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आगामी अंक
नस्ल सुधार से दुग्ध उत्पादन की गुणवत्ता में कमी क्यों ? 32-33
मां भारती की मिट्टी में ही अद्भुत शक्ति- जन्म से ही समा
लावारिस पशु - पक्षियों की पक्षधर और उन पर होने वाले हैं अपराधों को रोकने के लिए प्रतिपल समर्पित श्रीमती मेनका गांधी जी ने "पशु मित्र पत्रिका" की पहली प्रति जैसे ही प्राप्त
की तो तत्काल उन्होंने पत्रिका का लोकार्पण कर जो सम्मान दिया उसकी कल्पना नहीं की जा सकती । यह बात श्रीमती गांधी के मनोभाव को उनके प्रेषित चित्र से समझा जा सकता
है। अक्सर लोग कहते रहते हैं कि आधी रात को पशु अपराध पर सुनवाई करने वाली पशु प्रेमी और राजनेता श्रीमती गांधी देशभर के सभी पशु प्रेमियों की मसीहा है । पशु प्रेमी उन्हें
प्रेरणा और अपने काम करने की शक्ति मानते हैं। श्रीमती गांधी ने अपने राजनैतिक जीवन में पशु कल्याण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य किए। जिसमें भारत सरकार के अधीन
कार्यरत एनिमल वेलफेयर डिवीजन को विस्तृत करने,छोटे बड़े अधिकारियों की एक बड़ी श्रृंखला पशु कल्याण में लगाने,राष्ट्रीय पशु कल्याण संस्थान स्थापित करने और एनिमल
एक्सपेरिमेंटेशन कमिटी का विस्तार कर पशु कल्याण तथा पशु अधिकार के जिम्मेदारियों को फिक्स करने का बहुत बड़ा योगदान किया है। जीव जंतु क्रूरता निवारण अधिनियम
1960 के कई संशोधन उप नियम पास होने से आज पशु अपराध नियंत्रण में काफी सहूलियत मिलती है। नए पशु अधिनियम को पार्लियामेंट में पास होने के लिए आज भी वह
संघर्षरत हैं। एनिमल वेलफेयर बजट को बढ़ाने में भी काफी योगदान दिया है। पशु मित्र पत्रिका के प्रकाशन में अमूल्य योगदान दे रही हैं।
पशु मित्र : वर्ष -2 अंक 1 मार्च- अप्रैल 2022 | 04
2011 में मुलायम के बेटे प्रतीक यादव से उनकी शादी भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय में 9 सालों तक शास्त्रीय पशु प्रेमी योगी जी और मोदी जी से प्रभावित
हुई। उन्होंने लखनऊ कैंट से 2017 विधानसभा चुनाव संगीत की शिक्षा भी ली है और वह ठुमरी की कला में माहिर समाजवाद की विचारधारा को लेकर पशु प्रेमी अपर्णा बिष्ट
में चुनाव लड़ा। वह "बी-अवेयर" के नाम से एक संगठन हैं। 2014 में जब उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत यादव समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखनऊ कैंट से
चलाती है, वह विशेष रूप से महिलाओं के अधिकारों और अभियान की प्रशंसा की थी तब वह लाइमलाइट में आयी 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ी। लेकिन योगी और मोदी
सशक्तिकरण के प्रति काम कर रही है। अपर्णा ने महिलाओं थीं। अपर्णा यादव ने 2017 विधानसभा चुनावों में लखनऊ सरकार की कायल रह चुकी अपर्णा जी के एक निमंत्रण
के कल्याण से संबधि ं त मुद्दों के प्रति महत्वपूर्ण योगदान दिया कैंट निर्च वा न क्षेत्र से वह 33796 मतों के अंतर से भाजपा पर योगी आदित्यनाथ जीव आश्रय द्वारा पशुओं की सेवा
है। अपर्णा यादव का जन्म 1 जनवरी 1990 में हुआ था। उम्मीदवार रीता बहुगणा ु जोशी द्वारा पराजित हुईं। उत्तर प्रदेश की जा रही गौशाला कान्हा उपवन में मुख्यमंत्री बनने के
लखनऊ शहर के युवाओं द्वारा बनाई पशु कल्याण संस्था विधान सभा चुनाव से ठीक पहले, अपर्णा यादव ने 19 बाद भी वहां पहुच ं गए थे। जिनका मुख्य कारण यह था कि
"जीव आश्रय' का भी मार्गदर्शन एवं सहयोग करती है ताकि जनवरी 2022 को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली। योगी आदित्यनाथ और अपर्णा यादव दोनों ही गोसेवक हैं।
शहर के लावारिस पशु पक्षियों का कल्याण किया जा सके अपर्णा जी के पशु प्रेम संबधं ी पैशन को सभी लोग अपर्णा जी के पशु प्रेम तथा गौ सेवा के कार्यों की जानकारी
।जब से वह भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की है तब से जहां जानते हैं। अपने व्यस्त कार्यक्रमों में से वह निराश्रित पशु मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ को पहले से रही है और गौ
एक ओर समाज सेवा और राजनीतिक भविष्य एक नए -पक्षियों लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों के बेहतर संचालन के सेवा का यह पैशन कहीं न कहीं जोड़ रहा था। यही कारण
उजाले की तरफ बढ़ा है वहीं पर पशु पक्षियों और गोवंश लिए समय निकाल लेती है। एक पशु प्रेमी एवं गौ सेवक के है कि जब अपर्णा यादव ने सीएम योगी को गोसेवा के लिए
संरक्षण-संवर्धन सहयोग मिलने की आशाएं और प्रबल हो रूप में अपर्णा जी लखनऊ में कार्यरत युवा पशु प्रेमियों की उनकी संस्था की तरफ से संचालित कान्हा उपवन में आने
गई है। संस्था "जीव आश्रय" का भी सहयोग और मार्गदर्शन करती का निमंत्रण भेजा तो वह पहुचं गए।
अपर्णाजी ने अपनी स्कूली शिक्षा लखनऊ के लोरेटो रहती है। पिछले वर्षों में अपर्णा जी और उनके पति प्रतीक उस समय योगी जी अपने कई मंत्रियों तथा अधिकारियों
कॉन्वेंट इंटरमीडिएट कॉलेज से ली है। उन्होंने 2007 में यादव के विशेष रूचि एवं सहयोग से युवा पशु प्रेमियों की के साथ युवाओं द्वारा संचालित पशु कल्याण संस्था जीव
अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी। अपर्णा ने राजनीति विज्ञान, संस्था जीव आश्रय नगर निगम की लखनऊ स्थित गौशाला आश्रय के सौजन्य से संचालित कान्हा उपवन गौशाला को
पशु मित्र : वर्ष -2 अंक 1 मार्च- अप्रैल 2022 | 05
देखने पहुचं गए थे। जहां उनके मंत्रिमंडल के लोकप्रिय मंत्री और सेवाओं पर प्रकाश डालते हुए जीव आश्रय के संदश े को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली। बहुत कम लोग
स्वाति सिंह, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा समेत अन्य वरिष्ठ को सबके सामने रखा गया था तो उस समय अपर्णा जी जानते होंगे कि अपर्णा जी एक सिंगर भी है। वह शास्त्रीय
नेताओं भी पहुच ं े थे। योगी आदित्यनाथ की है गौशाला ने कहां था कि- "हमारा उद्शदे ्य केवल तभी खत्म नही हो संगीत में निपुण एवं विशेष योग्यता धारी मूलतः उत्तराखंड की
भ्रमण राजनीतिक गलियारे में खूब चर्चा का विषय बना जाता जब हम किसी घायल पशु का इलाज कर / करवा रहने वाली हैं। अपर्णा के पिता अरविंद सिंह बिष्ट बड़े पत्रकार
रहा। राजनीतिक पंडित तरह तरह के अटकल बाजी में लग देते हैं, अपितु हमें अपने आस-पास के निराश्रित पशुओं की रहे हैं। उत्तर प्रदेश में सूचना आयुक्त भी रह चुके हैं । वहीं,
गए और देखते ही देखते अखबारों की सुर्खियां बन गई। यथासंभव देख-रेख करनी चाहिए। सुबह शाम उन्हे खाना- उनकी मां अंबी बिष्ट जी उत्तर प्रदेश सरकार में अधिकारी हैं।
उस समय कान्हाऔ उपवन की मुलाकात में सीएम योगी पानी देना चाहिए। सबसे जरूरी बात है कि बीमार होने पर अपर्णा जी की सिंगिगं उनके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव
आदित्यनाथ की अपर्णा यादव और उनके पति प्रतीक यादव इलाज करवाना चाहिए। उन्हे समाज मे उनका स्थान मिलना लाया। जानकारी के अनुसार प्रतीक की मां साधना जी के बर्थडे
के साथ करीब 30 मिनट तक बात भी हुई। यह कहा जाने चाहिए।" उस समय अपर्णा जी ने लोगों से निवेदन करते के दिन पहली बार साल 2003 में अपर्णा को प्रतीक ने देखा
लगा कि यह वार्ल ता ाप कहीं न कहीं वैचारिक समानता का हुए कहा कि हमें पालीथीन का प्रयोग नही करना चाहिए इससे था और उनके मां के कहने पर अपर्णा ने बर्थडे के मौके पर
भान करा रहा था और ऐसा माना जा रहा था कि अब इंसानो समेत पशुओं को भी जानलेवा खतरा रहता है। जब गीत गाया।इस घटना के बाद अपाड़ा और प्रतीक की दोस्ती
अपर्णा यादव बीजेपी में जल्द शामिल हो जाएंगी। हालांकि मैं पशु प्रेम की बात चलती है तो उनके पति प्रतीक यादव भी आरंभ हो गई जो धीरे-धीरे प्यार के रंग में रंग कर जीवन साथी
इसमें थोड़ा समय लगा लेकिन अंततः वह बीजेपी के कुनबे उनके पशु प्रेम अभियान के साझीदार बन जाते हैं क्योंकि वह के रूप में बदल गया।
में शामिल हो गई। उनका जिस कदर स्वागत किया गया भी अत्यंत पशु प्रेमी है और युवाओं की संस्था जीव आश्रय करीबी बताते हैं कि बर्थडे पर गीत गाने के बाद ही दोनों की
वह जगजाहिर है और अब स्टार प्रचारक जैसे बड़ी बड़ी का सहयोग करते रहते हैं। कहां जाता है कि अपर्णा जी के दोस्ती हुई। प्रतीक ने इसके बाद मेल पर अपर्णा को ढेर सारे
जिम्मेदारियां दी गईं है। यह बता दें कि बीजेपी ज्वाइन करने पति प्रतीक यादव ज़मीनी तौर पर जुड़ कर पशु प्रेम तथा मैसजे भेजे थे। करीब पंद्रह दिन बाद अपर्णा ने प्रतीक के
से पहले वह समय-समय पर अपर्णा यादव पीएम नरेंद्र मोदी सामाजिक उत्थान के लिए हमेशा आगे रहते हैं। प्रतीक यादव मैसज े पढे। उस वक्त अपर्णा दसवीं की पढ़ाई कर रही थी।
और सीएम योगी आदित्यनाथ की खुल कर तारीफ करती भी हमेशा से ही पशु प्रेम के लिए जाने जाते हैं। आठ साल तक दोनों का प्यार बढ़ता रहा और फिर साल
रहीं। इस अभियान के तहत ट्रस्ट को राम मंदिर निर्माण के 2011 में परिवार की मंजरू ी के बाद दोनों ने शादी कर ली।
लिए अपर्णा यादव ने 11 लाख रुपये का दान दिया था। अपर्णा जी का संक्षिप्त परिचय दोनों जने की उच्च शिक्षा का पठन-पाठन ब्रिटेन में हुआ है।
बताया जाता है कि सीएम योगी को भाई मानती हैं अपर्णा और प्रतीक जी के प्रेम की कहानी भी काफी रोचक अपर्णा के पति प्रतीक शुद्ध रूप से व्यवसायी हैं। विशेष तौर पर
और वह सीएम योगी को अपना बड़ा भाई मानती हैं। दोनों है। पिछले विधानसभा के चुनाव में मुलायम सिंह की छोटी रियल एस्टेट का बिजनेस करते हैं। खुद बॉडी बिल्डर हैं और
उत्ताराखंड के रहने वाले हैं। यूपी के मुख्ययमंत्री बनने से बहू अपर्णा यादव लखनऊ कैंट से समाजवादी पार्टी की लखनऊ के सबसे बड़े जिम के मालिक भी।अपर्णा शुद्ध रूप
पहले भी योगी आदित्यननाथ की तारीफ अपर्णा यादव करती उम्मीदवार रही हैं जिसका इसका मुख्य कारण यह रहा है कि से पारिवारिक, अध्यात्मिक और सामाजिक महिला हैं। परिवार
रही हैं। 2017 से पहले वह गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में लखनऊ कैंट इलाके में ही अपर्णा का जन्म हुआ और इसी का ख्याल रखने के साथ ही रोज सुबह-शाम को एक घंटा पूजा
दर्शन के लिए गईं थीं। इस दौरान उनकी योगी आदित्यरनाथ इलाके से वो विधायक बनकर राजनीतिक पारी शुरू आरंभ करना अपर्णा नहीं भूलती। अपर्णा यादव को घूमने का शौक है
से भी मुलाकात हुई थी। योगी आदित्य नाथ के सीएम बनने किया जो उस समय सफलता के द्वार पर नहीं पहुच ं पाया। वह कई यूरोपियन देश में घूम चुकी हैं। अपर्णा जी एक गायक
के बाद अर्पणा यादव और प्रतीक यादव ने वीवीआईपी लेकिन योगी और मोदी प्रभाव ने बीजेपी में जोड़कर राजनीति कथा रंगमंच-कर्मी भी है और वह कई लोकगीत भी कंपोज
गेस्टआ में उनसे मिलकर बधाई दी थी। की एक नई दुनिया दे दी। है। 2014 में जब उन्होंने पीएम किया।कई नृत्य कार्यक्रम भी उन्होंने प्रस्तुत किए हैं। संगीतकार
जी समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की प्रशंसा की थी तब साजिद-वाजिद के निर्देशन में उनका एक म्यूज़िकल एल्बम
को कान्हा उपवन परिसर भ्रमण करवाया और गौशाला की वे लाइमलाइट में आयी थीं। 2022 उत्तर प्रदेश विधान सभा आ चुका है जिसे सैफ़ई महोत्सव में मुलायम सिंह ख़ुद ज़ारी
परिस्थितियों, गौशाला की कार्यकलापों, संस्था की उपयोगिता चुनाव से ठीक पहले, अपर्णा यादव ने 19 जनवरी 2022 कर चुके हैं।
Development Minister Suresh Khanna and 19. The couple had called Adityanath when he Incidentally, both the chief minister and
the Minister of State (independent charge) was staying at a VVIP guest house here. The Aparna belong to Uttarakhand and there
for women and family welfare. Swati Singh. meeting lasted for about 20 minutes and it is were posts on social media claiming that
During his visit to Kanha Upvan, Adityanath learned that the couple had invited the chief they were relatives. Aparna said that she
was accompanied by deputy Chief Minister minister to visit Kanha Upvan. was happy that the chief minister accepted
Dinesh Sharma, who is credited with Most reputed news organization -PTI her invitation and would remain indebted
conceptualizing the project as Lucknow’s reported that Prateek is not actively involved to him for the gesture. Aparna had sprung
mayor.During his stay, Adityanath performed in politics, Aparna had contested the recent a surprise earlier too when she was present
puja in an in-house temple and offered fodder assembly elections losing the Lucknow at an event in Lucknow addressed by
to cows. He also directed municipality officials Cantonment seat to Rita Bahuguna Joshi Prime Minister Narendra Modi. Last
to arrange for the education of the children of of the Bharatiya Janata Party. Asked about year she had clicked a selfie with Modi
the labourers working at the shelter home. Adityanath’s visit, Aparna said, “He is at a family function that he attended.The
“The chief minister was happy to see the everyone’s CM and weinvited him. Yogi Lucknow Municipal Corporation provides
shelter home and has ensured all the help for Adityanath too runs cow shelters in his financial aid to the shelter, established in
its expansion,” said Yatindra Trivedi, general Gorakhpur, so we requested him to visit ours 2010, which is run by Jeev Ashraya, an
secretary, of the NGO. and give us some tips on how to improve it,” NGO. Aparna and Prateek are patrons of
Then, The Indian Express reported that she said. the NGO.
A saffron saree clad Aparna and husband
Prateek Yadav welcomed Adityanath, who
fed jaggery and fodder to the cows. The Chief
Minister stressed more hygiene in the areas
where cows were kept and gave a direction to
ensure the availability of green fodder to them,
an official release said.He suggested that sheds
be extended in the shelter and underlined the
need for better utilization of by-products of
cows. Taking stock of the ongoing works for
extending sheds for 700 additional cows and
bulls under the Kanha Ashray Pashu Kalyan
Scheme(KAPKS), Adityanath said they
should be made ready at the earliest.
Adityanath is himself involved in the 'Gau
Sewa (serving the cows) at his ashram in
Gorakhpur. His visit evoked much speculation
in the political circles as this is the second
time he was meeting Aparna and Prateek after
taking over as the UP chief minister on March
पशु मित्र : वर्ष -2 अंक 1 मार्च- अप्रैल 2022 | 08
AN INTRODUCTION OF JEEVASHRY
A LEADING ANIMAL
WELFARE ORGANISATION
}Pashu Mitra News Desk
Most of the cases of animal abuse involve Being provided with a resourceful mind, it’s with the shelter, Jeev Aashraya came forward
individuals who claim to be the owner of our sole duty to furnish them with the basic with unparalleled and innovative ideas
these animals. Unfortunately, many of them amenities like food, shelter, medication, etc. for the cause. It was due to the plausible
still believe in the primitive ideology that Apart from the basic amenities, animals also efforts of Mr. Anoop Singh (President), Mr.
there is nothing wrong with abusing animals. look for love and compassion. They crave for Yatendra Trivedi (Secretary) and Harshita
Not many are fully aware of Animal Rights, warmth and empathy from human beings. Deo (Manager) that the organization has
so it is our moral duty to comprehend people They need an organization which will not been able to offer their services to the ones
about the same. Jeev Aashraya intends to only provide them a roof to live, but also that have been heard the least. Jeev Aashraya
encourage a maximum number of people to with the necessary care and companionship. is a non-profit organization that is dedicated
come forward for this benevolent and divine Kanha Upvan is an animal shelter which towards the well-being of the animals,
mission of animal welfare. Jeev Aashraya gives a roof to thousands of animals. Being especially stray animals. Our vision and
wholeheartedly works with the motive of taken care after by the Lucknow Municipal commitment is to free animals from any kind
converging with compassion. Corporation, It required a dedicated of injustice and brutality.
After witnessing the degrading conditions and efficient organization for its smooth Jeev Aashraya ensures that the animals
of stray animals, which are forced to live in functioning. Just then, LMC along with inhabited in the shelter are bestowed with
unhygienic conditions without sufficient the SPCA signed a Memorandum of an eco-friendly environment with an open
food, it became an earnest need to form an Understanding with Jeev Aashraya Gaushala, green landscape so that they feel connected
animal welfare organization dedicated to giving it the rights and responsibilities to to nature and animal lovers. With more than
animal welfare. Jeev Aashrayaare blessed administer the animal shelter in a seamless 1450 animals at our shelter home (Kanha
with a rational mind that is capable enough manner. Upvan), Jeev Aashraya believes in conserving
to differentiate between right and wrong. As the toll of animal abuse and ill- them with compassion. Jeev Aashraya
Jeev Aashraya are also endowed with a gift treatment was rising, it was becoming has set up a clear goal of benefitting our
that no other species is blessed with, the mandatory to set up an animal welfare faunal heritage and serving them with utter
gift of Speech. Jeev Aashrayais granted the organization in India which will soulfully dedication. The organization envisions and
power of words to express our sufferings and and heartily work with a sole purpose of strives to connect all the animal lovers and
feeling. But unfortunately, our fellow mute succoring animals that are in deep distress create a world where no animal is rendered
companions have been deprived of these and danger. Jeev Aashraya took birth on 16th homeless or dies a painful and indifferent
favours. They silently devour all the wrongs December, 2012, with a prime incentive to death. The organization still has a long way
and injustices caused to them. benefice the creatures whose sufferings have to go but it has certainly not given upon its
Being the member of the superior race, it’s been ignored since long. Despite the fact that faith that one day it will surely achieve what
our moral responsibility to speak for them. LMC along with the SPCA was associated they aim to do.
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Jeev Aashraya is an organization formed also put-up dogs for adoption in Lucknow, in schools, colleges, and fests. Our prime
for animal welfare in India. Our sole for the people who can take care of them. motive is to establish a strong base in the
purpose is animal rescue in Lucknow Jeev Aashraya strives to create a world field of animal welfare.
India, and to provide animal shelter and where animals can lead peaceful life and More and more animals are dying a
free veterinary service for the sake of receive the love they deserve. Jeev Aashraya tragic death in a road accident. Some are
wellbeing of animals. Jeev Aashraya feels respects Mother Nature and believe in faith. unfortunate enough to die on the spot
animals give us unconditional love and Jeev Aashraya aims to fulfill this dream whereas some die due to lack of immediate
as a human it is our duty to reciprocate it. one day. Currently, our organization is medical aid. Jeev Aashraya seeks to provide
Our entire organization is dedicated to running free animal rescue helpline services immediate veterinary services to the animals.
animal protection and releasing animals throughout the city. Jeev Aashraya also Jeev Aashraya is the only organization doing
from injustice and pain. Jeev Aashraya have organizes various programs for awareness animal rescue in Lucknow, U.P, India.
BRIEF INTRODUCTION
MISSION OF THE ORGANISATION OF APARNA YADAV
Jeev Aashraya strives to initiate a veganism non-vegetarianism, in which the harmless
drive and completely abolish animal innocent animals are chopped up into pieces From a Classical Singer to
slaughter. Jeev Aashraya is an animal welfare just for pleasing the taste buds of few. It’s our
organization in India with the largest animal moral duty to survive on this planet without Animal Lover to Aspiring
shelter that works with the main mission is sacrificing the existence of other fellow species
to provide safety, comfort, and happiness to and without deranging the natural balance Politician, A Look at Aparna
every creature. It focuses on stray animals of the ecosystem. Our organization supports
by providing them with the basic amnesties and promotes the idea of ‘live and let live’.Jeev Yadav’s Journey
of life food, shelter, and medication. It also Aashraya sternly criticizes the malpractices
promotes the idea of adoption and appeals of hunting and poaching of animals, adopted
to everyone to opt for adopting a pet rather by some people just for the sake of fun or the
than purchasing one from animal marketers. monetary benefits. These animals were not
Organization seeks to provide an unparalleled granted to us as a commodity for commercial
platform to animal lovers so that they can purposes like trade. Our organization aims at
come up and be the voices of these mute souls. inducing the sense of empathy among people,
We wholeheartedly work with the motive of so as to reduce such practices or cease them
conserving with compassion. completely and provide animal shelter.
In today’s world of urbanization and Jeev Aashraya is optimistically looking
industrial development, the one who is forward to a society where all the people realize
suffering the most is a mute companions of the significance of all the life forms present on
ours. They are hardly noticed by the superior the Earth and establish close relationships
race termed as humans. The agonizing and with them. Jeev Aashraya aims to develop our
deteriorating conditions of these innocent organization as a platform for animal lovers,
souls can’t be overlooked by us anymore. which will serve as a meeting point for all the
It’s so true that our Flora and Fauna have devoted animal lovers to come and deliver their
been treated with a great deal of disregard philanthropic services for animal welfare and
by people,who have been blessed with these work towards building a nation with a wider
assets so as to cherish them, not to bypass concern about the well-being of companion }Pashu Mitra News Desk
them.Jeev Aashraya, an animal welfare animals.A homeless animal that keeps on
organization in India, has a clear vision of
infusing animal ethics in the hearts of people.
It is an animal welfare organization primarily
wandering on the streets many times gets him
injured or hurt. As soon as the organization
receives any call, the organization approaches
A ccording to media resources,
Aparna Yadav, who is married to
Mulayam's son Prateek, comes from a
focused on working for the betterment of the the location with an ambulance to provide Thakur-Bisht background, just like Uttar
stray and homeless life forms and provides immediate treatment to the victimized animal. Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath.
animal shelter. Our organization strictly Initially, Jeev Aashraya provides first aid to the Apart from being an aspiring politician,
disapproves the inhuman act of animal abuse, animal inside our ambulance and then takes Aparna is also a trained and qualified
hurting animals in any way, production of them to the hospital for better care, if needed. classical singer. She has completed her
leather from animal hides, slaughtering, Jeev Aashrayahas a helpline number for animal schooling at City Montessori School in
hunting, poaching, etc. lovers to call us immediately whenever they Lucknow and holds a master’s degree
It also discourages the practice of find any animal in need. in International Relations and Politics
from Manchester University, UK. An
animal lover herself, Aparna runs an
BRIEF FUNCTIONS OF THE NGO, ‘B Aware’, which works for animal
welfare. She has also been working on
issues related to women's safety and
ORGANISATION crimes against women. Though her
husband, Prateek Yadav, had no plans
of taking the plunge in politics, Aparna
} Provide prompt assistance in handling } Make people aware of animal exploitation made her intent clear in 2017 when she
animal-related emergencies. by multiple brands. contested the UP-assembly elections
} Reduce animal deaths caused by ill- } Educate people about their responsibility from Lucknow Cantt on a Samajwadi
treatment and road accidents towards the environment to make them Party ticket.
} Develop and establish animal shelters for aware of the various legal provisions It is also observed that Aparna had
stray animals. protecting the country's flora and fauna. earlier on several occasions openly heaped
} Sensitize people about pet adoptions and } Encourage citizens to abide by the praises on Prime Minister Narendra Modi
discourage them from purchasing a life. fundamental duty "to protect and and chief minister Yogi Adityanath. She
} Spread awareness through various schools improve the natural environment, the was also provided the Y category security
and colleges and educate the younger forests, and cover by the Yogi Adityanath government.
generation about animal welfare and the wildlife", laid down in Part IV-A of the Amidst the speculations of differences
importance of ecological balance. Constitution. between Aparna’s husband and his elder
brother, Akhilesh Yadav, Aparna had
}फरीदाबाद (हरियाणा) पशु मित्र न्यूज डेस्क पीड़ा से तड़प रही डॉगी के जीवन बचाने के लिए कुछ ऐसी स्थिति में कई बार बच्चेदानी में बच्चों के सही
दवाई दिया। लेकिन इससे समस्या का थोड़ा भी समाधान आकार या उल्टी दशा में पाए जाने में होती है । उन्होंने
'JAWTRI' INAUGURATED
Lucknow (UP): 13thOct.2015 center for training, education, and research service."
on animal welfare named JAWTRI( Jeev He also stated that "as we have always
Jeev Aashraya Media Aashraya Animal Welfare Training and done our bit in the best way possible and to
Research Institute). the best of our abilities, and as we continue
J eev Aashraya, Animal Welfare
Organization(AWO) is functioning
in Lucknow, the capital of Uttar Pradesh
On the auspicious occasion for the
establishment of JAWTRI, the general
secretary of the organization, Yatindera
to spread awareness on animal welfare, all
our efforts have been acknowledged and
yes the consequent bang on news is the Jeev
with the joint effort ofyoung animal lovers Trivedi stated - "With the blessings of Aashraya has now become a leading animal
and activists in the service of straight and the almighty & dedication of our hard- welfare organization in India and also
homeless animals. The organization is working team coupled with love from Asia's 1st organization in the area of animal
educatingthe fieldwork workers to create our supporters, Jeev Aashraya has a very welfare training and research - JAWTRI is
awareness and sensitizethem for the saving pleasant surprise to share with all of you inaugurated today, 13th Oct 2015 at our
of the liveanimals, seeking support for their about its animal welfare training center to shelter Kanha Upvan by the well-known
survival. Jeev Aashraya has established a educate and train animal lovers for better personality of Indian Army and in the field
पशु मित्र : वर्ष -2 अंक 1 मार्च- अप्रैल 2022 | 15
उत्तर प्रदेश गौसेवा आयोग के अध्यक्ष मानव डाक्टर (सपाइन सर्जन) डा.
प्रोफेसर श्याम नंदन सिंह से वार्ता रहमत अली का प्रबल मनोबल
गौरखपुर के पशु प्रेमी डॉ. रहमत अली का कहना है कि इंसान सोसाइटी में रहता है
वह अपना सुख-दुख दुसरों से शेयर करता है। लेकिन पशु अपना सुख दुख किससे
शेयर करें। हमें पशु की इस पीड़ा को समझना चाहिए। उसके बारे में सोचने वाला
कोई नहीं, दुर्घटना होने पर पशु कई दिनों
तक उसी हाल में पड़े रहते हैं। उसे देखने
वाला कोई नहीं होता, ऐसी स्थिति में पशुओं
के लिए पूर्वांचल में बड़े लेवल पर एक
एनिमल हॉस्पिटल की नितांत कमी है। जहां
बड़ी से बड़ी सर्जरी की व्यवस्था हो, सभी
इक्यूपमेंट हो, कंसल्टेंशन से लेकर सभी
तरह जांच की सुविधाएं उपलब्ध हो। शहर
पशु मित्र पत्रिका के संपादक डॉक्टर आर बी चौधरी हाल में अपने लखनऊ यात्रा के में कुछ लोग पशु क्लीनिक तो चला रहे हैं
दौरान उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर श्याम नंदन सिंह से मिले। वैसे तो लेकिन वह कुत्ते और बिल्लियों के साधारण
यह एक शुभचे ्छा मुलाकात रही है। जहां पर संपादक ने प्रोफ़ेसर सिंह को पशु मित्र पत्रिका इलाज और ओपीडी तक ही सीमित है।
की जनवरी अंक भेंट किया। प्रोफेसर सिंह प्रसन्नता जाहिर करते हुए पत्रिका प्रकाशन कभी-कभी पशुओं में बड़ी बीमारियां होने
की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी और गौ सेवा पर विशेष कवरेज के लिए स्वागत पर एक्सरे, अल्ट्रासाउंड के साथ ही साथ
किया।अपने वार्ता के दौरान प्रोफ़ेसर सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयास, सफलताओं बड़े इन्वेस्टीगेशन की भी आवश्यकता
और उपलब्धियों को गिनाते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कई योजनाओं को आरंभ होती है। जिसके लिए लोगों को बड़े शहरों
किया जिसमें सबसे आकर्षक योजना रही है 4 गोवंश को पालकर किसान प्रति गाय 9₹ 00 की ओर रुख करना पड़ता है। एक ऐसा अत्याधुनिक सेन्टर हो जहां एंबुलेंस और ओटी
या दूसरे शब्दों में 3₹ ,600 प्रति माह की दर से सहायता प्राप्त कर रहा है। इस कार्यक्रम हर तरह के उपकरणों से लैस हो, ब्लड, यूरिन, स्टूल, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड समेत
से छुट्टा गोवंश के नियंत्रण में काफी सहायता मिली। उन्होंने गोबर गोमूत्र के विशेष प्रयोग सभी जांचे उपलब्ध हों। इसके लिए पशु चिकित्सक, मानव चिकित्सक एवं स्वयंसेवी
से किसानों को लाभ उठाने की योजना से अवगत कराया और कहा कि गोबर खरीदारी सामाजिक संस्थाएं इस दिशा में सार्थक प्रयास कर सकती हैं। मै एक हड्डी रोग विशेषज्ञ
की योजना वाराणसी जैसे शहर में आरंभ किया जा चुका है। ऐसे महत्वाकांक्षी योजना से एवं सपाइन सर्जन हूं। मुझे पशुओं के हड्डी एवं स्पाइन के किसी भी आपरेशन करने के
किसानों को गाय पालने की प्रेरणा मिलेगी और रोजाना की आमदनी भी बढग़े ी। उन्होंने नगर लिए किसी भी प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं है। मैंने पशुओं का कई सफल आपरेशन
निगमों द्वारा जगह -जगह पर कान्हा उपवन खोले जाने की व्यवस्था के बारे में भी बताया। भी किया है। एक बार शहर के कुछ पशु प्रेमियों के अनुरोध पर मेरे द्वारा एक घोड़े की
प्रोफ़ेसर श्याम नंदन सिंह ने पशु मित्र पत्रिका को विशेष कवरेज के लिए आमंत्रित किया है। जटिल सर्जरी की गई थी। मुझे उस दिन काफी आत्मसंतुष्टि मिली।
लखनऊ की मेयर, नगर आयुक्त एवं पूर्व जीएम पीसीडीएफ को पशुमित्र की प्रति की गयी भेंट
लखनऊ शहर की अत्यंत लोकप्रिय एवं विनम्र मेयर इससे कान्हा उपवन गौशाला उपलब्धियों और सफलताओं प्रतिनिधि भेंट किया। श्री शर्मा वर्तमान में उत्तर प्रदेश तथा
श्रीमती संयुक्ता भाटिया से पशुमित्र संपादक की शुभेक्षा को भी लोगों के बीच में ले जाना है। इस प्रस्ताव को जब सीमावर्ती प्रदेश मध्यप्रदेश, बिहार एवं उत्तराखंड में बतौर
भेंट हुई। संपादक ने पशु मित्र पत्रिका की एक प्रति भेंट की लखनऊ नगर निगम के मेयर तथा नगर आयुक्त के सामने बीएम इंडस्ट्रीज के जीएम के रूप में रुक्मिणी पशु आहार
और अवगत कराया कि नवंबर-दिसंबर ,2021 लखनऊ रखा गया तो उन्होंने कान्हा उपवन गौशाला के विशेष एवं अमिनो पोल्ट्री फीड के बड़े सप्लायर हैं। श्री शर्मा एक
नगर निगम को समर्पित किया गया था जिसमें गार्बेज कंट्रोल कवरेज के लिए स्वागत किया। पशु मित्र पत्रिका की दो पशु पोषण वैज्ञानिक तथा मार्केटिगं के विशेषज्ञ के रूप में
बनाम रेबीज कंट्रोल के मामले को लोगों के बीच में ले जाने प्रतियां नगर आयुक्त श्री अजय द्विवेदी, आईएएस को भेंट गोपालकों के लिए पौष्टिक एवं सस्ता चारा बनाने के लिए
का कोशिश किया गया। संपादक ने बताया कि लखनऊ किया गया। दोनों लोगों ने पत्रिका के प्रयास की सराहना की। नए-नए फार्मूले बनाकर उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़
नगर निगम के द्वारा संचालित का कान्हा उपवन गौशाला पूरे इसी दौरान पशु मित्र पत्रिका के संपादक की मुलाकात पशु रहे हैं ताकि पोल्ट्री और गोपशुओं के भरण पोषण की आसान
देश में जाना जाता है। लेकिन इस बीच स्वच्छता मिशन के पोषण वैज्ञानिक एवं पीसीडीएफ के पूर्व जनरल मैनज े र, श्री तकनीक का फायदा उठाएं। श्री शर्मा ने पशु मित्र पत्रिका को
तहत लखनऊ नगर निगम को विशेष सम्मान प्राप्त हुआ है एस. एन. शर्मा से हुई और उन्हें भी पशु मित्र पत्रिका की एक पशु पालकों की एक अत्यंत उपयोगी प्रकाशन बताया है।
हेरिटेज फाउंडश
े न के साथ बैठक लखनऊ नगर निगम मे संयकु ्त निदेशक
डॉ. अरविंद कुमार राव से मुलाकात
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ शहर के लोकप्रिय नगर
निगम मे संयक्त ु निदेशक-पशु कल्याण के पद पर कार्यरत
डॉ. अरविंद कुमार राव की पशु मित्र संपादक के साथ हुई
एक भेंटवार्ता के दौरान डॉ राव ने बताया कि शुरू शुरू में
लखनऊ नगर निगम के अमौसी स्थित कान्हा उपवन गौशाला
गोरखपुर में वन्य जीव संरक्षण एवं पशु कल्याण के दिशा मे की व्यवस्था को पटरी पर लाना इतना आसान काम नहीं
अनूठी पहल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक बैठक आहुत था। लेकिन वर्ष 2012 में जब लखनऊ नगर निगम के
की गई, जिसमें हेरिटेज फाउंडश े न की संरक्षक डॉॅ. अनीता कान्हा उपवन गौशाला का कार्यभार उन्हें सौंपा गया तो अनेक
अग्रवाल, राजीव दत्त पांड,े मनीष चौबे शामिल हुए। बैठक चुनौतियां सामने खड़ी थी लेकिन सभी चुनौतियों का सामना
में संपादक पशु मित्र के द्वारा भारतीय जीव-जंतु कल्याण बोर्ड करने के लिए उचित प्रबंधन व्यवस्था, संसाधन और दृढ़
भारत सरकार द्वारा पशु कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं को इच्छाशक्ति के जरिए हम सभी बाधाओं को दूर कर सफलता संस्था के रूप में एक बहुत बड़ा नाम दिया। डॉ राव ने यह भी
दिए जाने वाले वित्तीय सहायता पर विचार विमर्श किया गया। की मंजिल की ओर चलते रहे। उन्होंने कहा कि इसी बीच बताया कि कान्हा उपवन कार्य पद्धति तथा सफलताओं को
जीव आश्रय नामक एक पशु कल्याण संस्था का आगमन देखने के लिए भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के तत्कालीन
अद्भुत पशु प्रेम हुआ जिस के प्रेरणा स्रोत श्रीमती अपर्णा यादव और श्री प्रतीक
यादव जैसे युवा पशु प्रेमियों ने जीव आश्रय संस्था के माध्यम
चेयरमैन मेजर जनरल डॉ आरं एम खर्ब से लेकर पूर्व चेयरमैन
लेफ्टिनेंट जनरल एके चटर्जी तथा बाद के चेयरमैन, डॉ एस
इस परिवार में से कान्हा उपवन की व्यवस्था प्रणाली को नया आयाम दिया। पी गुप्ता, आईएएस जैसी पर्सनालिटी भी जीव आश्रय और
पशुओं के प्रति इस प्रकार कान्हा उपवन में हर दिन नए-नए कार्यक्रम की कान्हा उपवन के कार्यों को देखकर प्रशंसा किए बगैर नहीं रह
अटूट प्रेम देखने को शुरुआत की जाने लगी। जिसमें श्री अमित सहगल और श्री सके। डॉ राव ने बताया कि इस कार्य में श्रीमती अपर्णा यादव
मिलता है। परिवार यतींद्र त्रिवेदी जैसे बेहतर प्रबंधन सहयोगियों का आगमन सोने और उनके पति श्री प्रतीक यादव का व्यक्तिगत योगदान कभी
का सदस्य स्कूबी में सुहागे जैसी बात हो गई।और, कान्हा उपवन फिर कभी पीछे भुला नहीं जा सकता है। दोनों ही व्यक्ति ऐसे अनन्य पशु प्रेमी
कैंसर से पीड़ित मुड़कर के नहीं देखा। हम इस संस्था को अग्रणी एवं आदर्श है जो सिर्फ व्यावहारिक कार्यों में विश्वास रखते हैं। लखनऊ
है। परिवार की बहू पशु कल्याण इकाई के रूप में देखने लगे। कान्हा उपवन की शहर की आपातकालीन रेस्क्यू वर्क और क्रिटिकल केस पर
श्रीमती चारू चौधरी सफलता में जीव आश्रय पशु कल्याण संस्था के अथक प्रयास उनकी हमेशा नजर बनी रहती थी। उसे ठीक होने के लिए एड़ी
स्वयं स्कूबी की और निष्ठावान पदाधिकारियों के माध्यम से एक ऐसे प्रबंधन से चोटी का व्यवस्था करने के लिए तैयार हो जाया करते थे।
सेवा-सुश्रुषा एवं प्रणाली का विकास करने का अनोखा अवसर प्राप्त हुआ जो उन्होंने बताया कि आज भी उनका पशु प्रेम उसी ही लगन और
देखभाल कर रही हैं। कान्हा उपवन तथा जीव आश्रय को एक आदर्श पशु कल्याण निष्ठा से निरंतर जारी है।
अमर शहीद पंडित रामप्रसाद बिस्मिल स्मारक को भी की दृष्टि से काम किया जा रहा है। टूरिज्म एवं इको टूरिज्म पशु प्रेमी है। ऐसा नहीं है कि वह पालतू पशुओं के
हेरिटेज टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित हुए। गोरखपुर के के जरिए रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर उपबल्ध प्रति उनका झुकाव अत्यंत अधिक है बल्कि वन्य
निकट ही सन्तकबीरनगर का बखिरा ताल, महराजगंज का कराए जाएंगे। जीव जंतुओं के प्रति अगाध प्रेम रखने वाले मुख्यमंत्री
सोहगीबरवा नई संभावनों के द्वार खोलता है। खूंखार जानवरों से भी दोस्ती बनाने में माहिर है।
कोरोना के संकम्रण से संघर्ष अटल बिहारी वाजपेई सरकार में भारतीय जीव जंतु
अयोध्या में भव्य राममंदिर - वाराणसी इको-टूरिज्म को प्रमुखता कल्याण बोर्ड के सदस्य रहे योगी जी राष्ट्रीय पशु
कल्याण नीति निर्धारण और चर्चा में हमेशा अग्रणीय
में काशी विश्वनाथ धाम यह दौर कोरोना के संकम्रण से संघर्ष का भी था। इस भूमिका निभाई है। वर्ष 2000 में गठित राष्ट्रीय गोवंश
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुरूआत स्पिरिचुअल टूरिज्म फिल्म की प्रेरणा थी कि उन्होंने सूबे को तीन इको पर्यटन आयोग के अध्ययन और रिपोर्ट प्रस्तुतीकरण में योगी
से की। अयोध्या धाम में भव्य दिव्य श्रीराम मंदिर निर्माण सर्किट गोरखपुर-सोहगीबरवा सर्किट, आगरा-चंबल आदित्यनाथ भी शामिल रहे हैं। इस रिपोर्ट की हजारों
किया जा रहा है वहीं काशी विश्वनाथ में भव्य कारिडोर सर्किट और वाराणसी-चंद्रकांता सर्किट दिए। इनका ड्राई पृष्ठ की रिपोर्ट केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय वेबसाइट
का निर्माण किया गया है। मथुरा वृंदावन में 300 से अधिक रन भी किया जा चुका है। उम्मीद है कि जल्द इन सर्किट पर पढ़ा जा सकता है जिसमें गोवंश संरक्षण संवर्धन
पर्यटन स्थलों का विकास, चित्रकूट धाम में लक्ष्मण को लोकप्रिय बनाने के साथ इन्हें सुसंगत बनाने के लिए से संबंधित बहुत सारी महत्वपूर्ण सूचनाएं सम्मिलित
झूला, मंदाकिनी आरती, घाटों का सुंदरीकरण, श्रृंगवेरपुर नई योजनाएं भी अमल में लाई जाएंगी। गोरखपुर महोत्सव है। वर्ष 2018 में भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के
में निषादराज गुह्य का उद्यान, बहराइच में 40 एकड़ में 2022 की थीम में इस बार इको टूरिज्म को भी प्रमुखता साथ हुई एक बैठक में उत्तर प्रदेश के शहरों के साफ
वीर सुहेलदेव पासी की स्मृति में प्रोजेक्ट, कुशीनगर में से स्थान मिला था । हालांकि, कोरोना संक्रमण के चलते सफाई, लावारिस पशुओं के प्रबंधन एवं उत्तर प्रदेश
40 करोड़ से पर्यटन सुविधाओं का विकास, संतकबीर महोत्सव फिलहाल स्थगित है। इन्ही कड़ियों में गोरखपुर में गौ संवर्धन की संभावनाओं पर विशेष बैठक का
की स्थली, देवीपाटन आदि का विकास पहली बार योगी वन प्रभाग और हेरिटेज फाउंडेशन पहली बार गोरखपुर आयोजन भी किया गया था। इसमें दो राय नहीं कि
आदित्यनाथ की अगुवाई में हुआ। लोगों को प्रयागराज के के इको टूरिज्म के साथ यहां के दर्शनीय स्थलों पर एक उत्तर प्रदेश देश के उन आदरणीय राज्यों में से एक है
भव्य कुंभ का अनुभव हुआ। कॉफी टेबल बुक भी लेकर आया है। मुख्यमंत्री योगी जहां पशु कल्याण से संबंधित योजनाओं की भरमार
आदित्यनाथ ने पिछले दिनों इसका लोकार्पण करते हुए लाई गई। राज्य सरकार के नीतियों से पर्यावरण
इको टूरिज्म पर फिल्म से इको सराहना की । संरक्षण के साथ-साथ रोजगार और आय के नए
नए साधन ढूंढने का एक सिलसिला आरंभ हो गया।
टूरिज्म सर्किट तक का सफर पशु प्रेमी मुख्यमंत्री के दिल में मुख्यमंत्री के विशेष रुचि से आरंभ की गई योजनाएं
सीएम योगी आदित्यनाथ की इको टूरिज्म की योजना के निश्चित ही मनुष्य, पर्यावरण और जीव-जंतुओं को
लिए प्रेरक के रूप में प्रख्यात वन्यजीव एवं पर्यावरण रचा बसा है पशु कल्याण एक सूत्र में जोड़ रहा है जो अन्य राज्यों के लिए एक
संरक्षणकर्ता माइक हरिगोविंद पाण्डेय के संरक्षण में हेरिटेज यह सर्वविदित है कि उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय आकर्षण का विषय बना हुआ है।
फाउंडेशन गोरखपुर भी सहभागी बना। गोरखपुर वन प्रभाग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व्यक्तिगत तौर पर एक (क्रमशः)
के तत्कालीन डीएफओ आईएफएस अविनाश कुमार के
सहयोग से गोरखपुर वन प्रभाग के लिए गोरखपुर के इको
टूरिज्म पर 8.30 मिनट का वृत्त चित्र एवं 2.40 मिनट
का वृत्तचित्र बनाया। विश्व पयर्टन दिवस 27 सितंबर
2020 को सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर से
इन दोनों फिल्मों का लोकार्पण किया। इस तिथि पर विश्व
पयर्टन दिवस की थीम टूरिज्म एवं रूरल डेवलपमेंट थी।
सीएम योगी आदित्यनाथ इस तथ्य से अवगत थे।
मुझे स्मरण है कि उन्होंने था कि टूरिज्म का मतलब सिर्फ
टूरिस्ट स्पॉट या मनोरंजन नहीं। इको टूरिज्म न केवल
हमें प्रकृति के नजदीक ले जाता है, बल्कि रोजगार की
अनंत संभावनाओं के द्वार भी खोलता है। उन्होंने विश्वास
दिलाया कि गोरखपुर समेत समूचे प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र में
पयर्टन की अनंत संभावनाओं को विकसित करने, इसके
माध्यम से लोगों को रोजगार दिलाने एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी के आत्मनिर्भर भारत के अभियान को आगे बढ़ाने
पशु मित्र : वर्ष -2 अंक 1 मार्च- अप्रैल 2022 | 24
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश): पशु मित्र न्यूज़ डेस्क स्थलों में शामिल कराने का निर्णय किया था।
• उत्तर प्रदेश में रामसर साइट वन्यजीव एवं पर्यावरण संरक्षण की प्रतिष्ठित संस्था
}गोरखपुर (उत्तर प्रदेश): डॉ अनिता अग्रवाल के सदस्यों समेत 200 से अधिक शहरवासी शामिल हुए।
माऊंट लिट्रा जी स्कूल के बच्चे ऑनलाइन पेटिगं
साक्षात्कार : भाग-2
प्रकृति के आदर के साथ गोरखपुर की प्रगति
हो रही है जो सराहनीय है: डॉ. माइक पांडे
पशु मित्र के एसोसिएट एडिटर डॉ. अमरनाथ जायसवाल की पर्यावरणविद् डॉ. माइक पाण्डेय से विशेष बातचीत पर
आधारित साक्षात्कार का यह दूसरा खंड है जो अत्यंत सारगर्भित तथा सूचनाप्रद है। डॉ. माइक अपने साक्षात्कार में
सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय भारतीय वन्य जीव जंतु प्रबंधन के नीतियों पर टिप्पणी करते हुए कई महत्वपूर्ण
सलाह दिए है। उन्होंने अपने साक्षात्कार में पर्यावरण संरक्षण, संवर्धन और पर्यटन को कहीं न कहीं प्रकृति के कायदे-
कानून का पालन करते हुए एक टिकाऊ व्यवस्था पर जोर दिया है। इस खंड में अधिक जानकारी के लिए आइए जानते
हैं पशु मित्र के एसोसिएट एडिटर डॉ.अमरनाथ जायसवाल की पर्यावरणविद् एवं उत्तर प्रदेश के ब्रांड एंबेसडर डॉ.माइक
पाण्डेय से विशेष बातचीत पर उनके विचार - संपादक
}उत्तर प्रदेश, खास करके गोरखपुर शहर के जरुरी है अवेयरनेस की। लोगों को संवेदनशील बनाने }किस प्रकार की व्यवस्था से आप इत्तेफाक रखते
संतुलित विकास के बारे में आपकी क्या राय है, की, उन्हें इंफार्म करने की सरकार पाल्युशन नहीं करती हैं- इस बारे में क्या कहना है ?
जिसमें कहीं न कहीं ईकोटूरिज्म झलकता है ? और न ही यह ऊपर से नहीं आता है बल्कि यह हमारे {जरुरी हो तो 5-6 महीने के लिए सशक्त नियम भी
{गोरखपुर शहर की प्रगति हो रही है, सराहनीय है। यहां घरों से होता है, हमसे होता है। कुछ भी हम इस्तेमाल बनाया जाए जैसे कोई भी प्लास्टिक को डिसकार्ड नहीं
ताल और उसकी इर्द-गिर्द जो सुविधाएं बना दी गई है, करते हैं सड़क पर फेंक देते हैं। जब तक हम नागरिक करेगा और न फेंकेगा। प्रश्न प्रदूषित सामान गंदगी तेजाब
इससे प्रकृति का आदर ही हो रहा है। प्रदूषण पर भी कहीं बनेंगे शहर को अपना नहीं समझेंगे, प्रदूषण दूर नहीं को कोई भी देती नालियां पानी में बहाएगा इससे पानी
काफी सख्ती हो रही है। यहां काफी संख्या में सारस पाये हो सकता। सरकार अकेले कुछ नहीं कर सकती है इसके साफ होगा। ताल में काफी मछलियां होनी चाहिए लेकिन
जाते हैं, जिनको बचाया जा रहा है। गोरखपुर जंगलों लिए एकजुट प्रयास की जरूरत है। जब एक साथ होकर नहीं है। क्योंकि पानी प्रदूषित हो गया। यह जानना जरुरी
के बीच घिरा हुआ है यह प्रकृति की देन है। यह शहर मेहनत करना पड़ेगा कि यह मेरा देश है इसे हम गंदा नहीं है यही पानी हम पीते हैं। और यह पानी बरसात से आता
ऑक्सीजन पंपिंग स्टेशन के बीच बसा हुआ है। यहां करेंगे। स्कूलों में भी शुरुआत करनी चाहिए। बच्चे सीखेंगे है। यह चक्र है - जल चक्र। यह पानी करोड़ो साल से
कोई कमी नहीं है। कमी है सिर्फ संवेदना की। उसके लिए और लोगों को जागरूक करेंगे। पृथ्वी पर आता रहा है और इसे ही हम प्रदूषित कर देते
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हैं। प्रदूषित पानी देखने में सफेद दिखता तो है लेकिन {पहले जो बीमारियां नहीं होती थी आज हो रही हैं।
तमाम विषैले तत्वों से लैस होता है। यह हमारी सेहत वैज्ञानिकों के अनुसार प्लास्टिक आज हमारी खाद्य
पर काफी बुरा असर डालता है। इससे नाना प्रकार की पदार्थों में आ गया है..एक मां के दूध में आ गया है.. और
बीमारियां भी पैदा होती है। हमारे ब्रेन मे भी...। प्लास्टिक नष्ट नहीं होता, इसके नैनों
}जल की समस्या समूची दुनिया में भाई आवाज पार्टिकल, माइक्रो से भी छोटा रुप सैकड़ों साल मे टूटता
स्थिति की ओर बढ़ रही है, इसके बारे में आप है। खाद्य पदार्थों से होकर यह हमारे शरीर में पहुंचता
क्या कहना चाहेंगे ? है। लोग आजकल प्लास्टिक की पन्नियों में गर्म चाय ले
जल ही जीवन है। हमारे देश में नदियों को माता कहा जाते हैं। प्लास्टिक पिघल सूक्ष्म रुप में हमारे शरीर में
जाता है, जिसकी पूजा करते हैं। पृथ्वी पर कोई भी ऐसा पहुंचता है जिससे बहुत सी घातक बीमारियां हमारे शरीर
देश नहीं है जो नदी को माता कहता हो, देवी मानता को प्रभावित करती हैं। हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता
हो।जब इतना उंचा विचार था हमारे पूर्वजों का तो हम कमजोर हो जाती है। प्लास्टिक के सूक्ष्म रुप को हम
कहां भूल गए.. भटक गए। हम विरासत की चीजों को आंखों से नहीं देख सकते, नैनो प्लास्टिक को वैज्ञानिकों
भूलते जा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि एक बार फिर हम ने माइक्रोस्कोप से देखा है। यह हमारे शरीर के आंतरिक
जागें और नज़र डालें अपनी विरासत पर। इसे संभालना भागो पहुंचकर प्रभावित करता है। कागज की गिलास
और बचाना हमारा कर्तव्य है। तब जाकर पृथ्वी का मे भी प्लास्टिक की हल्की कोटिंग की जा रही है। यह
संतुलन बनेगा। काफी गलत है। गिलास बनाने के लिए शुद्ध कागज का
{प्राकृतिक संसाधनों के दोहन का ही नतीजा है,बे समय
की बारिश आना और इतना की पहाड़ बह जाए। कुदरत
प्रयोग किया जाना चाहिए । पहले चाय पानी के लिए
कुल्हड़ का उपयोग किया जाता रहा है, परंतु अब वह
डॉ. अमरनाथ जायसवाल
के सामने हम टिक नहीं सकते, लेकिन पृथ्वी जीवंत है, भी आसमानी से नहीं मिल रहा है। इंसान ने कुल्हाड़ के एसोसिएट एिडटर, पशु मित्र
उसकी भी आत्मा है,पानी के अंदर भी जान है, आपको साइज को भी छोटा कर दिया है। इंसान पैसे की लालच
जीवन प्रदान करता है। हवा आपको जीवन देती है। पेड़ों और लोभ में इस तरह के कदम उठा रहा है। भी पानी आ सकता है, नहीं । असंतुलित विकास होगा
से आपको जीवन मिलता है, पानी से जीवन मिलता है। }प्राकृतिक संसाधनों के हो रहे अंधाधुंध विनाश तो विनाश भी होगा। इसलिए प्रकृति रक्षक विकास की
जो भोजन हम ग्रहण करते है उसे पृथ्वी पैदा करती है। और विकास की आधी के बीच में पर्यावरण रक्षण जरूरत है इसके लिए सभी को एक साथ एकजुट होकर
पृथ्वी की ताकत उन दानों में होती है, जो हमें उर्जा देती -संरक्षण की मुहिम को प्रभावशाली बनाया जा काम करना होगा। पर्यावरण संरक्षण एक विश्वव्यापी
है, जिससे हम चल फिर सकते हैं। इसके लिए राकेट सकता है ? अभियान है यह का प्रतिपादन सभी को मिलकर करना
साइंस की जरूरत नहीं है साधारण सोच की जरूरत है। {इंसान की सोच सीमित और घटिया होती चली जा रही होगा । इस समस्या का कोई निश्चित परिधि नहीं है।
हम लगे हुए हैं एक ऐसी रेस में.. हमे ये बनना है..हमे वो है। इसी सोच के कारण ही हम अपनी प्रजाति को एक राज्य सरकारों से लेकर के केंद्र सरकार के योजनाओं
बनना है.. आज ये गाड़ी..कल वो गाड़ी लेना है आदि। दिन पृथ्वी से विलुप्त कर देंगे। यह मेरा ख्याल नहीं है.. में युवा जी को आगे ले जाने की अत्यंत आवश्यकता
}आज समूची दुनिया में करोना महामारी को यह हकीकत है। क्योंकि जब पृथ्वी बुलाती है तो अनर्थ हो है। ईकोटूरिज्म एक नई नीति है । संरक्षण संवर्धन और
लेकर स्वास्थ्य, बीमारी और दीर्घायु एक बहुत जाता है। ये क्लाइमेट चेंज क्या है? हमारे ही गतिविधियों संतुलित विकास के साथ साथ में टिकाऊ व्यवस्था भी
बड़ी चुनौती हो गई है- क्या सचमुच इसका का परिणाम। आप पहाड़ बना लिजिए सोने का क्या आप है। इसके प्रचार-प्रसार एवं जानकारियों को लोगों के बीच
पर्यावरण से संबंध है ? उसको खाएंगे। जरा सोचिए! क्या उस पहाड़ से एक बूंद ले जाना अत्यंत आवश्यक है। (क्रमशः)
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अधिकारी भी नियुक्त किया है जहां पिछले हाल में भारतीय सरकार ने शिक्षण-प्रशिक्षण के
तकरीबन दो दशक से अपनी अभूतपूर्व सवे ाएं लिए बनाई गई कमटे ी में शामिल किया है। जीव
दे रहे हैं। उत्तराखंड में जीव जंतु कल्याण के जंतु कल्याण पर आधारित विभिन्न अध्ययन,
सवे ाओं की पृष्ठभूमि को बनाने के लिए और उसे अनुसधं ान, प्रशिक्षण और कार्यक्रम समन्वयन में
आधुनिक तौर पर विकसित कर जीव जंतु क्रूरता विशषे योगदान कर रहे हैं। डॉ जोशी के विशषे
निवारण नियमों एवं अधिनियम को क्रियान्वित रूचि और प्रयास से उत्तराखंड एक ऐसा राज्य
करने के लिए अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। बन गया है जिसके पास एनिमल बर्थ कंट्रोल
डॉक्टर जोशी के लगन और समर्पण का नतीजा प्रोग्राम की आशातीत सफलता के लिए अध्ययन
है कि उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहां पर राज्य अनुसधं ान और प्रशिक्षण की सुविधाएं उपलब्ध
जीव जंतु कल्याण बोर्ड कार्यरत है और उसकी है। डॉ. जोशी पंतनगर वटे रिनरी कॉलज े के
जनपदीय इकाइयां भी क्रियाशील है। किसी भी एलुमनी है जहां पर पठन-पाठन, शिक्षण और
राज्य में है जीव जंतु क्रूरता निवारण के लिए अनुसधं ान अमरे िकन पैटर्न- न्यू ग्डरैं सिस्टम पर
डॉ. आशुतोष जोशी बनाए गए कायद-े कानूनों को क्रियान्वित कराना विश्वविद्यालय संचालित किया जाता है। इतना
लेखक डॉ. आशुतोष जोशी उत्तराखंड सरकार अत्यंत मुश्किल है लेकिन इस कार्य को डॉक्टर ही नहीं वह उत्तराखंड सरकार में पशुपालन
के पशुपालन विभाग में संयकु ्त निदश े क के जोशी बड़ी बखूबी से विभागीय अधिकारियों विभाग के अधीन एनिमल वले फेयर मामले के
रूप में कार्यरत हैं । साथ ही साथ पशु प्रेमी से लक े र शासन के आला अधिकारियों अपनी नोडल ऑफिसर, उत्तराखंड स्टेट एनिमल बर्थ
एवं पशु कल्याण विशषे ज्ञ हैं। डॉ. जोशी के बात मनवा कर जीव जंतु कल्याण कार्यक्रमों कंट्रोल मॉनिटरिंग कमटे ी के मेंबर सेक्रेटरी तथा
उल्लेखनीय सवे ाओं को दख े ते हुए राज्य सरकार को संचालित करने में सफल रहे हैं। डॉ. जोशी उत्तराखंड स्टेट वटे रनरी सर्विस एसोसिएशन के
ने उत्तराखण्ड जीव जंतु कल्याण बोर्ड का प्रभारी की उल्लेखनीय सवे ाओं को दख े ते हुए अभी जनरल सेक्रेटरी भी है।
बर्ड वाचिंग का आनंद लेने प्राणी उद्यान पहुंचे जिला जज डीएम सीडीओ
-वेटलैंड दिवस की थीम‘वेटलैंड एक्शन फॉर पिपुल एण्ड नेचर
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश): पशु मित्र न्यूज़ डेस्क न्यायाधीश तेज प्रताप तिवारी जिलाधिकारी विजय किरन
आनंद सीडीओ इंद्रजीत सिंह अपनी उपस्थिति दर्ज कराया
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश): पशुमित्र न्यूज़ डेस्क साथ पर्यावरण पर भी असर डालता है। यही नहीं वनों रही हैं।गौवंश को क्या खाना है क्या नहीं खाना इसकी
की कटाई, रासायनिक खाद का अंधाधुंध प्रयोग ये सभी पहचान कराना जरूरी है। परिणामस्वरुप भूख लगने
} Empty Diya.
Milk
} Lobhan (Sambarani) Curd
} Havan Saamagri
Ghee
} Ghee & Wax Diya. Cowdung
} Agnihotra (Chawal, Cheeni)
}& Laung Elaichi Diya.
Gaumutra
} Kande Dhoop 16+Herbs
} Hawan Stand