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गणेश वशीकरण

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िहदं ू धम म
महादेव िशव और माता पव ती के पु भगवान गणेश
क पजू ा, आराधना, साधना और उपासना क महा से सभी
प रिचत ह"। उ$ह
घर या काया लय के (वेश )ार पर *थािपत करने
के साथ-साथ पजू ा घर म
िविशि,ता के साथ रखा जाता है। (/येक
अन1ु ान के दौरान सबसे पहले उनक पजू ा क जाती है। यही वजह
है िक हर शभु काय के शभु ारंभ को ‘5ीगणेश’ कहकर सबं ोिधत
िकया जाता है और ‘ ऊँ गणेशाय नमः!’ मं के जाप से एका7ता
एवं काया रंभ क (ेरणा िमलती है।
गणेश वशीकरण
वैिदक 7थं 8 क मा$यताओ ं के अनसु ार गणेश भगवान क िविश,
पजू ा और उनके मं 8 क साधना-िसि: से वशीकरण क अ;ुत
<मता भी हािसल क जा सकती है, िजसका िविभ$न या कह

िवशेष काय> के िलए उपयोग िकया जाता है। आईए, एक नजर


डालते ह" वशीकरण के िलए 5ीगणेश अथा त गौरी पु गजानन को
(स$न करने के िलए गणेश चतथु @ के िदन से शA ु क जाने वाली
पजू ा के िवधान और मं8 के बारे म
, जो अचक
ू (भाव देते ह"।
ी ऋिष पडं ् या - योितष िवशारद - गाधं ीनगर गजु रात - वोट्सएप 08485964964 मोबाइल 09824162904
वशीकरण क साधना
भगवान गणेश को भी Aप-सBदय के था आकिष त करने वाले
ई,देव Aप म
पजू ा क जाती है तथा उनम
आकष ण या सEमोहन
शिF बढ़ाने क <मता है। और तो और 5ीगणेश को सभी िसि:य8
िवधाता और वशीकरण के आधार देव माने जाते ह"। उनका
वशीकरण का बहHपयोगी मं हैः-
ऊँ   ल ल
गं गणपतये वर वर सव जनं मे
वशमानाय वाहा!!
िविध-िवधानः भगवान गणेश क मिू त या त*वीर के सामने
आसन पर JK महु Lत म
पवू या पिMम क िदशा म
बैठकर इस मं
के *प, उPचारण के साथ उनका Qयान करना चािहए। उसके बाद
िनEन मं का पाठ करना चािहए।
मं ः ऊँ अय हितमुख गणेश मं"य ी गणक ऋिषः गाय"ी
छंदः। ी हितमुख गणपित देवता ममाभी* िस+यथ-
िविनयोगः।।
अथा त् अपने दोन8 हाथ8 म
इ<दु Sड धारण िकए हHए, उनम
पाश
और अक ं ु श िलए हHए। एक हाथ म
कमल धारण कर Tयामांगी को
बगल म
िबठाए हHए िने रF वण वाले गणपित का म" Qयान
करता हL ऐसी िवनती क वाणी के साथ 5ीगणेश के सम< जल का
िछड़काव करना चािहए। उसके बाद िनEन मं का पाठ करने से
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वशीकरण क (िXया को आगे बढ़ाई जा सकती है। वह मं इस
(कार हैः-
ऊँ गं अगं 1ु ा[यां नमः \दयाय नमः
ऊँ गं तज नी[यां नमः िशरसे *वाहा
ऊँ गं मQयमा[यां नमः िशखाये वषट्
ऊँ गं अनािमक[यां नमः कवचाय हHम्
ऊँ किनि1का[यां नमः नैयाय वौषट्
ऊँ गं करतलकरप1ृ ा[यां नमः अ_ाय फट्!!
इस हि*तमख ु गणपित के तीन लाख मं का जाप दस िदन8 के
अन1ु ान के दरEयान पणू करने के बाद दशाश
ं हवन ईख और घी या
तेल म
तले हHए पएु से करने का िवधान है। इस तरह से िकए गए
गणेश पजू न से वशीकरण क िसि: (ाa हो जाती है। उसके बाद
वशीकरण संबंधी उपाय िकए जा सकते ह"। वे इस (कार ह"
पानी म
गड़ु िमलाकर बने शरबत से 444 बार वश म
िकए
जाने वाले bयिF को Qयान कर तप ण कर

घी, शहद और शcकर यािन िमधु को हवन साम7ी म

िमलाकर हवन करने से वशीकरण का काय सपं $न होता है,


तथा ना रयल से हवन करने पर 5े1ता और समि◌:ृ ़ क


(ािa होती है।
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िकसी _ी को वश म
करने के िलए शहद म
थोड़ा नमक
िमलाकर हवन करने का अचक ू लाभ िमलता है। इसके (योग

से पहले सामा$य गणेश पजू न आवTयक है।


गणेश पजू न से 7ह8 क िबगड़ी हHई दशा को भी सही कर
सकारा/मक (भाव देने जैसा बनाया जा सकता है।

गणेश मोिहनी वशीकरण


सEमोहन या वशीकरण के िलए मेिहनी अथा त (ेम-भावना के िलए
कई (चिलत साधनाओ ं म
एक गणेश मोिहनी वशीकरण भी है।
इसके ज रए अगर (ेमी-(िमकाएं अपने ि(य या दपं ित जीवनसाथी
के (ेमपाश म
बंधे रहने क चाहत रखते ह"। यह एक तरह से
यौनाकष ण बढ़ाने वाले उपय8 म
से भी एक है। गणेश मािहनी
वशीकरण के िलए एक साधना करनी होती है, िजसे घर म
नहf
िकया जाता है। इसके िलए शाबर मं का 1100 बार आहLित के
साथ जाप िकया जाता है। वह मं हैः-
ऊँ गणपित वीर वसे मसाने, जो म/ मांगु सो तुम आन!
पांच लड्डू वा िसर िसंदूर "ीभुवन मांगे चंपे के फूल!
अ* कुली नाग मोहा जो नाड़ी 72 कोठा मोह8!
इदं र क: बैठी सभा मोह8 आवती जावती ई>ी मोह8!

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जाता जाता पु?ष मोह8, डावा अंग वसे नरिसंह जीवने @े"
पाला ये!
आवे मारकरनाता सो जावी हमारे पाउ पडतं ा!
गु? क: शिA हमारी भगती चलो मं" आदेश गु?का!!
साधना-िसिः इस मं को साधने और िसि: के िलए िकसी
जगं ल, बाग-बगीचे, नदी, तालाब के िकनारे , पाक या घर के
िपछवाड़े एकातं कोने म
गणपित के पजू न क तैयारी करनी चािहए।
पजू न सामि7य8 म
फूल, पान, ना रयल गोला, सफे द चदं न, लाल
चदं न, िकशिमश, बादाम, काला ितल एवं हवन क सभी सामि7य8
को अनपु ाितक माा म
िमलाया जाना चािहए। साथ म
भोग के
िलए पांच लड्डू और िसंदरू क एक िडgबी रखना जAरी है। रात के
नौ-दस बजे के बाद हवन क शA ु आत के बाद राी के एक बजे
तक संप$न कर िलया जाना चािहए।
हवन क पणू ह Hित के बाद पजू न क सारी साम7ी वहf छोड़ देना
चािहए और अिभमिं त िसंदरू क िडgबी को साथ घर लाना
चािहए। वशीकरण के िलए उस िसदं रू का ितलक लगाकर वश म

िकए जाने वाले bयिF के पास जाने से वह वशीभतू हो जाता है।


इस साधना को सम*त िनयम8 का पालन कर िकसी जानकार के
सािनQय और माग दश न म
ही करना चािहए।

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तांिक गणेश मं
5ी गणेश के कुछ मं इतने (भावशाली ह" िक उनसे एक सaाह के
भीतर ही जीवन म
चम/कारी बदलाव आ जाता है। इ$हf म
एक
तािं क गणेश मं इस (कार हैः-
ऊँ लौम गौरी पु", वCतुंड, गणपित गु? गणेश।
लौम गणपित, ऋि+ पित, िसि+ पित, मेरे कर दूर लेश।।
िविध-िवधानः इस मं क साधान अलग ढगं से क जाती है तथा
कुछ खास चीज8 के इ*तेमाल और िनयम पालन का Qयान रखा
जाता है। जैसे इस मं क साधना के िदन अपने मन को िनयंित
रखते हHए Xोध, अपशgद, कड़वी या bयंiया/मक वाणी के बचने के
साथ-साथ मांस-मिदरा, पर_ी गमन आिद से दरू रहना होता है।
सPचे मन से (ातः *नानआिद के बाद भगवान िशव, पाव ती और
गणेशजी क सामा$य ढगं से िविधवत पजू ा कर
। उसके बाद उपर
िदए गए मं का 108 बार उPचारण के साथ जाप कर
और यह
सकं jप ल
िक आपके )ारा िकए जाने वाले काय िकसी को अिहत
पहHचं ाने या िकसी के मन को ठे स पहHचं ाने वाले नहf ह8गे। सात िदन8
तक ऐसा करने से सख ु -समिृ : क अनभु िू त होगी और काय <े म

आने वाली सम*त बाधाएं हट जाएगं ी। सहकम@, जीवनसा◌ाथी,


िम आिद से हHए वैचा रक मतभेद दरू हो जाएगं े।

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इछा पूित

मनोकामना िसि: या मानेवांिछत फल क कामना के िलए िदए गए


मं का िविधवत जाप करने से लाभ िमलता है। वह मं हैः-
ऊँ गणपित वशे मशान, जो फल मांगु देवे आन,
पांच लड्डू सेर िसदं ू र, भर आना आता आनंद,
भरपूर नेEतीमान, फूले फलत जागे मर िलयावे,
एक फूले हाथी, जो तू माहन रहे,
सूबा बात साथ करो जाऊं तो मुFी करो!!
िविधः इस मं क िसि: के िलए िकसी भी बधु वार को अन1ु ान
शAु िकया जा सकता है। देसी घी के kयोत जलाई जाती है,
5ीगणेश क मिू त का पजू न िकया जाता है और दो लड्डुओ ं का
भोग लगाने के बाद पाचं माला जाप िकया जाता है। इस मं का 21
िदन8 तक जाप करते हHए गणेश भगवान से अपनी इPछपिू त क
म$नत मांगी जाती है।
मु ा योितष काया लय
ी ऋिष पंड्या - योितष िवशारद - गांधीनगर - gujarat

वोट्सएप नंबर फॉर एो िटस - 08485964964

मोबाइल नंबर फॉर कोिलंग - 09824162904


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