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ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ

ॐ ॐ

ॐ ॐ

ॐ ॐ

ॐ ॐ

ॐ ॐ

ॐ ॐ

ॐ ॐ

ॐ ॐ

ॐ ॐ

ॐ ॐ

ॐ ॐ

ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ

आरती जय जगदीश हरे ॐ


ॐ ॐ

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।


ॐ ॐ
भक्तजन ों के सों कट, क्षण में दूर करे॥

IN
ॐ ॐ
ॐ जय जगदीश हरे ॥
F.
D
ॐ ॐ
AP

ज ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।


ॐ ॐ
ST

सुख-सों पबि घर आवै, कष्ट बमटे तन का॥


IN

ॐ ॐ
ॐ जय जगदीश हरे ॥
ॐ ॐ

मात-बपता तुम मेरे, शरण गहों बकसकी।


ॐ ॐ

तुम बिनु और न दूजा, आस करों जजसकी॥


ॐ ॐ
ॐ जय जगदीश हरे ॥
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
तुम पूरन परमात्मा, तुम अोंतरयामी॥
ॐ पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सिके स्वामी॥ ॐ

ॐ जय जगदीश हरे ॥ ॐ

ॐ तुम करुणा के सागर तुम पालनकताा। ॐ

IN
ॐ मैं मूरख खल कामी, कृ पा कर भताा॥ ॐ

F.
ॐ जय जगदीश हरे ॥
D
ॐ ॐ
AP

ॐ तुम ह एक अग चर, सिके प्राणपबत। ॐ


ST

बकस बवजि बमलूों दयामय! तुमक मैं कु मबत॥


IN

ॐ ॐ
ॐ जय जगदीश हरे ॥
ॐ ॐ


दीनिों िु दुखहताा, तुम ठाकु र मेरे। ॐ

अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥


ॐ ॐ
ॐ जय जगदीश हरे ॥
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ

बवषय बवकार बमटाओ, पाप हर दे वा।


ॐ ॐ
श्रद्धा-भबक्त िढ़ाओ, सों तन की सेवा॥
ॐ ॐ
ॐ जय जगदीश हरे ॥
ॐ ॐ

IN
ॐ तन-मन-िन और सों पबि, सि कु छ है तेरा। ॐ

F.
तेरा तुझक अपाण क्या लागे मेरा॥
D
ॐ ॐ
AP

ॐ जय जगदीश हरे ॥
ॐ ॐ
ST
IN

ॐ ॐ
जगदीश्वरजी की आरती ज क ई नर गावे।
ॐ कहत जशवानों द स्वामी, मनवाोंजछत फल पावे॥ ॐ


ॐ जय जगदीश हरे ॥ ॐ

ॐ ॐ

ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ

ॐ ॐ

ॐ ॐ

ॐ ॐ

ॐ ॐ

IN
ॐ ॐ

F.
D
ॐ ॐ
AP

ॐ ॐ
ST
IN

ॐ ॐ

ॐ ॐ

ॐ ॐ

ॐ ॐ

ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ

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