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समाकलन

DOUBTNUT की पाठशाला
Introduction
समाकलन (Integration = एकीकरण) का शाब्दिक अर्थ देखे तो
समाकलन करने से तात्पर्य एक साथ संग्रहित करने से है, अर्थात एक ही
तरह की वस्तुओ को साथ में लाना समाकलन कहलाएगा। बच्चों आपने
पिछले अध्याय में अवकलन (Differentiation = विभेदन) पढा हैं
जिसका अर्थ होता हैं अलग करना, समाकलन को आप इसके विपरीत
समझ सकते हैं (अवकलन का व्युत्क्रम), अतः हम समाकलन के लिए
कह सकते हैं की संयोजन का कार्य करना समाकलन कहलाता है।
चूंकि अवकलन में हमें एक फलन दिया जाता हैं और हमें इस फलन

का
अवकलज ज्ञात करना होता है, लेकिन समाकलन में हमें एक ऐसा फलन
ज्ञात करना होता है, जिसका अवकलज दिया गया हो। इस प्रकार,
समाकलन (एकीकरण ) एक ऐसी प्रक्रिया हैं जो अवकलन (विभेदन) का
विलोम होती है।

1 समाकलन के मूलभूत सूत्र


2 निरीक्षण विधि
3 समाकलन की मुख्य विधियाँ
4 निश्चित समाकलन
5 निश्चित समाकलनों के कु छ गुणधर्म
आइए बच्चों समाकलन को समझते हैं और करीब से...

बच्चों! जैसा की हमने पिछले अध्याय में किसी फलन का


अवकलज ज्ञात करना सीखा था, उसी प्रकार यहाँ समाकलन
करना सीखेंगे, जैसे की हमने ऊपर कहा की दोनों एक दू सरे के
विपरीत होते है। आइए इसे समझते है, जैसे की कोई फलन (f)
किसी अंतराल के प्रत्येक बिन्दु पर अवकलनीय हैं तब यदि
उसके अवकलजो (f′ ) का मान ज्ञात हैं तो समाकलन के माध्यम
से फलन (f) का मान ज्ञात किया जा सकता हैं और यह उस
अवकलज का प्रतिअवकलज़ कहलाता है।

आइए इसे निम्न उदाहरणों से समझते है,


जैसे की यदि किसी क्षण t पर किसी वस्तु की स्थिति (दू री)


s दी गई हो तो हम अवकलन के प्रयोग से उस क्षण वेग v (
ds
v = ) ज्ञात कर सकते है, इसी प्रकार यदि हमें किसी वस्तु
dt
का वेग ज्ञात हो तब किसी क्षण पर उसकी स्थिति समाकलन के
प्रयोग से ज्ञात कर सकते है।

मान लीजिए φ(x) एक फलन हैं तथा इसके अवकलज को


d
φ(x) = f(x) द्वारा दर्शाया जाता हैं , तो f(x) का
dx
प्रतिअवकलज / समाकलन ∫ (f(x)dx) = φ(x) + C द्वारा दिया
जाता हैं जहां C को समाकलन का स्थिरांक कहा जाता है।

प्रतीक चिह्न-

f(x)dx → समाकलन का तत्व


∫ → समाकलन का चिह्न

φ(x) →प्रतिअवकलज या f(x) का समाकलन

अतः यदि कोई फलन अवकलनीय हैं तब उसका अवकलन करने


पर हमें अवकलज प्राप्त होता हैं तथा वह फलन प्रतिअवकलज़
कहलाता है, इस प्रकार यदि अवकलज ज्ञात हो तब
प्रतिअवकलज़ ज्ञात करने की विधि समाकलन कहलाती है।
OMR (One Minute Revision)
d
चूँकि dx [f(x) + C] = f′ (x)

यहाँ f′ (x), f(x) का अवकलज हैं तथा f(x), f′ (x) का समाकल है।

इसे कु छ इस प्रकार दर्शा सकते हैं -


∫ f′ (x)dx = f(x) + C

यहाँ f′ (x) समाकल्य तथा f(x) समाकल हैं तथा C समाकलन


नियतांक है।
यहाँ ∫ से तात्पर्य

समाकलन से हैं तथा dx से तात्पर्य हैं की


समाकलन x के सापेक्ष किया जा रहा हैं तथा x समाकलन का चर
है।

निम्न स्थितियों में समाकलन का प्रयोग करते हैं -


(i) यदि f′ (x) दिया गया हो तो f(x) निकालने के लिए (अनिश्चित

समाकलन) का प्रयोग किया जाता हैं तथा


(ii) किसी वक्र तथा x - अक्ष अथवा y - अक्ष के बीच का क्षेत्रफल
निकालने के लिए (निश्चित समाकलन) का प्रयोग किया जाता हैं

समाकलन
समाकलन केके मूलभूत
मूलभूत सूत्र
सूत्र

xn + 1
⋆ .∫ x ndx = + C,
n+1

n≠ -1

1
⋆ . ∫ dx = logx + C
x

⋆ .∫ dx = x + C

⋆ .∫ sinxdx = - cosx + C

⋆ .∫ cosxdx = sinx + C

⋆ .∫ sec 2xdx = tanx + C


⋆ .∫ cosec 2xdx = - cotx + C


⋆ .∫ secxtanxdx = secx + C

⋆ .∫ cosecxcotxdx = - cosecx + C

1
⋆ .∫ dx = sin - 1(x) + C
√ 1 - x2

1
⋆ .∫ - dx = cos - 1(x) + C
√ 1 - x2

1
-1
⋆ .∫ 2
dx = tan (x) + C
1+x

1
-1
⋆ .∫ - 2
dx = cot (x) + C
1+x

1
⋆ .∫ dx = sec - 1(x) + C
x x2 - 1

1
⋆ .∫ - dx = cosec - 1(x) + C
x x2 - 1

⋆ .∫ e xdx = e x + C

1
⋆ .∫ dx = log e|x| + C
x

ax
⋆ .∫ a xdx = +C
log ea

समाकलन और अवकलन के बीच तुलना

ऊपर सभी सूत्रों में एक समाकलन नियतांक C को जोड़ा गया है,


इसे निम्न उदाहरण से समझते हैं -

चूँकि

( )
d x4
dx 4
+ 4 = x3

तथा
( )
d
dx
x4
4
+ 5 = x3

x3 + 1 x4
अब ∫ x 3 = +C= +C
3+1 4

यहाँ समाकलन नियतांक या समाकलन अचर C के विभिन्न मान


ले सकते हैं जिससे समाकल के भिन्न - 2 मान प्राप्त होंगे, परन्तु
x4
+ C का अवकलज x 3 प्राप्त होगा, जैसा की ऊपर देख
4
सकते हैं इसलिए समाकल को उचित रूप से लिखने के लिए
उसमें अचर C जोड़ दिया जाता है।

d
अवकलन में [af(x) ± bg(x)]
dx
d d
=a (f(x)) ± b (g(x))
dx dx

इसी प्रकार समाकलन में

1) ∫ kf(x)dx = k∫ f(x)dx

2) ∫ (f(x) ± g(x))dx = ∫ f(x)dx ± ∫ g(x)dx


(
3) ∫ k 1f 1(x) ± k 2f 2(x) ± .... . ± k nf n(x) dx )

= k 1∫ f 1(x)dx± k 2∫ f 2(x)dx ± ....... .


± k n∫ f n(x)dx

अनिश्चित समाकलनों के ज्यामितीय निरूपण

माना,
y = x 2 + c परवलयों के समूह को दर्शाता हैं
ऊपर चित्र में देखे तो

C के सभी मानो के लिए


dy

= 2x (प्रवणता), प्राप्त होगा


dx

यदि यहाँ x = a रखे तब हम कह सकते हैं की वक्रों के समूह में


से प्रत्येक वक्र के लिए x = a पर स्पर्श रेखा की समान प्रवणता
प्राप्त होगी, जैसा की चित्र में दर्शाया गया है।

अतः अनिश्चित समाकलन ज्यामितीय रूप से वक्रों के परिवार


को प्रदर्शि त करता है, जिसके हर एक वक्र पर x = a बिन्दु पर
स्पर्श रेखा की प्रवणता समान रहती है।

निरीक्षण
निरीक्षण विधि
विधि

निरीक्षण विधि सामान्यतः अधिक उपयोगी विधि नहीं है, परन्तु


दिया गया फलन किस फलन का अवकलज हैं यह सरलता से
ज्ञात किया जा सके तब इसका उपयोग किया जाता है। आइए
इसे समझने का प्रयास करते हैं -

निरीक्षण विधि के अनुसार

यदि ∫ f(x)dx = F(x) + C


F(ax + b)
इस प्रकार ∫ f(ax + b)dx = +C
a

चूँकि
d
dx ( F(ax + b)
a
+C = ) f(ax + b)
a
⋅ a+0

dx
d
( F(ax + b)
a )
+ C = f(ax + b)

यहाँ से आप देख सकते हैं की f(ax + b) का समाकल


(प्रतिअवकलज़) ज्ञात करने के लिए पहले देखते हैं की किस
फलन का अवकलज f(ax + b) होगा

उदाहरण 1

cos2x का प्रतिअवकलज़ ज्ञात करे।


वीडियो से समझें

उत्तर:

सर्वप्रथम देखते हैं की cos2x किसका अवकलज हैं

d
अब चूँकि dx sin2x = 2cos2x

अतः cos2x =
d
dx [ ]
sin2x
2

sin2x
अतः cos2x का प्रतिअवकलज 2
होगा।

समाकलन
समाकलन की
की मुख्य
मुख्य विधियाँ
विधियाँ

समाकलन करने की निम्न मुख्य विधियाँ हैं-


प्रतिस्थापन द्वारा समाकलन

आं शिक भिन्नो द्वारा समाकलन

खंडशः समाकलन

1. प्रतिस्थापन द्वारा समाकलन


(Integration by Substitution)
प्रतिस्थापन द्वारा समाकलन से तात्पर्य हैं कि हमें समाकलन
करने के लिए प्रतिस्थापन का प्रयोग करना हैं इस विधि में किसी
एक दिए गए चर को दू सरे चर के सापेक्ष प्रतिस्थापित किया
जाता है।
प्रतिस्थापन विधि का उपयोग तब किया जाता है, जब चर के
उपयुक्त प्रतिस्थापन से समाकलन सरल हो जाता है।

चर x का फलन f(x) लेते हैं जो अवकलनीय हो तथा x को नए


चर (माना t) या फलन से प्रतिस्थापित करते है, जिससे हल
आसान हो साथ ही उसी नए चर का प्रयोग कर समाकलन करते
है। इस विधि को निम्न उदहारण से समझते हैं -

यदि y = f(x)

x के सापेक्ष समाकलन करने पर


I = ∫ f(x)dx....(i)

अब मान लेते हैं की यहाँ समाकलन करना कठिन है,


तब
माना,
x = g(t)
यहाँ t के सापेक्ष अवकलन करने पर
dx

= g′ (t)
dt

⇒ dx = g′ (t)dt

अतः I = ∫ f(g(t)) ⋅ g′ (t)dt.....(ii)

यहाँ आप देख सकते हैं की समी. (i) में x के सापेक्ष समाकलन


कर रहे थे, परन्तु समी. (ii) में t के सापेक्ष समाकलन हो रहा है

जहाँ x = g(t)

इस प्रकार अंत में g(t) का मान x के पदों में रख सकते है


अतः समाकल x के पदों में प्राप्त हो जाएगा।

प्रतिस्थापन विधि के प्रयोग से कु छ महत्वपूर्ण समाकलन



∫ tanxdx = - log|cosx| + C

दिया है,
I = ∫ tanxdx

sinx
I= ∫ cosx dx

माना,
cosx
= t

अवकलन करने पर
x के सापेक्ष
dt
- sinx =
dx
sinxdx = - dt

अतः I = ∫ ( )
-
1
t
dt

I = - log|t| + C

(t का मान रखने पर)


⇒ I = - log|cosx| + C

इसी प्रकार


∫ cotxdx = log|sinx| + C


∫ secxdx
= log|secx + tanx| + C

| ( )|
= log tan
π
4
+
x
2
+C


∫ cosecxdx

= - log|cosecx + cotx| + C

= log|cosecx - cotx| + C

| ( )|
= log tan
x
2
+C

त्रिकोणमितीय फलनों द्वारा प्रतिस्थापन


∫ x2 + a2
dx
=
1
a
tan - 1
()
x
a
+C

आइए देखते हैं यह किस प्रकार हल होगा -


माना,

dx
I=∫ 2
x + a2

तथा x = atanθ

x के सापेक्ष अवकलन करने पर


dx = asec 2θdθ


asec
अतः I = ∫ dθ
(atanθ) 2 + a 2

1 asec 2θ
I=
a2
∫ 1 + tan 2θ dθ

1 asec 2θ
I=
a2
∫ sec 2θ

1
a∫
I= dθ

1
I= θ+C
a

I=
1
a
tan - 1
() x
a
+C

इसी प्रकार

dx

∫ x2 - a2

= log x +| √ |
x2 - a2 + C

dx


√x 2 + a 2
= log x +| √x 2 + a 2 | + C

dx


√a 2 - x 2
= sin - 1
()
x
a
+C

कु छ अन्य महत्वपूर्ण सूत्र -



dx
∫ x2 - a2 =
1
2a
log
| |
x-a
x+a
+C


dx
∫ a2 - x2 =
1
2a
log
| |
a+x
a-x
+C

उदाहरण 2

sin2x - 4e 3x का x के सापेक्ष समाकलन करें।


वीडियो से समझें

उत्तर:

I = ∫ sin2x - 4e 3xdx

समाकलन के गुणधर्म से

I = ∫ sin2xdx - ∫ 4e 3xdx

माना I = I 1 - I 2.....(i)

अतः I 1 = ∫ sin2xdx....(ii)

माना 2x = u (प्रतिस्थापन करने पर)


x के सापेक्ष अवकलन करने पर

du

2=
dx

1
∴ dx = du
2

1
अतः I 1 = 2 ∫ sinudu मान रखने पर

1
⇒ I1 = ( - cosu) + C 1
2

u का मान रखने पर
1

I 1 = - cos2x + C 1
2

इसी प्रकार

I 2 = 4e 3xdx....(iii)

माना 3x = v (प्रतिस्थापन करने पर)


x के सापेक्ष अवकलन करने पर
dv
3=
dx

1
∴ dx = dv
3

dx का मान समीकरण 3 में रखने पर


1 v
अतः I 2 = 4 ⋅ 3 ∫ e dv

4
⇒ I
v
2 = 3 e + C2

v का मान रखने पर
4 3x

I2 = e + C2
3

I = I1 - I2
1
4 3x
I = - cos2x + C 1 - e - C 2
2 3

(माना C 1 - C 2 = C)
1
4
अतः I = - 2 cos2x - 3 e 3x + C
उदाहरण 3

cosxdx
∫ sin 2x + 4sinx + 5 का मान हैं
वीडियो से समझें

उत्तर:

cosxdx
∫ sin 2x + 4sinx + 5

cosxdx
∫ (sinx + 2) 2 + 1

माना sinx + 2 = t

⇒ cosxdx = dt

1
∴ I= ∫ t 2 + 1 dt


dx
∫ x2 + a2 =
1
a
tan - 1
()
x
a
+C

= tan - 1(t) + C

= tan - 1(sinx + 2) + C

उदाहरण 4

2x
यदि ∫ dx = ksin - 12 x है, तो K का मान हैं
√1 - 4 x
वीडियो से समझें

उत्तर:

दिया है,
2x
∫ dx
√1 - 4x 2

2x
= ∫ dx.... (i)
√ 1 - (2 x ) 2

माना 2 x = t

⇒ xlog2 = logt

dt 1
∴ log2 = ×
dx t

dt
tdx =
log2

dt
2 xdx =
log2

समीकरण 1 से

dt


log2 √ (1 - t 2 )

1 dt
log2 ∫
=
2
√1 - t

1
⋆ .∫ dx = sin - 1(x) + C
√1 - x 2

1
= sin - 12 x + C
log2

1
⇒ sin - 12 x + C = ksin - 12 x + C
log2

1
∴ k= [तुलना करने पर]
log2

त्रिकोणमितीय फलनों का समाकलन

जब समाकल्य में त्रिकोणमितीय फलन हो तो त्रिकोणमितीय


सर्वसमिकाओ का उपयोग कर उसे हल कर सकते हैं ,
त्रिकोणमितीय सर्वसमिका के महत्वपूर्ण सूत्र निम्न हैं

दो कोणों के योग व अंतर का cosine फलन-


(i) cos(A + B)

= cosA. cosB- sinA. sinB


(ii) cos(A - B)

= cosAcosB+ sinAsinB

दो कोणों के योग व अंतर का sine फलन -

(i) sin(A + B)
= sinAcosB+ cosAsinB

(ii) sin(A - B)
= sinAcosB- cosAsinB

दो कोणों के योग अथवा अंतर का tangent ज्ञात


करना-

(i) tan(A + B)

tanA + tanB
=
1 - tanAtanB

(ii) tan(A - B)

tanA - tanB
=
1 + tanAtanB

दो कोणों के योग अथवा अंतर का cotangent ज्ञात


करना-

(i) cot(A + B)

cotAcotB - 1
=
cotB + cotA

(ii) cot(A - B)

cotAcotB + 1
=
cotB - cotA

बहुल कोणों के त्रिकोणमिति अनुपात


(i) cos2A
= cos 2A - sin 2A
= 2cos 2A - 1

= 1 - 2sin 2A

1 - tan 2A
=
1 + tan 2A

(ii) sin2A

= 2sinAcosA

2tanA
=
1 + tan 2A

2tanA
(iii) tan2A = ,
1 - tan 2A

π
2A ≠ nπ +
2

जहाँ n पूर्णांक है।

3A के त्रिकोणमिति अनुपात

(i) sin3A

= 3sinA- 4sin 3A

(ii) cos3A

= 4cos 3A- 3cosA


3tanA - tan 3A
(iii) tan3A =
1 - 3tan 2A

π
, जहाँ 3A ≠ nπ +
2

जहाँ n पूर्णांक है।

दो कोणों के sine या cosine के गुणन का योग में


परिवर्तन

(i) 2cosAcosB
= cos(A + B)+ cos(A - B)

(ii) 2sinAsinB

= cos(A - B)- cos(A + B)


(iii) 2sinAcosB

= sin(A + B)+ sin(A - B)


(iv) 2cosAsinB

= sin(A + B)- sin(A - B)

दो कोणों के sine या cosine के योग अथवा अंतर का


गुणा में परिवर्तन

(i) cosC + cosD


= 2cos
( ) ( )
C+D
2
. cos
C-D
2

(ii) cosC - cosD


= 2sin
( ) ( )
C+D
2
. sin
D-C
2

(iii) sinC + sinD


= 2sin ( ) ( )
C+D
2
. cos
C-D
2

(iv) sinC - sinD


= 2cos
( ) ( )
C+D
2
. sin
C-D
2

उदाहरण 5
sin2x

∫ sin5xsin3x dx का मान हैं


वीडियो से समझें

उत्तर:

sin2x
∫ sin5xsin3x dx

sin(5x - 3x)
= ∫ sin5xsin3x dx

sin5xcos3x - cos5xsin3x
= ∫ sin5xsin3x
dx

= ∫ (cot3x - cot5x)dx

1 1
= log(sin3x) - log(sin5x) + C
3 5

उदाहरण 6

सिद्ध करे
dx
∫ acosx + bsinx =
1
r [ ( )]
ln tan
x+α
2
के रूप

का हैं , तथा r का मान ज्ञात कीजिये।


वीडियो से समझें

उत्तर:

dx
I= ∫ acosxbsinx

∴ a = rsinα तथा b = rcosα रखने पर.......(1)


1 dx

I=
r sinα ⋅ cosx + cosα ⋅ sinx

1 dx
r ∫ sin(x + α)
=

1
r∫
= cosec(x + α)dx

1
= ln[cosec(x + α) - cot(x + α)]
r

+C

=
1
r
ln [ 1
sin(x + α)
-
cos(x + α)
sin(x + α)
]
+C

=
1
r
ln [ 1 - cos(x + α)
sin(x + α) ] +C

[ ( )
]
x+α
2sin 2 2
1
= ln
r
( ) ( )
x+α x+α

2sin 2
⋅ cos 2

+C

=
1
r
ln tan [ ( )]
x+α
2
+C

अतः समीकरण 1 से

2 2
r= √a +b

2.
2. आं
आंशिक
शिक भिन्नो
भिन्नो द्वारा
द्वारा समाकलन
समाकलन

(Inteqration by Partial Fractions)


p(x)
बच्चों! यदि हमारे पास कोई परिमेय फलन ( जहाँ
q(x)
q(x) ≠ 0) दिया गया हो तथा p(x) व q(x) बहुपदीय फलन हो
तो देखते हैं इसे व इसके विभिन्न रूपों को किस प्रकार हल
किया जा सकता हैं -

(i) यदि परिमेय फलन विषम या अनुचित परिमेय


फलन हो अर्थात p(x) की घात q(x) की घात से
बड़ी या बराबर हो (p(x) की घात ≥ q(x) की
घात) तब

P 1(x) P 1(x)
इसे T(x) + के रूप में हल करेंगे जहाँ उचित
q(x) q(x)
परिमेय फलन होगा।

(ii) यदि परिमेय फलन उचित परिमेय फलन हो


अर्थात p(x) की घात q(x) की घात से कम हो (
p(x) की घात < q(x) की घात) तब
इन्हे सामान्य समाकलन की विधियों द्वारा हल किया जा सकता
है

उचित परिमेय फलनों के प्रकार -


dx
(1) ∫
ax 2 + bx + c

step (a)
ax 2 + bx + c
से a को बाहर निकाले

( b
a x2 + x +
a
c
a
)
step (b)

इसे पूर्ण वर्ग बनायेंगे अर्थात t 2 ± k 2 के रूप में लिखने का


प्रयास करेंगे

इसके लिए चर (x) वाले पदों को इस प्रकार ले की


a 2 + b 2 + 2ab रूप में प्राप्त हो

a
( x2 + 2x
b
2a
+
( )
2a
b 2
+
c
a
-
( ))b
2a
2

a
[( ) ( ) )]
x+
b
2a
2
+
c
a
-
b
2a
2

dx
अतः ∫
ax 2 + bx + c

1 dx
a∫
=

( ) (√ ( ) )
2
b 2 c b 2
x + 2a + a
- 2a

1
इस रूप में में प्राप्त होने पर आप इसे आसानी से हल
t2 ± k2
कर सकते है।

इसी प्रकार

dx
(2)∫
√ ax 2 + bx + c

1
को के रूप में लाकर हल किया जा सकता है।
√ t2 ± k2

px + q
(iii)∫ 2
dx या
ax + bx + c

px + q
∫ ax 2
dx
√ + bx + c

इस प्रकार के समाकलन ज्ञात करने के लिए


d

px + q = A
dx ( )
ax 2 + bx + c + B

= A(2ax + b) + B

यहाँ x के गुणांक तथा अचर पदों की तुलना करेंगे


परिमेय फलनों के अन्य विभिन्न रूप


परिमेय फलनों के अन्य विभिन्न रूपो को हल करने के लिए इन्हे
सरल आं शिक भिन्नो के रूप में परिवर्ति त करना होगा

(i) यदि q(x) को भिन्न - भिन्न रैखिक गुणनखंडों के गुणनफल के


रूप में लिखा जा सके (तालिका मे, (1), (3))।

(ii) यदि q(x) को भिन्न - भिन्न रैखिक गुणनखंडों के गुणनफल


के रूप में लिखा जा सके , जिनमें कु छ गुणनखंडों की पुनरावृत्ति
हो रही होगी (तालिका मे, (2), (4))।

(iii) यदि q(x) को रैखिक तथा द्विघातीय गुणनखंडों के


गुणनफल के रूप में लिखा जा सके (तालिका मे, (5))।

उदाहरण 7

dx
फलन ∫ 2 का x के सापेक्ष समाकलन कीजिए ।
2x - 4x + 1
वीडियो से समझें

उत्तर:

dx
माना I = ∫
2x 2 - 4x + 1

1 dx
2∫
= 1
x 2 - 2x +

1 dx
2∫
=
1
x 2 - 2x + 1 - 1 +

1 dx
2∫
=

() 2

1
(x - 1) 2 -
√2

माना (x - 1) = t

∴ dx = dt

1
तथा =a
√2

1 dt
2 ∫ t2 - a2

∴ I=


dx
∫ x2 - a2 =
1
2a
log
| |
x-a
x+a
+C

I=
1 1
2 2a
log ( ) t-a
t+a

[ ]
1
(x - 1) -
1 √2
= 1
log 1
4. (x - 1) +

√2 √2

√2x - (√2 + 1 )
=
1
2√2
log
[ √2x - ( √2 - 1
])
उदाहरण 8
1

∫ dx का मान ज्ञात कीजिए ।


√1 - x - x2
वीडियो से समझें

उत्तर:

1
∫ dx
√1 - x - x2

dx
= ∫
√1 - (x + x 2 )

dx
= ∫
√( ) ( )

1 1
1+ 4
- x2 + x + 4

dx
= ∫
√( ) ( )
√5
2
2
- x+
1
2
2

1
जहाँ x + 2 =t ⇒ dx = dt

dt
= ∫
√[( ) ]

√5 2

2
- t2

⋆ .∫

1

a2 - x2
dx = sin - 1
() x
a
+C

= sin -1
( ) √5 / 2
t
+c

[ ] ( ) 1
2 x+
2
= sin - 1 +c
√5

= sin - 1
( ) 2x + 1

√5
+c

उदाहरण 9
ज्ञात करें
ex
∫ dx
√5 - 4e x - e 2x
वीडियो से समझें

उत्तर:

माना कि,

ex
I= ∫ x 2x
dx
√5 - 4e -e

e x = t रखे, तो e xdx = dt

dt
∴ I= ∫
√5 - 4t - t 2

dt
= ∫
√ 5 + 4 - 4 - 4t - t 2

dt
= ∫
√9 - (t + 2) 2

dt
= ∫
√32 - (t + 2) 2

= sin - 1
( )
t+2
3
+c

[चूँकि ∫
√a
dx
2
-x 2
= sin - 1 ()
x
a
+ c]

अतः I = sin - 1 ( )
ex + 2
3
+c

उदाहरण 10

ज्ञात करें
2x
+ 1
∫ 2x 2 + 4x - 3 dx
वीडियो से समझें

उत्तर:

माना कि
2x + 1
∫ 2x 2 + 4x - 3 dx

पुनः माना कि

d
2x + 1 = A
dx (
2x 2 + 4x - 3 + B

= A(4x + 4) + B

x के समान घात तथा अचर पद को बराबर करने पर हमें मिलता है,

4A = 2

1
⇒ A=
2

तथा 4A + B = 1

⇒ B= -1

1
अतः 2x + 1 = 2
(4x + 4) - 1

(A व B का मान रखने पर)


1
2
(4x + 4) - 1
अब, I = ∫ dx
2x 2 + 4x - 3

1 4x + 4 dx
2 ∫ 2x 2 + 4x - 3
= dx- ∫
2x 2 + 4x - 3

1
= I 1 - I 2 + c ...(1)
2

4x + 4
जहां I 1 = ∫ dx
2x 2 + 4x - 3

dx
तथा I 2 = ∫
2x 2 + 4x - 3

I 1 निकालना : 2x 2 + 4x - 3 = t रखे,

तो x के सापेक्ष अवकलन करने पर


(4x + 4)dx = dt

dt
अब, I 1 = ∫ t

|
I 1 = log|t| = log 2x 2 + 4x - 3 ...(2) |

dx
पुनः I 2 = ∫
2x 2 + 4x - 3

dx
I2 = ∫
( )
3

2 x2 + 2x + 1 - 1 - 2

1 dx
2∫
I2 =

(x + 1) 2 -
(√ ) 5 2
2

[
चूँकि ∫ 2 2
x -a
dx
=
1
2a
log | |
x-a
x+a
+C
]

| |
5

अतः I 2 =
1

1
log
x+1-
√ 2

2 5 5

√ √

2 2
x+1+ 2

| √|
5

=
1
log

x+1- 2

...(3)
2√10 5

x+1+
2

समी. (1), (2) तथा (3) से हमें मिलता है,

| |
5

1 1
x+1-
√ 2

I=
2 |
log 2x 2 + 4x - 3 - | 2√10 log 5
+c
x+1+
√ 2

उदाहरण 11

फलन का समाकलन कीजिए -


1
x 2 - 16
वीडियो से समझें

उत्तर:

dx
माना I = ∫
x 2 - 16

dx
= ∫ (x - 4)(x + 4)

आंशिक भिन्नों में वियोजन

1 A B
= +
(x - 4)(x + 4) (x - 4) (x + 4)

⇒ 1 = A(x + 4)+ B(x - 4) ...(1)


समीकरण (1 ) के दोनों पक्षों में x - 4 = 0 ⇒ x = 4 रखने पर ,

1
A=
8

समीकरण (1 ) के दोनों पक्षों में x + 4 = 0 ⇒ x = - 4 रखने पर


,

1
B= -
8


1
(x - 4)(x + 4)
=
1
[
8 (x - 4)
1
-
1
(x + 4)
]

dx 1 dx 1 dx

∫ (x - 4)(x + 4) =
8 ∫ (x - 4)
-
8 ∫ (x + 4)

सूत्र-
1

∫ x dx = logx + C

1
= [log(x - 4) - log(x + 4)]
8

=
1
8
log ( )
x-4
x+4


dx
∫ x 2 - 16 =
1
8
log ( )
x-4
x+4

उदाहरण 12

ज्ञात करें

2x - 1
∫ (x - 1)(x + 2)(x - 3) dx
वीडियो से समझें

उत्तर:

माना कि,

2x - 1
I= ∫ (x - 1)(x + 2)(x - 3) dx

माना कि,

-1
2x A B C
= + +
(x - 1)(x + 2)(x - 3) x-1 x+2 x-3

(तालिका में क्रमांक 3 से)


∴ 2x - 1 = A(x + 2)(x - 3)

+ B(x - 1)(x - 3)+ C(x - 1)(x + 2)...(1)


समी (1) में क्रमशः x = 1, - 2 तथा 3 रखने पर हमें मिलता है,


(किन्ही 2 चरों को विलुप्त किया जा रहा है)

x=1
1
⇒ 1 = A(3)( - 2) ⇒ A= - ,
6

x= -2
1
⇒ - 5 = B( - 3)( - 5) ⇒ B= -
3

x=3
1
⇒ 5 = C(2)(5) ⇒ C=
2

2x - 1

∫ (x - 1)(x + 2)(x - 3) dx

= ∫ [ -
1 1
6 (x - 1)
-
1 1
3 (x + 2)
+
1
2 (x - 3)
1
]
dx

अतः

1 1 1
I= - log|x - 1|- log|x + 2|+ log|x - 3| + c
6 3 2

उदाहरण 13

ज्ञात करें

x 3 + 3x + 2
∫ dx
(x + 1 ) (x + 1)
2 2

वीडियो से समझें

उत्तर:

माना कि,

x 3 + 3x + 2
I= ∫ dx
(x + 1 ) (x + 1)
2 2

( )
x x 2 + 1 + 2(x + 1)
I= ∫ dx
(x + 1 ) (x + 1)
2 2

x dx
अतः I = ∫ dx + 2∫
( )
x 2 + 1 (x + 1) (1 + x2 ) 2

I = I 1 + 2 ⋅ I 2.....(1)

माना कि,

x A Bx + C
I1 = = + .......(2)
1+x 1 + x2
(1 + x )(x + 1)
2


( )
x = A 1 + x 2 + (Bx + C)(1 + x)

(x = - 1 रखने पर B व C वाले पद विलुप्त हो जाते है)


1
x = - 1 रखने पर हमें मिलता है, A = -
2

x = 0 रखने पर हमें मिलता है,


0=A+C


1
⇒ C = - A =
2

x = 1 रखने पर हमें मिलता हैं


1 = 2A + 2(B + C)1 = 2A + 2B + 2C
A व C का मान रखने पर
1 = - 1 + 2B + 1

∴ B=
2

∴ (2) से,
x

∫ dx
(1 + x) 1 + x 2 ( )

( )
1 1
1 2
x+ 2
= ∫ -
2(1 + x)
+
1+ x2
dx

= ∫ ( -
1
2(1 + x)
+
(
4 1 + x2
2x

)
+ ()
1
2 1 + x2
1
) dx

1 1 1
= -
2
log|1 + x| +
4 (
log 1 + x2 ) + 2 tan - 1x + c 1......
(3)

dx
तथा I 2 = ∫
( 1 + x2 ) 2

x = tanθ रखे तो,


dx = sec 2θdθ

dx sec 2θ
अब ∫ = ∫ dθ
(1 + ) x2
2
(1 + tan θ ) 2 2

1 + cos2θ
= ∫ cos 2θdθ = ∫ dθ
2

=
1
2 [
θ+
sin2θ
2 ] + c2 =
1
2
[θ + sinθcosθ]

=
1
2 [ tan - 1x +
x

√1 + x 2 √1 + x 2
*
1
]

1 1 x
अतः I 2 = 2
-1
tan x +
2
(1 + x )

अब (1) से,
3 1 1
I=
2
tan - 1x-
2
log|1 + x|+ log 1 + x 2
4 ( )
x
+ + c1 + c2
1+ x2

माना c 1 + c 2 = C

3 1 1 x
I=
2
tan - 1x-
2
log|1 + x|+ log 1 +
4 ( x2 )+ 1 + x 2
+C

3.
3. खंडशः
खंडशः समाकलन
समाकलन

Integration by Parts
बच्चों! जैसा की आप जानते हैं श्रृंखला नियम के अनुसार

d du dv
uv = ⋅ v+ ⋅ u
dx dx dx

दोनों पक्षों में x के सापेक्ष समाकलन करने पर


∫ dx
d
uvdx = ∫ [ ] [ ]
du
dx
⋅ v dx + ∫
dv
dx
⋅ u dx

uv = ∫ [ ] [ ]
du
dx
⋅ v dx + ∫
dv
dx
⋅ u dx

∫ [ ] u⋅
dv
dx
dx = uv - ∫ [ ] du
dx
⋅ v dx

माना,

u = f(x)

dv
तथा = g(x) ⇒ v = ∫ g(x)dx
dx

अतः
∫ f(x) ⋅ g(x)dx

= f(x) ⋅ ∫ g(x)dx - ∫
[ dx
d
f(x) ⋅ ∫ g(x)dx dx
]
उपर्युक्त नियम खंडशः समाकलन का नियम कहलाता है।

यदि हम f को प्रथम फलन और g को दू सरा फलन मान लें तो


इस सूत्र को निम्नलिखित रूप में व्यक्त किया जा सकता है।

दो फलनों के गुणनफल का समाकलन . ∫ I ⋅ IIdx = (प्रथम फलन)


. I × (द्वितीय फलन का समाकलन). ∫ IIdx - [(प्रथम फलन का
अवकलन गुणांक). d I × (द्वितीय फलन का समाकलन)]. ∫ IIdx
dx

का समाकलन . ∫
[ ] d
dx
I ∫ II dx

पहला, दू सरा फलन चुनने के लिए एक नियम हैं जिसे ILATE


का नियम कहते है।

ऊपर चित्र में देखे पहले फलन का चुनाव I → E की ओर बढ़ते


हुए होगा, या चित्र के अनुसार चुनाव ऊपर से नीचे की ओर बढ़ते
हुए होगा अर्थात दिए गए दो फलनों में यदि एक फलन ऐसा हैं
जो दू सरे फलन से चित्र में ऊपर हैं या क्रम में पहले हैं तो उसे
प्रथम फलन लेंगे तथा अन्य को द्वितीय फलन लेंगे।

उदाहरण के लिए

दो फलन आपस में गुणे में है, एक फलन (Inverse) प्रतिलोम


तथा अन्य फलन (Algebraic) बीजगणितीय तब हम देख
सकते हैं की ILATE के क्रम अनुसार I पहले व A बाद में
आएगा। अतः प्रथम फलन प्रतिलोम तथा द्वितीय फलन
बीजगणितीय फलन को लेंगे। आइए इसे कु छ उदाहरणों से
समझने का प्रयास करते हैं -

उदाहरण 14

ज्ञात करें

2sinxdx
∫ x
वीडियो से समझें

उत्तर:

यहाँ x 2 (Algebraic) बीजगणितीय फलन है


तथा sinx, (Trigonometric) त्रिकोणमितीय
फलन है
तथा ILATE में A, T के पहले है

अतः x 2 को f(x) (प्रथम फलन


) तथा sinx को g(x) (द्वितीय
फलन) मानते हैं

∫ x 2sinxdx

= x 2 ⋅ ∫ sinxdx - ∫
[ d
dx ]
x 2∫ sinxdx dx

= x 2( - cosx) - ∫ 2x( - cosx)dx


= - x 2cosx + 2∫ xcosxdx

पुनः ILATE नियम से


= - x 2cosx
[
+ 2 x ⋅ ∫ cosxdx - ∫
[ d
dx ]]
x∫ cosxdx dx

[
= - x 2cosx + 2 xsinx - ∫ (1sinx)dx ]

= - x 2cosx + 2[xsinx - ( - cosx)] + c


= - x 2cosx + 2xsinx + 2cosx + c

उदाहरण 15

ज्ञात करें
x

∫ e cos 3x dx
वीडियो से समझें

उत्तर:

यहां e x, Exponential (चरघातांकीय) फलन हैं तथा cos3x,


Trigonometric (त्रिकोणमितीय) फलन है
तथा ILATE में T, E के पहले हैं

अतः cos3x को प्रथम फलन तथा


e x को द्वितीय फलन मानते हैं
अतः

माना
कि,

I = ∫ e xcos3xdx

= cos3x∫ e xdx -∫
[ d
dx
cos3x∫ e xdx dx
]

= (cos3x)e x - ∫ ( - 3sin3x)e xdx


पुनः ILATE से

= e xcos3x [
+ 3 (sin3x)e x - ∫ (3cos3x)e xdx ]

= e xcos3x + 3e xsin3x - 9∫ e xcos3xdx


अतः I = e xcos3x + 3e xsin3x - 9 ⋅ I


या 10I = e x(cos3x + 3sin3x)


ex
∴ I= (cos3x + 3sin3x) + c
10

उदाहरण 16
- 1xdx
का मान है
∫ tan
वीडियो से समझें

उत्तर:

माना I = ∫ 1ItanII - 1xdx


I = tan - 1x∫ 1dx - ∫


[( dx
d
tan - 1x
)∫ ]
1dx dx

1
= xtan - 1x - ∫ 2
⋅ xdx
1+x

माना t = 1 + x 2

⇒ dt = 2xdx

1 dt
-1
2∫ t

∴ I = xtan x -

1
= xtan - 1x - log|t| + C
2

= xtan - 1x -

1
2 |
log 1 + x 2 + C |

कु छ विशिष्ट प्रकार के समाकलन

x x

∫ e (f(x) + f′ (x))dx = e ⋅ f(x) + c

आइए इसे हल करके समझते हैं -


x(f(x) + f′ (x))dx

∫ e

= ∫ e x ⋅ f(x)dx+ ∫ e x ⋅ f′ (x)dx

यहाँ f(x) को प्रथम तथा e x को दू सरा फलन मानने पर


= f(x) ⋅ ∫ e xdx -∫
[ d
dx ]
f(x)∫ e xdx dx+ ∫ e x ⋅ f′ (x)dx

[ ]
= f(x) ⋅ e x - ∫ f′ (x) ⋅ e x dx+ ∫ e x ⋅ f′ (x)dx

अतः I = f(x) ⋅ e x + c

कु छ अन्य प्रकार के विशिष्ट समाकलन देखते हैं -


∗ x 2 - a 2dx
∫√

a2
x 2 - a 2- log |x + √x 2 - a 2 | + C
x
=
2 √ 2

इन्हे हल करने के लिए दिए गए फलन (√ )


x 2 - a 2 में 1 का

गुणा करेंगे तथा दिए गए फलन ( x 2 - a 2) को प्रथम फलन



तथा 1 को द्वितीय फलन मान कर खंडशः समाकलन करेंगे।

उदाहरण के लिए

I= ∫ √x 2 - a 2dx = ∫ 1 √x 2 - a 2dx

[ ]
1
d
√x 2 - a2∫ 1dx- ∫ dx ( ) ∫ 1dx
I= x 2 - a2 2
dx

2x
=x⋅ √ x 2 - a 2- ∫ ⋅ xdx
2 2


2 x -a

x2 - a2 + a2
=x⋅ √x 2 - a 2 - ∫ x2 a2
dx
√ -

=x⋅ √x 2 - a 2 - ∫ [√ x2 - a2

x2 - a2
+
√ x2
a2

- a2 ] dx

1
=x⋅ √ x 2 - a 2- ∫ √ x 2 - a 2dx- a 2∫ dx
2 2

√x -a

1
2 2 2
=x⋅ √x - a -I - a ∫
x2 a2
dx
√ -

⇒ 2I = x ⋅ √ x 2 - a 2 - a 2 ⋅ log x + | √ |
x2 - a2 + C

a2
| |
x
अतः I = ⋅
√ x2 - a 2- ⋅ log x + √ x2 - a2 + C
2 2

इसी प्रकार

∗ x + a 2dx
2
∫√

a2
| |
x
= √ x 2 + a 2+ log x + √ x2 + a2 + C
2 2


∫ √a 2 - x 2dx

=
x
2 √ a2 - x 2+
a2
2
⋅ sin - 1
[] x
a
+C

निश्चित
निश्चित समाकलन
समाकलन

जैसे कि बच्चों हमने पहले पढ़ा हुआ है, किसी वक्र तथा x अक्ष
या y अक्ष के बीच घिरे हुए क्षेत्रफल को ज्ञात करने के लिए
निश्चित समाकलन का उपयोग किया जाता है।
b
निश्चित समाकलन को हम ∫ a f(x)dx से दर्शाते है

जहाँ b समाकलन की उच्च सीमा तथा a समाकलन की निम्न


सीमा है।

निश्चित समाकलन का हल दो प्रकार से देखेंगे


(1) योगफल की सीमा के रूप में निश्चित समाकलन तथा


(2) कलन का आधारभूत प्रमेय


योगफल की सीमा के रूप में निश्चित


समाकलन
(Definite
Integral as limit of sum)

ऊपर आलेख में एक वक्र f(x) लिया गया हैं


और हम यहाँ वक्र , x अक्ष तथा कोटियों x = a से x = b के


मध्य घिरे क्षेत्रफल को ज्ञात करने का प्रयास करेंगे।

बिन्दु x = a (जहाँ y = f(a)) से b (जहाँ y = f(b)) के मध्य के


भाग (PQRS) को n समान भाग में बाँट देंगे जहाँ प्रत्येक भाग h
इकाई चौड़ाई का हैं तथा यहाँ h बहुत ही छोटी राशि है।

a से b के मध्य एक भाग ABEC को लेंगे जो


x = a + (r - 1)h से x = a + rh तक का भाग हैं जो पूर्ण
क्षेत्रफल का अत्यंत छोटा भाग है।

इस भाग को अलग दर्शाया गया है, यहाँ BE में C से बिन्दु D


पर एक लंब डाला गया तथा AC को F तक बढ़ाते हुए E से F
में लंब डालेंगे जिससे चतुर्भुज (आयत) ABCD तथा ABEF
प्राप्त होगा।

यहाँ आलेख में देखे


ABCD का क्षेत्रफल < ABCE का क्षेत्रफल < ABEF का
क्षेत्रफल

यहाँ ABCD का क्षेत्रफल = h ⋅ f(a + (r - 1)h)

तथा ABEF का क्षेत्रफल = h ⋅ f(a + rh)

[उदाहरण के लिए चौड़ाई h व ऊं चाई f(x = c) हैं तब चतुर्भुज


(आयत) का क्षेत्रफल = h ⋅ f(c)]

अब यदि h शून्य की ओर अग्रसर ( lim h → 0) हो तो ABEC


का क्षेत्रफल, ABCD तथा ABEF के क्षेत्रफल के लगभग
बराबर होगा।

इस प्रकार
PQRS का क्षेत्रफल = सीमा a से b में सभी छोटे भागों के
क्षेत्रफलों का योगफल

अतः PQRS का क्षेत्रफल = h ⋅ f(a)+ h ⋅ f(a + h)


+ h ⋅ f(a + 2h) + ......+ h ⋅ f(a + (n - 1)h)

या

PQRS का क्षेत्रफल = h ⋅ f(a + h)+ h ⋅ f(a + 2h)+ ......


+ h ⋅ f(a + (n - 1)h) + h ⋅ f(a + nh)

(ध्यान दें बिन्दु x = a से x = a + (n - 1)h तक लेकर h से


गुणा करेंगे अथवा बिन्दु x = a + h से x = a + nh = b तक
लेकर h से गुणा करेंगे, जिससे कु ल क्षेत्रफल, PQRS के
क्षेत्रफल के बराबर होगा।)

चूँकि x = a + nh = b

अतः b - a = nh
b-a

⇒ h =
n

b-a
यहाँ यदि h = →0
n

अतः n → ∞

b
चूँकि PQRS = ∫ a f(x)dx

n-1

अतः PQRS = lim h → 0 ∑ h ⋅ f(a + rh)


r=0

PQRS = lim h → 0 ∑ h ⋅ f(a + rh)


r=1

h का मान रखने पर

n-1
b 1
∫ af(x)dx = (b - a) lim n → ∞ ∑ ⋅ f(a + rh)
n

r=0

n
1
= (b - a) lim n → ∞ ∑ ⋅ f(a + rh)
n
r=1

उदाहरण 17

योगफल की परिभाषा द्वारा ∫ 10 (3x 2 + 2x + 1 )dx का मान ज्ञात


कीजिए ।
वीडियो से समझें

उत्तर:


1
0 (3x 2
)
+ 2x + 1 dx


b
a f(x)dx से तुलना करने पर यहां

a=0
b = 1

nh = b - a = 1
f(x) = 3x 2 + 2x + 1

n-1
b
∫ a f(x)dx = lim h→0 ∑h ⋅ f(a + rh)
r=0

तब


1
0 (3x 2
)
+ 2x + 1 dx

= lim h → 0h[f(0) + f(0 + h) + f(0 + 2h)


+ … + f{0 + (n - 1)h}]

= lim h → 0h [1 + (3h 2
) (
+ 2h + 1 + 3.2 2h 2 + 2.2h + 1 )
{
+ … + 3. (n - 1) 2h 2 + 2(n - 1)h + 1 }

= lim h → 0h [n + 3h {1 2 2 + 2 2 + 3 2 + ... + (n - 1) 2 }
+ 2h{1 + 2 + 3 + ... + (n - 1)}]

= lim h → 0h
[
n + 3h . 2
(n - 1)n(2n - 1)
6
+ 2h
n(n - 1)
2 ]

= lim h→0
[ nh + 3h 2.
(nh - h)nh(2nh - h)
6
+2
nh(nh - h)
2 ]

= lim h→0
[ nh +
1
2
(1 - h).1. (2 - h) + 1. (1 - h)
]

यहां nh = 1 ∫ 10 (3x 2 + 2x + 1 )dx


=3

उदाहरण 18
योगफल की सीमा के रूप में निम्नलिखित समाकलों के मान ज्ञात
कीजिये -

3
1 (2x 2
)
+ 5x dx
वीडियो से समझें

उत्तर:

यहां a = 1
b=3

nh = 2


3
1 (2x 2 + 5x)dx

= lim h → 0h[f(1) + f(1 + h) + f(1 + 2h) + … + f{1 +


(n - 1)h}]

= lim h → 0h [{2(1) 2 + 5 × 1} + {2(1 + h) 2 + 5(1 +


h)} + {2(1 + 2h) 2 + 5(1 + 2h)} + … + 2{1 +
(n - 1)h} 2 + 5{1 + (n - 1)h}]

हल करने पर,


3
1 (2x 2 + 5x)dx

= lim h → 0h[{2 + 2(1 + h) 2 + 2(1 + 2h) 2 + .... + 2(1

}
+ (n - 1)h) 2 + {5 + 5(1 + h) + 5(1 + 2h) + .... . +
5(1 + (n - 1)h)}]

= lim h → 0h[{2 )
+ 2(1 + 2h + h 2 + 2(1 + 4h + 4h 2 )
+ .... + 2(1 + 2(n - 1)h + ((n - 1)h) 2 )} + {(5 + 5 + 5
+ . . + n) + 5h(1 + 2 + 3... + (n - 1))}]

= lim h → 0h[{2(1 + 2 + 3 + .... + n) + 2h(1 + 2 + 3

(
+ .... + (n - 1)) + h 2 1 2 + 2 2 + ... + (n - 1) 2 )} +
{(5n) + 5h(1 + 2 + 3... + (n - 1))}]

= lim h → 02h[{n + 5n + 7h(1 + 2 + 3 + .... + (n - 1))

(
+ h 2 1 2 + 2 2 + ... + (n - 1) 2 )}]

= lim h → 02h[6n + 7h
n(n - 1)
2
+
h 2n(n - 1)(2n - 1)
6 ]

= lim h → 0[12nh + 7h 2n 2 1 -
( ) 1
n
+

1
3
h 3n 3
( )( )]
1-
1
n
2-
1
n

nh = 2

= lim h → 0[24 + 28 1 -
( ) ( )( )]
1
n
+
8
3
1-
1
n
2-
1
n

8
= 24 + 28 + ×2
3

172
=
3

कलन का आधारभूत प्रमेय

(Fundamental Theorem of Calculus)

क्षेत्रफल फलन
यदि हमारे पास कोई वक्र y = f(x) है, तब वक्र, x अक्ष, व
b
कोटियों x = a व x = b के मध्य के क्षेत्रफल को ∫ a f(x)dx से
दर्शा सकते है।

यदि कोई बिन्दु x, a व b के मध्य स्थित हैं तब , कोटि x = a व


x = b, वक्र तथा x - अक्ष के मध्य क्षेत्रफल का मान x के मान
पर निर्भर करेगा।

अतः कह सकते हैं की इस क्षेत्र का क्षेत्रफल x का एक फलन है,


हम x के इस फलन को A(x) से निर्दि ष्ट करते हैं। इस फलन
A(x) को हम क्षेत्रफल फलन कहते हैं।

x
यहाँ A(x) = ∫ a f(x)dx

इस परिभाषा पर आधारित दो आधारभूत प्रमेय निम्न हैं-

प्रमेय-1

मान लीजिए कि बंद अंतराल [a, b] पर f एक संतत फलन हैं


और A(x) क्षेत्रफल फलन है। तब सभी x ∈ [a, b] के लिए
A′ (x) = f(x)

प्रमेय - 2
मान लीजिए कि बंद अंतराल [a, b] पर f एक संतत फलन हैं
और f का प्रतिअवकलज F है
b
तब ∫ a f(x)dx = [F(x)] ba = F(b) - F(a)

अर्थात

b b
∫ a f(x)dx = [F(x)] a = F[उच्च सीमा (b)] - F [निम्न सीमा
(a)]

उपपत्ति:

इसे निम्न प्रकार से प्राप्त किया जा सकता हैं


यदि ∫ f(x)dx = F(x) + C हैं तो

b
∫ a f(x)dx = [F(x) + C] ba

b
∫ a f(x)dx = (F(b) + C) - (F(a) + C)

b
∫ a f(x)dx = F(b) - F(a)
निश्चित
निश्चित समाकलनों
समाकलनों केके कुकु छ
छ गुणधर्म
गुणधर्म

b b
1.∫ af(x)dx = ∫ af(t)dt

b a
2.∫ af(x)dx = - ∫ bf(x)dx

a
ध्यान दें ∫ af(x)dx =0

b c b
3.∫ af(x)dx = ∫ af(x)dx + ∫ c f(x)dx

b b
4(a).∫ af(x)dx = ∫ af(a + b - x)dx

a a
4(b).∫ 0f(x)dx = ∫ 0f(a - x)dx

2a a a
5.∫ 0 f(x)dx = ∫ 0f(x)dx + ∫ 0f(2a - x)dx

2a a
6.∫ 0 f(x)dx = 2∫ 0f(x)dx यदि f(2a - x) = f(x)

2a
∫ 0 f(x)dx = 0 यदि f(2a - x) = - f(x)

a a
7.∫ - af(x)dx = 2∫ 0f(x)dx, यदि f( - x) = f(x)

तथा f(x) सम फलन कहलाता हैं

a
∫ - af(x)dx = 0 , यदि f( - x) = - f(x)

तथा f(x) विषम फलन कहलाता हैं

उदाहरण 19
2

∫ 1 |x - 3|dx का मान निकाले।


वीडियो से समझें

उत्तर:

चूँकि दिए गए सीमा में किसी भी मान के लिए


x-3<0

2
∫ 1 |x - 3|dx

2
= ∫ 1 - (x - 3)dx

[ ]
2
x2
= - - 3x
2 1

= -
[( 22
2
-3×2 -
) ( )]
1
2
-3

= -
( -4+
5
2 ) =
3
2

उदाहरण 20

निम्न फलनों के मान ज्ञात कीजिये -


1 xdx
∫ 0
√ (1 + x 2 )
वीडियो से समझें

उत्तर:

xdx
माना I = ∫ 1
0
√ (1 + x 2 )

माना x = tanθ

∴ dx = sec 2θdθ

तथा
1 + x2


= 1 + tan
= sec 2θ


√1 + x 2 = secθ

सीमायें -

(यदि, x = 0 तब, tanθ = 0

⇒ θ = 0∘ , )

(यदि, x = 1 तब, tanθ = 1


⇒ θ = π / 4)

अतः नयी समाकलन सीमायें ′ 0 से π / 4′ है, अतः


2
π / 4 tanθsec θdθ
I= ∫ 0 secθ

π/4
= ∫ 0 secθtanθdθ

= [secθ] π0 / 4

[
= sec.
π
4
- sec0 ∘
]

= √2 - 1
उदाहरण 21
sinx


3π / 10
π / 5 (sinx + cosx) dx का मान ज्ञात कीजिए ।
वीडियो से समझें

उत्तर:

sinx
माना I = ∫ 3π / 10
π / 5 (sinx + cosx) dx…(1)

π
यदि a = 5

b=
10
π
तब (a + b) = 2

अब

b
∫ a f(x)dx

+ b - x)dx से
b
= ∫ 0 f(a

3π / 10
( ) sin
π
2
-x
I= ∫ π/5 dx

( ) ( )
π π

sin 2
- x + cos 2
-x

3π / 10 cosx
I= ∫ π / 5 (sinx + cosx) dx.... . (2)

समीकरण (1 ) व (2 ) को जोड़ने पर

3π / 10 sinx 3π / 10 cosx
I+I= ∫ π / 5 (sinx + cosx) dx +∫ π / 5 (sinx + cosx) dx

3π / 10
2I = ∫ π / 5 dx

3π / 10
= [x] π / 5

=
( 3π
10
-
π
5
)

π
=
10

π
I=
20

उदाहरण 22

सिद्ध कीजिए कि ∫ 1- 1log ( )


2-x
2+x
dx = 0

वीडियो से समझें

उत्तर:

माना I = ∫ 1
- 1 log ( )
2-x
2+x
dx

तथा माना f(x) = log ( )व


2-x
2+x

f( - x) = log
( )
2+x
2-x

= log
( ) 2-x
2+x
-1

= - log
( ) 2-x
2+x

= - f(x)

अतः f(x) विषम फलन है।

हम जानते हैं कि ∫ a- af(x)dx = 0, यदि f(x) विषम फलन है।


इसलिए


1
- 1 log ( )
2-x
2+x
dx = 0

महत्वपूर्ण सूत्र

| |
dx 2

∫ = log x + √x - a2 + C
√ x2 - a2

| √x 2 + a 2 | + C
dx

∫ = log x +
√ x2 + a2




dx
a2 - x2
= sin - 1
()
x
a
+C


dx
∫ x2 - a2 =
1
2a
log
| | x-a
x+a
+C


dx
∫ a2 - x2 =
1
2a
log
| | a+x
a-x
+C


∫ √x 2 + a 2dx

a2
x 2 + a 2+ log |x + √x 2 + a 2 | + C
x
=
2 √ 2


∫ √a 2 - x 2dx

=
x
2 √ a2 - x 2+
a2
2
⋅ sin - 1
[]
x
a
+C


∫ √x 2 - a 2dx

a2
| |
x
2 - a 2- 2 - a2 + C
2√ √x
= x log x +
2

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