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1 विकारी शब्द
2.अविकारी शब्द
1.विकारी शब्द
1 सं ज्ञा - किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, भाव व स्थान के नाम को संज्ञा कहते हैं ;
संज्ञा के भेद
द्रव्यवाचक समह
ू वाचक
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा-
जो शब्द किसी विशेष एवं निश्चित व्यक्ति, स्थान या वस्तु का बोध कराते हैं, उन्हें व्यक्तिवाचक संज्ञा
कहते हैं; जैसे-
2. जातिवाचक संज्ञा
जो संज्ञा शब्द किसी प्राणी, पदार्थ, या समूह की जाति का बोध कराते हैं, वे शब्द जातिवाचक संज्ञा कहलाते
हैं। जैसे
कुछ जातिवाचक संज्ञाएँ व्यक्तियों या वस्तुओं के लिए रूढ़ हो जाती हैं; जैसे
जातिवाचक
द्रव्यवाचक समूहवाचक
द्रव्यवाचक संज्ञा - वे संज्ञा शब्द जो ऐसे पदार्थों या द्रव्यों का बोध करवाते हैं जिनसे वस्तुएँ बनती हैं एवं
उनका माप तोल किया जा सकता है , उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं;
समूहवाचक संज्ञा - वे संज्ञा शब्द जो किसी समूह या समूदाय का बोध करवाते हैं, उन्हें समूहवाचक संज्ञा
कहते हैं;
नोट - १ समूहवाचक संज्ञाओं के निम्न प्रयोग सुनिश्चित होते हैं, इन्हें बदला नहीं जा सकता।
पर्वतों की श्रंख
ृ ला, तारों का पंज
ु ,सैनिकों, स्वयं सेवको का जत्था, गायकों की मंडली,भेड़ों का झंड
ु नक्षत्रों का
मंडलर, कागज का दस्ता, चोरों का गिरोह, कर्मचारियों या मजदरू ों का संघ, प्रतिनिधियों का शिष्ट मंडल
आदि
3. भाववाचक संज्ञा - जिन संज्ञा शब्दों से किसी व्यक्ति या वस्तु के गुण, शील, दशा, अवस्था, दोष, धर्म
आदि का बोध होता है , उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे-
बढ़
ु ापा, सफलता, शांति और प्रेम,अच्छाई, धैर्य इत्यादि
दे व - दे वत्व
मजदरू - मजदरू ी
शिशु - शैशव
मित्र - मित्रता
नेता - नेतत्ृ व
पंडित - पांडित्य
अपना - अपनापन
निज - निजता
मम - ममत्व
चालाक - चालाकी
विद्वान - विद्वत्ता
गहरा - गहराई
खट्टा - खटास
आलसी - आलस्य
दिखाना - दिखावट
बहना - बहाव
सींचना - सिंचाई
थकना - थकावट
1. अर्जुन रथ से उठा।
2. अर्जुन रथ से उठ गया।
पदबंध
जब एक से अधिक पद सामूहिक रूप में किसी एक व्याकरणिक इकाई, जैसे संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया
तथा क्रियाविशेषण की तरह काम करे तो उस बंधी हुई इकाई को पदबंध कहते हैं। अन्य शब्दों में कहा
जा सकता है कि पद अनेक पदों के योग से बना हुआ एक वाक्यांश जो वाक्य में एक ही पद का काम
करता है वह पदबंध कहलाता है । जैसे:
1. सामने वाले घर में रहने वाला लड़का परीक्षा में पास हो गया। यहाँ सामने वाले घर में रहने वाला
लड़का पदबंध संज्ञा पद का काम कर रहा है | इसमें लड़का शीर्ष (मुख्य) पद है और सामने वाले घर में
रहने वाला आश्रित पद है ।
• तालाब में खिला कमल ये तीनों पद आपस में बंधकर पदबंध बना रहे है ।
पदों का समूह जब मिलकर वही कार्य करने लगता है जो एक अकेला पद कर रहा है तो उसे पदबंध
कहते है ।
शीर्ष की पहचान
यहाँ 'राम वन को गया' भी संगत है । अतः 'राम' ही इसका शीर्ष पद है । पूरा वाक्य 'राम' पर ही आधारित
है । इसके अतिरिक्त अन्य वाक्य तर्क -संगत नहीं हैं।
पदबंध के भेद
(2) विशेषण-पदबंध
1. संज्ञा पदबंध:
2. सर्वनाम पदबंध
सर्वनाम का काम करने वाला पदबंध सर्वनाम पदबंध' कहलाता है । इसमें पूरा वाक्यखण्ड किसी सर्वनाम
शब्द सम्बन्ध रखता है जैसे;
1. शेर के समान दहाड़ने वाले तुम काँप क्यों रहे हो ?
3. विशेषण पदबंध
विशेषण की जगह प्रयुक्त होने वाला पदबंध ' विशेषण पदबंध' कहलाता है । इसमें पद पर विशेषण होता है
तथा आश्रित पद पर प्रविशेषण प्रयक्
ु त होते हैं; जैसे
4. क्रिया पदबंध
"क्रिया पद की जगह प्रयुक्त होने वाला पदबंध क्रिया पदबंध' कहलाता है । इनमें मुख्य क्रिया शीर्ष में होती
है । अन्य पद उस पर आश्रित होते हैं। आश्रित पद मख्
ु य क्रिया के बाद आते हैं।
जैसे
क्रिया विशेषण पद की जगह प्रयुक्त होने वाला पदबंध क्रिया विशेषण पदबंध कहलाता है । इसमें शीर्ष पद
पर क्रिया विशेषण होता है तथा आश्रित पद पर प्रविशेषण प्रयक्
ु त होते हैं,
जैसे
(ख) झठ
ू बोलने में कुशल गीता आज चप
ु बैठी है ।
(ग) तम
ु आराम से बैठकर क्यों नहीं खाते ?