Professional Documents
Culture Documents
PPT कारक
PPT कारक
'कारक' शब्द संस्कृ त की कृ धातु में 'ण्बुल' प्रत्यय के जुड़ने से बना है। इसका अर्थ होता है -
करनेवाला, या बनाने वाला।
संञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उसका सम्बन्ध
प्रकट हो,उसे कारक कहते हैं I
अपादान से अलगाव या पथ
ृ क का सच
ू क
• कर्ता से अधिकरण तक विभिक्त चिह्न (परसर्ग) शब्दों के अंत में लगाए जाते
हैं ,किन्तु संबोधन कारक के चिह्न –
• उदा: - रामू को एक फल दो I
माँ ने बच्चे के लिए खिलौना खरीदा I
५. अपादान कारक
• संञा के जिस रूप से एक वस्तु का दूसरी से अलग होना पाया जाए वह
अपादान कारक कहलाता है I इसकी विभक्ति `से’ है I करण कारक की
विभक्ति भी `से’ है किन्तु दोनों कारकों के प्रयोगों में अर्थ-भेद है I
• शब्द के जिस रूप से क्रिया के आधार का बोध होता है उसे अधिकरण कारक
कहते हैं I इसकी विभक्तियाँ हैं - `में और पर ’ I