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ॐ ॐ
ॐ ॐ
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ॐ ॐ
शिवजी की पूजा-अर्चना / पूजा ववशि इस प्रकाह :
ॐ ॐ
सोमवाह के विन ब्रह्म मुहूर्च में उठ जाएं । वनत्यकमों को पूहा कह
IN
स्नानावि कह वनवृत्त ो जाएं ।
ॐ विह पूजा घह में जाए या विह मं विह जाएं । य ां पह शिवजी समेर् ॐ
F.
मार्ा पावचर्ी औह नं िी को गं गाजल औह िूि र्ढाएं ।
D
शिवशलंग पह िर्ूहा, भांग, आलू, र्ं िन, र्ावल अवपचर् कहें। सभी ॐ
ॐ
AP
ॐ
शिवजी को वबल्व पत्र बे ि वप्रय ैं। इन्हें अवपचर् कहने से शिवजी ॐ
प्रसन्न ो जार्े ैं।
भगवान शिव के पूजन के िौहान म ामृत्यजय ुं मं त्र का 108 बाह
ॐ ॐ
जाप कहें। इससे िांवर् एवं सुख-समृवि की प्रावो ोर्ी ।
इसके अलावा नमः शिवाय, ऊँ नम: शिवाय मं त्र का जाप भी
ॐ
कहना र्ाव ए। ॐ
पूहे विन व्रर् कहें। िाम को पूजा कहने के बाि कह व्रर् खोलें।
आप र्ा ें र्ो य पूहा व्रर् िला ाह ी कह सकर्े ।ैं
ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ
श्री शिव चालीसा ॐ
ॐ ॐ
।। दोिा ।।
ॐ ॐ
IN
श्री गणेि वगरहजा सुवन, मं गल मूल सुजान।
ॐ ॐ
F.
क र् अयोध्यािास र्ुम, िेहु अभय वहिान॥
D
ॐ
ॐ || श्री शिव चालीसा चौपाई ||
AP
ॐ ॐ
ST
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
IN
ॐ आप जलं िह असुह सं ाहा। सुयि र्ुम्हाह ववविर् सं साहा॥ ॐ
F.
वत्रपुहासुह सन युि मर्ाई। सबव ं कृ पा कह लीन बर्ाई॥
D
ॐ ॐ
वकया र्पव ं भागीहथ भाही। पुहब प्रवर्ज्ञा र्सु पुहाही॥
AP
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
IN
स्वामी एक आस र्ुम्हाही। आय हहु अब सं कट भाही॥
ॐ ॐ
F.
िन वनिचन को िेर् सिा ीं। जो कोई जांर्े वो िल पा ीं॥
D
ॐ अस्तुवर् के व ववशि कहौं र्ुम्हाही। क्षमहु नाथ अब र्ूक माही॥ ॐ
AP
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
।। दोिा ।।
IN
ॐ ॐ
वनत्त नेम कह प्रार्ः ी, पाठ कहौं र्ालीसा।
F.
र्ुम मेही मनोकामना, पूणच कहो जगिीि॥
D
ॐ ॐ
AP
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
।। दोिा ।।
ॐ ॐ
श्री गणेि वगरहजा सुवन, मं गल मूल सुजान।
IN
क र् अयोध्यािास र्ुम, िे हु अभय वहिान॥
ॐ ॐ
F.
अथच: े वगरहजा पुत्र भगवान श्री गणेि आपकी जय ो। आप
मं गलकाही ैं, ववद्वर्ा के िार्ा ैं, अयोध्यािास की प्राथचना प्रभु वक
D
ॐ आप ऐसा वहिान िें शजससे साहे भय समाो ो जांए। ॐ
AP
ॐ ॐ
ST
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
IN
जान िे िी र्ब भगवान शिव की मुं डमाला पूणच हुई। इसके बाि सर्ी ॐ
ॐ
ने पावचर्ी के रुप में जन्म शलया व अमह हुई) । बाघ की खाल के
F.
वस्त्र भी आपके र्न पह जं र् ह े ैं। आपकी छवव को िेखकह नाग भी
D
ॐ आकवषचर् ोर्े ैं। ॐ
AP
ॐ
मना मार्ु की ह्व िुलाही। बाम अंग सो र् छवव न्याही॥ ॐ
ST
ॐ ॐ
अथच: मार्ा मनावं र्ी की िुलाही अथाचर् मार्ा पावचर्ी जी आपके बांये
अंग में ैं, उनकी छवव भी अलग से मन को वषचर् कहर्ी , र्ात्पयच
ॐ ॐ
वक आपकी पत्नी के रुप में मार्ा पावचर्ी भी पूजनीय ैं। आपके ाथों
में वत्रिूल आपकी छवव को औह भी आकषचक बनार्ा । आपने मेिा
ॐ ित्रुओ ं का नाि वकया । ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
IN
िेवन जब ीं जाय पुकाहा। र्ब ी िुख प्रभु आप वनवाहा॥
ॐ ॐ
वकया उपद्रव र्ाहक भाही। िेवन सब वमशल र्ुमव ं जु ाही॥
F.
D
ॐ ॐ
अथच: े भगवन, िेवर्ाओं ने जब भी आपको पुकाहा , र्ुहंर् आपने
AP
ॐ ॐ
र्ुहर् षडानन आप पठायउ। लववनमेष म ँ मारह वगहायउ॥
आप जलं िह असुह सं ाहा। सुयि र्ुम्हाह ववविर् सं साहा॥
ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ
अथच: े शिव िं कह भोलेनाथ आपने ी वत्रपुहासुह (र्हकासुह के र्ीन ॐ
पुत्रों ने ब्रह्मा की भवि कह उनसे र्ीन अभेद्य पुह मांगे शजस काहण
उन्हें वत्रपुहासुह क ा गया। िर्च के अनुसाह भगवान शिव ने अशभशजर्
ॐ नक्षत्र में असं भव हथ पह सवाह ोकह असं भव बाण र्लाकह उनका ॐ
सं ाह वकया था) के साथ युि कह उनका सं ाह वकया व सब पह
IN
ॐ
अपनी कृ पा की। े भगवन भागीहथ के र्प से प्रसन्न ो कह उनके ॐ
पूवचजों की आत्मा को िांवर् विलाने की उनकी प्रवर्ज्ञा को आपने पूहा
वकया। F.
D
ॐ ॐ
AP
ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
अथच: े प्रभु जब क्षीह सागह के मं थन में ववष से भहा घडा वनकला र्ो ॐ
ॐ
समस्त िेवर्ा व ित्य भय से कांपने लगे (पौहाशणक कथाओं के
अनुसाह सागह मं थन से वनकला य ववष इर्ना खर्हनाक था वक
ॐ उसकी एक बूं ि भी ब्रह्मांड के शलए ववनािकाही थी) आपने ी सब पह ॐ
मे ह बहसार्े हुए इस ववष को अपने कं ठ में िाहण वकया शजससे
IN
आपका नाम नीलकं ठ हुआ। ॐ
ॐ
F.
D
पूजन हामर्ं द्र जब कीन्हा। जीर् के लं क ववभीषण िीन्हा॥
ॐ ॐ
स स कमल में ो ह े िाही। कीन्ह पहीक्षा र्बव ं पुहाही॥
AP
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ जय जय जय अनं र् अववनािी। कहर् कृ पा सब के घटवासी॥ ॐ
िुष्ट सकल वनर् मोव सर्ाव । भ्रमर् ह े मोव र्न न आव॥
त्राव त्राव मैं नाथ पुकाहो। यव अवसह मोव आन उबाहो॥ ॐ
ॐ
ल वत्रिूल ित्रुन को माहो। सं कट से मोव आन उबाहो॥
IN
ॐ उभाह लो य ी उशर्र् अवसह। अथाचर् जब मैं इस समय आपकी िहण ॐ
F.
में हूं, मुझे अपनी भवि में लीन कह मुझे मो माया से मुवि विलाओ,
सांसारहक कष्टों से उभाहों। अपने वत्रिुल से इन र्माम िुष्टों का नाि
D
ॐ ॐ
कह िो। े भोलेनाथ, आकह मुझे इन कष्टों से मुवि विलाओ।
AP
ॐ अथच: े प्रभु वसे र्ो जगर् के नार्ों में मार्ा-वपर्ा, भाई-बं िु, नार्े- ॐ
रहश्र्ेिाह सब ोर्े ैं, लेवकन ववपिा पडने पह कोई भी साथ न ीं
िेर्ा। े स्वामी, बस आपकी ी आस , आकह मेहे सं कटों को ह
ॐ ॐ
लो। आपने सिा वनिचन को िन विया , शजसने जसा िल र्ा ा,
आपकी भवि से वसा िल प्राो वकया । म आपकी स्तुवर्, आपकी
ॐ प्राथचना वकस ववशि से कहें अथाचर् म अज्ञानी प्रभु, अगह आपकी ॐ
पूजा कहने में कोई र्ूक हुई ो र्ो े स्वामी, में क्षमा कह िेना।
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
िं कह ो सं कट के नािन। मं गल काहण ववघ्न ववनािन॥
योगी यवर् मुवन ध्यान लगावैं। नाहि िाहि िीि नवावैं॥
ॐ ॐ
अथच: े शिव िं कह आप र्ो सं कटों का नाि कहने वाले ो, भिों का
कल्याण व बािाओं को िूह कहने वाले ो योगी यवर् ऋवष मुवन सभी
ॐ ॐ
आपका ध्यान लगार्े ैं। िाहि नाहि सभी आपको िीि नवार्े ैं।
IN
ॐ अथच: े भोलेनाथ आपको नमन । शजसका ब्रह्मा आवि िेवर्ा भी भेि ॐ
F.
न जान सके , े शिव आपकी जय ो। जो भी इस पाठ को मन
D
लगाकह कहेगा, शिव िम्भु उनकी हक्षा कहेंगें, आपकी कृ पा उन पह
ॐ ॐ
AP
बहसेगी।
त्रयोििी आर्ी ैं, एक कृ ष्ण पक्ष में व एक िुक्ल पक्ष में) को पं वडर्
ॐ बुलाकह वन कहवाने, ध्यान कहने औह व्रर् हखने से वकसी भी प्रकाह ॐ
का कष्ट न ीं ह र्ा।
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
िूप िीप नवेद्य र्ढावे। िं कह सम्मुख पाठ सुनावे॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुह में पावे॥
ॐ क े अयोध्या आस र्ुम्हाही। जावन सकल िुः ख हहु माही॥ ॐ
ॐ ॐ
अथच: जो कोई भी िूप, िीप, नवेद्य र्ढाकह भगवान िं कह के सामने
इस पाठ को सुनार्ा , भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांर्ह के
पापों का नाि कहर्े ैं। अंर्काल में भगवान शिव के िाम शिवपुह ॐ
ॐ
अथाचर् स्वगच की प्रावो ोर्ी , उसे मोक्ष वमलर्ा । अयोध्यािास को
IN
प्रभु आपकी आस , आप र्ो सबकु छ जानर्े ैं, इसशलए माहे साहे
ॐ ॐ
िुख िूह कहो भगवन।
F.
D
ॐ
ॐ ।। दोिा ।।
AP
ॐ ॐ
ST
ॐ
मगसह छवठ ेमन्त ॠर्ु, सं वर् र्ौसठ जान। ॐ
अस्तुवर् र्ालीसा शिवव , पूणच कीन कल्याण॥
ॐ ॐ
अथच: ह होज वनयम से उठकह प्रार्:काल में शिव र्ालीसा का पाठ
कहें औह भगवान भोलेनाथ जो इस जगर् के ईश्वह ैं, उनसे अपनी
ॐ
मनोकामना पूही कहने की प्राथचना कहें। सं वर् 64 में मं गशसह मास की ॐ
छवठ वर्शथ औह ेमंर् ऋर्ु के समय में भगवान शिव की स्तुवर् में शिव
र्ालीसा लोगों के कल्याण के शलए पूणच की गई।
ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ
ॐ ॐ
शिव स्तुतत
ॐ ॐ
IN
ॐ शसि – सनकावि – योगींद्र – वृं िाहका, ववष्णु – ववशि – वन्द्य र्हणाहववंिं ॥2॥ ॐ
F.
D
ब्रह्म – कु ल – वल्लभं , सुलभ मवर् िुलचभं, ववकट – वेषं, ववभुं , वेिपाहं ।
ॐ ॐ
AP
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ
ॐ ॐ
शिवाष्टक
ॐ ॐ
जय शिविं कह, जय गं गािह, करुणा-कह कहर्ाह हे,
जय कलािी, जय अववनािी, सुखहाशि, सुख-साह हे ॐ
ॐ
जय िशि-िेखह, जय डमरू-िह जय-जय प्रेमागाह हे,
जय वत्रपुहाही, जय मि ाही, अवमर् अनन्त अपाह हे,
ॐ ॐ
वनगुचण जय जय, सगुण अनामय, वनहाकाह साकाह हे।
IN
पावचर्ी पवर् ह- ह िम्भो, पाव पाव िार्ाह हे॥
ॐ ॐ
F.
जय हामेश्वह, जय नागेश्वह वद्यनाथ, के िाह हे,
D
ॐ ॐ
AP
ॐ ॐ
पावचर्ी पवर् ह- ह िम्भो, पाव पाव िार्ाह हे॥
IN
भोलानाथ कृ पालु ियामय, औढहिानी शिव योगी,
ॐ ॐ
F.
सहल हृिय, अवर्करुणा सागह, अकथ-क ानी शिव योगी,
D
वनवमष में िेर्े ैं, नववनशि मन मानी शिव योगी,
ॐ ॐ
AP
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ
ॐ ॐ
IN
र्ुषाहावद्र सं काि गौहं गभीहं , मनोभूर् कोवट प्रभा श्री िहीहम्।
ॐ स्फुहन्मौशल कल्लोशलनी र्ारू गं गा, लसद्भाल बालेिु कण्ठे भुजंगा॥ ॐ
F.
र्लत्कु ण्डलं िुभ्र नेत्रं वविालं , प्रसन्नाननं नीलकण्ठं ियालुम।्
D
ॐ मृगािीि र्माचम्बहं मुण्डमालं , वप्रय िं कहं सवचनाथं भजावम॥ ॐ
AP
प्रर्ण्डं प्रकृ ष्टं प्रगल्भं पहेिं, अखण्डं अजं भानु कोवट प्रकािम्।
ॐ ॐ
ST
ॐ
न यावि् उमानाथ पािाहवविं , भजं र्ी लोके पहे वा नाहाणम्। ॐ
न र्ावत्सुखं िांवर् सं र्ाप नािं , प्रसीि प्रभो सवचभुर्ाशिवासम् ॥
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ
ॐ ॐ
शिवषडक्षरस्तोत्रम्
ॐ ॐ
IN
ॐ ॐ
म ािे वं म ात्मानं म ाध्यानं पहायणम्।
म ापाप हं िे वं F.
मकाहाय नमो नम:।।
D
ॐ ॐ
शिवं िान्तं जगन्नाथं लोकनुग्र काहकम्।
AP
ॐ ॐ
यत्र यत्र च्छिर्ो िेव: सवचव्यापी म ेश्वह:।
यो गुरु: सवचिेवानां यकाहाय नमो नम:।।
ॐ ॐ
षडक्षहवमिं स्तोत्रं य: पठे च्छिवसं वनिौ।
शिवलोकमवाप्नोवर् शिवेन स मोिर्े।।
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ
ॐ ॐ
ॐ
श्री शिव जी आरती ॐ
IN
ॐ िो भुज र्ाह र्र्ुभुचज िस भुज अवर् सो े। ॐ
F.
वत्रगुण रूपवनहखर्ा वत्रभुवन जन मो े ॥ ॐ जय शिव...॥
D
ॐ अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला िाही । ॐ
AP
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
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ॐ ॐ
F.
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ॐ ॐ
AP
ॐ ॐ
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IN
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ