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पाठ - 13.

म सबसे छोट होउँ


1. म सबसे छोट होउ क वता म सबसे छोटे होने क क पना य क गई है?
उ र- क वता म सबसे छोटे होने क क पना इस लए क गई है क ल बे समय तक माँ के आँचल क यार भरी छाया और
साथ मलता रहे । व भ कार के खलौने मले और माँ ारा प रय क कहा नयाँ सुनने को मले ।
2. म सबसे छोट होउ क वता म ऐसी बड़ी न होऊँ म य कहा गया है? या तुम भी हमेशा छोटे बने रहना पसंद करोगे?
उ र- इस क वता म बा लका बड़ा नह होना चाहती है। बा लका बड़ी होकर अपनी माँ का यार नह खोना चाहती है। वह
ऐसी बड़ी नह होना चाहती क उसक माँ उसके साथ कम दे र रहे। माँ सदा घर के सबसे छोटे ब े के साथ अ धक रहती है
य क उस छोटे ब े को ही माँ क दे खभाल क सबसे अ धक आव यकता होती है। नह , म सदै व छोटे बना रहना पसंद नह
क ँ गी। माँ के सखाए जाने पर म अपने काम वयं करना पसंद क ँ गी। आव यकता पड़ने पर माँ क सहायता ले लूँगी।
3. आशय करो (म सबसे छोट होउ)
हाथ पकड़ फर सदा हमारे
साथ नह फरती दन-रात!
उ र- क वता के इस अंश का आशय यह है क ब ी अपनी माँ क सबसे छोट संतान बनकर रहना चाहती है य क बड़े हो
जाने पर उसका साथ माँ से छू ट जाता है। जस तरह छोटे रहने पर माँ हमेशा ब ी के साथ रहकर समय तथा यार दे ती थी,
वैसा अब नह करती ह। वह हमेशा माँ का साथ चाहती है।
4. अपने छु टपन म ब े अपनी माँ के ब त करीब होते ह। म सबसे छोट होउ क वता म नज़द क क कौन-कौन-सी तयाँ
बताई गई ह?
उ र- माँ क गोद म सोना और प रय क कहानी सुनना, उसका आँचल पकड़कर चलना, उसके हाथ का खाना तथा उसके
हाथ सजना-संवरना आ द इस क वता म नज़द क क त थयाँ बताई गई ह।
5. यह य कहा गया है क बड़ा बनाकर माँ ब े को छलती है? (म सबसे छोट होउ)
उ र- बड़ा माँ अपने ब े को साथ नह घूमाती, अपनी गोद म नह सुलाती, उसका मुँह नह धोती, उसे सजाती-संवारती नह
है, उसे प रय क कहानी नह सुनाती है और न ही उसे खेलने के लए खलौना दे ती है। इस ल छोट ब ी को लगता है क
बड़ा होने पर उसक माँ छलती है।
6. उन या को गनाओ जो इस क वता म माँ अपनी ब ी या ब े के लए करती है। (म सबसे छोट होउ)
उ र- अपनी संतान को माँ अपनी गौद म सुलाती है, प रय क कहानी सुनाती है। उसे नहलाती है, सजाती-संवारती है। उसे
अपने हाथ से खलाती है, कू ल भेजती है, अ -अ बात सखाती है और पढ़ाती भी है।
7. म सबसे छोटहोउ क वता के अंत म क व माँ से चं ोदय दखा दे ने क बात य कर रहा है? चाँद के उ दत होने क
क पना करो और अपनी क ा म बताओ।
उ र- ब को चाँद को उ दत होते दे खना अ यंत रोचक लगता है। वे अकसर माता- पता से चाँद को दे खने या उसे हाथ म
लेने क जद करते ह इस लए क वता म क व ने चं ोदय दखाने क बात कही है? चं ोदय का य अ यंत सुहाना लगता है।
चाँदनी रात ब त ही शीतल लगती है जो आँख और दय को ठं डक प ँचाती है।
8. न न ल खत का ांश को पढ़कर उन पर आधा रत के उ र द:
म सबसे छोट होऊँ
तेरी गौद म सोऊँ
तेरा आंचल पकड़-पकड़कर
फ ँ सदा माँ! तेरे साथ!
कभी न छोड तेरा हाथ!
बड़ा बनाकर पहले हमको
तू पीछे छलती है मात !
हाथ पकड़ फर सदा हमारे
साथ नह फरती दन-रात !
i. छोट बा लका माँ क गोद म ही य सोना चाहती है?
उ र- क व के अनुसार, छोट बा लका माँ क गोद म इस लए रहना चाहती है य क उनक गोद म वह वयं को सुर त
महसूस करती है |
ii. 'तू मुझे छलती है मात' से क व का या ता पय है?
उ र- 'तू मुझे छलती है मात' से यह अ भ ाय है क बा लका के थोड़ा बड़ा होने पर माँ उसे अपनी गोद म नह सुलाती ब क
उसे खलौना पकड़ाकर अपने काम म लग जाती है |
iii. माँ ारा छोट बा लका का हाथ सदा नह पकड़े जाने का या कारण है?
उ र- बा लका अब ब त छोट नह है, कु छ बड़ी हो गई है इस लए माँ सदा बा लका का हाथ नह पकड़ती है। माँ कु छ र से
बा लका क नगरानी करती है।
iv. इन प य के अनुसार बा लका या बानी रहना चाहती है?
(क) सबसे बड़ी (ख) सबसे छोट (ग) ब त बड़ी (घ) कु छ नह

उ र- सबसे छोट
v. बा लका या पकड़कर माँ के साथ फरती रहती है?
(क) हाथ, आँचल (ख) आँचल (ग) हाथ (घ) आँचल, पैर

उ र- हाथ, आँचल
v. बा लका या नह छोड़ना चाहती है?
(क) पता हाथ (ख) माँ क गोद (ग) माँ का हाथ (घ) माँ को
उ र- माँ का हाथ

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