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ी ऋिष पडं ् या - योितष िवशारद - गाधं ीनगर गजु रात - वोट्सएप 08485964964 मोबाइल 09824162904
जाता जाता पु?ष मोह8, डावा अंग वसे नरिसंह जीवने @े"
पाला ये!
आवे मारकरनाता सो जावी हमारे पाउ पडतं ा!
गु? क: शिA हमारी भगती चलो मं" आदेश गु?का!!
साधना-िसिः इस मं को साधने और िसि: के िलए िकसी
जगं ल, बाग-बगीचे, नदी, तालाब के िकनारे , पाक या घर के
िपछवाड़े एकातं कोने म
गणपित के पजू न क तैयारी करनी चािहए।
पजू न सामि7य8 म
फूल, पान, ना रयल गोला, सफे द चदं न, लाल
चदं न, िकशिमश, बादाम, काला ितल एवं हवन क सभी सामि7य8
को अनपु ाितक माा म
िमलाया जाना चािहए। साथ म
भोग के
िलए पांच लड्डू और िसंदरू क एक िडgबी रखना जAरी है। रात के
नौ-दस बजे के बाद हवन क शA ु आत के बाद राी के एक बजे
तक संप$न कर िलया जाना चािहए।
हवन क पणू ह Hित के बाद पजू न क सारी साम7ी वहf छोड़ देना
चािहए और अिभमिं त िसंदरू क िडgबी को साथ घर लाना
चािहए। वशीकरण के िलए उस िसदं रू का ितलक लगाकर वश म
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तांिक गणेश मं
5ी गणेश के कुछ मं इतने (भावशाली ह" िक उनसे एक सaाह के
भीतर ही जीवन म
चम/कारी बदलाव आ जाता है। इ$हf म
एक
तािं क गणेश मं इस (कार हैः-
ऊँ लौम गौरी पु", वCतुंड, गणपित गु? गणेश।
लौम गणपित, ऋि+ पित, िसि+ पित, मेरे कर दूर लेश।।
िविध-िवधानः इस मं क साधान अलग ढगं से क जाती है तथा
कुछ खास चीज8 के इ*तेमाल और िनयम पालन का Qयान रखा
जाता है। जैसे इस मं क साधना के िदन अपने मन को िनयंित
रखते हHए Xोध, अपशgद, कड़वी या bयंiया/मक वाणी के बचने के
साथ-साथ मांस-मिदरा, पर_ी गमन आिद से दरू रहना होता है।
सPचे मन से (ातः *नानआिद के बाद भगवान िशव, पाव ती और
गणेशजी क सामा$य ढगं से िविधवत पजू ा कर
। उसके बाद उपर
िदए गए मं का 108 बार उPचारण के साथ जाप कर
और यह
सकं jप ल
िक आपके )ारा िकए जाने वाले काय िकसी को अिहत
पहHचं ाने या िकसी के मन को ठे स पहHचं ाने वाले नहf ह8गे। सात िदन8
तक ऐसा करने से सख ु -समिृ : क अनभु िू त होगी और काय <े म
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