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प्रश्न- सौंदर्य की बदलती अवधारणा किस प्रकार युवाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़

कर रही है ? इस भटकन से किस प्रकार बचा जा सकता है / विषय पर अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
माइंड मैप:
पहला अनुछेद
● सौंदर्य क्या है ?
● आज के ज़माने में सौंदर्य को कैसे दे खा जाता है ?
● सौंदर्य के पैमाने ?
● कौनसी नहीं अवधारणाएं है ?
● सामजिक दबाव
● सामाजिक मीडिया
● आत्म चेतना

दस
ू रा अनुछेद (शारीरिक खिलवाड़ )
● प्लास्टिक सर्जरी
● रक्तगुल्म, रक्त की हानि, नस की क्षति, संक्रमण, गहरी नस घनास्रता, एनेस्थीसिया, सेरोमा दे खी जाने
वाली सामान्य जटिलताएँ हैं।
● प्लास्टिक सर्जरी कराने के बाद आपको झन
ु झन
ु ी और सुन्नता का अनुभव हो सकता है ।
● गहरी शिरा घनास्त्रता के कारण आपके पैरों में रक्त के थक्के हो सकते हैं और अंत में , फुफ्फुसीय अन्त:
शल्यता हो सकती है ।
● आपको शल्य चिकित्सा की प्रक्रिया से अनजान बनाने के लिए अभ्यास में संज्ञाहरण का उपयोग किया
जाता है । जबकि सामान्य संज्ञाहरण का उपयोग आपको बेहोश करने के लिए किया जाता है , यह कभी-कभी
स्ट्रोक, दिल का दौरा, फेफड़ों में संक्रमण और मत्ृ यु जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है ।

तीसरा अनुछेद (मानसिक खिलवाड़ )


● किसी की उपस्थिति में सुधार के लिए प्लास्टिक सर्जरी करवाना एक त्वरित और कुशल उपाय की तरह लग
सकता है , लेकिन जब उनके जीवन में सध
ु ार नहीं होता है , तो उनकी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं खराब हो
सकती हैं - शायद निराशा के कारण।
● अवसाद और चिंता

चौथा अनुछेद (भटकन से किस प्रकार बचा जा सकता है )


● एक सामयिक त्वचा दे खभाल समाधान प्राप्त करें
● लेजर स्किन रिसर्फे सिंग पर विचार करें । लेज़र स्किन रिसर्फे सिंग आपके चेहरे की त्वचा को कसने, त्वचा
की गुणवत्ता और यहां तक कि त्वचा की टोन में सुधार करने में मदद कर सकती है ।
● सोच को बदलना होगा
● वास्तविक सौंदर्य के बारे में जाने -> मन की सुंदरता

१८-०८-२०२१ जयपरु , राजस्थान

वास्तविक सौंदर्य का महत्व

नमस्कार, आज हम सौंदर्य व उसकी बदलती अवधारणा के बारे में बात करें गे । सौंदर्य क्या है ? सौंदर्य गुणों का
संयोजन है , हम एक इंसान को सुंदरता का उपनाम तब दे ते है जब वो मन से सुन्दर हो। लेकिन आज के ज़माने में
सौंदर्य का तालुक मन से नहीं बल्कि बाहरी सुंदरता से है । सुंदरता की इस बदलती अवधारणा का सबसे बड़ा कारण है
सामाजिक दबाव व सामाजिक मीडिया। यह दोनों एक ऐसे हथियार है जो की हमे आत्मविश्वासी व संकोची दोनों बना
सकते है । वो हम पर निर्भर करता है की हम उसे नकारात्मक या सकारात्मक तरह से ले।

आज कल के युवा इस सुंदरता की बदलती अवधारणा के कारण अपने शरीर से खिलवाड़ कर रहे है । समाज की नज़रो
में अच्छा दिखने के लिए कुछ लोग प्लास्टिक सर्जरी करवाते है जिससे वे अपना मन चाहा चेहरा पा सकते है पर वे
यह नहीं समझते की जो सुंदरता वे चाहते है वो उनके अंदर बस्ती है न की बहार और इसी गलतफैमी के कारण वे
खुदका नुकसान कर बैठते है । प्लास्टिक सर्जरी करवाने से उन लोगो को रक्तगुल्म, रक्त की हानि, नस की क्षति,
संक्रमण, गहरी नस घनास्रता, एनेस्थीसिया, सेरोमा जैस सामान्य जटिलताओं से गज
ु रना पड़ता है । बाहरी संद
ु रता
को प्राप्त करने के लिए आजकल लोग टै टू व अपने बालो के साथ भी खिलवाड़ करते है । टै टू बनाने के दौरान जो शरीर
पर दर्द होता है उससे भी लोग सेह जाते है क्यूंकि उन्हें सुन्दर दिखना होता है , वे अपने बालो को कभी कर्ल , कभी
स्ट्रै ट , तो कभी क्रिम्प करवाते है जिससे उनमे जो केरातिन पाया जाता है वो ख़तम हो जाता है और हमारे बाल ख़राब
हो जाते है ।
शारीरिक खिलवाड़ के साथ साथ इंसान मानसिक खिलवाड़ भी कर बैठता है । किसी की उपस्थिति में सुधार के लिए
प्लास्टिक सर्जरी करवाना एक त्वरित और कुशल उपाय की तरह लग सकता है , लेकिन जब उनके जीवन में सुधार
नहीं होता है , तो उनकी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं खराब हो सकती हैं जिसका प्रमुख कारण निराशा हो सकता है ।
लोग अपना मन चाहा स्वरुप न पाकर अवसाद व चिंतित भी हो सकते है जिसका गहरा असर उनके दिमाग पर होता
है । इसका एक उद्धरण है कईली जैनेर जो की एक जनि मानी हॉलीवुड की सेलिब्रिटी है । कईली ने भी अपने होतो को
बड़े करने के लिए उनमे इंजेक्शंस लगवाए और अपना रूप बदला। अब अगर बड़े बड़े जाने मने लोग यह सब करवाने
लग गए तो आपको क्या लगता है की आम जनता उनसे प्रभावित होगी या नहीं? जब हम हमारे बालो को इतना
गर्माहट प्रदान करते है तोह वे जड़ो से जल जाते है और हम गंजे होने लगते है जो की एक बहुत बड़ी समस्या है जो
हमारी मानसिक स्तिथि पर आक्रमण कर सकता है ।

इस सौंदर्य के भटकन से बचने के लिए लोग एक सामयिक त्वचा दे खभाल समाधान प्राप्त कर सकते है जो उनकी
मानसिक व शारीरिक अवस्था को स्वस्थ रखे । प्लास्टिक सर्जरी के बजाये वे लेजर स्किन रिसर्फे सिंग पर विचार कर
सकते है , यह आपके चेहरे की त्वचा को कसने, त्वचा की गुणवत्ता और यहां तक कि त्वचा की टोन में सुधार करने में
मदद कर सकती है । पर इन सबसे अच्छा उपाए है हमारी सोच में बदलाव , जब तक हम हमारी सोच में बदलाव नहीं
लाएंगे तब तक प्लास्टिक सर्जरी का सिलसिला ऐसे ही चलता रहे गा । लोगो को अपने मन की सुंदरता को तराशना
चाइये न की बाहरी सुंदरता से दस
ु रो को लुभाना चाहिए। लोगो को वास्ततविक सौंदर्य को अपनाने का काम करना
चाहिए।

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