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Prelims + Mains + Interview
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0 बैच 1
अर्थव्यवस्र्ा
लक्ष्य 2.0 बैच
Prelims + Mains + Interview
• भारत में केंद्रीय बैंक की स्थापना की ससफाररश सर्वप्रथम 1926 में द्रहल्टन यंग
कमीशन ने की थी। इसके बाद 1931 में भारतीय केंद्रीय बैंक्रकिंग जााँच सनमतत
ने भी भारतीय ररज़र्व बैंक को केंद्रीय बैंक के रूप में स्थाक्रपत करने की ससफाररश
की।
• इन दोनों सनमततयों की ससफाररशों को आधार बनाते हुए 1934 में भारतीय
ररज़र्व बैंक अनधननयम, 1934 पाररत क्रकया गया। इसके तहत 1 अप्रैल, 1935
को भारतीय ररज़र्व बैंक की स्थापना की गई।
• भारतीय ररज़र्व बैंक प्रारं भ में शेयर धारकों के बैंक के रूप में ननजी क्षेत्र के
अंतगवत था, सजसका 1949 में राष्ट्रीयकरण क्रकया गया और इसी समय बैंक्रकिंग
क्रर्ननयमन अनधननयम, 1949 बनाया गया।
• भारतीय ररज़र्व बैंक का मुख्यालय मुंबई में है । 1937 से पूर्व ररज़र्व बैंक का
केंद्रीय कायावलय कोलकाता में स्थाक्रपत था।
• भारत में नोट ननगवमन का एकानधकार भारतीय ररज़र्व बैंक को ही प्राप्त है ।
भारत में 1 रुपये के नोट क्रर्त्त मंत्रालय द्वारा जारी क्रकये जाते हैं । एक रुपये के
नोट पर क्रर्त्त ससचर् के हस्ताक्षर होते हैं ।
लक्ष्य 2.0 बैच 4
• रुपये से ऊपर के नोट एर्ं ससक्के भारतीय ररजर्व बैंक द्वारा जारी क्रकये जाते
हैं । एक रुपये से ऊपर के नोटों पर भारतीय ररज़र्व बैंक के गर्नवर के हस्ताक्षर
होते हैं ।
• र्तवमान समय में भारत में ₹1 और ₹2 के नोटों का मुद्रण बंद कर द्रदया
गया है ।
• ररज़र्व बैंक का केंद्रीय ननदे शक बोर्व इसके कारोबार का पयवर्ेक्षण करता है ।
इस बोर्व के अंतगवत 1 गर्नवर और 4 उप-गर्नवर होते हैं । भारतीय ररज़र्व बैंक
के 20 क्षेत्रीय कायावलय तथा 11 उप-कायावलय हैं , सजनमें अनधकांश राज्यों की
राजधाननयों में स्थस्थत हैं ।
• न्यूनतम कोष प्रणाली: र्तवमान में भारत में नोट ननगवमन हे तु न्यूनतम कोष
प्रणाली प्रचलन में है । इस प्रणाली के अंतगवत जारी क्रकये जानेर्ाले नोटों के
पीछे भारतीय ररज़र्व बैंक को 200 करोड़ का ररज़र्व कोष अपने पास रखना
होता है, सजसमें 115 करोड़ मूल्य का स्वणव तथा 85 करोड़ की क्रर्देशी मुद्रा
शानमल हैं । प्रचसलत न्यूनतम कोष प्रणाली को 1957 में अपनाया गया।
3. मुद्रा जारीकत्तावाः भारतीय ररज़र्व बैंक भारत में मुद्रा जारी करता है , उसका
क्रर्ननयमन करता है तथा पररचालन योग्य न रहने पर उन्हें नष्ट करता है ।
4. बैंकों के बैंक के रूप में: सभी बैंकों के सलये अंततम उधारदाता की भूनमका
ननभाता है । भारतीय ररज़र्व बैंक सभी अनुसूसचत बैंकों के बैंक खाते व्यर्स्थस्थत
करता है तथा भारत सरकार के ऋणदान कायविम को भी संचासलत करता है ।
5. भारतीय बैंक्रकिंग एर्ं क्रर्त्तीय व्यर्स्था को क्रर्ननयनमत करनााः देश की बैंक्रकिंग
और क्रर्त्तीय प्रणाली के कायावन्वयन हे तु बैंक्रकिंग पररचालन के क्रर्स्तृत मानदं र्
ननधावररत करता है । भारतीय ररज़र्व बैंक र्ाणणज्यज्यक बैंकों पर ननयंत्रण,
पररसंपसत्तयों की तरलता, शाखा क्रर्स्तार तथा बैंकों के सलये लाइसेंस जारी
करता है ।
6. सरकार के बैंकर, एजेंट एर्ं सलाहकार की भूनमका अदा करनााः भारतीय ररज़र्व
बैंक केंद्र और राज्य सरकारों के खाते प्रबंनधत करता है , उनके सलये व्यापाररक
बैंक का कायव भी करता है ।यह केंद्र एर्म राज्य सरकारों को आतथिक सलाह
भी दे ता है ।
7. क्रर्देशी मुद्रा भंर्ार का संरक्षणाः क्रर्देशी मुद्रा प्रबंधन अनधननयम, 1999 के अंतगवत
समस्त क्रर्दे शी मुद्राओं के भंर्ार का संरक्षण एर्ं प्रबंधन करता है ।
8. क्रर्कासात्मक भूनमका: भारतीय ररज़र्व बैंक तीव्र आतथिक संर्ृनि एर्ं राष्ट्रीय
उद्दे श्यों को प्राप्त करने के सलये कायव करता है । भारतीय ररज़र्व बैंक द्वारा
क्रर्णभन्न क्षेत्रों से संबंनधत कई क्रर्शेषीकृत क्रर्त्तीय संस्थानों एर्ं बैंकों की स्थापना
की गई है, जैसे- भारतीय औद्योनगक क्रर्कास बैंक, भारतीय लघु उद्योग क्रर्कास
बैंक, राष्ट्रीय कृक्रष और ग्रामीण क्रर्कास बैंक, राष्ट्रीय आर्ासीय बैंक इत्याद्रद ।
मौद्रद्रक नीतत एक व्यापक अर्धारणा है ।अथवव्यर्स्था में मुद्रा की तरलता अथावत् मुद्रा
की आपूतति एर्ं व्याज दर को प्रभाक्रर्त करने र्ाली नीततयााँ, मौद्रद्रक नीतत कहलाती
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है । मौद्रद्रक नीतत के द्वारा अथवव्यर्स्था में मुद्रा के प्रर्ाह एर्ं प्रचालन की मात्रा को
क्रर्ननयनमत क्रकया जाता है । मौद्रद्रक नीतत का संचालन केंद्रीय बैंक भारत में भारतीय
ररज़र्व बैंक करता है ।
• मौद्रद्रक नीतत का सबसे प्रमुख उद्देश्य अथवव्यर्स्था में कीमत स्थस्थरता को बनाए
रखना होता है ।
• अथवव्यर्स्था में मुद्रास्फीतत को ननयंत्रत्रत करने एर्ं मंदी की अर्स्था र् मुद्रा
अर्स्फीतत से ननकलने के सलये मौद्रद्रक नीतत सबसे महत्त्वपूणव अस्त्र है ।
• मौद्रद्रक नीतत अथवव्यर्स्था में मुद्रा के प्रर्ाह को संतुसलत करती है एर्ं ब्याज
दरों को ननयंत्रत्रत करती है ।
• मौद्रद्रक नीतत आतथिक गततक्रर्नधयों में र्ृनि कर आतथिक संर्ृनि की दर को तीव्र
करती है ।
1. मात्रात्मक उपकरण र्े उपकरण हैं , सजसका संबंध अथवव्यर्स्था मे समग्र मुद्रा
की पूतति से होता है ।इसके द्वारा भारतीय ररजर्व बैंक अथवव्यर्स्था में मुद्रा की
पूतति में र्ृनि या कमी करता है । इसके प्रयोग से अथवव्यर्स्था में समग्र मुद्रा
की पूतति मुद्रास्फीतत के दौरान घटती तथा अर्स्फीतत के दौरान बढ़ती है ।
2. बैंक दर (Bank Rate) - बैंक दर र्ह दर होती है सजस पर भारतीय ररज़र्व
बैंक आर्श्यकता पड़ने पर अन्य व्यापाररक बैंको को दीघवकालीन ऋण उपलब्ध
कराता है । इस दर के द्वारा भारतीय ररज़र्व बैंक साख की उपलब्धता तथा
साख की लागत को प्रभाक्रर्त करता है । इस प्रकार ररज़र्व बैंक बैंकों की साख
सृजन शनि को प्रभाक्रर्त कर सकता है । अथवव्यर्स्था में मुद्रास्फीतत को रोकने
के सलये बैंक दर को बढाया जाता है और अर्स्फीतत के समय इसमें कमी की
जाती है ।
3. रे पो दर (Repo Rate)-भारतीय ररज़र्व बैंक सजस दर पर र्ाणणज्यज्यक बैंकों को
अल्पकालीन ऋण दे ता है उसे रे पो दर कहते है । भारतीय ररज़र्व बैंक के द्वारा
मुद्रास्फीतत के समय रे पोदर में क्रव्रधी की जाती है एर्म अर्स्फीतत के समय
इसमें कमी की जाती है ।
4. ररर्सव रे पो दर (Reverse Repo Rate) - ररर्सव रे पो दर र्ह दर है , चलनननध
जो भारतीय ररज़र्व बैंक अपने ग्राहकों को उनसे सलये गए अल्पकासलक ऋणों
पर प्रदान करता है ।
5. नकद आरक्षक्षत अनुपात (Cash Reserve Ratio-CRR)-बैंकों को अपनी कुल
जमा (ननर्ल मांग एर्ं समय देयता- NDTL) का एक ननश्चित प्रततशत
भारतीय ररजर्व बैंक के पास रखना होता है , सजसे नकद आरक्षक्षत अनुपात
(CRR) कहते है । दूसरे शब्दों में नकद आरक्षक्षत अनुपात से अणभप्राय
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M1=नागररकों के पास नगद, बैंक्रकिंग प्रणाली में मांग जमा ,RBI के पास अन्य जमा
M2=M1 +र्ाकघरों में बचत जमा, M3= M1+बैंक्रकिंग प्रणाली में समय जमा,
M4=M3+र्ाकघर में कुल जमा