पैंेे़ रैज्ञाननं नड़े- ंुा…"उन्ुोंने क्यों नुीं ैंाैँक्टस भारा ंे इस अधूसे आनरष्ंास ंो
पूर्ण ंस नलया ?"

" उनंे पास 'नेरज एम' ंुाक'ाा ?"' '

" 'रेरज एम’ ंा आनरष्ंास ुी तो तहम्ुासी मुानता ुै ।ंुा ने अलफाकसे "…"आज तं ंोई सोच भी नुीं संा कं ोंह्ाण्ैं
से आराजें ंै च ंसने ंा ंोई यन्र भी ननाया जा संता ुै । तहमने यु यन्र नना नलया । उस यन्र ंी मनन से ोंह्ाकैं में
ैंाैँक्टस भारा"। ...

…"ओु! चचा-” उसे नीच में ुी सों कनया रतन ने। लाे ंसने तासीफ मेसी तो आप"- नात तो नसफण यु ाी कं मड आपंो
रे प्रनन्ध नता सुा ाा' जो प्रयोाशाला ंी सहसक्षा ंे नलए मडने कंए ुै । अााप तो एं ुी प्ररन्ध नेखंस उसी में खो ाए ।"

अाोस। अलफाकसे ाा ाया सु खोंस में कंसर्ों उन्ुीं रु जैसे में रास्तर-

उसने उपने नसस ंो झटंा नेंस, मनस्तष्ं ंो नरचास महक्त कंया औस कफस ोंोलाखैस -- ुाक "-, औस क्या प्रनन्ा कंए ुड ।

"आइए मेसे साा । "रतन ने उनसे ंुा औस ंक्ष से नाुस ंी तसफ ंनम नढ़ा कनए ।

धनहधटकंास भी अपनी जाल से नूसनीन ुटांस उनंे ंे साा। कनया चल साा-

रे चासों साष्टपनत भरन ंे नाुस ननंले, द्वास पस ुी रतन ंी चमचमाती हुई सफे न ंास खड़ी ाी । नूध ंपैंे सफे न जैसे .
ड्राइरस पुने ने उसंा अनभराननकक्रया- औस स्राातााण ंास ंे नसचाजे खोले ।

ंह छ ुी नेस नान ंास अपने ान्तव्य ंी तसफ सराना ुो ाई ।

"लेकक्रन तहमने अखनासों में इन कंसर्ों ंे नासे में तो ंोई स्टेटमेंट नुीं कनया ाा रतन ?" अलफाकसे रे ंुा !

" तभी तो ंुता हैँ कं मेसे स्टेटमेंट से जैसा आपने औस नरजय चचा ने सोचा, उतना महखण नुीं हक मड ।रतन ने
रताया"। चानुए नताना नजतना नताया ुी उतना मडने ंो नालों अखनास-
रास्तर में अलफाकसे उस प्रयोाशाला ंी सहसक्षा, से प्रभानरत हुआ ।।

पसन्तहाा ंसना उसे जो----, यु सहसक्षा उसे टाल नुीं संती धी । रतन द्वासा प्रयोाशाला ंी सहसक्षा ंे प्रसयें प्रनन्ध ंो
ध्यान से नेखता औस कनमाा में नैठाता हुआ अलफासे उसंे साा चला ।

समहचे इन्तजाम ंो नेखंस उसंी आकखों में जो चमं उमसी रतन, धनहषटकंास अारा अपोलो में से ंोई नुीं नेख संा ाा ।
उनकंे साा चलता हुआ यु इमासत क्री तसफ नढने लाा । अभी रे इमासत से पचास ाज नूस ुी ाे कं नीच में एं
खाई अाा ाई ।

रतन ंे साा। ाए रठठं पस कक्रनासे ंे खाई उस सभी साा-

अलफाकसे ने नेखा। ाी ाई चली साा-साा ंे नीरास ंी इमासत खाई यु---

…'"जसा इस खाई में झाककंए चचा ।।। ंुा ने रतन "

अलफाकसे ने झाकंा तो उस आनमी ंस कनल भी धं् से सु ाया ।

खाई अायन्त ुी ाुसी ाी । उसंे अनहमान से पच्चीस ाज नीचे पानी ंा तपसी तल नजस अाा सुा ाा । उस तल से नीचे
खाई औस कंतनी ाुसी ुै, यु अलफाकसे अनहमान न लाा संा । अभी रु झां ुी सुा ाा कं पानी में उसे जोसनास ुलचल
मुसूस हुई ।

…"इमासत ंी नीरास ंे सुासे ने रतन "। ुै ाकई ननाई खाई यु तसफ चासों सुासे-- नताया ुी नेख" इसंी आप तो"-----
में ध्यान ंो चेतं मडने चौैंाई यु । ुड सुे सखंस ननाई ुै ।।

"चेतं ंौन ?" अलफाकसे ने पूछा ।


"ंमाल ुै च"-ंुा ने रतन हुए महस्ंसाते "!ाैतं ंो नुीं जाकनुे आप ।।चेतं रुी मुासार्ा मुायोद्धा ंे इनतुास भासतीय-
में ध्यान ंो उसी । घोैंा ंा प्रताप सखंस मडने इस खाई ंी चौड़ाई 50 ाज सखी ुै ।"

" घोैंेे़ ंा इस खाई से क्या मतलन ?"

" ंभी ंभी तो अााप ऐसी नात ंसते ुड चचा, जैसे ंह छ जानते ुी न ुों रतन "! नोला में जमाने इस ुालाककं"-'चेतं'
जैसा ंोई घोैंा ुै नुीं औस ुोाा भी तो चेतं भी इतनी चौैंीे़ खाई ंो एं ुी जम्प में ंभी पास नुीं ंस संे ाा ।"

-"ओु नोला तसु इस अलफाकसे "!, जेसे अन रु रतन ंे ंुने ंा मतलन समझा ुो, नोला…"लेकंन कक्रसी घोड़े ंो जम्प
लाांस क्या इसमें मसना ुै ? मान तो कं ंोई घोड़ा इस खाई ंो एं ुी जम्प में पास ंस भी जाता ुै तो जाएाा ंुाक ?
इमासत ंी नीरास से टंसा जाएाा । नतीजा यु ुोाा कं रु खाई में जा नासे ाा ।"

-"अन मड आपंो यु भी नता नूककं यु खाई कंतनी ाुसी ुै ।ने रतन " ंुा…"क्योंकं अााप इसंी ाुसाई ंो नसफण रुीं
तं नेख संते ुड जुाैँ तं पानी भसा हुआ ुै पानी कंतने भाा में भसा ुै"। संते जान नुीं अााप यु-

" तो नता नो । ंुा ने अलफाकसे "!

खाई ंी ाुसाई ंा आइनैंया मडने ंह म्भंसर् ंी खोपड़ी से नलया ाा ।। नताया ने नरत "

‘"ंह म्भंसर् ंी खोपैंीे़ ।।अलफ "ाााकसे चौंंा ।

-"नैंी समझे ना ? रतन पहनउस यु । आपंो हक समझाता-नोला हुआ महस्ंासाता : समय ंी नात जन मुाभासत ंा यहद्ध
समाप्त ुो ाया ाा । उसमें पाण्ैंरों ंी नरजय औस ंौसरों ंी पसाजय ुो ाई ाी । अपनी इस नरजय पस पाण्ैंरों ंो ारण ुो
ाया ाा । उन्ुोंने मुाभासत जीता ाा इसनलए रे यु समझने लाे कं नहननया में न उनसे नढंस ंोई योद्धा हुआ ुै औस न ुै

--उसी ारण में चूस एं नास ुकसते हुए भीम ने श्रींृ ष्र् से ंुा…'भारान ुम नहुत ुी पसे शान ुड ।' कंसी ननी तालान, नुस
में इतना पानी ुी नुीं ुै नजसमें ुम आसाम से नुा संें । ुस जाु नुाने ंी ंोनशश ंी, कंक तह घहटनों से तपस पानी ुी
नुीं जाता । मतलन यु कं नांी शसीस पस पानी लोटो से ैंालना पड़ता ुै ।। आसाम से नुाने ंी ंोई जाु ुी नुीं ुै ।"

" ुकसी में ंुे ाए इन शब्नों में छह पे ारूस ंो श्रींृ ष्र् ने नोट ंस नलया । अन नीनत क्रो ंन्ुेाैया ननपहर्-उनंा ारूस तोड़ना
आरश्यं भी लाा । अपने साकरसे ुोंठो पस आंषणं महस्ंान ननखेसते हुए नोले…चलोो,'आज ुम तहम्ुें नुलाते ुड ।।
इस तसु, रे पाकचों पाण्ैंरों ंो लेंस चल कनये ।।

"एं नड़ेश्रींृ ष जांस कंनासे ंे तालान से-ा्र् ने उन्ुें खड़ा ंस कनया औस भीम से नोले…‘इसमें तहम नजतना चाुो, नुा
संते ुो ।'

न नसफण भीम ननल्ं पाकचों ुी पाण्ैंर महस्ंसा उठे ाे ।

----- सोचंस कं श्रींृ ष्र् एं छोटे। ुड सुे ंु नलए ंे नुाने उनसे में तालान से-

"भीम ने ंुा-'क्यों मजां ंसते ुो भारान ?"

"मजां नुीं ंसते ।’ चतहस ंृ ष्र् ने ंुा…"अास आसाम से नुाना चाुते ुो तो इस तालान नुाओ ।"

"पाकचों पाण्ैंरों में एंमार यहनधनष्ठस ुी ऐसे ाे जो श्रींृ ष्र् ंी नात ंी ाुसाई ंो पंड़ सकंे ुै । उन्ुोंने भीम क्रो उस तालान
में नुाने ंी आज्ञा नी । भाई ंी आज्ञा पांस भीम उस तालान में ुी चले ाए ।"

"नहुत नीचे जाने पस भी जन उन्ुें तालान ंा तल न नमला तो घनसाए औस ुाापाकर- चलांस तैसने लाे । तालान ंे तपस
अााए तो नुाना भूलंस नाुस अााए । कंनासे पस खैंे साकरसे ंे ुोंठों पस मन्न महस्ंान ाी ।

"आश्चयण ंे साा तालान ंी अाोस नेखते हुए भीम ने पूछा…यु ंै सा तालान ुै भारान ?

"यु तालान नुीं ुै भीम , यु ंह म्भंसर् नाम ंे एं योद्धा ंा नसस ुै ।' ंृ ष्र् ने नताया-'कंसी जमाने में यु सारर् ंा
भाई हुआ ंसता ाा । श्रीसाम ने इसंा सकुास कंया तो उसंा धढ़ यहद्ध क्षेर-में औस नसस युाक अाांस नासा । मास उसंे नसस
में न कंतनी नससातों ंा पानी भस ाया ुै । नस। यु ुै तालान ुी ऐसा...'

पाकचों पाण्ैंर आश्चयण ंे साा श्रींृ ष्र् ंा महखड़ा नेखने लाे ।


" ंन्ुेया ने ंुा-'नजसंे नसस में नससात ंे भसे पानी में तहम ैंू न ाए, जसा अनहमान ंसो कं रु ंह म्भंसर् क्या ुोाा ?
कंस कंस्म ंा योद्धा ुोाा ? औस ऐसे ंो भी श्रीसाम ने मास ैंाला, अतः तहम अपनी ंौन सी शनक्त पस ारूस ंसते ुो ।'

" पाकचों पाण्ैंरों ंी अक्ल रटंाने आ ाई । नस !”


कंस्सा सहनाने ंे नान रतन ने ंुा'……."ंह म्भंसर् ंी खोपैंी ंो कनमाा में सखंस मडने इस खाई ंी ाुसाई ननराई ुै ।"

"भासतीय इनतुास औस णन्ाौ ंी तहम्ुें अछछी जानंासी ुै ।ाा सुा ंु अलफाकसे हुआ महस्ंसाता " -----…"'अखनास में छपे
स्टेटमेंट में भी तहमने मुाभासत में प्रयहक्त ुोने राले ुनायासों ंा हजकक्र नैंे अछछे ढका से कंया ाा औस अन 'चेतं' ताा
'ंह म्भंसर् ंी खोपैंी' ंा उनाुसर् भी नड़े अछछे ढका से कनया ुै । शायन उन णन्ाों ंे उनाुसर् नेना तहम्ुासी आनत भी ुै
।"

मोुं ढका से महस्ंसाया रतन, ंुने लाा…"नैज्ञाननं हक न औस यु भी जानता हक कं भासत ंे प्राचीन णन्ा नरज्ञान से भसे पैंेे़
ुड । उन णन्ाों ंो अास ध्यान से पढा जाए तो आज़ भी रे इस नहननया ंो नहुत ंह छ ने संते ुड ।"

" खैस, छोैंोे़ णन्ाों ंो , तहम अपनी प्रयोाशाला ंी सहसक्षा ंे नासे में ंह छ औस नता सुे ाे ।।"

…"ुाकंुा ने रतन "…"तो इस खाई ंी ाुसाई ंे नासे तो आप जान ुी चहंें ुो । यु खाई न नसफण इसनलए खतसनां ुै
इसनलए भी ुै कं इसमें भसे पानी ंे अन्नस रु ुस खतसनां कंस्म ंे जानरस मौजून ुै, जो समहकद्र में पाए जाते ुड ।। एं
नास जो इस खाई में ाया समझो, मैत ंे महु में ाया ।"

अलफाकसे ंो यान अााई। खलनली लु ंी पानी-----

एं रास पहनखाई नेउस :- में झाकंंस नेखा तो उसंे नजस्म में झहसझहसी सी' नौढ़ ाई । पानी ंे उपस तैसते एं भयानं
मासमछछ ंो उसने साफ नेखा ाा । न जाने क्यों अलफाकसे जैसा' व्यनक्त भी ासासा ाया ।।

-"क्या कंसी भी आनमी ंो प्रयोाशाला ंे अन्नस जाने से सोंने ंे नलए इतने प्रनन्ध ंह छ ंम ुड ?" रतन ने पूछा ।

-"नुी-ैँ ननंला से ुोंठों ंे अलफासे ुी नसनस "“ंाफी ुड ।"


…"तो आइए मेसे साा ।ंुा ने रतन "…"जसाक ध्यान से नेख लीनजए कं प्रयोाशाला ंी इस नीरास में ंुीं ंोई सास्ता तो नुीं
ुै ?"

ध्यान से नेखते हुए अलफाकसे ने ंुा नुीं सुा तो चमं "---ुै ।"

इस नीच रतन उन्ुें नलए इमासत ंे ठीं नीच में पहुकच ाया ।

अलफासे ने नेखा'-रतन ने एं अजीन से ढका से अकपने नोनों ुाा उपस उठाए । इधस उसंे ुाा तपस उठे , उधस खाई ंे पास
ठीं उनंे सामने प्रयोाशाला ंी नीरास में ुल्ंीऔस हुई ाढ़ाड़ाुट एं सी- नीरास में न नसफण एं नखड़ंी ंे नसानस सास्ता
खहल ाया ननल्ं उस सास्ते में से ससससांस एं स्टील ंी चानस खाईं ंे इस कंनासे ंी तसफ़ नढने लाी ।

यु चानस नसफण एं ाज चौैंी ाी ।

ससससाुट पैना ंसती हुई यु स्टील क्री चानस खाई ंे इस कंनासे तं पहुची औस कंनासे ंी जमीन से सटंस रुं ाई । जन
खाई पस स्टील ंी उस चानस ंे रूप में एं ाज चौैंा औस पचास ाज लम्ना एं पहल नन ाया । यु पहल प्रयोाशाला ंी
नीरास में एं नखड़ंी नहमा नसराजे तं ाया ाा औस रु नसराजा खहला हुआ ाा ।

" आओ चचा ंुा ने रतन "!…"यु ुै प्रयोाशाला ंे अन्नस जाने ंा एंमार सास्ता ।ंु "ने ंे साा ुी उसने स्टील ंी
उस चानस पस पैस सखा औस लम्ने लम्ने ंनमों ंे साा उस पहल क्रो तय ंसने लाा ।।।

यु नात औस ाी कं घनण्टयाक नजाता अपोलो अन भी उसंे आाे ाा ।

धनहषटकंास अलफाकसे ंे ंन्धों पस चढ़ ाया, औस महस्ंसाता हुआ अलफासे रतन ंे पीछे नढ़ सुा ाा । अपनी छैंी ंो टं् टं्
ंे साा रतन नड़े शाुी ढका से उस अजीनो ासीन पहल ंो तय ंस सुा ाा ।

ंह छ ुी नेस नान रे सन उस नखड़ंी में से ुोते हुए प्रयोाशाला ंे अन्नस पहुकच ाए । अन्नस नखड़ंी ंे समीप ुी नानुनी तसफ़
एं सैननं खड़ा ाा । उसने रतन ंो श्रद्धापूरणं अनभरानन कक्रया ।

उसंे ंसीन रठठंंस रतन ने अलफाकसे से ंुासकंेत यु मेसा ने आनमी इस "----- नेखंस, जो खाईं ंे उस पास से नलया
ाा…यु सास्ता खोला ाा । अन मान नलनजए कं मेसे पीछेंसता चेष्टा ंी आने ंी में प्रयोाशाला आनमी ंोई हुआ भााता पीछे-
ुै तो .......?"
समीप ंी नीरास में ुी लाा नटन रतन ले नना कनया । ाड्राड़ाुट ंी आराज ंे साा खाई ंे पास राला नससा अपनी जाु से
ुटा औस स्टील ंी चानस खाई ंी तसफ झहंती चली ाई । इस ुन तं झहंी कं रु पहल पूसी तसु खाई में लटं ाया ।

"अकजाम ंी ंल्पना अपना अााप स्रयक ंस संते ुड । नूससा ने रतन हुए ंुते "नटन नना कनया । स्टील ंी चानस नसमटंस
अन्नस अााने लाी ।

ंह छ ुी नेस नान रु चानस भी अन्नस आ ाई औस नखड़ंी नहमा सास्ता भी रन्न ुो ाया ।

अन पुली नास अलफाकसे ने उधस से ध्यान ुटांस यु नेखा कं रु ंुाक आ ाया ुै । इस रक्त लु एं नहुत ंी ुॉल में ाा
औस उसंी छत ठीं उतनी ुी तचाई पस ाी नजतनी तकची प्रयोाशाला ंी नीरासें ाी ।

जाु। ाा सखा ंस प्रंाशमान ंो ुॉल पूसे ने सॉैंों सोशन जाु-

ुॉल में सानाी ंे नाम पस ंोई इक्का नहक्का ुी नजस अााता ाा ।

एं ंोने में नड़ेमहस्तेन सैननं चास अाााे ंे जनसे टसों उन । ाे सखे जनसे टस चास नैंे-ाी ंे साा नैठे ाे ।

रतन ने नतायाखोला सास्ता नलए मेसे जो अभी रु तो ुोाी नात ंी खतसे भी ंोई- ंसता ुै, खतसे ंा साइसन नजा नेाा ।।
औस खतसे ंा साइसन नजते ुी रे चासों सेननं जनसे टस अाॉन ंस नेंाे । परसर्ाम यु ुोाा कं प्रयोाशाला ंी चासों नीरासों में
ंसें ट नुने लाेाा । रैसे सासी सात तो रे जनसे टस आैँन सुते ुी ुड । "

उन्ुें नताता हुआ रतन ुॉल में एं तसफ नढ़ सुा ाा ।

"लेकंक न इस प्रयोाशाला ंे अन्नस आनमी नाने। ंुा ने अलफाकसे "ुड ुड सुे अाा नजस ुी चहन-

"ायाना आननमयों ंा युाैँ ंसना भी क्या ुै ?” रतन ने नतायानसस"-ा्फ जरूसत ंे ुी जानमी अन्नस ुड । एं नात अाौस
भी ुै नजसे सहनंस शायन आपंी आश्चयण ुोाा । रु यु कं प्रयोाशाला अकन्नस ंा एं भी आनमी प्रयोाशाला से नाुस नुीं
जा संता ।"
" क्या मतलन ?" रांई अलफाकसे चौंंा ।

‘"ुा चचा "----नताया ने रतन "!, चमन में मार मड औस अपोलो ुी ऐसे जीर ुड जो ुस सोज प्रयोाशाला ंे अन्नस औस
नाुस ंी नहननया नेखते ुड । रसना ायाना यु ुै कं जो लोा प्रयोाशाला ंे अन्नस ुड, रे ंभी प्रयोाशाला से नाुस नुीं ाए ।
जो लोा प्रशेाशाला से नाुस ुड…रे नुीं जानते कं प्रयोाशाला अन्नस से ंै सा ुै ंै सा ? चमन ंे ंानून ंे महताननं प्रयोाशाला
ंे अन्नस राले कंसी आनमी ंा नाुस जाना कंसी नाुसी आनमी ंा अन्नस नना जहमण ुै, औस इस जहमण ंो ंसने नाले ंी सजा
यु ुै कं उसे खाई में ैंाल कनया जाएाा । कंन्तह शहक्र ुै कं अााज तं कंसी ंो ऐसी हुकसाामं सजा नेने ंी जरुसत नुीं
पड़ी ।"

" तहम्ुासे ंुने ंा मतलन यु ुैकं तहम्ुासे औस अपोलो ंे अलारा आज तं प्रयोाशाला ंे अन्नस ंा ंोई आनमी नाुस नुीं
ननंला ुै ओस नाुस से ंोई अन्नस नुीं अााया ुै ?"

"रेशं, मेसे ंुने ंा युीं मतलन ुै ।"। ुै सुा ुो पालन से ंठोसता युाैँ ंा ंानून इस"----ंुा ने रतन "

“यु नात तो ंह छ असम्भरुै लाती सी-, रतन ।इस लोा "------ंुा ने अलफाकसे " प्रयोाशाला ंे अन्नस ुड, उनंा मन
अपने नीनीरच्चों-, मातानपता-_अाना भाई"। ुोाा ंसता नलए ंे नमलने से रुन-

अचान्ं रतन ंे मस्तं पस नल उभस अााया ।

अलफासे ने उसे मुसूस कक्रया । मास ंह छ नोला नुीं ।

रतन ाम्भीस स्रस में ंु सुा ाांसता जहना से नाप-माक क्रो नेटे कंसी न "---- हक न कंसी भाई ंो नुन से । जो लोा
प्राोाशाला ंे अन्नस ुड, उनंा सन ंह छ अनेनस ुी ुै । यूक ंुो कं उनंे परसरासों ंी एं छोटी नस्ती ुै युाक ।"

"लेकंन कफस भी नाुस ननंलने ंे नलए इनंी इछछा ुोती ुी ुोाी ?"

…"अपने छोटे" । ुड ननाते से खहशी ंो इछछा अपनी लोा ये नलए ंे नुफाजत ंी चमन से-
एं नास तो ननरुुस"----नोला कफस अलफाकसे ाया ुो सा-' कफस भी यु प्रयोाशाला तो इनंे नलए एं ंै न जैसी ुो ाई ।"

"यूक तो ुस आनमी ंे नलए यु नहननया एं नड़ीं ंै न ुै ।। कनया जरान ने रतन "

न जाने क्यों अलफाकसे ंो ऐसा लाा कं रु एं व्याण ंे नरषय पस नुस ंसने लाे ुड, यु नरचास कनमाा में अााते ुी उसने
नात ंा रुख ननल कनयातहमने ुै कंए इन्तजाम क्या औस तो"---- अपनी प्रयोाशाला ंी सहसक्षा ुेतह ?“

"पुले महझे जसा यु नताइए कं कक्रसी भी जाु पहुकचने ंे नलए कंतने कंस्म ंे सास्ते ुो संते ुड ?"

"तीन कंस्म ंे ।"

"ंौन से ंौन-?"

-"ुरा, भूनम औस जमीन ंे नीचे से ।"

--"ंसै क्ट !” रतन ने ंुा…“ुरा ंे सास्ते से तो ंोई अाा नुीं संता क्योंकं अााप नेख चहंे ुड कं पूसी प्रयोाशाला ंे
तपस अर्हनाशं कंसर्ों ंा जाल ननछा हुआ ुै । ाल ंे सास्ते से आाे ंा एं मार सास्ता नेख ुी चहंे ुड, उस सास्ते से ंोई
अाा संता ुै या नुीं, इस नात ंा अन्नाजा अााप खहन लाा संते ुै । सुी जमीन ंे अन्नस ंी बात, तो रु भी महनानसन
नुीं क्योंकं मड आपंो नता चहंा हक कं प्रयोाशाला ंे नाुस नीरास ंे सुासे खाई जो तसफ चासों सुासे- ुै रु ंह म्भंसर् ंी`
खोपैंी ंे नसानस ाुसी ुै औस ंोई भी आनमी अास नाुस से सहसका खोनने ंी ंोनशश ंसे ाा तो खाई में खहलेाी औस खाई
नननश्चत रूप से साक्षात् मौत ंा महु ुेाै ।"

" ननस्सन्नेु यु प्रयोाशाला नहननया ंी पुली औस अपने ढका ंी प्रयोाशाला ुै ।-ुी-मन लेकंन ंुा युी उसने तो में प्रंट "
ाा सुा ंु मन…'तहम्ुासे इस कंले ंी सहसक्षाओं
ंो तोड़ंस मड अपना ंाम ंसने से नाज नुीं अाातकाा ।।।

प्रयोाशाला ंे नरनभन्न स्ाानों पस से ाहजसता हुआ रतन उन्ुें अन्त में एं लम्ने। आया ले में ुॉल से-

रु ुॉल लम्ना ायाना औस चौड़ा ंम ाा । पूसा ुॉल प्रयोापड़ा भसा से शीटों- ाा । ठीं नीच में एं घूमने राले ंह सी पड़ीं
ाी औस उस ंह सी ंे चासों तसफ एं ाोले ंी आंृ नत में छ। ाी कफट स्ंीनें :

ुाल में उनंे अनतरसक्त इस रक्त अन्य ंोई नुीं ाा ।

अलफाकसे प्रयोाशाला ंी भौंाोनलं नस्ानत औस रु सन ंह छ अछछी तसु कनमाा में नैठा चहंा ाा जो रतन उन्ुें नताता जा सुा
ाा । ुस पल उसंा कनमाा युी ैँ सोचने में व्यस्त ाा कं रतन द्वासा फै लाए ाए सहसक्षा ंे इस जाल ंो ंै से तोड़ा जा संता ुै
?

उसंे मनोनलों से एंनम अननभज्ञ रतन ंु सुा ाा…"यु रु ंक्ष ुै जुा मड प्रयोा कंया ंसता हक ।"

अलफासे ने जैसे ंह छ सहना ुी नुीं ।

" चचा ।" एंाएं रतन सीधा उसी से नोला…“क्या सोचने लाे ? "

अलफाकसे ंी ननचासहुई भका तन्द्रा-, चौंता सा रु नोला…"सोच सुा हक रतन कं रैसे तो तहम हसकाुी ैँ ंे नशष्य ुो, लेकंन
उसने तहम्ुें खहन से भी नो ंनमआाे- ुी ननंाल कनया । अपनी नजन्नाी में न जाने कंतनी नास नसाुी ैँ ने हसकालैण्ैं नसाया ुै ।

अपनी तसफ से उसने सहसक्षा ंे नड़ेकंए इन्तजाम नड़े-, लेकंन सच नजस तसु ंी सहसक्षा तहमने इस प्रेयोाशाला ंे नलए ननयहक्त
ंी ुै, रैसी सहसक्षा नसाुी ैँ ंभी नुीं ंस संा । ननसकनेु तहम उसंे शानानण ुो, लेकंन"!.......

"नचच...न...न...ाा ।से ाहरु नलए मेसे"----उसे कनया सों ुी में नीच ने रतन ". नढ़ंस ंोई शब्न न ंुना । ंह छ भी
सुी , मेसे नलए तो नेरता ुड रु । "

"नरतन ".। चचा...न...न... ने नीच में ुी सों कनया उसे। ंुना न शब्न ंोई नढ़ंस से ाहरु नलए मेसे"---- ंह छ भी
सुी , मेसे नलए तो नेरता ुड रु । "

रतन ंुता चला ायाप्रनतभारान ायाना सनसे ंे नहननया रु ुड नजस मेसी"--- व्यनक्त ुड लेकंन नस, उनंे सोंचने ंा तसींा
ाोड़ा। ुै ाया ुो ालत सा- सोचने ंे इस तसींे ने ुी उनंी सासी प्रनतभा ंो नना कनया ुै । अास रे हुकसाामं रूप से
सासी नहननया ंो झहंाने औस उसंा समाप्त ंसने ंा ख्याल कनमाा से ननंाल नें तो नारा ुै कं अपने कनमाा औस शनक्त से रे
धसती ंो स्राण रना नें ।"
ंह छ नेस तं उनंे नीच नातों ंा ननषय नसाुी ैँ सुा ।

कफस------

-"नेनखए "!

रतन ने उन स्क्रीनों ंे नटन अाॉन ंसने शहरू ंस कनए ।

टी०री० स्क्रीनो नचर पस नचर उभसने लाे ।

प्रायें स्क्रीन पस अला अला स्ाान ंा नचर उभस सुा ाा । कंसी पस साष्ट्रपनत भरन ंे , कंसी पस चमन ंी एं साधासर्
रस्ती ंा, कक्रसी पस चमन ंी एं अमीस नस्ती ंा, कंसी पस प्रयोाशाला ंे नाुसी मैनान ंा । इसी तसु नरनभन्न स्ाानों ंे
नचर ।

" इसी ंह सी पस नैठंस मड अपने सासे नेश पस नजस सख संता हक ।ने रतन" नतायामड यसम नजतने"---, युाैँ सुता हक यु
सभी स्क्रीनें आकन सुती ुड ताकं मड इस प्रेयोाशालासे नाुस ंी यानी चमन ंी नस्ानत से नाराकंफ न सहक ।"

ंह छ नेस स्ंीनों ंो नेखता सुा अलफासें औस मन। सुा ंसता प्रशसाक ंी रतन मन-ुी-

"आओ चचा । अर मड आपंो रु यन्र कनखाता हक नजसंी घोषर्ा आपंो युाैँ खींच लाई ुै ।-प्रयोा एं रतन हुआ ंुता "
आरश्यंता ंी नलखने । ाया रढ़ तसफ ंी ैंैस्ं नुीं कं धनहषटकंास, अपोलो औस अलफाकसे उसंे साा ाे ।

ैंैस्ं ंी नसाज़ में से रतन ने एं से नैंयों ंे आंास ंी छोटीननंाली मशीनसी सी- औस उसे प्रयोा रु हुआ सखता पस सीट-
नाम नजसंा यन्र रु ुै यु"---लानो रु मडने ' नेरज एम ' सखा ुै ।”

" ये ।"! छोटी इतनी "----ननंला से महकु ंे अलफाकसे "

"क्या यु जरूसी ुै यन्र नहुत नड़ा ुी ुोना चानुए ाा ।रतन हुए महस्ंसाते " ने ंुा ंाम यु रड़ा नजतना में असल---
ुै ंसता, उतना नहलणभ इसे ननाना नुीं ुै । नस"। नुीं ुीं सोचा ंह छ ने कंसी ंभी में नासे इसक ुै यु नात असल-
धनहषटंास अलफाकसे रतन ंी शक्ल नेख सुे ाे ।

मड आपंो रैज्ञाननं भाषा में तो नुीं कंक न्तह साधासर् भाषा में नताता हक कं 'रेरज एम' अन्तरसक्ष में ननखसीं आराजों ंो कंस
तसु ंै च ंसता ुै । आप नेख सुे ुड कं यु ननल्ंह ल से नैंयो ंी शक्ल ंा ुै । असल नात यु ुै कं से नैंयो ंी मशीनऱी ंे
नसद्धाकत पस ुी मडने इसे ननाया ुै । आपंे पास एं से नैंयों ुै, उसंा नस्रच आकन ंीनजए औस नजस स्टेशन ंा प्रोणाम आप
लााना चाुते ुड, उसे आसाम से घस नैठंस सहन लीनजए । से नैंयो पस कंसी भी स्टेंशन से प्रसारसत ुोने नाला ंायणक्रम ुी लेना
आजंल एं अााम नात ुो ाई ुै औस युीं ंासर् ुै आज ायानातस लोा यु सोचने ंी ंोनशश नुीं ंसते कं ये आराजें आ
क्यों सुी ुड ? इस प्रश्न में कनमाा खपाने ंा ंाम आज शायन ुी ंोई ंसता ुो मास, मडने कंया औस 'रेरज एम' ंा
आनरष्ंास ंसने में इसी रजु से ंामयान भी सुा ।"

तहम्ुासे ंुने ंा मतलन यु ुै कं तहम्ुासे ’रेरज एम' ंी मानशनसी से नैंयो जैसी ुी ुै ?"

" से नैंयो जैसी नुीं ननल्ं उससे नमलतींुो जहलती- ।अास "--- ंुा ने रतन " इसंी मशीनसी से नैंयो जैसी ुोती तो मेसी
क्या जरूसत ाी ? से नैंयो ंे आनरष्ंासं ने ुी ’रेरज एम' भी रना कनया ुोता ।"

" तो कफस समझाओ कं से नैंयों औस इसंी मशीनसी में क्या फंण ुै ?"

‘"रु फंण तो मड आपंो नान में समझातकाा, पुले जसा अााप इसंा ंमाल नेनखये ।" ंुने ंे साा ुी रतन ने 'रेरज
एम’ ंी नाुसी नॉैंी में लाे उनंे नस्रचों में से एं नटन नरा कनया ।

परसर्ामस्ररूप सेट पस अजीन सी साकय। लाी ाूकजने आराज़ ंी साय-

एं नन्ुा सा नल्न यन्र ंे अकनस जल सुा ाा ।।

एं नटन। लाा घहमाने तसफ नानुनी धीसे-धीसे रतन ंो-

सेट पस साकयंो नटन । लाी आने आराजें सी-अस्पष्ट ुल्सी-ुल्ंी नीच ंे साकय- घहमाते रक्त रतन ने अपना ंान ' नेरज एम'
से उस आनमी ंी तसु सटा सखा ाा जैसे ंोई व्यनक्त अपने ाैंणक्लास ट्राकनजस्टस से ंोई नहुत ुी नूस ंा स्टेशन पंड़ना चाुता
ुो ।। ायों ायों रु नटन ंो घहमा सुा ाा, ायों ायों आराजे तेज ुोती जा सुी ाीं ।

पसन्तह अभी आराजें अस्पष्ट ाी ।


यु तो साफ ाा कं सेट पस आराजें ाूकज सुी ुै । ंौनक्या औस ुै कंसंी आराज सी- ंु सुी ुै, यु ननल्ंह ल भी समझ में
नुीं अाा सुा ाा । मासंो आराजों उन रतन- इस तसु ध्यान से सहन सुा ाा जैसे रु कंसी आराज ंो पंड़ने ंी चेष्टा
ंस सुा ुो ।

इसी चेष्टा में रु नटन ंो घहमाता चला ाया ।

अस्पष्ट आराजे तेज ुोती चली ाई ।

आराजें इस ंनस तेज हुई कं सासे ंक्ष में जनसनस्त छोस मचने लाा ।

इस ंनस शोस जैसे रहुत से पााल एं साा नचल्ला सुे ुों । आराजें तो ाी लेकंन स्पष्ट ंोई नुीं ।

उधस, रे सन 'नेरज़ एम' पस उभसने नाले शोस में खोए ाे । इधस धनहषटणंास ने अपनी ैंायसी पस ंह छ नलखा, नलखंस रतन
ंो पंड़ा कनया । ' नेरज एम' पस से ध्यान ुटांस रतन ने रु ंााज नलया औस पढा, नलखा ााभैया "---, आपंा
‘रेरज एम' ंुीं भासतीय लोंसभा से तो नुीं जा नमला ुै ? रुाक उस रक्त ऐसी ुी आराजों ंा साज ुोता ुै जन पक्ष औस
प्रनतपक्ष ंे नेता आपस में एंनूससे ंो ाानलयाक नेते ुड । नस, ऐसा लाता ुै, जैसे ंह छ पााल चीख सुे ुो, ंौन कंसंो क्या
ंुता ुै, ंह छ समझ में नुीं अााता ।पढ़ा ने रतन ", पढ़ंस ुल्ले। कनया महस्ंसा से-

धनहषटकंास ंा नलखा यु ंााज पढ़, महस्ंसाये नरना नुीं सु संा ाा, नोला"---- ये मत समझो मोण्टो, कं मड भासतीय
प्रनतनननध ुी पाालों ंी तसु चीखते ुड रनल्ं प्रायें लोंताकनरं नेश ंे नेता इसी तसु पााल हुआ ंसते ुड ।”

इसी नीच रतन ’रेरज एम' राैँल्यूम नटन ंो नरपसीत कनशा में घहमा चहंा ाा ।

आराजों ंा शोस ंछ ंम ुो ाया ाा ।

"ुो संता ुै र्ंण कंसी भी नेश ंी लोंसभा में ऐसा ुोता ुो ।ने रतन " ंुा…"लेकंन न तो यु कंसी लोंसभा से ुी
सम्ननन्धत हुआ ुै औस न ुी नरधानसभा से । 'रेरज एम' पस अभीसहना छोस ंा आराजों अस्पष्ट जो आपने अभी-, यु प्रायें
पल ोंझाकैं में ुोता सुता ुड ।"

" सहननये ।औस नाम उसंा ुड चाुते सहनना आप आराज नजसंी "--- ंुा ने रतन " जन्म नताी आपंो जरूस मालहम ुोनी
चानुए । उसंे नाम ंे अक्षसों ंे जोड़ में जन्म नताी ंे अक्षसों ंो जोड़ नो , जो भी सकख्या आये रु नटन नना नो ।"

ंुने ंे नान रतन ने ' रेरज एम ' ंी नॉैंी पस लाे नस नटन कनखाये उन नटनों पस जीसो से लेंस नौ तं नाननतयाक
नलखी ाी ।

" ये क्या नात हुई ?" अलफाकसे ने ंुा ुै सकभर " ---कं ंई आननमयों ंे नाम जन्म नताी ंा जोड़ एं ंी नैठे । तन
तो उन सभी ंी आराज सहनाई नेाी ?"

ुल्ंे से महस्ंसाया , रतन ने ंुा ुै संता ुो ुाक ", लेकंन ुोता नुीं ।"

अलफाकसे अभी ंह छ ंुना चाुता ाा कं रतन ने ंुा मड अन "--- आपंो अपने प्रयोा द्वासा अपनी नानी माक ंी आराज
सहनाता हक ।फल उसने नान ंे ंुने " राली नानी माक ंे नाकम ंे अकं ननाये , उनमें जन्म नताी ंे अकं जोड़े औस उपयहणक्त
ंायण नरनध ंे अनहसास ' रेरज एम ' ंो सैट ंसंे नोला --" रेरज एम ' मैने सन् १६५० ंे नरम्नस माु , सात ंे समय
पस कफक्स ंस कनया ुै ।

अपनी नात पूसी ंसंे उसने अनन्तम नटन नना कनया ।

औस नूढ़ी नाली फल में सात तूफानी उस --- माक औस आठ नषीय न्नुें से रतन ंे नीच ुोने राला राताणलाप ाूकजने लाा ।

ंाफी ंह छ सहनने ंे नान एंाएं अलफाकसे ने ंुाली नना चीज ुी ंमाल एं तहमने से कनमाा अपने रतन ाए मान""---- ुै
।। मास महझे लाता ुै कं भारहंता ंे भकरस में फक से तहम ुस समय नसफण अपनी ुी आराज ंसंे ंे च से ोंह्ाैं :'रेरज़ एम'
पस सहनते सुे ुो । भारहंता ंे उस भकरस में ैंू नंस तहम शायन यु भी भूल ाए ुो कं असल में तहम्ुासा ये 'रेरज एम’
कंतना उपयोाी साननत ुो संता ुै ।"

"'आप ंुना क्या चाुते ुड ?"

" व्रह्ाकैं में एं से नढंस एं मुापहरुष ंी आराज़ ुै । अलफाकसे ने ंुामेसा"- ख्याल ुै कं जरुस तहम उन सन आराजों ंो
समेटो तो नहननया ंो नहुत् ंह छ ने संते ुो । मुापहरुषों ंे रे स्पप्न जो अधूसे सु ाए, पूसे ंस संते ुो ।"

" ैंॉक्टस भारा ंी आराज पस 'अर्हनाशं' कंसर्ो ंा आनरष्ंास


कंया तो ुै मडने ।। नताया ने रतन "
" औस ".....

""आजंल मड भासतीय मुापहरुष सरीन्द्रनाा टैाोस ंी आराज़ ोंह्ाकैं से समेटने में व्यस्त हक । ंी टैाौस"---रताया ने रतन "
आराजें सी-नहुत'रेरज एम' से पंड़ंस मड टेप भी ंस चहंा हैँ। सनरन्द्रनाा टैाोस ंी आराज इस नहननया ंो रहुत ंह छ ने
संती ुै ।"

" अास ऐसा ुे तो नेशं तहम अपनेअलफाकसे "। ुो सुे ंस सनहपयोा ंा आनरष्ंास- ने ंुा मेसी साय युी ैँ नलए तहम्ुासे "---
मुापहरुषों सभी ंे नहननयाक तहम कं ंी"। लो ंस टेप आराज-

ंह छ नेस तं इसी नरषय पस नातें ुोती सुीं ।

रतन उन्ुे टेाोस, हलकंन श्रींृ ष्र्, साम, सारर्, भात हसकु, जराुसलाल इायाकन न जाने कंन आराज ंी मुापहरुषों कंन-
एम रेरज"' पस सहनाता सुा ।

कंन्तह अलफाकसे ंा ध्यान उन आराजों ंी अाोस नुीं ाा ।

रु तो ंह छ औस सोच सुा ाा! सानजश खतसनां ंोई ंनानचत्--

नातें ुो सुी ाी कं एंाएं अलफाकसे ने ंुा…"रतन् लैट्रीन जाना ुै महझे । प्रयोाशाला ंे अन्नस ंोई प्रनन्ध ुै क्या ?"

"'ंह छ ुी नेस पुले आपसे ंुा ाा कं जो लोा प्रयोाशाला ंे अकनस सुते ुड उनंा सन ंह छ युीं ुै । ने रतन "'ंुाक-
साटणसण ंे अनधंासीयें ंो चचा अपोलो" ंे ंसीन ननी 'लेट्रीन में ले जाओ ।"

अलफाकसे ंे साा अपोलो ाया । "

आधे घण्टे नान रे लौटंस आए । "


ंह छ औस नातचीत ंसने ंे नान रे चासों प्रयोाशाला से नाुस आए।

प्रयोाशाला ंा रु एंमार सास्ता पहन । ाया ुो नकन :शाम ंे रक्त अलफाकसे एं धण्टे ंे नलए साष्ट्रपनत भरन से ाायन हुआ ।

नजसंे लौटने पस रेतन ने पूछा…"ंुाक चले ाए ाे चचा ?"

" नस यूक ुी। कनया जनार हुए महस्ंसाते "। ाा ाया चला ंसने सैस ंी चमन----

उस सात आठ नजे रै सोने ंे नलए अपने अपने ननस्तसों पस जा लेटे।

चासों ंे नरस्तस एं ुी ंमसे में


लाे ाे औस अभी उनमेंसे कंसी ंो नीन भी नुीं आई ाी कं ........

धाकय ।

सात ंे सन्नाटे में ाूकजने नाली इस आनाज ने उन सन ंो लाभा उछाल कनया ।

रे सर उछलंस एंनम अपने। ाए नैठ पस ननस्तसों अपने-

ंमसे में नाइट नल्न ंा मनद्धम प्रंाश ननखसा हुआ ाा । उसी प्रंाश में मूखण ंी तसु रे एंनूससे ंो नेख सुे ाे ।

अभी उनमें से ंोई ंह छ नोल भी नुीं पाया ाा कं…

धाकय ।
इस नूससे फायस ने तो उन सनंो जैसे ननस्तसों से उछालंस नीचे खड़ा ंा कनया ।

अलफाकसे तेजी से नला रतन ुै सुा ुो क्या ये "---?"

धाकय !

पहन। नरस्फोट :

" ंु नुीं संता चचा, मड खहन चकंत ".......

धायक ।

चौाे फायस ने तो जैसे उन सनंे सोंाटे खैंेे़ ंस कनये ।

अलफाकसे ने तेजी से ंुा---“महझे लाता ुै रतन कं कंसी नेश ंे जासूस "......

अभी उसंा यु राक्य भी पूसा ना हुआ ाा कं ंक्ष में हपकं।।। लाी ाूकजने ध्रनन ंी नपं .

कंसी नचते ंी तसु रतन एं नीरास ंी तसफ झपटा। उसने ंोई ाहप्त नटन ननाया। एं छोटे से भाा ने ुटंस नीरास में
नखड़ंी पैना ंस नी । नखड़ंी में एं शनक्तशाली ट्रासमीटस सखा ाा । नपंआर ंी नपं् ....ााज उसी में से ननंल सुी ाी ।

नेुन फह ती ंा प्रनशणन ंसते "। ुै नुयस रतन.....लोुे..ुेलो..-नोला हुआ ंसता ओन ुेैंफोन हुए-

"मुासाज़ ।ह सुा नोल मड"-----स्रस सा-घनसाया से तसफ नूससी "…मनजीत ।"

" ुाक मनजीत , क्या नात ुै ।'' रतन ने तेजी से पूछाये"-----…… धमांे ंै से ाे ?"
“म! मुासाज...म...” नूससी तसफ से नोलने राले मनजीत ंा लुजा ंाकप सुा ाा लाी पस शीषों ंे प्रयोाशाला"---
हुए फायस चास । ुड ाई टू ट सचणलाइटें औस एं एं ंसंे चासों

ुी फू ट ाई ।"

"क्या ?'' इस तसु उछल पड़ा रतन जैसे अचानं कंसी ननछछू ने उसे ैंकं मास कनया ुो!

--"ज"। ुाक जी...

"ंै से ?" रतन ंे महकु से नुाड़ ननंल पड़ी ।

"'ंह छ पता नुीं चल सुा ुै मुासाज ।से तसफ नूससी ने व्यनक्त नामं मनजीत " रसपोटण नी…..."‘सासे मैनान में अन्धेसा छा
ाया ुै ुम पता लााने ंे चक्कस में ुड कं ये सचकलाइटड कंसने फोैंी ुड सस शनक्तशाली कंसी ंायस ुी चासों ! ान से हुऐ ुड ।
रैसी ुी जैसी ुमासे पास ुड । मुासाज, नजतने अन्तसाल चासों फायस हुए ुड उससे जानुस ुोता ुै कं यु कंसी एं आनमीं
ंा ंाम नुीं । ंम"। ुै संते फोड़ ंो सचणलाईटों चास जल्नी इतनी साा एं आनमी नो ंम-से-

" लेकंन मड पहछता हक कं रे आनमी उस मेनान में पहुकचे ंै से ?” रतन ने उतेजनाामं स्रस में पूछा ।

" रो। ाया नौखला मनजीत "!...मुासाज...रो...

" मड रुीं पहुकच सुा हक ।-----ाया ुो सन्तहनलत लुजा ंा रतन एंाएं "“जन तं ुम रुाैँ पहुकचें तन तं ुोना यु
चानुए कं नजतने आननमयों ने यु ाढ़नढ़ ंी ुै, रे सन पंड्र नलए जाये । "

" मुा"...

नूससी तसफ से ंनानचत् मनजीत ंह छ ंुना ुी चाुता ाा कं रतन ने सम्नन्ध्र ंी अलफाकसे से तेजी रु । कनया ंस ननछछेन-
। पलटा तसफ
अलफाकसे नका सु ाया । उसने तो यु ंल्पना ंी ाी कं इस रु रतन नहसी तसु क्रोनधत एरक उुेनजत ुोाा, मास उसंी
उसंी आशा ंे ठीं नरपसीत रतन ंे चेुसे पस तेज ाापस अधसों ाहलानी- महस्ंान ।

नेुन सन्तहनलत स्रस में उसने रताया"। चचा ुड नी फोड़ लाईटें सचण चासों ंी प्रयोाशाला ने कंसी---

मनअ नेखंस धैयण औस सकयम ंा रतन मन-ुी-लफासे चकंत् ाा, नोला…"'इसंा मतलन कंसी मुाशनक्त ंा जासूस युाक पहुकच
ाया ुै ?"

"'ऐसा ुी लाता ुै ।स्रस शाकत रुी ैँ ंा रतन "…“मास महझे यु यु उम्मीन नुीं ाी युाक पहुकचते ुी इतना नड़ा ंाम ंस नेंाें
।"

" अन तहम्ुासा क्या इसाना ुड ?"

"मड रुाक जा सुा हक जसा ।"

" मड से क्या मतलन ?" चौंंंस अलफाकसे ने पूछा जाओाे अंे ले रुाक क्या"----?"

"ुाक"----नोता रतन "' आप लोंाों ंा रुा जाना ंोई जरूसी नुी ैँ ुै आनखस क्या कनरंत ुै ?"

पसन्तह, इधस अपोलो रतन ंे साा चलने ंे नलये नस पस तैयास खड़ा ाा औस उधस धनहषटकंास अपनी नोनों नालों में लटंे
ुोलस्टसों में सखे रसरॉल्रसों ंो चैं ंस सुा ाा । एं नजस उन नोनों ंी तसफ नेखता हुआ अलफाकसे नोला…"अंे ला जाने ंौन
नेाा तहम्ुे ? ुम युाक क्यों अााए ुड ? इसनलयेकं- ुमें पुले ुी सम्भारना 'ाी कं नहश्मन ंे जासूस जरूस युाक ंह छ ाड़नड़
ंसे ॉाे ।"

रतन महस्ंसाया, नोला"---' क्यों अपनी नीन खसान ंसते ुो, चचा ? आसाम से सोइये । महझे पता ुै कं रुाैँ आपंी ंोई
जरूसत नुीं पैंेे़ाी ।"

"तहम तो इस तसु महस्ंह सा सुे ुो रतन, जैसे ंह छ हुआ ुी न ुो । "


" हुआ ुी क्या ुै ?" सन्तहनलत लुजे ंे साा रतन ंे ुोंठों पस पहनुड तोैंीे़ तो ुी सचणलाइटे नसफण "-----महस्ंान रुीं :
उन्ुोंने ।"

-"क्या मतलन ?”

" मतलन यु चचा, कं रे नजतना ायानााे संते ंस ायाना-से-, ंस चहंे ुड ।" रतन ने ंुा नुीं ंह छ रे ायाना इससे "--
रे कं ुड जानते भी अााप । संें ाे ंस कंस ंाम ंे नलये युाक अााये ुड । उन्ुें ’रेरज एम' ंा फामूणला चानुये ुै रु
प्रयोाशाला ंे अन्नस ुै औस अन्नस रे कंसी भी तसंीन से पहुकच नुीं संते । "

सचण लाईटे फोड़ंस रे महझ पस, मेसे सैननंों औस चमन पस अपना आतकं जमाना चाुतें ुड सो उन्ुोंने ंोनशश ंी ुै ।

मझे मालूम ुै कं इससे आाे रे ंह छ नुीं ंस संते, इसनलए मड िनणनश्चु ह ।"

"नेरंू फण ुो तहम । ाहरू तहम्ुासा ुमेशा ालती जो"---ंुा एंनम ने अकलफाकसे " ंसता ाा, रुीं तहम भी ंस जानते । ुो सुे-
ुै क्या ाल्ती रु ुो? अपनी फै लाई हुई सहसक्षाअाोाक पस आरश्यंता से अनधं नरश्वास । इतना अनधं ननश्वास ुी हसकाुी ंो
ुमेशा नांाम ंसता ुै । तहम अभी इन जासूसो ंो जानते नुीं ुो, ये नरना सास्ता ननाए पुाड़ ंे ाभण में से ननंल संते ुड
।"

…""ंुना क्या चाुते ुड आप ?"

" युी कं यु रक्त नातों में जाया ंसने ंा नुीं, ंह छ ंसने ंा ुै ।अलफाकसे " ने तेजी से ंुा इन अास पुले से रक्त"---
ाया पाया न ंानू पस जासूसों, तो नननश्चत रूप से ये ंोई
नड़ा नखेड़ा ंस नेाें "!

"क्या आपंे ख्याल से ंोई मेसी प्रयोाशाला ंे अन्नस जा संता ुै ?"


" ये ठीं ुै रतन, ंे 'तहम्ुासी सक्षा नेुन ंड़ी ुै ।ने अलफाकसे " ंुा्प् ऐसा"----सतीत ुोता ुै नाुस ंोई चाुे जो ंसता
सुे मास प्रयोाशाला ंे अनस नुीं पहुकच संे ाा, पसन्तह याने सखो, आरश्यंता से अनधं नरश्वास भ्रम पैना ंसता ुै । उन
जासूसों ंे नलए अन्नस पहुकचना ंठीन अरश्य ुै, लेकंन असम्भर नुीं । चलो जल्नी । तसफ ंी नसराजे अलफाकसे हुआ ंुता "
लपंा ।

"चाुता तो मड युी ाा चचा, कं अााप आसाम ंसते ।लपंता पीछे-उसंे " रतन नोला तो ुै इछछा आपंी जन कंन्तह-
मड संता नुीं सों आपंो, चलंस नेखना ुी चाुते ुो तो चलो ।"

इस तसुरतन औस अलफाकसे पीछे उसंे । अपोलो आाे सनसे-, रतन ंे ंधों पस नैठा ाा…ानहषटकंास ।

न नसफण साष्ट्रपनत भरन में ननल्ं सासे चमन में जाा ुो ाई ाी । सात ंे सन्नाटे में ाूकजने राले कंसी ान ंे उन चास फायसों ने
चमन ंे ायानातस नाारसंों ंो जाा कनया ाा । जो उन फायसों से नुीं जाे ाे, उन्ुे उन फायसों ंी आराज से जााने नालों
ने जाा कनया ाा ।।।।

सासे चमन में एं ंोलाुल सा मच ाया ाा । रे चासों साष्ट्रपनत भरन से नाुस जाए ।

महख्यद्वास पस ुी ड्राइरस सनुत रतन ंी सफे न ंास खड़ी ाी । रे ंास में नैठे औस ंास ुरा ंी तसु चमन ंी साफ औस
नचंनी सड़ं पस नोड़ पड़ी ाी ।

सात ंा समय ुोने ंे ंासर् सड़ंे शाकत औस रीसान पड़ी ाी ।

शीघ्र ुी रु मैनान ंे ंसीन पहुकच ाई ।

नूस से ुी उन्ुोंने नेखाटॉचो सोशन ंह छ । ाा व्याप्त अकधेसा में मडनान- ंे झाा इधस ंी मैनान । ाे सुे आ नजस घूमते उधस-
आ भी आराजें ंी लोाों से तसफ सुी ाी । मैनान ंे द्वास पस ुी ााैंी ंो सों नलया ाया ।

अपोलो ने ानणन ंो झटंा कनया तो अकधेसे, में घनण्टयाक टनटना उठी ।

“मुासाज आ ाएस्रस अनें ननंलंस से में अकधेसे ंे मैनान "। ाए आ मुासाज- उनंे ंानों से टंसाए ।
एं साा ंईं टॉचों ंी सोशनी झनां से ंास पस जा पड़ी ।

ंास प्रंाश से नुा उठी ।

ंास ंी ुैैंलााइटें सीधी मैनान पस पड़ सुी ाी । औस मैनान ंा नसफण रुी भाा प्रांाशमग्न ुो सुा ाा

ंई सैननं भी ंास ंी ुैैंलाइट ंी सोशनी में आाए ाे । सभी सेननं यु जान चहंे ाे कं रतन आाए ुड।

अपोलो नखैंंी ंे सास्ते से ंास ंे नाुस ंू न चहंा ाा । एं झटंे ंे साा रतन ंास ंा नसराजा खोलंस नाुस आया औस
कफस, अकधेसे में रतन ंी आराज ाूकजी मनजीत ।"

"मैॉ आ सुा हक मुासाज ।" मैनान ंे अकधेसे भाा में सें मनजीत ंी आराज़ ाहकजी ।

रतन सनुत प्रायें ंी नृनष्ट उधस जम ाई ।

एं व्यनक्त ाा सुा अाा चला नौड़ा तसफ ंी उन्ुीं नलये टॉचण सोशन में ुाा- । धनहषटकंास ंो न जाने क्या सूझा कं अपनी
जेन से टॉचण ननंालंस उसने सोशनी ंे सीधे झाा उस व्यनक्त पस ैंाले तो नेखा मनजीत नौैंाे़ चला आ सुा ाा ।

रतन ंी उपनस्ानत से सरणर सन्नाटा। ाया ुो व्याप्त सा-

मनजीत ंसीन पहुचा । अभी रु अनभरानन ंसंे नननटा ुी ाा कंक ---

" नमले रे लोा ?" ाम्भीस स्रस में रतन ने प्रश्न कंया ।

" जजी---ज--- नुीं मुासाज ।। ाया नौखला मनजीत "

सनंा ख्याल ाा कं मनजीत पस अन रु नसस पैंेाा, कंक तह नुींस्रस शाकत नेुन जर ाए सु नका सन रक्त उस-----, में
रतन ने ंुा…"तो यकुा खैंे क्या ंस सुे ुो मेसे नुानहस सानायों, मैनान ंे इसी अकधेसे में रे युीं पे ुोंाे । उन्ुें तलाश ंसो
।"
मनजीत सनुत सैननं तेजी साा चासों औस तलाश ंसने लाे ।

" औस सहनो ।नुीं मासना ंो कंसी से उनमें"- स्रस सन्तहनलत रुी ैँ ंा रतन " ुै, नजन्ना ुी नासफ्तास ंसना ुै ।"

इधस तो रतन सैननंों से यु सन ंह छ ंु सुा ाा, उधस अलफाकसे एं सैननं से छीनी टॉचण ंा प्रंाश प्रयोाशाला ंी नेुन
तकची औस कंसी शीशे ंी तसु नचंनी नीरास पस मास सुा ाा । उसंी टॉचण ंा ाोल प्रंाश नायसा प्रयोाशाला नीरास पस
नृाय ंस सुा ाा ।

इधस रतन ंा आनेश पाते ुी सभी सैननं मैनान में इधस"। ाए नछटं उधस-

ुालाककं ंाफी टॉचें सोशन ाी कंन्तह कफस भी…मैनान में एं… अजीन। ाा व्याप्त अकधेसा सा-

अलफाकसे ंे ंसीन जांस रतन ने ंुा चचा ुो सुे ंस तलाश क्या पस द्रीरास"----?”

'"यु कं इस नीरास पस ंोई चढ़ तो नुीं सुा ुै ।"

जनार में धीमेरतन पड़ा ुकस से-, नोला"---' आप भी अजीन आनमी ुड चचा इस ! नीरास ंी जड़ों में खहनी खाई ंो शायन
आप भूल ाए ? इस नीरास ंी नचंनाुट भी भूल ाए शायन इसमें ंसें ट नौड़"। ...

"ुमें सन यान ुै रतन, ुम ंह छ नुीं भूला ंसते ।नीनास से सोशनी ंी टॉचण " ंे जसें जसें ंो चें ंसता हुआ अलफाकसे
नोला-----'' भूल तहमसे ुो सुी ुै । अपनी सहसक्षा पस जरूसत से ायाना यंीन 'ाहमान' ुोता ुै औस मेसी साय तो युी
ुोाी कं तहम ाहमान न ंसो । यु नात अछछी तसु से समझ लो कं नरश्व ंे जासूसों से तहम्ुासा टंसार ुै, उन्ुें अास यु
नजन ुो जाये कं पाास नोलना चानुये तो ुंींत यु ुै कं पाास ंो नोलना ुी पैंेे़ाा । महझे अपना ंाम ंसने नो तहम--

"। ंसो अपना_

" मड तो नुीं समझता चचा, कं ंोई अाानमी इस नीरास पस ंै से चढ़ संता ुै ?"
"न तो तो तहम समझ संोाे रतन, औस न ुी मड तहम्ुें समझाना चाुता हक' अलफाकसे ने ंुाुाक"----, इतना तहम समझ लो
कं जल्नी ुी युाैँ ंोई रड़ा घपला ुोने नाला ुै ।" "ंै सा घपला ुै"

"जैसा कं मनजीत ंा नरचास ुै कं इन चास सचणलाइटों ंो तोड़ने में ंमनो ंम-से- आननमयों ंा ुाा ुै । ने अलफाकसे "
। ुै ठीं अनहमान यु उसंा नेशं"---ंुा ननस्सन्नेु ंोई भी अंे ला आनमी इतने ंम अन्तसाल में चासों सचणलाइटों पस फायस
नुीं ंस संता क्योंकं तहम्ुासी यु प्रयोाशाला इतनी नड़ीं ुै कं ंोई भी अंे ला आनमी एं ुी स्ाान पस खड़ा ुोंस चासों
ंो नुीं तोड़ संता । मेसे ख्याल से तो इन चास सचणलाइटों ंो तोड़ने राले चास ुी आनमी ुोने चाुीए । कंन्तह ंमंम से-
नो तो ुड ुी ताकं एं आनमी इमासत ंी एं साइैं पस खैंा ुोंस नो सचणलाइटों ंो ंरस ंस संे । खैस, मतलन इस नात
से नुीं कं उनंी सख्या कंतनी सुी ुोाी । सोचना यु ुै कं सचणलाइटों ंो तोड़ंस रे एंनम खामोश क्यों ुो ाये ुड । इस
खामोशी ंे पीछे ंोई नहुत नड़ा सुस्य ुै ।"

" ंहक छ भी सुस्य नुीं ुै, चचांुा ने रतन "। पूछो सेमहझ--…"असल नात यु ुै कं नजतना रे ंस संते ाे, उन्ुोंने ंस
कनया । उनंा महख्य ंाम प्रयोाशाला में नानखल ुोना ुै औस यु रे सोच नुीं पा सुे ुड कं प्रयोाशाला में रे नानखल ंे से ुों
?"

" ुस आनमी ंे सोचने ंा अपना एं अला तसींा ुोता ुै । रतन नेटे ।ने अलफाकसे " ंुा…"कफलुाल ंी घटनाओं से सोचने
ंा जो तसींा मेसे सामने आया ुै, उससे मड इसी ननष्ंषण पस पहुकचा हक कं तहमने अपने ाहरु से उसंी ंनमयाक भी सीख ली ुड ।
नहश्मन ंा सचणलाइट फोड़ंस चहपचाप नैठ जाना, खामोशी साध इस नात ंा प्रमार् ुै कं नहश्मन रेुन चालां ुै । रु मूखण
नुीं कं सचणलाइट तोड़ंस यु प्रनिशणत ंसे कं रु रु युाक आ चहंा ुै सचणलाइटे तोड़ने ंा उसंा मंसन अकधेसा में मेनान--
मड औस ंसना नारे से ंु संता हक कं रु कंसींा अकधेसे इस से ढका कंसी-न- लाभ अरश्य उठा सुा ुै ।"

…'"आपंे ख्याल से रु क्या लाभ उठा संता ुै ?"

"युी पता ुोता तो अभी तं रु पंढ़ में आ चहंा ुोता ।"

" आपंे ख्याल से रु क्या इस अकधेसे ंा लात उठांस प्रयोाशाला ंे अन्नसा जा संता ुै ?”

" ंोनशश तो उसंी युी ुोाी ।"

" औस मड जानता हक कं इस ंोनशश मड रु नांाम ुो जायेाा ।। ंुा साा ंे नृढता नेुन ने रतन "
"'रतन ।ने अलफाकसे " ंुाजेसा ुै सुा झलं आामनरश्वास ुी रैसा में नातों ंी रक्त इस तहम्ुासी"- कं नचपन में उस रक्त
ुोता ाा जन यु ंुा ंसते ाे ंे ननूकाा साजा ंा चमकन मड- ।' मास यान सखो नेंटे ! जरूसत से ायाना आामनरश्वास ारूस ंा
रूप धासर् ंस लेता ुै, औस तहम जानते ुो कं ाहरूस सारर् ंा भी नुीं सुा ।"

'"मेसा आामनरश्वास उस रक्त तं नुीं टू टेाा, चचा, जर तं तहम महझे ंोई ऐसी तसंीन न नता नो नजससे ंोई आनमी अन्नस
पहुच संे । मेसे "---ंुा ने रतन "ंुने ंा मतलन यु ुै कं मड युाक खड़ा हक । एं नमनट ंे नलये यु सोनचये कं आपंो
प्रयोाशाला ंे अन्नस जाना ुै, मैनान में अकधेसा ुै, इस अकधेसे ंा
लाभ उठांस अााप, जाइये अकनस जायेाे ंै से कं नीनजये नता महझ-
े या--या---?"

"मेसे नद्वमाा में तो कफलुाल ऐसी ंोई तसंीन ुै नुीं ।"

…-"नस, युीं तो ंासर् ुै मेसे आामनरश्वास ंा ।आप"-ंुााृ से झट ने रतन " अन्तसाणष्टीय महजरसम ुड, -- नड़े नड़े कंलों
ंी सहसक्षा भका ंसंे आपने अपने ंाम कंये ुै । मड जानता हैँ कं नहननया ंा अास ंोई भी जासूस कंसी ंाम ंो ंस संता
ुै तो अााप उससे पुले उसे ंस संते ुड ंे ुी अााप तं अभी जन ! कनमाा में प्रयोाशाला ंे अन्नस पहुचने ंी तसंीन
नुीं अााई तो यु नात पक्की ुै कं अन्य कंसी ंे कनमाा में भी नुीं आ संती । औसआामनरश्वास मेसे----, नननश्चन्तता ंा
सनसे नड़ा ंी ंासर् युीं ुै ।"

"तहम्ुरस सोचने ंे सासे आसास ुी ालत ुड रतन "!

रतन महस्ंसाया, नोला चचा ुै नुी राक्य ऐसा ंोई यु "----, नजसे मड पुली नास सहन सुा हक। मेसे सोचने ंा तसींा मेसे
ाहरू मुान नसपाुी ंो भी ंभी पसन्न नुीं अााया । रे ुमेशा युी राक्य नोलते सुे जो अभी"। ुै ंुा आपने अभी-

" सुी ंुते ाे रे ।"

"‘लेकंन मजनूसी यु ुै`चचा, कं जन तं ंोई महझे अपने तंण से सन्तहष्ट न ंस ने, तन तं मड अपनी धासर्ाएक रुीं ननला
ंसता ।नृनता रुी में लुजे ंक रतन " ाी जो आज से नासु साल पुले उसंी नरशेषता ाी ुड जानते आप---------------
कं नचपन में सन महझसे ंुा ंसते ाे कं मड साजा नुींसंता रन-, लेकंन मेसे इस प्रश्न ंा जरान ंोई नुीं नेता ाा कं क्यों
नुीं नन संता इस महझे अभी ुी न-- सराल ंा जरान नमला औस न ुी इस नात ंो मड ंभी अपने कनलो से कनमाा--
ननंाल संा ।"

"खैसुोंस खड़े से आसाम युाक तहम... महस्ंसाते सुो, मड अपना ंाम ंसता हैँ ।भी ंोई उसंा अलकफासे नान ंे ंुने "
जरान सहने ननना मैनान ंे अकधेसे में ाहम ुोाया । ुा, रतन ंो, उसंे ुाा सोशन टॉचण अरश्य चमं सुी ैँ ाी ।
नहुतंा ंसने प्रंाश मड मेनान से टॉचों ननी में ुाा अपने सैननं से- प्रयास ंसते हुए नहश्मनों ंो इस तसु तलाशक ंस सुे ाे,
जैसे ंोई सूई तलाश ंस सुे ुों । ंह छ नेस पश्चात् रतन ंे नलये यु अनहमान लााना ंरठन ुो ाया कं ुाा में सोशन टॉचण
नलये इतने व्यनक्तयों में से अलफाकसे ंौनउसने । ुै सा- अपने अाास अपोलौ-----ुाैँ । ाा ाायन भी धनहषटकंास--नेखा पास-
ंसीन उसंे जरूस खड़ा ाा ।

औस अलफाकसे ?

औस अलफाकसे?

रु जानटॉचे सोशन में ुााों नजनंे ाा ाया नमल-धहल में सैननंों नउ नूझंस- ाी । उनमें नमलंस ंह छ नेस नान उसने टॉचण
नहझा नी औस स्रयक अकधेसें छह पता हुआ एं तसफ ंो नढा ।

शीघ्र ुी नु खाई ंे कंनासे पहुचाक ।।

खाई ंे कंनासे पस पेट ंे नल लेट ाया रु औस कफस कंनासे साा ंे तेजी कंनासे- सें ाने लाा । ऐसा लाता ाा, जैसे खाई ंे
कंनासे पस ंह छ तलाश ंसने ंी ंोनशश ंा सुा ुो ।

एंाएं उसंी इनछछत रस्तह उसंे ुाा ंी उक ानलयों में फक स ाई ।

औस ंह छ नुीं रु एं पतली कंन्तह मज़नूत से शम ंी ैंोसी ाी ।।।

औस ंह छ नुी रु एं पतली कंन्तह मजनूत से शम ंी ैंोसी ाी ।

उसंा ायानातस भाा खाई में लटंा हुआ ाा औस जो तपस ाा, उसे टटोलंस उसने रु भाा नूकढ़ नलया, जुाक से शम ंी यु
ैंोसी मैनान ंे नीच जमीन में ाड़ी एं छोटी। ाी नकधी में ंील सी-

ंच्चे मैनान से ंील उखाड़ने में कंसी नरशेष तांत ंी आरश्यंता नुीं ाी । ंील उखाड़ने ंे नान उसने जो ंह छ कंया, नजस
फू ती ंे साा कंया, रु नेखने लायं ाी । इधस ंील सनुत से शम ंी ैंोसी ंो खाई ंी तसफ उछाला औस उधस उसंा नजस्म
ुरा में लुसा उठा ।

ंोई नस फीट तकचा उछलंस रु खाई ंे कंनासे से नीस ाज नूस जा नासा ।

इधस यु मैनान ंी ज़मीन से टंसाया औस उधस छपां ।।।

खाई में से एं अााराज ।

" ंौन ुै ?" एंसाा ंई स्रस औस पलं झपंते ुी नरनभन्न कनशाओं से अनें टॉचों ंे प्रंाश सकयहक्त पस स्ाान उस ने नायसों-
पल ुी एं जुाैँ कनया ंस प्रंाश पूरण अलफाकसे ाा । नरनमन कनशाओ से भाांस ंई सैननं लपंे ।

अलफासे भी टॉचण सोशन ंसंे उन्ुीं झपटने रालों में से एं ाा ।

"ंोई खाई में ंू ना ुै ।। ैंाला पस पानी भसे में खाई प्रंाश ंा टॉचण साा ंे ंुने ने कंसी "

" खाई में ंू नंस क्या ंसना कंसी ंो ?” एं अन्य ने ंुा ।

कंन्तह खाई ंे पानी पस अनें टॉचों ंा प्रंाशक नृाय ंसने लाा ।

……"इससें ंोई ंू ना जरूस ुै ।नेखो रु-ंुा ने कंसी ", पानी में नहलनहले उठ सुे ुड ।"

" मास रु ुोाा ंौनंा चौंने ंे कंसी एंनम ंुते-ंुते "! असे ----- स्रस नेखो रु । ुै ंोई रांई तो ये "-----
ंो आनमी कंक सी ने मासमछछमहकु में नना सखा ुै।। यु नेखो, उसे ननालता जा सुा ुै ।।।

"असे "। रनी उसंी नेखो -----ुै सााी ंोई ुी ुमासा तो ये"-अराज अन्य एं "!
मैनान ंी उस कनशा में मौजून ायानातस सैननं उसी जाु एंनरत ुो ाए अलफाकसे चहपचाप अपनी टॉचण नहझांस उनंे नीच से
नखसं नलया ।

ैँ रु जानता
नखसंता भी क्यों नुी?
ाा ंी अाली ुसंत ंसने ंे नलए उसे इससे उनचत अरसस न नमलेाा ।

इधस रतन भी उसी जाु पहुच ाया ाा, पहुचते ुी नोला" सानायों ुै नात क्या---

"मुासाज"। ुै ंू ना ंोई में खाई इस"--ंुा साा ंे सम्मान ने सैननं एं ".....

" ुमासा ंोई सााी ।----ंुा ने नूससे "“उसंक नजस्म पस रनी ाी ।"

तीससी अराज" । ाया खा मास उसे"----

"ुमासाक ंोई भी सााी इस खाई में ंू नने ंी रेरंह फी नुी ंसे ाा ।सकयत ंा रतन " स्रस रनी ंी सााी ुमासे रु तो या"--
धोखे तो नुीं औस ाा नहश्मन ंोई में में ुमासा ुी ंोई सााी इसमें नास ाया ुै ।"

अभी रतन ंी नात पूसी हुई नुी ाी कं…छपां पहनः ुटंस नूस ाोैंी से स्ाान उस ! कंसी ंे पानी में नासने ंी आराज ।
झट से ंई टॉचों ंी सोशनी अनाज पस जा ठुसी । एं पल ंे नलए उन्ुोंने अपनी ुी जैसी रनी पुने एं जाने ंो नेखा औस
अाले ुी पल रु खाई में भसे पानी ंी ाुसाई में ैंू न ाया ।

अन रतन चौंंा ।

उसंे कंसी नूससे सेननं ंा खाई में नास जाना मुज इुफां नुीं ुो संता । रतन ंे कनमाा में युीं तेजी से नरचास
ंौंधा…'क्या उसंे नसपानुयों ंे नलनास में ंोई नहश्मन ुड अास ुैम पस ुोंठों ंे रतन सोचंस । तो-तो-ाहस्ंान नौड़ ाई ।

व्याण ुी नहश्मन मौत ंे ंह एक में ंू न सुे ुड ।

उसे पूर्ण नरश्वास ाा कं खाई में मौजून खतसनां जानरस उसे छोड़ेंाें नुीं ।।
कंक न्तह ुोंाे से मंसन कंस ंू ने में खाई इस नहश्मन----? प्रयोाशाला ंे अन्नस पहुकचने ंे लालच से उसंे नररें ने जनार
कनया ।

" नुीं ंह नेंाे क्यों इसमें रे भला !?" 'रतन ने सोचा…यु सास्ता प्राोाशाला ंे अन्नस नुीं, मौत ंे महकु में जाता ुै ।'

"लेकंन.लेकंन...…नहश्मनों ंो इस खाईं ंे भेन ंा क्या पता ?"

अभी रु अपने कनमाा में इन नरसोधी नरचासों ंा तंण सुा ुी ंस नरतंण -ाा कं पहनः। छपां-

रैसी ुी तीससी आराज़ ।

अन्य सन तो पुले ुी नचनन्तत ाे, लेकंन अन रतन भी ननना नचनन्तत हुए न सु संा । उसंे सैननं 'जान खाई तो नूझंस-
साा ंे सैननंों इतने औस संते नुीं ंू न में खाई में नासने ंा सकयोा ुो नुीं संता । तो ुै सुा क्या ुो यु कफस-----?

उसंे सैननंों ंे ंपड़े पुनंस नहश्मन खाई में ंू न सुे ुड ? "

ुाकन पता क्रो नहश्मनों कं जनकं तर भी नु । ुै संती ुो नात एं युी शायन---- ुो कं यु खाई मौत ंा महु ुै ।
अभी रु सोच ुी सुा ाा कं चौाी नास कंसी ंे खाई में ंू नने ंी आराज । अन तो रतन से सुा नुीं ाया ।

अकधेसे ंा ंलेजा चीसंस उसंी आराज मैनान में ाूकज उठी"। ंसो से शोस-जोस तलाश ंी नहश्मनों सानायो"-

अजीन रातारसर् ाा ।

इतने सैननंों ंे रारजून उन्ुें नमल नुीं सुे ाे । रतन ंे अाानेशनहसास पहनः सभी सैननंों ने तलाश जासी ंस नी रतन मैनान
ंे अकधेसे में खड़ा ंह छ सोच ुी सुा ाा कं ुाा में सोशन टॉचण ननाए एं साये ंो इसने अपनी तसफ नढते नेखा ।

"'ंुो रतन नेटे 1" अलफाकसे ंी आराज अन क्या"-'भी तहम्ुासा ख्याल ुै कं नहश्मन युा सकक्रय नुीं ुै ।"
-“यु मडने ंन ंुा चचा ?" रतन ने ंुा-“ज़न सचणलाइटें फू टी ुड तो नननश्चत रूप से ंा नात इस । ुी ुै सकक्रय नहश्मन-
ंसता भी अन औस हैँ सुा ंसता नरसोध हक कं मेसी सहसक्षाओं क्रो तोैंंस नहश्मन प्रयोाशाला ंे अन्नस नुीं पहुकच संता ।"

"जानते ुो कं सैननंों द्वासा इतनी नेस ंी नमले नुीं क्यों नहश्मन भी नारजून ंे खोज-?"

" इसनलए कं रे भी ुमासे ुी सैननं नने हुए ाे ।"

" ाे नुीं रतन, नेटे, ुड, ंुो ।"। ुै हुऐ छह पे नहश्मन भी अन में सेननंों इन कं ुै नारा मेसा "--- ंुा ने अलफासे "

" छह पंस ंसें ाे क्या रतन ंा अजीन"। रे संें ाे नुीं जा तो अन्नस ंे प्रेयोाशाला"-- उभसा स्रस सा-

"खाई में ंू नने राले चास सैननंों ंे नासे में तहम्ुासा कंया ख्याल ?"

" इन सैननंों ंे रूप में रे नहश्मन ाे ।-नतायाा ने रतन "“ओस प्रयोाशाला ंे अाॉनस जाने ंे नलए ुै खाई में ंू ने ।"

"क्यों, क्या कनमाा खसान ाा उनंा ?" अलफाकसे ने ंुा…"जो जानमहकु ंे मौत नूझंस- में छलाका लााएकाे ?"

"उन नेचासों ंो मालूम क्या ुोाा कं रे ंुाक छलाका लाा सुे ुड ?”रतन ने ंुा…"उन्ुें इस खाई ंी नरशेषता ंा क्या पता
? रे तो इसी आशा से ंू ने ुोंाेकं खाई में से प्रयोाशाला ंे अन्नस जाने ंा उन्ुें ंोई मााणनमल जाएाा ।"

"सचमहच तहम्ुासे सोचने ंा तसींा ुस रास ालत ुोता ुै ।"

-"क्यो ? अन क्या ंुना चाुते ुै ?"

…"यु कं इस रक्त युाैँ जो नहश्मन सकक्रय ुड । उनें ंाम ंसने ंे तसींे से ुी प्रतीत ुोता ुै रे नेुन चालां ुड । चासों
सचणलाइटें फोड़ने ंे नान इतनी नेस तं ननना कक्रसी ुसंत ंे धैयणपूरणं सुना, कफस चास आननमयों ंा खाई में ंह नना यु सन
ंह छ जानुस ंसता ुै रतन, कं नहश्मन जो भी ुड, रे चालां ुै ओस जो ंह छ ंस सुे ुड, एं लम्नी योजना ंे आधास पस ंस
सुे ुै । ऐसे नहश्मनों ंे नलए यु सोचना कं रे खाई ंी रास्तनरंता से ुी परसनचत न ुोंाे, एं मूखणतापूर्ण नरचास ंे
अनतरसक्त ंह छ न ।"
" यु तो उनंी अाौस नड़ी मूखणता ुोाी कं खाई ंी रास्तनरंता जानते हुए भी रे इसमें ंू न पैंेे़ ुै"

…"सन्भर ुै कं खाई में भसे पानी औस जीरों से सहसक्षा ंा प्रनन्ध ंसंे ंू ने ुों ?"

"ये ुंींत नुीं चचा, नसफण आपंा ख्याल ुै ।ंुा ने रतन "…“पानी में ुी रे जल ंी घनसाने । ाए नन भोजन ंा जीरों-
ुै नुीं ुी नात तो, क्योंकं पुली नात तो उन्ुें जलभी जीनरत रे तसु कंसी अास कं यु नात नूससी ! छोैंेंाे नुीं जीर-
नच ाए तो खाईं में से प्रयोाशाला ंे अन्नस जाने ंा ंोई सास्ता नुीं ुै । रे मसंस भी प्रयोाशाला में नुीं पहुच संें ाें ।।

नूसी 'तसु चौंंा रतन ।

न नसफण ननल्ं अलफासे औस सासे सैननं भी चोंं पैंे ।

उनंो चौंाने राली एं नरस्फोट ंी आनाज ाी ।।

भयानं नरस्फोट !

औस रतन --- ंे चौंंने ंा असली ंासर् यु ाा कं यु धमांा प्रयोाशाला ंे अन्नस हुअाा ाा ।

…"‘रतन‘ !" इससे पुले ंोई ंह छ समझे अलफाकसे तेजी से चीख पड़ां प्रयोाशाला नहशमन-ंसो ंह छ ुी जल्नी"-----ाे
अन्नस पहुकच चहंे ुड ।"

अन रतन ंा आामनरश्वास ैंोल ाया ।

ैंोलने ंी नात भी ाी । अभी तं रु नननश्चत ाा तो नसफण नसफण इसनलए कं प्रयोाशाला ंे नाुस नहश्मन चाुे जो ंसते सुें
कंसी तसु रे उनस नुीं पहुैँच संें ाे । औस जन रे अन्नस नुीं पहुकचेंाे तन तं उनंा ंोई सों मंसन पूसा नुीं ुोाा ।।
पसन्तह ुोने राले नरस्फोट ने रतन ंी ननहश्चकतता भका ंस नी ।।

" लेकंन चचा । ाये ंै से पहुकच अकनस नहश्मन् ----ंुा ने रतन भी कफस "?"

"यु रक्त इस तसुंी तटपटाका नातें सोचने ंा नुीं ुै, रतन नेटे । अलफाकसे " ंा तेज स्रस "----अकनस ुोने राला धमांा
इस नातंा प्रमार् ुै कं नहशमन अन्नस पहुकच चहंे ुै ैँ ।। ुमें यु सोचनेंै से रे कं ुै ंसना नुीं जाया रक्त में- पहुकचे , रसना
ुम युाैँ ुी सुेंाे औस नहश्मन नजस तसु अकन्नस तं पहुकच ाए ुड, उसी तसु अपना ंाम ंे नाुस भी आ जाएकाे ।"

धनहषट'ंास ' उसंे ंधों पस चढ़ा साकंेनतं भाषा में उससे ंह छ ंसने ंे नलये ंु सुा ाा ।

रतन ंा कनमाा ठसंसे । क्या कं ाा सुा पा नुीं सोच यु ।। ाा ाया सु ुोंस सा-

तभी अचानं…धड़ाम। ...धहग्म... धहम्म ...

प्रयोाशाला ंे अन्नस एं अन्य ंर्णभेनी नरस्फोट ।

औस इस नरस्फोट ने रतन ंे सम्पूर्ण चेुसे पस तनार उापन्न ंा कनया ।

उसने तेजी से जेन में ुाा ड़ाला औस द्रान्समीटस ननंालंस उसे अाॉन ंस तेजी से नौला--'ैंैलो हुआ क्या ।। ैंैनी...ुैलो...
? प्रयोाशाला ंे अन्नस यु धमांों ंी आराज़ ंै सी ुै ?"

"मुासाज पस ट्राकसमीटस से तसफ नूससी "! उभसा ैंैनी ंा, नासीं स्रस, "ंह छ समझ में नुीं अाा सुा ुै, सस "!`

" उन धमांो ंा परसर्ाम"!...


"प्रयोाशाला ंे अन्नस अनधंाकश भाा में अकधेसा छा ाया ुै सस ।आराज ंी ैंैनी " उभसी चास उन ने एं से इनमे"----
ंो जनसे टसों ध्रस्त ंस कनया ुै नजनसे प्रयोाशाला ंी चासों नीरासों पस ंसें ट सुता ाा । नूससे नरस्फोट ने उन नो जनसे टसों ंो
नष्ट ंा कनया ुै । नजसंे ंासर् प्रयोाशाला ंे अनधंाकश भाा में प्रंाश सुता ाा ।"

" ंोई सनेग्ध आनमी नजस आ अााया ?”

'"ुम तलाश ंस सुे ुै । मुासाज, लेकंन ये अकधेसा "।। .....

"रतन "! उसंे नसानस में ुी खड़ा अलफाकसे तेजी से नोलाआनेश ंो ैंैनी "---- नो कं नह१मन ंो तलाश ंसने ंे स्ाान पस
रु अपनी ायानातस शनक्त ‘रेरज एम' औस उसंे फामूणले ंी नुफाजत में लााए ।"

ट्राकसमीटस ंे माइं पस ुाा सखंस रतन ने ंुा…"ैंैनी क्या, कंसी ंो भी नुीं मालूम ुै कं 'रेरज एम' औस फामूणला ंुाक
सखें ुड "!

"तहम्ुें तो मालूम ुै ?” झहकझलाएने अलफाकसे में स्रस से- पूछा ।

"'ुाक। ...महझे नसफण ...”

उसंी पूसी नात सहने नरना ुी अलफाकसे ने तेजी से ंुा‘----"‘तहम , ैंैनी ंो यु मत नताओ कं उसे ऐसा आनेश क्यों ने
सुे ुो ? तहम्ुें पता ुै कं नहश्मन कंस मंसन से युाैँ आया ुै, नजस जाु फामूणला ुो, उस जाु ंे अाासंैंी ंी पास-
ननासानी ंा हुक्म ैंैनी ंो नो । "

"'ैंैनी-ंुा में स्रस तेज ने रतन ुटांस ुाा से माइं "..“अपने ायानातस सैननंों ंा जाल मेसे प्रयोांक्ष ंे अाासपास
ननछा नो । सनंों हुक्म ने नो कं प्रयोांक्ष ंे अाास"। नें ंा शूट फोसन उसे तो आये आनमी सककनग्ध भी ंोई पास- ंुने ंे
साा ुी उसने ट्राकसमीटस आैँफ़ ंा कनया ।

अन रतन ंे लुजे में उुेजना औस चेुसे पस ऐसा तनार ाा जैसा कंसी भी जोशीले नौजरान ंे चेुसे पस नेखा जा संता ुै
नजसंा घस उसंी आकखों ंे सामने धूाू- ंसंे जल सुा ुो । जोस से चीखा रु"! मनजीत"---

"'हुक्म ंीनजए मुासाज ।। ंुा ने मनजीत खैंेे़ ुी ंसीन "


एंाएं रतन पूर्णतया सकक्रय ुो उठा ाा । उसने ंुाभी ंोईं-सुे यान । ुड सुे जा अन्नस ंे प्रयोाशाला ुम"----- सककनग्ध
आनमी इस मैनान से नासु न ननंल संे । जो हुक्म मडने ैंैनी ंो कनया ुै, रु अपने नलए भी समझो । जरान ंे मनजीत "
तेजी रु ननना कंए प्रतीक्षा ंी ंे साा नीरास ंे मध्य ंी तसफ नढ़ ाया । ठीं उस स्ाान पस पहुकचा जुाैँ से उसने आज
कनन में नसराजा खहलने ंा सकंेत कनया । उसी जाु खैंेे़ ुोंस उसने अपने नोनों ुाा तपस उठा कनए । उसी ंे सकंेत पस,
मनजीन ने अपनी टॉचण ंा प्रंाश उसंे नजस्म पस ैंाला ।

ंनानचत् इसनलए कं नसराजा खोलने राला सैननं रतन ंो नेख संे । रुी हुआसटील । ननी नखड़ंी में सनीरा ंी प्रयोाशाला-
ंो खाई हुईं कफसलती चानस ंी पास ंसने लाी । ंह छ ुी नेस नान रतनक औस अलफाकसे ंनमंी स्टील नमलाए ंनम-से- उस
चानस पस से ुोते हुए नखड़ंी ंी तसफ जा सुे ाे ।"

अपोलो सनसे आाे ाा औस धनहषटकंास रतन ंे ंधें पस ।

खाई ंो पास प्रयोाशाला में नानखल ुोते ुी रतन ने सैननं से ंुानस्राजा"- नन्न ंस नो औस यान सुे, ुमेशा ंी तसु मेसे
अलारा कंसी ंे नलए भी न खहले ।" ननना कंसी जनार ंी प्रतीक्षा रतन अाााे नढ़ ाया । प्रयोाशाला ंे अन्नस भी मैनान
जैसा ुी अकधेसा व्याप्त ाा ।

रतन ंे ंधें पस नैठा धनहषटकंास अपने ुाा में ननी सोशन टॉचण से उसंा मााणनशणन ंस सुा ाा ।

रतन औस अलफाकसे जैसे चल नुीं सुे ाे, नौड़ सुे ाे । रतन ंे साा ुी नौैंता अलफाकसे व्यकग्य ंसने से नाज़ न आया,
नोलाधोखा नरश्वास-----आाम ायाना"- नेता ुै ना-?"

-"चचास्रस सनण एं से महकु ंे रतन नौैंते तसु उसी "!...…-"उस नहश्मन ंी सूसत जरूस नेखूकाा जो मेसे इतने इन्तजामों ंे
नान युाक तं पहुच ाया । सचमहच ंमाल ंे कनमाा ंा मानलश ुोाा रु ।"

अकधेसे में ैंू ने अलफाकसे ंे ुोंठों पस षइयन्रंासी महस्ंान नौड़ ाई । नोला पस तांत अपनी तहम ंभी आाे कं ुै उम्मीन"----
जो कं ंसोाे न ाहमान नाइत धोखा ने ।। ने रतन कनया नुीं जरान "

चहपचाप नढ़ता ुी ाया रु ।

अभी रु प्रयोाकं ाा ुी पहुचा समीप ंे ंक्ष-…धड़ाम !

ठीं ंक्ष ंे अन्नस एं नरस्फोट ।

रतन सनुत सभी ंे सोंाटे खैंेे़ ुो ाए ।


रतन जोस से नचल्लाया"। ैंैनी"-

"मड युाक हक मुासाज ।खड़े युाक"- -स्रस ंनात ंा ैंैनी से तसफ ंी ंक्ष " क्या ंस सुे ुो तहम ।" पुली नास अलफाकसे ने
नेखा कं रतन अपने कंसी आनमी ंो ैंॉट सुा ुड…"ये अन्नस से नरस्फोट ंी आनाज ंै सी?"

"'ज.ज...…जी ।। ाया नौखला ैंैनी "

" ंोई नहश्मन पुले मैनान में कफस प्रयोाशाला में औस अन ंक्ष तं पहुच ाया औस इतने सैननंों में से ंोई उसंी पसछाई तं
नुीं नेख संा । क्या ंस सुे ुो तहम युाक ?"

"सस "। नुीं ंोई में ंक्ष !

"'नंो मत-पड़ा चीख रतन "। ...“ंक्ष में ंोई नुीं ाया तो यु धमांा क्या जानू से हुअाा ुै ? तहम सन लापसराु ुो
ाए ुो ंोई आनमी सनंी आकखों में धहल झोंंंस अन्नस पहुच ाया औस तहम नमट्टी ंे माधो ंी तसु पुसे पस खड़े ुो ।"

"‘इन ंामों ंे नलए यु रक्त नुीं ुै रतन ।"चलोाे अन्नस से जल्नी""---ंुा ने अलफाकसे "

"‘यान सुे, ंक्ष से नाुस उस रक्त तं ंोई न ननंल संे जन तं मड न ननंलूैँ । ंी ंक्ष से तेजी रु ुी साा ंे ंुने "
। ाया नढ़ तसफ

ंक्ष में नानखल हुए तो रुा पूर्णतया अकधेसा ाा ।

पलटंस रतन ने ंक्ष ंा नसराजा, अन्नससे रन्न ंस नलया । साा ुी नोला-“अपोलो इमसजेन्सी लाइट जलाओ ।"

धनहषटकंास औस अलफाकसे ंी टॉचों ंा प्रंाश ंक्ष में मौजून प्रयोापस सीटों- नृाय ंा सुा ाा । ंक्ष ंे अन्नस नारून ंी नहाणन्ध
औस धहआक भसा हुआ ाा । एं ंोने में अााा ंे 'नुंते ंह छ छोले पड़े ाे ।

उस पस नजस पड़ते ुी अलफाकसे ने अपनी टॉचण ंा प्रंाश उधस घहमा कनया ।


"असे -ननंला से महकु ंे अलफासे "!'ननस्फोट ंे द्वासा इमसजेन्सी लाइट ंो भी नष्ट ंस कनया ाया ुै ।"

रतन, धनहषटंास औस अपोलो ने भी नेखा ।

" तहम जो भी ंोई ुो, जान चहंे ुोंाे कं ुम युा पहुच चहंे ुड ।"

रतन जोस से चीखातय भी यु अन औस "--- समझो कं तहमने अास ंोई ालत ुसंत ंी तो कंसी भा कंमत पस नजन्ने इस
ंक्ष से नाुस नुीं ननंल संोाे ।"

जरान में ंा अाानाज नुीं । सन्नाटा --

"तहम जुाक ंुीं छह पे ुो, ायाना नेस तं छह पे नुीॉ सुोाे ।सन्नाटे नास इस " ंो अलफाकसे ंी आनाज ने तोड़ााृ सुना नजन्ना"-
ननना तो ुो चाुते कंसी प्रंास ंी ुसंत कंए शसाफत से नाुस आ जाओं, रसना इस ंक्ष से तहम्ुासी लाश ुी ननंलेाी ।"

जरान! पात तीन ंे ढां-

मानो ंक्ष में ंोई ुो ुी नुीं । सुसुे ने चेतारननयाक रतन औस अलफाकसे सु---- ाे पसन्तह ंोई नृश्मन नुीं अााया । ुाक
इतनी नेस में ंक्ष में छाया धूआक सोशननानोंे मााण से नाुस ननंल ाया ।

अन्त में। लाे ंसने तलाश ंी नहश्मन अनजाने में ंक्ष सासे नमलंस चासों---

उस रक्त उन सभी ंे चेुसों पस आश्चयण ठह मंे लाा सुा ाा जर उन्ुोंने ंक्ष ंा चपा चपा छान मासा उसे आनमी तो क्या,
प्रार्ी ंे नाम पस एं चींटी तं नमली ।

रे उस इमसजेंसी लाइट ंे नजनीं पहुचे, नजसे कंसी ने नम नरस्फोट से नष्ट ंस कनया ाा । टाचण ंी सोशनी में ंह छ नेस रे
इमसजकसी लाइट ंे फशण पस ननखेसे टह ंड़ों ंो नेखते सुे , कफस अलफाकसे ंी टॉचण ंा प्रंाश ंक्ष ंी नीनास पस नृाय ंसने लाा
। "
कफस, रु एंनम चौंने ंे से अन्नाज में नोलाटॉचण औस ुड क्या यु असे---- ंा प्रंाश नीरास ंे नुस्से पस ंे नन्द्रत ाा । उस
जाु से नीरास टू ट ाई ाी । उधस ुी ईट औस मलरा पड़ा ाा । एं मोखला ंक्ष ंी नीरास ं आसे पास ुो ाया ाा ।

"यु मोखला रम ंे नरस्फोट से नना ुै ।"। रु ाया ननंल नाुस से में इसी ुै ताता"-ंुा ने अलफाकसे "

उसंा इतना ंुना ाा कं धनहषटकंास ने मोखले से नाुस जम्प लाा नी ।

अपोलो क्या ंम ाा ?

रु भी नाुस ननंल ाया । रतन ने जैसे ुी उधस रढ़ना चाुा, अलफाकसे"! रतन ठुसो" ----ंुा ने ---

रठठं ंस रतन ने अलफाकसे ंी ओस नेखा ुै ुै चालां उतना नहश्मन कं न ाए मान - नजतना मड ंु सुा ाा ? रु इस
ंक्ष तं पहुकचा औस फामहणला ननंालंस चलता नना ।"

रतन जोस से चीखा "---औस अन यु भी तय समझो कं तहमने अास ंोई ालत ुसंत ंी तो कंसी भा कंमत पस नजन्ने इस
ंक्ष से नाुस नुीं ननंल संोाे ।"

जरान में ंा अाानाज नुीं । सन्नाटा --

"तहम जुाक ंुीं छह पे ुो, ायाना नेस तं छह पे नुीॉ सुोाे ।सन्नाटे नास इस " ंो अलफाकसे ंी आनाज ने तोड़ााृ"-नजन्ना सुना
चाुते ुो तो ननना कंसी प्रंास ंी ुसंत कंए शसाफत से नाुस आ जाओं, रसना इस ंक्ष से तहम्ुासी लाश ुी ननंलेाी ।"

जरान! पात तीन ंे ढां-

मानो ंक्ष में ंोई ुो ुी नुीं । सुसुे ने चेतारननयाक रतन औस अलफाकसे सु---- ाे पसन्तह ंोई नृश्मन नुीं अााया । ुाक
इतनी नेस में ंक्ष में छाया धूआक सोशननानोंे मााण से नाुस ननंल ाया ।

अन्त में। लाे ंसने तलाश ंी नहश्मन अनजाने में ंक्ष सासे नमलंस चासों---

उस रक्त उन सभी ंे चेुसों पस आश्चयण ठह मंे लाा सुा ाा जर उन्ुोंने ंक्ष ंा चपा चपा छान मासा उसे आनमी तो क्या,
प्रार्ी ंे नाम पस एं चींटी तं नमली ।
रे उस इमसजेंसी लाइट ंे नजनीं पहुचे, नजसे कंसी ने नम नरस्फोट से नष्ट ंस कनया ाा । टाचण ंी सोशनी में ंह छ नेस रे
इमसजकसी लाइट ंे फशण पस ननखेसे टह ंड़ों ंो नेखते सुे , कफस अलफाकसे ंी टॉचण ंा प्रंाश ंक्ष ंी नीनास पस नृाय ंसने लाा
। "

कफस, रु एंनम चौंने ंे से अन्नाज में नोलाटॉचण औस ुड क्या यु असे---- ंा प्रंाश नीरास ंे नुस्से पस ंे नन्द्रत ाा । उस
जाु से नीरास टू ट ाई ाी । उधस ुी ईट औस मलरा पड़ा ाा । एं मोखला ंक्ष ंी नीरास ं आसे पास ुो ाया ाा ।

"यु मोखला रम ंे नरस्फोट से नना ुै ।"। रु ाया ननंल नाुस से में इसी ुै ताता"-ंुा ने अलफाकसे "

उसंा इतना ंुना ाा कं धनहषटकंास ने मोखले से नाुस जम्प लाा नी ।

अपोलो क्या ंम ाा ?

रु भी नाुस ननंल ाया । रतन ने जैसे ुी उधस रढ़ना चाुा, अलफाकसे"! रतन ठुसो" ----ंुा ने ---

रठठं ंस रतन ने अलफाकसे ंी ओस नेखा ुै ुै चालां उतना नहश्मन कं न ाए मान - नजतना मड ंु सुा ाा ? रु इस
ंक्ष तं पहुकचा औस फामहणला ननंालंस चलता नना ।"

"नुीं ।"। संता जा ले नुीं फामूणला "----रतन पड़ा चीख "

"औस क्या मंसन ाा उसंा?"

--"मंसन तो युी ैँ ाा लेकंन फामूणला मडने ऐसी जाु सखा ुै कं रु ले जा नुीं संता । ठीं ंे ंक्ष रतन हुआ ंुता "
तसफ ंी एं से में स्क्रीनों सखी में नीच रढ़ ाया ।

उसने उस स्ंीन ंो पीछे से खोला ।

स्क्रीन ंी मशीनसी पस प्रंाश ैंाल सुा ाानस्रच नरशेष एं लाा अन्नस ंे मशीनसी ने रतन । अलफाकस----
े नना कनया ।

परसर्ामस्ररुप उन छुों स्क्रीनों ंे नीच सखी घहमने नाली रु ंह सी एंनम उल्ट ुो ाई ।


रतन तेजी से उसी तसफ़ नढा ।

"सोशसी इधस नो चचा ने रतन "! ंुा ।

टॉचण ंी सोशनी में रतन ंह सी ंे ननचले भाा ंो ाौस से नेखने लाा । कफस उसंा नन्ुा सा नटन, जो ंाफी नासींी से नेखने
पस चमंता ाा,रतन ने नना कनया 'घहसणअम्नरूनी ंे ंह सी मानों लाी ुोने आराज ुल्ंी ऐसी ंसती घहसण.... भाा में ंोई
छोटी। ुो सुी चल मशीन सी-

ंह सी ंे अन्नस फसा घासलाा। अााने नाुस फू स-

उसंे साा ुी नाुस आयार ने रतन से झट । नैंब्ना एं---ु नैंब्ना उठांस नेखा । खोला, अन्नस नो छोटी मौजून कफल्में सी-
। ाी

उन्ुें नेखंस रतन ने ंुा…द्रेखो चचा, मड ंुता ाा न कं ंोई भी आनमी इस फामूणले तं नुीं पहुकच संता । यु सहसनक्षत ुै
।"

"'क्या इन्ुीं कफल्मों में 'रेरज एम' ंा फामूणला ुै "!

“एं कफल्म में 'रेरज एम' ंा, नूससी में 'अर्हनाशं' कंसर्ों ंा ।ंुा ने रतन "…"इसे नुीं ले जा संा रु । "'

"ले तो तभी जाता जन पता ुोता कं फामूणला युाक ुै ।ंुा ने अलफाकसे "…" उसेाे पता ुी नुीं ाा ।"

--""मड ंुता ाा न, कंसी ंो पता नुी लाेाा ।"

"मास अन ला ाया ुै ।अलफ "पृसे ंा लुजा एंनम ननल ाया"। जाताा ुी ले तो अन"----’

"क्या मतलन ुै---कं ाा ुी चौंंा तसु नूसी अभी रतन "


"ये धमांे टाइमनमों ंे ुो सुे ाे रतन नेटे ।। मड लाा जम्प पस उस ने अलफासे एहु ंुते "

रतन अभी ंह छ समझ भी ना पाया ाा कं नैंब्ना उसंे ुाा से ननंल ाया ।

धनहषटकंास औस अपोलो मोखले से नाुस ननंले तो नरनभन्न कनशाओं में में नौड़ नलए ।

ंक्ष ंा यु सास्ता एं ुॉल में खहला ाा औस ुॉल से नाुस ननंलने ंे नलए अनें सास्ते खहले पड़े ाे ।

अपनीतलाश ंो आनमी सककनग्ध ऐसे कंसी उन्ुोंने में कनशा अपनी- कंया जो रु मोखला ननांस ंक्ष ंे ुो ननंला नाुस-
। ाे अााए नाुस रे से सास्ते नजसंे

इसे सकयोा ुी ंुा जाएाा कं अपनी। अााए में ुाैँल साा एं नान घण्टे आधे रे ुोंस ननसाश से कनशाओं अपनी-

नोनों ंी नजसें नमली ।

आकखों ुी आखों में रे समझ ाए कं नोनों ुी नांाम लोटे ुड ।

एं साा उस मोखले द्वासा ंक्ष में प्रनरष्ट हुए । रुाक पहुकचते ुी नहसी तसु चौं पड़े रे ।।

नृश्य ुी सा ाा । चौंंने ंी नात ुी ाी ।

टाचण सोशन एं प्रयोा ैंेस्ं पस सखी ाी औस उसंी सोशनी में अभीउन्ुोंने अभी- अलफाकसे ंो नासते नेखा ाा । रु स्रय नुीं
नासा ाा ननल्ं रतन ने उसंी ंनपटी पस घहसा मासा ाा ।

उनंी आखों ंे सामने एं चीख ंे साा अलफासे फशण पस नासा ाा ।

रे नोनों झटपट रतन औस अलफाकसे ंे ंसीन पहुकचे । नेखा…अलफाकसे फशण पस नासा तो कफस उठा नुीं । रु रेुोश ाया ाा ।

उसंे नेुोश नजस्म पस पैस सखे रतन नहसी तसु ुाकफ सुा ाा ।
नोनों ंे ुी नजस्मों पस जाु। ाे घार जाु-

नोनों ंे ुी ंपड़ों पस खून ं नाा ।।

" नेखने से ुी पता लाता ाा कं नोनों में तहफानी जका हुई ुै ।

इस जका ंा नतीजा उनंे समाने ाा । नेुोश अलफाकसे औस ुाकफता हुआ रतन । ंई स्क्रीनें टू ट ाई ाी । ंई ैंैस्ंों ंा सामान
इधस। ाा हुआ ननखसा उधस-

अपोलो औस धनहषटकंास अ्रां नेखते सुे ।।।

-जो ंह छ रे नेख सुे ाे, उस पस उन्ुें यंीन नुीं ुो सुा ाा ।

रे चमांृ त से नेस तं उन नोनों ंो नेखते सुे । जन धनहषटंास से नुीं सुा ाया तो रतन ंे सामने अाा ाया ।।

"'तहम ंुाक चेले ाए ाे मोण्टो ?" अपनी साकस पस ंानू ंसने ंी चेष्टा ंसते हुए रतन ने पहछा ।।।

मास…धनहषटकंास ंा कनमाा इतने ननयन्रर् में ंुाक ाा कं रु रतन द्वासा पूछे ाए प्रशन पस ाौस ंसंे उसंा उुस नेता ।।। …
रतन ंे प्रश्न ंा जरान कनए ननना में धनहषटकंास ने कंसी ाूकाे ंी तसु साकंेनतं क्षाषा में प्रश्न कक्रयाचक्कस क्या सन ये "-- ुै
?"

उसंा आशय समझंस रतन ने जरान कनयानुीं ंोई अन्य फामूणला"----, चचा ुी युाैँ से ननंालंस ले जाना चाुते ाे । "
ुी चौंंा तो धनहषटकंास, साा ुी नहसी तसु चौंंे नरना अपोलो भी न सु संा ।

चौंंे हुए धनहषटकंास ने इस नास पूछा…क्या मतलन ?"'

"मतलन यु कं चचा चमन में इसनलए नुीं अााए ाे कं जन मडने 'रेरज एम' ंे नासे में घोषर्ा ंस नी ुै तो मुाशनक्तयों
ंे जासूस महझसे मेसे यकर औस फामहणले ंो छीनना चाुेंाे अाोस उन्ुें पसास्त ंसने में ये मेसी मनन ंसें ाे रनल्ं ये युाैँ इसनलए
अााये ाे कं ये मेसे फामहणले औस यकर ंो चहसा संे औस महकुमाकाे नामों में कंसी भी नेश नेच नें ।"
" ओु !” इस नास धनहषटकंास ने ैंायसी पस नलखाये "---- तो ैंनल ाहरू ंी पहसानी आनत ुै औस अपने इस ननजनेस में ये
इस नात ंी पसराु नुीं ंसते कं इन्ुें नोस्तों से टंसाना पड़ा ुै या नहश्मनों से । ंई रास ये ऐसी ुसंत ननंास औस स्रामी
नरजय ंे साा भी ंसचहंै ुड ।। ंुते ुड ंी रे कंसी भी सम्नन्ा से नढंस अपने नसद्धान्त औस ननजनेस ंो मानते ुड ।"

पढ़ने ंे नान रतन ने ंुा…"युी ुसंत इन्ुोंने मेसे साा भी ंी । "

"’लेकंन यु सर ंह छ हुआ ंै से ?" धनहषटकंास ने पहनपहछा नलखंस : -"ये तो ुमासे साा ाे;-- कफस सचणलाइटों ंा टू टना,
चास आननमयों ंा खाई में ंू नना, प्रयोाशाला ंे अन्नस धमांे , इस ंक्ष में धमांा ाा क्या सन यु...? कंसने कंया ?"

-"ये सासा जाल इनंा ंा ुी ननछाया हुआ ाा ।कं पड़ेाा मानना"-नताया ने रतन " इनंी ुस चाल, पूसी सानजश, एं
स्रस्ा कनमाा से सोची हुई ाी । इनंे कनमाा ंो मान ाया मड । इतनी नेस तं ुम नहश्मन ंे साा सुे औस नहश्मन ंो पुचान
न संे ।"

-"लेकंन ुमें भी तो नताओ भैया, कं ये सर ंह छ इन्ुोंने कंया ंै से ? "

-"सहनो ।-कंया शहरू ंुना ने रतन "“आज कनन में जर ये ुमासे साा युाैँ अााए ाे तो ुमासी नजसों से छह पांस इन्ुोंने एं
टाइम नम नीरास ंक सुासे इमसजेंसी लाइट ंे पास कफट ंस कनया । तहम्ुें यान ुोाा अपोलो कं कनन में ये तहम्ुासे साा लैट्रीन
ाए ाे । इन्ुोंने ुाा उन्ुीं तीन जनसे टसों ंे पास धोए ुोंाे जो नम"। हुए नष्ट से ननस्फोट-

'अपोलो ने स्रींृ नत में ानणन नुलाई ।

-------"तहम्ुासी स नजसों से छह पांस इन्ुोंने एं टाइम नम उस जाु कफट ंस कनया ।” रतन ने नतायाइक संे "--- नान
नोनों ंो यान ुोाा कं शाम ंो ये ंह छ नेसंे नलए भरन से ाायन ुो ाए ाे ुै मेसे पूछने पस इन्ुोंने नताया ाा कं चमन ंी
सैाेस ंसने ाए ाे, पसन्तह ुंींत युीं ाी कं उस समय में इन्ुोंने प्रयोाशाला ंे नाुस राले मैनान में ुमासे चास सैननंों क्रो
मास ैंाला । मासंस उनंी लाश ंो छोटील में खाई से मनन ंी ैंोसी ंी से शम औस ंीलों छोटी-टंा कनया ।

-------उन चासों ंी मशीनानें इन्ुोंने मडनान ंे चासों ंोनें पस जमीन में कफट ंस नी पल ुस ननशाना उनंा कं तसु इस-
पस सचकलाइटों राली तसफ अपनी-अपनी ाा । ानों ंे ट्रेासों ंे साा इन्ुोंने हस्प्रका ंे छोटेनाकध टह ंैंे छोटे- कनए । हस्प्रका ंे
नहंड्रो ंे नूससे नससों में लोुे ंी एं ाेंन जैसी रस्तह ाी जो असल में टाइम नम ंे नसद्धान्त पस तैयास ंी जाती ुै । लोुे ंी
उस ाेंन ंे अन्नस एं घैंी ुोती ुै ।

-----उस घैंी में जो टाइम कफट ंस कनयाचलती से आसाम रु तो तं रक्त उस --जाए- सुेाी मास ठीं तन जनकं इसमें
भसा टाइम समाप्त ुो जाएाा नन्न ुो जाएाी नन्न ुोते रक्त रु एं तेज झटंे ंे साा अपने स्ाान से ंी तसफ उछलेाी ।
रैसी ुी ाेंनों ंे टाइमों में एं एं नमनट ंा अन्तसाल ंसंे इन्ुोंने ानों ंे ट्रेासों में नन्धे हस्पकाों ंे नूससे नससों से कफक्स ंस
नी । टाइम समाप्त ुोते ुी ाेनों में झटंे हुए औस चासों ानों से एंअपने-अपने ननंलंस ाोली एं- लक्क्ष पस जा लाी ।

------- ानों ंो कफक्स ंसना औस उन ानों ंे मानलं ुमासे चास सानायों ंो मासंस खाई में लटंा नेने ंा ंाम इन्ुोंने
उसी समय में कंये ाे नजसमें ये ाायन सुे । ये सासे ंाम इन्ुोंने कंए भी इतनी सारधनी से कं ंोई उन्ुें नोट भी नुीं ंस
संा ।"

सास लेने ंे नान रतन ने पहन"----ंुा : स्ंीम इन्ुोंने अछछी तसु सोच ंे स्ंीम उसी अपनी । ाी ननाई समझंस-
महताननं इन्ुोंने नरनभन्न स्ाानों पस कफक्स टाइम नमों ंे टाइम नकमों ंे चलने इायाकन ंे टाइम सैट कंए ाे । ठीं रक्त ंे
अन्तसाल से चासों ाने चली । रुी हुआ जो ये चाुते ाे ।

-------- चासों सचणलाइटें फोड़ंस इन्ुोंने अकधेसा ंस कनया । स्राभानरं ाा कं फायसों ंी आराज ंो सहनंस मड सात ुी ंो
युाैँ अााता । अपनी योजना ंे महताननं ये ुमासे साा अााए । नजस मंसन से इन्ुोंने यु अकधेसा कंया ाा, उसंा इन्ुोंने
भसपूस लाभ उठाया । अकधेसे ंा लाभ उठांस इन्ुोंने ंील सनुत लाशों ंो पानी में ैंाल कनया औस मेसे कनमाा में यु नाल
घहसेड़ने ंी ंोनशश ंसने
लाे कं सैननंों ंा नलनास पुने खाई में ंह नने राले रे ुी नहश्मन ुै नजन्ुोंने सचणलाइट तोड़ी ुड औस जो लेा ' रेरज एम' ंा
फामूला चहसाने ंा मंसन लेंस युाक आऐ ुै । इसंे नान प्रयोाशाला ंे अन्नस धमांा-------

------कफस इस ंक्ष ंह छ इन्ुोंने । धी चाल शानतसाना एं इनंी ंह छ सन यु ----- ऐसे नहश्मनों ंा भ्रमजाल फै लाये जो
ंुीं ाे ुी नुीं । ुम उस जाल में फक से सुे, ुम ुी क्या सचमहच, आनमी चाुे नजतना समझनास ुो, ऐसे जाल में फक स जाना
स्राभानरं ुी ुै ।

-------इनंा मंसन ाातं ंक्ष इस ुमे हुए ंसाते पीछा ंा नहश्मनों ंल्पननं- लाना ये पुले ुी जानते ाे कं इस ंक्ष में
पहुकचंस इन्ुें यु भी साननत ंसना पड़ेाा कं इस ंक्ष में अन्नस नहश्मन नजस सास्ते से भाा ाया । अतंुानी : नड़े स्राभानरं
ननाने ंे नलए इन्ुोंने पुले ुी टाइम नम ंो इस तसु कफक्स कक्रया ाा कं नीरास में मोखला रन जाये ताकं उस मोखले ंो
कनखांस ये यु ंु संें कं नहश्मन इसमें से भाा ाया ुै । "

-------" इस तसु इन्ुोंने एंक ऐसे ंाल्पननं नहश्मन ंा नाटं सचा जो असल में ाा ुी नुीं ।नान ंे लेने साकस ने रतन "
ंुाफू टना ंा सचणलाइट"----, चास ंा खाई में ंू नना, प्रयोाशाला ंे अन्नस धमांे , ंोई यु सोच भी नुीं संता कं यु
सन ंह छ स्रय ुी ुो सुा ुोाा । ुस आनमी उन परसनस्ानतयों में उसी ंुानी पस चलेाा जो यु ननाना चाुते ाे । अत ुस :
पुले ने नहश्मनों कं सोचेाा युीं आनमी सचणलाइटे फोैंी, खतसनांमें खाई ंसंे इन्तजाम ंोई ंा नचने से जीरों- ंू ने, कंसी
तसु अन्नस पहुच ाए, इायाकन ुमें ये फक सांस में भ्रमजाल इसी ! ऐसे नहश्मनों ंा पीछा ंसाते हुए, जो ंभी ाे ुी नुीं,
युाक तं ले जाए । इन्ुें मालूम ाा कं युा अााने पस ुमासे कनमाा में प्रश्न उभसे ाा कं नन्न ंक्ष में से नहश्मन ंक ुा ाए ?
इसंा जरान इस मोखले ंे रूप में इन्ुोंने पुले ुी तैयास ंस नलया ाा ।

" उसी मोखले में से ाहजसंस तहम नोनों उस ंाल्पननं नहश्मन ंी तलाश में चले ाए । नहश्मन जन इनंे अलारा ंोई ाा ुी
नुीं तो कंसी ंे नमलने ंा सनाल ुी नुीं उठता ाा । मड भी तहम्ुासे इस ाोखले में झपटने नाला ाा कं इन्ुोंने महझे सों
कनया ।
अन क्यों कं इन्ुें यु नुीं मालूम ाा कं इस ंक्ष में फामूणला सखा ंुाक ुै, अत अपने । ाा लााना पता ंा फामहणले इन्ुें :
ंे ंसने पूसा ंो मंसन उसी नलये इन्ुोंने महझसे ंुा कं नहश्मन फामूणला लेंस इस मोखले ंे माध्यम से भाा ाया ुै ।

-------स्राभानरं ुै कं ऐसी परसनस्ानतयों में ुस आनमी सनसे पुले यु चैं ंसे ाा कं उसंी रु मुारपूर्ण चीज, नजसे
उसने छह पांस सखा ुै, अपनी जाु पस मौजून ुै भी या नुीं ? मडने भी चें कंयाप्रनत मेसे ुी नेखते कफल्म ---- इनंा
लुजा ननल ाया । इन्ुोंने पस जम्प लाा नी औस मेसे ुाा से यु नैंब्ना छीन नलया नजसमें कफल्म ाी, मास मेसे नरचासनहसास,
इनंी स्ंीम युाैँ अाांस ंमजोस ुो ाई ।"

"‘ंै से ??" धनहषटकंास ने इशासे से पूछा ।

----" महझें आश्चयण ुै इतनी चक्कनास औस साफ सहासी योजना ननाने औस सफलतापूरणं उस पस चलने ंे नान अपनी मकनजल ंे
चसम ननन्नू पस पहुकचंस इन्ुोंने इतनी नैंी भूल ंै से ंस नी कं नजसंा परसर्ाम यु हुआ ?" ंुते हुए रतन ने अलफाकसे ंे
नेुोश नजस्म ंी ओस इशासा कक्रया ।

'"आप ंुना क्या चाुते ुड ?” धनहषटकंास ने नलखंस पूछा ।

" मड यु ंुना चाुता हक ंे नजस स्ंीम से ये ुम सनंो लेंस इस कफल्म तं पहुकचे, अास रु स्ंीम मडने ननाई ुोती ,
यानी इनंी जाु मड ुोता तो इनंी तसु कफल्म पस नजस पड़ते ुी अपना असली रूप कनखाने ंी मूखणता न ंसता, ननल्ं उसी
तसु रना सुता नजस तसु नना हुआ ाा । ंुता कं अन इस कफल्म ंो युाक सखना खतसे से खाली नुीं ुै । इन्ुें अपने साा
सखो ताकं नहश्मनोाेाक ंे ुाा न ला संें । स्राभानरं यु महझसे ये अास कं ुै नात सी-नात ंुते तो मड कफल्म ंो ंुीं
अन्यर सखने ंे स्ाान पस अपने पास ुी सखना ायाना सहसनक्षत समझता औस मेसे साा ये सुते ुी, प्रयोाशाला से नाुस ननंल
ंस ये धोखे से कफल्म छीनंस भाा जाते तो यु परसनस्ानत न ननती जो इस रक्त इनंे साा ननी ुै, यानी ये नेुोश ुड औस
एं तसु से इस रक्त मेसी ंै न में ुै"

इन्ुोंने क्या कंया ?"

--'"तहम्ुासे यकुा से जाते ुी इन्ुोंने अपना असली रूप कनखा कनया ।ने रतन " राताया'-"कफल्म नेखते ुी इन्ुोंने महझ पस यु
भेन खोल कनया कं यु सन ंह छ चक्कस इक न्ुीं ंा फै लाया हुअाा ुै । इनंे स्ाान पस मड ुोता, ऐसी ंभी नुीं ंसता । यु
फामहणला इन्ुें महझसे प्रयोाशाला से नाुस ननंलने पस छीनना चानुए ाा । आश्चयण ुै कं इतनी अछछी स्ंीम ननाने ंे नान चचा
इतनी सी नात पस धोखा क्यों खा ाए ुड"

"मड जानता हैँ इसंा ंासर्नलखा ने धनहषटकंास "।। ...…"इसंा असली ंासर् यु ुै कं इन्ुें यंीन ाा कं ' ुााापाई में
तहम इनंे महंानले ंुीं भी नुीं ुो । इन्ुें यंीन ुोाा कं मल्लयहद्ध में यु तहमसे जीत जायेंाे औस तहम्ुें युीं नेुोश ंसंे नड़े
आसाम ंे साा न नसफण इस प्रयोाशाला ननल्ं चमन से ुी ननंल जाएकाे । यु तो इन्ुें उम्मीन भी नुीं ुोाी कं उल्टे तहम उन
पस ुारी ुी जाओाे ।"

"यु तो कं माना-'ओरस ंॉकफक ैंेन्स' ंे ंासर् ये अपनी योजना ंे चसम नरन्नह पस धोखा खा ाये । -ंुा ने रतन "“ननल्ं
यूक ंुो कं 'ओरस
ंॉकफक ैंेन्स भी नुीं, इनंा' यु यंीन सुीं ाा कं मल्लयहद्ध में यु महझ पस नरजय प्राप्त ंस लेंाें । ननइ सन्नेु:स ंला में मड
अभी इनंा नच्चा ुी हक । ये मल्लयहद्ध ंे नीच ायानातस महझ पस ुारी सुे औस लैंाई ंे नीच ुी नीच में ये महझे अपनी रे
सन ंासस्ताननयाक सहनाते सुे जो मडने आपंो नताई । यु तो मेसा नसीन ुी अछछा समझो कं मेसा नाकर ला ाया औस मडने एं
रास इनंी ंनपटी पस ंसंे इन्ुें नेुोश ंस कनया । मास मेसे ख्याल से तो मल्लयहद्ध में अास ये महझ पस नरजय भी प्राप्त ंस
भी लेते तो भी ये इस प्रेयोाशाला से नुीं ननंल संते ाे ।"

" क्या तहम्ुें भी यान नुीं कं मड ंक्ष ंे नाुस खैंे ैंैनी ुै औस नसराजा खोलने राले सैननं ंो यु हुक्म नेंस अााया हक कं
जन तं मड न आत, कंसी ंो भी इस ंक्ष औस प्रयोाशाला कं से नाुस न ननंलने कनया जाए "!

"ुाक, यान ुै"। ुोाी सुी में कनमाा इनंे तसंीन ंोई न - ंोइक ंी ननंलने नाुस लेकंन "-नलखा ने धनहषटंास "। ...

"खैस!...” रतन ने ंुा…“जो भी सुी ुोंह जो तो कफलुाल लेकंन-छ हुअाा, अछछा ुी हुआ । अास मड जसा चहं औस सा-
ाया ुोता इतनी नुफाजत ंे नान भी 'रेरज एम' औस 'अर्हनाशं' कंसर्ों ंा यु फामूणला ुमासे ुाा से ननंल ाया ुोता
ुै"

ंह छ नेस तं आपस में इसी, तसु ंी नातें ुोती सुी, कफस ------

-----रतन ने ंुा तो कफल्में रे जसा खैस"-नूकढो । ुमासी लड़ाई ंे नीच न जाने रे ंुा नास ाई । ैंेस्ं ुी साा ंे ंुने "
। ली उठा टॉचण सोशन उसने से

कफस प्रयोाशाला ंे फशण पस कफल्मों ंो तलाश ंसने लाे ।

ंह छ ुी नेस नान रे कफल्में धनहषटक ंास ंो नमल ाई । उसने उन्ुें रतनंो- पंड़ा कनया ।

रतन ने सारधानी ंे साा अपनी नोनों कफल्में सफे न पडट ंी जेन में सखीं । अलफाकसे ंे , नेुोश नजस्म ंो अपने ंक धे पस लाना
औस प्रयोांक्ष से नाुस ंी ंी चल कनये ।।।

रतन ने रु सन ंह छ ैंैनी ंो समझा कनया जो धनहषटकंास औस अपोलो ंो समझाया ाा ।


ैंेनी औस नूससे सैननंों ंो आश्चयणचकंत छोड़ंस रे आाे नढ ाए । नसराजा खोलने राले सैननं से सास्ता खहलरांस नाुस आए
औस मनजीत ताा प्रेयोाशाला ंे नाुस ंे , सभी सैननंों ंो ुंींत नतांस अपनी ंास में जा नैठे ।

ुस सैननं आश्चयण चकंत ाा ।

ैंैनी औस मनजीत जैसे अनधंासी खहश भी ाे, इसनलए कं यु सानरत ुो चहंा ाा कं ंोई नहश्मन ाा ुी नुीं, तो रे पंड़ते
कंसे ।।

रतन, धनहषट'ंास औस अपोलो नापस साष्ट्रपनत भरन में अाा ाए ।

रतन ने जन यु ंुा कं अलफाकसे चचा ंो ुोश में लांस इनसे ंह छ नाते ंी जाएक तो नलखंस धनहषटकंास ने सलाु नी----
में अााा लाना में ुोश तसु इस ंो ाहरु "- ुाा ैंालने से भी ायाना खतसनां ुै । इन्ुें तार आ ाया तो यंीनन ये सासे
चमन में तुलंा मचा नेंाे ।"

"'तो कफस क्या ंसें ?”

'यु कं पुले इन्ुें अछछी तसु ंसंस नाकध कनया जाए ।इछछा अपनी कं साा ंे सारधानी"----नी सलाु ने धनहषटणंास "
से ये अपने नजस्म ंा एं अका भी न नुला, संें । तन इन्ुें ुोश में लाया जाए ।"

" तहम्ुासी सलाु पसकन आई मोंण्टो ।कंस्म ुस ये ननस्सनेु" ----ंुा ने रतन " ंे नहश्मन से ंुीं ायाना खतसनां ुड । तहम
नोनों नमलंस इन्ुें नाकधो ।। ुस जेन ंी अछछी तसु तलाशी लो भी ुनायास सा-नन्ुा ंोई-----इनंे पास न सु जाए ।"

"औस अााप ?"

'"इनंे ुोश मड अााने पस कफल्म मेसी जेन में नुीं सुनी चानुए ने रतन "! ंुा जाु सहसनक्षत कंसी ंो कफल्मों इन"-----
ंुने " । हैँ लौटता रापस सखंस पस ंे साा ुी एंनम धूम ाया रतन । लम्नेनाुस से ंक्ष रु साा ंे ंनमों लम्ने- ननंल
ाया ।
धनहषटकंास औस अपोलो ने एं नजस एं नूससे ंो नेखा, कफस अपने ंाम में व्यस्त ुो ाए । धनहषटकंास अपने ंोट ंी जेन से
से शम ंी एं मजनूत ैंोसी ननंाली औस नोनों ने नमलंस अलफाकसे ंो एं ाम्न ंे सुासे नाकध कनया । कफस धनहषटकंास उसंी
तलाशी लेने लाा । तलाशी में ंोई खास चीज नुीं, नसफण एं ंााज नमला । तु खोलंस धनहषटकंास ने रु ंााज पढा ।
उस ंााज में नलखा पुला अक्षस पड़ते ुी रु उछल पैंा ।

कफस साइरटका पुचानंस उछला ।

अन्त में उसने नलखने राले ंा नाम पढ़ा तो खोपैंी नभन्ना ाई उसंी ।

नलखा ाा------

------"नेटे नन्नस !

नजसंो तहमने नाकध कनया ुै, रु अलफाकसे नुीं, तहम्ुासा चचेसा भाई ुै। रतन- औस मड जो कफल्में सहसनक्षत सखने ाया रतन
नुीं, अलफाकसे हक ।

----समझ संते ुो कं अन महझे साष्ट्रपनत भनन में लौटने ंी ंोई ज़रूसत नुीं ुै ऐसा इन्तजाम मडने नजस कं ुै नलया ंस .
यु तहम रक्त पर पढ़ सुे ुोाे, उस रक्त तं मड तहममेाे से कंसी ंी भी पंड़ से नहुत नूस ननंल चहंा ुोतकाा ।

---सोच सुे ुोंाे कं यु सन ंै से ुोाया ?

मड नुीं चाुता कं युी नात सोचते हुए तहम ायाना नेस तं अपना कनमाा, खसान सखो । सन ंह छ उसी ढका से हुआ ुै जैसा
कं रतन ंे भेष में मड तहम्ुें ंक्ष में ुी नता चहंा हक ।

उसकं लो ंस परसरतणन इतना उसमें- मल्लयहद्ध में तहम्ुासा रतन नुीं, ुम जीते ाे मास ुम जानते ाे कं ंह छ ुी नेस नान
जन तहम औस अपोलो रापस ंक्ष में लौटोाे तो रतन ंे नखलाफ ुमासी जीत पसन्न नुीं ंसोाे । अतननन खहन ुमेैँ रतन :ाा
पड़ा औस रतन ंो ननानापड़ा- अलफाकसे ।

प्यासे अन्नस, तहमने रतन ंो अलफाकसे पस ंक्ष में रु आनखसी नास ंसते हुए अपनी आकखों से नेखा ाा नजसंे ंासर् रु नेुोश
हुआ, लेकंन नुीं, यु ुंींत नुीं ाी । -----------

-------- ुंींत यु ाी कं रतन नेचासे ंो ुमने इतना अरसस ुी नुी ैँ कनया कं रु ुमासा महंानला ंस संे । ुमने
जो ंह छ कंया, तहम समझ संते ुो कं उस सनंी ुमने योजना नना सखी ाी । उस योजना ंे महताननं रतन ंो इतना मौंा
नुीं नेना ाा कं यु ुमासा महंानला ंस संे ।

इससे पुले कं यु, नेचासा ंह छ समझ संता, उसे नेुोश ंस कनया । अपनी योजना ंे महताननं ुम पस नो फे समास्ं ाे-
रतन ुमने से मनन ंी उन्ुीं । ंा रतन औस अपना ंो खहन ननाया औस खहन नने रतन । आधे घण्टे में इतने ंाम हुए । जन
ुमने नेखा कं तहम नोनों आ सुे ुो तो अलफाकसे नने नेुोश रतन ंो खड़ा ंसंे एं घूसा मासा ।

-इसंे नान रु फशण पस पड़ा। ाया सु-

अन यु भी ंुोाे कं घूकसा लाते ुी तहमने अलफाकसे ंी चीख सहनी ाीनुीं यु ुम ! चाुते कं यु चीख ंी आराज तहम्ुें
ायाना नेस तं पसे शान ंसती सुे । सीधीाी ननंाली से महु अपने नेुम चीख यु कं ुै नात सी-

रतन ंो अलफाकसे औस ुमें रतन ननना इसनलए तो जरूसी ाा ुी कं तहम्ुें धोखा ने संें , इसनलए भी जरूसी ाा ंक्ष औस
प्रयोाशाला से नाुस ननंलना ाा ।

यान ुै ना ?

रतन ने ैंैनी, नसराजे नाले सैननं औस मनजीत ंो क्या हुक्म कनया ाा ?

नांीं तहम समझनास ुो । यु तो समझ ाये ुोाे कं इन कफल्मों ंो प्राप्त ंसने ंे नलए अपनी इतनी शनक्त औस कनमाा खचण
कंया ुै तो कंस मंसन से ? अपना औस रतन ंा फे समास्ं ननराने में भी तो खचाण अााया ुी ुोाा ।। अन ये कफल्में मेसे
ंब्जे में ुड । जानता हक नरश्व ंे ुस नेश ंो इनंी ज़रूसत ुै । नोनलयाक लाेाीसनसे नोली नजसंी- नड़ी…,कफल्म उसी ंी
न ाोड़ा...न...न...ालत नलख ाया मड ।।।

आपसनासी ंी भी तो ंोई नलुाज ुोनी चानुए, रतन से ंु नेना तहम्ुासा ाहरु नरंास भी तो अााने राला ुैउसे तो- भी
समझा नेना कं तहम्ुें ये कफल्में उस से ट से एं लाख ंम में नमल संती ुड, जो नेश इनंी सनसे ायाना ंीमत लााएाा ।

माना कं रुस इन्ुें एं ंसोैं में खसीनने ंो तैयास ुोता ुै तो तहम्ुें ननन्यानरे लाख मड नमल संती ुै कंसी ंो भी नेचने से
पुले तहम्ुें जरूस नतातकाा कं कंतने मड नरं
सुी ुड । एं लाख ंम में अााप लोा ख़सीनने ंे नलए तैयास ुोते ुड तो ठीं रसना महझे तो एं लाख ंा फायना औस ुोाा
। शायन आज तं कंसी व्यापासी ने आपसनासी ंी
इतनी शमण न ंी ुो कं एं लाख ंा घाटा खाए।

तहम्ुासे ंा ाहरू ंा ाहरू

अलफाकसे नी णेट ।
पढंस खोपैंी नभन्ना ाई धनहषटकंास ंी ।

ंमाल तो यु ाा कं उनंे नीच में सुंस ुी अलफाकसे कफल्म ननंालने में ंामयान ुो ाया । अपोलो ने धनहषटंास ंे चेुसे
पस उड़ती ुराइयाक नेखी, तो आकखों ंे सकंेत से पूछा…"क्या नात ुै ? यु पर कंसंा ुै औस इसमें क्या नलखा ?"

धनहषटकंास ंी समझ में नुीं अााया कं अपोलो ंो यु ंै से समझाए नुीं अपोलो पड़ना औस ाा नुीं संता यु नोल .
। जानता

अचानं उसे एं तसंीन सूझी ।

ंााज़ ंी तु ंसंे उसने जेन में ैंाला । नधे हुए रतन ंी तसफ नढा ंसीन पहुकचंस उसने रतन ंे चेुसे पस अलफाकसे ंा
फे समास्ं नोंच नलया ।

अपोलो ने नेखाजैसे ------- ाया ुो पााल ुी नेखते-

उसंे चेुसे पस अभी तं रतन ंा फे समास्ं ाा औस रतन ंी ुी ंास लेंस उड़ा चला जा सुा ाा रु ।

उसंे चेुसे पस उुेजना ंा एं भी लक्षर् नुीं ाा ।

ुाक…ुोंठों पस ुल्ंी महस्ंान अरश्य ाी ।

ंनानचत्। महस्ंान ंी सफ़लता अपनी-

ंास ंी ानत आश्चयणजनं रूप से उसने तेज ंा सखी ाी ।

सड़ं खाली पड़ी ाी, नूससाफ हुई फै ली सामने उसंे तं नूस--, नचंनी चौड़ी औस सड़ं । ंास ंी ानत से ुी अनहमान ुोता
ाा कं रु जल्नीकंसी अपने जल्नी--से-- नननश्चत लक्ष्य पस पहुकच जाना चाुता ाा । रु मस्त ुोंस ंास ड्राइर ंसता हुआ
ुोंठ नसक्रोड़ंस सीटी नजाने लाा ।।

पन्द्रु नमनट नान ुी रु चमन ंे ऐसे भाा में आ ाया जुाैँ से रस्ती ंाफी नूस ाी । नोनों तसफ नूस ाे हुए फै ले खेत तं नूस-
तो ननौलत ंी ुैैंलाइटों ंी ंास । ंह छ नहस तं प्रंाश ाा रसना ुस तसफ अकधेसा ाा। अकधेसा धहप्प----
मील ंे उस पाास ंे पास,नजस पस नासु नलखा ाा, उसने ााड्री सों नी ।

आसाम से नाुस अााया ।

रतन ंी सफे न पतलून ंी जैर में से टॉचण ननंाली । नानुनी तसफ चेुसा ंसंे उसने टाचण ंा प्रंाश चेुसे पस ैंाला । ठीं
उसंे सामने ंाफी नूस पस एं टॉचण चमंी ।

ठीं उसी तसु से उधस से टॉचण सोशन ंसने राले ने प्रंाश अपने चेुसे पस ैंाला । अपने सामने राले चेुसे ंो टॉचण ंे प्रंाश
में नेखंस रु सकतहष्ट हुआ औस अपने ुाा में सोशन टॉचण नलए रु उसी कनशा में नढ ाया ।

उधस से भी ुाा में ,सोशन टॉचण नलए रु व्यनक्त इसंी तसफ नढा ।

एं खेत ंे ठीं नीच में रे नमले । नमलते ुी अलफासे ने नये आनमी ंे चसर्स्पशण ंस नलए ।

नये आनमी ने उसे चसर्ों से उठांस ाले से लााया । नोला…"जीते सुो नेटे । "

कफस… रे नोनों साा नढ ाए । अलफासे ने पूछा ुै ंुाक ुैलींॉप्टस "---?।।

"'नस, युाक से ाोैंी ुी नूस अकधेसे में खड़ा ुै ।। ंुा ने व्यनक्त नूससे "

टॉचण नहझांस अकधेसे ंा सीना… चीसते रे आाे नढ़ने लाे ।

ंह छ ुी नेस नान एं खेत ंे नीच खड़े ुेलींॉप्टस ंे ंसीन पहुचे ।

ुेलींॉप्टस में अन्य ंोई नुीं ाा । अलफाकसे ंो लेने अााने राला व्यनक्त ड्राइहरका सीट पस नैठा, अलफाकसे उसंे नसानस
ुैलींॉप्टस स्टाटण ंसंे रु उसे ुरा में उठाता चला ाया । अपनी नननश्चत तकचाई पस पहुकचने ंे नान ुैलींॉप्टस ंे अन्नस ंी
लाइट आकन ुो ाई ।

"अन तो अपने चेुसे ! नो उतास फे समास्ं यु से पस-” ुेलींॉप्टस चलाने नाले ने अलफाकसे से ंुा ।

" जरूस ैंैैंी ?" अलफाकसे ंे महकु से ननंलाजरुसत ंोई इसंी अन में ररास्त"- नुीं ुै ।"' ंुते हुए उसने अपने चेुसे से
फे समास्ं उतास कनया औस रतन ंे उस फे समास्ं ंे नीचे से जो चेुसा ननंला ाा, रु अलफाकसे ंा ननल्ंह ल नुीं ाा ।

रु चेुसा ाा-----ंा ुैसौ-

ुैसी आतणसट्राका ।।

अमेरसंा सीक्रेट सिनणस ंा जासूस ।।

जासूसों ंे नेरता यानी जैंी आमणस्ट्राा ंा नेटा ।

औसजैंी नुीं ंोई अन्य चालं ंा ुैलींॉप्टस----- ुी ाा।। नपता ंा ुेसी-

कंसी ंो तहम पस शं तो नुीं हुआ ?", जैंी ने पूछा ।

"नो ैंैैंी…!" मस्ती में ुैसी ने ंुामहझे तं पल आनखसी तो नेचासा रतन"----- अलफाकसे ुी समझता सुा ाा । धनहषन्टकंास
औस अ़ाापोलो ंे नलये मड जन तं अलफाकसे नना हुया ाा, रे महझे अलफासे ुी समझते सुे । ुाक, अाानखसी रक्त तं रे महझे
रतन पर मेसा जन से जेन ंी रतन नने अलफाकसे । ाे सुे समझ .. उन्ुें प्राप्त ुोाा तो रे अपने नाल नोंच लेंाे ।"

"'क्या रु पर तहम अपने नाम से नलखंस अााए ुो ?" जैंी ने चौंंंस पूछा ।

अाापने महझे इतना नेरंू फ ंै से समझ नलया, ैंैैंी ?" ुेसी ुल्ंी सी महस्ंान ंे साा नोला ननंस अलफाकसे ुी ंाम सासा"-
न मालूम यु ंो रतन कं पड़ा ंसना इसनलए ुो कं अमेरसंा ने पहनः उसंे साा ंोई ुसंत ंी ुै । पर मडने ठीं अलफाकसे
ंे ढका से नलखा ुै औस यु तो अााप जानते ुी ुड कं अलफाकसे ंी साइरटका ंी नंल ंसना भी मेसे नलए ंोई महनश्ंल ंाम
नुीं ुै उस पर क्रो पढ़ने ंे नान भी रे युी जानेंाे कं कफल्में अलफाकसे ले ाया ।"

"आज कनन में तहमने ुमसे सम्नन्ध स्ाानपत कंया ।जैंी " नोलासासी तहमने"- नातें नुीं नताई । नसफण यु ंुा कं मड
ुैलींॉप्टस लेंस युाक पहुकच जातक औस तहम युीं रतन ंे भेष में पहुकचोाे । यु भी नुी ैँ नताया ाा कं रतन, अपोलो औस
धनहषटकंास ंे नीच फक से तहमने ऐसा… मौंा ंै से ननंाला कं महझसे नात ंस संो ?"

"मैनैँ े आपसे चमन ंी प्रयोाशाला ंी तैट्रीन में से सम्नन्ध स्ाानपत कंया ।" ुेसी ने नतायाइसनल नाते ायाना औस "---ए नुीं
ंी ाी क्योंकक्र उस ाोैंे से नमले रक्त में ुी महझे रहुत"। ाे ंसने ंाम से-

"जैसे ? "
"महझे अलकफासे समझंस रतन ने महझे सासी प्रयोाशाला घहमाई ।ने सीुै " नताया…"क्रोई प्रयोाशाला ंे अन्नस न पहुकच संे ,
इसंे नलए उसनेक्या- सहसक्षाएक ंी ुड भी यु--नताया ।पूसी ंी प्रयोाशाला ने ुैसी हुए ंुते " नस्ानत जैंी ंो नता नी । यु
नताते हुए कं रतन ंे महुसे प्रयोाशाला ंी सासी सहसक्षाएैँ सहनने ंे नान ुी उसने कनमाा में यु स्ंीम तैयास ंस ली ाी कं
उसे 'रेरज एम' औस 'अर्हनाशं कंसर्ों ' ंा फामूणला ंै से प्राप्त ंसना ुै ।"

ुैसी ने यु भी नता कनया कं उसने सासा ंाम कंस तसु कंया । अन्त में नोला"-----' रतन ंे नेुोश ुोते ुी मडने
अलफाकसै ंा फे समास्ं रतन ंो पुना कनया औस रतन ंा खहन पुन नलया । ंपैंे इायाकन भी ननल कनए । धनहषटकंास औस
अपोलो जन लोटे तो युीं समझे कं रतन ने अलफासे ंो नेुोश ंस कनया ।"

इस तसु पूसी ंुानी सहनने ंे नान जैंी ंा सीना ारण से फू ल ाया । उसंे ुोंठों पस ऐसी महस्ंान नौड़ ाई मानो उसंे जीरन
ंी सनसे नड़ी महसान पूसी ाई ुो, नोला, "ुैसी, मेसे नच्चे ।। आज महझे यंीन ुो ाया ुै कं जो ंह छ तूझे ननना चाुता ाा,
रु रन जाएाा । आज मड नहुत खहश हक । रतन ंी प्रयोाशाला ंी सहसक्षा ंे नासे में जो ंह छ तहमने सहनाया उसे सहनंस मड नका
सु ाया । मड सोचने लाा कं इस ज़नसनस्त सहसनक्षत स्ाान में से भला ंोई ंै से ंामयानी ंे साा अपनी इनछछत रस्तह ननंाल
संता ुै मास कफस तहमने महझे यु नताया कं कंस योजना ंे आधास पस तहमने रतन ंे उस सहसनक्षत कंले में छेन ंा कनया ।
उसे सहनंस ुम नका सु ाए । सच, तहम्ुासी जाु अास ुम भी ुोते शायन ऐसी तसक्रीन नुीं सोच पाते । नेशं तहममें कनमाा
ुै औस कनमाा से सोची हुई कंसी स्ंीम ंो स्रकय ंायाणनन्रत ंसने ंी तांत भी ।"

"‘जो भी ुै ैंैैंी ।"। ुै कंया प्राप्त आपसे"----ंुा ने ुैसी "

"ाहैं!...' जैंी नोलाुाक औस "---, इसंा मतलन यु हुआ कं अन ुमासे रैज्ञाननं कंसर्े अर्हनाशं"‘ भी रना संें ाे ।"

"जी ुाक” ुैसी ने ंुा"। मडने ुै ली ंा प्राप्त कफल्में ंी फामूणले ंे नोनों "---

"अछछा तो रे कफल्में तो कनखाओ ।ंुा ने जैंी ", "जसा ुम भी तो नेखें, मुान रतन ंे उन नो आनरष्ंासों ंा नमहना । "
अपने ननंालंस से जेन कफल्में ने ुैसी ैंैैंी ंो ामा नी ।

“जसा ुैलींॉप्टस सम्भालना ।ड्राइहरका जैंी हुए ंुते "' सीट से उठ ाया ।

ंह छ ुी नेस नान ुैलींॉप्टस ड्राइर ंस सुा ाा ुैसी औस उसंे नसानस में नैठा जैंी उन कफल्मों ंो उलट पहलटंस नेख सुा ाा

उसंी आकखें इस तसु चमं सुी ाी मानो उसे नहननया ंी सनसे नड़ी नौलत नमल ाई ुो ।

अपने ंोट ंी जेन ुै उसने चमैंेे़ ंा एं पसण ननंाला, नोनों कफल्में उसमें ैंालंस उसने चेन नन्न ंस नी औस रापस एं
झटंे ंे साा ुैलींॉप्टस से नाुऱ अकधेसे रातारसर् में फें ं कनया ।।।

ऐसे उछला ुैसी, जैस, नरछछू ने ैंकं मास कनया ुो, महकु से ननंला…"ये आपने क्या कक्रया ?"

मास तन तं तो न नसफण जैंी ने रसरॉल्रस ननंालंस उसंी ंनपटी से सटा कनया, ननल्ं ाहसाण भी सुा ाा तहमने नेशं "---
चोसी से से में प्रयोाशाला ंी रतन ंसंे नड़ा ंाम कक्रया ाा ुैसी नेटे, लेकंन नच्चे ुो अभी यु भी नुीं समझते कं इतनी
ंीमती चीजे कंसी ंे ुाा में यू ुी नुीं ने नेनी चानुए । कफल्में तो अन रुाक जाएकाी जुाक पहुचनी चानुए मास तहम ंोई
ुसंत नुीं ंसोाे । नजस ानत से चला सुे ुो , आसाम ंे साा उसी सफ्तास से चलाते सुो ।"

जैंी ंे महकु से ननंली इस आराज ंो पुचानते ुी ुैसी ंा मनस्तष्ं जैसे अन्तरसक्ष में तैसने लाा ।

पााल से हुए अपोलो ने यु समझते ुी कं नजसे उन्ुोंने नाकध सखा ुै, रु रतन ुै औस ं रतन-ाे भेष में कफल्म लेंस ननंल
जाने राला अलफाकसे ुै। नीं लाा जम्प नाुस-

धनहषटकंास भी जैसे खूनी ुो उठा ाा। झपटा नाुस से ंक्ष भी रु-

ाैलसी में तीव्र ानत से नंसा भााा चला जा सुा ाा ।।

इसी तसु नोनों भााते साष्ट्रपनत भरन से नाुस अाा ाए ।

अपोलो तो सड़ं पस पाालों ंी तसु एं तसफ भााता ुी चला ाया।

साष्ट्रपनत भरन ंे नसराजे पस खड़े ंई सैननयों ने उसे सोंना चाुा लेकंन रु नुीं रूंा ।

ुाक। ाया रुं नहषटकंासध सा ुढ़नड़ाया पास ंे अनधंासी एं----

"क्या नात ुै मोण्टो ? तहम नोनों इस तसु घनसाए क्यों ुो ?" अनधंासी ने जल्नी प्रश्न कंया ।
धनहषटकंास ंा ध्यान उसंे प्रश्न ंी तसफ ंुाैँ ाा ?

रु तो तेजी से घसीट मासता हुआ अपनी ैंायसी पस ंह छ नलख सुा ाा ।

नलखंस उसने अनधंासी ंी तसफ नड़ा कनया ।

अनधंासी ने पढा औस चौंं पड़ा, नलखा ाा…"जो रतन अमीसे भरन साष्ट्रपनत अभी- ननंला ुै, रु रतन नुीं, उसंे भेष में
अलफाकसे ाा । जल्नी नताओ कं यु रतन ंी ंास ंो लेंस कंधस ाया ुै ?"

ुड़नड़ाुट में धनहंाकंास ंा महकु तांने ंे नसरा अनधंासी ंह छ भी न ंस संा ।

झहकझलाुट में धनहषटकंास ने जल्नी से नताने ंा इशासा कक्रया ।

"इधसंह ननना । ...छ सोचे। नी उठा उक ाली ंो तसफ एं ने अनधंासी से नौखलाए समझे-

झपटंस धनहषटकंास ने उससे ैंायसी ली । नैंी तेजी से घसीट मासंस उसने ैंायसी पहन। नी पंड़ा ंो अनधंासी :

अनधंासी ने पढ़ा, नलखा ाा----

…जल्नी से कंसी जीप ंा इन्तजाम ंसो ।"

नेचासा अनधंासीकन उसंा-माा तो जैसे एंनम शून्य ुो ाया ाा । परसनस्ानत ऐसी ाी कं यु ठीं से ंह छ भी सौच समझ-
ंे नशश ंी समझने ंह छ रु । ाा सुा पा नुीं ंसता भी ंै से ? इऩ पलों में उसे तो ऐसों ला सुा ाा कं जैसे उसंे पास
कनमाा नाम ंी ंोई चीज ुी नुीं ुै ।

समझता भी ंै से ?

परसनस्ानत ुी ऐसी ाी ।

उसंे सामने ाोैंी ुी नेस पुले भरन से रतन ननंला ाा । उसने चाुा भी ाा कं पूछ ले कं मुासाज !

इतनी सात ाए ंुाैँ जा सुे ुड ?


रतन से यु प्रश्न ंसने ंी नुम्मत नुीं जहटा संा ाा ।

उसंे औस अन्य सैननंों ंे नेखतेसभी । ाया चला औस नैठा में ंास रु नेखते-ुी- सैननंॉ ंो मन भी पस नात इस मन-ुी-
अपोलो साा ंे रतन रक्त इस कं ाा आश्चयण नुीं ाा ।

अपोलोजो-- रतन ंे अाानमन ंा प्रतीं ुै । सासी नहननया जानती ुै कं जुाैँ रतन पहुचेाा , उससे एं सैर्ंण ैं पुले 'अपने
ाले ंी धनण्टयाक नजाता अपोलौ अपने अााामन ंी सूचना नेाा ।

सैननंो ंी नजसों में यु पुला ुी मौंा ाा जन रतन अपोलो ंे ननना साष्ट्रपनत भरन से नाुस ननंला ाा ।

उस अनधंासी ने इसंे नलए भी रतन ंो सोंना चाुा ाा पस नुम्मत न जहटा संा ाा ।

औस अन नौखलाये से अपोलो औस धनहषटकंास नाुस अााए ाे ।

धनहषटकंास ंा ंााज पढंस रु समझा, ंह छ नुीं समझा लेकंन चीख पड़ा"। लाओ जीप"-

उसंे चीखने ंे नो नमनट नान ुी न जाने कंधस से एं जीप नौड़ंस आई औस ोंेंों ंी चसमसाुट ंे साा सैननं अनधंासी
औस धनहषटकंास ंे ंसीन रुंी ।

धनहषटकंास ने एं भी पल नुीं ाकराया । उसने जल्नी से ड्राईहरका सीट से ड्राइरस ंो ुटाया ।

न नसफण सैननं अनधंासी ननल्ं रुाक मौजून सभी सैननंों पस नौखलाुट सरास ाी । मास ंस ंोई ंह छ नुी संता ाा क्योंकं
धनहषटकंास से सभी उसी परसनचत ाे । ड्राइहरका सीट पस नैठते धनहषटकंास ने सनंो जीप में नैठने ंा इशासा कक्रया ।

तन जनकं अनधंासी सनुत सात सेननं जीप में नैठ ाए, कंसी धनहष से छू टे तीस ंी तसु जीप सैंं पस नोड़ पैंी ।

इतनी तेज ानत से कं उसमें नैठे सैननं नौखला ाए । कफस कंसी ाोली क्रीसी- सफ्तास से उनमें से ंभी कक्रसी सेननं ने जीप
ंो चलाते नुीं नेखा ाा । सन चहप ! सन्नाटा जैसा मौत में जीप !

ंोई नोले भी तो क्या ? सभी ंे कनमाा नौखलाए हुएकं यु तो नात पुली । ाे से- कंसी ंी समझ में यु नुीं अाा सुा
ाा कं यु ुो क्या सुा ुै ? नूससी नात…जीप ंी सफ्तास ।।।
.ंोई अछछा चालं भी इस सफ्तास से जीप चलाए तो उसमें नैठने राले अछछे अछछे ंाकप जाएैँ तो युाक-----युाक-औस---
सभाी सैननंों ंे कनमाा में यु नात भी ाी कं जीप एं नन्नस ड्राइर ंस सुा ।

सभी ंो ला सुा ाा कं नननश्चत रूपसे भयानं एक्सीैंेंट ुोने राला ुै ।

आनखस सैननं अनधंासी ने ंु ुी कनयाचलाओ धीसे जसा जीप"----, मोण्टो ।"

लेकंनाा राला सहनने कंसंी भला रु-, ंम ुोने ंे स्ाान पस जीप ंी सफ्तास नढी । नहनासा कंसी ंी नुम्मत न हुई कं
ंोई उससे सफ्तास ंम ंसने नलए ंु ने । सभी ंो लाा ाा कं उनंे ंुने पस सफ्तास औस नढ जाएाी ।।

ंह छ ुी नेस नान सढ़ं पस पाालों ंी तसु भााता हुआ अपोलो ुैइलाइटों ंी ससुन में अाा ाया ।

अपने तपस लाइट पड़ते ुी एं नास अपोलो ने पलटंस नेखा ।

इतनी नेस में ोंेंों ंी चीख ंे साा जीप उसंे नसानस में रूंी ।

-'"अपोलो ।---उधस ननंला से महकु ंे अनधंासी सैननं इधस "

ुरा में लुसाता हुआ अपोलो ंा नजस्म जीप में अाा ाया ।

जीप एं अटंे साा इस तसु अाााे रड़ ाई जैसे ंभी रुंी ुी नुीं ाी ।

जनसनस्त तीव्र ानत से जीप नौैंती ुी चली जा सुी ाी ।

चमन ंी नरनभन्न सड़ंों पस नौड़ने ंे अनतरसक्त जीप ने कंया ुी क्या ?

रु रस नौैंती सुी, नौड़ती ुी सुी । जैसे कं सैननंो ंो सम्भारना ाी, ंोई एक्सीैंेंट नुीं हुआ ।

आधे घण्टे तं जीप सड़क्रो, पस नौड़ती सुी । इस नीच

धनहषटकंास ने सभी सैननंों ंो समझा कनया ाा कं हुआ क्या ुै ।


रास्तनरंता ंा पता लाने पस उनंी नस्ानत भी अपोलो औस धनहषटकंास जैसी ुो ाईं ।

लाातास एं घण्टे तं सड़ंों ंी खां छानने ंे नान भी जन रतन ंी ंास ंुी ैँ नज़स न अााई तो नररश ुोंस उन्ुें
साष्ट्रपनत भरन ंी तसफ लौटना पड़ा ।

सभी सेननं इस रक्त अपने मुासाज ंे नशणन ंसना चाुते ाे । यु भी चाुते ाे ंे उन्ुें ुोश में लांस उनसे पूछें कं ऐसी
परसनस्ानतयों में ुमासे नलए क्या हुक्म ुै ?

कंन्तह तन, जनकं रे रुाैँ पहुकचे जुाैँ रे रतन ंो नकधा छोड़ ाए ाे ।

अपोलो औस धनहषटकंास ंे पैसों तले से जैसे धसती नखसं ाई । "

" मुासाज़ ंुाक ाए ? " नसनस ुी एं सैननं ंे महैँु से ननंला ।

ओंस रास्तर में…रतन अपनी जाु से ाायन ाा । से शम ंी यु ैंोसी नजसंी मनन से धनहषटंास ने उसे राकधा ाा, खम्ने ंे
ंसीन ुी फशण पस पैंी ाी ।

फशण पस से अलफासे ंे चेुसे ंे फे समास्ं ाायन ाा ।

धनहषटकंास ने ध्यान से नेखााी जरूस पहल्झी-उल्झी ैंोसी-, कंन्तह ंुीं से भी टू टी नुीं ाी ।।

उसंा सीधा सा मतलन ाा कं रतन ंे रन्धन खोले ाए ुड । अास यु सोचा जाए कं इस नीच रतन ुोश में आ ाया ुोाा
औस उसने खहन ुी स्रयक ंो से शम ंी इस ैंोसी ंी ंै ाेन से महक्त कंया ुोाा तो यु ालत ुोाा ।

धनहषटकंास जानता ाा कं उसने नन्धन इतने सख्ती ंे साा नाधे ाे कं उनमें नधने राला स्रयक कंसी भी तसु से अपने 'रन्धन
नुीं खोल संता ाा ।

ुाक अास ायाना नलशाली ुो तो नकधनों ंो तोड़ जरूस संता ाा ।

कंन्तह से शम ंी ैंोसी ंा सानहत ुोना इस नात ंा प्रमार् ाा कं रतन ंो कंसी ने खोला ाा ।।।
" कंसने ?"

युी एं सराल ुस कनमाग़ में चंसा उक ठा ।।

पूसे साष्ट्रपनत भरन में रतन ंो इस तसु खोजा ाया जैसे सहई ंो खोजा जा सुा ुो, पसन्तह रु नुीं नमला ।

साष्ट्रपनत भरन ंे अन्य पुसे नासों से पूछताछ ाई तो पता लाा कं न तो कंसी ने रतन ंो ुी नेखा ुै औस न ुी अन्य कंसी
सककनाध आनमी ंो ।।।

सहरु तं चमन ंा नच्चााया ुो ाायन से रूप आश्चयणजनं रतन कं ाया जान नच्चा- ुै । सासे चमन में जैसे मातम छा ाया ।
जाुजा-ु, तसु तसु ंे रातांलाप ुोने लाे । सात ंो ाहजने राली ाोनलयों ंी अााराजों औस नम ननस्फोटों ंी चचाणएक ुोने
लाी ।

चमन ंी ाल सेना ंे अध्यक्ष नमस्टस नाकनस ने चमन ंें से नैंयों पस चमन ंे नाारसंों ंो सम्नोनधत ंसंे ंुा कं मुासाज ंे
ाायन ुोने से घनसाने ंी ंोई जरूसत नुीं ुै ।

रे चमन ंे नहश्मनों से ननला लेने ंे नलए खहन ुी चले ाए ुड । उनंे नान चमन जी सक्षा उनंी फौज नखूनी ंस संती ुै ।

नाकनस द्वासा से नैंयों पस साष्ट्र ंे नाम प्रसारसत सकनेश ंा ताापयण यु ाा कं चमन ंे सामान्य नाारसं आतककंत न ुो संें ,
धनसाएक नुीं यु नूससी नात ाी कं नाकनस स्रय घनसा सुा ाा ।।

स्रयक उसंी समझ में नुीं आ सुा ाा कं रतन ंुाक चला ाया औस उसे ंुाक ढू कढा जाए ?

रतन ंी खोज में ंईं कनन ाहजस ाए, लेकंन रु कंसी ंो न नमला ।।

कफस!...सहनु कनन एं...

सासे चमन में जैसे तूफान आ ाया ।।

नजसने नेखा रुी नका , आकतकंत , भयभीत औस ैंसा हुआ ।


सासा चमन जैसे आंाश ंी तसफ नेख सुा ाा । नूढे, जरान, मनुला, पहरुष इायाकन सभी ंी ननााुें चमन ंे तपस चंसाते
उस ुेलींॉप्टस पस ाी ।।

सभी ंे चेुसे पीले पड़े हुए ुै सासे चमन ंे सााभी अपोलो अाौस धनहषटकंास साा- साष्टपनत भरन ंी छत पस खड़े उस ंो
नेखसुे ाे । उसंे नसानस में ुी खैंाे़ ाा, ालसेना अध्यक्ष नाकनस ।

सनंी ननााु चमन ंे तपस चंसाते उस ुेलींॉप्टस से नीचे लटं सुे इन्सानी नजस्म पस ायाना ाी ।

रु नजस्म ुेलींॉप्टस ंे साा नकघा एं लाश ंी तसु लटं सुा ाा ।

ुैलींॉप्टस ंे नरपसीत कनशा में उड़ता। रु ाा सुा ुो प्रतीत सा-

नाकनस ने तो ंुा भी ाा कं इस ुैलींॉप्टस ंो कंसी ाोले से मास नासाया जाए कंन्तह न जाने क्या सोचंस धनहषटकंास ने उसे
ऐसा ंसने से सों कनया ाा ।

ुरा में चंसाते ुैलींॉप्टस ने भी चमन ंे अनें चक्कस लााने ंे अलारा ंह छ नुीं कंया । ुाक…रु ननजीर ुैलींॉप्टस नजस्म सा-
। ाा सुा लुसा जरूस साा ंे

ंाफी नेस तं उस ुेलींॉप्टस ने चमन ंे नाारसंों ंो आतककंत सखा । अन्त में…रु समहद्र ंी तसफ महड़ा ।साष्ट्रपनत भनन ंी
छत पस खड़े घनहषटकंास, अपोलो औस नाकनस इस रक्त ुैलींॉप्टस ंो स्पष्ट नेख सुे ाे ।

रे साष्टपनत भरन ंी छत पस ाे औस भरन ंा एं नुस्सा साास ंी लुसों पस ुी खैंा ाा ।

कंनासे से ाोैंी साास ंे तपस एं सैकंक ैं ंे नलए ुैलींॉप्टस ुना में नस्ास हुआ ।

उसी सेकंैं में ुेलींॉप्टस ंे नीचे नधा रु नजस्म साास में अाा पड़ा । "

नसंो नजस्म उस- साास में ैंालने ंे नान ुैलींॉप्टस साास ंे तपस से ुोता हुआ प्रनतपल नूस ुोता चला ाया ।
धनहषटकंास औस अपोलो साष्ट्रपनत भरन ंी छत से नीचे ंी तसफ भााे, नाकनस उनंे साा ाा ।

इस नृष्य ंो नेखने राले अन्य लोा भी साास ंी तसफ जाने ंी सोच सुे रे, कंन्तह सनसे पुले ये तीनों ुी उस स्ाान् पस
पहुचे रु नजस्म साास ंी लुसों ंे ापेड़े खा सुा ाा ।

धनहषटंास ने अाार नेखा न तार, समहद्र में जम्प लाा नी ।।

उसंे पीछे नाकनस भी झपटा ाा ।।

अपोलो कंनासे पस ुी खड़ा उनंी तसफ नेख सुा ाा ।

तैसते हुए रे नोनों उस नजस्म ंे पास पहुकचे ।

नजस्म पानी पस महकु ंे नल पड़ा लुसों ंे ापेड़े खा सुा ाा । यु नेखते ुी धनहषटकंास औस नाकनस ंे सोंाटे खैंे ुो ाए कं
उस नजस्म पस सफे न ंपड़े ाे, कंन्तह जाु। हुए जले से जाु- सासा नजस्म जला हुआ! तसु नूसी-

मानो ंमकंसी नमनट नो ंम-से- भकयंस जलती हुई अााा में पड़ा सुा ुो रु ।।।

उन्ुें लाा यु रतन ुै ंपड़े सफे न--- लम्नाई इायानी तो युी साननत ंसती ाी कं यु रतन ुै ।

नाकनस औंस धनहषटकंास ंे कनल नहसी तसु धड़ं सुे ाे । मास, उन्ुोंने उस नजस्म ंो पंड़ा औस कंनासे पस ले आये ।।

कंनासे पस अभी महकु ंे नल पड़ा ाा ।

अजीन सीं चीख ंे साा नंसा सो पड़ा । ंापकते ुाा औस धड़ंते कनल से नाकनस ने उसे पलट कनया ।।

नजस चेुसे े पस पड़ी ।


उफ़, नहसी तसु जला हुआ चेुसा । ंाला ऐसा जैसे ंोई ाुा जलंस अपने आंास में सु ाया ुो । झहलसा हुअाा-, नूसी
तसु जला हुआ रीभास चेुसा ।।।

नाकनस औस धनहषटकंास ने नस ध्यान से नेखा ।

सासा चेुसा इस ंनस जल ाया ाा कं ठीं से पुचान में भी नुीं आ सुा ाा ुै एंाएं उसंी ननााु मस्तं पस पैंीे़ ।

रुाैँ एं नल पढ़ हुआ ाा ।

मस्तं पस रल प्रमार् ाा यु कं ाा प्रमार् रल यु ------ रतन ुै ।

चमन ंी मसीुा ुी तो ाा रु ।

रतनतसु नहसी----हुआ झहलसा----

'"जला हुआ रतन ।"

उस समय नरंास एं ससनास ंे मेंअप में ाा ।

ुालाककं ऐसे ंाम पसन्न नुीं ाे लड़ंे ंो ।।

रु तो खहला खेले खेलने ंा शौंीन ाा ।।

चाुता ाा कं नहश्मन उसे पुचाने औस रु नहश्मन ंो । ैंटंस आमना सामना ुो औस पता ला जाये कं ंौन कंतने पानी में
ुै ।

कंन्तह। ाा कंया मजनूस ने नरजय उसे नलये ंे ंसने ंाम छह पांस चेुसा असली अपना----

ऐसी नात नुीं कं जासूसी ंे नाकरनरजय । ाा नुीं जानता रु ंो पेचों-, प्रीसेज़ जैक्शन, जैंी औस अलफाकसे जैसे प्रनशक्षर्
पाने ंे पश्चात् रु इन चास मुान ुाकस्तयों ंी नरनभन्न शनक्तयों ंा एं पहतला नन ाया या कंन्तह --

----उसंा ंुना ाा कं जासूसी ंे कंसी भी पडतसे से मकनजल ंी ओस नढ़ने ंी ानत नहुत धीमी ुोती ुै ।।
अपनी ानत रु धीमी नुीं सखना चाुता ाा ।। रु तो चाुता ाा कं नजतने भी धहसन्धस ुें मैनान में ंू नें औस मामला आसपास
ंस लें।

कंन्तह ननजय ने ंुा ााअनभमन्यह ुी जैसा तहम"---- नहश्मन ंे चक्रव्यूु में ऐसा फक सा कं कफस ननंल ुी नुीं संा ।।।

उस चक्रव्यूु से भी अनधं सहनढृ व्यूु इस समय नहश्मन ने चमन में सचा ुै !!

उस चक्रव्यूु में अनभमन्यह ननांस ुम तहम्ुें भेज सुे ुड नरंास । सोच ंुानी ंी अनभमन्यह ंुीं ! उठाना ंनम समझंस-----
। जाये ुो न पहनसारृनत ंी

तनी तोंे ससनास नननेशानहसास ंे नरजय- मेंअप में ाा रु ।

उसी मेंअप में चमन ंे एयसपोटण पस उतसा ।

जो शक्लाा सखा उसने नाम औस सूसत-, उसी से उसंा पासपोटण औस नीजा इायाकन नने ाे । ंस्टम से नाुस आंस लड़ंे ने
अपने चासों औस तीक्ष्य नृनष्ट से नेखा । उसे ंोई सनन्नग्ध व्यनक्त नजस न आया ।

साधासर् चाल से चलता हुअाा रु एं नाारूम में घूस ाया ।

अपनी योजनानहसास अन उसे एं मौलरी ंा रूप धासर् ंसना ाा । चटखनी चढ़ांस नाारूम ंा द्वास उसने अन्नस से नन्न
कंया । अभी अपना इसाना पूर्ण ंसने ुेतह रु सूटंे स खोलने ुी राला ाा कं…

----"रुआयेाा जरूस ं नशंासी कंसी "!ाहुे ंी भाकनत इस चीनी आराज ने नरंास ंे ंान खैंेे़ ंस कनये ंे धैयण ुमें"--
ंो नरमान ुस राले आने से भासत साा, चैं ंसते सुना चानुए चीफ ने ुमें युी आनेश कनया ुै ।"

-"नो कनन तो ुो ाये भासत से आने राले ुस नरमान ंो चैं ंसते ।"!......रु तो तं अभी"----आराज नूससी " "तहम
में युी ंमी ुै सूकापी ।" नातें चीनी भाषा में ुी ुो सुी ाींतो यु । ुो जाते ुो ुताश ुी जल्नी तहम "- तहम समझ ुी
संते ुो कं नपछले कनन रतन औस नरंास नहुत अछछे नोस्त नन चहंे ुड ।। रतन उस रकन्नस ंा साा भाई ुै नजसे नरंास
नहुत प्यास ंसता ुै । रतन ंा जो स्टेटमेंट नरश्व ंे अ१नासों में छपा ुै, उसे पढते ुी नरंास समझ जायेाा कं रु खतसे में
ुै । रु युाक अरश्य आयेाा ।।। नकनस तो अंे ला ुी आ ाया ुै उसे तो चीफ ने पंड़ंस ंै न में ैंाल ुी सखा ुै । अन तो
नस नरंास ंी प्रतीक्षा ुै। "

"यु तो मड भी मानता हक कं रु युाक अरश्य आयेाा, कंन्तह ......


" -कंन्तह क्या ?"

"ंुीं ऐसा न ुो कं ुम उसे युीं तलाश ंसते सुे अाौस रु रतन तं पहुकच जाये ।"

" ुालाककं ऐसा तो ुौाा नुीं औस अास ऐसा ुो भी ाया तो ंौन लेाा मास मास तीस सा-?" चीनी भाषा में ंुा ाया ।"

"चीफ ने साष्ट्रपनत भरन में ऐसा जाल ननछा सखा ुै कं रु नच नुीं संे ाा, रतन से नमलने से पूरण ुी रु उस रन्नस ंी
तसु चीफ ंी ंै न में ुोाा ।।"

-"महझे नो ैंस लाता ुै ।"

धीसे से ुकसा ंोई, नोलाखैस । उसंे ुो ैंसते से नाम तो तहम"----, चलो"। भााे ननंल न नन्नस रु ंुी-

एं ंान नरंास नात एं-लााये सहन सुा ाा । नात चीत ंी यु आराज उसंे नसानस राले नूससे नाारूम में से अाा सुी
ाी । इन नातों से स्पष्ट ाा कं चमन में चीनी पूर्ण तया अपना जाल फै ला चहंे ुड ।।

उनंी नातों से यु भी स्पष्ट ाा कं धनहषटकंास चमन में आते ुी रतन ंो नमलने ंे जाु पस इन लोाों ंे ुाा पड़ ाया ुै
औस इन्ुोंने उसे ंै न ंस नलया ुै । नरंास भूल ाया कं रु नाारूम में कंस मंसन से आया ाा ।

रु तो उन आराजों ंो सहनने में व्यस्त ाा । नसराजा खहलने ंी आराज सहनी उसने ।।

कफस नन्न ुोने ंी ध्रनन ।

शीघ्रता से नरंास ने अपने नाारुम ंा नसराजा खोलंस एं नझसी सी ननाई । नाुस झाकंा ननंलंस से नाारूम राले नाह्रस-
। ाे सुे जा नाुस चीनी नो

मेंअप परसरतणन ंा नरचास ायाांस नरंास उनंे । लपंा पीछे-

उन नोनों। ाी तीव्र ंाफी ानत ंी-


अभी तं नरंास उनमें से कंसी ंा चेुसा नुीं नेख पाया ाा ।।।

एयस पोटण ंी इमासते से नानुस ननंलंस उन्ुोंने एं टेक्सी ली ।

नलख़ने ंी आरश्यंता नुी कं नरंास ने भी एं अन्य टेक्सी ंी सुायता से उनंा पीछा कंया ।

चमन ंे नाजास औस सड़ंों से भलीभाकनत परसनचत ाा नरंास । ंसीन एं घण्टे पश्चात आाे राली टेक्सी ाोल नाजास ंी एं
इमासत ंे सामने रुंी ।

अपनी टेक्सी ंो नरंास आाे ननंलरा ले ाया । टेक्सी में नैठे ुी रैठे नरंास ने नेख नलया ाा कं टेक्सी नाले ंा नरल अना
ंसंे रे नोनो उसी इमासत में प्रनरष्ट ुो ाये ुै ।

नरंास ने अपनी टेक्सी रुंराई । नरल नेंस टेक्सी राले ंो ननना कंया औस स्रयक रापस उस इमासत ंी औस नढ़ ाया ।

इमासत ंी नाल में ुी उसे एंक पतलीआई नजस ाली सी-, उसी में प्रनरष्ट ुो ाया नरंास ।

कनल तो उसंा चाु सुा ाा कं रु धड़धड़ाता हुआ इमासत में घहस जाये । नोनो- ुााे ुों औस पता ला जाये कं चक्कस क्या
ुै ? कंन्तहंे ाहरु नरजय नास-नास- नननेश यान अााने पस रु स्रयक ंो सोंता ।

इतना तो रु समझ ुी चहंा ाा कं रास्तर में नहश्मनों नेसनंो में चमन- फक साने ंे नलये चक्रव्यूु ंा ननमाणर् ंस सखा ुै ।।

अत। चानुये ुोना प्रननष्ट में व्यूु इस ंे समझंस-सोच उसे :

उसने नेखा ाी नन्न जांस आाे ाली सी-सकंसी रु--। ाली ंे अन्नस कंसी मंान इायाकन ंा नसराजा भी नुीं ाा ।।

ान्नाी से भसी पड़ी रु ाली ।

नोनों तसु ंी इमासतों ंे पतनाले उसी में खहल सुे ाे । उसने नेखापानी ान्ने- ंे पाइपक उस इमासत ंी नीरास ंे सुासे सुासे-
नीचे पहुकच सुे ाे नजसमें रे नोंनो चीनी ाये ाे ।
नरंास ंो समझते नेस ना लाी कं इस ानल में ंोई आता जाता नुीं ।

कफस क्या ाा ?

ान्ने पानी ंे एं पाइप ंे सुासे रु तपस चढ़ने लाा ुै इस प्रंास ंे ंायण अन नरंास ंे नलये उसी प्रंास आसान ुो ाये
ाे, जैसे कंसी ससाहल्ले ंो खा जाना ुै उसने ऐसा पाइप चहना ाा, जो सीधा इमासत ंी छत तं पहुकचता ाा ुै रन्नस ंी सी
फह ती ंे साा रु पाइप पस चढता चला जा साु ाा ुै

--- उस समय रु इमासत ंी एं नन्न नखैंंी ंे समीप से ाहजस सुा ाा कं--

भड़ां से नखैंंी खहल ायी पाइप नरंास ंे ुाा से छू टतेुै नचा-छू टते- रु एंनम इस प्रंास ंी अप्रायानशत घटना ाी कं
नजसंी नरंास ने ंल्पना भी नुीं ंी ाी ।

नखैंंी पस उसे एं आनमी नजस आया ुै

परसनस्ानत ऐसी ाी कं नरंास जैसे लैंंे ंे नजस्म में भी झहसझहसी सी नौड़ ायी ।

रु तो सम्पूर्ण फह ती ंे साा पाइप पस चढता चला जा सुा ाा ।

उसंा ध्यान तो नसफण अपने लक्ष्य अााणत् छत ंी तसफ ाा । उसे तो यु ंल्पना भी नुीं ाी कं नीच में ुी यु नखैंंी इस
अप्रायानशत ढका से खहल पैंेाी ।

नखड़ंी पस चमंने राले इस चीनी ंे ुाा में रसनॉल्रस नेखंस तो उसंे नजस्म ंा सोयाक। ाया ुो खड़ा सोंया-

रसराणल्लस ंा रुख ननंास ंी अाोस ुी ाा औस उसंी तसफ नेखता रु नहुत ुी भयानं ढका से महस्ंसा सुा ाा । नननचर सी-
। नरंासा या ाया फक स में नस्ाती

नोनों ुााों से उसने ंसंस पाइप ंो पंड़ सखा ाा ।


नाकतों में नना ाा सहटंे स ंा ुडनैंल ।

जमीन ये इतना तपस। ाा संता नुीं ंू न रु कं ाा चहंा अाा-

"इसक तसु चासों ंो भाैँनत कंसी ंे मंान में नानखल ुोना नहसी नात ुै नमस्टस नरंास । में भाषा अपनी से आसाम ने चीनी "
।। ंुा

महकु से ंोई जनार नेता नरंास तो महकु से नैा ननंल जाना ाा । नजस ढका रु फक सा या, उस ढका से फक सने ंी उम्मीन ंम-
। ाी ुींन ंी तो उसने ंम-से

चहपचाप महखों ंी तसु उस व्यनक्त ंो नेखते ंे अनतरसक्त नरंास ंस भी क्या क्या संता ाा?

ुाकलाा सा -पुचाना जाना ंह छ उसे चेुसा ंा चीनी उस - ।

अभी रु उसी नस्ानत में ाा कं--------

रु नोला" ! जाओ आ में ंमसे से सास्ते ंे नखैंंी इस आओ"---

ंुने ंे साा ुी चीनी ने एं ुाा उसंंी तसफ नड़ा कनया । नरंास उसंे साुस पस आश्चयणचकंत ाा । रु अछछी तसु
जानता ाा कं चीन में उसंे उसंा कंतना आतकं ुै ,, नच्चाुै ंाकपता से नाम उसंे नच्चा-, कंन्तहउसे व्यनक्त यु कंन्तह--
अनम्य साुसी लाा । उसंी नातों से ुी लाता ाा कं उसंे कनलक पस नरंास ंा ंोई प्रभार नुीं ुै ।

नरंास ने ुाा नढा कनया ।।

उसने ंसंस पंड़ नलया । एं पैस पाइप से ुटांस नरंास ने नखड़ंी पस सखा औस कफस रु साा ंे झटंे तीव्र इतने---
नौखला चीनी रु कं आया अन्नस ंे नखड़ंी जाये।।

नरंास ने नरनचर ढका से भयानं फह ती ंे साा उस पस जम्प लााई ाी । उसे आशा ाी कं चीनी नौखला जायेाा,

कंन्तह , नौखेलाना उसे ुी पड़ा ाा । चीनी ंो जैसे मालहम ाा कं नरंास यु ुसंत ंसे ाा ।।
नरंास से अनधं फह ती ंा प्रनशणन ंसता हुआ र ु नरंास ंा ुाा छोड़ंस अला ुट चहंा ाा ।।

महकु ंे नल नरंास ंमसे ंे अन्नस फशण पस जा नासा ।

नैा उसंे महकु से ननंलंस पुले ुी ंमसे में नास चहंा ाा ।।

नासते ुी भयानं फह ती ंे साा रु उठ ंस खड़ा ुो ाया ।।

घूमा, सामने ुी ुाा में रसनाैँल्रस नलये खड़ा चीनी महस्ंसा सुा ाा ।

नरंास ने उसंे चेुसे ुो ध्यानपूरणं नेखा । नरशेष रूप से उसंी आकखों ंो ुै नरनचर ढका से नरंास ंी आैँखें नसंह ड़ती चली
ायी ।

अाले ुी पल उसंे महकु से ननंला"। ाहरु हैँ ाया पुचान तहम्ुें"----

" अ पुचाने क्या तो पुचाने अन--?" चीनी ंे महकु से अलफाकसे"--ननंनल आराज ंी ---'ुमासे जाल में फक संस युाक तं
तो पहुकच ाये ।"

आाे नड़ंस अलफाकसे ंे चसर्ों में झहं ाया नरंास । श्रद्धापूरणं चसमस्पशण- कंये, नोला ाहरु ाया इसनलये भी फक स"------
।। ाा तहम्ुासा जाल ये क्योंकं सुी पुचानने ंी नात, तो उसंा जरान यु ुै कं आपंी सूसत ुी ध्यानपूरणं नेखने ंा मौंा
महझे अन नमला ुै"

" खैस ।अशफ "ाााकसे ने ंुा… "नैठो । ाा ंौन नूससा साा अाापंे "---पहछा ने नरंास हुकए नैठते पस सोफे पैंेे़ में ंमसे "
। ाहरु'"

"आपंाक नखनमताास ।हुआ ननंालता आराज ंी नपशाचनाा सै महकु अपने चीनी नूससा " ंमसे में प्रनरष्ट हुआ ंसें क्षमा"-----
मुासाज महझे छंह सन यु । मुासाज शेसहसकु ंी आज्ञा पस ंसना पड़ा पैस ंे नरंास ने नपशाचनाा ुी साा ंे ंुने "! छू
नलये ।।
तीनों ुी आसाम से सोफे पस नैठ ाये ।

"ये सन चक्कस क्या ुै ाहरु ?" नरंास ुै पूछा ुै सुे ंस क्या में चमन आप"----?"

------"'चक्कस अछछे नेने नना घनचक्कस ंो खोपैंी ंी आनमी खासे-नाला ुै नरंास प्यासे " ! .' अलफाकसे ने नताया-----
में चमन ुमासे धनहषटंास तहम्ुासा" पहुचनें से पूरण ुी रतन ंे पास पहुकच चहंा ुै औस मजेनास नात तो यु ुै कं एं अलफाकसे
भी रतन ंे पास पहुकच चहंा ुै ।"

" क्या मतलन ?" चौंा नरंास ।

" मतलन एंनम साफ ुै ।अलफाक "से ने नताया से रतन में मेंअप मेसे ुैसी "---- नमला ुै । रतन, धनहषटकंास औस अपोलो
उसे अलफाकसे ुी समझते ुड । तहम समझ संते ुो कं यु सन ंह छ रु ंे ंसने प्राप्त फमहणला ंा --एम रेरज-- नलये ंससुा
ुै ।"

“ओु ।" नरंास ंा चेुसा ाकभीस ुो ायाचूंा पहुकच ुैसी तो "---- ुै युाक ।"

"उधस रु अपनी नात चाल सुा ुै औस इधस ुम अपनी अलफासे ने नताया ।

"ंै सी चाल ?"

"रह्र सन ंह छ नान में सकमझना ।कं लो समझ यु जसा पुले"--ंुा ने अलफाकसे " युाक ंै से क्या ुो सुा ुै ंे अखनास में
रतन ंा स्टेटमेंट पढंस ुी मड औस नपशाचनाा युाक पहुकचे ुड । पहुकचते ुी चौंे , क्योंकं पता लाा कं पुले ुी एं अलफाकसे
युाक पहुकच चंा ुै । यु पता लााने ंी तसंीन सोच ुी सुे ाे कं रु ंौन ुै कं अचानं ुमासे ाले में पड़ा ये लॉंे ट रुपी
ट्रासमीटस स्पांण ंसने लाा । ओनपन ंसंे नातें ंी तो पता लाा कं नूससी ओस से नरजय नी णेट नोल सुे ाे ।

उन्ुोंने पूछा कं, ुम ंुाक से नोल सुे ुै ? ुमने शसाफत से नता कनया । नूससों तसफ से ंुा ाया कं रतन ंे पास जो
अलफासें पहुचा ुै रो ुैसी ुै । ुमने ुमने पूछा कं यु चक्कस क्या ुै ? रु ंुाक से नोल सुा ुै ? जरान आया।। से चीन--
ुम चौंें । चौंने ंी रजु भी ाी । चीन ंा नच्चा नच्चा नरजय, ंा नहश्मन ुै औस उसी, चीन से नरजय नोल सुा ाा ।
साा ुी चीन में नैठे नैठे उसे यु भी मालूम ाा कं चमन में रतन ंे पास जो अलंाकसे पहुैँचा ुै, रु ुैसी ुै । नहुत से-
में कनमाा ुमासे सराल चंसाने लाे नजनंा जनान ुमने नरजय से माकाा ।।

उुस में नरजय से ंुा कं 'जन तं सासा चक्कस ुमें नुीं नतायेाा, ुमासी समझ ुड … ंह छ नुीं आयेाा । अत ने नरजय :
चक्कस पूसा ुमें ुी पस ट्राकसमीटस समझायाक ।।
नताया कं कंस जासूस ंे साष्ट्र नरनभन्न प्रंास कंस-'रेरज एम' ंा फामू'ला प्राप्त ंसने ंे नलये चमन ंी ओस चले ुड । यु
भी नताया कं सभी साष्ट्रों ंे जासूसों ंो नांाम ंसने ंे नलये उसने भासतीय जासूसों ंा जाल कंस प्रंास ननछाया ुै ।। उसने
नताया कं अमेरसंा में अशसफ ने सूचना भेजी ुै कं ुैसी ने ट्राकसमीटस द्वासा अपने चीफ ंो रसपोटण भेजी ुै कं रु अलफाकसे ंे
मेंअप में रतन तं पहुकच चहंाक ुै । युी खनस उसने महझे नी ।। यु भी नताया कं आज कंसी समय एं ससनास ंे भेष में
तहम युाैँ पहुकचने नाले ुो । नसुमने पस सूचना उसी- तहम्ुें एयसपोटण पस पंड़ा औस कंस मजे से तहम्ुें युाक तं ले आये ।"

" लेकंन ाहरु, जन आपंो मालूम ुै कं रु ुै तो ---?"

"तो क्या ?"

“क्यों नुीं साष्ट्रपनत भरन में पहुकचंस, रतन से नमलंस उसंी असनलयत खोल नेते'"

"उससे क्या, ुोाा ?"

"ुोंना क्या ुै, 'रैरज एम' ंा फामहणला प्राप्त ंसने ंे उसंे इसानों पस पानी कफस जायेाा ।"' नरंास ने ंुा इसंे "----
ं आने में चमन अनतरसक्ताा ुमासा मंसन भी क्या ुै ?"

"'मामला अास हसकफण ुैसी तं ुी सीनमत ुो नरंासक प्यासे , तो तहम्ुासा नताया हुआ सास्ता सुी ाा । अलफाकसे ने ंुा--
नाासोफ रनल्ं नुीं ंा ुैसी नसफण कंस्सा युाैँ लेकंन", जेम्स नाण्ैं तहालं अली नहससत खान, साकापौं , ुरानची औस
हसकासी इायाकन ंा ुै ।"

"क्याआपंो मालूम ुै कं ये सन लोा ंुाक ुै औस क्या ंस सुे ुड ?"

" युी तो मालूम ंसना ुै ।ये कं ुै स्पष्ट तो नातें यु"----ंुा ने अलफासे " सभी अला अला फामहणला प्राप्त ंसने ंे नलये
अपनाुै ंे चू जमा मोचाण अपना- लेकंन ंौन ंुाक कंस तां में ुै, युी पता लााना ुै ।"'

" लेकंन यु पता ंै से लाेाा ?"

…"चहपचाप युाक नैठे तमाशा नेखते सुो स्रयक ुी पता ला जायेाा ।ने अलफासे " ंक ुा…अाऱ ुम मडनान में पुले ंू न पड़े तो रे
सभी ुमासे प्रनत सतंण ुो जायेंाे । अपने से पुले मैनान में ंू नने ंो अरसस ुमें उन्ुें नेना ।"
"'मड समझ नुी सुा हुक ाहरु, कं आप ंुना क्या चाुते ुड:' जै"

-"रु साला जासूस ंी नहम ठीं ंुता ुै तहम्ुासी खोपड़ी में अक्ल ंी नात नुीं घहस पाती ुै ुमासा अने"-ंुा ने अलफाकसे "
समय उस ुमें कं ुै यु मतलन सीधासा मैनान में ंू नना ुै जन सन ंी नस्ानत ंा, ज्ञान ुो जाये ।

" ुम रु ज्ञान प्राप्त ंसते ुी सु जायेंाें अाौस ुैसी फामहणला प्राप्त ंस लेाा ।। ंुाक ने नरंास "

ुल्ंे से महस्ंसाया अलफाकसे । रुी महस्ंान् जो अक्सस ऐसे समय उसंे ुोंठों पस उभकसा ंसती ुै । ।।

" फामहणला प्राप्त ंसना उतना आसान नुीं ुै नैटे, नजतना तहम समझ सुे ुों । पुली नात तो रतन ने उसे इतनी लापऱराुी से
नुीं सखा ुोाा ंी ंोई उसे आसानी से प्राप्त ंस ले औस नूससी नात यु कं साकााों, नााासोफ औस जेम्स नाण्ैं इतनी
ससलता से उसे फामहणले ंे साा अमेरसंा नुीं पहुकचने नेंाें । माना कं ुैसी फामहणला ननंालने में सफल ुो
जाता ुै । नीच में नरनभन्न नेश ंे जासूस उसंा मााण अनरूध ंसें ाे नस-- -ुमें नरकनत ुो जायेाा कं कंसने ंुाक क्या मोचाण
लााया ुै ? यु पता लाते ुी ुम स्रयक भी मैनान में ंू न पड़ेंाे ।"

" क्या अााप स्पष्ट शब्नों में महझे अपनी योजना नुीं नता संते ाहरु ?"

" नता तो नी ुै ।ंुा ने अलफासे "…"इससे स्पष्ट अाौस क्या नतातक-? तहम एयसपोटण से सीधे साष्ट्रपनत भरन पहुकचंस ुमासी
सासी योजना पस पानीफे स न - नो युी सोचंस तो ुम तहम्ुें सीधे युाैँ ले आये । रैसे तहम्ुें एं नात नता नें औस रु, यु
कं सन ंह छ ंसने ंे नलये ट्राकसमीटस पस जासूसक प्यासे ाे ुी ुमसे ंुा ाा । यु भी ंुा ाा कं तहम्ुासे युाक पहुकचते ुी ुम
ट्राकसमीटस पस उससे सम्नन्ध स्ाानपत ंसें ।।"

नरंास चहप ुी सुा न जाने क्या सोच सुा ाा रु ?

अलफाकसे ने अपने ाले से लोंंे टस्ाानपत सम्नन्ध औस ननंाला ट्राकसमीटस रूपी- कंया ।

"'चमाानड़ ंी मम्मी स्पीकंक ा ।। उभसा स्रस ंा नरजय से तसफ नूससी "

"'मड चमााकनड़ ंा नाप नोल सुा हक ।। ंुा ने अलफासे महस्ंसांस से ुल्ंे "

" ुाकय । नापू ंे चमाानड़""-ुै ाया ंुा से तसफ नूससी ", ंुाक ुो तहम ? मड चीन ंी नीरास पस उल्टी
तहम्ुासी नरसुानग्न’ ंा स्रान चख सुी हैँ ।। मडने जो अााम ंा अचास तहम्ुासे पास भेजा ाा, रु पहुकचा या नुीं
।"
"पहुकच ाया ुै ।"। चखो स्नान"-ंुा ने अलंाकसे "

ंुते हुए अलफाकसे ने ट्राकसमीटस नरंास ंो पंड़ा कनया ।

नरंास ने ंुा…"पाकर लााूक ाहरु ।"

" जल्नी से ुो जाओं शहरु ।। आराज ंी नरजय "

" ाहरू ये सन चक्कस क्या चल सुा ुै ुड"

"ये ज्ञान ंी नातें ुड प्यासे कनलजले । तहम समझने ंी ंोनशश ंसोाे तो ुमासी तसु चमाानड़ ननंस उल्टे लटं जाओाे । "
ाा ुास ंु नरजयक से ओस नूससी… महझे तहमसे नसफण इतना ुी ंुना ुै कं तहमसे अपने लूमड़ भाई ंुे जो-, आैँख, ंान,
नां, महकु नन्न ंसंे रु ंसते चले जारो ।"

" क्या मतलन ाहरु ?"

"मतलर ंल्लो ंुासी ंे मकजे हुए नतणनों ंौ तसु एंनम साफ ुै प्यासे कनलजले । कनमाा औस धैस् यसे ंाम लोाे तो ंामयान
ुो जाओाे, रसना प्यासे , अन्तसोंष्ट्रीय जासूसों ंे चक्रव्यूु में फक संस अनभमन्यह ुी ंुलारोाे
"

"आपंे ढका से ंाम ंसना मेसे नस ंा नुीं ुै ाहरु ।"

"तहम क्या ंसना चाुते ुो ?"

" मड तमाशा घहसंस नेखना चाुता हक । नुीं ैंसपों मड-ंुा ने नरंास" जो जासूसों ंे चक्रव्यूु से ैंरुक ।"

" महझे नुानहस आननमयों से ैंस लाता ुै प्यासे । ने में ुाा ंे भाई लूमड़ अपने तहम ट्राकसमीटस कं ुै अछछा-आराज ंी नरजय "
"। नो
" मड ंह छ ंसने ंी इजाजत चाुता हैँ ाहरु "!

" क्या ंसने ंी ?"

"अभी मड स्रयक भी नुीं जानता कं क्या ंसना ुै महझे ?" नरंास ंा स्रस ननसन्तस ाम्भीस ुोता चला जा
'सुा ाा…"इस अनभयान ंो शहरू से ुी आपने महझे अपनी योजनाओं ंे चक्कस में नाकध सखा ुै । इस तसु ंाम ंसना से महझे
नोरसयत आती ुै । मड खहलंस ंह छ ंसना चाुता हैँ । अछछा ुै कं आप अपनी योजनाओं ंे अैँंहश महझ पस न लाायें ।। महझे
अपने ढ़ा से ंाम ंसने ने । महझे नसफण इतना नरकनत ुै कंक ुैसी ाहरु ंा मेंअप ंसंे रतन ंे पास चला ाया ुै । मड ुैसी ंो
इस ह्रसंत ंा सनं नेना चाुता हक ।"

"नजस आनमी ंो यु नुीं पता कं रु ंसना क्या चाुता ुै रु ंसे ाा क्या ?"

…"ंह छ भी सुी ाहरु महझे मेसे ढका से ंाम ंसने ंी इजाजत नी जाये ।"
नरंास ने ंुा -'"ंाम ंसने से पुले योजना ननाते सुना अाापंा नसद्धान्त ुोाा, मेसा नुीं । मेसा नसद्धान्त ुै, ंाम ंसो
। जैसे ुालात ुों, रैसे ुी ढ़ा ुो ।"

"मेसी एं नात मानोाे प्यासे कनलजले ?”

-"अमी तं आपंी ुी तो मानता चला आया हैँ ।"

"एंक औस मान तो ।"

"आज्ञा ।"

--"ये ट्राकसमीटस अपने लहमड़ प्यासे ंे ुाा में ने नो ।ुम----ंुा ने नरजय " साधह नातें से पापी जैसे तहम औस ुै आनमी सकत-
ंी समय अमूल्य अपने ुम ंसंे ानणन तलरास से नुीं ंाट संते । ुमें लूमड़ भाई से ज्ञान ंी नात ंसनी ुै ।"

एं क्षर् ंह छ सोचा नरंास ने कफस चहपचाप ट्राकसमीटस अलफाकसे ंी तसफ नढ़ा कनया ।

अलफाकसे ने ंुा"। नरजयक हक सुा नोल मड"--


" सोंा कंसने ुै नोलते सुो ।"

महस्ंसाया अलफाकसे, नोला नोलू-


क क्या "--?"

"प्यासे लूमड़ भाई, अपने साले कनलजले ंा तो ुै कनमाा खसान ुै "! नरजय ने ंुाऐ ंोई उसे" ---सी ुसंत ंसने ंो
सोंना तहम्ुासा ंाम ुै नजससे ुमासी योजना पस पानी न कफस जाये, मड ंुता ाा न । रु जानता नुीं जासूसी असली ---
साला मासधाड़ में नरश्वास ंसता ुै अाौस इस समय उसंे ुाा खहजला सुेॉ ुै ंुीं ऐसा न ुो कं ुैसी से ुी जांस नलपट
जाये । अास ऐसा ुो ाया प्यासे लूमड़ भाई, तो तहम स्रयक समझ संते ुो कं ुमासी सासी योजना ंा ंचूमस ननंल जायेाा
।"

"उसंी तहम हचकता मत ंसो जासूस प्यासे ।पास मेसे नरंास "- ंुा ने अलफाकसे " ुै औस इसे मड नेख लूाा तहम नताओं कं नई
नात ुै क्या ंह छ ?"

--"ुाक ुैनताया ने नरजय ", अलफाकसे ंे साा नरंास भी ध्यानपूरणं सहन सुा ााक अपने से अमेरसंा पुले नेस ुी ंह छ"-
ने ुैसी कं ुै भेजी खनस ने झानझसोखे ट्राकसमीटस पस अमेरसंन सीक्रेट सिरणस ंे चीफ ंो एं रसपोटण भेजी ुै ।"'

"क्या ?"

"यु कं अलफासे ंे भेष से रु प्रयोाशाला ंे अकन्नस पहुकच ाया ुै ।ने नरजय " ंुना प्रासम्भ कंया ंी रतन ने ुैसी"---
पस स्ाान-स्ाान अन्नस ंे प्रयोाशाला अपनी योजनानहसास टाइम नम कफक्स ंस कनये प्रयोाशाला से फामहणला ननंालने ंी न उसने
नसफण पूसी योजना रना ली ुै रनल्ं उसे ंायाणनन्रत भी ंसना प्रासम्भ ंस कनया ुै ुैसी ने अपने चीफ ंो नता कनया ुै कं
अपनी योजना ंे अनहमान टाइहमका सैट ंसंे उसने प्रयोाशाला ंे अकनस ंई नम कफट ंस कनये ुड रु प्रयोाशाला से नाुस
ननंलेाा।। रतन, धनहषटणंास औस अपोलो ंे साा साष्ट्रपनत भरन पहुकचेाा भरन से चमन घूमने ंे नुाने रु ठीं शाम ंो छ :
नाुस नजे ननंलेाा--

इस समय में नु प्रेयोाशाला ंी चासों सचणलाइटें फोड़ने ंा प्रनन्ध ंस आयेाा ।ये चासों सचणलाइटें सात ंे ठीं नासु नजे फू टाी
। उस समय अलफाकसे नना ुैसी रतन इायाकन ंे पास ुी सौया ुोाा इायाकन । ंी ुैसी पस ट्राकसमीटस ने नरजय से तसफ नूससी "
नता योजना सासी नी अन्त में नोलाइ "----स प्रंास रु फामूणला लेंस चमन से नाुस जाने राली सैंं पस ठीं रुाक
पहुकचेाा, जुाैँ मील ंा रु पाास लाा ुोाा, नजस पस नासु नलखा ुोाा । ुैसी ने यु भी नताया ुै कं उस समय रकतन ंे
मेंअप में ुोाा ।"

-"हैँ ।। सुा सहनता अलफासे "

" इधस अमेरसंन सीक्रेट सिरणस चीफ ने ुैसी से ंुा ुै कं रु ुैलींॉप्टस लेंस जैंी ंो भेजेाा, इायाकन ।"
"ननश्चय ुी नैंी सहन्नस योजना ननाई ुै ुैसी ने ।ुैसी"---ंुा ने अलफाकसे " क्या ंह छ ंसने जा सुा ुै यु तहम जान चहंे ुो
लूमड़ भाई ।ने नरजयक " ंुसुै ंसना क्या तहम्ुें में ननले"-; यु नात तहम जैसे समझनास आनमी ंो समझामे ंी आरश्यंता
नुीं ुै ुै ।"

" ुम सन सम्ुाल लेंाे ुै"

"ओ सखना खींचंस लााम ंी कनलजले जसा ंुा ने नरजय "। ंे - यु ऐसा घोैंा ुै कं नेलााम ुोते ुी ससपट नौड़ना शहरू
ंस नेता ुै । कफस ऐस नासता ुै सम्ुालने ाहरुयों ंो ुी जाना पड़ता ुै ।। ध्यान सुे रु ंोई ऐसाा ंनम न उठा पाये नजससे
सासा ाहड़ ाोनस ुो जाये । "

इन शब्नों ंे साा ुी नूससी तसफ से नरजय ने सम्नन्ध नरछछेन ंस कनया ।। ट्राकसमीटस आैँफ ंसंे लांे ट ाले में पुनता हुआ
अलफाकसे नरंास ंी तसफ नेखंस नोला तहमने सहना "---? क्या ंुा तहम्ुासे अकंल ने ?"

"मड तो ये सहनना चाुता हक ाहरु, कं आप क्या ंुते ुड ।"

"कंस नरषय में ?"

" क्या महझे ाहरुयोॉ ंी ंै न में सुंस ंाम ंसना पैंेाा ?"

"साफ" ! ुो चाुते ंुना क्या "--- स्रस ाम्भीस ंा अलफाकसे "। ंुो साफ-

""यु कं शहरू से ुी इस ंे स पस खहलंस ंाम ंसने ंा मौंा नुीं कनया जा सुा ुै । भी से अलफासे लुजा ंा नरंासक "
ाा ाकभीस अनधं ंुीं…"मै चमन ंे नलये सराना ुोने नाला ाा, जरक मडने अखनास में रतन ंा स्टेटमेंट पढा, कंन्तह नरजय ाहरु
ने यु ंुंस सों कनया कं सासा ंाम एं योजनानद्ध तसींे से ुोाा । मड रुं ाया ।। उनंी नात मान ली । उनंीं योजना
ंे अनहसास ुी ससनास ंे मेंअप में मड युाैँ पहुकचा । युाक पहुकचते ुी आपने महझे आनी ंै न में ले नलया । कफस रुी ननन्नश कं
मड ंह छ न ंरु"। ुोाा योजनानहसास ंाम साकसा---

" क्या सन ंह छ ठीं नुीं चल सुा ुै ?"


"खां ठींा "! ुै सुा चल-ाहसाण उठा ननंास… "ुैसी ने रतन ंी प्रयोाशाला में नम कफट ंस कनये यु ठीं चल सुा ुै ?"

"ठीं न चलता तो यु खनस ुम तं न पहुकचती । "

" जो ंह छ चल सुा ुै, उसे आप ुी ठीं समझे ाहरु ।ंुाक ने नरंास "…"मेसी नृनष्ट में तो यु सन ंह छ
ालत ुो सुा ुै । योजना ंे नाम पस मड आपंी तसु युाैँ चहपचाप नैठंस सर ंह छ नुीं नेख संता ।"

" तहम ंसना क्या चाुते ुो ?"

"ुैसी ंी ानणन तोड़ना चाुता हक । ंी ंै से जरूसत ंी ंसने कफट रम में प्रयोाशाला ंी रतन उसने"---ाहसाणया नरंास "?"

" तहम मैनान में अााये तो साकापों, नाासोफ, तहालं औस जेम्सराण्ैं में से ंोई तहम्ुासी ानणन तोड़ नेाा ।"

" नेखा जायेाा ाहरु ।ाहसाण ननंास " उठा ाा छह पा में ननल इस से ैंस ंे ंह तों उन कं चेता आपंा ुै नुीं नहजकनल इतना"---
" । सुे

-"सराल नहजकनली ंा नुीं नेटे, सराल ुै नहनद्धमानी ंा ।ने अलफाकसे " ंुास्रयक तहम"- समझ संते ुो मैनान में नसफण ुैसी
उतसा ुै,.रु भी मेसे मेंअप में । नजस मंसन से ुैसी युाैँ पहुकचा ुै, उसी मंसन से नाण्ैं, नाासोफ, नहससत खान औस
साकापों इायानी अपनेसोचो चोसो जसा । ुड चले से नेशों अपने- कं रे सन ंुाैँ ायै क्या ंस सुे ?"

" आपंी तसु छू पे नैठे ुोंाे कंसी नरल में। "

"क्यों ? " ।।

" ुैसी फामहैँला प्राप्त ंसे औस रे उससे छीन लें ।"'

" मतलन सोंचने ंा पहसा कनमाा ुै तहम पस, कंन्तह उसे ंष्ट नुीं नेते ुो ।" ुल्ंे से महस्ंसांस अलफाकसे ने ंुा ननश्चय "--
लााये मोचाण अपना-अपना ुी घात में नैठे ुै कं जैसे ुी रु फामहणला ननंालंस प्रयोशाला से नाुस लाये औस अपनेअपने ढका से
रे उस पस झपट पड़े ।। उनंे नीच जमंस यहद्ध ुोाा औस जो भी उनमें अकनतम नरजेता ुोाा, रु ुमासा नशंास ननेाा ।"

" अास सन युीं सोचे नैठे सुे तो ुैसी सफालतापूरणं फामूणला लेंस अमेरसंा पकहुच
क जायेाा ।"

" रुाक उसे सोंने ंे नलए अशसफ मौजून ुै ।"

"आरश्यं तो नुीं कं अशसफ अकंल उसे सों ुी लें ? " नरंास ने ंुानैठे क्यों युाक पस उम्मीन इस ुम"---- सुें कं
प्रयोाशाला से ननंलंस अन्त में फामूणला ुमासे ुी ुाा लाेाा । जन ुम यु ंस संते ुड कं फामूणले ंो रतन ंी प्रयोाशाला
से नाुस ुी न ननंलने ने तो क्यों न ऐसा ुी ंसें ? क्यों यु रसस्ं उठाये कं ुैसी फामहैँला नाुस लाये ? अन्य जासूस उस
पस झपटें ?"

-"मानते ुड कं अास ुम चाुें तो फामूणले ंो प्रयोाशाला से नाुस ुी न ननंलने नें ।ंुा ने अलंाकसे "… "'लेकंन कनमाा
लाांस जसा यु सोचने ंी ंोनशश ंसो ुोाा क्या तो ंसें ऐसा ुम अास कं..?"

"फामू'ला सहसनक्षत सुेाा औस क्या 'ुोाा ?"

" ननल्ंह ल ठीं ।फामूणला कं ुै सच ननल्ंह ल नात यु"-ंुा ने अलफाकसे " प्रयोाशाला में ननल्ंह ल सहसनक्षत सुेाा, कंन्तह यान
सुे, जन तं रु प्रयोाशाला में सहसनक्षत सुेाा तन तं कंसी भी नेश ंा जासूस चमन से नुीं टलेाा औस इस प्रंास चमन न
जाने ंन तं अन्तसाणष्ट्रीय जासूसों ंा ंे न्द्र नना सुेाा, जो न चमन ंे नलए उनचत ुै, न "ुै नलए ंे रतन-

-"तो आप यु चाुते ुै कं फामूणला प्रयोाशाला से नाुस आये ।"

-"ठीं समझे ।"

" ठीं ुै ।'"नरंास ने ंुा…"फामूणला प्रयोाशाला से नाुस तो अरश्य आयेाा, कंन्तह उस तसु नजस तसु मड चाुता हैँ ।"

"तहम कंस तसु चाुते ुो ?"


चहप सु ायो ननंास ुै उसने ंोई जरान नुीं कनया ।

इस नीच न जाने रु क्या… सोच सुा ाा । अलंाकसे ंे साा साा नपशाचनाा 'भी हरकनचरसे नृनष्ट सी- उसंी तसफ़ नेख सुा
ाा ।।।

जन ंाफी नेस ंी खामोशी ंे पश्चात भी नरंास 'ंह छ न नोला, चहप ुी सुा तो----

" क्या सोच सुे ुो नेटे ?" अलफासे ने उसंी नरचास श्रृकखला भका ंी ।

एंाएं ुी अलफाकसे ंी ओस नेखंस चहटंी नजाई ननंास ने, नोला"। ाहरु ाया आ आइनैंया में कनमाा"-

" क्या ?"

" ---सचमहच अलफाकसे नना ुैसी प्रयोाशाला से फामूणला ाायन ंसे ाा ।

" ये ंौन आइनैंया नया सा-? "

" सचमहच आपंी औस नरजय अकंल ंी स्ंीम नहुत अछछी ुै ाहरु ।रसस्टराच अपनी " में समय नेखते हुए नरंास ने ंुा ---
लाेकंन मेसे कनमाा में जो आइनैंया आया ुै अास यु इस स्ंीम में कफट ंस कनया जाये तो सच, खतसे ंी ंोई नात ुी न
सुे ।"

-"ंह छ नताओाे भी या ऐसे ुी पुेनलयाक ुी नहझाते सुोाे ?"

"सहननये ।। लाा नताने नात ंोई उन्ुें धीसे-धीसे नरंास उपसान्त ंे ंुने " उसंी नातें सहनने ंे नलए नपशाचसाा भी ंसीन
नखसं आया ाा औस ंान लाांस उनंी नातें सहन सुा ाा । सरक ंह छ सहनने ंे पश्चात उसंे महकु से रसनस ुी ननंल पैंा-
"। सुेाा कफट आइनैंया यु । मुासाज सच"

कंक तह, अलफाकसे ने ंुा…"यु क्या ाासन्टी ुै कं जो तहम ंु सुे ुो, रु ुो ुी जायेाा ।"
" क्या अपने नशष्य पस भसोसा नुीं सुा ाहरु ?"

" मेसा मतलन ुड कं नातक उल्टी भी तो पड़ संती ुै ।"

" यु ंायण मेसे अधीन ुै ाहरु औस इस ंायण ंी आप नचन्ता न ंसें ने नरंास "! ंुा…"अास आप महझे नसफण यु इजाजत नें
कं मड यु सर ंस ैंालूक ।"

ुल्ंे से महस्ंसाया अलाफाकसे नौलाभी न इजाजत में अास कं नेटे हैँ जानता"- नूक तो जो तहम ंसना चाुते ुो , नु ंसने से
नाज नुीं आओाे ।। अतनेंस इजाजत : अपना सम्मान नचाये सखना ुी उनचत ुैाै तहम रुी ंसोाे जो ंु सुे ुो, इसंे
अनतरसक्त ंह छ नुीं ंसोाे ।। "

"'नजयो ाहरु, ुजासों साल तं नजयो "! ंुते हुए नरंास ने अलफाकसे ंे चेुसे ।।। नी लाा झैंी ंी चहम्ननों पस-

सात ंे आठ नज सुे ाे ुै चमन ंी इमासतें, सड़ं, नाजास औस नहंानें नरद्यहत नल्रों एरक सोंाकैंों से चमं सुी ाी ुै कं
अलफाकसे नने ुैसी ंे ुोंठों इस समय नरजयाामं महस्ंान ाी ।

रु प्रयोाशाला ंे चासों औस फै ली छारनी से लौट सुा ाा । कंसी प्रंास रु चास सैननंों ंो मासंस उनंी ाने प्रयोाशाला
ंी चासों सचणलाइटों ंे ननशाने पस इस प्रंास कफट ंस आया ाा कं रे चासों ानें एंएं-…नमनट ंे अन्तठीं साल- रासु नजे
ाजणनी ाीं ।।

रु जानता ाा कं जो प्रनन्ध रु ंसने आया ुै उसंे अनहसास नासु नजे चासों सचणलाइटड फू ट जायेंाी ।

चासों मृत सैननंो ंे शसीसों ंो रु मजनूत से शम ंी ैंोसी ंी सुायता से खाई में लटंा आया ाा ।।

इस समय टेक्सी में रु साष्ट्रपनत भरन ंी औस लोट सुा ाा ।

टैस्सी ंी ानत से ंुीं अनधं तीव्रता ंे साा उसंे मनस्तष्ं में नरचासों ंा आराामन ुो सुा ाा ।

रु एं नास पहनः मनस्तष्ं में ननधाणरसत ंस सुा ाा कं अपनी योजना अनहसास उसे अाााे क्या ंसना ुै ।।
एं झटंे ंे साा टेक्सी रुं जाने से अचानं उसंी नरचास श्रृकखला भका ुो ाई ।।

उसने चौंंंस नेखा टैक्सी एं सहनसान इलांे में सड़ं ंे कंनासे रुंी ाी ।।

ुैसी एंनम स्तंण ुो ाया जेन ंे नाुस से ुी ुाा रसनाैँल्रस पस जमांस नोला ड्राइरस ुै नात क्या"---?"

"ड्राइरस नुीं, तहम्ुासा नशष्य ुै ाहरु ।” ड्राइरस ंे महख से नरंास ंा स्रस ननंला --' त तहम--?" ुैसी ुंला। ाया सा-

."क्यों ाहरु, महझे युाैँ नेखंस चंसा क्यहक ाए ।।

सचमहच ुैसी ंा मनस्तष्ं नहसी तसु चंसा उठा । झनाुटमें कनमाा उसंे ाी सुी ुो सी- !

इस नात ंी तो उसने ंल्पना भी नुीं ंी ाी कं इस तसु अचानं। जाएाा ुो से नरंास सामना उसंा से-

एं नास ंो तो उसंे कनमाा में नरचास जमा कं रु रसरॉल्रस ननंालंस फौसन नरंास पस फायस ंस ने, कंक तह । ाया ठुस--
कंया नुीं ऐसा उसने'। ऐसा ंसते ुी यु स्पष्ट ुो जाना ाा कफ रु अलफाकसे नुीं, ंोई अन्य ुै नरंास ंे उपयहणक्त राक्यों से
उसने जाना ाा कं नरंास उसे अलफाकसे ुी समझ सुा ुै ।

यु जानना भी उसंे नलए नहुत आरश्यं ाा कं नरंासक युाक क्या ंस सुा ुै ?

अतनुीं ुी प्रशन् ंोई तो ंा चंसाने "---नोला ुी में स्रस ंे अलफाकसे सम्भलंस :, कंन्तह"! ......

"कंन्तह क्या ाहरु ?"

--"तहम युाैँ क्या ंक स सुे ुो ?"

" जो आप ंस सुे ुै "!

" यानी ?'"

"मड रतन औस उसंी नुफाजत ंे नलए चमन में आया हुक ।। ंुा ने नरंास "
" उसंे स्टेटमेंट ंा तो परसर्ाम ुै कं आप जैसी ुस्ती चमन में घूम सुीं ुै ।खोलंस नेसराजा ंा ंास नरंास हुआ ंुता "
नाुस आ ाया ।

ुैसी भी पूर्णतया सतंण औस अपनी सतंण ता ंा परसचय नेता हुआ रु भी नसराजा खोलंस तहसन्त ुी नाुस आ ाया ाा ुै
कंन्तहपैस उसंे नढंस आाे ने नरंास----- छू नलए, नोला सुे ंस क्या में चमन आप कं ाहरु हैँ चाुता जानना यु "----
ुै ?"

"नजस नलए तहम आए ुो, उसी मंसन से मड भी चमनस्रस ुी ंे अलफासे "। हैँ आया- में ुैसी ने उुस कनया, युाैँ तं मेसा
ख्याल ुै, सभी नेश अपनेजासूसों अपने- ंो यु फामूणला प्राप्त ंसने ंे नलए चमन में भेंजेंाे ।"

" औस आप उन सनसे पुले फामूणला प्राप्त ंसने युाक पहुैँच ाये । "

" क्या नंते ुो ?"

"फामूणला प्राप्त ंसने ंे उपसान्त आप अपनी पहसानी आनतानहसास उसंी ंीमत लाा संें ।ंुा ने नरंास "… "जो नेश आपंो
उसंी सराणनधं ंीमत नें, उसे आप रु फामूणला रेच संें ,, नोनलए ना ुै मंसन युी ंा अााने आपंे में चमन-?"

""क्या नात ंस सुे ुो नरंास ?" अलफाकसे ने ंुा युाैँ से कं ुै यु ुंींत"---- उस फामूणले ंी नुफाजत ंे नलए आया
हैँ । यु सोचंस आया हैँ कं कंसी भी साष्ट्र ंे जासूस ंो यु… फामहणला प्राप्त नुीं ंसने नूकाा । क्या तहम समझते ाे कं मड
रतन ंे साा ऐसी ुसंत ंरूकाा ?"

" -रतन ंे साा ुी क्या"। ुै संते ंस ुसंत युीं भी साा ंे सीकं आप ---

" यु भी तो सम्भर ुै कं भासतीय ससंास ने तहम्ुें चमन में रतन ंा यु फामूणला प्राप्त ंसने भेजा ुो ?"

"'यु आप ंु सुे ुड ?"

.महस्ंसाया रु, नोला, "'क्यों क्यों यु नुीं ुो संता? अन्य नेशों ंी भाकनत भासत ंो भी तो यु फामूणला प्राप्त ंसने ंा
लालच ुो संता ुै औस जुाैँ तं मड समझता हक भासत ंे पास ंमुै नुीं जासूस नेुतस तहमसे नलए ंे ंाम इस ंम-से- !"

सहखण ुो ाया नरंास ंा चेुसा सासा नजस्म क्रोध से ंाकपने लाा ।

नरंास ाहसाण उठाऔस जलील भाकनत ंी अमेरसंा नेश मेसा"---- ंमीना नुीं ुै ।"

" क्या मतलन?" ुैसी एंनम सतंण हुआ.. मतलन क्या से अमेरसंा "--?"

"यु भ्रम अपने कनमाा से ननंाल नो ुैसी नेटे, कं नरंास तहम्ुें अलफाकसे समझ सुा ुै । ाहसाणता भाैँनत ंी भेनड़ये खूनी कंसी "
"-----नरंास "ाया चला ुी जानता हक कं तहम ुैसी ुो औस यु भी जानता हैँ कं ाहरु ंा यु मास्ं पुनंस तहम क्या ंह छ
ंस चहंे ुों ।"

एं क्षर् ंे नलये तो झनझना उठा ुैसी ंा कनमाा । उसंे नजस्म ंी समस्त नसों में एं नरनचरजंड़न सी- स्ाानपत ुो ायी ।
नोलानरंास ुो जानते यु अास"--- नेटेाे कं मड ुैसी हक, तो यु भी अरश्य जानते ुोाे कं मड चीनी जासूसों ंी तसु तहमसे
ैंसता नुीं हक ।"

उधस ुैसी औस इधस नरंास ।।

नोनों ुी एंनूससे ंे कंसी भी ुमले ंे प्रनत सतंण ुो ायेाे ।

" छः मुीने पुले ुी तो रतन ने तहम्ुें इस नेश से मास"। ाा भााया मासंस- नरंास ाहसाणया…"लेकंक न तहम ंह ुे ंी नहम ुो
नसुी में नलंी भी रषण रासु- तो भी सीधे नुीं ुोाेाै युाकआंस फामूणला प्राप्त ंसने ंी ंोनशश ंसने से पूरण यु तो सोच लेते
कं रतन कंसंा नोस्त ुै ?"

उपयहणक्त शब्नों ंे साा ुी नरंास ने जो तीव्र ुसंत ंी ाी उसे भाैँप ंस अास ुैसी फह ती ंा प्रनशणन न ंसता
तो नननश्चत रूपक से उक संी एं आैँख जाती 'सुती ।

हुआ यूक कं नरंास ने अपना आलनपन चला कनया ाा ।

ुैसी। नोस्त ंा नरंास ंा जमाने कंसी--


रु जानता ाा कं नरंास ंा आलनपन क्या सक ा लाता ुै ।

भयानं फह ती ंे साा रु स्रयक ंो नचा ाया ुै कंक तहआकख उसंी आलनपन भी कफस-- में तो नुीं लाा अरश्य पस ााल----,
ााल पस लाा आलनपन क्या ंसता ? एं सहईसी चहभंस सु ाई ुैसी ंो ।

असली ंसामात तो आलनपन आकख में लांस नताता ुै ।

फटां से आकख फू ट जाती ुै ।

नरंास ंे आलनपन से अपनी आकख तो नचा ाया ुैसी कंक तह नरंास ंे उस जनसनस्त घहकसे से न नच संा जो फौलान ंी ,भाकनत
उसंे चेुसे पस पड़ा ाा ।

एं क्षर् ंे नलये तो उसे ऐसा लाा ंी उसंा जनड़ा नुल उठा ुै ।

न चाुते हुये भी ुरा में उछलंस रु । नासा पस फशण से "धैंाम"

नरंास ने कंसी ाोरसल्ले ंी भाैँनत उसपस जम्प लााई ।

कंन्तह। ाया ननल ंसरटें तीन-नौ पस सड़ं सीुेाै साा ंे चालांी जैसी लोमड़ी ----

नरंास महकु ंे नल नासा । तहसन्त ुी खैंा हुअाा तो। पैंी पस सीने उसंे कंं फलाईंा एं् ंी ुैसी ----

रु पहन लैंखड़ांस सड़ं पस आ नासा औस अभी उठने ुी राला ाा कं ुरा में लुसाता ुैसी ंा नजस्म उसंे तपस आ पड़ा ।

नरंास ने अपनी टाकाो पस सख ंस उसे उछालना चाुा, कंक तह उसी समय ुैसी ंे नसस ंी एं तेज टक्कस नरंास चेुसे पस पड़ी

नरंास ंे महख से चीख ननंल ायी ।।

ुरा में नसस घहमांस ुैसी ने अपने ंे तीव्रता अनधं भी से पुले नास ंा हसकस- साा नरंास ंे चेुसे कंया तो नास इस----
उसंे कफसलंस भाकनत ंी मछली नचंनी नीचे से नरंास ननंल ाया ।।

ुैसी ंा नसस नहुत् जोस से सड़ं पस टंसाया। सामने ंे आैँखों उसंी उठे नाच तासे ननसक ाे सक ा -------
अभी रु उनसे महक्त ुो भी नुीं पाया ाा कं नरंास ंे उसंी पसली में इतनी जोस से अपने नूट ंा रास कंया कं ुैसी ननण
से नतलनमला उठा ।

झहंंस नरंास ने ुैसी ंे नाल पंड़े ।

नेसुमी से नालों ंो एं तीव्र झटंा नेते हुये उसने ुैसी ंों तपस उठाया । उठाते ुी, अपने नसस ंी एं टक्कस ुैसी ंे चेुसे
पस मासी ।

इधस उसेंे नसस ंी टक्कस ुैाेसी ंे चेुसे पस पड़ी, उधस ुैसी ंे नानुने पैस ंा ाहटना नोनों टााों ंे नीच में ।।

" एं साा नोंनों ंे ंक ठ से मािमणं चीख ननंली ।

चीखने ंे पश्चात भी नोनों में से ंोई भी एंन अला से नूससे- हुआ ।

एं। ाये नलपट तसु नहसी से नूससे -

कंसी जमाने में एंरे। ाे नोस्त ाुसे ंे नूससे- एं। ाा अन्नाजा पूसा उन्ुें ंा तांत ंी नूससे-

ुैसी जानता ाा कं रु ुल्ंा सा चूंा औस नरंास उस पस ुारी हुआ ुै नरंास जानता ाा कं ुैसी कंसी भी प्रंास उससे
ंम नुीं ुै ।।

मास रु क्षर् मार ंे नलये भी ढीला पड़ा तो ुैसी उस पस इस प्रंास ुारी ुी जयेाा कं कफस ंभी सम्भाल में नुीं आयेाा ।

एं। नासे आ पस सैंं ुी नोनों हुये ाहकधे से नूससे-

न जाने ंै से नोनों ंे ुााों ंी उक ानलयाक अाापस में फस । ायी-

ुाेनलयाैँ एंमोड़ंस ुाा ुी नोनों । ाीं हुयी सटी से नूससे-, एं।। ाे सुे ंस प्रयास ंा तोैंने उानलयाैँ ंी नूससे-

इतनी तांत लकाानी पड़ सुी ाी नोनों ंो कं नोनों ंे ुी चेुसे सहखण पड़ ाये ाे । लोुे ंी सलाखों ंी भाकनत उक ानलयाक फक सी
ाीं । उसी तसु ुाा फक साये रे खड्डे ुो ाये ।
एंायं ुैसी ुाा फक साये ुी घूम ाया । पलं झपंते ुी उसने नरंास ंो अपनी पीठ पस नलया औस झूं ंस सड़ं पस ने
मासा ।।

यु नूससी नात ुै कं सड़ं पस चासों खाने नचत नासते ुी नरंास ंे ंक ठ से चीख ननंल ायी मास तहसन्त पलटंस उसने अपनी
टाकाे ुैसी ंी ानणन में फक साई अाौस ुैसी ंो भी उसने सड़ं पस ने मासा । ुैसी ंे ंक ठ से भी चीख ननंल ाई ।

नोनों ंलयहाी लड़ंों ंे नीच जनसनस्त मल्लयहद्ध हुआ ।।

ुैसी शैतान तो नरंास मुाशैतान । मुाखतसनां ुैसी तो खतसनां नरंास !

ंसीन पन्द्रु नमनट तं उनंे नीच यहद्ध चला ।

पन्द्रु नननटे पश्चात् भले ुी नरंास ने ुैसी ंी नेुोश ंस कनया , पस इस ंायण में सफलकता अिजणतंसते-ंसते- नरंास ंों नाकतों
पसीना अाा ाया ।

ुैसी ंे नेुोश ुोते ुी नुीं सड़ं पस लेट ाया ाा नरंास लम्नी।। सुा लेता साकस लम्नी-

ंोई पाकच नमनट नान रु स्रय ंो सामान्य' नस्ानत में ला पाया ।

रु उठा।

ुैसी ंे नुाश शसीस ंो उठांस ंास, में ैंाला औस ंास तीव्र रेा पस सड़ं पस नौैंा नी ।

अनधं नुीं, नसफण नस नमनट पश्चात् नरंास अलफाकसे औस नपशाचनाा ंे पास नैठा ाा । रे तीनों एं नूससे ंे अाामने सामने-
ाे नैठे पैस सोफोंऔस ुैसी ंा नेुोश शसीस ंमसे ंे फशण पड़ा ाा ।

अलफाकसे ंु सुा ाापड़ा भासी ुैसी कं रेंटे नरंास ुै लाता"--?"

" भासी तो पड़ना ुी ाा ाहरु । "' ननंास ने ंुाुड मालूम इसे ाहस सभी रे "----, जो मड जानता हैँ "

" खैस ।ंुा ने अलफाकसे "…"अन क्या इसाना ुै ?"


" इसाना ुी क्या ुै ?" नरंास ने नपशाचनाा ंी औस नेखते हुये ंुाुै ंसना रुी "-----, जों मड नता चहंा हक । रु
तैयास ंस नलया ?"

" जी मुासाज ।हुये ंुते " नपशाचनाा ने अपने नटह ये में ुाा ैंाला ुै प्लानस्टं ंा नना एं ताजा फै समास्ं उसमे से
ननंालता हुआ नोला…" नलनजये आप नेख संते ुड । इसमें औस ुैसी ंे चेुसे में लेशमार भी अन्तस न ुोाा ।"

"अभी तो इसी ंे चेुसे पस ाहरु ंा मास्ं ुै ।। कनया ुटा मास्ं से पस चेुसे ंे ुैसी ने नरंास हुये ंुते "

इसंे पश्वात्।अपने ाे पुने पस शसीस ंे ुैसी जो ंपैंे रे स्रयक ने नरंास- चेुसे पस पुले, ुैसी ंा फे समास्ं चढ़ाया कफस
अलफाकसे ंा औस ुैसी ंो अलफाकसे औस नपशाचनाा ंे ुराले ंसंे स्रयक रुाैँ से चल कनया ुै नजस अलफासे ने रतन ंे पास
जांस यु ंुा ाा कं रु चमन घूमने ाया ाा, रु ुैसी ाा न अलंाकसे ननल्ं नरंास ाा ।।

अलफाकसे नना ननंास ुी रतन ंी प्रयोाशाला तं पहुकचा ाा ।।

रु भी नरंास ुी ाा, जो प्रयोाशाला से कफल्म ननंाल लाया ।

रु भी नरंास ुी ाा, जो कफल्म सनुत ुैलींॉप्टस में जैंी से नमला ।

जैंी नजसे ुैसी समझ सुा ाा असल में रु नरंास ाा ।

असल में रु ुैसी नुीं, नरंास ाा , जौ जैंी ंे महकु से एं अन्य आराज सहनंस चौं पड़ा ।।

यु सन ंह छ आप
"जला हुआ रतन" । ुड आये पढ़ में "

"ुैसी ुमासे पास ुै प्यासे जासूस "! ट्राकसमीटस पस झूंा हुआ अलफाकसे ंु सुा ाामें नृनष्ट ंी रतन "---- अलफाकसे औस जैंी
ंी नजसों में ुैसी ननंस नरंास सफलता अिजणत ंसता चला जायेाा । मेसा ख्याल ुै कं अर तं तो जैंी ंे साा ुैलींॉप्टस
में नैठ भी चहंा ुोाा ।"

"आनखस तहम उस साले कनलजले ंो सों नुीं पाये लूमड़ भाई ?" नूससी ओस से नरजय ने ंुा ।

" सोंना चाुता तो सों लेता, कंक तह उसने योजना ुी ऐसी ननाई कं नजसमें ंुीं भी लोच नुीं ाा । ने अलफाकसे "
ंुा…"तहम यु चाुते ाे अन्तसाणष्ट्रीय जासूसों ुी जासूसी ंा ंे न्द्र चमन न नन संे । । युीं तो ंसर् ाा नन तहम यु चाुते ाे
कं ुैसी प्रयोाशाला से फामहणला चहसा ले ।
औस नाुस ननंलने पस उसे ुम छीन लें ।। नरंास ने उस योजना ंो औस ननखास कनया ुै नजतने भी जासूस इस चक्कस में लाे
हुये ुड, रे ये समझते ुोाें कं ुैसी फामूणला ले ाया ।
जनकं फामूणला नरंासक पस ुै ।अन, अन्तसाणष्ट्रीय जासूसी ंा ंे न्द्र अमेरसंा ननेाा जनकं फामूणला अशसफ लेंस अमेरसंा से
चहपचाप ननंल अाायेाा ।"

"खैस ।ंुा ने नरजय "…"जो ुो चहंा, रु ठीं ुै लेकंन आाे ंी योजना क्या ुै ?"

" तहम अमेरसंा में नस्ात अशसफ से ंुोकं रु नरंास से राहशकाटन ंे लानजं ुोटल में नमले । ुेसी ंो तो अशसफ पुचानता
ुी ुै । कंसी भी कनन शाम ंो सात नजे ुैसी उस ुोटल ंे ुाैँल में आयेाा । तहम अशसफ ंों सामझा संते ुो कं रु ुैसी
नुीं नरंास ुोाा ।। नोनों कफल्में रु अशसफ ंी सौप नेाा । नस, अशसफ ंो चहपचाप भासत ंे नलये सराना ुो जाना ुै ।"

" लेकंन लाता ुै लूमड़ भाई कं अमेरसंा में अपने झानझसोखे ंे साा ंोई ाड़नड़ ुो ाई ुै ।"

"क्यों ------? क्या मतलन ?" अलफासे चौंंा ।

" ंई नास उससे ट्राकसमीटस पस सम्नन्ध स्ाानपत ंसने ंा प्रयास ंस चहंे ुड, कंन्तह सफलता नुीं नमली ।"

नरजय ने ंुा मड खैस "--- नरक्रम, नाुस पसरेज औस अााशा ंों अमेरसंा पहुकचने ंे आनेश ने चहंा हक ।। उनंा ंाम अशसफ
ंा पता लााना ुोाा । साा ुी लानजं ुोटल नरंास से उनमें से ंोई नमल लेाा ।'"

"हैँ ।ने अलफाकसे ", ंुा, "अर तहम्ुासा क्या इसाना ुै ?"

"जन तं फामूणला सहसनक्षत भासत नुीं पहुकच जाता , तर तं चीन ंी नीरास पस ुी लटंे सुेंाे ।"

"औस मड युाैँ क्या ंरू ?"

"तहम रुाैँ सुंस रतन प्यासे ंी नुफाजत ंसो लूमड़ भाई ।।रतन"---ंुा ने नरजय " चाुे ंह छ भी सुी समय इस कंन्तह "
रतन रैज्ञाननं ुै औस नजन जासूसों ंे ुाा फामूणला नुीं लाेाा रे रतन ंो कंैंनैप ंसने ंा प्रयास ंसें ाे ।"
अभी अलफासे ंह छ ंुने ुी राला ाा -----

"चचा से ंु नो कं रतन ंा कंैंनैप ंसना छोटे मौटे जासूसों ंे नस ंा सोा नुीं ुै ।आ इस "नाज ंो सहनते ुी अलफाकसे
औस नपशाचनाा उछल पैंे । नहसी तसु चौंंंस उन्ुोंने ंमसे ंे नसराजे ंी नेखा ।

"रतन । पड़ा ननंल ुसेमहक ंे नोनों अला--अला "। रतन ------

सचमहच रतन ुी ंक मकसे में प्रनरष्ट हुआ या । तपस से नीचे तं नहध जैसे नेनाा सफे न ंपैंे, आैँखों पस सहनुसे फ्रेम ंा चश्मा ।
ुाा में छड़ी नलये रु खटखट- ंसता उनंे समीप आया सुा ।। चेुसे पस ुमेशा सुने राली ाम्भीसता नरसाजमान ाी ।

उसे युाक नेखंस संते ंी सी ुालत से सु ाये ाे अलफाकसे औस नपशाचनाा ।।।।।।।

अलफाकसे ने तो स्रप्नमें भी ंल्पना नुीं ंी ाी ंी रतन रुाक आ पहुकचेाा । इतना अरांायाक सु नेखंस ंौ रतन सा- रु कं
जहनान तालू से नचपं ाई । ंह छ ंुना चाुा भी ंु न संा ुै ।

"प्रर्ाम चचा ।"। ाया झहं में चसर्ों ंे अलफाकसे तनर लम्ना ंुंस "

अलफाकसे इतना ुी ंु संा युाक तहम"---?"

कंन्तह अलफाकसे ंे प्रश्न ंा ंोई भी उुस न नेंस: रतन ने उसंे ुाा में से ट्राकसमीटस ले नलया ।

नूससी तसफ से ट्राकसमीटस पस नरजय ंी युीं आराज ाूकज सुी ाीनमयाक अने "--- लूमड़ प्यासे क्या ुो ाया ुै यास ुमासे ?
रतन ंुंस रतन --- क्यों ंुंस चहप क्यों ुो ाये ?"

"'प्रर्ाम चचा ?" रतन ने ंुाय महझ"


े ---ुाक नेखंस लूमड़ चचा ुैसान सु ाये ।"

"ुाकय ।"।। ाये पहुकच ंुाैँ युाक टू टंस से ंमीज ंी भरन साष्ट्रपनत साले तहम प्यासे नटन----चौंा नरजयक से तसफ नूससी "
'" आप भूल ाये चचा कं ंम सेुै जाता पहुच रुीं रतन में चमन ंम-, जुाक उसंी आरश्यंता ुोती ुै । ने रतन "
ाम्भीस स्रस में ंुांा रतन कं नात यु सुी"----- ंोई कंैंनैप न ंस ले तो क्या आप जरान नेंाे कं मुान क्या ---
हसकाुी रैज्ञाननं नुीं ुै ?"

"नरल्ंह ल ुै नटन प्यासे । "! ुै आनें सरु में रूपये "---- आनाज ंी नरजय "

"क्या ंभी कंसी ने उन्ुें कक्रैंनैप कंया ?"

'"कंसी ंो मसना ुै क्या ?"

" तो यु समनझये उनंे नशष्य ंो भी कंैंनैप ंसने ंा प्रयास ंसे ाा तो रु अपनी मौत ंो ुी नारत नेाा ।"

"लेकंम नमयाैँ नटन प्यासे तहम युाैँ पहकच ंै से ाए?"ननजय ने पूछा।

"आपने मुान हसकाुी ंे नशष्य ंो मूखण समझंस नहुत नड़ी भूल ंी ुै चचा । में अखनास कं ुड समझते आप -ंुा ने रतन "
नेना स्टेटमेंट मेसी मूखणता ाी । ुंींतक ुै तो यु ुै कं रु स्टेटमै'ट एं नहुत नड़ी सानजश ाी मेसी । उसमें आप भी फक स ाये
।"

"क्या मतलन ?"

"मेसी नातों ंे मतलन उस समय तं समझे मड नुीं आयेंाे चचा, जर तं कं मड स्रयक आपंो नुीं समझा नूकाा । ने रतन "
आपसे ुी जल्नी नहुत "-----ंुा नमलूकाा मड । आपसे नातें ंरुाा ।"

" -लेकंन यु मामला क्या ुै रटन प्यासे ?"

"मामला नसफण यु ुै चचा कं ंह छ कननों ंे नलये नहननया ंे इन मुान जासूसों ंे नीच घूम सुा हक मड ।" अतन्त ाम्भीस स्रस
में रतन ंु सुा ाानोस्त----- औस नहश्मन ंो पुचान चूंा हैँ मड । ऐलान ंस नो चचाजासूसों मुान ंे नहननया- में ऐलान
ंसास नो कं रतन आ सुा ुै । ढकंे ंी चोट से मनान में आ सु हैँ । कंसी में तांत ुो तो पूछ ले महझसे रेरज एम ंा
फामूणला ।"

"तहम क्या चाुते ुो ?"

यु कं नजस कनन से अखनास में मडने स्टैटमेंट कनया ुै, उसी कनन से मेसी औस नसफण मेसी ुी जीत ुोती चली आई ुै । रतन "
ईंौ"-ंुा ने भी इस भ्रममें न पड़े कं रु जीत ाया ुै । आप, नरंास, लूमड़ अकंल सभी ुासे ुड । क्योंंै से-? इन सन
प्रश्नो ंे उुस मड नान नहाा ।"

ंुने ंे साा ुी रतन ने सम्नन्ध ननछछेन ंस कनया ।

पलटंऱ अलफाकसे औस नपशाचऩाा ंी ओस नेखा ।

रतन नोला चचा ुड खड़े क्यों तसु इस "--, नैठ जाइये ।"

इस नीच अलफासे स्रयक ंो ननयनन्रत ंस चहंा ाा । नोला"। ाए पहुकच ंै से युाैँ तहम"------

"'क्या आपंो भी यु नात अला से नतानी पैंेाी ंी चमन में जुाैँ रतकन ंी जरूसत ुोती ुै, रुीं पहुच जाता
ुै । "

" तोसाा म्ुासे तह आज तो----- अपोलो नुीं ुै ?"

" आज उससे छह पंस आया हक युाक प्रयोाशाला कं समझा ने नरंास--नताया ने रतन " ंे प्रयोा मड लड़ता-लड़ता में ंक्ष-
ाया ुो नेुोश ाा । रु नेचासा तो इस भहलारे में भी सुाैँ कं मड उसे आपंो समझ सुा हैँ । महझे साष्ट्रपनत भरन में नकधा
छोड़ंस रु अपोलो औस धनहषटकंास से यु रुाना ननांस चला ाया कं रु कफल्मों ंो सहसनक्षत सखने जा सुा ुै । उसंे जाने
ंे नान जन धनहषटंाकस ने अलफाकसे समझंस मेसी तलाशी ली तो जाना कं मड रतन औस रु अलफाकसे ाा, जो रतन ननंस
ननंल ाया । अपोलो औस धनहषटकंास जो सचमहच महझसे असीम प्रेम ंसते ुड, पााल से ुोंस ंनात अलफाकसे ंी तलाश में ाए
औस अपने नन्धन खोलंस मड युाैँ आ ाया हक ।।"
" तो तहम्ुें यु भी मालूम ुै कं रु नरंास ाा ?"

" ये पूनछए कं क्या नुीं मालूम महझे ?" रतन ंा लुजा ाम्भीस ुी ाामहझे"--,तो यु भी मालूम ुै कं शाम ंो घूमंस
आने से पूरण अाापंे मेंअप में ुैसी ाा औस तन जनकं ुैसी मेसी प्रयोाशाला ंी चासों सचणलाइटों ंा प्रनकध ंसंे लौट सुा ाा
तो टेक्सी ड्राइरस ंे रूपमें नरंास ने उसे पंड़ नलया, उनंा टंसार हुआ । ुैसी ंो नेुोश ंसंे नरंास उसे युाैँ आपंे पास
ले आया औस यकुाक से ुैसी औस आपंा फै समास्ं पुनंस मेसे पास पहुकचा ।"

ुैसत से आैँखें' फै ल ाई अलफाकसे ंी । नपशाच ंी भी नूनद्ध चंसांस सु ाई ।

"तहम्ुें सन ंह छ मालूम ाा तो तहमने रु सर ंह छ ुोने क्यों कनया, जो हुआ ।।। पूछा ने अलफाकसे "

"--क्योंकं मड चाुता ाा कं रु सन ंह छ ुो ।"

" क्या ंु सुे ुो तहम ।"

’"मड ठीं ंु सुा हैँ लूमड़ चचा । जो भी ंह छ हुया ुै, रु मेसी एं योजना ाी ।"

"लेकंन क्यों ? यु सनंह छ तहमने क्यों ुोने कनया ?" अलफाकसे ने पूछा क्या मंसन तहम्ुासा पीछे ंे ंसराने ंह छ सन यु "---
ुै?"

-"'सहननए, मड नताता हैँ आपंो ।" सना ंी भाकनत ाकभीस स्रस में ंुना शहरू कंया रतन ने…"यु सच ुै कंक मडने पुले रेरज
एम औस कफस उसंे नान ैंॉक्टस आरा ंी आराज ंै च ंसंे 'अर्हनाशंों कंसर्े ननाई । मास प्रश्न यु ुैकं मडने यु घोषर्ा
नरश्वभस ंे अखनासों में क्यों ंी। आपने, नरंास औस नरजय चचा ने मेसी इस ुसंत ंो मूखणतापूर्ण ुी ंुा । सचमहच, यु
मूखणता ुी ुोतीतन कंन्तह - जनकं महझे यु नरकनत न ुोता कं मेसी इस घोषर्ा ंो पढ़ते ुी मेसे नहश्मन इस फामूणले ंो प्राप्त
ंसने ुै कं ंे नलए नौैं पड़ेाे ुै महझे मालूम ाा यु सन औस मड चाुता ाा कं मेसे नहश्मन चमन ंी तसफ नौैं पड़े । यु
चाुंस ुी तो मडने रु स्टेटमेट कनया ाा ।"

"लेकंन प्रश्न यु ुै कं तहमने ऐसी नरनचर नात चाुी क्यों ?"


"चचा "! धीसे से ंुा रतन ने…"यु पता लााना मेसे नलए नहुत आरश्यं ाा कं नरश्व ंी ंौननहश्मन मेसी ुस्ती सी- ुै औस
ंौनसी-, नोस्त ुै सम्पूर्ण नरश्व अनें साष्ट्रोंंा एं समूु ुै ।" इस समूु में मेसा एं साष्ट्र ुै जो नसफण छ ुी पुले मकुीने :
ुै हुआ आजान 'नहननया ंे सभी ' साष्ट्र चमनाे ंुते नमर अपना ंो-, मेसी तसफ नोस्ती ंा ुाा नढाते ाे, मेसे नलए उनमें
से यु पुचानना ंरठन ाा कं ंौन महझसे सच्ची नोस्ती चाुता ुै औस ंौन नाल में छह सी ननाए हुए ुै । युी जानने ंे नलए
मडने एंक तसींा ननंाला' औस रु तकसींा ाास्टेटमेंट अपना ये अखनासों ंे नरश्वभस- छपरा नेना । रस…अ्सली चेुसे मेस सामने
अाा ाए। नहश्मन फामूण'ला ाायन ंसने ंे ंे नलए नौैं पैंे । नोस्त मेसी मनन ंसने नौड़ पैंे । ओस नजन्ुोंने ंह छ नुीं कंया रु
न मेसे नोस्त ुड न नहश्मन । उन्ुें नोस्त भी ननाया जा संता ुै ।"

" नेशं । नेने झटंा ंो साजनीनत नरश्व "----उठा ंस प्रशकसा अलफाकसे"ंे नलए तहम्ुासा तसींा अछछा ाा कंन्तह' .......
।"

"कंक न्तह रया ?"

" युाक तं तो नात ठीं ाी ।” अलफासे ने ंुा अन " ---- तहम जान ाए ुोने कं ंौन नहश्मन औस ंौन नोस्त ुै कफस
तहमने प्रयोाशाला से फामूननंल क्यों ला" जाने कनया ? ुैसी ंो पंड़ंस नैठा ंयों नुीं नलया?"

जन से रतन युाक आया ाा, प्राम नास ुल्ले से महस्ंासाया रु । रार्ी में रुीं ाम्भीसता कं नुीं ंाफी तो ुी लेना जान"---
नहश्मन ंौन, ंौन नोस्त ुै । उस समय तं नहश्मनों ंे नरषय में जानने से ुी क्या लाभ जर ंे उनसे ननला न नलया जाये ?
रेचासे अंे ले ुैसी से मड क्या ननला लेता ? ननला कंसी व्यनक्त से नुीं, पाकच साष्ट्र से लेना ुै ।। रूस, अमेरसंा, चीन,
इक ालैण्ैं औस पकंस्तान । हसकाुी ाहरु ंा नशष्य हैँ न चचा, जो ंसता हैँ, ैंकंे ंी चोट पस ंसता हक । स्रयक ुी अपनी
प्रयोाशाला से फामहणला ननंलरा कनया मैने , न न न यु ना समझना कं रु फामूणला नंली ुै । "

जन से रतन युाक आया ाा, प्राम नास ुल्ले से महस्ंासाया रु । रार्ी में रुीं ाम्भीसतातो ुी लेना जान"--- ंाफी नुीं कं
ंौन नहश्मन, ंौन नोस्त ुै । उस समय तं नहश्मनों ंे नरषय में जानने से ुी क्या लाभ जर ंे उनसे ननला न नलया जाये ?
रेचासे अंे ले ुैसी से मड क्या ननला लेता ? ननला कंसी व्यनक्त से नुीं, पाकच साष्ट्र से लेना ुै ।। रूस, अमेरसंा, चीन,
इक ालैण्ैं औस पकंस्तान । हसकाुी ाहरु ंा नशष्य हैँ न चचा, जो ंसता हैँ, ैंकंे ंी चोट पस ंसता हक । स्रयक ुी अपनी
प्रयोाशाला से फामहणला ननंलरा कनया मैने , न न न यु ना समझना कं रु फामूणला नंली ुै । "

"तहम ंुना क्या चाुते ुो ?"-

"प्रमानर्तक ंसना चाुता हैँ ंी मुान हसकाुी ंा असली नशष्य हक मड "!


"ुम कफस नुीं समझे ।"

"रे कफल्में अपनी प्रयोाशाला से ननंालंस पाकच साष्ट्रों ंो चहनौती नी ुै मडने कं नजसमें तांत ुै, रु प्राप्त ंस ले उन्ुें ।
अपनी कफल्मों ंे पीछेकफल्में रे भी पास ंे कंसी कं ुै नारा मेसा हैँ आसुा मड पीछे- सहसनक्षत नुीं छोैंू काा । नजसमें तांत ुो
महझे सोंे ले । अन्त में चाुे कंसी ंे पास भी चली जायें मड उन्ुें ननंालंस लातकाा । ुाक, भासत ंो तो रु फामूणला नेना ुी
चाुता हक में ।"

"'रैंी नरनचरअलफाकसे "! ुै नात सी- ने ंुासे प्रयोाशाला अपनी ुी स्रयक"-- कफल्में चोसी ुोने नेते ,ुो औस कफस उन्ुें
प्राप्त ंसने ंे ननंल पैंते ुो ुै तहम्ुासी इस तटपटाका ुसंत ंा मतलन ुी क्या ुै ?"

एं नास पहनचमन ंो नहश्मनों कं ुै यु मतलन "----नतन महस्ंसाया से- ुल्ले : ंी शनक्त ंा पता ला जाए औस रतन ंो
पता ला जाए कं मुान शनक्त ंुलाने राले ये साष्ट्र आनखस ुड कंतने पानी में ुै ।"

" अजीन आनमी ुो । भला हुई नात ंौई भी यु"--ंुा ने अलफाकसे "?" "

"चचा ाक रुी ंी रतन "!भीस रार्ीपुल पुले जो ुड ुोती नातें सी-नहुत------- तपस से नेखने पस नैंी नरनचर सी
लाती ुड, कंन्तह जन उन नातों ंो ध्यान से सोचा जाता ुै तो पता लाता ुै कं उनंी ाुसाई में क्या ुै ? यु समनझए कं
यु लैंाई मेसे द्वासा पैना ंी ाई ुै । "

आज न लड़ता तो ंे ंल कंक सीकंक सी-न- ढ़ा से महझ पस आक्रमर् ंसते । ऐसे मुत्त्रपूर्ण लोा भी नहननया में ंम ुी ुोंाे जो
अपनी इतनी मुारपूर् चीज ंो नाकर पस लाांस लैंने चला ुै । मड स्रयक नहश्मन ंी शनक्त ंा अन्नाजा ंसंे उन्ुें अपनी शनक्त
कनखाना चाुता हैँ ।"

" मड तहम्ुासा मेंसन मंसन समझ ाया हैँने अलफाकसे. । " ंुा…"कंन्तह कफस भी नात ुै नननचर"! ुी सी-

"महझे अनृश्वयण ुै ंो आपंी मेसी नात नरनचर ला सुी ुै ।ने रतन "' ंुा नहननयाैँ ंी आपसाध ंी ुै यु सहना मडने जरकं"-
अपसाधी ऐसे एंमार आप में ुड, नजसंा अपसाध ंसने ंा मंसन आज तं ंोई नुीं जान संा

"खैस ुो चाुते ंसना क्या आाे तहम कं हक संता जान मै ैँ क्या "---ंुा ने अलंाकसे "!?"

" जो भी ंह छ ंसना चाुता हक, उसमें आपंी औस नरशेष रूप से नपशाचनाा ंी ाोैंी----ंुा ने रतन । ुै आरश्यंता सी-
पश्चात् ंे स्टेटमेंट में अखनासों" मडने जाना ुै कं आप लोा मेसे नोस्त औस ुमननों में से ुै । सोचा कं आप मेसी ाोैंी सी-
"। ंसें ाे अरश्य सुायता

" नोलौ ुो चाुते सुायता क्या-?"

मड जो ंह छ ंरूकाा, उसे सासी नहननया जानेाी ।ंुा ने रतन "…"सभी जानेंाे कं रतन क्या ंस सुा ुै । इतना सन ंह छ ंसने
ंे नारजहन भी मड अन्तसाणष्ट्रसै य अनालत ंे नशंक जे ुड नुीं फक सनाक चाुता । मड यु चाुता हैँ कं सासी नहननया यकु तो जाने कं
रतन ने क्या कंया ुै, कंक तह रु सन ंह छ रतन ने ुी कंया ुै, यु प्रमानर्त ंसने ुड नलए कंसी ंे पास प्रमार् न ुो "!

" ुम ुस प्रंास से तहम्ुासी सुायता ंसने ंे नलए तैयास ुड ।"

" महझे आपसे ऐसी ुी आशा ाी ।।। लाा समाझाने ंह छ सन उन्ुें धीसे धीसे रतन नान ंे ंुने "

ुैसी ंे मेंअप में ुैलींॉप्टस ड्राईर ंसता हुआ नरंास अपने नसानस में नैठे जैंी ंे महकु से ननंलने नाली आनाज ंो सहनंस
नहसी तसु चौं पड़ाे़ ।। उसंा मनस्तष्ं सन्ना उठै ।। स्रयक मानो अन्तरसक्ष में चंसा सुा ाा । उसंे ाे महकु से ननंक ला"---'नाण्ैं
अंक लक ।"

"'ठीं पुचाना रेटे ।पुचाना से नेस लेकंन"---आराज ंी नाण्ैं जेम्स " यान सुे ुमासी रसरॉल्रस, ंा रूख तहम्ुासी तसफ ुै
। ंोई भी ुसंत ंसने से पूरण यु यान सखना कं मड ाोली मासने में एं क्षर् ंा भी नरलम्र न ंहक रूकाा ।"

एं क्षर् नस्ास से नेरों से नरंास ने नाण्ैं ंो धूसा ।

नाण्ैं ंुे जा सुा ाा------------रु ाी ंी मेुनत जो तहमने नलये ंे ंसने प्राप्त फामूणला कं नेटे ुैसी ुड नहख महझ----

"! ाई ुो नेंास

-"'अकंल ।लह्रजे ुी ंे ुसी " में नरंास ने ंुा कंया आपने जो"----, अपने नुत में अछछा नुीं"। कंया-

" मेसा नाम नाण्ैं ुै नेटे ।ंा रसरॉल्रस अपने " ननार ुल्ंे से उसंी ंनपटी सस नड़ाता हुया नोलातहम----- पैना भी नुीं
हुए ाे तन से में अपना _नुत औस अनुत समझता हैँ ।तहमने इस जासूसी ंे क्षेर में अभी ंनम सखा ुै । नेशं इस नात ंे
नलये तहम्ुासी प्रशणसाक ंसनी ुोाी कं 'तहमने रतन ंी सहनढृ प्रयोाशाला से खहनसहसती ंे साा कफल्में ाायन ंी कंक तह इसंा यु
मतलन नुीं कं उतनी ुी खूनसूऱती से तहम इन्ुें अमेरसंा ले जाने में भी ंामयान ुो जाते ।। ननुी चालांी ंौई-न-ाक,
ुैलींॉप्टस चलाते सुो ।"
इस प्रंास, उन ंह छ क्षर्ों ंे नलये नररश ाा, नरंास ।

उसने जेम्ज नाण्ैं पस यु भेन भी नुीं खोला कं रु ुैसी नुी नरंास ुै । इस नरचास से भी उसंाक मनस्तष्ं सन्ना सुा ाा
कं 'नाण्ैं' ने रे कफल्में जकाल में क्यों फें ं नीं ? अन स्रयक उन कफल्मों ंो ंै से ढू कढ पायेाा ?"

"ुैसी रेटे नरकनत महझे "---ंी भका श्रृकखला ननचास उसंी ने नाण्ैं अचानं "! ाा कं नुी ुोाा, जो ुो सुा ुै, अत मड :
इस । ाा अााया ंसंे तैयासी पूसी ुेलींॉप्टस में नसफण एं पैसाशूट ुै ।सीट ने नाण्ैं में रास्तर हुये ंुते " ंे नीचे से एं
पैसाशट ननंाल नलया ।

नरंास चहप ाा ।

-तहम नजस प्रंास; ुैलींाैँप्टस चला सुे ुो, उसी प्रंास चलाते सुोाे।"। हैँ सुा ंू न मड"----ंक ुा ने नाण्ैं "

''यान सुेंसने ंम भी मार लेश तकचाई ंी ुैलींॉप्टस से भूनम तहमने अास--- ंी चेष्ठा ंी तो अकजामुैलींॉप् ये--टस
तहम्ुासी नचता नन् जायेाा ।"

चहप ुी या नरंासक ।

"ये न समझना कं ुैलींॉप्टस ंो उैंाने ंो धमंी अपने रसरॉल्रस ंे आधास पस ने सुा हैँ । मेसे"----ंुा :पहन ने नाण्ैं "
तहम्ुासा क्षर् भी कंसी औस ुै ान पास ुैलींॉप्टस मेसी ान ंी सें ज से नाुस नुीं ुोाा ।"

एंनम, कंसी ाूकाे ंी भाैँनत चहप ाा नरंास उसंा चेुसा सहखण ुो चहंा ाा उसी । ंठोसता में नेरों ।। सहखण तं ंनपरटयों-
रु रैठा- पस सीट प्रंास ुैलींॉप्टस ड्राईर कंये जा सुा ाा ।।।

' नरनभन्न प्रंास ंी चेतारननयाक नेता हुया नाण्ैं पैसाशूट इायाकन नाैँधंस तैयास, ुो ाया । अन्त में नोला--, "नहुत ाहस्से में
ला सुे ुो ुैसी नेटे लेकंन असनलयत ये ुै कं इसमें ाहस्से जैसी ंोई नात नुीं ुै । ंभी तहम्ुासा नाकर लाता ुै, ंमी ुमासा
। अास तहम नचंस ननंलना चाुो तो ुैलींाप्टस राहशकाटन ंी ुी धसती छह ए ।'"

ंुंस ुैलींॉप्टस से नाुस अकधंास में ंू न ाया ।

नरंास तो जैसे पुले ुी सौचे नैठा ाा कं उसे ंन ंुाैँ क्या ुसंत ंसनी ुै । अभी तं रु जैसे नसफण समय ंा प्रतीक्षं ाा

उधस, नाण्ैं ंू ना ।।।

इधस नरंास नूससी कनशा नाली नखड़ंी से नाुस ंू न ाया ।

ुैलींाप्टस चालं सनुत सनुत ुो ाया । ंू नते ुी नरंास ंह छ नूस तं भूनम ंी तसफ प्रनल नेा से नासा, कफस झटंा एं-
। लाा

उसंी ानत ुरा में तैसतेनरंास तैसता में ुरा । ाई ुो जैसी न्सानइ कंसी से- नहननहना सुा ाा ाा जानता भी मड "--- नाण्ैं
नेटे कं ऐसा ंह छ ुो संता ुै ।"

सचमहच एं पैसाशूट ंी ैंोरसयों में नकधा नरंास ुरा में तैस सुा ाा । उसंा पैसाशूट न जाने ंौन से ऱक ा ंा ाा कं रातारसर्
ंे स्याुीनास अकधेसे में उसंा ंोई अनस्तार नजस नुीं आ सुा ाा ।

उसंे ठीं नरपसीत नाण्ैं ंा पैसामूट नजस आ सुा ाा ननंास से ाोड़ी ुी नूसी पस ुना में तैसता नाण्ैं भहनम ंी तसफ उतस
सुा ाा ।

उधसु सनुत चालं-ाैलींॉप्टस ुरा में लड़खैंाया ।

उसी पल।। उठा नुल रातारसर् से ाजणना ंी ान ंी नाण्ैं--

एं साा ान ंी अनें ाोनलयाक ुैलींॉप्टस ंे नजस्म से टंसाई । ंोई ाोली शायन टंीं ंो फाड़ंस अकनस भी पहुकच ाई ाी ुै
उसी ंे ंासर्रश सम्पूर्ण ुैलींॉप्टस आा ंी लपटों में नघस ाया ।

नरंास ने जलते हुए ुैलींॉप्टस ंो कंसी पसंटे पक्षी ंी भाकनत ुरा में लुसाते औस अन्त में नूस कंसी रृक्ष ंी चोटी से टंसा
ंस नष्ट ुोते नेखा ।

न जाने कंस नरचास ंे परसर्ामस्ररूप उसंे । आई उभस महस्ंसाुट पस ुोठों-

नहसा सुा जल ुैलींॉप्टस उलझा में शाखों ंी नृक्ष-ाा ।

उसंे साा ुी जल सक ुा ाा रृक्ष ंा रु भााक नजसने ुैलींाप्टस ंो सम्ुाल सखा ाा । पुले नाण्ैं औस उसंे पाकच नमनट
पश्चात ुी नरंास भूमी पस पहुकच ाया । नाण्ैं ंा पैसाशूट क्योंकं अकधेसे में स्पष्ट चमं सुा ाा , इसनलये नरंास ससलता से
प्रायें पत उस पस नजस सख संता ाा ' मृ ३' कक्रन्तह नाण्ैं ंो शायन स्रप्न मड भी उम्मीन नुीं ाी कं नरंास भी उसंे
आसपास ंुीं ुै ।
नरंासक नाण्ैं से ंसीन पचास ाज नूस ाा । पैसाशूट ंो लपेटंस सहसनक्षत सखने ंी नरंास ने ंोई ंोनशश ंी ।

नरंास स्रयक ंो अकधेसे में सखता हुआ धीसे धीसे नाण्ैं ंी तसफ नड़ा । अभी रु अपने औस राण्ैं ंे नीच ंी नूसी ुी तय ंस
संा ाा कं-----

नाण्ैं ंी कनशा में एं टाचण चमंी ।।

नरंास रठठं ाया ।।

रठठंंस ाौस से नेखने लाा ।

टाचण से नाण्ैं ुाा में मौजून कंसी चीज ंो नेख सुा ाा ।

नरंास यु न नेख संा कं टाचण ंी सोशनी में नाण्ैं ने क्या नेखा ुै ।

कफस ।। ाया नड़ ंो तसफ एं नाण्ैं नलये में ुाा टाचण सोशन ---

नजसने ंी आरश्यंता, नुीं कं स्रयक ंो अकधेसे में सखंस नरंास उसंे पीछेाे लपंा । इतना तो नरंास समझ ुी चहंा ाा
कं जकाल ंे इस अकधेसे में नाण्ैं ने कफल्में यूक ुी नुीं फें ं नी ।

खोजने ंे नलये नाण्ैं ंे पास ंोई ुै क्या साधन यु । ुोाा अरश्य साधन ंोई-न-? जन तं नरंास ंो यु पता न ला
जाये, तन तं रु राण्ैं ंे सामने अााना उपयहु नुीं समझता ाा ।।

नाण्ैं ंे ुाा में क्योंकं सोशन टॉचण ाीं इसनलये नरंास ंो ननसन्तस उसंा पीछ् ंसने में कंसी प्रंास ंी ंरठनाई नुीं ुो सुी
ाी ।। नीच नीच में नाण्ैं टॉचण ंा प्रंाश अपनी ुाेली में ननी कंसी चीज पस ैंालंस नेख लेता औस कफस आाे नढ़ जाता ।

ंरठनता से पन्द्रु ंनम ंी नूसी ंा अन्तसाल सखता हुआ नरंास उसंा पीछा ंस सुा ाा ।

ंोई तीस नमनट तं युी नसलनसला जासी सुा।

कफस, एंाएं नाण्ैं उस समय रठठंा ।

जन टाचण ंे प्रंाश में अपनी ुाेली ननी चीज ंो नेख सुा ाा ।


ंह छ नेस तं नाण्ैं ाौस से उस चीज ंो नेखता सुा ।
उस समय नरंास एं पेैं ंे पीछे उससे नसफण इतनी नूस पस ाा कं नाण्ैं ंी नहननहनाुट भी उसने सहन ली । नाण्ैं नहननहनाया
ााकंसी कफल्में मतलन इसंा"---- ंे ुाा ला ायी ुै ।"

नरंाकस ने उसंा यु राक्य सहना औस समझ नलया कं मामला क्या ुै । टाचण ंे प्रंाश में रु नास नेखता ंों चीज कंस नास-
से तेजी नरचास ंे प्रंास ंई ।। ुै नरंास ंे कनमाा में चंसा उठे । यु समझने में उसे ंी प्रंास ंी ंक रठनाई नुी हुई ंी
नाण्ैं नास नास कनशा औस नूसी नताने राली नरसामघड़ी नेखता ुै ।
यु समझने में भी उसे नेस न लाी कं नरसामघड़ी ंा सम्नन्ध उस पसण से ुोाा । पसण में ंोई ऐसा ट्राकसमीटस ुोाा नजसंी
कनशा औस नूसी नाण्ैं ंे नायें ुाा में ननी रु नरसामकधैंी नता सुी ुोाी ।

घैंी ंी सहइयों ंो ानतमान नेखंस ुी नाण्ैं इस नतीजे पस पहुकचा ुोाा कं पसण कंसी ंे ुाा ला ाया ुै ।

उधस नाण्ैं पुले से अनधं तेजी ंे साा एं तसफ ंो नड़ ाया ।।

सारधानीरश नाण्ैं ने टाचण नहझा नी ाी । परसर्ामस्ररुप, नरंास ंो अन उसंा पीछा ंसने से महनश्ंल ुो सुी ाी ।।

ुालाककं नरंास ंाफी सतंण ता से आाे नढ़ सुा ाा मास यु नात नाण्ैं से अनधं नेस न छू प संी कं ंोई उसंा पीछा ंस
सुा ुै ।

एंाएं ाजन ंी तीव्रता ंे साा नाण्ैं पलट पड़ा ।। झनां से टाचण ंी सोशनी नरंास ंी तसफ लपंी ।

साा ुी नाण्ैं ंी आराज ुै ंौन "-?"

कंन्तह उससे अनधं तेजी ंे साा ुरा में सन्नाया नरंास ंा आलनपन।

सूक। ाई नास से ुाा उसंे टॉचण में नौखलाुट । ाया घूस में ंलाई ंी नाण्ैं जेम्स आलनपन साा ंे ध्रनन सी ुल्ंी ंी सू--

अभी रु उसे पहनअकंल नुीं "----कं ाा ुी झहंा से फह ती नलये ंे उठाने :, टाचण उठाने ंी ंोनशश न ंसना, रनाण मड
फायस ंस नूकाा ।

रठठं ाया नाण्ैं, महकु से ननंला"। ुैसी"----


आप क्या समझते ुै अकंल, कं मड इतनी ससलता से ुैलींॉप्टस में जलंस साख ुो जातकाा ?"

"तहम नरंास ुों"। संते ुो नुीं ुैसी तहम ।। नरंास-

"जानता हक अकंल , आपंो नरकनत ुै कं आलानपन ंो ुनायास ंे रूप में नसफण नरंास इस्तेमाल ंसता ुै ।"

इस नास नरंास अपनी रास्तनरं स्रस में नोला ाा"। पुचाना से नेस ंाफी लेकंन अकंल ठीं तो पुचाना "----

" तम भेष में ुैसी"----जहनान ंी नाण्ैं ाई लड़खड़ा----तहम-----ाेाक ?"

"क्यों संता ुो नुीं में रुप ंे ुैसी में क्या तो ुै संते ुो में रुप ंे जैंी आप जन---?"

" कंन्तह".....

नाण्ैं अभी ंह छ ंुना ुी चाुता ाा कं नरंास ंी आराज ाूजीं नरन्तह- कंन्तह "-- ंह छ नुीं अकंलक-----------------
"। नूााक फोड़ भेजा तो ंी ुसंत भी ंोई -

जेम्स नाण्ैं ने नेखा -----

उपयहणक्त शब्नों ंे साा ुी लम्ना लड़ंा उसंे ठीं सामने खड़ा ुो ाया ाा । नाण्ैं ंे समीप ुी जमीन पस सोशन टाचण पड़ी
हुई ाी । उसंा प्रंाश ना नाण्ैं पस पड़ सुा ाा ना नरंास पस , कंन्तह उसंे प्रंाश में एंंो साये ंो नूससे-- भली भातीं
नेख संते ाे साया ंा रसरॉ्ल्रस ननी में ुाा ंे नरंास ने नाण्ैं ! भी नेख नलया ाा ।

" अकंल । नरंास ुै यास रतन कं ाया भूल रु तो ाा सौंपा ंाम तहम्ुें ने "एम" ाकजे तहम्ुासे जन "--- ंुा ने नरंास "
ंा?"

" नरंास सकभ जहनान में ननषय ंे चीफ "--- नाण्ैं उठा ाहसाण "!ाालंस नात ंसो ।"

" छोड़ो चीफ ंी नात ।कं ाे ाये भूल भी तहम क्या अकंल "---- ुकसा नरंास " नरंास ंी जान नोस्तों ंे नलये ुै ? क्या
उन कं ाा सोचा नुीं तहमने--- कफल्मों ंो प्राप्त ंसने जाओाे तो तहम्ुासा टंसान नरंास से भी ुोाा ?"
" जानता ाा .... कफस----?"

" कफस भी इस अनभयान में ंू नने ंी नुम्मत ुो ाई तहम्ुासी ?"

अन्नस ुी अन्नस ंाकप उठा नाण्ैं ।

नहननया में नरंास ुी ऐसा लड़ंा ाा नजसंा सामना ंसने में नाण्ैं स्रयक ंो नरणस समझा ंसता ाा ।।

ना जाने क्यों नरंास ंे सामने आते ुी रु घनसाुट सी मुसूस ंसता ाा , कंन्तह उस घनसाुट ंो उसने ंभी प्रंट नुीं
ंीया ।

तभी तो नोला क्यों "----, क्या तहमसे ंह छ ैंसता हक मड ?"

" मड जानता हक अकंल , जो कनल में ुै , उसे प्रश्न ननांस पहछ सुे ुो महझसे ।"

ह्रनय भले ुी ंाकप सुा ुो नाण्ैं ंा, कंन्तह तपस से महस्ंसाया , नाण्ैं नोला नहुत तहम्ुें मे नासे अपने "---- नड़ी ालती
ुोायी ुै नरंास नेटे छोंसों जैसे तहम ंो नाण्ैं कनन नजस ! से ैंसना पैंा, उस कनन नाण्ैं जीनरत सुने से रेुतस आामुाया
ंसना समझेाा ।'"

" आामुाया ंसोाे ंै से अकंल , मौत तो तहरूुासी नरंास ंे ुााों नलखी ुै ।"

-“यु तो रक्त रतायेाा नटे कं कंसंी मौत कंसंे ुाा नलखी ुै ।"। ंसो नात ंी ंाम"---ाहसाणया नाण्ैं "

" रु नरसामधड़ी मेसे ुनाले ंस नो ।"

" ंौन ननसामघड़ी सी-?"

"रकुी नजसंे आधास पस उस पसण तं पहुकचना चाुते ुै नजसमे"......


कंन्तह।। राक्य ंा नरंास संा ुो न पूर्--

उससे पूरण ुी ऐसी ुसंत ंस नी नाण्ैं ने नजसंी नरंास ने आशा नुीं ंी ाीं । अपने ंनमों में पड़ी सोशन टाचण ंों उसने
एं ठोंस मासंस नरंास ंी तसफ उछाल कनया ।।

ननशाना इतना सटीं कं सन्नाती हुई टॉचण नरंास ंे ुाा में नने रसरॉल्नस से जांस टंसाई ।

उस अप्रायानशत ुमले ंे प्रनत नरंास सतंण न ाा औस युी ंासर् ाा कं एं पल ंे नलये उस से चूं ुोाई ।

रसनाैँल्रस जांे ुाा से नछटंस ंुीं अकधसें े में नहस जा नासा।

अभी रु सकभलने ुी राला ाा ंी ुरा में सन्नाता हुअाा जेम्स नाण्ैं ंा शसीस उसंे ।। नासा आ तपस-

नरंास अभी स्रयक ंी नाण्ैं ंे महंानला ंसने ुेतह तैयास भी नुीं ंस पाया ाा कं"। नरसामकधैंी जो ये "-----

नाण्ैं ंे इस नाक्य ंे साा ुी एं जनसनस्त घूकसा ननंास ंी ंनपटी पस पैंा ।।

घूकसा इतना शनक्तशाली ाा ंी कफसंनी ंी भाकनत घूमंस नरंास धड़ाकम से जमीन पस नासा ।।

भयानं फह ती ंे साा रु उछल ंस खड़ा ुो ाया । इस ंायण में अास उसे एं क्षर् ंा भी ननलम्न ुो जाता तो नाण्ैं ंे नूट
ंी ठोंस पूसी शनक्त से उसंे चेुसे पस टंसाती ।

कंन्तह अन। टाका ंी नाण्ैं ायी सु घूमंस में ुना रु अन----

उसी पल नरंास ंे नसस ंी एं जोऱनास टक्कस उसंे चेुसे पस पैंी ुै न चाुते हुए भी नाण्ैं ंे ंण्ठ से चीख ननंल ाई ।

टक्कस सीधी उसंी नाकं पस नैठी ाी औस नां से खून कंसी टू टे हुए नाकध ंी भानत नुने लाा ाा । नाण्ैं पुली चोट ंे
ंासर् ुी अपने कनमाा ंो ननयनन्रत न ंस पाया ाा कं नरंास ंी लम्नी टाका धूम ाई ।

नूट ंी जौसनास ठोंस नाण्ैं ंे पेट में पैंी ।

ंसाुंस नाण्ैं पेट पंड़ंस नहुसा ुो ाया । उसी समय नाण्ैं ंी ाहद्दी पऱ नरंास ंा नहुुड़ पड़ा ।
महकु ंे नल नरंास ंे ंृ नमो में जा नासा नाण्ैं । इससे पूरण कं नरंास उस पस अपना ंोई अाला नास ंसता, नाण्ैं ने
उसंी नोनों टाकाे पंड़ंस एं झटंे ंे साका खीच नीं ।

नरंास ंे पैस धसती से ुटे औस रु नननचर से ढका से चंसांस जमीन पस नासा ।

नासा अाौस नासने ंे उपसान्त भयानं फह ती ंे साा रु उठंस खड़ा भी ुो ाया , कंन्तहइस--- नास जन उसने नाण्ैं पस
जम्प लाानी चाुीं तो एंाएं रठठं ाया ।।

टाचण ंी सोशनी में उसे चमं सुा ाासाया ंा नाण्ैं खड़ा सामने अपने-, साा ुी उसने नाण्ैं ंे ुाा में चमचमाता हुआ एं
चांू नेख नलया ाा । उस चांू ंो नेखंस ुी रठठंा ाा, रु ाहसाणयाअकंल क्यों"-----, उतस अााये नहजकनली पस ?"

-'"रसरॉल्रस मेसी तसफ तानंस खड़े सुना नहजकनली नुीं ुै ?" ंुने ंे साा ुीं नाण्ैं ने नरजली ंी ानत से झपटंस नरंास
पस चांू ंा नास कंया ।

नरंास ने ुना में ुी नाण्ैं ंी चांू राली ंलाई ााम ली औस नोला चांू एं भी महझे तो अकंल ुै ंलेजा ंा शेस "---
".......

उसंा राक्य पूसा ुोने से पूरण ुी नाण्ैं ंा घूटना उसंी टाकाों ंे जोैं पस पैंा ।।

ननश्चय ुी ननण से नतलनमला उठा नरंासक, कंन्तह उसंे चक्कस में राण्ैं ंी चांू नाली ंलाई ंों छोड़ने ंे स्ाान पस इतनी जौस
से मसोैंा कं नाण्ैं ंे ंक ठ से चीख ननंल ाई । महकु से चीख ननंालता हुआ राण्ैं नरंास ंी ंमस पस से ुोता हुआ जमीन-
। नासा पस

इलना सर ंह छ ंसने ंे नारजून भी उसने नाण्ैं ंी चांू राली ंलाई नुीं छोड़ी । एं टाका उस ंलाई ंे जोड़ पस सखी
अाौस इस तसु ंलाई ंी खींचने लाा मानौ उसे नाण्ैं ंे नजस्म से तोड़ंस अला फें ं नेने ंा इसाना सखता ुो । इधस नरंास
इस प्रयास में ाा औस उधस नाण्ैं ने अपनी नोनों टाकाे उठांस नरंास ंी ानणन में फक सा नी।

नड़ा नरनचर। ाा फक सा नाकर सा-

नरंास उसंी ंलाई नुीं छोड़ सुा ाा औस नाण्ैं उसंी ानणन । नाण्ैं उसे नासाने ंे नलये झटंा नेता तो ननण उसंी ंलाई
में ुोता । ंाफी नेस तं नौनो उसी नस्ानत में सुे । कफस------------

जैसे एंसाा नोंनों ने ननश्चय कंया ।


नाण्ैं ंा मूट नरंास ंे चेुसे से टंसाया औस नरंास ंा नाण्ैं ंे चेुसे से । एं साा नोनों ंे ंक ठ से चीख ननंल ाई ।
नछटंंस नोनों एं साा नूससे अला ुोाये ।

नरंास उछल ंस खड़ा ुोाया।

उससे पुले खैंा ुो ाया ाा जेम्स नाण्ैं ।

नरंास कंसी नचते ंी तसु उस पस झपटा । ननजली ंी सी ानत से नाण्ैं ंा चांू नाला ुाा चला ।

एं भयानं चीख नरंास ंे महकु से ननंल ाई ।

हुआ यूक ाा कं नाण्ैं ंा चांू नरंास ंे नायें ंन्धे में एं ाुसा घार ंसता हुआ ननंल ाया ।

ंन्धे से नहसी तसु खून रुने लाा । नायें ुाा से उस घार ंो ननांस पीछे ुटा नरंास ।

पुले जैसी फू ती ंे साा नाण्ैं ने उस पस नूससा रास कंया ।

कंन्तह अन । ाा चहंा नन भेनड़या नरंास अन -----

जेम्स नाण्ैं से अनधं फू ती ंा परसचय नेंस रु न नसफण स्रयक ंो रचा ाया , ननल्ं साा ुी उसंी लम्नी टाका भी चल ाई
। इस नास नूट ंी ठोंस नाण्ैं ंे उस पकजे पस पड़ी , नजसमें चांू नना ाा ।

ुाा से चांू ननंल ंस न जाने ंुाक नासा ?

अभी चांू ंे चक्कस में ुी ाा नाण्ैं कं नरंास ंे एं जनसनस्त घूकसे ने उसंे जनड़े पस लांस उसे आनतशनाजी ंा ंमाल
कनखा कनया । पलं झपंते ुी लम्ने नरंास ंी ठोंस घहमंस उसंे चेुसे पस पड़ी ।

ामण ामण खून से नाण्ैं ंा महकु भस ाया ।

नो नाकत भी टू ट ाये उसंे ।

खून ंा ंह ल्ला कंया तो टू टे नाकत भी नास ाये ।

इधस रु ंह ल्ली ंस सुा ाा कं नरंास ंी एं औस ठोंस ने उसंी पसनलयों ंो चसमसांस सख कनया ।


चांू लाते ुी न जाने क्या हुआ ाा नरंास ंो कं ननजली ंे पहतले ंी भाकनत उसंे नजस्म ंा ुसे ं अका ंाम ंसने लाा ।

इस फू ती ंे साा उसंे ुाा पैस चल सुे ाे कं नाण्ैं ंो सम्भलने ंे नलये एं क्षर् भी तो ना कनया जानलम ने ।

रास । चोट पस चोट । रास पस रास----

अन्त यु कं जेम्स नाण्ैं नेुोश ुो ाया ।

ससलता से नरंास ने यु भी नुीं माना कं रु नेुोश ुोाया ।

चैं ंसने ंे उपसान्त जन उसे नरश्नास ुोाया कं रु नेुोश ुोाया ुै तो नाण्ैं ंे ंपड़ो ंी तलाशी ली उसने ।

जेर से नरसामकधैंीे़ ननंाल ली ।

टाचण ंे प्रंाश में उसने समीप ंी झाड़ीयों में पड़ी नाण्ैं ंी रु ान भी उठा ली , नजससे उसने ुैलींॉप्टस नष्ट ंीया ाा ।

कफस । नरंास महस्ंसाया से ुल्ंे नेखंस । नेखा से ध्यान ंो सहईयों ंी नरसामकधैंीे़ ----

नाण्ैं ंे नेुोश नजस्म ंो ंन्धे पस ैंाला औस लम्ने।।।।। ाया नढ़ ंो तसफ एं साा ंे ंनमों लम्ने-

" तहालं अली ।"

" ुाक मेसी भाभी ंे प्यासे नहससत"। खान-

."जुाक से इस समय ुम ाहजस सुे ुड यु एं भयानं जकाल ुै ।"

" रेशं ुै ।"

"'सात ंा समय ुै ।"। ुै नजे नासक ु ंसीन "---ाा सुा ंु खान नहससत "

अपने ुाा में नकधी रसस्टराकच नेखी तहालं ने, से नैंयम ैंायल चमं सुा ाा ुै नजा ैंेढ़ पूसा "--- नोला---।"
"चासों तसफ अधेंसा ुै ।"

" सन्नाटा भी ।"

" ऐसे मौसम में महझे एं नात यान आ सुी ुै ।"

" उाल' नो ।"

"ऐसा ुी मौसम ाा जन मेसे अब्ना अम्मी ंी आैँखों से रनी चाट खा ाये ।नहससत " अली ंुने लाा ंी अम्मी मेसी "---
पसन्न इतनी ंो अब्ना चाट रु ननी से आखों आई कं रे उसे नासाा समय ंा सात ाा जकाल नरयारान । लाे खाने नास-,
चासों तसफ सन्नाटा । जानरकस नोल सुे ाे ।

ऐसे में मेसी अम्मी औस अब्ना ंे ताशे नज ाये । एंमें प्यास ंे नूससे - नजसनटटू ननेाे तो अम्मी ंुने लाी-'" मेसे कनल ंे
शसनत, महझे इश्ं ंी ंोई ऐसी ननशानी ने कं जो ुमेशा महझे तहम्ुासी यान कनलाया ंसे ।

औस अब्ना ने एं ऐसी ननशानी ने नी ।

" क्या ननशानी नी तहम्ुासे अम्ना ने ?" तहालं ने पहछा ।

"तू ुी नता सोच ंस"। ुै संती ुी क्या ननशानी नकढ़या सनसे ंी इश्ं "----

तहालं नताने लाा ।

नहुत नाम ंे ननशाननयों सी-ले ैंाले उसने, कंन्तह नहससत ाा कं इक ंास में ुी ानणन नुलाये जा सुा ाा ।

नस्ानत ऐसी आ ायी कं तहालं इश्ं ंी ननशाननयाक नताता नताता ां ाया ।। अतः तहालं नोलाअने"- तो औस क्या नभण्ैंी
ंा महसब्ना नेकनया ?"

"ुाक ।ंुा एंनम ने नहससत "…"अन पहुकचे तहम असली ननशानी पस ।"
चौंा तहालं, नोला ुो ंुते क्या"--?"

"नभण्ैंी ंे महसब्ने जैसा ुी तो ह मड ।"

" क्या मतलन ?"

"अने मड ुी तो हक प्यास ंी ननशानी जो मेसे अब्ना ने मेसी अम्मी ंो नी ।"

" ओु । ुो औलान ंी सात उसी तहम तो "--- ंुा ने तहालं "?"

" अने तू ंौन सा सहनु ंी औलान ुै ?" नहससत ने ंुा सासी तेसी महझे " --- नुस्ट्री मालहम ुै महझे । तू नोपुस ंे समय
शुतूत ंे पेड़ से टपंा ाा ।"

इस प्रंास तटपटाका नातें ंसते चले जा सुे ाे नहससत ओस तहालं ।

पोशां से जासूस ंम पाकंस्तानी शायस ायाना लाते ाे ।

चूड़ीनास पजामा, पैसों में जूती । घहटनों तं नन्न ाले ंा ंोट । नससों पस ंाली टोपी । महकु में पान ाे । नात ंसते हुए
नीचंाू पीं ंा पान में नीच- नेते ाे ।।

" भाई नहससत ।"

" ुाक नुन तहालं नानो । ंुा लपंंस ने नहससत "!

" ां ाये यास ये साला चमन अभी कंतनी नूस औस ुै ?"

नस सहनु ुोते ुोते ुम चमन ंे ुी कंसी नाा में एं नूससे ंी नेामों ंी ंमी ंो पूसी ंस सुे ुोंाे ।

" यास तहझे चमन में इस तसु जकाल ंे सास्ते से पैनल जाने ंी क्या सूझी ?"
अचानं नोनों रूं ाये । नोनों ंे ंान ंह छ सहनने ंी चेष्टा ंस सुे ाे ।

आंाश ंी ओस नेखता हुआ तहालं नोला ुै लाता "--- आसमान से साला ंोई ुनाई जुाज ाहजस सुा ुै ।"

" ुनाई जुाज नुी मूखण आनाज ुेलींॉप्टस ंी ुै ।। ंुा ने नहससत "

अड़ा नुीं तहालं , नोला"। ुै सुा आ नुीं नजस ंुीं साला यास लेकंन । ुै ंुता ठीं तू "---

अचानं ..............

ुना में लुसांस आंाश से नीचे नासती हुई ंोई चीज फटां से नहससत ंे चेुसे पस आ पड़ी।

" अने तेसी ंी"!......

" क्या हुआ ाा क्या ----?" तहालं ने पहछा ।

" महझे लाता ुै कं ुेलींॉप्टस ंा पहजाण टू टंस मेसे चेुसे पस नासा ुै , उसे ढू कढों उसे कं ुै संता ुो --- नेखंस ुम यु
जान संें कं रु ुैलींॉप्टस ंौन से सन् में नना ाा ?"

नोनों ुी उस चीज ंो तलाश ंसने लाे , जो तपस से नासी ाी ।

" अने ुै पड़ा कंसंा पसण साला ये "--------ननंला से महकु ंे लंतहा "!?"

तहालं ने झहंंस पसण उठा नलया ।।

" इसमें माल ुोाा ।ंुते " हुए तहालं ने पसण ंी चेन खोल नी ।

" अने इस में तो कफल्में ुड "। सील नो ---

तहालं ने आईनैंया कफट कंया कंसी अपनी में जकाल इस प्रोैंयूसस ंो ुै लाता "--- जासूसी कफल्म ंी शूरटका ंसने आया
ुोाा । उस नेचासे ने कफल्में अपने पसण में सखी ुोंाी औस पसण युाक नास ाया ।।
" महझे तो ंह छ औस ुी लाता ुै । "

" क्या ?"

" कंसी जेनंतसे ने कंसी नहुत ुी अमीस आनमी ंी जेन ंाट ली ुोाी ।खान नहससत " ने साय प्रंट ंी पैसे से पसण "---
कनया फड ं युाक पसण उसने ंस ननंाल ुोाा ।"

तहालं ने साय प्रंट ंी ाी लाी आंस पस चेुसे मेसे जो नुीं चीज रु तो ुी पसण ये ंुीं अने "----?"

" ुाक । ंुा ने तहालं से भार राले उड़ाने नखल्ली ", " ंोई चील ईसे अपनी चोंच में ननांस उड़ी चली जा सुी ुोाी ,
अन्धेसें में तेसी शक्ल नेखी तो कफना ुो ाई । अपनी मोुब्नत ंे इंसानामे पस नसतख्त ंसाने ंे उसने चोंच खोली ुोाी औस ये
पसण "......

" तहझे ंभी अक्ल नुीं आयेाी साले जामहन ंी औलान ।अने "--- ंुा ने नहससत " क्या ये नुीं ुो संता कं यु पसण उस
ुैलींॉप्टस में नैठे कंसी आनमी ंी जेन से नासा ुो ? इुफां से ुमें नमल ाया ।"

" तो कफस तेसे नरचास से इस कफल्म में क्या ुोाा ?"

" यु तो इन्ुें नेखने से ुी पता लाेाा।।।।। लाा ंसने प्रयास ंा नेखने में सोशनी ंी टाचण ंो कफल्मों तहालं ंुंस "!

अभी कफल्में ननंालंस टाचण ंी सोशनी से चें ंस ुी सुे ाे कं ----

--- उसी समय ।। उठा ंाकप से ाजणने ंे ान कंसी रातारसर् ---

रे नोंनो ुी सुमंस एं नूससे से नलपट ाये । नस ान ंी इस ाजणना ंे नान रे कंसी प्रंास ंी ंोई आराज न सहन संे ।

पुले रे एं नूससे से नचपंे ास ास ंाकपते सुे , कफस नहससत नोला "। तहालं "---

" ुाक नहससत ।"

" साले , लाता ुै ंोई पााल जासूस इस जकाल में आ ाया ुै "। भााो "---

" सचमहच तो ुोता अक्लमकन अास जासूस ---, इस तसु सकाीत नजा ंस ुमें सतंण न ंसता ननल्ं चहपचाप ुमें इस तसु
ननोच लेता जैसे ननल्ली चूुे ंो ननोच लेती ुै । ंे मासधाड़ ननना तो जासूस मुान "---- ाा सुा जा चला ंुे तहालं "
ंाम ंसते ुड ।"
" ननल्ंह ल ।"। चानुए उठाना फायना से जासूसी ंी जासूसों नेरंू फ ुमें "---- ंुा ने नहससत "

" भााो ।मे आपस औस लााया नासा ने तहालं "ाक ुाा पंड़ ंस नोनों ुी भाा नलये ।

पसण सनुत नोंनों कफल्में तहालं ंे ुााों में सुी सलामत ाी ।

रे अकधेसे जकाल में रेतुाशा भााे चले जा सुे ाे । इस प्रंास मानों भूतों ंोइ टोली उनंा पीछा ंस सुी ुो ।

अन्धेसें में ंई स्ाान पस ठोंस खांस नासे भी , कंन्तह उठ ंस कफस नौड़ने लाते ।

अन्त में जकाल ंे नीच रनी एं इमासत ंो नेखंस रे रूं ाये ।।।।

नहसी तसु फू ली हुई साकसें लेंस उन्ुोंने एंनेखा ंो नूससे-, कफस इमासत ंो औस कफस एं।। ंो नूससे-

नोनों ैंी आखें एं ुै ंै सी इमासत यु नीच ंे जकाल कं ाीं सुी पूछ से नूससे--? अपनी फू ली हुई साकस पस पुले सकयम पाया
। नहससत ने नेला ंौन नेरंू फ ुै, जो इस जकाम में सुता ुै ।।

" नेरंू फ तहम ुो जो तहमने यु सराल कंया ।"

खा जाने राली नजसों से नहससत ने तहालं ंो घूसा नेले"मतलन। क्या "---

" अने युी सराल तो मड तहमसे ंसने नाला ाा ।"

" जसा सोचने ने ।रु मानो नलया नना पोज ऐसा ने तहालं उपसान्त ंे ंुने " नहननया ंा सरोंुम नरचासं ुो । ंोई प्रेमी
नात सोचने में तल्लीन ुो ुोाया ुो जो मानर जानत ंो नया मााण कनया संे । कफस उसने अपनी समानध तोड़ी नोला ---"
सोच नलया ।"

" क्या सोचा ?" नहससत ने पहछा ।

" नननश्चत रूप कंसी लंड़रग्घे ने यु इमासत अपनी लंड़रग्घी ंे नलये ननाई ुै ।नीम्ा अपने " ंा मलीना ननंालते हुए तहालं
ने नतीयालंड़रग्घी अपनी उसे"- से उतनी ुी मोुब्नत ुोाी नजतनी मेसे अब्ना ंो अम्मी से "....

"अने चहप नेाची ंे ।"

"ााली नेता ुै ।"

कंन्तह तहालं पस लेशमार भी तो असस न हुआ । रु ंुता ुीं चला ायातहझे"- नुीं पता ये, पहसाने जमाने ंे साजा मुासाजा-
। ाे ंसते भी कंया नशंास ंा शेस नासकंल्लत ंी ैंालते पड़ान नास-' से नचने ंे नलये रो जकाल में इमासत ननरा नलया
ंक सते ाे । ये सन नातें महझे एं कनन ख्नान में चमंी ाीं । यु ुी चमंा ाा कं इमासत ंो नशंासााु ंुते ुड ।"

"सच ।तो ख्नान ऐसा"-नोला नहससत " महझे मी चमंा ाा ।"

-"ये नशंासााु ुी ुै ।"

"अने सहन तो सुी, महझे क्या ख्रान चमंा ाा । ंे अब्ना नजाय ंी अम्मी कं ाा चमंा महझे "---ाया चला ंुता नहससत "
".......पैना से पेट
"नहससत ।उ "संी नात नीच में ुी ंाटंस तहालं ने ंुा छोैं नात ंी ख्नान "---- यास, तू ये क्यों भूल सुा ुै कं ुम
जासूस ुडमोटे छोटे भी जासूस औस- नुीं"। ुै जासूस मुान सनसे ंे नहननया-

"इस ुंींत ंो मड ंभी नुीं भूलता ।"

" तो कफस इस नशंासााु में छह प जायें । तहालं ने साय नीभी कंतना साला"---- नड़ा जासूस आ जाये कंसी ंो शं नुीं
ुोाा कं ुम युाक ुड । तू रीं सोच ंभी ंोई ये सोच संता ुै कं शेस ंी माकन मे चहुा ुोाा? "

" ंभी नुीं ।"

" तो आ कफस ।"। नेंखेंाें घटाना जोड़ ंा कफल्मों इन अन्नस "---- ंुा ने तहालं "

इस प्रंासुमासे ये---- नोनों मुान जासूस नशंासााु ंे अकनस चले ाये । ाया ननाया द्वासा साजा कंसी पहुच नहुत सचमहच "
। ाा ुी नशंासााु

घूमते घूमते रे एं ंमसे में पहुकचे । ंमसे में अकधेसा ाा, नजसे पुले तो उन्ुोंने' टाचण ंी सोशनी से नूस कंया, कफस ंमसे ंी
एं नीनाकस में लाी मशाल जला ंस , प्रंाश ुो ाया ।

ंमसा नेखने से ुी आभास ुोता ाा कं ंम। ुै सखा नुीं ंनम युाक ने इन्सान कंसी से रषण एं ंम-से-

-"'अन ुम जानी पाकंस्तानक ंे नीस सपूत सहसनक्षत ुै ।"

" तहम ंह छ सहसनक्षत नुीं ुो चमानड़ ंे नच्चो !!!!!।!। ाूकजी आराज अन्य एं "!

पलं झपंते ुी नोंनों ने रसरॉ्ल्रस ननंाल ली ाी ।

"ंौन ुै ने ?" नहससत ाहसाणया मुान जैसे ुम ने औलान ंी नभण्ैंी कंस "-- जासूसों ंो ााली नेने ंी नुम्मत ंी ुै ?सामने
आ सालेुलम ननांस महसल्लम---- ंस जायेंाे ।"

"तहम नोनों ंा नसस महकैंरांस चहरटया एं साा नाकध नूकाा ।नाुस ंे ंमसे " से आराज अााई ।

नौखलांस तहालं ने अपने शायसों जैसे लम्ने नालों पे ुाा कफसाया । नहससत ंी पसे शानी यु ाी कं रे प्रंाश मे ंमसे औस ाे-
रु ंी रात ।इस अकधेसा ाा नाुस ंे भलीभाकनत समझ सुा ाा कं नाुस नाला उन्ुें आसानी से नेख सुा ुोाा औसरे . उसे
नुी नेख पा सुे ुड, तभी तो उसमे तहसन्त ंुाउल्लू साला अब्ना मेसा"-- ंा ाोश्त खाता ाा, तभी तो महझे अकधेसे में भी
कनखता ुै ।"

अभी रु ंु ुीं सुा ाा कं नसराजे ंे नाुस कंसी ंै जूतों ंी आराज ाूकजने लाी टं् "…टं् "! टं् -

" अाा जा नेटा ।"!नलोट ननायेाे"---पड़ा नोल तहाला तो ंुा ने नहससत "

.नस्ास औस' सन्तहनलत ंनमों से ंोई चल सुा ाा ।

नसराजे पस एं पसछाई उभसीरसरॉल्नस पंड़ ंी पकजों ंे नोनों ुै ताैंी लम्नी- पस मजनूत ुो ाई ।।

ंमसे से प्रनरष्ट ुोंस रु पसछाई मशाल ंे प्रंाश मे… आ ाई ।

साा ुी उसने ंुापट्ठ ंे उल्लू नूकाा रना जरूस नाल्टी तहम्ुें "--ाो "!
-"रूसी चचा ?" एं साा नोनों ं महुक से ननंला ।

नोाासोफ ुी ाा रु,नोला --“चचा नुीं नाप ंुो ।

नोनों ंी नजसे नमली । रसरॉल्नस झहं ाये । नहससत ने ंुांों ालती ुमासी "---- क्षमा ंी टोंसी में फें ं नो चचा ुमें क्या
पता ाा तहम भी जकाल में तहम ंरड्डी खेलने आये ुो, रनाण ंसम नमयाक भहट्टो ंी "......ंभी ुम---

" तहम्ुासी ंरड्डी नहुत नेस से नेख सुा हक मड ।" ---ंुा ने नाासोफ "
पाकंस्तान ंे ढक्कनों रु कफल्म महझे ने नो जो तहम्ुासे ुाा लाी ुै ।"

" ुम तो तहम्ुासे तानेनास ुड चचारााास ुी नोनों साा एं ंुंस "---------ाोाकफ ंी तसक फ नढे । समीप पहुचे । चसर्ों
में झहं णये । अन्तसाणष्ट्रीय जासूस मण्ैंली में सराणनधं उम्र ंा जासूस नाासोफ ुी ाा । ुस साष्ट्र ंा जासूस चचा ंुता ाा ।
उसे सम्मान ंसता ाा । पैस छू ता ाा ।

नहससत तहालं ने भी पसम्पसा ननभाई ।

एं महस्ंान नामासोफ ंे ुोंठों पस उभसी नोनों ंे नसस पस ुाा फे संस नोला".........नच्चे ंे ंनूतस सुो जीते"-----

औसक ुन ंसनी उन्ुोंने ।

नााासोफ ंा राक्य नीच में ुी सु ाया अाौऱ रु धड़ाम से चासों खाने नचत नासा ।

हुआ यूक कं नोंनों' मुान जासूसों ने एंसाा, झटंे से नााासोफ़ ंी नोनों टाकाें खीच ली ।

स्रप्न में भी नाासोफ ंो ऐसी उम्मीन न ाी । तभी रु मात खा ाया । नसस ंा नपछला नुस्सा फशण से इतनी जोस से टक्कसाया
कं सन्नांस सु ाया नााासोफ ।

नोनों नाासोफ ंे तपस सरास ाे, तहालं ंु सुा ाा ुै मासी पछाैं धोड़ी ंै सी .भाई नहससत नेखा"---?।"

" नहढ़ापे में चचा, कफल्म नेखना चाुते ाे ।। ुैँसा नहससत "

" नेखी चचा "! नहससत ने नााासोफ से ंुाकंतनी"---- नकढया कफल्म कनखाई । इसे ंुते ुड नहलती मास ।"

उसंी इस ुसंत पस नहसी तसु नौखलााया ाा नाासोफ नोला"। अण्ैंों ंे मछछस नुीं छोैंह काा तहम्ुें"----

" छोड़ने ंा सराल तहम्ुासे नलये नुीं चचा ुमासे नलए ुै।"----ंुा ने नहससत " जामहन ंे पेड़ पस से टपंा ाा मड । जन
ंोई जामून खाता ुै तो उसंी जीभ नीली ुो जाती ुै । जन मै कंसी ंा कंयाण ंमण ंसता हक तो उसंा शसीस नीला पड़
जाता ुै ।"

नाासोफ ंसमसाया ।।।

ंसमसा ंस उनंे नकन्धन से महक्त ुोने ुेतह नाासोफ ने अपनी सम्पूर्ण शनक्त ंा प्रयोा कंया , कंन्तह टस से मस न ुो संा रु

"नपछले जन्म में अकान ंा पैस ाा मड ।। ंुा ने नहससत "


" मड ाा रु धनहष नजसे सीता ुी उठा संती ाी । । लााई तान ने तहालं "

औस सचमहचनाा ाा लाा ुी ऐसा-ाासोफ ंो । पुले ंभी ऐसा मौंा नुीं आया ाा कं रु नहससत । ुो नभड़ा ुै तहालं-
ाा पाया ुी ंसते नाते मूखणतापूर्ण उन्ुें ुमेशा । उस समय नााासोफ सोचा ंसता ाा कं न जाने पाकंस्तान ने अपनी सीक्रेट
सिरणस में ंै सेुै नलया ंस भती ंो सक ारूटों ंै से-, कंन्तह अन जनकं रु अपनी सम्पूर्ण शनक्त ंा उपयोा ंसने ंे उपसान्त भी
उनंे रु रन्धनें से महक्त नुीं ुो पा सुा ाा, उसे सोचनाक पड़ा कं नहसकसत औस तहालं में ंोई नरशेष नात अरश्य ुै जो इन्ुें
पाकंस्तान ने इस अनभयान पस ुै भेजा ुै ।

" चचा में नन्धन् जैसे नशंक जे अपने"! जंड़े नहससत नोला" । हक सहनाता कंस्सा ंा नेाम अपनी तहम्ुें मड अर"---
" चहप रे जामहन ंी औलान ुाल ंा छैंी लाल अपनी ंो चचा मड पुले"-ैंाकटा ंो नहससत ने तहालं जंड़े ंो नााासोफ " !
"!......

"अरे महझे छोैंोे़ तो सुी ुसामी ंे नपल्लो-नुाड़ा नाासोफ "…"सालो मेसा ाजसरत ।"

ंुते ंुते ुी नााासोफ ने एं। मासी में आकख ंों नोनों उक ाली एं-

" मस ाया नहससत ।"

"नचा तहालं ।"

चीखते हुए नोनों ने नााासीफ ंो छोड़ कनया ।

उछलंस खैंा ुो ाया नााासोफ । नेखा। ुै खैंेे़ नोनों रे सामने-

नााासोफ ने नजस आकख में उैँ ाली मासी ाी, नााासोफ ंी अाोस नेखते हुये उसी आकख ंो नासाे। सुे नना :रास-

नहससत ंु सुा ाा… ये तहमने क्या कंया चचा, मड तो तहम्ुें अपनी नेाम ंा कंस्सा सहना सुा ाा ।

--"अर मड तहम्ुासी उैंनतस्तसी नना नूकाा भूतनी रालों"! ुै सखा क्या समझ महझे तहमने"----नुाड़ा नााासोफ-

"नूध ंा रीज ।। नोला तहालं "

नहससत ने ंुा"! अण्ैंा ंा ंह ुे"--

' ुोश ंानू में न सख संा रााासोफ । रु झपट पड़ा । पसन्तह इस नास लेशमार भी लापसराु नुीं ाा रु ।

जान चहंा ाा कं नहससत औस तहालं ंे शसीसों में अपरसनमत शनक्त ुै । उसंा एं जरकसनस्त घहकसा नहससत ंे चेुसे पस पड़ा ।
ाजन ंी फह ती ंे साा तहालं ंी तसफ घूमा
कंन्तह तहालंनुीं--नकुीं "-,.....चचा तसु इस सखे ुाा पस चेुसे हुआ ंुता "! पीछे ुट सुा ाा मानो नाासोफ ंा घहसा
नहससत ंे नुीं, उसंे चेुसे पस लाामहझे चचा"---- मत मासो । मड नचा हक तहम्ुासा, नानान हक"। हैँ नासमझ-

पूसी सतंण ता ंे साा नााासों तहालं ंी तसफ व्रढ़ सुा ाा, कंन्तह 'नहससत ंी तसफ से आराज' आई पुले तहझसे "------
साले ाा ंुा ुी, प्यास ंे ुााोले कं चचा ंो मत छेड़ चचा नहुत खतसनां ुड, लेकंन नुीं माना चल, माफी माका लें ।"

एं क्षर् पकस नहससत ुटंस से तहालं नृनष्ट ंी नााासोफ नलये ंे क्षर् एं नसफण -ायी कं----

ंमाल ंस कनया तहालं ने ।

उस एं ुी क्षर् में नाासोफ ंे चेुसे पस ऐसा घूकसा पड़ा कं उसंी आकखों ंे ुरा फू ट एं । उठे नाच तासे पीले-लाल सामने-
फशण से धड़ाकम रु उछलंस में पस जांस नासा ।

जनसनस्त फह ती ंे साा उठंस खड़ा ुो ाया ाा नााासोफ ।

नााासोफ ंा कनमाा नहसी तसु झन्ना सुा ाा ।

एं नजस उसने नोंनों ंो नेखा।।

नहससत ुाा जोैंेे़ खैंाे़ ाा । ंु सुा ाामाफी ने से तसफ ंी नालायं इस"-------- माका सुा हैँ ुै नानान ये चचा !,
'तहम्ुासा नच्चा ुै। इसे माफ ंस नो ।।।

इस नास नाासोफ ने उनमें से कंसी पस जम्प लााने ंी मूखणता नुीं ंी।

अपनी एं आकख से रु नहससत ंी नेख सुा ाा तो नूससी तहालं पस नस्ास ाी ।

" अने नहससत । ंो चचा ुोाया क्या ये "--- ाा सुा ंु तहालं जमाये नृष्टी पस नाासोफ ", ये तो भडाें ुोाये ।"

मैनैँ े पुले ुी ंु ाा न तहझसे चकचा से मजां मत ंस । ंो रात ंी तहालं "जनार अरश्य ने सुा या रु, कंन्तह नृनष्ट
नााासोफ पस ुी नस्ास ाीनेख अरे"----- ले, चचा ंी आैँखें घूम ायी ुड । युाक जकाल में साला ैंॉक्टस भी नुीं नमलेाा ।"

" मड तहम्ुासाआकख एं-एं तसु उसी "। इक्कों ंे हुंम सालो नूकाा नजा ैंमरू--- से नोनों ंो नेखता हुआ नााासोफ नोला---
कं जायेाा ला पता में नेस ाोड़ी "- तहममें से कंसंी आकख घहमती ुै, औस कंसंी नां । कंसंे नाकत टू टते ुड औस कंसंी
आैँत ?"

" नुी चचा, ऐसा मत ंसना ।। उठा नाड़नाड़ा तहालं "

नाासोफ अछछी तसु समझ चूंा ाा, नातों से नजतने मूखण नजस आुे ुड, ये असल में उतने ुी खतसक नां ुै। ंुने ंो तो रु
न जाने क्या ंु सुा ाा कंन्तह कनल में सोच सुा ाा कं रु एंसाा इन नोनों पस ंानू ंै से पाये ? उसंा कनमाा नैंी तेजी
से ंाम ंस सुा ाा । ईतना रु समझ चहंा ाा कं, अास रे एं नास रु ुारी ुो ाये तो कफस रु नच न संे ाा ुै
अचानं उसंी नजस मशाल पस ाई।

रु फह ती ंे साा मशाल पस झपटा तो---

"असे …असे "। पंड़ इन्ुें-- तहालं ाये ुो पााल चचा ... से ...

कंन्तह, इससे' पूरण कं इनमें से ंोई रााासोफ ंे झपटे नााासोफ ने मशाल सम्भाल ली औस नरद्यहत ंी तीव्रता ंे साा उनंी
तसफ घूम ाया । उस पस झपटने ंा प्रयास ंस सुे नोनों ुी रठठं ाये ।

नहससत ंु सुा ाा तहालं ाा न ंुता मै"--, ुमासे मजां ंो चचा ालकत समकझेंाे रुी हुआ । अन तहझे नुीं छोड़ेाे चचा ।
मस साले मड तेसी क्या मनन ंस संता हक ?"

ुाा में मशाल नलये नााासोफ नहससत ंी तसफ ुी नढ़ सुा ाा ।

उधस तहालं ंु सुा ाा नहससत ंी क्या ालती ुै चचा, ालती तो मेसी ुै । मजां तो मडने कंया ाा, सजा महझे नो ।"

" सच चचा तो मड चचा नो ुी इसे तो ुै नेनी सजा । ुै नुीं ाल्ती ंोई मेसी "----- ने नहससत नलये पंड़ ंान "!
"......
तेजी से घहमांस मशाल ंा एं नास नाासोफ ने नहससत पस कंया ।
ाजन ंी फह ती ंे साा स्रयक ंो रचाता हुया नहससत चीखातहालं पनृठे ंे उल्लह ओ अने"- ंी नहम, साले मसरा कनया महझे ।"

औस…जैसे सो पड़ा तहालंचचा नुीं"-, मेसे ाहनाुों ंी सजा नहससत ंो न नो । ंुता हुआ तहालं अभी उस पस झपटने ुी
नाला ाा कं नाासोफ ने तीव्रता ंे साा उसंी तसफ मशाल घहमा नी ।

मशाल सटां से उसंे चेुसे पस लाी ।

" मस साले औस ंस चचा से मजां ।। चीखा नहससत "

सचमहच, तहालं ंे चेुसे पस मशाल नहुत जोस टंसाई ाी । उसंे महकु से चीख ननंल ाई, कंक तह तहसन्त से तसफ ंी नाासोफ -
से रास राले ुोने ुी उछलंस स्रकयक ंो नचाता हुआ रु सो पैंा नोलाचचा नो ंस माफ "--,मड उसे नचमटे ंी ंसम खांस
ंुता ुड, नजससे पंड़ंस मेसे अब्ना ने महझे अम्मी ं पेट से ननंाला ाा । अन तहमसे ंभी मजां नुीं ंरुााैँ ।"

"अन सोता क्या ुै साले चचा ंे पैसों में नासंस माफी माका।" नहससत ने उसे ैंाकटा ।

तहालं ने जैसे ुी नाासोफ ंे ंनमों में झहंना चाुा, नााासोफ ने पहन। कंया रास ंा मशाल पस उस :

" नुीं चचा , ऐसा न ंसो । ने तहालं "'ंुा"। नो तो मौंा ंा माकाने माफी महझ"
े -

तहालं नाड़नाड़ाता सुा ।

' सु ंयों ुी कंया मजां से चचा उसने कं ाा सुा ंोस ंो तहालं नहससत सुंस-? नीच नीच में रु नाासोफ से तहालं
ंो क्षमा ंस नेने ंा भी अनहसोध ंसता ुै मास
तहालं औस नहससत ंी चाल नााासोफ समझ चहंा ाा । रु समझ चहंा ाा कं नजस तसु महखणता पूर्ण नाते ंसने में रे एं
नूससे से ंाफी आाे ुड, उसी प्रंास नातों में फक सांस नास ंसने में भी एं से आाे एं ुै ।
रे नोनों इसी चक्कस में ाे कं नजसंा भी मौंा लाे, यु नााासोफ ंो ननोच ले जनकं नाासोफ ंा प्रयास ाा कं इतना
अरसस उनमें से कंसी ंो भी न नमल संे ।
ने नोनों तटपटाका नातों ंे . । यााासोफ हुआ नरजयी--कंन्तह सुे में नचार अपने साा-

ंसीन तीस नमनट पश्चात् एं प्रंास से रे नोनों नााासों ंी ंै न में ाे ।ंई पलों ंे नलये तीनों ंे कनल ंी धड़ंनें मानों नन्न
ुो ाई ।

कंसी नहत ंी भाकनत रे खड़े सु ाये । पस तट साास --

उन तीनों ंे सामने रतन पड़ा ाा । झहलसा हुआ पस मस्तं । रतन हुआ जला --- पैंाे़ नल इस नात ंा प्रमार् ाा कं रु
रतन ुी ुै । चमन ंा मसीुा । धनहषटकंास ंा भाई । अपोलो ंा मानलं ।

ाीले से त पस जला हुआ रतन पड़ा ाा ।

फू टचीखंस चीख अपोलो । नाकनस पड़ा सो फू टंस- अपने सींा से त में पटंने लाा । धनहषटकंास ुै महकु से एं ैंसारनी आराज
ननंली सोने ंी आराज । रु भी नसस पटं पटंंस अपोलो ंी तसु सोने लाा ।

नाकनस कंसी नच्चे ंी तसु ंह ट। ाा सुा सो ंू टंस-


ना जाने कंतनी नेस तं रतन ंे नीराने पाालो ंी तसु सोते सुे ।

जन उन्ुें ुोश आया तो नेखा। ाे खड़े घेसे उन्ुें नाारसं ुजासों ंे चमन-

सभी सो सुे ाे । सासा चमन सो सुा ाा। सोता क्यों नुीं, उनंा मसीुापड़ा सामने जो नेरता उनंा- ाा।। हुआ जला----

अचानं। ननंली ंसाु एं से महकु ंे रतन-

नाकनस ंे साा साा अपोलो औस धनहषटकंास चौंे । उन नोनों ंे मस्तं उन्ुीं ंे खून से सने ाे ।

"अभी मुासाज नजन्ना ुड ।"। चलो ले में मुल इन्ुें"-ननंली कंलंासी एं ंी खहशी से महकु ंे नाकनस हुए सोते "

कफस जले हुए रतन ंो मुल में लाया ाया । शसीस पस से इस तसु ंे नतनंे उतस सुे ाे जैसे जले हुये ाुे पस से उतसते ुै
। चमन ंे यौग्यतम जसूसों ने साष्ट्रपनत भरन ंे उस नरशेष ंक्ष में पैंेे़ पलका ंो धेस नलया ।

अभी रे अनधं ंह छ नुीं, ंस पाये ाे कं रतन ने ंसाुंस नेर खोल कनये । फफोलेयहक्त आखों से उसने चासों तसफ नेखा । यु
समझते ुी कं रु साष्ट्रपनत भरन में ुै, ननस्तस पस उठंस नैठ ाया ।

ैंॉक्टसों ने इन्ंास कंया तो रतन ंी रार्ी ाूैँज उठी सी ंह न्नन जलंस औसस ुै जला नसफण ---सानायों ुै नुीं मसा नतन"-
"। ुै चमंा तसु

सहनने नाले सो पड़े । धनहषटकंास औस अपोलो उससे नलपट ाए ।

कफन्तह।।। उभसी महस्ंान यहक्त ननण एं पस ुोंठों हुए जले ंे रतन नेखा ने नालों नेखने-

रतन नोला, "सोते नुीं पाालो, इस नहननया ने रतन ंी कनखा कनया ुै कं नहननया कंतनी नधनौनी ुड ? कंतनी ैंसारनी औस
ननसूसत ुै, मेसी तसु । मड इस नहननया ंो जरान नूकााकनया ुटा अच्चा-अला ंो अपोलो अाौस धनहषटकंास ंुंस "। जनार--
उक सने ।

महलानजम सोंते ुी सु ाये अाौस रतन उठंस खड़ा ुो ाया । ैंॉक्टस यु ंुते ुी सु ाये कं अभी उसंा उठना ठीं नुीं
ुै, लेकंन रु नुीं माना । चमन में कंसंा साुस ाा जो रतन ंी इछछा ंा नरसोध ंसता.

यूक जला हुआ रतन नाुस आ ाया । ।

चमन ंा नच्चा। ाा खैंा नाुस ंे भरन साष्ट्रपनत नच्चा-

एं नृनष्ट रतन ने साास ंी भाकनत उमड़ते नरशाल ज़न् समहनाय 'पस ैंाली । मस्तं पस रल पड़ ाया । आकखों से नीस तैस उठा
।।

रातारसर् में मौत ंा सा सन्नाटा ाा । अभी ंह छ ंुने ुी जा सुा ाा रतन कं सफे न, नेनाा उसंे नलये ंपैंे जैसे नूध--
ंा फ्रेम सहनुसे । पहुकचा अपोलो पास एं ंाला चश्मा भी ाा उसंे पास। सोते हुए अपोलो ने रतन ंा रु सामान उसंे आाे
ंस कनया ।

ुल्ंे से महस्ंसाया रतन ।अकपोलो ंो प्यास कंया । तड़प। उसे चूमा खून-तड़प-
कफस। लााया चश्मा पस आैँखों उसने पुने ंपड़े सफे न ुी समक्ष ंे प्रजा अपनी-

सासा चमन रुाैँ मौजून ाा, लेकंन सकन्नटा ऐसा कं सहई भी नासे तो नम जैसा नरस्फोट ुो । एं नास पहन अपने ने नकतन :
। नेखा से अन्नस ंे चश्मे ंो नीरानों कफस---चीपहुक-तं ंानों ंे जन्-जन रार्ी ंी रतन-'" प्यासे नेशा रानसयों ! मड नेख
सुा ुड कं आज तहम्ुासी आैँखों में आसू ुड ।

ुस आैँख में आकसू नेख सुा हैँ । महझे ये अाााॉसू पसकन नुीं । जो आकसहओं ंो न सों संता ुो, रु उन्ुें ंाले चश्मे से ढं ले
। क्योंटह ंैंों ंे नजास मेसे-- ंी आैँखों में आैँसू क्यों ुड ? अपने रतन ंी सूसत नेखंस ? यु नेखंस कं ंल ंा खूनसूसत
रतन आज जलंस नहननया ंा सनसे रनसूसत व्यनक्त नन ाया ुै ? इसमें सोने ंी ंोई रात नुीं ुै प्यासे चमन ंे ननरानसयों ।
सोने ंी नात तो यु ुै कं ये नहननयारतन तहम्ुासे ने नहननया उसी । ुै रनसूसत तसु ंी रतन तहम्ुासे- ंो अपनी तसु ननसूसत
नना कनया ुै । अभी नुीं नतातैँाा प्यासे नेशरानसयों कं महझे ननसूसत कंसने ननाया ाा ुै ? यु सुस्य मड तहम्ुें नुीं, एं
साा सासी नहननया ंो रतलातकाा । तभी आप भी जान लेंाे। मड अपनी प्रयोाशाला में जा सुा हैँ । ंह छ ुी नेस पश्चात नहननया ंे
ुस टी० री० सेट पस मेसा चेुसा उभसे ाा । सासी नहननया ंे साा आप भी जान तेने कं यु नहननया कंतनी ननसूसत ुै ।"

एं क्षर् साकस लेने ुेतह रूंा रतन, कफस नोलांुना ुी इतना नसफण से लोाा आप"- ुै ंी ंोई भी घरसाये नुीं । रतन अभी
नजन्ना ुै । आज मड आपंा खूनसूसत रतन न सुी, जला हुआ रतन तो हैँ । ननसूसत रतन तो ुै । ंम तं समय उस ंम-से-
तं जन कं रतन कंक सी भी सूसत में जीनरत ुैनुीं से नहननया ंो चमन--, नहननया ंो चमन से ैंसना ुोाा । अास तहम्ुें रतन
ं् चेुसे से नुीं, कनल से महुब्नत ुै तो तहम सनंो ंसम ुै अपने रतन ंी, ंोई भी एं भी आैँसू आैँखों में न आने ने । जो
भी यु जानना चाुता ुैकं मड आाे क्या ंसने जा सुा हैँ, रु ंह छ ुी नेस नान टी० नी० पस मेसी आनाज सहन ले । जो ंह छ
महझे ंसना ुै, उसंी घोषर्ा महझे सासी नहननया ंे सम्महख ंसनी ।"

पहन। सन्नाटा पूर्णतया । नेखा ंो यजनसमहना ने रतन ुोंस चहप नलए ंे क्षर् एं : ंोई पक्षी तं भी तो नुीं चुचुा सुा
ाा ।

सन्नाटे ंों नेंधती रतन ंी रार्ी पहनकफलुाल"----टंसाई से पनों ंर्ण ंे जनसमहनाय : नसफण इतना ुी ंुना ुै महझे आपसे
कं आप लेशमार भी न घनसाएैँ ुै तननं भी हचकनतत न ुों । आपंे रतन में नसफण उतना ुी परसरतणन आया ुै कं रु ननसूसत
नन ाया । यु ननसूसती अछछी ुी ुै, जो महझे नेखेाा उसे यान आ जाएाा कं ये नहननया कंतनी ुै
ननसूसत ुै । महझे ननकनत ुै कं आपंे ह्रनय में नरनभन्न प्रंास ंे प्रश्व चंसा सुे ुड । मड राना प्रशन सभी आपंे कं हैँ ंसता-
ंह छ मड उुस ंा, ुो नेस नान टी ० नी ० पस नूकाा । कफलुाल महझे प्रयोाशाला जाना ।"

रतन ंा राक्य पूर्ण ुोतेाया। पहुकच लेंस ंास सफे न ंी रतन पस द्वास महख्य धनहषटकंास ुौते-

रतन ंास में नैठा।

स्रयक ड्राकइनरा सीट पस ।

अपीलों औस धनहपटंास ने नैठना चाुा तो----

"तहम नुीं मोण्टों । अपोलो, तहम भी नुीं ।रतन " ने ,ाकभीसता ंे साा ंुा…"आज ुमें अंे लेाे ुी प्रयोाशाला । जाना-
री.टी ंा भरन साष्ट्रपनत खोल ंस तहम भी तहम भी सहनो ुम क्या ंुते ुै ?"

अरां् से खड़े सुाए नोंनों।

ंास एं झटंे ंे साा आाे नढा नी ाी रतन ने । ंाई ंी भाकनत ंटंस भीड़ ने उसंे नलए सास्ता छोड़ कनया ।
"ुमासा नेरता ।। पैंा चीख नाकनस में भारारेश "

"नजन्नानान । उठा ंाकप ाान से जयघोष ंे जनसमहनाय "

"रतन नजन्नानान । उठी ंस नान कनशायें समस्त से नासों ंे "!

ंास ड्रसाइर ंसते रतन ंे ुोंठों पस ऐसी महस्ंान उभसी ाी मानो इन नासों ने पहनसहन्नस जैसा पूरण से जलने : नना कनया ुो ।

अपोलो औस धनहषठक ंास अनां् से खड़े सु ाये ।

पन्द्रह्र नमनट पश्चात टीचेुसा ंा रतन ननसूसत औस भकयंस ैंसारऱना पस नी . उभसा । रु ंु सुा ाा नी .टी आपंे "----
नलये इसंे ..पैंा ननब में प्रोणाम मैॉ क्षमा चाुता हैँ । ंह छ ंुने से पूरण आपंो ये नता नूक कं नहननया ंे प्रायें उस टी नी..
ुै आैँन समय इस जो पस सेट, मेसा ुी चेुसा औस आराज ुै । ंह छ लोाों ंे नलए यु आश्चयण ंी नात ुोंाी कं उनंे चलते
हुए टी री . प्रोणाम नन्न क्यों ुो ाए औस मेसा चेुसा ंै से उभस आया । इस प्रश्न ंे उुस में मड नसफण इतना ुी ंुना उनचत
समझताकं ुड साधन ऐसे पास मेसे कं-- मड जन भी चाहक । से नैंयो अारा टीसम्पूर्ण एंसाा से माध्यम ंे री ., नहननया से
सकनन्ध स्ाानपत ंस संता हैँ ।

मै चाुता तो से नैंयो पस आपंो नसफण अपनी आराज भी सहना संता ाा ।

कंन्तह नुींअप में ंो लोाों आप साा-साा ंे अकनाज-ना चेुसा भी कनखाना चाुता ाा ।

सकभरत। महझे ुो भी पुचाना आपने :

मेसी सूसत में ाौड़ा परसरतणन आ ाया ुै, अतन पुचान महझे आप कं ुै सकभर : संे ुों । अतः आपंो अपना परसचय नेनेना
चाुता हैँ । मड मुान हसकाुी ंा नशष्य औऱ नकन्ुे हक। रतन साजा ंा चमन नेश से-

सनने महझे नेखा ुै, कंन्तह रु रतन रहुत सहन्नस ाा ।

मेसी सूसत नेख आप यु भी सोच संते ुड कं रतन ंे नाम से यु ंौन ननसूसत व्यनक्त नोल सुा ुै, पसन्तह कंसी प्रंास ंे
भ्रम ंा नशंास न ुों । रास्तर मे मड नहननया ंी सूसत में तो अन आया हक । अााप भी शायन इस नात ंो जानते ुोंाे कं
मेसी तसु ुी ननसूसत ुै नहननया ।

सच । नहननया यु ुै ननसूसत नड़ी -- कं ाे ंुते ुी सच हसकाुी मुान ाहरू मेसे ---

मड ंुता ाा । ाा खूनसूसत मड पुले जैसे तसु उसी ुै खूनसूसत नड़ी नहननया ----

मेसा भ्रम टू ट ग़या ।

हसकाुी ाहरू जीत ाये ।

मडने रेरज एम ननाया ाा ।


ुस नेश ने यु आनेश नेंस अपने जासूसों ंो चमन ंे नलए सनाना ंस कनया कं चमन से या नेरज एम ंा फामूणला ाायन ंस
नो अारा रतन ंा अपुसर् ंस लो ।

मड जानता हैँ ुै कंया ंायण घृनर्र यु ने मुाशनक्तयों नजन कं-, सासी नहननया ंे सााचेुसा मेसा समय इम भी रे साा- नेख
औस आराज सहन सुी ुड । सहन सुी ुड तो ाौस से सहने । रतन ंा एं एं लफ्ज नरशेष रूपसे उन्ुीं ंे नलए ुै । मड उनंा
नाम सासी नहननया ंो नता सुा हैँ रे नेश ुड रूस, अमेरसंा, चीन, इक ग्लैैं औस नानान पाकंस्तान भी । इन् पाकच नेशों ने
अपने। भेजे चमन जासूस-

अन्तसाणष्ट्रीय अनालत औस यहसाष्ट्र अन्य कंसी इन्ुें मड कं ल सहन ओ.एन. में घहसंस मुत्त्रपूर्ण चीज चूसने ंा नण्ैं नूकाा । सासी
नहननया सहन ले कं रतन इन्ुें नण्ैं नेाा ।

चीनलें सहन ंर्णधास ंे चीन--- नजसंे जसूसों ने मेसे चेुसे पस यु परसरतणन कंया ुै । महझे जला ैंाला ुै । रे सतंण सुे---
चेुसे मेसे भी चीन उनंा ंुीं ंी भाकनत जलंस साख न ुो जाये । मड उनसे प्रनतशोध लूकााप्रनतशोध ंा रतन --- कंतना
भयानं ुोाा, सासी नहननया उसे अपनी आकखों से नेख संे ाी । नजस नेश ने मेसे नररुद्ध चीन ंी सुायता ंी उसंा ुश्र भी
चीन ंे समान ुी ुोाा ।

उन शब्नों ंे नान नहननया ंे टी। ाायन चेुसा ंा रतन से स्क्रीनों नी.

रतन ंी पूसी नात सहनने ंे पश्चात् अलफाकसे ने ंुा"। ुोाा नहख असीम ंो नेशरानसयों ुी तहम्ुासे तो इससे लेकंन"---

एं क्षर् ंे नलए रतन ंे ाहलानी ुोंठों पस---ाई नौड़ महस्ंान नचतपरस-नचस- ुल्ंे से नोला नहख ंा नेशरासीयों मेसे"---
ुोाा अस्ााई, चचा हक जानता मड ! कं जन रे अपने रतन ंो जला हुआ नेंखेंाे तो उन्ुें कंतना नहख ुोााकंन्तह- उन्ुें यु
अस्ाायी नहख नेना मेसे नलए आरश्यं ुै।"

'"लेकंन तहम्ुासा उद्देश्य क्या ुै ?"

" ुाक चचा, आपंा यु प्रश्ऩ अनत मुारपहर्ण ुै ।इन मड"-ंुा ने रतन " मुाकशनक्तयों ंो जी भी नण्ैं नेना चाुता हैँ, खहलंस
नूकाा । सासी' नहननया जानेाी कं रतन क्या ंह छ ंस सुा ुै । यूमड में नृनष्ट ंी अनालत औस .ओ.एन. अपसाधी ुोतकाा । चीन
ननश्चय ुी महझ पस महंनमा ंसे ाा । अनालत में रु यु भी प्रमानर्त ंसने ुी चेष्टा ंसे ाा कं मडने क्या ंह छ कंया ुै । भले ुी
सभी नेश आजान ुों , कंन्तह यूनायसे ंे ंनूनों नननश्चत सभी से माध्यम ओं.एन. में नकधे ुड । मड उस नायसे से नाुस सुना
चाुता हक ।"

" कंस प्रंास ?"

एं क्षर् तं अलफासे ंी तसफ नेखता सुा रतन, कफस उसंी नात ंा ंोई उुस न नेंस रु नपशाचनाा ंी तसफ नेखता
हुआ नोलाउुस ंा प्रश्न एं मेसे तहम पुले "--- नो नपशाच ।"

अास उुस नन पड़ा तो अरश्य नूकाा ।में स्रस सम्माननत नपशाच ुोंस सतंण " नोला । कनल ंी रतन नपशाच में कनल ुी-
:रु । ाा चहंा ुो प्रभानरत से मुानताओं रतन ंा नहुत सम्मान ंसता ाा ।"

"जो योजना मडने तहम्ुे नताई ुै ।भी तहम साा-साा ंे चचा रु "-ंुा ने रतन " सहन चहंे ुो । यु भी समझ ाए ुो कं
मेसी योजना ंा महख्य अका तहम ुो । ुंींत पूछो तो तहम्ुें कनमाा में सखंस ुी मडने यु योजना तैयास ंी ुै । तहम्ुासे ुी महकु
से सहनना चाुता हैँ कं क्या रु सर ंह छ तहम सफलतापूरणं ंस संते ुो जो ंह छ मेसी योजना में ंसना ुै ?"
" ंस तो संता ुड, कंन्तह "!....

ुल्ंे से महस्ंसाया रतन नोला। हैँ समझता अाण ंा कंक न्तह तहम्ुासी"---- तहम्ुासी नुचं ंा ंासर् भी जानता ुड, लेकंन इस
कंन्तह ंो नीच में से ुटाने से पूरण तहमने यु जानकना चाुता हक कं क्या तहम अपने चेुसे पस मेसी सूसत ंा ऐसा मेंअप ंस
संते ुो कं ंभी ंोई यु न जान संे कं तहम रतन नुीं, नपशाच ुो ?"

"आप स्रयक भी ंभी नुी जाने संें ाे ।"

"क्या तहम अपने शसीस ंो उस ुन तं जला हुआ कनखा संते ुो, नजतना मडने नताया ुै ?"

"साक्षसनाा ंे नतनलस्म से प्राप्त मेसे पास ऐसेभी ंा कंसी कं ुै लेप ऐसे- शसीस जले नुीं अाौस नेखने नाले युी समझे कं
रु जलंस साख ुोाया ुै ।" नपशाचनाा ने ाोड़े ारण से ंुा… नड़े नड़े ैंाक्टस भी उसंा शसीस नेख ंस यु नुीं ंु संते
कंक रु जला हुआ नुीं ुै ।"

"चलने कफसने-, नोलने में मेसी नक्ल तो तहम ंस ुी लोाे ?"

"'इस ंाम में तो मुासा ुानसल ुै महझे ।नपशाचनाा " ने ंुा"। हक संता ंस नंल ह-न-ह भी ंी कंसी मड"-

एं क्षर् ंी चहप्पी ंे पश्चात रतन ने पहनकंन्तह" तहम्ुासी मड अन"---ंुा :' ंा नननान ंसता हक ।"" ंुने ंे पश्चात्
अलफाकसे पस नृनष्ट जमांस रतन नोलाुम । पहुकचातकाा में चमन ननांस रतन हुआ जला मड ंो नपशाचनाा चचा"--- तीनों ंे
अनतरसक्त सभी युी जानेंाे कं रतन जल ाया ुै, रुाक पहुकचंस नपशाच ंो क्या ंह छ ंसना ुै, रु मड नता ुी चहंा हक ।
इधस मड चीन में घहसंस अपना ंाम ंस सुा ुोतकाा, उधस मेसे मेंअप में नपशाचऩाा जला हुआ रतन ननंस साष्ट्रपनत भरन में
पड़ा ुोाा । जले हुए रतन ंे रूप में नपशाचनाा सासी नहननया ंे टैलीनरजनों पस यु घोषना ंसे ाा कं रु मुाशनक्तयों से
ननला लेाा । चमन ंे नाारसं नपशाचनाा से प्रााणना ंसें ाे कं जन रु ठीं ुो जायें तन रु मुाशनक्तयों से ननला लें । जले
हुए रतन ंे रुप में नपशाच इस प्रााणना ंो स्रींास लेाा । नु आसाम ंसे ाा। इधस जो ंह छ ंसना ुै"। ंरूकाा मड--

" इससे क्या ुोाा ?"

" जर मुाशनक्तयाैँ यु प्रचास ंसे ाीकं- रतन यु सन ंह छ ंस सुा ुै तो जला हुआ रतन नरश्व ंे सभी टैलीनरजनों पस यु
घोषर्ा ंसे ाा कं नु मुाशनक्तयों ंो ख्नार चमं सुा ुै । अभी तो रु ठीं भी नुीं हुआ ुै ।"

"ओु अकतसाणष्ट्रीय औस .ओ.एन.यू यु तो "----ननंला से महकु ंे अलंाकसे "! अनालतों से नचार ंा सास्ता ुै ? तहम जो
ंह छ ंुना चाुते ुो, रु खूलंस अपने नाम से ंसोाे औस नहससी तसफ यु भी प्रमानर्त ंसते सुोाे कं रतन तो अभी ननस्तस
से नुीं उठा ुै ।

" नेशं"। मडने ुै सोचा युी---

"ननल्ंह ल ठीं सोचा ुै तहमने ।"। हैँ ंसता समाणन तहम्ुासा "--ंुा साा ंे महस्ंान ने अलफाकसे "

" तो कफस नपशाच ंी कंन्तह सहलझा नीनजए चचामड "--ंुा ने रतन "! समझता हक कं 'कंन्तह' ंा ंासर् नसफण यु ुै कं
जो ंह छ मडने इन्ुें ंसने ंे नलए ंुा ुै, रु ंसने ंा आनेश अभी तं इन्ुें आपंी तसफ से नुीं नमला ुै"

"'मेसा आनेश ुै ।"

नपशाचनाय ंा चेुसा चमचमा उठा ।


उसने अलफासे ंे चकसर्स्पशण ंस नलए ।

रतन ंु सुा ााचचा तो नस"---, ुम जले हुए रतन ंो एं ुैलींाैँप्टस में लटंांस पुले सासे चमन ंे तपस घहमएकाें,
अन्त में सााास में ैंाल नेंाें। ुोश में आने पस नपशाचनाा प्रयोाशाला में जायेाा । नजस ढका से मडने समझाया ुै, उसी ढका से
सासे नरश्व से सम्नन्ध स्ाानपत ंसे ाा ।"

-"सासा ंाम आपंी योजनानहसास ुी ुोाा ।। ंुा ने नपशाचनाा "

औसुै।।। भी हुआ ुी रैसा-ुड चहंे पढ पाठं---

नााासोफ ने तहालं ंी जेन से अभी पसण ननंाला ुी ाा कं नु नहसी तसु नौखला उठा!

" अने ंौन चटनी ंा ुै ?" ंुता हुआ रु उछल ंस खड़ा ुो ाया ।

उसे ऐसा लाा ाा कं जैसे अचानं कंसी ने उस पस छलाका लाा नी ुो । नड़ी फह ती ंे साा पलटंस नेखा, ंमसे ंे फ़शण पस
नहससत औस तहालं ंे अनतरसक्त एं अन्य नेुोश शसीस पड़ा ाा ।

नााासोफ ने उसे ध्यान से नेखा । ।पुचान नलया ।।

" महकु से ननंलांम्पनी चाय ंी इक ग्लडैं साला ये "---- ंा एजेंट युाैँ ंै से आ पड़ा ।"

ठीं पुचाना चचा, ये जेम्स नाण्ैं ुै ।'" आराज अााई ।

-"ंौन ुै रे ।"। आ सामने तो ुै औलान ंी ुींजड़े असली"-----नााासोफ नीखलाया "

" तहम्ुासा नच्चा ुै चचा ।"। ुै क्या आप कं ुै नात नूससी ये "--ाया आ में ंमसे नरंास हुआ ंुता "

“"अने"। ाया आ से ंुाैँ युाैँ तू ंे पौनीने"-----नाासोफ पड़ा उछल ुी नेखते उसे ".......

नरंास ने युाक पहुकचने से पुले ुी नाण्ैं ंे चेुसे पस से जैंी ंा फे समास्ं औस अपने चेुसे से ुैसी ंा फे समास्ं उतास नलया
ाा ।

नााासोफ ंे सामने खड़ा लम्ना लड़ंा ंु सुाक ााप ये"----सण ुैलींाैँप्टस में से नाण्ैं ने फे ंा ाा । परसर्ाम आप नेख सुे ुड
। पसण मेसे ुराले ंस"। नीनजए-

" राु नचड़ी ंे इक्के ।'" सतंण ुोंस पै'तसा ननला नााासोंफ ने…"ये खून सुी । इन साले पाकंस्तानी महाों ने तो ुमें इस
कफल्म ंे चक्कस में महाणएं औस कनया नना महस्लम- तहम ुो कं नालननंस पोते ंे महसलचकन में भात- आाये।"

"मड तहम्ुें धननये ंी चटनी नना नूाा चचा ।"

" अने"। ंे नेंंची ंुा क्या तहने ये"-ननंाली आकखें ने नााासोफ ".....

ाकभीस ाा नरंास, नोला"---' ठीं ंु सुा हैँ चचा, इन नोंनों कफल्मों ंों चमन से मडने ाायन कंया ुै, अतः इन पस मेसा
अनधंास ुै । अछछा ुै कं शसाफत से ये कफल्में आप मेसे ुनाले ंस नें।"
" औस अास न ंरूक तो ?"

-"तोसंती सों नुीं से ंसने प्राप्त कफल्में ये महझे तांत ंोई ंी नहननया "----ुो ंठोस लुजा ंा नरंास "........, मड
आपसे".....

"नोलती पस ढक्कन लाा नचनड़या ंें नच्चे । चलता नन जुाक से


।जांस नाड़ा नाकधना सीख जांस ।"

"क्या ंुना चाुते ुो चचा ?"

" मड ंुना चाुता हक उल्लू ंी नहम फाख्ता कंक ुमासा नाम नााासोफ ुै । फू हचका, हुचाका, णीकफत या नाण्ैं नुीं । ुी एं "
चला ंुे नााासोफ में ससाक ाया आकखों इन तेसी-,से माइं ैंसता ुोााखाता नाण्ैं खौफ ंा धमकंयों तेसी---- ुोाा ।। तेसे
नाम से चीन औस अमेरसंा ंाकपता ुोाा…। मड रूसी हक ।। रूसी हक तहम । नाम मेसा ुै नााासोफ ! रूसी जन्मजात-----------
जेन तो छटकंी जैसी में सुती ुै मेसी । कफल्म ंा ख्याल छोड़ ंस भासत लौट जा, माक ंी ाोन में नैठंस नूध पी । नाैंा
नाकधना सीख ।"

"नरंास ंो आकखें सहखण ुो ाई । ुल्ंे से ाहसाण उक ठा रु ुै"। चचा ुड सुे ंस मजनूस महझे अााप "-

'"अने तू अास मजनूस भी ुो जाये ननछया ंे तात, तो ंौन सा महाहझे सूली पस लटंा नेाा ।ाया ननाड़ नााासोफ "…"ुसे ं
ंो फू हचका नुीं समझते ईंट ंे छक्के । अपनी, औंात नुीं भूलते ंी प्राप्त से ाहलामों ंे नचैंी इन कफल्में मडनें ! ुै
औस".......

आाे ंे शब्न ंुने ंा अरसस नुीं कनया नरंास ने ।

एंनम कंसी ाौरसल्ले ंी तसु लम्ने तड़ंे ने छलाका लाा नी नाासोंफ पस ।।

कंन्तह नााासोफ लड़ंे ंी नसन-स से राकंफ ।। नाासोफ जानता ाा कं नरंास कंसी भी क्षर् उस पस जम्प लाा संता ुै ।
नरंास ंे कंसी भी ुमले ंा सामना ंसने ंे नलए नाासोफ प्रायें पल तैयास ाा ।। लोमड़ी जैसी चालांी साा नाासोंफ ने
खून ंो नचाया ।

एं ुी पल पूरण जुाैँ नाासोफ खैंा ाा, उस स्ाान ंे तपस से ुरा में सन्नाता हुया नरंास नहससत ंे नेुोश शसीस पस जा
नासा ।

"अने ।"! औलान ंी सायते ुै सुा ंस क्या ये"----ाा सुा ंु नााासोफ खड़ा तसफ नूससी "

फह ती से उठंस नरंास ने अभी नूससी जम्प लााई ुी ाी कं


से ट....से ट........से ट-.........

जकाल में छाये भयकंस सकन्नाटे ंो कंसी ान ने झकझेड़ ंस सख कनया ।

एंसाा नरंास औस नााासोफ ंे महकु से चीखें' ननंल ाई ।

नो ाोनलयाैँ नरंास, ंी टाकाों में तो एं नायें ंक धे में लाी ाीं ।


नो ाोनलयों ने नााासोफ ंे ंक धे तोड़ कनए । पसण उसंे ुाा से उछलंस ंमसे ंी ुरा में चंसा उठा ।

चीखंस नोनों उठे अाौस अभी उनमे से ंोई सकभल भी नुीं पाया ाा कं---

-"एं भी नुला तो अननानत ाोनलयाक उसंे सीने में धकस जायेंाी । अन्नस व्यनक्त नौ हुए धड़धड़ाते ुी साा ंे चेतारनी इस "
। आये घहस

सभी ंे ुााों में ानें ाीं ।

नोनों में से ंोई सकभल भी नुीं पाया ाा कं नहसी तसु नघस ाए ।

कंक तह! नै लैंंे कनया ंस ंमाल उफ ......कंन्तह .......

यु नेखते ुी कं उन्ुें चीननयों ने घेसा ुै, नरंास ंा नजस्म ुरा में ंलानानजयाक खा उठा । उन नो चीननयों नौ चीननयों में
सनसे लम्ने चीनी पस झपटा रु ।। चीननयों ंी ानें ाजणनें ुी जा सुी ाी कं-----

" नुीं "। ंसे न ंोई फायस"----चीखा चीनी लम्ना हुआ नचाता ंो स्रयक "। ......

महकु ंे नल एं अन्य चीनी ंे ंनमों में जा नासा नरंास ।

अभी इतना समय भी नुीं नमला ाा कं ंोई नूससा ुमला ंस पाता कं उसंे ंक ठ से चीख ननंल ाई । टाका ंे ताजे घार में
लम्ने चीनी ंे नोंीले नूट ंी ठोंस पड़ी । साा ुी उस चीनी ंी आराज "---नेटे नरंास ुै साकापों नाम मेसा "---
फू हचका ंा लड़ंा हक मड ।"

ननंास अभी अपने ुोशो------कं ाा पाया ंस न भी ंानू से ठीं ुकरास-

एं नहुत ुी नाटे से चीनी ने उसंा नासे नान पंड़ नलया । नाकत पीसता हुआ नोलानरंास नेख महझ"
े ---, मेसी आैँखों में झाकं
। तेसीमेसी फसमान ंा मौत- आैँखों में नलखा ुै। मड उसी हुचाका ंा साला हैँ, नजसे तूने मास ैंाला । मेसा नाम तो सहना ुोाा?
महझे ुरानची ंुते ुड ।अपने ने नाटे ुी साा ंे ंुने " नसस ंी जोसनास टक्कस नरंास ंे चेुसे पस मासी ।

नरंास ंा सासा चेुसा खून से पहत ाया ।

एं चीख ंे साा अभी रु नासने ुी राला ाा कं , कंसी ने उसंे नाल पंड़ नलए । अपने नसस ंे नालों पस ुी झूल साक-
एं कं या पाया न भी सकभल अभी । नरंास उठा चीनी मनुला ंी आराज"। ुड ंुते हसकासी महझ"
े --

नरंास उस मनुला ंा चेुसा न नेख संा ।।

न ुी मनुला ने नरंास पस ंोई रास कंया।

इस प्रंास जैसे ंसाई नंसे ंो पंैं लेता ुै , हसकासी ने उसंे नाल पंड़ सखे ाे ।
धटनाक्रम ंह छ इस तेजी से घटा ाा कं नरंास ंह छ ना ंस संा ।

उसंा सासा ध्यान उस समय नसफण नाासोफ पस ुी नस्ास ाा जन तीन शोलों ने उसे चीखते हुए नासने पस मजनूस ंस कनया ।

रु युी नेख संा ाा कं चीननयों ने


उन्ुें घेस नलया ुै । यु नेखनेमें एं क्षर् भी ाकराये नरना कं रे कंतने चीनी ुड, नरंास सनसे लम्ने चीनी पस झपट ुी जो
पड़ा ाा, लेकंन सकभलने ंे नलए एं पल भी तो न नमला उसे ।

नहश्मनों ने उसंी नस्ानत ंा खून लाभ उठाया ।

इस समय हसकासी ने उसंे नाल जंड़ ऱखे ाे । रु अंे ली ुोती तो एं ुी नमनट में रु हसकासी ंो समझा नेता कं नरंास
ंे नाल पंैंने ंो परसर्ाम क्या ुोता ुै,

कंन्तू नरंास नेख सुा ाा।।। रु ाा में साये ंे ानों नौ---

एं चीनी फशण पस पकड़े जख्मी नाासोफ ंे सीने पस पैस सखे खड़ा ाा ।।

नरंास ंे ठीं सामने खड़ा ाा साकापोफ । फू नचा ंी तसु ुी लम्ना । अपने नपता ंी भाकनत ुी उसे चीनी ुोने ंे नारजून
लम्ना ुोने ंा फख्र प्राप्त ाा । नरंास ंो ुी धूस सुा ाा रु। नलए खून में आैँखेआ नस्ास--

आैँखों में रुी भार नलए उसंे समीप ुी खड़ा ाा। ुनानची-- लोटा । तसु ंी लोटे कंसी ठीं ! मटोल--ाोल !

" मैनें ंसम खाई ुै नरंास नेटे कं अपने नपता ंी ंों ंो तेसे खून से धोतकाा ।"

अभी साकापों ंा राक्य पूसा हुआ ुी ाा कं ुनानची ाहसाण उठांाल तेसा ंाल आनखसी ंा ाीनजन्न मेसा"- ुोाा ।"

खून से नलाड़ चहंा ाा नरंास ंा चेुसा । आखें तो अकाासे रन ुी चहंी ाी । जैसे शेस ाहसाण उठे तेसी नाप तेसा"-
तसु नामनण नुीं ाा साकााों । नहश्मनों ंो नों ानों ंे साये में लेंस नुीं धमंाता ाा रु । उसंा असली नेटा ुै
तो"..........

"रु समय भी आयेाा ।ंी नरंास " नात पूसी ुोने से पुले ुी साकापों ाहसाण उठातेसे ंो ंों ंी नपता अपने"--- खून से
धोने से पुले तहझे पूसा मौंा नूकाा मड । मड नुी, ुरानची मासे ाा तहझे । अपनी नजन्नाी ंा आखसी ंाल ंसे ाा ये ।"

"ये लोटा ".....

अभी नरंास आाे एं शब्न भी न ंु पाया ाा कं ु सचमहच-रानची ंा शसीस ुराण में इसतसु ंलारनजयाक खा उठा जैसे
कंसी ने घहमांस लोटे ंो फें ं कनया ुो ुरा में लोटे ंी तसु घूमता हुआ रु नरंास ंे समीप अााया औस-------

फटां से नोनों पैसों ंा प्रुास उसने नरंास ंी छाती पस कंया ।

अपनी छाती ंी ुनड्डयाक नरंास ंो चसमसातीमुस सी-ाूस नी ।

"जो भी ुरानची ंो पुली नास नेखता ुै इसंे लौटा शब्न ंा ुी प्रयोा ंसता ुै ।"' साकापों ने ंुा में नहननया लेकंन"-
ुै नुीं व्यनक्त ऐसा ंोई तं आज, नजसने ंभी नूससी नास इसे लोटा ंुा ुो । यु शब्न इसे पसकन नुीं नरंास । जो भी
ुरानची ंे नलए इस शब्न ंा प्रयोा ंसता ुै या तो यु उसे नहननया में औस ंह छ नोलने ंे नलए नजन्न ुी नुीं छोड़ता अारा
उसे इस ुन तं सनं नसखा नेता ुै कं नजन्नाी में लोटा शब्न उसंी जहनान पस नुीं आता । ंई नास तो यु भी नेखा ाया
ुै कं इसी नात पस ुरानची से नपटा आनमी सचमहच ंे लोटे ंो नालास ंुता ुै ।" पुले तो साकापों ंी इस नात पस धीसे
से ुकसा ंोई,
कफस नोला। ुै ंी नात शायसाना क्या नाु"----

नरंास सनुत सभी ने पलटंस उस तसफ नेखा।।।।

तहालं उठंस खड़ा ुो सुा ाा ।

"तहम ुो में ुोश तहम"---उठा ाहसाण साकापों हुआ धूसता उसे "?"

"औस ुम जोश में ुड ।"

इन शब्नों ंे साा नहससत खान ंो खड़ा ुोता नेखंस नाासोफ ंी आैँखें आश्चयण से फै ल ाई।

खूनी नृनष्ट से उन नोनों ंी घूसता हुया साकापों ाहसाणयाक ुों में ुोश नोनों तहम"---?"

तहालं नौखला उठा ।

नहससत ंाकपने लाा ाा ।

ंाकपता हुआ नोलाना माई ाा तो नताया आपंो अभी"---प कं ये साला जामहन ंी औलान ुोश में ाा औस मड जोश में ।।
आप ंी आराज सहनी तो सच, कंसी क्नाैँसी ंन्या"---

" नंो मत ।"

ुरितणनी ंे ाहसाणते ुी संपंांस नहससत चहप ुो ाया। तहालं नोल उठाइस "---- साले प्यास ंी ननशानी ंो ंई नासक
समझाया ुै माई नाप कं ायाना मत नोला ंस, लेकंन… "

साैँापों ंे चीखते ुी तहालं ंी जहनान पस ोंें ला ाए तो तहसन्त ुी नहससत ने तहालं से ंुानेटा ले"--, औस ंस मेसी
चहाली । तहझसे पुले ुी ंुा ाा साले, कं माई नाप से मेसा नहुत पुला यासाना ुै, तेसे नसखाये में नुीं आयेंाे ।"

"अने चलचक्की ंे "! तहालं ने नहससत से ंुा"ुै ुै ुी मेसी से नाप-माई तो महलांात पुली तहझसे "--

"तहम चूप सुो ।। उठा ाहसाण ुराननी "


" चहप क्यों नुीं सुता रे तहालं ंी नहम ?" फोसन ुी नहससत तहालं पस ननाैं ाया मानता नुीं ंुना ंा नाप माई "---
?"

"मड ंुता हैँ, नंो मत तहम । "साकापों भूनभहना उठा ।।

"'मड पुले ुी ंुता ाा साले नहससत कं माई नाप ंो ाहस्सा आ जायेाा "
तहालं अभी आाे भी ंह छ ंुना चाुता ाा कंक -----

चटां............

झन्नाटे ंे साा ुरानचीं ंा ुाा उसंे ााल से टंसाया ।

" ले नेटा । म "---- ाा राला चूंने ंन नहससत "ाैाकने पुले ुी ंुा ाा कं माई नाप ंो ाहस्सा आ ाया तो मास नेंाें ।"

नहससत ंी नात पूसी ुोते। रु ुोाया नहुसा चीखंस । लाी में पेट उसंे ठोंस ंी साकापों ुोते-

"ले नेटा"..... नोल अाौस--

तभी तहालं ंे महकु पस ुरानची ंा घूकसा पैंा । रड़ा ुी अजीनशहरू नसलनसला सा- ुो ाया ुै ुरानरी तहालं ंो मासता तो
नहससत नोल पैंता । साकापों नहससत ंा मासता तो तहालं । ंाफी नेसत तं युी क्रम चलता सुा। एं नस्ानत ऐसी आई कं
नोनों ुी चहप ुो ाए ।

नहससत ंे लम्ने नाल पंड़ंस झकझोड़ता हुआ साकापों नोला रटंाने अक्ल आई अन "-----?"

" माई नाप ंहक ंह छ तो ुो इजाजत ंी नोलने"-ंुा ने नहससत " ......?"

" मेसी नातों ंा जनार नो ।। ाहसाणया साकापों "

"मै ैँ तो आपंा खाकनम हुक माई नाप"। ंसो हुक्म-'


" ुोश रटंाने आया या नुीं ?"

" मेसे ुोश तो पुले ुी रठंाने ाे माईसा तो ननमाश "-----ंुा ने नहससत "! नाप-ला ये जामहन ंी औलान ुै । यु भी
नुीं नेखता कं कंसंे सामने नोलना ुै औस कंसंे सामने नुीं । इसे मड ंई नास समझा चहंा ुड कं ुस आनमी ंो एं ुी
लाठी से नुीं ुाकंना चानुए । लेकंन ये सहनता ुी नुीं ुै अपने साा महझे भी फक सरा नेता ुै । सासी ालती तो इसंी ुै माई
नाप । "

ठीं युी शब्न तहालं ने ुरानची से ंुे ाे ।

तहालं ने ुनानची ंो औस नहससत ने साकापों ंो जो जनारक कनया ाा, रु एफऔस साकापों । सहना ने नूससे-
ुरानची ने एं-कफस नेखा ंो नूससे -
साकापों ने नूससत से औस ुनानची ने तहालं से एं ुी प्रश्न कंया…........"इसंा मतलन ये हुआ कं तहम नेुोश नुीं हुए
ाे ?"

ंननखयों से तहालं औस नहससत ने एंमें सहस ुी एं नोनों । नेखा ंो नूससे- नोले ुै समझाया नास ंई ंो तहालं इस "----
से चचा कं…मजां मत कंया ंसो । चचा ुमासे मजां ंो समझते नुीं, नहसा मान जाते ुड, लेकंन ये नुीं माना मजां :
ुी मजां में इसने चचा ंी टाका खींच नी । नतीजा ये कं चचा नहसा मान ाए । इसने महझे भी मसरा कनया, जन ुमने नेखा
कं चचा ुमें मास ुी ैंालेंाे तो नेुोशी ंा नाटं ंसंे अपनी जान नचाई ।औस ाा नलया नाम ंा तहालं ने नहससत " तहालं
ने नहससत ंा ।

उुस सहनंस साकापें औस ुनानची ंी नृनष्ट नमली ।

साकापों ने ंुा"। ुै सुे ंस नष्ट समय ुमासा ये"---

कफस ुनानची औस साकापों ंे ुाा एं साा चले ुै नोनों ंे ुााों ंी ननी ंै से टें पाकंस्तानी जासूसों ंी नस ंी ंनपरटयों-
लेंस नाम ंा नूससे-एं कं टंसाई से रे फशण पस नास ाये । अछछी तसु से तसल्ली ंसने ंे उपसान्त कं रे नेुोश ुो ाए
ुै, साकापों ने ुनानची से ंुांै से पाकंस्तानी जाने "----, ंै से सक ारूटों ंी सींे ट सिनणस में भती ंस लेते ुै ।"

" नातों से तो ये मूखण कंन्तह व्यरुास से चलते। महड़ा तसफ ंी नरंास ुनानची हुआ ंुता "। ुड आते सनज पहज-

नरंास ंे पीछे नाल पंड़े खैंी हसकासी ंी तऱफ नेखंस नोला"! हसकासी ुै नुीं समय अनधं पास ुमासे -----

नरंास अभी समझ भी नुीं पाया ाा ुना ची ंे शब्नों पस हसकासी क्या प्रनतकक्रया ंसने राली ुै कं पीछे से हसकासी ने एं
जनसनस्त ठोंस इतनी जोस से नरंास ंी ंमस पस मासी कं लड़खड़ांस नरंास अभी महकु ंे रल नासने ुीं नाला ाा कं----
-----------
फटां से साकापों ंे जूते ंी ठोंस उसंे जरैंेे़ पस पैंी ।

नरंास अभी सकभल भी नुीं पाया ाा कं ुरानची ंा घहटना उसंे पेट में ।

"अने अाो चीनी चमाानड़ों ।चीख में भारारेश नााासोफ पड़ा पस फशण " पैंाऔस"-----तों ंी तसु ानों ंे साये में लेंस
मेसे शेस ंे नच्चे ंो क्या मासते ुो ? मनण ंी अाौलान ुो तो ये ाने ुटा लो"। ंमाल इसंा नेखो तन---

" तू चहप सु नूड्ढे ।"। ाहसाणया चीनी सखे पैस पस सीने ंे नााासोफ "

" नहड्ढा नोलता ुै ाकजे ंी औलान । "---नोासोफ उठा नुाैं "नहड्ढी ुोाी तेसी माक । असे सीने पस ान सख, ंस क्या ाहसाणता
ुै । ये ान ुटा ले, नतातक कं नहड्ढा ंौन ुै ! ऐसी चीख ननंलेाी, तसे महकु से कं चीन में नठा तेसा ुसामजाना नाप नुसा
ुो जाएाा "!

उुस महकु से नेने ंे स्ाान पस उसने ान ंी नाल नाासोफ ंे सीने मे ााड़ नी ।

नरंास! लैंंा खतसनां सराणनधं ंा यहा इस-------

साकापों, ुनानची औस हसकासी ंे नरंोर् में फक सा हुआ ाा । नरंास ंों सकभलने ंा एं भी मौंा कनए ननना रे सु सु ंस
उस पस नास ंस सुे ाे । नााासोफ चीखे जा सुा ाा ।

ुना में चंसांस एं चीनी ने अपने नोनों पैसों ंा प्रुास नरंास ंी छाती पस कंया तो नरंास चासों खाने नचत फशण पस जा
नासा । ाहसाणयासखना यान----- ुनानची तेसी लाश ंों चीसचौसाुे कंसी ंे नपकंक ा फाड़- पस लटंाक नूकाा ।"

तभी साकापों ंा नास सुना पड़ा उसे ।

नरंास ंो नपटता नेखंस नाासोंफ रेचासा चीखता सुा, नचल्लाता सुा । युाैँ तं सो पड़ा, सोता हुआ नोला…"ये ंै सा
ुसामजाना लड़ंा ुै ? नेख सुा ुै कं ानों ंे साये में ुड, लेकंन चूप नुीं सुता"। नुी झहंता......

इस ुन तं उन तीनों ने नरंास ंी धहनाई ंी कं रु नेुोंश ुोंस लहढं ाया ।

चीन में…कक्रस्टीना ने अभी अभी टेलीनरजन नन्न कंया ाा ।।

उसंा चेुसक ा ाकभीस ाा । ससीले नेर नता सुे ाे कं रु ंह छ सोच सुीं ुै ुै नस्रच आैँफ ंसंे रु पीछे घूमी ।

सोफे पस नैठे नरजय ंो नेखा । उसने उस एं पल ंे नलए नरजय ंे उस चेुसे ंों ाम्भीस नेखा ाा नजसंे नरषय में उस ने
नपछले चासंस ननर्णय यु में कननों नाच- नलया ाा कं उस
चेुसे पस ाम्भीसता आ ुी नुीं संती ।
" नरजय भैया । ुो सुे सोच क्या "---नोली कक्रस्टीना "?"

नरजय सम्ुाला स्रकय ंो, पहन"। ुड नजे पस चेुसे तहम्ुासे तो नासु"----नोला हुआ ंसता सामान्य ंी चेुसे अपने :

ाम्भीस ुी सुी कक्रस्टीना, नोलीन ंी ाम्भीसता"---ाात ुी ुै नरजय भैया ।चीननयों ने रतन ंो जला ैंाला ुै ।"

" अजी जला ैंाला ुै तो तहम्ुासी सेुत पस क्या क्या फंण पड़ता ुै ?"

"'भैया ।" नरजय ंे समीप अाा ाई कक्रस्टीनाहक नुीं नमली ंभी से रतन "--- ।उनंी ंुानी सहनी ुै । अजीन से ननण में
ैंू नी ुै उसंी ंुानी । ंई नास उसंे फोटो नेखे ुड । एं नास पुले टी ाा सहनकस कंतना । ाा पा नेखा भी पस . नी .
रतन औस अनकनया ंस साख जलांस तसु कंस ने जानलमों इन-उफ तो नेखा-अन........ ुै उसे ? ंै सा भयानं ैंसारना
औस ननसूसत ुो ाया ुै रतन "!

"लाता ुै कक्रस्टीना तहम्ुास ुै ननण ंुीं में कनल !ाे "

"क्या मतलन भैया ।"

"सहना ुै, कनलों में जन महुब्नत ंा अचास पंने लाता ुै तो आकखों से सड़ा हुआ ान्ने ंा सस ननंलने लाता ुै । ंुे नरजय "
ाया चला…"महझे लाता ुै कं रतन ंा अचास तहम्ुासे कनल में पं सुा ुै ।"

"भैया ुै ारण महझ"


े ---कक्रस्टीना ाी ाम्भीस "!कं आपंा नाम लेंस आपंो भैया ंुती हैँ मड । यु भाग्य ुै मेसा कं आप
जैसे मुान जासूस ंो मड अपना भाई ंु संती हक । नरजयभैया-, मुान ुड आप, जो आपने महझे यु अनधंास कनया । मड स्पयक
नुीं समझ संती कं मेसा हृनय आपंो इतना ुै नेता क्यों सम्मान-?"

"ुमें ननाने ंी ंोनशश मत ंसो कक्रस्टी "। ंसो मत चेष्टा ंी घहमाने ंो नात ंी रतन में नातों इन !

ुल्ंे से महस्ंाई कक्रस्टीना" । आयेंाे ंुाक में नातों मेसी आप " ---नोली ---

'‘ननरुंह ल नुीं आयेंाे ।आने जनान औस "---ंुा ने नरजय में जअन्ना ुी अपने " ंी ुी क्या नात ुै, ुम तो जायेंाे भी
नुीं । ताड़ने नाले ंयामत ंी नजस सखते ुड ।
नोलो"। न ुो सुी भस पाना-आलू में नताशों ंे महुब्नत ंी रतन युाैँ तहम "--- "ऐसी तो ंोई नात नुीं ुै । ने कक्रस्टीना "
। चाुा ंुा

कंन्तह नरजय ंुाक मानने नाला ाा, नोला… " झूठ ंाला, सफे न, ुसा, नीला पीला झूठ ।"
-"'भैया पहनः ाम्नीस ुो ाई कक्रस्टीनानुीं नमली नतन । ुै नुीं नात ऐसी"---- हैँ, उसंी ंुानी जानी ुै, उसंी तस्रीस
नेखी ुै । उांक ठा ुै उसे नेखने ंी । ंै सा ुोाा रु ? ंै सा लाता ुोाा ? ंै सा ुोाा रतन, नजसने आठ रषण ंी उम्र में नजम
ंा ंाल ंस ैंाला ? पूसे अमेरसंा ंो झहंांस जो आज चमन ंा साजा नन नैठा, अभी नरजय ंह छ ंुनाक ुी चाुता ााक कं
लॉंे ट रूपी ट्राकसमीटस स्पाक्क ंसने लाा ।

शीध्रता से आन ंस , ट्रासकमीटस ंो महकु ंे ंसीन ले जांस नोला नाल्ली हक सुी नोल मड ! नसल्ली ंी नफण प्यासे ुेलो "---
"।

" मड ैंण्ैंा नोल सुा हक जासूस प्यासे ।। उभसी आनाज ंी अलफाकसे से तसफ नूससी "

" ाहनच्चं ंुाक ुै ?" नरजय ने पूछा ।

"अभी अभी उसे तहमने टीनी पस नेखा ुोाा ।'" अलफाकसे ंी आराज आईना नेखा"---- भी ुो तो सहन अरश्य नलया ुोाा कं
रतन नरश्व भस ंे टीरीज पस नोला ुै ।"

" नेखा भी ुै औस सहना भी ुै प्यासे लूमड़ खान ।ुड सुे पूछ-ंुा ने नरजय " खांस ननॉससी पान कं तहम रुाक क्या ंस सुे
ुो लाांस ध्यान ?"

"नजस रतन ंो तहमने अभी अभी टीनी पस नेखा ुै, रु रतन नुीं जासूस प्यासे , जले हुए रतन ंे रुप में नपचासनाा ाा ।"

" अमाक ये तहम क्या ंु सुे ुो, लूमड़ भाई ?"

" महझे आश्चयण ुै कं नात तहम्ुासी समझ मड क्यों नुीं आई ?" नूससी तसफ से अलफाकसे ने तहं नमलाई ंस ननश्चय रतन------
में चीन उसे नास इस कं ुै चहंा तनाुी मचानी ुै । " महझे आश्चयण ुै कं नात तहम्ुासी समझ मड क्यों नुीं आई ?" नूससी
तसफ से अलफाकसे ने तहं नमलाईुै मचानी तनाुी में चीन उसे नास इस कं ुै चहंा ंस ननश्चय रतन------ । ----------
रु अास । ुै साजा ंा नेश स्रतन्र एं रतन कं ुो संते समझ तहम ऐसा ंह छ ंसे ाा तो आतसाणष्ट्रीय अनालत में महजरसक म
साननत ुो जाएाा । जो ंह छ उसने ंसने ंी ठानी ुै, रु उसी नौसान ंसे ाा, नजसमें जला रतन नना ंे
नपशाचनाा चमन में ठीं ुोने ंे नलए पैंाे़ ुै । टीनी पस पस जो शब्न उसने ंुे, रे भी उसी योजना ंे अका ुड ।"

"अमाक नमयाक लूमड़ खान, यु तो पता लाे कं रु योजना क्या ुै ?" उुस में अलंाकसे ने सन ंह छ नता कनया ।

सहनने ंे नान नरजय ने ंुा ुै नहश्मनी क्या से ुी चीन ंो रतन प्यासे लेकंन--?"

" क्योकं उसे पता ला चहंा ुै कं उसंा फामूणला चीनी जासूसों ंे ुाा ला ाया ुै ।''
चौंा नरजय, नोला ुै पता ंो नटन साले उस रु पता नुीं ुमें साली नात जो भाई लूमड़ तो सुे ंु क्या----?"

""ननंास मैनान में ंू नने से नाज नुीं आया नरजय ।"

"क्या मतलन ?"

" मतलन ये कं ुैसी ंो नरंास ने नासफ्तास ंस नलया ।रु"-नताया ने अलफाकसे " अभी तं मेसी ंै न में ुै।। नरंास स्रयक
ुैसी ननंस रतन ंी प्रयोाशाला में ाया । फामहणला चहसाया । ुैसी ननंस जैंी से नमला ।"

" कफस ?"

"उसंे नान ंी ंुानी महझे अभीअभी- नरंास ने ट्राकसमीटस पस नताई ुै ।"

"क्या ंुानी ?"

"सहनो नरजय ।लाा नताने अलफाकसे ",""मडने नरंास ंो नहुकत सोंा, रहुत समझाया कं कफलुाल रु भी ुमासी तसु ुी
आसाम से नैठंस तमाशा नेखे लेकंन रु नुीं माना,
इस नरषय में नरंास ंे नासे में महझसे ायाना तहम जानते ुो, रु जो ंसने ंी ठान लेाा, ंसे ाा । कंसी ंे सोंने से रुंे ाा
नुीं । मडने भी उसे खून सोंा, लेकंन नोला कंंह छ में नेखने तमाशा ंस घहस -- औस ुी मजा आता ुै ।परसर्ाम यु कं रु
घहस ाया । नसफण युाक तं महझे पता लाा कं रु कफल्मों सनुत ुैसी नना जैंी ंे साा ुैलींॉप्टस में जा नैठा, नान में यु
भी सूचना नमली कं रु ुैलींॉप्टस ाया ुो नष्ट टंसांस से पुाैंी कंसी ", । मड युाक नरंास ंी ंोई भी सूचना पाने ंे
नलए व्यण सहृा । इस नीच, रतन से नातें हुई । नपशाचनाा ंो नतन नना ंस उसंी योजना ंायाणनन्रत ंी । अभी ंह छ नेस
पुले ट्राकसमीटस पस नरंास ने महझ से सम्नन्ध स्ाानपु कंया।"

" क्या ?"

"ंुता ाा कं रु एं जलपोत से नोल"। ुै सुा-

"जलपोत ?" नरजय ुल्ंे से चौंा ।

" ुाक ।हुआ ंह छ भी जो साा उसंे "--ंुा ने अलफाकसे ", उसमें सकक्षेपंु उसंा । नताया महझे में-ना ुै कं
जैंी ंे रूप में राण्ैं ाा । पुले नाण्ैं से उसंा टंसार हुआ ।सन इायाकन " ंह छ नताने ंे नान अलफाकसे ने ंुा…उसने
नताया कं इस समय रु एं चीनी जलपोत से नोल सुा ुै । यु जलपोत उसे, जेम्स नाण्ैं, नााासोफ, नहससत औस तहालं
ंो नलए नपकंक ा ंी तसफ़ नढ सुा ुै । कफल्में इम समय साकापोंक इायाकन ंे ंब्जे में ुड । नरंास ंा ंुना ुै कं उन्ुें
जलपोत में इस प्रंास ंै न कंया ाया ुै कं कफलुाल रे ंह छ भी ंसने में समाण नुीं ुै ।"
" नेख नलया साले ने घहसंस तमाशा ?"

" नजस समय नरंास महझे ाा सुा नता ंह छ सन यु -, उस समय रतन भी मेसे पास ाा । " अलफाकसे ने नताया "----
औस सहना ंह छ सन भी इसने उसी समय से रतन भी ाायन ुै ।"

" ंुाक चला ाया ?

"ंनानचत नरंास ंी तसु घहसंस … तमाशा नेखने "!

--"क्या मतलन ।"

" रतन ंे युाक से जाने ंे नान महझे रतन ंा 'एं पर नमला ुै ।" "ंै सा पर ?"

'"मड पढंस सहनाता हैँ तहम्ुे ।सहनाना पर ने अलंाकसे उपसाकत ंे ंुने " कंया, "प्यासे अलंाकते चचा ुै ाया ुो नरकनत महझे !
नसफण न ंह ुे चीनी कं मेसी कफल्में लेंस नपकंक ा जा सुे ुड, ननल्ं मेसे यास ंो भी ंै न ंस नलया ुै । नस जान इतना----
अन । ुै ंाफी नलए मेसे लेना चीन में रतन जो तनाुी मचाएाा, उसे आप ुी नुीं… सासा नहननया।। सहनेाी-

इस ुसामजानी ंौम ंो मड नतातकाा कं रतन ंे फामूणले पस नृनष्ट ैंालने अाौस रतन ंे यास ंो नन्नी ननाने ंा परसर्ाम क्या
ुोता ुै ? मड जा सुा हैँ चचा, मेसे ननषय में कंसी भी प्रंास ंी कफक्र न ंसना ुै नससमझा ंो नपचासनाा--- नेना कं मडने
उसे जो ंह छ समझाया ुै, रुी ंसे ।कं ुै आरश्यं नहुत यु " नीच औस ुै में चमन रनत कं सुे पुचानती नहननया में नीच-
आपंा-ुै सुा ंसा इलाज भतीजा "। रतन --

"ये साला नटन ंुाक चला ापा ?" पहसा पकर सहनते ुी नरजयक ने ंुा ।

"यु तो मड स्रयक नुीं जानता नरजय ।----ंे ुा ने अलफाकसे "' जैसे ुी उसे यु पता लाा कं नरंास, नााासोफ, नाण्ैं,
नहससत औस तहालं चीनी जासूसों ंे चूकाल में पहुकच चहंे ुड औस नोनों कफल्में लेंस रे जलपोत ंे माध्यम से नपकंक ा ंी तसफ
नढ़ सुे ुड तो उसंे चेुसे पस ंह छ ऐसे भार उभसे जैसे रु इसी धटना ंा प्रतीक्षं ाा । उसंे नान से महझे रतन नुीं, नसफण
रतनक ंा यु पर नमला ुै ।"

"इसंा मतलर ये हुआ लूमड़ भाई कं नोनों छोंसे तहम्ुासा नजसनटटू नना ाए ?"

" शायन तहम्ुासी ननाने चीन आ सुे ुड ।"


"इसंा मतलर ये हुआ लूमड़ भाई कं नोनों छोंसे तहम्ुासा नजसनटटू नना ाए ?"

" शायन तहम्ुासी ननाने चीन आ सुे ुड ।"

" मेसी कफक्र मत ंसें प्यासे लूमड़ भाई । अपने साम ने तो नजसनटटू ननाना सीखा ुै नकनना नुीं ।--- ाया चला ंुे नरजय "
आ चीन भी तहम तो समझो उनचत " जाओ, कंन्तह आने से पूरण जो नुनायत तहम्ुें नपशाचनाा ंो नेनी ुै, रु न भूलना ।"

" ुैसी ंा क्या ंरू ?"

अलंाकसे द्वासा पूछे ाए इस प्रश्न ने एं पल ंे नलए सा-ननरुुस ंो नरजय .. ंस कनया, कफस नोला, "अजी लाता ुै लहमड़
नमयाैँ कं अपनी नहनद्ध ंा ंह छ भाा तहम भी ैंाई अाान कंलो ंे नुसान से नेचंस खा ाए ुो । अमाकंसना ंा साले उय .
ुी क्या ुै ? नपशाचनाा ंे ुराले ंस अााना यु जरूस रता नेना उसे कं अपने ाहरु ंा रु पट्ठा ुसामी कंतना ुै । ंुीं
ऐसा न ुो कं रु कंसी तसु ंै न ननंल भााे ।"

" ठीं ुै ।ं नरछछेन सम्नन्ध ंुंस यु ने अलफाकसे "स कनया"। हैँ सुा आ चीन मड "--

"सम्नन्ध नरछछेन ुोते ुी नरजय ने कक्रस्टीना ंी तसफ नेखा ुै उसंे चेुसे पस चमं ाी ंनानचत उसने नरजय औस अलफाकसे ंे
नीच ुोने राली सकपूर्ण 'राताण सहन ली ाी ।

नरजय ने ंुातहम्ुासा "----- सासा चेुसा ननल्ली ंी आकखें नन सुा ुै कक्रस्टी "!

" क्या मतलन ?"

-"'अपने नशंास ंो नेखंस नजस तसु ननल्ली ंी आकखें चमंती ुड, उसी तसु इस समय तहम्ुासा चेुसा चमं सुा ुै ।"

ुल्ंे से ुकसीं कक्रस्टीना नोलीुै नलया नेख नशंास सा-ंौन मडने"-?"

…"नटन ।नोलो"--ंुा ने नरजय ", क्या ंह छ ालत ंुा मडने ?"

"नशंाकस नाली तो ंोई नात नुीं ुै नरजय भैया ।"


कक्रस्टीनाुाक लेकंन" "-- ंुा ने ---, यु जानंस खहशी अरश्य हुई कं नजस रतन ंो ुमने ंह छ ुी नेस पुले टीनी पस नेखा
ाा, रु रतन नुीं ाा ुै रतन पुले जैसा ुी खून' सूसत ुै, रु चीन आ सुा ुै ।"

-'"इसी ंो ंुते ुड अड़ाीमास इश्ं ुै"' ंुने ंे पश्चात नरजय कंसी अन्य से सम्नन्ध स्ाानपत ंसने ंा
प्रयास ंसने लाा । उसे ऐसा अरश्य लाा ाा कं उसंी नात ंा कक्रस्टीना ने ंोई जरान कनया ुै, कंन्तह उस जरान ंो सहनने
ंा उसने ंोई प्रयास न कंया ।

नरजय ननसन्तस कंसी से सम्नन्ध स्ाानपत ंसने ंे प्रयास में व्यस्त ाा । कक्रस्टीना ंी आराज उसंे ंानों में पैंीं कंससे " ---
भैया नरजय ुो चाुते ंसता नातें?"

उसंी नात ंा ंोई जरार नेने ंे स्ाान पस नरजय ने ुाा उठांस उसे चहप सु ंा सकंेत कंया । उसंा पूसा ध्यान ट्राकसमीटस
ंी तसफ ाा, औस धीसे धीसे नु सेट पस ंु "। झानझसोखे प्यासे "ुैलो ुैलो"--- ाा सुा ंु-

"ुेलौ "। हक नोल में"---उभसा स्रस से तसफ नूससी "!

"ंौन ?" नरजय ने पहछा झानझसोखे"---?"

"'झानझसोखे नुीं ननजय लेटे, यु ुम नोल सुे ुै ।। आई आराज से तेसफ नूससी "

ुल्ंे से चौं पैंा नरजय, महकु से ननंलांौन "--… ाहरुनेर ?"

"ठीं पुचाना नेटे ।। ाा सुा रोल जैंी सचमहच से तसफ नहससी "

" -पाकर लााूक ाहरु । पड़े टपं से ंुाैँ आप पस ट्राकसमीटस इस लेकंन" .-ंुा एंनम ने नरजय हुए सकभालते ंो स्रस "!

'"तहम समझ संते ुो नरजयकं तहम्ुासा झानझसोख इस समय ुमासी ुी ंै न में ुै ।'.' जैंी ने ंुा कं ुै अफसोस महझ"
े -
से युाक अशसफ'आैँपसे शन से एम .रेरज-- सम्ननन्धत सासी सूचनायें तहम्ुें नेता सुा, कंन्तह ुम उसंे ननषय में ंह छ न जान
संे ।। उसने पीछा भी कंया, कंन्तह मड न जान संा कं ंोई मेसे पीछे ुै । सच महझे सख्त अफसोस ुै , कंन्तहअफसोस- अन
तहम्ुें भी ुोाा ।"

" असे ुम तो तहम्ुासे नच्चे ुड ाहरुनेर । नलया पंड़ ंै से तहमने ंो झानझसोखे अपने---ंुा ने नरजय "?"

"उसने सोचा ाा कं रु जैंी ननंस, ुैलींॉप्टस लेंस चमन से ुैसी ंो लेने चला जाएाा ।नताया ने जैंी " -"यु सोचंस
रु मेसे घस में घहस आया महझ पस औस साा एं उसने पस जूनलया --- ुमले कंए, कंन्तह"............
" उसी समय नाकण्ैं आ ाया औस उसने झानझसोसे सनुत तहम सनंा तीयांस पाकचा- कनया । पुले से ुोने पूर्ण नात ंी जैंी "
जो-कनया ंस शहरू ंुना ने नरजय ुी ंाम अपना झानझसोखे ंसना चाुता ाा, रु जेम्स राण्ैं ने कंया ।"

जैंी ंे चौंने ंा स्रस मालूम ंै से तहम्ुें ंह छ सन यु"----?"

"'ुमासा नाम नरजय नी णेट ुै ाहरुनेर ंुा ने नरजय अंड़ांस सीना "!…"ुमें तो यु भी मालूम ुै कं इस समय ुैसी ंुाक
ुै ? लेकंन पुले तहम यु नताओ कं अपने झाकनझसोखे नमयाक इस समय ंुाक ुड ?"

--'"ुमासी ंै न में ।"

" उसे छोड़ नो "!

" ं मतलन क्या--?" नननश्चत ंुी-ंै से" तहमने नात यु"- ाा चौंा जैंी पस आनेश नरनचर इस ंे नरजय से रूप .?"

-"ाहरुनेर पहचंास ंो जैंी मानो ने नरजय "!'-"औस उसंा ंसोाे क्या ?'"

" आैँपसे शन रेरज एम' राले इस अनभयान से तहम्ुें ुटाने ंे ंाम तो अशसफ ुी आएाा ।'" जैंी ने ंुा सहनो".------
नरजय, ध्यान से मेसी नात सहनो । इस अनभयान पस तहम्ुासे नच्चे ंो भेजा ाया ुै…ुैसी ंो उसंा ंाम ुै, . रेरज एम ंा
फामहैँला सहसनक्षत अमेरसंा पहुैँचाना । मड अछछी तसु जानता हैँ कं रु अपने इस अनभयान में उस समय तं सफल नुीं ुोाा
जन तं कं नीच में तहम ुो, यु समझो कं तहम्ुें आनेश नेता ुड मड! जाओं ुट से इसअनरन्यान तहम--- अास तहमने मेसे इस
आनेश ंी अरुेलना ंी तो यान सुे, तहम्ुें जीनरत अशसफ ंो नेखने ंा अरसस ंभी नुीं नमलेाा ।"

…"राुक ाहरुनेरतो ंुारत रु आपने"----ंुा ने नरजय "। सुी खून भी यु---- सहनी ुी ुोाी कफ चूुे ंे ुाा ंुस ला
ाई तो रु स्रयक ंो नजाज यानी ंपैंे ंा व्यापासी ुी समझ नैठा ।"

"'क्या ंुना चाुते ुो ?"

"यु कं ुैसी ुैमासीाे ंै न में ुै ।ंसंे मेंअप तहम्ुासा "--ंुा ने नरजय " राण्ैं आया ाा तो ुैसी ंे भेष में उससे नरंास
नमला । ुैसी ंो नरंास ने पुले ुी नासफ्तास ंस नलया ाा ।"

"यु सन नंरास ुै ।। पड़ा चीख जैंी "


"ंभीसुी ुी नंरास "---युा ने नरजय "! ाहरुनेर ुै ुोती सच भी नंरास ंभी--, लेकंन सच ुै । ुैसी इस समय
ुमासी ंै न में ुै औस आप भी यु यान सखें कं जो ंह छ आपंी ंै न में पड़े ुमासे झानझसोखे ंे साा ुोाा ठीं रुी ुैसी ंे
साा ।"

" नंराकस मत ंसो नरजय ।---ाा पड़ा चीख जैंी राला नोलने से तसफ नूससी " "जासूसी तहम्ुें मडने नसखाई ुै । उसी
जासूसी ंा पैतसा तहम महझ पस चला सुे ुो, । मड जानता हैँ कं ुैसीु नुीं ंोई रेसी-ाै तहम्ुासे पास ुै यु 'झूठ तहम इस
नलये नोल सुे ुो, क्योंकं अशसफ ंो मासने ंी धमंी जो नी ुै मडने । मड तम्ुासी इस चाल में आने राला नुीं हैँ नरजय । "

"अास इस ालतफुमी में सुें , तो नननश्चत रुप से आप रहुत नड़ा धोखा खायेंाे। " नरजय ने ंुाुैसी कं ुै सच ये "--
ुमासे पास ुै औस झानझसोखे ंे साा जो भी ंसो, इस नात ंो अछछी तसु साा ंे ुैसी व्यरुास रुी ंसना समझंस-सोच-
ुो भी सुा ुोाा। एं क्षर् ंे नलये सेट पस सन्नाटा छा ाया, कफस जैंी ंी आराज"--- महझे तहम्ुासी नात पस ननलंह ल
यंीन नुीं ुै ।"

" औस मड आपंों यंीन कनलाना भी नुीं चाुता ।"

'"तहम्ुासे पास क्या सनूत ुै ?"

"'क्या ये सनहत ंम| ुै महझे यु पता ुै कं तहम्ुासे मेंअप में ुैसी ंो लेने जेम्स नाण्ैं आया ाा ।” नरजय ने
ंुााहरुनेर सोचो जसा"----, अमेरसंा में घटी धटना ंी जानंासी महझे ंै से ुो ाई ? एं ुी माध्यम ााकं ये---
नरंास ने ुैसी ंो नासफ्तास ंस नलया ाा । स्रयक नरंास ुैसी ंे मेंअप में नाण्ैं से नमला । उसने राण्ैं ंो पुचान नलया ।
तहम स्रयक समझ संते ुो कं नरंास ने नाण्ैं ंा कक्रयानस ।। ुौाा कंक या से ढका कंस ंमण-, स्रयक नाण्ैं ने रताया कं क्या
ंह छ हुआ ाा ।"

-"ये झूठ ुै ।" जैंी चीख पड़ाकं ंसती नुीं प्रभानरत नात यु तहम्ुासी" ---- ुैसी तहम्ुासी ंै न में ुै सम्भर ुै कं कंसी
अन्य माध्यम से तहम्ुें यु जानंासी हुई ुो । तहम्ुासी इस खोखली नलील मड नुीं मान संता कं ुैसी"!--------

"अास में ये ंहक ाहरूनेर कं आप भी झूठ नोल सुे ुै तो नुीं ुी ुड पास आपंे अशसफ----?"

"'मड तहम्ुासी तसु खोखली धमकंयाक नुीं कनया ंसता ।"' जैंी ने ंुाअशसफ"--- मेसी ंै न में ुै, इसंा प्रमार् मड तहम्ुें
अभी ट्राकसमीटस पस उसंी आराज सहनांस भी ने संता हक नोलो आराज ंी ुैसी ुो संते सहनरा तहम रया----?"
" ाहरु चाहैँ तो अभी अपने ुी महकु से ुैसी ंी आराज ननंालंस आपंो यंीन कनला नू ।।ंुा रे नरजय "…लेकंन कफलुाल
महझे यु ुांक ैंा अपनाने ंी ंोई अाानश्यंता नुीं ुै । यु भी जानता हुक कं आपंे नलये भी अशसफ ंी आराज ंी नंल
ंसना ंोई ंरठन ंाम नुीं ुै, कंन्तह महझे नरश्वास ुै कं अपना झानझसोखेाे आपंी ंै न में ुै औस तहम्ुें भी नरश्वास ंसना
पड़ेाा ाहरुनेरंै न ुमासी ुैसी कं यु---- में ुै । यान सखना, जैसा व्यरुास उसंे साा ुोाा, रैसा ुी ुैसी ंे
सााएंनम ने जयनर पश्चात् ंे ंुते"!.......... सम्नन्ध नरछछेन ंस कनया । नूससी तसफ से जैंी ुैलो ुी ुैलो-ंसता
सु ाया ुै

पनैंह ब्नी से नाुस समहकद्र ंे अााु जल में जो व्यनक्त अभी। ाी छड़ी एं में ुाा उसंे ाा ंू ना अभी-

सम्पूर्ण नजस्म पस ाोताखोसी ंा नलनास ।

पीठ पस नो आक्सीजन ंे नसलेण्ैंस सखे ाे औस पनैंह ब्नी से ंू नतेउसने ुी - जलपोत ंे उस नुस्से में मौजून एं सॉैं पंड़ ली
ाी जो पानी में ैंू नी ाी ।

मस्त ुााी ंी भाकनत जलपोु साास ंे ंलेजे पस नननना सुा ाा ।

छड़ी ंो सम्नाले रु सॉैं ंे सुासे चलता हुआ साास ंी सतु पस अाा ाया ।

इस समय उसंा ानणन से तपस ंा भाा पानी ंे तपस ाा शेष पानी ंे अन्नस । धीसे धीसे पानी ंे अन्नस ंा भाा भी तपस
आता जा सुा ाा ।

सॉैं ंे सुासे चलता हुआ रु जलपोत ंे नपछले भाा में आ ाया ुै । कफस छपंली ंी तसु रु जलपोत ंी तकची औस
नचंनी नीरास पस नचपं ाया ।

उसंे ुााऐसा । ाे नस्ताने ंे कंस्म सी-नरनचर में पकजों चासों ंे पैसों- प्रतीत ुोता ाा मानो उसंे नस्तानों में ुरा भसी हुई
ुो ।जलपोत ंो नीरास से उसने नायाैँ ुाा ुटाया उस ुाा ंा नस्ताना इस प्रंास फू लता चला ाया जैसे कंसी माध्यम से
उसमें ुरा भसी जा सुी ुो । उसने ुाा सीधा कंया, ंह छ तपस, जलपोत ंी नीरास पस उसने ुाा सखा ।

उस ुाा ंे नस्ताने ंी ुरा ननंलती चली ाई । ायोंसुी जा ननंलती ुरा ायों- पी ायों एं उक ानलयाैँ ंी ुाय उस ायों-
पस नीनास ंी जलपोत से ढका से नरनचर जमती जा सुी ाी ।। जन रु ुाा पूर्णतया नीरास पस जम ाया तो उसने नायाक ुाा
नीरास से ुटाया । नाकयें ुाा ंी भाकनत नीरास से ुटते ुी उस ुाा ंे नस्ताने में भी ुरा भसुी चली ायी, कफस नायें ुाा से
तपस, नीरास पस उसने नायाक ुाा जमाया । नस्ताने ंी ुया ननंक ली औस यु ुाा नीरास पस जम ाया । कफस नायाक ुाा
उसने नीरास से ुटाया। उसमें ुरा भसी नायें से तपस नचपंाया ।। इस प्रंास ठीं कंसी छपंली ंी भाकनत यु जलपोत ंी
तकची , सपाट औस नचंनी नीनास पस चढ़ता चला ाया । जलपोत अपनी स्ाायी ानत से नढ़ता चला जा सुा ाा ।

पूसी नीरास पस चढ़ ंस। ाये ला नमनट तीस उसे में पहुकचने पस ैंें :
ैंें पस पहुकचंस उसने ननसीक्षर् कंया । कंसी इन्सान ंी मौजूनाी न पांस रु ैंें पस उतस ाया । छैंीे़ सम्नाले रु एं
शेैं ंे नीचे पहुकचा ुै सरणप्राम उसने अपनी पीठ ंो हसकलेण्ैंसों ंे भास से महक्त कंया, ंै प उतासी । उसंे चेुसे पस चौैंे फ्रेम
राला ंाला चश्मा लाा हुआ ाा ।

ाोताखोसी ंा नलनास उतसा तो नजस्म पस मौजून सफे न ंपैंे चमचमा उठे ।

पैसों में क्रैपसोल ंे सफे न जूते ाे , अपना शेष सामान रुीं छोड़ंस उसने छड़ी उठाई औस ैंें से नीचे जाने राली सीकढयों ंी
तसफ नढ़ ाया । उसंा सक ा ाोसा ाा…नृध जैसा । ंन लम्ना । नरंास ंी भाकनत ुी लम्ना ।। लम्नेलम्ने- ंनमों ंे साा रु नढ
सुा ाा ।।

सीकढयाक उतसंस रु एं ाैलसी में पहुकचा ।

सीकढ़यों ंे नीचे समीप ुी खैंेे़ एं चीनी सैननं ने उसे नेख नलया ाा । नेखते ुी सैननं ने फह ती ंे साा उसंी तसफ ान
तान ली औस नचल्लाया…"ंौन ुो तहम ? ंुाक चले आते ुो ? "

कंन्तह जनान में नूध जैसे ंपैंों नाला उसंे तपस अाा नासा ाा ।

सफै न नूट ंी ठोंस इतनी जोस से उसंी ंनपटी पस पैंी ाी कं अपने ंक ठ से चीख ननंालता हुया रु धड़ाम से जलपोत ंे
फशण पस नासा उसंे ुााों से ननंलंस ान तो ुरा में लुसाती हुई नहुत नूस जा नासी ाी ।।

रु फह ती ंे साा खड़ा हुआ।

अन भी नुीं पुचाना महझे ाहलानी अधसों से ननंली रार्ी ंे साा ुी उसंे मस्तं पस नल पड़ ायामै "----

" रंाकप पोस-पोस ंा सैननं "! रतन....र.... उठा ।।

एं जुसीली महस्ंान ाहलानी ुोंठों पस उभसी । ऐसे, जैसे ंोई लड़ंा म्यान से तलरास ननंाले । छैंी ंे अन्नस से खींचंस
ुनुैंयों ंा नना महानस ननंाल नलया रतन ने ।

सैननं ंी आकखों में साक्षात मौत नृाय ंस सुी ाी । भय ंे ंासर् चेुसाक पीला पड़ा हुआ ाा । रु पीछे ुट सुा ाा औस
धीसे उसंी रतन साा ंे ंनमों लम्ने धीसे- तसफ नढ सुा ाा ।
सैननं ंे पीछे नीरास आ ाई । अन रु औस अनधं पीछे नुीं ुट संता ाा ।

रतन ंा महानस राला ुाा तपस उठा महानस ुरा में लुसा उठा औस सन्नांस रु अभी सैननं ंे नजस्म ंे कंसी भाा से
टंसाने ुी राला ाा कं सैननं नाड्रनाड़ा उठा मासो मत महझे नुीं---न---न"-, मडने ंह छ नुीं कंया ।रतन ाया रुं ुाा "
ंा , मस्तं पस पैंा नल, ाुसा नहुत ाुसा ुो उठा। नोला"---' तहम्ुासे चेुसे पस आतकं नेख सुा हैँ । मौत ंे भय ंी
पसछाइयाक ंभी यु पसछाइयाक मडने अपनी माक औस नुन ंे चेुसों पस नेखी ाीं कंन्तह कंन्तह उनउन्ुें ने जानलयों- छोड़ा नुी ाा
।। मड तहम्ुें छोैं संता हैँ।"

सो पैंा सैननं"। मेसी ुड शतण ंह छ ंी छोड़ने तहम्ुें "--

सैननं ंी आकखों में प्रश्न उभस आया । जैसे पूछ सुा ुो…" क्या ?"

"नताओ कं नरंास इायाकन इस जलपोत में ंुा ंै न ुड ?"

सैननं ंे चेुसे पस नुचकंचाुट ंे भार उभस अााये ।

"'तहम्ुासा नाम तो नुीं जानता मड ।यु"--ंुा ने रतन में स्रस ाम्भीस नेुन " भी सहन लो कं तहम्ुासी ंौम से घृर्ा ुै महझे
। नजानते ुो, क्यों? इसनलये, क्योंकं तहम समझते ुो कं नहननया में जीनरत सुने ंा अनधंास नसफण तहन्ुीं ंा ुै ।

तहम्ुासा रस चले तो सासी नहननया ंो अााा लाा नौ तहम । स्रयक जीनरत सुने ंे नलये नूससों ंो फाड़ंस खा जाओ । मड
अहुकसा ंो मानने राला हैँ, हुकसा ंा क्या परस'ााम ुोता ुै, रु मडने अपनी माक, नुन औस नपता ंो लाशों पस नेखा ुै ।
सोचता हक कं मेसे ंासर् नहननया ंा ंोई भी इन्सान उस हुकसा ंा नशंास न ुो, कंक तह ऐसी नात भी नुीं कं मड हुकसा ंा
प्रयोा नुीं ंस संता । मैग्लीन औस उसंे नेटे ंा अकजाम सासी नहननया ंो पता ुै । मड मुाामा ााकधी ंी तसु मुान नुीं,
जो हुकसा ंा प्रयोा ंसने ंी ंसम ुी उठा लूैँ । ुाक यु अरश्य मानता हक कं जुाैँ अहुकसा से ंाम ुो संे रुाक हुकसा प्रयोा
नीच व्यनक्त ंसते ुड । जो सोनेश्य ंे नलए हुकसा ंा प्रयोा नुीं ंसता, मड उसे भी नीच समझता हैँ । मेसे नसद्धान्त पस ाौस
ंसो औस कफस सोचो कं तहम्ुें क्या ंसना ुै, रे लोा ंुाैँ ंै न ुड ? यु नताना ुै या.....?"

" मड रता सुा हैँ ।। सैननं उठा नाड़नाड़ा तसुसे नहसी "

" नोलो ?"

"जलपोत ंी सनसे ननचली मकनजल ंे ंमसा नम्नस नस में । "'सैननं ने जनान कनया ।

महानस छैंी ंे अन्नस सख नलया रतन ने नोला इस"------नात ंे नलए धन्यरान कं तहमचे महझे पस ंसने प्रयोा ंा हुकसा-
कंया नुीं नररश, लेकंन यान सखना, तहम जुाक खड़े ुो नजस, पोजीशन में खड़े ाे, उसीमेसे । जाओाे ुो खैंे रुी तसु .
नरषय में कंसी से भी ंह छ नुीं ंुोाे। यूक समझो कं तहम्ुें यु पता ुी नुीं ुै कं रतन युाैँ से ाहजसा "ुै .

" जी ुाक ।। ाी ाई सूख जहनान उसंी "

"उम्मीन ुैकं तहम महझे हुकसा अपनाने ंे नलए नररश नुीं ंसोाे ।ंे ंुने " साा ुी रतन उसंे पास से महैंा ुै छड़ी टेंता
हुअाा रु ाैलसी में इस प्रंास आाे नढ ाया, मानो उसंे पीछे ंोई ुो ुी नुीं । लम्ने लम्ने ंनमों ंे साा रु ाैलसी में
ठीं इस प्रंास नढा चला जो सुा ाा, मानो रु चमन ंे साष्ट्रपनत भरन में ुी टुल सुा ुो ।

जैसे ुी रु ाेलेसी ंें एं मोैं पऱ महड़ा उसने नेखा एं सैननं उसंी तसफ आ सुा ाा ।

रतन ंो नेखते ुी रु नहसी तसु चौंंस रठठंा । ाजन ंी तेजी ंे साा उसने ंन्धे पस से ान उतासी, कंन्तह अभी रु उस
ान ंो कंसी पस फायस ंसने ंी पोजीशन में भी नुीं ला पाया ाा कं रतन ंा महानस इतनी जोस ुै उसंी ंनपटी पस पड़ा
कं रु चीख पैंा ।

एं ुी रास में उसंी ंनपटी ंी ंोई नस फट ाई ।।

ंोई नाैँध टू ट ाया मानो नु ंसंे धासर् रूप जैसा फव्नासे ----उठा । ान तो ंभी ंी उसंे ुाा से ननंलंस फशण पस नास
चहंी ाी । उसंे ंक ठ से ननंलने राली रु भयानं चीख। ाी चीख अनन्तम ंी जीरन इस उसंे --

रतन से ैंसी हुई रूु, उसंे नजस्म पस लात मासंस ईश्वसपहसी जा पहुकची ाी औस अन इस प्रयास में ाी कं यमसाज अपने
खातेएण्ट उसंी में-ा्सी ंस ले जन तं उसंे शसीस ंो जलपोत ंे फशण पस पड़ा नेखंस रतन ंे मस्तं पस नल पड़ ाया ।

ुनुैंयों से नने महानसक पस उसंे खून ंा अकश आ ाया ाा ।

रतन ने महानस छैंी में ऱखा औस नननश्चत भार से आाे रढ़ ाया ।

इस मकनजल ंी शेष ाौलसी में उसे ंोई नुीं टंसाया । सीने़ढयाक लय ंसता हुआ जन रु नीचे ंी मकनजल ंी तसफ़ नढ़ सुा ाा
तो सीकढयों ंे नीचे, खड़ा एं सैननं सतंण ुो ाया, कंक तह', अभी रु अपनी सतंण ता ंा ंोई लाभ भी नुीं , उठा पाया
ाा कं ुरा में सकनाती हुई महानऱ ने ंनपटी पस चोट ंसंे उसंी रूु ंो भी शसीस ायाांस ईश्वसपहसी ंी तसफ सराना पस
कनया ।।

पहन। ाया नढ आाे रतन सखंस में छेड़ी ंो महानस :

उस मकनजल ंो ाैलसी में घूमताक रु एं ुनल ंमसे में ाया ।


ुाैँल एंनम खाली ाा औस ुाैँल नजस नसराजे से अन्नस प्रनरष्ट हुआ ाा, ठीं उसंे सामने ुाल ंा एं नूससा नसराजा चौपट
खहला पैंाे़ ाा ।

ुाैँल मक से ाहजसंस उस नसनाजे में से ुी ननंल जाने ंा ननश्चय कंया ाा रतन ने । अभी रु ुाैँल ंे ठीं नीचोनीच ुी
पहुैँचा ाा कं ननधहत ंी सी ानत से ुाैँल में खटाखट ंी आराजें ाहजक उठी ।

रतन ने नेखासैन तीन-तीन पस नसराजे प्रायें । ाे ाये ुो उापन्न नसराजे अननानत में लुॉ-पूसे--नां उसंी तसफ ान ताने
खड़े ाे ।

एं पल ंे नलये रतन रठठंा ।

चेुसे पस कंसी भी प्रंास ंी घनसाुट ंा एं भी नचन्ु न उभसा ।

अाले ुी पल। ुो न आभास ंा उपनस्ानत ंी कंसी उसे मानो ाया नड़ आाे प्रंास इस रु--

" रतन "!

इस आराज ने नरद्यहत ंी सी ानत से उसे पलटने पस नररश ंस कनया ।

नेखा"। ुै ुरानची नाम मेसा"-----रोला नलये महस्ंान ंू स पस ुोठों । ाा खैंाे़ चीनी नाटा एं-----

रतन ंी नृनष्ट ुरानची ंे नसानस में खैंे उस सैननं पस नस्ास ुो ाई ाी…नजसे रु अहुकसा ंा प्रयोा ंसता हुआ जीनरत छोड़
आया ाा ।

ुरानची ंे नसानस में खड़े उस चेुसे पस भी ंसीन।। ाीं महस्ंान जैसी ुरानची ंसीन-

उसे घूसता हुआ रतन ाहसाण उठा…..."तहम जैसे व्यकंत ुी मेसे अहुकसा ंे नसद्धाकत ंो तां पस सखरा नेते ुड ।"

"मूखण ुो तहम, जो इस ज़माने में अहुकसा ंी पोटली ंो नाकधे कफसते ुो । सैननं ाहसाणया ।

उुस में तेजी ंे साा उनंी तसफ नढा रतन ।

सुमंस सैननं ुरानची ंे पीछे आ ाया ।


नेपैनी ंे लोटे ंी तसु घूमंस ुरानची रतन ंी तसफ नढा, नोला"। नाम मेसा ुै ुरानची"-

एं पल ंे नलये रतन रठठंा, नोला"। मडने पहछा नुीं नाम तहम्ुासा "---

"लेकंन मडने नता कनया ुै।"

रतन ने रैसी नृढता ंे साा ुी उससे आाे नढ़ंसक ंुा ुै नुीं तोप ऐसी ंोई नाम तहम्ुासा "-----, नजससे मड ैंरूक । सच
पूछो तो अपना नाम नतांस तहमने अपने अन तं ंे जीरन ंी सनसे नैंी भूल ंी ुै । उम्मीन महझे ये ुै कं यु तहम्ुासे
जीरन ंी अकनतम भूल साकनरत ुोाी । इससे नड़ी या छोटी भूल ंसने ंे नलए मड तहम्ुें नजन्ना छोैंह काा नुीं । क्या नताया ाा
तहमने अपना नाम एं नास कफस ंुना ।

"ुरानची ।।। ाहसाणया हुए प्रभानरत भी तननं ननना से रतन रु "

--"'हक ।ुरानची रु ुो तहम तो "---- अधस ंे ंे रतन ाये नहझ से सजु जैसे " नजसने अपनी नजनाी ंा आनखसी खून
नरंास ंा ंसने ंी ंसम खाई ुै ? हुचाका ंा साला ? तहम । ुाया ंसोंाे नरंास ंी ?"

पहन ंह छ ुै शं तहम्ुें----नोला ुरानची महस्ंसाया :?"

" ंभी नेखा ुै नरंास ंो ?" पूछा रतन ने ।

" मेसी ंै न में ुै रु ।"

-"इसीनलये उसंी ुाया ंी नात सोच ली ।"!कफसते नचाते ंो स्रयक तो ुोता स्रकतन्र"---ंुा ने रतन "

--"घरसाकओ नुीं ।नरंास तोैंह काा नुीं प्रनतज्ञा अपनी "----ंुा ने ुरानची " ंी ुाया मेसे द्वासा ंी ाई अकनतम ुाया ुोाी
। अन यु आरश्यं ुै कं उससे पुले मड तहम्ुें मारू ।

" ख्नान नेखने छोैं नो ुरानची ुै ुमननी तहमसे महझ"


े ---- महस्ंसाया रतन "! । शायन इसनलये कं तहम नरंास से अपने
जीजाक ंे खून ंा ननेला लेना चाुते ुो । अपनी नुन ंी माका ंा हसकनसह उजड़ने ंा ननला लेना चाुते ुो , कंक न्तह ये सोचो
कं ननंास ने तहम्ुासे जीजा ंी ुाया , इसनलये ंी ुड क्योंंी रु मानरता ंे मस्तं पस एं ंलकं ाा । धसती माक उसंा
नोझ नुीं सु संती ाी । "
" रतन ।। उठा नुाैं ुरानची "

"’चीखो मत, चीखने से ंोई समस्या ुल नुीं ुोती ुै ।साा ंे शानन्त ने रतन " ंुा । जायेाी नुीं ननल ईसच्चा "----
चीखने तहम्ुासे से नंण में पड़ा तहम्ुासा जीजा उछल ंस स्राण में नुीं जा नासे ाा ।"

मड ंुता जहनान सम्भालंस नात ंसो "!

'"नूससे ंी नुी, अपनी जहनान पस ध्याना ुनानची नो-, शायन तहम जानते नुीं कं रु क्या"! ुै सुी ंु रया-

रतन ने ंुा ुै पता तो तहम्ुें"--हुकसा ंा प्रयोा नसफण उसी नस्ानत में ंसता हक मड, जन अहुकसा से ंाम न चले "!

"क्या ंुना चाुते ुो ?"

"यु कं तहम लोाों ंे नीच मड अंे ला जरूस हक , लेकंन रास्तर में अंे ला हैँ नुीं हक "! रतन ने ंुा कं सखना यान यु"-
महझे अास, इस जलपोत में ंह छ ुो ाया तो इसे जलपोत ंी पेंनी में एं रैंा छेन ुो जायेाा । रु छेन ंुाैँ हुआ ुै, यु
सुस्य भी तहम्ुें उस समय पता लाेाा, जर जलपोत ैंू नने लाेाा ।"

ंह रटलता ंे साा महस्ंसाया ुरानचीं, नोला- "। मड हैँ नुीं राला फक सने-में नातों झूठी ंी कंस्म इस---

" सच ंो झूठ समझना सनसे नड़ी नेरंू फी ुै ।"'

"अाौस सनसे रैंी नेरंू ंी ुै समझनाऱ आनमी ंे सामने झूठ नोलना ,जो उसंे सामने चल न संे मड "- ंुा ने ुरानरी "!
तहम्ुासा ंम-से-ंम कं संता ंु साा ंे नारे आनमी इस जलपोत में ंोई ऐसा छन नुीं ंसें ाे नजसंे परसर्ामस्ररूप यु
जलपोत ैंू ने । जानते ुो, क्यों ? इसनलये कं तहम उन्ुें ंभी ऐसा आनेश ने ुी नुीं संते ुै क्योंकं तहम्ुे इम कं ुै मालूम :
जलपोत ुम । ुै भी नरंास पस जलपोत में ैंू रेंाे तो नरंास भी नचा नुीं सुेाा "!

रतन ंे मनस्तष्ं ंी एं झटंा सा लाा ।

यु नात सच ाी कं उसने झूठ नोला ाा ुै इस मंसन से कं इस झाकसे में आंस रे कंसी भी प्रंास ंी हुकसाामं रासनात
ंसने ंा साुस न ंस संें , कंन्तह…कंन्तह ुरानची? रतन ंो लाा सचमहच ुरानची एं खतसनां जासूस ुै ।
मास अपने कंसी भी भार ंो रतन ने चेुसे से स्पष्ट न ुोने कनया ।

रतन नोलाुी अपने ंभी-ंभी"-- कनमाा ंा ंोई… ख्याल, अपने नलये मौत ंा ंासर् नन जाता ुै मेसा-ंुा ने रतन "!
नसद्धान्त यु भी ुै कं अास सौ नीच व्यनक्तयों ंी मासना ुो औस एं सच्चा इन्तान भी मासना आरश्यं तो"-----

"छोैंो इन नातों ंो ।तो लाेाा ैंू नने जलपोत यु"---- कनया सों ंा रतनक उसने " मड स्रयक फै सला ंस लूाा कं महझे क्या
ंसना ुै कफलुाल तहम महझे यु नताओ कं इस जलपोत पस क्या ंसने आये ुो ?"

"अपने नोस्त नरंास ंो युाक से ननंालने औस कफल्में लेने जो इस समय तहम्ुासे ंब्जे मड ुै ।"

--"'महझे नहख ुै कं इनमें से तहम्ुासा ंोई भी ख्रान पूसाक नुीं ुोाा ।"

"औस महझे नहख ुै कं तहम्ुासा लोटे जैसा शसीस महझे सों नुीं संे ाा "!

ंुने ंो रतन ने ंु तो कनया, कंन्तह प्रनतकक्रयास्ररूप उसने जन ुनानची ंा चेुसा नेखा, जो कंसी शहासनमल ंे नायलस ंी
तसु तप सुा ाा । नेर मानो मोटेखून मोटे- ंे ाोले नन ाये ाे ।

रतन ने उसंे चेुसे ंो एं नननचर सी अनहभूती ंे नीच तनते नेखा ।

उसने यु भी नेखा कं चासों सैननं खैंे तसफ . ., सतंण ुो ाए ुड ।

रतन ने नस्ानत ंो भाकपा स्रयक भी सतंण हुआ औस नीला तहम्ुें लाता नुीं अछछा शब्न लोटा क्या"-----?'"

" ंोई फायस नुीं ंसे ाा चीखा ुै सजो इतनी "!…ुरानची कं सम्पूर्ण जलपोत ंाकपता सा मुसूस हुया नाम नहुत --------
। नेखूकाा ुी मड इसे । इसंा ुै सहना सहना ुै नरंास ंे नान नहननया ंा सनसे खतसनां लैंंा युी ुै ।"

महस्ंान ाी रतन ंे ुोंठों पस, नोला…"तहम शायन नुसा ंा सुासा लेना"!.........

"नमस्टस रतन ंी शेस जैसे "!मौत पस शेसनी नुाैं उठे कं ुै सहना "------ नरंास ंे नान, नहननया ंे नूससे खतसनां
लैंंे तहम ुो ुै चाहैँ तो मेसे एं ुी इशासे पस सैंैंों ाोनलयाक तहम्ुासे शसीस में धकस जायें ुै"

"ंोनशश ंसंे नेख लो । महस्ंसाया रतन "!

"ंोनशश तो ये ुै कं मड तहम्ुासा रु खतसनांपन नेखना चाुता हक ाोली ंोई पस तहम"--------उठा ाहसाण ुरानची "! नुीं
चलेाी । मेसे अलारा ंोई तहम पस कंसी प्रंास ंा ुमला नुीं ंसे ाा महझसे नचना ुै तहम्ुें यु नेखना ुै कं यु लोटा
"!...........

औस अपनी नात नीच में ुी छोड़ंस नाटा ुरानची उछल पड़ा । ठीं इस तसु, मानो उसंे पैसों में हस्प्रका लाे ुो । ठीं
कंसी ंनूतस ंी भाकनत ुरा में ंलानानजयाैँ खाता हुआ रु रतन ंे तपस पहुकचा औस अपनी नोनों टााों ंा रतन ंे चेुसे पस
इतना तेज प्रुास कंया उसने कं रतन ंे ंक ठ से चीख ननंल ाई ।

ुरा में उछलंस रतन नूस जा नासा । आैँखों से चश्मा उतसंस नास ाया ाा !

नूससे ुी पल उठा हसकाुी ंा रु नशष्य तो उसने नेखा--------

ठीं उसंे सामने नैंी! ुरानची ाा सुा उाल आा से आैँखों नड़ी-

रतन ंी नीली झील। ाा सुा तैस पानी में आकखों ाुसी सी-

नस्ास से नेरों से उसने ुरानची ंो नेखा औस नोलामेस महझ"


े ----ाे नसद्धाकत ंे नूससे पुलू पस आने ंे नलये नररश न ंसो
ुरानची "!

कंन्तह उसंी नात ंा जनार अपनी जहनान से नेने ंे मूैं में नुीं ाा ुैरानची ।

सचमहच उसंा शसीस कंसी ननना पेंनी ंे लौटे ंो तसु जमीन पस लहढ़ंा औस ंन रु जों ंी तसु आंस रतन ंी टाकाों से
नचपट ाया, यु स्रयक रतन भी न जान संा !

उसे तो इस नात ंा आभास उस समय हुआ, जन नु धड़ाम से नासा !

टाकाों में अकन भी ुराकनची जों ननंस नचपटा हुआ ाा। रतन ंो लाा, उसंी नोनों, टाकाों ंी ुनड्डयाक चसमसांस- टू टने राली
ुड आभास जांस अन उसे . .! हुआ कं सचमहच ुरानची ुस तसु से नहुत खतसनां आनमी ुै नाटे जैसे लोटे उसंे !
शसीस में न नसफण नरनहत से भी ंुीं अनधं फह ती ुै, ननल्ं! ुै भी तांत ंी नला में शसीस उसंे ----

रतन ंो लाा कं उसंी टााें फौलानी सरसयों ंे नीच फक स ाई ुड से तसंीन कंसी ुी शीघ्र अास कं ाा चहंा समझ रु !
उसने अपनी टााों ंो ुनानची ंी पंड़ से महक्त न कंया तो रु उसंी टााें तोड़ ैंालेाा ।

रतन ंा मनस्तष्ं चेतन हुआ ।

अपनी पहसी शनक्त समेट ंस उसने टाकाों ंी एं तीव्र झटंा कनया !

कंन्तह झटंा खांस सु ाया नाटा ुरानची नात तो ंी ुोने महक्त उससे टााें ! ुी नूस, नन्धन ंी सख्ताई में लेशमार भी तो
परसरतणन नुीं आया । रतन ंे ंक ठ से अन टाका ंी पीड़ा ंे ंासर् चीख ननंलने राली ाीं । एंाएं उसे अपने ाहरु ंा
नसखाया हुआ एं नाकर यान आ ाया ।

उसंी आैँखों ंे सामने महस्ंसाते हुए हसकाुी ंा चेुसा उभसा । मानो रतन ंे ाहरु ने उसे ंोई नननेश कनया !

अपनी टाकाों ंो एंनम फै ला नलया रतन ने । टाकाो ंो उसी नस्ाती में सखे रु नैठे ाया, अर…रु आसानी ंे साा अपनी
टाकाों से नलपटे ुरानची ंो नेख संता ाा ।

उस समय टाकाों ंी ुनड्डयाक ंड़पड़ा पस ानणन जैसी मेंढं ंी नचीुरा ंै से ट ंा ुाा नायें ंे रतन जर ाीं लाी नोलने ंड़- ।

एं चीख ंे साा ुरानची ंा चेुसा ाोैंा सा झहंा तो रतन ंा घहटना महड़ंस फटां से उसंी नां पस पड़ा । तहसन्त ुी
नूकससी नास ,चीखंस ुरानची नहससी तसफ लहढ़ं ाया । घहटना ठीं नां पस लाृने ंे ंासर् उसंी नांक से खून नुने लाा ाा
। रतन ने फू ती ंे साा उठंस खड़ा ुोना चाुा, कंन्तह खड़ा ुोते_ुी लड़खड़ा ाया रु ।

उसे लाा कं अास उसने अपने नजस्म ंा भास टाकाों पस ैंाला तो ंोई न ंोई ुैंैंी अरश्य टू ट जायेाी । अभी रु स्रयक ंो
सकभाल भी नुीं पाया ाा कं ुरानची ंी नोनों टााें नो भासी मूसलों ंी तसु उसंी छाती पस पड़ी ।

न चाुते हुए भी रु चीखता हुआ नासा।

अभी रु नासा ुी ाा कं उसने अपने, तपस लुसाते इन्सानी नजस्म ंा आभास पाया । ंह छ औस न सूझा रतन ंो नो तीन
ंसरटें ले ाया रु 1 फटां से ुरानची खाली फ्लोस पस नासा इस !हुआ खैंा उछलंस ! नास जो रु ाेंन ंी तसु रतन ंी
तसफ उछल तो---------

लम्नी टाका घूम ाई नतन ंी ।

प्रुास ुरानची ंे चेुसे पस हुआ । ाेंन ंी तसह्र ुी उछल ंस नूस जा नासा ।


उठने से पुले ुी उसने मुसूस कंया कं रु कंसी ंे ुााों में ुै औस उन ुााों ने उसे रापस फशण, पस पटं कनया ।

ंमाल ंस कनया ुरानकची ने।

नेशं उसंे ंक ठ से चीख ननंली कंक न्तह फशण से टंसाते ुी कंसी सनस ंे ननहये ंी तृसु उछलंस खड़ा ुो ाया । सामने उससे
नताहना लम्ना लड़ंा खड़ा ाा रतन ।

ुरानची ने अपनी पेटी राले स्ाान पस ुाा मासा औस अाले ुी पल उसंे ुाा में सपण ंी भाकनत एं ंाकटेनास पेटी लुसा सुीं
ाी । उसंे अनणम भाा में पीतल ंा एं मोटा ाोला ाा ।

रतन ंो आभास ुो ाया कं इस पेटी ंे एं भी नास ंा परसर्ाम क्या ुो संता ुै ।

अकपनी सम्पूर्ण' इनन्द्रयों ंो सचेत ंसंे रकह्र नोला…"नस खाम ुो ाई मनाणनाी ?"

कंन्तह। कंया रास ंा पेटी पस रतन ने नेटे उस ंे ननजली उछलंस------

स्रयक ंों नचाने ंी खून चेष्टा ंी रतन ने, कंक तह नचा न संा ।

ुाैँ, इतना अरश्य हुया कं पीतल ंा ाोला उसंे नसस पस लाने ंे स्ाान पस ंन्धे पस लाा । पेटी ंी ंाकटों ने खाल उसंी-
। नोंचली

ननण से, नतलनमलांस रु नासा ।

उसंा भाग्य ाा कं यु अपनी छड़ी पस नासा । पलं झपंते ुी उसने छड़ी उठा ली अाोस एं अनजाने से खतसे ंा
महंानला ंसने ंे नलए उसेने छैंी यूक ुी ुरा में तकपस उठा नी ।। ाया रूं पस छड़ी उस रास अाला पेटींा ंी ुरानची-

जन तं ुरानची पेटी ंो घहमांस तीससा रास ंसता, तन तं रतन न नसफण खड़ा ुो ाया ाा ननल्ं ुनड्डयों ंा महानस -उसने
छड़ी ंे अन्नस से खींच नलया ाा । अन अपने ुाा में ननी पेटी ंो ुरानची लुसा सुा ाा तो रतन महानस ंो अपने नजस्म
ंी ढाल ननाये हुए ाा ।

उसंे नूससे ुाा में खाली छड़ी ाी । कफसनीच ंे नेटों नोनों उन ंे ननजली- शहरू हुआक एं भयानं यहद्ध । नननश्चत रूप से
ुरानची भी लड़ने ंे अछछे तसींे जानता ाा औस साा ुी उसंे नजस्म में आश्चयणचकंत ंस नेने नाली शनक्त भी ाी ।

इधस रतन । नशष्य ंा हसकाुी नानशाु ंे महजरसमों !

स्रयक हसकाुी ंा ंुना ुै कं रतन ंो उसने रु सन नसखाया ुै, जो स्रयक भी नुीं जानता ।… . .

एं से नूससे-लड़तेाए ुो लहलहुान लड़ते- । न जाने रतन ुनानची ंी पेरटयों ंे कंतने रास अपने शसीस पस झेल चूंा ाा ।
न जाने ुरानची ंे नजस्म ंी खरस कंक तनी नास रतन ंे महानस ने ली ाी !

रतन ंा सफे न नलनास खूैँन ंे धब्नों से सज ाया ाा । ंा ुरानची ंह छ औस ाा खून उसंा ंह छ उसमें !

जाु। ाे ाए भी फट ंपड़े से जाु-

नोनों ुी हुकसं भेने़ैंये जैसे ला सुे ाे ।

अन्त में। कंया पस चेुसे ंे ुरानची से तांत पूसी रास ंा महानस अपने ंे रतन जनकं तन-

पुले तो सक ाआैँखों ंी ुनानची उठे नाच तासे ननसक ा-


े ंे सामने, कफस अकधेसे ंी एं ाुसी चानस फै लने लाी । उसी समय
ुनैंैंयो ंाटंसाया से पसनलयों उसंी महानस- उसने मुसूस कंया कं रु नेुोश ुोता जा सुा ुै ।

अचेतना ंे साास में खोते हुएकं आया यु नास अााखसी मड मनस्तष्ं ंे ुनानची- अास रु नेुोश ुो ाया तो रतन नरंास
इायाकन ंो इस जलपोत से ननंाल ले जाएाा उसने स्रयक ंो नेुोश ुोने से सांने ंी ंाफी चेष्ठा ंी, कंन्तह उसने मुसूस
कंया ंी रु लड़खड़ांस नास चहंा ुै । पेटी उसंे ुाा से छू ट ाई ुै औस अन कंसी भी तसु रु स्रयक ंो नेुोश ुोने से
नुीं सों संे ाा, तो नेुोश ुोने से पूरण ुी चीख पड़ा "! फॉयस " -----

"फायस उम् यु ंो रतन से रानचीु औस "मीन जैसे पुले ुी ाी ।

ुरानची ंा आनेश ुोते ुी चासों तसफ से ानें ाूकज उठी । सैंैंों नुंते शोले रतन ंी तसफ लपंे ।

नस, खतसे ंा महंानला ंसने ंे नलए रतन अास तैयास न ुोता तो न जाने कंतनी ाोनलयाक उसंे शसीस में धकस चहंी ुोतीं ।

कंन्तह रतन…उफ साननत ने रतन । .ंस कनया कं नरंास से कंसी भी तसु ंमक नुीं ुै नु । उसने एं ऐसी भयानं ंला
ंा प्रनशणन कंया, नजसंानास एं प्रनशणन- स्रयकनसखाई ने जैंी स्रयक ंो नरंास ंला रु । ाा कंया में अमेरसंा ने नरंास-
ाी ।
इस ंला में हसकाुीं ंो मुासत ुानसल ाी औस इस समय रतन द्वासा उसी ंला ंा प्रनशणन इस नात ंा प्रमार् ाा कं हसकाुी
ंा यु ंान ननल्ंह ल साय ुै कं, उसंे पास एं भी ंला ऐसी नुीं ुै जो उसने रतन ंो न नसखाई ुो ।

रु ंला ाी। ंसना सक्षा अपनी से ाोनलयों से मनन ंी लाठी-

इस ंला में लारठयाैँ इस प्रंास धहमाई जाती ुड कं लाठी घूमाने राले ंे चासों तसफ एं व्यूु ंा ंला । ुै लेती नना सा-
से ननजली ुाा ंे राले ंसने प्ररतणन भी ंुीं अनधंतसफ चासों ंे शसीस से तेजी इस लाठी । ुै-घूमते ुै तेजी . घूमती, ुै
कं एं व्यूाोनलयाक भी नजतनी चाुे से तसफ़ चासों । ुै जाता नन सा- चलाई जायें, कंन्तह ाोली उसंे शसीस तं नुीं पहुकच
पाती । सासी ाोनलयाक लाठी पस ुी लाती ुड । प्रनशणन ंसने राला फू तींला औस इस ंला ंा मानुस ुो।

प्रेसं पाठंो, युाैँ मड नलख नेना आरश्यं समझता हैँ कं लाठी चलाने ंा यु तसींा मेसी ंल्पना ंी नेन नुीं ुै, ननल्ं इस
कंस्म ंी लाठी चलाने राले ंो मड जानता हैँ औस ुाैँ ंोई चाुे तो मड कंसी ंो भी ' उससे नमलरा संता ' हक । लाठी ंा
ंाम रतन छड़ी से ले सुा ाा।

एं व्यूु टानाए छड़ी उसंे चासों ओस धूम सुीं ाी । स्रयक रतन ंा नजस्म भी कंसी कफसंनी ंी भानत धूम सुा ाा । छैंी
नजस नुी आ सुी ाी, कंन्तह धाकय धायक ंे नीच ाोनलयों ंी छड़ से टंसाने ंी आराज भी ाूकज सुी ाी ।

इस ंला ंो नेखंस चीनी ुतप्रभ सु ाए ।।

कंसी ंी भी रतन ंी छैंीे़ नजस नुीं आ सुी ाी, कंन्तह एं अजीन। सुेाे नेख ओस चासों ंे रतन व्यूु-सा-

साा ुी उनंी ाोनलयाक रतन ंे टंसा से व्यूु उस ुी ुलेप से पहुकचने तं नजस्म-ती औस नछटंंस नूस जा नासती ।

नाजाने कंस धातह ंी छड़ ाी रु टू टी नुीं।

इस चमांृ त ंस नेने राला ंला ंा प्रनशणन तो ंस ुै सुा ाा रतन कक्रन्तह स्रयक उसंा मनस्तष्ं पसे शान ाा ।

ाोनलयाक उस पस चासों तसफ से नसस सुीं ाीं! जन तं रु अपने चासों औस व्यूु ननाए हुए ाा तन तं नचा हुआ ाा पसन्तह,
व्यू ननाए हुए रतन ंे मनस्तष्ं में प्रश्न ाा , आनखस ंन तं इस छड़ ंो घहमाता सुेाा ।

ंन तं इस व्यूु ंो ननाए सखेाा ।


एं घकटे! पड़ेाा ुी रुंना उसे तो ंभी ....चास....तीन--घकटे नो--

ंभी तो रु ांंस नशनाल ुोाा ुी ? तन ुोाा क्या तन.....? इनंी ाोनलयाक उसंे शसीस ंो छेन ैंालेंाी ?

तो तो इस खतसे से स्रयक ंो महक्त ंसने ं नलए रु क्या ंसे ?क्या ?

नजस तसु छैंी ंो घहमाता हुआ रु स्रयक चंसा सुा ाा, उसी तसु उसंे मनस्तष्ं में यु प्रश्न चंसा सुा ाा।

' ाोली चलाने राले सैननं उसंी यु ंला नेखंस ाोली में चलाना भी भूल ाए ।

ुैसत से कफसंनी ंी भाकनत धूमते रतन औस उसंे चासों औस चंसाते उस अरेध व्यूु ंो नेखने लाे ाे नजसे ानों ंी ाोनलयाैँ
भी तोड़ न पा सुी ाीं ।

अपने मनस्तष्ं में नस प्रश्न ंो नलए रुाैँ ंोई एं घकटे तं छड़ी घहमाता सुा । आनखस, अचानं उसंे ंानों में एं आराज
पड़ीनमट्टी मेसे शानाश-------शानाश-- ंे शेस । ंमाल ंस कनया तहने "! राु "----

इस आराज ंो रु पुचान ाया ।

पसन्तह सहन ंस रठठंा नुीं । ब्यूु उसी प्रंास नना हुआ रु नोलामहझे"---- नचाओ। ननजय चचा । अन महझमें ायाना नेस तं
यु ब्यहु ननाए सखने ंी तांत नुीं ुै ।"

"अभी लौ नटन प्यासे ुमासे ाए ुो खड़े सोंाटे नेखंस ंो ंला इस तहम्ुासी !, अन ंमाल नेखो ुमासे ।"

नरजय ंी इस आराज ंे नान फायसों ंी ानत तेज ुो ाई !

कफस, ंह छ ुी नेस नान नरजय ंी ाहसाणुट स्रयक रतन ने भी सहनी । रु ंु सुा ाा""---अपने चीनी नो फे ं ुनायास अपने-
ुरानची ये तहम्ुासा रसना चमाानैंों ुमासे सामने फशण पस नेुोश पड़ा ुैननंलेाी टाफी ऐसी एं से रसरॉल्रस ुमासे- कं इसंा
सस तसनूज नन जाएाा । अमी तो इसंे ुोश में आने ंी उम्मीन ुै ,कंन्तह अास ऐसा ुो ाया तो ंभी ुोशण में नुीं आ
संे ाा ुड । रतन ंो नुी पता कं नचननयों पस नरजय ंे शब्नों ंी क्या प्रनतकक्रया हुई !

रु तो पाालों ंी तसु नस, अपने चासोंछड़ी तसफ- घहमाए चला जा सुा ाा । उसंा कनमाा नहसी तसु घूम सुा ाा । ुस
पल जैसे ऐसा ला सुा ाा कं रु अन नासाअन--- नासा, मास उस समय तं रु स्रयकंो सकभाले सखना चाुता ाा जन तं
कं नरजय ंी तसफ से उसे रुं जाने, ंा आनेश न नमले ।

पहन। --ाूैँजी में ंानों उसंे चेतारनी ाई नी ंो चीननयों द्वासा नरजय :


तीससी चेतारनी ंे नान !

नरजय ंी आराजनस"---, मेसे नमट्टी ंे शेस संण ये ंसो नकन अन !स ंा ंमाल औस रकु छोैंंस छड़ी से ुाा अपने-
इतनी । नासा से धड़ाम खांस चक्कस औस लुसाया नेस से एं ुी कनशा में धहमतेकनमाा उसंा घूमते- तसु नभन्ना ाया ाा ।
साकस धोंंनी ंी भाकनत चल सुी ाी ।

युी ंास ाा कं रु स्रय ंो सकभालक नुीं संा ।

इसंे नान क्या हुया, रु ंह छ न जान संा । उसंी आकखो ंे सामने ंाजलअधंास सा- छाता चला ाया औस मनस्तष्ं ंो
अरचेतना ंे ाुन साास में ैंू नने से रु न सों संा, कंन्तह ुोश ंे अनन्तम क्षर् में उसे यु तसल्ली ाी कंक रु सहसनक्षत ुै
।ुोश आया तो उसे छत नीरासें , फशण अााणत् सासा ुाैँल अन भी घूमताउसंा तं अभी । ाा सुा ुो प्रतीत सा- कनमाा नुलोसें
ले सुा ाा । नरजय ंा स्रस उसे ऐसा ला सुा ाा मानो रु स्रप्न में ंुीं नहुत नूस से अाासुा ुो ।

नरजय ंु सुा ााप्यासे नटन मत घनसाओ"--,ुमने सकरास कनए ुड ंाम सासे ।"

आकखें खोल नी रतन ने, नेखासमीप । ाा पड़ा पस मेज लम्नी एं स्रयक रु- ुी नरजय खड़ा ाा । सन ंह छ तेजी ंे साा
घूमता प्रतीत हुआ उसे ।

उसने नेखा उस ुाैँल में अनें टी० री० स्क्रीनें कफट ाी ।

उनमें से नसफण एं टी० री० अाॉन ाा ।।

स्क्रीन पस जलपोत ंे चालंचला ंो जलपोत चालं नो ाा। मौजून नृश्य ंा ंक्ष- सुे ाे ।। उनंे चेुसे पस छाये भय ंो
रतन स्पष्ट नेख संता ाा । अभी रु ंह छ नोल भी न पाया ाा कं नरजय ने ंुानमयाक नटन मत घनसाना"-----, . साले
सभी चीनी चमाानैंों ंो मडने ननुााे ंसंे एं ंक्ष में नन्न ंस कनया ुै, नसफण ये नोनों चालं ुी स्रतन्र ुै औस इतनी
शसाफत ये जलपोत ंो से इसनलए चला सुे ुड ,क्योंकं इन्ुें पता ुै कं ुम प्रायें पल इन्ुें स्क्रीन पस नेख सुे ुै औस इनंी
कंसी भी ुसंत से ईश्वसपहसी ंे नलए इनंा रटंट ंटा संते ुड "!

रतन ने अपने कनमाा ंो ननयनन्रत कंया । लम्नी मेज पस उठंस नैठ ाया रु । पहन। चंसाया तसु नहसी नसस :

"अमाक तहम, उठते क्यों ुो, नटन प्यासे ? नरजयक ने उसे सोंने ंा प्रयास कंया ।। " चचा । पुला नान ंे आने में ुोश "
स ंे ंुने "। नो लेने तो धूल ंी चसर्ों अपने "--- ने रतन ंुा शब्नााा
ुी मेज से उतसंस खड़ा ुो ाया रु। चसर् स्पशण ंसने ंे नलए झहंा तो कनमाा ने एं इतना तेज झोंंा खाया कं नरजय ंे
चसर्ों में नास पड़ा ।।

" अमाक , ये क्या उठा पटं ंसते ुो ?" एंाएं नौखला ाया नरजय ।
रतन ंो चसर्ों से उठाया, ाले से लाा नलया , नोला पौध नई तहम "--- ंी औलान नहुत ननमाश ुो । सालो ये नुीं
सोचते कं क्या ुोाा , क्या नुी ।"

" आपने ठीं समय पस आंस महझे नचा नलया , चचा ।"

" साले सुे लाा छलाका जुाक कं ुै ुोता पता "--- स्रस ंा नरजय उठा भसाण " ! ुड , रुाक मौत ुी मौत ुै, लेकंन नुीं
लें नुीं ंाम से कनमाा ---ाें , ननले से मतलन , चाुे जो ुो । कनमाा तो सालों ने टाकैं पस टााक कनया ुै ।"

" चचा । "। आपंा हक नच्चा "---- से नरजय ाया नलपट रतन "

" अने , ुमासा नच्चा क्यों ुोता ?" छेड़ा नरजय ने , " ुमासा ुोता तो कनमाा से ंाम ंसता । साले तहम नरंास तहम ---
ंम सेनुीं । उसी ंी तसु महखण ुोएं ंो नोनों तहम । संता नन नुीं जासूस सफल ंोई से तहममें ! मुामहख---
ण साा
नलखंस ने संता हक मड कं तहममें से ंोई सफल जासूस नुीं नन संता । नोनों नुानूस ुो , आरश्यंता से अनधं नुानूस ुो
औस मेसा नारा ुै कं नुानूस आनमी ंभी सफल जासूस नुीं नन संता ।। जासूस आनमी नुानूसी या शसीरसं शनक्त से नुी ,
ननल्ं अपने कनमाा से ननता ुै औस ुंींत ये ुै कं तहम्ुासे पैना ुोते ुी 'तहम्ुासा सासा कनमाा नीमं चाट ाई ।"

" क्यों चचा , ऐसा क्या ंस कनया मडनें?"

" तो नेधड़ं इस छड़ी ंे नूते पस इतने सैननंों ंी मौजूनाी में ुनानची से नभड़ना क्या कनमाा ंी नात ाी ।?"

" उसने महझे ललंासा ाा चचा ।"

"जो नहश्मन ंी ललंास पस तंसास ंस नैठे, रु ंभी सफ़ल जासूस नुीं नन संता रटन प्यासे चला ुी ंुता नरजय "!
ायासाले नीन यु । हैँ सुा नजा नीन आाे ंे भडस मड कं हक जानता लेकक्रन"- उस कनलजले ंे आाे नजाते नजाते ुम नूढे ुो
ाए, लेकंन रकु भैस ंी तसु सें ंता ुी सुताुै । एं छह टंासा नमला नुीं कं साले तहम पैना ुो ााए । उस साले नंली चचा
ंी भी खोपैंी खसान ुो ाई ाी, जो तहम्ुें पैना ंस कनया । तहम भी अपने ाहरु ंा नाम सोशनंसोाे ., क्योंकं कनमाा पैनल
ुो"! '

"ऐसी नात नुी चचा "!

"तो औस ंै सी रात ुै नटन ?" उसी ंी टू न में नरजय ने प्रश्न कंया ।

ुोश में आने ंे नान पुली नास रतन ंे ुोंठों पस महस्ंान उभसी, नोलानजन "--- नच्चों ंे तपस आप जैसों ंा साया ुो
चचा, रे मौत से क्यों ैंसें ? ुम जानते ुड कं आप, अलंाकसे चचा औस मुान हसकाुी ंरच ननंस ुमेशा ुमासी सक्षा ंसते
ुड, कफस कफस क्यों न ुम मौत से लड़े ?"
-'"ह्रम इुफां से न पहुकचते नटन प्यासे , तन पता लाता ।"

"ऐसी उम्मीन न नरंास ंो ुै चचा ,न महझे । रतन ने ंुाुै नरश्वास ुमें ननल्ं- कं जन भी मौत ुम पस झपटेाी, आप
तीनों मे से ंोई उसे टाल नेाा ।। इसी नरस्रास पस तो मौत ंे ंह औ में ंू न पड़ते ुम । ुमेैँ यंीन ुै कं यमसाज़ ंे ुााों में
से भी झीन लायेंाे आप ुमें ।"

-""साले ुमाए ुो न ुम-, तहम जैसे सायरानों ंी सानररी ुो ाए "!

नरजय ंी इस नात पस उन्महक्त ढका से ुकस पैंा रतन ुो रषाण ंी फू लों पस जलपोत पूसे मानो से आराज ंी ठुांे उसंे !
। उठी

नरजय ने ुकसते हुए रततक ंा चेुसा नेखा! लापा से खून--- नरजय ने नेखा…हुकसकतै हुए भी उसंी आकखों में पानी ाा ।

समीप ुी, मेज पस सखा रतन ंा चश्मा उठांक स नरजय अपने ुााों से रतन ंो पुनाता हुआ"-नोला--'इसे ,पुन लो नटन
प्यासे , तहम्ुासी आकखें नुीं नेखी जातीं । ये आकखें एं ंुानी ंुती ुड ---- लम्नी ंुानी । नचपन से लेंस तहम्ुासे साजा ननने
ंी ंुानी "!

मस्तं पस नल पड़ ाया रतन ंे ।

कफस मानो स्रयक ंो सम्भालंस नोलाचचा छोैंो ंो नात उस "---, ये नताओं कं ह्ररानची ंुाक ुै ?"

" रु साला तो अभी तं मेज ंे उस तसफ नेुोश पैंा ुै ।ुोंश"----ंुा ने नरजय " में आ भी ाया तो ंह छ नुीं ंस
संे ाा । ुमने नाकध सखा ुै उसे, कंन्तह आश्चयण ंी नात ये ुै कं सासे जलपोत पस न ंुीं साकापों ुै अाौस न ुी हसकासी !
"

"रे नोनों ंुाक ाये ?"

" यु भी जरुस पता लाायेंाे । ंुाक कनलजला अपना कं ुड मालूम तहम्ुें क्या कं नताओं यु पुले उससे लेकंन ंुा ने नरजय "
ुै?"

"सनसे ननचली मकनजल ंे ंमसा नम्नस नस मे ।नताया। ने नतन "


" ुम जुाक नैठे इन साले जलपोतों ंे चालं ंो नेख सुे ुड ।ं ने नरजय "ुा ----"तहम जांस अपने कनलजले ंो ले आओ
नुानहसी ंी तसु भी कंसी रुा सुे यान : कनखाने ंी आरश्यं नुीं ुै । रुाक जेम्स नाण्ैं औस नााासोफ जैसे मुासाी ुोंाे
कफलुाल उनमें से कंसी ंो भी उस ंे ाैन से आजान नुीं ंसना ुै । ंमसे में से नसफण अपने कनलजले ंो ननंालंस युाक लाना
ुै ।"

" तन तो इस ान ंी आरश्यंता पड़ेाी चचा तो ंुते हये रतन ने ान उठा ली ।

""अरे ुै जरुसत क्या इसंी"-ननजय लायानोख "! अने....?"

" यंीन सखो चचा, इसंा नहरुपयोा नुीं ंरूकाा मड ।साा ंे ंुने " ुी।। रतन ाया ननंल नाह्रस से ुाैँल सम्ुालंस ान-

सूनी औस साफ पड़ी ाैलसी में से ाहजसता हुआ रतन । नढ़ा तसफ ंी लक्ष्य अपने- सनसे नीचे ंी मकनजल में ंमसा नम्नस ढ़स ंे
सामने रठठं ाया रु ।

नसराजा नन्न ाा !

अन्नस से ंह छ लोाों ंे आपस में नातचीत ंसने ंी आराजें आ सुी ाीं ।

नसराजा नाुस से नन्न धा । उसने धीसे ंे से साकंल खोली, इतनी धीसे से कं अन्नस कंसी ंो साकंल खहलने ंा आभास न ुो
संा ।

कफस रतन ने एं तेज ठोंस नसराजे में मासी ।

भड़ां ंी आराज ंे साा कंराड़ खहलंस झनझना उठे !!

ंमसे में उपनस्ात नाण्ैं , नााासोफ, नहससत तहालं औऱ नरंास ने चौंंस नसराजे ंी तसफ नेखा ।

उम पस नृनष्ट पड़ते ुी सनंे महकु से एं साा ननंला "! रतन"----

"ंोई भी नुला तो मेसी ान उसे नस्ास ंस नेाी । नाुस नरंास नसफण "----ंक ुा ने रतन ंसंे उापन्न ंठोसता में स्रस अपने "
"! आए
सनुत समी अरांनेख चेुसा ंा रतन खैंेे़ से- सुे ाे !

औस सभी पस नृनष्ट सखे हुए रतन ने ंुा नरंास नुीं सहना तहमने"------? तहम नाुस आओ ।"

एंाएं उसंे आनेशाामं स्रस ंो सहनंस सख्त ुो ाया नरंास ंा चेुसा, ाहसोंया सुे ने आनेश पस नूते ंे ान इस क्या"----
ुो?"

रतन ंो लाा कं अास उसने नरंास ंो रास्तनरंता नुीं समझाई तो रणु भड़ं उठे ाा। यु भी रु समझता ाा कं उसंे
भड़ंाने से ंोई भी जासूस ंह छ भी लाभ उठा संता ुै । नु सोचंस रतन ने नरंास से नम्र स्रस में ंुा"-----'ये ान
तहम्ुें आनेश नेने ंे नलए तनी हुई नुी ुै नोस्त, रनल्ं इन सनंो ंक्ष, में सों सखने ंे नलए तनी हुई ुड । ननजय चचा ने
आनेश कनया ुै कं इस ंमसे से नसफण तहम्ुें ननंालूक । उन्ुोंने नुनायत नी ुै कं इस ंमसे से ंोई औस न ननंल संे "!

"ननजय ाहरु "! प्रसकनता से उछल पड़ा नरंासयुाक ाए पहुकच रे"--' ?" " ंुाैँ ुै रु नचैंीमास झंझंा?" रााासोफ एं
नम ननफस पड़ा"! ंुा ऐसा ने ंे चौट्टी उस"-----

"नुंो मत ैंनल चचा नरजय क्योंकं इसनलए ैंनल"--ंुा में स्रस ाम्भीस ने रतन "! चचा तहम्ुें खहन चचा ंुते ुड । यु
नरजय चचा ंा ुी आनेश ुै कं मड कफलुाल नसफण नरंास ंो ुी इस ंमसे से ननंालूक "!

रतन ंी नात ंा ताापयण नरंास अचछी तसु समझ चहंा ाा लपंा रु साा ंे तीव्रता !, औऱ रतन ंे समीप से ाहजसंस
ंक्ष से नाुस आ ाया ।

नाुस ननंलने ंे नलए झपटा तो नााासों भी ाा, कंक न्तह इससे पूरण कं रु नसराजे तं पहुकचता, रतन ने एं झटंे ंे साा
नााासोफ ंे महकु पस नसराजा नकन ंस कनया !

अन्नस नााासोफ भहनभहनता सुा अाौस रतन नाुस से नसराजे ंो साकंल लाांस धूमा !

सामने खड़ा उसी ंी तसफ नेख सुा ाा नरंास !


नो नसानस ंी लम्नाईयाक आमनेमें नेरों ंे नरंास तो रतन । ाीं खैंी सामने- साफाा सुा ुी झाकं साफ-, लेकंन नरंास ंो
चश्मे ंे पीछे छह पी रतन ंी आैँखों ंी नस्ानत ंा आभास ाा । कफस नोनों एंसाा एं नूससे-ंी तसफ लपंे ंे नूससे-एं-
ाले से ला ाये, नाकुो में समा ाए । उनंे नीच छाई रु खामोशी उस मुान प्रेम ंी सूचं ाी, नजसंी अनभव्यनक्त ंे नलए
ंोई भी भाषा शब्न ननमाणर् न ंस संी । ।

-"ये तहमने अपनी क्या ुालत नना सखी ुै ?" नरंास ने पूछा ।।

"तहम्ुासी चाल में लकाड़ाुटक नेखी ुै मडने । उसंा ुै ंासर् क्या"----कंया प्रश्च उल्टा ने रतन "?"

जो ंह छ नरंास ंे साा हुआ ाा, रु उसने रतन ंो नताया औस जो रतन ंे साा हुआ ाा, रु नरंास ंो। जन 'यु
भेन' खोला कं नरंास ुैसी ंे भेष में प्रयोाशाला से फामूणलाक चहसाने ाया ाा तो रतन ंा चेुसा नखल उठा, क्योंकं सासा ंाम
रतन ंी योजना ंे अनहसास ुो सुा ाा !

जन नरंास ंो यु पता लाी कं ुरानची इस समय ंब्जे में ुै

औस साकापों र हसकासी ाायन ुड, तो चेुसा सहखे पड़ ाया उसंा कंसी-----नेखा ने रतने से पीछे ंे चश्मे अपने ! खून
पीने राले भेंनड़ये ंी तसु ुो ाया ाा नरंास ंा चेुसा ।

तर, जनकं रे उस स्क्रीन ंक्ष में पहुकचे ।

ऐं नरनचर ुी नृश्य नेखा उन्ुोने । न जाने ंुाैँ से नरजय ंो एं सस्सी नमल ाई ाी । नजसे उसने ंक्ष ंी छत में पड़े एं
ंह न्ने में ैंाल ाी उस सस्सी पस ुी ुकनानची ंे उसने उल्टा लटंा सखा ाा !!

न नसफण लटंा सखा ाा जननं ुरानची ुोश में ााक । नरजय उसंी पसनलयों में ाहनाहनी ंस सुा ाा !!

मजनूस से ुरानची ंो एं नरनचर से अन्नाज में ुकसना पैं सुा ाा ।

"आशीराणन नो ाहरु ! नलए ंस स्पशण चसर् उसने श्रद्धापूरणं । ंे नरजय ाया झहं में चसर्ों नरंास हुआ ंुता "!

"कंसंा आशीराणन पूसी जन औस उठाया तपस ने नरजय पंैंंस ंान ंे नरंास झहंंस "! तसु से सानधान नस्ानतयों में खड़ा
हुयाननजय पंैंे ंान तो नरंास----------- ंे ुाा तपस उठ ाए ाे, नोला, "साले, तूक टाैं ुो ाया ुै कनलजले,
लेकंन अक्ल ंे पीछे अभी तं लरठया नलए घूम सुा ुै "!
" ंुो तो सुीं ाहरु, क्या ालती ुो ाई महझसे ?"

"'नेख नलया घहसंस तमाशा नेखने ंा पासर्ाम ?"

नरंास ंे ाहलानी ुोंठों पस शसासत यहक्त महस्ंान नौैं ाई नोलानेख "--- तोाहरु हक सुा-, ुम तीनों मस्ती मना सुै ुै । ये
चीनी चमाानड़ ुमासे सामने उल्टा लटंा हुआ ुै । नोनलए, क्या ये परसर्ाम ुमासे ुं ंा नुीं ?"

"प्यासे कनलजले "-- नरजय ाया ुो ाम्भीस एंाएं "!‘पुले भी ंई नास ंु चहंा हक, आज कफस ंुने ंी तमन्ना। ुै । "

"जरूस ंनुए "!

" तहम पैना हुए ाे तो ुमने ख्नान सजाया ाा कं तहम्ुें जासूस ननायेंाे ंा नहननया---------सनसे नड़ा जासूस "!

" नन तो ाया हक ाहरू "। नच्चा तहम्ुासा ुै चीफ ंा सिरणस सीक्रेट अन्तसाणष्ट्रीय ---

" ुोाें भी ये "--- ंुा ने नरजय "! मानता हक कं नहननया भस ंे महखण जासूसों ने तहम्ुें जासूस नड़े सनसे--- ंी उपाधी ने
नी ुै । ये नहननया भी महखण ुै , जो तहम्ुें इस सनी ंा सनसे नड़ा जासूस समझती ुै ।

----- महझसे पहछो, मेसे कनल ंी ाुसाईयों से पहछो तो जासूसी ंी ए नी सी ैंी ंा भी पता नुीं ुै तहम्ुें !

------ ुाक सनसे नुानूस , सनसे नड़े पुलनान औस समय आने पस नहननया ंे सनसे नड़े नरसन्ने ुोसंते ुो तहम ंे जासूस !
पास नीमाा ुोता ुै, इस नाम ंी ंोई चीज तहम्ुासे पास नुीं ुै ।

----- जासूस कंसी घटना पस भली भाहतक ननचास ंसता ुै , कफस मैनान में आता ुै , कंन्तह तहम समय उस तहम -----
ुो जाते फक स जन ुो सोचते, खैस छोड़ो इस नात ंो मड अछछी तसु जानता हक कं तहम्ुे भाषर् नपलाने ंा ंोई लाभ नुीं
ुोने नाला ुै । नेख सुा ह कं तहम्ुासे पैसों में लड़खड़ाुट ुै, तहम्ुासे मैनान में ंू नने ंा परसर्ाम ुै ये "!

खूनी नृष्टी से पलटंस उल्टे लटंे ुनानची ंी तसफ नेखा नरंास ने !

ुनानची ंे नाटे शसीस में झहसझहसी सी नौड़ ाई ।


नरंास ाहसाणया ।। ुै से रजय ंी ुै मनाणनाी ंी मनों इन लकाैंाुट ये "---- महझे चासों तसफ से घेस ंस मनाणनाी ंा परसचय
कनया ाा इन्ुोंने ।। मड जान भी ना संा कं महझे कंसने घेसा ुै कं इनंी ाोनलयाक मेसे शसीस में धकस ाई ।"

" इसी ंो तो जासूसी पडतसा ंुते ुड प्यासे कनलजले इन् !ुे पता ाा कं अास इन्ुोंने तहम्ुें सम्ुलने ंा ंा अनसस कनया तो
परसर्ाम क्या ुोाा ।"

कंन्तह नरजय ंी नात पस ध्यान ंुाक ाा ननंास ंा । रु तो उल्टे लटंे ुनानची पस ाहसाणया अपने महझसे तो तू "-----
ुे नमला नलए ंे ंसने खून आनखसी ंा जीनन । जो ंह ता अपने नाप ंी ंों ंो मेसे खून से धोने ंे नलए ननंला ाा , रु
ंुाक चला ाया ?"

ंह छ नोला नुी ुनानची , चहपचाप लटंा सुा ।

" सहना नुीं तहमने ?" ऐसी आनाज कं अास फौलान से टंसाये तो उसमें भी नसास पड़ जाती मड हैँ सुा पूछ क्या "----?"

नेचासा ुरानरी जरान रया नेता ?

चहप सुा ।

उुस में एं तीव्र ठोंस उस ंे चेुसे पस पड़ी ुनानची ंे ंक ठ से चीख ननंल ाई । कफस नरंास ने शहरू ंस कनया अपनी
द़रसन्नाी ंा नौस तो ुनानची स्रयक !! ुलाल ुोते हुए नंसे ंी तसु नमनमया ुी सुा ाा, इधस नरजय औस रतन’ ंो भी
आकखें नन्न ंस लेनी पड़ी । नरजय तो जानता ुी ाा कं ऐसे मौंे पस नरंास ंो टोंने 'से ंोई लाभ नुीं ुोता, लेकंन
रतन ने टोंा तो उसंी तसफ इस तसु पलटंस ाहसाणपा नरंास कं जैसे उसे फाड़ंस खा जाएाा नोलो मत में नीच"-----
रतन, अपने ंाम में अरसोध उापन्न ंसने राले ंो मड ननाणश्त नुीं ंस संता ।"

औस नरंास ंी इस ाहसाणुट ंे नान स्रयक रतन ंाक साुस नक हुआक कं रु ंह छ ंुे ।

ंुते ुै कं ननंास अास जहनान खहलराने ंा प्रर् ंस ले तो पाास ंे टह ंैंों ंो भी नोलने पस नररश ंस नेता ुै । एं समय
ऐसा अग्या कं ुरानची ंो नोलना ुी पड़ा"! ुड चहंे पहुैँच चीन नोनों रे" ----

--'"कक्रस माध्यम से ?" नरंास ने पूछा ।

"नरमान से ।"

" क्या रे 'रेरज एम र अर्नाशं कंसर्ों ंे फामहणले कफल्में भी अपने साा ले ाए ुड ?"
-"ुा । ुरानची ने जरान कनया ।

"हक "! ुड ाए ले साा अपने रे सामान ंा मचाने तनाुी में चीन तो"----नरंास ाहसाणया "!

"एं नास कफस समझो प्यासे कनलजलेने नरजय "। जासूसी ुड ंुते इसे------ ंुा ंे नन्द्रत पस जलपोत इस ध्यान ुमासा"--
सहसनक्षत रे सनुत कफल्मों ंसंे अपने नेश पहुकचने में सफल ुो ाए ुड ।"

--"युी तो मड चाुता ाा चचा अास "----पड़ा नोल रतन पस स्ाान ंे नरंास "! इसीकफल्मे पस जलपोत-ाक मेसे ुाा ला
ाई ुोतीं तो नेुन अफसोस ुोता महझे "!

"इस तट पटाका नात ंा क्या मतलन ुै नटन प्यासे ?" नरजय ने, आकखें ननंाली ।

" मतलन नसफण इतना ुै चचा कं चीन में जांस तुलंा मचाना चाुता हैँ मड ।" रतन ने ंुा जाती नमल युीं कफल्में अास"-
नुाना ंा जाने चीन तोसमाप्त ुो जाता, मेसी ुससतें कनल में घहटंस सु जाती "!

. "तहम्ुें ंोई नुीं समझ संता ।। नरजय उठा झलाझहक "

नरंास ुरानची से ंु सुााा कंसी ओऱ ंे द्वासा कंए ाए नशंास ंो खाना नरंास ंा नसद्धान्त नुीं ुै । इस समय मेसी
सेरा में तहम्ुें ाहरु औस रतन ने प्रस्तहत कंया ुै । तहमने ंसम खाई ुै कं अपनी नजन्नाी ंा आनखसी खून तहम, मेसा ंसोाे !
तहम्ुें तं जन अपनी ुससत पूसी ंसने ंा एं मौंा न ने नू, तन तं मसने भी नुीं नूाा । तहम्ुें नजन्ना सखूकाा मड, मौंा नूाा
कं तहम मेसी ुाया ंस संो । उस प्रयास में स्रयक भी अपने जीजा ंे पास पहुकच जाओ तो यु तहम्ुासा भाग्य ुोाा "!

न जाने क्या सोचंस ननण से ंसाुते ुरानची ंे ंान ंी एं नस नना नी नरजय ने ।

ुनानची नेुोश ुो ाया ।

नरजय ंी तसफ पलटंस नरंास ने पूछा…"इससेक्या लाभ हुआ ?" '3"

" इससे रुी लाभ हुआ प्यासे कनलजले, जो जहंाम में नरक्स नैपोसन लााने से ुोता । चला ंुता नरजय में टह न ुी अपनी "
यु अन पसक सुने में ुोश"----ाया नमनमयाने ंे अलारा ंस भी रया संता ाा ंी महुब्नत अपसी ुमें यु भी रैसे ! नाते
न ंसने नेता ।"

"खैस, चचा, अन आनेश नीनजए कं ुमें क्या ंसना ुै ?" रतन नोला ।

खा जाने राली नजसों से नरजय ने घूसा रतन ंो नोला तहम्ुें ुै जरूसत ंी आनेश मेसे"?"

"रयों नुीं ाहरु ?" नरंास ने शसासत ंी ।

" तो मेसा आनेश तो ये ुै प्यासो कं इसी जलपोत पस नैठंस अखण्ैं ंीतणन ंसो ।" नरजय ने ंुा, " शसीफ भक्तों ंी तसु
नैठंस ुमासी झंझकंयों ंा ससास्रानन ंसो । उनमें छू पे तथ्यों ंो समझो औस जीरन में उनंा अनहंसर् ंसो।"

"खैस, चचा, अन आनेश नीनजए कं ुमें क्या ंसना ुै ?" रतन नोला ।

खा जाने राली नजसों से नरजय ने घूसा रतन ंो नोला तहम्ुें ुै जरूसत ंी आनेश मेसे"?"

"रयों नुीं ाहरु ?" नरंास ने शसासत ंी ।

" तो मेसा आनेश तो ये ुै प्यासो कं इसी जलपोत पस नैठंस अखण्ैं ंीतणन ंसो ।" नरजय ने ंुा, " शसीफ भक्तों ंी तसु
नैठंस ुमासी झंझकंयों ंा ससास्रानन ंसो । उनमें छू पे तथ्यों ंो समझो औस जीरन में उनंा अनहंसर् ंसो।"

ंह छ नेस उन्ुें नरजय ंी उस नंरास ंा सामना ंसना पड़ा जो एं नास शहरू ुोंस नकन ुोनी ंरठन ुो जाती ुै ।

नरंास तो रैसे भी नरजय ंी नंसास ंा जरान नंरास में ुी नेने ंा ंे मानुस ाा । रु तो नरजय ंे सामने अड़ा सुा,
कंन्तह रतन नहसी तसु नोस ुो ाया ।।

जन उस पस सुा न ाया तो नोलांी ंाम ंह छ "----------- नातें भी ंसो चचा"!

" ये हुई शसीफ रच्चों राली नात ।कं सोचंस यु " ंाफी नेस मौज मस्ती ुो ली ुै, नरजय स्रयक ुी लाइन पस आता हुअाा
नोलाक्या ुी नचा तो पास ंे चचा "-- --- ुै व्रटऩ प्यासे तहम ुी ंाम ंी नातें ंसो ।"
" ये जलपोत कंधस जा सुा ुै ?"

" पीकंक ा ंी तसफ ।"

'"क्या ुम इसी जलपोत ंे माध्यम से चीन में प्रनरष्ट ुोंाें ?" रतन ने पूछा।

" इस जलपोत ंे चालंों ंो तो ुमासा युी आनेश ुै ंी रे सीधा पीकंक ा ंे नन्नसााु पस ुी लकास ैंाले । ने ननजय "
त नन्नसााु ुम लेकक्रन""----नतायां पहकचने से पूरण ुी जलपोत छोड़ चहंे ुोंाे "!

" हक "! नाण्ैं रााासोफ नहससत औस तहालं ंा क्या ुोाा ?"

" ुाक "! ननजय न ंुा ेंन्ुें ुमकने अास । ुै योग्य नरचास अरश्य प्रश्न यु" उसी ंक्ष में नकन छोड़ कनया में अकत तो ---
। ने ुोाें में ंै न ंी चीननयों उन्ुें साा लें, तन भी खतसा ुै । साा सुै, सम्भर ुै ुमासे साा सु ंस रे ुमासे ुी ंाम मे
अनसोध उापन ना ंसें ।"

" एं साय नूक ाहरू ? नरंास नोला ।

" जरूस नो ुै ंुा ने नरजय "!

" क्यहक ना ुम अपने साा साा चचा नाासोफ ंो ले लें ।"

" क्यों ? चचा में क्या लाल जड़ें ुड ?"

" क्यों? चचा में ुी क्या लाल जैंे ुै ?"

"यु नात अन्तसाणनष्ट्रय ाठ्नन्धन ंे आधास पस ंी ुड ाहरु ।ने नरंास " ंुाचीन "--, पाकंस्तान औस इक ालैण्ैं एं ुै। रूस
उनंा नरसोधी ुै ,ुमासे साा ुै । पाकंस्तान औस इालैण्ैं ंी ससंास ंे अनहसाध पस चीनक उक नंे जासूसों ंो तो लौटा नेाा,
कंन्तह चचा ंे मामले में ाड़नैंीे़ ंस
संता ुै । सम्भर ुै चीनी ससंास चचा ंे साा ंोई अनहनचत ुसंत भी ंस ैंाले । चचा ंे साा अास ंह ष्ट भी अननष्ट ुोता
ुै तो उसंे नजम्नेनासक ुम ुोंाे "!

"नजस आधास पस तहमने यु साय नी ुै प्यासे कनलजले उस नृनष्ट से तो ननल्ंह ल सुी ुै ंुा ने नरजय "!…......"इसमें ंोई
शं नुीं कं एं नास अपने पकजे मे फक से नााासोफ ंो चीन ससंास मास भी ैंाल तो ंोई आश्चयण ंी नात नुीं ुोाी ! कंन्तह
सोचना यु ुै कं इस अनभयान में चचा ंा लक्ष्य भी नुी ुै जो नाण्ैं इायाकन ंा ुैफामूणला-
प्राप्त ंसना । सम्भर ुै कं ुमाकसे साा सुंस भी चचा रुी प्रयास ंसें ?"

" नननश्चत रूप से आपंी नात में नम ुै ाहरु "!

"तहम्ुासी इस नासे में क्या साय ुे नटन नमयाक पहछा। से रुन ने नरजय "!

ाम्भीस स्रस में रतन ने ंुास कनली मेसी सचमहच आप क्या"--ााय जानकना चाुते चचा ?"

" स्पष्ट ंक ुो नोस्त तहम ुो चाुते ंुना क्या !?" ननंास नोला !

"चचा ंुा में ाम्भीस रतन ाड़ाए नृनष्ट पस नरजय "!…"मेसी साय जानना चाुते ुो तो सच्चाई ये ुै कं मड अमेरसंा, रूस औस
चीन जैसे नेशों में ंोई फंण नुीं समझता ।।ये सभी साष्ट्र मुाशनक्तयाैँ ंुलाते ुड औस ंसीन ंसीन इन सभी ंी नीनत एं जैसी
ुै । मड इसे अछछा नुीं समझता कंक रुस अास भासत ंे साा ुै तौ ुम उसे ठीं ंुें ।। नीनत उसंी भी रुी ुेाै छोटी
मछनलयों ंो णास ननाना !"

" तहम लो अन्तसाणष्ट्रीय साजनीनत ंा ंचूमस ननंालने लाे नटन प्यासे "!
नरजय ने ंुासनाल युाक" --- ये नुीं ुड कं कंस मुाशनक्त ंी नीनत क्या ुै ! प्रश्न ये ुै कं चचा ंो साा लें अारा नाण्ैं
औस नहससत तहालं ंे साा उसी ंक्ष में नन्न पड़ा सुने ने?"

" नसफण इसनलए महझे नाासोफ चचा से ंोई सुानहभूनत नुीं ुो संती कं रे रूस ंे ुड । "रतन ने स्पष्ट ंुा लेकंन"------
उन्ुें अास कं ुै सच्चाई भी यु चीन ंे ुराले कंया ाया तो उन्ुें नसफण रूसी ुोने ंी सजी नमलेाी "!

" तहम्ुासे ंुने ंा मतलन ये ुै कं चचा ंो अपने साा ुी ले लेना चानुए "!

…"युी समझ लीनजये ।"

" औस अास रे फामूणला प्राप्त ंसने ंे नलए ुमासे साा ुी ाड़नड़ ंसे तो ?"
''जन रु रक्त आयेाा तो चचा से ुम स्रयक नननट लेंाे ।यु"----ंुा ने रतन " नात ायाना ालत ुोाी कं इस ैंस से
उन्ुें इन नरसन्ने चीननयों ंे ुराले ंस कनया जाए ।"

"मड नतन ंी नात ंा समाणन ंसता हक ।ंुा ने नरंास "…"औस साा ुी यु साय भी नेता हक कं कफलुाल ुम ुनानची ंो
भी अपने साा सखें । चीन में रु एं ंरच ंी तसु ुमासी सक्षा ंसे ाा ।"

-"क्या मतलन ?" नरंास ंी उपयहणक्त साय पस नरजय चौंाुमें---- ाले में घण्टी नाैँधने ंी क्या जरूसत ुै ?"

" आप समझे नुीं ाहरु ुम"-ंुा ने नरंास "!ाे कक्रस्टीना ंे युाक ुी तो ठुसना ुै "!

"नेशं।"

" जन तं ुम चीन में सुंस फामहणला ना प्राप्त ंसें ,, तन तं ुरानची ंो अपनी ंै न में सख संते ुै "!

" लेकंन इससे लाम क्या ुोाा ?"

"नहुत से लाकभ ुोाे ने नरंास "! ंुां हसकासी साकापोंऔस कं ये तो फायना पुला"---ाे रठंानों ंा पता नतायेाा ये ।
रे ुी नोनों कफल्में ले ाये ुै औस उन्ुीं ंो मालूम ुोाा कं कफल्में ंुाैँ ुड सुेाा-मड ंब्जे ुमासे ुरानची तं जन भी रैसे !,
ुम सहसनक्षत सुेाे !"

"नात उल्टी भी पड़ संती ुै प्यासे कनलजले कक्रस् साा-साा ुमासे ुरानची ंुा ने नरजय "!टीना ुै संता फक सा भी ंो ---
"!

''मामला ाोैंा ाैंनैं ुो ाया ाहरु ने नरंाकस "! ंुाुरानची ुमें युाक अास"-- ंे स्ाान पस साकापों टंसाया ुोता तो
एं रैंीे़ ुी खूनसहसत चाल चली जा संती ाी । कनक्कत ये ुै कं इसंे लोटे जैसा शसीस ुममें से कंसी ंे पास भी नुीं ुै
!"

"तहम शायन यु ंुना चाुते ुो कं इसंे स्ाान पस युाक साकापों ुोता तो उसंा मेंअप ंसंे चीनी सीक्रेट सिरणस में धहस
जाते ?"
"आपंे नच्चे नजयें ाहरु ंुा ने नरंास "!… "ंाफी समझनास ुो ाये ुड आप ।''

सीना चौड़ा ंस नलया नरजय ने, नोलांाज भीमसेनी में नाल ंी मूका "---ल नमलांस खाना अपना खाननानी शोंं ुै प्यासे--
कं ुी ुै पता तहम्ुें तो यु औस - इनंे सेरन से नहनद्ध ऐड़ लाे हुए घोैंे ंी तसु ससपट नौड़ती ुै । कंन्तह सनाल ये ुैकं
ुममें से कंसी ने भी ुरानची ंे शसीस जैसा ुसीन नजस्म नुीं पाया ुै, अत ंोई तो ंा ंसने मेंअप इसंा :प्रश्न ुी नुीं
ुै ।"

''तो आप इस नात से सुमत नुीं ुै ाहरु कं ुनानची ंो अपने साा सखा जाये "!

''एंनम नुीं ।छू ट पूसी तहम्ुें ंी नात इस-----"! ुाक"------ंुा ने नरजय " ुै कं जलयान छोड़ने से पूरण तहम इससे जो
भी जानंासी प्राप्त ंसना चाुते ुो, प्राप्त ंस संते ुो । जैसे साकापोंक औस हसकासी ंा पता इायाकन "!

" ठीं ुै धूम तसफ ंी ुरानची नरंास ंुंस "! ाया । अन रु ुरानची ंो नहनासा ुोश में लाने ंा प्रयास ंस सुा ाा

रतन ंल्पना ंस संता ाा कं अन अाले ंह छ समय में इस ंक्ष में क्या ंह छ ुोने जा सुा ुै !

रु सन ंह छ अपनी आकखों से नेखंस रतन में चहप सुने ंी तांत नुीं ाी ।

औस न ुी नरंास ंा ननसोध ंसना चाुता ाा । अतः लम्ने।।।। ाया ननंल नाुस से ंक्ष रु साा ंे ंनमों लम्ने-

कक्रस्टीना ने रतन ंौ नेखा तो नेखती ुी सु ाई । न जाने क्यों उसे ऐसा प्रतीत हुआ कं नो तीन नास जोंसजोस- से धड़ंंस
उसंी हृनय। ुै ाई ुो रकन्न ानत-

ुालाककं रतन ंे साा ुी उसंे फ्लैट में नरजय, नरंास औस नााासोफ भी प्रनरष्ट हुए ाे, कंन्तह उसंी नृनष्ट रतन ंे चेुसे पस
ुी नस्ास ुोंक स सु ाई ाीं । ाोंसा नूध जैसा, सेर ंी लाली नलये चेुसा ।

आकखों पस ंाला चश्मा ।

ुाा में छैंीे़ । नजस्म पस मौजून सफे न ंपैंों पस न नसफण खून ंे धब्नेाे लाे हुए ाे ननल्ं जाुजाु- फटे हुए भी ाे !
उसे नेखंस ंोई भी ंु संता ाा कं भयानं जका ंे नान उसे ंपड़े ननलने ंा मौंा नुीं नमला ुै ।

" रतन ंी ुी नेखती सुोाी क्याने आनाज ंी ननंास ंो कक्रस्टीना ---- मानो स्रप्न से जााया , " ुम भी खैंेे़ ुै "!

" ओु ाई झेंप ंसंे अुसास ंा महखणता अपनी "! कक्रस्टीना "! आओ-आओ "----- ंुने ंे साा ुी नु नसराजे से ुटी
औस उन्ुें ड्राइक ारूम में पड़े सोफे पस नैठने ंा सकंेत ंसने लाी "!

नाकाासोफ भला ऐसे मौंें पस चहप से ुने राला ंुाैँ ाा ुड लाता"---नोला !, छोंसी इस ुसामजाने पस कफना ुो ाई ुड "!

सहखण ुो उठा कक्रस्टीना ंा चेुसा !

'नरजय ने ंुाचचा "----, अपने नकटन ंा नाम सहनते ुी मीसा ंी तसु नीरानी ुो ाई ुै कक्रस्टी तो ाे युाक ुम जन !
ुमइसे नटन ंी महुब्नत ंे नताशे फोड़कक्रस्टी ंो नटन इस कं ुै ये नस्ानत अन । ाे ंसते नेखा खाते फोड़ंस- अपने ब्लातज
पस लाा लेना चाुती ुै !

रतन ंे अधसों पस एं नरनचर। ाी अााई उभस महस्ंान ैंह नी में ननण से-

नरंस ने ंुा सच कक्रस्टीन ! ुै लायं ंे कक्रस्टी रतन्---ाा खैंी न सु संी रुाैँ' ! तेजी ंे साा महैंी औस नूससे ंमसे
में भाा ाई !!

"लौ "! नााासोफ ने ंुा पुले तो इस ुसामजाने ंे कनल में महुब्क नत ंी धण्टी नजा नी नछनाल ने, ओस अन खहन ैंकंा
नजाती चली ाई "!

" ैंनलक चचा ने रतन "!'ाम्भीस स्रस मड ंुाु फह सणत इतनी युाैँ"---ाी ंुाक ुै कं कंसी से महुब्नत ंस संू ।चीन में
आया हक, चीननयों ंो सनं नेने से ुी फह सणत नुीं नमलेाी । तहम समझाना कक्रस्टी ंो । नरजय चचा, तहम भी समझाना । जो
ंह छ आकप ंक ु सुे ुड सचमहच अपने नलए कक्रस्टी ंी आखों में मडने रु सन ंह छ नेखा ुै । नरंासस भी तहम उसे !मझाना मेसे
यास । ंुना कं रतन ंे कनल ंो धैंंन उसंा नेश नन चहंा ुै "। चमन--------

रतन ंे उन शब्नों ंे नान एं सन्नाटा सा हखकच ाया ंमसे में ।

ंह छ नेस तं तो नााासोफ जैसे व्यनक्त ंी भी समझ में नुीं आया कं इस सन्नाटे ंो रुक ंै से तोैंे पसन्तह अनधं, नेस तं
रातारसर् मे रु नोनझलता ंायम न सु संी जुाक नरजय औस नााासोफ जैसे ुो तट पटाका नातें ंसने राले ुों रुाैँ भला
सकनाकटा कंतनी नेसे रटं संता ुै ?

परसर्ाम ये कं ंह छ ुी नेस नान रुाक ठुांे लाने लाे । उधस कक्रस्टीना ंो चैन ंन ाा में कंचन ! ढू कढा नुाना उसरै !
ं फटाफट जांसााफी तैयास ंी औस एं ट्रै में ऱख ड्राइक ारूम में आ ाई क्या इछछा ! उसने ाी सखी झहंा नृनष्ट ! तो ाी
कंक तह उनमें से कंसी से भी नृनष्ट नमलाने ंा साुस नुीं ाा उसमें !!!

ंोई ंह छनुीं नोला ।

" नतन ने स्रयक ुी ंुा"! ुै इछछा ंी ननलने ंपैंे सरणप्राम चचा" ----

" तहम्ुासे ंपड़े नकनलना ंोई आसान नात तो ुै नुीं प्यासे ंुा ने ननजय "!… "सफे न ंपैंों ंे अनतरसक्त कंसी अन्य सक ा ंा
ंपड़ा तहम पुनते नुीं औस नमयाक चहंन्नस ंी नहम,, तहम्ुासे नलए अन युाक सफे न ंपैंे आयें ंुाक से ?"

" मेसे पास ुै ननं से महकु ंे कक्रस्टीना एंाएं "!ल पड़ा !

सभी ने चौंंस कक्रस्टीना ंी तसफ नेखा ।

लाज से नोुसी ुो ाई कक्रस्टीना ।

नृनष्ट उठा न संी !

नरजय न पूछा ाये आ से ंुाक पस तहम "----?"

इस प्रश्न पस कक्ररुटीना नौखला ाई । कफस स्रयक ंो सकभालने ंा प्रयास ंसती हुई नोली भैया न ाा मालूम महझ"
े ---कं ये आ
सुे ुड । यु भी पता ाा कं सफे न ंे अलारा कंसी सक ा ंा ंपैंा नुीं पुनते ुै मड सो...........सो ! खसीन।.....

नात पूसी न ंस संी कक्रस्टीना । ुलं सहख ाया उसंा !

'"यह्र तो नड़ा अछछा कंया तहमने । रतन सीधा कक्रस्टीना से नोला---;-"ंपैंे ननलना मेसे नलए इस समय कंसी भी ंायण से
अनधं आरश्यं ुै । अास ंपैंे मड नुा… ंस ननलूक तो ओस भी अनधं अछछा सुे ।"

यु अनहभूनत ंसते ुी कं यु राक्य नतन ने सौधा उसी ंुा ुै कक्रस्टीना ंा कनल जोस! उठा धड़ं से जोस-
नीच में टपं पड़ा नरजयप्यासे नटन नुीं क्यों-नुीं "क्यों"---, नुाना जरूस, चानुये । आओ, मड तहम्ुें नाारूम कनखाता हक !

सोफे पस से उठंस खैंे ुो ाये नरजय ंी ंलाई पंैंी नरंास ने एं झटंा नेंस सोफे पस नरजय ंो रापस नरठाता हुआ
नरंास रोलााहरु नैठो अााप"------, कक्रस्टी रतन ंो नाारुम नतला नेखी "!

"'अजी नुीं ु खड़े ने नरजय "!ाोने ंा अनभनय कंया "! नतायेंाे ुम"---

"'नुीं ाहरु खीचा रापस ने नरंास "!

-"अजी नुीं ।'" नरजय ने पहनने नााासोफ साा ंे नरंास नास इस तो चाुा उठना : भी नरजय ंो पंड़ंस खींचते हुये
ंुा…"अने नोलती पस ढक्कन लाा ढक्कनी ंे ! महुब्नत ंी नखचैंी पं सुी ुै तो पंने ने । तह क्यों नालभात में मूसलचन्न
ननता ुै ? जा नछनाल ंी ताईइस ! सास्ता ंा नाारूम ंो राले भूतनी इस कनखा तू- नचैंी ंे नटरे ंो ुमने पंड़ सखा ुै
"!

नरजय ंी इस एहक्टका पस रतन औस कक्रस्टीना भी ननना महस्ंसाये नुीं सु संे ।

-"'आप भी खून ुड चचा "! ंुता हुआ रतन उठ खड़ा हुआ"। नाारुम नताना----कक्रस्टोना ! हैँ सुा जा नुाने मड "-

नृनष्ट झहंाये ंमसे से नाुस ंी तसफ चल नी कक्रस्टीना ।

उसंे पीछे रतन ाा !

सुसुंस नरजय नरंास औस नााासोफ ंे नन्धनों से महक्त ुोने ंा प्रयास ंस सुा ाा------- ाा सुा चीख ुी साा----
छो अने"ैंो महझे सास्ता ंा नाारुम ंो नटन ! मड कनखातैँाा !

"ंाैँफी पी चटनी ंे रनाण ाकजा ंस नूकाा ।! नोला हुआ सोंता उसे नाासोंफ "

नसराजा पास ंसंे रतन औस कक्रस्टीना ओझल ुो ाये । तो ढीला पड़ ाया नरजय । नााासोफ ंी तसफ नेखंस नासाजाी जैसे
शब्नों में नेलाअ तहमने ये"-छछा नुीं कंया चचा मेसे पेट में ननण ुोने लाा ुै ।''

" अने चहपचाप ंॉफी पी चोट्टी ंे ।"


ंप उठंस ंॉफी ंा एं पूकट भसा नरजय ने औस कफस नरंास से रोला…"तहम्ुें तो मड भहात लूैँाा कनलजले "!

इधस यु मोजउधस औस ाी सुीं आ मस्ती-…रतन औस कक्रस्टीना ?

उसंे पीछे-पीछे चल सुा ाा रतन ! ाी सुी जा चली धीसे-धीसे कक्रस्टीना झहंाये ानणन !

अचानं रतन नो लम्ने ंक नमों ंे साा उसंे नसानस में अाा ाया !

उसंे साा चलता हुआ नोला"! कक्रस्ट्री "--

ठीठंंस, नृनष्ट झहंाये हुए ुी कक्रस्टीना ने ंुा…" जी "!

"मेसी तसफ नेखो ।समी उसंे "प ुी खड़े रतन ने ाम्भीस स्रस में ंुा ।

न जाने ंै सी शनक्त ाी रतन में कं कक्रस्टीना ंों धैंंता हुआ कनल उसंी पसनलयों में टंसाने लाा ुै ! उठे नेर से ंनम्पत !
तपस, रतन ंे चेुसे ंी तसफ़ नेखा उसने । ाा सुा ंाकप शसीस सासा उसंा आनेशनश से अनजाने एं !

"तरतन "! ुो जानती ंै से महझे तहम----… ने ाकभीस स्रस में पूछा ।

ुलं सूख! ननंला ना नाुस से अधसों स्रस कंन्तह ुै चाुा रोलना उसने ंा कक्रस्टीना ाा ाया सा-

"जराकन नो कक्रस्टीना महझे तहम ुो जानती ंै से"-?"

कक्रस्टीना ने साुास समेटा धीमे स्रस में नोली…आपंौ ंौन नुीं जानता ?"

"जो महझे जानता ुै रु मेसी पूसी ंुानी से भी परसनचत ुोता ुै "!

" अननभज्ञ मड भी नुीं "!

" कफस भी मेसी तसफ इस नरशेष नृनष्ट ंी रहरट क्यों ंस सुी ुो तहम ?" शान्त साास जैसे ाकभीस स्रस में रतन …" तहम भी
तो जानती ुोंाी कं मड उन अभााों में हक नजससे जो प्रेम ंसे ाा रु मृायह ंी ाोन में सो जायैाा "! कक्रस्टीना नेख सुी ाी-
रु ---- ाा आया उभस नल पस मस्तं ंे रतन हुये नोलते ंु सुा ाासे माक अपनी महझे ाा प्रेम से परसरास अपने "---,
नुन औस नपता से मास रे जीनरत न सुे उसे ंसंे प्रेम से माक नानी नूढी ! भी मास ैंाला मडने अन प्रेम से कंसी अर----
कंसी ! चाुता नुीं मासना ंो कंसी । चाुता नुीं ंसना ंे भी प्रनत मेसे ह्रनय मे प्रेम उमड़ने ंा ताापयण ुड, उसंे नलये
मृायह ंा सृजन ंसना नुीं ुायायें अनधं ओस मड !, ंस संता ।"

"आपंी यु धासर्ा रहरटपूर्ण ुै कक्रस "!ा्टीना ने धीसे से ंुा"! मार भ्रम ंा ह्रनय आपंे " ---

"नुीं कक्रस्टी ये भ्रम नुीं, साय ुै कं ुै साय ंठोस"---ंुा ने रतन "! नजससे मड प्रेम ंरूकाा, रु जीनरत नुीं सु संे ाा
कक्रस्टी आराज ंी रतन "! भसाण ाई तहम्ुासे मड ! संू ााक सु न धार अनधं औस मड "---प्रेम ंा उुस प्रेम से नुीं ने संहक ाा
"!

"उतस ंी अनभलाषा कंसे ुै ?" कक्रस्टीना ने ंुा ंसे उपाकसना उसंी ईश्वस कं ुै चाुता ंन यु उपासं ंा ईश्वस ---?"

" समझने ंा प्रयास ंसो कक्रस्टी "!

"यु प्रयास ंसने ंी आरश्यंता आपंो ुै कक्रस्टी ुी साा ंे ंुने "!ना आाे नढ़ ाई । नाारुम ंी ओस संें त ंसंे
नोलीटुै नाारुम रु"---, उसी ंे अन्नस अपंे ंपड़े भी उपनस्ात ुड "। लीनजएाा ंस परसरितणत नुांस !

रतन उसे नेखता सु ाया !

नसस झहंाये रु तेजी से ाैलसी में नढ़ी जा सुी ाी ।

"कक्रस्टी "! पहंासा ने रतन "!

रठठंी कक्रस्टीना, महड़ ंस रतन ंी अाोस नेखा । ंनम्पत स्रस में नोलींसें क्षमा"-, आपंे उुस ंी अनभलाषी, नुीं मड "!

"मड तहम्ुें ंह छ समझाना चाुता हक "!

" युी न कं ईश्वस ंी उपासना ायाा नूक मड ?" धीसे से कक्रस्टीना ने ंुाशासन पस चमन । ंसें क्षमा पसन्तह-------- ुोाा
आपंा । चमन ंे नाारसंों ंे हृनय पस भी सााय ंसते ुड आपंोई ंा आप पस ह्रनय ंे कक्रस्टी कंन्तह-- अनधंास नुीं ुै !

कक्रस्टी अकपने मनोस्ाानयार ंो नरचासों ंे प्रंास भी कंसी में मनस्तष्ं- प्रनान ंसने ुेतह स्रतन्र ुै । यु ंुने ंा आपंो ंोई
अनधंास नुीं कं अपने ह्रनय में ईश्वस ंी उपासना ंे नरचासों ंो ायाा नूक । यु महझ पस अायाचास ुोाा औस अायाचास सुना
कक्रस्टी ंा ंाम नुीं ुै आाे औस महैंी रु ंुंस "! नढ़ ायी !

" सहनों कक्रस्टी, मेसी नात सहनो ।! पहंासा ने रतन "

पसन्तह इस नास रुंी नुीं कक्रस्टीना, पूरणरत आाे रढ़ती चली ाई !

अपने स्ाान पस खैंा रतन उसे उस समय तं नेखता सुा जन तं कं ाैलसी ंे मोड़ पस घूमंस ओझल न ुो ाई । रतन ंे
मस्तं पस पड़ा नल ाुसा ुो ाया । कफस न जाने कंन नरचासों ंे रशीभूत उसंा चेुसा सहखण पड़ ाया ।

सहखण चेुसा नलये रु लम्ने साा ंे ंनमो लम्ने-नाारुम में समा ाया !

उधस जन कक्ररुटीना ने ड्राइक ारूम में प्ररेश कंया ।

नासा नखचैंी ंी प्रेम ाई पं तो "---ने नरजय लााया सा-?"

" आपंा तो ुस सम्य मजां सूझा ंसती ुै नरजय भैया । कक्रस्टीना ाई नैठ अस सोफे हुई ंुती "!

ंॉफी ंा मा उठाया उसने औस ुोंठो से लाा नलया ।

इधस उसने एं घूकट नलया औस उधस नरजय ने ंुना शहरू कंया"------------'मजां नुीं कक्रस्टी इस ाकजे चचा ंी ंसम
।ाम्भीसता नकनारटी में स्रस ंे नरजय " ाी"...ंल्लो ुमें नास एं । ुै भयानं नैंा सोा ंा इस्ं ये"------------

"अने चहप ना ैंाटा ुी में नीच "!ाासोफ नेकं जाने क्या साले तू"---…।"

"नुीं चचा, नपछले जन्म में ंान्ता से इश्ं कंया ाा ाहरू ने "!

इस प्रंास तीनों ुी तलजलूल नातें ंसते सुे । इधस उनंी ंॉफी समाप्त हुई, उधस नूध जैसे सफे न ंपैंे पुने रतन प्रनरष्ट हुआ

एंटं रतन ंे सौन्नयण ंो नेख सुी ाी कक्रस्टी ।

रतन उससे नजस नचाने ंा प्रयत्न ंस सुा ाा !


.'"चचा औसत ननट अपना अाौस ायी नन मनण कक्रस्टी ुै ाया ुो उल्टा साला तो मामला "---लााया सा नासा ने नरजय !
"!

जलपोत ने नन्नग्ााु पस लकास ैंाला तो ंई सैननं अकनधंारसयों ंे साा साकापों औस हसकासी भी जलपोत पस चढ़ ाये । इस
नात से उनंा 'मााा' ठनंा ाा कं ैंें पस ंोई भी आनमी नुीं चमंा ाा !

एं साधासर्पस ैंें यारी तो पहुकचे पस नन्नसााु जन जलपोत कं ंे ाी नात सी- आजाते ुड, मास ैंें सूना पड़ा ाा !
कं ाी ंी युीं उन्ुोंने तो ंल्पना ंमचानुय ुी ुोना तो ंो ुरानची ंम-से-ाे ाा ।

कंन्तह पु अनप्रय घटना क्या ुो संती ुै, यु नात साकापों ंे । ाी नाुस से नायसे ंे कनमाा-

यु नरचास भी उसंे कनमाा से चंसाया ाा कं अास सास्ते में ंोई अनप्रय घटना घटी ुै तो जलपोत ंे सहसनक्षत युाक पहुकचने
ंा क्या मंसन ुै?

कफस भी साकापों ने सैननंों ंो सचेत ंस कनया ।

साणप्राम रे चालं।। पहुकचे में ंक्ष-

नो चालंों ंो नहत ंी भाकनत अपनी सीटों पस नैठे पाया !

"क्या नात ुै इस तसु क्यों नठे ुो तहम ?" -साकापों ने पूछा !

अपने सानायों ंो अपने पास नेखंस उनंे पीले चेुसों ंी सक ात ननली । उन्ुोंने नताया कं, उनंे सभी सानायों ंो एं ंक्ष में
नन्न ंस कनया ाया ुै ।

नरजय ने उन्ुें जलपोत चलाते सुने ंा आनेश नेते हुए यु ंुा ाा कं अास रे एं पल ंे नलये भी सीट से उठे अारा अन्य
कंसी प्रंास ंी अनहनचत ुसंत ंसने ंी चेष्टा ंी तो रु टी । ुै सुा नेख उन्ुें नैठा में ुाल नी.इसी ैंस से उनमें से ंोई
नुला तं नुीं समान ंे नहत भी अन । आये ले युाैँ सीधा ंो जलपोत ! इसीनलये नैठे ाे, क्योंकं, उनंी नृनष्ट में उन पस
नजस सखी जा सुी ाी !

उनंे उलटे! ुै घटी घटना क्या पस जलपोत में सास्ते कं ाया समझ साकापों से नयान सीधे-
हसकासी औस ंई अन्य अनधंारसयों सनुत साकापों टी री ुॉल ंी तसफ रढ़ ाया ुै ! रुाक पहुकचने ंे नलये पुले रे उस ुॉल
से ाहजसे नजसमें रतन ने व्यूु ंा ंमाल कनखाया ाा !

रुाैँ ंी नस्ानत ंाक ननसीक्षर् ंसता हुआ साैँापों अनहमान लााने ंा प्रयास ंसने लाा कं क्या ंह छ हुआ ुोाा !!

तनजनकं रे टीरी ुाैँल में पहुकचे !

ंई अनधंारसयों ंे ंण्ठों से तो चीखें ननंल ाई । साकापों औस हसकासी ंे मााे ठनं ाये !

आकखों में खून उतस आया ।

नृश्य नेखने राले चीनी अनधंारसयो ंे शसीस!! ाे सुै ंाकप-

एं ैंसारनी नसुसन उनंी आखों में आनैठी ाी ।।

नृश्य ुी ऐसा ाा कं नैंेस-ाे। उठे ंाकप भी इन्सान कनलंे नैंे-

सासे ुॉल में अनें चीनी सैननंों ंे ंी सेशम । ाे हुये लटंे उल्टे नजस्म" ैंोरसयों ंे नससे ुाैँल ंी छत पेस रकने ाे उन्ुीं !
उल्टे नकधे में रसयोंैंी लटं सुे ाे चीनी सैननं !

उनंे नसस ुॉलंे फशण से ठीं सात फीट ंी तकचाई पस पे । सभी नेुोश सभी ंे मााों पस से खून ंी नूकनें फशण पस टप टप-
द्वासा ब्लेैं ाीं सुी नास ंसंे सभी ंे मााों से ाोश्त
नोचंस नलखा ाया ाा --नरंास ---

नरंास--नरंास--ंासनर--नरंास--

साकापों ंे कनमाा में ुाोड़े ंी भानत यु नाम नजने लकाा ।

ुॉल ंा सासा फशण खहन ंी नूनों से अकटा पैंा ाा लटंे सन रे में नृनष्ट- एं ! हुए शसीस लाश ! ाे सुे ुो प्रतीत ुी से-
ंी ुनानची ुालात ाम्भीस सराणनधक्क ाी !

उसंे मस्तष्ं पस भी नरंास नलखा ाा ।

आभास ुोता ाा कं ंोई सुस्य उसंे महैँु से उालनाने ंे नलये उसे भयानं रूप से यातनाएैँ नी ाई ुै ।
नरंास--नरंास--नरंास--

साापों ंे आनेश पस ुनानची औस सभी सैननंों ंो उतासा जाने लाा ।।

कंन्तह लाशों ंे उतसने से पुले ुी ंई परंासों ने रुाक पहुकचंस रु भयानं नृश्य अपने ंै मसे ंे अकनस, ंै न ंस नलया ।।

साकापों ाम्नीस ाा नेुन ाम्भीस ।

उसंी नसों में नौड़ता खून उनल सुा ाा !!

हसकासी ंो रकुी छोैंा उसने, नो अनधंारसयों ंों अपने साा नलया ।

जलपोत ंी सनसे ननचली मकनजल ंे ंमसा नकम्नस नस तं पहुकच ाया रु । ंमसे ंे नन्न नसनाजे पस उसे एं ंााज नचपंा
नजस आया उसने।। पड़ा ंो ंााज उस !

उसमें नलखा ाा---

नेटे सााकपों !

इस ंमसे ंे अकनस तहम्ुासे नपट्ठह मौजून ुै छोड़े नलये ंे सुायता तहम्ुासी ! जा सुा हक खहशी नेुन ंस जानंस नात यु !!!
! ुो ाये ले कफल्में तहम कं हुई

कफल्में ुमें इसी जलपोत पस नमल जाती तो नेुन नहख ुोता ।। जानता हैँ कं यु जलपोत चीन पहुचेाा औस मेसे इन शब्नों ंो
तहम पैंोाे भी अरश्य । अछछी तसु समझ लो कं नजस समय तहम ये शब्न पढ़ सुे ुोंाे उस समय मड तहम्ुासे ुी नेश में ंुीं हक
। सम्ुलंस सुना में नेश तहम्ुासे !! लेना सों तो संो सों !! तहफान मचाने आया हक । तहम्ुें चैलज
ें नेता हक चीन---------
अपनी से कफल्में ननंालंस ले जातााैँ सों नुीं महझे ससंास चीन पूसी क्या तो तहम !! संे ाी !!

तहम जैसे नरसन्ने,, अहुकसा ंे उपासं ंो हुकसा अपनाने पस नररश ंसते ुै !

------- रतन !

----- रतन रतन ----- रतन----- -----


----- -----रतन रतन----- -----
----- रतनरतन ----- रतन----- -----

साकपपों ने उस ंााज ंो पढा । उसंे ुो खड़े सोंाटे ंस पढ़ !

उसंे आनेश पसे नसराजा खोला ाया ।


साकापों ने उस ंााज ंो पढ़ा ।

पढ़ंस सोाकटे खड़े ुो ाये उसंे ।

उसंे आनेश पस नसनाजा खोला ाया ।

" नहससत "! आाये आंा ुमासे "-- ाा उठा नोला तहालं ुी नेखते उसे "!

" आंा में पैसों ंे साकापों अभी----अभी रु ! नहससत नढ़ा आाे हुआ ंुता "! झहंने ुो नाला ाा कं साैँापों ने ंठोस
स्रस में चेतारनी नेंस उन्ुें सों कनया ।

जेम्स नाण्ैं चहपचाप साकापों ंी तसफ नेख सुा ाा !

पों ने ंुा-“आश्चयण ंी नात ुै कं नाण्ैं जैसा मुान जासूस इस चूुन


े ानी में ंै न ुै "!

जल उठा जैम्मनाण्ैं-, नोला…"नजन्ुोंने ुमें युाैँ ंै न कंया ुै जन तहम उनंे चकाहल में फण सोंाे तो पता लाेाा ।"

ुल्ंी सी महस्ंान नौैं ाई ााकापों ंे ुोंठों पस, नोलाठीं ाया ुो जो खैस"---- ुै, ।कंन्तह कफलुाल मड तहम्ुासी तसफ
नोस्ती ंा ुाा नढ़ाता हक "!

"जन तं फामूणले ंी कफल्में ुमासे नीच ुै तन तं शायन ुमासे नीच नोस्ती नुीं ुो संे ाी "!

"कफल्में ुमासे पास सहसनक्षत ुै नमस्टस नाण्ैं योजना एं में कनमाा ंे पों "! आ ाई ाी औस रु उस योजना ंे आधास पस
नातें ंस सुा ाायुाक रतन औस नरजय"----- से नरंास औस नााासोफ ंो ननंालंस ले ाये औस तहम्ुें युीं छोड़ कनया ।
इसंा सीधासा ताापयण ुै कं ने नााासोफ ंो अपना नोस्त समझते ुड औस तहम्ुें नहश्मन शायन अन्तसाणष्ट्रीय साजनीनत ंे नुसान से
उन्ुोंने यु ननर्णय नलया ुै "!

"क्या ंुना चाुते ुो ?"

"अास उनंी नृनष्ट"। ुै नोस्त ुम तो सौचें से .' साकापों ने ंुा …"अास रे सन ुमासे नररुध्न एं ुो संते ुड तो ुमें
चााृनुये कं एं जहट ुोंस ुम भी उनंे नखलाफ खड़े ुो जायें । नोस्त ननंस नहश्मनों ंा महंानला ंसें ।"

एं पल राण्ैं ने ंह छ सोचा ुै शायन यु कं इस समय पों अपनी नोस्ती ंा ुाा नढ़ा सुा ुै । उसे स्रींास ंस लेना ुी
नुतंस ुै । सम्भर ुै कं पों ंे साा चीन में सुंस रु कफल्मों ंा पता ननंाल संे !

एं ुी पल में इन सच नातों पस नरचास ंस ाया रु, नोला ंसोाे नात ंी समझनासी इतनी तहम कं ाी नुीं आशा महझ----

!”

पों ंी आकखें' चमं उठी ।

साकापों महस्ंसाया, नोला तहम्ुें ुै मन्जूस नोस्ती मतलन इसंा "---?"

" अास यु सच्चे कनल से ंी जा सुी ुै ! महस्ंसाया नाण्ैं "!

कफस " ! ाे साा उनंे भी तहालं औस नहससत । रे ाये नन नोस्त--

उसी शाम साकापों चीनी सीक्रेट सिरणस ंे सातण्ैं प्रूफ ंमसे में अपने चीफ ंे सामने नैठा ाा । चीफ़ उससे ंु सुा ाा ---
नाण्ैं जेम्स ुै सहना "-, नहससत औस तहालं ंो तहमने 'ुातस' में ठुसा कनया ुै ?"

--""जी ुाक ।"

"ऐसा क्यों कंया तहमने ?" चीफ ने पूछाठुसाया ंो अनतनायों तों रुाैँ "---- जाता ुै । रुाक से तो ंोई भी आसानी ंे
साा ननंलंस भाा संता ुड । इन्ुें तो कंसी सहसनक्षत औस ाोपनीय स्ाान पस ंै न ंसंे सखना चानुये ाा ।"

"इस समय ने ुमासे अितणना ुड चीफ "! भााेॉाें नुीं ंुीं रे !

" क्या मतलन ?"


" मतलन ये चीफ कं नरजय, रतन औस नरंास चीन में आ चहंे ुड । रूसी नाासोफ ंो भी अपनी सुायता ंे नलए उन्ुोंने
साा ले नलया ुै । यूक तो नरजय औस नरंास से ुी ुमासा नेश पसे शान ुै ------ुड ाया नढ औस शैतान एं इनमें अन---!
। रतन-- उसंा ंुना ुै कं चीन में तनाुी मचाने आया ुै रु ंे ंसने महंानला सनंा इन ! नलए नाण्ैं, नहससत तौस
तहालं ंी सुायता लेने में क्या नहसाई ुै ?"

" मास रे तहम्ुासी मनन ंसें ाे क्यों ?"

" कंयहकं उन्ुें उन कफल्मों ंी अाारश्यंता ुै नात ऐसी "-ंुा ने साकापों- "! नुीं ुै चीफ कं मड ंह छ समझता नुीं हक ।
महझे सन पता ुै कं जेम्स नाण्ैं ने मेसी नोस्ती क्यों क्यों स्रींास ंस ली ुै ।"

-"'क्यों ?"

" अास रु ुमासी नोस्ती स्रींास न ंसता तो क्या ुोता ? युी न कं ुम उसे ंै न ंस लेते ? मड जानता हक कं इस
ुंींत ंो नाण्ैं अछछी तसु समझता ुै । उसने सोचा कं ंै न में पड़ंस क्या ुोाा ? नोस्ती स्रींास ंसंे यु मेसे साा
सुेाा तो शायन कंसी नतंड़म से उन कफल्मों ंा पता क्या संे ।"

" नननश्चत रुप से नाण्ैं जैसे व्यनक्त ंें कनमाा में यु नरचास आना "ुै। नात सी स्राभानरं-------

-"औस युी लालच उसे युाक से फसास नुीं ुोने मड नेाा "!

"कक्रन्तह अास रु कंसी कनन रास्तर में कफल्मों तं पहुकच ाया तो ?" चीफ ने सकभारना व्यक्त ंी ।

"जन स्रयक मड ुी नुीं जानता कं कफल्में ंुाैँ ुड तो उनंे पहुकचने ंा प्रश्न ुी ंुाक उठता ुै ?" ंह रटलता ंे साा महस्ंसाते हुए
पों ने ंुामडने लांस सहसनक्षत कफल्में"----
आपंो ने नी । यु मड स्रयक नुीं जानता कं आपने ये ंुाैँ पहुकचाई ुड ?"

" अन तहम्ुासी योजना क्या ुै?"


" मड उनसे ंु आया हैँ कं सात नजे उनसे नमलने आतकाा,, साढे छहुई रजाती : रसस्टराच ंो नेखता हुआ साकापों नोला -
नमर ुमासे रे कं ंहाा उनसे मै साष्ट्र ंे जासूस ुड ंसें ाे सुायता ुमासी नखलाफ ंे इायाकन नरजय रे अास : तो ुम उनंे
साष्ट्र ंो रेरज एम औस अर्हनाशं कंसर्ों ंा फामूणला अरश्य नेंाे ।। इस झाकसे में फसांस मड उन्ुें अपनी मनन ंे नलए तैयास
ंस लूकाा । अन्त में उन्ुें कंस तसु ंा फामूणला नमलेाा आप समझ संते ुड "!

''ुमें तहम पस पूसा भसोसा ुै ।।। ंुा ने चीफ "

"न जाने ुैसी ंुा ाायन ुो ाया ?" पों ने ंुाइसी भी उसे तो ुोता रु "--- झाकसेमें लेंस अपना नोस्त रनाया जा
संता ाा । रु रतन औस नरंास ंी टक्कस ंा लैंंा ुै ।"

" खैसुाक--, ुरानची ंा क्या ुाल ुै ?"

" अन तो ठीं ुै रु ुै सात रजे रु औस हसकासी भी नाण्ैं ंे पास ुाउस में पहुकच सुे ुै ।"

इस प्रंाकस ंह छ नेस औस आरश्यं नातें ंसने ंे नान साकापोफ खड़ा ुोाया।

चीफ ने उसे जाने ंी इजाजत ने नी !

रुाैँ से ननंलंस रु ठीं सात नजे ुाउस पहुैँचा !

ंमसे में नाण्ैं, नहससत औस तहालं ंे साा उसने ुनानची औस हसकासी ंौ भी अपनी प्रतीक्षा में पाया !

ुनानची ंे नसस पस एं ुैट ाा । ंाफी ुन तं उसने ुैट ंा अनणम भाा अपने मनस्तष्ं पस झहंा सखा ाा । सम्भरत :
नलखा पस मााे उसंे कं इसनलए'नरंास' नजस न आए ।

उनंे सामने मेज पस शाम ंो पीकंक ा से ननंलने राले ंसीन ंसीन सासे अखनास पड़े ाे !

सभी में जलपोत ंे टी री ुाैँलक ंा नृश्य छपा ाा । चीन में नरंास ंे आामन ंी खनस ंो प्रायें अखनास ने अपने ढका से
नमं ! ाा छापा लाांस नमचण-

एं अखरास में' तो नरशेष रूप से ुरानची ंा फोटों छपा ाा । उसंे मााे पस नलखा ाा 'नरंास' !

"चीन ंे अन्नस नरंास ंा आधा आतकं तो तहम्ुासे नेश ंे ये अखनास फै ला नेते ुै ।ंुा ने राण्ैं जेम्स "…......."नरंास
ंा नसद्धाकत ुै कं रु जुाैँ जाता ुै, पुले रु अपने’ नाम ंा टेसस फै ला नेता ुै ुाैँल नी टी उसने से उनेश्य उसी ! में
सैननंों ंो उल्टा लटंाया ाा उनंे मााे पस अपना नाम नलखा ाा । इन अखनोसों में तो रतन ंा रु पर भी छपा ुै जो
उसने तहम्ुासे नाम नलखंस क्रमसे ंे नसराजे पस नचपंा कनया ाा "!

"तहम ठीं ंुते ुों । नरंास उतना ुै नुीं नजतना ये अखनास चीनी जनता ंे सामने उसंा ुब्ना नना नेते ुै "!

"तहम्ुासी ससंास ंो अखनासों पस सैसस लााना चानुए ुैनी साय ने नाण्ैं "…"आनेश ुो कं नरंास से सम्ननन्धत ंोई भी
अखनास कंसी तसु ंा समाचास न छापे इन समाचासों से ुोता ये ुै कं चीनी जनता नरंास ंे आाुन ंो ुी अपने नश ंे
नरनाश ंा द्योतं समझ लेती ।"

" अखनासों पस सैसकस लााना ुमासा ंाम तो नुीं जन मे नरषय ुै। ंाम ंा ससंास"--ंुा ने साकापों "! रु ुी ंह छ नुीं
सोचती तो ुम क्या ंसें ?"

"सींें ट सिरणस ंे माध्यम से तहम्ुें अपनी ससंास से माका ंसनी चानुए "! नाण्ैं ने ंुा… "तहम्ुें नलील नेनी चानुए कं
अखनास ंह छ इस तकसु नरंास ंा टैसस जनता में फै लाते ुड कं साधासर् जनता नरंास ंे नरषय में ंह छ नताते हुए ैंसती ुै
औस तहम्ुें पसे शानी ुोती ुै, इायाकन ।"

"इस नरषय पस मड स्रयक सोच सुा ाा ंुा ने पों "!…"लेकंक न युाक ुमासी नातों ंा नरषय ुै कं ुम सर ंो नमलंस
ननंास, रतन औस नरजय ंा महंानकना ंसना ुै । आज कनन में मडने अपने चीफ से नातें ंस ली ुैऔस उन्ुोंने एं ऐसा
आश्वासन कनया ुै नजससे ुमासी नोस्ती औस मजनूत ुोाी "!

" ंै सा आश्वासन ?"

" "यु कं अास आप उनंे नखलाफ ुमासी मनन ंसें तो ुमासा नेश आपंे नेश ंो रतन ंे नोनों फामूणलों ंी नंल ने नेाा
।"

एं क्षर् ध्यान से साकापों ंे चेुसे ंो नेखने ंे नान नाण्ैं ने 'ंुा१-…"अास ये सच ुै तो ुम तहम्ुासी मनन ंे नलए तयास
ुड ।"

" ाहैं अन"---- ंुा ने पों "!, एं नास… नसफण यु पता ला जाये कं चीन में रे लौा ुड ंुाक ?" इस नास ुमासा
प्रयास ये ुोाा कं उनमें से कंसी ंी लाश भी चीन से नाुस न जा संे । ुम नहननया से उनंा ड़स ुमेशा ंे नलए समाप्त ंस
नेना चाुते ुड "!

"क्या मड भी आप लोाों ंा नोस्त नन संता हैँ ?"


एं नई आराज ने सनंो चौंा कनया ।

पलटंस सभी ने नसनाजे ंी तसफ नेखा । नसनाजे पस ुैसी महस्ंसा सुा ाा !

" ुैसी "! पों एंक नम खड़ा ुो ायााए पहुकच ंै से युाक तहम"----?"

" कंसी भी जासूस ंे नलए ंुी भी पहुकच जाना शायन नहुत आश्चयण ंी नात नुी ुै ुोता प्रनरनष्ट में ंमसे "! हुआ ुैसी
नालामड राला ुोने प्रनरषट में प्रयोाशाला ंी तनर सकरणप्रपम"-- ुी ाा , कंन्तह नरंास ने चमन में ुी महझे ंै न ंस नलया !
में मेंअप मेसे उसने स्रयक कफल्में ाायन ंी । महझे अलफाकसे ंी सहसक्षा में ंै न ंस नलया ाया ! कंसी प्रंास मड उसंी ंै न से
भाका ननंला भी यु लााया। पता सनंह छ ! पता लााया कं ैंैैंी ंे मेंअप मे महझे लेने नाण्ैं अंक ल अंे ले चमन आए ाे ,
कफल्मों ंे चीन तं पहुचने ंी सासी ंुानी पता लाी । नलुाजा मड युाक अाााया । कफल्मों ंा पता ंे चक्ककस में ुी तहम्ुासा
पीछा ंस सुा ाा कं तहम्ुासी नातें सहनी । सोचा कं मड भी नोस्त ननंस उस फामहणले ंी नंल अपने नेश तं पहुचा नू तो
उनचत सुेाा । युी सोच" । आाया सामने मड -

--"तहमने नहुत अछछा कंया ुै ुमासे नीच तहम्ुासी ुी ंमी ाी ।ने पों " ंुा…" भासत औस रूस, चीन औस अमेरसंा ंे
ुमेशा ुी नखलाफ सुे ुै ुै । इस अनभयान में भी , उन नोनों नेशों ंे जासूस नमलंस ंाम ंस सुे ुड । ुमें भी एंजहट
ुोंस उनंा महंानला ंसना चानुए ।"

-"तहम्ुासा यु प्रस्तान पसन्नआया तभी तो मड सामने आया ।ने ुैसी " ंुा…रनाण एं नहश्मन जैसे ढका से कफल्में प्राप्त ंसने ंे
नलए मड तहम्ुासा पीछा ंस सुा ाा । अास तहम, अमेरसंा ंो भी उस फामू्णले ंी नंल नेने, ंे नलए तैयास ुो तो मड तहम्ुासे
साा आ संता हक "!

जेम्स नाण्ैं, जो ुैसी ंे आामन पस अभी तं ंह छ नुीं नोला ाा । रु चहपचाप नहुत ध्यान से ुैसी ंा चेुसा नेखे जा सुा
ाा ।। इधस साकापों ुैसी से ंु सुा ाांस ननश्चय ंा नेने नंल ंो साष्ट्रों नमर .अपने ने ससंास ुमासी---- नलया ुै ।"

इससे पूरण कं ुैसी ंह छ नोले, जेम्स नाण्ैं ने ंुा"----- तहमसे ंोई भी समझौता ंसने से पूरण मड ंह छ नातें ंसना चाुता हक
ुैसी?"

" जरूस ंीनजए अकंल "!

"ये तो तहम्ुें मालूम ुै ुी कं चीन में इसक समय, नरजय, नरंास, रतन इायाकन मौजून ुै औस रे".......
" ंोई भी मेंअप ंस लेने ंे मामले में उस्तान ुै ।"

महस्ंसते हुए ुैसी ने नात पहसी ंी ---" सुी भी ुै । आपंो इस तसु अचानं महझ पस नरश्वास भी नुीं ंसना चनुए ।।
नजस तसु भी अााप चाुे अपनी तसल्ली ंस संते ुड ।"

" इस प्रंास नाण्ैं ने ुस प्रंास से जाकच ंी औस पाया कं ुैसी ुी ुै तो नोला"। जाओ नैठ"--

कफस उनंे नीच इस नरषय ंो लेंस नाताणलाप ुोने लााकं नरजय, नरंास, रतन औस नााासोफ से कंस प्रंास ननपटा जाये ।।
पुले तो यकुी प्रश्न उठा कं यु ंै से पता लाे कं इतने रैंेे़ चीन में रे ुड ंुाक ?

कंन्तह पता लााने ंा ंोई उनचत तसींा उनंे कनमाा में नुीं आया । तन ुैसी ने ंुा चीन लोा रे "----में ुड औस जन
तं चहपचाप नैठे ुड, तन तं तो कंसी भी प्रंास उनंे रठंाने ंा पता ला ुी नुीं संता। कंक तह ुाक यु एं स्राभानरंसी-
नात ुै कं रे युाैँ चूप नुीं नैठेाे ।। नात अास नसफण नरजय अकंल ंी ुोती तो यु सोचा जा संता ाा कं रे कनमाा से
ंाम लेंाे औस उसी समय ंोई ुसंत ंसें ाे' जन उन्ुें पता सा जायेाा कं कफल्में ंुाक ुै ,, कंक तह न नरंास शाकनत से नैठने
राला ुै, न रतन । रे अरश्य ुी ंोई ुकाामा ंसें ाे । नस, उनंे मैनान में अााते ुी ुमासा ंाम आसान ुो जायेाा ।'"

’इस प्रंास ंी नातों ंे पशचात् नासु नजे यु मीरटका समाप्त हुई ।

साकापों ने ुैसी ंे सुने ंा प्रनकध भी ुाउस में ंस कनया ।।

सात ंे ंसीन नो नजे ंे ंसीन साकापों अपने ननस्तस पस लेटा । लेटते ुी अपने नजस्म में उसे ंह छ खहजली सी मुसूस हुई ।
कफस रु अपने नजस्म ंी नहसी तसु खहजलाने लाा ।

" ुम खहजलाक नें पों नेटे "!' इस एं आनाज ने उसंे सासे शसीस ंो जैंरत् सा ंस कनया ।

उसने नेखा! ाा हुआ प्रंट नरंास से पीछे ंे पने । उसंे ाए ुो खड़े सोंाटे ुी नखते-

नेैं पस से उछलंृ स रु फशण पस खड़ा हुअाा तो नेैं ंे नीचे छू पे कंसी व्यनक्त, ने उसंी नोंनों टााें पंड़ंस खींच नी ।
धड़ाम से महकु ंे नल नु फशण पस नासा ।
अाले ुी पल नेैं ंे समीप रतन खैंा हुया ाांपैंे सफै न-, आखों पस ंाला चश्मा, ुाा में छड़ी ।

जनसनस्त फह ती ंे साा पहनखड़ा उठंस : ुो क्या ाा साकापों ।

उसने नेखा…नो तसफ से नघसा हुआ ाा रु ।

** नोनों तसफ नसानस ंी लम्नाइयों राले लड़ंे । मानो ंामनेरों ने एंाएं यमसाज ंा रूप धासर् ंस नलया ुो । साकापों
उनंे नीच स्रयक ंो नरणस सा मुसूस ंस सुा ाा ।

उसंे नजस्म में खहजली उठी औस पाालों ंी तसु खहजाने लाा ।

रतन औस नरंास ठुांे लाांस ुकसने लाे ।

साकापों ंे महकु से खून नुने लाा ाा । अपने नजस्म ंो पाालों ंी तसु रु नोचे चला जा सुा ाा ।

कफस रतन ने छड़ी में से महानस ननंाला । झन्नाता हुआ एं नास उसने साापों ंी छाती पस कंया, महकु ंे नल नासा तो
नरंास ंी ठोंस सुनी पैंीे़ ।

इस प्रंासंो साकापों भी ने कंसी ुै उनमें । पड़े नपल ुी नोनों पस साापों- सम्ुालने ंा मौंा नुीं कनया । एं तो रु
स्रयक ुी खहजली से पसे शान ाा ,तपस में उन्ुोंने उसे ननोच नलया । पों ंह छ भी न ंस संा । मासतेओस नरंास मासते- नतन
ने उसे अधमसा ंस कनया ।

अन्त में सोतेकं पूछा औस लटंाया उल्टा पस पकखे ने रतन ंो पों नाैंनाैंाते- कफल्मे ंुाक ुै ? पों ने जराय नुीं कनया तो
साक्षस नन ाया नरंास ुै ब्लेैं ननंाल ंस उसने
पों ंी सासी खाल नोंच ैंाली । नाखूनों ंी जैंें ंाट नीं । ंान ंाट नलए । मााे पस अपना नाम नलख कनया ।।

नेुोश ुोने से पूरण पों ने उन्ुें नताया कं कफल्में उसने अपने चीफ ंो ने नी ुड । नस, इससे आाे कफल्मों ंे नरषय में उसे
ंह छ पता नुीं ुै । नरंास ंो क्या पता ाा कं रु नेचासा सच नोल सुा ुै ? रु तो युी समझा कं पों असनलयत छह पा
सुा ुै अत। लाा ंसने नासीखानतस अनधं औस उसंी :

उस समय नरंास ंो यंीन ुो ाया कं पों ने रु नता कनया ुै, जर नपटता नपटता पों मृायह से ंह छ ुी नूस सु ाया !
कफस उसंी ंोठी ंे महख्यद्वास ंे नीच पों ंे नेुोश शसीस ंो रे उलटा लटंांस चले ाये ।

अाली सहनु पूर्ण चीन में आतकं छाया हुआ ाा ।

अखनासों ंे ंॉलम नरंास औस रतन ंे नामों से सक ाे पैंेे़ ाे!

अपनी ंोठी ंे महख्यद्वास पस न नसफण पों ंा नजस्म उल्टा लटंा पाया ाा, ननल्ं ंसीन औस हसकासी में नस्ानत उसी ंसीन-
नजस्म ंे अनधंारसयों सैननं पचास पाये ाये ाे ।

चीन में इस प्रंास ंा आतकं जैसा कंसी छोटे!! ुो ाया फै ल पस जाने ुो प्रनरष्ट ंे शेस में ााकर से-

उसी सहनु कक्रस्टीना ंे ड्राइक ारूम में नैठा नरजय ंु सुा ाा… तहम साले मानोाे नुीं, भला सात यु सन ंसने से फायना क्या
हुया ?"

"अने चहप सु चटनी ंे , नच्चों ंो ंसने ने जो ंस सुे ुड "!

"चचा, तहम भी इन्ुें समझाने से तो ाए, शै नेते ुो ुै! ंुा ने नरजय "

इससे पूरण कंु नाासोफ ंह छ नोले, ाम्भीस स्रस में रतन ने ंुाकक्रस्टीना"- ने महझे सन ंह छ नता कनया ुै चचा ! मड औस
नरंास नोनों ुम कं सुे समझते यु- सात ंो तहम्ुें धोखा नेंस युाक से ननंल ाए ाे, मास रास्तनरंता ये ाी ंी अााप न
नसफण जाा सुे ाे, रनल्ं जुाका ुम जुा-ए रुाक आप भी ुमासे पीछे ाये ाे औस ुमसे पुले युाक आंस पहन नाटं ंा सौने :
"। कंया

--'"अने तो औस क्या ंसता ?" नरजय भैंकं उठा "! ुै नलया ले ठे ंा ुी ंा सहसक्षा तहम्ुासी सालो तो ुमने"-----

इससे पूरण कं नरजय ंी इस नात ंा ंोई जरान ने पाता, नसराजे पस नस्तं हुई । 'सर एंनम चहप ुो ाए ।

कक्रस्टीना ने पूछा…"ंोन ुै ?"


"लैला ंा मजनू ।। आई आराज से नाुस "

'"लूमड़ औस उठा से स्ाान अपने नरजय ंुंस "! झपटंस नसराजा खोल कनया । सामने नेखा, तो ुैसी खड़ा ाा । जुाक ुैसी
ंो नेखंस नरजय भौचंा सु ाया, रुाैँ कक्रस्टीना, नााासोफ औस नरंास ंे रसराणल्नस नाुस आ ाये ।

इससे पूरण कं ंोई ंह छ ुसंत ंस पाता, नसराजे पस खैंे ुैसी ंे महकु से अलंाकसे ंा स्रस ननंला ंा ुैसी चेुसा " ----
ुै जरूस, लेकंन हैँ मड अलफाकसे । इस रूप में मडने अलंाकसे ंी ंै न से फसास ुोने ंा नाटं सचा ुै औस नहश्मनों ंा नोस्त नन
नैठा हक ।"

उसे ंमसे ंे अन्नस लेंस नसराजा पहन। ाया नलया ंस नन्न :

नरजय ंे पूछने पस सोफ पस नैठंस अलफाकसे ने सकक्षेप में जो ंह छ नताया, रु इस प्रंास ाा, "जन महझे पता लाा कं कफल्में
चीन पहुकच ाई ुड तो मडने भी युाक आने ंा ननश्चय कंया । अपनी असली सूसत में आने ंे स्ाान पस मडने युाक ुैसी ंी सूसत में
आना अनधं उनचत समझा । सोचा कं इस अनभयान ंे शहरू में ुैसी ने मेसा मेंअप ंसंे ंाम कंया ाा, सो रु ंजण उतास
नूक । मड नपशाच से नमला । ुैसी ंो उसंे ुनाले ंस कनया । चमन ंे साष्ट्रपनत भरन ंे एं तुखाने में इस समय ुैसी ंै न ुै ।
नपशाच ंो मड सन ंह छ समझा, आया हैँ । उसी ने नतलस्मी चीजों ंा प्रयोा ंसंे मेसे चेुसे पस यु मेंअप कंया ुै । मड ंल
युाक पहुच ाया ाा । मडने सोचा कं महझे अपने ढका से यु पता लााना चानुए कं कफल्में ंुाक ुड ? इसी मंसन से मड पों ंे
पीछे ला ाया ।, सात नजे पों ुाउस में ठुसे नाण्ैं,-नहससत औस तहालं से नमला ुै उस समय हसकासी औस हानची रुीं ाे
। रुाैँ मडने उनंी नातें सहनीं। उनंी नातें सहनंस मेसे कनमाा में एं योजना पनपी । सोचा कं तहम लोा तो अपने ढका से कफल्मों
ंा पता लााने ंे चक्कस में लाे ुो ुी, क्यों न मड उनंा सााी ननंस यु प्रयासक ंरूक?"

"'स्ंीम तो तहम्ुासी ननस्सन्नेु तासीफ ंे ंाननल ुै लूमड़ भाई से ख्याल मेसे लेकंन"----ंुा ने नरजय " ! नाण्ैं इतना
नेरंू फ तो नुीं ुोना चानुए कं रु तहम पस एंनम यंीन ंस ले ुै क्या उन्ुोंने तहम्ुासी जाकच नुीं ंी ?"

" नपशाचनाा द्वासा कंया ाया मेंअप क्या आज तं ंीसी ंी जाकच में आया ुै ?" अलफासे ने महस्ंसाते हुए जरान कनया !

" हक"। ुै कफसता नलए ुी ंो नराओं-नतनलस्म अपनी नपशाचनाा साला----

इस प्रंास उनंे नीच नातें ुोने लाी ।

एं घकटे नान अलंाकसे रुाैँ से चला ाया । रे पहनऐसी ंोई । ाए ला में नातों : तसंीन सहझाई नुीं ने सुी ाी नजससे यु
पता ला संे , कं कफल्में ंुाैँ ुड ?

औस पहसे तीन मुीने ाहजस ाए ुै ।हुअाा नुीं ंह छ क्या अन्नस ंे चीन में मुीनों तीन इन-, पसन्तह कफल्मों ंा कफस भी पता न
ला संा ।
ये तीन मुीने चीन ंे नलएक ंुस ंे मुीने ाे ।।

ुस सोज सहनु ंो अननानत ऐसी लाशें नमलतीं नजन पस नरंास नलखा ुोता ाा । चीन ंी जनता औस ससंास रानु ंस रानु-
। उठी

चीन में ुोती इस तनाुी ंी ाूकज नसफण चीन में ुी ंै न ुोंस न सु ाई ाी रनल्ं सासे नरश्व में ाूैँज उठी ाी ।

नरंाकस औस रतन ंी एं ुी माैँा ाी----' चीन चमन ंे चहसाये हुए फामूणले लौटाये !'

चीन सासे नरश्व में प्रचास ंस सुा ाा,, रतन औस नरंास उसंे साा क्या ंस सुे ुें कंन्तह नीच रीं.टी ंी नरश्व में नीच-
औस उभसता रतन हुआ जला पस स्क्रीनों चीन द्वासा कंए ाए प्रचास ंा खण्ैंन ंसता,ंुता कं रु चीन से ननला अरश्य
लेाा, कंक तह अभी तं रु ठीं भी नुीं ुोपाया। चमन से नाुस भी नुीं ननंला ुै ।

इधस चीन में ये नोनों शैतान इस ंनस तनाुी मचाये हुए ाे कं सासा नेश आतककंत पहतला ननंस सु ाया ाा ।

ुस सहनु चीन ंी सैंंें लाशों से भसी पाई जाती । ंभी एयसपोटण पस खैंे नरमान धहधह-, ंसंे जलने लाते तो ंभी अछछी
खासी जाती से लााैंी एं धमांे ंे साा उड़ जाती । ुस नहघणटना ंे पीछे कंसी न कंसी रुप में रतन औस ननंास ंी माैँा
ाूकज उठती ।

नरनाशनरनाश औस नननाश-…चासों तसफ नरनाश फै ला कनया उन लड़ंों ने ।।

औस इस समय रे कक्रस्टीना ंे ड्राईरूम में नैठे नखल नखलांस ुकस सुे ाे ।

उनंे चेुसों ंी मासूनमयत ंो नेखंस ंोई ंु नुीं संता ाा कं उनसे आज पूसा चीन ंाकप सुा ुै । उनंे अनतरसक्त
ड्राइक ारूम मड इस समय नााासोफ, नरजय, ुैसी ंे रूप में अलफाकसे औस कक्रस्टोना भी मौजून ाे । नरजय ंु सुा ाा… "मेसी
समझ में नुीं आ सुा ुै कं नोनों ंो इस नरनाशलीला से क्या लाभ ुोाा ?"

''ुमासे पास ऐसा ंोई तसींा नुीं ुै ाहरु, नजससे ुम यु पता लाा संें कं रे कफल्में ंुाक ुड ?" ननंास ने ंुा ---
मु भी नान ंे ाहजसने मुीने तीन आज" पता नुीं लाा संे ुड । ंमुमास तसींा यु ंम-से-ाे पास ुै नजससे , ुम चीन
ससंास ंो कफल्में रापस ंसने पस नररश ंस संते ुै "!

"इस तसु भला रे कफल्में ंै से ने नेंाे "!


…""उन्ुें नेनी पैंेाी ।इतना ंो जनता ंी नेश इस ुम"----ंुा ने नरंास " आतककंत ंस नेंाे कं चीनी जनता स्रयक ससंास
से यु माका ंसे ाी कं रु कफल्में ुमें ने ने । जनता ंी माका ससंास ंो माननी ुी ुोाी । नुीं मानेाी तौ चीन में ाृु यहद्ध-
"। ुोाा

''तहम ुमेशा नरनाशंासी नात सोचा ंसते ुो प्यासे कनलजले ।" नरजय ने ंुा न तो ुोतीं नमलती कफल्में तसु इस अास"-
ुोती ाई नमल ंी ंन जाने? मेसा नरचास तो ये ुै कं इस तसींे ंो छोड़ंस कफल्मो ंा पता लााने ंी ंोई औस तसंीन
सोची जाये ।"

नरसास ने नजद्द नुीं, ंी !

पहन। लाी जाने सोची तसंीन :

जन इसी नरषय पस नुस ुोते ंाफी नेस ुो ाई तो ुल्ले से महस्ंसाता रतन नोला ंोई ुमें ंी लााने पता ंा कफल्मों"----
"। ुै नुीं आरश्यंता

नहसी तसु चौं पड़े सन, नरजय ंे महकु से ननंला मतलन क्या"---?"

" समय आने पस 'रेरज एम' ंी कफल्म खहन ुी नता नेाी कं रु ंुाक ुै ?"

"क्या ंुना चाुते ुो ?"अलफासे ने प्रश्न कंया।

" आज मड तहम्ुे एं सुस्य ंी नात नताता हैँ ।।। ंुा ने रतन हुए महस्ंसाते " 'रेरज एम' ंे फामूणले ंो उस कफल्म पस मडने
स्रयक उतासा ुै मालूम महझे ! ाा कं यु उलझनें ुमासे सामने आ संती ुड । उन कफल्मों पस अककंत फामूणला ननल्ंह ल सुी ुै
,, जाननूझंस उसमें एं ुल्ंी सी ंमी छोड़ नी ुै । रु ंमी यु ुै कं उसमें ोंह्कैं ंी आराजो ंो ंक ट्रोल ंसने राले नटन
ंा ुराला कफल्मों में ंुीं नुीं ुै ।''

" इससे क्या ुोाा ?"


"नननश्चत रूप से चीन ंे रैज्ञाननं कंसा ाहप्त प्रयोाशाला में उन फामूणले ंे आधास पस 'रेरज एम' नना सुे ुोंाे-ंुा ने रतन"
तैयास एम रेरज ुी जैसे ---- ुोाा औस रे उसे अाॉन ंसें ाे तो उसमें से इतनी जोस ंी व्रह्कैं ंी आराजें ननंलेाी कं
सम्पूर्ण चीन ाूकज उठे ाा । व्रह्ाैं ंा सासा शोस चीख पहंास औस आराज़ ाूकज उठे ाी औस महझे पता ला जायेाा कं रेरज एम
ंुाक तैयास कंया जा सुा ुै "!

"इतनी मुत्त्रपूर्ण नात तहमने पुले क्यों नुीं नताई नटन प्यासे ?"

"उस आराज ंो ंक ट्रोल ंसने ंे नलए रेरज एम में नटन नुीं ुोाा नात ंी नरजय "! पस ंोई ध्यान न नेते हुए रतन ने
नतायानह्ाैं ुी ुोते आैँन ंे एम रेरज"---- ंी सासी चीखो नता स्रयक महझे आनरष्ंास मेसा औस आयेाी उतस से चीन पहंास-
ााने कं रु ंुाक ुै "!

नुमालय ंे ाभण में…चीननयों ंी एं ाहप्त प्रयोाशाला । एं ंमसे में ंसीन नीस चीनी रैज्ञाननं । एं लम्नीसी मेज ंे चासों
तसफ रे नीसों नैठे ुै । अचानं उनमें से एं रैज्ञाननं अपने स्ाान से खड़ा ुोंस ंुता ुै कंप्राप्त ुमने "--- कफल्म ंे
आधास पस नह्ाकैं उससे ुम आज औस ुै नलया ंस तैयास "एम रेरज" ंी आराज सहनेंाे। "

" मेंसे नरचास से एं रास औस कफल्म में अककंत फामूणले से रेरज ऐम ंो नमला लें ।"

"रु तो ुम ंसे ाे ुी ।ंुा ने रैज्ञाननं उस ", कंक तह खहशी ंी नात ये ुै कं ुमने रेरज एम तैयास ंस नलया ुै । ुमासे नेश
ंो इस आनरष्ंास ंी ंीमत नहुत मुकाी चहंानी पड़ सुी ुै । सासे नेश में नरंास औस रतन ने ुकाामा खड़ा ंस सखा ुै,
पसन्तह ुमासी ससंास ने इतनी सारधानी नसती कं इतना सनंह छ ंसने ंे नारजून भी रे ंह ुे युाैँ तं नुीं पहुकच संे । युाैँ
जुाक रतन ंे फामूणले पस ुमने सातइस "। ुै नलया ंस तैयास रेरजएम ंसंे मेुनत मुीने तीन कनन- प्रंास एं लम्नाचौैंा
भाषर् कनया उस रैज्ञाननं ने ।

कफस रे सन यु ननश्चय ंसंे उठे कं रेरज एम पस नाह्ाकैं ंी आराजें सहनी जायें ।

यु प्रयोाशाला नुमालय ंे ाभण में सख्त सैननं पुसे ंे नीच ाी।

रे नीसों रैज्ञाननं एंक अन्य ंमसे में पहुकचे । एं मेज ुै पेस 'रेरज एम' सखा ाा । उस 'रेरज एम' ंी नॉैंी रैसी नुीं
ाी, जैसे रतन ंे रेरज एम ंी ाी । उसी मशीन ंों उन्ुोंने एं नभन्न नाैँैंी में ंै न कंया ाा ।

मशीनसी ंो उन्ुोंने पहन। नमलाया से कफल्म :

कफस धड़ंते कनल से 'रेरज एम' आैँन ंस कनया ाया ।


औस तहफान उठ खैंा हुआ ुो जैसे । इतना शोस कं -------

हुकमालय ंाकप उठा ।

भयभीत ुोंस रैज्ञाननं एंफ पने ंे ंानों ंे रैज्ञाननंों सभी इन ने शोस भयानं औस पहंास--चीख । पड़े नास पस नूससे-ााड़
ैंाले ।

ंई अर्ह नम भी नमलंस इतना तेज धमांा न ंसते, नजतना 'रेरज एम' से ननंली आराजों ने कंया ।

पूसा नुमालय इस तसु चीख सुा ाा मानो कंसी ने उसंे शसीस में आा लाा नी ुो ।।

न नसफण चीन ननल्ं सासी नहननया एंनम नहसी तसु चौंं उठी ।

नुमालय ंे ाभण से ननंली रु नुाड़ से सम्पूर्ण धसती ाूैँज उठी ।

धसती नहसी तसु ंाकप उठी ।

सासी नहननया ंे ानालामहखी भी अास एं साा फट पड़ते तर भी शायन उतनी भयानं आराज न ुोती !

सकनयों से शाकत खड़ा नुमालकय चीख उठा ाा । ऐसी आराज हुई ाी जैसै सासी नहननया ंे प्रार्ी एं साा अपनी पूसी शनक्त से
चीख पड़े ुों ।। नरश्व में आतकं छा ाया-------
-------------नुमालय चीख उठा ाा ।।

चीखंस उसने सासी नहननया ंों भयक्राकत ंस कनया ाा ।

ंह छ नेस तं चीखंस नुमालय शाकत ुो ाया ।।।।

कंन्तह।। ाा कनया ंस आतककंत तसु नहसी ंो नरश्व सम्पूर्ण ने चीख उस ंी नुमालय----

रतन ंी मकैंली ंे अनतरसक्त शायन कंसी ंो भी समझ में नुीं आया कं नुमालय इतनी जोस से आनखस चीख क्यों पकड़ा ?

सकसास ंे प्रायें नेश ंा प्रायें व्यनक्त भयकभीत ुो उठा ।।


पूसी नहननयाक मे ितणंड़मे लैंाई जानें लाों ।। ंह छ लोा यु समझे नेठे कं प्रलयक आने राली ुै । नुमालय ने चीखंस प्रलय ंे
आामन ंी सूचना ने नी ुै।।

तर जनकं नरश्व में नुमालय ंी इस चीख पस अनें अटंले चल सुी ाी ।

नरजय इायाकन ंे सामने नैठा रतन ंु सुा ााचचा लो "--, मेसे आनरष्ंास ने महझ आराज नी ुै !'"

"आनाज नैंी भयानं सुी नटन प्यासे । सासी नहननया ंाकप उठी "!

"मेसा अनहमान ुै कं इसे आराज ंों सासे नरश्व ने सहना ुोाा । ंुा ने ननंास "!

"लेकंन नटन प्यासे , नुमालय तो नहुत नड़ा ुै ।पता ंै से यु "--ंुा ने नरजय " लाे कं नुमालय ंे ंौन से भाा में रु
प्रयोाशाला ुै जुाैँसे तहम्ुासा 'रेरजएम-' चीखा ुै?"

रतन ने जेन में ुाा ैंाला औस कनशाराली नताने नूसी--, एं छोटीनरसामघड़ी सी- कनखाता हुआ नोला उस ने घड़ी इस"--
ुै नलया पंैं ंो ंे न्द्र, जुाैँ से इस आराजंी उापनु हुई ुै ुमें घैंी यु समय इस !'रेरज एम' ंी नस्ानत ठीं नता
सुा ुै "!

" तो कफस क्यों न आज ुी अपना अनभयान समाप्त ंस नलया जाये "!

नजस कनन नुमालय चीखा ाा, उस कनन ने अपने ाभण में एं नहुत ुी अन्धंासमय सात छह पा सखी ाी ।

एयसपोटण ंी इमासक त पस युाकलड़ से अन्धंास उस लाइटें सोशन रुाक-


सुी ाीं । इमासत में सन्नाटा ाा । इस समय सात ंे ग्यासु नज सुे ाे औस चास नजे से पुले न तो युाैँ ंोई फ्लाइट ुी
ुोने ाी आस न ुी ंोई नरमान युाैँ पहुकचने नाला ाा, इसनलए सात ंी ैंयूटी ंे ंमणयासी लापसराुी से अपनीअपनी- ैंयूरटयों
पस तकघ सुे ाे ।

ुराईाी पड़ी शाकत ननरुंह त पट्टी-, ऐसे समय में नो व्यनक्तयों ने एयसपोटण ंी इमामृत में प्ररेश कंया । उन नोनों ंे ुााों' में
एं एं सूटंे स ाा ।

नजस्म पस पतलून ंे उपस ओरसंोट अाौस नसस पस एं ाोल ुैट । ओरसंोट ंे ंालस खैंेे़ ाे अाौस ुैट ंे ंोने लाभा झहंे
हुए ाे ।। यु 'ंासर् ाा कं उनमे से कंसी ंा चेुसा नुीं चमं सुा ाा ।।
"चचा ।" उनमें से एं ंे महकु से नरजय ंी आराज ननंली ुो न ाोरस ाहड़े़ सासा ंुीं । ंसना सकभलंस जसा ंाम"----
। जाये'"

" तू ुमें पैतसे नता सुा ुै चटनी ंे ंुा ने नााासोफ "!'--" नेटा, जासूसी ंे पैतसे इस्तेमाल ंसते ंे नसस ये तो ुी ंसते-
सकभलंस तू ! ुड ाए उड़ नाल सुना । ऐसा न ुो जाये कं मड ननंल जातक औस ये चीनी तहम्ुासा तनला नजा नें" ।

''तरला तो इनंा नरंास औस रतन ने नजा सखा ुै "!

" अछछा, अन नोलती पस ढक्कन लाा, सामने आैँकफस आ सुा ुै ।। ाया ुो चहपक नरजय सचमहच तो ंुा ने राााकसोफ "

ननना कंसी प्रंास ंी नस्तं कनए रे धड़धड़ाते हुए आैँकफस में प्रनरष्ट ुो ाए ! मेज ंे पीछे एं अफ़सस नैठा तकघ सुा ाा ।

उनंी आुट पाते ुी ंह ुे ंी तसु जाांस उसने ंान खैंेे़ ंस नलए !

जन तं रु ंू छ समझता, तर तं पलटंस नरजय ने नसराजा अकन्नस से नन्न ंस कनया ाा औस उस अनधंासी ंे सामने खैंा
? नाासोफ ंु सुासे महकु तहम्ुासे ुम"------ ाहटसाूक ंी आराज सहनना चाुते ुड "!

चौंंस रु अपनी सीट से खड़ा ुोता हुआ नोला"-----'ंौन ुड आप लोा "!

"मेसा नाम नरंास ुै ।! ुै ंुा ने नााासोफ "

" नर । लाी नाचने मौत में आकखों । ाया पड़ पीला चेुसा । से महकु उसंे ननंला शब्न एं-एं टू टंस "! स ....ंा...

शसीस इस तसु ंाकपनेलाा-, जैसे अचानं रु जाड़ो ंे नूखास ंा मसीजुो ाया नन-, नोला…म नरााड़ा क्या आपंा मडने.....
ुै? अ…आप तो नाप ुड मेसेस.....…साली ये ुमासी ससंास उल्लू ंी पट्ठी ुै, जो आपंी माका नुीं माकाती ".....

" इसे ुी तो ंुते ुड ाहटसाूक ंी आराज । ंुता "हुआ नाासोंफ उस पस झपट पैंाे़ !
उस नेचासे ंे तो नरंास ंा नाम सहनते ुी ुाांो नरजय ! ाे ाए पड़ ढीले पाकर- ंह छ ंसने ंी आरश्यंता भी नुीं पड़ी
औस नाासोफ ने उसे नेुोश ंस कनया ।

" मड कंसी औस ंो नेखता हक चचा । ाया ननंल नाुस से ंमसे औस खोता नसराजा ने नरजय ंुंस "!

आाे नढंस नााासोफ ने चटंनी पहन। लाा उतासने ंपैंेे़ से पस नजस्म ंे अनधंासी उस औस आया रापस ली चढ़ा से अन्नस :

नस नमनट नान उसंे नजस्म पस अनधंासी ंे ंपड़े । नसनाजा खोलंस रु ाैलसी में आया, नसनाजा नाुस से नभड़ा कनया ,
तभी ाैलसी ंे एं अन्य आकफस ंा नसनाजा खहला एं अफसस ंी रनी में नरजय नाुस ननंला ।

नाासोफ ंो नेखते ुी नरजय ने आैँख नना नी । ाया नढ़ अाााे साा उसंे नाासोफ-हुआ भहनभहनाता !

"'उस ंनूतस मांाण ंी सूसत ुी ऐसी ाी कं ुमने अनहमान लाा नलया कं अकन रु अपने महकु से ाहटसाूक ंी आराज ननंाले तो
नहुत अछछी लाेाी ।। यु तो ुम जानते' ुी ाे कं ाहटसाूक ंी रु आनाज न तो तहम्ुासा ुी नाम लेंस ननंलेाी अाोस न ुी
मेसा। अतकंस ुी सहनते नाम------नुीं नेखा कनया ले नाम ंा नरंास : तसु ंाां ैंाकस ंसने लाा ाा।"'

नातें ंसते हुए रे एयसपोटण ंी नालंनी तं पहुकच ाए ।

रुाैँ से ुराई पनृटी स्पष्ट चमं सुी ाी ।

नड़े नैंेे़ ुडासों में ंई नरमान खैंे ाे ।

उन्ुें नेखता हुआ नरजय रोला"--, जो इधस से पुले नो नरमान खड़े ुड, रे ुमासे नाप ंे । पुला राला तहम्ुासे नाप ने
ननराया ुै, नूससा मेसे नाप ने । रांी सन नेंास ुड ।"

--"ठीं ुै । ने नााासोफ "ंुानान समय ुी ंह छ ंे उतसने से नालंनी । आओ"---- रे नरमान ंी तसफ नड़ सुे ाे ।
नोनों ंा एं।। ाा पस रसरॉ्ल्रस ुाा एं-

अभी ुै ुैासों से ंाफी नूस ुी ाे कं अकधेसे में से एं सैननं ननंलंस सामने आया !

" आप ?"
अभी नु ंू छ ंुना ुी चाुता ाा कं धाकय'. ......

नरजय ंे रसनॉल्रस से ननंली ााली ने उसंे मााे में लह ननंलने ंे नलए सहसाख नना कनया । एयसपोटण ंी इमासत अाौस उसंे
आसऔस फायस एं ने सन्नाटे छाये पास- चीख ंी आराज पस नम तोड़ कनया ।

" आओ चचा । । भााा तसुा ंी नरमान साा ं तेजी नहुत स्रयक नरजय हुआ लााता सा-नासा "

फायस ंी आनाज ने एयसपोटण ंी इमासत में ुकाामारे अभी । ाा कनया ंस खैंाे़ सा- अनधं नूस नुीं नौड़ पाये ाे कं उन ंे
पीछे नोसाकय-साकय औस हुए फायस तीन- आराज ंसती हुई ाोनलयाक नसानस से ननंल ाई ।

भााते हुए' नााासोफ ंा रसरॉल्रस नो नास ाजाण औस रे नोनों नल्र शुीन ुो ाए नजनंे प्रंाश ंे नायसे में रे ाै । अन उनंे
इनणइस औस ाया छा अकधेसा नानण- अकधेसे मे रे भाा सुे ाे ।।

पीछे से उन पस अन अननानत तेज फॉयस ुो सुे ाे कंन्तह क्योंकं रे अकधेसे में ाे इतनलए पीछे से उन्ुें सुी ननशाने पस ंोई
नुी ले पाया ाा ।

भााते हुए नरजय ने जेन से ुैैंणेनेैं ननंाला, महकु से नपन ननंाली औस अचानं पीछे पलट ाया ।

अपनी ानों से फायऱ ंसते हुए ंसीन पाकच सैननं उन ंी तसफ नौड़ सुे ाे !

उन्ुीं ंा ननशाना ननांस नरजय ने


नाउक ड्री पस ख़ड़े कक्रंे ट नखलाैंी ंी भाकनत नम फे ंा ।

नजस तसु एं अछछे नखलाड़ी ंी थ्रो पस खड़े नरंे टंीपस ुाा में जाती ुै उसी तसु ुरा में लुसाता हुआ नम सीधा उन पाकच
सैननंों ंे रीच नासा । एं ंाणभेनी धमांे ंे साा उनंी लाशों ंे नचाड़े ुरा मड लुसा उठे ।

कफस नााासोफ ंे पीछे भाा नलया ननजय । अन भी चासों तसफ से सैननंों ंे भाांस आने ंी आराजें आक सुी ाीं । रे भााते
हुए नरमानों पस पहुच ाए तो नरजय ने ंुा"----'तहम नरमानों ंो नननटाओ चचा"! हक नेखता इन्ुें मड---

ऐमा ुी हुअाा भी !
ननजय जैसे पुले, ुी यु अन्नाजा ंस नलया ाा कं कंसी भी तसफ से सैननं युाक तं ुी पहुकच संे ाा औस रु उन्ुें चटनी
नना नेाा !

उधस अपनी जेन से ुेंैंणनेैं ननंालंस रााासोफ ने महकु से नपन खींची औस शेैं ंे नीचेाे खैंेे़ एं नरमान पस उछाल कनया ।

एं ंर्ण भेंनी धमांा । आा में झहलता हुआ पेट्रोल उछला ुै नरमान ंी नाैंी खील। ाई ननखस ुोंस खील-

कफस मानो साक्षात प्रलय ंा नृश्य एयसपोटण पस उपनस्ात ुो ाया नस्तीनमों ! ंे धमांे औस फायसों ंी आराज ने सासे
रातारसर् ंी मांस सख कनया !! चीनी सैननं ंह छ भी न ंस संे ।।

अन्त में उन्ुोंने पुले नो नरमान ंो ुराई पनृटी पस नौड़तें औस कफस जमीन छोड़ंस आंाश ंी अाोस उठते नेखा । अपने नो
नरमानों ंे अनतरसक्त रे एयसपोटण पस मौजून सभी नरमान नष्ट ंस ाये ाे ।।

भासी नूटों ंी आराज ंसता हुआ सैननं ंक टीले तासों ंी नीरासों ंे समीप से ाहजसा तो नरंास औस रतन ने अपनी साकसे सों
ली । सैननं उनंे समीप आया तो कंसी ाोरसल्ले ंी भाकनत झपटंस नरंास ने सैननं ंो ननोच नलया । नरंास ने एं ुाा से
उसंी ान राली ंलाई ंो पंैंा औस नूससा उसंे महकु पस ढ़क्कन ननंस नचपं ाया।

लाचास सैननं चीख भी नुीं संा औस नरंास ने उसे झाैंीयों में खींच नलया ।

नरंास ने क्योंकं उसंी नां औस महकु नकन ंस सखे ाे अतनैुोश ुी में नमनट नो रु ंासर् ंे लेने न साकस : ुो ाया ।

" ज़ल्नी ंसो नोस्त नरंास ने रतन से ंुा…

ठीं नो नजे ाहरु औस चचा ंा ुमला ुोाा !

झाने़ैंयों में से ुोंस रतन ने आाे सें ाते हुए ंुा…"महझे कक्रस्टी ंा नहुत नहख ुै नरंास रु नेचासी ुमासे साा आने ंे नलए
सोती सु ाई । उसे ले ुी आते तो अछछा सुता । रु नुानहस ुै औस नुानहसी कनखाने ंे इस मौंे पस उसने अपनी इछछाओं
ंो कंस तसु ननाया ुोाा ।"

'’मडनें तो ंुा भी ाा तहमसे कं उसे अााने नो ।। ंुा ने नरंास हुए सें ात "

"मड नुीं चाुता ाा नरंास कं कक्रस्टी मेसे नलए अपनी जान पस खेले रतन ने ंुा ।

"आपंे चाुने से क्या ुोता ुै?" एंा एं रे नोनो…अपने समीप से ुी कक्रस्टी ंी आराज सहनंस चौं पड़े।

रतन तो एंनम नहसी तसु से नौखला ाया । महकु से एं ुी शब्न ननंला"! कक्रस्टी"-
--"ुाक ।"। आपंे हैँ साा मड "---उभसी आराज से में अकधेसे ."

आराज ंी कनशो में अकधेसा ाा औस उस अकधेसे ंो रतन ने घूसा कक्रस्टी उसे नजस न आई तो नोला कक्रस्टी ुो ंुाैँ "----?"

'"युाक हक मडमें नजस्म ंे रतन साा ंे आराज इस "। ंसीन नहुत आपंे - ननजला एं ंो ुाा उसंे में अकधेसे । ाई नौड़ सी-
। ाा कनया भींच ने ुाा ंोमल अनजाने मड ुी रतन ने उस ंोमल ुाा ंो जोस से भींच कनया नलया ! नोला"---- त तहम-
"! कक्रस्टी जाओ लौट

-"ुनय पस रज्रपात न ंसो । आराज ंी कक्रस्टी ैंू नी में ननण "!

" लेकंन मै"!......

"नरंास भैया समझाओ न इन्ुें ।ंुा ने कक्रस्टी "…"'महझसे नात ंसंे क्या इस मुत्त्रपूर्ण समय ंो खो सुे ुड ।। रो नेखो ,
सामने प्रयोाशाला ंा महुानानो । ुै सुी झाकं सोशनी ंी रल्न कंसी से सहसका----ुै नसराजा रूपी--- सैननं ुाा में ान
नलए महुाने पस खड़े ुै । ुै जाना अन्नस ननपटंस इनसे ! अन्नस न जाने कंतने सैननंों से ननपटना पैंे । नहुत ंाम ुै…समम
नहुत ंम । नो नजे ुराई ुमला ुो जायेाा । उस समय तं ुम प्रयोाशाला से नाुस न ननंले तो इन सनंे साा ुी
प्रयोाशाला ुमासी भी ंों नन जाएाी ।"

इससे पूरण कं रतन ंह छ नोले, नरंास ने ंुारतन"---, अन आ ुी ाई ुै तो आने नो कक्रस्टी ंो । नेखा जायेाा ुै तहम
ध्यान ंो चासों तसफ से ुटांस नसफण लक्ष्य पस ंे नन्नत ंसो । रु नेखो…सहसका ंे अन्नस से ंोई नाुस आ सुा ुै ।"

सचमहच एं सैननं अनधंासी नाुस आया । लाा ंसने नातें ंह छ से सैननंों नोनों खड़े पस नसराजे !

उसी पल कक्रस्टी ने रतन ंा ुाा छोड़ कनया । रतन ंो एाेसा लाने लाा, जैसे उनंा ह्रनय खाली ुोता जा सुा ुै ।

न जाने क्यों उसे कक्रस्टी ंा इस तसु ुाा छू ड़ाना अछछा न लाा ।

रे प्रयोाशाला ंे महुाने ंे ंाफी ंसीन ाे । इतने ंसीन अास रे अपने स्ाान से एं जम्प लाा नेते तो महुाने पस ुी ुोते ।
रतन औस नरंास अभी ंह छ सोच ुी सुे ाे कं अकधेसे में कक्रस्टी ंी आराज ाूकजी…"रे तीन ुड, ुम भी तीन ! नायाक मेसा,
नायाक ननंास भैया ंा औस अफ़सस ंो ये सकभालेंाे "!

रतन अभी ंह छ समझ भी नुीं पाया ाा कं कक्रस्टी ने ंुा "--'रनक टू थ्री "!

औस थ्री ंे साा ुी नरंास औस कक्रस्टी ने अपनेाा नुीं तैयास क्योंकं रतन । नी लाा जम्प पस नशंास अपने-, इसनलए ाोैंा
चूं ाया ।

इन नोनों ने अपने अपने नशंासों ंों ननोचा, अनधंासी ने चौंंस रसराणल्रस ननंाला औस कक्रस्टी पस फायस ंस कनया ।

यु रुीं रक्त ाा, जन रतन अनधंासी ंे तपस अाांस नासा ।

ाोली कक्रस्टी ंे पेट में लाी ाी कंन्तह अपने नशंास ंो उसने छोड़ा नुीं ।

रतन तो जैसे पााल ुो ाया ाा ।

उसंा महानस सकन्नांस अनधंासी ंी ंनपटी पस पैंाे़ तो रु चीख ंे साा ुमेशा ंे नलए सोाया ।

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THE END

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