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सिद्ध की हुई सियार सिंगी को एक चांदी या तांबे की dibbi में रख कर के कु छ चावल के दाने डालें कु छ उड़द के दाने भी डाले

छोटी इलायची की डालें और प्रतिदिन धूप दीप अपने इष्ट देवता गुरुदेव और गणेश की पूजा के बाद करते रहे
1. सियार सिंघी वाला सिंदूर जिसकी भी मांग में भर दिया जाएगा वह जिंदगी भर साथ नहीं छोड़ेगा या जिस पुरुष के सिर पर यह सिंदूर डाल दिया
जाएगा वह
आजीवन स्त्री के वश में रहेगा
2. सियार सिंगी वाले चावल यदि किसी भूत प्रेत जिन्नात या क्रोधित व्यक्ति को मारे जाएंगे तो उसका भूत प्रेत जिन्नात और उसका क्रोध सदा के लिए
समाप्त हो जाएगा
3. सियार सिंघी वाले उड़द के दाने जिस व्यक्ति को मारे जाएंगे या जिस दरवाजे पर फें के जाएंगे वह व्यक्ति और घर कभी भी आबाद नहीं रह सके गा
4. सियार सिंघी वाली छोटी इलाइची जिसे खिला दोगे उस से मनचाहा काम करवा सकते हो
सियार सिंगी के और भी बहुत से सफल प्रयोग मैंने किए हैं जो कि गुप्त हैं उनको यहां बताना उचित नहीं समझता अधिक जानकारी के लिए
सियार सिंगी में है कई समस्याओं का समाधान

क्या आप जानते हैं कि प्राचीन काल में घर में कई शुभ वस्तुएं रखी जाती थीं, उनमें से एक सियार सिंगी भी है। इन दिनों हर कोई ज्योतिष विज्ञान
जानने का दावा करता है और कहीं से पढ़कर इस तरह की वस्तुओं के संग्रह की सलाह देता है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि सियार सिंगी क्या
है और इसे घर में रखने के क्या लाभ हैं?

सियार सिंगी (Siyar Singhi) बहुत ही चमत्कारी होती है। इसे घर में रखने से सकारात्मक उर्जा का अनुभव होता है।

सियार सिंगी बालों के गुच्छे की तरह होती है, असल में सियार के सींग नहीं होते परन्तु कु छ सियारों के नाक के ऊपर बालों का एक गुच्छा बन जाता
है। धीरे धीरे वह कड़ा और बड़ा हो जाता है और सींग जैसा बन जाता है इसे सियार सिंगी कहते हैं और यह हजारों सियार में से किसी एक के नाक
पर होता है।

इसमें वशीकरण की अद्भुत शक्ति होती है।

यदि इसे सिद्ध कर लिया जाए तो यह शक्ति हजारों गुना बढ़ जाती है।

इसके द्वारा आप किसी से भी किसी भी तरह का मनोवांछित काम करवा सकते हैं।

सियार सिंगी घर में रखने से सौभाग्य और उन्नति के नए द्वारा खुलने लगते हैं।

सियार सिंगी को घर में रखने पर शत्रु हथियार डाल देते हैं।

सियार सिंगी को सिद्ध कै से करें

किसी भी पवित्र शुक्ल पक्ष तिथि को एक जोड़ा सियार सिंगी लें। अपने सम्मुख एक लाल रंग का कपड़ा बिछा दें और उस पर सियार सिंगी को स्थापित
कर दें। इसके ऊपर थोड़ा सा गंगा जल छिड़क कर इसे शुद्ध कर लें। सियार सिंगी के सम्मुख एक सरसों के तेल का दिया प्रज्वलित कर दें। एक लाल
रंग का कपड़ा बिछाकर आप भी उस पर बैठ जाएं। अब सियार सिंगी के ऊपर कु छ चावल, पांच इलायची और पांच लौंग चढ़ाएं। ऐसा करने के बाद आप
इस मंत्र का 2100 बार उच्चारण करें।

ॐ चामुंडाय नम:

जप पूरा होने पर अग्नि में 21 बार गुग्गल की आहुति दें।

सियार सिद्धि मंत्र इस प्रकार है

ॐ नमो भगवती रुद्रानी चामुंडानि घोरानी सर्व पुरुष क्षोभनी सर्व शत्रु विद्रावनी।

ॐ आं क्रोम ह्रीं जों ह्रीं मोहाय मोहाय क्षोभय क्षोभय मम वशि कु रु वशि क्रीं श्रीं हीं क्रीं स्वः।।

मंत्र उच्चारण संपन्न होने के बाद एक चांदी की डिबिया में इस सियार सिंगी को कपूर, मीठे सिंदूर, 5 लौंग और 5 इलायची के साथ रख दें। अब यह
सियार सिंगी सिद्ध हो चुका है। इस डिबिया में थोड़े से चावल और उड़द दाल के दाने भी डाल दें। इस डिबिया को प्रतिदिन पूजा के स्थान पर रखें।

सियार सिंगी का प्रयोग

इस सियार सिंगी को प्रयोग करने के लिए इस डिबिया से बाहर निकाल कर मंत्र का विधिवत उच्चारण करें और मां चामुंडा से कार्य सिद्धि हेतु निवेदन करें।
सियार सिंगी वाली डिबिया में रखी इलायची का वशीकरण में प्रयोग किया जाता है।

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