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कालिका और भैरव भोग : माता कालिका और भगवान भैरवनाथ को लगभग एक जैसा ही भोग लगता है। हलुआ, पूरी और मदिरा

उनके प्रिय भोग हैं।


किसी अमावस्या के दिन काली या भैरव मंदिर में जाकर उनकी प्रिय वस्तुएं अर्पित करें। इसके अलावा इमरती, जलेबी और 5 तरह की मिठाइयां भी अर्पित
की जाती हैं।
10 महाविद्याओं में माता कालिका का प्रथम स्थान है। गूगल से धूप दीप देकर, नीले फू ल चढ़ाकर काली माता को काली चुनरी अर्पित करें और फिर
काजल, उड़द, नारियल और पांच फल चढ़ाएं। कु छ लोग उनके समक्ष मदिरा अर्पित करते हैं। इसी तरह कालभैरव के मंदिर में मदिरा अर्पित की जाती है।
शत्रुओं को पररास्त करने के लिए-प्रातःकाल सात बार हनुमान जी को लडडू का भोग लगायें और पांच लौंग पूजा स्थान में देशी कपूर के साथ जलायें,
फिर भस्म से तिलक करके घर से बाहर जायें। ऐसा करने पर आप शत्रुओं को परास्त करने में सक्षम होंगे।
भस्म के तिलक का प्रयोग
अगर आप किसी विशेष कार्य से बाहर जाना चाहते हैं तो सबसे पहले चार लौंग जलाकर उसकी भस्म का तिलक लगाएं। ऐसा करके जाने से कार्य में सिद्धि
मिलती है। इसके अलावा किसी को अपने प्रभाव में लाने हेतु-बुधवार को पेड़ के नीचे एक लौंग दबायें। ऐसा 7 दिन तक नियमित 24 घण्टें में एक बार
उस पर पेशाब करें और फिर आठवें दिन लौंग को निकालकर चूर्ण बनाकर इच्छित व्यक्ति को खिलाने से जातक आपके प्रभाव में आ जाता है।

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