You are on page 1of 13

श्री ननवास

याभानज
ु न का
जीवन ऩरयचम
हहॊदी भें PDF
https://pdffile.co.in/
महाॊ आऩ श्रीननवास याभानुजन की जीवनी के फाये भें अध्ममन कयें गे। आऩ श्रीननवास याभानुजन की जीवनी के

फाये भें फहुत साये तथ्म हहॊदी बाषा भें जानेंग।े

श्रीननवास याभानुजन जीवनी Srinivasa Ramanujan Biography in Hindi

श्रीननवास याभानुजन ् एक भहान बायतीम गणणतऻ थे इन्हें गणणत भें कोई ववशेष प्रशशऺण नहीॊ शभरा, फपय बी

इन्होंने ववश्रेषण एवॊ सॊख्मा शसद्ाॊत के ऺेत्रों भें गहन मोगदान हदए। याभानुजन ् ने खद
ु से गणणत सीखा औय

अऩने जीवनबय भें गणणत के 3,884 प्रभेमों का सॊकरन फकमा। इन्होंने गणणत के सहज ऻान औय फीजगणणत

प्रकरन की अद्ववतीम प्रनतबा के फर ऩय फहुत से भौशरक औय अऩायम्ऩरयक ऩरयणाभ ननकारे जजनसे प्रेरयत शोध
आज तक हो यहा है हार भें इनके सूत्रों को फिस्टर-ववऻान भें प्रमुक्त फकमा गमा है । इनके कामय से प्रबाववत

गणणत के ऺेत्रों भें हो यहे काभ के शरमे याभानज


ु न जनयर की स्थाऩना की गई है । याभानज
ु न ने दस वषों की आमु

भें प्राइभयी ऩयीऺा भें ऩूये जजरे भें सफसे अधधक अॊक प्राप्त फकमा हाईस्कूर की ऩयीऺा उत्तीणय कयने के फाद इन्हें
गणणत औय अॊग्रेजी भे अच्छे अॊक राने के कायण सुब्रभण्मभ छात्रवजृ त्त शभरी औय आगे कारेज की शशऺा के शरए
प्रवेश बी शभरा। वषय 1908 भें इनके भाता वऩता ने इनका वववाह जानकी नाभक कन्मा से कय हदमा।

श्रीननवास याभानुजन जीवन ऩरयचम (जीवनी)

श्रीननवास याभानुजन ्

जीवन ऩरयचम बफॊद ु

श्रीननवास याभानुजन ्

ऩूया नाभ

श्रीननवास याभानज
ु न ् इमॊगय

जन्भ

22 हदसम्फय, 1887

जन्भ स्थान

इयोड, तशभर नाडु

https://pdffile.co.in/
वऩता

श्रीननवास अय्मॊगय

वववाह

जानकी नाभक कन्मा

भाता

कोभरताम्भर

डॉक्टयी सराहकाय

गॉडफ्रे हे यॉल्ड हाडी औय जॉन इडेन्सय शरटरवुड

ऺेत्र

गणणत

शशऺा

कैजम्ब्रज ववश्वववद्मारम

याष्ट्रीमता

बायतीम

प्रशसवद्

रैंडॉ-याभानुजन ् जस्थयाॊक, याभानुजन ्-सोल्डनय जस्थयाॊक, याभानुजन ् थीटा परन, यॉजसय-याभानुजन ् तत्सभक,

याभानुजन ् अबाज्म, कृबत्रभ थीटा परनs,याभानुजन ् मोग

भत्ृ मु

26 अप्रैर, 1920 चेटऩट, (चेन्नई), तशभर नाडु

श्रीननवास याभानुजन प्रायॊ शबक जीवन

https://pdffile.co.in/
श्रीननवास अमॊगय याभानुजन का जन्भ 22 हदसम्फय 1887 को तशभर नाडु के कोमॊफटूय के ईयोड नाभक गाॊव भें

एक ऩायॊ ऩरयक ब्राह्भण ऩरयवाय भें हुआ था। इनके वऩता का नाभ श्रीननवास अय्मॊगय औय भाता का नाभ

कोभरताम्भर था। जफ फारक याभानुजन एक वषय के थे तबी उनका ऩरयवाय कॊु बकोणभ भें आकय फस गमा था।

इनके वऩता एक स्थाननम व्माऩायी के ऩास भन


ु ीभ का कामय कयते थे। शरू
ु भें फारक याभानज
ु न का फौवद्क ववकास

दस
ू ये साभान्म फारकों जैसा नहीॊ था औय वह तीन वषय की आमु तक फोरना बी नहीॊ सीख ऩाए थे, जजससे उनके

भाता-वऩता को धचॊता होने रगी। जफ फारक याभानुजन ऩाॉच वषय के थे तफ उनका दाणखरा कॊु बकोणभ के

प्राथशभक ववद्मारम भें कया हदमा गमा।

याभानज
ु न ऩैतक
ृ घय

याभानज
ु न ऩैतक
ृ घय Pic Credit wikipedia

श्रीननवास याभानुजन शशऺा (Ramanujan Education)

ऩायॊ ऩरयक शशऺा भें याभानुजन का भन कबी बी नहीॊ रगा औय वो ज्मादातय सभम गणणत की ऩढाई भें ही बफताते
थे। आगे चरकय उन्होंने दस वषय की आमु भें प्राइभयी ऩयीऺा भें ऩयू े जजरे भें सवोच्च अॊक प्राप्त फकमा औय आगे

की शशऺा के शरए टाउन हाईस्कूर गए।

याभानज
ु न फड़े ही सौम्म औय भधयु व्मवहाय के व्मजक्त थे। वह इतने सौम्म थे फक कोई इनसे नायाज हो ही नहीॊ

सकता था। धीये -धीये इनकी प्रनतबा ने ववद्माधथयमों औय शशऺकों ऩय अऩना छाऩ छोड़ना शुरू कय हदमा। वह

गणणत भें इतने भेधावी थे फक स्कूर के सभम भें ही कॉरेज स्तय का गणणत ऩढ़ शरमा था। हाईस्कूर की ऩयीऺा भें

इन्हें गणणत औय अॊग्रेजी भे अच्छे अॊक राने के कायण छात्रवजृ त्त शभरी जजससे कॉरेज की शशऺा का यास्ता
आसान हो गमा।

You may like these posts

श्रीननवास याभानज
ु न जीवन ऩरयचम (जीवनी) | Srinivasa Ramanujan Biography in Hindi

https://pdffile.co.in/
उनके अत्मधधक गणणत प्रेभ ने ही उनकी शशऺा भें फाधा डारा। दयअसर, उनका गणणत-प्रेभ इतना फढ़ गमा था

फक उन्होंने दस
ू ये ववषमों को ऩढना छोड़ हदमा। दस
ू ये ववषमों की कऺाओॊ भें बी वह गणणत ऩढ़ते थे औय प्रश्नों को

हर फकमा कयते थे। इसका ऩरयणाभ मह हुआ फक कऺा 11वीॊ की ऩयीऺा भें वे गणणत को छोड़ फाकी सबी ववषमों भें

अनत्ु तीणय हो गए जजसके कायण उनको शभरने वारी छात्रवजृ त्त फॊद हो गई। उनके ऩरयवाय की आधथयक जस्थनत

ऩहरे से ही ठीक नहीॊ थी औय छात्रवजृ त्त फॊद होने के कायण कहठनाईमाॊ औय फढ़ गमीॊ। मह दौय उनके शरए

भुजश्करों बया था।

सॊघषय का सभम

घय की आधथयक जस्थनत सुधायने के शरए याभानुजन ने गणणत के ट्मूशन औय कुछ एकाउॊ ट्स का काभ फकमा। वषय

1907 भें उन्होंने फायहवीॊ कऺा की प्राइवेट ऩयीऺा दी रेफकन इस फाय बी वह अनत्ु तीणय हो गए। इस असपरता के

साथ उनकी ऩायॊ ऩरयक शशऺा बी सभाप्त हो गई।

नोकयी ऩाने की इच्छा भें याभानुजन भद्रास आए औय नौकयी की तराश शुरू कय दी औय वे इसी सभम याभानुजन
वहाॊ के डडप्टी करेक्टय श्री वी. याभास्वाभी अय्मय से शभरे। अय्मय गणणत के फहुत फड़े ववद्वान थे। महाॊ ऩय श्री

अय्मय ने याभानुजन की प्रनतबा को ऩहचाना औय जजराधधकायी श्री याभचॊद्र याव से कह कय इनके शरए 25 रूऩमे

भाशसक छात्रवजृ त्त का प्रफॊध बी कय हदमा। इस वजृ त्त ऩय याभानज


ु न ने भद्रास भें एक सार यहते हुए अऩना प्रथभ

शोधऩत्र प्रकाशशत फकमा। शोध ऩत्र का शीषयक था ‚फयनौरी सॊख्माओॊ के कुछ गुण” औय मह शोध ऩत्र जनयर

ऑप इॊडडमन भैथेभेहटकर सोसाइटी भें प्रकाशशत हुआ था।

मह बी दें खे :

अबमचयणायववॊद बजक्तवेदाॊत स्वाभी प्रबुऩाद जीवनी

Wiki and Biography of Ritesh Agarwal A Self-made Young Entrepreneur

हरधय नाग : ढाफा भें जठ


ू न धोने से रेकय ऩद्मश्री तक.!

Maharishi Valmiki Biography "भहवषय वाल्भीफक का जीवन ऩरयचम"

https://pdffile.co.in/
Albert Einstein Biography in hindi | अल्फटय आइॊस्टीन की जीवनी

प्रोपेसय हाडी के साथ ऩत्रव्मावहाय

इस सभम बायतीम औय ऩजश्चभी यहन सहन भें एक फड़ी दयू ी थी औय इस वजह से साभान्मत् बायतीमों को
अॊग्रेज वैऻाननकों के साभने अऩने फातों को प्रस्तत
ु कयने भें कापी सॊकोच होता था। इधय जस्थनत कुछ ऐसी थी फक

बफना फकसी अॊग्रेज गणणतऻ की सहामता शरए शोध कामय को आगे नहीॊ फढ़ामा जा सकता था। इस सभम

याभानुजन के ऩुयाने शुबधचॊतक इनके काभ आए औय इन रोगों ने याभानुजन द्वाया फकए गए कामों को रॊदन के
प्रशसद् गणणतऻों के ऩास बेजा। ऩय महाॊ इन्हें कुछ ववशेष सहामता नहीॊ शभरी रेफकन एक राब मह हुआ फक रोग

याभानुजन को थोड़ा फहुत जानने रगे थे।

Pic Credit : bharatdiscovery प्रोपेसय हाडी

इसी सभम याभानुजन ने अऩने सॊख्मा शसद्ाॊत के कुछ सूत्र प्रोपेसय शेषू अय्मय को हदखाए तो उनका ध्मान रॊदन
के ही प्रोपेसय हाडी की तयप गमा। प्रोपेसय हाडी उस सभम के ववश्व के प्रशसद् गणणतऻों भें से एक थे। औय अऩने

सख्त स्वबाव औय अनुशासन वप्रमता के कायण जाने जाते थे। प्रोपेसय हाडी के शोधकामय को ऩढ़ने के फाद

याभानुजन ने फतामा फक उन्होने प्रोपेसय हाडी के अनुत्तरयत प्रश्न का उत्तय खोज ननकारा है । अफ याभानुजन का

प्रोपेसय हाडी से ऩत्रव्मवहाय आयॊ ब हुआ।

अफ महाॊ से याभानुजन के जीवन भें एक नए मुग का सूत्रऩात हुआ जजसभें प्रोपेसय हाडी की फहुत फड़ी बूशभका थी।

दस
ू ये शब्दों भें कहा जाए तो जजस तयह से एक जौहयी हीये की ऩहचान कयता है औय उसे तयाश कय चभका दे ता है ,

याभानुजन के जीवन भें वैसा ही कुछ स्थान प्रोपेसय हाडी का है । प्रोपेसय हाडी आजीवन याभानुजन की प्रनतबा

औय जीवन दशयन के प्रशॊसक यहे । याभानज


ु न औय प्रोपेसय हाडी की मह शभत्रता दोनो ही के शरए राबप्रद शसद्

हुई। एक तयह से दे खा जाए तो दोनो ने एक दस


ू ये के शरए ऩूयक का काभ फकमा। प्रोपेसय हाडी ने उस सभम के

ववशबन्न प्रनतबाशारी व्मजक्तमों को 100 के ऩैभाने ऩय आॊका था। अधधकाॊश गणणतऻों को उन्होने 100 भें 35

https://pdffile.co.in/
अॊक हदए औय कुछ ववशशष्ट्ट व्मजक्तमों को 60 अॊक हदए। रेफकन उन्होंने याभानुजन को 100 भें ऩूये 100 अॊक हदए

थे।

आयॊ ब भें याभानुजन ने जफ अऩने फकए गए शोधकामय को प्रोपेसय हाडी के ऩास बेजा तो ऩहरे उन्हें बी ऩूया सभझ
भें नहीॊ आमा। जफ उन्होंने अऩने शभत्र गणणतऻों से सराह री तो वे इस ननष्ट्कषय ऩय ऩहुॊचे फक याभानुजन गणणत

के ऺेत्र भें एक दर
ु ब
य व्मजक्तत्व है औय इनके द्वाया फकए गए कामय को ठीक से सभझने औय उसभें आगे शोध के
शरए उन्हें इॊग्रैंड आना चाहहए। अत् उन्होने याभानज
ु न को कैंबब्रज आने के शरए आभॊबत्रत फकमा।

ववदे श गभन

कुछ व्मजक्तगत कायणों औय धन की कभी के कायण याभानुजन ने प्रोपेसय हाडी के कैंबब्रज के आभॊत्रण को
अस्वीकाय कय हदमा। प्रोपेसय हाडी को इससे ननयाशा हुई रेफकन उन्होनें फकसी बी तयह से याभानज
ु न को वहाॊ

फुराने का ननश्चम फकमा। इसी सभम याभानुजन को भद्रास ववश्वववद्मारम भें शोध वजृ त्त शभर गई थी जजससे

उनका जीवन कुछ सयर हो गमा औय उनको शोधकामय के शरए ऩयू ा सभम बी शभरने रगा था। इसी फीच एक रॊफे

ऩत्रव्मवहाय के फाद धीये -धीये प्रोपेसय हाडी ने याभानुजन को कैंबब्रज आने के शरए सहभत कय शरमा। प्रोपेसय हाडी

के प्रमासों से याभानुजन को कैंबब्रज जाने के शरए आधथयक सहामता बी शभर गई। याभानुजन ने इॊग्रैण्ड जाने के

ऩहरे गणणत के कयीफ 3000 से बी अधधक नमे सूत्रों को अऩनी नोटफुक भें शरखा था।

याभानज
ु न नोटफक

याभानज
ु न नोटफक
ु Pic Credit : bharatdiscovery

याभानज
ु न ने रॊदन की धयती ऩय कदभ यखा। वहाॊ प्रोपेसय हाडी ने उनके शरए ऩहरे से व्ववस्था की हुई थी अत्

इन्हें कोई ववशेष ऩये शानी नहीॊ हुई। इॊग्रैण्ड भें याभानुजन को फस थोड़ी ऩये शानी थी औय इसका कायण था उनका

शभीरा, शाॊत स्वबाव औय शुद् साजत्वक जीवनचमाय। अऩने ऩूये इॊग्रैण्ड प्रवास भें वे अधधकाॊशत् अऩना बोजन

स्वमॊ फनाते थे। इॊग्रैण्ड की इस मात्रा से उनके जीवन भें िाॊनतकायी ऩरयवतयन आमा। उन्होंने प्रोपेसय हाडी के

साथ शभर कय उच्चकोहट के शोधऩत्र प्रकाशशत फकए। अऩने एक ववशेष शोध के कायण इन्हें कैंबब्रज

ववश्वववद्मारम द्वाया फी.ए. की उऩाधध बी शभरी। रेफकन वहाॊ की जरवामु औय यहन-सहन की शैरी उनके

अधधक अनुकूर नहीॊ थी औय उनका स्वास्थ्म खयाफ यहने रगा। डॉक्टयों ने इसे ऺम योग फतामा। उस सभम ऺम

https://pdffile.co.in/
योग की कोई दवा नहीॊ होती थी औय योगी को सेनेटोरयमभ भे यहना ऩड़ता था। याभानुजन को बी कुछ हदनों तक

वहाॊ यहना ऩड़ा। वहाॊ इस सभम बी मह गणणत के सत्र


ू ों भें नई नई कल्ऩनाएॊ फकमा कयते थे।

याभानुजन का गणणत भें मोगदान (Ramanujan Work)

याभानुजन ने इॊग्रैण्ड भें ऩाॉच वषों तक भुख्मत् सॊख्मा शसद्ान्त के ऺेत्र भें काभ फकमा।

सूत्र

ऩाई के शरमे उन्होने एक दस


ू या सत्र
ू बी (सन ् १९१० भें) हदमा था

याभानुजन सॊख्माएॉ

अत् 1729, 4104, 20683, 39312, 40033 आहद याभानुजन सॊख्माएॊ हैं।

याभानुजन ् अटकर (Ramanujan conjecture)

श्रीननवास याभानुजन ने सन ् १९१६ भें एक गणणतीम अटकर हदमा जजसे याभानुजन ् अटकर (Ramanujan

conjecture) कहते हैं। इस अटकर के अनुसाय १२ बाय वारे {\displaystyle \Delta (z)} कस्ऩ पॉभय के पुरयए

गुणाॊकों से फना याभानुजन टाऊ परन (Ramanujan's tau function) को सॊतष्ट्ु ट कयता है ।

महाॉ एक अबाज्म सॊख्मा (prime number) है ।

यॉमर सोसाइटी की सदस्मता

https://pdffile.co.in/
याभानुजन को यॉमर सोसाइटी का पेरो नाशभत फकमा गमा। यॉमर सोसाइटी के ऩूये इनतहास भें इनसे कभ आमु

का कोई सदस्म आज तक नहीॊ हुआ है । ऩयू े बायत भें उनके शब


ु धचॊतकों ने उत्सव भनामा औय सबाएॊ की। यॉमर

सोसाइटी की सदस्मता के फाद मह हरनीटी कॉरेज की पेरोशशऩ ऩाने वारे ऩहरे बायतीम बी फने।

स्वदे श आगभन

बायत रौटने ऩय बी स्वास्थ्म ने इनका साथ नहीॊ हदमा औय हारत गॊबीय होती जा यही थी। इस फीभायी की दशा

भें बी इन्होने भॉक थीटा पॊक्शन ऩय एक उच्च स्तयीम शोधऩत्र शरखा। याभानुजन द्वाया प्रनतऩाहदत इस परन

का उऩमोग गणणत ही नहीॊ फजल्क धचफकत्साववऻान भें कैंसय को सभझने के शरए बी फकमा जाता है ।

भत्ृ मु

इॊग्रैण्ड भें याभानुजन को वहाॊ की जरवामु औय यहन-सहन की शैरी उनके अधधक अनुकूर नहीॊ थी औय उनका

स्वास्थ्म खयाफ यहने रगा। डॉक्टयों ने इसे ऺम योग फतामा। बायत रौटने ऩय बी स्वास्थ्म ने इनका साथ नहीॊ

हदमा औय हारत गॊबीय होती जा यही थी। महाॊ तक की अफ डॉक्टयों ने बीजवाफ दे हदमा था। अॊत भें याभानुजन के

ववदा की घड़ी आ ही गई। 26 अप्रैर 1920 के प्रात् कार भें वे अचेत हो गए औय दोऩहय होते होते उन्होने प्राण

त्माग हदए। इस सभम याभानज


ु न की आमु भात्र 33 वषय थी। इस भहान गणणतग्म का ननधन गणणत जगत के

शरए अऩूयणीम ऺनत था।

Amazing Facts about Srinivasa Ramanujan in Hindi – श्रीननवास याभानुजन ् के फाये भें योचक तथ्म

याभानुजन ्आज हभ फात कयें गे एक ऐसे शख़्स की जो एक गयीफ घय भें ऩैदा हुआ था रेफकन भैथ की दनु नमा भें
नाभ कभा गमा. जजस भैथ से आजकर के फच्चे डयते है ना उसभें तो वो जीननमस था जीननमस. इनका नाभ था

श्रीननवास याभानज
ु न ्. इनके फाये भें डडटे र भें जानते है So Let’s begin….

https://pdffile.co.in/
1. 22 हदसॊफय 1887 को तशभरनाडु के ईयोड गाॊव भें श्रीननवास अय्माॊगय औय कोभरताभर के घय एक फच्चा ऩैदा

हुआ था, नाभ यखा गमा याभानज


ु न ्. आगे जाकय मे क्मा कयने वारा है फकसी को कुछ ऩता नही था. याभानज
ु न ् के

वऩता एक साड़ी की दक
ु ान ऩय क्रकय औय भाॉ हाऊस वाइप थी।

2. याभानज
ु न ् के सबी बाई-फहन फचऩन भें भय गए. दयअसर, 1889 भें चेचक नाभ की फीभायी पैर गई थी. इस

सार चेचक से तॊजावुय जजरे भें हजायों रोग भाये गए थे. रेफकन याभानुजन ् फपय से ठीक हो गए।

3. कयीफी फताते है फक याभानुज़न ् ऩैदा होने के 3 सार तक फोरे नही थे. घयवारों ने सोचने रगे थे कहीॊ मे गॉग
ू ा

तो नही है . 10 सार की उम्र भें याभानुज प्राइभयी क्रास भें जजरे भें ऩहरे नॊफय ऩय आए।

4. फचऩन भें याभानुजन ् स्कूर जाने से फचते थे. इनके घयवारों ने मे दे खने के शरए स्ऩेशर एक आदभी की ड्मूटी

रगाई थी फक याभानज़
ु न ् ने आज स्कूर बी रगामा है मा नही।

5. घय का खचय ननकारने के शरए याभानुजन ् फचऩन भें ट्मूशन ऩढ़ामा कयते थे. इन्हें ट्मूशन के हय भहीने 5 रूऩए

शभरते थे। याभानज


ु न ् थे सातवीॊ कऺा भें औय ट्मश
ू न ऩढ़ाते थे फी. ए. के रड़के को।

6. 13 सार की उम्र भें खद


ु की थ्मोयभ फनाने वारे याभानुजन ् ने भैथ की कबी कोई अरग से शशऺा नही री।

7. याभानज़
ु न ् ने 11 सार की उम्र भें, काॅॎरेज के स्तय का भैथ माद कय शरमा था. 13 सार की उम्र भें, एडवाॊस

हरग्नोभेरी को यट हदमा औय खद
ु की थ्मोयभ फनाने रगे. 17 सार की उम्र भें, फनोरी नॊफयों की जाॉच की औय 15

डेशसभर प्वाॅॎइॊट तक मूरय(Euler) काॊस्टें ट की वैल्मू खोज दी थी।

https://pdffile.co.in/
8. जफ याभानज
ु न ् 16 सार के थे, तो उनके दोस्त ने राइब्रेयी से जी. एस. काय की शरखी हुई एक फकताफ दी ‚A

Synopsis of Elementary Results in Pure and Applied Mathematics‛. इसभें 5000 से ज्मादा थ्मोयभ थी.

याभानज़
ु न ् ने मे फकताफ सायी ऩढ़ डारी ऩयू े ध्मान से. फस महीॊ से उनके भैथ जीननमस फनने का सफ़य शरू
ु हो

गमा।

9. याभानुजन ् अऩने भैथ के ऩेऩय को आधे से बी कभ सभम भें ऩूया कय दे ते थे।

10. गणणत भें जीननमस होने के कायण याभानुज़न ् को सयकायी आट्यस काॅॎरेज भें ऩढ़ाई कयने के शरए

स्काॅॎरयशशऩ शभरी थी. रेफकन इन्होनें भैथ भें इतना ध्मान रगामा, इतना ध्मान रगामा फक फाकी सबी

सब्जेक्ट भें पेर हो गए. इससे इनकी स्काॅॎरयशशऩ बी नछन री गई।

11. ऩेऩय फहुत भहॊ गे होने के कायण याभानुजन ् भैथ के सवार ननकारने के शरए ‘स्रेट’ का मूज कयते थे.

हाराॊफक मे एक यजजस्टय बी यखते थे जजसभें स्रेट से पाॅॎभर


ूय ा उतायते थे. याभानज
ु न ् जफ कही नौकयी की तराश

भें जाते थे तो अक्सय मही यजजस्टय हदखाते थे रेफकन रोग इसे नजयअॊदाज कय दे ते थे।

12. जफ याभानज़
ु न ् 22 सार के हो गए तो 10 सार की जानकी से इनका ब्माह कय हदमा गमा. ब्माह के फाद

याभानुज़न ् को ‘हाइड्रोसीर टे जस्टस’ मानन अॊडकोष भें होने वारी एक फीभायी हो गई. घय ऩय इराज के ऩैसे नही

थे तो एक डाॅॎक्टय ने फ्री भें सजययी कय दी. सजययी के फाद वो फीभाय ऩड़ गए, सोचा अफ नही फच ऩाऊॉगा रेफकन

ठीक हो गए।

https://pdffile.co.in/
13. 1913 भें 26 सार की उम्र भें याभानुजन ् ने भैथ के 120 सूत्र शरखे औय अॊग्रेज प्रोपेसय जी. एच. हाडी के ऩास

बेज हदए. हाडी ने ऩहरे तो खास ध्मान नही हदमा रेफकन ऩढ़ने के फाद उसे रगा फक मे तो कोई ववद्वान है . फपय

क्मा था फुरा शरमा याभानुज को कैजम्ब्रज मूननवशसयटी।

14. याभानज़
ु न ् ने इॊग्रैड जाने से भना कय हदमा रेफकन हाडी ने जैस-े तैसे कयके भना ही शरमा. याभानज
ु धभय-कभय

के ऩक्के थे. इॊग्रैड जैसे ठॊ डे दे श भें बी योज नहाते थे, ऩक्के ब्राह्भण होने के कायण शाकाहयी बी थे. महाॉ ठीक

खाना न शभरने से वो फीभाय ऩड़ गए औय वावऩस भद्रास आ गए।

15. याभानुजन ् के फाये भें एक तथ्म औय फता दॉ ,ू जफ वो इॊग्रैंड भें थे तो उन्होनें आत्भहत्मा कयने की सोची थी

रेफकन भौके ऩय ऩुशरसकभी ने ऩकड़ शरमा, ऩुशरसवारा जेर भें बेजने ही वारा था तो प्रोपेसय हाडी ने इसभें

हस्तऺेऩ फकमा औय ऩशु रसकभी से झठ


ू फोरा फक याभानज
ु न ् एपआयएस(Fellow of Rayal Society) का सदस्म

है औय तभ
ु इस तयह एक एपआयएस को जेर भें नही बेज सकते. कुछ भहीने फाद याभानुज़न ् सच भें FRS का

सदस्म फन गमा।

16. 1918 भें 31 सार की उम्र भें श्रीननवास याभानुजन ् को याॅॎमर सोसाइटी का सफसे कभ उम्र का साथी चन
ु ा

गमा. 1841 भें Ardaseer Cursetjee के फाद ऐसा कयने वारे वे दस


ू ये बायतीम फन गए. 13 अक्टूफय 1918 को

याभानुज को हरननटी काॅॎरेज का साथी चन


ु ा गमा. ऐसा कयने वारे वे ऩहरे बायतीम थे।

17. बायतीम याज्म तशभरनाडु, याभानुजन ् के जन्भहदन को IT Day के रूऩ भें औय ऩूया दे श National

Mathematics Day के रूऩ भें भनाता है ।

https://pdffile.co.in/
18. याभानुजन ् ने अऩनी 32 सार की राइप भें 3884 इक्वेशन फनाईं. इनभें से कई तो आज बी अनसुरझी है .

भैथ भें 1729 को याभानज


ु न सॊख्मा के नाभ से जाना जाता है ।

19. इॊग्रैंड से आने के फाद बी तेज़ फुखाय, खाॊसी औय ऩतरा होने के कायण उनकी हारत गॊबीय होती गई. 26

April, 1920 को 32 सार की उम्र भें श्रीननवास याभानज


ु न ् इमॊगय की भौत हो गई। कॊु फकोणभ भें इनके ऩैतक

ननवास को अफ म्मूजजमभ फना हदमा गमा है ।

20. श्रीननवास याभानुजन ् को ‚Man Who Knew Infinty‛ कहा जाता है क्मोफकॊ इनके प्रभुख मोगदान भें से 60%

से ज्मादा Infinite series के सूत्र थे।

https://pdffile.co.in/

You might also like