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कक्षा 10 रचना के आधार पर वाक्य-रूपाांतरण (ह द

ां ी व्याकरण)
 वाक्य- शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं अर्ाथत शब्दों का ऐसा समूह, जिसे सुनकर या पढ़कर
उसका भाव पूर्थ रूप से समझा िा सके, िैस-े
‘सज्जन व्यक्क्त का र जग सम्मान ोता ै |’

 वाक्य के दो अांग ोते हैं-


 1. उद्दे श्य – वाक्य में जिसके ववषय में कुछ कहा िाता है , वह उस वाक्य का ‘उद्दे श्य’ होता है |
उद्दे श्य में प्रायः कताथ उद्दे श्य होता है | इस प्रकार इस वाक्य का उद्दे श्य है – सज्जन व्यक्क्त |
 ववधेय- वाक्य के जिस भाग में उद्दे श्य के बारे में कहा िाने वाला अंश होता है , उसे ‘ववधेय’ कहते हैं |
र जग सम्मान ोता ै | (ववधेय)

रचना के आधार पर वाक्य- भेद


रचना के आधार पर वाक्य के तीन प्रकार ोते ैं –
१. सरल वाक्य
२. ममश्र या ममश्रश्रत वाक्य
३. सांयुक्त वाक्य या यौश्रगक वाक्य

१. सरल वाक्य- जिन वाक्यों में एक उद्दे श्य व ् एक ही ववधेय होता है , सरल वाक्य कहलाते हैं | िैस-े
माधरु ी खाकर सो गई |
२. ममश्रश्रत वाक्य- वे वाक्य जिनमे एक प्रधान उपवाक्य हो तर्ा एक या एक से अधधक उपवाक्य उस पर
आधित हों, ममि वाक्य कहलाते हैं | िैस-े
गाय ी ऐसा पशु ै , जो ह द
ां ओ
ु ां के मलए आदरणीय ै |

ममश्रश्रत वाक्यों में उपवाक्यों के भेद-

१. सांज्ञा उपवाक्य- िो आधित उपवाक्य संज्ञा की तरह व्यवहार में आता हो, उसे संज्ञा उपवाक्य कहते हैं |
संज्ञा उपवाक्य की यह पहचान है इस उपवाक्य से पव
ू थ ‘कक’ होता है | िैसे-
माताजी ने क ा कक आज खीर बनाएँगी |
२. ववशेषण उपवाक्य- ववशेषर् की तरह व्यवहार में आने वाला यानी ककसी संज्ञा या सवथनाम शब्द की
ववशेषता बताने वाला वाक्यांश आधित उपवाक्य ववशेषर् उपवाक्य कहलाता है | िैस-े
उस लड़की को अांदर बुलाओ, जो बरामदे में बैठी ै |
३. कियाववशेषण उपवाक्य- जिस उपवाक्य से यह ज्ञात हो कक कोई कायथ कब, कैसे, कहााँ या ककतना हुआ,
वह उपवाक्य कियाववशेषर् उपवाक्य होगा | िैस-े
तुम ज ाँ जाते ो झगड़ा ो जाता ै |

३. सांयुक्त वाक्य- ऐसे वाक्य, जिनमे दो या अधधक उपवाक्य इस प्रकार िुड़े हों कक उन्हें अलग कर दे ने पर
भी वे अर्थवान रहें तर्ा एक उपवाक्य दस
ू रे पर आधित न होकर स्वतंत्र हो; िैस-े
मैं कल दे र से आई क्योंकक मेरी गाड़ी ख़राब ो गई थी |

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