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त्वयैकया पूररतमम्बयैतत का ते थतुतत: थतव्यपरा चारू भक्षणम ्। उमासुतं शोक ववनाशकारकम ्...
परोस्तत:।।
श्रीहनुमत पञ्चरत्नम
द्वादशैतानन नामानन त्ररसन्त्ध्यं यः पठे न्त्नरः सदा पून्जत हुनूेूेूेूहुन्त्छ, उनै सम्पूणय
षण्मि
ु ॐ वैश्वानराय ववद्महे लालीलाय धीमहह
ॐ षण्मि
ु ाय ववद्महे महासेनाय धीमहह तन्त्न अन्ग्ननः प्रचोदयात ् ॥
तन्त्नः स्कन्त्दः प्रचोदयात ्॥
ॐ महाज्वालाय ववद्महे अन्ग्ननदे वाय धीमहह
ॐ षण्मुिाय ववद्महे महासेनाय धीमहह
तन्त्नो अन्ग्ननः प्रचोदयात ् ॥
तन्त्नः षष्ठः प्रचोदयात ् ॥
यम
सब्र
ु ह्मण्य ॐ सूयप
य ुराय ववद्महे महाकालाय धीमहह
ॐ तत्परु
ु षाय ववद्महे महासेनाय धीमहह तन्त्नो यमः प्रचोदयात ् ॥
तन्त्नः षण्मुिः प्रचोदयात ् ॥
वरुण
ॐ
ॐ जलत्रबम्बाय ववद्महे नीलपुरुषाय धीमहह
ॐ ॐकाराय ववद्महे िमरुजातस्य धीमहह
तन्त्नो वरुणः प्रचोदयात ् ॥
तन्त्नः प्रणवः प्रचोदयात ् ॥
वैश्वानर
अजपा
ॐ पावकाय ववद्महे सप्तन्जह्वाय धीमहह
ॐ हंस हंसाय ववद्महे सोऽहं हंसाय धीमहह
तन्त्नो वैश्वानरः प्रचोदयात ् ॥
तन्त्नो हंसः प्रचोदयात ् ॥
मन्त्मथ
दक्षक्षणामूनतय
ॐ कामदे वाय ववद्महे पुष्पवनाय धीमहह
ॐ दक्षक्षणामूतय
य े ववद्महे ध्यानस्थाय धीमहह
तन्त्नः कामः प्रचोदयात ् ॥
तन्त्नो धीशः प्रचोदयात ् ॥
हंस ॐ महाज्वालाय ववद्महे अन्ग्ननमथनाय
ॐ हंस हंसाय ववद्महे परमहंसाय धीमहह धीमहह तन्त्नोऽन्ग्ननः प्रचोदयात ् ॥
तन्त्नो हंसः प्रचोदयात ् ॥
आकाश
ॐ परमहंसाय ववद्महे महत्तत्त्वाय धीमहह ॐ आकाशाय च ववद्महे नभोदे वाय धीमहह
तन्त्नो हंसः प्रचोदयात ् ॥ तन्त्नो गगनं प्रचोदयात ् ॥
नन्त्दी अन्त्नपण
ू ाय
ॐ तत्परु
ु षाय ववद्महे चक्रतण्
ु िाय धीमहह ॐ भगवत्यै च ववद्महे माहे श्वयै च धीमहह
तन्त्नो नन्न्त्दः प्रचोदयात ् ॥ तन्त्नोऽन्त्नपण
ू ाय प्रचोदयात ् ॥
गरुि बगलामुिी
ॐ तत्पुरुषाय ववद्महे सुवणयपक्षाय धीमहह ॐ बगलामुख्यै च ववद्महे स्तन्म्भन्त्यै च
तन्त्नो गरुिः प्रचोदयात ् ॥ धीमहह तन्त्नो दे वी प्रचोदयात ् ॥
सपय बटुकभैरव
ॐ नवकुलाय ववद्महे ववषदन्त्ताय धीमहह ॐ तत्पुरुषाय ववद्महे आपदद्
ु धारणाय
तन्त्नः सपयः प्रचोदयात ् ॥ धीमहह तन्त्नो बटुकः प्रचोदयात ् ॥
पांचजन्त्य भैरवी
ॐ पांचजन्त्याय ववद्महे पावमानाय धीमहह ॐ त्ररपुरायै च ववद्महे भैरव्यै च धीमहह
तन्त्नः शंिः प्रचोदयात ् ॥ तन्त्नो दे वी प्रचोदयात ् ॥
सुदशयन भुवनेश्वरी
ॐ सुदशयनाय ववद्महे महाज्वालाय धीमहह ॐ नारायण्यै च ववद्महे भुवनेश्वयै धीमहह
तन्त्नश्चक्रः प्रचोदयात ् ॥ तन्त्नो दे वी प्रचोदयात ् ॥
अन्ग्नन ब्रह्मा
ॐ रुरनेराय ववद्महे शन्क्त्तहस्ताय धीमहह ॐ पद्मोद्भवाय ववद्महे दे ववक्त्राय धीमहह
तन्त्नो वन्ह्नः प्रचोदयात ् ॥ तन्त्नः स्रष्टा प्रचोदयात ् ॥
चन्त्र गरुि
ॐ क्षीरपुराय ववद्महे अमत
ृ तत्त्वाय धीमहह ॐ वैनतेयाय ववद्महे सव
ु णयपक्षाय धीमहह
तन्त्नश्चन्त्रः प्रचोदयात ् ॥ तन्त्नो गरुिः प्रचोदयात ् ॥
नछन्त्नमस्ता ॐ तत्परु
ु षाय ववद्महे सव
ु णयपणायय
ॐ वैरोचन्त्यै च ववद्महे नछन्त्नमस्तायै धीमहह (सव
ु णयपक्षाय) धीमहह तन्त्नो गरुिः प्रचोदयात ्
तन्त्नो दे वी प्रचोदयात ् ॥ ॥
दक्षक्षणामूनतय गौरी
ॐ दक्षक्षणामत
ू य
य े ववद्महे ध्यानस्थाय धीमहह ॐ गणान्म्बकायै ववद्महे कमयससद्ध्यै च
तन्त्नो धीशः प्रचोदयात ् ॥ धीमहह तन्त्नो गौरी प्रचोदयात ् ॥
दे वी ॐ सभ
ु गायै च ववद्महे काममालायै धीमहह
ॐ दे व्यैब्रह्माण्यै ववद्महे महाशक्त्त्यै च तन्त्नो गौरी प्रचोदयात ् ॥
धीमहह तन्त्नो दे वी प्रचोदयात ् ॥
गोपाल
धूमावती ॐ गोपालाय ववद्महे गोपीजनवल्लभाय
ॐ धूमावत्यै च ववद्महे संहाररण्यै च धीमहह धीमहह तन्त्नो गोपालः प्रचोदयात ् ॥
तन्त्नो धूमा प्रचोदयात ् ॥
गुरु
दग
ु ाय ॐ गुरुदे वाय ववद्महे परब्रह्माय धीमहह
ॐ कात्यायन्त्यै ववद्महे कन्त्याकुमायै धीमहह तन्त्नो गुरुः प्रचोदयात ् ॥
तन्त्नो दग
ु ाय प्रचोदयात ् ॥
हनुमत ्
ॐ महादे व्यै च ववद्महे दग
ु ाययै च धीमहह ॐ रामदत
ू ाय ववद्महे कवपराजाय धीमहह
तन्त्नो दे वी प्रचोदयात ् ॥ तन्त्नो हनुमान ् प्रचोदयात ् ॥
जल कृष्ण
ॐ ह्रीं जलत्रबम्बाय ववद्महे मीनपुरुषाय ॐ दामोदराय ववद्महे वासुदेवाय धीमहह
धीमहह तन्त्नो ववष्णुः प्रचोदयात ् ॥ तन्त्नः कृष्णः प्रचोदयात ् ॥
सरस्वती
ॐ ऐं वाग्नदे व्यै च ववद्महे कामराजायै धीमहह ॐ तत्पुरुषाय ववद्महे महासेनाय धीमहह
तन्त्नो दे वी प्रचोदयात ् ॥ तन्त्नः षण्मि
ु ः प्रचोदयात ् ॥
शन्क्त्त तारा
ॐ ऐं वागीश्वरर ववद्महे क्त्लीं कामेश्वरर ॐ तारायै च ववद्महे महोग्रायै धीमहह तन्त्नो
धीमहह सौस्तन्त्नः शन्क्त्तः प्रचोदयात ् ॥ दे वी प्रचोदयात ् ॥
स्कन्त्द, षण्मुि
ॐ पवनपुरुषाय ववद्महे सहस्रमूतय
य े च
ॐ महासेनाय ववद्महे वान्ग्नवशुद्धाय धीमहह
धीमहह तन्त्नो वायुः प्रचोदयात ् ॥
तन्त्नः स्कन्त्दः प्रचोदयात ् ॥
ववष्णु
ॐ नारायणाय ववद्महे वासद
ु े वाय धीमहह
तन्त्नो ववष्णःु प्रचोदयात ् ॥
वष
ृ
ॐ तीक्ष्णदं ष्राय ववद्महे वेदपादाय धीमहह
तन्त्नो वष
ृ ः प्रचोदयात ् ॥
यम
ॐ वैवस्वताय ववद्महे दण्िहस्ताय धीमहह
तन्त्नो यमः प्रचोदयात ् ॥
यक्ष
ॐ यक्षेश्वराय ववद्महे गदाहस्ताय धीमहह
तन्त्नो यक्षः प्रचोदयात ् ॥
शरभ
ॐ पक्षक्षसाल्वाय ववद्महे वज्रतुण्िाय धीमहह
तन्त्नः शरभः प्रचोदयात ् ॥
वाचा
ॐ सशवास्यजायै ववद्महे दे वरूपायै धीमहह
तन्त्नो वाचा प्रचोदयात ् ॥
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