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गणित के सभी सूत्र


आयत (Rectangle) :- वह चतुर्ुज जजसकी आमने -सामने की र्ुजाएं
समान हो तथा प्रत्येक कोण समकोण (90º) के साथ जवकणु र्ी समान
होते हैं ।

1. आयत का क्षेत्रफल = लम्बाई (l) × चौडाई (b)


2. आयत का परिमाप = 2 (लम्बाई + चौडाई)
3. कमिे की चाि दीवािों का क्षेत्रफल = 2 (लम्बाई + चौडाई) ×
ऊंचाई

वगग (Square) :- उस चतुर्ुज को वर्ु कहते हैं , जजनकी सर्ी र्ुजाएं


समान व प्रत्येक कोण समकोण है ।

1. वर्ु का क्षेत्रफल = (र्ुजा)2 (जवकणु )2


2. Square का जवकणु = र्ुजा
3. वर्ु का परिमाप = 4 × (र्ुजा)2

(नोटः यजद जकसी वर्ु का क्षेत्रफल = आयत का क्षेत्रफल हो, तो आयत


का परिमाप सदै व वर्ु के परिमाप से बडा होर्ा।)

समानाां तर चतुभुगज (Parallelogram) :- जजस चतुर्ुज की सम्मुख


र्ुजाएं समानां ति व समान हो वह समानां ति चतुर्ुज कहलाता है ।
समानां ति चतुर्ुज के जवकणु पिस्पि एक-दू सिे को समजिर्ाजजत किते हैं ।
एक जवकणु समानांति चतुर्ुज को दो समान जत्रर्ुजों में बांटता है ।

1. समानां ति चतुर्ुज का क्षेत्रफल = आधाि × ऊंचाई


2. समानां ति चतुर्ुज का परिमाप = 2 × आसन्न र्ुजाओं का योर्

समचतुभुगज (Rhombus) :- उस समानान्ति चतुर्ुज को समचतुर्ुज


कहते हैं जजसकी सर्ी र्ुजाएं समान हो तथा जवकणु पिस्पि समकोण पि
समजिर्ाजजत किते हों, पि कोई कोण समकोण न हो।

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समचतुर्ुज का क्षेत्रफल = जवकणों का र्ुणनफल

समचतुर्ुज का परिमाप = 4 × एक र्ुजा

समलम्ब चतुभुगज (Trapezium) :- जजस चतुर्ुज की एक जोडी


समानां ति हो, अन्य जोडी र्ुजाएं असमानां ति हो, तो वह समलम्ब चतुर्ुज
होता है ।

1. समलम्ब चतुर्ुज का क्षेत्रफल = समानां ति र्ुजाओं का योर् ×


ऊंचाई

णवषमकोि समचतु भुगज (Rhombus) :- वैसा चतुर्ुज जजसकी चािों


र्ुजा आपस में समान हो तथा आमने -सामने की र्ुजा आपस में समानां ति
हो, वह जवषमकोण समचतुर्ुज कहलाता है ।

1. समचतुर्ुज का परिमाप = 4 × र्ुजा


2. समचतुर्ुज का क्षेत्रफल = आधाि × ऊंचाई

इस चतुर्ुज में आमने -सामने का कोण समान होता है तथा इसके जवकणु
एक-दू सिे को समकोण पि समजिर्ाजजत किते हैं ।

वृत्त (Circle) :- वृत्त जबंदुओं को एक जबंदुपथ है जजसमें एक स्थथि जबंदु


से घूमने वाली एक-दू सिे जबंदु के मध्य की दू िी समान होती है , स्थथि जबंदु
वृत्त का केंद्र कहलाता है ।

णत्रज्या (Radius) :- वृत्त के केंद्र से परिजध को जमलाने वाली सिल िे खा


जत्रज्या कहलाती है ।

व्यास (Diameter) :- वृत्त की परिजध से चलकि वृत्त की दू सिी परिजध


के कोने को छूने वाली वह िे खा, जो वृ त्त के केंद्र से र्ुजिती है , व्यास
कहलाती है ।

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जीवा/चापकिग (Chord) :- जकसी वृत्त की परिजध के जकन्ीं दो
जबंदुओं को जमलाने वाली िे खा-खण्ड वृ त्त की जीवा कहलाती है ।

णत्रज्याखण्ड (Sector) :- जकसी वृत्त की दो जत्रज्याएं एवं उसके अंतर्ु त


चाप से बनी आकृजत को जत्रज्याखण्ड कहते हैं ।

वृत्तखण्ड (Segment) :- जकसी वृत्त की जीवा व चाप से जघिे क्षेत्र को


वृत्तखण्ड कहते हैं । यहां छायां जकत र्ार् वृत्तखण्ड है ।

सांकेंद्रीय वृत्त (Concentric Circle) :- यजद दो या दो से अजधक


वृत्तों का केंद्र एक ही हों, तो उन वृत्तों को संकेंद्रीय वृत्त कहते हैं ।

सूत्रः–

1. वृत्त का क्षेत्रफल = πr2


2. वृत्त की परिजध = 2πr
3. जत्रज्याखण्ड का क्षेत्रफल (चाप AB) × r (जहां θ = केंद्रीय
कोण)
4. संकेंद्रीय वृत्तों के वलय का क्षेत्रफल = π (r2 – r2)
5. अर्द्ु वृत्त का परिमाप = (π + 2) r

Important Points:-

1. जकसी आयताकाि/वर्ाु काि/वृत्ताकाि मैदान के चािों ओि


दौडने /ताि जबछाने से संबंजधत प्रश्ों में उनकी परिमाप ज्ञात किना
आवश्यक होता है ।
2. एक वर्ु व उसी वर्ु के जवकणु पि खींचे र्ए एक अन्य वर्ु के
क्षेत्रफल के बीच का अनुपात 1:2 होर्ा।
3. वर्ाु काि/आयताकाि ताि की लम्बाई उस वर्ु या आयत के
परिमाप के बिाबि होती है ।

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4. एक वृत्ताकाि ताि की लम्बाई उस वृत्त के परिमाप या परिजध के
बिाबि होती है ।
5. एक पजहए िािा एक चक्कि में तय की र्ई दू िी वृत्ताकाि पजहए
की परिजध के समान होर्ी।

णत्रभुज (Triangle) :- तीन र्ुजाओं से जघिे क्षेत्र को जत्रर्ुज कहते हैं ।

1. जत्रर्ुज का क्षेत्रफल आधाि × ऊंचाई


2. Triangle का परिमाप = सर्ी र्ुजाओं का योर्

समकोि णत्रभुज (Right-angle Triangle) :- जजस जत्रर्ुज का


एक कोण समकोण अथाु त् 90º होता है । इस जत्रर्ुज में समकोण के
सामने वाली र्ुजा को कणु कहते हैं ।

1. (कणु )2 = (लम्ब)2 + (आधाि)2


2. समकोण जत्रर्ुज का क्षेत्रफल = आधाि × लम्ब

समबाहु णत्रभुज (Equilateral Triangle) :- जजस जत्रर्ुज की सर्ी


र्ुजाएं समान हो तथा प्रत्येक कोण 60º होता है ।

1. समबाहु जत्रर्ुज का क्षेत्रफल =(र्ुजा)2


2. समबाहु जत्रर्ुज का परिमाप = 3 × एक र्ुजा

समणिबाहु णत्रभुज (Isosceles Triangle) :- जजस जत्रर्ुज की


केवल दो र्ुजाएं समान हो वह समजिबाहु जत्रर्ुज कहलाता है ।

1. समजिबाहु जत्रर्ुज का परिमाप = 2a + b

णवषमबाहु णत्रभुज (Scalene Triangle) :- जजस जत्रर्ुज की सर्ी


र्ुजाएं असमान हों।

Area Formulas in Maths

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Area is the size of a two-dimensional surface. It is
defined as the amount of two-dimensional space
occupied by an object. The area of a shape can be
determined by placing the shape over a grid and
counting the number of squares that covers the entire
space.

Figures Area Formula Variables

Area of l = length
Area = l × w
Rectangle w = width

Area of Square Area = a2 a = sides of square

b = base
Area of a Triangle Area = 12bh
h = height

Area of a Circle Area = πr2 r= radius of circle

a =base 1
Area of a Area =12(a +
b = base 2
Trapezoid b)h
h = vertical height

a = radius of major
Area of Ellipse Area = πab axis
b = area of minor axis

सवगसणमकाएँ

उभयणनष्ट गुिक

1. c(a+b) = ca + cb
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णिपद का वगग

1. (a+b)2 = a2 + 2ab + b2
2. (a-b)2 = a2 – 2ab + b2

दो पदोां के योग एवां अन्तर का गुिनफल (वगागन्तर सूत्र)

1. a2 – b2 = (a+b) (a-b)

अन्यान्य सवगसणमकाएँ (घनोां का योग व अांतर)

1. a3 – b3 = (a-b) (a2 + ab + b2)


2. a3 + b3 = (a+b) (a2 – ab + b2)

णिपद का घन

1. (a + b)3 = a3 + 3a2b + 3ab2 + b3


2. (a – b)3 = a3 – 3a2b + 3ab2 – b3

बहुपद का वगग

1. (a + b + c)2 = a2 + b2 + c2 + 2ab + 2bc + 2ca

दो णिपदोां का गुिन णजनमें एक समान पद हो

1. (x + a )(x + b ) = x2 + (a + b )x + ab

गाउस (Gauss) की सवगसणमका

1. a3 + b3 + c3 – 3abc = (a+b+c) (a2 + b2 + c2 –


ab -bc – ca)

णलगेन्द्र (Legendre) सवग सणमका

1. (a+b)2 + (a-b)2 = 2(a2 + b2)


2. (a+b)2 – (a-b)2 = 4ab)

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3. (a+b)4 – (a-b)4 = 8ab(a2 + b2)

लाग्रेंज (Lagrange) की सवगसणमका

1. (a2 + b2)(x2 + y2) = (ax + by)2 + (ay – bx)2


2. (a2 + b2 + c2) (x2 + y2 + z2) = (ax + by +
cz)2 + (ay – bx)2 + (az – cx)2 + (bz – cy )2

महत्तम समापवतुक एवं लघुत्तम समापवत्यु (H.C.F. and L.C.M. )


No.-1. महत्तम समापवतगक – ‘ महत्तम समापवतुक ’ वह अजधकता
संख्या है , जो दी र्ई संख्याओं को पूणुतया जवर्ाजजत किती है । जैसे –
संख्याएँ 10 , 20 , 30 का महत्तम समापवतुक 10 है ।

No.-2. समापवतग क ( Common Factor ) – ऐसी सं ख्या जो दो या


दो से अजधक संख्याओं में से प्रत्येक को पूिी – पूिी जवर्ाजजत किें , जैसे
– 10 , 20 , 30 का समापवतुक 2 , 5 , 10 है ।

No.-3. लघुत्तम समापवर्त्ग – दो या दो से अजधक संख्याओं का ‘


लघुत्तम समापवत्यु ’ वह छोटी – से – छोटी संख्या है , जो उन दी र्ई
संख्या में से प्रत्येक से पूणुतया जवर्ाजजत हो जाती है । जैसे – 3 , 5 , 6
का लघुतम समापवत्यु 30 है , क्ोंजक 30 को ये तीनों संख्याएँ क्रमशः
जवर्ाजजत कि सकती हैं ।

No.-4. समापवर्त्ग ( Common Multiple ) – एक सं ख्या जो दो या


दो से अजधक संख्याओं में । से प्रत्येक से पूिी – पूिी जवर्ाजजत होती हो ,
तो वह संख्या उन संख्याओं की समापवत्यु कहलाती है , जैसे – 3 , 5 ,
6 का समापवत्यु 30 , 60 , 90 आजद हैं ।

No.-5. अपवतग क एवां अपवर्त्ग ( Factor and Multiple ) – यजद


एक संख्या m दू सिी संख्या n को पूिी – पूिी काटती है , तो m को n
का अपवतुक ( Factor ) तथा n को m का अपवत्यु ( Multiple )
कहते हैं ।

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