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शब्द और पद
शब्द और पद
शब्द और पद
कक्षा ९
व्याकरण
शब्द
▪ एक से अधिक वर्णों के मेल से बने सार्थक वर्ण समूह शब्द कहलाते हैं।
जैसे,
सोहन, खीर, मेरा, खेलते,
शतरंज, महान, वह आदि
जैसे,
–लडकी गाती है।
–लडकियाँ गा रही हैं।
–लडकियों को गाना पसंद है।
व्याकरण
पद
दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि जब सार्थक वर्ण-समूह अर्थात अर्थपूर्ण शब्द का प्रयोग वाक्य में किया
जाता है, तो उस शब्द को ‘पद’ कहते हैं। अब यह के वल शब्द नहीं रह जाता है बल्कि यह शब्द वाक्य में
लिंग, वचन, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण इत्यादि दर्शाता है।
शब्द वर्णों के स्वतंत्र एवं सार्थक इकाई है। पद वाक्य में प्रयुक्त शब्द है।
शब्द का मंत्र अर्थ परिचय होता है। पद का व्याकरण परिचय होता है।
शब्द सार्थक और निरर्थक दोनों होते हैं। पद वाक्य में अर्थ के संके त देता है।
शब्द का लिंग वचन कारक तथा क्रिया से कोई संबंध नहीं होता। पद का लिंग वचन कारक तथा क्रिया से संबंध होता है।
व्याकरण
शब्द
विशेषण
क्रिया संबंधबोधक विस्मयादिबोधक
व्याकरण
शब्द
▪ विकारी शब्द
▪ जिन शब्दों में प्रयोगानुसार कु छ परिवर्तन उत्पन्न होता है, वे विकारी शब्द' कहलाते हैं।
▪ बुढ़ापा, सोना, बुरा, जागना, दौड़ना, तू, मैं आदि विकारी शब्द हैं।
▪ इसके मुख्य चार भेद हैं :-
– संज्ञा
– सर्वनाम
– विशेषण
– क्रिया।
व्याकरण
शब्द
▪ अविकारी शब्द
▪ जो शब्द प्रयोगानुसार परिवर्तित नहीं होते, वे शब्द 'अविकारी शब्द’ कहलाते हैं।
▪ धीरे-धीरे, तथा, अथवा, और, किं तु, वाह!, अच्छा! ये सब अविकारी शब्द हैं।
▪ इनके भी मुख्य रूप से चार भेद हैं :-
– क्रिया विशेषण
– समुच्चय बोधक
– संबंध बोधक
– विस्मयादि बोधक
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